शुक्र का मिथुन में गोचर (2 मई-2023): धन, दौलत, शोहरत में होगा अपार लाभ-इन राशियों की बदलेगी किस्मत!

शुक्र ग्रह को ज्योतिष में विशेष ग्रह का दर्जा प्राप्त है। शुक्र पृथ्वी के सबसे करीब और सौरमंडल का सबसे गरम ग्रह है। ज्योतिष में इसे ‘भोर का तारा’ कह कर संबोधित किया जाता है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सुख, समृद्धि, भोग, विलासिता, वैवाहिक रिश्ते, प्रेम जीवन, आदि का कारक ग्रह माना गया है। 

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ऐसे में स्वाभाविक है कि जब भी शुक्र का गोचर होता है तो इन क्षेत्रों पर विशेष प्रभाव देखने को मिलता है। आज अपने इस विशेष ब्लॉग में हम ऐसे ही एक शुक्र गोचर की बात करने जा रहे हैं और साथ ही जानेंगे इस गोचर का समय क्या रहने वाला है और इसका सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है। 

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शुक्र गोचर: समय 

सबसे पहले बात करें शुक्र गोचर की तो शुक्र का यह गोचर मिथुन राशि में होने वाला है। अब बात करें इस गोचर के समय की तो, 

 2 मई 2023 की दोपहर 13:46 बजे होगा, वैदिक ज्योतिष में सामान्य रूप में एक अनुकूल गोचर माना जाता है। शुक्र ग्रह अपनी स्वराशि वृषभ से निकलकर अपने मित्र बुध की राशि मिथुन गोचर करेंगे और यहां पर 30 मई 2023 की शाम 19:39 बजे तक रहकर चंद्रमा के स्वामित्व वाली कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। 

कुंडली में शुक्र ग्रह का प्रभाव 

ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जिन व्यक्तियों की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है ऐसे व्यक्तियों का आत्मविश्वास शिखर पर होता है और यह काफी लोकप्रिय होते हैं। इसके साथ ही शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में भौतिक सुख, सुंदरता, समृद्धि, और तमाम तरह के ऐश-ओ-आराम मिलते हैं। 

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शुक्र ग्रह का महत्व 

अब आगे बढ़ें और इस ग्रह के महत्व की बात करें तो शुक्र ग्रह को बेहद शुभ ग्रह माना गया है। इसके अलावा शुक्र ग्रह वृषभ और तुला राशि का स्वामी होता है और कन्या राशि में शुक्र को नीच का माना गया है। मीन राशि में शुक्र उच्च का होता है। हालांकि जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर अवस्था में मौजूद होता है ऐसे व्यक्तियों को तमाम तरह के आर्थिक परेशानियां और स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 

अब सवाल ये उठता है कि आखिर हम कैसे जानें कि हमारी कुंडली में मौजूद शुक्र ग्रह शुभ है या अशुभ? तो इसके लिए आप विद्वान ज्योतिषियों से फोन या कॉल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं या फिर अपने जीवन में कुछ बेहद ही सरल संकेतों से भी इस बात का पता लगाया जा सकता है।

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आगे पढ़ें: कुंडली में मौजूद शुक्र ग्रह कमजोर है तो क्या करें?

शुक्र- पीड़ित है या मजबूत? इन संकेतों से जानें 

  • जब व्यक्ति का शुक्र कमजोर होता है तो उन्हें वैवाहिक सुख और संतान सुख नहीं प्राप्त होता है।
  • इसके साथ ही कमजोर शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में बीमारियां बनी रहती हैं। 
  • व्यक्ति के भौतिक सुविधाओं में कमी आने लगती है। 
  • वहीं इसके विपरीत जब कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है तो व्यक्ति सुंदर और आकर्षक होता है। 
  • उनका आत्मविश्वास शीर्ष पर होता है। ऐसे लोग अपनी मेहनत के दम पर अपने जीवन में मान सम्मान हासिल करते हैं। 
  • शुक्र मजबूत हो तो व्यक्ति के जीवन में भौतिक सुखों में वृद्धि होती है। 

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शुक्र को इन ज्योतिषीय उपायों से करें मजबूत

अगर आपकी कुंडली में भी शुक्र ग्रह मजबूत नहीं है या पीड़ित अवस्था में है तो उसे मजबूत करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं आइए जान लेते हैं। 

  • ऐसी स्थिति में अगर आपकी वृषभ या फिर तुला राशि है तो आपको हीरा धारण करना काफी शुभ साबित हो सकता है। हालांकि कोई भी रत्न विद्वान ज्योतिषियों की परामर्श के बाद ही धारण करें। 
  • शुक्रवार के दिन शुक्र से संबन्धित और सफेद वस्तुओं का जरूरतमंदों के बीच दान करें। 
  • शुक्र मंत्र ‘शुं शुक्राय नम:’ का शुक्रवार के दिन 108 बार जप करें। 
  • रोजाना सुबह गाय को ताज़ी रोटी खिलाएं।

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शुक्र का मीन में गोचर-पढ़ें राशिफल 

अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं जल्द होने वाले शुक्र के इस गोचर का सभी बारह राशियों पर क्या कुछ प्रभाव पड़ने की संभावना है। 

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र के मिथुन राशि में गोचर के समय यह आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे। तीसरे भाव में शुक्र के गोचर करने के कारण…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि

शुक्र आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके षष्ठम भाव के स्वामी भी हैं और शुक्र के मिथुन राशि में गोचर से यह आपके दूसरे भाव में प्रवेश करेंगे। शुक्र ग्रह का यह गोचर आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों की बात करें तो शुक्र आपके द्वादश भाव के स्वामी होने के साथ-साथ पंचम भाव के स्वामी भी हैं और शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके प्रथम भाव में यानी कि आपकी ही राशि में होगा। शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और एकादश भाव के स्वामी हैं और शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके द्वादश भाव में होगा। शुक्र ग्रह के प्रभाव से…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि

शुक्र का मिथुन राशि में गोचर सिंह राशि के जातकों के एकादश भाव में होगा। यह आपके लिए तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नवम भाव के स्वामी हैं और शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके दशम भाव में होगा। यह समय…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि

शुक्र का मिथुन राशि में गोचर तुला राशि के नवम भाव में होगा। शुक्र आपकी राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके अष्टम भाव के स्वामी भी हैं। यह समय अचानक से …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सप्तम और द्वादश भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके अष्टम भाव में प्रवेश करेंगे। शुक्र का यह गोचर आपके निजी संबंधों में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके सप्तम भाव में होगा। इस दौरान आपका अपने जीवनसाथी से…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम और दशम भाव के स्वामी होकर एक योगकारक ग्रह बनते हैं। शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके षष्ठम भाव में होगा। शुक्र के इस गोचर की अवधि में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि

कुंभ राशि शनि के आधिपत्य वाली राशि है और इसके लिए शुक्र चतुर्थ और नवम भाव के स्वामी होने से एक योगकारक ग्रह हैं और शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके पंचम भाव में होगा। शुक्र का पंचम भाव में जाना आपके प्रेम संबंधों के लिए…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके चतुर्थ भाव में होगा। शुक्र के इस गोचर से परिवार में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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