भगवान गणेश के 14 स्वरूपों के बारे में जानते हैं आप? वास्तु दोष दूर करने में हैं कारगर

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय का दर्जा प्राप्त है। अर्थात किसी भी पूजा या मांगलिक कार्य से पहले इनकी पूजा का विधान बताया गया है। आज इस विशेष आर्टिकल में जानते हैं भगवान गणेश के उन 14 स्वरूपों के बारे में जो किसी भी तरह के वास्तु दोष को समाप्त करने के लिए बेहद कारगर माने गए हैं। आमतौर पर भगवान गणेश की 2, 4, 8, और 16 भुजाओं वाली मूर्तियां तस्वीर पाई जाती हैं। यहाँ हम बात करेंगे 14 प्रकार की महाविद्याओं के आधार पर 14 गणपति प्रतिमाओं के बारे में जिनके बारे में ऐसा बताया गया है कि इनसे वास्तु दोष समाप्त होता है। 

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भगवान गणेश के चौदह स्वरूप दूर करेंगे वास्तु दोष

  • बाल रूप में भगवान गणपति: जिन लोगों को संतान प्राप्ति की इच्छा हो उन्हें अपने घर में संतान रूप में गणपति की ऐसी तस्वीर रखने की सलाह दी जाती है। वास्तु के अनुसार ऐसा करने से आपको शीघ्र ही संतान की प्राप्ति हो सकती है।
  • विघ्नहर्ता गणपति: यदि आपके घर में कलह, कलेश, लड़ाई झगड़े, अशांति हद से ज्यादा बढ़ गए हो तो वास्तु के अनुसार आपको विघ्नहर्ता गणपति की तस्वीर घर में स्थापित करनी चाहिए। ऐसा करने से आपको आपके जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।
  • विद्या प्रदायक गणपति: वास्तु के अनुसार यदि आप अपने बच्चे का ध्यान पढ़ाई लिखाई में ज्यादा लगाने का प्रयत्न कर रहे हैं हालांकि इसमें कोई सफलता नहीं मिल रही है तो आपको अपने घर के प्रवेश द्वार पर भगवान गणेश की विद्या प्रदायक तस्वीर लगाने की सलाह दी जाती है।
  • विवाह विनायक: वास्तु के अनुसार यदि आपकी शादी में किसी प्रकार की देरी हो रही है या विघ्न आ रही है तो आपको विवाह विनायक की तस्वीर अपने घर में स्थापित करने की सलाह दी जाती है।
  • चिंता नाशक गणपति: वास्तु के अनुसार यदि घर में तनाव या चिंता हद से ज्यादा बढ़ गई हो तो अपने घर में चिंता नाशक गणपति की प्रतिमा स्थापित करें। 
  • धनदायक गणपति: जीवन से दरिद्रता दूर करने और आर्थिक संपन्नता हासिल करने के लिए अपने घर में धन दायक गणपति की प्रतिमा स्थापित करें। 
  • सिद्धि नायक गणपति: किसी भी काम में सफलता प्राप्त करने के लिए अपने घर में सिद्धि नायक गणपति की तस्वीर स्थापित करें। 
  • सुपारी गणपति: वास्तु के अनुसार आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित करने के लिए अपने घर पर सुपारी गणपति की तस्वीर स्थापित करें, उसकी पूजा करें। 
  • शत्रुहन्ता गणपति: यदि आपके जीवन में शत्रुओं का दबदबा बढ़ गया हो और आप को इनसे  जीत हासिल करनी हो तो वास्तु के अनुसार अपने घर में शत्रुहंता गणपति की तस्वीर लाएं और उसकी आराधना करें। 
  • आनंददायक गणपति: वास्तु शास्त्र के अनुसार अपने जीवन में आनंद, हर तरह की खुशी और सुख पाने के लिए अपने घर में आनंद दायक गणपति की प्रतिमा स्थापित करें और उसकी पूजा करें।  
  • विजय सिद्धि गणपति: कोर्ट कचहरी के मामलों की, लड़ाई, शत्रु नाश अपने जीवन में सिद्धि हर एक काम में सफलता प्राप्त करने के लिए विजय सिद्धि गणपति की प्रतिमा अपने घर में स्थापित करें। 
  • ऋण मोचन गणपति: वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आप पुराने ऋण, क़र्ज़ से परेशान हैं तो ऐसे में आपको अपने घर में ऋण मोचन गणपति स्थापित करने चाहिए और उनकी नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए। 
  • रोग नाशक गणपति: वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आपके घर में कोई बार बार बीमार होता है या फिर आपका खुद का स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता है तो आपको अपने घर में रोग नाशक गणपति की प्रतिमा स्थापित करने की सलाह दी जाती है। 
  • नेतृत्व शक्ति विकासक गणपति: यदि आपको अपनी नौकरी में ऊंचा पद हासिल करना हो या किसी भी तरह की नौकरी में सफलता हासिल करनी हो तो आपको अपने घर में वास्तु के अनुसार नेतृत्व शक्ति विकासक गणपति की प्रतिमा स्थापित और उसकी नियमित रूप से पूजा करने की सलाह दी जाती है।

यह भी पढ़ें : भगवान गणेश को दूर्वा घास चढ़ाने की वजह और महत्व जानते हैं आप?

गणपति मंत्र

  •  ‘गणध्याक्षाय नम:, गणनायकाय नम: प्रथम पूजिताय नम:’
  • श्री गणपति मंत्र – ॐ वक्रतुण्ड़ महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा।।

  • ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्।
  • ॐ गं गणपतये नमः ।।

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