पितृपक्ष के आखिरी दिन आने वाले सर्वपितृ अमावस्या को मोक्ष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में पितृपक्ष के दौरान विशेष रूप से पितरों का पिंडदान कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। खासतौर से इस दौरान व्यक्ति को अपने पूर्वजों के लिए विभिन्न प्रकार के कर्मकांड अवश्य करने चाहिए। सर्वपितृ अमावस्या के दिन खासतौर से कुछ उपायों को करके आप अपने पूर्वजों और पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं। आज हम आपको विशेष रूप से पितृपक्ष में आने वाले सर्वपितृ अमावस्या के दिन किये जाने वाले कुछ ख़ास उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।
सर्वपितृ अमावस्या के दिन किये जाने वाले उपायों का महत्व
सर्वपितृ अमावस्या के दिन मुख्य रूप से उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु तिथि परिवार के सदस्यों को याद नहीं रहती है। इसके अलावा यदि श्राद्धपक्ष के दौरान किसी भी कारणवश पितरों के लिए पिंडदान या तर्पण की क्रिया नहीं की जाती है तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन कुछ ख़ास नियमों को अपनाकर उसकी पूर्ति की जा सकती है। इस दिन पितरों के आत्मा की शांति के लिए कुछ ख़ास नियम अपनाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। इस साल सर्वपितृ अमावस्या 28 सितंबर को पड़ रही है।
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सर्वपितृ अमावस्या के दिन इन नियमों को अपनाकर करें पितरों को प्रसन्न
- इस दिन मुख्य रूप से अपने पितरों के आत्मा की शांति के लिए आटे की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर उसे किसी तालाब में ले जाकर मछलियों को खिलाने से आपको पितरों का आशीर्वाद मिल सकता है।
- पितृमोक्ष अमावस्या या सर्वपितृ अमावस्या के दिन विशेष रूप से किसी मंदिर में जाकर गरीब ब्रह्मणों को दान करें। इस दिन झाड़ू का दान करने से भी पितरों का आशीर्वाद आपके परिवार को मिल सकता है। ऐसी मान्यता है कि, इस दिन इन प्रमुख चीजों का दान करने से व्यक्ति को जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
- सर्वपितृ अमावस्या के दिन मुख्य रूप से शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाना और उड़द की दाल, काले कपड़े एवं काले तिल का दान करना भी बेहद शुभ फलदायी माना जाता है।
- यदि आपने पितृपक्ष के दौरान पितरों का पिंडदान नहीं किया है तो इस दिन विशेष रूप से एक नींबू के चार टुकड़े करके, अपने पितरों का स्मरण करते हुए उसे चारों दिशाओं में फेंक दें। ऐसा करने से भी आपको पितरों का आशीर्वाद मिल सकता है। इस उपाय को करने से बुरी नजरों से भी परिवार की रक्षा होती है।
- इस दिन मुख्य रूप से सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल में काला तिल मिलाकर शिव जी का जलभिषेक करें। आप चाहे तो दूध से भी शिव जी का अभिषेक कर सकते हैं। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद तो मिलता ही है साथ ही साथ पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है।
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बहरहाल सर्वपितृ अमावस्या के दिन विशेष रूप से उपरोक्त नियमों को अपनाकर आप पितरों का आशीर्वाद पा सकते हैं और जीवन को सुखी बना सकते हैं।