सकट चौथ 2024: इस विधि से रखेंगे व्रत, तो पूरी होगी हर कामना

सकट चौथ 2024 के दिन चंद्र देव और भगवान गणेश की उपासना करने का विधान है। माघ महीने की कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी को महिलाएं अपनी संतान की सुख-शांति और उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य की कामना के लिए व्रत रखती हैं जिसे हम सकट चौथ के रूप में मनाते हैं। भारत के लगभग सभी हिस्‍सों में सकट चौथ 2024 का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है और कुछ जगहों पर इसे तिलकुट चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

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हिंदू पंचांग के अनुसार माघ के महीने में कृष्‍ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी तिथि को सकट चौथ पड़ती है। वहीं ग्रेगोरियन कैलेंडर में यह दिन जनवरी या फरवरी के महीने में आता है।

इस ब्‍लॉग में आगे बताया गया है कि सकट चौथ 2024 का क्‍या महत्‍व है, इसकी पूजन विधि और इस दिन व्रत रखने से क्‍या लाभ मिलता है।

सकट चौथ 2024 की तिथि

सकट चौथ का व्रत 29 जनवरी को किया जाएगा। 29 जनवरी को प्रात: काल 06 बजकर 14 मिनट से चतुर्थी तिथि आरंभ होगी और इसका समापन 30 जनवरी को 08 बजकर 57 मिनट पर होगा। 

सकट चौथ 2024 की पूजन विधि

सकट चौथ पर व्रत रखने एवं पूजन की निम्‍न विधि है:

  • सकट चौथ के दिन आप प्रात: काल सूर्योदय से पहले उठकर स्‍नान करें और साफ एवं धुले हुए वस्‍त्र पहनें।
  • इस दिन लाल रंग के वस्‍त्र पहनना अधिक शुभ माना जाता है।
  • स्‍नान के बाद आप पूजा आरंभ करें। पूजन के समय आपका मुख पूर्व या उत्‍तर दिशा में होना चाहिए।
  • अपने घर के पूजन स्‍थल में गणेश जी की मूर्ति स्‍थापित करें और उन्‍हें पुष्‍प अर्पित करें।
  • पूजन में गुड़, तिल, लड्डू, धूप, चंदन, तांबे के कलश में जल और प्रसाद में केला या नारियल रखें।
  • पूजन स्‍थल में मां दुर्गा की मूर्ति भी होनी चाहिए।
  • अब आप भगवान गणेश और मंदिर में स्‍थापित अन्‍य देवी-देवताओं को तिलक लगाएं और जल अर्पित करें।
  • इसके बाद गणेश जी को तिल से बने लड्डू और मोदक चढ़ाएं। गणेश जी को लड्डू और मोदक बहुत पसंद हैं।
  • अब आप धूप-दीप जलाएं और इस मंत्र का जाप करें – गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्‍थ जम्‍बू फल चारू भक्षणम्। उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमाति विघ्‍नेश्‍वर पाद पंकजम्।।
  • व्रत के दिन आप फल, मूंगफली, खीर, दूध और साबूदाना खा सकते हैं।
  • शाम के समय चंद्रमा निकलने पर उन्‍हें अर्घ्‍य दें और इसके बाद ही अपने व्रत का पारण करें।

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सकट चौथ 2024 पर व्रत रखने के लाभ

  • सकट चौथ के दिन व्रत रखने से बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव से मुक्‍ति मिल सकती है।
  • यह व्रत व्‍यक्‍ति के लिए सफलता का मार्ग प्रशस्‍त करता है और उसे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करता है।
  • संतान की लंबी आयु और उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी य‍ह व्रत विशेष महत्‍व रखता है।
  • इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने का विशेष महत्‍व है और गणेश जी तो विघ्‍नहर्ता हैं इसलिए सकट चौथ पर व्रत करने एवं गणेश जी की पूजा करने से जीवन में आ रही रुकावटें और अड़चनें दूर होती हैं।

सकट चौथ 2024 पर बरतें सावधानियां

भगवान गणेश के पूजन में तुलसी का उपयोग नहीं करना चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान गणेश जी ने तुलसी जी के विवाह के प्रस्‍ताव को ठुकरा दिया था। तब, तुलसी जी ने भगवान गणेश को श्राप दिया था और इसके बदले में गणेश जी ने भी तुलसी जी को यह श्राप दिया था कि उनका विवाह राक्षस से होगा। तभी से गणेश जी की पूजा में तुलसी का उपयोग नहीं किया जाता है।

इसके अलावा सकट चौथ के दिन गणेश जी के वाहन मूषक को सताना नहीं चाहिए।

यदि आपने सकट चौथ पर व्रत रखा है, तो इस दिन काले रंग के वस्‍त्र न पहनें। इस शुभ दिन पर पीले या लाल रंग के वस्‍त्र पहनना अच्‍छा रहता है।

इस दिन चंद्रमा को अर्घ्‍य देने का बहुत महत्‍व है। अर्घ्‍य के जल में दूध और अक्षत जरूर डालें। अर्घ्‍य देते समय जल की छीेंटें आपके पैरों पर नहीं आनी चाहिए। यह अशुभ माना जाता है।

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सकट चौथ 2024 के लिए ज्‍योतिषीय उपाय

सकट चौथ पर सकट भगवान को प्रसन्‍न करने एवं गणेश जी की कृपा प्राप्‍त करने के लिए कुछ ज्‍योतिषीय उपायों की सहायता ले सकते हैं।

अगर आप अपने किसी कार्य में सफलता पाना चा‍हते हैं, तो सकट चौथ पर गणेश जी को पीले गेंदे के फूल अर्पित करें। आपको उन्‍हें मोदक का भोग भी लगाना है। इस उपाय को करने से आपके अटके हुए काम बन जाएंगे।

यदि आपके जीवन में कोई दुख या तकलीफ है, तो आप उसे दूर करने के लिए सकट चौथ पर गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा करें और ‘ॐ गं गौं गणपतये विघ्‍न विना‍शिने स्‍वाहा’ मंत्र का जाप करें। भगवान गणेश आपके कष्‍टों को जरूर दूर करेंगे।

आप सकट चौथ पर गणेश जी को जोड़े में दूर्वा भी चढ़ाएं और इस समय ‘इदं दुर्वादलं ॐ गं गणपतये नम:’ मंत्र का उच्‍चारण करें।

सकट चौथ के दिन गणेश जी को सुपारी और दो इलायची चढ़ाएं। इससे आपके रुके हुए काम बन जाएंगे। इसके अलावा उन्‍हें गुड़ और भोग लगाना भी लाभकारी रहता है।

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