नहाते वक़्त अगर अपनाएँगे ये आसान उपाय तो नवग्रहों के अशुभ प्रभाव से मिलेगी मुक्ति

ज्योतिष शास्त्र का मानना है कि पूरी दुनिया में होने वाली, हो रही या फिर हो चुकी कोई भी घटना कहीं न कहीं और किसी न किसी रूप से ग्रहों के चाल और उनकी स्थिति पर निर्भर करती है। ये ग्रह गिनती में भले ही नौ हों लेकिन इनका प्रभाव करोड़ों  जीव-जंतुओं पर पड़ता है। किसी भी ग्रह के आपके कुंडली में नीच हो जाने पर आपको उस ग्रह का बुरा प्रभाव झेलना ही पड़ता है। लेकिन ऐसे कुछ उपाय भी ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं जिन्हें अपना कर आप इन ग्रहों के बुरे प्रभाव को ख़त्म या फिर कम कर सकते हैं। ऐसे में आज हम इस लेख में आपको उन वस्तुओं के बारे में बताने वाले हैं जिन्हें नहाते वक़्त पानी में मिला कर स्नान करने से नवग्रह को शांत किया जा सकता है। ये उपाय बेहद ही सरल हैं और आपको इन उपायों का फायदा निश्चित तौर पर मिलेगा।

नौ ग्रह और उनके उपाय

सूर्य ग्रह

सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना गया है। अगर कुंडली में सूर्य गलत स्थान पर स्थित हो तो ऐसे व्यक्ति को यश अर्जित करने में समस्या का सामना करना पड़ता है। साथ ही बदनामी और करियर संबंधी समस्याएं भी बनी रहती हैं।  ऐसे में सूर्य को शांत करने के लिए जातकों को रोजाना नहाने के पानी में लाल चन्दन, केसर, मुलेठी, इलायची या फिर सूर्य देवता को प्रिय लाल फूल मिलाकर स्नान करना चाहिए। इससे बहुत लाभ मिलेगा। आपको बता दें कि सूर्य ग्रह को मीन और सिंह राशि का स्वामी ग्रह माना जाता है। 

मंगल ग्रह

लाल ग्रह मंगल को क्रूर ग्रह माना जाता है। किसी जातक की कुंडली में मंगल ग्रह अगर गलत स्थान पर हो तो ऐसा व्यक्ति स्वभाव से क्रोधी हो जाता है। साथ ही उसे धन संबंधी और पारिवारिक कलह जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। मंगल ग्रह के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए नहाने के पानी में लाल चंदन, जटामांसी, हींग और गुलाब के फूल की पंखुड़ियाँ मिला कर स्नान करना चाहिए। इससे शीघ्र ही लाभ मिलता है। बताते चलें कि मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशि के का स्वामी माना जाता है। ऐसे में इन राशि वाले जातकों को यह उपाय जरूर आजमाना चाहिए। 

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चंद्रमा ग्रह

चंद्रमा को कर्क राशि का स्वामी माना जाता है। मन की शांति और व्यवहार में शीतलता चंद्रमा की वजह से ही आती है। अगर चंद्रमा कुंडली में गलत स्थान पर स्थित हो तो ऐसे जातक को मानसिक समस्या और अलग-अलग रोग घेरने लगते हैं। ऐसे में चंद्रमा ग्रह के प्रभावों से पीड़ित जातकों को नहाने के पानी में पंचगव्य, इत्र, सफ़ेद चंदन व पुष्प या फिर कर्पूर मिला कर स्नान करना चाहिए। चंद्रमा शांत होंगे।

बुध ग्रह

बुध नवग्रहों में सबसे छोटा ग्रह है लेकिन सबसे अधिक तेज भी है। यह ग्रह कन्या और मिथुन राशि का स्वामी है। बुध अगर किसी जातक की कुंडली में कमजोर हो जाये तो उस जातक को मानसिक समस्या, वाणी दोष और करियर में बाधा आदि का सामना करना पड़ता है। साथ ही चर्म रोग की भी शिकायत बनी रहती है। ऐसे में बुध ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए जातकों को नहाने के पानी में गोरोचन, मधु, जायफल या फिर अक्षत मिला कर स्नान करना चाहिए। इससे बुध के बुरे प्रभाव जीवन से खत्म होंगे।

बृहस्पति ग्रह

बृहस्पति ग्रह को सभी ग्रहों के बीच गुरु का दर्जा प्राप्त है। जिस व्यक्ति का बृहस्पति कमजोर हो वैसे व्यक्ति का आचरण अपने बड़ों के लिए खराब हो जाता है। साथ ही आर्थिक जीवन में कर्ज़ का बोझ बढ़ता है और करियर संबंधी समस्या तो बनी ही रहती है। गुरु के कमजोर होने पर जातक के ऊपर पीलिया रोग का भी खतरा मंडराने लगता है। ऐसे में गुरु ग्रह शांति के लिए जातकों को नहाने के पानी में पीला चंदन, हल्दी, केसर और पीले गेंदे के पुष्प को मिला कर स्नान करना चाहिए। चूंकि बृहस्पति ग्रह धनु राशि का स्वामी है इसलिए धनु राशि वाले जातकों को यह उपाय जरूर आजमाना चाहिए, बहुत लाभ मिलता है।

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शुक्र ग्रह

सभी नौ ग्रहों में सबसे चमकीला ग्रह शुक्र को माना जाता है। शुक्र जातक के जीवन में भी चमक बिखेरने का काम करता है यानी कि शुक्र अगर मजबूत हो तो वैसे जातक को सभी तरह के भौतिक सुखों का लाभ मिलता है और दाम्पत्य जीवन भी सुखद रहता है। शुक्र कमजोर होने पर जीवन में आलस्य बढ़ता है और दाम्पत्य जीवन भी अशांत हो जाता है। ऐसे में शुक्र से शुभ फल पाने के लिए जातकों को नहाने के पानी में सफ़ेद पुष्प, चंदन, कच्चा दूध और इलायची मिला कर स्नान करना चाहिए। खास करके वृष और तुला राशि के जातकों को यह उपाय जरूर अपनाना चाहिए क्योंकि शुक्र इन दो राशियों के स्वामी हैं।

शनि ग्रह

शनि देवता भगवान सूर्य के पुत्र हैं और उन्हें न्याय का देवता माना गया है। जिन जातकों की कुंडली में शनि देवता बुरे फल देने वाली स्थान पर विराजमान हों, वैसे जातकों का जीवन बहुत कष्टकारी हो जाता है। आर्थिक और करियर दोनों ही क्षेत्रों में बार-बार निराशा हाथ लगती रहती है। ऐसे में शनि के प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए जातकों को नहाने के पानी में सौंफ, काला तिल, सरसों का तेल या फिर खसखस मिलाकर स्नान करना चाहिए। मकर और कुम्भ राशि के जातकों को इस उपाय को जरूर अपनाना चाहिए क्योंकि शनि इन दो राशियों के स्वामी हैं।

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राहु

राहु को ज्योतिष शास्त्र में छाया ग्रह माना गया है। राहु यदि किसी जातक की कुंडली में गलत स्थान पर बैठा हो तो वैसे जातक के अंदर बुरे कर्मों के प्रति आकर्षण बढ़ता है। मांस, मदिरा और जुए की लत तो पड़ती ही है। इसके साथ-साथ आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने की आशंका भी बनी रहती है। ऐसे में राहु को शांत करने के लिए जातकों को नहाने के पानी में गजदंत, कस्तूरी, हरी दूर्वा और लोबान को मिलाकर स्नान करना चाहिए। इससे राहु का बुरा प्रभाव जीवन से कम होता है।

केतु 

राहु की तरह केतु भी एक छाया ग्रह है। माना जाता है कि जिस जातक पर केतु का प्रभाव हो वो अपने ही ख़यालों में खोया रहता है लेकिन उन ख़यालों को हक़ीक़त में बादल नहीं पाता है। जिसकी वजह से उसके जीवन में स्वयं के लिए असंतोष का भाव पैदा होता है। ऐसे में केतु से प्रभावित जातकों को इस ग्रह के दुष्प्रभाव कम करने के लिए नहाने के पानी में सुपारी, हल्दी इत्यादि मिला कर स्नान करना चाहिए।

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