रक्षाबंधन 2023: जानें इस साल दो दिन क्यों मनाया जाएगा यह पर्व; इसके पीछे छिपा है बड़ा कारण!

रक्षा बंधन सनातन धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक हैं। हर साल यह त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। वहीं भाई प्रेमरूपी रक्षा धागे को अपनी कलाई में बंधवाकर बहन की उम्र भर रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। भारत ही नहीं दूसरे देशों में भी भाई बहन के प्रेम का यह पावन पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसके महत्व के कारण ही इस दिन को सही तिथि और शुभ मुहूर्त में मनाना जरूरी माना जाता है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में रक्षाबंधन 2023 की सही तिथि, मुहूर्त व और भी बहुत कुछ।

Varta Astrologers

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

रक्षाबंधन के पर्व का महत्व

जैसा कि नाम से पता चलता है, रक्षाबंधन का पर्व दो शब्दों से मिलकर बना है ‘रक्षा’ और ‘बंधन’। ऐसे में, रक्षाबंधन का अर्थ है एक ऐसा बंधन जो कि रक्षा प्रदान करता हो। सभी भाइयों और बहनों को एक दूसरे के प्रति प्रेम और कर्तव्य का पालन और रक्षा का दायित्व लेते हुए ढेर सारी शुभकामना के साथ रक्षाबंधन का त्योहार मनाना चाहिए। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते के शाश्वत प्रेम का प्रतीक है जिसका मतलब सिर्फ खून का रिश्ता नहीं है। यह चचेरे भाई-बहनों, भाभी, बुआ और भतीजे के बीच भी मनाया जाता है।

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, रक्षाबंधन से संबंधित कई कथाएं हमें पढ़ने और सुनने को मिलती हैं जिनमें शामिल हैं:

  • इंद्र देव और शची
  • राजा बलि और देवी लक्ष्मी
  • संतोषी माँ
  • कृष्ण और द्रौपदी
  • यम और यमुना

हालांकि, इन सबके बीच लोगों के मन में पिछले साल की तरह इस बार भी एक सवाल है। वह है कि इस साल रक्षाबंधन मनाने की सही तिथि क्या है? इस प्रश्न के जवाब के लिए आपको यह ब्लॉग अंत तक पढ़ना होगा ताकि आपकी यह दुविधा दूर हो जाए।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

रक्षा बंधन 2023 मनाने की सही तिथि व मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त की पहचान करने के लिए श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि और अपराह्न काल (दोपहर का समय) होना चाहिए और इस मुहूर्त व अवधि में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाना चाहिए। हालांकि, भद्रा के समय भाई को राखी बांधने से बचना चाहिए।

बता दें कि भद्रा इस वर्ष पूरे अपराह्न काल या पूरे दिन पड़ रही है। ऐसे में, शास्त्रीय मत के अनुसार शाम के समय यानी प्रदोष काल में राखी बांधनी चाहिए। इसलिए, इस मानदंड को ध्यान में रखते हुए 30 अगस्त 2023 की रात 9 बजकर 03 मिनट के बाद राखी का त्योहार मनाने का सही दिन है।

कई परिवारों और घरों में रात के समय राखी बांधना अशुभ माना जाता है। ऐसे में लोग 31 अगस्त 2023 की सुबह 07 बजकर 07 मिनट से पहले यह पर्व मना सकते हैं क्योंकि इसके बाद पड़वा तिथि शुरू होगी, जो रक्षाबंधन अनुष्ठान मनाने के लिए शुभ नहीं मानी जाती है। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त के बारे में।

नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त

रक्षाबंधन तिथि: 30 अगस्त 2023

रक्षा बंधन राखी बांधने का समय: 30 अगस्त 2023 की रात 09 बजकर 03 मिनट के बाद

रक्षा बंधन भद्रा समाप्ति समय: 30 अगस्त 2023 की रात 09 बजकर 03 मिनट पर

रक्षाबंधन भद्रा पूंछ: 30 अगस्त 2023 की शाम 05:30 बजे से शाम 06:31 बजे तक

रक्षाबंधन भद्रा मुख: 30 अगस्त 2023 की शाम 06:31 बजे से रात 08:11 बजे तक

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें

रक्षाबंधन पर क्या करें और क्या न करें

  • रक्षाबंधन के पर्व के दिन सुबह जल्दी उठकर पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें।
  • पूरे विधि-विधान से पूजा करें और अपने कुलदेवी और देवताओं से आशीर्वाद लें।
  • तांबे, चांदी या पीतल की थाली में राखी, अक्षत, सिंदूर और रोली रखें।
  • पूजा की थाली में रखी चीज़ों को सबसे पहले अपने कुलदेवता को अर्पित करें।
  • इसके बाद राखी पर हल्दी और रोली लगाकर उसकी पूजा करें और ईश्वर से रक्षा सूत्र पर कृपा बनाए रखने के लिए प्रार्थना करें।
  • सुनिश्चित करें कि राखी बांधते समय आपके भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर हो।
  • बहनों को सबसे पहले अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाना चाहिए और उसके बाद राखी बांधनी चाहिए।
  • राखी भाई के दाहिने हाथ पर बांधनी चाहिए।
  • समारोह के बाद, भाई-बहन दोनों को मिलकर मिठाइयां और उपहार बांटने चाहिए।
  • भाइयों को अपनी बहनों को सभी बुराइयों से बचाने और हर परिस्थिति में उनका साथ देने का वादा करना चाहिए।

अंत में हम आपको एस्ट्रोसेज की तरफ से रक्षाबंधन के पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। अपने भाई-बहनों के साथ इस त्योहार का आनंद लें। हम आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी और जानकारीपूर्ण साबित हुआ होगा।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.