वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह को नवग्रहों के राजा कहा जाता है जो संसार को अपनी रोशनी से जीवन देते हैं। वहीं, हिंदू धर्म में सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है। ऐसे में, सूर्य देव की स्थिति, दशा या राशि में होने वाले परिवर्तन का संसार पर असर दिखाई देता है और अब यह नक्षत्र में गोचर करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में गोचर के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, क्या होता है नौतपा और किस दिन से हो रही है इसकी शुरुआत? सूर्य के प्रकोप से बचने के लिए किन चीज़ों का दान करें आदि के बारे में भी आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताएंगे। सबसे पहले जानते हैं सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में गोचर के बारे में।
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सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में गोचर: तिथि एवं समय
ज्योतिष के अनुसार, सूर्य महाराज हर साल ग्रीष्म ऋतु के ज्येष्ठ मास में रोहिणी नक्षत्र में गोचर करते हैं। बता दें कि इस नक्षत्र में सूर्य देव लगभग 15 दिनों तक रहते हैं। वर्ष 2025 में सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में गोचर 25 मई 2024, शनिवार की रात 03 बजकर 27 मिनट पर होगा और वह इस नक्षत्र में 08 जून 2024 तक रहेंगे। पंचांग के अनुसार देखें तो, यह कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को कृतिका से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। सूर्य ग्रह के रोहिणी नक्षत्र में गोचर के साथ ही नौतपा का आरंभ हो जाएगा।
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क्या होता है नौतपा?
जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में गोचर करेंगे, उस समय से ही नौतपा की शुरुआत हो जाएगी। नौतपा यानी कि नौ दिन, इन नौ दिनों में सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधे पड़ती हैं और ऐसे में, भयंकर गर्मी पड़ेगी और तापमान भी सारे रिकॉर्ड तोड़ेगा। इस साल नौतपा योग की शुरुआत 25 मई से होगी और इसका समापन 02 जून को हो जाएगा। इसके परिणामस्वरूप, भारत के अधिकांश इलाकों में भीषण गर्मी पड़ने की आशंका है।
शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ मास में सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने से गर्मी बढ़ती है क्योंकि रोहिणी नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा हैं इसलिए जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में गोचर करते हैं, तो चंद्रमा की शीतलता कम हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप, धरती पर 9 दिनों तक भीषण गर्मी होती है और सिर्फ इतना ही नहीं, इन नौ दिनों में सूर्य पृथ्वी के बेहद करीब आ जाते हैं जिससे धरती के तापमान में बढ़ोतरी होती है। जब सूर्य आद्रा नक्षत्र के प्रवेश करेंगे, उस समय बारिश की बूंदें धरती को गर्मी से राहत दिलाएगी। हालांकि, इस अवधि में सूर्य उपासना करना फलदायी रहता है।
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नौतपा के दौरान इन चीज़ों का करें दान
जल का दान:
नौतपा के दौरान जल दान को विशेष माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो जातक नौतपा में जल का दान करते हैं, उनके पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष प्राप्ति के मार्ग खुलते हैं। इसके अलावा, ग्रहों की भी शांति होती है। जिन जातकों की कुंडली में कोई ग्रह अशुभ हैं,उनके लिए नौतपा के दौरान जल दान करना फलदायी रहता है।
दही का करें दान
ज्योतिष के अनुसार, नौतपा में दही दान करना बेहद शुभ रहता है। दही को बहुत पवित्र माना जाता है और दही का दान करने से मनुष्य के पाप कटते हैं। साथ ही, लंबे समय से परेशान कर रहे रोगों से छुटकारा मिलता है और स्वास्थ्य में सुधार आता है। वहीं, दही के दान से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन-समृद्धि का आशीर्वाद देती है।
करें भोजन का दान
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नौतपा के नौ दिनों के दौरान भोजन दान करना शुभ माना गया है। भोजन के दान से कुंडली में ग्रह मजबूत होते हैं और जातक को देवी अन्नपूर्णा का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में, मनुष्य को अनुकूल परिणामों की प्राप्ति होती है।
वस्त्र का दान
नौतपा के दौरान जातक अपने सामर्थ्य के अनुसार वस्त्र का दान भी कर सकता है और ऐसा करने से बहुत शुभ फल प्राप्त होते हैं। जीवन में चल रही तमाम परेशानियों का अंत हो जाता है और ख़ुशियाँ आपके जीवन में दस्तक देती हैं।
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नौतपा में भूलकर भी न करें ये काम
- नौतपा में गर्मी बढ़ने की वजह से इस दौरान यात्राओं से बचना चाहिए।
- इस दौरान तेज़ मिर्च-मसाले और तली-भूनी चीजों के सेवन से परहेज़ करना चाहिए।
- इन नौ दिनों में मांस-मदिरा का सेवन करने से भी बचें।
- नौतपा अवधि में तूफान और आंधी आने की आशंका काफ़ी ज्यादा होती है।
- नौतपा में बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इस दौरान आंधी, तूफान और लू की संभावना अत्यधिक होती है इसलिए नौतपा में शादी, मुंडन आदि मांगलिक कार्यों को करने से बचें।
नौतपा के दौरान क्या करें?
- नौतपा में हल्का भोजन करें और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
- इस दौरान किसी मिट्टी के बर्तन में जल भरकर पक्षियों के लिए रखें। ऐसा करना लाभदायी रहता है।
- इन नौ दिनों में राहगीरों को जल का सेवन करवाना शुभ होता है।
- शिवलिंग पर जल अर्पित करें और हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर 1. नौतपा ऐसे नौ दिन होते हैं जब गर्मी अपने चरम पर होती है।
उत्तर 2. यह चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में गोचर करने जा रहे हैं।
उत्तर 3. नौतपा में सूर्य उपासना, जल और ठंडी चीज़ों का दान करना चाहिए।