बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त: किसे होगा फायदा और किसे होगा नुकसान?

बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त: किसे होगा फायदा और किसे होगा नुकसान?

बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त: वैदिक ज्‍योतिष में प्रत्‍येक ग्रह केवल आकाश में घूमने वाला पिंड नहीं है बल्कि यह एक ऊर्जा और प्रतीकात्‍मक शक्‍ति का प्रतिनिधित्‍व करते हैं जो पृथ्‍वी पर जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करती है जैसे कि विचार, संबंध, धन और स्‍वास्‍थ्‍य आदि।

सभी खगोलीय पिंडों में बुध अपनी तेज बुद्धि, तार्किक रूप से स्‍पष्‍ट होने और संचार कौशल के लिए एक विशेष स्‍थान रखता है। जब बुध ग्रह किसी राशि में अस्‍त होता है, तब उसकी शक्‍ति एवं स्‍पष्‍टता में कमी देखने को मिल सकती है जिससे भ्रम, गलतफहमियां और मानसिक अशांति पैदा हो सकती है।

नवंबर 2025, में बुध ग्रह रहस्‍यों की प्रतीक वृश्चिक राशि में अस्‍त होने जा रहे हैं। यह गहन परिवर्तनकारी चरण होगा जिसमें हमारे सोचने, बोलने और दूसरों से जुड़ने के तरीके पर प्रभाव देखने को मिलेगा।

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बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त को समझने के लिए हमें पहले बुध के प्रतीकात्‍मक अर्थ, वैदिक ज्‍योतिष में अस्‍त की अवधारणा और वृश्चिक राशि के स्‍वभाव को गहराई से समझना होगा। एस्‍ट्रोसेज एआई के इस ब्‍लॉग में हम बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त के बारे में विस्‍तार से जानेंगे। लेकिन इससे पहले जान लेते हैं बुध इस राशि में कब अस्‍त होंगे।

बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त: तिथि और समय

वैदिक ज्‍योतिष में बुध बुद्धि, तर्क, बातचीत और विश्‍लेष्‍णात्‍मक सोच को दर्शाता है। यह वाणी, तर्क, बदलाव को स्‍वीकार करने और विचारों को अच्‍छी तरह से व्‍यक्‍त करने का प्रतीक है। बुध के प्रभाव से पता चलता है कि व्‍यक्‍ति के सीखने की क्षमता क्‍या है, वह किस तरह से बात करता है और दूसरों के साथ उसका व्‍यवहार कैसा है। अब 15 नवंबर को सुबह 03 बजकर 01 मिनट पर बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त हो जाएंगे।

बुध एक राशि में चौदह दिनों से लेकर एक महीने तक गोचर करते हैं। हर बार बुध एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं और इसका प्रभाव हम कैसे सोचते हैं, सीखते हैं और बात करते हैं, इस पर पड़ता है। बुध का अस्‍त होना अक्‍सर स्‍पष्‍टता और निर्णय लेने में बाधा उत्‍पन्‍न करता है, साथ ही यह आत्‍मनिरीक्षण करने का अवसर भी देता है।

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वैदिक ज्‍योतिष में बुध ग्रह

बुध बुद्धि, संचार, विवेक और विश्‍लेष्‍णात्‍मक कौशल का कारक है। हम किस तरह से किसी जानकारी को ग्रहण करते हैं, निर्णय कैसे लेते हैं और अपने विचारों को किस तरह से व्‍यक्‍त करते हैं, यह सब बुध पर निर्भर करता है। नवग्रहों में बुध को तटस्‍थ ग्रह के रूप में जाना जाता है और यह अपने से संबंधित भाव और ग्रहों के गुणों को ग्रहण करता है।

ज्‍योतिष में बुध मिथुन और कन्‍या राशि के स्‍वामी हैं। मिथुन राशि संचार और जिज्ञासा से जुड़ी हुई है, तो वहीं कन्‍या राशि सटीकता, व्‍यवस्‍था और बुद्धि का कारक है। बुध तीसरे आर छठे भाव के स्‍वामी भी हैं जो कि संचार, विश्‍लेषण और सेवा से संबंधित है। सप्‍ताह में बुधवार का दिन बुध ग्रह को समर्पित होता है और इसका रंग हरा एवं रत्‍न पन्‍ना है।

जन्‍म कुंडली में बुध तर्क, विवेक, व्‍यापार चलाने की कुशलता, वाणी, लेखन और बदलाव को स्‍वीकार करने को दर्शाता है। बुध के मजबूत होने पर व्‍यक्‍ति अपने विचारों को लेकर स्‍पष्‍ट होता है, बोलने में निपुण होता है, उसमें दूसरों को प्रेरित करने का कौशल होता है और वह सही निर्णय लेने में सक्षम होता है। जिन लोगों की कुंडली में बुध मजबूत होता है, वे कोई भी नई चीज़ या कार्य जल्‍दी सीख लेते हैं, स्‍पष्‍ट बात करते हैं और विवेकशील विचारक होते हैं।

वृश्चिक राशि: बदलाव का प्रतीक

बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त को समझने के लिए पहले वृश्चिक राशि को समझना होगा। इस राशि के स्‍वामी ग्रह मंगल हैं और वृश्‍चिक जल तत्‍व की राशि है जिसका संबंध रहस्‍य, जुनून और बदलाव से होता है। यह मनुष्‍य की छिपी हुई भावनाओं को दर्शाती है। वृश्चिक राशि रहस्‍य, गहराई, जांच-पड़ताल करने और पुर्नजन्‍म का कारक है।

भले ही सच कंफ्यूज़न या दर्द की परतों में छिपा हो, यह राशि सत्‍य की खोज करने का प्रतीक है। जिनकी कुंडली में वृश्चिक राशि मजबूत होती है, वे गंभीर, दृढ़ निश्‍चयी और भावनात्‍मक रूप से संवेदनशील होते हैं। हालांकि, ये रहस्‍य और नियंत्रण रखने वाले या आंतरिक संघर्ष से भी ग्रस्‍त हो सकते हैं।

जब बुध वृश्चिक राशि में प्रवेश करता है, तब बुद्धि और भावनाओं का मिलन होता है। तर्क मन की आवाज़ के साथ विलीन हो जाता है। व्‍यक्‍ति और ज्‍यादा गहराई से सोचने लगता है, ज्‍यादा जांच-पड़ताल करने लगता है। उसकी प्रेरणा, निर्णय या व्‍यवहार भावनाओं, विचारों, इच्‍छाओं, डर या मन से प्रभावित होते हैं। शब्‍दों में भावनात्‍मक शक्‍ति बढ़ जाती है और बातचीत तर्क पर कम आधारित होती है और उनके अंदर कोई अर्थ छिपा होता है।

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वैदिक ज्‍योतिष में अस्‍त का क्‍या मतलब होता है?

वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार जब कोइ ग्रह सूर्य के बहुत ज्‍यादा नज़दीक आ जाता है, तब उस ग्रह को अस्‍त माना जाता है। चूंकि, सूर्य का तेज बहुत ज्‍यादा प्रबल होता है और जो भी ग्रह इसके पास आता है, वह अपनी प्राकृतिक शक्‍ति खोने लगता है और आकाश में अदृश्‍य हो जाता है।

यह दर्शाता है कि सूर्य की ऊर्जा उसके नज़दीक आने वाले ग्रहों के गुणों पर हावी हो रही है। कोई ग्रह किस डिग्री पर अस्‍त होगा, यह हर ग्रह के लिए अलग-अलग होता है। बुध सूर्य के सबसे नज़दीक वाला ग्रह है और अक्‍सर सूर्य से 14 डिग्री के अंदर आने पर अस्‍त हो जाता है।

जब बुध ग्रह अस्‍त होता है, तो यह अपनी शक्‍ति को खोने लगता है। इससे बातचीत करने में दिक्‍कत आती है, गलत निर्णय लिए जा सकते हैं, बेचैनी होती है और गलतफहमियां उत्‍पन्‍न हो सकती हैं। मन बेचैन हो उठता है या बहुत ज्‍यादा विश्‍लेष्‍णात्‍मक हो जाता है। ऐसे में मानसिक संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो जाता है।

ज्‍योतिष के अनुसार अस्‍त होने से बुध की शक्‍ति पूरी तरह से खत्‍म नहीं होती है बल्कि यह इसकी अभिव्‍यक्‍ति को बदल देता है। बुद्धि पर अहंकार का प्रभाव पड़ता है क्‍योंकि स्‍वयं सूर्य अहंकार का 

प्रतिनिधित्‍व करते हैं और व्‍यक्‍ति आवेग में आकर बात करने लगता है, जल्‍दबाज़ी में निर्णय ले सकता है या उसके लिए भावनाओं से तर्कसंगत विचारों को अलग करना मुश्किल हो जाता है।

कुंडली में बुध के मजबूत होने को बहुत ज्‍यादा शुभ माना जाता है और यह बुद्धि, संचार कौशल एवं विश्‍लेषणात्‍मक कौशल को बढ़ाने का काम करता है।

जिन लोगों की कुंडली में बुध मजबूत होता है, उनके अंदर निम्‍न विशेषताएं देखने को मिल सकती हैं:

  • स्‍पष्‍ट, तर्कसंगत और जल्‍दी सोच-विचार करने वाले होते हैं।
  • इनका संचार कौशल और दूसरों को प्रेरित करने वाली उत्‍कृष्‍ट वाणी होती है।
  • इनकी याद्दाश्‍त बहुत तेज होती है और ये अलग-अलग परि‍स्थितियों को स्‍वीकार करने में सक्षम होते हैं।
  • इनकी मुश्किल विषयों खासतौर पर लेखन, गणित और व्‍यवसाय पर मजबूत पकड़ होती है।
  • मोलभाव, विश्‍लेषण और समस्‍याओं को सुलझाने की प्रतिभा होती है।
  • निर्णय लेते समय शांत और निष्‍पक्ष रहते हैं।

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कुंडली में कमजोर या पीड़ित बुध के संकेत

बुध के कमजोर या पीड़ित होने पर खासतौर पर अशुभ ग्रहों जैसे कि राहु, केतु या शनि के प्रभाव में होने पर मानसिक स्‍पष्‍टता और संचार बाधित हो सकता है। ऐसे जातकों को निम्‍न चुनौतियां देखनी पड़ सकती हैं:

  • विचारों को व्‍यक्‍‍त करने में घबराहट, निर्णय लेने में दिक्‍कत और आत्‍मविश्‍वास में कमी होती है।
  • दूसरों के साथ बार-बार गलतफहमियां हो सकती हैं।
  • जरूरत से ज्‍यादा सोचते हैं या मानसिक रूप से बेचैन रहते हैं।
  • बोलकर विचारों को व्‍यक्‍त करने में कठिनाई होती है।
  • एकाग्रता क्षमता और याद्दाश्‍त कमजोर हो जाती है और अव्‍यवस्‍था रहती है।
  • व्‍यक्‍ति खुद पर बहुत ज्‍यादा संदेह करने लगता है या बहुत ज्‍यादा या बहुत कम बोलता है।

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बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त के दौरान करें ये ज्‍योतिषीय उपाय

  • रोज़ खासतौर पर बुधवार के दिन ‘ॐ बुधाय नम:’ मंत्र का जाप करें। इससे बुध के सकारात्‍मक प्रभाव को मजबूती मिलती है।
  • भगवान विष्‍णु या भगवान गणेश की पूजा करें। इससे कंफ्यूज़न दूर होती है और मानसिक स्‍पष्‍टता आती है।
  • बुधवार के दिन हरी चीज़ें जैसे कि मूंग दाल, हरी सब्जियां या बच्‍चों को स्‍टेशनरी की चीज़ें दान करें।
  • अपने काम करने की जगह को साफ और व्‍यवस्थित रखें। एकाग्रता को बढ़ाने के लिए वहां पर एक छोटा-सा हरे रंग का पौधा लगाएं।
  • जब तक बुध अस्‍त है, तब तक महत्‍वपूर्ण वित्तीय या संचार संबंधी निर्णय लेने से बचें।

बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त: राशि अनुसार प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के तीसरे और छठे भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब इस राशि के आठवें भाव में अस्‍त होने जा रहे हैं…विस्‍तार से पढ़ें

वृषभ राशि

वृषभ राशि के दूसरे और पांचवे भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं और अब वह आपके सातवें भाव में अस्‍त होने जा रहे हैं। इस…विस्‍तार से पढ़ें

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चौथे भाव के स्‍वामी हैं और अब वह आपके छठे भाव में अस्‍त होने जा रहे हैं। इसके…विस्‍तार से पढ़ें

कर्क राशि

बुध ग्रह कर्क राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्‍वामी हैं और अब बुध आपके छठे भाव में अस्‍त होने जा रहे हैं। आपके…विस्‍तार से पढ़ें

सिंह राशि

सिंह राशि के दूसरे और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके चौथे भाव में अस्‍त होने जा रहे हैं। बुध वृश्चिक राशि में…विस्‍तार से पढ़ें

कन्या राशि

कन्या राशि के दूसरे और दसवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके तीसरे भाव में अस्‍त होने जा रहे हैं। बुध वृश्चिक राशि में…विस्‍तार से पढ़ें

तुला राशि

तुला राशि के नौवें और बाारहवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके दूसरे भाव में अस्‍त होने जा रहे हैं। बुध वृश्चिक राशि में…विस्‍तार से पढ़ें

वृश्चिक राशि

इस राशि के आठवें और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके पहले भाव में अस्‍त होने जा रहे हैं। ऐसे में आपको…विस्‍तार से पढ़ें

धनु राशि

धनु राशि के सातवें और दसवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके बारहवें भाव में अस्‍त होने जा रहे हैं। वृश्चिक राशि में…विस्‍तार से पढ़ें

मकर राशि

मकर राशि के छठे और नौवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके ग्‍यारहवें भाव में अस्‍त होने जा रहे हैं। वृश्चिक…विस्‍तार से पढ़ें

कुंभ राशि

कुंभ राशि के पांचवे और आठवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके दसवें भाव में अस्‍त होने जा रहे हैं। इस दौरान…विस्‍तार से पढ़ें

मीन राशि

मीन राशि के चौथे और सातवें भाव पर बुध ग्रह का आधिपत्‍य है। अब बुध इस राशि के नौवें भाव में अस्‍त हो रहे हैं। बुध…विस्‍तार से पढ़ें

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1.  वृश्चिक राशि में बुध अस्‍त कब होंगे?

15 नवंबर, 2025 को बुध अस्‍त होंगे।

2. वैदिक ज्‍योतिष में बुध ग्रह को किसका कारक कहा गया है?

बुध ग्रह बुद्धि, संचार, व्‍यावसायिक समझ, तर्क का कारक हैं।

3. बुध ग्रह किन राशियों के स्‍वामी हैं?

बुध मिथुन और कन्‍या राशि के स्‍वामी हैं। कन्‍या बुध की उच्‍च और मीन नीच की राशि है।