इस दिन लगेगा साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण, जानें तिथि व समय

सूर्य ग्रहण 2024: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और चंद्र ग्रहण को अत्यंत अशुभ माना गया है जो कि मनुष्य जीवन के साथ-साथ देश-दुनिया को भी प्रभावित करते हैं। हम सब इस बात को भली-भांति जानते हैं कि सूर्य और चंद्र ग्रहण समय-समय पर लगते रहते हैं और इसी क्रम में, बीते अप्रैल में साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था और अब जल्द ही वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको वर्ष 2024 के दूसरे एवं अंतिम सूर्य ग्रहण के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि, समय आदि। इसके अलावा, सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभावों से कैसे बचा जा सकता है? इसकी जानकारी भी हम आपको देने जा रहे हैं।

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जैसे कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि इस साल का पहला सूर्यग्रहण 8 अप्रैल 2024 को लगा था। यह सूर्य ग्रहण बेहद खास था जो कि 57 सालों के बाद पड़ा था, लेकिन इसे भारत में नहीं देखा जा सका था। अब इस साल का दूसरा ग्रहण बेहद विशेष होने वाला है और यह वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण भी होगा। साल का दूसरा सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा और यह देखने पर रिंग के आकार का दिखाई देगा। अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको अवगत करवाते हैं कि वर्ष 2024 का यह दूसरा सूर्य ग्रहण कब पड़ेगा और क्या यह भारत में दिखाई देगा? चलिए जानते हैं।

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साल के दूसरा सूर्य ग्रहण का तिथि एवं समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानी कि 02 अक्टूबर 2024 को बुधवार के दिन पड़ेगा। भारतीय समय के मुताबिक, इस सूर्य ग्रहण का आरंभ रात 09 बजकर 13 मिनट पर होगा जबकि इसका अंत देर रात 03 बजकर 17 मिनट पर हो जाएगा। हम आपको बता चुके हैं कि यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जिसकी कुल अवधि 6 घंटे 4 मिनट होगी। आइए जानते है वलयाकार सूर्य ग्रहण के बारे में।

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क्या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण?

वैज्ञानिक दृष्टि से, वलयाकार सूर्य ग्रहण को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि जब वलयाकार सूर्य ग्रहण लगता है, उस समय आसमान में सूर्य एक आग के छल्ले के समान दिखाई देता है जिसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है। इस ग्रहण के दौरान सूर्य एक चमकदार अंगूठी की तरह प्रतीत होता है। 

हालांकि, वलयाकार सूर्य ग्रहण एक अद्भुत और दुर्लभ घटना होती है जो उस समय घटित होती है जब सूर्य के सामने चंद्रमा आ जाता है, लेकिन सूरज को पूरी तरह से ढक नहीं पाता है। इस ग्रहण के तहत चंद्रमा सूर्य केअधिकांश हिस्से को ढक लेता है, लेकिन सूर्य का बाहरी हिस्सा ढक नहीं पाता है और इसे धरती से देखने पर सूर्य एक चमकदार रिंग के समान नज़र आता है।

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क्या भारत में देखा जा सकेगा दूसरा सूर्य ग्रहण?

वर्ष 2024 में लगने वाले पहले सूर्य ग्रहण की तरह ही साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा। लेकिन, भारत को छोड़कर इस सूर्य ग्रहण को,अर्जेंटीना, आर्कटिक, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर, पेरू और फिजी आदि देशों में देखा जा सकेगा।

नोट:  वलयाकार सूर्यग्रहण को कभी भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। ऐसे में, आप इस सूर्य ग्रहण को देखने के लिए विशेष चश्मों का उपयोग कर सकते हैं।

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क्या सूतक काल मान्य होगा?

अक्टूबर में लगने वाला यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। धर्म ग्रंथों में सूतक काल को अशुभ माना जाता है और इस अवधि में उनके कार्यों को करना वर्जित होता है। सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले जबकि चंद्र ग्रहण का सूतक काल 09 घंटे पहले शुरू हो जाता है।

ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें?

  • ग्रहण के दौरान तेल मालिश करने से बचना चाहिए। साथ ही, अपने बाल, दाढ़ी या नाखून भी नहीं काटने चाहिए।
  • संभव हो, तो ग्रहण लगने पर किसी भी तरह की यात्रा करने से परहेज़ करें।
  • ग्रहण के शुरू होने से पहले आपको दूध, दही, घी, अचार, चटनी, मुरब्बा जैसे खाद्य पदार्थों में कुशा या तुलसी के पत्ते रखने चाहिए।
  • आप बीमार होने की स्थिति में दवाई का सेवन कर सकते हैं।
  • अगर आप गर्भवती हैं, तो ग्रहण की अवधि या सूतक काल में किसी तरह की कटाई-सिलाई, बुनाई आदि कार्य न करें। साथ ही, इस दौरान सोने से भी बचें।
  • ग्रहण की अवधि में आप धार्मिक ग्रंथो का पाठ या मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
  • ग्रहण समाप्त होने के बाद पीने का पानी ताज़ा भरना चाहिए।

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सूर्य ग्रहण के दौरान करें ये सरल उपाय 

  • सूर्य ग्रहण के दौरान आप राहु-केतु के मंत्रों का जाप करें। इसके अलावा, सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य मंत्रों का जाप करना फलदायी रहेगा।
  • ग्रहण के दौरान ईश्वर का स्मरण और दान आदि करना शुभ माना जाता है। आप अपनी इच्छा से राशि अनुसार दान कर सकते हैं।
  • सूर्य ग्रहण के दिन गेहूं का दान करने से आर्थिक लाभ की प्राप्ति होती है। साथ ही, मान-सम्मान भी मिलता है।
  • सूर्य ग्रहण के दौरान योग-ध्यान आदि करना लाभदायक साबित होगा है क्योंकि सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है।  
  • इस ग्रहण के समाप्त होने के बाद स्नान अवश्य करें।

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हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. साल का दूसरा सूर्य ग्रहण कब है?

उत्तर 1. इस वर्ष का दूसरा एवं अंतिम सूर्य ग्रहण 02 अक्टूबर 2024, बुधवार को लगेगा।

प्रश्न 2. क्या यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा?

उत्तर 2. नहीं, यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा।

प्रश्न 3. सूर्य ग्रहण कितने प्रकार के होता है?

उत्तर.3 सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार हैं: आंशिक, वलयाकार और पूर्ण।

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