सूर्य का तुला राशि में गोचर: राशि सहित देश-दुनिया पर शुभ अशुभ प्रभाव

सूर्य का तुला राशि में गोचर: राशि सहित देश-दुनिया पर शुभ अशुभ प्रभाव

एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको सूर्य का तुला राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि सूर्य के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा।

बता दें कुछ राशियों को सूर्य के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में सूर्य ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।

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बता दें कि सूर्य का तुला राशि में गोचर 17 अक्टूबर 2025 की दोपहर 01 बजकर 36 मिनट पर होगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।

वैदिक ज्योतिष के सूर्य को कुंडली की आत्मा माना जाता है और यह आत्मन यानी हमारे भीतर के स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य स्वाभाविक रूप से अधिकार, जीवन-शक्ति, नेतृत्व क्षमता, अहंकार, पिता, सरकार प्रसिद्धि और आत्मविश्वास का कारक माना जाता है।

सूर्य हमारी इच्छा शक्ति, व्यक्तित्व और दुनिया में खुद को किस तरह प्रस्तुत करते हैं, इसका कारक होता है। कुंडली में यदि सूर्य मजबूत हो तो व्यक्ति को साहस, नेतृत्व क्षमता, पहचान, आत्मविश्वास और भरपूर ऊर्जा मिलती है।

वहीं अगर सूर्य कमज़ोर या पाप ग्रहों से प्रभावित हो तो व्यक्ति को अहंकार से जुड़ी समस्याएं, आत्मसम्मान की कमी, बड़े-बुजुर्ग या अधिकारियों से टकराव, या फिर हृदय, हड्डियों और आंखों से संबंधित स्वास्थ्य परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।

सूर्य का तुला राशि में गोचर: विशेषताएं

जिन लोगों की कुंडली में सूर्य तुला राशि में स्थित होता है, उनके जीवन में संतुलन बेहद जरूरी होता है। हालांकि, सूर्य इस राशि में नीच का होता है, लेकिन यह आपको आशावादी बनाता है। साथ ही, कभी-कभी आपको अस्थिर और निर्णय लेने में असमर्थ भी बना देता है।

ऐसे लोग सामान्यतः खुशमिजाज होते हैं, हर किसी में अच्छाई देखते हैं और उनसे आसानी से जुड़ जाते हैं। लेकिन कई बार दूसरों से बातचीत करते समय चिड़चिड़े या परेशान भी हो जाते हैं।

तुला राशि की सबसे बड़ी विशेषता है सामाजिकता, जो कभी-कभी आपके स्वभाव में अस्थिरता ला सकती है। आप में लोगों को खुश करने की प्रवृत्ति होती है, जिस वजह से दूसरों से गहरी प्रतिबद्धता करना कठिन हो जाता है।

आप कामों को टालने और इधर-उधर चीज़ें इकट्ठा करने की आदत भी रख सकते हैं। जब चीज़ें आपके हिसाब से नहीं चलतीं, तो आप खुद पर संदेह करने लगते हैं और महसूस करते हैं कि सब आपके खिलाफ है या दुनिया आपके लिए खत्म हो रही है। 

आप कभी-कभी बिना सोचे समझे बोलकर लोगों की भावनाएं आहत कर सकते हैं। किसी भी परिस्थिति में आप बहुत चुनिंदा होते हैं और अक्सर वहीं निर्णय लेते हैं, जो आपके हित में हों। अगर आप दूसरों की राय को महत्व नहीं देंगे, तो आपको स्वार्थी भी माना जा सकता है। इसके अलावा, हर प्रतिस्पर्धा में जीतने की चाहत आपको अक्सर निर्णय हीन बना देती है।

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सूर्य का तुला राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पांचवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर के दौरान यह सातवें भाव में तुला राशि में प्रवेश करेगा। सामान्य तौर सूर्य का तुला राशि में सातवें भाव में होना शुभ नहीं माना जाता है। इसके साथ ही, सूर्य तुला में नीच का भी होता है, जिससे इसका प्रभाव और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इन दोनों स्थितियों को मिलाकर देखा जाए तो आपको इस समय अपने पेशेवर और व्यावसायिक संबंधों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होगी। 

यदि आप विवाहित हैं, तो इस अवधि में अपने जीवनसाथी के साथ सावधानी और जागरूकता से व्यवहार करें। एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें और आपसी तालमेल बनाए रखें। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह समय आपको थोड़ा सतर्क रहने की सलाह देता है। इस दौरान आपको बुखार, सिरदर्द या थकान जैसी छोटी-मोटी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य गोचर कुछ चुनौतियां लेकर आ सकता है। सूर्य आपके तीसरे भाव के स्वामी हैं और इस समय यह तुला राशि में आपके पांचवें भाव में गोचर करेगा। पांचवें भाव में सूर्य का गोचर शुभ नहीं माना जाता है और तुला में सूर्य के नीच का होने से इसकी नकारात्मकता और बढ़ जाती है। इस दौरान आपको विशेष रूप से अपने भाई-बहनों और पड़ोसियों के साथ संबंधों में सावधानी बरतनी होगी।

किसी भी तरह का वाद-विवाद या मनमुटाव आपको मानसिक रूप से परेशान कर सकता है। प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव रह सकते हैं और छात्रों के लिए पढ़ाई से संबंधित कठिनाइयां सामने आ सकती हैं। बच्चों की ओर से भी कुछ चिंता उत्पन्न हो सकती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह समय पेट और आंतों से संबंधित तकलीफें ला सकता है। कभी-कभी आपको आत्मविश्वास की कमी महसूस होगी और मन निराशा से भर सकता है।

साथ ही कोई अप्रिय समाचार भी आपको बेचैन कर सकता है। ऐसे में सबसे ज़रूरी है कि आप धैर्य और संयम बनाए रखें। किसी भी परिस्थिति में जल्दबाजी में निर्णय न लें और हर काम को सावधानी से करें। यह समय सिखाएगा कि सतर्क रहकर और शांति बनाए रखते हुए मुश्किल परिस्थितियों को भी आसानी से संभाला जा सकता है।

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों, सूर्य आपके जन्म कुंडली में धन भाव यानी दूसरे भाव के स्वामी हैं और इस समय यह तुला राशि में आपके चौथे भाव में नीच का होकर प्रवेश करेगा। सूर्य का चौथे भाव में गोचर शुभ नहीं माना जाता है और तुला राशि में इसके नीच होने से स्थिति और अधिक चुनौतीपूर्ण बन सकती है। इस दौरान आपको विशेष रूप से अपने घर-परिवार और घरेलू जीवन से जुड़े मामलों में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। 

यदि आपकी माता पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रही हैं तो जरा सी लापरवाही भी बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है, इसलिए उनकी देखभाल और ज्यादा ध्यान से करनी होगी। पारिवारिक विवाद ये घरेलू मतभेद इस समय बढ़ सकते हैं, इसलिए बुद्धिमानी इसी में है कि किसी भी मुद्दे को समय रहते शांतिपूर्वक सुलझा लिया जाए ।

इस अवधि में संपत्ति, जमीन-जायदाद या घर से संबंधित मामलों में भी तनाव की स्थिति बन सकती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह समय संवेदनशील हो सकता है, खासकर उन जातकों के लिए जिन्हें पहले से हृदय या सीने से जुड़ी समस्या रही हो। ऐसे में मानसिक और शारीरिक तनाव से बचना बेहद ज़रूरी होगा। इस गोचर के दौरान धैर्य, परिपक्वता और समझदारी ही आपके सबसे बड़े हथियार साबित होंगे। चाहे मामला परिवार का हो या आर्थिक, शांत मन से निर्णय लेना ही आपको सफलता दिलाएगा।

सिंह राशि 

सिंह राशि वाले जातकों के लिए सूर्य सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है क्योंकि यह आपकी लग्न राशि के स्वामी हैं। अब सूर्य तुला राशि में प्रवेश कर आपके तीसरे भाव में आएगा। यहां आकर यह नीच का हो जाएगा यानी इसकी शक्ति कुछ कमजोर हो जाएगी। सामान्य तौर पर सूर्य का तीसरे भाव में होना अच्छा माना जाता है, लेकिन इसके नीच होने के कारण कुछ नकारात्मक असर भी देखने को मिल सकते हैं। अब पहले बात करते हैं इसके अच्छे फलों की। 

सूर्य का तीसरे भाव में होना आपके अंदर हिम्मत, आत्मविश्वास और पहल करने की शक्ति बढ़ाता है। इस समय आपकी बातचीत और लोगों से रिश्ते बनाने का कला बेहतर हो सकती है। साथ ही प्रशासन या सरकार से जुड़े कामों में भी आपको फायदे मिल सकते हैं। लेकिन चूंकि सूर्य यहां नीच का है इसलिए जरूरी है कि आप सरकारी अफसरों या अधिकारियों से तालमेल अच्छे से रखें और किसी तरह का विवाद न करें। आपके आत्मविश्वास में इजाफा जरूर होगा, लेकिन ध्यान रखें कि अति आत्मविश्वास से नुकसान भी हो सकता है।

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कन्या राशि

कन्‍या राशि वालों इस बार सूर्य गोचर आपके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण रह सकता है। आपकी कुंडली में सूर्य बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब तुला राशि में जातक दूसरे भाव में प्रवेश करेंगे, जहां यह नीच का हो जाएगा। दूसरे भाव में सूर्य का नीच होना वैसे भी शुभ नहीं माना जाता है और ऊपर से बारहवें भाव के स्वामी यहां आकर आपको और सतर्क रहने का संकेत दे रहा है। इस समय आपको पैसों के मामले में बहुत सावधानी बरतनी होगी।

बेवजह खर्चे बढ़ सकते हैं इसलिए सोच-समझकर ही कोई बड़ा आर्थिक निर्णय लें। साथ ही इस गोचर के चलते आंखों या मुंह से जुड़ी छोटी-मोटी दिक्कतें जैसे संक्रमण या तकलीफ़ भी हो सकती हैं, इसलिए सेहत का भी ख्याल रखें। परिवार में भी थोड़ा तनाव या मनमुटाव हो सकता है, खासकर अगर आप अपने शब्दों पर नियंत्रण नहीं रखते।

छोटी सी बात बड़े झगड़े का रूप ले सकती है। ऐसे में घर में शांति बनाए रखना और नम्रता से पेश आना आपके लिए सबसे अच्छा उपाय होगा। कुल मिलाकर यह समय आपसे सतर्कता, धैर्य और समझदारी की मांग कर रहा है। यदि आप अपने खर्चों पर काबू रखते हैं और परिवार के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करते हैं, तो इस गोचर के नकारात्मक प्रभाव काफी हद तक कम हो सकते हैं।

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर आपके लिए मिला-जुला परिणाम लेकर आ सकता है। आपकी कुंडली में सूर्य लाभ भाव यानी ग्यारहवें भाव के स्वामी है और अब यह तुला राशि में आकर आपके पहले भाव में प्रवेश करेगा। जब लाभ भाव के स्वामी लग्न में आता है, तो यह यश, मान-सम्मान और लाभ के योग बनाता है। लेकिन यहां सूर्य तुला राशि में नीच का होने से इसकी शुभता काफी हद तक कम हो जाएगी। 

इस गोचर के दौरान स्वास्थ्य पर थोड़ा ध्यान देने की जरूरत होगी। शरीर में पित्त बढ़ सकता है, जिससे आपको गैस, एसिडिटी एलर्जी या पाचन से जुड़ी दिक्कतें हो सकती है। आलस और सुस्ती भी बढ़ सकती है, जिससे रोजमर्रा के कामकाज प्रभावित होंगे।

कार्यस्थल पर भी अड़चनें आ सकती हैं। जिन कामों को आप आसानी से पूरी कर सकते थे, उनमें भी देर लग सकती है। इससे मन में चिड़चिड़ापन और असंतोष पैदा हो सकता है। ऐसे समय में जरूरी है कि आप अपनी जीवनशैली को संतुलित रखें। खानपान पर ध्यान दें और तनाव से दूर रहने की कोशिश करें। साथ ही, कार्यक्षेत्र में धैर्य और संयम के साथ आगे बढ़ें, तभी इस गोचर के नकारात्मक असर को कम किया जा सकेगा।

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों इस बार सूर्य का गोचर आपके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। आपकी कुंडली में सूर्य सातवें भाव के स्वामी हैं और अब तुला राशि में आकर नौवें भाव यानी भाग्य स्थान में प्रवेश करेगा। लेकिन यहां सूर्य नीच का होना से इसकी शुभता कम हो जाएगी। आमतौर पर सूर्य का नौवें भाव में गोचर शुभ नहीं माना जाता है और भाग्य का साथ भी कम मिलता है। यानी इस समय आप अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए केवल किस्मत पर निर्भर नहीं रह सकते।

आपको मेहनत, लगन और धैर्य से ही सफलता हासिल होगी। अच्छी बात यह है कि यह गोचर पिछवे गोचर की तुलना में कुछ बेहतर परिणाम देगा। चुनौतियां रहेंगे, लेकिन लगातार कोशिश से आप मुश्किलों पर काबू पा सकते हैं। इस दौरान भाई-बहनों और पड़ोसियों के साथ संबंधों में मिठास बनाए रखना भी बहुत जरूरी है। छोटी-छोटी बातों पर तनाव लेने से बचें और रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखें।

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सूर्य का तुला राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों, इस बार सूर्य का गोचर आपके लिए मिला-जुला असर लेकर आएगा। आपकी कुंडली में सूर्य चौथे भाव के स्वामी है और इस गोचर के दौरान यह तुला राशि में जाकर छठे भाव में प्रवेश करेगा। यहां सूर्य नीच का होने के कारण इसकी शुभता थोड़ी कम हो जाएगी। अब बात करते हैं फादये की सूर्य का षष्ठ भाव में गोचर सामान्यत: अच्छा माना जाता है। इस समय आप अपने विरोधियों पर हावी रहेंगे और प्रतियोगी परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे। यानी करियर या पढ़ाई से जुड़ी चुनौतियों में आपके पास जीतने के अवसर रहेंगे। लेकिन चूंकि सूर्य तुला में कमजोर है इसलिए लापरवाही नुकसानदायक हो सकती है।

विरोधियों को हल्के में लेना ठीक नहीं होगा। साथ ही भले ही स्वास्थ्य सामान्य रूप से अच्छा रहेगा, फिर भी इसे  नज़रअंदाज़ करना ठीक नहीं है। छोटी-सी भी समस्या को न टालें और समय पर ध्यान दें। कुल मिलाकर, यह समय आपको मेहनत और सतर्कता से आगे बढ़ने का अवसर देगा। जितना आप संयमित रहेंगे और अपने स्वास्थ्य व काम पर ध्यान देंगे, उतने ही अच्छे नतीजे मिलेंगे।

सूर्य का तुला राशि में गोचर: उपाय

  • हर रोज़ सूर्योदय के समय अभ्यास करें ताकि सूर्य की ऊर्जा को आत्मसात कर सकें।
  • उगते सूर्य को तांबे के पात्र में जल (अर्घ्य) अर्पित करें।
  • गेहूं, गुड़, लाल कपड़ा या तांबे की वस्तुएं दान करें।
  • सूर्य मंत्र: “ॐ सूर्याय नमः” या आदित्य हृदय स्तोत्र का जाप करें।
  • सूर्य की कृपा के लिए बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
  • इसे घर या कार्यस्थल पर ऊर्जावान रखें।

सूर्य का तुला राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव

सरकार, अंतरराष्ट्रीय संबंध और व्यापार

  • इस समय विश्व भर में सरकारों और नेताओं के लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं। नेतृत्व क्षमता कमजोर पड़ सकती है, निर्णय लेने में कठिनाई और आलोचना झेलनी पड़ सकती है। कई देशों में राजनीतिक अस्थिरता या विरोध भी देखने को मिल सकता है। 
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक, संधियाँ और समझौते अहम भूमिका निभाएंगे। देशों के बीच नए गठजोड़ और समझौते बन सकते हैं, लेकिन शक्ति असंतुलन भी उभर कर सामने आएगा।
  • कारोबार की बात करें तो बाजार में उतार-चढ़ाव रहेंगे, खासतौर पर लग्जरी, कला, फैशन और ब्यूटी इंडस्ट्री में बदलाव साफ दिखाई देंगे।

कानून एवं व्यवस्था और सामाजिक संतुलन

  • इस समय लोगों का ध्यान, न्याय बराबरी और निष्पक्षता पर ज्यादा रहेगा। समाज में संतुलन बनाने के लिए कानून में बदलाव की मांग हो सकती है और जगह-जगह प्रदर्शन या आंदोलन भी हो सकते हैं।
  • इस समय देश के मुखिया, नेता और प्रभावशाली लोग आलोचना का सामना कर सकते हैं। उनके निर्णय लेने की क्षमता कमजोर दिख सकती है या उनका अधिकार कमजोर पड़ सकता है। सरकारें भी अनिर्णय की स्थिति में दिख सकती हैं या नियंत्रण बनाए रखने में संघर्ष कर सकती हैं।
  • इस समय दुनिया भर में समानता, न्याय और मानवाधिकारों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। समाज में संतुलन बनाने के लिए कानूनी सुधार हो सकते हैं और न्याय से जुड़े मुद्दों पर बहस सामने आ सकती है।

अर्थव्यवस्था, व्यापार और सामाजिक सुधार

  • इस समय देशों के बीच साझेदारी, व्यापारिक समझौते और सहयोग पर ध्यान दिया जाएगा। लेकिन, वैश्विक नीतियों में अस्थिरता और नेतृत्व की कमी के कारण शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
  • लोगों की सामूहिक आवाज अन्याय और असमानता के खिलाफ उठेगी, खासकर नौकरियों के नुकसान और व्यापार में असफलताओं को लेकर जनता नेताओं और संस्थाओं से जवाबदेही की मांग करेगी।
  • क्योंकि तुला राशि संतुलन का प्रतीक है, इसलिए ध्यान प्रकृति में संतुलन, जलवायु समझौते और पर्यावरणीय संतुलन की ओर भी जा सकता है।

सूर्य का तुला राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट

  • वित्तीय शेयरों पर दबाव रहेगा क्योंकि नेतृत्व और नियमों से जुड़ी अनिश्चितताएं निवेशकों का भरोसा डगमगा सकती हैं।
  • तेल, गैस और सौर ऊर्जा से जुड़े शेयरों में विकास की रफ्तार धीमी हो सकती है।
  • मांग बनी रहेगी, लेकिन बाजार का समग्र माहौल मुनाफे को प्रभावित कर सकता है।
  • वैश्विक नीतियों में अस्थिरता और निवेशकों का कम समर्थन बाज़ार में उतार-चढ़ाव बढ़ा सकता है। 
  • हालांकि, तुला राशि संतुलन और स्वास्थ्य से जुड़ी है इसलिए हेल्थ वेलनेस सेक्टर में कुछ लाभ की संभावना बनी रह सकती है।

सूर्य का तुला राशि में गोचर: नई फिल्में रिलीज़ और उनका भविष्य

फिल्म रिलीजस्टार कास्टतिथि
गोलमाल-5अजय देवगन, र्शेयाश19 अक्टूबर, 2025
इलैयाराजाधनुषअक्टूबर, 2025
मंगल 2दिशा पटानी, आदित्य रॉय कपूर30 अक्टूबर 2025

अक्टूबर महीने में आने वाली नई फिल्मों के लिए ग्रहों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं दिख रही है। ऐसे में इस दौरान किसी बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म या बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार कमाई की उम्मीद करना मुश्किल है। ग्रहों की चाल फिल्मों के लिए कुछ खास या असाधारण नतीजे नहीं दिखाती। यह समय ज्यादा अच्छा है कि गलतियों पर ध्यान दिया जाए और मेहनत को और बढ़ाया जाए।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

तुला राशि पर किस ग्रह का शासन है?

शुक्र

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार सूर्य की सबसे गहरी नीच अवस्था कौन सी है?

तुला राशि में 10 अंश

तुला राशि में कौन सा ग्रह उच्च का हो जाता है?

शनि