जानिए सप्ताह के किस दिन कौन से कार्य को करना वर्जित माना गया है

हिन्दू पंचांग में सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवता या ग्रह को समर्पित होते हैं। यही वजह है कि सप्ताह के हर दिन का अपना खास महत्व है। इसलिए ही कई ऐसे कार्य भी हैं जिन्हें सप्ताह के खास दिनों पर करना निषेध माना गया है। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं कि सप्ताह के सात दिनों के अनुसार वे कौन से कार्य हैं जिन्हें नहीं करना चाहिए।

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रविवार को न करें ये कार्य

रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है। भगवान सूर्य को वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के राजा का दर्जा प्राप्त है। पुरुष की कुंडली में ये पिता और महिला की कुंडली में पति के कारक माने गए हैं। ऐसे में पुरुष जातकों को रविवार के दिन अपने पिता से और महिलाओं को अपने पति से झगड़ा या उनका निरादर नहीं करना चाहिए। रविवार के दिन काले वस्त्र को धारण करना भी निषेध माना गया है। इस दिन भूल से भी तुलसी के पत्ते न तोड़ें और न तुलसी के पौधे में जल दें अन्यथा पाप के भागीदार बनेंगे। रविवार को देर तक सोना भी गलत माना गया है। 

सोमवार को निषेध माने गए हैं ये कार्य

सोमवार का दिन भगवान शिव और चंद्रमा को समर्पित होता है। इस दिन नौकरी की शुरुआत नहीं करनी चाहिए अन्यथा नौकरी जल्द ही छूट जाती है या फिर उस नौकरी में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सोमवार के दिन पूर्व, उत्तर और आग्नेय दिशा में यात्रा करना भी निषेध बताया गया है। इस दिन दोपहर में सोने से चंद्रमा देवता रुष्ट होते हैं। आपको बता दें कि किसी भी जातक की कुंडली में चंद्रमा माता के कारक माने गए हैं इसलिए इस दिन माता से लड़ाई या उनका अपमान नहीं करना चाहिए। 

मंगलवार को इस कार्य से होगी हानि

मंगलवार का दिन भगवान हनुमान और मंगल देवता को समर्पित होता है। कुंडली में मंगल साहस, पराक्रम और सहोदर के कारक माने जाते हैं। ऐसे में मंगलवार के दिन बड़े भाई से बेहतर संबंध बना कर रखें, उनका अपमान या उनसे झगड़ा न करें। मंगलवार के दिन उधार न लें और न ही किसी को उधार दें अन्यथा आर्थिक नुकसान होता है। इस दिन दाढ़ी-बाल और नाखून काटना भी वर्जित माना गया है। मंगलवार के दिन कानूनी लड़ाई लड़ने से भी बचना चाहिए। 

बुधवार को ये कार्य भूल से भी न करें

बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश और बुध देवता को अर्पित होता है। ये दोनों ही देवता बुद्धि के दाता माने जाते हैं। बुध किसी भी जातक की कुंडली में संचार और व्यापार आदि के कारक माने गए हैं। ऐसे में बुधवार को भी कर्ज़ देने और लेने से बचना चाहिए। बुधवार के दिन नौकरी की शुरुआत करने से आर्थिक जीवन व करियर में अस्थिरता आती है। यदि आप पान के शौकीन हैं तो बुधवार के दिन अपने इस शौक से किनारा करना आपके लिए बेहतर होगा। बुधवार के दिन पान खाना वर्जित है। इसके अलावा बुधवार के दिन किसी कन्या अथवा किन्नर का अपमान करने से कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर होती है।  

गुरुवार को इन कार्यों से मिलते हैं नकारात्मक फल

गुरुवार का दिन भगवान बृहस्पति और भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित होता है। बृहस्पति किसी भी जातक की कुंडली में शिक्षा, शिक्षक, अध्यात्म आदि के कारक माने जाते हैं। गुरुवार के दिन नाखून और दाढ़ी बाल काटना वर्जित माना गया है। इसके अलावा इस दिन शिक्षक और घर के बुजुर्गों का अपमान भी नहीं करना चाहिए। इस दिन दक्षिण दिशा की यात्रा भी निषेध है। इस दिन ब्याही बेटी को घर से विदा करने पर भी पाबंदी है। गुरुवार के दिन महिलाओं को बाल नहीं धोना चाहिए। गुरुवार के दिन मांस मदिरा का सेवन और मकड़ी के जाले साफ करने से भी जातकों को नकारात्मक फल प्राप्त होते हैं।

शुक्रवार को ये कार्य हैं वर्जित

शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी और शुक्र देवता को समर्पित है। शुक्र किसी भी जातक की कुंडली मे भौतिक सुख व दाम्पत्य जीवन का कारक माना गया है। यही वजह है कि शुक्रवार के दिन पति-पत्नी को आपस में झगड़ा नहीं करना चाहिए। इसके अलावा शुक्रवार को किसी नेत्रहीन व्यक्ति का उफास या अपमान भी नहीं करना चाहिए।  इस दिन चीनी व चांदी का दान न करें। साथ ही इस दिन किसी कन्या के अपमान से भी बचना चाहिए अन्यथा कुंडली में शुक्र की स्थिति कमजोर होती है।

शनिवार को ये कार्य कर न बढ़ाएं अपनी मुसीबत

शनिवार का दिन शनि देवता को समर्पित होता है। शनि किसी भी जातक की कुंडली में विज्ञान, कष्ट, शोक आदि के कारक माने जाते हैं। शनिवार के दिन कैंची, उड़द दाल, लोहा आदि खरीदना वर्जित है। इस दिन पूर्व, उत्तर और ईशान दिशा में लोगों को यात्रा नहीं करना चाहिए। शनि देवता को न्याय का देवता भी माना जाता है। वे किसी भी गलती पर तुरंत दंड देते हैं। ऐसे में शनिवार के दिन किसी असहाय, गरीब या कमजोर का अपमान या मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए।

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