10 जून का दिन बहुत मायनों में खास रहने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन वट सावित्री व्रत भी पड़ रहा है और साथ ही शनि जयंती भी है। इन सब के अलावा इसी दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। चूंकि सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है जिसमें सभी तरह के मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं।
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ऐसे में आपके मन में ये सवाल उठना बिल्कुल स्वाभाविक है कि क्या सूर्य ग्रहण के दौरान वट सावित्री व्रत और शनि जयंती की पूजा की जा सकेगी। आज हम आपको इस लेख में इसी सवाल का जवाब देने वाले हैं लेकिन उससे पहले शनि जयंती और वट सावित्री का महत्व जान लेते हैं।
शनि जयंती और वट सावित्री
प्रत्येक साल हिन्दू पंचांग के अनुसार वट सावित्री और शनि जयंती का पर्व ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को मनाया जाता है। साल 2021 में ये दोनों ही पर्व 10 जून को पड़ रहे हैं। वट सावित्री व्रत का सुहागन महिलाओं के बीच काफी महत्व है। इस दिन वे वट वृक्ष की पूजा कर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं और व्रत रखती हैं। हालांकि अब इस पर्व को कुंवारी लड़कियां और विधवा महिलाएं भी मनाती हैं।
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वहीं शनि जयंती का पर्व भगवान शनि को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शनि का जन्म हुआ था। वैदिक ज्योतिष में शनि को एक शुभ ग्रह के तौर पर नहीं देखा जाता है। आम लोग शनि की दृष्टि से भय खाते हैं। हालांकि शनि सिर्फ अशुभ ही नहीं करते हैं बल्कि अगर उनकी कृपा हो जाये तो जातकों की किस्मत चमक जाती है। ऐसे में शनि जयंती का महत्व काफी बढ़ जाता है।
आइये अब आपको साल 2021 के पहले सूर्य ग्रहण के बारे में थोड़ी सी जानकारी दे देते हैं।
सूर्य ग्रहण
साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा और ये 10 जून को ही लगने जा रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह सूर्य ग्रहण विक्रम संवत 2078 के वैशाख महीने की अमावस्या तिथि को लगने जा रहा है। 10 जून को यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर के 01 बजकर 42 मिनट से शाम के 06 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।
वहीं साल का पहला सूर्य ग्रहण अमेरिका के उत्तरी भाग, उत्तरी कनाडा, यूरोप, ग्रीनलैंड, रूस और एशिया में आंशिक तौर पर नजर आने वाला है। चूंकि भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा इसलिए इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल भी इस दौरान मान्य नहीं होगा।
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ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चूंकि साल के पहले सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल मान्य नहीं होगा ऐसे में वट सावित्री व्रत और शनि जयंती पर भगवान शनि की आराधना में किसी भी तरह की कोई पाबंदी नहीं रहेगी। आप इस दिन दोनों ही पर्वों के दौरान विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें।
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