जानिये आखिर क्यों चढ़ाया जाता है गणेश जी को प्रसाद में मोदक !

विघ्नहर्ता श्री गणेश को हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता के रूप में पूजा जाता है। किसी भी शुभ काम की शुरुआत करने से पहले गणेश जी का आशीर्वाद जरूर लिया जाता है। आमतौर पर भी जब व्यक्ति अपने घर में भी कोई पूजा पाठ रखवाता है तो सभी देवताओं से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। रिद्धि सिद्धि के देवता गणपति के पूजन के दौरान उन्हें प्रसाद के रूप में विशेष रूप से मोदक का भोग लगाया जाता है। आपने भी गणेश जी को प्रसाद के रूप में कभी ना कभी मोदक जरूर चढ़ाया होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश जी को मोदक क्यों चढ़ाये जाते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं गणेश जी को मोदक चढ़ाये जाने के प्रमुख कारणों के बारे में। 

मोदक से है गणपति का विशेष लगाव 

गणेश उत्सव हो या फिर गणपति पूजा गणेश जी को प्रसाद के रूप में खासकरके मोदक का भोग जरूर लगाया जाता है। आमतौर पर भक्तजन गणपति को मोदक इसलिए चढ़ाते हैं क्योंकि उन्हें सभी मिष्ठानों में से मोदक विशेष रूप से प्रिय है। लेकिन पौराणिक मान्यता के अनुसार गणेश जी का पसंदीदा भोग मोदक इसलिए है क्योंकि एक बार जब वो परशुराम से युद्ध कर रहे थे तो उस दौरान उनका एक दांत टूट गया जिसके बाद उन्हें खाने में काफी दिक्कत होने लगी। ऐसा देखकर उनके लिए कुछ ऐसे पकवान बनाये गए जिसे खाने से उनके दांतों में दर्द ना हो। उन्हीं पकवानों में से एक मोदक भी था जो खाने में काफी मुलायम होता है।  माना जाता है कि गजानन को मोदक बेहद पसंद आया था और तब से वो उनका पसंदीदा मिष्ठान बन गया। इसलिए गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त उन्हें मोदक का भोग लगाने लगे। 

मोदक से जुड़ी एक अन्य पौराणिक कथा 

बता दें कि पद्य पुराण के अनुसार पहली बार गणेश जी को मोदक माता पार्वती ने खिलाये थे। माना जाता है कि एक बार माता पार्वती ने चावल के आटे से एक विशेष प्रकार का मिष्ठान बनाया जिसे मोदक कहा गया। उन्होनें अपने दोनों बेटों गणेश जी और कार्तिकेय को मोदक देने से पहले उनके सामने एक शर्त रखी जिसके तहत दोनों में से जो खुद को सबसे श्रेष्ठ साबित करेगा उसे मोदक मिलेगा और उसे खाने के बाद वो सभी प्रकार के विद्याओं में निपुण हो जाएगा। कार्तिकेय तो खुद को साबित करने के लिए धरती के भ्रमण पर निकल गए लेकिन गणेश जी ने माता पार्वती और पिता महादेव के चक्कर लगाकर ये साबित कर दिया की दुनिया में माता-पिता की भक्ति से बढ़कर और कुछ नहीं है। बहरहाल माता पार्वती उनसे प्रसन्न हुई और उन्हें इनाम के रूप में खाने के लिए मोदक दिए। 

मोदक को माना जाता है खुशियों का प्रतीक 

पौराणिक धर्मशास्त्रों में भी मोदक का जिक्र मिलता है। गणेश जी के पसंदीदा मोदक का अर्थ मुख्य रूप से ख़ुशी या आनंद है। चूँकि गणेश जी को खुशहाली और शुभ कार्यों का देवता माना जाता है इसलिए भी उन्हें मोदक चढ़ाये जाते हैं।

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