मनचाहा फल प्राप्त करने के लिए महानवमी पर राशि अनुसार इन चीजों का करें दान!

इस खास ब्लॉग में आज हम बात करेंगे शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि के बारे में। जैसा कि हमने पहले भी बताया कि यूं तो नवरात्रि का हर एक दिन अपने आप में बेहद ही खास और महत्वपूर्ण होता है लेकिन जब बात आती है अष्टमी और नवमी तिथि को तो इन्हें अन्य दिनों की तुलना में सबसे अधिक महत्वपूर्ण और खास माना जाता है। 

आज के अपने इस विशेष ब्लॉग में हम जानेंगे कि आखिर नवमी तिथि को इतना महत्व क्यों दिया जाता है, नवमी तिथि पर माता के किस स्वरूप की पूजा होती है, मां की पूजा से क्या लाभ मिलता है, मां का प्रिय रंग और मंत्र क्या है, साथ ही जानेंगे नवमी तिथि पर किए जाने वाले कुछ अचूक उपाय की भी जानकारी। 

इसके अलावा अगर आप नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने जा रहे हैं तो इस दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ेगी इसकी जानकारी भी आपको हमारे इस खास ब्लॉग में प्रदान की जाएगी। तो चलिए शुरू करते हैं हमारा यह स्पेशल ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं वर्ष 2024 में नवमी तिथि कब पड़ रही है।

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शारदीय नवरात्रि नवमी तिथि- शुभ मुहूर्त 

वर्ष 2024 में नवमी तिथि नवरात्रि के दसवें दिन अर्थात 12 अक्टूबर 2024 शनिवार के दिन पड़ रही है। इस दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। साथ ही बहुत से लोग इस दिन नवरात्रि का पारणा भी करेंगे। इसके अलावा इसी दिन विजयदशमी भी प्रारंभ हो जाएगी। बात करें इस दिन के हिंदू पंचांग की तो इस दिन की तिथि नवमी रहेगी, पक्ष शुक्ल है, नक्षत्र श्रवण है, योग वृद्धि है, अभिजीत मुहूर्त 11:44:8 सेकंड से लेकर 12:30:24 सेकंड तक रहने वाला है।

माँ सिद्धिदात्री स्वरूप और महत्व 

नवरात्रि के नवमी तिथि के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों की सभी सिद्धियों को पूरा करने वाली मानी जाती हैं। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से व्यक्ति को सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है और लौकिक और अलौकिक मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। साथ ही मां सिद्धिदात्री की पूजा जो कोई भी भक्त पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करते हैं उनके घर में कभी भी धन्य धान्य की कमी नहीं रहती है। 

मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा स्वयं ऋषि, मुनि, यश, देव, दानव, साधक, किन्नर भी करते हैं। सिद्धि और मोक्ष देने वाली मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की बात करें तो माँ कमल के आसन पर विराजमान हैं और उनकी चार भुजाएं होती हैं जिसमें उन्होंने कमल, शंख, गदा और सुदर्शन चक्र धारण किया हुआ है। माँ सिंह की सवारी भी करती हैं। 

मां सिद्धिदात्री समस्त संसार का कल्याण करती हैं इसीलिए उन्हें जगत जननी भी कहते हैं। देवी पुराण के अनुसार कहा गया है कि मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही शिव शंकर ने सिद्धियां प्राप्त की थी। भगवान ने मां की कृपा से ही अपना आधा शरीर देवी का किया था। जिससे इन्हें अर्धनारीश्वर कहा गया। मां अपने साधकों की सभी सांसारिक इच्छाओं और आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। 

मां की आराधना से जातक को अणिमा, लधिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व, सर्वकामावसायिता, दूर श्रवण, परकामा प्रवेश, वाकसिद्ध, अमरत्व भावना सिद्धि आदि समस्त सिद्धियों नव निधियों की प्राप्ति होती है।

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तो ऐसे पड़ा माँ का नाम सिद्धिदात्री

सिद्धिदात्री नाम का अर्थ है ‘सिद्धि देने वाली’ या ‘पुरस्कार देने वाली’। सिद्धि का अर्थ है ‘अलौकिक शक्ति’ या ‘ध्यान क्षमता’। सिद्धिदात्री, मां दुर्गा के नौ रूपों में से नौवें और आखिरी रूप हैं। नवरात्रि के नौवें दिन इनकी पूजा की जाती है।

मां सिद्धिदात्री पूजा मंत्र, भोग और प्रिय रंग 

सबसे पहले बात करें मां सिद्धिदात्री के पूजा मंत्र की तो इस दिन की पूजा में नीचे दिए गए मंत्रों का स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जप अवश्य करें 

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

इसके अलावा बात करें भोग की तो कहा जाता है कि मां सिद्धिदात्री को चना, पूरी, मौसमी फल, खीर, हलवा और नारियल बेहद ही प्रिय होता है। ऐसे में आप अपनी यथाशक्ति अनुसार इस दिन की पूजा में इन चीजों को अवश्य शामिल करें। पूजा के बाद इन चीजों को प्रसाद रूप में ग्रहण भी करें। 

इसके बाद बात करें मां के प्रिय रंग तो चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि के दिन नीले या फिर जामुनी रंग के वस्त्र पहनना बेहद ही शुभ रहता है। इसके अलावा मां सिद्धिदात्री को इस दिन लाल रंग के गुड़हल के या गुलाब के फूल अर्पित करें। इससे भी माँ की प्रसन्नता हासिल की जा सकती है।

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महानवमी तिथि पर करने जा रहे हैं कन्या पूजन तो इन बातों का रखें विशेष ख्याल 

जहां बहुत से लोग अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करते हैं वहीं बहुत से लोग नवमी तिथि पर भी कन्या पूजन करते हैं। बात करें इसके महत्व की तो कन्या पूजन के माध्यम से लोग माता रानी की प्रसन्नता हासिल करना चाहते हैं। मान्यता के अनुसार कन्या पूजन में आप 9 से 2 की संख्या में कन्याओं को शामिल कर सकते हैं। मतलब आप चाहे तो दो कन्याओं को पूजा में शामिल कर लें या फिर 9 को। इस बात का ख्याल अवश्य रखें कि कन्याओं के साथ एक बटुक अवश्य होना चाहिए। बात करें इस दौरान किन बातों का या नियम का विशेष रूप से ध्यान रखना है तो, 

  • देवी भागवत पुराण के अनुसार कन्या पूजन में केवल कुमारी कन्याएं ही शामिल की जानी चाहिए। 
  • जो कन्या किसी अंग से खराब हो या राजसवला हो उसे कन्या का पूजन नहीं करना चाहिए। 
  • इसके अलावा नौ कन्याओं के साथ आप कम से कम एक बालक कन्या पूजन में अवश्य शामिल करें। 
  • बालक को भैरव का स्वरूप माना जाता है। 
  • कन्याएं जब खाना खाकर घर से विदा लें तो तुरंत घर की साफ सफाई ना करें। 
  • कन्याओं के लिए इस दिन जो भी भोजन बनाया जाए उसमें भूल से भी लहसुन प्याज का प्रयोग ना करें। 
  • इसके अलावा कन्या पूजन के लिए तैयार किया गया भोजन भूल से भी जूठा ना करें। 
  • इस दिन किसी पर क्रोध न करें। 
  • घर आई कन्याओं का अपमान ना करें। इन बातों का ध्यान रखकर आप कन्या पूजन करते हैं तो आपको माँ की प्रसन्नता निश्चित रूप से प्राप्त होगी।

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महानवमी के राशि अनुसार उपाय

नवरात्रि के आखिरी दिन यानी कि महानवमी को बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन मां के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा का विधान बताया गया है। इसके अलावा 9 दिन के व्रत और पूजन को सफल बनाने के लिए इस दिन कन्या पूजन और हवन भी करते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि की महा नवमी पर अगर राशि अनुसार आप कुछ खास चीजों का दान करें तो इसे 9 दिनों की पूजा सफल तो होती ही है साथ ही मां दुर्गा की कृपा से आपके धन-धान्य के भंडार सालों साल भरे रहेंगे, साथ ही खुशहाली आपके जीवन से कभी भी नहीं जाएगी।

  • मेष राशि: मेष राशि के जातक मां दुर्गा को लाल चुनरी अर्पित करें और कुंवारी कन्याओं को लाल चुनरी का दान करें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहेगा। 
  • वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातक नवरात्रि की नवमी तिथि पर चुनरी में बताशे रखकर माता के चरणों में अर्पित करें। इससे आपका सौभाग्य बढ़ेगा। 
  • मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातक महानवमी पर गेहूं का दान करें। इससे आपके जीवन में धन का भंडार कभी भी खाली नहीं होगा। 
  • कर्क राशि: कर्क राशि के जातक महानवमी के दिन मां दुर्गा को गुड़ की मिठाई का दान करें। इससे आपको जीवन में सफलता मिलेगी। 
  • सिंह राशि: सिंह राशि के जातक महानवमी के दिन नौ कन्याओं को नारियल बांटें। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनेगी। 
  • कन्या राशि: कन्या राशि के जातक महानवमी के दिन घी का दान करें। ऐसा करने से विवाह में आ रही अड़चनें दूर होगी। 
  • तुला राशि: तुला राशि के जातक महानवमी पर हलवा पूरी बांटे। इसके घर में खुशियां आएंगी। 
  • वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातक अनार का फल मां दुर्गा को अर्पित करें। ऐसा करने से आपको नौकरी और व्यापार में सफलता मिलेगी। 
  • धनु राशि: धनु राशि के जातक जरूरतमंद कन्या को मिट्टी के घड़े में जल भरकर दान करें। इससे आपके जीवन में बरकत बढ़ेगी। 
  • मकर राशि: महानवमी के दिन मकर राशि के जातक काले चने का दान करें। इससे मां दुर्गा की कृपा से नवग्रह के दुष्प्रभाव कम होंगे। 
  • कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातक नवमी पर केले का फल कन्याओं को बांटें। इससे आपके जीवन में सुख समृद्धि बढ़ेगी। 
  • मीन राशि: मीन राशि के जातक महानवमी के दिन अन्न, वस्त्र का दान करें। इससे आपका सोया हुआ भाग्य जाग उठेगा।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

1: शारदीय नवरात्रि 2024 नवमी कब है? 

वर्ष 2024 में शारदीय नवरात्रि नवमी तिथि 12 अक्टूबर 2024 शनिवार के दिन पड़ रही है। 

2: शारदीय नवरात्रि 2024 दशहरा किस दिन मनाया जाएगा? 

शारदीय नवरात्रि 2024 विजयदशमी का त्योहार 12 अक्टूबर 2024 शनिवार के दिन पड़ेगा। 

3: शारदीय नवरात्रि 2024 मां का आगमन वाहन क्या है? 

शारदीय नवरात्रि 2024 में माँ डोली में विराजमान होकर आएंगी। देवी पुराण में पालकी की सवारी को बहुत शुभ बताया गया है। 

4: शारदीय नवरात्रि में दुर्गा विसर्जन किस दिन है? 

इस वर्ष दुर्गा विसर्जन 13 अक्टूबर 2024 रविवार के दिन पड़ रहा है

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