शुक्र ग्रह को करना है प्रसन्न तो ये छह उपाय आपकी निश्चित ही मदद करेंगे

वैदिक ज्योतिष में शुक्र एक विशेष ग्रह का दर्जा रखता है। शुक्र किसी भी जातक की कुंडली में भौतिक सुख और वैवाहिक या फिर प्रेम संबंध का कारक माना जाता है। शुक्र यदि किसी जातक की कुंडली में बली हो तो ऐसे जातक को जीवन में तमाम भौतिक सुख मिलते हैं, माता लक्ष्मी की ऐसे जातक पर विशेष कृपा रहती है और साथ ही वैवाहिक या प्रेम जीवन भी बेहद सुखद रहता है। जाहिर है कि अब आपको यह बात समझ आ गयी होगी कि शुक्र का आम जीवन पर कितना प्रभाव रहता है।

This image has an empty alt attribute; its file name is vedic-gif.gif

ऐसे में आज हम आपको इस लेख में वैदिक ज्योतिष में शुक्र का महत्व, कमजोर शुक्र का जातक पर प्रभाव और शुक्र को प्रसन्न करने के उपायों की जानकारी देने वाले हैं।

जीवन से जुड़ी हर छोटी बड़ी समस्या का समाधान जानने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात और चैट

वैदिक ज्योतिष में  शुक्र का महत्व

वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य और चंद्रमा शुक्र के शत्रु ग्रह हैं। वहीं बुध और शनि शुक्र के मित्र ग्रह हैं। सभी बारह राशियों में शुक्र वृषभ और तुला राशि का स्वामी माना जाता है। जबकि नक्षत्रों में यह भरणी, पूर्वा, फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी हैं। मीन शुक्र की उच्च राशि मानी जाती है और कन्या नीच।

250+ पृष्ठों की बृहत कुंडली से पाएं प्रचुर मात्रा में सफलता और समृद्धि पाने का मंत्र!

आइये अब आपको शुक्र के कुंडली में कमजोर होने पर इसका क्या बुरा प्रभाव पड़ता है इस बात की जानकारी आप दे देते हैं।

शुक्र यदि कुंडली में कमजोर हो तब क्या होता है?

  • यदि शुक्र किसी जातक की कुंडली में कमजोर हो तो उस जातक का वैवाहिक जीवन दुख से भर जाता है।
  • शुक्र के कमजोर होने की स्थिति में पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ा होने लगता है।
  • शुक्र के कमजोर होने की स्थिति में ऐसे जातकों को जीवन भर भौतिक सुखों के अभाव में जीना पड़ता है।
  • कुंडली में कमजोर शुक्र की अवस्था में जातकों को मानसिक और सामाजिक कष्टों का सामना करना पड़ता है।
  • पुरुषों की कुंडली में शुक्र के कमजोर होने पर उनकी कामुक शक्तियाँ प्रभावित होती हैं।
  • महिलाओं की कुंडली में यदि शुक्र कमजोर स्थिति में हो तो ऐसी महिला को अनचाहे गर्भपात का दंश झेलना पड़ता है।
  • शुक्र के कमजोर होने से जातक के जीवन में दरिद्रता आती है।
  • शुक्र के कमजोर होने से जातकों को नेत्र और किडनी संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। 

आइये अब आपको शुक्र को शांत करने के उपायों की जानकारी दे देते हैं।

दिलचस्प वीडियो और पोस्ट के लिए एस्ट्रोसेज इंस्टाग्राम पेज को फॉलो करें! एक नजर आज की खास पोस्ट पर:

शुक्र ग्रह शांति के उपाय

पहला उपाय

शुक्र देवता को साफ-सफाई पसंद है। ऐसे में अगर शुक्र देवता की कृपा पानी है तो स्वयं के शरीर को साफ रखना शुरू करें। रोज स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शुक्र देवता प्रसन्न होंगे। इसके साथ साथ घर और खास कर शयन कक्ष की सफाई जरूर रखें। नहाने के पानी में इलायची डाल कर स्नान करें और स्नान करते वक़्त “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” मंत्र का जाप करते रहें। 

दूसरा उपाय

शुक्रवार के दिन भगवान शिव की आराधना करें। इस दिन सुबह जल्दी उठें और साफ कपड़े पहन कर भगवान शिव की पूजा करें और उन्हें सफ़ेद मिठाई व सफ़ेद फूल अर्पित करें। शुक्र देवता प्रसन्न होंगे।

तीसरा उपाय

शुक्र देवता का प्रिय रंग सफ़ेद व गुलाबी है। ऐसे में शुक्रवार के दिन सफ़ेद या गुलाबी वस्त्र धारण करने से वे अति प्रसन्न होते हैं। कहीं यात्रा करें तो पॉकेट में सफ़ेद रुमाल रखें, यात्रा सफल होगी। शुक्रवार के दिन सफ़ेद चीजों जैसे कि दूध, दही, मिठाई, वस्त्र इत्यादि का दान करें। शुक्र देवता की आप पर कृपा होगी। सफ़ेद गाय या बैल को शुक्रवार के दिन चारा खिलाने से भी शुक्र देवता अति प्रसन्न होते हैं।

राजयोग रिपोर्ट से जानें कब खुलेगी आपकी किस्मत और कब आएंगी जीवन में खुशियां

चौथा उपाय

शुक्रवार के दिन कन्या पूजन करें। उन्हें खाना खिलाएँ। दान में कोई सफ़ेद वस्तु दान में दें जैसे कि सफ़ेद कपड़े, खिलौने, कलम इत्यादि। कन्या पूजन के बाद कन्याओं के पैर छूना न भूलें। कोशिश करें कि इस दिन किसी जरूरतमंद कन्या को भोजन कराएं। शुक्र देवता विशेष फल देंगे।

पांचवा उपाय

शुक्रवार के दिन व्रत रखें। कोशिश करें कि इस दिन फलाहार पर रहें। ज्यादा दिक्कत हो तो सेंधा नमक का उपयोग कर सकते हैं। इस दिन लक्ष्मी सूक्तं का पाठ करें। इससे शुक्र देवता बहुत खुश होते हैं।

छठा उपाय

शुक्र देवता को प्रसन्न करने के लिए आप चांदी की अंगूठी भी धारण कर सकते हैं। कई लोग प्लेटिनम भी धारण करते हैं। वहीं कुछ लोग शुक्र देवता को प्रसन्न करने के लिए हीरा भी धारण करते हैं। लेकिन आपको सलाह है कि कोई भी रत्न धारण करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लें। ऐसे जातक छह मुखी अथवा तेरह मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं। 

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ जरूर साझा करें। धन्यवाद!

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.