शिव जी को पति रूप में पाने के लिए देवी सती ने किया था कोकिल व्रत, जानें तिथि एवं मुहूर्त!
कोकिला व्रत 2024: सनातन धर्म में हर व्रत का अपना एक अलग स्थान है इसलिए आने वाला हर माह, हर दिन अपने साथ कोई न कोई व्रत या पर्व लेकर आता है। इसी क्रम में, आज हम कोकिला व्रत 2024 के बारे में बात करेंगे जो कि आषाढ़ मास में आता है। इस माह के अंतिम दिन कोकिला व्रत को करने की परंपरा है। एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में आपको कोकिला व्रत 2024 से जुड़ी समस्त जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही, इस साल कब किया जाएगा यह व्रत और किस मुहूर्त में पूजा करना होगा शुभ? यह भी हम आपको बताएंगे। इसके अलावा, क्यों है कोकिला व्रत इतना खास, इस बारे में भी हम बात करेंगे।
कोकिला व्रत के शाब्दिक अर्थ की बात करें, तो यह ईश्वर के प्रति समर्पण व्यक्त करने का एक जरिया है जबकि उपवास को एक शुभ संस्कार माना गया है जिसमें मंत्र और प्रार्थना की सहायता से भक्ति प्रकट की जाती है। आषाढ़ मास की पूर्णिंमा के दिन गुरु पूर्णिमा, देवी लक्ष्मी और विष्णु जी की आराधना के साथ-साथ कोकिला व्रत भी किया जाता है। इसके अलावा, विवाहित स्त्रियां सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए कोकिला व्रत करती हैं जबकि कुंवारी लड़कियां मनोवांछित वर पाने के लिए यह व्रत करती हैं।
आइए अब हम बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कोकिला व्रत की तिथि एवं समय के बारे में।
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कोकिला व्रत 2024: तिथि एवं शुभ मुहूर्त
कोकिला व्रत श्रावण माह के सभी व्रतों के शुभारंभ का प्रतिनिधित्व करता है। पंचांग के अनुसार, हर साल यह व्रत आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि पर किया जाता है, लेकिन इस व्रत को पूर्णिमा से एक दिन पहले यानी कि आषाढ़ शुक्ल की चतुर्दशी को रखा जाता है। आषाढ़ पूर्णिमा के अगले दिन से श्रावण का महीना शुरू हो जाता है। इस साल कोकिला व्रत 20 जुलाई 2024, शनिवार के दिन किया जाएगा। बता दें कि यह व्रत अधिकतर उस वर्ष में रखा जाता है जिस वर्ष में आषाढ़ अधिक मास लगता है। इस बारे में हम विस्तार से चर्चा करेंगे, परंतु उससे पहले नज़र डालते हैं कोकिला व्रत 2024 की तिथि एवं समय के बारे में।
कोकिला व्रत की तिथि एवं पूजा मुहूर्त
कोकिला व्रत की तिथि: 20 जुलाई 2024, शनिवार
कोकिला व्रत के लिए प्रदोष पूजा मुहूर्त: शाम 07 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 24 मिनट तक
पूर्णिमा तिथि का आरंभ: 20 जुलाई 2024 को 05 बजकर 59 मिनट से,
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति: 21 जुलाई 2024 को 03 बजकर 46 मिनट तक
धार्मिक दृष्टि से कोकिला व्रत को महत्वपूर्ण माना जाता है। कोकिला व्रत का संबंध माता सती और भगवान शिव से है और अगर हम इसके नाम की बात करें, तो कोकिला शब्द भारतीय पक्षी कोयल को दर्शाता है। यह व्रत मनुष्य जीवन के सभी दुखों का नाश करने वाला माना गया है और इसी उद्देश्य से कोकिला व्रत रखा जाता है। कहते हैं कि इस व्रत को विधि-विधान से संपन्न करने पर जातक को समस्त सुख प्राप्त होते हैं। साथ ही, जिन लोगों के विवाह के मार्ग में समस्याएं आ रही होती हैं और उनके द्वारा यह व्रत करने का संकल्प लिया जाता है, तो उनका विवाह शीघ्र ही हो जाता है। कोकिला व्रत से जुड़ी एक अन्य मान्यता के अनुसार, अगर कोई अविवाहित कन्या मनचाहे वर पाने के उद्देश्य से कोकिला व्रत करती है, तो उसकी यह मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।
मान्यता है कि जो मनुष्य कोकिला व्रत को सच्चे मन एवं पूरी श्रद्धा के साथ करता है, उसे जन्म-जन्मांतर के लिए अपने साथी का साथ मिलता है और उन्हें कोई विपदा अलग नहीं कर सकती है। इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को सौभाग्य, कल्याण, धन-धान्य और समृद्धि, की प्राप्ति होती है। इसके विपरीत, कुंवारी कन्याओं को अपना मनचाहा वर या सुयोग्य जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए कोकिला व्रत करना चाहिए और इस मनोकामना की पूर्ति के लिए कोयल स्वरूप मूर्ति की पूजा एवं उनसे प्रार्थना करनी चाहिए। यह व्रत महिलाओं को अनेक प्रकार के दोषों जैसे कि भौम दोष से भी छुटकारा प्रदान करता है।
कब करें कोकिला व्रत?
हालांकि, कुछ लोगों का ऐसा मत है कि कोकिला व्रत को उस साल में करना चाहिए जिस वर्ष आषाढ़ का महीना अधिक मास के अंतर्गत आता हो। सामान्य शब्दों में कहें, तो वह वर्ष जब आषाढ़ अधिक मास होता है अर्थात आषाढ़ दो मास का होता है, उस समय कोकिला व्रत को अधिक मास में न रखकर सामान्य आषाढ़ माह में किया जाता है। इस व्रत के दौरान गंगा, यमुना तथा अन्य पवित्र नदियों के जल में स्नान करना शुभ रहता है। कोकिला व्रत को मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा रखा जाता है और समूचे देश की महिलाएं इस व्रत को आषाढ़ पूर्णिमा के दिन करती हैं।
कोकिला व्रत से संबंधित पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव के मना करने के बावजूद माता सती अपने पिता दक्ष के यज्ञ में चली गई थी और उनकी आज्ञा का उल्लंघन करने पर शिव जी ने क्रोधित होकर देवी सती को कोकिला पक्षी होने का श्राप दे दिया था। इस श्राप की वजह से माता सती 10 हजार वर्षों तक नंदन वन में कोकिला पक्षी के रूप में रहीं। इसके पश्चात, उन्होंने पुन: पार्वती के रूप में जन्म लिया और पूरे विधि-विधान एवं नियमानुसार आषाढ़ मास में एक माह तक व्रत किया। इसके बाद ही देवी पार्वती को भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए। इस कथा से जुड़ी मान्यता है कि कोकिला व्रत को विधि पूर्वक धारण करने से स्त्रियों को अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है।
कोकिला व्रत के दिन भक्त प्रातःकाल उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करे।
साथ ही, अपने दिन की शुरुआत सूर्य देव को अर्घ्य देकर करें।
इसके पश्चात, देवी पार्वती और भगवान शिव की उपासना करें, फिर शिव जी का दूध और गंगाजल से अभिषेक करें।
इस व्रत में भोलेबाबा की पूजा का विधान है और इस दिन शिव पूजा में लाल फूल, सफेद फूल, धतूरा, दूर्वा, बेलपत्र, भांग, दीपक, धूप एवं अष्टगंध का उपयोग अवश्य करें।
कोकिला व्रत को आप निराहार रहकर भी कर सकते हैं। लेकिन यदि आप ऐसा न कर सके, तो एक समय आप फलाहार करें।
इस दिन व्रत की पूजा करते समय कोकिला व्रत कथा को अवश्य पढ़ें।
कोकिला व्रत में संध्या पूजा का विशेष महत्व होता है इसलिए संध्याकाल में भगवान शिव की आरती करें। इसके बाद शिव जी को प्रसाद का भोग लगाएं और फिर पूजा के उपरांत आप फलाहार कर सकते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. क्या होता है कोकिला व्रत?
उत्तर 1. इस व्रत के पुण्य से देवी पार्वती को शिव जी पति रूप में प्राप्त हुए थे।
प्रश्न 2. कोकिला व्रत 2024 में कब आएगा?
उत्तर 2. वर्ष 2024 में कोकिला व्रत 20 जुलाई 2024, शनिवार के दिन किया जाएगा।
प्रश्न 3. कोकिला व्रत में किसकी पूजा करते हैं?
उत्तर 3. कोकिला व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है।
अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 21 जुलाई से 27 जुलाई, 2024
कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)?
अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा।
इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (21 जुलाई से 27 जुलाई, 2024)
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं।
जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मूलांक 1
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 1 के जातकों में प्रशासनिक क्षमताएं मौजूद होती हैं और इनका यही गुण इन्हें ऊंचाइयों पर लेकर जाता है। यह जातक हमेशा काम में डूबे रहते हैं और ज्यादातर समय काम में व्यस्त नज़र आते हैं।
प्रेम जीवन: इस मूलांक वाले रिश्ते में पार्टनर के साथ बेहद ईमानदार रहेंगे और इस वजह से आपको रिश्ते में खुशियां बनाए रखने के अनेक अवसर प्राप्त होंगे।
शिक्षा: मूलांक 1 के छात्रों के लिए मैनेजमेंट, स्टेटिस्टिक्स जैसे विषय मददगार साबित होंगे और आप इनमें उत्कृष्टता हासिल करेंगे। आप जिन भी सब्जेक्ट्स की पढ़ाई कर रहे होंगे, उन्हें लेकर आप आत्मविश्वास से भरे रहेंगे और ऐसे में, आप अच्छे अंक पाने में सफल रहेंगे।
पेशेवर जीवन: कार्यक्षेत्र में आप स्वयं को मिलने वाले कामों को बहुत आसानी से कर पाएंगे। ऐसे में, आप महत्वपूर्ण कामों को भी दृढ़ता के साथ कर सकेंगे और साथ ही, अच्छा रिटर्न प्राप्त करने में सफल रहेंगे। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें इस सप्ताह पदोन्नति मिलने के योग बनेंगे।
स्वास्थ्य: सेहत की दृष्टि से, इस हफ्ते आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी। लेकिन, आपको सिर दर्द की शिकायत रह सकती है।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ सूर्याय नमः” का 19 बार जाप करें।
मूलांक 2
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 2 के तहत जन्मे लेने वाले जातक सामान्य रूप से अपने करीबियों और परिवार के सदस्यों के साथ बहस या विवाद में पड़कर अपने लिए खुद की समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
प्रेम जीवन: रिश्ते की बात करें, तो मूलांक 2 वालों को अपने पार्टनर पर किसी भी तरह का दबाव डालने या उनसे किसी बात को लेकर बहस करने से बचने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, आपको साथी से बात करके उनकी परिस्थिति को समझने का प्रयास करना होगा।
शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में इस मूलांक के छात्रों को एकाग्रचित होकर कड़ी मेहनत करते हुए पढ़ाई करनी होगी क्योंकि आपका मन भटक सकता है। इसकी वजह आपकी इच्छाएं और ध्यान का इधर-उधर जाना हो सकता है। ऐसे में, आप लक्ष्य पूरे करने में पीछे रह सकते हैं।
पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन की बात करें, तो जिन जातकों का अपना व्यापार है, उनके लिए यह अवधि अनुकूल रहेगी। इस दौरान आपके द्वारा किया जा रहे प्रयास और बनाई गई योजनाओं से सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी। ऐसे में, आपको लाभ मिलेगा जिससे आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। जो लोग नौकरी करते हैं, उन्हें इस अवधि में ज्यादा सफलता न मिलने की आशंका है।
स्वास्थ्य: मूलांक 2 के जातकों को हीट स्ट्रोक की वजह से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको हाइड्रेट रहने की सलाह दी जाती है इसलिए ख़ूब पानी पिएं।
उपाय: छह महीने तक सोमवार के दिन चंद्र ग्रह की पूजा करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 3 के अंतर्गत पैदा होने वाले जातक सामान्य रूप से खुले विचारों वाले होते हैं और इन्हें नई नीतियों और बातों को स्वीकारने में समय नहीं लगता है। यह लोग धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। इस अवधि में इन लोगों को करियर के संबंध में लंबी दूरी की यात्राएं करनी पड़ सकती हैं है।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप एक नए रिश्ते या रिलेशनशिप में प्रवेश कर सकते हैं, लेकिन किसी भी रिश्ते में आने का फैसला अपनी बुद्धि से लें, न कि भावनाओं में बहकर।
शिक्षा: यह सप्ताह मूलांक 3 के छात्रों के लिए काफ़ी अच्छा रहेगा जो मास्टर या पीएचडी आदि के माध्यम से उच्च शिक्षा की तैयारी कर रही है।
पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन की बात करें, तो इस मूलांक वालों को नौकरी में पदोन्नति मिलने की संभावना है। साथ ही, कार्यक्षेत्र में आपकी क्षमताओं और स्किल्स में बढ़ोतरी होगी। जिन जातकों का अपना व्यापार है, तो इस अवधि में उनके मान-सम्मान में वृद्धि हो सकती है।
स्वास्थ्य: इस मूलांक के जातक धार्मिक कार्यों के साथ-साथ शारीरिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे जैसे कि योग और मैडिटेशन आदि। इसका फायदा आपको शारीरिक और मानसिक रूप से मिलेगा।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ गुरवे नमः” का 21 बार जाप करें।
मूलांक 4
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 4 के जातक बहुत जुनूनी और स्वभाव से भावुक होते हैं। सामान्य रूप से इन लोगों में बिना सोचे-समझे पैसा खर्च करने की आदत होती है।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन के लिहाज़ से, यह जातक रिश्ते में अपने पार्टनर के साथ नाखुश और असंतुष्ट दिखाई दे सकते हैं। साथ ही, आप दोनों के बीच आपसी तालमेल भी कम रह सकता है जिसके कारण आप साथी के नज़दीक आने में सक्षम नहीं होंगे।
शिक्षा: शिक्षा की बात करें, तो मूलांक 4 के छात्र इस सप्ताह जो भी पढ़ेंगे, उसे याद रखने में समर्थ नहीं होंगे। ऐसे में, इस समय आपके लिए बेहतर होगा कि पढ़ाई से जुड़े किसी भी तरह के बड़े फैसले लेने से बचें।
पेशेवर जीवन: अगर आप नौकरी करते हैं, तो इस अवधि में आपको मनचाही सफलता न मिलने की आशंका है और आप पर नौकरी का दबाव अधिक हो सकता है। जिन जातकों का अपना व्यापार है, तो संभव है कि उनके सामने ऐसी स्थिति आ जाए जहां आपको न लाभ न हो हानि।
स्वास्थ्य: सेहत को देखें, तो इन जातकों को स्किन रैशेज की वजह से खुजली की समस्या बनी रह सकती है इसलिए आपको तले-भुने खाने का सेवन करने से बचना होगा।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ राहवे नमः” का 22 बार जाप करें।
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मूलांक 5
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 5 के तहत जन्मे जातक बेहद बुद्धिमान और स्मार्ट होते हैं। इन लोगों का व्यक्तित्व गुणों से भरपूर होता है और वह अपनी स्किल्स का विस्तार करने में सक्षम होते हैं।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की दृष्टि से, इस मूलांक के जातक अपने पार्टनर का हर कदम पर साथ देंगे और ऐसे में, आप रिश्ते में साथी से अच्छे संबंध बनाए रखने में सक्षम होंगे।
शिक्षा: इस सप्ताह मूलांक 5 के छात्र एकाउंटिंग, कास्टिंग, लॉजिस्टिक्स आदि विषयों की पेशेवर रूप से पढ़ाई करेंगे जिसकी वजह से आपका प्रदर्शन अच्छा रहेगा। यह जातक शिक्षा के संबंध में उच्च मूल्य स्थापित करेंगे।
पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन के लिहाज़ से, कार्यक्षेत्र में आपका प्रदर्शन काफ़ी अच्छा रहेगा और ऐसे में, आपके मान-सम्मान के साथ-साथ पद में भी बढ़ोतरी हो सकती है। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो आप अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करके ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की बात करें, तो इन जातकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत रहेगी जिसके चलते आपका स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहेगा। आप स्वास्थ्य को लेकर जीवन में उच्च मूल्य स्थापित करेंगे।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का 41 बार जाप करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 6 के तहत पैदा होने वालों की रुचि रचनात्मक कार्यों में होती है। इनके मन में हमेशा कुछ नया और अलग करने का विचार चलता रहता है। साथ ही, यह ट्रेवल के शौक़ीन होते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप पार्टनर के साथ मधुर संबंध बनाए रखने में सक्षम होंगे और समय के साथ आप अपने रिश्ते को बेहतर बना सकेंगे। इस अवधि में आप साथी के सामने अपने विशेष गुणों को दिखाने में समर्थ होंगे जिससे आप दोनों का रिलेशनशिप मजबूत होगा।
शिक्षा: मूलांक 6 के जातक विजुअल कम्युनिकेशन, सॉफ्टवेयर टेस्टिंग जैसे विषयों में विशेषज्ञता हासिल कर सकेंगे जिसके बल पर आप शिक्षा में अच्छा करने में सफल रहेंगे। इस मूलांक वाले छात्र जो भी पढ़ेंगे, उसको आगे लेकर जाने का प्रयास करते हुए दिखाई देंगे।
पेशेवर जीवन: इस मूलांक के जातक नौकरी में अपनी क्षमताओं की बदौलत चमक बिखरते हुए नज़र आएंगे और इस वजह से आपके कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जो जातक अपना व्यापार करते हैं, वह बिज़नेस में उच्च मूल्य स्थापित करेंगे।
स्वास्थ्य: इस अवधि में मूलांक 6 के जातकों की सेहत अच्छी रहेगी और आप इसे आगे भी बेहतर बनाए रखना चाहेंगे।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ भार्गवाय नमः” का 33 बार जाप करें।
मूलांक 7
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 7 के तहत जन्मे जातकों की रुचि गूढ़ विज्ञान में होती है और वह इस क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ने में सफल रहते हैं। इसके अलावा, यह लोग अपनी स्किल्स दुनिया को दिखाने के लिए दृढ़ रहते हैं।
प्रेम जीवन: रिलेशनशिप की बात करें, तो आप पार्टनर से थोड़े दूर-दूर रह सकते हैं। हालांकि, इस सप्ताह परिवार में कुछ संवेदनशील मामले जन्म ले सकते हैं और इसका असर आपके रिश्ते पर नज़र आ सकता है।
शिक्षा: मूलांक 7 के छात्रों का मन पढ़ाई से हट सकता हैं जिसकी वजह आपके भीतर उत्साह की कमी हो सकती है। ऐसे में, आपको पढ़ाई में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है और इसके परिणामस्वरूप, आपके रिजल्ट प्रभावित हो सकते हैं।
पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन को देखें, तो आपका काम से मन हट सकता है। इसके अलावा, आपको हर काम को योजना बनाकर बहुत ध्यान से करने की जरूरत होगी। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उनके लिए इस अवधि में लाभ कमाना आसान नहीं रहेगा और ऐसे में, आपको अत्यधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं।
स्वास्थ्य: आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर रहने की आशंका है। इसके परिणामस्वरूप, आपको पाचन से जुड़ी समस्याएं और बेचैनी परेशान कर सकती हैं जो आपके लिए बाधा का काम कर सकती है।
उपाय: मंगलवार के दिन केतु ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें।
मूलांक 8
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 8 के जातक अपने काम के प्रति बेहद ईमानदार होंगे और इनका सारा ध्यान काम पर केंद्रित रहेगा। ऐसे में, आपको जीवन के दूसरे क्षेत्रों को देने के लिए समय नहीं मिल सकेगा। साथ ही, इस अवधि में आपका ज्यादातर समय यात्राओं में बीतेगा।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप पार्टनर के साथ रिश्ते में खुशियां बनाए रखने में नाकाम रह सकते हैं जिसकी वजह आपसी समझ की कमी होने की आशंका है। ऐसे में, आप पार्टनर के साथ सीधा और स्पष्ट रवैया अपना सकते हैं।
शिक्षा: शिक्षा के संबंध में आपको पढ़ाई पर ध्यान देना देने की आवश्यकता होगी, विशेष रूप से अगर आप मैकेनिकल इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग आदि विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं।
पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन को देखें, तो इन जातकों को काम में की गई कड़ी मेहनत के बावजूद भी सराहना न मिलने का अनुमान है। साथ ही, आप पर काम का दबाव अधिक हो सकता है और इसे संभालना आपके लिए आसान नहीं होगा। अगर आप व्यापार करते हैं, तो आपको प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ सकता है।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, यह सप्ताह मूलांक 8 वालों के लिए थोड़ा नाज़ुक रह सकता है क्योंकि इस अवधि में आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर रहने की संभावना है। इस वजह से आपको पैरों और जोड़ों में दर्द की शिकायत हो सकती है और ऐसे में, आपको डॉक्टर से सहायता लेने की सलाह दी जाती है।
उपाय: शनिवार के दिन शनि ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 9 के जातक बातों और विचारों में बेहद स्पष्ट होते हैं और इन्हें सिद्धांतों एवं मूल्यों पर चलना पसंद होता है। यह लोग प्रेम की तलाश में रहते हैं और इनका सारा ध्यान नए रिश्ते बनाने पर केंद्रित होता है।
प्रेम जीवन: इस मूलांक के जातक अपने पार्टनर पर प्रेम की वर्षा करते हुए नज़र आएंगे और उनका ख़ूब ध्यान रखेंगे। ऐसे ,में, आप दोनों के रिश्ते में प्यार में बढ़ोतरी होगी।
शिक्षा: मूलांक 9 के छात्रों की बुद्धि इस सप्ताह तेज़ रहेगी और आप पेशेवर तरीके से पढ़ाई करेंगे। ऐसे में, आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
पेशेवर जीवन: इस मूलांक के जातक नौकरी में ऊंचाइयां हासिल करेंगे और साथ ही, आपको बेहतरीन परिणामों की प्राप्ति होगी। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो आप अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे और नए बिज़नेस में प्रवेश के मौके भी मिलेंगे।
स्वास्थ्य: मूलांक 9 वालों की सेहत शानदार बनी रहेगी जिसकी वजह आपकी मज़बूत रोग प्रतिरोधक क्षमता होगी। ऐसे में, आप ऊर्जा से भरे रहेंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. कैसे देखा जाता है अंक ज्योतिष?
उत्तर.1 अंक ज्योतिष में अनेक तरह की संख्याओं, तकनीकों और गणनाओं का विश्लेषण किया जाता है और वह इस प्रकार हैं जैसे जन्म तिथि की संख्या, कर्म चक्र की संख्या, जीवन पथ की संख्या, सूर्य की संख्या आदि।
प्रश्न.2 अंक ज्योतिष में मूलांक क्या है?
उत्तर.2 अंक ज्योतिष में जन्म तिथि को जोड़ने पर जो अंक आता है, उसे मूलांक कहा जाता है।
प्रश्न.3 किस ग्रह का कौन सा अंक है?
उत्तर.3 अंक ज्योतिष के अनुसार, 1 अंक का स्वामी सूर्य, 2 अंक चंद्र का, 3 अंक बृहस्पति का, 4 अंक राहु का, 5 अंक बुध का, 6 अंक शुक्र का, 7 अंक केतु का, 8 अंक शनि का और 9 अंक मंगल का होता है।
घर के वास्तु दोष से हो सकती है ये बड़ी बीमारियां, इन उपायों से दूर होगी सारी समस्या
मानव जीवन को सुखद और सुगम बनाने में वास्तु शास्त्र का बहुत अधिक योगदान है। यह पांच तत्वों से मिलकर बना है, जो इस प्रकार है- पृथ्वी, अग्नि, आकाश, जल और वायु। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर बनने से लेकर घर में रखे हर एक वस्तु और दिशा का खास महत्व होता है। वास्तु के अनुसार घर की हर एक दिशा खास संकेत देती है। इन दिशाओं से सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की ऊर्जा निकलती है। इन दिशाओं से निकलने वाली ऊर्जा का असर घर के हर एक सदस्यों पर पड़ता है। दरअसल घर पर वास्तु दोष तब लगता है जब वास्तु के नियमों का पालन न किया जा रहा है और इसके बाद ही वास्तु दोष लगना शुरू होता है। वास्तु दोष के परिणामस्वरूप घर में रहने वाला व्यक्ति शारीरिक व मानसिक रोगी तक बन जाता है। यह नहीं व्यक्ति को कई अन्य प्रकार की बीमारियां भी घेर लेती है। यदि वास्तु दोष से निपटने के लिए सही से उपाय न किया जाए तो व्यक्ति बड़ी से बड़ी बीमारी से घिर सकता है इसलिए इससे मुक्ति पाने के लिए उपाय करना जरूरी है।
एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम जानेंगे कि वास्तु दोष होने पर व्यक्ति किस प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त रहता है, वास्तु दोष कब होता है और इससे बचने के आसान उपाय आदि के बारे में यहां जानकारी हासिल करेंगे। तो बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जान लेते हैं कि वास्तु दोष होने पर कौन सी बड़ी बीमारियां व्यक्ति को परेशान कर सकती है।
वास्तु शास्त्र भारतीय संस्कृति का एक प्राचीन विज्ञान है, जो प्रकृति और ऊर्जा के नियमों पर आधारित है।विशेष रूप से सनातन धर्म में इसका विशेष महत्व है। लोग घर बनाते समय वास्तु के नियमों का खासतौर से ध्यान रखते हैं। वास्तु शास्त्र का मुख्य उद्देश्य प्रकृति और उपयोगिता पूर्ण शक्तियों का संचार और संतुलन सुनिश्चित करना है। इसके अनुसार, सही तरीके से इस्तेमाल से घर में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है और व्यक्ति तमाम तरह की समस्याओं से निजात पाता है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
वास्तु दोष होने पर इन बीमारियों से परेशान रहता है व्यक्ति
वास्तु दोष से ऐसे तो कई तरह की बीमारियां पैदा हो सकती है लेकिन कुछ ऐसी बीमारियां है, जो काफी गंभीर रूप ले लेती है। यदि समय पर इसका समाधान न किया जाए तो यह व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। तो आइए जानते हैं इन बीमारियों के बारे में।
पेट संबंधी समस्या
वास्तु दोष होने से पेट से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। वास्तु दोष के अनुसार, घर का किचन उत्तर पूर्वी दिशा में नहीं होना चाहिए क्योंकि इस दिशा में किचन होना अशुभ माना जाता है। इस दिशा में खाना बनाने से पेट से संबंधित बीमारियां परेशान कर सकती है और यह बीमारी बड़ा रूप ले सकती है इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें।
गैस और रक्त संबंधी बीमारी
घर की दीवारों के रंग का भी वास्तु में बहुत अधिक महत्व है इसलिए घर में पेंट करवाते समय वास्तु के नियमों का जरूर ध्यान करें। वास्तु जानकारों के अनुसार, अच्छे स्वास्थ्य के लिए दीवारों पर दिशा के अनुरूप हल्का और सात्विक रंगों का इस्तेमाल करना शुभ साबित हो सकता है। ऐसा करने से वास्तु दोष से बचा जा सकता है। वास्तु के हिसाब से घर में नारंगी या पीला रंग ब्लड प्रेशर, काला या गहरा नीला रंग वायु रोग, पेट में गैस, हाथ-पैरों में दर्द, गहरा लाल रंग रक्त संबंधी बीमारी या दुर्घटना का कारण बन सकता है इसलिए घर का पेंट करवाते समय अधिक ध्यान दें।
यदि आप भोजन करते समय वास्तु के नियमों का पालन नहीं करते हैं तो इससे आपके लिए बड़ी समस्या पैदा हो सकती है। वास्तु के नियम के अनुसार, दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे पैरों में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है। जिन लोगों के पैरों में अक्सर दर्द रहता है वह वास्तु दोष के कारण ही होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, भोजन करते समय मुंह पूरब दिशा की तरफ होना चाहिए। इससे आपका स्वास्थ्य रहता है और कोई बड़ी समस्या आपको परेशान नहीं कर सकती है। इसके अलावा किचन में खाना बनाते समय अगर मुंह दक्षिण की ओर है तो त्वचा एवं हड्डी से संबंधित समस्या आपको परेशान कर सकती है। पश्चिम की तरफ मुंह करके खाना बनाने से आंख,नाक,कान और गले की समस्याएं हो सकती है।
नींद न आने की समस्या
नींद न आना, थकान, अधिक तनाव लेना सिर और हाथ पैरों में दर्द और बेचैनी आदि का भी वास्तु दोष से गहरा संबंध है। यदि आपने वास्तु के नियम का सही से पालन नहीं किया तो आपको इन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप सोने जा रहे हैं तो अपना बिस्तर इस प्रकार करें कि आपका पैर पूरब की ओर आए। इस दिशा में सोने और बैठने से स्वास्थ्य समस्याओं से राहत पाया जा सकता है। इसके अलावा, आय के भी स्त्रोत खुलते हैं। वास्तु के अनुसार, उत्तर की तरफ सिर और दक्षिण की तरफ पैर करके सोने से कई तरह की समस्याएं व्यक्ति को परेशान कर सकती है।
वास्तु शास्त्र में ऐसे कई नियमों के बारे में बताया गया है, जिसको ध्यान में रखकर घर से वास्तु दोष को कम किया जा सकता है और बीमारी होने से बचा जा सकता है। तो आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण और पश्चिम दिशा के बीच पानी से संबंधित चीज़े जैसे नल या कुआं नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, इस दिशा में वॉश बेसिन या वॉशिंग मशीन रखने से बचना चाहिए।
घर में कोई बीमारी है तो दवाइयों को भूलकर भी दक्षिण के दिशा में नहीं रखना चाहिए। दवाइयों को उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
यदि आप दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो दवा हमेशा उत्तर की ओर मुंह करके खाना चाहिए।
वास्तु के अनुसार, उत्तर और उत्तर पूर्व दिशा में भारी बॉक्स नुमा चीजें जैसे इन्वर्टर रखने से बचना चाहिए। इन दिशाओं में कोई भी वास्तु दोष होने पर घर में बीमारियों का घर बन सकता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. वास्तु के अनुसार, घर में किस दिशा में क्या होना चाहिए?
उत्तर 1. घर पूर्व या उत्तर दिशा में ही होना चाहिए।
प्रश्न 2. कैसे पता करें कि घर में वास्तु दोष है?
उत्तर 2. यदि घर में समय-समय पर आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो रही है या घर में रहने वाले सदस्य बार-बार बीमार पड़ रहे हैं तो यह वास्तु दोष का कारण है।
प्रश्न 3. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में शौचालय कहाँ होने चाहिए?
उत्तर 3. बाथरूम को या तो उत्तर या उत्तर पश्चिम दिशा में बनवाना चाहिए।
प्रश्न 4. कौन सी दिशा में सिर रखकर सोना चाहिए?
उत्तर 4. दक्षिण से उत्तर की तरफ सोने से व्यक्ति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
कब से शुरू है जया पार्वती व्रत? जानें तिथि, मुहूर्त और 5 दिवसीय इस व्रत का महत्व!
जया पार्वती 2024: सतयुग, द्वापरयुग से लेकर वर्तमान समय तक सनातन धर्म में अनेक प्रकार के व्रतों को करने की परंपरा चली आ रही है और हर व्रत की अपनी विशेषता एवं महत्व होता है। इन्हीं व्रतों में से एक है जया पार्वती व्रत जो कि महिलाओं और कन्याओं द्वारा श्रद्धापूर्वक रखा जाता है। जया पार्वती व्रत आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी से शुरू होकर अगले 5 पांच दिनों तक चलता है। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको जया पार्वती व्रत से संबंधित समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, हम आपको इस व्रत की तिथि एवं महत्व के साथ-साथ पूजा के शुभ मुहूर्त से भी रूबरू करवाएंगे। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस व्रत के बारे में सब कुछ।
बता दें कि प्रत्येक वर्ष जया पार्वती व्रत आषाढ़ मास में पड़ता है इसलिए इस व्रत के महत्व में वृद्धि हो जाती है। यह व्रत भगवान शंकर एवं माता पार्वती को समर्पित होता है और यही वजह है कि इस व्रत में इनकी पूजा की जाती है। जया पार्वती व्रत मुख्य रूप से गुजरात समेत भारत के पश्चिमी क्षेत्रों में किया जाता है। महिलाएं घर-परिवार की सुख-शांति, समृद्धि और कल्याण के लिए यह व्रत पूरी श्रद्धाभाव से रखती हैं। साथ ही, कुंवारी कन्याएं इस व्रत को मनचाहा वर पाने की कामना से रखती हैं। जया पार्वती व्रत पूरे 5 दिनों का होता है। इस साल यह व्रत 19 जुलाई 2024 से शुरू हो रहा है। आइए अब जानते हैं जया पार्वती व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
जया पार्वती व्रत 2024: शुभ मुहूर्त एवं तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष आषाढ़ मास में पांच दिनों तक जया पार्वती व्रत किया जाता है जो कि आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन रखा जाता है जबकि इसका समापन सावन मास माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर होता है। इस साल जया पार्वती व्रत 19 जुलाई 2024 को रखा जाएगा जबकि इसका अंत 24 जुलाई 2024, बुधवार के दिन होगा। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह व्रत हर साल जुलाई-अगस्त के महीने में आता है। इस व्रत की पूजा हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत एवं त्योहार की पूजा की तरह ही शुभ मुहूर्त में की जाती है जो कि इस प्रकार है:
जया पार्वती व्रत तिथि एवं मुहूर्त
जया पार्वती व्रत की तिथि: 19 जुलाई 2024, शुक्रवार
जया पार्वती प्रदोष पूजा का मूहूर्त: शाम 07 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 25 मिनट तक
त्रयोदशी तिथि का आरंभ: 18 जुलाई 2024 की रात 08 बजकर 44 मिनट से,
त्रयोदशी तिथि की समाप्ति: 19 जुलाई 2024 की शाम 07 बजकर 41 मिनट तक
जया पार्वती व्रत का प्रारंभ: 19 जुलाई 2024, शुक्रवार से,
जया पार्वती व्रत को महत्वपूर्ण माना जाता है और यह हिंदू धर्म की महिलाओं और कन्याओं द्वारा पूरी आस्था के साथ रखा जाता है। जया पार्वती व्रत भक्त देवी जया की कृपा पाने के लिए करते हैं जो देवी पार्वती के विभिन्न स्वरूपों में से एक हैं इसलिए धार्मिक दृष्टि से इस व्रत का महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। जया पार्वती व्रत को विजय पार्वती व्रत भी कहा जाता है। यह व्रत मालवा क्षेत्र (गुजरात) का एक लोकप्रिय व्रत है, वहां इस पर्व की एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है। जया पार्वती व्रत के जुड़ी मान्यता है कि अगर कोई इस व्रत को रखता है, तो यह व्रत 5, 7, 9, 11 या 20 वर्षों तक रखना चाहिए।
हालांकि, इस व्रत का वर्णन पौराणिक कथाओं में भी मिलता है। जया पार्वती व्रत को सुहागिन स्त्रियां और अविवाहित कन्याओं द्वारा रखा जाता है। कुंवारी कन्याएं जया पार्वती व्रत को एक अच्छे पति की कामना और सुख-शांति एवं प्रेम से पूर्ण वैवाहिक जीवन की प्राप्ति के लिए करती हैं। ऐसा कहते हैं कि जो भक्त इस व्रत को पूरी आस्था और श्रद्धा से रखता है, उन्हें भगवान शिव और माता पार्वती के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
इस व्रत को परिवार में खुशहाली बनाए रखने और सुख-समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए भी किया जाता है। भक्त से प्रसन्न होकर देवी उनकी सभी इच्छाओं और कामनाओं को पूरा करती हैं। लेकिन, ऐसा तब ही होता है जब यह व्रत पूरी नीति-नियमों के साथ संपन्न किया जाता है।
अब हम आपको जया पार्वती व्रत की पूजा विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।
प्रत्येक व्रत एवं पूजा से मनचाहे फल की प्राप्ति के लिए पूजा को विधि पूर्वक करना बेहद आवश्यक होता है इसलिए यहाँ हम आपको जया पार्वती व्रत की सही पूजा-विधि प्रदान कर रहे हैं।
आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी तिथि यानी कि जया पार्वती व्रत के दिन सुबह-सवेरे ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि कार्यों से निवृत होकर पूजा स्थान की साफ-सफाई करें।
अब जया पार्वती एवं भगवान शिव का ध्यान करें और घर के मंदिर में शिव-पार्वती की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें।
इसके पश्चात, भगवान शिव और देवी पार्वती को कुमकुम, शतपत्र, कस्तूरी, अष्टगंध और फूल आदि अर्पित करके पूजा की शुरुआत करें।
फिर, नारियल, अनार व पूजा की अन्य सामग्री चढ़ाएं और विधिपूर्वक षोडशोपचार पूजा करें।
भोले शंकर और पार्वती जी का ध्यान करते हुए मंत्रों का उच्चारण करें।
इसके बाद, शिव-पार्वती की मंगल स्तुति करें और फिर, जया पार्वती व्रत की कथा पढ़ें।
पूजा संपन्न होने के बाद व्रत का संकल्प करें।
जया पार्वती व्रत का पारण करते हुए सबसे पहले ब्राह्मण को भोजन कराएं और उन्हें अपने सामर्थ्य के अनुसार वस्त्र और दान-दक्षिणा दें।
आप सात्विक और दूध से बने हुए खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
व्रत के अंतिम दिन व्रत का उद्यापन गेहूं की रोटी एवं अन्य पकवान के साथ कर सकते हैं।
धर्मग्रंथों में वर्णित कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ रहा करते थे। वह ब्राह्मण पति-पत्नी बेहद धार्मिक, दयालु और संस्कारशील थे और इनके जीवन में धन-संपत्ति का अभाव नहीं था, पर इनकी कोई संतान न थी। यह दोनों ब्राह्मण पति-पत्नी अपने मन में संतान प्राप्ति की कामना लिए भगवान शिव की पूजा-पाठ और उनकी भक्ति में लीन रहते थे। एक दिन ब्राह्मण भगवान शिव पति-पत्नी की पूजा से प्रसन्न होकर उनके सामने प्रकट हुए और कहा कि पास के जंगल में मेरी एक मूर्ति स्थित है जिसकी कभी भी कोई पूजा नहीं करता है, तुम दोनों वहां जाकर मेरी उस मूर्ति की पूजा-अर्चना करो।
भगवान शिव के कहे अनुसार ब्राह्मण जंगल में गया और वहाँ उसे शिव की मूर्ति मिल गई। शिव जी की प्रतिमा को साफ करने के बाद वह पानी खोजने लगा, लेकिन रास्ते में ही ब्राह्मण को एक सांप ने काट लिया जिसकी वजह से वह बेहोश होकर ज़मीन पर गिर गया। बहुत समय बीतने के बाद ब्राह्मण के वापस न आने पर पत्नी को चिंता होने लगी और वह अपने पति को तलाश में जंगल में चली गई।
वह मूर्ति के पास बैठकर शिव जी की तपस्या करने लगी और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने ब्राह्मण को जीवनदान दे दिया और उन्हें संतान प्राप्ति का आशीर्वाद दिया। ब्राह्मण पति-पत्नी संतान की प्राप्ति होने के बाद सुख-शांति से अपना जीवन व्यतीत करने लगे। इस कथा के अनुसार, जो भी स्त्री जया पार्वती व्रत को सच्चे मन से रखती है उसे अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. जया पार्वती व्रत में क्या खाना चाहिए?
उत्तर 1. इस व्रत में फल, दूध, दही, जूस और दूध से बनी मिठाइयों का आप सेवन कर सकते हैं।
प्रश्न 2. जया पार्वती व्रत कब से शुरू हो रहा है?
उत्तर 2. जया पार्वती व्रत 19 जुलाई 2024, शुक्रवार से शुरू हो रहा है।
प्रश्न 3. क्या कुंवारी लड़कियां जया पार्वती व्रत कर सकती हैं?
उत्तर 3. जी हाँ, इस व्रत को कुंवारी कन्याओं द्वारा करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।
प्रश्न 4. जया पार्वती व्रत कितने दिन चलता है?
उत्तर 4. यह व्रत 5 दिनों तक निरंतर जारी रहता है ।
40 दिनों के लिए बुध का गोचर- जानें सभी राशियों पर इसके शुभ-अशुभ प्रभाव!
बुध ग्रह को ज्योतिष में बुद्धि, तर्क, विद्या, तर्कशक्ति, व्यापार से संबंधित ग्रह माना जाता है और अब यही महत्वपूर्ण बुध ग्रह 19 जुलाई को सिंह राशि में गोचर करने वाला है। अपने इस आज के खास ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बुध के महत्वपूर्ण गोचर का 12 राशियों पर पड़ने वाले शुभ अशुभ प्रभाव की विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही जानेंगे बुध ग्रह को मजबूत करने के ज्योतिषीय उपायों की भी जानकारी।
आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले बात करें बुध के सिंह राशि में होने वाले इस गोचर के समय की तो बुध का यह गोचर 19 जुलाई को 20:31 पर होने वाला है।
सिंह राशि में बुध
बुध सिंह राशि में अनुकूल परिणाम प्रदान करता है क्योंकि सिंह राशि के साथ बुध के मैत्रीपूर्ण संबंध होते हैं जिनसे जातकों को लाभकारी परिणाम मिलते हैं। ऐसे जातक अपने व्यवहार में काफी नरम और शांत व्यक्तित्व वाले होते हैं। इसके अलावा उनकी बुद्धि और विश्लेषणात्मक दृष्टि काफी मजबूत होती है जिससे यह थोड़े अभिमानी नजर आ सकते हैं।
बात करें इसके प्रभाव की तो सिंह राशि में बुध के होने से जातक गुणी, धनवान और ईर्ष्यालु बनते हैं। ऐसे जातक ज्यादा प्रतिभाशाली होते हैं, इनकी संगीत, नृत्य, कला और कविता में रुचि होती है। सिंह राशि में मंगल की बुध पर दृष्टि होने से जातक बुद्धिमान बनते हैं।
सिंह राशि में बुध पर शुक्र का प्रभाव हो तो ऐसे जातक बेहद ही खूबसूरत होते हैं, आकर्षक स्वभाव के होते हैं और अपने जीवन में श्रेष्ठ राजा या फिर मंत्री भी बनते हैं। सिंह राशि में शनि के बुध पर प्रभाव से जातक अच्छे आचरण वाले होते हैं। जब बुद्ध का सिंह राशि में गोचर होता है तो चूंकि सिंह एक रचनात्मकता वाली राशि है और बुध कौशल का ग्रह है इसलिए जातकों में उत्कृष्ट रचनात्मकता देखने को मिलती है।
ऐसे व्यक्तियों के पास रचनात्मक कौशल मौजूद होते हैं और सौभाग्य से वे उन सभी में शानदार होते हैं। अंत में बुध का प्रभाव किसी विशेष नक्षत्र में बुध की स्थिति पर निर्भर करता है जैसे अगर बुध मघा नक्षत्र में है तो केतु की स्थिति सिंह राशि में बुध के कामकाज को दर्शाती है क्योंकि मघा नक्षत्र का स्वामी केतु है। वहीं अगर बुध पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में है तो चूंकि इसका स्वामी शुक्र है ऐसे में इसका कारक शुक्र से संबंधित होगा। इसके अलावा अगर बुध उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में है तो सूर्य की स्थिति बुध के प्रभाव को प्रभावित करेगी।
बात करें बुध ग्रह की तो यह सूर्य के चारों ओर सबसे छोटी और सबसे तेज परिक्रमा करने के लिए जाना जाता है। बुध ग्रह चंद्रमा से आकर में थोड़ा बड़ा है और पृथ्वी से लगभग 2.6 गुना छोटा है। तापमान की बात करें तो बुध का सूर्य की तरफ वाला हिस्सा लगभग 430 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान वाला है। दिन से रात तक तापमान में होने वाले तीव्र परिवर्तन के चलते बुध ग्रह पर जीवन की उम्मीद ना के बराबर है।
बुध ग्रह पर एक दिन बहुत लंबा होता है क्योंकि यह ग्रह बहुत ही धीमी गति से चलता है। एक दिन का चक्कर पृथ्वी के 59 दिनों के बराबर होता है। हालांकि इसकी तेज परिक्रमा के चलते बुध का एक साल पृथ्वी के 88 दिनों में पूरा होता है। बुध ग्रह पर वायुमंडल बहुत कम है, लेकिन जो है वह अधिकांशतः ऑक्सीजन, सोडियम, हाइड्रोजन, हीलियम और पोटेशियम से बना है।
ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को ग्रहों के राजकुमार के रूप में जाना जाता है। कहते हैं जिन लोगों की कुंडली में बुध उच्च स्थान पर होते हैं उनके जीवन में सभी तरह के सुख सुविधा होती है, उन्हें कारोबार, आर्थिक जीवन, काम और सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है। वहीं इसके विपरीत बुध की स्थिति कमजोर हो तो ऐसे व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, धन और ऐश्वर्या की कमी दिखाई देती है।
अब बात करें सिंह राशि में बुध के प्रभाव से जातक अहंकारी होते हैं। हालांकि यह किसी भी ग्रुप या कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन लोगों को पता होता है कि इनका जन्म किसी बड़े काम के लिए हुआ है। ये लोग जीवन में कोई भी बड़ा रिस्क लेने में कतराते नहीं है और पूरे गर्व, शक्ति और अधिकार के साथ काम करते हैं। ऐसे व्यक्तियों को शारीरिक आकर्षण ज्यादा पसंद आता है। आप अपने पार्टनर के प्रति ईमानदार होते हैं और यही ईमानदारी आपको सामने से भी अपेक्षित होती है।
कुंडली में बुध ग्रह कमजोर स्थिति में मौजूद हो तो ज्योतिष के जानकार व्यक्ति को कुछ बेहद ही सरल उपाय करने की सलाह देते हैं जिनसे आप कुंडली में मौजूद बुध को मजबूत कर सकते हैं साथ ही उसके सकारात्मक परिणाम अपने जीवन में प्राप्त कर सकते हैं।
बुधवार के दिन गाय को हरी घास का चारा खिलाएँ।
गौ माता की सेवा करें।
उनके खान-पान के लिए दान दक्षिणा करें।
घर में तुलसी का पौधा लगाएँ। तुलसी का पौधा लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी का पौधा हमेशा उत्तर दिशा में लगा होना चाहिए और आपको नियमित रूप से इसकी देखभाल और पूजा पाठ करनी है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: बुध का सिंह राशि में गोचर कब होगा?
उत्तर: बुध 19 जुलाई को 20:31 पर सिंह राशि में गोचर कर जाएगा।
प्रश्न 2: बुध सिंह राशि में किस तरह के परिणाम देता है?
उत्तर: बुध सिंह राशि में अनुकूल परिणाम प्रदान करता है क्योंकि सिंह राशि के साथ बुध के संबंध मेत्रीपूर्ण होते हैं।
प्रश्न 3: बुद्ध किसका कारक है?
उत्तर: ज्योतिष के अनुसार बुध बुद्धि, तर्क, विद्या, गणित, व्यवसाय, व्यापार आदि का कारक ग्रह माना गया है।
प्रश्न 4: कुंडली में बुध कमजोर हो तो क्या होता है?
उत्तर: कमजोर बुध याददाश्त की कमजोरी चीजों को याद रखने में परेशानी, व्यापार या नौकरी में नुकसान और असफलता, गणित विषय को समझने में परेशानी आदि के रूप में दिक्कतें खड़ी कर सकता है।
सूर्य-चंद्रमा ने बनाया है नवपंचम योग, इन लोगों की लगने वाली है लॉटरी
सौरमंडल के सभी ग्रह समय-समय पर एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करते रहते हैं। इसके अलावा ग्रह उदित और अस्त भी होते हैं एवं नक्षत्र में भी गोचर करते हैं। ग्रहों की इस चाल से देश-दुनिया समेत सभी राशियों का जीवन प्रभावित होता है। किसी के लिए ये अनुकूल परिणाम लेकर आते हैं, तो वहीं कुछ लोगों को इस दौरान नकारात्मक चीज़ों का सामना करना पड़ता है।
ग्रहों के गोचर करने के दौरान कुछ शुभ संयोग और राजयोग का भी निर्माण होता है। 17 जुलाई को चंद्रमा ने मंगल की राशि वृश्चिक में प्रवेश कर दिया है। वहीं सूर्य और चंद्रमा एक-दूसरे से पांचवे और नौवें भाव में हैं। सूर्य और चंद्रमा की इस स्थिति के कारण नवपंचम योग बन रहा है।
इस योग से कुछ राशियों के लोगों की किस्मत चमकने वाली है। इन्हें खूब धन-दौलत और सफलता मिलने के आसार हैं। तो चलिए अब बिना देर किए जानते हैं कि नवपंचम योग किन राशियों के लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
इस राशि के लोगों को समय-समय पर अचानक धन लाभ होने की संभावना है। यदि छात्र उच्च शिक्षा के लिए किसी विदेशी संस्थान में दाखिला लेना चाहते हैं, तो अब उनकी यह इच्छा भी पूरी हो सकती है। नौकरीपेशा लोगों के लिए प्रमोशन के योग बन रहे हैं।
आप अपने कार्यक्षेत्र में अपने काम और प्रगति से संतुष्ट होंगे। व्यापारी अधिक उत्पादन करेंगे और उनके मुनाफे में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। पूर्व में किए गए निवेश से भी लाभ होने के आसार हैं। नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो अब आपकी यह इच्छा पूरी हो सकती है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
सिंह राशि
सिंह राशि के लोगों का भाग्य चमकने वाला है। इन्हें हर क्षेत्र में सफलता मिलने के संकेत हैं। आपकी आमदनी में जबरदस्त बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी। आप नौकरी बदलने के बारे में सोच सकते हैं। आपके लिए स्थान परिवर्तन के योग भी बन रहे हैं। आपको देश-विदेश की यात्रा पर भी जाना पड़ सकता है।
व्यापारियों के लिए भी अच्छा समय है। इन्हें खूब मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा। कोई नया ऑर्डर मिलने से आपको लाभ होगा। इस दौरान आपके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होगी और आप ऊर्जावान महसूस करेंगे। आपको अपने परिवार के सभी सदस्यों का सहयोग प्राप्त होगा।
नवपंचम योग इस राशि के लोगों के लिए मंगलकारी सिद्ध होगा। आपको अपनी संतान की ओर से कोई अच्छी खबर मिल सकती है। इसके अलावा आपको भौतिक सुखों की भी प्राप्ति होने की उम्मीद है। आप नया वाहन या प्रॉपर्टी आदि भी खरीद सकते हैं। इससे आपको लाभ होगा।
आपकी वित्तीय स्थिति अच्छी होगी और आप खूब धन कमाएंगे। इसके साथ ही आप पैसों की बचत करने में भी सक्षम होंगे। प्रेम संबंध में हैं, तो इस समय आपके रिश्ते में मिठास आएगी। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को अपने प्रयासों में सफलता मिलेगी। आपकी कार्य करने की शैली में सुधार आएगा।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
नवपंचम योग क्या है?
जब पंचम भाव का स्वामी कुंडली में नौवें भाव में होता है, तब इस योग का निर्माण होता है। इसके अलावा नवमेश के पांचवे भाव में होने पर भी यह योग बनता है। इस योग को बहुत शुभ और शक्तिशाली माना जाता है।
यह ग्रहों की एक दुर्लभ स्थिति है और ज्योतिष में इसका बहुत महत्व है। कुंडली का पांचवा भाव बुद्धि, रचनात्मकता और संतान को दर्शाता है। वहीं नौवां भाव सीखने, भाग्य और अध्यात्म का प्रतीक होता है।
दो ग्रहों के शुभ स्थिति में आने पर जातक की रचनात्मकता, कलात्मक गुणों में वृद्धि होती है। ये लोग बहुत बुद्धिमान होते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में असीम सफलता प्राप्त करते हैं।
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धोखा देने में अव्वल होती हैं ये राशियाँ- आप भी हैं इनसे संपर्क में तो हो जाएं सावधान!
प्यार जितना ही खूबसूरत एहसास है धोखा उतना ही बदसूरत। ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि व्यक्ति की राशि उनके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ बताती है। आज अपने इस खास ब्लॉग में हम एक दिलचस्प विषय पर बात करेंगे और जानेंगे ज्योतिष के अनुसार उन राशियों के बारे में जो अपने पार्टनर को धोखा देने में अव्वल होती हैं।
दरअसल ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति की राशि उसके स्वभाव, व्यक्तित्व, आदतों, के बारे में बहुत कुछ बताती है। राशि के प्रभाव से ही व्यक्ति के अंदर तमाम अच्छाई और दोष देखने को मिलते हैं। राशि ही मनुष्य के स्वभाव को एक दूसरे से अलग करती है। जहां कुछ राशि के जातक अपने प्रेम के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील होते हैं और वफादार होते हैं वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसी राशियाँ भी बताई गई है जिनके जातक अपने पार्टनर को धोखा देने में माहिर होते हैं।
अपने खास ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं कि कौन सी हैं वो राशियाँ जो अपने पार्टनर को आराम से धोखा दे सकती हैं।
धोखा देने में अव्वल होती है ये राशियाँ
यहां हम जिन राशियों का जिक्र करने जा रहे हैं वह कुछ ऐसी राशियाँ हैं जो अगर आपके जीवन में भी आती है तो वह आपको धोखा देने से नहीं कतरएंगी। या यूं कहिए कि ये राशियाँ किसी को भी धोखा देने की क्षमता रखती हैं फिर चाहे आप हो कोई मशहूर कलाकार हों, कोई जाना माना चेहरा हों, या कोई आम आदि। यह राशियाँ किसी को भी धोखा दे सकती हैं।
उदाहरण के तौर पर अभी हाल ही में मंडाना करीमी (एक्ट्रेस) ने खुलासा किया कि, कैसे उनके पूर्व पति ने शादी के बाद ही उन्हें धोखा दिया था। मंडना करीमी ने बताया कि कैसे वह व्यक्ति खुद को एक मशहूर निर्देशक बताकर मंडना के जीवन में आया। जब उन्होंने अपने भविष्य की योजना बनाना शुरू किया तो वह व्यक्ति मंडना को धोखा देकर अकेले छोड़कर चला गया।
ऐसे में ये जानना दिलचस्प हो जाता है कि क्या धोखा देने की इस प्रवृत्ति का विश्लेषण सितारों या फिर राशियों के आधार पर किया जा सकता है? तो इसका जवाब है जी हां। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जान लेते हैं उन राशियों के बारे में जो अपने पार्टनर को धोखा देने से एक भी बार कतराते नहीं हैं।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातक रिश्ते में बहुत ही ज्यादा जरूरतमंद होते हैं। ऐसे लोगों पर अगर 24 घंटे ध्यान नहीं दिया जाए तो यह निराश हो जाते हैं। इसके अलावा मिथुन राशि की महिला जातक काफी अनिर्णायक हो सकती है। उन्हें अपने जीवन में विकल्प रखना पसंद होता है। बात करें कि धोखा देने की तो इसमें मिथुन राशि का नाम शीर्ष पर आता है। हालांकि यह धोखा उस स्थिति में देते हैं जब उन्हें अपने पार्टनर से वह प्यार और सम्मान नहीं मिलता जिसकी वह अपेक्षा करते हैं
सिंह राशि
सिंह राशि के जातक बेहद ही नाटकीय स्वभाव के होते हैं और उन्हें सेंटर आफ अट्रैक्शन बनना अच्छा लगता है। अगर आप उन्हें प्रिंस या प्रिंसेस ट्रीटमेंट नहीं देते हैं तो वह आपसे खिन्न हो सकते हैं और फिर अगर उन्हें आपसे अलग होना है तो वह धोखा देकर भी आपको छोड़ सकते हैं। ऐसे में बेहद आवश्यक हो जाता है कि इन लोगों को महत्वपूर्ण महसूस कराया जाए और उचित प्यार दिया जाए।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को आमतौर पर तो बहुत ज्यादा प्रेमी स्वभाव का माना जाता है। यह झटपट रिश्ते में आने से भी नहीं झिझकते हैं। हालांकि कई लोगों को ऐसा लगता है कि जब कन्या राशि के जातक रिश्ते में आते हैं तो वह फ्लर्ट करना बंद कर देते हैं लेकिन ऐसा नहीं होता है। ऐसे में अगर आप किसी कन्या राशि के जातक के साथ रिश्ते में आने के बारे में विचार कर रहे हैं तो आपको अपने फैसले पर दोबारा सोच समझ लेना चाहिए।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातक यूं तो शारीरिक रूप से धोखा देना की प्रवृत्ति नहीं दिखाते हैं लेकिन यह अपने पूर्व या पुराने प्रेमी को फ्लर्टी मैसेज दे सकते हैं। यह भी एक तरह का धोखा ही होता है। ऐसे में धोखा देने वाली राशियों की लिस्ट में कुंभ राशि का नाम भी जुड़ चुका है।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के पास अपने पार्टनर को धोखा देने की बहुत अधिक संभावना होती है। संवेदनशील और ज्यादा भावुक होने के चलते हुए छोटे से छोटे मूड स्विंग्स पर भी अपने पार्टनर को धोखा देने का विचार कर सकते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: झूठ बोलने वाली राशियाँ कौन सी होती है?
उत्तर: सिंह राशि झूठ बोलने के मामले में सबसे माहिर होती है।
प्रश्न 2: प्यार में धोखा देने वाली राशि कौन सी होती है?
उत्तर: कन्या राशि
प्रश्न 3: क्या मीन राशि के जातक भी अपने पार्टनर को धोखा दे सकते हैं?
उत्तर: बिल्कुल, मीन राशि के जातक अपने पार्टनर को धोखा देने में जरा भी झिझक नहीं दिखाते हैं।
एक साल बाद बुध-शुक्र मिलकर बनाएंगे लक्ष्मी-नारायण राजयोग, इन 3 राशियों के वेतन वृद्धि के बनेंगे योग!
वैदिक ज्योतिष में नवग्रह एक निश्चित समय और अंतराल के बाद एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं जिसे गोचर कहा जाता है। प्रत्येक ग्रह का गोचर सभी राशियों सहित मनुष्य जीवन को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। ऐसे में, ग्रहों के गोचर से अनेक तरह की युति का निर्माण होता है जिसकी वजह से शुभ-अशुभ योग भी बनते हैं। इसी क्रम में, अब जल्द ही शुक्र और बुध की कर्क राशि में युति होने जा रही है और इन ग्रहों के संयोजन से एक बेहद शुभ योग बनने जा रहा है। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आपको शुक्र-बुध की युति और इससे बनने वाले शुभ योग के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही, इस शुभ योग से किन राशियों के अच्छे दिनों की शुरुआत होगी? इसका जवाब भी आपको इस ब्लॉग में मिलेगा। तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस लेख की और जानते हैं शुक्र एवं बुध की युति के बारे में।
प्रेम, वैभव एवं ऐश्वर्य के कारक ग्रह शुक्र देव 07 जुलाई 2024 की सुबह 04 बजकर 15 मिनट पर मिथुन से निकलकर कर्क राशि में गोचर कर गए हैं और इस राशि में ग्रहों के राजकुमार के नाम से प्रसिद्ध बुध ग्रह उपस्थित हैं। ऐसे में, कर्क राशि में बुध और शुक्र की युति हो रही है जिसकी वजह से लक्ष्मी नारायण राजयोग निर्मित हो रहा है। बता दें कि इस राजयोग की गणना बेहद शुभ योगों में होती है।
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शुक्र-बुध की युति से बन रहा लक्ष्मी नारायण राजयोग कुछ राशि के जातकों के लिए अत्यंत फलदायी साबित होगा। इस अवधि में कुछ राशि के जातकों को भाग्य का हर कदम पर साथ मिलेगा। करियर और व्यापार के क्षेत्र में भी आपको अपार सफलता मिलने के साथ-साथ धन लाभ मिलेगा और ऐसे में, आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। चलिए नज़र डालते हैं कर्क राशि में बनने वाले लक्ष्मी नारायण योग से किन राशियों पर बरसेगी देवी लक्ष्मी की कृपा।
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कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र-बुध की युति बेहद शुभ परिणाम लेकर आएगी क्योंकि आपकी राशि के लग्न भाव में लक्ष्मी नारायण योग बन रहा है। इसके परिणामस्वरूप, इन लोगों को जीवन के हर कदम पर भाग्य का साथ मिलेगा। आपके जो काम लंबे समय से अटके हुए थे, अब वह पूरे होने लग जाएंगे। इस राशि के जातकों को परिवार के साथ यादगार समय बिताने का मौका मिलेगा।
इन लोगों को धन की देवी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलने से अचानक से धन लाभ होने के योग बनेंगे। संतान की तरफ से आपको खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। जो जातक वाहन या फिर संपत्ति खरीदने का सोच-विचार कर रहे हैं, वह अब इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं और ऐसा करना आपके लिए लाभकारी रहेगा। इस दौरान शेयर मार्केट एवं सट्टा बाजार में धन का निवेश करने से अच्छे रिटर्न की प्राप्ति होगी। यह लोग जीवनसाथी का समर्थन मिलने से हर क्षेत्र में कामयाबी अपने नाम करेंगे। स्वास्थ्य की बात करें, तो आपकी सेहत अच्छी बनी रहेग, लेकिन अपने खानपान का आपको ध्यान रखना होगा।
मकर राशि के जातकों के लिए लक्ष्मी नारायण योग फलदायी साबित होगा क्योंकि यह राजयोग आपकी राशि के सातवें भाव में बन रहा है। कुंडली का सातवां भाव पार्टनर और जीवनसाथी आदि का प्रतिनिधित्व करता है। अगर पिछले कुछ समय से पार्टनर के साथ आपका कोई विवाद चला आ रहा है, तो अब उसका समाधान हो जाएगा। ऐसे में, आप उनके साथ किसी रोमांटिक डेट या फिर ट्रिप पर जाने की योजना बना सकते हैं। इस राशि के जो लोग अविवाहित हैं, उन्हें शादी का प्रस्ताव मिल सकता है। प्रेम जीवन को देखें, तो आप अपने रिश्ते को अगले पड़ाव पर लेकर जाने का फैसला ले सकते हैं। सरल शब्दों में कहें, तो आप साथी से शादी करने का सोच सकते हैं और इस मामले में भाग्य आपका पूरा साथ देगा।
जो जातक नौकरी करते हैं, उन्हें अच्छा खासा लाभ मिलने के योग बनेंगे। कार्यस्थल पर आपके द्वारा किये गए काम को सराहना मिलेगी। साथ ही, वेतन में अच्छी वृद्धि मिलने के योग बनेंगे। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उनको काफ़ी समय से फंसा हुआ पैसा मिल सकता है और कोई डील भी होने के संकेत है। यह जातक अपनी बेहतरीन निर्णय लेने की क्षमता के बल पर कुछ ऐसा करने में सफल हों सकते हैं जो इनके भविष्य के लिए अच्छा साबित होगा। आपका स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा और आत्मविश्वास में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। देवी लक्ष्मी की कृपा मकर राशि के जातकों पर होने से आपको आय के नए स्रोतों की प्राप्ति होगी और ऐसे में, आप भविष्य के लिए धन की बचत करने में सक्षम होंगे।
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र-बुध की युति से बनने वाला लक्ष्मी नारायण योग लाभदायक सिद्ध होगा। बता दें कि यह राजयोग आपकी राशि के दूसरे भाव में निर्मित हो रहा है। ऐसे में, भाग्य जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आपका साथ देगा। इन लोगों को लंबे समय से रुका हुआ या फिर किसी को उधार दिया गया पैसा वापस मिल सकता है। करियर के क्षेत्र में आपको अच्छी सफलता की प्राप्ति होगी और साथ ही, आपको धन लाभ मिलने के योग बनेंगे।
इन जातकों के भीतर साहस और आत्मविश्वास दोनों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। यह लोग जीवन के विभिन्न आयामों में अपना झंडा लहराने में सक्षम होंगे। आपका जीवन सकारात्मकता से भरा रहेगा और आपको परिवार के साथ कीमती समय बिताने का मौका मिलेगा। इन जातकों को अचानक से धन की प्राप्ति होगी और इस अवधि में घर, वाहन या फिर संपत्ति खरीदने का सपना साकार होने की संभावना है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बुध-शुक्र की युति से कौन सा योग बनता है?
उत्तर 1. ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में बुध और शुक्र के एक साथ होने पर लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होता है।
प्रश्न 2. क्या बुध और शुक्र की युति अच्छी होती है?
उत्तर 2. कुंडली के प्रथम भाव में शुक्र-बुध की युति होने से इंसान का व्यक्तित्व अच्छा और आकर्षक बनता है तथा बुद्धि तेज़ होती है।
प्रश्न 3. बुध कौन सी राशि में गोचर करेंगे?
उत्तर 3. बुध 19 जून को सूर्य देव की राशि सिंह में प्रवेश कर जाएंगे।
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बुध का सिंह राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध का सिंह राशि में गोचरके बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को बुध के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में बुध ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
बता दें कि बुध 19 जुलाई 2024 को सूर्य के स्वामित्व वाली राशि सिंह में गोचर करने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।
ज्योतिष में बुध तेज़ गति से चलने वाला एक प्रमुख ग्रह है, जो बुद्धि, संचार और सीखने का कारक है। ग्रहों के राजकुमार बुध कन्या और मिथुन राशि के स्वामी हैं। यह ग्रह हमारी वाणी, लिखित और संचार अभिव्यक्ति के अन्य रूपों को नियंत्रित करता है। वैदिक ज्योतिष में, जब कुंडली में बुध मज़बूत स्थिति में होते हैं, तो यह जातकों को जीवन में सभी तरह की सुख-सुविधाएं प्रदान करते हैं। साथ ही, आपको तेज़ बुद्धि और अच्छा स्वास्थ्य का भी आशीर्वाद देते हैं। बुध ग्रह के मज़बूत होने पर यह व्यक्ति को उच्च ज्ञान प्राप्त करने में सक्षम बनाते हैं और उन्हें हर क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम भी देते हैं। इनका यह ज्ञान व्यापार के क्षेत्र में जातक को अच्छे फैसले लेने में मार्गदर्शन करता है।
जिन लोगों की कुंडली में बुध देव की स्थिति शुभ होती है, वह व्यापार और सट्टेबाजी के क्षेत्र में अपार सफलता हासिल करते हैं। इन जातकों की रुचि गूढ़ विज्ञान जैसे ज्योतिष, रहस्यवाद आदि में हो सकती है और यह इन क्षेत्रों में अपनी चमक बिखेरते हुए नज़र आ सकते हैं। वहीं कुंडली में बुध ग्रह जब राहु, केतु या मंगल जैसे अशुभ ग्रहों के साथ स्थित होते हैं, तो जातकों को जीवन के सभी क्षेत्रों में कदम-कदम पर समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
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बुध का सिंह राशि में गोचर: समय व तिथि
सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं और बुध व सूर्य आपस में मित्रता का भाव रखते हैं और अब बुध 19 जुलाई, 2024 की शाम 08 बजकर 31 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इसके बाद 22 अगस्त 2024 को बुध वक्री गति में कर्क राशि में गोचर करेंगे।
सिंह राशि में बुध: विशेषताएँ
सिंह राशि में बुध के प्रभाव से व्यक्ति अत्यधिक चंचल स्वभाव का होता है और अपनी गरिमा में रहकर अपनी बातों को लोगों के समक्ष रखता है। सिंह रचनात्मक कलाओं का प्रतिनिधित्व करती है इसलिए सिंह राशि में बुध के होने से जातक लेखक, थिएटर अभिनेता या मंच पर गायक के रूप में उत्कृष्टता हासिल करता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति प्रभावशाली होता है और कहीं भी लिखने, अभिनय करने, बोलने या गाने से नहीं डरता। सिंह सिंहासन और अधिकार का प्रतीक है और सिंह राशि में बुध का अर्थ है अच्छा व्यवहार और उच्च संचार शैली। सिंह राशि में बुध होने से जातक अपने भाषण से सबका ध्यान अपनी ओर केंद्रित कर सकते हैं।
सिंह राशि में बुध यह दर्शाता है कि आप अपनी पसंद के साथ समझौता नहीं करते हैं, और हमेशा सर्वश्रेष्ठ चुनते हैं। यह आपको प्रकृति प्रेमी भी बना सकता है, जिससे आपको बागवानी, पेड़ लगाना और धूप में लेटना पसंद है। आम तौर पर, आप गोरे रंग के होते हैं, आपका माथा चौड़ा होता है, और आपको ब्रांडेड और महंगे कपड़े पहनने का शौक होता है क्योंकि आपका बुध इस बात पर निर्भर करता है कि आप खुद को कैसे पेश करते हैं। यह स्थान सरकारी और प्रशासनिक नौकरियों में सफलता भी दिलाता है। साथ ही, यह आपको कपड़ों (विशेष रूप से ऊनी कपड़ों), गहनों, गेहूं और प्रकृति से जुड़ी किसी भी चीज़ का व्यवसाय करने में शानदार बनाता है। इसके प्रभाव से आप रंगमंच और कला के क्षेत्र में भी शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं।
बुध का सिंह राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और बुध का सिंह राशि में गोचर आपके चौथे भाव में होने जा रहा है। इस गोचर के फलस्वरूप आपको अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। आप सुख और सुविधाओं से भरे रहेंगे। इस दौरान आपको अपनी माता का आशीर्वाद और सहयोग प्राप्त होगा। साथ ही, घर का माहौल शांतिपूर्ण रहेगा। करियर के मोर्चे पर जातक अपनी नौकरी में अधिक संतुष्टि प्राप्त करेंगे।
साथ ही कार्यक्षेत्र में आपको अपने वरिष्ठों से सराहना प्राप्त होगा और सहकर्मियों से सहयोग मिलेगी, जिससे आपको खुशी और संतुष्टि प्राप्त होगी। आप दूसरों से आगे रहने में सक्षम होंगे। वृषभ राशि के कुछ जातक बेहतर संभावनाओं के लिए अपनी नौकरी छोड़ सकते हैं और कुछ का तबादला हो सकता है और उन्हें बेहतर अवसर मिल सकते हैं। इस गोचर के दौरान व्यवसाय करने वाले जातकों को अच्छा लाभ प्राप्त होगा और आपका व्यापार तेज़ी से आगे बढ़ेगा। इस अवधि आप अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम होंगे।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। करियर के मामले में यह गोचर जातकों के लिए अनुकूल साबित होगा और आपको विदेशों से नए व अच्छे अवसर प्राप्त हो सकते हैं। इन अवसरों से आपको संतुष्टि प्राप्त होगी। कार्यक्षेत्र में पदोन्नति और विशेष प्रोत्साहन मिलने के योग बन रहे हैं। आप अपने कार्यस्थल पर आरामदायक स्थिति में होंगे और ख़ुशनुमा पलों का आनंद लेंगे। जिन लोगों का खुद का व्यापार है वे इस दौरान उच्च धन लाभ अर्जित करने में सक्षम होंगे और अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देंगे। इस अवधि में आप अपने बिज़नेस में अधिक ध्यान देंगे और इसके विकास के लिए आगे बढ़ेंगे। साथ ही, आपको एक से अधिक व्यवसाय करने का अवसर भी प्राप्त हो सकता है। इस दौरान आप कोई नया बिज़नेस शुरू कर सकते हैं या एक से ज्यादा व्यापार में शामिल हो सकते हैं।
तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं तथा बुध का सिंह राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आप इस अवधि अपने बड़ों का सहयोग और समर्थन प्राप्त होगा। इसके अलावा, आपको लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ सकती है और भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। करियर की दृष्टि से, बुध का सिंह राशि में गोचर आपके लिए बेहद अनुकूल साबित होगा। इस दौरान आपको अपनी कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप विदेश में नौकरी के नए अवसर प्राप्त होंगे जिससे आपको खुशी और संतुष्टि महसूस होगी। ऐसे में आप खुद को साबित करने में सफल होंगे। जिन जातकों का अपना व्यापार है वे इस दौरान उच्च धन लाभ अर्जित करेंगे और अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम होंगे। इसके अलावा आप अच्छा लाभ प्राप्त करने के लिए किसी नए काम की शुरुआत कर सकते हैं।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी है और बुध का सिंह राशि में गोचर आपके नौवें भाव में होगा। इस दौरान कड़ी मेहनत और भाग्य की बदौलत आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा आप सामान्य सिद्धांतों का पालन करते हुए अपने कार्यों को पूरा करेंगे। करियर की बात करें तो, बुध का सिंह राशि में गोचर आपके लिए शानदार साबित होगा। इस दौरान आपको नौकरी में कई नए अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही, नौकरी के सिलसिले में विदेश यात्राएं भी करनी पड़ सकती है। हालांकि आप में से कुछ लोगों को नौकरी बदलने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
धनु राशि के जो जातक व्यापार करते हैं उनके लिए ये समय फलदायी साबित होगा। इस दौरान आप अच्छा ख़ासा लाभ कमाने में सक्षम होंगे। आप अपने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ा मुकाबला देंगे और जीत हासिल करेंगे। अपने व्यवसाय के लिए एक मजबूत नींव रख सकते हैं।
बुध का सिंह राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और बुध का सिंह राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में होगा। इस दौरान आपको औसत परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। विकास में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा आपको उच्च लाभ मिलने में देरी का सामना करना पड़ सकता है। करियर की बात करें तो, बुध का सिंह राशि में गोचर आपको मिले जुले परिणाम प्रदान कर सकता है। कार्यक्षेत्र में काम का दबाव बढ़ सकता है और आशंका है कि आपको अपने काम के लिए वरिष्ठों से पर्याप्त सराहना न मिले। इसके अलावा अधीनस्थों से भी परेशानी महसूस हो सकती है।
जिन जातकों का अपना व्यापार है उन्हें इस दौरान लाभ में कमी देखने को मिल सकती है और अधिक लाभ कमाने के लिए आपको कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होगी। यह अवधि केवल उन लोगों के लिए बेहतर साबित होगी जो विदेश में व्यापार कर रहे हैं।
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कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं और बुध का सिंह राशि में गोचर आपके बारहवें भाव में होगा। कन्या राशि के जातक इस दौरान अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो सकते हैं। आपके जीवन में कई ऐसे बदलाव आ सकते हैं जो आपके लिए अच्छे नहीं कहे जा सकते हैं। करियर के लिहाज से देखें तो बुध का सिंह राशि में गोचर आपके लिए ज्यादा ख़ास नहीं रहने की आशंका है। इस दौरान कार्यक्षेत्र में लाभ न मिलने की संभावना है। हो सकता है कि उच्च अधिकारियों से पर्याप्त सराहना न मिले और जिसके कारण बेहतर अवसरों के लिए आप नौकरी बदलने पर विचार कर सकते हैं।
बुध का सिंह राशि में गोचर: प्रभावशाली उपाय
भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा घास और देसी घी के लड्डू चढ़ाएं।
बुध ग्रह के लिए हवन करें।
अपने परिवार की महिलाओं को कपड़े और हरी चूड़ियां दान करें।
किन्नरों का आशीर्वाद लें।
प्रतिदिन गायों को चारा खिलाएं।
पक्षियों को, खास तौर पर कबूतरों और तोते को भिगोए हुए हरे चने खिलाएं।
बुध का सिंह राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव
सरकार और राजनीति
बुध का सिंह राशि में गोचर सरकार विभिन्न क्षेत्रों का समर्थन कर सकती है और वह ऐसा इन क्षेत्रों में सुधार लाकर और योजनाएं लागू करके कर सकती हैं।
देश के बड़े राजनेता और उच्च अधिकारी जिम्मेदारी से पूर्ण बयान दे सकते हैं। ऐसे में, वह जनता के साथ जुड़ने और उनकी बात सुनने का प्रयास करेंगे।
सरकार लोगों की भावनाओं से जुड़ने की कोशिश करेगी और कुछ नेता या मंत्री चतुराईपूर्ण भाषणों का उपयोग करके लोगों को लुभाने की कोशिश भी कर सकते हैं।
मीडिया और जनसंपर्क
बुध का सिंह राशि में गोचर के दौरान मीडिया में रिपोर्टर, ग्राउंड वर्कर आदि के रूप में काम करने वाले लोगों को अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे।
यह गोचर सोशल मीडिया प्रभावितों को उनके करियर में वृद्धि के साथ बहुत सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
इस गोचर के दौरान शेयर बाज़ार और सट्टा बाज़ार अस्थिर रह सकते हैं।
इस गोचर से जनसंपर्क में लगे लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को विभिन्न तरीकों से लाभ होगा।
बुध का सिंह राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट
बुध के गोचर का शेयर बाजार पर हमेशा से बहुत अधिक प्रभाव रहा है और यह हर राशि के गोचर के साथ अलग-अलग कंपनियों के शेयरों की लाभप्रदता प्रभावित होती है। आइए देखते हैं कि बुध का सिंह राशि में गोचर के दौरान शेयर बाजार में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। शेयर बाजार भविष्यवाणी 2024 के अनुसार,
फार्मा, पब्लिक और आईटी सेक्टर आदि के लिए आने वाला समय चुनौतीपूर्ण रहने की आशंका है।
बैंकिंग क्षेत्र काफ़ी समय से समस्याओं का सामना कर रहा है और इनका यह कठिन समय आगे भी जारी रह सकता है।
इस महीने का अंतिम समय रबर, तंबाकू और खाने-पीने में इस्तेमाल होने वाले तेल उद्योग आदि के लिए अच्छा रहने की संभावना है।
बुध का सिंह राशि में गोचर: आगामी खेल प्रतियोगिता
आगामी खेल टूर्नामेंट जुलाई-अगस्त, 2024
टूर्नामेंट
खेल
तिथि
ओपन चैंपियनशिप- गोल्फ
गोल्फ
14-21 जुलाई
महिला अंडर-19 यूरो चैंपियनशिप
फुटबॉल
15 जुलाई-27 जुलाई
पेरिस 2024 ओलंपिक
–
26 जुलाई-11 अगस्त
बुध के सिंह राशि में गोचर करने से आने वाले खेल टूर्नामेंट पर इसका बहुत अच्छा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि यह एक मित्र राशि है। इन टूर्नामेंटों से हमें कई उभरते हुए खेल सितारे मिल सकते हैं।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बुध का सिंह राशि में गोचर कब हो रहा है?
उत्तर 1. बुध 19 जुलाई, 2024 की शाम 08 बजकर 31 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
प्रश्न 2. बुध की उच्च राशि कौन सी है?
उत्तर: कन्या राशि
प्रश्न 2. बुध के मित्र ग्रह कौन से हैं?
उत्तर: शनि और शुक्र
प्रश्न 3. बुध के किन्हीं दो शत्रु ग्रहों के नाम बताइए?
उत्तर: राहु और मंगल
पैसों की तंगी कर रही है परेशान, तो लक्ष्मी जी और कुबेर देवता को प्रसन्न करने के लिए करें ये चमत्कारिक उपाय
धन एक ऐसी चीज़ है जिसकी जरूरत हर किसी को हर कदम पर पड़ती है। भोजन करना हो या फिर शिक्षा प्राप्त करनी हो, हर एक कार्य के लिए पैसों की आवश्यकता होती है। हालांकि, इस संसार में सभी के पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन नहीं होता है। वहीं कुछ लोग आर्थिक संकट से घिरे रहते हैं। ऐसे में इनके लिए अपनी जरूरतों को पूरा कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
जिन लोगों पर कुबेर देवता और धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है, उन्हें अपने जीवन में आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, ऐसे कुछ उपाय भी मौजूद हैं जिनकी मदद से मनुष्य के जीवन से पैसों की तंगी को दूर किया जा सकता है। इसके लिए कुबेर देवता और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के कुछ उपाय करने होंगे।
अगर आप भी पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं, तो इस ब्लॉग में जानिए मां लक्ष्मी और कुबेर देवता को प्रसन्न करने के उपायों के बारे में।
यदि लाख कोशिशों के बाद भी आपके पास धन नहीं टिकता है या आपको आर्थिक परेशानियां घेरे रहती हैं, तो आप यहां बताए गए कुछ उपायों में से कोई भी एक सरल उपाय रोज़ कर के देखें। इन उपायों की सहायता से आपकी समस्या का समाधान जरूर हो जाएगा। इसके साथ ही आपके जीवन में धन के आने के नए रास्ते भी खुल जाएंगे।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
धन प्राप्ति के उपाय
वास्तु शास्त्र के अनुसार तिजोरी दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। आप जिस अलमारी में पैसे रखते हैं, उसे भी इसी दिशा में रखें। इसका दरवाज़ा उत्तर दिशा में खुलना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार इस दिशा के स्वामी स्वयं कुबेर महाराज हैं। इस उपाय को करने से आपकी तिजोरी हमेशा पैसों से भरी रहेगी।
अपनी तिजोरी में धन को दोगुना करने के लिए आप लॉकर के सामने एक शीशा लगाएं। इससे आपके धन की छवि आईने में दिखेगी और उसमें वृद्धि होगी।
आप कभी भी किसी से भी कोई चीज़ मुफ्त में न लें। इसके अलावा अपनी भी कोई चीज़ या सेवा मुफ्त में न दें। गलत तरीके से कमाया हुआ धन, ज्यादा समय तक नहीं टिक पाता है इसलिए आप धन कमाने के लिए नैतिक तरीकों का ही इस्तेमाल करें। पैसों के लेने-देन के दौरान इन बातों का ध्यान अवश्य रखें।
आप जो भी कमाते हैं, उसका एक हिस्सा दान कर दें। हर महीने अपनी आय के एक हिस्से को दान करने से आपके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी और आपकी सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी। इसके अलावा जिन घरों में महिलाओं का सम्मान होता है, वहां पर धन की कभी कोई कमी नहीं होती है। ऐसे घरों में मां लक्ष्मी हमेशा विराजमान रहती हैं।
जिन लोगों को आर्थिक कष्ट हो रहा है या जो अपनी आर्थिक स्थिति को मज़बूत करना चाहते हैं, वे अपने घर के पूजन स्थल में एक लाल रंग के वस्त्र पर कुबेर यंत्र को स्थापित करें। रोज़ इस यंत्र की पूजा करने से आपकी संपन्नता में वृद्धि होगी और आपके घर में सुख-समृद्धि आएगी।
शास्त्रों के अनुसार घर में तुलसी का पौधा लगाना बहुत शुभ होता है। रोज़ शाम को इस पौधे के पास घी में मिट्टी का दीया जलाएं। इस उपाय को करने से मां लक्ष्मी हमेशा के लिए आपके घर में विराजमान रहती हैं और आपकी सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु आप सफेद रंग की चीज़ों का दान कर सकते हैं। जो व्यक्ति दान करता है, उस पर ईश्वर की कृपा सदैव बनी रहती है। अपने घर से आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए आप अपने घर के अंदर टूटे हुए बर्तन आदि न रखें और इनका उपयोग करते हैं, तो वो भी बंद कर दें।
दक्षिणावर्ती शंख से पूजा करें
आप शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु को जल चढ़ाएं। मां लक्ष्मी अपने पति भगवान विष्णु की पूजा करने से अति प्रसन्न होती हैं।
रोज़ स्नान करने के बाद आप मां लक्ष्मी की पूजा करें और अपने माथे के ऊपर केसर का तिलक लगाएं।
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हरी घास खिलाएं
अगर आपके परिवार में आर्थिक तंगी चल रही है, तो इससे छुटकारा पाने के लिए आप बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं।। महिलाएं रोज़ सुबह स्नान के बाद अपने घर के प्रमुख द्वार पर एक लोटा पानी जरूर डालें। इस उपाय को करने से घर के अंदर समृद्धि आती है और सभी प्रकार की तंगी दूर होती है।
शुक्रवार का दिन
शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए किसी भी शुक्रवार को तीन कुंवारी कन्याओं को खीर खिलाएं और उन्हें पीले रंग के वस्त्रों के साथ कुछ पैसे भी दान में दें। इस उपाय को करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपके ऊपर उनकी कृपा सदैव बनी रहती है।
FAQ
प्रश्न. तुरंत धन पाने के लिए क्या करें?
उत्तर. गुरुवार के दिन केले के पौधे पर जल चढ़ाएं और उसकी पूजा करें।
प्रश्न. घर में क्या रखने से धन आता है?
उत्तर. इसके लिए आप अपने घर में श्रीफल रख सकते हैं।
प्रश्न. शिवलिंग पर क्या चढ़ाने से धन प्राप्त होता है?