12 महीने बाद शुक्र की मूल त्रिकोण राशि में वापसी- चार राशियों को बनाएगी धनवान

शुक्र को वैदिक ज्योतिष में प्रेम, सुंदरता और धन का ग्रह कहा गया है। जल्द ही यह खूबसूरत ग्रह तुला राशि में प्रवेश करने वाला है। अपने आज के खास ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे शुक्र के तुला राशि में होने वाले गोचर का सभी 12 राशियों के जीवन पर क्या कुछ प्रभाव पड़ने की संभावना है और साथ ही जानेंगे कि जिनके जीवन पर इसके नकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे उन्हें इससे बचने के लिए क्या कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए। 

जैसे ही शुक्र ग्रह का तुला राशि में गोचर होता है ऐसे में जीवन में रोमांटिक अवसर बढ़ जाते हैं। प्रेम का ग्रह तुला राशि में गोचर करता है तो इस पृथ्वी पर हमारे सामाजिक संबंधों पर अतिरिक्त नियंत्रण प्राप्त होता है। अब जल्द ही शुक्र ग्रह तुला राशि में प्रवेश कर जाएगा।

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तुला राशि में शुक्र मसखरे व्यवहार को दर्शाता है क्योंकि वायु राशि को फ्लर्ट करना पसंद होता है। ऐसे में हम अति उत्साही महसूस करते हैं और कई लोगों पर इस अवधि में क्रश शुरू कर सकते हैं। तुला राशि में शुक्र सुख देने वाला माना गया है और बदले में उसे भी वैसा ही चाहिए होता है। शुक्र लंबी अवधि के लिए तुला राशि में मौजूद है इसीलिए धैर्य और शांति जीवन का आवश्यक तरीका हो सकता है। इस ज्योतिषीय गोचर के दौरान धन बचाना कठिन हो सकता है क्योंकि तुला राशि में शुक्र अपनी स्थिति का दिखावा करना पसंद करता है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र को स्त्री ग्रह और सुंदरता का सूचक माना जाता है। अब यही शुक्र ग्रह 18 सितंबर 2024 को 13:42 पर तुला राशि में गोचर करने जा रहा है। 

इस ज्योतिषीय गोचर के दौरान जीवन में कई जादू और अनोखी चीज होने की संभावना बढ़ जाएगी। व्यक्ति प्यार, पैसा और जो कुछ भी हमारा दिल चाहता है उसमें आशाजनक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। आपके जीवन पर शुक्र के इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा यह जानने के लिए पढ़ें हमारा यह खास ब्लॉग साथ ही यहां आपको पता चलेगा कि आप किस प्रकार आध्यात्मिक रूप से खुद को मजबूत कर सकते हैं या जिस चीज की आप इच्छा रखते हैं उसे जीवन में प्राप्त कर सकते हैं, सवाल उठता है कैसे तो इसका जवाब है मेनिफेस्टेशन के माध्यम से।

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क्या है मेनिफेस्टेशन? 

मेनिफेस्टेशन अपनी इच्छाओं को अस्तित्व में लाने की कला है। कुछ आध्यात्मिक वादी प्रतिज्ञा, मोमबत्ती, जादू या दर्पण दर्शन का उपयोग करते हैं जबकि अन्य स्क्रिप्टिंग, विजन बोर्ड, टैरो या ध्यान का उपयोग करके मेनिफेस्ट करते हैं। आपके दृष्टिकोण के बावजूद मेनिफेस्टेशन का लक्ष्य एक ही है अपनी महसूस की गई इच्छाओं को भौतिक, मूर्त वास्तविकता में साकार करना।

आप अपनी इच्छाओं को मेनिफेस्ट करने के लिए ज्योतिष का उपयोग कैसे कर सकते हैं? 

किसी भी ग्रह के गोचर के साथ हमारी अभिव्यक्तियों को संरक्षित करने, अधिक तेज, सटीक और धन्य, परम परिणाम प्राप्त किया जा सकते हैं। अब बात हो चाहे जीवन में रोमांस मेनिफेस्ट करने की, फ्रेम मेनिफेस्ट करने की, या कुछ भी। प्रेम का ग्रह शुक्र जब गोचर कर रहा होता है या जब शुक्र उच्च राशि में स्थित होता है तो उत्कृष्ट परिणाम प्रदान करता है तो हमें कम तनाव और अधिक सहजता के साथ रिश्ते का आशीर्वाद देता है।

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ज्योतिष के अनुरूप अपनी इच्छाओं को प्रकट करने के लिए या मेनिफेस्ट करने के लिए आपको गोचर पर नजर रखने की आवश्यकता होती है। इसके बाद शुभ समय के दौरान आप मेनिफेस्ट कर सकते हैं। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि शुक्र गोचर की अवधि मेनिफेस्टेशन के लिए शानदार रहती है।

कैसे या क्या मेनिफेस्टो करना चाहिए? 

तुला राशि में शुक्र के दौरान अभिव्यक्ति आसानी से होती है। शुक्र इच्छाओं का ग्रह कहा जाता है। ऐसे में हमें बस अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता रहती है। जैसा कि आपने अक्सर सुना होगा कि यदि आपने अभिव्यक्ति पर शोध किया है तो इरादा ही सब कुछ होता है। अर्थात अगर अपने मेनिफेस्ट कर लिया है तो आप की सोच ही उसे पूरा करने में सबसे सहायक साबित होती है। 

इसके साथ ही सटीक अनुष्ठान, अभ्यास या विवरण के ऊपर भी नतीजा निर्भर करता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि आप भावनाओं को समझें और अपने शरीर में उन भावनाओं का अनुभव करें जो आपको उन इच्छाओं के साथ ऊर्जावान रूप से संरक्षित करने की अनुमति देता है जिन पर आप ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

रिश्ते की सफलता को मेनिफेस्टो करना- जैसे ही शुक्र गोचर करता है तुला राशि रिश्ते की सफलता को मेनिफेस्ट करती है। सिंगल जातक आसानी से आदर्श प्रेमी को मेनिफेस्ट कर सकते हैं या फिर दिल टूटने की अवधि से उबर सकते हैं। वहीं जो लोग किसी से प्यार करते हैं वह अपने रिश्ते को और भी मजबूत करने या अपने जीवन में और अधिक रोमांस लाने के लिए मेनिफेस्टेशन का प्रयोग कर सकते हैं।

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हालांकि आपको जान का आश्चर्य होगा कि शुक्र का जादू केवल रोमांटिक रिश्तों तक की सीमित नहीं होता है। मित्रता और समुदाय का मेनिफेस्टेशन करना हो, समग्र रूप से अपने सामाजिक दायरे को मजबूत बनाना हो तो इसके लिए भी शुक्र गोचर अनुकूल रहता है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए सही व्यावसायिक साझेदारों, ग्राहकों और नेटवर्किंग कनेक्शन को भी मेनिफेस्ट कर सकते हैं।

जीवन में प्रचुरता या धन मेनिफेस्ट करना- शुक्र को प्रेम का ग्रह कहा जाता है। हालांकि कई बार लोग ये बात भूल जाते हैं कि शुक्र की शक्तियां रोमांस और दोस्तों से भी आगे तक फैली हुई है। आकर्षण ग्रह सभी वांशनीय चीजों पर शासन करता है जिसमें बढ़े हुए संसाधन, संपत्ति और धन शामिल होते हैं। इसीलिए क्योंकि शुक्र तुला राशि में अपने घर में मौजूद होता है यह भौतिक रूप से आप जो भी चाहते हैं उसे और अधिक प्राप्त करने के लिए एक शानदार समय साबित हो सकता है।

नए प्रेम को आकर्षित करें- नए प्यार को आकर्षित करने के लिए भी आप इस समय मेनिफेस्ट कर सकते हैं। शुक्र के तुला राशि में गोचर की अवधि के दौरान मेनिफेस्टेशन अवश्य करें।

टूटे दिल के दर्द से उबरने के लिए मेनिफेस्टेशन- तुला राशि में शुक्र टूटे हुए दिल को ठीक करने का भी एक आदर्श समय साबित हो सकता है। आप अपनी आत्मा में कायाकल्प लेकर आ सकते हैं। आप दृढ़ इरादे के साथ इस ब्रह्मांडिय घटना के तहत वर्तमान में या भविष्य में प्यार को फिर से आने देने के विचार का मेनिफेस्टेशन कर सकते हैं।

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अपने रिश्ते को मेनिफेस्टो करने वाले अनुष्ठान अवश्य करें। शुक्र का तुला राशि में गोचर मौजूद रिश्ते को मजबूत करने और अधिक गहरी प्रतिबद्धता और अंतरंगता को बढ़ाने के लिए एक आदर्श समय साबित हो सकता है।

आइये अब आगे बढ़ते है और जान लेते हैं तुला राशि में शुक्र का गोचर सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगा साथ ही जानेंगे इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए इस अवधि में क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं। 

शुक्र का तुला राशि में गोचर- राशि अनुसार प्रभाव और उपाय

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र द्वितीय और सप्तम भाव का स्वामी है और आपके….विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें 

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और छठे भाव का स्वामी है और आपके….विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें 

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम और द्वादश भाव का स्वामी है और आपके ….विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और एकादश भाव का स्वामी है और चतुर्थ….विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें घर का स्वामी है और आपके ….विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नवम भाव का स्वामी है और आपके दूसरे….विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

तुला राशि 

शुक्र तुला राशि के जातकों के लिए प्रथम और अष्टम भाव का स्वामी होकर प्रथम भाव में गोचर….विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सप्तम और 12वें भाव का स्वामी है और आप….विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे और एकादश भाव का स्वामी है और एकादश भाव ….विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम और दशम भाव का स्वामी है और दशम भाव ….विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है और आपके नवम भाव….विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तृतीय और अष्टम भाव का स्वामी है और अष्टम भाव ….विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

1: शुक्र का तुला राशि में गोचर कब होगा? 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र को स्त्री ग्रह और सुंदरता का सूचक माना जाता है। अब यही शुक्र ग्रह 18 सितंबर 2024 को 13:42 पर तुला राशि में गोचर करने जा रहा है। 

2: शुक्र किसका कारक है?

ज्योतिष में शुक्र ग्रह को प्रेम, सुख-सुविधाओं और विलासिता आदि का कारक माना गया है। 

3: शुक्र का गोचर तुला राशि के जातकों को किस तरह से प्रभावित करेगा?

शुक्र का तुला राशि में गोचर आपको अधिक धैर्य रखने की आवश्यकता को दर्शायेगा क्योंकि जीवन में शांति और सद्भावना बनाए रखना आपके लिए अति आवश्यक रहने वाला है। 

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