शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर: जानें 12 राशियों समेत कैसे करेगा दुनिया को प्रभावित?

एस्ट्रोसेज अपने पाठकों के लिए लेकर आया है “शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर” का यह विशेष ब्लॉग जिसमें हम आपको इस गोचर के बारे में समस्त जानकारी प्रदान करेंगे। भौतिक सुख और प्रेम के कारक ग्रह शुक्र 25 दिसंबर 2023 को वृश्चिक राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसे में, शुक्र के गोचर का असर भारत समेत विश्व पर भी पड़ेगा। साथ ही, यह गोचर कुछ राशियों के लिए शुभ और कुछ के लिए अशुभ रहेगा। तो आइये बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर राशियों समेत देश और दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा।

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वैदिक ज्योतिष में शुक्र को एक ऐसे ग्रह के रूप में जाना जाता हैं जो आकर्षण, सुंदरता, ख़ुशियां, लक्ज़री, रोमांस, प्रेम और रचनात्मकता आदि का प्रतीक माना जाता है। यह मनुष्य जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है और इन्हें विलासिता, पैसा और प्रसन्नता आदि प्रदान करने वाले ग्रह के रूप में जाना जाता है।  

शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर: समय  

ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक ग्रह एक निश्चित अवधि में गोचर करता है और इसी क्रम में, शुक्र एक राशि में लगभग 30 से 36 दिनों तक रहते हैं। ऐसे में, शुक्र महाराज हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं और इन्हें अपना 12 राशियों का राशि चक्र पूरा करने में एक वर्ष का समय लगता है। अब शुक्र 25 दिसंबर 2023 की सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर वृश्चिक राशि में प्रवेश  कर जाएंगे। अब आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं देश-दुनिया पर पड़ने वाले शुक्र गोचर के प्रभावों पर।

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वृश्चिक राशि में शुक्र का प्रभाव

जिन जातकों की कुंडली में शुक्र देव वृश्चिक राशि में मौजूद होते हैं, वह लोग स्वभाव से बहुत दृढ़ निश्चयी और विचारों में स्पष्ट होते हैं। इन लोगों को अच्छे से पता होता है कि इन्हें अपने जीवन में क्या चाहिए और क्या नहीं। लेकिन, दिल से जुड़े मामले में यह अपनी भावनाओं को किसी को बताना पसंद नहीं करते हैं। हालांकि, ये लोग बेहद रोमांटिक होते हैं और अपने पार्टनर को लेकर पजेसिव रहते हैं। यदि आपकी कुंडली में शुक्र वृश्चिक राशि में स्थित होता है, तो इन्हें बेवकूफ बनाना आसान नहीं होता है। इन जातकों को अपना दबदबा बनाना पसंद होता है और यही अक्सर दूसरों के साथ इनके विवाद की वजह बनता है। इन जातकों को अपने आप पर गर्व होता है, लेकिन अपने भाइ के साथ इनके रिश्ते ज्यादा ख़ास नहीं होते हैं।

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शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर: देश-दुनिया पर प्रभाव

ट्रेवल एवं ट्रांसपोर्टेशन

  • शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर जल संबंधित परिवहन क्षेत्र के लिए फलदायी रहेगा। इस अवधि में हमें देश के भीतर जल परिवहन से जुड़े क्षेत्रों में बड़े बदलाव दिखाई देंगे। 
  • ट्रेवल से संबंधित क्षेत्र फलते-फूलते नज़र आएंगे।  

बैंकिंग एवं वित्त

  • इस गोचर के दौरान बैंक और वित्त से जुड़े क्षेत्रों में वृद्धि होगी।
  • बैंकिंग सेक्टर और इसमें काम करने वालों को अपार सफलता की प्राप्ति होगी। 
  • वित्त संबंधित क्षेत्रों में तेज़ी आएगी। साथ ही, व्यापार में भी उन्नति देखने को मिलेगी। 

क्रिएटिव करियर और व्यापार 

  • भारत में विलुप्त कलाओं को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार द्वारा कुछ कदम उठाये जा सकते हैं। साथ ही, भारतीय कला विदेश में भी अपनों चमक बिखेर सकती है। 
  • शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर जातकों को रचनात्मक बनाएगा और इसके प्रभाव से विश्व स्तर पर फैशन जगत और कपड़ा उद्योग में तेज़ी देखने को मिलेगी। साथ ही, फैशन से जुड़ी वस्तुओं की मांग में बढ़ोतरी आने की संभावना है। 
  • पत्रकारिता, पीआर और मीडिया से संबंध रखने वाले लोग उत्कृष्टता हासिल करेंगे और ऐसे में, यह अपने करियर में आगे बढ़ेंगे।
  • भारत सहित दुनियाभर में गायक और लेखक शुक्र गोचर की अवधि में बुलंदियां हासिल करेंगे।
  • शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान डिज़ाइनर्स, वेब डिज़ाइनर्स, कला से संबंध रखने वाले लोग सफलता हासिल करते हुए तरक्की प्राप्त करेंगे।

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शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर: शेयर बाजार पर असर 

शुक्र ग्रह 25 दिसंबर 2023 को वृश्चिक राशि में गोचर करने जा रहे हैं जिसका असर देश-दुनिया के साथ-साथ शेयर बाजार को भी प्रभावित करेगा। एस्ट्रोसेज आपके लिए शेयर बाजार भविष्यवाणी लेकर आया है जिसके माध्यम से आप जान सकेंगे कि शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर  प्रेम के कारक शुक्र से संबंधित क्षेत्रों को किस तरह से प्रभावित करेगा। 

  • बैंकिंग और वित्त से जुड़े क्षेत्रों में वृद्धि देखने को मिलेगी और लाभ की प्राप्ति होगी।
  • शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर कपड़ा उद्योग और गारमेंट्स से संबंधित क्षेत्रों के लिए फलदायी रहेगा।
  • इस अवधि में परफ्यूम और फैशन से जुड़े सेक्टर तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ेंगे। शुक्र का यह गोचर इन क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होगा।
  • जर्नलिज्म या पब्लिक रिलेशन से संबंध रखने वाली फर्म और प्रिंट, टेलिकम्युनिकेशन एवं ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री के लिए शुक्र गोचर सकारात्मक रहेगा।

शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों के लिए रहेगा शुभ

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके पहले और छठे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। फ्रीलांसर, नौकरी और व्यापार करने वाले वृषभ राशि के जातकों के लिए यह अवधि सकारात्मक रहेगी। वहीं, जो जातक व्यापार में पार्टनरशिप की तलाश में हैं, वह अपने लिए पार्टनर ढूंढ़ने में सक्षम होंगे। वृषभ राशि के जिन लोगों को अपने वैवाहिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, उनके लिए शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर राहत लेकर आएगा। इस दौरान आपको उन सभी समस्याओं को सुलझाने का अवसर तथा समय दोनों मिलेगा। ऐसे में, आपके रिश्ते में तालमेल अच्छा रहेगा जिससे आप दोनों के बीच प्रेम बना रहेगा।

कर्क राशि 

कर्क राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। इन दोनों भावों को सकारात्मक माना जाता है और अब शुक्र आपके पांचवें भाव में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में, वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर फलदायी कहा जाएगा। इस अवधि में कर्क राशि वाले अत्यधिक रचनात्मक रहेंगे। यह लोग अपने करीबियों और प्रियजनों के साथ यादगार समय बिताएंगे ताकि आपका रिश्ता उनके साथ मजबूत हो सकेंगे। जिन छात्रों का संबंध रचनात्मक क्षेत्रों जैसे डिजाइनिंग, कला या फैशन आदि से है, उनके लिए यह समय अनुकूल रहेगा। मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के साथ-साथ रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े छात्रों का प्रदर्शन भी शानदार रहेगा।

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सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज आपके तीसरे भाव और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब वृश्चिक राशि में शुक्र के प्रवेश के साथ ही यह आपके चौथे भाव में गोचर कर जाएंगे। हालांकि, शुक्र ग्रह की इस स्थिति को कई वजहों से अच्छा कहा जाएगा। लेकिन जो बात सबसे महत्वपूर्ण है वह है कि चौथे भाव में शुक्र को ‘दिग्बल’ यानी कि दिशाओं का बल प्राप्त होता है। ऐसे में, यह समय घर में सुख-सुविधाओं में वृद्धि करने, नया घर, नया वाहन या फिर कोई लक्ज़री वस्तु आदि खरीदने के लिए उत्तम रहेगा। आप चाहे तो इस दौरान घर का रिनोवेशन भी करवा सकते हैं।

बात करें शुक्र की दृष्टि की, तो चौथे भाव में बैठकर शुक्र की दृष्टि आपके दसवें भाव पर पड़ रही होगी। कुंडली में दसवां भाव पेशे का होता है। इसके परिणामस्वरूप, यह अवधि फिल्म, थिएटर या ड्रामा जैसे बिज़नेस से जुड़े लोगों के लिए शानदार रहेगी। इसके अलावा, लक्ज़री वस्तुओं का व्यापार जैसे ब्यूटी, डेकोर आदि करने वाले जातक शुक्र गोचर की अवधि में अपार लाभ कमाएंगे। सिंह राशि के नौकरीपेशा जातक वर्क फ्रॉम होम का विकल्प चुन सकते हैं या फिर अपने पेशेवर जीवन में बदलाव करते हुए कोई नया व्यापार शुरू कर सकते हैं।

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों की कुंडली में शुक्र देव को पहले और आठवें भाव का स्वामित्व प्राप्त है और अब यह आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में दूसरा भाव परिवार, वाणी और आय आदि का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र गोचर के दौरान आप अपने परिवार के साथ यादगार लम्हें बिताते हुए दिखाई देंगे। जैसे कि हमने आपको बताया कि शुक्र आपके आठवें भाव के स्वामी भी हैं और आप जिस दशा से गुजर रहे हैं यदि वह आपके लिए अनुकूल न हुई, तो आपको अपने पारिवारिक जीवन में अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, यह जातक अपने परिवार को लेकर हद से ज्यादा पजेसिव रह सकते हैं। शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान इन लोगों की रुचि बैंक-बैलेंस को बढ़ाने के साथ-साथ अपनी आर्थिक स्थिति को मज़बूत करने में हो सकती है। 

हालांकि, आपके दूसरे भाव में शुक्र का गोचर आपकी आय को बढ़ाने का काम करेगा। इस समय दूसरे भाव में शुक्र देव की मौजूदगी के चलते आपकी वाणी मधुर बनेगी जो कि सिंगर, डबिंग आर्टिस्ट और कमेंटेटर आदि के लिए फलदायी साबित होगी। अगर हम नकारात्मक पक्ष की बात करें, तो कुंडली का दूसरा भाव खानपान की आदतों का भी प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में, आप तला-भुना और चिकनी वस्तुओं का सेवन करते हुए दिखाई दे सकते हैं जिसे आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है। साथ ही, इस वजह से आपके खर्चों में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।

मकर राशि 

मकर राशि वालों के लिए शुक्र आपके पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा और यह आपके लिए फलदायी साबित होगा क्योंकि शुक्र आपके लिए योगकारक ग्रह है। इसके परिणामस्वरूप,पेशेवर जीवन में की गई मेहनत का फल आपको मिलेगा और साथ ही, आय के प्रवाह में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। लेकिन, यह सब आपको करियर में किसी तरह के परिवर्तन के साथ प्राप्त होगा। मकर राशि के जो जातक अपने परिवार को बढ़ाना चाहते हैं, तो अब उनकी यह इच्छा पूरी होगी। वहीं, इस राशि के माता-पिता पहले से ज्यादा जिम्मेदार बनेंगे और ऐसे में, वह अपने बच्चे को सुरक्षित भविष्य देने के लिए काफ़ी निवेश करेंगे। साथ ही, इन लोगों को अपने द्वारा किये गए पुराने निवेश से भी लाभ की प्राप्ति होगी। इस दौरान आपकी सभी प्रकार की भौतिक इच्छाओं की पूर्ति होगी। शुक्र गोचर की अवधि में मकर राशि वालों का ज्यादातर समय दोस्तों और सहकर्मियों के साथ सामाजिक मेलजोल बढ़ाने और पार्टी करने में बीतेगा।

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शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों को करेगा नकारात्मक रूप से प्रभावित   

मिथुन राशि 

मिथुन राशि वालों के लिए शुक्र को लाभकारी ग्रह माना जाता है क्योंकि यह आपके पांचवें भाव और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, शुक्र ग्रह की इस स्थिति को ज्यादा शुभ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि शुक्र की छठे भाव में मौजूदगी को अच्छा नहीं माना जाता है। कालपुरुष कुंडली के अनुसार, कुंडली के छठे भाव में शुक्र नीच के हो जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, मिथुन राशि के जातकों को इस दौरान किसी भी व्यक्ति को पैसा उधार देने से बचना होगा। साथ ही, इन जातकों को अपनी दिनचर्या को लेकर बहुत ही अनुशासित और निरंतर होना होगा। मिथुन राशि वालों को अपना चरित्र उच्च और मज़बूत बनाए रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस बात की प्रबल संभावना है कि आप किसी नाजायज रिश्ते में आ जाए जिसके चलते आप मुसीबत में फंस सकते हैं। कार्यक्षेत्र में भी ऐसे किसी रिश्ते में आने से बचें, अन्यथा आप बदनामी का शिकार हो सकते हैं और इसका फायदा आपके शत्रुओं द्वारा आपको नुकसान पहुंचाने के लिए उठाया जा सकता है।

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शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान आज़माएं ये सरल उपाय   

  • शुक्रवार के दिन अपने पर्स या लॉकर में चांदी का एक चौकोर टुकड़ा रखें।
  • माँ वैभव लक्ष्मी को लाल फूल अर्पित करें और शुक्रवार के दिन उपवास रखें। 
  • हर शुक्रवार माता लक्ष्मी को खीर का प्रसाद के रूप में भोग लगाएं और छोटी कन्याओं को भी खीर दें।    
  • प्रतिदिन कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। 
  • प्रत्येक शुक्रवार देवी लक्ष्मी को 5 लाल रंग के फूल चढ़ाएं। 
  • हर शुक्रवार माँ लक्ष्मी के बीज मंत्र का जाप करें। 
  • सफ़ेद और गुलाबी रंग के कपड़े ज्यादा से ज्यादा पहनें।
  • शुक्रवार के दिन व्रत करें। 
  • घर और कार्यस्थल पर शुक्र यंत्र की स्थापना करें। 

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