शुक्र गोचर से इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, इन जातकों को सावधानी से रखना होगा कदम!
शुक्र का सिंह राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र के सिंह राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को शुक्र के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस ब्लॉग में शुक्र ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे। बता दें कि शुक्र 31 जुलाई 2024 को सूर्य के स्वामित्व वाली राशि सिंह में गोचर करने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।
शुक्र 31 जुलाई 2024 की दोपहर 02 बजकर 15 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करेंगे। सिंह राशि के लिए शुक्र अनुकूल ग्रह प्रतीत नहीं हो रहा है, तो चलिए आगे देखते हैं कि इसका राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
सिंह राशि में शुक्र का गोचर: विशेषताएँ
ज्योतिष में सिंह राशि में शुक्र प्रेम, रचनात्मकता और आत्म-अभिव्यक्ति को दर्शाता है। सिंह राशि में शुक्र के प्रभाव से जातक जुनून के साथ अपने साथी को प्रेम करते हैं। इन जातकों को ऐसे साथी की आवश्यकता होती है जो इन्हें प्रेम में ख़ास और प्रशंसित महसूस कराए। ये अपने रिश्तों में उदार होते हैं और उत्साह से भरे होते हैं। साथ ही, अच्छे पलों का आनंद लेते हैं। कभी-कभी ये अपने प्यार दिखाने में दिखावा भी कर सकते हैं।
सिंह राशि में शुक्र के प्रभाव से जातक में रचनात्मकता और कलात्मक प्रतिभा बढ़ती है। वे ऐसी गतिविधियों की ओर आकर्षित होते हैं जहां वे उभर कर आ सके और खुद को साहसपूर्वक तरीके से व्यक्त कर सकें। चाहे वह कला, प्रदर्शन या किसी रचनात्मक खोज के माध्यम से हो। ये जातक तब और भी तेज़ी से आगे बढ़ते हैं जब ये अपनी अनूठी शैली और व्यक्तित्व का प्रदर्शन करते हैं। सिंह राशि में शुक्र वाले व्यक्ति उदार होते हैं और अपने प्रियजनों के साथ अच्छे से व्यवहार करते हैं और उनका सम्मान करते हैं। ये अपने साथियों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं और बदले में उसी तरह की प्रशंसा और सराहना प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं। वे ऐसे साथियों की ओर आकर्षित होते हैं जो उन्हें गर्व महसूस कराते हैं।
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शुक्र का सिंह राशि में गोचर: इन राशियों पर होगा सकारात्मक प्रभाव
वृषभ राशि
शुक्र ग्रह आपकी ही राशि के स्वामी हैं और आपके छठे भाव के स्वामी भी हैं। शुक्र का सिंह राशि में गोचर आपके लिए अनुकूल रहेगा। इसके परिणामस्वरूप, आपके पारिवारिक जीवन में बेहतर सामंजस्य देखने को मिलेगा और खुशियां बढ़ेंगी। इस अवधि आपके घर में किसी तरह का कोई समारोह हो सकता है और मेहमानों का आना-जाना भी लगा रह सकता है। इस अवधि के दौरान आप अपने लिए अपनी मनपसंद का कोई वाहन भी खरीदेंगे। साथ ही, आप घर और परिवार के लिए ज़रूरी सामान भी खरीदेंगे।
वृषभ राशि के छात्रों के लिए यह अवधि प्रगति लेकर आएगी और उन्हें इस दौरान कुछ नया सीखने और समझने का मौका मिलेगा। वृषभ राशि के जो जातक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें इस दौरान बेहद अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। यदि आप बैंक से लोन लेना चाहते हैं या अपनी कोई प्रॉपर्टी बेचना चाहते हैं तो आपको सफलता प्राप्त होगी। नौकरी में आपकी स्थिति अच्छी रहेगी और व्यापार में तरक्की पाने के लिए आपको अपने प्रयास बढ़ाने होंगे।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र का सिंह राशि में गोचर के तीसरे भाव में होगा। आप अपनी बुद्धि, ज्ञान, और कौशल के दम पर अपने व्यक्तिगत विकास के लिए कदम बढ़ाएंगे और इससे आपको सफलता मिलेगी। आपको अपने करियर और वित्तीय मामलों से संबंधित यात्राओं में सफलता प्राप्त होगी। इसके अलावा, आपका झुकाव आध्यात्मिकता की तरफ ज़्यादा रहेगा जिससे आपको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। करियर के लिहाज़ से देखें तो, यदि आप नौकरीपेशा हैं, तो आपको नौकरी के नए अवसर प्राप्त होंगे, इनमें यात्राएं भी शामिल हैं। इस अवधि के दौरान आप अपनी दक्षता और महत्वाकांक्षा को बढ़ाने के लिए अपनी बुद्धिमता का प्रयोग करेंगे। आपके करियर में विदेशी अवसर के दस्तक देने की संभावना प्रबल है जिससे आपके जीवन में खुशियां और संतुष्टि आएंगी।
कन्या राशि वालों के लिए शुक्र दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र का सिंह राशि में गोचर आपके बारहवें भाव में होगा। करियर के लिहाज़ से देखें तो, शुक्र का गोचर आपकी व्यावसायिक आकांक्षाओं को पूरा करने में मददगार साबित होगा। इस दौरान इस राशि के कुछ जातकों को नई नौकरी मिल सकती है जिससे आपको अंतरराष्ट्रीय यात्रा के भी मौके मिलेंगे और ये यात्रा आपके लक्ष्यों को पूरा करने में आपकी मदद करेंगे। इसके अलावा, आपको कार्यक्षेत्र पर अपने वरिष्ठों से सराहना प्राप्त होगी और सकारात्मक प्रतिष्ठा आपको खुशी व संतुष्टि दिलाएगी। आपकी कड़ी मेहनत पर इस समय ध्यान दिया जाएगा जिससे नौकरी में वेतन वृद्धि, प्रोत्साहन, या इंसेंटिव मिलने की संभावना बढ़ेगी। इससे आपके जीवन में खुशियां आएगी।
जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें यह गोचर पर्याप्त लाभ कराएगा। साथ ही, आप नए व्यावसायिक संबंध बनाने में भी कामयाब रहेंगे। आपको इस अवधि में भाग्य का साथ मिलेगा। आपके बिज़नेस पार्टनर आपके उद्यम को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लेने में आपकी सहायता करते नजर आएंगे और आपके संबंध मजबूत होंगे।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए शुक्र लग्न और आठवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे। करियर के लिहाज से देखा जाए तो, शुक्र का सिंह राशि में गोचर बार-बार नौकरी में बदलाव की वजह बनेगा क्योंकि आप सक्रिय रूप से अपने करियर में बदलाव चाहते हैं। ऐसे में शुक्र का गोचर आपके करियर में उस बदलाव की वजह बनेगा जो आप लंबे समय से चाहते हैं और इससे आपको संतुष्टि भी मिलेगी। आपका ध्यान इस समय अपने करियर के विकास पर केंद्रित रहेगा और आप उत्साह के साथ अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए आगे बढ़ते नजर आएंगे। इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उनके लिए यह गोचर सफलता और लाभ लेकर आने वाला है। इस दौरान आपको आउटसोर्सिंग वेंचर्स के नए अवसर प्राप्त होंगे और ये अवसर आपके लिए बेहद फलदायी साबित होंगे। आपके व्यावसायिक प्रयासों में आपको ढेरों उपलब्धियां और संतुष्टि मिलने की संभावना है।
शुक्र का सिंह राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और यह अब पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र का गोचर मेष राशि के जातकों के लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको पेशेवर दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत पड़ सकती है। आप पर काम का अधिक दबाव पड़ सकता है, जिसके चलते आपको नौकरी से असंतुष्टि हो सकती है। आशंका है कि आपको काम में आनंद न आ रहा हो जिस वजह से आप बेचैन हो सकते हैं और काम पर ध्यान केंद्रित करना आपके लिए मुश्किल हो सकता है।
इसके अलावा, आपके वरिष्ठों द्वारा आपकी कड़ी मेहनत को पहचान ना मिलने के कारण भी आपके जीवन में चिंता बनी रहने वाली है। हालांकि बेहतर अवसरों के लिए नौकरी बदलने का विचार आपके मन में अवश्य आ सकता है लेकिन जल्दबाजी में कोई फैसला लेने से बचें। इस दौरान विदेश में नौकरी मिलने की संभावना अधिक है लेकिन फिर भी ऐसा हो इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती है। यानी कुल मिलाकर कहें तो इस गोचर के दौरान नई नौकरी की संभावनाएं औसत ही हैं।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए शुक्र ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। करियर के मोर्चे पर, इस गोचर के परिणामस्वरूप, आपको पेशेवर दृष्टिकोण के साथ अपनी जिम्मेदारी व भूमिका अपनाने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपको अपनी वर्तमान नौकरी में तनाव में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है। काम में दबाव से गलतियां होने की आशंका बढ़ सकती है। आपके कौशल की पहचान में कुछ कमी देखने को मिल सकती है या कोई और आपके काम का श्रेय ले सकता है, जिससे आपको जीवन में निराशा उठानी पड़ सकती है। हालांकि घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि क्योंकि कुछ समय बाद सब ठीक होने की संभावना है।
इन परेशानियों के चलते आप नई नौकरी के विकल्प के बारे में विचार करते नजर आएंगे। यह विकल्प आपके जीवन में संतुष्टि और खुशियां लेकर आएंगे। व्यवसाय से जुड़े जातकों की बात करें तो शुक्र का यह गोचर आपको औसत परिणाम दे सकता है। हालांकि पर्याप्त लाभ का लक्ष्य पूरा करना आपके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। अपने प्रतिस्पर्धियों से आपको कड़ी टक्कर मिलेगी। जिससे सावधानीपूर्वक और योजनाबद्ध तरीके से आपको निपटने की सलाह दी जाती है।
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सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह अब आपके पहले भाव में गोचर करेंगे। इस राशि के जो जातक व्यवसाय से जुड़े हुए हैं उनके लिए यह गोचर अनुकूल न रहने की संभावना है क्योंकि आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। कार्यक्षेत्र में आपको कुछ ऐसे बदलाव का सामना करना पड़ सकता है, जो आपको पसंद नहीं होंगे या आपको मंजूर नहीं होंगे और इससे आपके प्रबंधक या अन्य सहकर्मियों के बीच तनाव बढ़ सकता है।
शुक्र गोचर के दौरान आप काम में अधिक व्यस्त हो सकते हैं और दूसरों को ऐसा प्रतीत हो सकता है कि आप उन्हें परेशान कर रहे हैं। इस अवधि के दौरान कार्यक्षेत्र में आपका स्थानांतरण भी हो सकता है, जिससे आपको निराशा हो सकती है और आपका मन बेचैन हो सकता है क्योंकि यह स्थानांतरण आपके उम्मीद के मुताबिक नहीं होगा। इस राशि के जो जातक व्यवसाय से जुड़े हुए हैं उनके लिए यह गोचर अनुकूल न रहने की संभावना है। इस अवधि में आपको ना ही ज्यादा नुकसान होगा ना ही ज्यादा लाभ होगा। इससे आपकी निराशा बढ़ सकती है। इसके साथ ही आपको अपने सहकर्मियों से समर्थन की कमी और कड़ी प्रतिस्पर्धा भी मिलेगी जिससे आपका असंतोष बढ़ने वाला है।
शुक्र का सिंह राशि में गोचर: प्रभावशाली उपाय
प्रत्येक शुक्रवार को देवी लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और इसे छोटी कन्या में भी बांटें।
रोजाना कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
हर शुक्रवार को देवी लक्ष्मी को 5 लाल फूल चढ़ाएं।
हर शुक्रवार को शुक्र बीज मंत्र का जाप करें।
संभव हो तो अधिक से अधिक सफेद और गुलाबी रंग पहनें।
शुक्रवार को व्रत रखें।
अपने घर और कार्यस्थल पर शुक्र यंत्र स्थापित करें और उसकी पूजा करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शुक्र का सिंह राशि में गोचर कब हो रहा है?
उत्तर 1. शुक्र 31 जुलाई 2024 की दोपहर 02 बजकर 15 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करेंगे।
प्रश्न 1. क्या सिंह राशि पर शुक्र का शासन है?
उत्तर. नहीं, इसका स्वामी सूर्य है
प्रश्न 2. शुक्र किस भाव में दिग्बल करता है?
उत्तर. चौथा भाव
प्रश्न 3. 2024 में शुक्र कब वक्री होगा?
उत्तर. 2024 में शुक्र पूरे वर्ष में एक बार भी वक्री नहीं होंगे।
नागपंचमी, रक्षाबंधन से लेकर हरियाली तीज तक अगस्त 2024 में आएंगे ये बड़े त्योहार, देखें पूरी लिस्ट
अगस्त 2024: जुलाई के बाद अगस्त महीने के शुरुआत हो जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में यह आठवां महीना है और यदि बात करें हिंदू माह की तो अगस्त के महीने में श्रावण यानी सावन और भाद्रपद के महीने आते हैं। हिंदू कैलेंडर के पांचवें महीना सावन का महीना होता है। अगस्त के महीने से ही वर्षा ऋतु अपने चरम पर रहती है और गर्मी से लोगों को राहत मिलती है। यह महीना कई मायनों में ख़ास रहने वाला है क्योंकि इस महीने में काफी बड़े व्रत त्योहार आने वाले हैं, जिनका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। नाग पंचमी, हरियाली तीज, रक्षाबंधन जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों ने इस महीना का महत्व अधिक बढ़ा दिया है। ऐसे में, हर महीने की तरह इस महीने को लेकर भी आपके मन में भी कई सारी बातें घूम रही होगी कि यह महीना आपके लिए कैसा रहेगा और क्या कुछ छुपा है इस माह में? नौकरी, व्यापार में आपको कैसे परिणाम मिलेंगे? क्या करियर में आपको तरक्की मिलेगी? इन सभी सवालों के जवाब आपको मिलेंगे एस्ट्रोसेज के इस ख़ास ब्लॉग में।
यह ब्लॉग विशेष रूप से पाठकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है जिसमें आपको न केवल अपने मन में उठने वाले प्रश्नों के उत्तर मिलेंगे, बल्कि अगस्त 2024 में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहारों, ग्रहण और गोचरों के साथ-साथ इस माह में पड़ने वाले बैंक अवकाशों की तिथियों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होगी। इसके अलावा, अगस्त में जन्मे जातकों का कैसा होता है व्यक्तित्व और कौन सी बातें इन लोगों को बनाती है सबसे हटकर, यह भी हम आपको बताएंगे। तो आइए शुरुआत करते हैं “अगस्त 2024” के इस ब्लॉग की।
अगस्त 2024 को यह विशेषताएं बनाती हैं सबसे ख़ास
एस्ट्रोसेज का यह लेख आपको अगस्त महीने में आने वाले व्रत-त्योहारों की तिथियों के बारे में बताएगा जिससे आप पहले ही उनकी तैयारियां कर सकें।
इस महीने में पैदा होने व्यक्तियों को क्या बनाता है सबसे ख़ास। साथ ही जानेंगे, इन लोगों के व्यक्तित्व से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।
अगस्त 2024 में कब-कब पड़ेंगे बैंक हॉलिडे?
कौन सा ग्रह करेगा कब-कब अपनी राशि और स्थिति में परिवर्तन? क्या अगस्त में लगेगा कोई ग्रहण? इसकी जानकारी भी आपको इस ब्लॉग में प्राप्त होगी।
अगस्त का महीना राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए किस तरह के परिणाम लेकर आएगा? इसके बारे में भी हम आपको बताएंगे।
अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं अगस्त 2024 पर आधारित इस ब्लॉग में।
अगस्त 2024 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
अगस्त 2024 के पंचांग के अनुसार, वर्ष 2024 के आठवें महीने अगस्त का आरंभ मृगशिरानक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि यानी कि 01 अगस्त 2024 को होगा और इसकी समाप्ति आश्लेषा नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि अर्थात 31 अगस्त 2024 को होगी। इस महीने के पंचांग की जानकारी के बाद हम उन लोगों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे जिनका जन्म अगस्त के महीने में हुआ है।
अगस्त में जन्म लेने वाले लोगों का व्यक्तित्व
एक साल में 12 महीने होते हैं और हर महीने का अपना एक अलग महत्व है। इन महीनों में जन्म लेने वाले लोगों में अलग-अलग गुण पाए जाते हैं। आइए इसी क्रम में जानें कि अगस्त में जन्म लेने वाले व्यक्ति के अंदर कौन से गुण पाए जाते हैं और उनका व्यक्तित्व कैसा होता है।
अगस्त महीने में जन्म लेने वाले लोगों के लिए कहा जाता है कि ये जातक स्वभाव से बहुत अधिक कंजूस होते हैं। हालांकि इनका यही स्वभाव इन्हें पैसे वाला भी बनाता है। ये जातक बुद्धिमान होते हैं और समाज की भलाई के लिए बढ़ चढ़कर काम करने के लिए आगे आते है। हालांकि यह बात अलग है कि इसके पीछे इनका स्वार्थ छिपा रहता है। ये लोग आत्मविश्वास से भरे हुए होते हैं और शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत होते हैं। साथ ही, साहसी होते हैं और अपनी बात को बेबाकी तरीके से दूसरों के सामने रखते हैं लेकिन कई बार स्पष्ट बोलने की वजह से ये मुसीबत में पड़ जाते हैं और इनकी इसी वजह से इनके दोस्त भी बहुत कम होते हैं। ये लोग हर एक काम को बड़े ही उत्साह के साथ करना पसंद करते हैं।
अगस्त में जन्म लेने वाले लोग अपनी मनमर्जी के मालिक होते हैं। यह थोड़े जिद्दी स्वभाव के होते हैं और इनका ईगो भी बड़ा होता है। जब बात इनके रिश्ते की आती है तो ये लोग बहुत अच्छे से रिश्तों को निभाने में सफल होते हैं और अपने पार्टनर का बहुत अधिक ध्यान देते हैं। यह अपने रिश्तों में ईमानदारी रखते हैं और अपने पार्टनर की तारीफ खुलकर हर किसी के सामने करते हैं। इसके अलावा, ये शाही अंदाज के साथ रहना पसंद करते हैं। ये दूसरों को सम्मान देते हैं और सम्मान पाने की इच्छा रखते हैं। ये लोग हर किसी को अपनी ओर आसानी से आकर्षित करने में भी सक्षम होते हैं। इनके अंदाज़ से हर कोई इन्हें अपना दिल दे बैठता है।
इनके काम करने के अंदाज़ की बात करें तो ये काफी प्रैक्टिकल होते हैं। यह हर चीज को परफेक्ट तरीके से रखने और करने में विश्वास रखते हैं। यह एक टाइम में एक ही काम को अच्छे और ठीक ढंग से करना पसंद करते हैं। ऐसे लोग हर एक काम को जिम्मेदारी के साथ करते हैं और अपनी मेहनत से हर क्षेत्र में सफलता पाते हैं। सबसे ख़ास बात यह है कि यह जिन का काम करने की ठान लेते हैं उसे खत्म करने के बाद ही शांत होते हैं।
अगस्त माह में जन्मे लोग हिम्मती होते हैं और हर काम को बहादुरी से करते हैं। ये बिना हार माने हर मुश्किल को पार कर लेते हैं। इन जातकों के पास कितनी भी बड़ी चुनौतियां क्यों न आ जाए ये उसे पार करके ही दम लेते हैं। यह थोड़े सेंसिटिव होते हैं और इस चीज़ को सबके सामने न लाने का पूरा प्रयास करते हैं। ये लोग एनर्जी से भरपूर होते हैं। इसके साथ ही अपने आसपास के लोगों में भी एनर्जी भर देते हैं। इनके अंदर लीडर बनने के कई गुण होते हैं और अच्छे से लोगों को लीड करना जानते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगस्त में पैदा हुए लोग प्रतिभा के धनी होते हैं। ये जात कला, साहित्य और रचनात्मक क्षेत्र में अपनी अलग छाप छोड़ने में सफल होते हैं। अगस्त जन्मे लोग अपनी राह खुद बनाते हैं। यही वजह है कि किसी के नेतृत्व में रहकर काम करना इन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं होता है। इन जातकों पर सूर्यदेव का प्रभाव होता है और सूर्य पिता के कारक हैं इसलिए पिता के साथ इनका संबंध बहुत अच्छा होता है। इन जातकों के करियर की बात करें तो ये एक अच्छे नेता बन सकते हैं। इसके अलावा, बैंक, फिल्म इंडस्ट्री, कला आदि क्षेत्र में अच्छा कर सकते हैं।
अगस्त में जन्मे लोगों के लिए भाग्यशाली अंक: 2,5, और 9
अगस्त में जन्मे लोगों के लिए भाग्यशाली रंग: स्लेटी, गोल्डन और लाल रंग
अगस्त में जन्मे लोगों के लिए भाग्यशाली दिन: रविवार और शुक्रवार
अगस्त में जन्मे लोगों के लिए भाग्यशाली रत्न: पेरिडॉट और स्पिनेलस्टोन
उपाय/सुझाव: भगवान शिव, श्रीकृष्ण और भगवान गणेश की नियमित रूप से पूजा करें।
अगस्त में पैदा होने वाले लोगों के व्यक्तित्व के बारे में रोचक तथ्य जानने के बाद अब हम इस महीने में आने वाले बैंक अवकाशों के बारे में बात करेंगे।
अगस्त 2024 में कब-कब पड़ेंगे बैंक अवकाश?
दिन
वार
बैंक अवकाश
किस राज्य रहेगा मान्य
07 अगस्त 2024
बुधवार
हरियाली तीज
हरियाणा
08 अगस्त 2024
गुरुवार
तेंदोंग लोह रम आस्था
सिक्किम
13 अगस्त 2024
मंगलवार
पैट्रियट्स डे
मणिपुर
15 अगस्त 2024
गुरुवार
स्वतंत्रता दिवस
राष्ट्रीय अवकाश
15 अगस्त 2024
गुरुवार
पारसी वर्ष (शहनशाही)
दमन और दिउ, दादरा और नगर हवेली, गुजरात और महाराष्ट्र
16 अगस्त 2024
शुक्रवार
विधित स्थानांतरण दिवस
पांडिचेरी
19 अगस्त 2024
सोमवार
रक्षा बंधन
छत्तीसगढ़, दमन और दिउ, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश
19 अगस्त 2024
सोमवार
झूलन यात्रा
ओड़ीसा
26 अगस्त 2024
सोमवार
जन्माष्टमी
सभी राज्य सिवाय अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा. कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, मिजोरम, पांडिचेरी और पश्चिम बंगाल
अगस्त 2024 के प्रमुख व्रत एवं त्योहारों की तिथियां
दिन
वार
पर्व/ त्योहार
01 अगस्त 2024
गुरुवार
प्रदोष व्रत (कृष्ण)
02 अगस्त 2024
शुक्रवार
मासिक शिवरात्रि
04 अगस्त 2024
रविवार
श्रावण अमावस्या
07 अगस्त 2024
बुधवार
हरियाली तीज
09 अगस्त 2024
शुक्रवार
नाग पंचमी
16 अगस्त 2024
शुक्रवार
श्रावण पुत्रदा एकादशी, सिंह संक्रांति
17 अगस्त 2024
शनिवार
प्रदोष व्रत (शुक्ल)
19 अगस्त 2024
सोमवार
रक्षा बंधन, श्रावण पूर्णिमा व्रत
22 अगस्त 2024
गुरुवार
संकष्टी चतुर्थी, कजरी तीज
26 अगस्त 2024
सोमवार
जन्माष्टमी
29 अगस्त 2024
गुरुवार
अजा एकादशी
31 अगस्त 2024
शनिवार
प्रदोष व्रत (कृष्ण)
अगस्त में आने वाले बैंक अवकाश और व्रत-त्योहारों की तिथियां जानने के बाद अब हम इस महीने मनाये जाने वाले त्योहारों का महत्व जानेंगे।
प्रदोष व्रत (कृष्ण) (01 अगस्त 2024, गुरुवार) : प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। बता दें सूर्यास्त के बाद और रात्रि के आने से पहले के समय को प्रदोष काल कहते है। इस व्रत में भगवान शिव की पूजा करने का विधान है। यह व्रत पुत्र प्राप्ति के लिए व संतान की दीर्घ आयु के लिए रखा जाता है। सनातन धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व है।
मासिक शिवरात्रि (02 अगस्त 2024, शुक्रवार) : हिंदू पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिव भक्तों द्वारा मासिक शिवरात्रि का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है और भक्त सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखते हैं।
श्रावण अमावस्या (04 अगस्त 2024, रविवार) : श्रावण महीने में पड़ने वाली अमावस्या को श्रावणी अमावस्या या हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। यदि यह अमावस्या सोमवार के दिन पड़े तब इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। सावन महीने में पड़ने की वजह से इसका महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। मान्यता है कि इस दिन पितरों की शांति के लिए पिंडदान और दान-धर्म करने से साधक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजन करना चाहिए और जलाभिषेक करना चाहिए।
हरियाली तीज (07 अगस्त 2024, बुधवार) : सनातन धर्म में हरियाली तीज के त्योहार का बहुत अधिक महत्व है। हरियाली तीज का उत्सव श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हर साल मनाया जाता है। यह उत्सव महिलाओं का उत्सव है। इस दिन सुहागिन महिलाएं हरी साड़ी पहनकर व पूरा श्रृंगार करके खंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती है। इस दिन सुहागिनें निर्जला व्रत करती हैं और पूरे दिन तक पानी नहीं ग्रहण करती हैं इसलिए यह व्रत थोड़ा कठिन माना जाता है। हरियाली तीज व्रत में मां गौरा पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा जाता है और इस व्रत को रखने के बाद उनकी हर मनोकामना पूरी हुई थी।
नाग पंचमी (09 अगस्त 2024, शुक्रवार) : हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। ज्योतिष के अनुसार पंचमी तिथि के स्वामी नाग हैं। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने वाले व्यक्ति को सांप के डसने का जीवन भर डर नहीं होता है। इस दिन सांपों को दूध से स्नान कराने व दूध पिलाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है।
श्रावण पुत्रदा एकादशी (16 अगस्त 2024, शुक्रवार) : सावन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहलाती है। सनातन धर्म में इस एकादशी को बहुत अधिक फलदायी माना जाता है। इस व्रत को रखने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है। ऐसी मान्यता है कि यदि नि:संतान दंपति इस व्रत को पूर्ण विधि-विधान व श्रद्धा के साथ धारण करें तो उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, सभी मनोकामना पूरी होती है।
सिंह संक्रांति (16 अगस्त 2024, शुक्रवार) : हिंदू पंचांग के अनुसार, सिंह संक्रांति प्रत्येक वर्ष भाद्रपद महीने में मनाया जाता है। इस दिन सूर्य कर्क राशि से सिंह राशि में विराजमान होंगे। दरअसल सूर्य जिस राशि में मौजूद होते हैं, उसे उस राशि की संक्रांति कहा जाता है। सिंह संक्रांति में सूर्य देव की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने का बहुत अधिक महत्व है।
रक्षा बंधन (19 अगस्त 2024, सोमवार) : रक्षा बंधन का त्योहार सनातन धर्म में सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाइयों के हाथ कलाई पर राखी बांधती है और अपने हाथों से मिठाई खिलाती है। भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वादा करता है।
श्रावण पूर्णिमा व्रत (19 अगस्त 2024, सोमवार) : सावन पूर्णिमा को श्रावणी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन पूर्णिमा व्रत के दिन स्नान-दान, तर्पण करना चाहिए। साथ ही, भगवान शिव की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इस दिन रात के समय माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
संकष्टी चतुर्थी (22 अगस्त 2024, गुरुवार) : संकष्टी चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश को समर्पित है। ये तो हम सभी जानते हैं सनातन धर्म में हर शुभ और मांगलिक कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। जो साधक विघ्नहर्ता गणेश जी की कृपा एवं आशीर्वाद पाना चाहता है, उनके लिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत शुभ साबित होता है क्योंकि इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि यह व्रत करने से भगवान गणेश अपने भक्तों के जीवन से सभी कष्ट एवं बाधाएं हर लेते हैं।
कजरी तीज (22 अगस्त 2024, गुरुवार) : भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज मनाई जाती है। कजरी तीज को कज्जली तीज के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह तिथि जुलाई या अगस्त के महीने में आती है। कजरी तीज का पर्व महिलाओं द्वारा रखा जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार समेत कई राज्यों में मनाया जाता है।
जन्माष्टमी (26 अगस्त 2024, सोमवार) : हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रत्येक वर्ष बहुत ही धूमधाम के साथ मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करने का विधान है। लड्डू गोपाल का जन्म रात्रि में हुआ था, इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा रात में की जाती है। इस दिन श्रृंगार, भोग के साथ बहुत सी चीजें पूजा में इस्तेमाल की जाती हैं। इस दिन श्रृंगार, भोग के साथ बहुत सी चीजें पूजा में इस्तेमाल की जाती हैं। इसके अलावा, कृष्ण जन्माष्टमी पूजा में खीरे का उपयोग जरूर होता है। कहा जाता है कि खीरे के बिना भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है।
अजा एकादशी (29 अगस्त 2024, गुरुवार) : हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन अजा एकादशी व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु के ऋषिकेश स्वरूप की पूजा की जाती है। सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार, जो लोग अजा एकादशी का व्रत करते हैं उन्हें अश्वमेध यज्ञ करने के समान पुण्य प्राप्त होता है और सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक को सुख-समृद्धि और धन-धान्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अगस्त 2024 के व्रत-त्योहारों के बाद अब जानते हैं इस महीने का धार्मिक महत्व।
धार्मिक दृष्टि से अगस्त का महीना
एक वर्ष में आने वाले हर दिन, महीने और वार का अपना महत्व होता है जो कि अपनी विशेषताओं के साथ आता है। प्रत्येक साल में 12 महीना होते हैं और हर महीने को सनातन धर्म में बेहद महत्वपूर्ण और ख़ास माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अगस्त के महीने का आरंभ सावन महीने से होगा और इसका अंत भाद्रपद में होगा। हिंदू कैलेंडर में अगस्त का महीना सावन का होता है और ग्रेगोरियन कैलेंडर में, यह माह सामान्य रूप से जुलाई-अगस्त में आता है। वर्ष 2024 में सावन मास का आरंभ 22 जुलाई 2024 को होगा और वहीं, इसका समापन 19 अगस्त 2024 को होगा।
सबसे पहले सावन माह के बारे में बात करते हैं, वैदिक ज्योतिष में श्रवण नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति ग्रह हैं। सावन की महीने को श्रावण मास भी कहते हैं। यह माह भगवान शिव को सबसे अधिक प्रिय हैं। यह बात स्वयं भोलेनाथ ने कही है और इस पूरे महीने भगवान शिव की पूजा आराधना करने व उनका जलाभिषेक करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। श्रावण मास वर्षा व हरियाली का समय होता है और यह अति मनमोहक समय होता है। इस महीने में लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलती है और चारों तरफ हरियाली नज़र आती है। श्रावण मास का हर एक दिन का विशेष महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्रावण के महीने में माता पार्वती ने कड़ी तपस्या करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया था और जिससे खुश होकर शिव जी ने माता पार्वती से विवाह किया था इसलिए भी भगवान भोलेनाथ को यह अवधि अत्यधिक प्रिय है।
दूसरी मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के समय समुद्र से निकले हलाहल विष को भगवान भोलेनाथ ने अपने गले में धारण कर लिया था। उनके गले की जलन को कम करने के लिए सभी देवताओं ने मिलकर भगवान शिव का जल व दूध से अभिषेक किया था, जिसके चलते उनको हलाहल विष के प्रभाव से राहत मिली और वह सबसे प्रसन्न हो गए। उसके बाद से भगवान शिव के अभिषेक का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया। बता दें कि श्रवण का अर्थ होता है सुनना। इस माह में भगवान की कथा व उनके स्वरूप के बारे में सुनने से मन के सभी विकार दूर होते हैं इसलिए इस माह में धार्मिक ग्रंथों को सुनने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
अब बात करते हैं भाद्रपद माह की, तो बता दें कि अगस्त माह में ही भाद्रपद माह की शुरुआत होती है और जुलाई में इसका अंत। हिंदी कैलेंडर में छठा महीना भाद्रपद का महीना होता है और सनातन धर्म में इसका विशेष महत्व बताया गया है। इस माह को चातुर्मास भी कहा जाता है और यह चातुर्मास का दूसरा महीना होता है और इस दौरान पूजा-पाठ व धार्मिक अनुष्ठान करने का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। कहते हैं कि भादो के महीने में भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है। भाद्रपद माह को भादौ माह भी कहते हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार, भाद्रपद के महीने में पवित्र नदियों में स्नान करने, गरीबों व जरूरतमंदों को दान करने और व्रत रखने से बहुत अधिक लाभ होता है। इस पूरे महीने जन्माष्टमी का त्योहार पड़ता है इसलिए भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
व्रत-त्योहार, बैंक अवकाश और अगस्त का धार्मिक महत्व के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद, अब हम इस महीने में होने वाले गोचर और लगने वाले ग्रहण के बारे में बात करेंगे। अगस्त 2024 में कुल 8 बार ग्रहों की स्थिति और दशा में परिवर्तन देखने को मिलेगा जिसमें 4 बड़े ग्रह गोचर करेंगे और जबकि एक ग्रह चार बार अपनी चाल एवं दशा में बदलाव करेंगे। तो आइए बिना देर किये जानते हैं इन ग्रहों के गोचरों के बारे में।
बुध सिंह राशि में वक्री ( 05 अगस्त 2024, सोमवार) : ग्रहों के राजकुमार व बुद्धि, एकाग्रता, वाणी, त्वचा, सौंदर्य तथा सुगंध के कारक ग्रह बुध 05 अगस्त 2024 की सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर सिंह राशि में वक्री होंगे।
बुध सिंह राशि में अस्त (12 अगस्त 2024, सोमवार) : बुद्धि, एकाग्रता, वाणी, त्वचा, सौंदर्य तथा सुगंध के कारक ग्रह बुध सूर्य के स्वामित्व वाली राशि सिंह में 12 अगस्त 2024 की सुबह 09 बजकर 49 मिनट पर अस्त होंगे।
सूर्य का सिंह राशि में गोचर (16 अगस्त 2024, शुक्रवार) : नवग्रहों के राजा व मान-सम्मान, उच्च पद, आत्म, पिता और नेतृत्व क्षमता के कारक ग्रह सूर्य 16 अगस्त, 2024 शुक्रवार की शाम 07 बजकर 32 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करेंगे।
वक्री अवस्था में बुध का कर्क राशि में गोचर (22 अगस्त 2024, गुरुवार) : बुद्धि, व्यापार, वाणी, त्वचा धन के कारक ग्रह बुध 22 अगस्त 2024 गुरुवार की सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर वक्री अवस्था में चंद्रमा के स्वामित्व वाली राशि कर्क में गोचर करेंगे।
शुक्र का कन्या राशि में गोचर ( 25 अगस्त 2024, रविवार) : प्रेम, विलासिता और भौतिक सुखों के कारक ग्रह शुक्र देव 25 अगस्त 2024 की मध्यरात्रि 12 बजकर 59 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
मंगल का मिथुन राशि में गोचर (26 अगस्त 2024, सोमवार) : लाल ग्रह के नाम से प्रसिद्ध मंगल महाराज 26 अगस्त 2024 सोमवार की दोपहर 03 बजकर 40 मिनट पर राजकुमार बुध के स्वामित्व वाली राशि मिथुन में गोचर करेंगे।
बुध का कर्क राशि में उदय (26 अगस्त 2024, सोमवार) : बुध को ग्रहों के राजकुमार के नाम से जाना जाता है जो अब 26 अगस्त 2024 की शाम 06 बजकर 14 मिनट पर कर्क राशि में उदय होने जा रहे हैं।
बुध कर्क राशि में मार्गी (29 अगस्त 2024, गुरुवार) : बुध को ग्रहों के राजकुमार के नाम से जाना जाता है जो 29 अगस्त 2024 गुरुवार की सुबह 09 बजकर 15 मिनट पर कर्क राशि में मार्गी होंगे।
अगस्त 2024 के लिए 12 राशियों का राशिफल और उपाय
मेष राशि
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना आपके लिए अनुकूल रहेगा क्योंकि दसवें भाव के स्वामी शनि ग्यारहवें भाव में कुंभ में वक्री अवस्था में रहेंगे।
महीने की शुरुआत में पांचवें भाव में बुध और शुक्र विराजमान रहकर आपका मन पढ़ाई में लगाएंगे।
पारिवारिक तौर पर यह महीना औसत रहने की संभावना है।
महीने की शुरुआत में पांचवें भाव में बुध और शुक्र विराजमान रहकर आपके प्रेम जीवन में प्रगाढ़ता लेकर आएंगे।
आर्थिक लिहाज़ से यह महीना आपके लिए उथल-पुथल से भरा रहने वाला है।
उपाय: प्रतिदिन मां दुर्गा जी की स्तुति करनी चाहिए।
वृषभ राशि
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना अनुकूल रहेगा क्योंकि दसवें भाव में शनि महाराज अपनी ही राशि में वक्री अवस्था में रहेंगे।
शिक्षा के क्षेत्र में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।
यदि आप प्रेम संबंध में हैं तो महीने की शुरुआत कुछ कमजोर तो हो सकती है।
इस महीने आर्थिक स्थिति अनुकूल रहने की प्रबल संभावना दिखाई दे रही है।
इस महीने बीच-बीच में आपको छोटी मोटी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय: गौ माता और छोटी कन्याओं की सेवा करें और उन्हें कुछ खाने के लिए अवश्य दें।
मिथुन राशि
आपकी बुद्धि और योग्यता इतनी अच्छी होगी कि सभी कामों को बहुत आसानी से हल कर देंगे।
इस महीने आपको अपनी शिक्षा में उत्तम परिणामों की प्राप्ति होगी।
इस अवधि आप अपने प्रियतम को खुश करने के लिए और उनके चेहरे पर एक मुस्कुराहट देखने के लिए आप कुछ भी करने को तैयार रहेंगे।
इस महीने आपको अपनी आर्थिक स्थिति पर ध्यान देना चाहिए।
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से थोड़ा कमजोर रहने की संभावना है।
उपाय: आपको प्रतिदिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
कर्क राशि
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना अनुकूल रहने की प्रबल संभावना है।
इस महीने आप आप जो भी पढ़ाई कर रहे हैं उसमें आपको सफलता मिलेगी।
आप और आपके प्रियतम एक दूसरे के और निकट आएंगे, एक दूसरे से प्यार भरी बातें करेंगे।
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो इस महीने की शुरुआत अनुकूल रहेगी।
सेहत के प्रति तनिक भी लापरवाही नहीं दिखानी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आप किसी बड़ी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
उपाय: शनिवार के दिन छाया दान करना आपके लिए अनुकूल रहेगा।
सिंह राशि
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना ठीक-ठाक रहने की संभावना दिखाई दे रही है।
यदि विद्यार्थियों की बात करें तो यह महीना आपके लिए कठिन मेहनत से भरा रहने वाला है।
इस पूरे महीने प्रेम संबंधों में कुछ उतार-चढ़ाव रहेगा।
आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो महीने की शुरुआत आपके लिए कुछ कमजोर रहने की संभावना दिखाई दे।
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से कुछ कमजोर रहने की संभावना दिखाई दे रही है।
उपाय: बृहस्पतिवार के दिन केले के वृक्ष को जल चढ़कर उसकी पूजा करनी चाहिए।
कन्या राशि
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना मध्यम रहने की संभावना दिखाई दे रही है।
विद्यार्थियों की बात करें तो यह महीना विद्यार्थियों के लिए कमरतोड़ मेहनत करने वाला महीना रहने वाला है।
यह महीना पारिवारिक तौर पर ठीक-ठाक रहने की संभावना दिखाई देती है।
यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो महीने की शुरुआत कुछ कमजोर हो सकती है।
इस महीने सूर्य महाराज आपको अच्छी आर्थिक आमदनी प्रदान करेंगे।
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ध्यान देने वाला महीना है इसलिए आपको सावधानी रखनी होगी।
उपाय: आपको बुधवार के दिन किन्नरों से आशीर्वाद लेना चाहिए।
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना मध्यम से कुछ बेहतर रहने की संभावना है।
यदि विद्यार्थियों की बात करें तो यह महीना आपके लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहने की संभावना है।
यह महीना पारिवारिक जीवन के लिए अनुकूल रहने की संभावना दिखाई दे रही है।
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना मिले-जुले परिणाम देने वाला महीना साबित हो सकता है।
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से समझदारी और सावधानी बरतने वाला महीना होने वाला है।
उपाय: शनिवार के दिन काली चीटियों को खाने के लिए आटे का कसार डालना चाहिए।
वृश्चिक राशि
इस महीने कार्यक्षेत्र में आप मेहनत करेंगे, आपके ऊपर काम का दबाव भी होगा।
यदि विद्यार्थियों की बात करें तो महीने का पूर्वार्ध उतार चढाव से भरा रहने वाला।
प्रेम संबंध में हैं तो आपके लिए महीना मध्य रूप से फलदायक रहने वाला है। पांचवें भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति का सातवें भाव में होना भी आर्थिक स्थिति में सुधार का कारण बनेगा।
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से वैसे तो ठीक-ठाक रहने की संभावना है फिर भी आपको स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता बनाए रखनी चाहिए।
उपाय: छोटे बालकों को मंगलवार के दिन गुड और चने का प्रसाद बांटना चाहिए।
धनु राशि
इस महीने कार्य क्षेत्र का माहौल आपको उबाऊ लगने लगेगा और आपका मन करेगा कि तुरंत कहीं चले जाएं।
आपकी एकाग्रता भंग होगी लेकिन बहुत ज्यादा मेहनत करने से आपको सफलता मिलती दिखाई देगी।
एक दूसरे को ठीक से समय ना दे पाना और एक दूसरे को ठीक से ना समझ पाना इसकी बड़ी वजह हो सकती है।
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना आर्थिक रूप से मध्य ही रहने की संभावना है।
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ध्यान देने वाला महीना साबित हो सकता है।
उपाय: नागकेसर का पौधा बुधवार के दिन किसी उद्यान में लगाना चाहिए।
मकर राशि
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहने की संभावना है।
मंगल महाराज आपकी हिम्मत को बढ़ाएंगे और आपको एकाग्रता के साथ पढ़ने में मदद करेंगे।
यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो यह महीना आपके लिए ठीक-ठाक रहने वाला है।
इस महीने दिन प्रतिदिन आमदनी में होती बढ़ोतरी आपको खुशी देगी।
इस महीने आपको इस दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
उपाय: आपको प्रतिदिन श्री शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए।
कुंभ राशि
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना आपके लिए अनुकूलता लेकर आने वाला है।
यदि विद्यार्थियों की बात करें तो आपको अपनी शिक्षा में अनुकूल परिणाम की प्राप्ति होगी।
यदि आपके प्रेम संबंध की बात करें तो यह महीना आपका प्रेम संबंधों के लिए बहुत अनुकूल रहने वाला है।
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना आर्थिक तौर पर मध्य परिणाम लेकर आने वाला है।
आपका लापरवाही भरा रवैया और खान-पान के प्रति उदासीनता या समय-समय पर भोजन न करना आपको नुकसान दे सकता है।
उपाय: आपको श्री राधा रानी जी की उपासना करनी चाहिए।
मीन राशि
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना ठीक-ठाक रहने की संभावना दिखाई दे रही है।
आप किसी भी कीमत पर लोगों के सामने खुद को श्रेष्ठ साबित करना चाहेंगे।
आप अपने धन को अपने भाई बहनों के लिए खर्च करेंगे पर तीसरे भाव में बृहस्पति और मंगल की उपस्थिति होने से भाई बहनों से आपके संबंध अनुकूल होंगे।
यह महीने आपके खर्चों को कई गुना तक बढ़ा देंगे।
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है।
उपाय: आपको प्रतिदिन सूर्य देव को तांबे के पात्र से अर्घ्य देना चाहिए।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. 1 अगस्त 2024 को कौन सा दिन है?
उत्तर 1. 1 अगस्त 2024 को गुरुवार का दिन पड़ रहा है।
प्रश्न 2. अगस्त 2024 पर क्या खास है?
उत्तर 2. इस महीने 15 अगस्त को देश की आजादी का जश्न मनाया जाएगा और साथ ही कई व्रत त्योहार पड़ेंगे।
प्रश्न 3. 2024 में 9 अगस्त को कौन सा दिन है?
उत्तर 3. 09 अगस्त 2024 को शुक्रवार का दिन पड़ रहा है।
प्रश्न 4. अगस्त में रक्षाबंधन का त्योहार कब पड़ेगा?
उत्तर 4. रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त 2024 सोमवार के दिन पड़ेगा।
12 वर्षों के बाद बृहस्पति ने किया शुक्र के नक्षत्र में प्रवेश, इन 3 लोगों की लगने वाली है लॉटरी
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सौरमंडल के सभी ग्रह एक समयावधि के बाद राशि के साथ-साथ नक्षत्र परिवर्तन भी करते हैं। गोचर की तरह ही ग्रहों के नक्षत्र परिवर्तन का असर भी मानव जीवन पर देखने को मिलता है। अभी देवताओं के गुरु बृहस्पति रोहिणी नक्षत्र में हैं और 12 वर्षों के बाद उन्होंने वृषभ राशि में प्रवेश किया है।
आपको बता दें कि गुरु 13 जून को रोहिणी नक्षत्र में आ चुके हैं और वे इस नक्षत्र में 20 अगस्त, 2024 तक रहने वाले हैं।
वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं और रोहिणी नक्षत्र पर भी शुक्र का ही आधिपत्य है। ऐसे में बृहस्पति का शुक्र के नक्षत्र में प्रवेश करने पर सभी राशियों के जीवन में उतार-चढ़ाव आने के संकेत हैं लेकिन तीन राशियां ऐसी हैं जिन्हें इस दौरान सबसे अधिक लाभ मिलने की संभावना है।
इन तीन राशियों के लोगों की किस्मत पलटने वाली है। इन्हें अपने जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुख प्राप्त होंगे। इन्हें धन, वैभव और प्रॉपर्टी आदि मिलेगी। तो चलिए जानते हैं कि गुरु के नक्षत्र में परिवर्तन करने पर किन राशियों के लोगों को फायदा होगा।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
इन राशियों की पलटेगी किस्मत
वृषभ राशि
बृहस्पति का रोहिणी नक्षत्र में आना वृषभ राशि के लोगों के लिए चमत्कारिक साबित हो सकता है क्योंकि इस समय गुरु इसी राशि में गोचर कर रहे हैं। इस समय आपकी आमदनी में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिलेगी। आपकी काम करने की शैली में भी सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है। यदि आप प्रॉपर्टी या शेयर मार्केट आदि में पैसा निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह समय उसके लिए बिल्कुल अनुकूल है।
आपको निवेश से बहुत अच्छा रिटर्न मिल सकता है। इसके साथ ही समाज में आपका मान-सम्मान और प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। विवाहित लोग अपने रिश्ते में काफी खुश और संतुष्ट महसूस करेंगे। इस समय आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हो सकती है।
बृहस्पति सिंह राशि से कर्म भाव में स्थित हैं इसलिए यह परिवर्तन आपके लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होगा। व्यापारियों के लिए शानदार सफलता के योग बन रहे हैं। नौकरीपेशा जातकों के लिए भी अनुकूल समय है। इन्हें अचानक से कोई अच्छी खबर मिल सकती है। इसके साथ ही आपके लिए प्रमोशन के भी आसार हैं।
इस दौरान आपको खूब पैसा कमाने का मौका मिलेगा। नौकरी देख रहे लोगों की तलाश भी अब खत्म हो सकती है। व्यापारियों को मोटा मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा। यदि आप कोई नया काम शुरू करना चाहते हैं, तो उसके लिए भी यह समय एकदम अनुकूल रहेगा।
गुरु आपके छठे भाव में विराजमान हैं इसलिए इस नक्षत्र परिवर्तन के दौरान आपकी किस्मत भी खुलने वाली है। गुरु स्वयं इस राशि के स्वामी ग्रह भी हैं इसलिए यह समय इनके लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद रहेगा। यदि कोर्ट-कचहरी में कोई मुकदमा चल रहा है, तो अब उसका फैसला आपके पक्ष में आ सकता है। प्रॉपर्टी या शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए अच्छा समय है।
रोहिणी नक्षत्र में पैदा होने वाले लोग भावुक और प्रकृति से प्यार करने वाले होते हैं। इस नक्षत्र का स्वामी केतु ग्रह को माना गया है। यह बैल गाड़ी या रथ की तरह दिखाई देता है। इन लोगों का शरीर छरहरा, पतला और आकर्षक होता है। इसके साथ ही ये जातक चुम्बकीय व्यक्तित्व के होते हैं। इनकी आंखें और मुस्कान बहुत सुंदर होती है।
इनके स्वभाव में विनम्रता और शिष्टता कूट-कूट कर भरी होती है। ये कला से प्यार करने वाले होते हैं और इनमें कलात्मकता का गुण भी होता है। ये दूसरों का ध्यान अपनी ओर खींचने में माहिर होते हैं। ये परिवार और समाज के बनाए मूल्यों एवं नियमों का सहजता से पालन करते हैं।
इस समय धनु राशि के लोगों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी। नौकरी करने वाले जातकों को प्रमोशन भी मिल सकता है। इस प्रकार आप इस समय अपने जीवन से काफी संतुष्ट महसूस करेंगे।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न. रोहिणी नक्षत्र में पैदा होने वाले लोग कैसे होते हैं?
उत्तर. ये पतले और स्वार्थी स्वभाव के होते हैं।
प्रश्न. रोहिणी नक्षत्र के देवता कौन हैं?
उत्तर. इस नक्षत्र के देवता चंद्रमा हैं।
प्रश्न. क्या रोहिणी नक्षत्र विवाह के लिए अच्छा है?
उत्तर. हां, इस समय विवाह करना अनुकूल रहता है।
प्रश्न. रोहिणी नक्षत्र के लिए कौन सा बिज़नेस सूट करता है?
उत्तर. कला, सौंदर्य, फैशन और पोषण एवं विकास से संबधित क्षेत्र।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
शुक्र का सिंह राशि में गोचर: जानें शेयर बाजार समेत देश-दुनिया पर इसका प्रभाव
शुक्र का सिंह राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र का सिंह राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि यह देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा, इस दौरान शेयर बाजार में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे और साथ ही, इस दौरान हॉलीवुड व बॉलीवुड में आने वाली फिल्में कैसा प्रदर्शन करेगी इस बारे में भी जानकारी हासिल करेंगे। बता दें कि शुक्र 31 जुलाई 2024 को सूर्य के स्वामित्व वाली राशि सिंह में गोचर करने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस दौरान देश-दुनिया में इसका अनुकूल व प्रतिकूल प्रभाव।
शुक्र 31 जुलाई 2024 की दोपहर 02 बजकर 15 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करेंगे। सिंह राशि के लिए शुक्र अनुकूल ग्रह प्रतीत नहीं हो रहा है, तो चलिए आगे देखते हैं कि इसका राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
सिंह राशि में शुक्र का गोचर: विशेषताएँ
सिंह राशि में शुक्र के प्रभाव से जातक के विचार प्रभावशाली होते हैं और ये अपने विचारों से दूसरों पर एक स्थायी छाप छोड़ने में सक्षम होते हैं। इन जातकों का व्यक्तित्व बहुत अधिक शक्तिशाली और करिश्माई होता है, जिसके वजह से ये आकर्षण का केंद्र होते हैं। ये लोग अपने प्रियजनों के प्रति वफ़ादार और उदार होते हैं। कई बार ये स्वभाव में अहंकार हो सकते हैं। सिंह राशि में शुक्र के प्रभाव में आपके अंदर स्नेह और प्रेम की भावना विकसित होती है। ऐसे में, आप अपने पार्टनर के प्रति अपनी भावना को व्यक्त करने में सक्षम होते हैं और खुलकर अपनी बात कहते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
शुक्र का सिंह राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव
रचनात्मक कला और फैशन व्यवसाय
दुनिया भर में फैशन इंडस्ट्री और फैशन व्यवसायों में तेजी देखी जा सकती है।
मॉडल और टेलीविजन कलाकारों को इस गोचर से लाभ होगा।
मनोरंजन उद्योग से जुड़े सभी लोग, चाहे वे अभिनेता हों, निर्देशक हों, संगीतकार हों, आदि, शुक्र के सिंह राशि में गोचर से तेज़ी से फलेंगे फूलेंगे।
सिंह राशि में शुक्र कॉस्मेटोलॉजिस्ट और प्लास्टिक सर्जन जैसे व्यवसायों को भी लाभ पहुंचा सकता है, क्योंकि सूर्य सिंह राशि के स्वामी होने के कारण चिकित्सा उपचार या सौंदर्य उपचार पर शासन करता है।
इस गोचर के दौरान सौंदर्य उपचार से संबंधित प्रौद्योगिकियों और उनसे संबंधित मशीनरी और उपकरणों में कुछ प्रगति देखने को मिल सकती है।
इस अवधि के दौरान मोती आभूषण व्यवसाय के मालिक और हीरे के व्यापारी अच्छी मात्रा में धन कमाने में सक्षम होंगे।
इस अवधि के दौरान फ़ैशन उद्यमियों को भी अपने व्यापार में सफलता प्राप्त होगी।
मीडिया और संचार
मीडिया और संचार से जुड़े लोग अपने करियर में उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे।
शुक्र के सिंह राशि में गोचर के दौरान नर्सिंग, हीलिंग, मनोविज्ञान आदि जैसे व्यवसायों में लगे लोग अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
इस अवधि के दौरान मीडिया ध्यान आकर्षित करेगा क्योंकि मीडिया की मदद से दुनिया भर में नए और महत्वपूर्ण एजेंडे सामने आएंगे।
शुक्र का सिंह राशि में गोचर: शेयर बाजार की भविष्यवाणी
शुक्र उन प्रमुख ग्रहों में से एक है जो शेयर बाजार को काफी हद तक प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। शुक्र सिंह राशि में गोचर कर रहे हैं, जिस पर सूर्य ग्रह का शासन हैं। आइए देखते हैं कि शुक्र का सिंह राशि में गोचर के दौरान शेयर बाजार में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। शेयर बाजार भविष्यवाणी 2024 के अनुसार,
इस गोचर के दौरान परिधान उद्योग के साथ-साथ फैशन एक्सेसरीज उद्योग में भी तेजी देखने को मिल सकती है।
व्यावसायिक परामर्श और लेखन या मीडिया विज्ञापन-संबंधी फर्में, और प्रिंट मीडिया, दूरसंचार व प्रसारण उद्योग के सभी बड़े नाम सकारात्मक परिणामों का अनुभव कर सकते हैं।
वास्तुकला और वित्त में लगी फर्मों को इस गोचर से लाभ होगा।
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शुक्र का सिंह राशि में गोचर: आने वाली बॉलीवुड व हॉलीवुड फिल्मों पर इसका प्रभाव
शुक्र कला और मनोरंजन पर शासन करने वाला ग्रह है और इस गोचर का प्रभाव जिस प्रकार देश-दुनिया पर पड़ेगा उसी प्रकार बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों में भी देखने को मिलेगा। शुक्र और चंद्रमा दो ग्रह हैं जो जन्म कुंडली में रचनात्मकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। शुक्र अब 31 जुलाई को सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं तो ऐसे में देखते हैं कि इस गोचर का फिल्मों और उनके बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। हमें यह समझना चाहिए कि सिंह राशि पर सूर्य का शासन है और यह संचार और मीडिया से संबंधित है और दोनों ही फिल्म या मनोरंजन उद्योग में करियर का समर्थन करते हैं।
31 जुलाई 2024 के बाद रिलीज होने वाली बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्में
फिल्म का नाम
स्टार कास्ट
रिलीज़ की तारीख़
द साबरमती रिपोर्ट
विक्रांत मैसी, राशि खन्ना
2 अगस्त, 2024
तख्त
करीना कपूर, रणवीर सिंह
11 अगस्त, 2024
खेल खेल में
अक्षय कुमार, तापसी पन्नू
15 अगस्त, 2024
शुक्र का सिंह राशि में गोचर 31 जुलाई 2024 के बाद होने वाली बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों के लिए अनुकूल साबित हो रही है। इस बात की प्रबल संभावना है कि वे सभी फिल्में बड़े पर्दे पर बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं। सितारों को देखते हुए, साबरमती एक्सप्रेस और तख्त जैसी फिल्मों के अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है, लेकिन खेल खेल में बड़ी और जानी-मानी स्टार कास्ट होने के बावजूद दर्शकों और प्रशंसकों को निराश कर सकती है।आशंका है कि यह फिल्म उम्मीद से कम प्रदर्शन करें लेकिन अभिनेता अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन के लिए प्रशंसा बटोर सकते हैं।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शुक्र का सिंह में गोचर कब होगा?
उत्तर 1. शुक्र 31 जुलाई 2024 की दोपहर 02 बजकर 15 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करेंगे।
प्रश्न 2. क्या सिंह राशि में शुक्र सकारात्मक है?
उत्तर. सिंह राशि में शुक्र कलाकारों, बैंकरों और कृषकों के लिए सकारात्मक है।
प्रश्न 3. सिंह राशि पर किस ग्रह का शासन है?
उत्तर. सूर्य ग्रह का।
प्रश्न 4. सूर्य किन नक्षत्रों पर शासन करता है?
उत्तर. कृत्तिका, उत्तरा फाल्गुनी और उत्तरा आषाढ़।
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ग्रह एक समयावधि के बाद राशि परिवर्तन के साथ-साथ नक्षत्र में भी परिवर्तन करते हैं। जिस प्रकार राशि परिवर्तन का असर मानव जीवन पर पड़ता है, ठीक उसी तरह नक्षत्र बदलने का प्रभाव भी होता है। अब 14 जुलाई को सूर्य देव पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करने वाले हैं।
ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र को तिष्य और अमरेज्य नक्षत्र के नाम से भी जाना जाता है। तिष्य का अर्थ होता है शुभ नक्षत्र और अमरेज्य का मतलब होता है देवताओं द्वारा पूजा जाने वाला नक्षत्र। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं।
सूर्य के नक्षत्र परिवर्तन करने पर सभी राशियों के जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्हें इस दौरान विशेष लाभ होने की संभावना है। इनका करियर और कारोबार चमक सकता है। तो चलिए जानते हैं कि सूर्य के नक्षत्र बदलने पर किन राशियों के लोगों की किस्मत पलटने वाली है।
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इन राशियों को होगा फायदा
कर्क राशि
पुष्य नक्षत्र में आने के दौरान सूर्य कर्क राशि में संचरण करने वाले हैं इसलिए यह समय आपके लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होगा। समाज में आपकी लोकप्रियता बढ़ेगी और आपके मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। आपको अपने भाग्य का भी साथ मिलने वाला है जिससे आपको अपने हर कार्य में सफलता मिल पाएगी।
आपका आत्मविश्वास भी बढ़ जाएगा। शादीशुदा लोगों की जिंदगी प्यार से भरी रहेगी। आपके अंदर नेतृत्व करने का गुण विकसित होगा। अविवाहिक लोगों के लिए शादी का प्रस्ताव आ सकता है।
सूर्य मिथुन राशि से धन भाव में संचरण कर रहे हैं इसलिए सूर्य का पुष्य नक्षत्र में आना आपके लिए फायदेमंद रहने वाला है। आपको इस दौरान कई बार अचानक धन लाभ होने के आसार हैं। नौकरीपेशा जातकों के लिए भी लाभ की स्थिति बनी हुई है। आपके लिए पदोन्नति और धन लाभ के योग बन रहे हैं।
आपकी नए लोगों से मुलाकात होगी और ये लोग आगे चलकर आपको लाभ पहुंचाने का काम कर सकते हैं। आपके घर-परिवार में सुख-शांति का माहौल रहेगा। आपको खूब तरक्की मिलेगी और आपकी सभी इच्छाओं की पूर्ति भी होगी।
इस राशि के नौवें भाव में सूर्य का विचरण हो रहा है। आपके लिए भी सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन करना फायदेमंद रहने वाला है। इस दौरान आपको अपनी किस्मत का साथ मिलने वाला है। अगर आपका कोई काम अटका हुआ है या कोई अड़चन आ रही है, तो अब वह काम बन सकता है।
प्रॉपर्टी या शेयर मार्केट आदि में निवेश करने के लिए अच्छा समय है। आपको देश-विदेश घूमने का मौका भी मिल सकता है। इसके अलावा आप पैसों की बचत कर पाने में भी सफल होंगे।
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पूरे एक साल बाद सूर्य की राशि में होगा लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण, तीन राशियों की लगने वाली है लॉटरी
सौरमंडल के लगभग सभी ग्रह एक समय के बाद एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। ग्रहों के गोचर से देश-दुनिया समेत सभी लोगों के जीवन पर असर पड़ता है। ग्रहों के गोचर की दृष्टि से जुलाई का महीना बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है।
बुध का सिंह राशि में गोचर 19 जुलाई 2024 को 20:31 पर हो जाएगा। वहीं शुक्र ग्रह 31 जुलाई 2024 को 14:15 पर सिंह राशि में गोचर कर जाएंगे। इस तरह पूरे एक साल के बाद लक्ष्मी नारायण राजयोग बनने जा रहा है। बुध और शुक्र के एक ही राशि में आने पर यह योग बनता है। इस राजयोग के बनने पर राशिचक्र की 12 राशियों में से खास तीन राशियों के लोगों की जिंदगी बदलने वाली है।
लक्ष्मी नारायण योग बनने से तीन राशियों के जातकों को अपने जीवन में शुभ एवं सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। इन्हें अपने करियर एवं व्यवसाय में खूब तरक्की देखने को मिलेगी। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि इस शुभ संयोग से किन राशियों के लोगों को फायदा होने वाला है।
लक्ष्मी नारायण योग से इन्हें होगा फायदा
सिंह राशि
यह राजयोग आपकी राशि के लग्न भाव में बनने जा रहा है। यह समय आपके लिए बहुत ही ज्यादा शुभ रहने वाला है। इस दौरान आपका आत्मविश्वास काफी बढ़ जाएगा। आपके व्यवसाय में भी खूब वृद्धि होगी और नौकरीपेशा जातकों को भी तरक्की मिलेगी। आपकी आय के स्रोत भी बढ़ने वाले हैं। आप इस समय अधिक पैसा कमाएंगे जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में मज़बूती आएगी। विवाहित जातकों की जिंदगी में प्यार और स्नेह बढ़ेगा। ये अपनी शादीशुदा जिंदगी में खुश रहेंगे।
इस समय आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहने वाला है। आपको कोई स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी। आपकी सारी चिंताएं दूर होंगी। अविवाहित लोगों के लिए शादी का प्रस्ताव आ सकता है।
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धनु राशि
धनु राशि से नौवें भाव में लक्ष्मी नारायण राजयोग का निर्माण होगा। आपके लिए यह समय बहुत लाभकारी रहने वाला है। आपको अपने भाग्य का साथ मिलेगा। समाज के ऊंचे और प्रभावशाली लोगों से आपकी मुलाकात होगी। इन लोगों की वजह से आपको आगे चलकर लाभ होने की उम्मीद है।
आपको देश-विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है। आप धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में भी शामिल हो सकते हैं। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलने के आसार हैं।
यह शुभ संयोग आपकी गोचर कुंडली के धन और वाणी के भाव में बनने जा रहा है। इस दौरान आपको पैसे कमाने के कई शानदार अवसर मिलने वाले हैं। आप पैसों की बचत करने में भी कामयाब होंगे। समाज में आपका मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यापारियों के लिए भी मुनाफे के योग बन रहे हैं।
नौकरीपेशा जातकों को भी अपने कार्यक्षेत्र में अच्छे परिणाम मिलने के संकेत हैं। आप अपनी बातों से लोगों को प्रभावित करने में सफल होंगे। आप अपने लिए नया वाहन या प्रॉपर्टी आदि भी खरीद सकते हैं। आपकी सभी इच्छाओं की पूर्ति होगी।
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72 सालों के बाद बना सावन पर शुभ संयोग, इन राशियों पर बरसेगी भोलेनाथ की खूब कृपा!
सावन 2024: देवों के देव महादेव को सावन का महीना अत्यंत प्रिय होता है इसलिए इन्हें प्रसन्न करने के लिए सावन को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, सावन माह में शिव जी का अभिषेक करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही, इनके आशीर्वाद से भक्त के जीवन में खुशियों बनी रहती हैं। इसी क्रम में, साल 2024 का सावन कई मायनों में बेहद खास होने वाला है क्योंकि इस बार श्रावण के माह में एक नहीं अनेक योग-संयोग बन रहे है। एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में हम आपको सावन के साथ-साथ 72 सालों बाद बनने जा रहे दुर्लभ संयोग के संबंध में बताने जा रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, सावन पर बन रहा यह योग किन राशियों के लिए शुभ साबित होगा, इसके बारे में भी बात करेंगे। तो चलिए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस लेख की और सबसे पहले जानते हैं कब से शुरू हो रहा है सावन।
सनातन धर्म में सावन माह को विशेष स्थान प्राप्त है और इस माह का आरंभ प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास के बाद होता है। शास्त्रों में वर्णित है कि सभी महीनों की तुलना में भगवान शिव को सावन बहुत प्रिय है। इस महीने में शिव जी की पूजा-अर्चना, व्रत और जप-तप सच्चे मन से करने से भक्त के जीवन से सभी कष्टों एवं बाधाओं का नाश हो जाता है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि इस बार का सावन काफी खास माना जा रहा है और ऐसे में, यह राशि चक्र की कुछ राशियों के लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा। इन राशि के जातकों के आय में वृद्धि के साथ-साथ करियर में भी सफलता की प्राप्ति होगी। तो आइए जानते हैं कि कौन सी हैं वह राशियां जिन पर रहेगी भगवान शिव की कृपा।
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सावन पर दशकों के बाद बन रहे हैं कई शुभ योग
भगवान शंकर के भक्तों को पूरे साल सावन का बेसब्री से रहता है इसलिए इस माह के दौरान शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। बता दें कि साल 2024 में श्रावण माह का आरंभ 22 जुलाई 2024 से होने जा रहा है जबकि इसका समापन 19 अगस्त 2024 को श्रावण पूर्णिमा के साथ हो जाएगा। इस साल का सावन पूरे 29 दिनों का होगा और ऐसा बहुत सालों के बाद होने जा रहा है। इस बार सावन का आगाज़ सोमवार के साथ हो रहा है जिससे इस माह के महत्व में कई गुना वृद्धि हो गई है और ऐसे में, सावन के पहले दिन सावन सोमवार का पहला व्रत किया जाएगा।
इसके अलावा, सावन के पहले दिन या यूँ कहें सावन के पहले सोमवार पर एक साथ कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है जिसमें प्रीति योग, आयुष्मान योग और सर्वार्थ सिद्धि योग आदि शामिल हैं। ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति को देखें, तो इस दिन अनेक राजयोग भी बन रहे हैं। सावन माह के दौरान बुधादित्य, शुक्रादित्य, गजकेसरी योग, नवपंचम योग, शश योग और कुबेर योग आदि राजयोगों बन रहे हैं।
मेष राशि वालों के लिए सावन का महीना काफी फलदायी साबित हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप, इन जातकों को जीवन में सभी तरह के भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी। इस दौरान आपको अपने परिवार के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा और ऐसे में, आप उनके साथ यादगार लम्हें बिताते हुए दिखाई देंगे। अगर आपका कोई काम लंबे समय से रुका हुआ है, तो अब एक बार फिर से वह काम शुरू हो सकेगा।
जिन जातकों को अपने घर-परिवार में समस्याओं या मतभेद का सामना करना पड़ रहा था, तो अब शिव जी की कृपा से आपको उनसे निजात मिल जाएगी। साथ ही, महादेव के आशीर्वाद से आपको हर कदम पर अपने भाग्य का साथ मिलेगा। मेष राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और यदि आप कहीं धन का निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो सावन 2024 के दौरान आप इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। आपको अच्छा रिटर्न मिलेगा और नौकरी करने वालों के लिए यह माह अनुकूल रहेगा।
सिंह राशि उन भाग्यशाली राशियों में एक है जिसके लिए सावन का महीना बेहद शुभ रहेगा। ऐसे में, यह महीना आपके लिए काफी अच्छा रहने वाला है। सावन माह इन जातकों के जीवन को खुशियों से भरने का काम करेगा। साथ ही, यह अवधि आपके करियर के लिए भी फलदायी रहेगी और आपको नौकरी में अच्छे लाभ की प्राप्ति होगी।
जो लोग नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उनके लिए सावन का महीना नौकरी के नए अवसर लेकर आ सकता है। कार्यक्षेत्र में अपने बेहतरीन काम के बल पर आपको नौकरी में पदोन्नति या फिर वेतन में वृद्धि मिलने के योग बनेंगे। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें बिजनेस में अच्छी सफलता मिलने की संभावना है। अगर आप नया वाहन या संपत्ति खरीदना चाहते हैं, तो आपका सपना हकीकत में बदल सकता है।
शनि देव की राशि मकर के लिए सावन का महीना सकरात्मक परिणाम लेकर आएगा क्योंकि इन लोगों के ऊपर भगवान शिव की विशेष कृपा बनी रहेगी। इसके परिणामस्वरूप, मकर राशि वालों को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होगी। साथ ही, इन जातकों के जो काम किसी कारण से रुक गए थे, वह अब पूरे हो सकेंगे। समाज में आपके मान-सम्मान में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इन लोगों की रुचि अध्यात्म के प्रति बढ़ेगी और ऐसे में, आप अपने परिवार के सदस्यों या फिर करीबी दोस्तों के साथ किसी धार्मिक स्थल की यात्रा पर जा सकते हैं। इन जातकों का जीवन भौतिक सुखों से पूर्ण रहेगा और आपका स्वास्थ्य भी शानदार बना रहेगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. सावन में जल कब चढ़ेगा 2024?
उत्तर 1. सावन शिवरात्रि 02 अगस्त 2024, शुक्रवार को है और इस दिन ही सावन शिवरात्रि का व्रत किया जाएगा। ऐसे में, इस दिन आप किसी भी समय कावड़ जल चढ़ा सकते हैं।
प्रश्न 2. 2024 में सावन कितने दिन का है?
उत्तर 2. साल 2024 में सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई, सोमवार को होगी और इसका अंत 19 अगस्त, सोमवार के दिन हो जाएगा। इस प्रकार, इस साल सावन 29 दिनों तक चलेगा।
प्रश्न 3. 2024 में सोमवार व्रत कब शुरू करें?
उत्तर 3. साल 2024 में सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को पड़ेगा और इसी दिन से सावन का महीना भी शुरू होगा।
प्रश्न 3. श्रावण मास में क्या नहीं करना चाहिए?
उत्तर 3. सावन के महीने के दौरान पत्तेदार सब्जियां, प्याज, लहसुन, मूली आदि का सेवन करने से बचना चाहिए। सावन माह में मांसाहार, मदिरा आदि तामसिक वस्तुओं का सेवन वर्जित होता है।
सावन का पहला सोमवार पड़ेगा इन 5 शुभ योगों में, शिव पूजा का मिलेगा सौ गुना फल!
सावन 2024: हिंदू धर्म के लिए सावन का महीना बेहद पवित्र एवं महत्वपूर्ण होता है। यह माह माता पार्वती और शिवजी को समर्पित है तथा इनकी पूजा के लिए श्रेष्ठ है। हालांकि, सावन का पूरा महीना ही पूजा-पाठ, व्रत और शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ रहता है, लेकिन सावन में आने वाले सोमवार का अत्यधिक महत्व माना गया है। एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में आपको सावन 2024 के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही, इस साल कब है सावन का पहला सोमवार और इस दिन कैसे करें शिव जी का पूजन? इसके बारे में भी हम आपको अवगत करवाएंगे। तो आइए बिना देर किए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं कब से शुरू हो रहा है सावन।
सावन का महीना भगवान शिव को अतिप्रिय होता है इसलिए इस पूरे माह शिवभक्त अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धा एवं भक्ति भाव से पूजन करते हैं तथा उपवास रखते हैं। सावन के दौरान देशभर के शिवालयों और शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन, जब सावन सोमवार के दिन कोई शुभ योग बनता है, तो उसके महत्व में कई गुना वृद्धि हो जाती है इसलिए वर्ष 2024 के सावन का पहला सोमवार बहुत शुभ रहेगा क्योंकि इस दिन एक नहीं पूरे 5 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है।
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2024 में कब है सावन का पहला सोमवार?
भगवान शिव के भक्तों को सावन के महीने का बेसब्री से इंतजार रहता है। कहते हैं कि इस माह में देवों के महादेव की पूजा-अर्चना करने से शिव जी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन सोमवार व्रत करने से भगवान शिव अपने भक्त के सभी मनोरथ पूर्ण करते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। वर्ष 2024 का सावन बहुत शुभ होने वाला है क्योंकि इसका आगाज़ शिव जी के दिन सोमवार के साथ हो रहा है जो कि 22 जुलाई 2024, सोमवार के दिन शुरू होगा और इसका अंत 19 अगस्त 2024 को हो जाएगा। ऐसे में, सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई के दिन पड़ेगा। आइए नज़र डालते हैं सावन सोमवार की पूरी लिस्ट पर।
जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि वर्ष 2024 का पहला सावन सोमवार बेहद शुभ रहने वाला है जिसकी वजह इस दिन बनने वाले 6 शुभ योग होंगे। आइए हम आपको रूबरू करवाते हैं सावन के पहले सोमवार पर बनने वाले योगों से।
प्रीति योग: पंचांग के अनुसार, सावन 2024 के पहले सोमवार के दिन अत्यंत शुभ प्रीति योग बनने जा रहा है। यह योग 22 जुलाई 2024 के दिन शाम 05 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। इस योग में पूजा और शुभ एवं मांगलिक कार्य करना फलदायी साबित होता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग: ज्योतिष में सर्वार्थ सिद्धि योग सावन के पहले सोमवार के दिन बनने जा रहा है और इस योग को हर तरह के काम के लिए बहुत शुभ माना गया है। प्रथम सोमवार के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 37 मिनट से लेकर देर रात 10 बजकर 21 मिनट तक बना रहेगा। इस अवधि में शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करने से भक्त को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
आयुष्मान योग: पहले सावन सोमवार के दिन प्रीति योग के तुरंत बाद आयुष्मान योग भी निर्मित होगा। यह योग मंगला गौरी व्रत की दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा निशा काल में करने से मनचाहा वर की प्राप्ति होती है।
शिव वास योग: इन तीन शुभ योगों के अलावा सावन के पहले सोमवार पर दुर्लभ शिववास योग बन रहा है। शिव पुराण में इस योग को बहुत शुभ कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि शिववास योग में भगवान शंकर का जलाभिषेक करने से भक्त को जीवन में सभी तरह के सुख प्राप्त होते हैं। बता दें 22 जुलाई के दिन यह योग दोपहर 01 बजकर 11 मिनट तक रहेगा और इस अवधि को भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए शुभ कहा जाएगा।
करण: सावन के पहले सोमवार के दिन कौलव और तैतिल करण निर्मित हो रहा है। ज्योतिष के अनुसार, इन दोनों ही करण को शुभ माना जाता है। इस दिन कौलव करण दोपहर 01 बजकर 11 मिनट तक रहेगा और इसके बाद, तैतिल करण बनेगा।
जिन जातकों के शादी-विवाह में परेशानियां आ रही हैं या किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो सावन सोमवार के दिन शिवलिंग पर 5 नारियल अर्पित करें। वहीं, शिवलिंग के सामने बैठकर रुद्राक्ष की माला से “ॐ श्री वर प्रदाय श्री नमः’ मंत्र का 5 माला जाप करें।
सावन सोमवार के दिन भोलेबाबा की पूजा करते समय शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। ऐसे में, जिन जातकों की विवाह में देरी हो रही है, वह सावन सोमवार के दिन शिवलिंग पर केसर मिलाकर जल अर्पित करें। ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और जल्द शादी के योग बनते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. सावन का पहला व्रत कब है?
उत्तर 1. वर्ष 2024 में सावन के पहला सोमवार का व्रत 22 जुलाई, सोमवार को किया जाएगा।
प्रश्न 2. सावन के पहले सोमवार का महत्व क्या है?
उत्तर 2. सावन सोमवार के दिन शिव जी की पूजा की जाती है।
प्रश्न 3. 2024 में सावन के सोमवार कितने हैं?
उत्तर 3. साल 2024 में कुल 5 सोमवार पड़ते हैं।
इन राशियों के ऊपर टूट सकता है दुखों का पहाड़- इस सप्ताह वाहन चलाते समय भी रहें सावधान!
बात करते हैं जुलाई के चौथे सप्ताह कि, अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि जुलाई के चौथे सप्ताह में कौन सा व्रत त्यौहार किस दिन मनाया जाएगा, कब कौन सा ग्रहण लग रहा है, कौन सा गोचर होने जा रहा है, तो इन सभी बातों का जवाब आपको एस्ट्रोसेज के इस खास ब्लॉग में मिलने वाला है।
सिर्फ इतना ही नहीं वैदिक ज्योतिष पर आधारित हमारे इस खास ब्लॉग के माध्यम से आपको इस सप्ताह के बैंक अवकाशों और विवाह मुहूर्त की जानकारी भी हम प्रदान करेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यहां दी जा रही भविष्यवाणी वैदिक ज्योतिष पर आधारित है और विद्वान ज्योतिषियों द्वारा की गई है। सबसे पहले आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं 22 से 28 जुलाई का यह सप्ताह सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहने वाला है।
बात करें ग्रहण और गोचर की तो वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का गोचर हो या फिर ग्रहण दोनों को ही बहुत महत्वपूर्ण दर्जा दिया गया है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि इनका मानव जीवन पर प्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से प्रभाव अवश्य पड़ता है और यही वजह है कि कोई भी भविष्यवाणी करते समय इनका विश्लेषण अवश्य किया जाता है। हालांकि आपकी जानकारी के लिए बता दें जुलाई के चौथे सप्ताह में कोई भी ग्रहण और गोचर नहीं लगने वाला है।
22 से 28 जुलाई 2024- बैंक अवकाश
बैंक अवकाशों के बारे में पहले से पता हो तो लोग अपना जरूरी बैंक से संबंधित काम पहले ही निपटा लेते हैं और उन्हें बाद में अपना काम अटकना नहीं पड़ता है। ऐसे में बात करें 22 से 28 जुलाई के बीच पड़ने वाले बैंक अवकाशों की तो इस सप्ताह में केवल एक ही बैंक अवकाश होगा और वह है 27 जुलाई 2024 को। इस दिन महीने का चौथा शनिवार है। ऐसे में इस दिन बैंक अवकाश रहेगा।
22 से 28 जुलाई 2024- विवाह मुहूर्त
विवाह मुहूर्त की बात करें तो जुलाई के इस सप्ताह में कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं पड़ने वाला है। ऐसे में अगर आप विवाह का विचार कर रहे हैं या आपके घर में कोई विवाह योग्य है तो अभी आपको रुकने की सलाह दी जाती है। हालांकि अगर आप अपने लिए सटीक और सबसे उपयुक्त विवाह मुहूर्त की तलाश कर रहे हैं तो आप अभी विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श लेकर अपने लिए अनुकूल तिथि का चयन कर सकते हैं।
22 से 28 जुलाई के दौरान पड़ने वाले मशहूर सितारों के जन्मदिन की जानकारी
अपने इस आखिरी सेगमेंट में हम बात करते हैं इस सप्ताह में पड़ने वाले मशहूर सितारों के जन्मदिन के बारे में। ऐसे में अगर आपका भी जन्मदिन 22 से 28 जुलाई के बीच में हुआ है तो सबसे पहले आपको जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं। चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि आप किन मशहूर सितारों के साथ अपना जन्मदिन साझा करते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: जुलाई में पहला सोमवार व्रत कब किया जाएगा?
उत्तर: 22 जुलाई सोमवार से श्रावण प्रारम्भ हो रहा है और इसी दिन पहला सोमवार का व्रत किया जाएगा।
प्रश्न 2: जुलाई में पहला मंगला गौरी व्रत कब से है?
उत्तर: 22 जुलाई से पहला मंगला गौरी व्रत किया जाएगा।
प्रश्न 3: जुलाई के चौथे सप्ताह में कौन से ग्रहों का गोचर होने वाला है?
उत्तर: 22 से 28 जुलाई के बीच कोई भी गोचर नहीं होगा।
भोलेनाथ को इसलिए प्रिय है सावन का महीना- नोट कर लें इस माह किए जाने वाले उपाय!
सनातन धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व बताया गया है। सावन के महीने को श्रावण माह भी कहते हैं। यह भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती का भी बेहद प्रिय महीना माना गया है। माँ पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होते हैं। हर साल श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से सावन का आरंभ होता है। इस वर्ष की बात करें तो सावन की प्रतिपदा तिथि 21 जुलाई को है। ऐसे में 21 जुलाई से सावान प्रारंभ हो जाएगा जो की 19 अगस्त को समाप्त होगा।
श्रावण माह की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 21 जुलाई दोपहर 3:47 से होगी और प्रतिपदा तिथि 22 जुलाई दोपहर 1:11 को समाप्त हो जाएगी।
जैसा कि हमने पहले भी बताया कि श्रावण माह का सनातन धर्म में विशेष महत्व होता है। हालांकि इस बार इस विशेष महत्व पर और भी चार चांद लग रहे हैं क्योंकि इस बार का सावन का महीना दुर्लभ संयोग में प्रारंभ हो रहा है। क्या कुछ हैं ये दुर्लभ संयोग चलिये जान लेते हैं।
दरअसल इस बार श्रावण माह की शुरुआत और सावन महीने का समापन दोनों ही सोमवार को होगा। इसके अलावा इस बार सावन में कुल पांच सावन सोमवार पड़ने वाले हैं। सिर्फ इतना ही नहीं शुभ योग की बात करें तो इस श्रावण महीने में प्रीति योग, आयुष्मान योग, सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है।
कहते हैं इन योगों में अगर भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाए तो व्यक्ति को इससे कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है। सावन मास में सोमवती अमावस्या और सोमवती पूर्णिमा दोनों का संयोग भी बन रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें इससे पहले यह संयोग 1976, 1990, 1997 और 2017 में बना था।
श्रावण माह का धार्मिक महत्व
श्रावण मास के आध्यात्मिक महत्व की बात करें तो, ये हिंदू धर्म के सबसे पवित्र महीनों में से एक होता है। श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा की जाती है। श्रावण का महीना वर्षा और मानसून से जुड़ा है। यह समय कृषि संबंधी गतिविधियों के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है। इस पवित्र महीने के दौरान भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत रखते हैं और पूजा अनुष्ठान करते हैं।
इसके अलावा श्रावण का महीना चातुर्मास की शुरुआत का भी प्रतीक होता है। चातुर्मास का समय चार महीने की ऐसी अवधि है जब भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और इस दौरान धरती का सारा कार्यभार महादेव के कंधों पर आ जाता है।
श्रावण माह का समय आत्मनिरीक्षण के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है। इसके साथ ही यह समय परिवर्तन के लिए भी अनुकूल होता है। दरअसल भगवान शिव विनाश और नवीनीकरण दोनों को दर्शाते हैं। ऐसे में भक्त परिवर्तन के लिए उनसे आशीर्वाद मांगते हैं और अपने शरीर और आत्मा को शुद्ध करने के लिए उपवास करते हैं। दिव्य ऊर्जा से जुड़ने के लिए भी श्रावण का महीना बेहद ही अनुकूल होता है। इस दौरान संपूर्ण ब्रह्मांड भगवान शिव की दिव्य ऊर्जा से भरा नजर आता है। इस तत्व को शुभ तत्व भी कहते हैं।
देवी पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भी श्रावण का महीना अनुकूल माना गया है। दरअसल भक्त देवी पार्वती को भगवान शिव के प्रति उनके समर्पण के लिए जानते हैं। भगवान शिव के प्रति उनकी गहन भक्ति और श्रद्धा भक्तों के लिए प्रेरणा का काम करती है।
अब श्रावण मास के धार्मिक महत्व की बात करें तो भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए यह महीना बेहद अनुकूल है। श्रावण मास के दौरान कई सारे अनुष्ठान किए जाते हैं जिनमें से जलाभिषेक बेहद महत्वपूर्ण होता है। जलाभिषेक भक्ति और शुद्धता का प्रतीक है। श्रावण माह के दौरान भक्त शाकाहारी भोजन का पालन करते हैं। ऐसा करने से उनका शरीर और मन दोनों ही शुद्ध होते हैं और भक्त देवीय शक्तियों के करीब आते हैं। श्रावण के महीने के दौरान लोग शराब और तामसिक वस्तुओं का परहेज करते हैं और भगवान शिव को समर्पित मंदिरों में जाते हैं उन्हें फल, दूध, फूल आदि अर्पित करते हैं।
श्रावण माह के दौरान किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठानों की बात करें तो इस दौरान भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद अपने जीवन में पाने के लिए तरह-तरह के धार्मिक कर्मकांड और अनुष्ठान करते हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान होता है शिवलिंग पर जल चढ़ाना जैसे जलाभिषेक कहते हैं। यह अभिषेक शुद्धता और भक्ति का प्रतीक माना जाता है।
इसके अलावा भगवान की दिव्य कृपा प्राप्त करने के लिए महादेव के भक्त भगवान शिव की एक विशेष पूजा ‘रुद्राभिषेक’ भी करते हैं। अपने भक्ति को और अधिक स्पष्ट रूप से जाहिर करने के लिए महादेव के भक्त श्रावण के महीने में सख्त शाकाहारी भोजन का पालन करते हैं।
कहा जाता है कि ऐसा करने से मन और शरीर दोनों शुद्ध होते हैं जिससे व्यक्ति परमात्मा के और करीब पहुंचता है। इन अनुष्ठानों के अलावा भक्त शिव मंदिरों में जाते हैं और महादेव को फल, फूल, जल आदि चढ़ाते हैं। इस दौरान भगवान शिव से संबंधित मंत्रों का जाप किया जाता है, भजन गाए जाते हैं आदि। भगवान शिव का आशीर्वाद पाने और आध्यात्मिक विकास के लिए यह महीना बेहद ही शुभ माना गया है।
यूं तो सावन का पूरा ही महीना बेहद ही शुभ, पावन और फलदाई होता है लेकिन हम आपको यहां पर कुछ महत्वपूर्ण चीजों की जानकारी दे रहे हैं जो सावन के महीना के दौरान पड़ेगी और जिन्हें बेहद ही खास माना जाता है।
मान्यता है कि ये विशेष दिन व्यक्ति के जीवन में भगवान का आशीर्वाद और सौभाग्य लेकर आते हैं। 2024 में श्रावण मास के लिए कुछ बेहद ही शुभ दिन इस प्रकार हैं:
22 जुलाई श्रावण मास का पहला दिन
7 अगस्त हरियाली तीज
9 अगस्त नाग पंचमी
12 अगस्त श्रावण शिवरात्रि
भगवान शिव का आशीर्वाद अपने जीवन में प्राप्त करने और उनकी दिव्य कृपा अपने ऊपर बनाए रखने, अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए इन दिनों पूजा प्रार्थना का विशेष महत्व बताया गया है।
श्रावण माह के दौरान उपवास
व्रत और उपवास का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है। ऐसा माना जाता है कि श्रावण के महीने में उपवास करने से व्यक्ति का मन, शरीर और आत्मा शुद्ध होती है। भोजन और पानी से परहेज करके भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में आध्यात्मिक विकास की ओर आगे बढ़ते हैं। किसी भी उपवास को देवी देवता के प्रति भक्ति और समर्पण दिखाने का एक तरीका माना गया है।
ऐसा माना जाता है कि श्रावण के महीने के दौरान उपवास करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है, जीवन में समृद्धि आती है और सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। उपवास के दौरान भक्तों को कुछ नियमों का भी पालन करना होता है। जैसे, इस दौरान मांसाहारी भोजन, शराब और तंबाकू का सेवन परहेज माना जाता है। उपवास कई तरीके से किए जाते हैं।
जहां कुछ लोग केवल फल और दूध पर ही उपवास करते हैं वहीं कुछ लोग दिन में एक बार भोजन करके उपवास करते हैं तो वहीं कुछ लोग पूरी तरह से ही भोजन न करके केवल जल पर ही उपवास रखते हैं। उपवास को और भी अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए भक्त विभिन्न आध्यात्मिक प्रथाओं जैसे मंत्र जाप, आरती और धार्मिक ग्रंथो को पढ़ कर भी इसके प्रभाव को बढ़ाने का प्रयत्न करते हैं।
आध्यात्मिक महत्व के अलावा श्रावण माह के दौरान उपवास करने से स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह शरीर को डिटॉक्सिफाई करते हैं, पाचन में सुधार करते हैं और व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाते हैं। उपवास से व्यक्ति वजन घटा सकता है और अपने समग्र स्वास्थ्य में सुधार ला सकता है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो श्रावण महीने के दौरान उपवास मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करने और भगवान शिव का आशीर्वाद पाने का एक बेहद ही सरल सटीक रहता है। इसके अलावा यह आत्म चिंतन, भक्ति और आध्यात्मिक विकास का भी एक समय होता है।
श्रावण माह में किए जाने वाले विभिन्न तरह के उपवास
श्रावण के महीने में भक्त कई तरह के उपवास करते हैं। कहा जाता है कि यह व्रत उपवास समृद्धि, अच्छा स्वास्थ्य, मनोकामना पूर्ति लेकर आते हैं। बात करें उनके प्रकार की तो,
निर्जला उपवास: यह उपवास सबसे सख्त उपवास में से एक माना जाता है जहां भक्त पूरे दिन भोजन और पानी का सेवन करने से परहेज करते हैं। इस उपवास से अत्यधिक आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है।
फलाहारी उपवास: इस उपवास में भक्त केवल फल और डेयरी उत्पादों का सेवन करते हैं।
सात्विक उपवास: इस उपवास में केवल सात्विक भोजन का सेवन शामिल होता है। इसमें किसी भी तरह का प्याज़, लहसुन, मसाले नहीं शामिल किए जाते हैं। यह उपवास मन और शरीर को शुद्ध करने के लिए जाना जाता है।
एकादशी व्रत: श्रावण माह के प्रत्येक पखवाड़े की 11वें दिन एकादशी उपवास किया जाता है। इस दिन अनाज और दाल का सेवन नहीं करते हैं केवल फल दूध और सात्विक भोजन ही किया जाता है।
प्रदोष व्रत: यह व्रत श्रावण मास के प्रत्येक पखवाड़े के 13वें दिन किया जाता है। इस दौरान भक्त सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास करते हैं और शाम को भगवान शिव की पूजा करते हैं।
क्या यह जानते हैं आप? श्रावण मास के दौरान प्रसाद और प्रार्थनाओं के साथ-साथ भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए उन्हें तरह-तरह के प्रसाद चढ़ाते हैं जिनमें बिल्व पत्र, दूध, शहद, दही, घी, चंदन का लेप, फूल, आदि शामिल होते हैं। इसके अलावा भगवान शिव के भक्त उनकी मूर्ति पर दूध, जल और अन्य पवित्र पदार्थ से अभिषेक अनुष्ठान स्नान भी करते हैं।
मान्यता है कि इन वस्तुओं को महादेव के ऊपर चढ़ने से समृद्धि, अच्छा स्वास्थ्य और इच्छाओं की पूर्ति होती है। इसके अलावा श्रावण मास के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा कहते हैं कि यह भक्तों को सभी प्रकार के खतरों से बचाता है और उन्हें आध्यात्मिक उत्थान प्रदान करता है।
श्रावण माह- सावन सोमवार महत्व
श्रावण मास में पूजा करने के महत्व की बात करें तो, कहा जाता है कि श्रावण मास में कोई भी पूजा करने से व्यक्ति को कई गुना लाभ और आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस शुभ महीने के दौरान पूजा करने से व्यक्ति का कार्य सफल होता है और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इस दौरान की गई प्रार्थना और मनोकामना पूरी होने की संभावना अधिक होती है। श्रावण के महीने में पूजा करने से आध्यात्मिक लाभ के अलावा व्यवहारिक लाभ भी मिलता है। ऐसा माना जाता है कि यह व्यक्ति और उनके परिवार में शांति, समृद्धि और सद्भाव लेकर आता है।
पूजा के दौरान उत्पन्न होने वाली सकारात्मक ऊर्जा मन और शरीर को शुद्ध करती है और शांति लेकर आती है। श्रावण सोमवार व्रत करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती है और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इस दौरान भक्त पूरे दिन भोजन और पानी का सेवन नहीं करते हैं, भगवान शिव की पूजा करते हैं, यह व्रत अन्य सभी व्रतों में बेहद ही शुभ फलदाई और समृद्धि और खुशहाली देने वाला माना जाता है।
इस व्रत के दौरान भक्त शिव मंदिरों में जाते हैं, भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए तरह-तरह के अनुष्ठान करते हैं, व्रत करते हैं।
श्रावण सोमवार व्रत के महत्वपूर्ण पहलू की बात करें तो,
इससे व्यक्ति को आशीर्वाद मिलता है और इच्छाओं की पूर्ति होती है। इस दौरान किया जाने वाला उपवास सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक किया जाता है।
अनुष्ठान की बात करें तो इस दौरान शिव मंदिर में भक्ति जाते हैं, प्रार्थना करते हैं और भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। ऐसी मान्यता है कि श्रावण सोमवार व्रत को पूरी ईमानदारी, भक्ति और श्रद्धा के साथ करने से भक्तों का आध्यात्मिक विकास होता है, जीवन में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं, साथ ही यह व्रत भगवान शिव के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने का एक बेहद ही कारगर तरीका माना गया है।
श्रावण माह राशि अनुसार उपाय
क्या आप यह जानते हैं कि, श्रावण माह में शनि की ढैया और साढ़ेसाती से बचने के लिए भी उपाय किए जा सकते हैं। दरअसल इस दौरान अगर आप सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं तो इससे शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा अगर आप सावन में अपनी राशि के अनुसार उपाय करना चाहते हैं तो उसकी जानकारी हम आपको नीचे प्रदान कर रहे हैं।
मेष राशि: सावन सोमवार के दिन अपने घर के मुख्य दरवाजे पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसमें दो काली गुंजा डाल दें।
वृषभ राशि: सावन सोमवार के दिन किसी सरोवर या नदी के पास जाकर घी का दीपक जलाएं और यह उपाय रात के समय करें इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होंगी और भगवान शिव की कृपा भी बनी रहेगी।
मिथुन राशि: आप अपने ऑफिस या कार्य स्थल पर सफेद आंकड़ा श्वेतार्क गणपति की स्थापना करें और उनके समक्ष नियमित रूप से दीपक जलाएं।
कर्क राशि: सावन सोमवार के दिन त्रिकोण आकृति का झंडा ऊंचा डंडे पर बांधकर लगाएँ या किसी मंदिर में दान कर दें।
सिंह राशि: सावन के सोमवार के दिन जल में दूध, दही और शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
कन्या राशि: सावन सोमवार के दिन एकाक्षी नारियल बांधकर अपने गल्ले या फिर तिजोरी में रख दें।
तुला राशि: श्री यंत्र का लॉकेट गले में धारण करें।
वृश्चिक राशि: सावन सोमवार के दिन 14 मुखी रुद्राक्ष गले में धारण करें और शिव परिवार की नियमित रूप से पूजा करें।
धनु राशि: इस दिन आप केले का पेड़ अपने घर में लगा सकते हैं या किसी बगीचे में लगा सकते हैं और रोजाना इसकी पूजा करें।
मकर राशि: सावन में अपने घर में सफेद आंकड़ा लगाएँ और नियमित रूप से इसकी पूजा करें।
कुंभ राशि: सावन सोमवार के दिन भगवान शिव को रुद्राक्ष की माला और मां पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
मीन राशि: अपने घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और रोजाना उसकी पूजा और सेवा करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1: श्रावण मास का क्या महत्व होता है?
उत्तर: हिंदू धर्म में श्रवण माह बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है। ये महीना भगवान शिव को समर्पित एक बेहद ही पावन महीना होता है।
प्रश्न 2: 2024 में श्रावण महीना कब से शुरू हो रहा है?
उत्तर: 2024 में श्रावण का महीना 22 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है।
प्रश्न 3: श्रावण मास के दौरान कौन-कौन से धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं?
उत्तर: श्रावण मास के दौरान भक्त विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं जैसे उपवास, पूजा, मंत्रों का जाप, मंदिरों में अभिषेक करना, आदि। इस दौरान भक्त प्रार्थना करते हैं।
प्रश्न 4: श्रावण मास के दौरान उपवास कैसे किया जाता है?
उत्तर: श्रावण मास के दौरान भक्त अलग-अलग तरह से व्रत रखते हैं। कुछ लोग पूरे दिन उपवास रखते हैं और पानी और भोजन से परहेज करते हैं तो वहीं कुछ लोग फलाहार उपवास भी रखते है।