23 मई 2021 को शनि देव होने जा रहे हैं वक्री, सभी 12 राशियां पर प्रभाव और उपाय

मकर राशि में गोचर कर रहे शनि देव वक्री होने जा रहा है। वक्री यानि शनि देव अब उल्टी चाल चलेंगे। शनि देव हिन्दू पंचांग के अनुसार 23 मई 2021 रविवार को वक्री होंगे। शनि ग्रह के वक्री होने से मेष राशि से लेकर मीन राशि तक पर इसका विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा। अपने जीवन में शनि देव की वक्री चाल का प्रभाव जानने के लिए आप हिर्देश जी से फोन या चैट के माध्यम से बात कर सकते हैं।

ज्योतिष शास्त्र में शनि को एक क्रूर ग्रह माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शनि को भगवान शिव ने सभी ग्रहों में न्यायाधीश का दर्जा प्रदान किया हुआ है, इसलिए शनिदेव को न्याय का देवता भी कहा जाता है। शनि देव की दृष्टि और छाया से कोई नहीं बच सकता है। शनि देव को वरदान प्राप्त है कि, उनकी दृष्टि से मनुष्य, देवता और पिशाच भी नहीं बच सकते हैं। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। अगर किसी को ऐसा लगता है कि, शनिदेव सिर्फ अशुभ फल ही प्रदान करते हैं तो ऐसा नहीं है। 

एस्ट्रोसेज वार्ता से दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात

शुभ और नैतिक कार्यों को करने वालों को शनिदेव अत्यंत शुभ फल भी प्रदान करते हैं और जीवन में मान, सम्मान, और उच्च पद तथा धन के मामले में सफलता प्रदान कराते हैं।

शनिदेव जनता के भी कारक माने गए हैं। शनि की शुभ-अशुभ स्थिति और गोचर का प्रभाव जनता पर भी पड़ता है। शनि प्रधान व्यक्ति, सत्य बोलने वाला और कठोर परिश्रम करने वाला होता है। शनि व्यक्ति को ढेरों सफलता प्रदान करते हैं, और जब सफलता प्रदान करते हैं तो उसका प्रभाव बहुत लंबे समय तक रहता है। वहीं दूसरी तरफ शनि व्यक्ति को आलसी भी बनाते हैं। शनि देव अपनी महादशा, साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या के दौरान व्यक्ति को अधिक प्रभावित करते हैं।

     बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

5 राशियों पर है शनि देव की विशेष दृष्टि

वर्तमान समय में धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती तथा मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है इसलिए शनि के वक्री होने पर इन राशियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

मकर राशि में शनि का गोचर

शनि देव वर्तमान समय में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। मकर राशि शनि की अपनी राशि है। वर्ष 2021 में शनि का कोई राशि परिवर्तन नहीं है। इस वर्ष सिर्फ शनि का नक्षत्र परिवर्तन है।

शनि वक्री कब होंगे?

ज्योतिष गणना के अनुसार शनि 23 मई 2021 रविवार को दोपहर 03 बजकर 35 मिनट पर शनि देव वक्री हो जाएंगे। गणना के अनुसार शनि देव कुल 141 दिनों तक वक्री रहेंगे।

     आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी  राजयोग रिपोर्ट

शनि मार्गी कब होंगे?

शनि देव 11 अक्टूबर 2021 सोमवार को प्रात: 03 बजकर 43 मिनट पर वक्री से मार्गी होंगे।

शनि का राशि परिवर्तन

वर्ष 2021 में शनि का राशि परिवर्तन नहीं कर रहे हैं। पंचांग के अनुसार शनि देव इस समय श्रवण नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं। शनि ग्रह 2023 तक मकर राशि में ही विराजमान है। 

शनि वक्री से बन सकते हैं युद्ध जैसे हालात 

शनि ग्रह के इस परिवर्तन से 59 साल बाद ऐसी स्थिति बन रही है जब मंगल और शनि आमने सामने होने वाले हैं। पिछली बार ऐसा 1962 भारत-चीन युद्ध के समय हुआ था। 23 मई को शनि देव स्वयं के स्वामित्व वाली राशि मकर में वक्री हो जायेंगे। शनि 11 अक्टूबर तक इसी राशि में रहने वाले हैं वहीं मंगल की बात करें तो, 2 जून से 20 जुलाई तक मंगल कर्क (नीच राशि) में गोचर करेंगे। ज्योतिष के लिहाज़ से यह समय देश और दुनिया के लिए काफी मुश्किलों भरा रहने वाला है। इस दौरान भीषण प्राकृतिक, विमान, या अन्य बड़ी दुर्घटनाएं होने की आशंका हैं। इसके बाद 20 जुलाई के बाद देश और दुनिया को कुछ राहत अवश्य मिल सकती है।

शनि वक्री का सभी बारह राशियों पर प्रभाव

मेष राशि: गलत कार्यों से धन प्राप्त करने की कोशिश न करें। वाणी की मधुरता बनाए रखें।

वृषभ राशि: भ्रम की स्थिति से बाहर निकलने का प्रयास करें। जल्दबाजी में कोई कार्य न करें। दूसरों का अपमान करने से बचें।

मिथुन राशि: क्रोध से बचें, नहीं तो हानि उठानी पड़ सकती है। भाई बहनों के साथ संबंध प्रभावित हो सकते हैं इसलिए आचरण पर ध्यान दें।

कर्क राशि: योजना बनाकर कार्य करें। वचन निभाने की कोशिश करें। धोखा मिल सकता है इसलिए सावधानी बरतें।

विद्वान ज्योतिषियों से प्रश्न पूछें और पाएं हर समस्या का समाधान  

सिंह राशि: धन के मामले में जोखिम उठा सकते हैं, लेकिन बिना सोचे और बिना पड़ताल के कोई कार्य न करें। किसी कार्य में सफलता भी मिल सकती है।

कन्या राशि: अज्ञात भय की स्थिति बन सकती है। मन में सकारात्मक विचारों को बनाए रखें। संबंध में मधुरता बनाए रखें। अहंकार से दूर रहें।

तुला राशि: धन लाभ की स्थिति बन सकती है लेकिन परिश्रम करें। अनावश्यक खर्चों के कारण तनाव की स्थिति भी बन सकती है।

वृश्चिक राशि: महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले सभी विषयों का जानकारी अवश्य कर लें। कोई भी कार्य जल्दबाजी में न करें। रणनीति बनाकर कार्य करें सफलता मिलेगी।

धनु राशि: ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं, ये समय सीखने की दृष्टि से अच्छा है। निवेश के मामलों में सफलता मिल सकती है। जरूरतमंद लोगों की मदद भी कर सकते हैं।

मकर राशि: तनाव और भ्रम की स्थिति बन सकती है। सावधानी बरतें। धैर्य बनाए रखें। निर्णय लेने से पहले जानकार लोगों की मदद अवश्य लें। धन और सेहत के मामले में विशेष सावधानी बरतें।

कुंभ राशि: भविष्य को लेकर अधिक चिंतित रहेंगे। धन की बचत करें। कर्ज लेने की स्थिति से बचें। धर्म-कर्म के कार्यों में रुचि ले सकते हैं।

मीन राशि: सेहत का ध्यान रखें। संपर्कों से लाभ उठाने में सफल रहेंगे। धन लाभ के लिए परिश्रम अधिक करना पड़ेगा। जीवन साथी की सेहत को लेकर चिंता बनी रहेगी।

शनि के उपाय

  • शनि मंदिर में शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं।
  • वैशाख मास में प्याऊ स्थापित कराएं।
  • घड़े का दान करें।
  • दवा आदि का दान करें।
  • घायलों और रोगियों की सेवा करें।
  • मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।
  • परिश्रम करने वालों का सम्मान करें।

शनि मंत्र का जाप करें

ॐ नीलांजन समाभासम्। रविपुत्रम् यमाग्रजम्।

छाया मार्तण्डसंभूतं। तम् नमामि शनैश्चरम्।।

हिर्देश जी से फोन या चैट के माध्यम से करें बात

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.