बृहस्पति का वृषभ में उदय: ज्योतिष में गुरु ग्रह को सबसे महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा दिया गया है। इन्हें देवताओं का गुरु अर्थात देव गुरु भी कहा जाता है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जिस भी व्यक्ति को देवगुरु बृहस्पति की कृपा मिल जाए ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय होना तय हो जाता है। यह महत्वपूर्ण ग्रह गुरु अर्थात बृहस्पति 3 जून को वृषभ राशि में उदय होने जा रहा है।
गुरु का उदय होना सभी 12 राशियों को प्रभावित अवश्य करेगा। तो चलिए अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से जान लेते हैं गुरु उदय का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं, गुरु उदय का समय क्या रहने वाला है, साथ ही जानेंगे गुरु उदय से संबंधित कुछ और अनोखी और दिलचस्प बातों की जानकारी भी।
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गुरु वृषभ राशि में उदित- क्या रहेगा समय?
सबसे पहले बात करें समय की तो देवगुरु बृहस्पति 3 जून को उदित होने जा रहे हैं। बृहस्पति का वृषभ राशि में उदय 3 जून 2024 को 3:21 को हो जाएगा।
बात करें गुरु ग्रह की तो देवगुरु बृहस्पति को वैदिक ज्योतिष में ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल आदि का कारक माना गया है। सभी 27 नक्षत्रों में से पुनर्वसु नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामित्व देवगुरु बृहस्पति के पास होता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार गुरु का वृषभ राशि में उदित होना कुछ राशियों के लिए विशेष रूप से शुभ रहने वाला है।
ज्योतिष के जानकार मान रहे हैं कि इन राशियों के अच्छे दिन गुरु उदित से प्रारंभ हो जाएंगे क्योंकि गुरु उदय से राजयोग का भी निर्माण होने जा रहा है। क्या है ये राजयोग और कौन सी हैं ये राशियां और आपकी राशि पर इस परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ेगा जानने के लिए यह खास ब्लॉग अंत तक अवश्य पढ़ें।
गुरु उदय से बनेगा राजयोग
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गुरु के वृषभ में उदित होने से केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होने वाला है। बात करें ये राजयोग कब बनता है तो, जब कुंडली में 3 केंद्र भाव 4, 7, 10 और 3 त्रिकोण भाव जैसे 1, 5, 9 जब आपस में युति, दृष्टि संबंध अथवा राशि परिवर्तन करते हैं, तब केंद्र त्रिकोण राजयोग बनता है। केंद्र त्रिकोण राजयोग जातक के लिए भाग्यशाली माना जाता है। इससे भाग्योदय, पेशे में उन्नति, सरकारी या कॉर्पोरेट कार्यालय में शीर्ष स्थान मिलता है।
गुरु उदय से बना राजयोग इन राशियों को बनाएगा करोड़पति
यहां हम चार राशियों की बात करने जा रहे हैं जिनके लिए गुरु का उदित होना विशेष रूप से शुभ फलदाई साबित होगा। इनमें से पहली राशि है,
- मेष राशि: मेष राशि के जातकों के लिए गुरु का उदय होना बेहद ही शुभ संकेत दे रहा है। यह आपके आय और लाभ के भाव में उदित होगा। ऐसे में मेष राशि के जातकों की आय में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं। कुछ जातकों को आय के नए स्रोत प्राप्त होंगे, आपकी कोई अधूरी इच्छा पूरी हो सकती है, हालांकि आपको इस अवधि में कोई भी नया काम शुरू न करने की सलाह दी जा रही है।
- वृषभ राशि: दूसरी जिस राशि के लिए गुरु का उदित होना शुभ संकेत दे रहा है वह है वृषभ राशि। वृषभ राशि के जातकों को इस दौरान आकस्मिक धन लाभ मिलेगा। इस राशि के जो जातक नौकरी की तलाश में हैं उन्हें शुभ समाचार मिलने वाले हैं। नौकरी पेशा जातकों को प्रमोशन मिलेगा और आय में वृद्धि के भी चांस हैं। इसके अलावा वृषभ राशि के कुछ जातकों को कार्यस्थल पर नए और महत्वपूर्ण पद भी सौंपे जा सकते हैं।
- मिथुन राशि: तीसरी जिस राशि के लिए गुरु का उदय होना शुभ रहने वाला है वह है मिथुन राशि। मिथुन राशि के जातकों को इस अवधि में कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। व्यापार में वृद्धि के प्रबल संकेत मिल रहे हैं। इसके अलावा अगर आपका लंबे समय से कहीं धन अटका हुआ था तो वह अब आपको वापस मिलने वाला है। अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए यह समय बेहद ही शुभ रहने वाला है।
- धनु राशि: चौथी और आखिरी जिस राशि के लिए केंद्र त्रिकोण राजयोग शुभ रहेगा वो है धनु राशि। धनु राशि के जातकों को गुरु उदित के प्रभ्व्स्वरूप कोर्ट-कचहरी से संबन्धित मुद्दों में सफलता मिलेगी, कार्यस्थल पर कठिन काम का फल और प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा आपको इस अवधि में भौतिक सुख मिलेगा, आप धन संचित करने में सफल होंगे और नई प्रॉपटी खरीदने में भी सफलता हासिल करेंगे।
बृहस्पति से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें
- बृहस्पति अर्थात गुरु ग्रह जिसे अंग्रेजी में जुपिटर कहते हैं इनका नाम रोमन पौराणिक कथाओं में देवता के राजा बृहस्पति के नाम पर रखा गया है।
- बृहस्पति को ग्रहों के राजा के नाम से जाना जाता है।
- बृहस्पति को सबसे बड़े ग्रह का दर्जा दिया गया है जिसके चलते इसका नाम प्राचीन रोमन देवताओं के राजा के नाम पर रखा गया है।
- बृहस्पति ग्रह का वातावरण जीवन के लिए अनुकूल नहीं माना गया है।
- बृहस्पति ग्रह के आकार और दूरी की बात करें तो 43,440.7 मील (69,911 किलोमीटर) की त्रिज्या के साथ, बृहस्पति पृथ्वी से 11 गुना अधिक चौड़ा है। उदाहरण के तौर पर समझाएं तो मान लीजिए पृथ्वी एक अंगूर के बराबर की है तो बृहस्पति एक बास्केटबॉल जितना बड़ा है।
- 84 मिलियन मील (778 मिलियन किलोमीटर) की औसत दूरी से, बृहस्पति सूर्य से 5.2 खगोलीय इकाई दूर है। एक खगोलीय इकाई (संक्षिप्त रूप में एयू), सूर्य से पृथ्वी की दूरी है। इस दूरी से सूर्य के प्रकाश को सूर्य से बृहस्पति तक जाने में 43 मिनट का समय लगता है।
- सौरमंडल में बृहस्पति का दिन सबसे छोटा माना जाता है। यहां एक दिन में केवल 10 घंटे होते हैं और बृहस्पति सूर्य के चारों तरफ एक पूर्ण परिक्रमा करता है जिसमें लगभग उन्हें पृथ्वी के 12 वर्षों का समय लग जाता है।
- चार बड़े चंद्रमाओं और कई छोटे चंद्रमाओं के साथ, बृहस्पति एक प्रकार का लघु सौर मंडल बनाता है।
- बृहस्पति की उपस्थिति रंगीन धारियों और धब्बों की एक टेपेस्ट्री है गैस ग्रह के “आसमान” में संभवतः तीन अलग-अलग बादलों की परतें हैं, जो कुल मिलाकर लगभग 44 मील (71 किलोमीटर) तक फैली हुई हैं। शीर्ष बादल संभवतः अमोनिया बर्फ से बना है, जबकि मध्य परत संभवतः अमोनियम हाइड्रोसल्फाइड क्रिस्टल से बनी है। सबसे भीतरी परत पानी, बर्फ और वाष्प से बनी हो सकती है।
बृहस्पति का वृष राशि में उदय- राशि अनुसार भविष्यवाणी और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बृहस्पति नवम और बारहवें घर का स्वामी है और आपके….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति अष्टम और एकादश भाव का स्वामी है और आपके….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति सप्तम और दशम भाव का स्वामी है और अब आपके….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बृहस्पति छठे और नवम भाव का स्वामी है और आपके….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बृहस्पति पंचम और अष्टम भाव का स्वामी है और आपके ….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बृहस्पति चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और आपके….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और छठे घर का स्वामी है और….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बृहस्पति दूसरे और पांचवें घर का स्वामी है और आपके….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बृहस्पति प्रथम और चतुर्थ भाव का स्वामी है और अब आपके….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और बारहवें घर का स्वामी है और आपके….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति दूसरे और ग्यारहवें घर का स्वामी है और आपके….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति पहले और दसवें घर का स्वामी है और….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
उत्तर: बृहस्पति का वृषभ राशि में उदय 3 जून 2024 को 3:21 को हो जाएगा।
उत्तर: गुरु के वृषभ में उदित होने से केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होने वाला है।
उत्तर: मेष राशि, वृषभ राशि, मिथुन राशि और धनु राशि के जातकों को विशेष रूप से इस राजयोग का लाभ मिलेगा।