सावधान! राहु-मंगल की युति से अंगारक योग का हो गया है निर्माण; जानें इसके प्रभाव एवं बचने के उपाय!

एस्ट्रोसेज अपने लेखों के माध्यम से आपको ज्योतिष की दुनिया में बनने वाले शुभ-अशुभ योगों के बारे में बताता आया है और कैसे इन योगों का प्रभाव मनुष्य जीवन को प्रभावित करता है, इसकी जानकारी भी हमारे लेखों से मिलती रही है। इसी प्रकार, हम अपने इस ब्लॉग में आपको बेहद अशुभ और घातक माने जाने वाले अंगारक योग के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही, कुंडली में कब और कैसे बनता है यह अशुभ योग तथा किन उपायों से अंगारक योग के दुष्प्रभावों को दूर किया जा सकता है, इसकी जानकारी भी आपको प्रदान करेंगे। तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की। 

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कैसे बनता है अंगारक योग?

ज्योतिष के अनुसार, मंगल और राहु की युति से अंगारक योग का निर्माण होता है। वर्तमान समय में मंगल और राहु की युति हो रही है जिससे अंगारक योग बन रहा है। बता दें कि राहु मीन राशि में मौजूद हैं, तो वहीं मंगल देव भी मीन राशि में स्थित हैं और ऐसे में, मीन राशि में बैठे मंगल और राहु मिलकर अंगारक योग बना रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, राशि चक्र की कुछ राशियों को बहुत संभलकर चलना होगा। 

01 जून को होने वाले मंगल के गोचर के साथ अंगारक योग समाप्त हो जाएगा क्योंकि मंगल ग्रह मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जिन जातकों की कुंडली में अंगारक योग होता है, उन्हें जीवन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसलिए यह ब्लॉग हम आपके लिए लेकर आये हैं जिससे आप इस योग के बारे में अधिक जान सकें। चलिए बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं क्या होता है अंगारक योग। 

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क्या होता है अंगारक योग?

ज्योतिष के अनुसार, जब कुंडली में मंगल महाराज और राहु देव दोनों ग्रह एक साथ एक राशि में स्थित होते हैं, उस समय अंगारक योग बनता है। हमें इसके नाम से ही पता चल रहा है कि अंगारक योग यानी कि अंगार वाला योग, इसलिए अंगारक योग के नकारात्मक प्रभावों के बारे में जानना भी बेहद आवश्यक हो जाता है जैसे कि यह जातक को किस तरह से हानि पहुंचाता है, कुंडली के किस भाव में यह योग बन रहा है और आपके जीवन को कैसे प्रभावित करेगा। 

बता दें कि अंगारक योग कुछ भाव में सकारात्मक परिणाम देता है। हालांकि, अंगारक योग होने पर व्यक्ति को गुस्सा बहुत ज्यादा आता है और राहु उनके गुस्से को बढ़ाकर हिंसक काम करवाता है। साथ ही, इस योग में आग लगने जैसी घटनाएं भी होती हैं। व्यक्ति का मन गैर कानूनी कामों में लगने लगता है। जहां मंगल मनुष्य के क्रोध में वृद्धि करता है, तो वहीं, राहु इंसान को इमेजिनेशन करने वाला बनाता है। इसके परिणामस्वरूप, ऐसा व्यक्ति सोचता कुछ है और उसके साथ होता कुछ है।

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मीन और मकर राशि वाले हो जाएं सतर्क 

राहु और मंगल की युति से बनने वाले अंगारक योग की वजह से मीन और मकर राशि के जातकों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। लेकिन, इस योग के प्रभाव की वजह से सभी राशि के लोगों के क्रोध में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। 

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इन अचूक उपायों से दूर होंगे अंगारक योग के दुष्प्रभाव

  • अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में अंगारक योग होता है, तो उन्हें अंगारक योग पूजा करने की सलाह दी जाती है। 
  • संभव हो, तो वर्ष में एक या दो बार व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए। 
  • रोज़ाना हनुमान चालीसा का पाठ करें। साथ ही, मंगलवार और शनिवार के दिन सुंदर कांड का पाठ करना चाहिए। 
  • हर मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान मंदिर जाएं। 
  • एक पानी से भरा हुआ नारियल लें और भगवान हनुमान की प्रतिमा के सामने उस नारियल को फोड़ें, फिर भगवान को चढ़ाएं। 

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1.  क्या होता है अंगारक योग से?

उत्तर 1. अंगारक योग कुंडली में होने पर व्यक्ति को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

प्रश्न 2. अंगारक योग को कैसे शांत करें?

उत्तर 2. अंगारक योग के प्रभावों को कम करने के लिए नियमित रूप से हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।

प्रश्न 3. मंगल और राहु की युति से कौन सा योग बनता है?

उत्तर 3. कुंडली में मंगल और राहु के एक साथ आने पर अंगारक योग बनता है।

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