शनि कुंभ राशि में वक्री: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शनि कुंभ राशि वक्री के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि शनि वक्री का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को शनि वक्री से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस ब्लॉग में शनि की स्थिति को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे। बता दें कि शनि 29 जून 2024 को अपनी स्वयं की राशि कुंभ में वक्री होने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।
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जैसे कि हम जानते हैं कि शनि ग्रह कर्मफल दाता है जो कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं और सभी ग्रहों में यह सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। ऐसे में, जब भी इनकी स्थिति में ज़रा सा भी परिवर्तन होता है उसका असर मानव जीवन के साथ-साथ राशिचक्र की सभी 12 राशियों पर पड़ता है।
शनि महाराज को किसी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में ढाई साल का समय लगता है और इस प्रकार, यह 12 राशियों का एक चक्र पूरा करने में 30 साल का समय लेते हैं। बीते 17 जनवरी 2023 को शनि देव अपनी मूल त्रिकोण राशि में लौट आए थे और अब यह कुंभ राशि में ही 29 जून 2024 की रात 11 बजकर 40 मिनट पर वक्री हो रहे हैं। हालांकि, शनि की वक्री अवस्था को बेहद प्रभावशाली और ताकतवर माना जाता है जिसका गहरा असर सभी राशियों पर देखने को मिलता है। अब नज़र डालते हैं कि किन राशियों को शनि की वक्री चाल शुभ व किन राशियों पर अशुभ परिणाम प्रदान करेगी।
शनि कुंभ राशि में वक्री: समय
शनि, शक्तिशाली ग्रह जो 17 जनवरी, 2023 को कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं और अब 29 जून, 2024 को वक्री होने के लिए तैयार है। शनि वर्तमान में अपनी मूल त्रिकोण राशि में हैं।
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कुंभ राशि में शनि का वक्री होना: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शनि आपके दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह लाभ भाव यानी कि ग्यारहवें भाव में वक्री हो रहे हैं। ऐसे में, शनि का कुंभ राशि में वक्री होना आपके करियर और कमाई को प्रभावित करेगा। इसके परिणामस्वरूप, जातकों को कार्यों में मनचाहे परिणाम पाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है।
आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि शनि ग्रह आपकी परीक्षा ले रहे हैं और इस दौरान वह आपको जीवन के महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाएंगे। ऐसे में, आपको मेहनत करना जारी रखना होगा क्योंकि भविष्य में आपको शनि देव अनुकूल परिणाम प्रदान करेंगे। जिन जातकों का अपना व्यापार हैं, उन्हें अपने बिज़नेस को चलाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है और लाभ कुछ हद तक कम हो सकता है। आर्थिक जीवन की बात करें तो आशंका है कि वक्री शनि का आपके वित्तीय जीवन में बहुत अधिक सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा और आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है।
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वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि नौवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके लाभ के दसवें भाव में वक्री होंगे। कुंभ राशि में शनि का वक्री होना वृषभ राशि वालों के करियर और लाभ पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। जहां तक आपके करियर का सवाल है, वक्री शनि के फलस्वरूप आपको मनचाही सफलता मिलने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि आपको छोटे-छोटे लाभ प्राप्त करने के लिए भी अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं। आपके अंदर प्रतिभा और अच्छे स्किल्स होने के बावजूद भी कार्यक्षेत्र में आपके वरिष्ठ आपसे ज्यादा दूसरों पर भरोसा करेंगे और उन्हें तरजीह दे सकते हैं। जिन जातकों का खुद का बिज़नेस हैं, उन्हें अपने व्यवसाय को चलाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है और इस अवधि के दौरान नए व्यवसायों को बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए शनि आपके आठवें और नौवें भाव के स्वामी हैं जो कि वक्री होने जा रहे हैं। शनि की वक्री चाल के चलते आपके भाग्य में थोड़ी कमी देखने को मिल सकती है और साथ ही, कार्यों के पूरे होने में देरी होने की संभावना है, लेकिन थोड़ी देर से ही सही आपके सभी कार्य आपके अनुसार पूरे हो जाएंगे।
इस अवधि में आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा। इन जातकों को नौकरी में ट्रांसफर या फिर कार्यक्षेत्र में जॉब प्रोफाइल में बदलाव का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, इस दौरान आप अध्यात्म की राह पर आगे बढ़ेंगे या फिर स्वयं को आध्यात्मिक गुरुओं की शरण में पाएंगे।
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सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए शनि छठे और सातवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके सातवें भाव में वक्री हो जाएंगे। व्यवसायी वर्ग के लोगों के लिए यह अवधि अच्छी कही जा सकती है क्योंकि इस दौरान आपको कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक जीवन में भी आपको अच्छे परिणाम मिलते नज़र नहीं आ रहे हैं और आशंका है कि अच्छा लाभ प्राप्त न हो। शनि वक्री के दौरान आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है। यदि आपको आर्थिक जीवन में लाभ मिलता भी है, तो यह आपकी उम्मीद से कम हो सकता है। आप पर जिम्मेदारियों का बोझ आ सकता है, जिसे पूरा आपके लिए मुश्किल हो सकता है। शनि की वक्री अवस्था आपके वैवाहिक जीवन में समस्याएं पैदा कर सकती हैं और आपको रिश्ते में उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए इन जातकों को अपने रिश्ते को प्यार से संभालना होगा।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए शनि पांचवें और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके छठे भाव में वक्री होंगे। हालांकि, वकीलों के लिए इस समय को अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि शनि छठे भाव में हैं और यह क़ानूनी मुद्दों के फैसलों में देरी करवा सकते हैं या फिर आपके पास आने वाले मुकदमों में कमी देखने को मिल सकती है।
कन्या राशि वालों के शत्रु इस अवधि में आप पर हावी होने की कोशिश कर सकते हैं और कुछ समय के लिए आपको कमज़ोर भी कर सकते हैं। हालांकि, परिस्थितियां आपके नियंत्रण में रहेंगी, लेकिन आप तनाव में नज़र आ सकते हैं और इस वजह से आपकी रातों की नींद भी उड़ सकती है। साथ ही, इन जातकों को स्टॉक मार्केट में निवेश करने से बचना होगा, अन्यथा आपको नुकसान हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप आपको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।
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शनि कुंभ राशि में वक्री: इस एक राशि को होगा लाभ
धनु राशि
शनि के वक्री होने से धनु राशि के जातकों को बहुत अधिक शानदार परिणाम प्राप्त होंगे। आपको कई क्षेत्रों से अच्छी खबरें मिलेंगी, विशेष रूप से काम और नौकरी के मामले में आपको भाग्य का साथ मिलेगा। यदि आप अपनी नौकरी बदलने या नए अवसरों की तलाश कर रहे हैं तो आपको निश्चित रूप से नए और बेहतरीन अवसर प्राप्त होंगे। इस अवधि आप अपने साहस और प्रयासों के दम पर आप सफलता हासिल करने में सक्षम होंगे।
शनि की वक्री अवस्था के दौरान आप अच्छा ख़ासा लाभ प्राप्त करेंगे जिसके दम पर आप आर्थिक रूप से सफल होंगे। साथ ही, इस दौरान आपको उच्च वेतन वाली नौकरी मिलने की प्रबल संभावना है जो कि वित्तीय समस्याओं से आपको मुक्ति प्रदान करेगी। इस समय आपको भाग्य का भी साथ मिलेगा।
शनि कुंभ राशि में वक्री: प्रभावशाली उपाय
- गरीबों को भोजन कराना शनि के लिए सबसे अच्छे उपायों में से एक है।
- गरीब व जरूरतमंदों को कंबल और काले कपड़े दान करें।
- जरूरतमंदों को जूते दान करें।
- गरीबों को काले चने की खिचड़ी और घी दान करें।
- सरसों का तेल दान करें और हर शनिवार को शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर 1. शनि 29 जून 2024 की रात 11 बजकर 40 मिनट पर कुंभ राशि में वक्री हो रहे हैं।
उत्तर 2. शनि अभी खुद की राशि कुंभ में विराजमान हैं. 29 जून 2024 से 15 नवंबर 2024 तक वक्री रहेंगे।
उत्तर 3. बनते हुए काम में अड़चने आना, कर्ज का बोझ होना, घर में आग लगना, मकान बिकना या उसका कोई हिस्सा गिरना आदि भी शनि दोष के लक्षण माने गए हैं।
उत्तर 4. शनि कुंभ और मकर राशि के स्वामी हैं।