कुंडली में हो ये शुभ योग तो मिलता है परम वैवाहिक सुख

इस ब्लॉग में हम आपको सात ऐसे योगों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं जो वैवाहिक जीवन शानदार और सुगम बनाने में सहायक साबित होते हैं। इसके अलावा वैवाहिक जीवन को और भी खुशहाल बनाने के लिए ज्योतिषीय उपाय भी आपको यहाँ प्रदान किये जा रहे हैं। 

रिश्ते स्वर्ग में बनते हैं। शादी का रिश्ता हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण रिश्ता होता है। कुंडली में दूसरा, सातवां, 11 वां भाव और उनके स्वामी विवाह से संबंधित माने गए हैं। दूसरे भाव, सातवें भाव, और ग्यारहवें भाव के स्वामी यदि किसी कुंडली में मज़बूत स्थिति या शुभ स्थिति में है तो इससे व्यक्ति के विवाहित जीवन में अनुकूल परिणाम प्राप्त होते हैं।

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ग्रहों में शुक्र ग्रह, बृहस्पति ग्रह, और मंगल ग्रह सुखी वैवाहिक जीवन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाने जाते हैं। यहां शुक्र ग्रह प्रेम और परिवार से संबंधित माना गया है, बृहस्पति ग्रह के शुभ आशीर्वाद के बिना व्यक्ति को उसके जीवन में वैवाहिक सुख नहीं मिल सकता है, और अंत में मंगल ग्रह शादी के बाद के रिश्ते को दर्शाता है। ऐसे में जिन व्यक्तियों की कुंडली में यह तीनों ग्रह अच्छी तरह से कार्य कर रहे होते हैं या अच्छी स्थिति में होते हैं तो ऐसे व्यक्ति को सुखी वैवाहिक जीवन का सौभाग्य प्राप्त होता है।

वैवाहिक जीवन को शानदार बनाते हैं ये सात शुभ योग 

  • पहला योग: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र और बृहस्पति ग्रह शुभ स्थिति में हो और उपरोक्त ग्रह पहले, पांचवें, सातवें, नौवें और ग्यारहवें भाव में हो तो यह एक सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्यक्ति की कुंडली में अनुकूल आयोजनों में से एक माना जाता है। यहां पहला भाव खुद से संबंधित है, पांचवा भाव प्यार को दर्शाता है, सातवां भाव जीवन साथी को दर्शाता है, नवम भाव वैवाहिक जीवन से संबंधित किस्मत को दर्शाता है, और ग्यारहवां भाव सभी इच्छाओं की पूर्ति को दर्शाता है।
  • दूसरा योग: जिस व्यक्ति की कुंडली का सातवां भाव मजबूत हो और लाभकारी महादशा का संयोग हो तो यह भी अच्छे वैवाहिक जीवन को दर्शाता है। उदाहरण के तौर पर समझाएं तो, यदि किसी व्यक्ति का लग्न मकर हो और सातवें भाव का स्वामी चंद्रमा वृषभ राशि में उच्च स्थिति में हो, और शुक्र की महादशा व्यक्ति के लिए संचालित हो और शुक्र ग्रह पहले, दूसरे, चौथे, पांचवें, या ग्यारहवें भाव में शुभ स्थिति में हो तो चल रही शुक्र की महादशा से व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।

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  • तीसरा योग: यदि बृहस्पति का सातवें भाव, पर या सातवें भाव के स्वामी पर पहलु हो तो भी व्यक्ति की वैवाहिक जीवन अनुकूल रहता है। इसके अलावा यदि कुंडली में कोई अनुकूल महादशा बन रही है तो इससे व्यक्ति को और भी ज्यादा भाग्य का साथ प्राप्त होता है और सुखी वैवाहिक जीवन का सौभाग्य व्यक्ति को मिलता है। उदाहरण के तौर पर समझाएं तो यदि किसी व्यक्ति का लग्न कर्क है और नौवें भाव का स्वामी बृहस्पति लग्न राशि में उच्च स्थिति में है और सातवें भाव पर पहलू कर रहा है तो यह एक बेहद अनुकूल योग है और इससे व्यक्ति को वैवाहिक सुख प्राप्त होता है। इसके अलावा यदि बृहस्पति की महादशा लग्न में बृहस्पति की उच्च स्थिति के साथ मौजूद हो तो इससे भी वैवाहिक जीवन बेहद ही शानदार होता है।
  • चौथा योग: यदि शुक्र पांचवे भाव में स्थित है या व्यक्ति की कुंडली में उच्च भाव में स्थित है तो इससे भी व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में सुख प्राप्त होता है। हालांकि यहां इस बात का विशेष ध्यान रखें कि ऐसे व्यक्तियों का सातवें भाव का स्वामी मजबूत स्थिति में मौजूद हो तभी यह संयोग फलित होता है।

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  • पांचवा योग: जिन व्यक्तियों का दूसरा चौथा भाव मजबूत होता है उनका वैवाहिक जीवन भी शानदार होता है और ग्रहों की यह स्थिति शक्तिशाली परिवार में शादी को भी दर्शाती है। यहां दूसरा भाव पर्सनल लाइफ के लिए है, चौथा भाव वैवाहिक जीवन में नए रिश्ते को दर्शाता है। इसके अलावा यदि व्यक्ति की कुंडली में कोई अनुकूल महादशा बन रही है, उदाहरण के तौर पर समझाएं तो, यदि किसी व्यक्ति का लग्न तुला है और शनि व्यक्ति की कुंडली के चौथे भाव में अपनी ही राशि तुला में है और शनि की महादशा हो तो ऐसी स्थिति में भी व्यक्ति को सुखी और समृद्ध वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • छठा योग: कुंडली का दूसरा भाव, चौथा भाव, सातवां भाव और उनके स्वामी यदि मजबूत स्थिति में है तो इससे भी सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि दूसरे भाव, चौथे भाव और सातवें भाव के स्वामी मजबूत हैं और कुंडली में कोई मजबूत महादशा चल रही है तो इससे भी वैवाहिक जीवन सुचारु रुप से चलता है।
  • सातवां योग: कुंडली के सातवां भाव का स्वामी किसी भी अशुभ ग्रह जैसे शनि, राहु, और केतु से संबंधित ना हो। यदि कुंडली के सातवें भाव का स्वामी मजबूत स्थिति में हो और इस पर बृहस्पति का पहलु हो तो इससे वैवाहिक जीवन में सुखद परिणाम प्राप्त होते हैं।

वैवाहिक जीवन को सुखद और शानदार बनाने के लिए अपनाएं ये ज्योतिषी उपाय

  • शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह के लिए होम करें। 
  • 108 बार “ॐ भार्गव्य नमः” मंत्र का जाप करें। 
  • 27 बार ‘ॐ भोमैय्या नमः’ मंत्र का जाप करें। 
  • देवी दुर्गा की पूजा करें। 
  • महिलाओं को वस्त्र का दान करें। 
  • ॐ क्लीं कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि। नंद गोप सुतं देवि पतिं में कुरुते नमः क्लीं ॐ’ मंत्र का प्रतिदिन 11 बार स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जप करें। 
  • प्रतिदिन 11 बार ‘ॐ लक्ष्मी नारायण नमः’ मंत्र का जाप करें।

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