मिथुन राशि में एक साथ होंगे शुक्र-सूर्य-बुध, जानें 12 राशियों पर शुभ व अशुभ प्रभाव

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको सूर्य, शुक्र और बुध की मिथुन राशि में युति के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि इस युति का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रभाव से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को इस युति से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि सूर्य, शुक्र व बुध की युति 15 जून 2024 को मिथुन राशि में होने जा रही है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

शुक्र-सूर्य-बुध की युति के शुभ व अशुभ परिणाम

किसी भी व्यक्ति में सूर्य-बुध-शुक्र की युति एक आकर्षक व्यक्तित्व को दर्शाती है। जिन जातकों की कुंडली में यह युति बनती है वे सभी प्रकार के विषयों में अपनी राय रखना पसंद करते हैं। ऐसे जातकों को रचनात्मक कार्यों को करने में शांति व संतुष्टि प्राप्त होती है। ये जातक जब किसी से संवाद करते हैं तो लोग इनके ऊंचे स्वरों से इनकी ओर जल्द आकर्षित हो जाते हैं। सूर्य, शुक्र व बुध की यह युति मिथुन राशि में हो रही है और मिथुन राशि संचार का प्रतीक है इसलिए इस अवधि के दौरान जातक में ये गुण देखने को मिलेंगे। बुध और शुक्र एक मित्र राशि है लेकिन सूर्य दोनों के प्रति शत्रुता का भाव रखते हैं और इसके चलते दोनों ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा कम हो जाती है। जिन लोगों के एक ही भाव में ये तीन ग्रह होते हैं, वे बहुत अधिक क्रोधी और फिजूल की बातें करने वाले होते हैं।

इसके अलावा, नकारात्मक पक्ष की बात करें तो, ये जातक दूसरों के प्रति ईर्ष्या का भाव रखते हैं। ये लोग बेवजह की यात्रा करने में अपना समय व्यतीत कर सकते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि ये जातक आकर्षक, संचारी और मधुर वाणी बोलने में चतुर होते हैं, लेकिन ये घर से भागने, गैर-धार्मिक प्रवृत्ति, अवैध संबंध जैसी बुराइयों और असामाजिक गतिविधियों में भी लिप्त हो सकते हैं। इन जातकों को कई बार लोगों के बुराइयां और दुखों का सामना करना पड़ता है और यह इसलिए क्योंकि ये अपने ज्ञान और संबंधों का दुरुपयोग करने की आदत और सिर्फ अपनी परवाह करने की प्रवृत्ति रखते हैं।

हालांकि यह युति अत्यंत शानदार और सृजनात्मक युति है। बुध और शुक्र कुशल और रचनात्मक ग्रह हैं। सूर्य आत्मा के कारक हैं इसलिए इन व्यक्तियों को रचनात्मक गतिविधियों में शांति मिलती है। ये अक्सर रचनात्मक से जुड़े क्षेत्र में करियर बनाना पसंद करते हैं या अपने शौक को करियर में बदलते हैं। यह युति अक्सर संगीतकारों, कलाकारों, डिजाइनरों आदि की कुंडली में होती है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा 

जानें शुभ ग्रहों की युति से कौन से राजयोगों का होता है निर्माण

यह युति अक्सर कई कलाकारों, अभिनेताओं और गायकों की कुंडली में मौजूद होती है। यह युति अमिताभ बच्चन, रवीना टंडन आदि की कुंडलियों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। आइए हम 90 के दशक की प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन की कुंडली का उदाहरण लेकर जानते हैं।

यदि हम रवीना टंडन की कुंडली देखें तो यह धनु लग्न की हैं और शुक्र-सूर्य-बुध एक साथ इनके ग्यारहवें भाव में मंगल के साथ युति कर रहे हैं। उनकी कुंडली में कई राजयोग मौजूद हैं जैसे कि तीसरे भाव में गजकेसरी राजयोग, दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी शुक्र और बुध की युति एक राजयोग बनाती है, जिसे लक्ष्मी योग के रूप में जाना जाता है। सूर्य और बुध बुधादित्य योग का निर्माण करते हैं। वहीं सूर्य और शुक्र ग्रह से नीच भंग राजयोग बनता है। इन ग्रहों के साथ मंगल की युति भी कालाकार योग को जन्म देती है और यह तो सभी जानते हैं कि रवीना टंडन अपने समय की काफी मशहूर अभिनेत्री रह चुकी हैं।

बता दें कि इस बार शुक्र-बुध-सूर्य की युति मिथुन राशि में होने जा रही है और इसके चलते त्रिग्रही योग सहित दो अन्य राजयोगों का निर्माण होगा। सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य राजयोग। शुक्र-बुध की युति से लक्ष्मी नारायण राजयोग। यदि बुध केंद्र भाव (पहले, चौथे, सातवें, और दसवें) में स्वराशि में मौजूद हो तो भद्र राजयोग का निर्माण होता है।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

मिथुन राशि में शुक्र-सूर्य-बुध: सभी राशियों पर प्रभाव

मेष राशि

सूर्य आपके पांचवें भाव पर, शुक्र दूसरे और सातवें भाव पर और बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। यह युति मेष राशि के जातकों के तीसरे भाव में बनेगी। तीसरे भाव में बुध और शुक्र की युति के अनुकूल प्रभाव के कारण मेष राशि के जातकों के लिए कई लाभकारी परिणाम प्राप्त होंगे। मेष राशि के जातकों की कुंडली में इस युति के बनने के परिणामस्वरूप, ये बहुत उत्कृष्ट संचारक होते हैं। स्वभाव में सामाजिक और आकर्षक होने के चलते आपके भाई-बहनों, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ आपके रिश्ते बेहतर होंगे। यह युति आपको बुद्धिमान, चतुर और कूटनीतिक बनाकर आपके स्किल्स को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

मेष राशि के जो जातक लेखन, शिक्षा, सार्वजनिक रूप से बोलना और पत्रकारिता जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, उनके लिए यह युति बहुत अधिक लाभकारी साबित होगी। वे अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे। यह युति एक आकर्षक और शक्तिशाली व्यक्तित्व का निर्माण करता है।

वृषभ राशि

शुक्र-बुध-सूर्य इन तीन सकारात्मक ग्रहों की युति वृषभ राशि के जातकों के लिए कमाई के दूसरे भाव में होगी। इस युति के परिणामस्वरूप आपकी वाणी में मधुरता और सकारात्मकता देखने को मिलेगी, जिससे आप व्यक्तिगत और व्यावसायिक रूप से तेज़ी से आगे बढ़ेंगे। परिवार के सदस्यों के साथ आपके रिश्ते बेहतर होंगे। पारिवारिक झगड़े भी सुलझ सकते हैं। आर्थिक जीवन में आपको स्थिरता देखने को मिलेगी। आशंका है कि आपके वेतन में भी वृद्धि हो। व्यापार में लाभ के अवसर मिलेंगे और कार्यक्षेत्र का माहौल शानदार रहेगा। जीवनसाथी के साथ भी आपके रिश्ते बेहतर होंगे। यदि आप अविवाहित हैं तो विवाह के योग बन सकते हैं।

मिथुन राशि

मिथुन राशि में पहले भाव में सूर्य, बुध और शुक्र की युति बहुत लाभकारी प्रभाव डाल सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सूर्य, बुध और शुक्र सभी शुभ ग्रह हैं, और पहला भाव स्वयं का भाव होता है। बुध आपकी कुंडली के पहले और चौथे भाव के स्वामी होने के कारण आपके आत्मविश्वास में वृद्धि करेगा, समाज में सम्मान मिलेगा और आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा। आप समाज में अपना अलग स्थान बनाने में सफल रहेंगे।

शुक्र और सूर्य पांचवें और तीसरे भाव के स्वामी होने के कारण आपके व्यक्तित्व में और अधिक आकर्षक देखने को मिलेगा। यदि आप मीडिया, साहित्य या किसी अन्य कलात्मक क्षेत्र में काम करते हैं, तो इस अवधि के दौरान आपके स्किल्स में बहुत अधिक सुधार देखने को मिलेगा। यह अवधि खुद का व्यापार करने वाले जातकों के लिए शानदार साबित होगी। आपका कारोबार तेज़ी से बढ़ेगा। हालांकि, नौकरीपेशा जातकों को बहुत अधिक मेहनत करने पर ध्यान देना होगा। इस अवधि आपको अपनी संतान पर कड़ी नज़र रखने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि उसकी संगति खराब होने की संभावना है।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए शुक्र-सूर्य-बुध की युति बारहवें भाव में होगी। यह आपके लिए बहुत सकारात्मक संयोग नहीं कहा जा सकता है। इस अवधि के दौरान आप विदेश यात्रा पर जा सकते हैं लेकिन आपको विदेश से सकारात्मक परिणाम प्राप्त न होने की संभावना है। इसके अलावा, आपकी यात्रा में कुछ देरी हो सकती है। यह युति आपके बारहवें में होगी और इसके परिणामस्वरूप, कन्या राशि के जातकों को आर्थिक जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है या आपको वित्तीय नुकसान हो सकता है। आप कुछ मामलों में झूठ बोल सकते हैं या लोगों से कोई बड़ी सच्चाई छिपा सकते हैं। यह युति कर्क राशि के कुछ जातकों के लिए सामाजिक अपमान ला सकती है।

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। बुध आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और सूर्य लग्न के स्वामी हैं। मिथुन राशि में ग्यारहवें भाव में शुक्र-बुध-सूर्य की युति हो रही है। इसके परिणामस्वरूप, आपकी वाणी में मधुरता देखने को मिलेगी और तार्किक होकर विचार करेंगे। इसके साथ ही, दूसरों के साथ व्यवहार करते समय आपके अंदर विनम्रता देखने को मिलेगी और इस तरह आपके व्यक्तित्व में आकर्षण देखने को मिलेगा। 

कुल मिलाकर सिंह राशि के जातकों के कुंडली में यह युति बेहतर संचार का आशीर्वाद प्रदान करेगी, जिसके चलते आपको प्रेम जीवन में भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। आप सबसे प्रतिभाशाली लेखकों, संगीतकारों और अभिनेताओं में से एक हो सकते हैं। यह एक अत्यंत शुभ संयोग है। इसके अलावा, सिंह राशि के जातकों को इस अवधि के दौरान पदोन्नति के साथ-साथ नौकरी में अच्छे अवसर प्राप्त हो सकते हैं, जिससे आपकी वित्तीय में स्थिरता आएगी।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र-बुध-सूर्य की युति यह दर्शाती है कि बुध बुद्धि का ग्रह है और शुक्र सौंदर्य और रिश्तों का ग्रह है जबकि सूर्य हमारे अहंकार और आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है। जब शुक्र, बुध और सूर्य एक साथ युति में होते हैं तो यह बहुत शुभ और लाभकारी परिणाम प्रदान करते हैं क्योंकि सभी ग्रह एक-दूसरे की जीवंत ऊर्जा और रचनात्मकता को बढ़ाने की क्षमता रखते हैं। साथ ही, कला, स्किल्स, संगीत और रोमांस जैसे गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस युति के फलस्वरूप कन्या राशि के जातक व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों क्षेत्रों में अपनी रचनात्मकता, बुद्धिमत्ता और संचार के बल पर अच्छा धन अर्जित करने में सक्षम होंगे और साथ ही, उन्हें सफलता  भी प्राप्त होगी। 

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित  से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र-सूर्य-बुध की युति नौवें भाव में होगी। ये जातक इस अवधि आमतौर पर महंगे खेल या खेल खेलने के इच्छुक होंगे। शुक्र और बुध पहले और नौवें भाव के स्वामी हैं, सूर्य ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। यह युति आपके नौवें भाव में होगी। इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति संगीत, ब्यूटी पार्लर, फिल्म, चार्टर्ड अकाउंटेंसी, लेखन आदि के माध्यम से अच्छी कमाई करने में सक्षम होंगे। इन क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्तियों को करियर में तरक्की देखने को मिलेगी और आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिलेगा। जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें दोगुना मुनाफा होगा।

चूंकि यह युति आपके नौवें भाव में बन रही है इसलिए आपको निश्चित रूप से लंबी और छोटी दूरी की यात्राएं करनी पड़ सकती है और इस बात की भी प्रबल संभावना है कि आपको विदेश जाने का भी मौका मिले। तुला राशि के जो छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की इच्छा रख रहे हैं, उनकी यह इच्छा पूरी होगी। आप व्यावसायिक या घूमने के लिए विदेश यात्रा पर जा सकते हैं क्योंकि बुध बारहवें भाव के स्वामी भी हैं।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के आठवें भाव में बुध, शुक्र और सूर्य की युति होने से इस दौरान आप रिसर्च के क्षेत्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे। यह युति आपको अद्भुत संचार क्षमता प्रदान कर सकती है और यदि आप एक स्टैंड अप कॉमेडियन हैं तो यह अवधि आपके करियर को समर्थन दे सकती है। इस गोचर के दौरान आपको अपने कार्यस्थल पर सहकर्मियों का सहयोग प्राप्त होगा। हालांकि, आपको याद रखना चाहिए कि मजाक में भी किसी का मज़ाक न उड़ाएं, क्योंकि किसी के दिल को ठेस पहुंच सकती है और वह आपसे नाराज़ हो सकता है और आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

तीन ग्रहों की यह युति आपके पारिवारिक जीवन में सौहार्द्र प्रदान करेगी क्योंकि ये सभी ग्रह दूसरे भाव पर सीधी दृष्टि डालेंगे। व्यावसायिक दृष्टिकोण से यह समय बेहद उत्तम समय रहेगा। 

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए वाणी और संचार का ग्रह बुध, चौथे भाव के स्वामी शुक्र और नौवें भाव के स्वामी सूर्य सातवें भाव में स्थित होंगे। व्यापार, सौंदर्य और स्वयं के कारक ये तीन ग्रह जैसे ही सातवें भाव में प्रवेश करेंगे, आपका व्यापार दिन दूना रात चौगुना फलेगा-फूलेगा। आपका परिचय नए-नए लोगों से होगा जो आपके बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपकी मदद करेंगे।

यदि आप खुद का व्यवसाय करते हैं, तो आपको बहुत अधिक मुनाफा होगा और यदि आप पार्टनरशिप में व्यवसाय कर रहे हैं, तो कोई नया पार्टनर आपके साथ जुड़ सकता है और उनके साथ आपके संबंध भी काफी अच्छे बने रहेंगे। हालांकि, सावधान रहें क्योंकि ऐसा समय भी आ सकता है जिससे आपके रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं और इसका बुरा असर आपके व्यवसाय पर पड़ सकता है। इस युति से उन लोगों को भी लाभ होगा जो नौकरीपेशा हैं।

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य-बुध-शुक्र की युति प्रतियोगिता के छठे भाव में होगी। ग्रहों का यह संयोग आपके आत्मविश्वास में वृद्धि करेगा, समाज में मान-सम्मान बढ़ाएगा और आपके सामाजिक दायरे का विस्तार करेगा। आप समाज में अपना अलग स्थान बनाने में सफल रहेंगे। यदि आप मीडिया, साहित्य या किसी अन्य कलात्मक क्षेत्र से जुड़े है, तो इस अवधि में आपके स्किल्स में शानदार सुधार देखने को मिलेगा। खुद का व्यवसाय करने वाले जातकों के लिए एक उत्कृष्ट अवधि साबित होगी। आपका कारोबार तेज़ी से बढ़ेगा। हालांकि, नौकरीपेशा लोगों को अधिक मेहनत करने पर ध्यान देना होगा।

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए बुध-शुक्र-सूर्य की युति आपके पांचवें भाव में होगी। तीनों ग्रह आपके ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डालेंगे। इसके परिणामस्वरूप, कार्यस्थल पर अपने वरिष्ठों के साथ आपके संबंध मधुर होंगे और आपको इससे लाभ होगा। इसके चलते आपको पदोन्नति प्राप्त हो सकती है। इस दौरान आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा और आप सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहेंगे।

कुंभ राशि के छात्र इस अवधि एक चित्त होकर अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिसके चलते आप पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे और आपको अच्छे परिणाम भी प्राप्त होंगे। इस युति के फलस्वरूप, अपने बच्चों के साथ आपका रिश्ता बेहतर होगा। हालांकि, कोशिश करें कि आपके बच्चे के अंदर अहंकार की भावना न आए क्योंकि सूर्य की उपस्थिति से ऐसा होने की संभावना है।

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र-सूर्य-बुध की युति चौथे भाव में होगी और इसके परिणामस्वरूप, आपको जीवन में अचानक वृद्धि प्राप्त होगी। ये सभी ग्रह करियर के दसवें भाव पर सीधी दृष्टि डालेंगे और कार्यस्थल पर आपकी प्रतिष्ठा बढ़ाएं और आप उच्च मूल्य स्थापित करने में सक्षम होंगे। आपकी नेतृत्व करने की क्षमता बेहतरीन होगी। कार्यक्षेत्र में आप महत्वूपर्ण भूमिका निभाएंगे।

जैसे ही यह युति विलासिता के चौथे भाव में होगी, आपकी सामाजिक स्थिति में वृद्धि होगी। इस बात की अच्छी संभावना है कि आप इस अवधि ज़मीन, संपत्ति या वाहन खरीदें। आपकी सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। यदि आप रचनात्मक क्षेत्रों में अपना करियर बनाने वाले व्यक्ति हैं तो यह आपके करियर के लिए बहुत अच्छा समय होगा।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

प्रश्न 1. सूर्य-बुध-शुक्र की युति व्यक्ति को क्या गुण देती है?

उत्तर. यह युति व्यक्ति को आकर्षक और रचनात्मक बनाती है।

प्रश्न 2. क्या यह युति व्यक्तियों को प्रसिद्धि दिलाती है?

उत्तर. जी हां, कई मशहूर हस्तियों की कुंडली में यह योग मौजूद होता है।

प्रश्न 3. क्या सूर्य और शुक्र एक दूसरे के मित्र हैं?

उत्तर. नहीं, सूर्य और शुक्र शत्रु ग्रह हैं लेकिन फिर भी सकारात्मक परिणाम देते हैं।

प्रश्न 4. शुक्र का मिथुन राशि में गोचर कब होगा?

उत्तर. शुक्र का मिथुन राशि में गोचर 12 जून 2024 को होगा।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.