गरीब के घर पैदा होकर भी अमीर बना देता है ये राजयोग, कहीं आपकी कुंडली में तो नहीं?

सनातन धर्म में जब किसी बच्चे का जन्म होता है तो समय, नक्षत्र, ग्रह और तिथि के अनुसार उस बच्चे की कुंडली तैयार की जाती है। ऐसे में, कुछ लोगों की कुंडली में ऐसे राजयोग होते हैं, जो जातक को गरीब होते हुए भी अमीर बना देते हैं। ज्योतिष में ऐसे कई राजयोग के बारे में चर्चा की गई है, जो व्यक्ति को धन, दौलत और शौहरत दिलाते हैं। राजयोग का प्रभाव इतना अधिक होता है कि व्यक्ति चाहे गरीब घर में भी पैदा हो लेकिन वह अमीर बनता है। ऐसे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति हमेशा मजबूत रहती है और वह समाज में अपनी अलग पहचान बनाता है। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम एक ऐसे ही राजयोग के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं, जिसके शुभ प्रभाव से रंक भी राजा बन जाता है। 

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यह योग है शश राजयोग, जिसका निर्माण शनि के द्वारा होता है। शनि नवग्रह में सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं। एक राशि में वह कम से कम ढाई सालों तक रहते हैं, लेकिन अपनी स्थिति में बदलाव करते रहते हैं। इन बदलाव से व्यक्ति की कुंडली में शश राजयोग का निर्माण होता है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं शश राजयोग के बारे में। साथ ही, यह भी जानेंगे कि यह राजयोग कैसे बनता है और इसके बनने से जातक को क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।

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जानिए कैसे बनता है शश राजयोग

ज्योतिष के अनुसार, शश महापुरुष राजयोग की चर्चा पंच महापुरुष राजयोग में होती है। शनि के लग्न भाव में होने या चंद्र से केंद्र भाव पर होने पर इस योग का निर्माण होत है। बता दें कि शनि देव अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें या दसवें स्थान पर तुला, मकर या कुंभ राशि में विराजमान हों, तो ऐसे में कुंडली में शश योग का निर्माण होता है। बता दें कि जिस भी जातक की कुंडली में यह योग बनता है वह बहुत अधिक भाग्यशाली होता है।

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गरीब को भी अमीर बना देता है ये राजयोग

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि दु:ख, बीमारी, शोक, दारिद्रय, मृत्यु आदि के कारक ग्रह शनि तुला राशि में विराजमान हो, तो शश राजयोग बेहद शुभ फल प्रदान करता है। बता दें कि शनि देव की उच्च राशि तुला है इसलिए जिस व्यक्ति की कुंडली में ये राजयोग बनता है वह गरीब से गरीब परिवार में जन्म लेकर भी अमीर बनता है और खूब नाम कमाता है। इतना ही नहीं, इन लोगों की आर्थिक स्थिति भी काफी मजबूत होती है। ये लोग खूब पैसे वाले होते हैं और इन्हें कभी भी आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। ये लोग बहुत धनवान भी होते हैं। इतना ही नहीं, ये लोग जरूरतमंदों की भी मदद करने के लिए आगे आते हैं।

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शश राजयोग के फायदे

जिस भी जातक की कुंडली में शनि कुंभ राशि में या केंद्र में या मूल त्रिकोण में मौजूद है और शुभ अवस्था में है तो शश राजयोग का उसे बहुत अधिक शुभ फल प्राप्त हो सकता है। इसी के साथ गोचर के अनुसार भी जातक को शश राजयोग का बहुत अधिक लाभ मिलता है। बता दें कि वर्तमान में शनि कुंभ राशि में विराजमान होकर शश राजयोग का निर्माण कर रहा है। आइए जानते है कि जब यह राज योग किसी जातक की कुंडली में बनता है तो उसे किस प्रकार के फायदे हो सकते हैं।

  • ज्योतिष के अनुसार, शश राजयोग के शुभ प्रभाव से जातक में बड़े से बड़े रोग से उबरने की मजबूत क्षमता होती है।
  • इस योग के परिणामस्वरूप जातक की आयु लंबी होती है और वह लंबे आयु तक स्वस्थ जीवन जीता है।
  • जिन जातकों का अपना व्यापार होता है, उन्हें इस योग से बहुत अधिक लाभ होता है। व्यापार में दिन प्रतिदिन मुनाफा होता है और तेजी से बिज़नेस आगे बढ़ता है। साथ ही, जातक अपने बिज़नेस करने में बहुत अधिक प्रैक्टिकल होते हैं।
  • ऐसे जातक, जरूरत पूर्ति या आवश्यकता अनुसार की बातचीत करता है और हर किसी को अपनी राय नहीं देता है।
  • ये लोग बहुत अधिक ज्ञानी होते हैं और लोग इनसे राय लेना पसंद करते हैं।
  • इनका मन रहस्यों को जानने और उसे अपनी तरह से लोगों तक पहुंचाने में होता है।
  • राजनीति के क्षेत्र में तो ये अपार सफलता प्राप्त करते हैं और कूटनीति करने में सबसे आगे होते हैं।
  • कार्यक्षेत्र में ये शीर्ष पद पर आसीन होते हैं और हर किसी से खूब मान-सम्मान प्राप्त करते हैं।
  • यदि जातक की कुंडली में शश राजयोग का निर्माण हो रहा है तो उस पर कभी भी शनि के कुप्रभाव, साढ़ेसाती और ढैय्या के बुरे प्रभाव नहीं पड़ते हैं।
  • यदि ये जातक सरकारी नौकरी, आईएएस, पीसीएस की तैयारी करते हैं तो इन्हें सफलता मिलने की अधिक संभावना होती है।

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शश योग में जन्म लेने वाले जातक का व्यक्तित्व

शश योग को शशका योग भी कहते हैं। इस योग में जन्म लेने वाले बच्चे बहुत अधिक भाग्यशाली होते हैं। इनके व्यक्तित्व की बात करें तो इनका चेहरा छोटा होता है, आंखें फुर्तीली होती हैं और मध्यम ऊंचाई वाले छोटे दांत हो सकते हैं। इन लोगों को घूमने-फिरने का बहुत अधिक शौक होता है। ऐसे जातक कई ज्यादातर यात्रा करने की योजना बनाते हैं। उन्हें वादियां और पहाड़ों पर जाना बहुत अधिक पसंद होता है। शश योग के जातकों को बहुत जल्दी गुस्सा आ सकता है और ये अपने क्रोध पर जल्दी लगाम नहीं लगा पाते हैं। ये जिद्दी और साहसी स्वभाव के भी होते हैं। इसके अलावा, ये पार्टियों की मेजबानी करना और लोगों को घर पर आमंत्रित करना बहुत अधिक पसंद करते हैं। ये लोग बहुत अधिक मेहनती होते हैं और अपने प्रयासों से सफलता अवश्य प्राप्त करते हैं।

यह दूसरों की सेवा करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। वे धातु की वस्तुओं को बनाने में कुशल होते हैं। ऐसे जातक विपरीत लिंग की तरफ सबसे ज्यादा आकर्षित होते हैं। कई बार ये लोग अपना पैसा दूसरों पर बहुत अधिक बर्बाद कर सकते हैं। ये लोग अपने माता-पिता से बहुत अधिक प्यार करते हैं और उनकी सेवा करते हैं। ये लोग हेल्थ में भी काफी फिट होते हैं और कोई बड़ी बीमारी इन्हें परेशान नहीं कर सकती है। फिट रहने के साथ-साथ ये आकर्षक भी होते हैं और हर कोई जल्द इनकी तरफ आकर्षित हो सकता है। हालांकि वे काफी बुद्धिमान होते हैं इसलिए दूसरों में अक्सर दोष ढूंढते रहते हैं, जिसकी वजह से लोग इन से जल्द नाराज भी हो सकते हैं।

शनि के अशुभ प्रभाव से भी बचाता है शश योग

शश योग शनि के अशुभ प्रभाव को सुधारने में सहायक होता है और जातक को शुभ परिणाम देता है। यह योग जातक को शनि के नकारात्मक प्रभाव से बचाने में अत्यधिक फलदायी है। ‘शनि साढे़साती’ और ‘शनि ढैय्या’ के बुरे प्रभाव को भी समाप्त करने की क्षमता रखता है। 

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. शश राजयोग कैसे बनता है?

उत्तर 1. शश राजयोग तब बनता है, जब शनि लग्न भाव से या चंद्र भाव से केंद्र भाव में स्थित हो, यानी शनि कुंडली में लग्न या चंद्रमा से पहला, चौथा, सातवें या दसवें भाव में तुला, मकर या कुंभ राशि में स्थित हो, तो यह शश योग बनाता है।

प्रश्न 2. शश योग का फल कब मिलता है?

उत्तर 2. शश योग तब बनता है जब कुंडली के लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें घर में शनि अपने स्वयं की राशि (मकर, कुंभ) में या उच्च राशि तुला में मौजूद होता है।

प्रश्न 3. शश राजयोग का दूसरा नाम क्या है?

उत्तर 3. शश राजयोग का दूसरा नाम शशका योग है।

प्रश्न 4. शनि देव के गुरु कौन है?

उत्तर 4. शनि देव के गुरु भगवान शिव हैं।

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