शनि देव को क्रूर ग्रह माना जाता है। ऐसे में लोग अक्सर शनिदेव के नाम से ही डरने लगते हैं। कुंडली में शनि ग्रह सही ना हो तो व्यक्ति को शनि की महादशा, अंतर्दशा, शनि की ढैया और साढ़ेसाती का सामना करना पड़ता है। हालांकि वहीं जिन व्यक्तियों के शनि शुभ होते हैं उन्हें जीवन में किसी भी तरह का समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। सप्ताह में शनिवार का दिन शनिदेव की पूजा और उनकी प्रसन्नता हासिल करने के लिए निर्धारित किया गया है। ऐसे में कल यानी 20 मार्च को शनिवार का व्रत करके आप भी शनिदेव की प्रसन्नता हासिल कर सकते हैं।
शनि की साढ़ेसाती
कहा जाता है हर एक व्यक्ति को अपने जीवन में कभी ना कभी शनि की दशा का सामना अवश्य करना पड़ता है। हर 30 साल में शनिदेव अलग-अलग राशियों का भ्रमण करते हुए उसी राशि में लौट आते हैं जहां से उन्होंने भ्रमण शुरू किया हो। जब शनिदेव व्यक्ति की राशि से एक राशि पूर्व में होते हैं तब उस व्यक्ति की साढ़ेसाती शुरू हो जाती है। शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित व्यक्ति को ढेरों कष्ट और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
यह भी पढ़ें: सिर्फ पूजा और दान ही नहीं शनिदेव को प्रसन्न करने के लिये यह काम करना भी है जरुरी
ऐसे में शनि देव के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए शनिदेव की प्रसन्नता हासिल करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। शनिदेव को प्रसन्न करना भी उतना ही आसान है। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्म के आधार पर फल देते हैं। ऐसे में यदि आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उन्हें तो अपने कर्मों को अच्छा रखें, इसके अलावा शनिदेव की पूजा में हमेशा आक का फूल अवश्य शामिल करें। कहा जाता है शनि देव को आक का फूल बेहद प्रिय होता है। ऐसे में पूजा में उनकी पसंद की चीजें शामिल करके शनिदेव की प्रसन्नता बेहद ही आसानी से और जल्दी हासिल की जा सकती है। इसके अलावा आप चाहे तो शनिवार की पूजा में नीले रंग के फूल भी शामिल कर सकते हैं। यह भी शनिदेव को बेहद प्रिय होते हैं और इससे शनिदेव की प्रसन्नता जल्दी हासिल की जा सकती है। शनिवार की पूजा में सुंदरकांड अवश्य पढ़ें। इसके अलावा शनिवार के दिन अपनी यथाशक्ति के अनुसार काले तिल, सरसों के तेल, साबुत उड़द का दान अवश्य करें।
यह भी पढ़ें: वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह
ऐसा करने से भी शनिदेव की प्रसन्नता हासिल होती है। सप्ताह में मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें और पीपल के पेड़ के नीचे दीपक अवश्य जलाएं। कहा जाता है जिस व्यक्ति ने हनुमान जी की प्रसन्नता हासिल कर ली होती है शनिदेव उनका कभी भी अ -मंगल नहीं करते हैं। शनिवार के दिन मां भगवती काली की पूजा भी अवश्य करें। शनिवार की पूजा में शनि मंत्र भी अवश्य शामिल करें।
शनि दोष निवारण के लिए शनि बीज मंत्र का जाप करें। मंत्र – ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः!
शनि ग्रह को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का भी जाप कर सकते हैं- ॐ शं शनिश्चरायै नमः!
यह भी पढ़ें: शनि ग्रह शांति, मंत्र एवं उपाय
जीवन की दुविधा दूर करने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात और चैट
आशा करते हैं इस लेख में दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी।
एस्ट्रोसेज से जुड़े रहने के लिए आप सभी का धन्यवाद।