चंद्र देव की राशि में 1 साल बाद बनेगा शुक्रादित्य राजयोग, इन 3 राशियों के होंगे अच्छे दिन शुरू!
हम आपको अपने पिछले लेखों में बता चुके हैं कि जुलाई का महीना ज्योतिषीय दृष्टि से बहुत खास ख़ास रहने वाला है क्योंकि इस दौरान कई बड़े ग्रह अपना राशि परिवर्तन करेंगे। इसी क्रम में, सूर्य और शुक्र का गोचर होने जा रहा है जिससे इन दोनों ग्रहों की युति से एक बेहद शुभ योग निर्मित होगा। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको सूर्य और शुक्र से बनने वाले शुभ शुक्रादित्य योग के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह राजयोग राशि चक्र की 3 राशियों के लिए बहुत उत्तम परिणाम लेकर आएगा। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और शुरुआत करते हैं इस लेख की।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य और शुक्र को प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में अहम स्थान प्राप्त है और यह हमारे जीवन को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं। बता दें कि जुलाई में ग्रहों के राजा सूर्य और प्रेम के कारक ग्रह शुक्र अपना राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं।
ऐसे में, शुक्र देव 07 जुलाई 2024 को कर्क राशि में गोचर कर जाएंगे और इसके कुछ दिन बाद यानी 16 जुलाई 2024 को आत्मा के कारक ग्रह सूर्य कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में, सूर्य कर्क राशि में मौजूद शुक्र के साथ युति करेंगे जिसके प्रभाव से शुक्रादित्य राजयोग का निर्माण होगा। अब हम आपको अवगत करवाते हैं कि यह युति कौन सी 3 राशियों के लिए भाग्यशाली रहेगी।
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शुक्रादित्य योग से इन 3 राशियों को हर क्षेत्र में मिलेगी कामयाबी
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य और शुक्र के संयोजन से बनने वाला शुक्रादित्य राजयोग अत्यंत फलदायी साबित होगा क्योंकि इस राजयोग का निर्माण आपकी राशि के लग्न भाव में होगा। ऐसे में, इन जातकों के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और साथ ही, आपका व्यक्तित्व आकर्षक बनेगा। इस दौरान आपके संबंध समाज के बड़े और प्रभावशाली लोगों से बनेंगे जिसका लाभ आपको भविष्य में मिलने के आसार है। सूर्य और शुक्र की युति के प्रभाव से आपकी बुद्धि तेज़ बनेगी और आपकी योग्यताओं एवं क्षमताओं में भी वृद्धि होगी। इन लोगों को धन कमाने के अनेक अवसर प्राप्त होंगे और आप धन की बचत करने में भी सक्षम होंगे। जो जातक अविवाहित हैं, उनके लिए रिश्ता आ सकता है।
कन्या राशि के वालों के लिए सूर्य-शुक्र की युति से निर्मित शुक्रादित्य राजयोग बहुत शुभ कहा जाएगा। यह योग आपकी राशि के लिए अनुकूल रहेगा। आय और लाभ की दृष्टि से, यह आपको सकारात्मक परिणाम प्रदान करेगा और ऐसा इसलिए होगा क्योंकि सूर्य एवं शुक्र की युति आपके आय भाव में बनने जा रही है। ऐसे में, इस अवधि में आपकी आय़ में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिलेगी जिसके चलते आप अच्छा खासा पैसा कमाने के साथ-साथ धन की बचत भी कर सकेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आपकी आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी और अगर आप कहीं धन का निवेश करना चाहते हैं, तो आप अब इस दिशा में आगे कदम बढ़ा सकते हैं। शेयर बाजार, सट्टेबाजी और लॉटरी में रुचि रखने वालों को उच्च लाभ मिल सकता है।
तुला राशि का नाम भी उन राशि में शुमार हैं जिनके लिए सूर्य और शुक्र की युति से बनने वाला शुक्रादित्य राजयोग शुभ परिणाम लेकर आएगा। बता दें कि आपकी कुंडली में यह योग कर्म भाव में निर्मित होने जा रहा है इसलिए यह अवधि आपको कार्य-व्यापार के संबंध में अपार सफलता देने का काम करेगी। वहीं, जो जातक नौकरी की तलाश में हैं, उन्हें नई नौकरी मिलने के योग बनेंगे। अगर आपका खुद का व्यापार हैं, तो आप अच्छा खासा धन लाभ कमाएंगे और साथ ही, आप एक व्यापारी के रूप में सफलता हासिल करने में सक्षम होंगे। जो लोग नौकरी करते हैं, उनके लिए पदोन्नति मिलने के योग बनेंगे। तुला राशि के जातकों के अपने पिता के साथ रिश्ते मजबूत होंगे और वह हर कदम पर आपका साथ देंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. सूर्य और शुक्र की युति से कौन सा योग बनता है?
उत्तर 1. ज्योतिष के अनुसार, सूर्य-शुक्र के एक साथ आने पर शुक्रादित्य योग बनता है।
प्रश्न 2. शुक्र और सूर्य का क्या महत्व है?
उत्तर 2. सूर्य कुंडली में स्वयं, आत्मा, अहंकार, आत्म-सम्मान आदि का प्रतिनिधित्व करता है जबकि शुक्र प्रेम, ऐश्वर्य एवं रिश्तों का प्रतीक माना गया है।
प्रश्न 3. कुंडली में धन का भाव कौन सा होता है?
उत्तर 3. कुंडली में दूसरे भाव को धन का भाव माना जाता है।
शुक्र गोचर मिथुन सहित इन 5 जातकों के लिए रहेगा शानदार; इस एक राशि वाले हो जाए सतर्क!
शुक्र का कर्क राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र का कर्क राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रभाव से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को शुक्र के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस ब्लॉग में शुक्र ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे। बता दें कि शुक्र 07 जुलाई 2024 को चंद्रमा के स्वामित्व वाली राशि कर्क में गोचर करने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।
आकर्षण, ऐश्वर्य, सौभाग्य, धन, प्रेम और वैभव के कारक ग्रह शुक्र 07 जुलाई, 2024 की सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बता दें कि शुक्र अस्त अवस्था में कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और 11 जुलाई को पुन: इसी राशि में उदित हो जाएंगे तथा 19 जुलाई, 2024 को सूर्य के स्वामित्व वाली राशि सिंह राशि में गोचर करेंगे। शुक्र और चंद्रमा आपस में शत्रुता का भाव रखते हैं इसलिए कर्क राशि में शुक्र का गोचर बहुत अधिक अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है।
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शुक्र का कर्क राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र का कर्क राशि में गोचर आपके चौथे भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आपके घर व परिवार में सुख-शांति का माहौल रहेगा। आप अपने परिवार की सुख सुविधाओं को बढ़ाने के बारे में विचार करेंगे। घर परिवार के लोगों के साथ अच्छा सामंजस्य रहेगा और आप उनके साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे। इसके अलावा, आप अभिनय, नाटक, नृत्य, आदि सीखने के लिए आगे बढ़ सकते हैं और ऐसे विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। इस अवधि पारिवारिक सदस्यों का आपके साथ समर्थन रहेगा और इससे आप हर काम में उन्नति करेंगे। इस गोचर काल के दौरान आपको कुछ अच्छी उपलब्धि या धन लाभ की प्राप्ति हो सकती है। इसके अलावा, कार्यक्षेत्र में आपको पदोन्नति भी प्राप्त हो सकती है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए शुक्र आपके पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र का कर्क राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में होगा। शुक्र का कर्क राशि में गोचर आपको उत्तम व्यंजन चखाएगा। आप बढ़िया से बढ़िया भोजन और पकवान खाना पसंद करेंगे और उसका आनंद लेंगे। पारिवारिक जीवन में खुशियां रहेंगी। घर में कोई फंक्शन हो सकता है या किसी का विवाह समारोह हो सकता है जिसमें अतिथियों के आगमन से घर में चहल-पहल रहेगी। आपको अच्छी आर्थिक लाभ की खबरें सुनने को मिलेंगी और आपको धन लाभ होगा। पैतृक व्यवसाय में लाभ होने के योग बनेंगे। यदि आप कोई व्यापार साझेदारी में करते हैं तो आपके व्यवसायिक साझेदार से संबंध अच्छे रहेंगे और दोनों मिलकर अपने व्यापार को आगे बढ़ा पाएंगे और उसमें उन्नति प्राप्त करेंगे। सामाजिक स्तर पर परिवार का स्तर ऊंचा होगा।
शुक्र का कर्क राशि में गोचर कर्क राशि के जातकों के लिए पहले भाव में होगा। शुक्र कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। इसके परिणामस्वरूप, आप अपनी देखभाल पर अधिक ध्यान देंगे और खुद के व्यक्तित्व को निखारने पर विचार करेंगे। शुक्र का कर्क राशि में गोचर कार्यक्षेत्र में भी अच्छे परिणाम देगा और कार्यक्षेत्र में आपकी बात को कोई टाल नहीं पाएगा। इससे नौकरी में आपकी स्थिति अच्छी रहेगी और वरिष्ठ अधिकारियों से आपके संबंध मधुर बनेंगे। यदि आप सौंदर्य उत्पाद और महिला प्रसाधनों, इत्र एवं महिलाओं से संबंधित कोई व्यापार करते हैं तो इस दौरान उस व्यापार में अच्छी उन्नति और प्रगति देखने को मिलेगी। आपको अच्छे धन लाभ के योग बनेंगे।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे भाव और भाग्य के नौवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का कर्क राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा। शुक्र का गोचर आपके लिए कई सारे नए अवसर लेकर आएगा। यह अवधि आपको आर्थिक जीवन में भी स्थिरता प्राप्त होगी और आपको अच्छा ख़ासा धन लाभ होगा। आप अपने व्यापार को विस्तार देने की योजनाएं बना सकते हैं और बहुत हद तक उसमें कामयाब भी हो सकते हैं। नौकरी करने वाले लोगों को अपने वरिष्ठ अधिकारियों का पूरा सानिध्य और समर्थन मिलेगा और इससे आपकी उन्नति होगी। बड़े भाई बहनों का पूरा सहयोग मिलेगा और आप अपने भाई-बहनों और दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताएंगे। इस तरह आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा। इस दौरान आप अपने दोस्त की सलाह मानकर काम करेंगे तो आपको लाभ होगा। अपने धन का कुछ हिस्सा बचत के रूप में रखने से आपको भविष्य में आर्थिक चुनौतियों से लड़ने का मौका मिलेगा।
शुक्र का कर्क राशि में गोचर तुला राशि के दसवें भाव में होने जा रहा है। शुक्र आपकी राशि का स्वामी भी हैं, ऐसे में शुक्र का दसवें भाव में गोचर कार्य क्षेत्र के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। लेकिन आप कार्य क्षेत्र की राजनीति से बचकर रहेंगे तो बेहतर होगा और खुद किसी राजनीति का हिस्सा ना बनें, नहीं तो आपके संबंध आपके कार्यक्षेत्र में साथ कार्य करने वाले लोगों से बिगड़ सकते हैं और उससे आपको नौकरी में समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
इस अवधि आप अपने सहकर्मियों से जलन की भावना रख सकते हैं और आपको अफने कार्यस्थल पर थोड़ी परेशानी हो सकती है। वरिष्ठ अधिकारियों से भी आपकी कहासुनी हो सकती है इसलिए उनसे अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करें। आपकी पदोन्नति की बात अवश्य चल सकती है और यदि आप अच्छा काम करेंगे तो निश्चित ही आपको प्रमोशन जरूर मिल सकता है। यदि आप व्यापार करते हैं तो आपको थोड़ी सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा।
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शुक्र का कर्क राशि में गोचर: इस एक राशि पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र का कर्क राशि में गोचर आपके आठवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप, चोरी-छिपे खर्च करने की आदत से बचें और अपनी सुख-सुविधाओं पर छिपकर खर्च करना आपको बाद में परेशानी दे सकता है। इस अवधि आपको अपने उन दोस्तों से बचकर रहें जो आपके दुश्मनों का काम करते हैं। पारिवारिक जीवन में थोड़ा तनाव रहेगा और ससुराल पक्ष की ओर आपका झुकाव अधिक हो सकता है। नौकरी करने वाले लोगों को चुप रह कर अपना काम करते रहना चाहिए और यदि आप कोई व्यवसाय करते हैं तो इस दौरान व्यवसायिक साझेदार से संबंध ना बिगड़ें, इसका आपको ध्यान रखना होगा, नहीं तो व्यवसाय में समस्या बढ़ सकती है। आर्थिक जीवन की बात करें तो इश अवधि धन का निवेश करना खतरनाक हो सकता है, इसलिए इससे बचने का प्रयास करें। इस अवधि के दौरान किसी को भी उधार पैसा देने से बचें।
शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: आसान ज्योतिष उपाय
शुक्रवार को व्रत रखें और चावल, चीनी आदि सफेद चीजें दान करें।
शुक्रवार को देवी लक्ष्मी या देवी दुर्गा की पूजा करें और लाल फूल चढ़ाएं।
हर सुबह महालक्ष्मी अष्टकम का पाठ करें।
अपने कार्यालय या घर में महालक्ष्मी यंत्र की स्थापना करें और उसकी पूजा करें।
अधिक से अधिक सफेद और गुलाबी कपड़े पहनने की कोशिश करें और अच्छी स्वच्छता बनाए रखें।
शुक्र के मंत्र “ऊं द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” का जाप करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शुक्र का कर्क में गोचर कब होने जा रहा है?
उत्तर 1. शुक्र का कर्क राशि में गोचर 07 जुलाई, 2024 की सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
प्रश्न 2. शुक्र कर्क राशि में कैसा व्यवहार करता है?
उत्तर 2. शुक्र और चंद्रमा शत्रु हैं और कर्क राशि चंद्रमा द्वारा शासित राशि है, इसलिए शुक्र कर्क राशि में औसत परिणाम देता है।
प्रश्न 3. शुक्र किस राशि में उच्च का होता है?
उत्तर 3. शुक्र मीन राशि में उच्च का होता है।
प्रश्न 4. चंद्रमा द्वारा शासित किसी एक नक्षत्र का नाम बताइए?
उत्तर 4. श्रवण।
इन दो राशियों पर कभी नहीं डालता है राहु तिरछी नज़र, तरक्की एवं समृद्धि का देते हैं आशीर्वाद!
राहु ग्रह को नवग्रह में विशेष स्थान प्राप्त है जो कि छाया ग्रह माने जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार, राहु महाराज एक राशि में लगभग 18 महीने के लिए रहते हैं और इसके बाद दूसरी राशि में गोचर कर जाते हैं। ऐसे में, राहु को एक राशि में दूसरी राशि में जाने में काफ़ी समय लग जाता है। हालांकि, इन्हें अक्सर एक अशुभ ग्रह माना जाता है जो जातकों के जीवन को कष्ट एवं दुख से भर देते हैं। लेकिन, ऐसी कुछ राशियां हैं जिनसे राहु देव हमेशा प्रसन्न रहते हैं। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको उन भाग्यशाली राशियों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा जिन पर राहु अपनी तिरछी नज़र नहीं डालता है। तो बिना देर किये हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कौन सी हैं वह शुभ राशियां।
वैदिक ज्योतिष में राहु देव को एक मायावी ग्रह का दर्जा प्राप्त है। वैसे हम आपको यह बता चुके हैं कि राहु छाया ग्रह है, लेकिन छाया ग्रह होने का अर्थ यह नहीं होता है कि राहु हमेशा जातकों को अशुभ फल ही देंगे। कुछ विशेष स्थितियों में राहु देव शुभ एवं सकारात्मक परिणाम भी प्रदान करते हैं। राहु शुभ या मज़बूत स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति को ऐसे शुभ परिणाम देते हैं जिसकी कल्पना करना भी आपके लिए मुश्किल होता है। चलिए आपको अवगत करवाते हैं कि कौन सी है वह परिस्थितियां और किन राशि पर राहु देव मेहरबान रहते हैं।
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कैसा होता है राहु का स्वभाव?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, छाया ग्रह राहु को अनेक घटनाओं का कारक माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि किसी का घमंड तोड़ने में राहु महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मनुष्य के जीवन में होने वाली किसी भी तरह की अच्छी या बुरी घटना के पीछे राहु का हाथ होता है। अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु शुभ या उच्च स्थिति में होते है, तो राहु आपको शुभ परिणाम देने का काम करते हैं। इसके विपरीत. यदि राहु अशुभ या कमज़ोर स्थिति में होते हैं, तो आपके प्रियजनों को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
राहु को ये दो राशियां हैं बेहद प्रिय, नहीं देखते हैं अपनी तिरछी नज़रों से
ज्योतिष की मानें, तो राहु महाराज राशि चक्र की अधिकांश सभी राशियों पर अपनी तिरछी नजर डालते हैं, परंतु ऐसा नहीं है। सभी 12 राशियों में से केवल ऐसी दो राशियां हैं जिन्हें राहु अच्छे परिणाम देता हैं। आइए जानते उन राशियों के बारे में-
सिंह राशि
सिंह राशि का नाम राहु को सबसे प्रिय राशियों में आता है। ऐसा कहा जाता है कि राहु देव जब सिंह राशि में विराजमान होते हैं, तो इन जातकों के लिए बहुत ही अच्छे परिणाम लेकर आते हैं। इस राशि के लोगों को राहु अचानक से धन लाभ भी प्रदान करते हैं। साथ ही, इन्हें अपने जीवन में बड़े बदलाव भी देखने को मिलते हैं। राहु देव की कृपा से यह लोग सुख-सुविधाओं से पूर्ण जीवन जीते हैं।
वृश्चिक राशि भी राहु को प्रिय राशियों में शामिल हैं और इन पर यह सदैव मेहरबान रहते हैं। ऐसी मान्यता है कि राहु देव की कृपा के शुभ प्रभाव की वजह से ही इन लोगों को अपने करियर में अच्छी उपलब्धियों की प्राप्ति होती हैं। इस राशि के लोग नौकरी के साथ-साथ व्यापार के क्षेत्र में बुलंदियां हासिल करते हैं। राहु महाराज आपको अच्छा धन लाभ भी प्रदान करते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. राहु खराब होने पर क्या होता है?
उत्तर 1. राहु अशुभ या कमज़ोर होने पर व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान रहता है और अधिकतर भ्रमित नज़र आता है।
प्रश्न 2. राहु को खुश करने के लिए करना चाहिए?
उत्तर 2. राहु की कृपा के लिए पीपल के पास दीपक जलाएं।
प्रश्न 3. एक राशि में राहु कितने समय तक रहता है?
उत्तर 3. यह एक राशि में 18 महीनों तक रहते हैं।
अगले 10 साल तक इन राशियों पर रहेगी शनि की टेढ़ी नज़र, किसी का साढ़ेसाती से होगा बुरा हाल
शनि उन ग्रहों में से एक हैं जो सबसे धीमी चाल चलते हैं। शनि एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में ढ़ाई साल का समय लेते हैं। शनि के गोचर करने पर किसी राशि में शनि की साढ़ेसाती की शुरुआत होती है, तो वहीं किसी राशि में इसका अंत होता है।
ऐसा माना जाता है कि शनि की साढ़ेसाती के दौरान जातक को कई प्रकार के कष्टों और समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि देव को न्याय का देवता कहा गया है जो व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर फल देते हैं।
सभी राशियों में गोचर करने में शनि को लगभग 30 साल का समय लगता है। साल 2023 से शनि देव कुुंभ राशि में बैठे हैं और अब वे अगले साल राशि परिवर्तन करेंगे। शनि के गोचर करने पर किसी राशि पर इनकी टेढ़ी नज़र पड़ेगी, तो वहीं किसी की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। आगे जानिए कि साल 2025 में शनि के गोचर करने पर किन राशियों पर शनि की कैसी नज़र रहने वाली है।
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2025 में किस पर शुरू होगी शनि की साढ़ेसाती
साल 2025 में 29 मार्च को शनि देव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इससे मेष राशि में शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा। इस प्रकार मीन राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा और कुंभ राशि पर आखिरी चरण रहेगा।
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2038 तक इन पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती
इस समय शनि देव कुंभ राशि में हैं और अगले साल मार्च माह में वे मीन राशि में चले जाएंगे। 03 जून, 2027 तक कुंभ राशि के लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव देखने को मिलेगा। जैसे ही शनि देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे, वैसे ही मेष राशि के लिए शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी और यह 2032 तक रहने वाली है।
साल 2027 में वृषभ राशि में शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा। वहीं 08 अगस्त, 2029 से मिथुन राशि पर साढ़ेसाती शुरू होगी। यह अगस्त 2036 तक चलेगी। मई, 2032 से कर्क राशि में शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव शुरू होगा जो कि 2038 में 22 अक्टूबर तक रहने वाला है। इस तरह 2025 से लेकर 2038 तक शनि की दृष्टि कुंभ, मीन, मिथुन, मेष और कर्क राशि पर रहेगी।
मार्च 2025 में शनि देव के मीन राशि में आने से मकर राशि के लोगों को शनि की साढ़ेसाती से छुटकारा मिल जाएगा। कर्क और वृश्चिक राशि के लोगों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी।
शनि की साढ़ेसाती साढ़े सात साल की होती है और इसमें तीन चरण होते हैं। इन तीन चरणों के दौरान व्यक्ति को अलग-अलग प्रभाव एवं परिणाम प्राप्त होते हैं।
शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण: यह शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण होता है। इस समय शनि चंद्र राशि से बारहवें घर में गोचर करता है। इस दौरान आर्थिक नुकसान, शत्रुओं की वजह से परेशानियां, बेवजह यात्रा करने, विवाद और पैसों की तंगी का सामना करना पड़ता है। लोगों के अपने सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध नहीं रह पाते हैं। कार्यक्षेत्र में माहौल ज्यादा अनुकूल नहीं रहता है। इन्हें अपने परिवार में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इससे इनके जीवन में दबाव और चिंता बनी रहती है।
शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण: साढ़ेसाती का यह चरण सबसे ज्यादा मुश्किल होता है। इस समय व्यक्ति को स्वास्थ्य समस्याओं, रिश्तों में तकरार, मानसिक आघात और दुखों का सामना करना पड़ता है। इस समयावधि में सफलता प्राप्त करना इनके लिए बहुत मुश्किल हो जाता है। इन्हें अपनी मेहनत का फल नहीं मिल पाता है। वहीं इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमज़ोर रहती है।
शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण: इस चरण में शनि चंद्र राशि से दूसरे भाव में गोचर करते हैं। इस दौरान व्यक्ति को धन के मामले में और पारिवारिक स्तर पर मुश्किलें देखनी पड़ती हैं। पहले दो चरणों की तुलना में यह समय थोड़ा राहत भरा होता है लेकिन पैसों का दबाव अब भी बना रहता है। खर्चों में वृद्धि होती है। अचानक धन हानि होने से मन परेशान रहता है। आपके यहां चोरी होने की भी आशंका रहती है। ये विचारों से निराशावादी बन जाते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
इस दिन लगेगा साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण, जानें तिथि व समय
सूर्य ग्रहण 2024: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और चंद्र ग्रहण को अत्यंत अशुभ माना गया है जो कि मनुष्य जीवन के साथ-साथ देश-दुनिया को भी प्रभावित करते हैं।हम सब इस बात को भली-भांति जानते हैं किसूर्य और चंद्र ग्रहण समय-समय पर लगते रहते हैं और इसी क्रम में, बीते अप्रैल में साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था और अब जल्द ही वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको वर्ष 2024 के दूसरे एवं अंतिम सूर्य ग्रहण के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि, समय आदि। इसके अलावा, सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभावों से कैसे बचा जा सकता है? इसकी जानकारी भी हम आपको देने जा रहे हैं।
जैसे कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि इस साल का पहला सूर्यग्रहण 8 अप्रैल 2024 को लगा था। यह सूर्य ग्रहण बेहद खास था जो कि 57 सालों के बाद पड़ा था, लेकिन इसे भारत में नहीं देखा जा सका था। अब इस साल का दूसरा ग्रहण बेहद विशेष होने वाला है और यह वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण भी होगा। साल का दूसरा सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा और यह देखने पर रिंग के आकार का दिखाई देगा। अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको अवगत करवाते हैं कि वर्ष 2024 का यह दूसरा सूर्य ग्रहण कब पड़ेगा और क्या यह भारत में दिखाई देगा? चलिए जानते हैं।
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साल के दूसरा सूर्य ग्रहण का तिथि एवं समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानी कि 02 अक्टूबर 2024 को बुधवार के दिन पड़ेगा। भारतीय समय के मुताबिक, इस सूर्य ग्रहण का आरंभ रात 09 बजकर 13 मिनट पर होगा जबकि इसका अंत देर रात 03 बजकर 17 मिनट पर हो जाएगा। हम आपको बता चुके हैं कि यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जिसकी कुल अवधि 6 घंटे 4 मिनट होगी। आइए जानते है वलयाकार सूर्य ग्रहण के बारे में।
वैज्ञानिक दृष्टि से, वलयाकार सूर्य ग्रहण को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि जब वलयाकार सूर्य ग्रहण लगता है, उस समय आसमान में सूर्य एक आग के छल्ले के समान दिखाई देता है जिसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है। इस ग्रहण के दौरान सूर्य एक चमकदार अंगूठी की तरह प्रतीत होता है।
हालांकि, वलयाकार सूर्य ग्रहण एक अद्भुत और दुर्लभ घटना होती है जो उस समय घटित होती है जब सूर्य के सामने चंद्रमा आ जाता है, लेकिन सूरज को पूरी तरह से ढक नहीं पाता है। इस ग्रहण के तहत चंद्रमा सूर्य केअधिकांश हिस्से को ढक लेता है, लेकिन सूर्य का बाहरी हिस्सा ढक नहीं पाता है और इसे धरती से देखने पर सूर्य एक चमकदार रिंग के समान नज़र आता है।
वर्ष 2024 में लगने वाले पहले सूर्य ग्रहण की तरह ही साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा। लेकिन, भारत को छोड़कर इस सूर्य ग्रहण को,अर्जेंटीना, आर्कटिक, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर, पेरू और फिजी आदि देशों में देखा जा सकेगा।
नोट: वलयाकार सूर्यग्रहण को कभी भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। ऐसे में, आप इस सूर्य ग्रहण को देखने के लिए विशेष चश्मों का उपयोग कर सकते हैं।
अक्टूबर में लगने वाला यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। धर्म ग्रंथों में सूतक काल को अशुभ माना जाता है और इस अवधि में उनके कार्यों को करना वर्जित होता है। सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले जबकि चंद्र ग्रहण का सूतक काल 09 घंटे पहले शुरू हो जाता है।
ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें?
ग्रहण के दौरान तेल मालिश करने से बचना चाहिए। साथ ही, अपने बाल, दाढ़ी या नाखून भी नहीं काटने चाहिए।
संभव हो, तो ग्रहण लगने पर किसी भी तरह की यात्रा करने से परहेज़ करें।
ग्रहण के शुरू होने से पहले आपको दूध, दही, घी, अचार, चटनी, मुरब्बा जैसे खाद्य पदार्थों में कुशा या तुलसी के पत्ते रखने चाहिए।
आप बीमार होने की स्थिति में दवाई का सेवन कर सकते हैं।
अगर आप गर्भवती हैं, तो ग्रहण की अवधि या सूतक काल में किसी तरह की कटाई-सिलाई, बुनाई आदि कार्य न करें। साथ ही, इस दौरान सोने से भी बचें।
ग्रहण की अवधि में आप धार्मिक ग्रंथो का पाठ या मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
ग्रहण समाप्त होने के बाद पीने का पानी ताज़ा भरना चाहिए।
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. साल का दूसरा सूर्य ग्रहण कब है?
उत्तर 1. इस वर्ष का दूसरा एवं अंतिम सूर्य ग्रहण 02 अक्टूबर 2024, बुधवार को लगेगा।
प्रश्न 2. क्या यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा?
उत्तर 2. नहीं, यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा।
प्रश्न 3. सूर्य ग्रहण कितने प्रकार के होता है?
उत्तर.3 सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार हैं: आंशिक, वलयाकार और पूर्ण।
शुक्र का कर्क राशि में गोचर: जानें शेयर बाजार समेत देश-दुनिया पर इसका प्रभाव
शुक्र का कर्क राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र का कर्क राशि में गोचरके बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि यह देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा, इस दौरान शेयर बाजार में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे और साथ ही, इस दौरान हॉलीवुड व बॉलीवुड में आने वाली फिल्में कैसा प्रदर्शन करेगी इस बारे में भी जानकारी हासिल करेंगे। बता दें कि शुक्र 07 जुलाई 2024 को चंद्रमा के स्वामित्व वाली राशि कर्क में गोचर करने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस दौरान देश-दुनिया में इसका अनुकूल व प्रतिकूल प्रभाव।
आकर्षण, ऐश्वर्य, सौभाग्य, धन, प्रेम और वैभव के कारक ग्रह शुक्र 07 जुलाई, 2024 की सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बता दें कि शुक्र अस्त अवस्था में कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और 11 जुलाई को पुन: इसी राशि में उदित हो जाएंगे तथा 19 जुलाई, 2024 को सूर्य के स्वामित्व वाली राशि सिंह राशि में गोचर करेंगे। शुक्र और चंद्रमा आपस में शत्रुता का भाव रखते हैं इसलिए कर्क राशि में शुक्र का गोचर बहुत अधिक अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है।
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कर्क राशि में शुक्र: विशेषताएं
कर्क राशि में शुक्र के होने जातक अपने पार्टनर, परिवार या प्रियजनों के साथ गहरे संबंध रखते हैं। आप अपने साथी के प्रति अत्यधिक सुरक्षात्मक और ईमानदार हो सकते हैं। आप ऐसे व्यक्ति की ओर अधिक आकर्षित होते हैं जो परिवार और रिश्तों को अच्छे से समझने में सक्षम हों। कर्क राशि में शुक्र यह दर्शाता है कि आपकी रचनात्मकता और संवेदनशीलता आपको करियर में उत्कृष्ट बनाती है। इस अवधि में जो जातक नर्सिंग, शिक्षक, काउंसलिंग जैसे क्षेत्रों से जुड़े हैं, उन्हें सफलता प्राप्त होगी।
कर्क राशि में शुक्र इस बात को दर्शाता है कि आप बहुत अधिक भावनात्मक और संवेदनशील हैं। आप अपने रिश्तों को सावधानी और समझदारी से संभाल सकते हैं और यदि आप किसी रचनात्मक कार्य करते हैं तो आपको सफलता मिलने की संभावना है। कर्क राशि में शुक्र का गोचर हमारे जीवन को महत्वपूर्ण तरीकों से प्रभावित कर सकती है। इस अवधि के दौरान, आप अधिक भावनात्मक हो सकते हैं। हालांकि, यह अवधि खुद की देखभाल करने, रिश्तों में प्यार बढ़ाने और रचनात्मक कार्य करने के लिए बेहद अवधि साबित हो सकती है।
शुक्र का कर्क राशि में गोचर: आने वाली बॉलीवुड व हॉलीवुड फिल्मों में इसका प्रभाव
शुक्र कला और मनोरंजन पर शासन करने वाला ग्रह है और इस गोचर का प्रभाव जिस प्रकार देश-दुनिया पर पड़ेगा उसी प्रकार बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों में भी देखने को मिलेगा। शुक्र और चंद्रमा दो ग्रह हैं जो जन्म कुंडली में रचनात्मकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। शुक्र अब 07 जुलाई को कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं तो ऐसे में देखते हैं कि इस गोचर का फिल्मों और उनके बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। कर्क राशि पर चंद्रमा का शासन है और शुक्र और चंद्रमा दोनों ही फ़िल्म या मनोरंजन उद्योग में करियर बनाने में सहायक होते हैं।
07 जुलाई 2024 के बाद रिलीज़ होने वाली बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्में
फिल्म का नाम
स्टार कास्ट
रिलीज़ की तारीख़
सरफिरा
अक्षय कुमार, राधिका मदान
12 जुलाई, 2024
फ्लाई मी टू द मून
स्कारलेट जोहानसन, चैनिंग टैटम
12 जुलाई, 2024
बैड न्यूज़
विक्की कौशल, तृप्ति डिमरी
19 जुलाई, 2024
शुक्र का कर्क राशि में गोचर 07 जुलाई 2024 के बाद होने वाली बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों के लिए अनुकूल साबित हो रही है। इस बात की प्रबल संभावना है कि वे सभी फिल्में बड़े पर्दे पर बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं। हालांकि, सरफिरा और फ्लाई मी टू द मून जैसी बड़ी फिल्मों का प्रदर्शन औसत रह सकता है, लेकिन विक्की कौशल और तृप्ति डिमरी की फिल्म बैड न्यूज़ बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन कर सकती है और हिट फिल्म बन सकती है।
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शुक्र का कर्क राशि में गोचर: शेयर बाजार की भविष्यवाणी
शुक्र उन प्रमुख ग्रहों में से एक है जो शेयर बाजार को काफी हद तक प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। शुक्र कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं, जिस पर चंद्रमा ग्रह का शासन हैं। आइए देखते हैं कि शुक्र का कर्क राशि में गोचर के दौरान शेयर बाजार में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। शेयर बाजार भविष्यवाणी 2024 के अनुसार,
कर्क राशि में शुक्र के गोचर से डेयरी और रासायनिक उद्योगों को लाभ प्राप्त हो सकता है।
इस गोचर के दौरान वस्त्र उद्योग के साथ-साथ फैशन एक्सेसरीज उद्योग में भी तेजी देखने को मिल सकती है।
व्यावसायिक परामर्श और लेखन या मीडिया विज्ञापन-संबंधी फर्में, और प्रिंट मीडिया, दूरसंचार व प्रसारण उद्योग के सभी बड़े नाम सकारात्मक परिणामों का अनुभव कर सकते हैं।
वास्तुकला और वित्त से जुड़ी फर्मों को इस गोचर से लाभ होगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शुक्र ग्रह द्वारा शासित दो नक्षत्रों के नाम बताइए?
उत्तर 1. भरणी और पूर्वाषाढ़ा।
प्रश्न 2. शुक्र का कर्क राशि में गोचर कब हो रहा है?
उत्तर 2. शुक्र 07 जुलाई, 2024 की सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
प्रश्न 3. क्या कर्क राशि शुक्र द्वारा शासित है?
उत्तर 3. नहीं, कर्क राशि चंद्रमा द्वारा शासित है।
प्रश्न 4. शुक्र का गोचर कितने समय के लिए होता है?
उत्तर 4. शुक्र का गोचर 25 से 30 दिनों की अवधि का होता है।
बड़े से बड़े पापों से मुक्ति दिलाएगा योगिनी एकादशी का व्रत, बस कर लें सिर्फ ये एक उपाय!
सनातन धर्म में हर माह पड़ने वाली एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, जो भी साधक एकादशी व्रत रखता है, उसे जीवन में आ रही सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है और व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसी क्रम में योगिनी एकादशी का विशेष महत्व है। यह एकादशी आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की तिथि को पड़ती है और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने का विधान है। इसे आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी भी कहते हैं।
एक बार धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से इस एकादशी व्रत के महत्व और पूजा विधि के बारे में बताने का आग्रह किया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को इस एकादशी के बारे में बताते हुए कहा कि, योगिनी एकादशी का व्रत रखने वाले को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है, वह स्वर्ग में स्थान प्राप्त करता है। साथ ही, उसे 80 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के जितना पुण्य प्राप्त होता है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते है योगिनी एकादशी की तिथि, महत्व, पूजा विधि व इस दिन किए जाने वाले आसान उपायों के बारे में।
योगिनी एकादशी 2024: तिथि व समय जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि योगिनी एकादशी आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह तिथि 02 जुलाई 2024 को मंगलवार के दिन पड़ रही है।
एकादशी तिथि प्रारम्भ: 01 जुलाई, 2024 की सुबह 10 बजकर 28 मिनट से
योगिनी एकादशी का व्रत सभी एकादशी में विशेष महत्व रखता है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से जीवन में समृद्धि और आनंद की प्राप्ति होती है और साधक सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह व्रत मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। माना जाता है इस व्रत से समस्त पापों से छुटकारा पाया जा सकता है। जो भक्त योगिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं, उन्हें मृत्यु के बाद भगवान विष्णु के चरणों में स्थान प्राप्त होता है।
योगिनी एकादशी पर शुभ योग
बात करें शुभ योगों की तो योगिनी एकादशी के दिन एक नहीं बल्कि दो-दो शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। दरअसल इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और त्रिपुष्कर योग रहने वाले हैं। समय की बात करें तो 2 जुलाई को सुबह 5:27 से अगले दिन यानी 3 जुलाई को 4:40 तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहने वाला है और त्रिपुष्कर योग 2 जुलाई को सुबह 8:42 से 3 जुलाई को 4:40 तक रहेगा।
ऐसे में इन दोनों ही योगों में किया जाने वाला योगिनी एकादशी का व्रत और भी फलदाई और कई गुना महत्वपूर्ण और शुभ माना जा रहा है।
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योगिनी एकादशी की पूजा विधि
योगिनी एकादशी के उपवास की शुरुआत दशमी तिथि की रात्रि से ही हो जाती है। ऐसे में, व्रत रखने वाले व्यक्ति को दशमी तिथि की रात्रि से ही तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए और पूरी तरह ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
इस एकादशी के दिन जमीन पर ही बिस्तर लगाकर सोएं। सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नित्य कर्म से छुटकारा पाकर स्नान कर के ईश्वर के सामने व्रत का संकल्प लें।
इस दिन कलश की स्थापना कर उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति रख उनकी पूजा करें। भगवान नारायण की मूर्ति को स्नान आदि करवाकर खीर का भोग लगाएं। भोग में तुलसी जरूर रखें क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु के बहुत अधिक प्रिय है।
भगवान की पुष्प, धूप, दीप आदि से आरती उतारें। इस दिन में योगिनी एकादशी की कथा भी जरूर सुननी चाहिए। माना जाता है बिना कथा पढ़ें या सुनें व्रत अधूरा माना जाता है।
इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करनी चाहिए क्योंकि मान्यता है कि पीपल के पेड़ पर सभी देवी-देवताओं का वास होता है।
एकादशी के दिन रात में सोना नहीं चाहिए और रात्रि में जागरण करना करना चाहिए।
भगवान श्रीकृष्ण ने योगिनी एकादशी व्रत कथा युधिष्ठिर को सुनाई थी। पौराणिक कथा के अनुसार, स्वर्ग के अलकापुरी में कुबेर नाम का राजा था और वह बहुत बड़ा शिव भक्त था। विधि-विधान से रोज महादेव की पूजा करता था। पूजा करने के लिए वह हेम नामक माली से रोज फूल मंगवाया करता था। माली हेमी की पत्नी विशालाक्षी थी, जो बहुत ही सुंदर थी। एक दिन हेम मानसरोवर से फूल लेकर आया, लेकिन वह राजा के पास जाने की बजाए घर पर वह पत्नी के साथ हास्य-विनोद करने लगा और कामासक्त हो गया।
दूसरी ओर राजा हेम के पुष्प लेकर आने का इंतजार करता रहा। जब दोपहर तक हेम नहीं आया। तो राजा ने अपने सिपाहियों को माली के घर भेजा ताकि पता लगा सके कि वह क्यों नहीं आया? सिपाही हेम के घर से लौटकर आए और राजा को बताया कि वह नीच प्रवृत्ति का है, वह अतिकामी है, वह अपनी पत्नी के साथ रमण कर रहा था।
राजा कुबेर ने माली हेम को दरबार में बुलाया। माली राजा का गुस्सा देखकर कांपने लगा। राजा ने क्रोध में माली से कहा कि तुम पापी और अधर्मी हो, शिव पूजा के लिए फूल लेकर नहीं आए। तुमने भगवान भोलेनाथ का अनादर किया है। तुम श्राप के योग्य हो। यह सुन माली घबरा गया और राजा ने उसे तुरंत श्राप दिया कि वह पृथ्वी लोक पर जाकर कोढ़ी होगा और पत्नी का वियोग सहन करेगा। श्राप के कारण माली हेम तुरंत ही स्वर्ग से धरती पर गिर गया और उसे पूरे शरीर में सफेद कोढ़ हो गया। उसकी पत्नी भी कहीं गायब हो गई। धरती पर उसने बहुत ही दुख भोगे। जंगल में वह बिना भोजन और पानी के दिन रात भटकता रहा।
फिर एक दिन माली अचानक मार्कंडेय ऋषि के आश्रम में पहुंच गया। उसने मार्कंडेय ऋषि के पैर पकड़ लिए। उसने अपनी पूरी कहानी उनको बताई। तब मार्कंडेय ऋषि ने कहा कि वह एक व्रत के बारे में उन्हें बताने जा रहे हैं, जिसे करने से उसका उद्धार होगा। उन्होंने कहा कि यदि तुम आषाढ़ कृष्ण एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करोगे तो पाप मुक्त हो जाओगे।
माली हेम ने मार्कंडेय ऋषि को प्रणाम किया और उनको बात अपनाते हुए वहां से चला गया। जब आषाढ़ कृष्ण एकादशी आई तो उसने ऋषि द्वारा बताई गई विधि के अनुसार व्रत रखा। भगवान विष्णु की कृपा से उसका उद्धार हुआ और वह फिर से अपनी पत्नी विशालाक्षी के साथ स्वर्ग में सुखपूर्वक रहने लगा।
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योगिनी एकादशी के दिन जरूर करें ये उपाय
योगिनी एकादशी पर इच्छा पूर्ति के लिए कुछ उपायों को जरूर अपनाना चाहिए। इन उपायों को करने से जीवन में नया आयाम प्राप्त होगा। तो एक नज़र डालते हैं इन उपायों के बारे में-
वास्तु दोष के लिए
यदि घर में वास्तु दोष लगा है, तो इस दिन हल्दी युक्त जल या गंगाजल का पूरे घर पर छिड़काव करें। इससे वास्तु दोष से छुटकारा पाया जा सकता है। ध्यान रखें कि गंगाजल का छिड़काव करते हुए ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ‘ मंत्र का जाप करें। इस मंत्र के प्रभाव से नकारात्मक शक्तियां दूर भागती है।
करियर में तरक्की के लिए
अगर आप अपने करियर में तेज़ी से तरक्की प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस दिन भगवान विष्णु की श्रद्धा भाव से पूजा करें। साथ ही, पूजा करते समय नारायण कवच का पाठ करें। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु जल्द प्रसन्न होते हैं और साधक पर अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं।
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए
यदि आप जल्द ही भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इस एकादशी के दिन तुलसी माता की पूजा अवश्य करें और तुलसी के सामने घी का दीपक जलाकर परिक्रमा करें। जगत के पालनहार भगवान विष्णु को तुलसी माता बहुत अधिक प्रिय हैं। अतः उनकी पूजा करने से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं। ऐसे साधकों पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा बरसती है।
सुख शांति के लिए
योगिनी एकादशी पर पीपल के पेड़ की पूजा करने का बहुत अधिक महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पीपल के वृक्ष में लक्ष्मी नारायण का वास होता है। साथ ही, अन्य देवी देवता और पितृ भी पीपल के पेड़ में निवास करते हैं। अतः योगिनी एकादशी पर पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करें। पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं। साथ ही घी का दीपक जलाकर सात या 11 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से घर-परिवार में सुख शांति बनी रहती है।
समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए
एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर घर की साफ सफाई करें फिर स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें। इसके बाद, भगवान विष्णु के साथ धन की देवी माता लक्ष्मी की भी पूजा अवश्य करें। ऐसा करने से आप सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों
प्रश्न 1. योगिनी एकादशी साल 2024 में कब पड़ रही है?
उत्तर. साल 2024 में योगिनी एकादशी 02 जुलाई मंगलवार के दिन पड़ रही है।
प्रश्न 2.योगिनी एकादशी क्यों मनाई जाती है?
उत्तर. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
प्रश्न 3. योगिनी एकादशी में क्या खाना चाहिए?
उत्तर. योगिनी एकादशी के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को सिर्फ फलों का सेवन करना चाहिए।
प्रश्न 4. एकादशी के दिन क्या खाने की मनाई है?
उत्तर. एकादशी के दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
2025 में इन चार राशियों की शादीशुदा जिंदगी में आएगी प्यार की बहार
नए साल के आगमन पर हर कोई चाहता है कि उनके जीवन में सब कुछ अच्छा हो। वहीं अगर पहले से कोई परेशानी चल रही हो, तो नववर्ष में उसके भी दूर हो जाने की कामना करता है। यदि आप भी आने वाले साल में अपने वैवाहिक जीवन या लव लाइफ से काफी उम्मीदें लगाकर बैठे हैं, तो इस ब्लॉग में आपको अपने सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा।
यहां हम आपको बता रहे हैं कि साल 2025 में किन राशियों का वैवाहिक एवं प्रेम जीवन उत्तम रहेगा। अगर आपकी लव लाइफ में अनबन चल रही है, तो इस ब्लॉग की सहायता से आप यह जान पाएंगे कि आने वाले साल में आपकी समस्याओं का अंत होगा या नहीं।
तो चलिए अब बिना देर किए जानते हैं कि वर्ष 2025 में किन राशियों का वैवाहिक जीवन सुखमय और खुशहाल रहेगा।
मई के बाद का समय वृषभ राशि के लोगों के वैवाहिक जीवन के लिए खुशियां लेकर आएगा। यदि आप प्रेम संबंध में हैं और शादी के बंधन में बंधने की सोच रहे हैं, तो मई के बाद का समय आपके लिए अनुकूल रहेगा। हालांकि, आपको मई से पहले अपने वैवाहिक या प्रेम जीवन से जुड़ा कोई भी महत्वपूर्ण फैसला लेने से बचना चाहिए।
दसवें भाव में रह कर राहु और चौथे भाव में रह कर केतु आपकी शादीशुदा जिंदगी की शांति भंग करने की कोशिश कर सकते हैं। अप्रैल तक का समय थोड़ा नाज़ुक रहेगा। शुक्र 29 जून 2025 से लेकर 26 जुलाई 2025 तक आपको प्रेम जीवन में बहुत अच्छे परिणाम प्रदान करेंगे। इसके बाद, 02 नवंबर से 26 नवंबर 2025 तक शुक्र की मज़बूत स्थिति के कारण आपको अपने प्रेम संबंध में भाग्य का पूरा साथ मिलेगा।
प्रेम विवाह करने की सोच रहे हैं, तो आपका यह सपना भी पूरा हो सकता है। पति-पत्नी के बीच प्यार और स्नेह बढ़ेगा। आप दोनों एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझ पाएंगे।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
तुला राशि
यदि आपकी तुला राशि है और आप साल 2025 में विवाह करने की सोच रहे हैं, तो अप्रैल के बाद का समय इसके लिए उत्तम रहेगा। इस समय गुरु आपकी चंद्र राशि के नवम भाव में होंगे जिससे विवाह के लिए अनुकूल समय शुरू हो जाएगा। वहीं शादीशुदा लोगों की जिंदगी में भी मई के बाद से खुशियां आनी शुरू होंगी। इस दौरान पति-पत्नी के बीच खूब प्यार बढ़ेगा।
शनि के आपके पंचम भाव के स्वामी होने की वजह से आपको अपने प्रेम जीवन में उनकी कृपा प्राप्त होगी। पति-पत्नी के बीच प्यार और स्नेह बढ़ेगा। केतु आपके ग्यारहवें भाव में और राहु आपके पांचवें भाव रहेंगे। इससे पति-पत्नी के रिश्ते में मज़बूती आएगी। आप दोनों एक-दूसरे को समझ पाएंगे जिससे आपके बीच प्यार और विश्वास बढ़ेगा।
यदि आप शादी के बंधन में बंधना चाहते हैं, तो अप्रैल 2025 के बाद का समय आपके लिए अनुकूल रहेगा। गुरु के आपके सातवें भाव में होने की वजह से आप इस समय विवाह करने का निर्णय ले सकते हैं। वहीं शादीशुदा लोगों के लिए भी अप्रैल तक का समय उत्तम रहेगा।
मई के बाद पति-पत्नी के बीच थोड़ी अनबन हो सकती है लेकिन अप्रैल तक सब कुछ ठीक रहेगा। शनि के पांचवे भाव में होने की वजह से आपको अपने वैवाहिक जीवन में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। शनि की यह स्थिति आपके प्रेम जीवन के लिए भी अच्छी साबित होगी।
गुरु के सातवें भाव में होने की वजह से अप्रैल तक आपके वैवाहिक जीवन में खूब खुशियां और प्रेम आएगा। पति-पत्नी के रिश्ते में प्यार और मधुरता बनी रहेगी। हालांकि, मई के बाद गुरु के आपके आठवें भाव में होने पर आपको रिश्ते में थोड़ी सावधानी बरतनी होगी।
अप्रैल तक मकर राशि के लोगों को अपने प्रेम जीवन में शानदार परिणाम प्राप्त होंगे। इस समयावधि तक शादीशुदा लोगों की जिदंगी भी खुशियों से भरी रहने वाली है। गुरु के पंचम भाव में होने की वजह से अप्रैल तक का समय वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल रहेगा। रिश्ते में प्यार, स्नेह और विश्वास बढ़ेगा।
वहीं मार्च से शनि के आपके तीसरे भाव में आने पर आपके रिश्ते में परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। यदि आप अपनी लव लाइफ को लेकर कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेना चाहते हैं, तो अप्रैल से पहले ही ये काम कर लें।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
देवताओं के गुरु का नक्षत्र गोचर, इन राशियों को करियर में दिलाएगा मान-सम्मान एवं पदोन्नति!
बृहस्पति का रोहिणी नक्षत्र में गोचर: ज्योतिष के अनुसार, हर ग्रह की स्थिति, चाल या दशा में होने वाला बदलाव मनुष्य पर पड़ता है जो कि सकारात्मक या नकारात्मक रूप दोनों तरह से आपके जीवन पर नज़र आ सकता है। अब देवताओं के गुरु के नाम से प्रसिद्ध बृहस्पति महाराज अपना नक्षत्र परिवर्तन करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको गुरु नक्षत्र गोचर 2024 के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही जानेंगे, इनका यह गोचर किन राशियों के लिए शुभ साबित होगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं सबसे पहले गुरु के गोचर की।
बृहस्पति ग्रह की बात करें, तो इन्हें नवग्रहों में एक शुभ एवं महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है जो राशि चक्र में धनु और मीन राशि के स्वामी माने गए हैं। अब गुरु ग्रह शुक्र देव के स्वामित्व की राशि वृषभ में और कृत्तिका नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं। हालांकि, वृषभ राशि में उपस्थित बृहस्पति महाराज 13 जून 2024 को चंद्रमा के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश कर गए हैं और वह इस नक्षत्र में 20 अगस्त 2024 की शाम 05 बजकर 22 मिनट तक रहेंगे। ऐसे में, रोहिणी नक्षत्र में गुरु का गोचर तीन राशियों के लिए बेहद भाग्यशाली साबित होगा। गुरु एवं चंद्रमा के प्रभाव से इनकी किस्मत चमक उठेगी और इन्हें अपने जीवन में धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।
चलिए आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं इन लकी राशियों पर।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
गुरु के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश से, इन 3 राशियों की किस्मत चमक उठेगी सोने की तरह
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए रोहिणी नक्षत्र में गुरु ग्रह का गोचर बहुत ही शुभ रहने वाला है। इस नक्षत्र परिवर्तन के प्रभाव से इस राशि के जातकों को अपार धन की प्राप्ति होगी जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। इस अवधि में आपके नए घर या वाहन आदि खरीदने के योग बनेंगे। गुरु का रोहिणी नक्षत्र में गोचर आपके लिए धन कमाने के अनेक अवसर लेकर आएगा। इस वजह से आप प्रसन्न और संतुष्ट दिखाई देंगे। यह समय आपको निरोगी काया देने का काम भी करेगा। लेकिन फिर भी आपको थोड़ा सावधान रहना होगा क्योंकि मेष राशि वालों के गुप्त शत्रु सामने आ सकते हैं इसलिए संभलकर चलना होगा। इन लोगों को अपने भाग्य का हर कदम पर पूरा साथ मिलेगा। जो जातक व्यापार और नौकरी करते हैं, उनके लिए यह समय शानदार रहेगा।
मिथुन राशि वालों के लिए बृहस्पति महाराज का रोहिणी नक्षत्र में गोचर अपार लाभ लेकर आएगा। इस अवधि में आपके घर, वाहन या फिर नया ऑफिस खरीदने की संभावना है और ऐसे में, आप कोई नई संपत्ति खरीदने पर धन खर्च होंगे। इस अवधि में आपकी आय के साथ-साथ बचत में भी बढ़ोतरी होगी जिन जातकों ने हाल-फिलहाल में किसी नए काम की शुरुआत की है, तो आपको अच्छा खासा लाभ प्राप्त होगा। इन जातकों को तनाव से राहत मिलेगी और ऐसे में, आप मानसिक रूप से शांति का अनुभव करेंगे। आपकी धर्म-कर्म के कार्यों में आपका जुड़ाव बढ़ेगा और जो जातक नौकरी की तलाश में हैं, उन्हें नई नौकरी मिल जाएगी।
कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु का रोहिणी नक्षत्र में गोचर फलदायी रहने वाला है। बृहस्पति देव का नक्षत्र परिवर्तन आपको अपार धन लाभ करवाने का काम करेगा। इस अवधि में आपको भाई-बहनों के साथ अच्छा समय बिताने के अवसर मिलेंगे। साथ ही, यह जातक अपने पिता और गुरु की सहायता से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल करेंगे। इस दौरान आपके मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी। वहीं, जिन जातकों का विवाह हो चुका है, उन लोगों का वैवाहिक जीवन खुशियों से पूर्ण रहेगा। संतान ख़ूब तरक्की हासिल करेगी। साथ ही, रिश्ते में आपके और जीवनसाथी के बीच अच्छा तालमेल बना रहेगा और स्वास्थ्य भी उत्तम रहने की संभावना है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. रोहिणी नक्षत्र में कौन सी राशि आती है?
उत्तर 1. इस नक्षत्र के अंतर्गत वृषभ राशि आती है।
प्रश्न 2. रोहिणी नक्षत्र के देवता कौन है?
उत्तर 2. रोहिणी नक्षत्र के स्वामी प्रेम के कारक ग्रह शुक्र हैं।
प्रश्न 3. क्या रोहिणी नक्षत्र भाग्यशाली है?
उत्तर 3. हाँ, सभी 27 नक्षत्रों में रोहिणी नक्षत्र को शुभ माना जाता है।
जुलाई के पहले सप्ताह में ही इन राशियों का जागेगा भाग्य- नए प्यार की भी होगी शुरुआत!
जुलाई का यह पहला सप्ताह सभी बारह राशियों के लिए क्या सौगात लेकर आने वाला है? इस सप्ताह में कौन-कौन से व्रत और त्योहार पड़ने वाले हैं? कौन-कौन से ग्रहों का गोचर होगा? इस सप्ताह में बैंक अवकाश कब हैं और विवाह की शुभ तारीखें क्या-क्या रहने वाली है? इन सभी बातों की जानकारी आपको हमारे इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम प्रदान कर रहे हैं।
हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह विशेष राशिफल ब्लॉग विद्वान ज्योतिषियों द्वारा ग्रहों नक्षत्रों की चाल और स्थिति की गणना के बाद तैयार किया गया है। यहां हम आपको आने वाले 7 दिनों से संबंधित सभी 12 राशियों का विस्तृत राशिफल और राशि अनुसार उपाय और प्रेम भविष्यफल की जानकारी भी देने वाले है। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग और जानते हैं जुलाई के पहले सप्ताह के बारे में सबकुछ।
जुलाई का पहला सप्ताह कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को अश्विनी नक्षत्र के तहत सुकर्मा योग में प्रारंभ हो जाएगा और इस सप्ताह का समापन शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को पुष्य नक्षत्र के तहत हर्शण योग में हो जाएगा।
1 से 7 जुलाई का हिन्दू पंचांग
1 जुलाई तिथि दशमी – 10:28:19 तक
पक्ष कृष्ण
अभिजीत मुहूर्त 11:57:06 से 12:52:51 तक
दिशा शूल- पूर्व
व्रत-त्योहार: इस दिन कोई भी व्रत-त्योहार नहीं है।
2 जुलाई तिथि एकादशी – 08:44:24 तक
पक्ष कृष्ण
अभिजीत मुहूर्त 11:57:18 से 12:53:01 तक
दिशा शूल- उत्तर
व्रत-त्योहार: मासिक कार्तिगाई/ योगिनी एकादशी।
3 जुलाई तिथि द्वादशी – 07:12:29 तक
पक्ष कृष्ण
अभिजीत मुहूर्त कोई नहीं है
दिशा शूल- उत्तर
व्रत-त्योहार: रोहिणी व्रत, प्रदोष व्रत, आषाढ़, कृष्ण त्रयोदशी, मासिक शिवरात्रि।
4 जुलाई 2024 तिथि त्रयोदशी – 05:56:13 तक, चतुर्दशी – 29:00:08 तक
पक्ष कृष्ण
अभिजीत मुहूर्त: 11:57:41 से 12:53:20 तक
दिशा शूल- दक्षिण
व्रत-त्योहार: आषाढ़, कृष्ण चतुर्दशी, दर्श अमावस्या
5 जुलाई 2024, शुक्रवार तिथि अमावस्या – 28:29:17 तक
पक्ष कृष्ण
अभिजीत मुहूर्त 11:57:51 से 12:53:29 तक
दिशा शूल- पश्चिम
व्रत-त्योहार: आषाढ़ कृष्ण अमावस्या, अन्वाधान, आषाढ़ कृष्ण चतुर्दशी, आषाढ़ अमावस्या, श्रावण, कृष्ण अमावस्या, आषाढ़ नवरात्रि
6 जुलाई 2024, शनिवार तिथि प्रतिपदा – 28:28:33 तक
पक्ष- शुक्ल
अभिजीत मुहूर्त 11:58:02 से 12:53:38 तक
दिशा शूल- पूर्व
व्रत-त्योहार: आषाढ़, शुक्ल प्रतिपदा, इष्टि, आषाढ़, कृष्ण अमावस्या, जगन्नाथ रथयात्रा
7 जुलाई 2024, रविवार तिथि द्वितीया – 29:01:51 तक
पक्ष शुक्ल
अभिजीत मुहूर्त 11:58:12 से 12:53:46 तक
दिशा शूल- पश्चिम
व्रत-त्योहार: आषाढ़, शुक्ल द्वितीया, चन्द्र दर्शन, आषाढ़, शुक्ल प्रतिपदा
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1-7 जुलाई के ग्रहण गोचर
गोचर का अर्थ होता है किसी एक ग्रह का एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश कर जाना। इसे ज्योतिष में महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि ग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है। ऐसे में बात करें जुलाई के पहले सप्ताह में होने वाले गोचर की तो,
इस सप्ताह में केवल एक ही गोचर होगा शुक्र का। अधिक जानकारी की बात करें तो शुक्र का ये गोचर 1 तारीख को होगा जब सुख, विलासिता, खूबसूरती का ग्रह 4:15 पर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएगा। यदि आप इस गोचर का अपने जीवन पर असर जानना चाहते हैं तो अभी विद्वान ज्योतिषियों से फोन/चैट के माध्यम से जुड़ सकते हैं।
वहीं ग्रहण की बात करें जुलाई में कोई भी ग्रहण नहीं लगेगा।
1-7 जुलाई के बैंक अवकाश
इस सप्ताह कोई भी बैंक अवकाश नहीं पड़ेगा।
1-7 जुलाई के विवाह मुहूर्त
हिन्दू धर्म में विवाह जैसे शुभ और मांगलिक कार्य से पहले मुहूर्त अवश्य देखा जाता है। हालांकि बात करें जुलाई के पहले सप्ताह के शुभ विवाह मुहूर्त की तो, इस दौरान कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं पड़ने वाला है।
1-7 जुलाई के जन्मदिन
अपने इस आखिरी सेगमेंट में हम आपको इस सप्ताह के दौरान जन्मे मशहूर लोगों के जन्मदिन की जानकारी प्रदान करते हैं। बात करें जुलाई के पहले सप्ताह के दौरान पड़ने वाले मशहूर लोगों के जन्मदिन की तो,
1 जुलाई: सुदेश भोंसले, पार्श्व गायक
पं. हरि प्रसाद चौरसिया, संगीत निर्देशक और शास्त्रीय बांसुरीवादक
लिव टायलर, अमेरिकी अभिनेत्री
कार्ल लुईस, अमेरिकी पूर्व ट्रैक और फील्ड एथलीट
2 जुलाई: कैथरीन ब्रंट, अंग्रेजी महिला क्रिकेटर
3 जुलाई: भारती सिंह, हास्य कलाकार और टेलीविजन हस्ती
तिग्मांशु धूलिया, अभिनेता
टॉम क्रूज, अमेरिकी अभिनेता
सर रिचर्ड हेडली, न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर
4 जुलाई: नीना गुप्ता, अभिनेत्री और टेलीविजन निर्देशक
5 जुलाई: पी.वी. सिंधु, भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी
जावेद अली, पार्श्व गायक
मुमताज, तमिल अभिनेत्री
जायद खान, अभिनेता
जॉन राइट, न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर
6 जुलाई: रणवीर सिंह भारतीय अभिनेता
दलाई लामा, आध्यात्मिक गुरु
श्वेता त्रिपाठी, अभिनेता
सिद्धांत कपूर, अभिनेता
आमना शरीफ, अभिनेता
सिल्वेस्टर स्टेलोन, अभिनेता
7 जुलाई: एमएस धोनी क्रिकेटर।
देवदत्त पडिक्कल, क्रिकेटर
कैलाश खेर, गायक
मनजोत सिंह, अभिनेता
यदि आप अपने फेवरेट सितारे की कुंडली देखकर उनके भविष्य के बारे में कुछ भी जानना चाहते हैं तो आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं।
एस्ट्रोसेज की तरफ से इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।