सिर्फ पूजा और दान ही नहीं शनिदेव को प्रसन्न करने के लिये यह काम करना भी है जरुरी!

शनिदेव को कर्मफल दाता माना जाता है। कहा जाता है कि आपके कर्मों के अनुसार ही शनि देव आपको फल देते हैं। यदि आपके कर्म अच्छे नहीं हैं तो आपको शनि देव बुरे फल देते हैं और आपको जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिये ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। वहीं जो जातक धर्म के मार्ग पर चलते हैं उनके ऊपर शनिदेव की कृपा दृष्टि बनी रहती है। इसके साथ ही यदि आपकी कुंडली में शनि नीच राशि में स्थित है, अशुभ ग्रहों से संपर्क बना रहा है या वक्री है तो जातकों को शनि के गोचर, साढ़ेसाती की दौरान काफी मुश्किलों का सामना जीवन में करना पड़ता है। 

आपको बता दें कि शनिदेव के अशुभ प्रभावों से आपको नौकरी, व्यवसाय में मुश्किलें आती हैं। आप मानसिक रुप से अशांत हो जाते हैं, यात्राएं आपके लिये हितकर नहीं होतीं, पैसा बहुत खर्च होता है, शत्रु आपको परेशान करते हैं और आपके मान सम्मान में भी कमी आती हैं। आज हम अपने इस लेख में आपको बताएंगे कि शनिदेव को आप कैसे प्रसन्न कर सकते हैं। 

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिये अपनाएं ये अचूक उपाय

यदि आप शनिदेव को शांत करना चाहते हैं तो आपको शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर सरसों का तेल शनिदेव की मूर्ति पर अर्पित करना चाहिये। इसके साथ ही शनिदेव को काले तिल, लोहा, काली उड़द, छाता और काली वस्तुएं अर्पित करके भी प्रसन्न किया जा सकता है। यदि आप शनि मंदिर के बाहर अपने पुराने जूतों और कपड़ों का त्याग करते हैं तो आप पर काम कर रही कई नकारात्मक शक्तियां पराजित हो जाती हैं। इसके साथ ही यदि आप भगवान शिव की पूजा करते हैं तो शनिदेव आपसे प्रसन्न होते हैं। माना जाता है कि शनि देव भगवान शिव के भक्त हैं।

पूजा और दान के अलावा इस विधि से शनिदेव को करें प्रसन्न

जैसा कि हम सब जानते हैं कि शनिदेव को कर्म फल दाता कहा जाता है इसलिये पूजा और दान के साथ-साथ आपको अपने कर्मो पर भी ध्यान देना चाहिये। यदि आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको किसी भी कमजोर इंसान को कभी परेशान नहीं करना चाहिये। अगर आपकी सामर्थ्य है तो आपको जरुरतमंदों की सेवा करनी चाहिये। अपने माता पिता और घर के बड़े बुजुर्गों का आपको हमेशा सम्मान करना चाहिये। इसके साथ ही किसी के प्रति गलत अपने मन में आपको गलत विचार नहीं लाने चाहिये। अगर आप इन सब बातों का ध्यान रखते हैं तो बिना पूजा किये भी शनिदेव आपसे प्रसन्न हो जाते हैं। वहीं अगर आप ऐसा नहीं करते तो पूजा करके भी आपको कोई विशेष लाभ प्राप्त नहीं होता।

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