गुरु ग्रह की वक्री चाल, किन राशियों के बिगाड़ेगी बने-बनाए काम? जानें

बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री: वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह को प्रमुख एवं महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। इन्हें शुभ एवं लाभकारी ग्रह का दर्जा प्राप्त है। सिर्फ इतना ही नहीं, हिंदू धर्म में बृहस्पति ग्रह को देव गुरु के नाम से जाना जाता है। यह ऐसे ग्रह हैं जो मनुष्य के जीवन में सौभाग्य लेकर आते हैं और मांगलिक कार्यों के कारक हैं। ऐसे में, गुरु देव की राशि, स्थिति या चाल में होने वाला किसी भी तरह का परिवर्तन आपके जीवन को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखता है। अब यह जल्द ही मिथुन राशि में वक्री होने जा रहे हैं और इसका असर न सिर्फ सभी राशियों पर पड़ेगा, बल्कि देश-दुनिया पर भी दिखाई देगा। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आपको बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री से जुड़ी जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही, आपको बताएंगे कि गुरु की वक्री चाल आपको अच्छे या बुरे कैसे परिणाम देगी।

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हम इस खास लेख के माध्यम से चर्चा करेंगे कि राशि चक्र की किन राशियों के लिए गुरु की वक्री चाल फलदायी रहेगी और किन जातकों को नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, बृहस्पति महाराज का ज्योतिष में महत्व, कुंडली में इसके शुभ-अशुभ होने पर प्रभाव और गुरु ग्रह को प्रसन्न करने के उपायों के बारे में भी बताएंगे। तो आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि गुरु ग्रह की तिथि और समय के बारे में। 

बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री: तिथि और समय

शायद ही आप जानते होंगे कि गुरु ग्रह को सौरमंडल का दूसरा सबसे शक्तिशाली ग्रह माना गया है। नवग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह होने के नाते मनुष्य जीवन पर इनका प्रभाव भी उतना ही अधिक होता है। अब यह जल्दी ही 09 अक्टूबर 2024 की सुबह 10 बजकर 01 मिनट पर मिथुन राशि में वक्री होने जा रहे हैं। बता दें कि बृहस्पति देव 03 जून 2024 की देर रात 03 बजकर 21 मिनट पर वृषभ राशि में वक्री हो गए थे और अब यह वक्री अवस्था में ही मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। अगले साल यानी कि नए साल में बृहस्पति देव पुनः वक्री से मार्गी हो जाएंगे। अब आगे बढ़ने से पहले हम आपको अवगत करवाएंगे कि क्या होता है ग्रह का वक्री होना? 

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क्या होता है ग्रह का वक्री होना?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक ग्रह अपनी चाल और स्थिति में समय-समय पर बदलाव करता है जिसे अक्सर वक्री, मार्गी, अस्त या उदय आदि कहा जाता है। लेकिन, अगर हम बात करें गुरु के वक्री होने की,  तो इसका यह मतलब होता है कि जब कोई ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हुए आगे की तरफ बढ़ने की बजाय उल्टी चाल चलना शुरू कर देता है अर्थात पीछे की तरफ चलता हुआ प्रतीत होता है, उसे ग्रह का वक्री होना कहते हैं। हालांकि, यह वास्तव में नहीं होता है और विज्ञान भी ग्रहों के वक्री होने को नहीं मानता है। 

मान्यता है कि जब भी कोई ग्रह वक्री होता है, तब उससे मिलने वाले शुभ परिणामों में कमी आती है और अशुभ परिणाम मिलने लगते हैं। लेकिन, यह बात सभी राशियों पर लागू नहीं होती है क्योंकि जिनकी कुंडली में कोई विशेष ग्रह कमज़ोर या अशुभ होता हैं, उस समय इस ग्रह का वक्री होना जातकों के लिए फलदायी साबित होता है। साथ ही, ग्रहों की वक्री चाल आपको अचानक से परिणाम देती है जो कि अच्छे या बुरे दोनों तरह के हो सकते हैं।

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ज्योतिष में गुरु ग्रह का महत्व 

गुरु या बृहस्पति ग्रह को शुभ एवं मांगलिक कार्यों का ग्रह माना गया है और इनकी अस्त अवस्था को ही “तारा डूबना” कहा जाता है। इस दौरान सभी तरह के शुभ कार्यों को करना निषेध होता है।  इसके अलावा, बृहस्पति महाराज प्रसिद्धि, ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और  ध्यान आदि के कारक ग्रह हैं। कुंडली में गुरु देव के शुभ स्थिति में होने पर व्यक्ति रातोंरात अमीर बन सकता है। वहीं, राशि चक्र की 12 राशियों में से इन्हें जल तत्व की राशि मीन और धनु पर आधिपत्य प्राप्त है।

27 नक्षत्रों में गुरु महाराज पुनर्वास, पूर्वाभाद्रपद और विशाखा नक्षत्र के स्वामी ग्रह हैं। बात करें इनके प्रिय रत्न की, तो बृहस्पति देव का रत्न पुखराज है और सप्ताह में इन्हें गुरुवार का दिन समर्पित होता है। गुरु आपके जीवन को किस तरह प्रभावित करते हैं, यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि कुंडली के किस भाव में बृहस्पति ग्रह मौजूद हैं। इन्हें करियर के क्षेत्र में फाइनेंस, कानून, बैंकिंग, शिक्षा, राजनीति और काउंसलिंग आदि पर नियंत्रण प्राप्त हैं। 

आइए अब नज़र डालते हैं बृहस्पति ग्रह के नकारात्मक और सकारात्मक प्रभावों पर। 

कुंडली में गुरु ग्रह के शुभ प्रभाव 

  • बृहस्पति देव की कुंडली में मज़बूत स्थिति होने पर जातक बुद्धिमान और धार्मिक प्रवृति के होते हैं। इनके प्रभाव से व्यक्ति में मानवता के भाव पैदा होते हैं।
  • गुरु ग्रह का शुभ प्रभाव आपको अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने का साहस देता है। ऐसे में, आप जीवन के विभिन्न पहलुओं में सफलता प्राप्त करते हैं।
  • कुंडली में गुरु ग्रह की मज़बूत स्थिति होने पर आपके व्यक्तित्व में निखार आता है और आप आकर्षक बनते हैं। 
  • बृहस्पति के बली होने पर व्यक्ति धर्म-कर्म के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है। साथ ही, आपकी दिनचर्या बेहतर होती है और एकाग्रता क्षमता भी मज़बूत रहती है।

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कुंडली में गुरु ग्रह के अशुभ प्रभाव 

  • किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति कमज़ोर होने पर व्यक्ति उदारवादी बनता हैं। ऐसे में, अक्सर यह लोग कर्ज या विवादों के जाल में फंस जाते हैं।
  • गुरु ग्रह के नकारात्मक प्रभावों की वजह से जातक को फिजूलखर्ची की आदत लग जाती है और इंसान जुए की लत में पड़ जाता है। 
  • गुरु ग्रह अगर कमज़ोर होते हैं, तो जातक के जीवन में धन, समृद्धि और मान-सम्मान में कमी आती है।
  • कुंडली में बृहस्पति अशुभ होने पर व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत, एनीमिया, बवासीर, अपच और पेट से संबंधित बीमारी जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 
  • इनके प्रभाव से मनुष्य गलत फैसले लेने लगता है और चीजों की गलत व्याख्या करने लगता है जिससे बदनामी की आशंका बढ़ जाती है।

गुरु वक्री के दौरान करें ये सरल एवं प्रभावी उपाय

  • बृहस्पतिवार देव को प्रसन्न करने के लिए नहाते समय पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर स्नान करें। 
  • इन जातकों को आटे की लोई में चने की दाल, गुड़ और हल्दी मिलाकर गाय को खिलाना चाहिए। ऐसा करने से गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त होती है। 
  • आर्थिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को केले और पीले रंग के वस्त्रों का दान करें।
  • अगर किसी की कुंडली में देवगुरु बृहस्पति कमज़ोर होते हैं, तो आप पुखराज रत्न धारण कर सकते हैं। हालांकि, इस रत्न को धारण करने से पहले किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी की सलाह अवश्य लें।
  • गुरु ग्रह का आशीर्वाद पाने के लिए गुरुवार के दिन पीले रंग के कपड़े धारण करें। इस उपाय को करने से बृहस्पति ग्रह के नकारात्मक प्रभाव भी दूर होते हैं।
  • गुरुवार के दिन सुबह जल्दी उठकर बृहस्पति देव के बीज मंत्र ‘ॐ बृं बृहस्पतये नमः’ का जाप करें। 

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बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बृहस्पति नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति मिथुन राशि में…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री दूसरे……(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री आपके पहले… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए बृहस्पति छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री आपके बारहवें… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री ग्यारहवें… (विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि 

कन्या राशि वालों के लिए बृहस्पति चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी होकर दशम भाव में वक्री…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री आपके… (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बृहस्पति पांचवें भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री आपके आठवें भाव… (विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बृहस्पति पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री सातवें… (विस्तार से पढ़ें) 

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री आपके… (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री आपके… (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री आपके चौथे… (विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. गुरु वक्री कब होंगे?

बृहस्पति ग्रह 09 अक्टूबर 2024 को मिथुन राशि में वक्री होने जा रहे हैं। 

2. बृहस्पति की कौन सी राशियां हैं? 

राशि चक्र में गुरु ग्रह मीन और धनु राशि के स्वामी हैं।  

3. मिथुन राशि के स्वामी कौन हैं?

बुध ग्रह को मिथुन राशि पर स्वामित्व प्राप्त है। 

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बुध गोचर 2024: एस्ट्रोसेज की हमेशा से यही पहल रही है कि हम अपने रीडर्स को किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की जानकारी या ग्रहों के कोई भी अहम परिवर्तन से आपको समय से पूर्व अवगत करा सकें क्योंकि इन परिवर्तनों और ग्रहों से संबंधित हर एक चीज का प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है।  

इसी कड़ी में आज हम आपके सामने लेकर आए हैं बुध गोचर से संबंधित हमारा यह विशेष लेख जिसमें हम जानेंगे जल्द तुला राशि में गोचर करने वाले बुध के बारे में और साथ ही जानेंगे कि इसका देश-दुनिया,  राशियों, शेयर बाजार, खेल जगत आदि महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर क्या कुछ असर पड़ेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें बुध का यह गोचर 10 अक्टूबर 2024 को होने वाला है।

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ज्योतिष में बुध ग्रह 

सौरमंडल में बुध 8 ग्रहों में सबसे छोटा माना जाता है। इसका व्यास लगभग 4880 किलोमिटर अर्थात (3032 मील) है। इसकी कक्षा ज्यादातर अंडाकार की है जिसका अर्थ हुआ कि सूर्य से इसकी दूरी पेरीहेलियन (निकटतम बिंदु) पर लगभग 46 मिलियन किलोमीटर (29 मिलियन मील) से लेकर अपहेलियन (सबसे दूर बिंदु) पर लगभग 70 मिलियन किलोमीटर (43 मिलियन मील) तक भिन्न होती है। सूर्य से इसकी निकटता और पर्याप्त वातावरण की कमी के चलते बुध ज्यादा तापमान भिन्नता का अनुभव करता है।

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बुध ज्योतिष में प्रमुख ग्रहों में से एक माना गया है जो संज्ञानात्मक कार्यों और संचार को प्रभावित करता है। इसे कन्या और मिथुन राशि पर शासन करने वाले ग्रह के रूप में देखा जाता है। बुध एक ऐसा सांकेतिक ग्रह है जो हमारी मौखिक, लिखित और संचार अभिव्यक्ति के अन्य रूपों को नियंत्रित करता है। बुध मानसिक निपुणता, सोच और बुद्धि से जुड़ा ग्रह है।

बुध का तुला राशि में गोचर- क्या रहेगा समय?

तुला राशि के स्वामी बुध और शुक्र दोनों मित्र ग्रह माने जाते हैं और अब बुध 10 अक्टूबर 2024 को 11:09 पर तुला राशि में गोचर करेगा। 22 अक्टूबर को बुध तुला राशि में उदय हो जाएगा।

बुध का तुला राशि में गोचर- विशेषताएं 

तुला राशि में बुध व्यापारिक सौदों के लिए अनुकूल संकेत देता है विशेष रूप से उन दो पक्षों से जुड़े लेनदेन के लिए जिन्हें आपसी लक्ष्य और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए समझौता करने की आवश्यकता पड़ती है। जब पेशेवर जीवन या काम जीवन संतुलन स्थापित करने, ग्राहकों और कस्टमरों, वरिष्ठों और अधीनस्थों, भौतिक और आध्यात्मिक जीवन, घर और समाज, बुराई और अच्छाई और भावनाओं और कारण के बीच संबंधों को संतुलित करने की बात आती है तो बुध का तुला राशि में स्थान शुभ माना जाता है। 

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बुध बुद्धि का प्रतीक है। यह वर्तमान में मिथुन, तुला और कुंभ राशि की वायु राशि में मौजूद है। तुला राशि वाले संतुलन बनाने में बुद्धिमान होते हैं और उनकी बुद्धि बातचीत करने और व्यावसायिक कौशल में नजर आती है। तुला राशि में बुध के माध्यम से एक समृद्ध करियर व्यक्ति को प्राप्त होता है। उदाहरण के तौर पर बात करें तो तुला राशि में बुध वाले जातक एक व्यावसायिक वकील, गवर्नर विशेष कर बैंक का, विदेशी राजनयिक, न्यायाधीश, क्रिकेट अंपायर, चुनाव आयोग का प्रमुख, या कोई अन्य पद जहां आप मध्यस्थता स्थापित कर सकते हैं, बन सकते हैं। हालांकि बुध तुला राशि के लिए अनुकूल राशि मानी जाती है। यह सभी स्थितियों में फायदे और नुकसान दर्शाती है। अगर यह स्थान बुरी तरह से पीड़ित होता है तो यह किडनी, बालों का झड़ना, थायराइड, पक्षाघात और नपुंसकता से संबंधित जटिलताएं लेकर आ सकता है। अगर नोडल प्लेसमेंट में हस्तक्षेप का कारण बनते हैं तो चेतना की हानि या चक्कर आना भी समस्या हो सकती है।

बुध का तुला राशि में गोचर- इन राशियों को होगा लाभ

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चतुर्थ भाव को नियंत्रित करता है और अब यह आपके पंचम भाव में स्थित होने जा रहा है। ऐसे में मिथुन राशि के जातक धन, बुद्धि और अपने लिए समग्र धन बनाने के लिए किए गए प्रयासों में सफलता हासिल करने में सक्षम होंगे। बुध के तुला राशि में गोचर के दौरान आप अपने लिए सार्थक लक्ष्य और उच्च उम्मीदें स्थापित करने में भी कामयाब हो सकते हैं। 

आपके अंदर उच्च स्तर की सटीकता और आविष्कारशीलता नजर आएगी। इस दौरान आप अपने पेशे में कामकाज के संदर्भ में आशाजनक प्रगति हासिल करने में कामयाब होंगे। बुध गोचर की इस अवधि के दौरान आप अपने काम के संबंध में अपनी बुद्धिमता का प्रदर्शन करने में भी सफल होंगे और यह आपकी इसी रचनात्मकता की वजह से मुमकिन हो सकेगा। साथ ही आपको काम के नए अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं जो आपकी उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। अपने परिश्रमी काम से आप व्यावसायिक क्षेत्र में उच्च मानक स्थापित करेंगे और अपना राजस्व बढ़ाएंगे।

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले भाव और दशम भाव पर शासन करता है और अब यह आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहा है। इस दौरान तुला राशि के जातकों को पदोन्नति, वेतन वृद्धि जैसे शानदार लाभ प्राप्त होने की उच्च संभावना बन रही है और नई नौकरी की संभावनाएं पाकर आप अपने पेशे में अच्छी प्रगति हासिल करेंगे। सामान्य तौर पर यह गोचर आपको अधिक ऊर्जावान महसूस कराएगा और यह उत्साह आपके जीवन में प्रगति करने में मदद करेगा। 

अगर आप किसी कंपनी का प्रबंधन कर रहे हैं तो यह आपके लिए पर्याप्त मुनाफा कमाने का एक लाभप्रद समय भी हो सकता है। इस अनुकूल समय के दौरान आप नए व्यावसायिक अवसर के प्रति ज्यादा ग्रहणशील नजर आएंगे। इसके परिणाम स्वरुप आपकी कंपनी को अधिक सफलता और लाभ मिलेगा। इस दौरान आप सफलता के लिए आवश्यक वित्तीय सुरक्षा प्राप्त करने में भी कामयाब रहने वाले हैं।

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तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नवम और 12वें घर का स्वामी है और तुला राशि में बुध गोचर के दौरान यह आपके पहले घर में स्थित हो जाएगा। बुध के इस गोचर के परिणाम स्वरुप आप इस समय आपके सामने आने वाले किसी भी और सभी उच्च लाभों के प्रति ज्यादा ग्रहणशील नजर आएंगे। मुमकिन है कि आध्यात्मिक विषयों में आपकी रुचि बढ़ेगी और परिणाम स्वरुप आप इस अवधि के दौरान उसके संबंध में ज्यादा यात्राएं करते नजर आने वाले हैं।

व्यापार के संबंध में अगर आप व्यवसाय के क्षेत्र से संबंधित है तो आप अपने प्रयासों में सफलता के करीब पहुंचेगें और अगर आप विदेशी मुद्रा में रुचि रखते हैं तो आप इससे पर्याप्त लाभ प्राप्त करने में भी कामयाब होंगे। आर्थिक संबंध में बात करें तो आप अपने काम के बदले अधिक वेतन पाकर संतुष्ट नजर आएंगे। इस अवधि के दौरान प्रोत्साहन और अतिरिक्त आय आपके जीवन में आगे बढ़ते रहने और अपनी बचत बढ़ाने में मददगार साबित होगी।

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नवम भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान यह आपके दसवें घर में मौजूद रहेगा। बुध के गोचर के परिणाम स्वरुप आप ज्यादा सेवा उन्मुख व्यक्तित्व बनाए रखने और इससे लाभ प्राप्त करने में कामयाब हो सकते हैं। बुध के तुला राशि में गोचर के दौरान आप सिद्धांतों वाले व्यक्ति के रूप में अपनी छवि बनाएंगे और आपके पास उच्च पदोन्नति के अवसर भी आ सकते हैं जो आपको खुशियां देंगे। इस समय आप ज्यादा यात्राएं करेंगे और यह यात्राएं आपके लिए जरूरी और लाभदायक साबित होगी। 

मुमकिन है कि आध्यात्मिक विषयों में आपकी रुचि बढ़ें। अपने काम के संबंध में अगर आप वर्तमान में कार्यरत हैं तो यह आपके लिए एक नई स्थिति की तलाश करने का शानदार समय साबित हो सकता है। इससे आपको पूरी तरह से संतुष्टि और सफलता मिलेगी। अपने काम के लिए आपको दूरी की यात्राएं करनी पड़ सकती है और इन यात्राओं से आपको लाभ मिलेगा। व्यवसाईयों की बात करें तो मकर राशि के व्यवसाई जातकों को अपनी कंपनी को उसके क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनाने और अपने प्रतिद्वंदियों को उचित टक्कर देने के लिए ज्यादा समर्पित रहना होगा। अगर आप नई व्यावसायिक रणनीतियों का उपयोग करते हैं तो आप अपनी कंपनी के लिए भारी लाभ भी कमाने में सफल हो पाएंगे।

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पंचम और अष्टम भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान नवम भाव में गोचर करने जा रहा है। बुध के इस गोचर के परिणाम स्वरुप आपको अपने जीवन स्तर को ऊंचा बनाए रखने के लिए अपने जीवन को व्यवस्थित करने की आवश्यकता हो सकती है। जैसे-जैसे आपकी रुचि आध्यात्मिक विषयों की तरफ बढ़ेगी उनके प्रति आपके समर्पण का स्तर बढ़ने की भी संभावना है। इसके अलावा इस अवधि में आप विरासत आदि से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। 

अपने काम के संबंध में आप बेहद ही भाग्यशाली नजर आएंगे और आपको कोई ऐसी नौकरी भी हासिल होगी जो आपके लिए शुभ साबित होगी। बुध के तुला राशि में गोचर के दौरान आप करियर के नए अवसर पाकर खुश रहने वाले हैं। इस अवधि में आप अपने काम के प्रति ज्यादा प्रतिबद्ध और उत्साहित होंगे। आपके पास मौजूद संसाधनों से आप ज्यादा पैसा कमाने में कामयाब होने वाले हैं। मुमकिन है कि आप भविष्य के लिए ज्यादा पैसा बचाना भी शुरू कर दें। बुध के तुला राशि में गोचर के दौरान आपको विरासत और सट्टेबाजी से अधिक वित्तीय लाभ प्राप्त होने की उच्च संभावना बन रही है।

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बुध का तुला राशि में गोचर- इन राशियों पर होगा नकारात्मक असर

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव का स्वामी है। मेष राशि के जातकों के लिए बुध इस समय सातवें भाव में गोचर करने जा रहा है। बुध के इस गोचर के फल स्वरुप मेष राशि के जातकों को आर्थिक और व्यावसायिक तौर पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। अपने करियर के संबंध में आपको बुध के तुला राशि में गोचर के दौरान अपना काम पूरा करने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि संभावना है कि आपसे इस दौरान ज्यादा गलतियां हो क्योंकि आपको अपने पर्यवेक्षकों से अधिक बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको अपना काम समय पर पूरा करने के लिए अपने काम की योजना बनाने और एक उचित शेड्यूल बनाने की सलाह दी जा रही है। 

मुमकिन है कि आप पर इस दौरान काम का ज्यादा दबाव बढ़ें जो आपके लिए परेशानी की वजह बन सकता है। अगर आपको लगता है कि आप काम के बोझ को नहीं संभाल पा रहे हैं या आपसे यह काम नहीं संभाल रहा है तो आप करियर बदल कर बेहतर अवसर की तलाश भी कर सकते हैं। 

करियर बदलना आपको बहुत कुछ नया सिखाएगा और आपके लिए नए अवसर जीवन में लेकर आएगा। आपकी कंपनी के लिए बाजार में नए प्रतिस्पर्धी प्रवेश कर सकते हैं और इसके परिणाम स्वरुप आप उनसे अतिरिक्त दबाव महसूस करने वाले हैं क्योंकि वह अधिक कमाई का लक्ष्य रखेंगे। कम मुनाफे के परिणाम स्वरुप आपको अपनी कंपनी के लिए ज्यादा कर्ज लेने के लिए भी मजबूर होना पड़ सकता है।

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पंचम भाव का स्वामी है और आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहा है। वृषभ राशि के जातकों के लिए यह गोचर बिल्कुल भी अनुकूल नहीं रहने वाला है क्योंकि इस दौरान आपको जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में नुकसान उठाना पड़ सकता है। मुमकिन है कि आप जो भी काम कर रहे हो वह आपके करियर के संदर्भ में आपको शुभ परिणाम न दे पाए। इस दौरान आप पदोन्नति या अन्य लाभ की उम्मीद भी कर सकते हैं लेकिन मुमकिन है कि वह आपको आसानी से नहीं मिलेगा। 

बुध के तुला राशि में गोचर के दौरान समय पर पदोन्नति और अन्य प्रोत्साहन न मिलने से आप निराश हो सकते हैं। इसके अलावा आप स्वयं को एक ऐसी स्थिति में फंसा हुआ महसूस करेंगे जहां आप एक व्यवसाय स्वामी के रूप में पर्याप्त पैसा नहीं कमा पाएंगे। आपकी कंपनी को ज्यादा सोच समझ कर योजना बनानी होगी और अधिक सुचारू रूप से व्यवसाय चलना होगा। बाजार से खतरे और तीव्र प्रतिद्वंदी आपकी कंपनी को नुकसान कर सकते हैं। आप आर्थिक तंगी के साथ-साथ कर्ज में भी डूबने वाले हैं। ऐसे में आपको एक अच्छी वित्तीय योजना बनाने की सलाह दी जा रही है।

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए बुध वर्तमान में अष्टम भाव में गोचर कर रहा है और यह आपके चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है। मीन राशि के जातक अगर पहले से ही आप नौकरी पेशा हैं तो मुमकिन है कि आप इस समय अपने करियर के लक्ष्यों को पूरा करने में कामयाब ना हो पाएँ। बुध के तुला राशि में गोचर से आपको करियर के बड़े फैसले लेने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है या फिर बॉस के दबाव के चलते आपसे काम में गलतियां होने का भी खतरा बना हुआ है। 

इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उनको धन हानि उठानी पड़ सकती है। साथ ही आपको घाटे भी होने वाले हैं। संभावना है कि इस अवधि में आपके विरोधी प्रगति करेंगे और आप उनकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। इससे बचने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप सही दिशा में जा रहे हैं आपको अपने व्यवसाय ले आउट को समायोजित करने की आवश्यकता पड़ेगी। मुमकिन है कि आप वित्तीय घाटे का सामना कर रहे हो और वित्त का प्रबंध करने की कोशिश करते समय आपके जीवन में उतार-चढ़ाव आए। आपकी अतिरिक्त जिम्मेदारियां आपको बैंक से ऋण लेने के लिए भी मजबूर कर सकती है।

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बुध का तुला राशि में गोचर- उपाय 

  • बुधवार के दिन हरे रंग के कपड़े ज्यादा से ज्यादा पहनें। इससे बुध ग्रह मजबूत होता है। 
  • बुधवार का व्रत प्रारंभ कर दें। इससे भी बुधवार के दुष्प्रभाव कम होने लगेंगे। 
  • अपने दाहिने हाथ की छोटी उंगली में पन्ना रत्न धारण करें। इससे बुध ग्रह को मजबूती मिलती है।
  • बुध से संबंधित मंत्रों का स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जाप करें। 
  • भगवान विष्णु की नियमित रूप से पूजा करें। 
  • जरूरतमंद लोगों को दान करें।

बुध का तुला राशि में गोचर- क्या पड़ेगा देश दुनिया पर असर?

मीडिया एवं पत्रकारिता 

  • मीडिया और पत्रकारिता जैसे क्षेत्र में भारत और दुनिया के अंत प्रमुख हिस्सों में लोकप्रियता और अवसरों में वृद्धि नजर आने वाली है। 
  • मीडिया, पत्रकारिता आदि इन सभी प्रोफाइल को गति मिलेगी और इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों को इस दौरान बड़े पैमाने पर लाभ होगा।

बैंकिंग और कानून 

  • संचार और बौद्धिक अभिव्यक्ति गणना आदि की मांग करने वाले क्षेत्र जैसे बैंकिंग और वित्त में वृद्धि और मांग होगी। 
  • वकीलों और न्यायाधीशों को लाभ मिलेगा क्योंकि तुला राशि में बुध की इस अवधि के लिए अनुकूल माना जाता है। 
  • बुध के तुला राशि में गोचर के दौरान बैंकिंग क्षेत्र में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है और इससे काफी लाभ मिलेगा। 
  • बुध के तुला राशि में होने वाले इस गोचर से गणितज्ञ और शोधकर्ताओं को भी लाभ मिलने की संभावना है।

प्रौद्योगिकी एवं अनुसंधान

  • तुला राशि में बुध प्रौद्योगिकी, आविष्कार और अनुसंधान का समर्थन करता है। इस अवधि में चिकित्सा अनुसंधान नई ऊंचाइयां छू सकते हैं। 
  • तुला राशि में बुध लंबे समय से संकट में चल रहे कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर उद्योग में कुछ गति लेकर आ सकता है। 
  • इंजीनियरिंग क्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण आविष्कार या शोध देखने को मिल सकते हैं।

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बुध का तुला राशि में गोचर- स्टॉक मार्केट रिपोर्ट

बुध शेयर बाजार को नियंत्रित करता है क्योंकि यह व्यापार, शेयर और वित्त से जुड़ा ग्रह माना गया है और बुध का तुला राशि में गोचर हमेशा इस बात पर प्रभाव डालता है कि शेयर बाजार कितना अच्छा प्रदर्शन करता है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि 10 अक्टूबर 2024 से शुरू होने वाले बुध के तुला राशि में गोचर का शेयर बाजार पर क्या प्रभाव पड़ेगा। आप स्टॉक मार्केट की पूरी रिपोर्ट आप यहां जान सकते हैं। 

  • समग्र शेयर बाजार में कभी कभार और अप्रत्याशित मामूली गिरावट के साथ तेजी ही रहने वाली है। 
  • बैंकिंग, सार्वजनिक क्षेत्र, भारी इंजीनियरिंग, कपड़ा उद्योग, हीरा व्यवसाय, चाय उद्योग, ऊनी उद्योग, सौंदर्य प्रसाधन, तंबाकू, रिलायंस इंडस्ट्रीज, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस पावर, टाटा पावर और अदानी पावर सभी महत्वपूर्ण वृद्धि का अनुभव करेंगे। 
  • इसे हासिल करना संभव है लेकिन इस महीने की 18 तारीख के बाद गति थोड़ी कम हो जाएगी। 
  • मुनाफा वसूली से बाजार की हालत खराब हो सकती है और सार्वजनिक क्षेत्र के कारण यह विशेष रूप से कमजोर भी हो सकता है। 
  • इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, पेपर प्रिंटिंग, विज्ञापन, फार्मास्यूटिकल्स और शिपिंग में पर्याप्त खामियां नजर आ सकती है और अक्टूबर के अंत में मंदी भी संभव है।

बुध का तुला राशि में गोचर- खेल प्रतियोगिताएं और इसके प्रभाव

बुध का गोचर खेल और टूर्नामेंट को भी प्रभावित करने के लिए जाना जाता है। तो चलिए एक नजर डाल लेते हैं इस अवधि में होने वाली खेल प्रतियोगिताओंऔर उस पर इस गोचर का क्या कुछ प्रभाव पड़ेगा। 

टूर्नामेंटखेलतारीख
फीफा विश्व कप क्वालीफायरफ़ुटबॉल13 अक्टूबर- 18 अक्टूबर
आईसीसी महिला टी20 क्रिकेट विश्व कपक्रिकेट3 अक्टूबर- 20 अक्टूबर
शंघाई मास्टर्सटेनिस2- 13 अक्टूबर

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

1: तुला राशि में कौन से नक्षत्र आते हैं?

चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र और विशाखा नक्षत्र तुला राशि में आते हैं।

2: तुला राशि का स्वामी कौन है? 

शुक्र ग्रह को तुला राशि का स्वामी माना गया है।  

3: कौन सा नक्षत्र बुध द्वारा शासित होता है? 

जेष्ठा नक्षत्र, अश्लेषा नक्षत्र और रेवती नक्षत्र पर बुध ग्रह का शासन होता है। 

संतान प्राप्ति की है चाह तो नवरात्रि की पंचमी तिथि पर अवश्य अपनाएँ ये अचूक उपाय!

शारदीय नवरात्र की पंचमी तिथि का समय आ गया है। आज के एस्ट्रोसेज के हमारे इस खास ब्लॉग में हम बात करेंगे नवरात्रि पंचमी तिथि से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों की और साथ ही जानेंगे कि इस दिन माता के किस स्वरूप की पूजा की जाती है, मां का स्वरूप कैसा है, मां का पूजा मंत्र भोग और शुभ रंग क्या है। 

साथ ही जानेंगे पंचमी तिथि के शुभ मुहूर्त के बारे में और शारदीय नवरात्रि की पंचमी तिथि पर किए जाने वाले अचूक उपायों की भी जानकारी। तो चलिए बिना देरी के शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग और सबसे पहले बात कर लेते हैं नवरात्रि की पंचमी तिथि के शुभ मुहूर्त की।

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शारदीय नवरात्रि 2024- पंचमी तिथि 

वर्ष 2024 में नवरात्रि के छठे दिन पंचमी तिथि पड़ रही है। अर्थात 8 अक्टूबर 2024 मंगलवार के दिन नवरात्रि की पंचमी तिथि पड़ेगी और इस दिन माँ स्कंदमाता की पूजा का विधान बताया गया है। बात करें इस दिन के हिंदू पंचांग की तो इस दिन पंचमी तिथि रहेगी, पक्ष शुक्ल रहेगा, नक्षत्र ज्येष्ठ रहने वाला है और इस दिन आयुष्मान योग बनेगा। इसके अलावा बात करें अभिजीत मुहूर्त की तो इस दिन का अभिजीत मुहूर्त 11:44:57 सेकंड से लेकर 12:31:39 सेकंड तक का रहने वाला है।

कैसा है माँ स्कंदमाता का स्वरूप?

पहले बात करें मां स्कंदमाता के स्वरूप की तो स्कंदमाता को कुमार भगवान कार्तिकेय की मां कहा जाता है। मां का स्वरूप बेहद ही खूबसूरत और मनभावन है। माँ स्कंदमाता की गोद में स्कंद देव विराजमान हैं। मां स्वयं कमल के आसन पर विराजमान होती हैं। इस वजह से इन्हें पद्मासना देवी भी कहते हैं। इसके अलावा माँ स्कंदमाता को गौरी, माहेश्वरी, पार्वती और उमा नाम से भी जाना जाता है। 

मां का वाहन सिंह है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहते हैं कि स्कंदमाता की भक्ति और उपासना करने से निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि इस दिन की पूजा में माता रानी को लाल कपड़े में सुहाग का सामान, लाल रंग के फूल, पीले चावल और एक नारियल बांधकर माता की गोद में रख दें। ऐसा करने से जल्द ही संतान प्राप्ति के योग बनने लगते हैं। 

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इसके अलावा भगवती के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, मोक्ष का मार्ग सुलभ हो जाता है, माता की भक्ति करने से व्यक्ति के जीवन में सभी मार्ग खुलने लगते हैं। माता के पूजन के साथ कार्तिकेय भगवान की भी पूजा हो जाती है। सौरमंडल की देवी होने के चलते माता संपूर्ण तेज से युक्त हैं। 

जो कोई भी व्यक्ति विशुद्ध मन से उनकी आराधना करता है उसे लाभ मिलता है। स्कंदमाता के दाहिने हाथ में कमल का फूल होता है बाएं हाथ वरद मुद्रा में है। मां के इस स्वरूप की पूजा करने से योगी का मन विशुद्धि चक्र में स्थित हो जाता है। इस चक्र में अवस्थित होने पर व्यक्ति को समस्त अलौकिक बंधनों से मुक्ति में जाती है।

तो ऐसे पड़ा माँ का नाम स्कंदमाता 

स्कंद कार्तिकेय की माता होने के चलते देवी के इस स्वरूप को स्कंदमाता का नाम मिला।

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माँ स्कंदमाता पूजा मंत्र- भोग- और शुभ रंग

अब आगे बढ़े और बात करें मां स्कंदमाता की पूजा में निश्चित रूप से शामिल करने वाले मंत्रों की तो इस दिन की पूजा में नीचे दिए गए मंत्र को अवश्य शामिल करें: 

प्रार्थना मंत्र: सिंहासन नित्यं पद्माश्रितकतद्वया।

शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।

और 

ॐ देवी स्कन्दमातायै नम:

या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मंत्र के बाद बात करें मां के प्रिय भोग की तो कहा जाता है की मां स्कंदमाता को केले बेहद ही प्रिय होते हैं। ऐसे में नवरात्रि की पंचमी तिथि के दिन पूजा में केले अवश्य शामिल करें। पूजा के बाद यह प्रसाद किसी ब्राह्मण को देना सबसे उचित माना जाता है। ऐसा करने से बुद्धि का विकास होता है। इसके अलावा आप चाहें तो आरती के बाद पाँच कन्याओं को केले का प्रसाद बांटें।

ऐसा करने से स्कंदमाता की प्रसन्नता हासिल की जा सकती है और साथ ही संतान पर आने वाले सभी संकटों का भी नाश होता है। केले के अलावा मां भगवती को खीर का प्रसाद भी बेहद प्रिय होता है। ऐसे में आप इसे भी पूजा में शामिल कर सकते हैं। 

इसके बाद रंग की बात करें तो मां की उपासना से परम शांति और सुख का अनुभव होता है ऐसे में माँ स्कन्दमाता को श्वेत यानी कि सफेद रंग बेहद ही प्रिय माना गया है। आप माँ को प्रसन्न करने के लिए इस दिन की पूजा में सफेद रंग के वस्त्र धारण करें। देवी का श्रृंगार भी सफेद वस्त्रों और आभूषणों से करें। साथ ही पूजा में सफेद रंग के ताजे फूल भी अवश्य शामिल करें।

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शारदीय नवरात्रि पंचमी तिथि पर अवश्य आजमाएं यह अचूक उपाय

  • अगर आपके भी जीवन में संतान सुख अभी तक नहीं बन पाया है तो नवरात्रि की पंचमी तिथि पर एक चुनरी में नारियल लपेट लें। इसके बाद नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें। मंत्र का जाप करते हुए इस नारियल को चुनरी समेत माँ स्कंदमाता के चरणों में अर्पित कर दे। मंत्र है: “नन्दगोपगृहे जाता यशोदागर्भ सम्भवा. ततस्तौ नाशयिष्यामि विन्ध्याचलनिवासिनी”। पूजा के बाद इस नारियल और चुनरी को अपने शयन कक्षा में अपने सिरहाने रखें। इस छोटे से अचूक उपाय को करने से जल्द ही भक्तों की झोली संतान की किलकारी से माता अवश्य भर देती हैं। 
  • इसके अलावा अगर आपके विवाह में रुकावट आ रही है या आपके परिवार में किसी सदस्य के विवाह में रुकावट आ रही है तो नवरात्रि की पंचमी तिथि पर 36 लॉन्ग और छह कपूर लेकर इसमें चावल और हल्दी मिलाकर इसे मां दुर्गा को आहुति दें। ऐसा करने से जल्द ही विवाह के संदर्भ में आ रही सभी रुकावटें दूर होने लगेगी। 
  • अगर आपका व्यवसाय या नौकरी ठीक से नहीं चल रही है, आपको मनचाही सफलता नहीं मिल रही है, कठिन परिश्रम के बाद भी आप नतीजे से खुश नहीं हैं तो पंचमी तिथि पर लौंग और कपूर में अमलतास के फूल या कोई भी पीला फूल मिलाकर इससे मां दुर्गा को आहुति दें। ऐसा करने से जल्द ही आपको मनचाही तरक्की और सफलता मिलने लगेगी। 
  • अगर आपके जीवन में स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां निरंतर रूप से बनी हुई है या आपके परिवार में कोई बार-बार बीमार पड़ रहा है तो इस दिन 52 लॉन्ग और 42 कपूर के टुकड़े ले लें। अब इस पर नारियल की गिरी, शहद और मिश्री मिला लें और इससे हवन करें। ऐसा करने से स्वास्थ्य संबंधित सभी परेशानियां जल्द ही दूर होने लगेंगे। 
  • इसके अलावा अगर आपके काम में किसी तरह की कोई रुकावट आ रही है, विघ्न आ रहा है या बनते बनते काम बिगड़ जा रहे हैं तो नवरात्रि की पंचमी तिथि पर पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी अपने घर में ले आयें। अब इस मिट्टी पर दूध, दही, घी, अक्षत, रोली, अर्पित करें और इसके आगे दिया जलाएं। अगले दिन मिट्टी को वापस पेड़ के नीचे डाल दें। ऐसा करने से जल्द ही आपके जीवन से सभी रुकावटें और बाधाएँ दूर होने लगेगी। 
  • स्कंद माता का संबंध या यूं कहिए नवरात्रि की पंचमी तिथि का संबंध बुध ग्रह से भी जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में अगर आपकी कुंडली में भी बुध ग्रह से संबंधित दोष मौजूद है या बुध ग्रह पीड़ित अवस्था में है और आपको सकारात्मक परिणाम नहीं मिल रहे हैं तो इस दिन स्कंदमाता की पूजा अवश्य करें। ऐसा करने से करियर और व्यवसाय में आपको निश्चित रूप से सफलता मिलेगी और आपकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होगी।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1: शारदीय नवरात्रि 2024 नवमी कब है?

नवरात्रि के दसवें दिन नवमी तिथि पड़ रही है। अर्थात 12 अक्टूबर 2024 शनिवार के दिन शारदीय नवरात्रि 2024 की नवमी तिथि पड़ेगी।

2: नवरात्रि का 5 वां दिन कौन सी देवी का है?

नवरात्रि का पांचवा दिन देवी स्कंदमाता को समर्पित माना गया है।

3: पांचवें दिन क्या भोग लगाना चाहिए?

कहां जाता है कि देवी स्कंद माता को केले बेहद ही प्रिय होते हैं। ऐसे में इस दिन आप केले का भोग लगा सकते हैं या फिर आप खीर भी भगवती को अर्पित कर सकते हैं।

4: मां स्कंदमाता को कौन सा कलर पसंद है?

माँ स्कन्दमाता अपने भक्तों के जीवन में सुख शांति लेकर आने के लिए जानी जाती हैं और इसीलिए इनका प्रिय रंग सफेद है। इस दिन की पूजा में श्वेत रंग के वस्त्र अवश्य शामिल करें।

धन, बुद्धि, विद्या प्राप्त करने के लिए नवरात्रि की चतुर्थी तिथि पर अवश्य पढ़ें ये चमत्कारी मंत्र!

शारदीय नवरात्रि की चतुर्थी तिथि को मां के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है लेकिन मां का यह नाम कैसे पड़ा, इस नाम का आखिर अर्थ क्या होता है, मां की पूजा करने के क्या लाभ है, इस दिन मां की पूजा में किन मित्रों को शामिल किया जाता है, मां का स्वरूप कैसा है और आप क्या कुछ उपाय करके मां कुष्मांडा की प्रसन्नता हासिल कर सकते हैं। आपके इन सभी सवालों के जवाब आपको मिलेंगे ऐस्ट्रोसेज के इस खास ब्लॉग के माध्यम से।

सिर्फ इतना ही नहीं शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा करने से कुंडली का कौन सा ग्रह मजबूत किया जा सकता है और उससे संबंधित शुभ परिणाम हासिल किए जा सकते हैं आपको इस बात की भी जानकारी हमारे इस ब्लॉग के माध्यम से हम देने का प्रयत्न करेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं चौथे दिन से संबंधित हमारा ये खास ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं इस दिन का हिंदू पंचांग क्या कुछ कहता है।

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शारदीय नवरात्रि 2024- चतुर्थी तिथि

वर्ष 2024 में शारदीय नवरात्र की चतुर्थी तिथि नवरात्रि के पांचवें दिन पड़ रही है जो की 7 अक्टूबर 2024 सोमवार के दिन पड़ेगी। इस दिन मां कुष्मांडा की पूजा का विधान बताया गया है। बात करें इससे संबंधित हिंदू पंचांग की तो 7 अक्टूबर 2024 सोमवार के दिन तिथि चतुर्थी रहेगी, पक्ष शुक्ल रहेगा, नक्षत्र अनुराधा है, योग प्रीति है, इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त की बात करें तो इस दिन का अभिजीत मुहूर्त 11:45:10 सेकंड से शुरू होकर 12:31:59 सेकंड तक रहने वाला है।

कैसा है माँ कुष्मांडा का स्वरूप?

शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना करने का विधान बताया गया है। कहा जाता है मां कुष्मांडा ने ही सृष्टि की रचना की थी। कुष्मांडा शब्द का अर्थ होता है कुम्हड़ा यानी पेठा की बलि देना। बात करें मां के स्वरूप की तो मां कुष्मांडा अनाहत चक्र को नियंत्रित करती हैं। मां की 8 भुजाएं हैं इसीलिए यह अष्टभुजा देवी के नाम से भी जानी जाती हैं। मां को कुम्हड़ा विशेष रूप से प्रिय होता है। 

ज्योतिष में माँ कुष्माण्डा का संबंध बुध ग्रह से जोड़कर देखा जाता है। कहा जाता है मां का निवास सूर्य मंडल के भीतर के लोक में स्थित है। सूर्य लोक में निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल माँ कुष्माण्डा में ही मौजूद होती है। मान्यता के अनुसार मां के शरीर की शांति और प्रभाव सूर्य के समान है। कोई भी अन्य देवी देवता उनके तेज और प्रभाव की क्षमता नहीं कर सकता है। 

मां कुष्मांडा के तेज और प्रकाश से ही दसों दिशाएं प्रकाशित होती हैं। मां कुष्माण्डा की 8 भुजाएं हैं जिनमें उन्होंने कमंडल, धनुष, बाण्ड, कमल पुष्प, अमृत पूर्ण कलश, चक्र, गदा लिया हुआ है। आठवें हाथ में सभी सिद्धियां और निधियों को देने वाली जपमाला मौजूद होती है और मां का वाहन सिंह हैं। 

कहते हैं भक्ति पूर्वक मां कुष्मांडा की भक्ति और पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होने लगते हैं, कुंडली में मौजूद बुध मजबूत होता है, व्यक्ति को निरोगी काया का वरदान मिलता है, घर से और जीवन से नकारात्मकता दूर होती है, सुख समृद्धि आती है, दुश्मनों से रक्षा मिलती है। इसके अलावा अगर कोई विवाहित लड़की मनचाहे वर को प्राप्त करना चाहती है तो उन्हें भी मां कुष्मांडा की पूजा करने की सलाह दी जाती है। 

इसके अलावा अगर आप सुहागन हैं और आप माँ की पूजा करती हैं तो आपको अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही देवी कुष्मांडा प्रसन्न होने पर अपने भक्तों को रोग, शोक और विनाश से मुक्त करके आयु, यश, बल और बुद्धि प्रदान करती हैं। ऐसे में जिस भी व्यक्ति को संसार में प्रसिद्धि की चाह होती है उन्हें निश्चित रूप से माँ कुष्मांडा की पूजा करनी चाहिए।

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तो ऐसे पड़ा माँ का नाम कुष्मांडा

मां कुष्मांडा को आदि स्वरूप आदि शक्ति के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं अपनी मंद और हल्की सी मुस्कान से इन्होंने ब्रह्मांड को उत्पन्न किया था और तभी से देवी का नाम कुष्मांडा पड़ा। जब इस सृष्टि का कोई अस्तित्व नहीं था, चारों ओर अंधकार ही अंधकार फैला हुआ था तब देवी कुष्मांडा ने अपने ‘ईषत’ हास्य से ब्रह्माण्ड की रचना की थी।

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माँ कुष्मांडा पूजा मंत्र- भोग- और शुभ रंग

अब आगे बढ़े और बात करें मां के पूजा मंत्र की तो नवरात्रि की चतुर्थी तिथि पर पूजा में इस मंत्र को अवश्य शामिल करें: 

“ॐ कुष्मांडा देव्यै नमः” 

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

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नवरात्रि के सभी 9 दिनों के लिए अलग-अलग भोग प्रसाद निर्धारित किए गए हैं। यह उसी क्रम में होते हैं जिस क्रम में देवी के स्वरूप को जो चीज प्रिय होती है। बात करें नवरात्रि की चतुर्थी तिथि पर मां के प्रिय भोग की तो पहली चीज तो उन्हें कुम्हड़ा अर्थात पेठा बेहद ही प्रिय होता है। इसके अलावा भोग के रूप में इस दिन की पूजा में मालपुआ का भोग अवश्य लगाएँ। 

यह माँ को बेहद ही प्रिय और पसंद होता है। इस प्रसाद को खुद भी ग्रहण करें और जितने ज्यादा लोगों को आप यह प्रसाद खिला सकते हैं उतने अधिक लोगों को मां का प्रसाद खिलाएं। इससे माँ की प्रसन्नता शीघ्र हासिल होती है। इसके अलावा मां को यह प्रसाद भोग के रूप में लगाने से भक्तों के जीवन में ज्ञान की प्राप्ति होती है, बुद्धि और कौशल का विकास होता है और जीवन से हर तरह का विघ्न दूर होने लगता है।

अब बात करें मां के प्रिय रंग और फूलों की तो माँ कुष्मांडा को लाल रंग बहुत पसंद होता है। ऐसे में इस दिन की पूजा में ज्यादा से ज्यादा लाल रंग के वस्त्र, पुष्प आदि अर्पित करें और शामिल अवश्य करें। मुमकिन हो तो आप खुद भी लाल रंग के वस्त्र धारण करके इस दिन की पूजा करें।

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शारदीय नवरात्रि की चतुर्थी तिथि पर अवश्य आजमाएं यह अचूक उपाय

अंतिम बात करें शारदीय नवरात्रि की चतुर्थी तिथि पर किए जाने वाले उपायों की तो, 

  • इस दिन पान के पत्ते में गुलाब की 7 पंखुड़ियां रखकर मां लक्ष्मी मंत्र पढ़ते हुए इसे देवी को अर्पित कर दें। ऐसा करने से आपके जीवन में धन-धान्य हमेशा बना रहेगा। 
  • मां कुष्मांडा को गुलाब के फूल में कपूर रखकर अर्पित करें। 
  • इसके अलावा इस दिन इमली के पेड़ की डली काट कर घर में ले आयें। इस दल पर माता के मंत्र के 11 बार जाप करें और फिर इस दल को अपनी तिजोरी या फिर धन रखने वाली जगह पर रख दें। ऐसा करने से आपके जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होगी। 
  • नवरात्रि की चतुर्थी तिथि पर शाम के समय बेल के पेड़ की जड़ पर मिट्टी, दही और इत्र अर्पित कर दें। अगले दिन की सुबह मिट्टी, इत्र, पत्थर और दही चढ़ाई बेल के पेड़ के उत्तर पूर्व दिशा की एक छोटी टहनी तोड़कर घर में ले आयें। इस टहनी पर 108 बार महालक्ष्मी मंत्र का जाप करें और इसे अपनी तिजोरी में रखें। 
  • आप अपने जीवन में चल रही परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए इस दिन की पूजा में नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्। जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

  • मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए इस मंत्र का जाप करें। 

वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्। सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥

  • अपनी बौद्धिक क्षमता बढ़ाने के लिए या फिर किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रहे हैं तो उसमें अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए मंत्र का 11 बार जाप करें। 

‘या देवी सर्वभूतेषु बिद्धि-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

  • घर में सुख शांति समृद्धि बढ़ाने के लिए इस मंत्र का जाप करें।

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1: नवरात्रि के चौथे दिन का भोग क्या है?

नवरात्रि की चतुर्थी तिथि के दिन पेठा और मालपुआ भोग के रूप में माँ को अवश्य अर्पित करें।

2: नवरात्रि के 4 दिन कौन सी देवी की पूजा करें?

नवरात्रि के चतुर्थी तिथि पर मां के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है।

3: नवरात्रि के चौथे दिन की पूजा कैसे करें?

नवरात्रि की चतुर्थी तिथि पर भी सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर मां कुष्मांडा की पूजा करें, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, आरती करें, अनजाने में भी कोई भूल की क्षमा मांगे, अंत में खुद भी प्रसाद लें और पूजा में शामिल सभी लोगों को प्रसाद अवश्य खिलाएं।

दशहरे का यह सप्ताह पांच राशियों के सौभाग्य में करेगा अपार वृद्धि- जानें क्या आप भी हैं इसमें शामिल

अक्टूबर का महीना आपके लिए कैसा रहने वाला है, इस महीने के दूसरे सप्ताह में जीवन की विभिन्न मोर्चों पर आपको किस तरह के परिणाम मिलने वाले हैं, इस दौरान आपका स्वास्थ्य कैसा रहेगा, आदि। अगर आप अपने इन सभी सवालों का जवाब जानना चाहते हैं तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं क्योंकि ऐस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग  में हम आपके इन्हीं सभी सवालों का जवाब देने वाले हैं।

वैदिक ज्योतिष पर आधारित हमारा यह खास ब्लॉग ग्रहों नक्षत्रों की चाल, दशा, स्थिति को ध्यान में रखते हुए और विद्वान ज्योतिषियों द्वारा तैयार किया गया है। यहां हम आने वाले 7 दिनों से जुड़ी हर छोटी बड़ी और महत्वपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाने का प्रयत्न करते हैं। फिर बात करें चाहे व्रत-त्यौहारों की या इस सप्ताह में होने वाले ग्रहण और गोचर की, आपको यहां पर सब कुछ बताया जाएगा। 

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तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं इस सप्ताह का हिंदू पंचांग क्या कहता है।

इस सप्ताह का हिंदू पंचांग और ज्योतिषीय गणना

7 अक्टूबर 2024 सोमवार, तिथि चतुर्थी, पक्ष कृष्ण, नक्षत्र अनुराधा, योग प्रीति, अभिजीत मुहूर्त 11:45:10 से 12:31:59 तक

8 अक्टूबर 2014 मंगलवार, तिथि पंचमी, पक्ष शुक्ल, नक्षत्र ज्येष्ठा, योग आयुष्मान, अभिजीत मुहूर्त 11:44:57 से 12:31:39 तक 

9 अक्टूबर 2014 बुधवार, तिथि षष्ठी, पक्ष शुक्ल, नक्षत्र मूल, योग सौभाग्य और शोभन, अभिजीत मुहूर्त कोई नहीं है

10 अक्टूबर 2014 गुरुवार, तिथि सप्तमी, पक्ष शुक्ल, नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा, योग अतिगण्ड, अभिजीत मुहूर्त 11:44:31 से 12:31:00 तक

11 अक्टूबर 2024 शुक्रवार, तिथि अष्टमी, पक्ष शुक्ल, नक्षत्र उत्तराषाढ़ा, योग सुकर्मा, अभिजीत मुहूर्त 11:44:20 से 12:30:41 तक

12 अक्टूबर 2014 शनिवार, तिथि नवमी, पक्ष शुक्ल, नक्षत्र श्रवण, योग धृति, अभिजीत मुहूर्त 11:44:08 से 12:30:24 तक

13 अक्टूबर 2024 रविवार, तिथि दसवीं, पक्ष शुक्ल, नक्षत्र धनिष्ठा, योग शूल, अभिजीत मुहूर्त 11:43:57 से 12:30:06 तक

तो यह था 7 अक्टूबर से 13 अक्टूबर के सप्ताह का हिंदू पंचांग और ज्योतिषीय गणना। इन्हीं पर आधारित व्रत और त्योहारों की सूची हम आपको नीचे प्रदान करने जा रहे हैं।

इस सप्ताह के व्रत और त्योहार

व्रत और त्योहार हमारे जीवन में खुशियां और सौभाग्य लेकर आते हैं। हालांकि कई बार अपने जीवन की व्यस्तता के चलते हम इन महत्वपूर्ण दोनों को भूल जाते हैं। आपके साथ भी ऐसा ना हो इसलिए हम आने वाले सप्ताह के सभी व्रत और त्योहारों की सूची आपको समय से पूर्व यहां प्रदान कर रहे हैं। बात करें 7 से 13 अक्टूबर के बीच पड़ने वाले व्रत त्योहार की तो, 

7 अक्टूबर 2024 सोमवार के दिन उपांग ललिता व्रत किया जाएगा 

8 अक्टूबर 2024 मंगलवार के दिन बिल्व निमंत्रण, स्कंद षष्ठी है 

9 अक्टूबर 2024 बुधवार के दिन सरस्वती आवाहन, काल बोधन है 

10 अक्टूबर 2024 गुरुवार के दिन सरस्वती पूजा, नवपत्रिका पूजन है 

11 अक्टूबर 2024 शुक्रवार के दिन दुर्गा अष्टमी, संधी पूजा, सरस्वती बलिदान, मासिक दुर्गा अष्टमी है 

इसके बाद 12 अक्टूबर 2024 शनिवार के दिन सरस्वती विसर्जन, दुर्गा बलिदान, दुर्गा विसर्जन, विजयादशमी, दशहरा, बंगाल महानवमी, दक्षिण सरस्वती पूजा, बुद्ध जयंती है 

13 अक्टूबर 2024 रविवार के दिन बंगाल विजयदशमी, विद्या आरंभ, दशहरा, पापांकुशा एकादशी का व्रत किया जाएगा

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7 से 13 अक्टूबर 2024 के ग्रहण और गोचर 

ग्रहण और गोचर के बारे में जानना इसलिए आवश्यक हो जाता है क्योंकि महत्वपूर्ण भविष्यवाणी ग्रहों की चाल और स्थिति देखकर ही की जाती है। इसके अलावा ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जब भी ग्रहों का कोई भी परिवर्तन होता है तो इससे हमारे जीवन पर प्रभाव अवश्य पड़ता है और यही वजह है कि ग्रहण और गोचर के बारे में जानना बहुत आवश्यक रहता है। 

बात करें 7 से 13 अक्टूबर के बीच होने वाले ग्रहण और गोचर की तो जहां एक तरफ इस सप्ताह में कोई भी ग्रहण नहीं लगेगा वहीं इस सप्ताह में दो गोचर होंगे या यूं कहिए ग्रहों के दो अहम परिवर्तन होंगे। इनमें से पहला होगा 9 अक्टूबर 2024 को जब मिथुन राशि में गुरु वक्री हो जाएंगे। इसका समय होगा 10:01। इसके ठीक अगले दिन यानी 10 अक्टूबर को बुध तुला राशि में गोचर कर जाएंगे। इसका समय होगा 11:09। 

यह दोनों ही ग्रह ज्योतिष में विशेष महत्व रखते हैं। ऐसे में इनमें जो भी परिवर्तन आने वाला है इससे मानव जीवन निश्चित रूप से प्रभावित अवश्य होगा। अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि आपके व्यक्तिगत जीवन पर इन परिवर्तनों का क्या प्रभाव पड़ेगा तो आप विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श ले सकते हैं।

आज का गोचर

7 से 13 अक्टूबर 2024 के बैंक अवकाश

बैंक अवकाश के बारे में जानना इसलिए जरूरी हो जाता है क्योंकि कई बार हमें पता नहीं होता है बैंक किस दिन बंद रहने वाले हैं और ऐसे में बैंक से संबंधित हमारा जरूरी काम अटक जाता है। आपके जीवन में भी इस तरह की परेशानी ना आए इसलिए हम आपको आने वाले सप्ताह के बैंक अवकाश की जानकारी भी दे देते हैं। बात करें 7 से 13 अक्टूबर के बीच पड़ने वाले बैंक अवकाशों की तो,

10 अक्टूबर 2024, गुरुवार को महासप्तमी है और इसका बैंक अवकाश देश भर में है।  

11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार को महा नवमी है और इसका बैंक अवकाश भारत भर में कई राज्य में मान्य होगा। 

12 अक्टूबर 2024, शनिवार को दशहरा है और इसका बैंक अवकाश भारत भर में कई राज्य में मान्य होगा।

12 अक्टूबर 2024, शनिवार को आयुध पूजा है और इसका बैंक अवकाश भारत भर में कई राज्य में मान्य होगा।

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7 से 13 अक्टूबर 2024 विवाह मुहूर्त

7 से 13 अक्टूबर के इस सप्ताह में केवल एक ही विवाह मुहूर्त पड़ रहा है और वो 7 को है।  इसके अलावा अगर आप वर्ष 2025 के शुभ विवाह मुहूर्त की जानकारी जानना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें- विवाह मुहूर्त 2025

7 से 13 अक्टूबर 2024 जन्मदिन की जानकारी 

अपने इस आखिरी सेगमेंट में हम जानते हैं कि अक्टूबर के इस सप्ताह में अगर आपका भी जन्मदिन पड़ता है तो आप किन मशहूर सितारों के साथ अपना जन्मदिन साझा करते हैं। लेकिन यह जानने से पहले चलिये एक नज़र डाल लेते हैं अक्टूबर में जन्मे लोगों के व्यक्तित्व के बारे में। 

अक्टूबर में पैदा हुए बच्चे आशावादी स्वभाव के होते हैं और इनका सकारात्मक रहना उनके आसपास के लोगों को उनके प्रति आकर्षित करता है। यह हर समस्या को जीवन में आगे बढ़ने का एक मौका मानते हैं और उसका समाधान ढूंढने की पूरी कोशिश करते हैं। अपने इसी पॉजिटिव दृष्टिकोण से वह जीवन बड़ी सफलता हासिल करते हैं। 

स्वभाव की बात करें तो ऐसे बच्चे बेहद ही शांत और संवेदनशील स्वभाव के होते हैं। यह अपनी भावनाओं को समझाने में माहिर होते हैं और दूसरों की भावनाओं का भी उतना ही सम्मान करते हैं। यही वजह है कि अक्टूबर में जन्मे लोगों के रिश्ते अपनों से बेहद ही मजबूत होते हैं और यह समस्या का सही हल ढूंढ लेते हैं। अब बात करें कि 7 से 13 अक्टूबर के इस सप्ताह में किन-किन मशहूर सितारों का जन्मदिन पड़ने वाला है तो, 

7 अक्टूबर अभिजीत सावंत, शरद केलकर 

8 अक्टूबर गौरी खान 

9 अक्टूबर सयानी गुप्ता 

10 अक्टूबर रेखा 

11 अक्टूबर अमिताभ बच्चन 

12 अक्टूबर शक्ति मोहन 

13 अक्टूबर पूजा हेगडे

यदि आप अपने फेवरेट सितारे की कुंडली देखकर उनके भविष्य के बारे में कुछ भी जानना चाहते हैं तो आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं।

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साप्ताहिक राशिफल 7 – 13 अक्टूबर 2024

अब जानते हैं सभी बारह राशियों के जातकों के लिए यह सप्ताह क्या कुछ लेकर आने वाला है:

यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
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मेष साप्ताहिक राशिफल 

इस सप्ताह आपके स्वभाव में अपने स्वास्थ्य को लेकर, थोड़ी अधिक सजकता देखी जाएगी। जिसके कारण ….. (विस्तार से पढ़ें) 

मेष प्रेम राशिफल 

प्यार एक ऐसा एहसास है जो हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देता है। आप भी इस ….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

स्वास्थ्य के लिहाज से समय विशेष अच्छा रहेगा और आप अपने अच्छे स्वास्थ्य के बल पर, अपने ….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह कई योग बनेंगे और आपको कई ऐसे अवसर प्राप्त होंगे, जब आप….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

इस राशि के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना, इस सप्ताह बिलकुल भी नहीं करना….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन प्रेम राशिफल

इस सप्ताह कई योग बनेंगे और आपको कई ऐसे अवसर प्राप्त होंगे, जब आप अपने प्रेम ….(विस्तार से पढ़ें)

कर्क साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको अपने शारीरिक और मानसिक लाभ की प्राप्ति के लिए, ध्यान व योग का सहारा लेना…. (विस्तार से पढ़ें)

कर्क प्रेम राशिफल

इश्क की खुमारी इस दौरान सातवें आसमान पर होगी। अपने मनोभावों को….(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपके ऊपर कुछ अधिक, भावुक मिज़ाज छाया रहेगा। जिसके कारण आप दूसरों से….(विस्तार से पढ़ें)

सिंह प्रेम राशिफल

इस सप्ताह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में चल रही उठापटक के बाद, आप अपने प्रिय……(विस्तार से पढ़ें)

कन्या साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको ख़ास तौर से हिदायत दी जाती है कि अपना अतिरिक्त समय घर पर बैठकर….(विस्तार से पढ़ें)

कन्या प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपका प्रेमी आपको मनाने की कोशिश करता दिखाई देगा और….(विस्तार से पढ़ें)

तुला साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको एक बेहतर ज़िंदगी जीने के लिए, अपनी सेहत और व्यक्तित्व में सुधार लाने की…..(विस्तार से पढ़ें)

तुला प्रेम राशिफल

कामकाज में व्यस्तता के चलते, इस सप्ताह आपके प्रेम संबंधों में रोमांस को….. (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आप अपने अच्छे स्वास्थ्य के कारण, उन लोगों को गलत साबित कर देंगे, जो सोचते थे…..(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपका लवमेट आपकी विश्वसनीयता की परीक्षा ले सकता है और…..(विस्तार से पढ़ें)

धनु साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह सब कुछ होते हुए भी आप खुद को, भावनात्मक तौर पर कमज़ोर महसूस करेंगे। क्योंकि …..(विस्तार से पढ़ें)

धनु प्रेम राशिफल

प्रेम जीवन में आ रही परेशानियां दूर होंगी, क्योंकि इस सप्ताह आप अपने लवमेट …..(विस्तार से पढ़ें)

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मकर साप्ताहिक राशिफल

भावनात्मक तौर पर ये सप्ताह, आपके लिए अच्छा नहीं होगा। क्योंकि इस दौरान आप अपने जीवन ….(विस्तार से पढ़ें)

मकर प्रेम राशिफल

इस पूरे ही सप्ताह आपको कार्यक्षेत्र पर अतिरिक्त काम के दबाव के चलते, ….(विस्तार से पढ़ें)

कुम्भ साप्ताहिक राशिफल

यदि आप किसी समस्या से पीड़ित थे तो, इस सप्ताह आपकी सेहत ठीक रहेगी। हालांकि योग…. (विस्तार से पढ़ें)

कुम्भ प्रेम राशिफल

ये सप्ताह आपके प्यार और रोमांस के नज़रिए से, काफ़ी विवादास्पद रहने वाला….(विस्तार से पढ़ें)

मीन साप्ताहिक राशिफल 

इस सप्ताह आपको कुछ थकान भरे कार्यों से समय निकलते हुए, आराम करने और क़रीबी…..(विस्तार से पढ़ें)

मीन प्रेम राशिफल

इस समय में आप अपने प्रियतम के साथ, प्रेम पूर्वक समय बिता पाएंगे। उनके…. (विस्तार से पढ़ें)

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

1: दशहरा कब है 2024?

12 अक्टूबर 2024 शनिवार के दिन दशहरा मनाया जाएगा।

2: विजय दशमी क्यों मनाते हैं?

विजया दशमी बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला खूबसूरत त्योहार है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम ने रावण का वध करने से पहले नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की थी और दसवें दिन रावण का वध किया था। 

3: अक्टूबर 2024 के विवाह मुहूर्त बताइये। 

7 से 13 अक्टूबर के इस सप्ताह में केवल एक ही विवाह मुहूर्त पड़ रहा है और वो 7 को है।  इसके अलावा अगर आप वर्ष 2025 के शुभ विवाह मुहूर्त की जानकारी जानना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें- विवाह मुहूर्त 2025

टैरो साप्ताहिक राशिफल (06 अक्टूबर से 12 अक्टूबर, 2024): इस सप्ताह इन राशियों को मिलेगा भाग्य का साथ!

टैरो साप्ताहिक राशिफल 06 अक्टूबर से 12 अक्टूबर: टैरो कार्ड एक प्राचीन विद्या है जिसका उपयोग भविष्य जानने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही टैरो कार्ड रीडर और रहस्यवादियों द्वारा अंतर्ज्ञान प्राप्त करने और किसी विषय की गहराई तक पहुँचने के लिए होता रहा है। यदि कोई व्यक्ति बेहद आस्था और विश्वास के साथ मन में उठ रहे सवालों के जवाब ढूंढ़ने के लिए आता है, तो टैरो कार्ड की दुनिया आपको हैरान कर सकती है। बहुत से लोग मानते हैं कि टैरो एक मनोरंजन का साधन है और इसे ज्यादातर मनोरंजन के रूप में देखते हैं। 

दुनियाभर के विद्वान टैरो रीडर्स से करें कॉल/चैट पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

साल 2024 के दसवें महीने अक्टूबर का यह दूसरा सप्ताह यानी कि टैरो साप्ताहिक राशिफल 06 अक्टूबर से 12 अक्टूबर 2024 अपने साथ क्या कुछ लेकर आएगा? यह जानने से पहले हम टैरो कार्ड के बारे में बात करेंगे। आपको बता दें कि टैरो की उत्पति आज से 1400 वर्ष पहले हुई थी और इसका सबसे पहला वर्णन इटली में मिलता है। शुरुआत में टैरो को ताश के रूप में राजघरानों की पार्टियों में खेला जाता था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया। मध्यकाल में टैरो को जादू-टोना से जोड़कर देखा जाने लगा और इसके परिणामस्वरूप आम लोगों ने भविष्य बताने वाली इस विद्या से दूरी बनाना सही समझा। 

लेकिन टैरो कार्ड का सफर यही थमा नहीं और इसने कुछ दशकों पहले पुनः प्रसिद्धि प्राप्त की जब दुनिया के सामने इसे एक भविष्य बताने वाली विद्या के रूप में पहचान मिली। भारत समेत दुनियाभर में टैरो की गिनती भविष्यवाणी करने वाली महत्वपूर्ण विद्याओं में होती है और अंत में टैरो कार्ड वह सम्मान पाने में सफल हुआ है जिसका वह हक़दार था। तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि अक्टूबर का यह दूसरा सप्ताह यानी कि 06 अक्टूबर से 12 अक्टूबर 2024 तक का समय सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहने की संभावना है?

टैरो साप्ताहिक राशिफल 06 अक्टूबर से 12 अक्टूबर, 2024: राशि अनुसार राशिफल

मेष राशि

प्रेम जीवन: क्वीन ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: नाइन ऑफ पेंटाकल्स (रिवर्सड) 

करियर: द हर्मिट

स्वास्थ्य: पेज़ ऑफ स्वॉर्ड्स

प्रेम जीवन में क्वीन ऑफ वैंड्स कार्ड ऐसे व्यक्ति को दर्शाता है, जो पूरी तरह स्वतंत्र हो, मिलनसार और खुशमिजाज हो। साथ ही, आत्मविश्वास से भरा हो। ऐसे में यह कार्ड संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आपका साथी मिलनसार स्वभाव का होगा और उन्हें आप पर गर्व होगा। आपके रिश्ते में प्रेम व विश्वास देखने को मिलेगा। हालांकि आपके पार्टनर आपसे थोड़ा वक्त मांग सकते हैं।

आर्थिक जीवन में नाइन ऑफ पेंटाकल्स (रिवर्सड) कार्ड आपको अपने बैलेंस को चेक करने को कहता है। आवेग में आ कर खरीदारी करने या किसी को देने से पहले सोच-विचार करें। अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए आपको पहले अपने आर्थिक जीवन पर नज़र डालनी चाहिए। यदि आप स्थिर स्थिति में हैं तभी खरीदारी के लिए आगे बढ़े अन्यथा आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।

आपके करियर की बात करें तो करियर में विकल्पों की कमी के कारण आप अपने वर्तमान व्यवसाय में फंसे हुए महसूस कर सकते हैं। आपको सलाह दी जाती है कि प्रतिकूल भावनाओं को अपने ऊपर हावी न होने दें क्योंकि चिंता की बात नहीं है सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा।

स्वास्थ्य के लिहाज से पेज ऑफ़ स्वॉर्ड्स इस सप्ताह संकेत दे रहा है कि आप एलर्जी, फ्लू, सर्दी आदि से ग्रस्त हो सकते हैं। ऐसे में सावधानी बनाए रखें और अपने स्वास्थ्य को बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ न करें अन्यथा छोटी से छोटी समस्या आप पर भारी पड़ सकती है।

भाग्यशाली अंक: 4

वृषभ राशि 

प्रेम जीवन: द हाई प्रीस्टेस 

आर्थिक जीवन: किंग ऑफ वैंड्स 

करियर: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स

स्वास्थ्य: पेज़ ऑफ स्वॉर्ड्स

वृषभ राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो द हाई प्रीस्टेस कार्ड संकेत दे रहा है कि आप अपने प्रियजनों के प्रति वफादार रहेंगे और यदि बात भावनात्मक रूप से फैसले लेने की आती है तो आप अपने अंतर्ज्ञान की सुनना पसंद करेंगे। इसके अलावा, आप इस अवधि अपने प्रियजनों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने में सक्षम होंगे।

आर्थिक जीवन की बात करें तो किंग ऑफ वैंड्स आपके लिए एक भाग्यशाली कार्ड होगा। आप अपने वित्तीय लक्ष्य तक पहुंचाने की इच्छा, उत्साह, ऊर्जा और अनुभव प्राप्त करने वाले हैं। यह कार्ड संकेत दे रहा है कि आपके पास अपने व्यवसाय या पेशे में सफल होने के लिए आवश्यक नेतृत्व क्षमता मौजूद है।

करियर में नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड दृढ़ता और संकल्प का प्रतीक है। यह कार्ड संकेत दे रहा है कि आप अपने प्रयासों और दृढ़ संकल्प के साथ अपने उद्देश्यों को पूरा करेंगे। इस कार्ड का अर्थ यह भी हो सकता है कि यदि आप आप अपने व्यवसाय में रिस्क लेने के लिए तैयार हैं और दृढ़ निश्चयी हैं तो आप अपनी व्यावसायिक गतिविधियों में अवश्य सफल होंगे।

पेज ऑफ स्वॉर्ड्स टैरो कार्ड आपको संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आपको अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। आप इस अवधि स्पष्टता और आत्म-देखभाल को अधिक प्राथमिकता देंगे

भाग्यशाली अंक: 6

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मिथुन राशि

प्रेम जीवन: द एम्परर 

आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ कप्स

करियर: पेज़ ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: सेवन ऑफ स्वॉर्ड्स

मिथुन राशि के जातकों प्रेम के संदर्भ में आपको द एम्परर कार्ड मिला है जो एक अनुकूल कार्ड माना जाता है। यह समर्पण, स्थिरता और संबंधों में बेहतर तरीके से निर्णय लेने की आवश्यकता का प्रतीक है। यह कार्ड सच्चाई पर चलने और अपने कार्यों को जिम्मेदारी से पूरा करने के बारे में सोचने को कहता है। यह कार्ड इस बात की भी चर्चा करता है कि आप अपने अंदर भावनाओं को छिपाना पसंद करते हैं।

आर्थिक जीवन की बात करें तो आप इस सप्ताह जरूरतमंदों की मदद करने और चैरिटी को दान करेंगे। यह कार्ड इस बात का भी संकेत दे रहा है कि आपको जल्द ही पैतृक संपत्ति से लाभ होने वाला है या घर का कोई सदस्य आपको उपहार के रूप में पैसा दे सकता है।

करियर की बात करें तो पेज ऑफ़ वैंड्स कार्ड दर्शा रहा है कि इस अवधि आपको नए अवसर प्राप्त होंगे और आपके अंदर नए-नए विचार आ सकते हैं। साथ ही, यह कार्ड आपको आत्मविश्वास से भरपूर नए कार्य को शुरू करने और आगे बढ़ने का भी संकेत दे रहा है। 

सेवन ऑफ़ स्वॉर्ड्स सुझाव दे रहा है कि आपको उन सावधानियों पर ध्यान देना चाहिए जिन्हें आपने पहले अनदेखा किया है। इसका यह भी मतलब हो सकता है कि आपको अपना इलाज करवाना चाहिए और किसी भी स्वास्थ्य समस्या को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए।

भाग्यशाली अंक: 3

कर्क राशि

प्रेम जीवन: किंग ऑफ वैंड्स 

आर्थिक जीवन: टू ऑफ वैंड्स 

करियर: टेन ऑफ पेंटाकल्स 

स्वास्थ्य: थ्री ऑफ स्वॉड्स

प्रेम जीवन में टू ऑफ वैंड्स दर्शाता है कि आपको अपना जीवनसाथी बाहर से कठोर और आत्मविश्वासी लग सकता है, लेकिन वह वास्तव में आपसे बहुत प्यार करते हैं। वे आत्मविश्वास से भरे हुए हैं और अपने काम पर ध्यान देते हैं और आपकी देखभाल में कोई कमी नहीं छोड़ते हैं।

कर्क राशि के आर्थिक जीवन की बात करें तो, टू ऑफ वैंड्स नए राजस्व स्रोतों का प्रतिनिधित्व कर रहा है। यह कार्ड यह भी सुझाव देता है कि आप सोशल मीडिया से पैसा कमा सकते हैं। आपके वेतन में भी वृद्धि होगी, जितना आपने अनुमान लगाया था उससे कहीं अधिक। जिन जातकों का खुद का व्यवसाय है, उन्हें इस पूरे सप्ताह कमाई के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे।

करियर की बात करें तो, टेन ऑफ पेंटाकल्स इस सप्ताह आपके लिए पदोन्नति और व्यवसाय के नए अवसर प्रदान करेगा। आप खुद को ठोस और सफलतापूर्वक तरीके से स्थापित करेंगे। साथ ही, आप एक सामान्य नौकरी या रोजगार से अपने खुद के व्यवसाय की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

स्वास्थ्य के लिहाज़ से थ्री ऑफ स्वॉड्स आपके लिए अनुकूल कार्ड प्रतीत नहीं हो रहा है। यह आपके खराब स्वास्थ्य का संकेत दे रहा है। ऐसे में, आपको बहुत अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। यदि आप लंबे समय से किसी शारीरिक चोट से पीड़ित हैं, तो आपको कुछ और समय तक तकलीफ़ होती रहेगी।

भाग्यशाली अंक: 11

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सिंह राशि

प्रेम जीवन: द हीरोफेंट

आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ कप्स

करियर: ऐस ऑफ वैंड्स 

स्वास्थ्य: टेन ऑफ वैंड्स

सिंह राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें, तो द हीरोफेंट कार्ड आपके लिए बेहतरीन कार्ड साबित होगा। आप अपने पार्टनर के साथ आरामदायक स्थिति में होंगे। आप चाहते हैं कि आपका रिश्ता जितना संभव हो उतना पारंपरिक हो क्योंकि आप इसकी सराहना करते हैं। आप लंबे समय तक एक-दूसरे का साथ देंगे। जो लोग सिंगल हैं, वे पारंपरिक और ईमानदार साथी की तलाश में रहेंगे।

आर्थिक जीवन की बात करें, तो सिक्स ऑफ़ कप्स संकेत दे रहा है कि आपको इस सप्ताह धन सहायता मिल सकती है या हो सकता है कि आपने बैंक से लोन के लिए अप्लाई किया हो और ऋण आवेदन स्वीकृत हो जाए, या आप दोस्तों या रिश्तेदारों से सहायता मांग सकते हैं। इससे आपकी आर्थिक  स्थिति स्थिर बनी रहेगी।

करियर के लिहाज़ से, ऐस ऑफ़ वैंड्स उन सबसे शुभ कार्डों में से एक है जिनकी आप कल्पना कर सकते हैं। यह कार्ड संकेत दे रहा है कि आप इस सप्ताह पदोन्नति प्राप्त करेंगे। इसके अतिरिक्त, यह सुझाव देता है कि आप आर्थिक रूप से स्थिरता प्राप्त करेंगे और आपके सपने पूरे होंगे।

स्वास्थ्य की बात करें, तो टेन ऑफ़ वैंड्स मानसिक और शारीरिक थकान की ओर इशारा करता है। आप इस सप्ताह वास्तव में अपने शरीर और दिमाग पर ज़रूरत से ज़्यादा दबाव डाल रहे हैं। या तो आप आवश्यकता से अधिक व्यायाम कर रहे हैं या फिर काम और अन्य चीजों के बारे में बहुत अधिक चिंता कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप मानसिक थकान हो रही है।

भाग्यशाली अंक: 01

कन्या राशि 

प्रेम जीवन: सिक्स ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: सेवन ऑफ कप्स

करियर: द हैंग्ड मैन (रिवर्सड)

स्वास्थ्य: किंग ऑफ पेंटाकल्स

प्रेज जीवन की बात करें तो सिक्स ऑफ वैंड्स संकेत देता है कि इस सप्ताह आपकी शादी तय होने की संभावना है। अविवाहित लोग आखिरकार शादी के लिए हां कह सकते हैं और जो विवाहित हैं वे अपने जीवनसाथी और अन्य सदस्यों के साथ किसी पारिवारिक समारोह में शामिल हो सकते हैं। यह परिवार के साथ मिलकर प्यार और खुशियां बांटने का समय है।

कन्या राशि वालों के आर्थिक जीवन की बात करें, तो सेवन ऑफ कप्स दर्शाता है कि इस सप्ताह आप आय के कई स्रोत उत्पन्न कर सकते हैं या कई धन कमाने के तरीकों के बारे में सोच सकते हैं। यह एक ऐसा कार्ड है जो आपको चेतावनी भी देता है कि पैसे कमाने के लालच में कोई गलत कदम न उठाए, नहीं तो आपको बाद में पछताना पड़ सकता है।

करियर की बात करें, तो द हैंग्ड मैन (रिवर्सड) दर्शाता है कि इस सप्ताह आपके करियर के मामले में चीजें आगे बढ़ने लगेंगी। यदि आप नए अवसर प्राप्त करने में असमर्थ थे, तो अब आपको नए अवसर प्राप्त होंगे या आपके कार्यस्थल पर नए और रोमांचक प्रोजेक्ट आने शुरू हो सकते हैं और आप इससे जुड़ सकते हैं।

स्वास्थ्य के मामले में किंग ऑफ पेंटाकल्स कार्ड इस सप्ताह अच्छे स्वास्थ्य की ओर इशारा करता है। फिर भी आपको सलाह दी जाती है कि आप सख्त आहार और व्यायाम व्यवस्था का पालन करें। इस सप्ताह आप लंबे समय के बाद ऊर्जावान और बेहतरीन स्वास्थ्य महसूस कर सकते हैं।

भाग्यशाली अंक: 15

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तुला राशि

प्रेम जीवन: पेज़ ऑफ स्वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ कप्स (रिवर्सड)

करियर: थ्री ऑफ कप्स

स्वास्थ्य: द स्टार

प्रेम जीवन की बात करें, तो पेज़ ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड अपरिपक्वता का संकेत देता है। यह कार्ड बताता है कि आप रिश्ते में भावनात्मक रूप से परेशान हो सकते हैं। आप दोनों के बीच वाद-विवाद या झगड़ा हो सकता है और एक-दूसरे को अपशब्द बोल सकते हैं। इसके साथ ही, रिश्ते में गलतफहमी, उतार-चढ़ाव और विश्वास की कमी देखने को मिल सकती है।

आर्थिक जीवन के लिहाज़ से, यदि आप वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे हैं या आपको घाटा हो रहा है, तो फाइव ऑफ कप्स (रिवर्सड) संकेत दे रहा है कि अब आपके लिए यह बुरा समय खत्म होने वाला है और आरामदायक समय शुरू होने वाला है। यह संभव है कि आप अपने नुकसान से उबर रहे हों और आर्थिक जीवन में स्थिरता प्राप्त करने के नए रास्ते खोज रहे हैं। आपने जो भी अभी तक हासिल किया है, उस पर आपको गर्व है।

करियर के लिहाज़ से, थ्री ऑफ कप्स सुझाव देता है कि इस सप्ताह आपके पास अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए कार्यक्षेत्र में कई अवसर प्राप्त होंगे। आप अपने लक्ष्यों के करीब पहुंचेगे और अपने दम पर उपलब्धियों को हासिल करेंगे और यह बात आपको प्रेरित करेगी।

स्वास्थ्य के मामले में, द स्टार आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन कार्ड है, जो अच्छे स्वास्थ्य की बात कह रहा है। इस सप्ताह आप खुद को मजबूत महसूस करेंगे और अपनी स्वस्थ दिनचर्या पर टिके रहने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

भाग्यशाली अंक: 7

वृश्चिक राशि 

प्रेम जीवन: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: व्हील ऑफ फॉर्च्यून 

करियर: द एम्परर

स्वास्थ्य: फाइव ऑफ कप्स

 प्रेम जीवन में नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स संकेत देता है कि इस सप्ताह आप और आपके साथी के बीच बहुत अधिक बहस या विवाद हो सकता है, इसलिए अगर आप चाहते हैं कि रिश्ता शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहे तो अपनी जुबान पर काबू रखें। यह कार्ड आलस्य, झगड़ा और रिश्ते में खटास को दर्शाता है।

व्हील ऑफ फॉर्च्यून आर्थिक जीवन में लाभ को दर्शाता है। यह कार्ड आपकी वित्तीय स्थिति में आने वाले बदलावों का संकेत हो सकता है, जिसका अर्थ है कि आप अपने वित्त का प्रबंधन समझदारी से करें और अप्रत्याशित खर्चों को ध्यान में रखें। अगर अब तक आपकी वित्तीय स्थिति स्थिर रही है, तो ये बदलाव आपको भविष्य के लिए अपनी बचत बढ़ाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

द एम्परर कार्ड सुझाव देता है कि आप अपने करियर में बेहतरीन तरीके से आगे बढ़ेंगे और पूरे दृढ़ता से अपने कार्य को करेंगे। आप अपने कार्य को और भी अच्छा करने के तरीके ढूंढेंगे। यदि आप अपने अंदर दृढ़ता, अनुशासन और दक्षता लाते हैं तो आपका काम निखर कर सामने आएगा।

स्वास्थ्य के मामले में, फाइव ऑफ कप संकेत देता है कि आप इस सप्ताह किसी बड़ी दुर्घटना या किसी दीर्घकालिक बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं जो आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने से रोक सकती है। ऐसे में, आपको किसी चिकित्सक से मिलना चाहिए और उपचार की ओर कदन बढ़ाना चाहिए।

भाग्यशाली अंक: 12

धनु राशि

प्रेम जीवन: द सन 

आर्थिक जीवन: थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड)  

करियर: नाइन ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: किंग ऑफ़ स्वॉर्ड्स

प्रेम जीवन में द सन संकेत देता है कि आप अपने परिवार के साथ बेहतरीन समय बिता रहे हैं, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। यह अवधि आपके लिए बहुत अधिक अच्छी साबित होगी। आप परिवार के साथ अच्छे पलों का आनंद लेंगे। यह कार्ड आपके परिवार में बच्चे के आगमन का भी संकेत दे रहा है या आप और आपका जीवनसाथी नए माता-पिता भी बन सकते हैं।

यदि आप वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, तो थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड) संकेत दे सकता है कि चीजें बेहतर होने वाली हैं। आपके धन में इजाफा देखने को मिलेगा। चीजें पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और बेहतर होंगे।

करियर में नाइट ऑफ वैंड्स संकेत देता है कि आप जल्दी सफलता की तलाश में हो सकते हैं और इस सप्ताह आपको जल्दी सफलता मिल सकती है, लेकिन अगर आप अपने काम को अपने स्किल्स और कड़ी मेहनत के साथ नहीं करते हैं तो लंबे समय तक टिके रहना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। याद रखें, कड़ी मेहनत से बढ़कर कुछ नहीं है, इसलिए सफलता के लिए छोटे रास्ते की तलाश न करें।

सेहत की लिहाज़ से किंग ऑफ स्वॉर्ड्स आपको एलर्जी और फ्लू होने का संकेत दे रहा है। आप खुद को सामान्य से अधिक बार डॉक्टर के पास जाते हुए पा सकते हैं। आपको इस सप्ताह अपना बहुत अधिक ख्याल रखने की आवश्यकता होगी।

भाग्यशाली अंक: 9

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मकर राशि

प्रेम जीवन: फाइव ऑफ कप्स (रिवर्सड)

आर्थिक जीवन: द मैजिशियन

करियर: नाइन ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड)

प्रेम जीवन में फाइव ऑफ कप्स (रिवर्सड) का अर्थ है कि आप ब्रेकअप से बाहर आ चुके हैं और आखिरकार एक नई जिंदगी की ओर बढ़ने के लिए तैयार हैं, जहां आप खुद पर ध्यान केंद्रित करेंगे और अपनी जरूरतों को प्राथमिकता देंगे। अब आप अपनी शर्तों पर जीवन जीना सीख रहे हैं और अपनी खुशियों को किसी और के हाथों में नहीं सौंपना चाहते।

आर्थिक जीवन में द मैजिशियन कार्ड संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आपके वेतन में वृद्धि होगी या आप पैसे कमाने के नए स्रोत खोज सकते हैं, जिससे आपकी आर्थिक मजबूत और स्थिर होगी।

करियर के लिहाज़ से नाइन ऑफ वैंड्स का अर्थ है कि आपको कार्यक्षेत्र में पदोन्नति प्राप्त होगी या आपको उच्च पद की प्राप्त होगी। इस अवधि आपको वरिष्ठ स्तर की भूमिकाओं के लिए विचार भी किया जा सकता है और नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं, क्योंकि आप उन्हें लेने के लिए पर्याप्त मजबूत हैं।

स्वास्थ्य संबंध में क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड) का संकेत दे रहा है कि आप आखिरकार एक लंबी बीमारी से धीरे-धीरे उबर रहे हैं। हालांकि, आपकी बीमारी का मूल कारण अभी तक पता नहीं चला है इसलिए इस बात की भी बहुत अधिक संभावना है कि इस बीमारी की चपेट में आप फिर से आ सकते हैं।

भाग्यशाली अंक: 8

कुंभ राशि

प्रेम जीवन: फोर ऑफ पेंटाकल्स

आर्थिक जीवन: क्वीन ऑफ पेंटाकल्स

करियर: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स 

स्वास्थ्य: फाइव ऑफ पेंटाकल्स 

फोर ऑफ़ पेंटाकल्स कार्ड रिश्तों में ईर्ष्या और अधिकार जताने की भावना पैदा कर सकता है, जो धीरे-धीरे प्रेम को भी नष्ट कर सकता है और आप अपने पार्टनर से अलग हो सकते है। साथ यह कार्ड प्रेमियों में असुरक्षा की भावना विकसित कर सकता है। यदि आप सिंगल हैं, तो हो सकता है कि आप अभी भी अपने पूर्व प्रेमी के वापस आने के बारे में सोच रहे हों।

कुंभ राशि के आर्थिक जीवन की बात करें, तो क्वीन ऑफ़ पेंटाकल्स धन, समृद्धि, सौभाग्य और व्यक्ति के वित्त में स्थिरता का एक शक्तिशाली प्रतीक है। यह कार्ड संकेत देता है कि आप इस दौरान अच्छा निवेश करेंगे और अच्छी मात्रा में धन अर्जित करेंगे।

सिक्स ऑफ़ स्वॉर्ड्स संकेत देता है कि अब आपके करियर में स्थिरता आएगी और मुश्किल दिन और समय अब ​​खत्म हो जाएगा। हो सकता है कि आपको अपने करियर को स्थापित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा हो, लेकिन अब यह अतीत की बात है। यह सप्ताह आपके लिए खुशखबरी और सौभाग्य लेकर आएगा।

स्वास्थ्य प्रसार में फाइव ऑफ़ पेंटाकल्स भविष्यवाणी करता है कि इस दौरान आपका किसी प्रियजन या परिवार के साथ झगड़ा हो सकता है, जिसके चलते आप मानसिक रूप से परेशान हो सकते हैं। ऐसे में, आपको सलाह दी जाती है कि खुलकर बात करें और अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढे ताकि आपका स्वास्थ्य बेहतर हो सके।

भाग्यशाली अंक: 21

मीन राशि

प्रेम जीवन: एट ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: द वर्ल्ड

करियर: किंग ऑफ वैंड्स 

स्वास्थ्य: सिक्स ऑफ वैंड्स

एट ऑफ वैंड्स आपको केवल यह सलाह दे रहा हैं कि आप यह समझने का प्रयास करें आप कौन हैं और किसी भी रिश्ते में आने से पहले जाने कि आप क्या चाहते हैं। किसी के साथ डेटिंग करने से पहले खुद का प्राथमिकता दें।

द वर्ल्ड संकेत दे रहा है कि इस अवधि आपकी वित्तीय स्थिति बेहद स्थिर और सुदृढ़ होगी। आपने अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के लिए बहुत अधिक मेहनत व प्रयास किया है और अपनी मेहनत के पुरस्कार का आनंद लेने का समय आ गया है।

किंग ऑफ वैंड्स पूरे सप्ताह एक स्थिर करियर का संकेत दे रहा है। कार्यक्षेत्र में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। आपको अपनी नौकरी में आगे बढ़ने के लिए अच्छे अवसर प्राप्त होंगे और आपको अपने काम पर सुधार देखने को मिलेगा। 

सिक्स ऑफ वैंड्स स्वास्थ्य के लिए एक बहुत अच्छा कार्ड है। यह इंगित करता है कि आपका जीवन स्वस्थ रहेगा और पूरे सप्ताह आप अच्छे स्वास्थ्य का अनुभव करेंगे।

भाग्यशाली अंक: 19

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1- टैरो रीडिंग के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक क्या हैं?

कलात्मक कल्पना और एक मजबूत मानसिक या अंतर्ज्ञान क्षमता।

2- क्या टैरो रीडिंग फोन कॉल पर की जा सकती है या यह केवल व्यक्तिगत रूप से ही काम करती है?

टैरो रीडिंग फोन कॉल या वीडियो रिकॉर्डिंग के ज़रिए उतनी ही आसानी से हो सकती है जितनी आसानी से व्यक्तिगत रूप से की जा सकती है।

3- क्या राइडर वेट डेक का उपयोग करके ही एक नौसिखिया के रूप में टैरो रीडिंग शुरू करना आवश्यक है?

यह आवश्यक नहीं है, आप किसी भी डेक के माध्यम से पढ़ना और सीखना शुरू करना चुन सकते हैं। यह है कि राइडर वेट को समझना आसान है, इसलिए इसकी सिफारिश की जाती है।

नवंबर में शनि के मार्गी होते ही खुल जाएगी इन राशियों की किस्‍मत, सफलता चूमेगी कदम

वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार शनि देव लगभग ढ़ाई साल के बाद राशि परिवर्तन करते हैं और इस बीच वह वक्री और मार्गी चाल भी चलते हैं। शनि के वक्री और मार्गी होने से देश-दुनिया समेत मानव जीवन पर गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। बता दें कि न्‍याय के देवता शनि जून के महीने में वक्री हुए थे और अब दिवाली के बाद वह मार्गी अवस्‍था में आ जाएंगे।

15 नवंबर को शाम 05 बजकर 09 मिनट पर शनि कुंभ राशि में मार्गी हो जाएंगे। इससे सभी बारह राशियों का जीवन प्रभावित होगा लेकिन तीन राशियां ऐसी हैं जिन्‍हें शनि के मार्गी होने से सबसे अधिक लाभ मिलने की संभावना है। इस ब्‍लॉग में हम आपको उन्‍हीं तीन राशियों के बारे में विस्‍तार से बताने जा रहे हैं जिन्‍हें शनि के मार्गी होने पर विशेष फल मिलने के संकेत हैं।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके  

इन राशियों की खुलेगी किस्‍मत

मिथुन राशि

शनि का मार्गी होना मिथुन राशि के जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। आपको अपने भाग्‍य का पूरा साथ मिलेगा और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाने में भी सक्षम होंगे। आपको शुभ परिणाम प्राप्‍त होंगे। आपके लिए आकस्‍मिक धन लाभ के योग भी बन रहे हैं। आपको काम के सिलसिले में यात्रा पर जाना पड़ सकता है। आपको अपने कार्यस्‍थल में कोई नया काम या जिम्‍मेदारी मिल सकती है।

यदि आप पर कोई कर्ज है, तो अब आप उसे चुकाने में सक्षम होंगे। आपका आत्‍मविश्‍वास बढ़ेगा जिससे आप काफी कुछ हासिल कर पाएंगे। अपने परिवार के सदस्‍यों के साथ आपके रिश्‍ते बेहतर होंगे। परिवार में सुख-शांति का माहौल रहेगा। आप अपने लिए वाहन या प्रॉपर्टी आदि खरीद सकते हैं। आपको किसी धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में शामिल होने का मौका भी मिल सकता है। जो छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्‍हें इसमें सफलता ज़रूर मिलेगी।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के स्‍वामी ग्रह मंगल देव हैं और इनके लिए शनि का मार्गी होना फायदेमंद साबित होगा। इस समय आपकी सुख-सुविधाओं में वृद्धि देखने को मिलेगी। आप आर्थिक रूप से संपन्‍न और समृद्ध रहने वाले हैं। आपके लिए वाहन और प्रॉपर्टी का योग बन रहा है। आपका अपने परिवार के सदस्‍यों के साथ भी रिश्‍ता मज़बूत रहेगा। परिवार के सदस्‍यों में प्रेम और स्‍नेह की भावना बढ़ेगी जिससे रिश्‍तों में मज़बूती आएगी।

नौकरीपेशा जातकों के लिए भी अनुकूल समय है। इनके ऊपर कोई जिम्‍मेदारी या काम आ सकता है। इससे कार्यस्‍थल में आपकी पद-प्रतिष्‍ठा में वृद्धि होगी। व्‍यापारियों को बड़ा मुनाफा होने की उम्‍मीद है। अब तक इन्‍हें जिन भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, अब वह सब दूर हो जाएंगी।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

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मकर राशि

मकर राशि के स्‍वामी ग्रह ही शनि देव हैं इसलिए शनि का मार्गी होना इस राशि के जातकों के लिए फलदायी रहने वाला है। आपको अपने कार्यों में शुभ परिणाम प्राप्‍त होंगे। आपको अपने प्रयासों में भी सफलता मिलेगी। आपके द्वारा सामाजिक एवं धार्मिक कार्य करने से समाज में आपका मान-सम्‍मान बढ़ेगा।

आपकी पैसों से संबंधित समस्‍याएं अब दूर हो जाएंगी। यदि आप व्‍यापारी हैं और आपका पैसा कहीं अटका हुआ है, तो अब वह आपको वापस मिल सकता है। आपके संचार कौशल में सुधार आएगा जिससे आपके लिए सफलता एवं आगे बढ़ने के मार्ग खुल जाएंगे। आपकी वित्तीय स्थिति भी मज़बूत होगी। आप अपनी शानदार रणनी‍तियों और योजनाओं की वजह से अपने शत्रुओं पर भारी पड़ेंगे।

मकर साप्ताहिक राशिफल

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सिंह राशि

इस राशि के जातकों की संपत्ति में वृद्धि देखने को मिलेगी। इससे आपकी आर्थिक स्थिति में मज़बूती आएगी। आपको अपनी मां से धन प्राप्‍त हो सकता है। आपका कला एवं संगीत के प्र‍ति रुझान बढ़ेगा। नौकरीपेशा जातकों को किसी बदलाव का सामना करना पड़ सकता है। आपका स्‍थानांतरण होने की भी संभावना है। आपकी आय में जबरदस्‍त इज़ाफा होगा।

पारिवारिक जीवन सुखयम रहेगा जिससे आप काफी संतुष्‍ट महसूस करेंगे। आपको अपनी संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है और आपके उच्‍च अधिकारी आपका सहयोग करते हुए नज़र आएंगे। आपको वाहन सुख मिलने के योग हैं।

सिंह साप्ताहिक राशिफल

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कन्‍या राशि

शनि के मार्गी होने पर कन्‍या राशि के जातकों के आत्‍मविश्‍वास में वृद्धि देखने को मिलेगी। आपके परिवार में कोई मांगलिक या धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हो सकता है। आप उच्‍च शिक्षा या शोध कार्य के लिए विदेश जा सकते हैं। प्रॉपर्टी से आपकी आय या संपन्‍नता में बढ़ोतरी होगी। नौकरीपेशा जातकों के लिए परिवर्तन के योग बन रहे हैं।

आपकी प्रगति के मार्ग प्रशस्‍त होंगे। आपको आर्थिक क्षेत्र में जबरदस्‍त लाभ होगा। आपको अपने दोस्‍तों का पूरा सहयोग मिलेगा। छात्रों को इस समय सकारात्‍मक परिणाम मिलने की उम्‍मीद है।

कन्या साप्ताहिक राशिफल

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न 1. शनि देव वक्री अवस्‍था से कब निकलेंगे?

उत्तर. शनि ग्रह 15 नवंबर को मार्गी हो जाएंगे।

प्रश्‍न 2. शनि ग्रह की राशियां कौन सी हैं?

उत्तर. शनि की राशि मकर और कुंभ हैं।

प्रश्‍न 3. शनि ग्रह किस भाव में खराब फल देता है?

उत्तर. शनि का छठे, आठवें और बारहवें भाव में होना अशुभ माना जाता है।

प्रश्‍न 4. शनि ग्रह किन भावों में शुभ फल देता है?

उत्तर. दूसरे, चौथे, पांचवे, नौवें और ग्‍यारहवें भाव में शनि ग्रह का शुभ फल प्राप्‍त होता है।

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अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 06 अक्टूबर से 12 अक्टूबर, 2024

कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)? 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा। 

इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।

दुनियाभर के विद्वान अंक ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (06 अक्टूबर से 12 अक्टूबर, 2024)

अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं। 

जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।

 बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मूलांक 1

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 1 के अंतर्गत जन्म लेने वाले जातक बेहद दृढ़ होते हैं और यह अपने जीवन में एक व्यवस्थित तरीके से चलना पसंद करते हैं और इनकी रुचि तेज़ी से आगे बढ़ने में होती है।   

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें तो, यह जातक पार्टनर के साथ अपने रिश्ते को मधुर बनाए रखने में असफल रह सकते हैं। आप दोनों के बीच से प्रेम नदारद रह सकता है और ऐसे में, इस सप्ताह आपके बीच दूरियां बनी रह सकती हैं। 

शिक्षा: मूलांक 1 के छात्रों का मन पढ़ाई से हट सकता है और इसके परिणामस्वरूप, संभव है कि आप पढ़ाई पर उतना ध्यान नहीं दे रहे हैं जितना आपको देने की आवश्यकता है ताकि आप अच्छे अंक हासिल कर सकें। 

पेशेवर जीवन: इस मूलांक के नौकरीपेशा जातकों के लिए यह सप्ताह थोड़ा थकान भरा रह सकता है क्योंकि इस दौरान कार्यस्थल पर आपके ऊपर काम का बोझ बढ़ने के साथ-साथ समस्याएं भी बढ़ सकती हैं जिन्हें संभाल पाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है।

स्वास्थ्य: मूलांक 1 के जातकों को इस हफ़्ते अपनी सेहत पर नज़र बनाए रखनी होगी क्योंकि आपको त्वचा से जुड़ा कोई संक्रमण होने की आशंका है जो कि आपकी कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का परिणाम हो सकता है। 

उपाय; रविवार के दिन सूर्य ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें। 

मूलांक 2

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)

इस सप्ताह मूलांक 2 वाले महत्वपूर्ण फैसले लेते समय भ्रमित हो सकते हैं जिसकी वजह आपके जीवन में स्थिरता की कमी हो सकती है। ऐसे में, आपको शीर्ष पर पहुंचने के लिए एक योजना बनाकर चलने की सलाह दी जाती है। 

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन को देखें, तो इस मूलांक के जातक पार्टनर के सामने अपनी नाख़ुशी जाहिर कर सकते हैं और यह आपके रिश्ते को मधुर बनाए रखने की राह में बाधा बन सकता है। 

शिक्षा: मूलांक 2 के छात्रों को इस सप्ताह पढ़ाई में अच्छे अंक हासिल करने के लिए ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता होगी। ऐसे में, आपको मन लगाकर पढ़ाई करनी होगी।  

पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आपके पेशेवर जीवन में समस्याएं बनी रह सकती हैं और इसके परिणामस्वरूप, आप कार्यस्थल पर कार्यों को पूरा करने में असफल रह सकते हैं। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उनके बिज़नेस को प्रतिद्वंदी प्रभावित कर सकते हैं। 

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की बात करें तो, इन जातकों को इस अवधि में सर्दी-जुकाम जैसी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं जो कि आपकी कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का परिणाम हो सकती है। 

उपाय- प्रतिदिन “ॐ सोमाय नमः” का 21 बार जाप करें। 

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मूलांक 3

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 3 के जातक साहस से भरे रहेंगे और ऐसे में, आप कुछ बड़े फैसले लेते हुए दिखाई देंगे। इस तरह के निर्णय आपके लिए हितकारी साबित होंगे। 

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें, तो मूलांक 3 के जातक अपने पार्टनर पर प्यार की बरसात करते हुए नज़र आएंगे। साथ ही, आप दोनों एक-दूसरे के साथ अपनी भावनाओं को शेयर करेंगे और इसके फलस्वरूप, आप दोनों का रिश्ता मज़बूत होगा।

शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में इस मूलांक के छात्रों के लिए यह सप्ताह अनुकूल रहेगा। ऐसे में, आप मन लगाकर अच्छे से पढ़ाई करने में सक्षम होंगे। 

पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन को देखें, तो इस हफ़्ते मूलांक 3 वालों को नौकरी के नए अवसर प्राप्त होंगे जो आपको प्रसन्न करने का काम कर सकते हैं। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो आप नए व्यापार की शुरुआत कर सकते हैं जिससे आप अच्छा ख़ासा मुनाफा कमाने में सक्षम होंगे।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, यह सप्ताह अनुकूल रहेगा और ऐसे में, आप उत्साह एवं ऊर्जा से भरे रहेंगे। इसके फलस्वरूप, आप अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में सक्षम होंगे। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ गुरवे नमः” का 21 बार जाप करें। 

मूलांक 4

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 4 के तहत जन्म लेने वाले जातक इस सप्ताह जीवन का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे। हालांकि, आप इतने मज़बूत होंगे कि अपने प्रयासों के बल पर सफलता प्राप्त कर सकेंगे। इन जातकों में किसी विशेष वस्तु को लेकर एक जूनून नज़र आ सकता है। 

प्रेम जीवन: इस मूलांक के जातक इस अवधि में प्रेम से भरे रहेंगे और ऐसे में, आप अपनी भावनाओं का प्रदर्शन पार्टनर के सामने भी करने में सफल रहेंगे। हालांकि, रिश्ते को आगे बढ़ाने को लेकर जीवनसाथी के प्रति आपका रवैया सकारात्मक बना रहेगा। 

शिक्षा: मूलांक 4 के छात्र विजुअल कम्युनिकेशन, सॉफ्टवेयर टेस्टिंग और मल्टीमीडिया जैसे विषयों में अपनी योग्यता और क्षमताओं को दुनिया के सामने रखने में सक्षम होंगे। इसके परिणामस्वरूप, अब आपके गुण सबके सामने उजागर हो सकते हैं। 

पेशेवर जीवन: इस मूलांक के जो जातक नौकरी करते हैं, तो उनके लिए यह सप्ताह वेतन में वृद्धि के साथ-साथ अनेक तरीकों से धन लाभ लेकर आ सकता है। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो आप मल्टी बिज़नेस में मिलने वाले ऑर्डर से लाभ प्राप्त कर सकेंगे। 

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की बात करें, तो इस सप्ताह इन जातकों के भीतर की निडरता और साहस आपके स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखेगी। लेकिन, आपको छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। 

उपाय: मंगलवार के दिन राहु ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें।

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मूलांक 5

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 5 के जातकों का झुकाव व्यापार में होगा क्योंकि इनका दृष्टिकोण बिज़नेस के लिए उत्तम होता है। साथ ही, आपको दूसरों से काफ़ी प्रशंसा की प्राप्ति होगी। इस अवधि में यह जातक अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन सबके सामने करने में सक्षम होंगे। 

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें, तो मूलांक 5 वालों का सेंस ऑफ ह्यूमर इस हफ़्ते काफ़ी अच्छा रहेगा जिसकी वजह से साथी की नज़रों में आपकी एक अच्छी छवि बनेगी। इसके परिणामस्वरूप, आप दोनों का रिश्ता अब मज़बूत होगा। 

शिक्षा: जब बात आती है शिक्षा की, तो मूलांक 5 के जो छात्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कास्टिंग और फाइनेंशियल अकाउंटिंग जैसे विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं, वह इनमें अपना शानदार प्रदर्शन दिखाने की स्थिति में होंगे। 

पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन को देखें, तो इस मूलांक के लोगों के लिए यह सप्ताह करियर के क्षेत्र में विदेश जाने के अवसर लेकर आ सकता है। इसके अलावा, मूलांक 5 के व्यापार करने वाले जातक बिज़नेस में अपनी चमक बिखेरेंगे और ऐसे में, वह प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़ सकेंगे।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज़ से, यह सप्ताह आपके लिए अच्छा कहा जाएगा क्योंकि इस दौरान आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत बनी रहेगी। ऐसे में, आप फिट और स्वस्थ दिखाई देंगे। इन लोगों के द्वारा संतुलित भोजन का सेवन करना फलदायी साबित होगा। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ बुधाय नमः” का 14 बार जाप करें।

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मूलांक 6

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 6 के जातकों को मौज-मस्ती पसंद होती है और इनकी रुचि ट्रेवल में होती है। यह लोग बेहद रचनात्मक होते हैं जिसका प्रदर्शन फाइन आर्ट्स जैसे रचनात्मक विषयों में कर सकते हैं। साथ ही, पेंटिंग के माध्यम से भी अपनी क्षमताओं को दुनिया के सामने दिखा सकते हैं। 

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें, तो मूलांक 6 के जातक इस सप्ताह पार्टनर के साथ रिश्ते में प्रेम और सौहार्द बनाए रखने में सक्षम होंगे। ऐसे में, आप साथी के साथ दिल खोलकर बातें और अपने विचार शेयर करते हुए नज़र आएंगे। 

शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में मूलांक 6 के छात्र अपने विशे ष गुणों की सहायता से विजुअल कम्युनिकेशन, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग आदि विषयों में टॉप पर पहुँचने में सफल रहेंगे। ऐसे में, साथी छात्रों द्वारा आपकी सराहना की जाएगी। 

पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन को देखें, तो इस मूलांक के नौकरी करने वाले जातकों को नौकरी के नए अवसर मिलने की संभावना है। इस तरह के मौके आपकी इच्छाओं को पूरा करने का काम करेंगे। व्यापार में आप अपनी जगह बनाने और लाभ कमाने में सक्षम होंगे। इन जातकों की क्षमताएं आपको ज्यादा से ज्यादा कमाने में सहायता करेंगी। 

स्वास्थ्य:  स्वास्थ्य की बात करें, तो मूलांक 6 वालों को इस सप्ताह कोई स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी। लेकिन, आपको त्वचा से जुड़े रोग परेशान कर सकते हैं इसलिए आपको अपनी सेहत का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ भार्गवाय नमः” का 24 बार जाप करें। 

मूलांक 7 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 7 के जातकों का झुकाव अध्यात्म के प्रति बढ़ सकता है और इस वजह से आपका मन भौतिक वस्तुओं से हट सकता है। हालांकि, यह लोग सर्वगुण संपन्न होते हैं और अपने जीवन में सफलता पाने के लिए इन गुणों का सही तरीके से उपयोग करने में सक्षम होते हैं। 

प्रेम जीवन: इन जातकों के रिश्ते में आकर्षण की कमी दिखाई दे सकती है। ऐसे में, आपके रिलेशनशिप में प्रेम, आकर्षण और खुशियों के अभाव का असर आप दोनों के बीच आपसी तालमेल और समझ पर पड़ सकता है। 

शिक्षा: जब बात आती है शिक्षा की, तो मूलांक 7 के छात्रों का पढ़ाई से ध्यान भटक सकता है जो कि शिक्षा के संबंध में और अच्छे अंक हासिल करने के मार्ग में समस्या पैदा कर सकता है।

पेशेवर जीवन: मूलांक 7 के नौकरीपेशा जातकों के लिए यह सप्ताह ज्यादा ख़ास नहीं रहने की आशंका है, विशेष रूप से आपके कार्यक्षेत्र का वातावरण। इन लोगों पर काम का बोझ बढ़ सकता है  जिसके चलते आपसे काम में गलतियां हो सकती हैं। जिन जातकों का खुद का व्यापार है, तो वह बिज़नेस में पुरानी नीतियों पर चलने की वजह से प्रतिद्वंदियों को टक्कर देने में असमर्थ रह सकते हैं। 

स्वास्थ्य: मूलांक 7 वालों को इस सप्ताह किसी एलर्जी की वजह से त्वचा से जुड़ी समस्याएं रह सकती हैं जो कि आपके लिए चिंत का सबब बन सकती है। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ गं गणपतये नमः” का  43 बार जाप करें।

मूलांक 8 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 8 के अंतर्गत जन्म लेने वाले जातक करियर को लेकर बहुत सजग होते हैं। यह अपने कार्यों में सफलता पाने के लिए लगातार प्रयास करते हुए नज़र आते हैं और इसमें उत्कृष्टता प्राप्त करने की कोशिश में रहेंगे।

प्रेम जीवन: इस हफ्ते के दौरान, मूलांक 8 के जातक अपने साथी को किसी बात को लेकर मनाते हुए नज़र आ सकते हैं और ऐसे में, आपको मेहनत करनी पड़ सकती है। लेकिन, आपको थोड़ी ही सफलता मिलने की संभावना है। 

शिक्षा: इस मूलांक के छात्र पूरे मन से पढ़ाई करते हुए दिखाई देंगे। हालांकि, आशंका है कि भले ही आप सब कुछ पढ़ लें और याद कर लें, लेकिन आप समय पर इनका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। ऐसे में, आपको शिक्षा में निर्धारित किये गए लक्ष्यों को पूरा करने में समस्याओं का अनुभव हो सकता है। 

पेशेवर जीवन: जो जातक नौकरी करते हैं, उन्हें यह सप्ताह नौकरी बदलने के लिए मज़बूर कर सकता है जिसकी वजह मौजूदा नौकरी में संतुष्टि की कमी या फिर वरिष्ठों के साथ मतभेदों का होना हो सकता है। जिन लोगों का खुद का व्यापार है, उन्हें इस अवधि में हानि का सामना करना पड़ सकता है। 

स्वास्थ्य: मूलांक 8 वालों को पैरों में दर्द और त्वचा से जुड़े रोग परेशान कर सकते हैं जो कि आपके लिए तनाव का कारण बन सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के लिए आपको समय पर दवाई लेने की सलाह दी जाती है। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ मंदाय नमः” का 44 बार जाप करें।

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मूलांक 9 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 9 के जातकों पर जिम्मेदारियां काफ़ी अधिक होती हैं। हालांकि, यह बेहद निडर और साहसी होते हैं। साथ ही, इस मूलांक वाले बड़े से बड़े लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर लेते हैं। 

प्रेम जीवन: इन जातकों को इस पूरे सप्ताह जीवनसाथी और प्रियजनों के साथ संबंधों में दूरी का अनुभव हो सकता है। 

शिक्षा: शिक्षा की बात करें, तो मूलांक 9 वाले छात्र पूरी एकाग्रता के साथ पढ़ाई करते हुए दिखाई देंगे जो कि आपके समर्पण और मेहनत का परिणाम होगा।

पेशेवर जीवन: अगर आप सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो उन्हें इस संबंध में बेहतरीन अवसर मिल सकते हैं। ऐसे में, आप अपार सफलता हासिल करने में सक्षम होंगे। जिन जातकों का जुड़ाव व्यापार से है, वह इस अवधि में अच्छा मुनाफा और कामयाबी दोनों प्राप्त कर सकेंगे। 

स्वास्थ्य: इन जातकों के भीतर की ऊर्जा और सकारात्मक दृष्टिकोण आपको स्वस्थ रहने में सहायता करेगा। साथ ही, आप फिट रहने के लिए योग और ध्यान कर सकते हैं। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ भौमाय नमः” का 27 बार जाप करें।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मूलांक 2 के स्वामी कौन हैं?

अंक ज्योतिष में मूलांक 2 के स्वामी चंद्र ग्रह को माना गया है। 

2. मूलांक 5 के लिए अक्टूबर का यह सप्ताह कैसा रहेगा?

मूलांक 5 वालों के लिए, ये सप्ताह करियर की दृष्टि से अच्छा रहेगा। 

3. मूलांक क्या होता है?

अंक ज्योतिष के अनुसार, किसी व्यक्ति की जन्म तिथि को जोड़कर प्राप्त होने वाला अंक को मूलांक कहते है

मंगल दोष से चाहिए छुटकारा तो नवरात्रि के तीसरे दिन इस विधि से करें मां की पूजा और उपाय!

शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा को यह नाम कैसे मिला, उनके इस नाम का अर्थ क्या होता है, मां का स्वरूप कैसा है, मां की पूजा से क्या लाभ मिलता है, मां चंद्रघंटा का प्रिय रंग, प्रिय फूल, प्रिय भोग और मां का स्वरूप कैसा है यह सभी बातें जानने के लिए पढ़े हमारा यह खास ब्लॉग। 

आगे बढ़ने से पहले इस बारे में जानकारी हासिल कर लेते हैं कि वर्ष 2024 में नवरात्रि की तृतीया तिथि किस दिन पड़ने वाली है। साथ ही इस दिन का हिंदू पंचांग क्या कुछ कहता है।

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शारदीय नवरात्रि 2024- तीसरा दिन

शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन और चौथे दिन तृतीया तिथि रहने वाली है। अर्थात इस वर्ष 5 अक्टूबर 2024 शनिवार और 6 अक्टूबर 2024 रविवार के दिन तृतीया तिथि रहेगी और इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। बात करें इस दिन से संबंधित हिंदू पंचांग की तो 5 अक्टूबर को पूर्ण रात्रि तक तृतीया तिथि रहने वाली है। इस दिन शुक्ल पक्ष रहेगा, स्वाति नक्षत्र रहेगा और विश्कुंभ योग रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त की बात करें तो 11:45:38 सेकंड से लेकर अभिजीत मुहूर्त 12:32:40 सेकंड तक रहने वाला है। 

इसके अलावा रविवार 6 अक्टूबर 2024 को भी इस वर्ष तृतीया तिथि ही पड़ रही है। यह 7:51:44 सेकंड तक रहेगी। इस दिन भी शुक्ल पक्ष है, विशाखा नक्षत्र रहेगा और प्रीति योग पूर्ण रात्रि तक रहने वाला है। इस दिन के अभिजीत मुहूर्त की बात करें तो इस दिन 11:45:24 सेकंड से लेकर 12:32:19 सेकंड तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा।

कैसा है माँ का स्वरूप?

मां चंद्रघंटा के स्वरूप की बात करें तो यह बेहद ही शांति दायक और कल्याणकारी है। माता ने मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र धारण किया हुआ है जिसकी वजह से माँ को चंद्रघंटा नाम से जाना जाता है। मां चंद्रघंटा शेर पर सवारी करती हैं। मां के 10 हाथों में कमल और कमंडल के अलावा शास्त्र हैं। मां के माथे पर अर्धचंद्र सुशोभित है। मां के कंठ में श्वेत पुष्प की माला और रत्न जड़ित मुकुट विराजमान है। मां चंद्रघंटा युद्ध की मुद्रा में नजर आती हैं। 

मान्यता है कि जो कोई भी भक्त मां चंद्रघंटा की पूजा करता है उन्हें शांति प्राप्त होती है। इसके अलावा मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप अर्थात चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति को परम शक्ति का अनुभव होता है। इसके साथ ही जो कोई भी भक्त मां चंद्रघंटा की भक्ति पूर्वक पूजा करता है उनके जीवन में सौम्यता और शांति बनी रहती है, कष्टों का निवारण होता है। ऐसे साधक परम पराक्रमी और निर्भीक स्वभाव के हो जाते हैं। 

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मां का यह स्वरूप अपने भक्तों की प्रेत बाधा से रक्षा करता है। साथ ही ऐसे साधक चिरायु, आरोग्य, सुखी और संपन्न जीवन का सुख भोगते हैं। अगर आपका स्वभाव क्रोधी है या आप छोटी-छोटी बातों पर भी क्रोध करने लगते हैं, छोटी-छोटी बातों से विचलित हो जाते हैं, तनाव लेने लगते हैं या पित्त प्रकृति के हैं तो आपको मां चंद्रघंटा की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

…तो ऐसे पड़ा माँ का नाम चंद्रघण्टा 

मां चंद्रघंटा में ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों देवों की शक्तियां समाहित है। चूंकि मां के माथे पर घंटे के आकार में अर्थ चंद्र सुशोभित होता है यही वजह है की मां का नाम चंद्रघंटा पड़ा।

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माँ चंद्रघण्टा पूजा मंत्र- भोग- और शुभ रंग

अब बात करें मां के पूजा मंत्र, प्रिय भोग और शुभ रंग की तो इस दिन की पूजा में इस मंत्र को अवश्य शामिल करें

“या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।”

पिंडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।

प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघंटेति विश्रुता।।

बीजमंत्र-  ऐं श्रीं शक्तयै नम:।

मां के प्रिय भोग की बात करें तो जैसा कि हमने पहले भी बताया कि नवरात्रि के नौ दिनों के लिए अलग-अलग भोग निर्धारित किए गए हैं। ऐसे में अगर आप मां चंद्रघंटा की प्रसन्नता हासिल करना चाहते हैं तो इन्हें केसर की खीर और दूध से बनी हुई मिठाई अवश्य अर्पित करें। 

इसके अलावा पंचामृत, चीनी और मिश्री भी माता रानी को बेहद प्रिय होती है। आप चाहे तो नवरात्रि की तृतीया तिथि की पूजा में आप माँ को इन चीजों का भी भोग अवश्य लगाएँ। 

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अब बात करें मां के प्रिय रंग की तो इस दिन की पूजा में आप सुनहरे या फिर पीले रंग के वस्त्र अवश्य धारण करें। इसे बेहद शुभ माना गया है। इसके अलावा मां चंद्रघंटा की पूजा में सफेद कमल या फिर पीले गुलाब की माला अगर आप शामिल करते हैं तो आपकी मनोकामना शीघ्र और अवश्य पूरी होने लगती है।

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शारदीय नवरात्रि तीसरा दिन- अवश्य आजमाएं यह अचूक उपाय

अब बात करें शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन किए जाने वाले उपायों की तो यहां हम आपको कुछ राशि अनुसार उपाय बता रहे हैं जिन्हें करने से आप अपनी मनोकामना पूर्ति करवा सकते हैं। 

मेष राशि- मेष राशि के जातक मां को दूध से बनी मिठाई और लाल रंग के फूल चढ़ाएँ। 

वृषभ राशि- वृषभ राशि के जातक मां को सफेद फूल और सफेद चंदन अवश्य अर्पित करें। 

मिथुन राशि- मिथुन राशि के जातक माता को खुद खीर बनाकर उसका भोग लगाएँ।

कर्क राशि- कर्क राशि के जातक नवरात्रि की तृतीया तिथि पर मां को दही चावल और बताशे का भोग लगाएँ।

सिंह राशि- सिंह राशि के जातक मां को रोली और केसर अवश्य अर्पित करें। 

कन्या राशि- कन्या राशि के जातक मां को दूध और चावल से बनी खीर का भोग लगाएँ।

तुला राशि- अगर आपकी राशि तुला है तो इस दिन मां को लाल चुनरी अवश्य अर्पित करें। 

वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि के जातक दोनों पहर की पूजा में आरती अवश्य करें और मां को गुड़हल के पुष्प अर्पित करें। 

धनु राशि- धनु राशि के जातक नवरात्रि की तृतीया तिथि के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें। 

मकर राशि- मकर राशि के जातक माता को दूध से बनी हुई मिठाई का भोग लगाएँ।

कुंभ राशि- कुंभ राशि के जातक माता रानी को हलवे का भोग लगाएँ और देवी कवच का पाठ करें। 

मीन राशि- मीन राशि के जातक नवरात्रि की तृतीया तिथि पर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और मां को केले और फूल अर्पित करें। 

इसके अलावा अगर आपको मंगल ग्रह से संबंधित दोष अपने जीवन में उठाने पड़ रहे हैं तो नवरात्रि के तीसरे दिन मां को लाल रंग के फूल, एक तांबे का सिक्का, हलवा और सुख मेवे अर्पित करें। पूजा करने के बाद आप इस सिक्के को अपनी पर्स में रखें या मुमकिन हो तो धागे में पिरो कर गले में धारण करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1: नवरात्रि के तीसरे दिन क्या करना चाहिए?

नवरात्रि के तीसरे दिन स्नान आदि करने के बाद मां के तीसरे स्वरूप यानी चंद्रघंटा स्वरूप की विधिवत रूप से पूजा करनी चाहिए।

2: नवरात्रि के तीसरे दिन का मंत्र क्या है?

“या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।”

3: माँ चंद्रघंटा की पूजा करने से क्या होता है?

मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्त निर्भीक होते हैं, जीवन से प्रेत बाधा का साया हटता है, व्यक्ति के पराक्रम में वृद्धि होती है, जीवन सुखमय बनता है, साथ ही कुंडली में मौजूद मंगल दोष से भी छुटकारा मिलता है।

4: माता चंद्रघंटा को कौन सा कलर पसंद है?

मां चंद्रघंटा को पीले या फिर सुनहरे रंग के वस्त्र अति प्रिय होते हैं यही वजह है कि इस दिन की पूजा में इन दोनों ही रंग हो या इनमें से कोई भी एक रंग को शामिल करने की सलाह दी जाती है।

मिथुन राशि में गुरु वक्री देश-दुनिया और राशि समेत शेयर बाज़ार में भी मचाएंगे उथल-पुथल!

गुरु वक्री 2024: एस्ट्रोसेज की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएँ और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं जल्द ही वक्री होने वाले गुरु से संबंधित यह खास ब्लॉग। 

दरअसल इस ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे मिथुन राशि में गुरु वक्री होने के बारे में जो की 9 अक्टूबर 2024 को 10:01 पर होने वाला है। साथ ही जानेंगे कि इसका राशियों पर, देश पर, विश्व की घटनाओं पर और शेयर बाजार पर कैसा प्रभाव पड़ेगा।

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हिंदू पंचांग के अनुसार शनि के अलावा बृहस्पति एकमात्र ऐसा ग्रह माना गया है जिसे एक पूर्ण चक्र पूरा करने में लंबा समय लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बृहस्पति का गोचर 13 महीना तक चलता है जिसका अर्थ होता है कि बृहस्पति को एक राशि का चक्र पूरा करने में अर्थात एक राशि में अपना गोचर करने में तकरीबन 13 महीने का समय लगता है। इसी तरह बृहस्पति के वक्री होने की घटना को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। औसतन बृहस्पति हर साल कम से कम एक बार वक्री आवश्यक होता है।

आज का गोचर

मिथुन राशि में गुरु के वक्री होने के बारे में अधिक जानकारी हासिल करनी है तो सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषियों से अभी बात करें

गुरु गोचर का अर्थ होता है कि जब भी गुरु अर्थात बृहस्पति या अंग्रेजी में जिसे जुपिटर कहते हैं वह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। वहीं वक्री की बात करें तो जब कोई भी ग्रह आगे बढ़ने की जगह पीछे की तरफ बढ़ने लगता है तो इसे वक्री होना कहते हैं। पृथ्वी से देखने पर वक्री स्थिति में ग्रह आगे की ओर चलते हुए नजर आते हैं। हालांकि जब यह पीछे की ओर जाने लगते हैं तो इससे वक्री घटना के नाम से जाना जाता है।

मिथुन राशि में गुरु वक्री- विशेषताएं 

बृहस्पति की वक्री गति विशेष रूप से मिथुन राशि में व्यस्तता और समझ तक पहुंचने में देरी लेकर आ सकती है। बुनियादी शिक्षा और उच्च शिक्षा के बीच चयन से भ्रम और बाधाएँ पैदा हो सकती हैं। बृहस्पति की वक्री गति के चलते आपको दूसरों के साथ बातचीत करने अपने विचार व्यक्त करने और जरूरत पड़ने पर सहायता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

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इसके अलावा इस अवधि में बातचीत में कठिनाइयां और असहमति नजर आ सकती है जिससे वित्तीय प्रबंधन, कर्तव्यों को पूरा करना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। यदि आपके और आपके बच्चों के बीच बेवजह और अप्रत्याशित बहस होती है तो आपका पारिवारिक रिश्ते खराब हो सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ गुरु आपको धर्म और धार्मिक ग्रंथो के बारे में ज्यादा जानकारी और जिज्ञासु भी बना सकता है।

मिथुन राशि में गुरु वक्री से इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

मेष राशि 

गुरु की वक्री स्थिति किसी व्यक्ति के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। खासकर जब वह मेष राशि के तीसरे घर में स्थित हो। तृतीय भाव में बृहस्पति शत्रु राशि में स्थित माना जाता है। इसका अर्थ हुआ कि बृहस्पति का प्रभाव काफी हद तक हानिकारक हो सकता है। ऐसे में जीवन में मिलने वाले लाभ को पूरी तरह से साकार करने में आपको कुछ कठिनाइयां या बाधाएँ दूर करने की आवश्यकता पड़ेगी। 

बृहस्पति नवम और 12वें घर पर शासन करता है इसलिए तीसरे घर में बृहस्पति की स्थिति का मूल्यांकन करते समय इन संबंधों पर विचार करना महत्वपूर्ण रहेगा। यह दोनों ही भाव ज्ञान, आध्यात्मिकता नई जगह की खोज और खुद को भौतिक संबंधों से मुक्त करने से जुड़े माने जाते हैं। इस अवधि में मेष राशि के जातक कुछ ऐसे उत्तर खोजते नजर आएंगे जो आपको आध्यात्मिक मार्ग पर ले जाएंगे। बृहस्पति के वक्री होने पर आपका वैवाहिक जीवन कष्ट भी उठाने पड़ सकते हैं।

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आठवें घर का स्वामी है और साथ ही 11वें घर का भी स्वामी है। क्योंकि बृहस्पति की मूल त्रिकोण राशि अष्टम भाव में आती है और बृहस्पति दूसरे घर में वक्री हो रहा है ऐसे में बृहस्पति वृषभ राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से हानिकारक माना जा सकता है इसलिए दूसरे घर में स्थित होने पर बृहस्पति आर्थिक मुद्दों या व्यक्तिगत संपत्ति से संबंधित कुछ समस्याएं आपके जीवन में लेकर आ सकता है। वक्री बृहस्पति अल्प लाभ के लिए भी आपसे अतिरिक्त प्रयास कर सकता है अर्थात थोड़े से लाभ के लिए भी आपको ज्यादा प्रयास करने की आवश्यकता पड़ेगी। 

इस अवधि के दौरान वित्त क्षेत्र में काम करने वाले या बड़े निवेश करने वाले लोगों को नुकसान हो सकता है और उन्हें इस अवधि के दौरान धन संचय करने के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ेगा। इसका स्पष्ट अर्थ यह हुआ की वृषभ राशि के जातकों को विभिन्न निवेश विकल्पों के बारे में सीखने या अपने संचार कौशल में सुधार करने से लाभ हो सकता है जो व्यापारिक सौदों में सहायता करेगा जिसके परिणाम स्वरुप धन संचय में आप वृद्धि कर सकेंगे।

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कर्क राशि 

तीसरी जिस राशि के लिए गुरु वक्री की ये अवधि हानिकारक रहने वाली है वह है कर्क राशि। कर्क राशि के जातकों के लिए बृहस्पति छठे और नवम भाव पर शासन करता है और अब आपके 12वें घर में वक्री होने जा रहा है। हालांकि इस राशि के जातकों को निवेश या वित्तीय सुरक्षा के रास्ते में कुछ चुनौतियों का सामना अवश्य करना पड़ेगा लेकिन आपके मजबूत आध्यात्मिक संबंध आपको इन चुनौती पूर्ण परिस्थितियों को शालीनता से संभालने के काबिल बनेंगे। 

बढ़ी हुई अस्थिरता के इस दौर में निर्णय लेते समय सावधानी बरतना आपके लिए महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति का चार्ट अद्वितीय होता है और ग्रहों की स्थिति इसका केवल एक घटक माना जाता है। ऐसे में निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले ग्रहों की स्थिति के समग्र परिणाम पर हमेशा विचार किया जाना चाहिए। इस अवधि के दौरान विदेश यात्रा या स्थानांतरण बाधाओं और देरी से भरा रहने वाला है। आपकी किस्मत अच्छे से बुरे और इसके विपरीत भी बदल सकती है।

मकर राशि 

आखिरी जिस राशि के लिए गुरु वक्री परेशानी जनक साबित हो सकते हैं वह है मकर राशि। मकर राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और 12वें घर का स्वामी है और अब अपनी वक्री अवस्था में आपके छठे घर में स्थित होगा। ऐसे में बृहस्पति जातकों के लिए अधिक नकारात्मक संकेत दे रहा है। पारस्परिक रिश्ते, तनाव पूर्ण हो सकते हैं और सहकर्मियों के साथ टकराव होने की भी प्रबल आशंका है जो आपको अजीब परिस्थितियों में डाल सकता है और आपको अनुचित लाभ उठा सकता है। 

तीसरे और छठे घर का स्वामी होने के बाद छठे घर में बृहस्पति का वक्री होना आपको त्वचा की एलर्जी, अन्य पर्यावरणीय एलर्जी, गले या स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं आने के संकेत भी दे रहा है। अगर बृहस्पति बहुत अच्छी स्थिति में नहीं है तो कुछ लोगों के लिए घातक दुर्घटनाएं भी हो सकती है। हालांकि यह व्यक्तिगत राशिफल पर निर्भर करता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह स्थिति बहुत खराब मानी जाती है। इस राशि के जातकों को मोटापे से संबंधित परेशानियां भी हो सकती है।

मिथुन राशि में गुरु का वक्री- राहत दिलाएंगे ये उपाय

मिथुन राशि में वक्री बृहस्पति के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए आप बृहस्पति से संबंधित कुछ सटीक और अचूक उपाय भी कर सकते हैं जैसे कि, 

  • रोजाना नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी डाल लें।  
  • गरीब लोगों और गायों को केले खिलाएँ। 
  • मंदिर में गुड़ और चने की दाल का दान करें। 
  • विष्णु सहस्त्रनाम कर नियमित रूप से पाठ करें।
  • गरीबों को पीली मिठाई या फिर पीले रंग के कपड़ों का दान करें। 
  • अपने दाहिने हाथ की तर्जनी में पीला नीलम रत्न धारण करें। 
  • माथे पर केसर का तिलक लगाएँ।
  • प्रत्येक गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा करें।

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मिथुन राशि में बृहस्पति वक्री- विश्वव्यापी प्रभाव

आध्यात्मिक एवं धार्मिक गतिविधियां 

  • मिथुन राशि में बृहस्पति का वक्री होना लोगों को ऐसी स्थिति में डाल सकता है जो उन्हें आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए प्रेरित करेगी और भारत में आध्यात्मिक प्रथाओं में शामिल लोगों की संख्या में इजाफा देखने को मिलेगा। 
  • इस समय के आसपास भारत आने वाले अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी जो स्वयं को प्रबुद्ध करने के लिए आध्यात्मिकता की तलाश कर रहे हैं।
  • तेल, घी, दूध और अन्य डेयरी उत्पादों सहित खाद्य पदार्थों की कीमत में थोड़ी वृद्धि देखी जाएगी। 
  • आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले उत्पादों के निर्यात में अचानक और अस्पष्ट रूप से गिरावट नजर आ सकती है।

सरकार एवं प्राधिकारी 

  • सरकार में मंत्री और उच्च पदों पर आसीन लोग देश और दुनिया की मौजूदा जरूरत के अनुरूप विभिन्न नीतियों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करते नजर आएंगे। 
  • मंत्री और सरकारी अधिकारी अगर सोच विचार नहीं करेंगे और सार्वजनिक रूप से नहीं बात करेंगे तो मुसीबत में फंस सकते हैं। उनके बयान पर निगाहें और सवाल खड़े हो सकते हैं। 
  • देश और दुनिया में हेल्थ केयर सेक्टर महत्वपूर्ण कर्मियों को बताया और उनसे निपटने की तैयारी करेगा।

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शिक्षा एवं अन्य संबंधित क्षेत्र 

  • विशेष रूप से संचार से संबंधित नौकरियां या व्यवसाय, वित्तीय प्रबंधन, बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों से जुड़े लोगों को कुछ असफलताओं और तनाव का अनुभव हो सकता है। 
  • परामर्शदाता, शिक्षक, प्रशिक्षक, प्रोफेसर जैसे शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को इस गोचर से लाभ होगा लेकिन कार्य स्थल पर कुछ अनिश्चित या प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना भी आपको करना पड़ सकता है। 
  • इस गोचर के दौरान लेखन और दार्शनिकों को अपनी शोध थीसिस या कहानियां और अन्य प्रकाशन कार्यों का पुनर्गठन करते हुए देखा जा सकता है। यह परिवर्तन आपके लिए निराशा और मानसिक रुकावट का कारण बन सकते हैं। 
  • शोधकर्ताओं, सरकार के सलाहकारों, वैज्ञानिकों को इस गोचर से दुनिया भर में इस तरह से लाभ होगा कि वह विभिन्न समस्याओं का पता लगाने या नए समाधान ढूंढने में कामयाब होंगे और चीजों को पूरी अलग तरह से अलग दृष्टिकोण से देख पाएंगे।

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मिथुन राशि में बृहस्पति वक्री- क्या पड़ेगा शेयर बाजार पर असर?

9 अक्टूबर 2024 को बृहस्पति ग्रह मिथुन राशि में वक्री हो जाएंगे और अन्य सभी ग्रहों की तरह इस घटना का भी शेयर बाजार पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ेगा। एस्ट्रोसेज आपको 9 अक्टूबर के लिए शेयर बाजार के लिए अपनी भविष्यवाणी यहां प्रदान करने जा रहा है। यहां आप जान पाएंगे कि बृहस्पति जब मिथुन राशि में वक्री होंगे तो बृहस्पति से संबंधित हर उद्योग या क्षेत्र में क्या कुछ बदलाव नजर आ सकते हैं। 

  • हालांकि अचानक और अप्रत्याशित गिरावट के साथ पूरे शेयर बाजार में तेजी देखने को मिलेगी। 
  • बैंकिंग, सार्वजनिक क्षेत्र, भारी इंजीनियरिंग, कपड़ा उद्योग, हीरा व्यवसाय, चाय, कॉफी उद्योग, ऊनी उद्योग, सौंदर्य प्रसाधन, तंबाकू, रिलायंस इंडस्ट्रीज, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस पावर, टाटा पावर, और अदानी पावर मजबूती से आगे बढ़ेंगे लेकिन अचानक से नुकसान की भी आशंका बन रही है। 
  • हालांकि 18 तारीख के बाद गति धीमी होने लगेगी। मुनाफा वसूली से बाजार की हालत खराब होती नजर आएगी और सार्वजनिक क्षेत्र की वजह से बाजार खास तौर पर कमजोर हो सकता है। 
  • इलेक्ट्रिक उपकरण व्यवसाय, सूचना प्रौद्योगिकी, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, पेपर प्रिंटिंग, विज्ञापन, फार्मास्यूटिकल उद्योग और शिपिंग में महत्वपूर्ण कमजोरी नजर आ सकती है। 
  • अक्टूबर के अंत में यहां पर मंदी संभव है।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

1: बृहस्पति किस राशि में उच्च का माना जाता है? 

कर्क राशि में बृहस्पति उच्च के माने जाते हैं। 

2: क्या मिथुन राशि में बृहस्पति एक अच्छा स्थान है? 

मिथुन राशि में बृहस्पति किसी व्यक्ति को कुछ पहलुओं में लाभ दिला सकता है। खासकर अगर वह संचार क्षेत्र, बैंकिंग या विद्युत क्षेत्र में काम कर रहे हैं तो। 

3: क्या बृहस्पति आकाशीय क्षेत्र में सबसे अधिक लाभकारी ग्रह है? 

बृहस्पति सभी ग्रहों में सबसे अधिक लाभकारी और सकारात्मक ग्रह माना जाता है क्योंकि यह देवगुरु है।