वास्तु शास्त्र : घर में लगे ये पुष्प आपके जीवन में भी खुशबू बिखेर देंगे

भला वो कौन होगा जिसे फूल न पसंद हों। जो फूलों को देख दूर भागता हो। शायद ही कोई ऐसा हो। फूल या कहें तो पुष्प सभी को प्रिय होते हैं। सनातन धर्म में तो बकायदे सभी देवी-देवताओं को चढ़ाने वाले पुष्पों का वर्णन है कि इस देवता को ये पुष्प प्रिय है। पुष्प न सिर्फ धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं बल्कि ये घर की सुंदरता भी बढ़ाते हैं। माहौल में इनकी भीनी-भीनी खुशबू हमारे मन को स्वतः ही आनंदित कर देती है।

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वास्तु शास्त्र में भी फूल से जुड़े कुछ नियम हैं। ये नियम बताते हैं कि आपको अपने घर में किस तरह के फूल लगाने चाहिए जिससे आपके घर में सुख-समृद्धि आए और आप दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की करें।  ऐसे में आज हम आपको इस लेख में उन पुष्पों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अगर आप घर में लगाते हैं तो न सिर्फ ये आपकी घर की सुंदरता बढ़ाएँगे बल्कि इनसे आपके घर में सुख शांति भी आएगी। तो आइये जानते हैं इन पुष्पों के बारे में।

चंपा

चंपा के वृक्ष हमेशा हरे रहते हैं। इसके फूल हल्के पीले रंग के होते हैं। महक भीनी और देखने में इसके फूल बड़े ही सुंदर लगते हैं। चंपा के बहुत से औषधीय गुण भी हैं और इसका इस्तेमाल सिर दर्द, आँख दर्द वगैरह के आयुर्वेदिक इलाज में होता है। चंपा न सिर्फ अपने इन गुणों की वजह से अक्सर लोगों के घर में मिल जाया करती है बल्कि वास्तु शास्त्र में भी चंपा के फायदे बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र का मानना है कि जिस घर में चंपा का पौधा हो, वहाँ से नकारात्मक विचार खत्म हो जाते हैं। साथ ही परिवार के सदस्यों में आरोग्यता और सम्पन्नता का इजाफा होता है।

चमेली

चंपा की ही तरह चमेली का पौधा भी आपको ज़्यादातर घरों में दिख जाएगा। बेहद आसानी से मिल जाने वाला यह पौधा अपने पुष्पों की महक के लिए लोकप्रिय है। चमेली का पौधा आठ से दस वर्षों तक पुष्प देता रहता है। चमेली के भी बहुत से औषधीय गुण हैं। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल मोतियाबिंद, एड़ियों का फटना, कान बहने जैसे कई बीमारियों में होता है। चमेली को वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में लगाना बेहद शुभ माना गया है। चमेली के पुष्प घर में मौजूद सदस्यों के भाव और विचार को सकारात्मक बनाते हैं। इससे उनके अंदर का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे किसी भी काम को नयी ऊर्जा के साथ करते नजर आते हैं।

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हरसिंगार

हरसिंगार के पुष्प बेहद खूबसूरत होते हैं। इनके वृक्ष एक सीधी लंबाई में खड़े दिखते हैं और इनपर भर कर पुष्प आते हैं। हरसिंगार अपने औषधीय गुण के लिए जाना जाता है। इस पुष्प का इस्तेमाल पेट के कीड़े, रूसी आदि को खत्म करने में रामबाण सरीखा साबित होता है। औषधीय गुण के अलावा यह पुष्प धन की देवी माता लक्ष्मी को भी बेहद प्रिय है। हालांकि हरसिंगार के उन्हीं पुष्पों को माता लक्ष्मी को अर्पित करना चाहिए जो स्वयं टूट कर गिरे हों। वास्तु शास्त्र के नजरिए से देखा जाये तो हरसिंगार का पौधा आपके घर की तमाम समस्याओं का हल करने वाला पौधा नजर आता है। वास्तु के अनुसार इस पुष्प के पौधे को छूने भर से ही मानसिक तनाव कम होने लगता है। घर में सुख शांति तो आती ही है। इसके साथ साथ हरसिंगार माता लक्ष्मी का प्रिय होने की वजह से धन की समस्या को भी दूर करता है।

रातरानी

रातरानी के पुष्प का नाम इसके विशेष स्वभाव पर रखा गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि रातरानी रात में महकती है जबकि अन्य पुष्प सूर्यास्त के बाद मुरझा जाते हैं या फिर उनकी महक की तीव्रता कमजोर हो जाती है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक रातरानी के पुष्पों की महक हमारा मानसिक तनाव कम करती है। हालांकि अगर आप रातरानी का पौधा लगाएं तो उसका ख्याल भी रखें क्योंकि इसका सूखना अच्छा नहीं माना जाता है। रातरानी के पुस्प को लगाने से घर के सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ता है। वैवाहिक जीवन भी सुखद हो जाता है।

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