हिन्दू धर्मशास्त्र में अंकित सभी सोलह संस्कारों में नामकरण को पांचवां संस्कार माना जाता है। इस दुनिया में जो जन्म
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हिन्दू धर्मशास्त्र में अंकित सभी सोलह संस्कारों में नामकरण को पांचवां संस्कार माना जाता है। इस दुनिया में जो जन्म
भारत में इंसान को जीवन आरंभ से लेकर मृत्यु तक कई संस्कारों से होकर गुजरना पड़ता है। हर एक संस्कार
हिन्दू धर्म में वर्णित सभी सोलह संस्कारों में ग्यारहवां संस्कार है केशांत संस्कार। जैसा की नाम से ही स्पष्ट है
वानप्रस्थ संस्कार सभी 16 संस्कारों में से एक अहम संस्कार माना जाता है। भारतीय समाज में जब इंसान अपनी सांसारिक
जनेऊ संस्कार, हिन्दू धर्म के 16 संस्कारों में से एक प्रमुख संस्कार है। जनेऊ सफेद रंग के तीन सूत्र से
हिन्दू धर्म में जिस प्रकार से विवाह संस्कार को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है उसी प्रकार से विवाह दिवस संस्कार
हिन्दू धर्म में जन्मदिवस संस्कार को भी अहम माना गया है। जिस प्रकार से भगवान राम और श्री कृष्ण के
सृष्टि का शाश्वत नियम है कि जिस व्यक्ति का जन्म हुआ है उसका अंत भी निश्चित है। लेकिन उसके शरीर
विवाह, सात जन्मों का पवित्र बंधन होता है। इस अटूट बंधन में बँधकर पति-पत्नी हर एक सुख-दुख में साथ रहने
हिन्दू धर्म के सभी 16 संस्कारों में मुंडन संस्कार भी एक महत्वपूर्ण संस्कार है। बच्चे के जन्म के बाद उसके