धनिष्ठा नक्षत्र में शनि गोचर (18 फरवरी, 2022): बारह राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव

शनि सौरमंडल का सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह होता है। यह एक राशि में तकरीबन ढाई वर्षो तक स्थित रहता है। शनि के बारे में आमतौर पर ऐसी मान्यता है कि, यह एक हानिकारक ग्रह है क्योंकि शनि क्रूड व्यावहारिकता, वास्तविक यथार्थवादी दृष्टिकोण, तर्क, सिद्धांत, कानून और व्यवस्था, पैशन, देरी, कड़ी मेहनत, श्रम और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। हालांकि असलियत में शनि एक ‘कर्म कारक’ क्रिया प्रधान ग्रह है। असलियत में शनि ग्रह के व्यक्तित्व के बारे में बात करें तो यह हमें हमारे सपनों की दुनिया से बाहर निकल कर कठिन मेहनत करने के लिए प्रेरित करने वाला ग्रह है और शायद यही वजह है कि शनि ग्रह को स्वीकार करना हम सब के लिए थोड़ा कठिन हो जाता है।

स्वामित्व की बात करें तो शनि 12 राशियों में से दो राशियों मकर और कुंभ का स्वामी है। यह दोनों ही राशियां धनिष्ठा नक्षत्र के तहत आती है और 18 फरवरी को शनि इसी धनिष्ठा नक्षत्र में गोचर कर जाएगा और इसके बाद लगभग 13 महीनों तक इसी नक्षत्र में रहने वाला है। इस दौरान शनि वक्री भी होगा और मार्गी भी हो जाएगा, कुंभ राशि में जाएगा, और मकर राशि में वापस आएगा। लेकिन इन सभी परिवर्तनों के दौरान जो एक चीज समान रहने वाली है वह है धनिष्ठा नक्षत्र में शनि की स्थिति।

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धनिष्ठा नक्षत्र: विशेषताएं और महत्व 

धनिष्ठा नक्षत्र के बारे में बात करें तो जैसा कि इस नक्षत्र का नाम है उसी प्रकार इसका अर्थ भी है। इस नक्षत्र का संबंध धनवान, वित्तीय लाभ, धन का प्रसार, वित्त क्षेत्र में समृद्धि और सकारात्मकता आदि से जोड़कर देखा जाता है। धनिष्ठा नक्षत्र अष्ट वसु द्वारा शासक नक्षत्र है और यह प्रकृति के 8 तत्व का प्रतीक भी होता है। इस नक्षत्र का स्वामी मंगल है और यह भगवान शिव के डमरू और भगवान कृष्ण की बांसुरी का भी प्रतीक होता है। 

यह नक्षत्र रचनात्मकता से संबंधित होता है और यह संगीत और नृत्य के प्रति प्रेम का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में यदि हम सामान्य रूप से धनिष्ठा नक्षत्र में शनि के गोचर के परिणाम को जानना चाहते हैं तो हम यह मान सकते हैं कि यह वह समय होगा जब शनि अब तक आपके किए गए सभी कर्मों और कड़ी मेहनत के अनुरूप आपको फल और परिणाम प्रदान करेगा।

हालाँकि यहां गौर करने वाली बात है कि शनि के परिणाम सीधे तौर पर व्यक्ति की कुंडली में शनि की स्थिति पर निर्भर करता है। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं धनिष्ठा नक्षत्र में होने वाले शनि के इस गोचर का सभी राशियों पर क्या कुछ प्रभाव पड़ने वाला है।

12 राशियों में धनिष्ठा नक्षत्र में शनि गोचर का परिणाम और उपाय

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शनि दशम और एकादश भाव का स्वामी होता है और इस समय के दौरान शनि आपके करियर को आप उस के माध्यम से जिस लाभ की उम्मीद कर रहे थे उन्हें प्रभावित करेगा। इस समय के दौरान आपको जीवन में स्थिरता प्राप्त होगी। इसके अलावा मेष राशि के कुछ जातकों को इस गोचर के फल स्वरुप प्रमोशन या कार्यक्षेत्र में आधिकारिक पद भी हासिल हो सकता है। विशेष तौर पर अगर आप लंबे समय से उसका इंतजार कर रहे हैं तो। 

यदि आप काम के सिलसिले में विदेश जाने की कोशिश कर रहे थे या विदेशी भूमि से किसी प्रकार का लाभ प्राप्त करने का प्रयत्न कर रहे थे तो इस दौरान आपको शुभ परिणाम मिल सकते हैं। लेकिन इस बात की भी प्रबल आशंका बनती नजर आ रही है कि काम में अधिक व्यस्तता के चलते आप अपने पारिवारिक जीवन और स्वास्थ्य पर उचित ध्यान नहीं दे पाएंगे। जिसके चलते स्वास्थ्य के साथ-साथ आपकी पारिवारिक जीवन पर भी इसका बुरा असर देखने को मिल सकता है।

उपाय- मंगलवार के दिन हनुमान जी को पांच लाल गुलाब का फूल चढ़ाएं।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि नवम और दशम भाव का स्वामी है और यह गोचर आपको आपके भविष्य के संदर्भ में कोई महत्वपूर्ण फैसला या लंबा रास्ता तय करने में मददगार साबित होगा। प्रबल संभावना है कि आप इस दौरान कोई नया शौक या जुनून या नया कौशल सीख सकते हैं और इसे एक पेशे के रूप में भी चुन सकते हैं। यहां तक कि अगर आप अपना पेशा या कार्यस्थल बदलने की कोशिश कर रहे थे तो यह समय उसके लिए भी अनुकूल रहने वाला है। 

इस दौरान आप यह भी सीखेंगे कि दुनिया से कैसे लड़ा और निपटा जाता है। शनि के इस गोचर के प्रभाव स्वरूप आपके जीवन में भी काम का अधिक बोझ और जिम्मेदारी देखने को मिल सकती है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि आप अपने वित्त को बुद्धिमानी से निवेश करें। अन्यथा आपको आर्थिक परेशानियों और कर्ज जैसी दिक्कतों से जूझना पड़ सकता है। इसके अलावा अपने भाग्य को उत्तम बनाए रखने के लिए अपने माता पिता और गुरु के साथ अपने रिश्ते अनुकूल बनाए रखने का प्रयत्न करें।

उपाय- शनिवार के दिन भगवान कृष्ण को बांसुरी अर्पित करें।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि आठवें और नौवें भाव का स्वामी होता है। इस राशि के जो जातक ज्योतिष और टैरोट रीडिंग जैसे गूढ़ अध्ययन सीखना चाहते हैं उनके लिए यह समय शानदार रहने वाली है। यदि आप की बचत लंबे समय से खराब हालत में नजर आ रही थी या फिर आपका पैसा कहीं अटका हुआ था तो भी यह समय आपके लिए अनुकूल साबित होगा। 

आपको अपने पेशेवर जीवन में अचानक से कुछ बदलाव और लाभ देखने को मिलेंगे। हालाँकि मिथुन राशि के जातकों को अपने साथ स्वास्थ्य के साथ-साथ अपने पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की महत्वपूर्ण सलाह दी जाती है। अन्यथा कुछ अचानक स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं आपके जीवन में पनप सकती है। स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने के लिए आप अपने आलस्य को दूर रखें और रोजाना टहलने के लिए बाहर जाएं और अपने मन शरीर और आत्मा को अच्छा करने के लिए प्राकृतिक वातावरण में कुछ समय अवश्य बताएं।

उपाय- प्रत्येक शनिवार को शनि मंदिर में दीपक अवश्य जलाएं।

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए शनि सप्तम और अष्टम भाव का स्वामी होता है। इस राशि के जो जातक लंबे समय से शादी करने की कोशिश कर रहे थे उन्हें इस समय अवधि में अचानक से कोई अनुकूल प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। इस दौरान इस राशि के कुछ जातक अपने जीवन साथी के साथ संयुक्त निवेश की योजना भी बना सकते हैं जो भविष्य में आप के लिए फलदाई साबित होगा। 

हालांकि आपको अपने साथी के स्वास्थ्य के बारे में थोड़ा अधिक सावधान रहने की सलाह दी जाती है। क्योंकि यदि आपने इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो उनके जीवन में स्वास्थ्य से संबंधित कुछ परेशानियां पनप सकती है। इसलिए मुमकिन हो तो उनकी नियमित जांच कराते रहें। पेशेवर मोर्चे पर बात करें तो यदि आप कोई नई व्यवसायिक साझेदारी की उम्मीद कर रहे थे तो यह समय आपके लिए विशेष फलदाई साबित होगा और आप अपने जीवन में भौतिकवादी चीजों में वृद्धि भी देख सकेंगे।

उपाय- सोमवार के दिन कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए शनि छठे और सातवें भाव का स्वामी होता है। सिंह राशि के जातक स्वभाव में बेहद ही रचनात्मक होते हैं और कलाकार होते हैं। ऐसे में शनि का यह गोचर आपकी इस प्रतिभा के संदर्भ में आपको लाभ प्रदान करेगा। यदि आप गायन या नृत्य करना पसंद करते हैं और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते हैं तो यह गोचर निश्चित रूप से आपके लिए फलदाई साबित होगा और आप प्रतियोगिता में शामिल होकर पुरस्कार हासिल करने में कामयाब रहेंगे। 

इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को भी इस गोचर के परिणाम स्वरुप शुभ परिणाम मिलेंगे और आप अपने जीवन की सभी चुनौतियों से निपटने में कामयाब रहेंगे। इस राशि के विवाहित जातक जो अपने वैवाहिक जीवन में किसी तरह की समस्या या संघर्ष का सामना कर रहे थे उन्हें इस समय के दौरान जीवन के उन कठिन मुद्दों को सुलझाने और अपने विवाह को अनुकूल बनाने में मदद प्राप्त होगी।

उपाय- शनिवार के दिन मंदिर में सूखे मेवे का दान करें।

कन्या राशि  

कन्या राशि के जातकों के लिए शनि पंचम और छठे भाव का स्वामी होता है। शनि का यह गोचर कन्या राशि के छात्रों के लिए विशेष तौर पर शुभ होने वाला है। खास करके उन छात्रों के लिए जो किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और लंबे समय से इस में सफल होने का प्रयत्न कर रहे हैं। आपको सलाह दी जाती है कि निराश ना हो और पूरी मेहनत और ध्यान और समर्पण के साथ अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें। सफलता आपको अवश्य मिलेगी। 

इस राशि के जो जातक लंबे समय से परिवार नियोजन की तैयारी कर रहे हैं और इस संदर्भ में इलाज करा रहे हैं उन्हें भी खुशखबरी मिल सकती है। हालांकि कन्या राशि के प्रेमी जातकों के लिए यह समय थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। इस राशि के जो लोग अपने रिश्ते को लेकर के सीरियस है वह अपने रिश्ते को अगले स्तर पर ले जाने में कामयाब होंगे। वहीं जो लोग अपने पार्टनर और रिश्ते के प्रति सजग नहीं है उनका दिल टूट सकता है।

उपाय- नेत्रहीन लोगों की सहायता करें और नेत्रहीन विद्यालय में अपनी सेवा प्रदान करें।

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए शनि योगकारक ग्रह है जिसको चतुर्थ और पंचम भाव का स्वामित्व भी प्राप्त है। जैसा कि हमने पहले भी बताया कि धनिष्ठा नक्षत्र रचनात्मकता से संबंधित नक्षत्र है और तुला राशि के जातक भी रचनात्मक होते हैं (इन्हें संगीत और नृत्य काफी पसंद होता है)। ऐसे में तुला राशि के जातकों के लिए यह गोचर बेहद ही शुभ रहने वाला है क्योंकि शनि तुला राशि के लिए योगकारक ग्रह होता है। 

यदि आप लंबे समय से अपना कोई नया घर खरीदना चाह रहे थे या अपने घर का नवीनीकरण कराने का प्रयत्न कर रहे थे तो इस गोचर अवधि के दौरान बेहद ही रचनात्मक तरीके से आप ऐसा कर पाने में सक्षम होंगे। इस दौरान आप ढेरों पार्टियों की मेजबानी करेंगे। इसके अलावा यदि लंबे समय से आपके पारिवारिक जीवन में समस्याएं और परेशानियां चलती आ रही थी तो इस दौरान उनका अंत होगा और आप अपने जीवन में नई भावनाओं और ऊर्जा देखने में कामयाब रहेंगे।

उपाय- अपने जीवन और घर से अव्यवस्था दूर करें और ज्यादा से ज्यादा संगठित रहें। भौतिक वस्तुओं में अव्यवस्था या मन में अव्यवस्था शनि को पसंद नहीं है।

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि चतुर्थ और तृतीय भाव का स्वामी होता है। इस गोचर अवधि के दौरान आपको छोटी मोटी यात्राएं करने का मौका मिल सकता है। इसके अलावा यह गोचर आपको रचनात्मक तरीके से बातचीत करने और अपना काम पूरा करने का हुनर सिखाएगा। इसके अलावा इस गोचर के प्रभाव स्वरूप आप अपने संचार में ज्यादा स्थिर और इमानदार बनेंगे और अपने दृष्टिकोण और विचारों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करेंगे। 

इस राशि के जो जातक लंबे समय से किसी संपत्ति को खरीदने की योजना बना रहे थे या गाड़ी लेने में असमर्थ थे ऐसे में शनि के गोचर के दौरान आपके जीवन में उचित साहस आएगा और आप संपत्ति खरीदने में सक्षम होंगे। इसके अलावा यदि छोटे भाई बहनों से आपका कोई विवाद चल रहा था तो वह भी इस समय सुलझ सकता है।

उपाय- मंगलवार के दिन हनुमान जी को बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं।

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धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए शनि दूसरे और तीसरे भाव का स्वामी है। शनिदेव के इस गोचर के प्रभाव स्वरूप धनु राशि के जातकों के जीवन में आर्थिक पक्ष के लिहाज से राहत प्राप्त होगी। यदि इस राशि के कुछ जातक लंबे समय से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे और अपनी बचत करने में नाकामयाब थे तो यह परेशानी खत्म होने वाली है और आप पैसे बचाने में सक्षम होंगे और आपकी वित्तीय स्थिति में सुधार भी देखने को मिलेगा। 

इस गोचर अवधि के दौरान आपका गायन के लिए शौक उमड़ सकता है और आप उस का आनंद लेंगे। हालाँकि इस दौरान आपको अपनी माता के स्वास्थ्य के प्रति आपको ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। अन्यथा उन्हें अचानक से कुछ स्वास्थ्य संबंधित परेशानी हो सकती है। इसके अलावा आपको सलाह यह भी दी जाती है कि किसी भी स्थिति में झूठ ना बोलें और शाकाहारी भोजन का सेवन करें और शराब और अन्य तामसिक चीजों से दूर रहें।

उपाय- शाम को 108 बार शनि मंत्र “ॐ नीलांजन समाभासम्। रविपुत्रम् यमाग्रजम्।/oṃ nīlāṃjana samābhāsam। raviputram yamāgrajam का जाप करें ।”

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए शनि लग्न स्वामी और द्वितीय भाव का स्वामी है। शनि का यह गोचर मकर राशि के जातकों के व्यक्तित्व के लिए बेहद ही परिवर्तनकारी साबित होगा। इस दौरान आप ज्यादा रचनात्मक और खुशमिजाज रहने वाले हैं। इस गोचर के प्रभावस्वरूप आप अपने व्यक्तित्व और स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान भी देंगे। आपको अपने जीवन से आलस्य को दूर रखने और अपनी दिनचर्या में योग और ध्यान को शामिल करने की सलाह दी जाती है। 

इसके अलावा मुमकिन हो तो किसी रचनात्मक व्यायाम जैसे नृत्य या जुम्बा आदि में शामिल हो तो इससे भी आपको लाभ मिलेगा। स्वस्थ आहार लें और शराब और अन्य तामसिक वस्तुओं से दूर रहें। व्यवसायिक पक्ष के लिहाज से बात करें तो शनि के गोचर के दौरान आप ज्यादा विकसित होंगे और ज्यादा आत्मविश्वास भी बनेंगे। इसके अलावा कुछ जातकों को पदोन्नति भी प्राप्त हो सकती है और उच्च पद भी प्राप्त कर सकते हैं।

उपाय- मुमकिन हो तो एक नीला नीलम मध्यमा अंगुली में धारण करें।

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए भी शनि लग्न का स्वामी है और बारहवें भाव का स्वामी भी है। इस राशि के जातक विदेश यात्रा करने या विदेशी भूमि से लाभ प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं उनके लिए शनि का यह गोचर शुभ साबित होगा। इसके अलावा यदि आप मल्टीनेशनल कंपनी या किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन के लिए काम कर रहे हैं तो इस दौरान आप अपने जीवन में विकास होता हुआ देख सकते हैं। इसके अलावा कुंभ राशि के जो जातक आयात निर्यात के व्यवसाय से जुड़े हैं उन्हें विदेश यात्रा का मौका मिल सकता है। जिससे आप अपने व्यवसाय में विस्तार करने में कामयाब रहेंगे। 

हालांकि कुंभ राशि के जातकों को सलाह यह दी जाती है कि पेशेवर जीवन में अधिक व्यस्तता के चलते अपने निजी जीवन और स्वास्थ्य को नजरअंदाज ना करें। अन्यथा आप पर शनि के नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका बनती नजर आ रही है। ऐसे में आपको इन दोनों पक्षों पर ज्यादा ध्यान देने की सलाह दी जाती है। अपने पेशेवर जीवन और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाए रखने से आपको यह महसूस होगा कि यह दोनों ही पहलू आपके जीवन के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।

उपाय- शनिवार के दिन भगवान शिव को डमरू चढ़ाएं।

मीन राशि  

मीन राशि के जातकों के लिए शनि एकादश और बारहवें भाव का स्वामी होता है। इस गोचर अवधि के दौरान आपकी सभी मनोकामना पूरी होगी आप अपने सपनों को साकार करने और इच्छाओं को पूरा करने के लिए पैसे खर्च कर सकते हैं। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आप को आर्थिक रुप से लाभ नहीं होगा। 

अतीत में आपने जो कोई भी कड़ी मेहनत की है इस दौरान आपको उसका शुभ परिणाम हासिल होगा। इसके अलावा अतीत में किए गए किसी खराब निवेश (जिससे आपको लाभ की उम्मीद नहीं थी) उस से भी आपको अचानक वित्तीय लाभ हो सकता है। इस दौरान आप अच्छे कामों जैसे बच्चे के जन्म, विवाह, अपने विवाह या किसी अन्य शुभ मांगलिक कार्यों में पैसे खर्च करेंगे।

उपाय- भिखारियों और बेघरों को जूतों का दान करें।

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