शुक्र का कन्या राशि में गोचर, किन राशियों के लिए रहेगा भाग्यशाली?

शुक्र का कन्या राशि में गोचर, किन राशियों के लिए रहेगा भाग्यशाली?

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में शुक्र देव को महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है जो कि एक शुभ ग्रह हैं। यह प्रेम, विवाह और जीवनसाथी के कारक ग्रह हैं इसलिए मनुष्य जीवन को गहराई से प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं।

इस प्रकार, शुक्र ग्रह की चाल, दशा और स्थिति में होने वाला बदलाव ज्योतिष में विशेष मायने रखता है जो अब जल्द ही अपनी राशि में परिवर्तन करते हुए कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र का यह गोचर देश-दुनिया और संसार पर अपना असर डालेगा। साथ ही, इस राशि में शुक्र की स्थिति आपके लिए कैसी रहेगी? इसकी बात भी हम आगे करेंगे। 

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आज का हमारा यह विशेष ब्लॉग आपको “शुक्र का कन्या राशि में गोचर” से संबंधित समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, शुक्र देव कब और किस समय अपना राशि परिवर्तन करेंगे? इनका यह गोचर आपको सकारात्मक या नकारात्मक किस तरह के परिणाम देगा?

शुक्र का कन्या राशि में प्रवेश किन राशियों के लिए शुभ रहेगा और किनकी समस्या बढ़ाएगा? आपके मन में उठने वाले इन सभी सवालों के जवाब आपको “शुक्र गोचर 2025” के इस लेख में प्राप्त होंगे। इसके अलावा, शुक्र ग्रह को कुंडली में बलवान करने के उपाय आपको विद्वान ज्योतिषियों द्वारा बताए जाएंगे, ताकि आप शुभ फल प्राप्त कर सकेंगे। तो आइए शुरू करते हैं यह लेख और जानते हैं शुक्र गोचर का समय। 

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: तिथि एवं समय 

सबसे पहले बात करें शुक्र गोचर की, तो शुक्र देव का गोचर सामान्य रूप से 23 दिन बाद होता है और इसके बाद, यह एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं। अब शुक्र ग्रह 09 अक्टूबर 2025 की सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं।

बता दें कि कन्या राशि में शुक्र नीच अवस्था में होते हैं और इस राशि पर बुध ग्रह को अधिपत्य प्राप्त हैं। हालांकि, इस गोचर की अच्छी बात यह होगी कि शुक्र का यह राशि परिवर्तन अपने मित्र बुध ग्रह की राशि में होगा, फिर भी इस स्थिति को अनुकूल नहीं कहा जा सकता है।

ऐसे में, यह राशियों को अच्छे और बुरे दोनों तरह के परिणाम प्रदान कर सकता है। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको अवगत करवाते हैं शुक्र के कन्या राशि में प्रभाव से। 

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शुक्र कन्या राशि में कैसे प्रभाव देते हैं?

  • जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि कन्या राशि में शुक्र नीच अवस्था में होते हैं। हालांकि फिर भी, शुक्र की यह स्थिति अच्छी होती है क्योंकि कन्या राशि के स्वामी ग्रह बुध, शुक्र देव के परम मित्र हैं। 
  • जब शुक्र ग्रह कन्या राशि में विराजमान होते हैं, तो यह वैवाहिक जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं क्योंकि शुक्र का संबंध जीवनसाथी और विवाह से भी है। 
  • साथ ही, कन्या राशि में नीच अवस्था में होने के कारण जातकों को दांपत्य जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 
  • इस प्रकार, जब शुक्र देव कन्या राशि में मौजूद होते हैं, तो इस दौरान व्यक्ति को बहुत  सोच-समझकर आगे बढ़ना चाहिए। 
  • कन्या राशि में शुक्र के बैठे होने से व्यक्ति विपरीत लिंग की तरफ आकर्षित होता है। 
  • बता दें कि बुध को मन का कारक माना जाता है और जब यह दोनों ग्रह एक साथ आते हैं, तो जातक का मन कामुक और प्रेम के विचारों से भरा रहता है।
  • कुंडली में शुक्र देव के कन्या राशि में बैठे होने के कारण व्यक्ति को प्रेम और वैवाहिक जीवन में संतुष्टि और आनंद पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। 
  • कन्या राशि में शुक्र के तहत जन्मे जातक प्रेम जीवन के रिश्ते को प्रतिबद्ध बनाने में सक्षम होते हैं। सामान्य रूप से, यह जातक अपने साथी के प्रति समर्पित होते हैं। 
  • इन लोगों का दिल साफ़ होता है और यह स्वभाव से दयालु होते हैं। साथ ही, इनका व्यक्तित्व  आकर्षक होता है इसलिए लोग इनकी आकर्षित जल्दी आकर्षित हो जाते हैं। 
  • कन्या राशि में उपस्थित शुक्र के अंतर्गत जन्मे जातक विलासिता पसंद करते हैं। ऐसे व्यक्ति की रुचि शानदार जीवन जीने और ब्रांडेड कपड़े पहनने में होती है। 

अब हम आपको बताने जा रहे हैं शुक्र का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व। 

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: ज्योतिष की दृष्टि से शुक्र ग्रह

  • शुक्र देव प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और यह वृषभ और तुला राशि के अधिपति देव भी हैं। बता दें कि शुक्र महाराज वृषभ राशि में शुभ परिणाम प्रदान करते हैं।
  • कुंडली में शुक्र सप्तम के स्वामी हैं और यह पत्नी के भाव के कारक माने जाते हैं। इसी भाव से किसी व्यक्ति की काम इच्छा को देखा जाता है।
  • साथ ही, शुक्र महाराज भौतिक सुख-सुविधाओं के भी कारक ग्रह हैं, इसलिए जिन जातकों की कुंडली में शुक्र देव की स्थिति मज़बूत होती है, उन्हें जीवन में कभी सुख-सुविधाओं का अभाव नहीं होता है।
  • जैसे कि हम भली-भांति जानते हैं कि शुक्र ग्रह विलासिता एवं ऐश्वर्य के ग्रह हैं। वैवाहिक जीवन से भी इनका संबंध होने के कारण शुक्र देव रिश्ते में प्रेम, आपसी समझ और सामंजस्य में वृद्धि करवाते हैं। 
  • यदि किसी जातक की कुंडली में शुक्र देव की स्थिति मजबूत होती हैं, तो उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है।  
  • शुक्र देव का प्रभाव विशेष रूप से महिलाओं पर देखा जाता है क्योंकि यह प्रेम, सौंदर्य और स्त्री जीवन से संबंधित विभिन्न भौतिक पहलुओं को भी दर्शाते हैं। 
  • शुक्र देव की कृपा से ही जातक की रुचि संगीत, कला, और रचनात्मक क्षेत्रों में होती है और वह इसमें महारत हासिल करता है। 
  • शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव से व्यक्ति अपने जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों का आनंद लेता हुआ दिखाई देता है। 
  • जिन जातकों का शुक्र बलवान होता है, वह अक्सर फैशन, डिजाइन और रचनात्मक क्षेत्रों में अपना करियर बनाते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं। 

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शुक्र का कन्या राशि में गोचर: धार्मिक दृष्टि से शुक्र ग्रह का महत्व 

  • शुक्र ग्रह का सिर्फ ज्योतिषीय रूप से ही नहीं धार्मिक रूप से भी विशेष महत्व है। हिंदू धर्मग्रंथों में शुक्र देव को असुरों के गुरू का दर्जा प्राप्त है इसलिए इन्हें शुक्राचार्य के नाम से भी जाना जाता है। 
  • भागवत पुराण में शुक्र ग्रह के संबंध वर्णन मिलता है कि महर्षि भृगु के पुत्र हैं शुक्र देव जो बचपन में कवि या भार्गव के नाम से भी जाने जाते थे। 
  • अगर हम बात करें इनके स्वरूप की, तो धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, शुक्र देव का वर्ण श्वेत हैं और यह ऊँट, घोड़े या मगरमच्छ की सवारी करते हैं। इन्होंने अपने हाथों में दण्ड, कमल, माला और धनुष-बाण पकड़ा हुआ है।
  • वहीं, देवी-देवताओं में शुक्र ग्रह धन की देवी माँ लक्ष्मी से संबंधित हैं इसलिए हिन्दू धर्म में धन-वैभव, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए शुक्रवार के दिन व्रत और पूजा करने की सलाह दी जाती है। 
  • ऐसा कहा जाता है कि असुरों को ज्ञान, विज्ञान और जीवन के रहस्यों की शिक्षा देने का श्रेय शुक्र देव को ही जाता है। 
  • शुक्र देव ने ही अपने ज्ञान से अनेक प्रकार के मंत्रों और औषधियों का आविष्कार किया था जिसकी सहायता से असुर देवताओं पर विजय प्राप्त करने में सफल रहे थे। 
  • मान्यता है कि मृत व्यक्ति को पुनः जीवित करने का ज्ञान शुक्राचार्य को भगवान शिव से मिला था और संजीवनी विद्या का उपयोग करने शुक्र असुरों को पुनः जीवित कर देते थे। 

चलिए अब हम आपको रूबरू करवाते हैं शुक्र ग्रह से बनने वाले शुभ योगों से। 

शुक्र ग्रह से बनने वाले शुभ योग

मालव्य योग: कुंडली में मालव्य योग उस समय निर्मित होता है जब शुक्र ग्रह उच्च राशि में या अपने केंद्र भाव में स्थित होते हैं। ऐसे जातक जिनकी जन्म कुंडली में मालव्य राजयोग बनता है, वह लोग कला, संगीत, नृत्य और मनोरंजन से जुड़े क्षेत्रों में कामयाबी हासिल करते हैं। साथ ही, इस योग के प्रभाव से जातक साहसी, पराक्रमी बनता है और उसकी निर्णय लेने की क्षमता मज़बूत होती है। 

भेरी योग: 2. भेरी योग को बहुत शुभ योग माना जाता है और जब कुंडली में शुक्र और लग्नेश गुरु से केंद्र भाव में विराजमान हों या नवमेश मज़बूत अवस्था में होता है, तो भेरी योग का निर्माण होता है। इस योग के शुभ प्रभाव से जातक की आयु लंबी होती है और उसे अपने जीवन में धन, भूमि, भवन और संतान आदि का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे लोगों की रुचि सामाजिक कार्यों में होती है।

बता दें कि शुक्र का कन्या राशि में गोचर के इस लेख में हम आपको शुक्र से बनने वाले सिर्फ़ शुभ योगों की ही जानकारी प्रदान कर रहे हैं। आइए अब नज़र डालते हैं शुक्र ग्रह के शुभ और अशुभ प्रभाव पर। 

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शुक्र का कन्या राशि में गोचर: शुभ और अशुभ प्रभाव 

शुक्र का नकारात्मक प्रभाव 

  • अगर आपकी कुंडली में शुक्र कमज़ोर होता है, तो आपके जीवन में धीर-धीरे गरीबी और निर्धनता वास करने लगती है। 
  • शुक्र ग्रह के निर्बल अवस्था में होने पर व्यक्ति को संतान प्राप्त करने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • शुक्र महाराज की अशुभ स्थिति व्यक्ति के आर्थिक जीवन में बाधाएं पैदा करती है जिसके चलते आपको आर्थिक तंगी से दो-चार होना पड़ सकता है। 
  • शुक्र की कमज़ोर अवस्था आपके स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है और आपको आंत, शुगर, किडनी और मूत्र से जुड़े रोग परेशान कर सकते हैं। 
  • वैवाहिक जीवन में शुक्र की अशुभता वैवाहिक जीवन में तनाव और समस्याओं का कारण बनती है।  

शुक्र का सकारात्मक प्रभाव 

  • ऐसे जातक जिनकी कुंडली में शुक्र ग्रह बलवान होता है, वह बेहद सुंदर और आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं।
  • शुक्र ग्रह के शुभ होने पर व्यक्ति में आत्मविश्वास कूट-कूट कर भरा होता है और वह लोगों में काफ़ी लोकप्रिय होता है।
  • शुक्र के मज़बूत होने से जातक समाज में प्रसिद्धि और मान-सम्मान हासिल करता है।
  • शुक्र देव का आशीर्वाद आपको जीवन में भौतिक सुखों प्रदान करता है। 
  • यदि आपको कार्यों के माध्यम से अचानक लाभ मिलने लगता है, तो यह मज़बूत शुक्र का संकेत होता है। 
  • ऐसे व्यक्ति जिनके जीवन में लगातार सुख-सुविधाओं में वृद्धि हो रही हैं, तो इसका कारण शुक्र देव होते हैं।   
  • शुक्र देव की कृपा आपको रचनात्मक क्षेत्रों से जुड़े करियर में सफलता प्रदान करती है। 

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर 

शुक्र का कन्या राशि में गोचर के दौरान करें ये उपाय 

  • दान: कुंडली में शुक्र ग्रह को मज़बूत करने के लिए शुक्र से जुड़ी सफेद वस्तुओं जैसे चीनी, दूध, सफेद मिठाई और दही आदि का दान करें। बता दें कि इन सब चीज़ों का दान शुक्रवार के दिन करें।  
  • मंत्र जाप: शुक्र देव से शुभ फल पाने के लिए “ॐ शुं शुक्राय नमः” मंत्र का नियमित रूप से 108 बार जाप करें। इससे आपके जीवन में धन-समृद्धि का आगमन होता है। 
  • सफेद रंग: शुक्र महाराज को सफ़ेद रंग अत्यंत प्रिय होता है और ऐसे में, इनको बलवान करने के लिए सफेद रंग के कपड़े ज्यादा से ज्यादा धारण करें। 
  • परफ्यूम और इत्र का उपयोग: शुक्र का संबंध सुगंध से भी है इसलिए इनको प्रसन्न करने के लिए आपको नियमित रूप से परफ्यूम और इत्र का उपयोग करना चाहिए। 
  • गाय को रोटी: सुबह के समय गाय को रोटी खिलाने से शुक्र देव मज़बूत होते हैं।  

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए शुक्र देव आपकी कुंडली में दूसरे और सातवें… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि… (विस्तार से पढ़ें) 

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें और बारहवें भाव के… (विस्तार से पढ़ें) 

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में चौथे और लाभ भाव के स्वामी… (विस्तार से पढ़ें) 

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव और दसवें भाव के… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे और भाग्य भाव के … (विस्तार से पढ़ें) 

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए शुक्र देव आपकी कुंडली में लग्न या राशि के स्वामी … (विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में सातवें और बारहवें भाव के… (विस्तार से पढ़ें)  

धनु राशि 

धनु राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में छठे और लाभ भाव के स्वामी हैं जो… (विस्तार से पढ़ें) 

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें और दसवें भाव के… (विस्तार से पढ़ें) 

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में चौथे और भाग्य भाव के… (विस्तार से पढ़ें) 

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे और आठवें भाव के… (विस्तार से पढ़ें) 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

शुक्र का कन्या राशि में गोचर कब होगा? 

शुक्र का कन्या राशि में गोचर 09 अक्टूबर 2025 को होने जा रहा है। 

शुक्र की कन्या राशि में स्थिति कैसी होती है? 

ज्योतिष के अनुसार, शुक्र कन्या राशि में नीच अवस्था में होते हैं। 

कन्या राशि का स्वामी कौन है?

राशि चक्र की छठी राशि कन्या के स्वामी बुध ग्रह हैं।