साल 2022 में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं, जानें क्या कहते हैं सितारे

कोई इंसान अगर भारत जैसे विशाल देश के सबसे विशाल राज्य का मुख्यमंत्री हो तो भला वो सुर्खियों में क्यों नहीं रहेगा? जाहिर है कि उस इंसान के राय, विचार और भाषणों का असर सिर्फ उस राज्य तक सीमित नहीं रह सकता है बल्कि देश की सीमा के पार भी उसके बयानों और भाषणों की चर्चा होना लाजिमी है। हम यहाँ बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अब तक का सफर किसी नायक के फिल्मी जीवन का हिस्सा लगता है लेकिन कोरोना महामारी के बाद से देश भर के सत्ताधारी नेताओं के राजनीतिक जीवन की जमीन हिली तो है। योगी आदित्यनाथ भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। उत्तर प्रदेश में राजनीतिक गहमागहमी भी चल रही है और अगले ही साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं। 

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ऐसे में आज हम आपको इस लेख में हमारे विद्वान ज्योतिष आचार्य रमन के ज्योतिषीय आकलनों के माध्यम से यह बताने का प्रयास करेंगे कि आने वाला समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए कैसा रहने वाला है। आचार्य रमन से आप अपने भविष्य से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए अभी इस लिंक पर क्लिक करें।

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योगी आदित्यनाथ के जीवन की एक झलक

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचुर इलाके में 05 जून 1972 को आनंद सिंह बिष्ट और सावित्री देवी के घर एक यशस्वी बालक का जन्म हुआ जिसका नाम रखा गया अजय सिंह बिष्ट। यही अजय सिंह बिष्ट आगे चलकर योगी आदित्यनाथ बने। अजय अपने माता पिता की सात संतानों में पांचवे थे। उनके पिता एक फॉरेस्ट रेंजर थे। योगी आदित्यनाथ ने साल 1992 में हेमवंती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी किया। इसके बाद एमएससी की पढ़ाई करने लगे। एमएससी की पढ़ाई के दौरान ही यानी कि साल 1993 में उनकी मुलाकत अपने गुरु स्वर्गीय महंत अवैद्यनाथ से हुई और यहाँ से योगी आदित्यनाथ का जीवन पूरी तरह से बदल गया।

स्वर्गीय महंत अवैद्यनाथ योगी आदित्यनाथ के पड़ोसी गाँव के निवासी थे और उनके परिवार के पुराने परिचित भी थे। साल 1994 में उनके प्रभाव में योगी आदित्यनाथ ने अपना सांसारिक जीवन छोड़ कर सन्यास जीवन अपना लिया और वे अजय सिंह बिष्ट से हमेशा-हमेशा के लिए योगी आदित्यनाथ बन गए। 

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साल 1998 में योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर सांसदी का चुनाव लड़ा और महज 26 साल की उम्र में लोकसभा पहुँच गए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उस समय योगी आदित्यनाथ 12वीं लोकसभा सत्र के सबसे युवा संसद रहे थे। इसके बाद वे 1999, 2009 और साल 2014 में भी सांसद बने और फिर राजनीति में अपने बढ़ते कद की वजह से 19 मार्च 2017 को वे उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री बने।

साल 2017 में भाजपा जिस तरह से उत्तर प्रदेश के चुनाव में बहुमत पा कर सत्ता में आई थी, उससे इस बात में कोई दोराय नहीं है कि जनता ने भाजपा पर भरोसा जताया था। लेकिन हालिया समय में कोरोना महामारी के बाद से देश में माहौल बदला है। लोगों के सुर बदले हैं। जाहिर है इस बात को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है और इसका असर योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक जीवन पर भी पड़ेगा। चूंकि साल 2022 भाजपा के लिए एक अहम साल है। साल 2022 में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव होना है। विपक्ष दम साध रहा है तो योगी आदित्यनाथ भी अपने इरादे से डिगते हुए नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में इस समय ज्योतिषीय आकलन से यह देखना बेहद रोचक रहेगा कि योगी आदित्यनाथ का आने वाला जीवन कैसा रहने वाला है। आइये अब जानते हैं कि क्या कहते हैं योगी आदित्यनाथ के सितारे।

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योगी आदित्यनाथ का भविष्य क्या है?

उत्तर प्रदेश के फायरब्रांड सीएम योगी आदित्यनाथ की इंटरनेट पर कई कुंडली हैं और उनमें से कोई भी वास्तविक नहीं है क्योंकि ये सभी उन्हें केपी ज्योतिष के अनुसार विवाहित दिखाते हैं। तो मैंने टैरो डेक से एक नंबर लिया जो कि 6 है। नीचे योगी आदित्यनाथ की कुंडली दी है:

कुंडली के अनुसार वह मंगल की दशा में चल रहे हैं और अक्टूबर 2021 तक केतु की अंतरा है। उसके बाद उनके पास शुक्र का अंतर होगा जो आज के समय में बृहस्पति के नक्षत्र में और अपने उप नक्षत्र  में है। कुंडली में शुक्र 1-7 घरों का स्वामी है और बृहस्पति 9-10 घरों पर शासन कर रहा है। तो जो चक्र आ रहा है वह 2-4-7-9-10-11 घरों का है। चुनाव शुक्र की इस अंतर दशा में होगा जो कि बृहस्पति के नक्षत्र में होने के कारण 9-10-11 भावों का बहुत प्रबल संकेत है।

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बृहस्पति आज वक्री है लेकिन कुछ महीनों के बाद मार्गी हो जाएगा और उसके बाद शुक्र अंतर शुरू हो जाएगा इसलिए बृहस्पति के वक्री होने के बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है।

जब तक यूपी में चुनाव होंगे, तब तक योगी आदित्यनाथ जिस अंतर से गुजरेंगे, वह सूर्य चंद्र और मंगल का होगा क्योंकि चुनाव चरणों में होंगे और यह संभावना मात्र है। सूर्य तीसरे भाव में मंगल ग्रह के नक्षत्र में और स्वयं के उप में है, चंद्रमा 8 वें घर में केतु के उप में है जो राजनेताओं के लिए बहुत फायदेमंद है और मंगल शनि के स्टार में और 6वें घर में चंद्रमा के उप में है। ये सभी ग्रह वर्तमान मुख्यमंत्री के लिए बहुत फायदेमंद हैं और अगली अवधि राहु की होगी जो फिर से दसवें भाव में शनि की उप में है।

आज तैयार किए गए ग्रहों के नक्शे के अनुसार आने वाले समय में मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ की जीत की संभावना ज्यादा है लेकिन उन्हें अपने प्रतिस्पर्धियों को कम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा जो उन्हें पार्टी के अंदर और बाहर से नीचे लाने की पूरी कोशिश करेंगे।

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