सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: जानें कैसे मिलेंगे 12 राशियों को परिणाम?

सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: ग्रहों के राजा सूर्य 14 मई 2024 से लेकर 15 जून 2024 तक वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। तात्कालिक और नैसर्गिक दोनों मित्रता के अनुसार सूर्य सम राशि में गोचर करेंगे। 15 जून 2024 तक सूर्य वृषभ राशि में ही बने रहेंगे। सूर्य के इस गोचर का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह जानने से पहले आइए जानते हैं कि सूर्य के इस गोचर का भारतवर्ष पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है?

सूर्य के गोचर का भारत पर प्रभाव

सूर्य वृषभ राशि में 1 महीने तक रहने वाले हैं अर्थात 15 जून 2023 तक सूर्य वृष राशि में ही बने रहेंगे। भारतवर्ष के लिए देखें तो सूर्य के गोचर के चलते देश के भीतर आंतरिक अस्थिरता देखने को मिल सकती है। जनता की बीच सरकार की पकड़ तुलनात्मक रूप से कमजोर हो सकती है। इसके बाद होने वाले मतदान विरोधी दलों की ताकत को बढ़ा सकते हैं। तापमान में भी अचानक से तेजी देखने को मिल सकती है। आगजनी इत्यादि की घटनाओं में भी इजाफा देखने को मिल सकता है। सूर्य के इस गोचर का आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा? आइए जानते हैं..

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

सूर्य आपकी कुंडली में पंचम भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में ये आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यहां पर सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला नहीं कहा जाता। सूर्य का यह गोचर आपको तीखा और चटपटा खाने की प्रवृत्ति दे सकता है। अथवा आप अपनी शारीरिक प्रकृति के विरुद्ध भोजन करने लगा सकते हैं। फलस्वरूप एसिडिटी और पेट से संबंधित कुछ समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। इस अवधि में धूप और गर्मी से भी स्वयं को बचाने की आवश्यकता रहेगी। विशेषकर आंखों की सुरक्षा के लिए जागरूक रहना फायदेमंद रहेगा। घर परिवार के लोगों के साथ संबंधों को बेहतर रखने की कोशिश भी जरूरी रहेगी। आर्थिक मामलों में भी किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है।

उपाय: मंदिर में नारियल और बादाम का दान करना शुभ रहेगा। 

वृषभ राशि

सूर्य आपकी कुंडली में चतुर्थ भाव के स्वामी होते हैं और गोचरवश ये आपके पहले भाव में आ रहे हैं। प्रथम भाव में सूर्य के गोचर को बहुत अच्छा नहीं माना गया है। ऐसी स्थिति में सूर्य का यह गोचर आपके क्रोध को बढ़ाने का काम कर सकता है। अतः इस अवधि में स्वयं को शांत रखना जरूरी रहेगा। स्वयं के व्यवहार और बर्ताव को सभ्य तथा सौम्य बनाए रखना उचित रहेगा। पेट से संबंधित कोई परेशानी न होने पाए इस बात को लेकर जागरूक रहना और उचित खान-पान अपनाना फायदेमंद रहेगा। सिर चकराना, सिर दर्द, पित्त की अधिकता, एसिडिटी जैसी परेशानियां बीच-बीच में देखने को मिल सकती हैं। उचित खानपान और योग व्यायाम के माध्यम से इन्हें नियंत्रित किया जा सकेगा। कार्य क्षेत्र के मामले में मेहनत करने के बाद संतोषप्रद परिणाम मिल सकेंगे।

उपाय: इस महीने गुड़ न खाना उपाय की तरह काम करेगा। 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मिथुन राशि

सूर्य आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होते हैं और यह गोचरवश ये आपके द्वादश भाव में जा रहे हैं। द्वादश भाव में सूर्य की गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसी स्थिति में सूर्य का यह गोचर आपको व्यर्थ में भाग दौड़ करवाने में लगा सकता है। यदि आप घूमने फिरने के शौकीन हैं तब तो यह स्थिति आपके लिए फायदेमंद हो सकती है अन्यथा व्यर्थ का भ्रमण समय और धन दोनों को व्यर्थ में खर्च करवा सकता है। सामाजिक मान प्रतिष्ठा के प्रति इस गोचर की अवधि में जागरूक रहना समझदारी का काम होगा। यद्यपि कामों में कुछ व्यवधान देखने को मिल सकता है लेकिन धैर्य पूर्वक किए गए कार्य कुछ हद तक सफलता भी दे सकते हैं। इस समय अवधि में शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में यथासंभव विवाद को टालना और विनम्रतापूर्वक काम करवाना समझदारी का काम होगा। यह गोचर आंखों से संबंधित कुछ परेशानियां भी देने का काम कर सकता है। साथ ही साथ पांव की तकलीफ विशेष पंजों के आसपास की तकलीफ भी रह सकती है।

उपाय: नियमित रूप से मंदिर जाना शुभ रहेगा।

कर्क राशि

सूर्य आपकी कुंडली में दूसरे भाव के स्वामी होते हैं और गोचरवश ये आपके लाभ भाव में गए हैं। सामान्य तौर पर लाभ भाव में सूर्य के गोचर को काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऊपर से धन भाव के स्वामी का लाभ भाव में जाना आर्थिक मामलों में काफी अच्छे परिणाम दिलाने वाला माना गया है। अतः सूर्य का यह गोचर आपको विभिन्न प्रकार से लाभ करवा सकता है। यदि आप नौकरीपेशा हैं तो पदोन्नति की संभावनाएं मजबूत होंगी। यदि कंपनी की पॉलिसी के अनुसार इस समय प्रमोशन संभव नहीं है तो आने वाले समय में इस समय अवधि में किए गए कामों का लाभ आपको मिल सकेगा। पिता और पिता तुल्य व्यक्तियों का सहयोग और मार्गदर्शन आपके लिए फायदेमंद रहेगा। स्वास्थ्य के लिहाज से भी सूर्य का यह गोचर अच्छा कहा गया है।

उपाय: मांस, मदिरा और अंडे का पूरी तरह से त्याग करना उपाय की तरह काम करेगा। 

सिंह राशि

सूर्य ग्रह आपकी लग्न या राशि के स्वामी होकर आपके दशम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। दशम भाव में सूर्य का गोचर सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला माना गया है। अतः इस गोचर की अवधि में आपका कार्यक्षेत्र काफी अच्छा रहेगा। प्रमोशन इत्यादि की संभावनाएं मजबूत होंगी। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में भी अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। किसी सरकारी कर्मचारी के सहयोग से आपको लाभ मिल सकता है। कोर्ट कचहरी से जुड़े मामलों में भी सकारात्मकता देखने को मिल सकती है। सूर्य का यह गोचर मान प्रतिष्ठा दिलाने में भी आपके लिए मददगार बन सकता है। पिता और पिता से संबंधित मामलों में भी इस समय अवधि में अनुकूलता देखने को मिल सकती है। पंचमेश के साथ दशम भाव में युति करने के कारण सहकर्मियों के साथ आपके संबंध बेहतर होंगे। किसी सहकर्मी से प्रेम होने की भी संभावनाएं हैं।

उपाय: गरीब को शनिवार के दिन काले कपड़े का दान करना शुभ रहेगा। 

कन्या राशि

सूर्य आपकी कुंडली में द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और गोचरवश सूर्य आपके भाग्य भाव में पहुंच रहे हैं। भाग्य भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं कहा गया है लेकिन हमने अपने अनुभव में पाया है कि यहां का सूर्य कोई बड़ी परेशानी भी नहीं देता है। अर्थात यहां पर सूर्य का गोचर आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। फिर भी कार्य क्षेत्र को लेकर भाग दौड़ की अधिकता रह सकती है और भाग दौड़ की तुलना में परिणाम थोड़े से कमजोर रह सकते हैं लेकिन काफी कुछ परिणाम आपके फ़ेवर में हो सकते हैं। दूर की यात्राओं के लिए किया जा रहे प्रयास में सफलता मिल सकती है। दूर के स्थान विशेष कर विदेश से संबंधित मामलों में सहजता और अनुकूलता देखने को मिल सकती है। वैसे गोचरशास्त्र नवम भाव में सूर्य की गोचर को भाग्य की हानि करवाने वाला मानते हैं लेकिन बृहस्पति की संगति में होने के कारण सूर्य कोई बड़ी प्रतिकूलता नहीं देंगे। आप अपने कर्म के अनुसार परिणाम प्राप्त करते रहेंगे।

उपाय: रविवार के दिन नमक का सेवन न करना उपाय की तरह काम करेगा। 

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

तुला राशि

सूर्य आपकी कुंडली में लाभ भाव के स्वामी होते हैं और गोचर में यह आपके अष्टम भाव में पहुंच रहे हैं। लाभ भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। अतः इस अवधि में मेहनत का ग्राफ तुलनात्मक रूप से बढ़ सकता है। आमदनी के रास्ते में भी कुछ रुकावटें देखने को मिल सकती हैं अथवा ऐसा भी हो सकता है कि आप जिस काम को कर रहे हैं वह काम भले ही पूरा हो जाए लेकिन उससे मिलने वाली आमदनी या प्रॉफिट फिलहाल प्रॉपर तरीके से आपको न मिल पाए बल्कि आने वाले कुछ समय के बाद ही उसे अच्छे परिणाम मिलने की उम्मीद नजर आए। सूर्य का यह गोचर स्वास्थ्य में भी कुछ कमजोरी देने का काम कर सकता है। विशेषकर आंखों से संबंधित कुछ परेशानियां इस गोचर की अवधि में देखने को मिल सकती हैं। इस अवधि में शासन प्रशासन से जुड़े लोगों के साथ अच्छे संबंध मेंटेन करने की कोशिश जरूरी रहेगी।

उपाय: स्वयं को क्रोध और कलह से दूर रखना उपाय की तरह काम करेगा। 

वृश्चिक राशि

कर्म स्थान का स्वामी अर्थात दशम भाव का स्वामी अपने से दशम भाव में जा रहा है। ऐसी स्थिति में व्यापार व्यवसाय से संबंधित मामलों में कुछ अनुकूलता देखने को मिल सकती है। वैसे सामान्य तौर पर सूर्य के गोचर को सप्तम भाव में अच्छा नहीं माना गया है लेकिन दशम से दशम आने के कारण सूर्य कुछ अच्छे परिणाम भी दे सकता है। किन्तु अन्य मामलों में सूर्य का यह गोचर कुछ कमजोर परिणाम दे सकता है। विवाहित होने की स्थिति में पति या पत्नी के साथ कुछ विवाद देखने को मिल सकते हैं। वहीं जो लोग विवाहित नहीं है और कोई काम साझेदारी में कर रहे हैं तो साझेदार के साथ कुछ मनमुटाव देखने को मिल सकता है। यात्राओं में कुछ परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं। हालांकि व्यापार व्यवसाय में कुछ तेजी देखने को मिलेगी लेकिन नए सिरे से कोई बड़ा व्यापारिक निर्णय इस गोचर की अवधि में लेना ठीक नहीं रहेगा। आंखों की तकलीफ या फिर सिर दर्द की शिकायतें भी बीच-बीच में देखने को मिल सकती हैं। लू लगना तथा बुखार आदि की भी संभावनाएं बन सकती हैं।

उपाय: उरविवार के दिन नमक नहीं खाना है। वैसे इस पूरे महीने ही नमक कम मात्रा में खाना उपाय की तरह काम करेगा। 

धनु राशि 

सूर्य आपके भाग्य भाव के स्वामी होते हैं और गोचर में यह आपके छठे भाव में पहुंचे हैं। सामान्य तौर पर छठे भाव में सूर्य के गोचर को काफी अच्छा माना जाता है। हालांकि भाग्य स्थान का स्वामी छठे भाव में जा रहा है, जो भाग्य से संबंधित मामलों में कठिनाइयां दे सकता है लेकिन इसके बावजूद भी सूर्य का यह गोचर आपको अच्छे परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। सूर्य के इस गोचर के चलते आपका स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है अर्थात यदि पिछले दिनों कोई स्वास्थ्य समस्या रही है तो वह आप ठीक हो सकती है। आप अपने प्रतिस्पर्धियों और अपने शत्रुओं से बेहतर स्थिति में देखे जा सकेंगे। आपकी मेहनत रंग लाएगी आपके कार्यक्षेत्र और प्रभाव में विस्तार देखने को मिल सकता है। सूर्य का यह गोचर शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में भी अनुकूलता देने का काम कर सकता है।

उपाय: बंदरों को गेहूं और गुड़ खिलाना शुभ रहेगा।

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित  से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

मकर राशि 

सूर्य आपकी कुंडली में आठवें भाव के स्वामी होते हैं और गोचर में यह आपके पांचवें भाव में जा रहे हैं। सामान्य तौर पर इस गोचर को अच्छा नहीं माना जाएगा। इस गोचर के चलते हैं मन मस्तिष्क में कभी-कभी भ्रम की स्थितियां देखने को मिल सकती हैं अथवा किसी बात को लेकर आप तनाव ग्रस्त रह सकते हैं। संतान से संबंधित मामलों में भी कुछ चिंताएं या परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। दिमाग में आए भ्रम को तथ्य और तर्कों के माध्यम से दूर करना समझदारी का काम होगा। यदि आप विद्यार्थी हैं तो पढ़ाई पर अधिक फोकस करने की आवश्यकता रहेगी। साथ ही साथ गुरुजनों और वरिष्ठों के साथ तालमेल भी बेहतर बनाने की आवश्यकता रहेगी। शोध कार्य करने वाले विद्यार्थियों को इस गोचर की अवधि में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं लेकिन अन्य विद्यार्थियों के लिए इस गोचर को कमजोर कहा जाएगा। प्रेम संबंध के मामले में भी अहंकार से बचाना फायदेमंद रहेगा।

उपाय: सरसों के तेल की आठ बूंदे कच्ची मिट्टी में टपकना शुभ रहेगा। 

कुंभ राशि

सूर्य की कुंडली में सप्तम भाव के स्वामी होते हैं और गोचर करते हुए यह आपके चतुर्थ भाव में पहुंचे हैं। सामान्य तौर पर सूर्य के गोचर को चौथे भाव में अच्छा नहीं माना जाता है। इस गोचर के चलते मन मस्तिष्क में किसी बात को लेकर तनाव रह सकता है। माता या माता से संबंधित मामलों में चिंता देखने को मिल सकती है। विशेषकर यदि माता को हृदय से संबंधित कोई परेशानी पहले से रही है तो इस अवधि में उनके स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखना जरूरी रहेगा। यदि घर गृहस्ती से संबंधित कोई परेशानी नजर आ रही है तो उसे छोटे लेवल पर ही सुलझा लेना समझदारी का काम होगा। जमीन जायदाद से जुड़े मामलों में भी जागरूक रहना समझदारी का काम होगा। बात का बतंगड़ बनाने की बजाय मामले को शुरुआत में सुलझा लेना उचित रहेगा। हालांकि सप्तमेश दशम भाव में गया है ऐसी स्थिति में पति या पत्नी के कार्य क्षेत्र से जुड़ी कुछ अच्छी खबरें सुनने को भी मिल सकती हैं।

उपाय: गरीबों की यथा समर्थ मदद करना और उन्हें भोजन करवाना शुभ रहेगा। 

मीन राशि

सूर्य आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी होते हैं और यह गोचरवश आपके तीसरे भाव में पहुंचे हैं। छठे भाव का तीसरे भाव से कनेक्शन प्रतिस्पर्धात्मक कामों में अच्छे परिणाम दिलाने का काम कर सकता है। आपका आत्मविश्वास सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा। आपके करीबी आपका सहयोग करते हुए देखे जाएंगे। ऐसे में यदि आपने अच्छी योजना बनाकर काम किया तो आप विभिन्न मामलों में अच्छी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। सूर्य का यह गोचर स्थान लाभ करवाने वाला कहा गया है। अतः वाहन इत्यादि से संबंधित मामलों में अनुकूलता देखने को मिल सकती है। आप मनचाही जगह पर घूमने फिरने के लिए जा सकते हैं। स्वास्थ्य भी सामान्य तौर पर अच्छा रह सकता है। शासन प्रशासन से जुड़े व्यक्ति आपके सहयोग में देखे जा सकेंगे। आप प्रतिस्पर्धात्मक कामों में बेहतर स्थिति में नजर आ सकेंगे। सामाजिक पद प्रतिष्ठा के दृष्टिकोण से भी इस गोचर को अच्छा माना जाएगा।

उपाय: पिता की सेवा करें साथ ही साथ पिता और पिता तुल्य व्यक्तियों को दूध तथा चावल खिलाना उपाय की तरह काम करेगा।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. क्या सूर्य वृषभ राशि में मजबूत है?

उत्तर 1. वृषभ राशि में सूर्य वाले व्यक्ति आमतौर पर मजबूत इरादों वाले, दृढ़निश्चयी और व्यावहारिक होते हैं।

प्रश्न 2. सूर्य का वृषभ राशि में गोचर कब हो रहा है?

उत्तर 2. सूर्य का वृषभ राशि में गोचर 14 मई 2027 को होगा।

प्रश्न 3. सूर्य का गोचर कितने समय तक रहता है?

उत्तर 3. सूर्य एक राशि में एक महीने तक मौजूद रहते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.