फरवरी के महीने में बुध ग्रह के तमाम परिवर्तन होने वाले हैं। दरअसल इसी महीने में जहां पहले बुध का मकर राशि में गोचर हुआ है, वहीं बुध मकर राशि में ही अस्त हो जाएंगे और फिर 20 फरवरी को बुध कुंभ राशि में गोचर कर जाएंगे। अर्थात 20 दिनों के अंदर ही बुध के तीन महत्वपूर्ण परिवर्तन होने वाले हैं।
अपने इस खास ब्लॉग में आज हम बात करेंगे 8 फरवरी को होने वाले बुध अस्त के बारे में। बुध अस्त का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा, साथ ही इस दौरान क्या कुछ उपाय आप कर सकते हैं इन सभी बातों की जानकारी लेकर हमारे खास ब्लॉग आपके सामने पेश है। सबसे पहले शुरू करते हैं और जान लेते हैं बुध अस्त का समय क्या होने वाला है।
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बुध मकर राशि में अस्त: क्या रहेगा समय?
8 फरवरी को बुध का यह महत्वपूर्ण परिवर्तन होने वाला है जब बुद्धि, विद्या का कारक ग्रह बुध मकर राशि में 21:17 पर अस्त हो जाएगा।
बात करें बुध ग्रह की तो माना जाता है कि अगर कुंडली में बुध ग्रह मजबूत स्थिति में है तो इससे व्यक्ति को सभी आवश्यक संतुष्टि, अच्छा स्वास्थ्य ,मजबूत दिमाग, तेज बुद्धि, आदि प्राप्त होती है। वहीं इसके विपरीत अगर बुध ग्रह पीड़ित अवस्था में या कमजोर अवस्था में होता है तो इससे व्यक्ति को व्यापार में असफलता, जीवन में परेशानियां, याददाश्त की कमजोरी, आदि उठानी पड़ती है।
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क्या होता है बुध अस्त?
ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि बुध के अस्त होने पर उसके शुभ प्रभाव में कमी आने लगती है। इसका सीधा असर व्यक्ति के करियर और आर्थिक स्थिति पर देखने को मिलता है।
दिलचस्प जानकारी: कोई भी ग्रह कब अस्त होता है? दरअसल चंद्रमा 12वें अंश पर अस्त होता है, मंगल 7 अंश पर, बुध 13 अंश पर, गुरु 11 अंश पर, शुक्र 9 अंश पर और शनि 15 अंश पर अस्त हो जाते हैं। अर्थात कोई भी ग्रह जब सूर्य की परिधि में इतने अंश पर आ जाता है तो वह अस्त हो जाता है। जैसे कि बुध जब सूर्य के 13 अंश पर आ जाता है तो वह अस्त होने लगता है।
अस्त होने की स्थिति में वह ग्रह अपने कारक का शुभ फल नहीं दे पता है लेकिन क्योंकि बुध हमेशा सूर्य के नजदीक ही रहता है इसलिए कहा जाता है कि बुध के लिए तीन डिग्री को माना जाए जाना चाहिए। अगर कोई भी ग्रह सूर्य के साथ मौजूद है और उससे 15 डिग्री के फैसले पर है तो वह पूर्ण उदित माना जाता है और अगर फासला केवल 8 डिग्री का है तो वह मध्यम माना जाता है और अगर फासला 7 डिग्री से कम होता है तो ऐसा केवल बुध ग्रह को छोड़कर पूर्ण अस्त कहा जाता है।
बात करें बुद्ध अस्त के फल की तो, जब बुध ग्रह अस्त होता है तो इससे कोई दोष नहीं लगता है लेकिन फिर भी ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि अस्त होने के बाद बुध ग्रह कोई खास लाभ नहीं दे पता है। इसके अलावा ऐसी स्थिति में त्वचा विकार और व्यक्ति को सम्मान की हानि जैसी परेशानियों से निपटना पड़ सकता है।
अब सवाल उठता है कि क्या कोई अस्त ग्रह शुभ फल भी देता है? तो इसका जवाब है, बिल्कुल। ज्योतिष के विद्वान मानते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली के छठे, आठवें और द्वादश भाव के स्वामी अस्त होते हैं तो जातक को शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। यानी कि ऐसे ग्रह प्रभावहीन होकर उसी भाव के शुभ फल प्रकट नहीं करते हैं। एक तरह से देखा जाए तो यह विपरीत राजयोग जैसा फल हो जाता है।
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मजबूत और कमजोर बुध
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है तो ऐसे जातक मृदु भाषी और मजाकिया स्वभाव के होते हैं। वहीं अगर कमजोर बुध कुंडली में मौजूद हो तो इससे व्यक्ति की बुद्धि भ्रमित होने लगती है। जानकारी के लिए बता दे कुंडली के द्वितीय भाव में नीच ग्रह के साथ बुध की स्थिति होने पर बुध कमजोर हो जाता है। ऐसी स्थिति में जातकों को तमाम तरह की बीमारियां भी झेलनी पड़ सकती हैं। कुंडली में बुध कमजोर हो तो व्यक्ति को आर्थिक तंगी, मान सम्मान में कमी, यश की कमी, पढ़ाई में मन ना लग पाने की दिक्कत, बुद्धि भ्रष्ट होने की समस्या, भी उठानी पड़ती है। ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार बुध को मजबूत करने के लिए ज्योतिषीय उपाय अपनाने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय चलिए जान लेते हैं।
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बुध ग्रह को मजबूत बनाएंगे ये ज्योतिषीय उपाय
- अगर आपकी कुंडली में भी बुध ग्रह मजबूत अवस्था में नहीं है या कमजोर है तो आपको भगवान विष्णु की पूजा करने की सलाह दी जाती है।
- बुधवार के दिन गणेश मंदिर में जाएं और भगवान गणेश को लड्डुओं का भोग अर्पित करें।
- बुधवार का व्रत प्रारंभ कर दें।
- बुधवार के दिन गायों को हरी घास खिलाएं।
- मुमकिन हो तो पन्ना रत्न धारण कर लें। इससे भी बुध ग्रह को मजबूत किया जा सकता है। सलाह केवल इतनी दी जाती है कि कोई भी रत्न हमेशा विद्वान ज्योतिषों के साथ परामर्श करने के बाद ही धारण करें।
- इसके अलावा बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए किन्नरों को वस्त्र और चूड़ियां दान करें।
- तुलसी के पेड़ में जल अर्पित करें।
- बुधवार के दिन तुलसी के पत्ते का सेवन करें और शराब, अंडे, मांस का सेवन न करें।
- मंदिर जाकर दूध और चावल दान करें।
खगोल विज्ञान और धार्मिक दृष्टि से बुध ग्रह का महत्व
खगोल विज्ञान के अनुसार बात करें तो बुध को सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह माना गया है। यह सूर्य के सबसे निकटतम भी मौजूद है। बुध ग्रह सूर्य की परिक्रमा 87 दिन 23 घंटे में पूरी कर लेता है। बुध पर एक दिन पृथ्वी के 90 दिनों के बराबर होता है।
वहीं धार्मिक दृष्टि से बुध ग्रह की बात करें तो सनातन धर्म में बुध ग्रह को देवता के रूप में पूजा जाता है। बुध को हमारी प्रज्ञा के देवता माना गया है। बुद्धि और कारोबार में सफलता पाने के लिए बुध ग्रह का मजबूत होना बेहद आवश्यक है और इनसे संबंधित बुधवार के दिन पूजा और व्रत की परंपरा सालों से चली आ रही है।
धार्मिक दृष्टि से बात करें तो बुध देव वृद्धि और समृद्धि के देव माने गए हैं। इनका प्रतिनिधित्व भगवान विष्णु करते हैं। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति पर बुध देव की कृपा हो जाए उनका जीवन कल्याणमय बन जाता है। दिशाओं में उत्तर दिशा जो कि स्वयं कुबेर देव की दिशा है इससे बुध से संबंधित माना जाता है।
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आइये अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं बुध मकर राशि में अस्त होकर आपकी राशि को किस तरह से प्रभावित करेंगे। साथ ही जान लेते हैं इस दौरान किए जाने वाले उपायों की जानकारी।
बुध मकर राशि में अस्त: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव का स्वामी होता है और अब आपके दशम भाव में...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पंचम भाव का स्वामी है और इस दौरान आपके नवम भाव में ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चौथे घर का स्वामी है और आपके आठवें घर में...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और 12वें घर का स्वामी है और इस दौरान आपके सातवें घर में ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और 11वें घर का स्वामी है और आपके पंचम भाव में अस्त ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें घर का स्वामी है और इस दौरान यह आपके चतुर्थ भाव में अस्त ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध नवम और बारहवें भाव का स्वामी है और आपके चौथे घर में अस्त ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें और 11वें घर का स्वामी है और इस दौरान आपके दूसरे घर में अस्त ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें घर का स्वामी है और इस दौरान आपके दूसरे भाव में अस्त...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नवम भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके पहले घर में अस्त...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पंचम और अष्टम भाव का स्वामी है और इस दौरान आपके बारहवें घर में अस्त हो...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बहुत चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान वह आपके ग्यारहवें घर में अस्त...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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