कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को वैकुण्ठ चतुर्दशी मनाई जाती है। इस साल यह व्रत, 10 नवम्बर 2019 यानि आज रखा जाएगा। आज के दिन भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा की जाती है। वैकुण्ठ चतुर्दशी को वैकुण्ठ चौदस के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन बहुत सारे श्रद्धालु व्रत रखते हैं, भगवान विष्णु और शिव की विधिवत रुप से पूजा-अर्चना करते हैं। आज के दिन खासतौर पर भगवान विष्णु को कमल का फूल चढ़ाया जाता है, और भगतगण आज श्रद्धा पूर्वक भगवत गीता व श्री सुक्त का पाठ करते हैं। ऐसी मान्यता है, कि आज के दिन सच्चे मन से पूजा करने से व्यक्ति के सारे पाप मिट जाते हैं। चलिए इस लेख में आपको बताते हैं, कि आज का दिन कैसे जुड़ा है, भगवान विष्णु और शिव जी से-
वैकुण्ठ चतुर्दशी पूजा मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल वैकुण्ठ चतुर्दशी 10 नवंबर को मनाई जाएगी। चतुर्दशी तिथि 10 नवंबर 2019 को शाम 4 बजकर 35 मिनट से शुरु होगी और 11 नवंबर 2019 को शाम 6 बजकर 04 मिनट तक व्याप्त रहेगी। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना और व्रत रखना बेहद शुभ माना जाता है।
आज होता है भगवान विष्णु और शिव जी का मिलन
पुराणों के अनुसार देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के यहां विश्राम करने जाते हैं, इसीलिए इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं होते। उस समय सत्ता शिवजी के पास होती है, लेकिन वैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान शिव सृष्टि का समस्त भार विष्णु को सौंप कर कैलाश पर्वत पर तपस्या के लिए लौट जाते हैं। जब सत्ता विष्णु जी के पास आती है, तो संसार के सभी शुभ कार्य वापस शुरू हो जाते हैं। इसी दिन को वैकुंठ चतुर्दशी या हरि-हर मिलन भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि वैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान शिवजी, श्रीहरि से स्वयं मिलने जाते हैं, इसीलिए आज के दिन जो भी भक्त सच्चे मन से प्रभु की आराधना करता है, उसे भगवान विष्णु और शिव जी दोनों का आशीर्वाद मिलता है ।
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