राहु का नक्षत्र में गोचर: ज्योतिष शास्त्र में राहु को छाया ग्रह माना गया है, जो हमेशा वक्री गति से चलते हैं और हर डेढ़ साल में राशि परिवर्तन करते हैं। राहु का नक्षत्र परिवर्तन बेहद दुर्लभ और खास माना जाता है क्योंकि यह लंबे समय बाद होता है और इसका असर गहरा पड़ता है। इस साल नवंबर 2025 में राहु पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र से निकलकर शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। शतभिषा नक्षत्र के स्वामी स्वयं राहु ही हैं, इसलिए राहु का अपने ही नक्षत्र में आना अत्यधिक महत्वपूर्ण घटना मानी जा रही है।

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ज्योतिष के अनुसार, राहु का यह गोचर न सिर्फ देश-दुनिया में बड़े बदलाव लेकर आएगा बल्कि 12 राशियों के जीवन में भी नई परिस्थितियां और परिणाम उत्पन्न करेगा। ख़ास बात यह है कि 10 साल बाद राहु अपने ही नक्षत्र में लौट रहे हैं और यह परिवर्तन तीन राशियों के लिए अत्यधिक शुभ फल देने वाला साबित होगा, जातकों की किस्मत पलटेगी और जीवन में सफलता के नए द्वार खुलेंगे।
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ज्योतिष में राहु का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक छाया ग्रह माना गया है, जिसका कोई कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, लेकिन इसका प्रभाव बहुत गहरा होता है। राहु हमेशा वक्री गति में चलते हैं और यह व्यक्ति के जीवन में अचानक बदलाव, रहस्यमयी परिस्थितियां और अप्रत्याशित घटनाएं लाते हैं। राहे को मायाजाल, छल-कपट राजनीति, नशा, भ्रम और आधुनिक तकनीक का कारक माना जाता है। यह ग्रह इंसान को कभी बहुत ऊंचाइयों पर पहुंचा देता है तो कभी गहरे संकट में डाल देता है। इसलिए राहु का प्रभाव हमेशा रहस्यमयी और अप्रत्याशित माना जाता है। राहु शुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को विदेश यात्रा, उच्च पद, लोकप्रियता, राजनीति और मीडिया क्षेत्र में सफलता दिलाता है।
यह अचानक धन लाभ, आधुनिक तकनीक में महारत और रहस्यमयी विद्या का ज्ञान भी देता है। वहीं यदि राहु अशुभ हो तो यह मानसिक भ्रम, नशे की लत, गलत संगति, धोखा कोर्ट-कचहरी के झंझट और दुर्घटनाओं तक का कारण बन जाता है। राहु का महादशा काल 18 वर्षों का होता है और इस दौरान इंसान की जिंदगी पूरी तरह बदल सकती है। मित्र ग्रह शुक्र, बुध और शनि हैं जबकि सूर्य, चंद्र और मंगल इसके शत्रु माने गए हैं। यही कारण है कि राहु को समझना और संतुलित करना ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण है।
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इन राशि के जातकों के लिए यह अवधि साबित होगी शुभ
मिथुन राशि
राहु का शतभिषा नक्षत्र में गोचर मिथुन राशि के जातकों के लिए कई मायनों में शुभ और लाभकारी साबित होगा। इस दौरान आपकी मेहनत रंग लाएगी और नौकरी या व्यवसाय में बड़ी तरक्की के अवसर मिलेंगे। लंबे समय के अटके कार्य पूरे होंगे और धन की वृद्धि होगी। मान-सम्मान बढ़ेगी और आपका सामाजिक दायरे में भी इजाफा होगा।
आपकी रचनात्मकता और सोचने समझने की क्षमता इस समय अपने चरण पर होगी, जिससे आप अपने काम में नए आयाम जोड़ पाएंगे। कार्यस्थल पर आपकी जिम्मेदारियों में इजाफा होगा लेकिन आप उन्हें पूरी ईमानदारी और क्षमता से निभाएंगे। पिता के साथ संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे और उनका आशीर्वाद आपको सफलता की राह पर आगे बढ़ाएगा। कुछ जातकों को पैतृक संपत्ति मिलने की संभावना भी है, जो आपकी आर्थिक स्थिति को और मजबूत बनाएगी।
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कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए राहु का शतभिषा नक्षत्र में आना कई शुभ फल लेकर आएगा। इस दौरान आपकी लोकप्रियता अपने चरम पर होगी। लोग आपके व्यक्तित्व से प्रभावित होंगे और जहां भी जाएंगे, वहां सम्मान और आदर पाएंगे। आपका आत्मविश्वास और आकर्षण बढ़ेगा, जिससे करियर और सामाजिक जीवन में नई ऊंचाइयां हासिल होंगी। आपकी लाइफस्टाइ और रहन-सहन का स्तर भी बेहतर होगा, जिससे भीतर से खुशी और संतुष्टि का अनुभव करेंगे।
कार्यक्षेत्र में आपके प्रयासों की सराहना होगी और तरक्की की राह आसान बनेगी। कई जातकों के लिए यह समय यात्रा का भी संकेत दे रहा है, जो लाभकारी और सुखद अनुभव देने वाली होगी। कुल मिलाकर यह समय कर्क राशि वालों के जीवन में सकारात्मकता और सफलता से भरा रहेगा।
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कुंभ राशि
कुंभ राशि के स्वामी शनि और राहु के बीच मित्रता का भाव है इसलिए राहु का अपने ही नक्षत्र शतभिषा में आना आपके लिए खासतौर पर शुभ साबित होगा। नवंबर 2025 के बाद आपके जीवन में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। आर्थिक रूप से यह समय बेहद फलदायी रहेगा, नए स्रोतों से धन प्राप्त होगा और पुरानी आर्थिक परेशानियां दूर होंगी। प्रेम-रोमांस के मामलों में भी यह समय अनुकूल रहेगा। अविवाहित जातकों के विवाह के योग प्रबल होंगे और दांपत्य जीवन में भी मधुरता आएगी।
कार्यक्षेत्र में नए अवसर प्राप्त होंगे और आपकी मेहनत का पूरा-पूरा फल मिलेगा। इस दौरान आपकी योजनाएं सफल होंगी और सफलता आपके कदम चूमेगी। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा और आपकी पहचान और मजबूत होगी।
राहु को मजबूत करने के उपाय
- रोज़ाना “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- शनिवार या बुधवार को काले तिल, उड़द की दाल, नीले कपड़े, सरसों का तेल, और लोहे की वस्तु दान करें।
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें, इससे राहु का दोष कम होता है।
- विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को भैरव बाबा को प्रसन्न करें।
- झूठ बोलने, नशा करने और गलत संगत से बचें।
- राहु को प्रसन्न करने के लिए नाग-नागिन की पूजा करें।
- शनिवार को सरसों के तेल का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं।
- गरीबों को भोजन कराएं और जरूरतमंदों की मदद करें।
- नीला, काला और ग्रे रंग जीवन में अधिक अपनाएं।
- मोबाइल, कंप्यूटर या इलेक्ट्रॉनिक सामान का दान भी राहु को शांत करता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
राहु एक छाया ग्रह है, इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता। यह हमेशा वक्री (retrograde) गति करता है।
शुभ राहु इंसान को टेक्नोलॉजी, विदेश यात्रा, अचानक लाभ और प्रसिद्धि देता है। अशुभ राहु भ्रम, नशा, धोखा, मानसिक तनाव और अचानक हानि दे सकता है।
राहु भरणी, आर्द्रा और शतभिषा नक्षत्र का स्वामी है।