पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिनें रखेंगी करवा चौथ का व्रत, जानें सही तिथि
पति की लंबी उम्र और बेहतर स्वास्थ्य के लिए सनातन धर्म में करवा चौथ व्रत का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। हर साल सुहागन महिलाओं को करवा चौथ व्रत का इंतजार बड़ी उत्सुकता से रहता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं शाम को चंद्रमा के दर्शन करके अर्घ्य देकर व्रत पारण करती हैं। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके गणपति और करवा माता की पूजा करती हैं। कुछ जगहों पर कुंवारी कन्याएं या वे लड़कियां जिनकी शादी तय हो चुकी है, वे भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस व्रत को सबसे कठिन व्रत माना जाता है।
इसमें सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक जल, अन्न और फल कुछ नहीं खाया जाता है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम जानते हैं साल 2024 में करवा चौथ का व्रत कब रखा जाएगा। चंद्र अर्घ्य समय क्या है और करवा चौथ व्रत का महत्व क्या है और इसके उपाय आदि।
करवा चौथ 20 अक्टूबर 2024, रविवार को रखा जाएगा। करवा का अर्थ है मिट्टी का पात्र और चौथ का अर्थ चतुर्थी का दिन। करवा चौथ में महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। उसके बाद शाम को छलनी से चांद देखकर और पति की आरती उतारकर अपना व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि शुरू: 20 अक्टूबर 2024 की सुबह 06 बजकर 48 मिनट से
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर 2024 की सुबह 04 बजकर 18 मिनट तक।
करवा चौथ पूजा समय: शाम 05 बजकर 46 मिनट से रात 06 बजकर 54 मिनट तक।
अवधि: 1 घंटा 08 मिनट
करवा चौथ व्रत समय: सुबह 06 बजकर 25 मिनट से रात 07 बजकर 54 मिनट तक (अवधि 13 घंटे 29 मिनट)
करवा चौथ 2024 चंद्रोदय समय
20 अक्टूबर 2024 की रात 07 बजकर 53 मिनट पर चांद निकलेगा। हालांकि, शहर के अनुसार चंद्रोदय समय अलग हो सकता है। चांद की पूजा के बिना ये व्रत अधूरा है।
करवा चौथ का सनातन धर्म में विशेष महत्व है, विशेष रूप से उत्तर भारत में। यह पर्व सुहागिन स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए किया जाता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी यानी व्रत के लिए भोजन ग्रहण करती हैं और पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं, यानी जल और भोजन का त्याग करती हैं। वे दिन भर भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और चंद्रमा की पूजा करती हैं। शाम को कथा सुनने के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करती हैं। यह व्रत पति द्वारा पानी पिलाने के बाद पूरा होता है।
करवा चौथ का व्रत पति की दीर्घायु और स्वास्थ्य के लिए रखा जाता है। इसे पतिव्रता धर्म और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। यह व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को और अधिक मजबूत करता है। करवा चौथ का व्रत माता पार्वती और भगवान शिव की उपासना से जुड़ा है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से माता पार्वती की तरह अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिलता है।
करवा चौथ पूजन सामग्री और पूजा विधि
करवा चौथ पर पूजन सामग्री और पूजा विधि का विशेष महत्व होता है। इस दिन महिलाएं पूरे विधि-विधान से पूजा करती हैं। आइए जानते हैं इस दिन किए जाने वाले पूजा विधि और पूजन में इस्तेमाल करने वाली सामग्री के बारे में।
करवा चौथ पूजन सामग्री
मिट्टी या पीतल का करवा, इसमें पानी भरकर चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है।
माता पार्वती की मूर्ति बनाने के लिए पीली मिट्टी या गाय का गोबर।
पूजा के समय आरती करने के लिए दीपक, धूप, अगरबत्ती।
अर्घ्य देने के लिए पानी का लोटा।
सुहागिनों के लिए पूजन में अनिवार्य सिंदूर और कुमकुम शामिल करें।
पूजा के दौरान तिलक और अर्पण के लिए रोली और चावल।
श्रृंगार सामग्री में हल्दी व मेहंदी।
प्रसाद के रूप में फल और मिठाई।
चावल, गेहूं, चना।
पूजा के समय पहनने के लिए साड़ियां और अन्य वस्त्र।
चंद्र दर्शन और पूजा के समय के लिए चलनी और दीया।
नारियल, मिष्ठान, गंगाजल।
करवा चौथ पूजा विधि
व्रत का प्रारंभ सूर्योदय से पहले होता है। व्रती महिलाएं सास द्वारा दी गई सरगी का सेवन करती हैं और उसके बाद दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं।
महिलाएं करवा चौथ के दिन श्रृंगार करती हैं और पूजा स्थल को स्वच्छ करके वहां माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी और करवा की मूर्ति या चित्र स्थापित करती हैं।
पूजा स्थल पर पहले माता पार्वती की पूजा की जाती है। उन्हें सिंदूर, कुमकुम, हल्दी, चावल, फूल आदि चढ़ाए जाते हैं। इसके बाद करवा को पूजते हैं और उसमें चावल, पानी और कुछ धन अर्पित करते हैं।
पूजा के दौरान करवा चौथ की कथा सुनना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह कथा सुनने के बाद ही व्रत पूरा माना जाता है।
चंद्रमा के उदय के बाद महिलाएं चलनी में दीपक रखकर पहले चंद्रमा को देखती हैं और फिर अपने पति को। इसके बाद चंद्रमा को जल से अर्घ्य दिया जाता है और पति द्वारा व्रत तोड़ने के लिए पानी पिलाया जाता है।
अंत में महिलाएं अपने पति का आशीर्वाद लेती हैं और प्रसाद ग्रहण करती हैं।
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करवा चौथ के दिन क्या करें क्या न करें
करवा चौथ के व्रत के दिन कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत अधिक आवश्यक होता है ताकि व्रत का फल पूरी तरह प्राप्त हो सके। तो आइए जानते हैं इस दिन क्या करें और क्या न करें।
करवा चौथ के दिन क्या करें
सरगी (सास द्वारा दी गई भोजन सामग्री) का सेवन सूर्योदय से पहले करें, ताकि दिनभर ऊर्जा बनी रहे।
इस दिन बिना पानी और अन्न का सेवन किए निर्जला व्रत रखना चाहिए। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से आप फलाहार या पानी ले सकते हैं।
करवा चौथ के दिन माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी और करवा की पूजा विधिपूर्वक करें। पूजा में करवा, दीपक, रोली, चावल, मिष्ठान और श्रृंगार सामग्री अर्पित करें।
पूजा के दौरान करवा चौथ की कथा सुनना आवश्यक होता है। इससे व्रत का महत्व बढ़ता है और व्रत की विधि पूरी मानी जाती है।
इस दिन स्त्रियों के लिए सोलह श्रृंगार करना शुभ माना जाता है।
व्रत के अंत में पति का आशीर्वाद लें और उनसे प्रेम और सम्मान के साथ व्यवहार करें।
करवा चौथ पर क्या न करें
व्रत के दौरान पानी या भोजन का सेवन न करें, जब तक स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या न हो।
इस दिन शांति और संयम बनाए रखें। किसी से विवाद या क्रोध करने से व्रत का फल कम हो सकता है।
मन में नकारात्मक विचार न लाएं। करवा चौथ का व्रत प्रेम और विश्वास का प्रतीक है, इसलिए सकारात्मक सोच रखें।
इस दिन अपने शब्दों का ध्यान रखें और किसी के साथ अपशब्दों का प्रयोग न करें।
करवा चौथ पर जरूर पढ़ें ये व्रत कथा
करवा चौथ की व्रत कथा के अनुसार, प्राचीन समय में वीरवती नाम की एक सुंदर और धर्मपरायण स्त्री थी। वह सात भाइयों की अकेली बहन थी। शादी के बाद उसने करवा चौथ का पहला व्रत रखा। लेकिन व्रत के दौरान उसे भूख और प्यास से कमज़ोरी महसूस होने लगी। यह देखकर उसके भाइयों को बहुत दुख हुआ और उन्होंने छल से पेड़ पर एक दीपक जलाकर चंद्रमा का आभास कराया।
वीरवती ने उसे देखकर व्रत तोड़ दिया। लेकिन जैसे ही उसने अन्न ग्रहण किया, उसे अपने पति की मृत्यु का समाचार मिला। वह बहुत दुखी हुई और माता पार्वती से प्रार्थना करने लगी। माता पार्वती ने उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर उसे करवा चौथ व्रत की पूर्ण विधि बताई और उसके पति को पुनः जीवित कर दिया। तब से ही करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व है, और इसे सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और समृद्धि के लिए करती हैं।
करवा चौथ पर राशि अनुसार उपाय करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाई जा सकती है। तो आइए बिना देरी किए जानते हैं इस दिन किए जाने वाले आसान राशि अनुसार उपायों के बारे में।
मेष राशि: हनुमानजी की उपासना करें और मंगलवार का व्रत रखें। लाल रंग का रुमाल हमेशा अपने पास रखें।
वृषभ राशि: मां लक्ष्मी की पूजा करें और शुक्रवार को सफेद वस्त्र धारण करें।
मिथुन राशि: बुधवार को भगवान गणेश की पूजा करें और हरे रंग की चीजें दान करें।
कर्क राशि: शिवलिंग पर जल अर्पित करें और सफेद वस्त्र धारण करें।
सिंह राशि: सूर्य को जल चढ़ाएं और सोने का आभूषण पहनें। साथ ही, रविवार का व्रत रखें।
कन्या राशि: बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करें और बुधवार को हरे वस्त्र धारण करें।
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तुला राशि: शुक्र को प्रसन्न करने के लिए मां लक्ष्मी की पूजा करें और शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनें।
वृश्चिक राशि: मंगल ग्रह के लिए भगवान हनुमान की पूजा करें और इस दिन लाल वस्त्र पहनें।
धनु राशि: बृहस्पति की कृपा के लिए पीले वस्त्र पहनें और गुरुवार का व्रत रखें।
मकर राशि: शनिदेव की पूजा करें और शनिवार को काले तिल का दान करें।
कुंभ राशि: शनिवार को शनिदेव की पूजा करें और काले वस्त्र धारण करें।
मीन राशि: पीले वस्त्र पहनें और बृहस्पति देव की पूजा करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. साल 2024 में करवा चौथ का व्रत कब रखा जाएगा?
करवा चौथ 20 अक्टूबर 2024, रविवार को रखा जाएगा।
2. करवा चौथ का महत्व क्या है?
यह पर्व सुहागिन स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए किया जाता है।
3. करवा चौथ का चांद कितने बजे निकलेगा?
20 अक्टूबर 2024 की रात 07 बजकर 53 मिनट पर चांद निकलेगा। हालांकि शहर के अनुसार चंद्रोदय समय अलग हो सकता है। चांद की पूजा के बिना ये व्रत अधूरा है।
4. करवा चौथ का मतलब क्या होता है?
करवा शब्द का अर्थ मिट्टी का बर्तन होता है। चौथ का शाब्दिक अर्थ चतुर्थी है।
टैरो साप्ताहिक राशिफल (20 से 26 अक्टूबर, 2024): इन राशियों के जीवन से दूर होंगे आर्थिक संकट!
टैरो साप्ताहिक राशिफल 20 से 26 अक्टूबर 2024: टैरो कार्ड एक प्राचीन विद्या है जिसका उपयोग भविष्य जानने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही टैरो कार्ड रीडर और रहस्यवादियों द्वारा अंतर्ज्ञान प्राप्त करने और किसी विषय की गहराई तक पहुँचने के लिए होता रहा है। यदि कोई व्यक्ति बेहद आस्था और विश्वास के साथ मन में उठ रहे सवालों के जवाब ढूंढ़ने के लिए आता है, तो टैरो कार्ड की दुनिया आपको हैरान कर सकती है। बहुत से लोग मानते हैं कि टैरो एक मनोरंजन का साधन है और इसे ज्यादातर मनोरंजन के रूप में देखते हैं।
साल 2024 के दसवें महीने अक्टूबर का यह सप्ताह यानी कि टैरो साप्ताहिक राशिफल 20 से 26 अक्टूबर 2024 अपने साथ क्या कुछ लेकर आएगा? यह जानने से पहले हम टैरो कार्ड के बारे में बात करेंगे। आपको बता दें कि टैरो की उत्पति आज से 1400 वर्ष पहले हुई थी और इसका सबसे पहला वर्णन इटली में मिलता है। शुरुआत में टैरो को ताश के रूप में राजघरानों की पार्टियों में खेला जाता था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया। मध्यकाल में टैरो को जादू-टोना से जोड़कर देखा जाने लगा और इसके परिणामस्वरूप आम लोगों ने भविष्य बताने वाली इस विद्या से दूरी बनाना सही समझा।
लेकिन टैरो कार्ड का सफर यही थमा नहीं और इसने कुछ दशकों पहले पुनः प्रसिद्धि प्राप्त की जब दुनिया के सामने इसे एक भविष्य बताने वाली विद्या के रूप में पहचान मिली। भारत समेत दुनियाभर में टैरो की गिनती भविष्यवाणी करने वाली महत्वपूर्ण विद्याओं में होती है और अंत में टैरो कार्ड वह सम्मान पाने में सफल हुआ है जिसका वह हक़दार था। तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि अक्टूबर का यह सप्ताह यानी कि 20 से 26 अक्टूबर 2024 तक का समय सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहने की संभावना है?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 20 से 26 अक्टूबर, 2024: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
प्रेम जीवन: सिक्स ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: टेन ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: एट ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स
मेष राशि के जातकों के लिए सिक्स ऑफ वैंड्स कार्ड अनुकूल कार्ड प्रतीत हो रहा है, जो उपलब्धि और सफलता का प्रतिनिधित्व करता है। यदि आप किसी रिश्ते में हैं तो यह कार्ड दर्शा रहा है कि आप दोनों के बीच चीजें अच्छी चलेंगी और सफलतापूर्वक आप दोनों रिश्ते में आगे बढ़ेंगे। हालांकि, यह कार्ड आम तौर पर रिश्तों के लिए अनुकूल है, लेकिन ऐसी परिस्थितियां भी आ सकती हैं, आप में अहंकार की भावना विकसित हो जाए क्योंकि यह कार्ड अहंकार और अशांत प्रेम का प्रतीक भी हो सकता है।
आर्थिक जीवन में, टेन ऑफ स्वॉर्ड्स वित्तीय आपदा का संकेत देता है। ऐसे में, आपको अपने पैसे खर्च करने के तरीके में सावधानी बरतने की ज़रूरत है। आपके द्वारा लिया गया एक गलत वित्तीय कदम वह सब कुछ नष्ट कर सकता है जिसके लिए आपने इतनी मेहनत की है। निवेश करने से पहले सोच-विचार करें और जहां आप निवेश कर रहे हैं उसकी पूरी जांच करें।
एट ऑफ वैंड्स कार्ड दर्शा रहा है कि मेष राशि के जातक इस अवधि करियर और धन के मामले में तेजी से प्रगति करेंगे। आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इस अवधि आपके सारे प्रयास सफल होंगे।
स्वास्थ्य के लिहाज़ में, सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स इस बारे में बात करता है कि आप इस समय जिस स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, उससे आपको धीरे-धीरे राहत मिल रही है। हो सकता है कि आपने स्वास्थ्य के मामले में मुश्किल समय का सामना किया हो, लेकिन अब आप इससे उबर जाएँगे।
भाग्यशाली क्रिस्टल: कार्नेलियन
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: द एम्परर
आर्थिक जीवन: फोर ऑफ पेंटाकल्स
करियर: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड)
स्वास्थ्य: व्हील ऑफ फॉर्च्यून (रिवर्सड)
प्रेम जीवन में द एम्परर कार्ड दर्शा रहा है कि आपका प्रेमी आपको कितना महत्व देता है। यदि आप सिंगल हैं तो इस सप्ताह बहुत से लोग आपसे संपर्क करना चाहेंगे। यह कार्ड एक मजबूत रिश्ते का संकेत दे रहा है। यही नहीं यह कार्ड संकेत दे रहा है कि आपके परिवार में नन्हा मुन्ना मेहमान आ सकता है।
फोर ऑफ़ पेंटाकल्स आर्थिक जीवन के लिए बहुत अधिक अनुकूल कार्ड प्रतीत हो रहा है। यह वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता का प्रतिनिधित्व करता है, जो भविष्यवाणी कर रहा है कि इस सप्ताह आप अपने प्रयासों के बेहतर परिणाम प्राप्त करेंगे। आपने जो सावधानीपूर्वक और अपनी मेहनत से निवेश किया है, उसका बेहतरीन परिणाम आपको इस अवधि में प्राप्त होगा। अब आप आराम से बैठकर अच्छे पलों का आनंद ले सकते हैं।
करियर में नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड) कार्ड अवसरों के हाथ से निकलने या नियंत्रण से बाहर होने का संकेत दे रहा है। यह कार्ड आपको अपने कार्य में धीमा परिणाम देने का संकेत दे रहा है। साथ ही, सुझाव दे रहा है कि आपको अपने काम का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता हो सकती है।
व्हील ऑफ़ फ़ॉर्च्यून (रिवर्सड) कार्ड स्वास्थ्य के लिए अनुकूल कार्ड प्रतीत नहीं हो रहा है। यह संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आपको स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और उसे प्राथमिकता दें।
भाग्यशाली क्रिस्टल: कायनाइट
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: द लवर
आर्थिक जीवन: किंग ऑफ कप्स
करियर: पेज़ ऑफस्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: फाइव ऑफस्वॉर्ड्स
मिथुन राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें, तो यह अवधि आपके लिए शानदार रहेगी। आप अपने साथी के साथ कुछ बेहतरीन समय बिताएंगे और एक-दूसरे के साथ बेहतरीन समय का आनंद लेंगे। आपको अपने रिश्ते को और अधिक गहरा करने के लिए बहुत अधिक समय होगा और आप एक-दूसरे का सम्मान करेंगे।
आर्थिक जीवन को देखें, तो किंग ऑफ कप्स कह रहा है कि इन जातकों के पास अपने बिलों का भुगतान करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पैसा होगा और ऐसे में, आप जीवन आराम से बिताते हुए दिखाई देंगे। हालांकि, आप अपने पैसों को मैनेज बहुत सोच-विचार कर करेंगे। साथ ही, परिस्थितियों को बेहतर करने के उद्देश्य से आप एक बजट का निर्माण करेंगे। इसके फलस्वरूप, यह हफ़्ता आराम से बीतेगा और आपको किसी भी तरह के उतार-चढ़ाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।
पेज ऑफ स्वॉर्ड्स को चाहे कितना भी नकारात्मक कार्ड माना जाएगा। लेकिन, करियर के लिए इस कार्ड को हम सकारात्मक कहेंगे। इस सप्ताह करियर के संबंध में आपके विचारों में स्पष्टता देखने को मिलेगी। संभव है कि इस दौरान आपको नई-नई चीज़ें सीखने का मौका मिले और आपको नई जिम्मेदारियां मिलने की संभावना है।
फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स स्वास्थ्य के मामले में संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह आप थका हुआ महसूस कर सकते हैं और आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। आशंका है कि आपकी ऊर्जा भी धीरे-धीरे कम हो चुकी है। आप बहुत अधिक चिंतित और परेशान महसूस कर सकते हैं।
भाग्यशाली क्रिस्टल: फ़िरोज़ा
कर्क राशि
प्रेम जीवन: टेन ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: जस्टिस
करियर: द चैरियट
स्वास्थ्य: टू ऑफ स्वॉर्ड्स
कर्क राशिके जातकों के प्रेम जीवन की बात करें, तो यह कार्ड संकेत दे रहा है कि आप अभी-अभी किसी टॉक्सिक रिलेशनशिप से बाहर आए हैं या उससे बाहर निकलने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे लेकर आप काफी परेशान हो सकते हैं और आपको यह समय काफी मुश्किल भरा लग रहा हो। लेकिन, याद रखें कि हर रात के बाद सुबह होती है। आपके अच्छे दिन बस आने ही वाले हैं और आप जल्दी ही इन तमाम चीज़ों से उबरने में सक्षम होंगे।
जस्टिस कार्ड आर्थिक जीवन में आपको याद दिलाता है कि इस सप्ताह आपको सोच-समझकर और कम मात्रा में धन खर्च करना चाहिए। तभी खर्च करना चाहिए जब आपको जरूरत लगें। यह कार्ड आपको फिज़ूलखर्ची करने से रोकता है।
करियर को लेकर द चैरियट कार्ड भविष्यवाणी करता है कि आप इस सप्ताह पदोन्नति का इंतज़ार कर रहे होंगे। अच्छी बात यह है कि आपका इंतजार खत्म होगा और आपको उच्च पद की प्राप्ति होगी। इस अवधि के दौरान आपका करियर तेज़ी से आगे बढ़ेगा और आप खूब तरक्की करेंगे।
स्वास्थ्य के मोर्चे पर टू ऑफ स्वॉर्ड्स कुछ मानसिक तनाव के मुद्दों की ओर संकेत कर रहे हैं। ऐसे में, आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए और जल्द से जल्द डॉक्टर से राय लेनी चाहिए और अपना उपचार करवाना चाहिए।
यदि आप किसी रिश्ते में हैं तो नाइट ऑफ़ कप्स भविष्यवाणी करता है कि आपको शादी का नया प्रस्ताव मिल सकता है या आप किसी से कमिटेड हो सकते हैं। इस कार्ड का अर्थ यह भी हो सकता है कि आप अपने साथी के प्रति अत्यधिक कोमल, भावुक और संवेदनशील हैं।
द मून कार्ड आपको आवेगपूर्ण निवेश या इस सप्ताह कोई वित्तीय निर्णय लेने से पहले सावधान रहने की सलाह देता है। यह कार्ड सतर्क कर रहा है कि कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले सभी आवश्यक जानकारी के बारे में जान लें। यदि आप इस सप्ताह जल्दबाजी में कोई निर्णय लेंगे तो आपको हानि हो सकती है और आपके करीबी लोग आपका पैसा हड़पने की कोशिश कर सकते हैं। इस अवधि किसी पर भरोसा न करें।
करियर में, द हैरोफ़न्टएक ऐसा कार्ड है जो सुरक्षा और आराम का प्रतिनिधित्व करता है। यह दर्शाता है कि कार्यक्षेत्र में आपके कामकाज का माहौल खुशनुमा होगा और आप अपने काम को लेकर बहुत खुश है। फिलहाल आप अभी नई नौकरी की तलाश नहीं करना चाहते हैं या न ही करियर में बदलाव करना चाहते हैं।
स्वास्थ्य के लिहाज़ में सिक्स ऑफ़ कप्स संकेत देता है कि कोई पुरानी चोट या बीमारी फिर से उभर सकती है, जो आपके लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और चिंताओं का संकेत है।आपको सलाह दी जाती है कि जैसे ही आपको कोई लक्षण दिखने लगें, तुरंत डॉक्टर के पास चेकअप करवाने जरूर जाएं।
भाग्यशाली क्रिस्टल: सिट्रीन
कन्या राशि
प्रेम जीवन: थ्री ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ कप्स
करियर: द मैजिशियन
स्वास्थ्य: सेवेन ऑफ कप्स
कन्या राशि के जातकों को प्रेम जीवन में अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड प्राप्त हुआ है, जो संकेत दे रहा है कि आप इस सप्ताह जुनून, ऊर्जा से भरे रहेंगे। आप दोनों के बीच शानदार सामंजस्य देखने को मिलेगा और अच्छी तरह से आपका रिश्ता आगे बढ़ेगा।
आर्थिक जीवन की बात करें तो आप इस सप्ताह जरूरतमंदों की मदद करने और चैरिटी को दान करेंगे। यह कार्ड इस बात का भी संकेत दे रहा है कि आपको जल्द ही पैतृक संपत्ति से लाभ होने वाला है या घर का कोई सदस्य आपको उपहार के रूप में पैसा दे सकता है।
करियर की बात करें, तो द मैजिशियन कार्ड दर्शा रहा है कि इस अवधि आपको नए अवसर प्राप्त होंगे और आप तेज़ी से आगे बढ़ेंगे। चूँकि मैजिशियन अभिव्यक्ति का कार्ड है, इसलिए यदि आपके पास अपने लक्ष्यों का पालन करने की इच्छा और दृढ़ संकल्प है, तो आप संभवतः अपने काम में सफल होंगे।
सेवेन ऑफ कप्स टैरो कार्ड यह सुझाव दे सकता है कि आप खुद पर बहुत ज़्यादा दबाव डाल रहे हैं और एक बार में बहुत ज़्यादा काम कर रहे हैं, जिसके चलते आप थका हुआ महसूस कर रहे हैं। इस वजह से आप बीमार या किसी दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं। यह कार्ड मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का भी प्रतीक हो सकता है।
द टॉवर कार्ड तुला राशि के जातकों के प्रेम जीवन के बारे में भविष्यवाणी करता है कि इस सप्ताह आपके जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं। इस सप्ताह कमज़ोर नींव वाले रिश्ते बहुत लंबे समय तक नहीं टिकेंगे और खत्म हो सकते हैं। भले ही शुरू में आपको इस रिश्ते को खोने का दुख हो लेकिन, ये नए अनुभव आपको प्रदान करेंगे। अगर इस हफ़्ते आपका रिश्ता टूट जाता है, तो जान लें कि यह आपके भले के लिए है।
आर्थिक जीवन में रिवर्स टू ऑफ वैंड्स (रिवर्सड) सुझाव देता है कि आपको अपनी वित्तीय स्थिति पर नज़र रखनी होगी क्योंकि यह कार्ड बताता है कि इस अवधि आपकी वित्तीय स्थिति थोड़ी अस्थिर होने वाली है।
करियर की बात करें तो, नाइट ऑफ वैंड्स नई शुरुआत का प्रतीक है, जो संकेत दे रहा है कि इस महीने आप अपनी नौकरी में बदलाव कर सकते हैं या किसी साइड प्रोजेक्ट की शुरुआत कर सकते हैं। इस दौरान आप ऊर्जा से भरा हुआ महसूस करेंगे और नए-नए अनुभव देखने को मिलेंगे। कार्यक्षेत्र में आप पूरे उत्साह से काम करेंगे।
स्वास्थ्य के लिहाज से, किंग ऑफ स्वॉर्ड्स दर्शाता है कि सामान्य सर्दी और फ्लू आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकते हैं, लेकिन कोई बड़ी समस्या आपको परेशान नहीं करेगी।
भाग्यशाली क्रिस्टल: लेपिडोलाइट
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: टू ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ पेंटाकल्स
करियर: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स
वृश्चिक राशि के जातकों को प्रेम के संदर्भ में टू ऑफ कप्स का कार्ड मिला है जो आपको अपने जीवनसाथी से मिलने के संकेत दे रहा है। यह कार्ड रोमांटिक रिश्तों से परे किसी भी रिश्ते में प्रशंसा और शांति के आदान-प्रदान की ओर भी इशारा करता है। टू ऑफ कप्स दो व्यक्तियों के बीच के प्यार के प्रवाह को दर्शाता है फिर यह दो व्यक्ति आपस में दोस्त हो सकते हैं, परिवार की कोई सदस्य हो सकते हैं या फिर रोमांटिक पार्टनर्स भी हो सकते हैं।
फाइव ऑफ पेंटाकल्स वृश्चिक राशि के जातकों को बड़े आर्थिक संकट के लिए चेतावनी दे रहा है जिसका सामना आपको भविष्य में करना पड़ सकता है। यह कार्ड संकेत दे रहा है कि आप किसी बड़ी आर्थिक समस्या में घिर सकते हैं इसलिए अभी से धन की बचत करना शुरू कर दें और धन बहुत सोच-समझकर व योजना बनाकर खर्च करें।
नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स इस बात का प्रतिनिधित्व करता है कि जीत उसी की होती है जो सर्वश्रेष्ठ होता है यानी कि करियर के क्षेत्र में आपका सारा ध्यान अपने लक्ष्यों को हासिल करने पर होगा। अपनी मेहनत और प्रयासों के बल पर आप उन्हें पूरा भी करेंगे।
क्वीन ऑफ़ स्वॉर्ड्स भविष्यवाणी कर रहा है कि इस महीने आपकी सेहत शानदार रहेगी जो कि आपको राहत देगी। सुनिश्चित करें कि आप अपने स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के लिए लगातार कोशिश करते रहेंगे।
भाग्यशाली क्रिस्टल: सोडालाइट
धनु राशि
प्रेम जीवन: थ्री ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: द एम्परर
करियर: सिक्स ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: टू ऑफ पेंटाकल्स (रिवर्सड)
यदि आप सिंगल हैं, तो थ्री ऑफ़ पेंटाकल्स संकेत दे रहा है कि आपके मन में किसी के लिए भावनाएं उत्पन्न हो सकती है। इसका यह भी अर्थ हो सकता है कि कार्यक्षेत्र में या कॉलेज में आपकी मुलाकात किसी ख़ास व्यक्ति से हो सकती है, जिसके साथ आप डेटिंग कर सकते हैं। थ्री ऑफ़ पेंटाकल्स यह भी संकेत दे रहा है कि आप अपने रिश्ते में प्रेम के साथ आगे बढ़ेंगे।
आर्थिक जीवन में द एम्परर कार्ड संकेत दे रहा है कि आपको अपने धन को बहुत ही समझदारी और सोच समझकर प्रबंधित करने की आवश्यकता है। आपको इस बात के प्रति सचेत रहना चाहिए कि आपका पैसा कहां जा रहा है और आप कितना खर्च कर रहे हैं। अपने खर्च पर उचित नियंत्रण बनाए रखें।
करियर के क्षेत्र में सिक्स ऑफ़ कप्स एक भाग्यशाली कार्ड माना जाता है। यह रचनात्मकता, टीमवर्क और दयालुता का प्रतिनिधित्व करता है। यह कार्ड संकेत दे रहा है कि आप अपने रचनात्मक प्रयासों से करियर में तेज़ी से आगे बढ़ेंगे। यह बच्चों या युवा लोगों के साथ काम करने का भी संकेत दे सकता है।
स्वास्थ्य के मामले में, टू ऑफ पेंटाकल्स (रिवर्सड) सुझाव दे रहा है कि आप अपने जीवन के अन्य क्षेत्रों में खुद पर बहुत ज़्यादा दबाव डाल रहे हैं, जो आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। एक साथ बहुत सी चीज़ों को संतुलित करने की कोशिश करने से बहुत ज़्यादा तनाव और चिंतित हो सकते हैं, जो आपको शारीरिक रूप से बीमार कर सकता है।
भाग्यशाली क्रिस्टल: पुखराज
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मकर राशि
प्रेम जीवन: द हाई प्रीस्टेस
आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: द मैजिशियन
स्वास्थ्य: किंग ऑफ वैंड्स
प्रेम जीवन में हाई प्रीस्टेस एक आध्यात्मिक मिलन का संकेत है। यह कार्ड दर्शा रहा है कि आप और आपका पार्टनर या एक दूसरे के विपरीत होंगे या बिल्कुल एक समान होंगे। जो विपरीत है वह एक दूसरे को आगे तरक्की के मार्ग पर ले जाएंगे। साथ ही, एक दूसरे के अपने रहस्य को छिपा नहीं पाएंगे बल्कि यह कार्ड रहस्या को छिपाने वाला कार्ड है। आप दोनों बहुत निजी तरीके से जीवन जीना पसंद करते हैं।
आर्थिक जीवन में फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स संकेत दे रहा है कि इस सप्ताह कुछ लोग आपका फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं या आपसे ज़रूरत से ज़्यादा ले सकते हैं। यह कार्ड कभी-कभी यह भी संकेत दे सकता है कि अभी आपकी आर्थिक स्थिति कमज़ोर है। ऐसे में आपको सोच-समझकर खर्च करने की आवश्यकता होगी।
मकर राशि के जातकों के करियर की बात करें तो, यह संकेत दे रहा है कि आपके आस-पास अवसर होंगे और यदि आप तेज़ी से आगे बढ़ेंगे, तो आप इनका लाभ उठाने में सक्षम होंगे। यह कार्ड आपको अपने लक्ष्यों के प्रति दृढ़ता से आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने की बात कह रहा है।
किंग ऑफ वैंड्स स्वास्थ्य के लिए एक अनुकूल कार्ड है, जो जीवन शक्ति और उत्कृष्ट स्वास्थ्य को दर्शाता है। आपके पास स्वस्थ जीवनशैली जीने के लिए आवश्यक प्रेरणा और उत्साह है। लेकिन कभी-कभी आराम करना और खुद को बहुत अधिक दबाव में डालने से बचने की आवश्यकता होगी।
भाग्यशाली क्रिस्टल: गार्नेट
कुंभ राशि
प्रेम जीवन: द हैंग्ड मैन (रिवर्सड)
आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ वैंड्स
करियर: द वर्ल्ड
स्वास्थ्य: पेज़ ऑफ पेंटाकल्स
कुंभ राशि के जातकों के प्रेम जीवन में द हैंग्ड मैन (रिवर्सड) संकेत दे रहा है कि अब आपकी प्रतीक्षा अवधि समाप्त हो चुकी है और निजी जीवन में आत्मनिरीक्षण का दौर शुरू हो सकता है। अब आप नई समझ के साथ के आगे बढ़ेंगे और खुद में बदलाव लेकर आएंगे।
आपके आर्थिक जीवन की बात करें तो आशंका है कि आप अस्थिर वित्तीय स्थिति से गुजर रहे हो। हालांकि यह कुछ समय की बात है, लेकिन आपको इससे बाहर निकलने के लिए संघर्ष करना होगा। यदि अभी चीजें सही चल रही है, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि जल्द ही आपको वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है या किसी के साथ पैसे को लेकर तीखी बहस हो सकती है। यह विवाद किसी अजनबी, जैसे स्टोर क्लर्क या सहायक के साथ हो सकता है, या यह किसी ऐसे व्यक्ति के साथ हो सकता है जिसे आप प्यार करते हैं।
करियर के लिए यह अवधि बहुत अधिक शानदार साबित होगी। इस सप्ताह यदि आप अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, कोई विशेष रूप से कठिन असाइनमेंट पूरा करना चाहते हैं या ऐसी नौकरी पाना जाते हैं, जिससे आपको संतुष्टि प्राप्त हो तो वह सब पूरा होगा। यह वह समय है जब आप अपनी कड़ी मेहनत का जश्न मनाएंगे। आप शायद आगे की सोच कर चिंतित हो सकते हैं पर चिंता की बात नहीं हैं आगे आने वाला समय भी आपके लिए बेहतर होगा।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, पेज ऑफ़ पेंटाकल्स संकेत दे रहा है कि आपको अपनी उम्र से कोई फर्क नहीं पड़ता और आप इस अवधि युवा और स्वस्थ महसूस करेंगे। यह कार्ड बताता है कि यदि आप इसी तरह अपने स्वास्थ्य का ध्यान देंगे तो आप हर समस्याओं का सामना आसानी से करने में सक्षम होंगे।
भाग्यशाली क्रिस्टल: ओनिक्स
मीन राशि
प्रेम जीवन: ऐस ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: द स्टार
करियर: क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: फोर ऑफ स्वॉर्ड्स
मीन राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो ऐस ऑफ वैंड्स एक नए चरण की शुरुआत का संकेत दे रहा है, जैसे सगाई, शादी करना या परिवार बसाना। यदि आप सिंगल हैं तो इस सप्ताह आप एक साहसी कदम उठा सकते हैं या किसी के सामने अपने दिल की बात कह सकते हैं।
आर्थिक जीवन के लिहाज़ से द स्टार अपराइट कार्ड यह संकेत देता है कि आपकी आर्थिक स्थिति बहुत अधिक शानदार है या आप अपने वित्त में जो भी बाधाएं हैं, उन्हें दूर करने में सक्षम होंगे। आपके पास जो कुछ भी है, उसके लिए आप आभारी है। आपकी सकारात्मकता और आत्मविश्वास आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी सहायता करेगी।
जिन जातकों का खुद का व्यवसाय है, उनके लिए क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स अच्छे संचार, विवेक का प्रतीक है। यह कार्ड भविष्यवाणी करता है कि आपके कार्यक्षेत्र में एक बड़ी उम्र की महिला आपकी सहायता करेगी और उसकी मदद से आप तेजी से आगे बढ़ेंगे।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से फोर ऑफ स्वॉर्ड्स संकेत देता है कि आपको अपने व्यस्त कार्यक्रम से छुट्टी लेनी चाहिए और अपने शरीर को आराम देना चाहिए क्योंकि थकान को दूर करने के लिए यह बहुत जरूरी है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- टैरो की उत्पत्ति कहाँ हुई?
टैरो कार्ड की उत्पत्ति यूरोप के कुछ हिस्सों, खासकर इटली में ताश के खेल के रूप में हुई।
2- टैरो की उत्पत्ति कब हुई?
लगभग 1400 के आसपास टैरो की उत्पत्ति हुई।
3- भविष्य कथन के लिए टैरो ने कैसे लोकप्रियता हासिल की?
जब कुछ रहस्यवादियों ने कार्ड के चित्रों में इसकी शक्तियों और अर्थों को देखना शुरू किया, तब टैरो भविष्यवाणी का एक साधन बन गया।
बुध तुला राशि में उदय: राशि सहित देश-दुनिया पर देखने को मिलेगा इसका प्रभाव
एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध तुला राशि में उदय के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि बुध के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को बुध उदित से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में बुध ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
बता दें कि बुध तुला राशि में उदय 22 अक्टूबर 2024 को होगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।
बुध को बुद्धि और सीखने की क्षमता का ग्रह कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष काल पुरुष कुंडली में नवग्रहों के युवराज बुध ग्रह चौथे और दसवें भाव के कारक हैं और यह आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। कुंडली के चौथे भाव में बुध अनुकूल परिणाम प्रदान करते हैं क्योंकि यह खुशी का भाव है। इसी तरह, बुध दसवें भाव में भी काफी बेहतर प्रदर्शन करते है और यह पेशे व करियर का भाव है और बुध यहां मजबूत संचार क्षमता प्रदान करते हैं। ऐसे जातक शानदार परामर्शदाता बन सकते हैं।
बुध तुला राशि में उदय: समय
बुध का तुला राशि में गोचर 10 अक्टूबर, 2024 को हुआ है और अब बुध 22 अक्टूबर 2024 की शाम 06 बजकर 58 मिनट पर शुक्र द्वारा शासित राशि तुला में उदित होने जा रहे हैं। बता दें कि बुध और शुक्र मित्र ग्रह हैं। इसके बाद बुध 29 अक्टूबर, 2024 को वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
बुध तुला राशि में उदय: विशेषताएँ
बुध तुला राशि में होने पर हमेशा सहज रहता है। ऐसे जातक संगीत में बहुत अधिक रुचि रखते हैं क्योंकि उनकी आवाज़ भी मधुर होती है। ये जातक एक हंसमुख स्वभाव के होते हैं। ये लोग कोई भी निर्णय लेने से पहले सभी चीजों को ध्यान से देखते हैं क्योंकि बुध बुद्धि का कारक ग्रह है और तुला एक संतुलित राशि है।
तुला राशि में बुध के प्रभाव से जातक का करियर शानदार रहता है। ये जातक बेहतरीन व्यवसायी, वकील, गवर्नर (विशेष रूप से एक बैंक का), विदेशी राजनयिक, न्यायाधीश, क्रिकेट अंपायर, चुनाव आयोग का प्रमुख या कोई अन्य पद संभाल सकते हैं।
हालांकि बुध तुला राशि के लिए एक अनुकूल राशि है, लेकिन सभी स्थितियों के अपने फायदे और नुकसान हैं। ऐसे में, नकारात्मक पक्ष की बात करें, तो ऐसे जातक गुर्दे, थायरॉयड, बालों के झड़ने, पक्षाघात और नपुंसकता जैसी गंभीर समस्याओं से ग्रस्त हो सकते हैं। यदि नोड्स प्लेसमेंट में हस्तक्षेप करते हैं, तो चेतना का नुकसान या चक्कर आना भी हो सकता है।
बुध तुला राशि में उदय: इन राशियों पर होगा सकारात्मक प्रभाव
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। बुध तुला राशि में उदय आपके पांचवें भाव में होंगे। करियर के क्षेत्र में, आप काम में उच्च प्रगति और नौकरी के अधिक अवसर प्राप्त करेंगे, जिससे आप संतुष्टि महसूस करेंगे। आप करियर में तेज़ी से आगे बढ़ेंगे। इस समय आपको कार्यक्षेत्र में अपने स्किल्स को दिखाने का अवसर मिलेगा और आप अपने किसी रचनात्मक अनुभव के कारण ऐसा करने में सक्षम हो सकते हैं।
नौकरी की तलाश करने वाले जातकों को कई अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। इस अवधि आप अपने व्यवसाय के लिए उच्च मानक स्थापित करेंगे और अपनी कड़ी मेहनत से राजस्व बढ़ाएंगे। आप अपने राजस्व को बढ़ाने और अपने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी टक्कर देने में सफल होंगे। आपकी व्यावसायिक रणनीति और तकनीक आपके प्रतिद्वंद्वियों को आश्चर्य में डाल देगी। यदि आप सट्टा उद्योगों या शेयर बाजार से जुड़े हैं, तो इस दौरान आपको शानदार रिटर्न प्राप्त होगा।
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और बुध तुला राशि में उदय आपके तीसरे भाव में होगा। करियर के क्षेत्र में, आप नौकरी में बदलाव कर सकते हैं। कार्यक्षेत्र में आप अपनी रुचियों को आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे।
इस अवधि के दौरान, आपको नए-नए अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने के अवसर भी मिलेंगे और आप ऐसे बेहतरीन अवसर प्राप्त करने और खुद को बेहतर तरीके से प्रदर्शित करने में सफल होंगे। व्यापार के क्षेत्र में, आप विकास के लिए अपने व्यवसाय में बदलाव करेंगे और नए क्षेत्रों में अवसर देखेंगे। आपको नए क्लाइंट मिलेंगे, जिससे आपका बिज़नेस तेज़ी से आगे बढ़ेगा। इस अवधि आप काम के सिलसिले में यात्रा करेंगे और ऐसा करने से आपको अधिक वित्तीय लाभ होगा। आपको अलावा, आर्थिक जीवन में भाग्य का साथ मिलेगा। कार्यक्षेत्र में आपके प्रयास सफल होंगे। आप अधिक लाभ और प्रोत्साहन प्राप्त करेंगे। साथ ही, आप धन की बचत भी करेंगे। आप भविष्य के लिए पैसे भी अलग रख सकते हैं।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों की कुंडली में बुध ग्रह को पहले और दसवें भाव का स्वामित्व प्राप्त है। अब बुध तुला राशि में उदय आपके दूसरे भाव में जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, कार्यक्षेत्र में आपको पदोन्नति प्राप्त होगी और आपके वेतन में वृद्धि होगी। आप करियर के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ेंगे। कन्या राशि के जो जातक नौकरी की तलाश में हैं उन्हें नए अवसर प्राप्त होंगे। आप इस अवधि ऊर्जा और उत्साह से भरे रहेंगे, जिससे आपको आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
यदि आपका खुद का व्यापार है, तो यह समय आपके लिए पर्याप्त लाभ प्राप्त करने का होगा। इस अनुकूल समय के दौरान, आपको नए व्यावसायिक प्रस्ताव मिलेंगे, जिसके परिणामस्वरूप आपकी कंपनी को अधिक सफलता और लाभ मिलेगा। आपकी कड़ी मेहनत रंग लाती दिखेगी। नौकरी करने वाले जातकों के वेतन में वृद्धि होगी और आप बचत करने में सफल होंगे। कुल मिलाकर आप अपने काम और प्रयासों से अधिक लाभ प्राप्त करेंगे, जिससे आपको खुशी महसूस होगी।
तुला राशि वालों के लिए बुध देव बारहवें और नौवें भाव के स्वामी हैं जो अब बुध तुला राशि में उदय आपके पहले भाव में होगा। यह अवधि आपके लिए अनुकूल रहेगी। यदि आप नौकरी बदलने का विचार बना रहे हैं तो आपके पास कई शानदार अवसर होंगे, जो आपको आगे बढ़ाने में सफल बनाएगी। संभावना है कि यह अवसर आपको विदेश से प्राप्त हो। काम के सिलसिले से आप सामान्य से अधिक यात्रा करेंगे।
हालांकि, इस तरह की कार्य संबंधी यात्रा आपको अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सफल बनाएगी। यदि आपका खुद का व्यवसाय है, तो आप अपने कार्य क्षेत्र में समृद्धि के कगार पर होंगे। यदि आप विदेशी मुद्रा व्यापार में शामिल हैं, तो आप इससे आप अधिक मात्रा में धन अर्जित करने की स्थिति में होंगे।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब बुध तुला राशि में उदय आपके दसवें भाव में होने जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, आप अपने काम पर अधिक केंद्रित करेंगे। आप सिद्धांतों पर चलने वाले व्यक्ति होंगे और इसके चलते आपको अपने काम में उन्नति प्राप्त होगी, जिससे आप खुशी महसूस करेंगे। इस अवधि आप अधिक यात्राएं करेंगे और यह यात्रा आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे। इसके अलावा, आध्यात्मिक गतिविधियों पर आपकी रुचि अधिक होगी
करियर की बात करें, तो यदि आप नौकरी करते हैं और नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो इस दौरान आपको कई शानदार अवसर प्राप्त होंगे। जिससे आपकी सभी जरूरतें पूरी होंगी। आपको काम के लिए बहुत दूर यात्रा करनी पड़ सकती है, लेकिन ये यात्राएं आपके लिए फायदेमंद होंगी।
इस राशि के व्यापार करने वाले लोगों के लिए यह समय शानदार रहेगा। वे अपने लक्ष्यों प्राप्त करने और उच्च लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे। आप अपने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम होंगे। यदि आप व्यापार के संबंध में योजना बना कर चलेंगे तो आप जल्दी तरक्की की राह पर होंगे और आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इस अवधि आप अपनी मेहनत से अपनी सफलता को प्राप्त करेंगे और अपनी कहानी बुनेंगे।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब बुध तुला राशि में उदय नौवें भाव में होगा। इसके फलस्वरूप, इस जातकों का झुकाव अध्यात्म के प्रति बढ़ सकता है और आपको इस संबंध में अधिक लाभ होगा। आप अपने जीवन को बेहतर बनाए रखने की दिशा पर काम करेंगे। पैतृक संपत्ति से आपको लाभ मिलेगा।
यदि आप नौकरी करते हैं, तो आप अपने क्षेत्र सफलता प्राप्त करेंगे और आपको भाग्य का भी पूरा साथ मिलेगा। इसके अलावा, आपको नौकरी के भी बेहतरीन अवसर प्राप्त होंगे, जिससे आपको खुशी व संतुष्टि प्राप्त होगी। इस अवधि के दौरान, आप अपने काम के प्रति अधिक उत्साही और प्रतिबद्ध हो सकते हैं।
यदि आपका खुद का व्यापार है, तो आप अपने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ने और सफलता की दौड़ में आगे मिकलने में सक्षम होंगे। इस दौरान आपके पास एक नई व्यावसायिक रणनीति सीखने का अवसर होगा जो आपके राजस्व को बढ़ाने में आपकी बहुत अधिक मदद करेगी। आप अपने वर्तमान संसाधनों का उपयोग करके पैसे के स्रोत पर अपनी कमाई बढ़ाने में सक्षम होंगे। हो सकता है कि आप भविष्य के लिए अधिक धन बचाना शुरू कर दें। इस अवधि आप पैतृक संपत्ति और सट्टेबाजी के माध्यम से अपनी आय में वृद्धि करेंगे।
बुध तुला राशि में उदय: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि वालों की कुंडली में बुध ग्रह तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं, अब बुध तुला राशि में उदय सातवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आपको आर्थिक और पेशेवर रूप से नुकसान उठाना पड़ सकता है।
करियर के क्षेत्र में, आपको कार्यक्षेत्र में अपने काम को ठीक से पूरा करने में ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि इस दौरान आपसे गलतियां होने की संभावना है। चूँकि आपको अपने वरिष्ठों से अधिक बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि आपको सलाह दी जाती है कि योजना बनाकर चलें और समय पर अपना काम पूरा करने के लिए एक शेड्यूल बनाने की आवश्यकता हो सकती है। यह संभव है कि आप काम पर अधिक दबाव महसूस कर रहे हों, जो चिंताजनक हो सकता है।
यदि आप कोई व्यवसाय करते हैं, तो आपको प्रतिस्पर्धियों से चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं, तो अपनी व्यावसायिक योजना के अनुसार चलने और नए दिशानिर्देशों का पालन करने की आवश्यक हो सकती है। यदि आप इस पर अमल करते हैं, तो आप अपने सामने मौजूद कठिन उद्देश्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
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वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं, बुध तुला राशि में उदय आपके छठे भाव में होगा। वृषभ राशि के जातकों के लिए यह अवधि बिल्कुल अनुकूल प्रतीत नहीं हो रही है क्योंकि इस दौरान जीवन के कई क्षेत्रों में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
आशंका है कि आपको कार्यक्षेत्र में अपनी मेहनत के लिए अपने वरिष्ठों से सराहना प्राप्त न हो, जिससे आपको निराशा हो सकती है। आप इस दौरान पदोन्नति या अन्य लाभों की उम्मीद कर रहे होंगे, लेकिन यह संभव है कि आप उन्हें आसानी से प्राप्त न कर पाएं। इस गोचर के दौरान समय पर पदोन्नति और अन्य प्रोत्साहन न मिलने से आप निराश महसूस कर सकते हैं।
जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। आशंका है कि आप अधिक धन कमाने में असमर्थ हो। ऐसे में, आपको अपने बिज़नेस के लिए बहुत अधिक सोच-समझकर योजना बनाने की आवश्यकता होगी क्योंकि आपके प्रतिद्वंद्वी आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस अवधि आपको आर्थिक रूप से नुकसान होने की संभावना है और हो सकता है कि आप कर्ज में डूब जाए।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह को चौथे और सातवें भाव पर स्वामित्व प्राप्त हैं। अब बुध तुला राशि में उदय आपके आठवें भाव में होगा। यह अवधि आपके लिए उतार-चढ़ाव भरी साबित होगी। करियर के क्षेत्र में बनाए गए लक्ष्यों को पूरा करने में असमर्थ हो सकते हैं। इस गोचर के दौरान आप बड़े फैसले लेने को मजबूर हो सकते हैं या आपके बॉस के दबाव के कारण काम पर गलतियां करने के खतरे में डाल सकता है।
यदि आप कोई व्यवसाय चला रहे हैं, तो आपको धन हानि होने की संभावना है। इस बात की भी आशंका है कि आपके विरोधी आपको नुकसान पहुंचाएं और पीट पीछे आपके लिए षड्यंत्र रचे। मीन राशि के जातकों के आर्थिक जीवन की बात करें, तो योजना की कमी के कारण आपको हानि हो सकती है, जिस वजह से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बुध तुला राशि में उदय: उपाय
भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें देसी घी के लड्डू और दूर्वा घास भेंट करें।
बुध के निमित्त हवन करें।
अपने घर की महिलाओं को कुछ कपड़े और हरे कंगन दें।
किन्नरों का आशीर्वाद लें।
हर दिन गायों को चारा खिलाएं।
हरे चने भिगोए और उन्हें पक्षियों, खासकर तोते और कबूतरों को खिलाएं।
बुध यंत्र स्थापित करें और घर और कार्यस्थल दोनों जगह प्रार्थना करें।
बुध तुला राशि में उदय: विश्वव्यापी प्रभाव
मीडिया और पत्रकारिता
भारत और दुनिया के कई प्रमुख हिस्सों में मीडिया और पत्रकारिता जैसे क्षेत्रों में वृद्धि देखने को मिल सकती है।
मीडिया, पत्रकारिता, पीआर आदि सभी क्षेत्रों में प्रगति आने की संभावना है। इन क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को बुध उदित के दौरान विशेष लाभ प्राप्त होगा।
प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और कानून
बुध उदित तकनीक और रिसर्च के क्षेत्रों में तेज़ी देखने को मिलेगी।
लंबे समय से मंदी देख रही कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कोई बड़ा आविष्कार या शोध होने की उम्मीद है।
बुध उदित कामकाज या अदालतों और कुछ महत्वपूर्ण लंबित निर्णयों में निष्पक्ष निर्णयों पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
वकीलों और न्यायाधीशों को इस घटना से लाभ होगा।
बुध तुला राशि में उदय: शेयर बाजार रिपोर्ट
बुध का गोचर प्रत्येक देश-दुनिया सहित शेयर बाजार पर भी बहुत अधिक प्रभाव डालता है और विभिन्न कंपनियों के शेयरों की लाभप्रदता को प्रभावित करता है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर एस्ट्रोसेज ने शेयर बाज़ार भविष्यवाणी को विशेष रूप से आपके लिए तैयार किया है। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बुध उदित शेयर बाजार को कैसे प्रभावित करेगा।
1, 5, 8, 9, 12, 13, 14, 16, 19, 23, 27, 27, 28 और 29 अक्टूबर को बाजार में तेजी देखने को मिलेगी।
कुल मिलाकर इस अवधि शेयर बाजार में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। बैंक, वित्त, पब्लिक सेक्टर, भारी इंजीनियरिंग, कपड़ा, हीरे, चाय, कॉफी, कपास, सौंदर्य प्रसाधन, तंबाकू, रिलायंस इंडस्ट्रीज, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस पावर, टाटा पावर और अदानी पावर आदि में तेज़ी देखने को मिलेगी।
कुल मिलाकर, बुध तुला राशि में उदय शेयर बाजार पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- क्या तुला राशि में बुध का होना सकारात्मक स्थिति है?
तुला राशि संतुलन का प्रतीक है और बुध एक विश्लेषणात्मक और तार्किक ग्रह है। इसलिए, तुला राशि में बुध सबसे सकारात्मक स्थितियों में से एक है।
2- बुध किस राशि में नीच का होता है?
मीन राशि
3- क्या तुला राशि में बुध कानून को पेशे के रूप में बढ़ावा देता है?
हां, कुंडली में तुला राशि में बुध कानून से संबंधित व्यवसायों के लिए एक बेहतरीन स्थिति है।
अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 20 से 26 अक्टूबर , 2024
कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)?
अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा।
इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (20 अक्टूबर से 26 अक्टूबर, 2024)
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं।
जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मूलांक 1
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19 या 28 तारीख को हुआ है)
इस मूलांक के जातकों को अपने रोज़मर्रा के काम निपटाने में मुश्किल आ सकती है। इस समय आपकी आध्यात्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी जो कि आपके लिए सकारात्मक साबित होगा।
प्रेम जीवन: आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी समझ की कमी की वजह से मतभेद उत्पन्न होने की आशंका है। इस वजह से आप दोनों के रिश्ते में खटास आ सकती है। इससे आपके रिश्ते की सुख-शांति के भी भंग होने के संकेत हैं।
शिक्षा: इस सप्ताह छात्रों के लिए किसी भी काम को ध्यान लगाकर कर पाना मुश्किल हो सकता है। इसकी वजह से वह पढ़ाई में पीछे रह सकते हैं।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों के लिए अनुकूल समय नहीं है। आप अपने कार्यक्षेत्र में अपने सहकर्मियों और अधिकारियों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने में असफल हो सकते हैं। वहीं व्यापारियों को कम मुनाफे से ही खुद को संतुष्ट करना होगा।
सेहत: इस सप्ताह आपको अपनी सेहत का ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। जोश और उत्साह में कमी आने की वजह से आपके स्वास्थ्य में गिरावट आने के आसार हैं।
उपाय: रोज़ 108 बार ‘ॐ गं गणपतये नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 2
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20 या 29 तारीख को हुआ है)
इस सप्ताह आप उत्साह से भरपूर रहने वाले हैं और इसकी वजह से आपको सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने की उम्मीद है। आप इस समय अपने हित के लिए कुछ निर्णय ले सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस समय आप काफी संतुष्ट महसूस करेंगे और इसका सकारात्मक असर आपके प्रेम जीवन पर भी देखने को मिलेगा। आपके और आपके जीवनसाथी के बीच सुखद भावनाएं रहेंगी और आप दोनों एक-दूसरे से खुलकर बात कर पाएंगे।
शिक्षा: आप शिक्षा के क्षेत्र में अपने स्क्लिस को प्रदर्शित करने और लोगों के बीच अपनी एक विशेष जगह बनाने में सफल होंगे। इस समय आपके लिए शिक्षा के क्षेत्र में उच्च अंक प्राप्त करना सरल होगा।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को इस सप्ताह उच्च सफलता मिलने के योग हैं। वहीं व्यापारियों को अपनी उम्मीद से ज्यादा मुनाफा होने के आसार हैं। इसके साथ ही आप अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में भी सक्षम होंगे।
सेहत: इस समय आप जोश और ऊर्जा से लबरेज़ रहेंगे और इसका सकारात्मक असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा। आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी। हालांकि, सिरदर्द की शिकायत हो सकती है।
उपाय: आप रोज़ 20 बार ‘ॐ सोमाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 3
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21 या 30 तारीख को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अपने प्रयासों में विशेषज्ञता हासिल करने में सक्षम होंगे। आध्यात्मिक कार्यों में हिस्सा लेने से आपको सही मार्गदर्शन मिल सकता है।
प्रेम जीवन: वैवाहिक जीवन के लिए यह सप्ताह अनुकूल रहने वाला है। आपके और आपके पार्टनर के बीच खुशियां बनी रहेंगी। आप दोनों किसी तीर्थस्थल की यात्रा पर जा सकते हैं और यह यात्रा आपके रिश्ते को अधिक मूल्यवान बनाने का काम करेगी।
शिक्षा: इस सप्ताह आप शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। फाइनेंशियल, अकाउंटिंग और बिज़नेस मैनेजमेंट जैसे कोर्स आपके लिए ज्यादा अच्छे साबित होंगे।।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आप अपने काम में अधिक विशेषज्ञता हासिल करेंगे। वहीं दूसरी ओर, व्यापारियों के लिए भी अनुकूल समय है। उन्हें अपनी उम्मीद से ज्यादा मुनाफा होने के आसार हैं।
सेहत: इस सप्ताह आपके अंदर उच्च स्तर की ऊर्जा रहने वाली है। आप अधिक सकारात्मक महसूस करेंगे और इसकी वजह से आपका उत्साह और भी अधिक बढ़ जाएगा।
उपाय: बृहस्पतिवार के दिन बृहस्पति ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करवाएं।
मूलांक 4
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22 या 31 तारीख को हुआ है)
इस सप्ताह मूलांक 4 वाले जातकों को तनाव घेर से सकता है। इससे बचने के लिए आपको योजना बनाकर चलने की सलाह दी जाती है। इस समय आप बहुत ज्यादा जुनून दिखा सकते हैं।
प्रेम जीवन: यह सप्ताह आपके प्रेम जीवन के लिए अनुकूल नहीं है। आपको अपने पार्टनर के साथ अपने रिश्ते को मज़बूत करने में दिक्कत आ सकती है।
शिक्षा: मुमकिन है कि पढ़ाई के मामले में यह सप्ताह थोड़ा मुश्किल साबित हो। छात्रों को इस समय शिक्षा के क्षेत्र में अधिक प्रयास करने की ज़रूरत है।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आपके ऊपर काम का दबाव बढ़ने की वजह से आपको चिंता हो सकती है। व्यापारियों को अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिलने की आशंका है।
सेहत: इस समय स्वस्थ रहने के लिए आपको सही समय पर खाना खाने की सलाह दी जाती है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको पाचन संबंधित परेशानियां होने का डर है।
उपाय: आप रोज़ 22 बार ‘ॐ दुर्गाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 5
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14 या 23 तारीख को हुआ है)
इस सप्ताह मूलांक 5 वाले जातकों को सफलता मिलेगी। इसके साथ ही आपने जो नए लक्ष्य तय किए हैं, उन्हें प्राप्त करने में भी आपको कामयाबी मिलने के आसार हैं।
प्रेम जीवन: इस समय आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी समझ बहुत अच्छी रहने वाली है। आप अपने पार्टनर को समझने में अधिक मैच्योरिटी दिखाएंगे।
शिक्षा: इस सप्ताह विद्यार्थी शिक्षा के क्षेत्र में अपने कौशल को साबित करने में सक्षम होंगे और इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ेंगे।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह मूलांक 5 वाले जातक अपने कार्यक्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करेंगे और अपने आप को साबित करने में सक्षम होंगे। वहीं व्यापारियों को अपने अंदर सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेंगे।
सेहत: आप इस समय खुश रहेंगे और इससे आपके अंदर जोश और उत्साह भी बढ़ जाएगा। इसका सकारात्मक असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा।
उपाय: रोज़ 41 बार ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जाप करें।
मूलांक 6
(यदि आपका जन्म महीने की किसी भी 6, 15 या 24 तारीख को हुआ है)
मूलांक 6 वाले जातकों को यात्रा के संदर्भ में लाभकारी परिणाम प्राप्त होंगे। इस सप्ताह आप खूब पैसा कमाएंगे और पैसों की बचत करने में भी सक्षम होंगे।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने पार्टनर के साथ अपने रिश्ते को लेकर अधिक संतुष्ट नज़र आएंगे।
शिक्षा: आप कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, सॉफ्टवेयर और अकाउंटिंग जैसे कुछ विषयों में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं।
पेशेवर जीवन: आपको अपनी रुचि के अनुसार नौकरी के नए अवसर प्राप्त होने की उम्मीद है। यदि आप व्यापार करते हैं और अपने बिज़नेस का विस्तार करने के बारे में सोच रहे हैं, तो इस काम के लिए यह समय एकदम अनुकूल है।
सेहत: स्वास्थ्य के मामले में यह सप्ताह शानदार रहने वाला है। आप फिट महसूस करेंगे और आपको इस समय कोई मामूली स्वास्थ्य समस्या तक परेशान नहीं करेगी।
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16 या 25 तारीख को हुआ है)
इस सप्ताह आपके आकर्षण में कमी आने के संकेत हैं। इसके साथ ही आप असुरक्षित भी महसूस कर सकते हैं। आपको छोटे-छोटे काम करने से पहले अच्छी तरह से सोच-विचार करने, योजना बनाने और फिर उसके अनुसार आगे बढ़ने की सलाह दी जाती है।
प्रेम जीवन: यह सप्ताह प्रेम जीवन के लिए ज्यादा अच्छा नहीं रहने वाला है। कुछ पारिवारिक समस्याओं की वजह से आप अपने जीवनसाथी के साथ प्रेम का आनंद ले पाने में असमर्थ होंगे।
शिक्षा: पढ़ाई के मामले में इस समय छात्रों की सीखने की क्षमता औसत रहने वाली है और इस कारण से आप उच्च अंक प्राप्त करने में पीछे रह सकते हैं।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आप कोई नया कौशल सीख सकते हैं। कार्यक्षेत्र में आपके काम की प्रशंसा होगी। वहीं व्यापारियों को इस समय नुकसान उठाना पड़ सकता है।
सेहत: आपको एलर्जी के कारण स्किन संबंधित समस्या होने के संकेत हैं। इसके अलावा आपको पाचन से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं।
उपाय: रोज़ 41 बार ‘ॐ गणेशाय नम:’ का जाप करें।
मूलांक 8
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17 या 26 तारीख को हुआ है)
मूलांक 8 वाले जातक अपने करियर को लेकर काफी सचेत रहते हैं। ये कार्यक्षेत्र में लगातार प्रयास करने के लिए तैयार रहते हैं और इसी में उत्कृष्टता हासिल करते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने पार्टनर को मनाने की कोशिशों में लगे रहेंगे और इस संदर्भ में आपको बहुत अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं।
शिक्षा: इस समय आप अच्छे से पढ़ाई करेंगे और शिक्षा के मानकों पर खरे उतरेंगे। इस सप्ताह आप मरीज इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग आदि जैसे विषयों की पढ़ाई करने में सक्षम होंगे।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक इस समय अपने काम को लेकर थोड़ा असंतुष्ट महसूस करेंगे और इस वजह से उनके मन में नौकरी बदलने का विचार आ सकता है। वहीं व्यापारियों को इस समय नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
सेहत: इस सप्ताह मूलांक 8 वाले जातकों को टांगों में दर्द की शिकायत और त्वचा से संबंधित समस्याएं होने की आशंका है। इस वजह से आप चिंतित रह सकते हैं।
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18 या 27 तारीख को हुआ है)
आमतौर पर इस मूलांक वाले जातक प्रतिबद्ध और साहसी स्वभाव के होते हैं।
प्रेम जीवन: आपकी लव लाइफ की बात करें, तो इस सप्ताह आपके अपने करीबियों और जीवनसाथी के साथ रिश्ते खराब होने के संकेत हैं। इस समय आपका मन उलझनों से भरा रह सकता है।
शिक्षा: आप पढ़ाई के मामले में शिक्षा के मानकों पर खरा उतरने में सक्षम होंगे। यह सब आपके फोकस और प्रतिबद्धता के कारण संभव हो पाया है।
पेशेवर जीवन: अगर आप सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो इस समय आपको कई शानदार अवसर मिलने की संभावना है। वहीं व्यापारियों को अधिक मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा।
सेहत: शारीरिक रूप से फिट रहने को लेकर आपके अलग नज़रिए और जोश की वजह से आपको स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी। वहीं मज़बूत मानसिकता और साहस के कारण आप ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे और आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।
उपाय: आप रोज़ 27 बार ‘ॐ भौमाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1. अपना मूलांक कैसे देखते हैं?
उत्तर. आप अपनी जन्मतिथि को अंकों में लिखें और फिर उसका जोड़ निकाल लें। आपको एकल संख्या में मूलांक मिल जाएगा।
प्रश्न 2. कौन सा अंक भाग्यशाली माना जाता है?
उत्तर. अंकज्योतिष के अनुसार 7 अंक भाग्यशाली होता है।
प्रश्न 3. 4 मूलांक के लिए कैसा समय है?
उत्तर. इस सप्ताह अच्छे परिणाम पाने के लिए इन्हें अधिक प्रयास करने होंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
मंगल गोचर से मेष सहित इन 7 जातकों को रहना होगा सावधान, बिगड़ सकता है बना बनाया काम!
मंगल का कर्क राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको मंगल का कर्क राशि में गोचरके बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रभाव से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को मंगल के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा इस ब्लॉग में मंगल ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे। बता दें कि मंगल 20 अक्टूबर 2024 की दोपहर 03 बजकर 04 मिनट पर चंद्रमा के स्वामित्व वाली राशि कर्क में गोचर करने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।
ज्योतिष में, मंगल को क्रिया और इच्छा का ग्रह माना जाता है, जो ऊर्जा, महत्वाकांक्षा और खुद को मुखर करने की क्षमता को नियंत्रित करता है। जन्म कुंडली में मंगल की स्थिति बताती है कि व्यक्ति अपनी शारीरिक ऊर्जा को कैसे व्यक्त करता है, प्रतिस्पर्धा से कैसे निपटता है और चुनौतियों का सामना कैसे करता है। इसके अलावा, मंगल आपकी प्रेरणा और आप अपने लक्ष्यों को कैसे प्राप्त करते हैं इस बात को भी दर्शाता है। यह हमारे भीतर की ‘लड़ाई’ का प्रतिनिधित्व करता है, जो हमारे आक्रामकता, दृढ़ संकल्प और हमारी इच्छाओं को पूरा करने के तरीके को प्रभावित करता है। आपकी जन्म कुंडली में मंगल की स्थिति यह बताती है कि आप इन गुणों को कैसे व्यक्त करते हैं। उदाहरण के लिए, मेष राशि में मंगल साहसी और मुखर होता है, जबकि मीन राशि में मंगल अधिक अप्रत्यक्ष और सहज हो सकता है।
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मंगल का कर्क राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए मंगल महाराज आपके पहले और आठवें भाव के स्वामी हैं। अब मंगल का कर्क राशि में गोचर आपके चौथे भाव में होगा, जो सुख, माता, संपत्ति, वाहन और अचल संपत्ति का भाव है। इस दौरान आपको मन पर काबू रखने की सलाह दी जाती है। जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उनके हाथ से लाभ कमाने के अनेक अवसर निकल सकते हैं। नौकरीपेशा जातक यदि पदोन्नति की उम्मीद लगाए हुए हैं, तो उन्हें निराशा प्राप्त हो सकती है। इस अवधि आपको मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में गिरावट आ सकती है क्योंकि मंगल पहले और आठवें भाव के स्वामी हैं तथा करियर, नाम और प्रसिद्धि और इच्छाओं के दसवें और ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं।
चूंकि मंगल कर्क राशि के चौथे भाव में गोचर कर रहे हैं, इसलिए आपको इस दौरान अपने माता-पिता के स्वास्थ्य का विशेष रूप से अपनी मां के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि उन्हें कुछ समस्याओं का अनुभव हो सकता है। सातवें भाव पर मंगल की दृष्टि के कारण आपके जीवनसाथी के साथ कुछ अनबन भी हो सकती है। इस अवधि आशंका है कि आप तनाव की वजह से अधिक परेशान हो जाए। साथ ही, आप बेचैन भी रहेंगे और मन में शांति की कमी रहेगी।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों की कुंडली में मंगल देव को सातवें और बारहवें भाव का स्वामित्व प्राप्त है। अब मंगल का कर्क राशि में गोचर आपके तीसरे भाव में होने जा रहा है। मंगल आपके दसवें भाव को देख रहा है, इसके परिणामस्वरूप आपको सकारात्मक परिणाम प्राप्त होगा और कार्यक्षेत्र में पदोन्नति भी प्राप्त होगी। लेकिन साथ ही, साथ यह गोचर आपके कार्य जीवन में कुछ तनाव भी पैदा कर सकता है और आपको कार्यक्षेत्र में परेशानी भी दे सकता है।
आशंका है कि इस दौरान आपको आर्थिक जीवन में लाभ प्राप्त न हो और बिज़नेस में भी आपके द्वारा बनाई गई योजना काम न आए। चूंकि मंगल बारहवें भाव के स्वामी हैं, इसलिए इस अवधि के दौरान खर्च बढ़ने की संभावना है। चूंकि मंगल तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं, इसलिए आपके छोटे भाई-बहनों के साथ बहस होने की संभावना है या आपके छोटे भाई-बहन भी इस अवधि के दौरान स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से पीड़ित हो सकते हैं। आप रक्त संबंधी समस्या से भी पीड़ित हो सकते हैं, इसलिए सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल महाराज आपके छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब मंगल का कर्क राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में हो जाएगा, जो संचार, धन और परिवार का भाव है। इस गोचर के दौरान आप अपने कार्यों या अपने शब्दों से किसी को चोट पहुंचा सकते हैं। इसलिए, आपको सलाह दी जाती है कि अपने शब्दों पर नियंत्रण रखें। आर्थिक रूप से, अनावश्यक खर्चों के कारण धन की कुछ कमी हो सकती है।
आठवें भाव पर मंगल की दृष्टि के कारण, संभावना है कि आपको पैतृक संपत्ति या अधिक प्राप्त न हो। आपको सलाह दी जाती है कि इस अवधि के दौरान आपको पैसे उधार देने या ऋण लेने से बचना चाहिए। व्यावसायिक रूप से, जातकों को विकास के मामले में अपनी नौकरी में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, विरोधी और प्रतिस्पर्धी आपकी छवि खराब करने के की कोशिश कर सकते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से, आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने और वाहन चलाते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए मंगल ग्रह आपके पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके पहले/लग्न भाव में गोचर करने जा रहे हैं, जो व्यवहार, स्वास्थ्य, आत्म-ज्ञान और सौंदर्य को दर्शाता है। इस गोचर के दौरान आप कुछ कारणों से तनावग्रस्त रह सकते हैं और अपने आवेगी स्वभाव के कारण अधिक आक्रामक हो सकते हैं।
आपको अपने गुस्से पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है। व्यावसायिक रूप से, यह गोचर आपके लिए धन के साथ-साथ विकास के अवसर भी लेकर आएगा। आर्थिक रूप से, यह अवधि आपके लिए औसत रहेगी क्योंकि आय तो होगी लेकिन कई बाधाएं भी सामने आएंगी। सातवें भाव पर मंगल की दृष्टि के कारण आप आक्रामक हो सकते हैं और ऐसे में, वैवाहिक जीवन में कुछ गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से, आपको सतर्क रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि पैदल या वाहन चलाते समय दुर्घटना होने की संभावना है।
सिंह राशि वालों के लिए मंगल महाराज आपके चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब मंगल का कर्क राशि में गोचर आपके बारहवें भाव में होने जा रहा है, जो विदेशी लाभ, खर्च, आध्यात्मिकता और मोक्ष को दर्शाता है। इस अवधि के दौरान आपको कुछ अनिश्चितताओं और काम से संबंधित तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
आर्थिक रूप से, अस्वस्थता या अस्पताल में भर्ती होने के कारण आपके खर्च बढ़ सकते हैं। रिश्तों के लिहाज से, आपको अपने वैवाहिक जीवन के साथ-साथ अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य के प्रति भी सावधान रहने की आवश्यकता है। पेशेवर रूप से, इस अवधि आपको अपनी योग्यता साबित करने के लिए बहुत प्रयास करने पड़ सकते हैं। आशंका है कि आपको अपनी कड़ी मेहनत और प्रयासों के बावजूद अपने कार्यस्थल पर अपने वरिष्ठों या सहकर्मियों से कोई सहयोग न मिले। ऐसे में, आपको विवादों और बहस में पड़ने से भी दूर रहने की सलाह दी जाती है।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए मंगल देव आपके तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। अब मंगल कर्क राशि में गोचर करके आपके ग्यारहवें भाव में जा रहे हैं। यह गोचर कन्या राशि के जातकों के लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रही है और कुछ कमियां हो सकती हैं। आर्थिक रूप से बात करें तो, आप अपनी ज़रूरतों और खर्चों में वृद्धि देख सकते हैं, जो आपको मानसिक रूप से चिंतित कर सकती है।
व्यावसायिक रूप से बात करें तो, नौकरीपेशा जातकों को अपने काम को स्थिर करना चाहिए और इस समय के दौरान अपनी स्थिति में कोई भी बदलाव करने या योजना बनाने से बचना चाहिए। खुद का व्यापार करने वाले जातकों के लिए यह समय संतोषजनक रहेगा। इस दौरान कोई भी महत्वपूर्ण निवेश न करने की सलाह दी जाती है क्योंकि वे लाभदायक नहीं होंगे।
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तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए मंगल ग्रह आपके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं, जो करियर, नाम और प्रसिद्धि को दर्शाता है। इस समय के दौरान आप कार्यस्थल पर या बिज़नेस में एकाग्रता बनाए रखने और पूरी मेहनत करते हुए दिखाई देंगे।
हालांकि, आशंका है कि आपको भाग्य का साथ मिले और आपको काम पर बहुत अधिक दबाव और तनाव का अनुभव हो। इस गोचर के दौरान आप अपने करियर या व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव का अनुभव कर सकते हैं। आपके आर्थिक जीवन की बात करें तो आपको औसत परिणाम मिलने की संभावना है। ऐसे में, यह सलाह दी जाती है कि आप अपने खर्च की निगरानी करें। आप अपने वैवाहिक जीवन में बहुत परेशानी में पड़ सकते हैं या चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
मंगल का कर्क राशि में गोचर: प्रभावशाली उपाय
नियमित रूप से हनुमान मंदिर जाएं।
नियमित रूप से मंगल यंत्र की पूजा करें।
चमेली के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
गरीबों को लाल या केसरिया रंग के कपड़े दान करें।
तांबे के गिलास में पानी पिएं। तांबे की धातु का किसी न किसी तरह से इस्तेमाल करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- कमजोर मंगल के क्या नकारात्मक पहलू हैं?
कर्क राशि में मंगल अत्यधिक आक्रामक, प्रतिशोधी और सुस्त हो जाता है।
2- मंगल के लिए उच्च राशि कौन सी है?
मकर राशि
3- क्या चंद्रमा मंगल का मित्र ग्रह है?
हां
तुला राशि में सूर्य का प्रवेश, किन राशियों को बनाएंगे धनवान और किन्हें करेंगे परेशान? जानें
एस्ट्रोसेज अपने पाठकों के लिए “सूर्य का तुला राशि में गोचर” का यह विशेष ब्लॉग लेकर आया है जिसमें हम आपको सूर्य गोचर से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेंगे जैसे कि तिथि, समय आदि। हम सभी यह भली-भांति हैं कि सूर्य महाराज को ज्योतिष के साथ-साथ हिंदू धर्म में भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। सनातन धर्म में इन्हें देवता मानकर पूजा जाता है, तो वहीं नवग्रहों में सूर्य को राजा का दर्जा प्राप्त है। ऐसे में, सूर्य ग्रह का राशि परिवर्तन बहुत मायने रखता है क्योंकि इसका प्रभाव देश-दुनिया सहित सभी राशियों पर पड़ता है। अब यह 17 अक्टूबर 2024 को तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
इसके परिणामस्वरूप, सूर्य देव का यह गोचर किन राशियों के लिए रहेगा शुभ और किनके लिए अशुभ? किन राशियों को इस अवधि में रहना होगा सावधान और किस राशि के जातकों पर सूर्य देव रहेंगे मेहरबान आदि सवालों के जवाब आपको इस लेख में प्राप्त होंगे। इसके अलावा, कुंडली में सूर्य के कमज़ोर और मज़बूत होने पर व्यक्ति को किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, यह भी हम आपको बताएंगे। सबसे जरूरी सूर्य देव को प्रसन्न करने के उपाय भी प्रदान करेंगे। आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं सूर्य गोचर की तिथि और समय के बारे में।
कब और किस समय होगा सूर्य का गोचर?
नवग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य का गोचर सामान्य रूप से हर महीने होता है क्योंकि यह एक राशि में केवल 30 दिनों के लिए रहते हैं। इस प्रकार, सूर्य देव को अपना राशि चक्र पूरा करने में तक़रीबन एक साल का समय लगता है और ऐसे में, यह बारी-बारी से प्रत्येक राशि में प्रवेश करते हैं। अब सूर्य महाराज 17 अक्टूबर 2024 की सुबह 07 बजकर 27 मिनट पर कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में गोचर कर जाएंगे। बता दें कि तुला सूर्य देव की नीच राशि है और इस राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं जिन्हें सूर्य का शत्रु माना जाता है। ऐसे में, इस स्थिति को ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है। चलिए आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं सूर्य के महत्व के बारे में।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
ज्योतिषीय दृष्टि से सूर्य
वैदिक ज्योतिष में सूर्य आत्मा, पिता, आत्मविश्वास, पद, मान-सम्मान और सरकारी नौकरी के कारक ग्रह माने गए हैं। इसके अलावा, मनुष्य के जीवन में यह स्वाभिमान, गरिमा, करियर समर्पण, अहंकार, सिद्धांतों, जीवन शक्ति, सहनशक्ति, और नेतृत्व क्षमता का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। बात करें शरीर के अंगों की, तो सूर्य महाराज मानव शरीर में दिल और हड्डियों के कारक हैं।
वहीं, सूर्य ग्रह जब अपनी मूल त्रिकोण राशि सिंह में मौजूद होते हैं, तब जातकों को बहुत शुभ परिणाम देते हैं। मंगल ग्रह की राशि मेष में सूर्य उच्च के होते हैं और यहाँ इनकी स्थिति काफ़ी मज़बूत होती है। राशिचक्र की पांचवीं राशि सिंह के स्वामी ग्रह सूर्य हैं जो किकुंडली में पांचवें भाव के भी अधिपति देव हैं।इसभाव का संबंध संतान और शिक्षा से होता है।
कुंडलो में सूर्य ग्रह के शुभ होने पर जातकों को करियर में ऊंचे पद की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह व्यक्ति को जीवन में अच्छा स्वास्थ्य, तेज़ दिमाग और संतुष्टि प्रदान करते हैं। इसके विपरीत कुंडली में सूर्य के कमज़ोर होने पर व्यक्ति को आँखों और हृदय से जुड़ी समस्याएं देता है। साथ ही, जातक को अहंकारी, ईर्ष्यालु, गुस्सैल और आत्म केंद्रित बना सकता है।
जहां सूर्य महाराज ग्रहों के जनक के नाम से प्रसिद्ध हैं, तो बुध देव को “ग्रहों के राजकुमार का दर्जा प्राप्त है। जैसे कि हम जानते हैं कि सूर्य ग्रह 17 अक्टूबर को तुला राशि में प्रवेश करेंगे और यहाँ पहले से बुध ग्रह मौजूद होंगे। बता दें कि कुंडली में सूर्य और बुध के साथ उपस्थित होने पर बुधादित्य योग बनता है। इस योग की गिनती सबसे शुभ योगों में होती है और इसका सकारात्मक प्रभाव जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों पर नज़र आता है। ऐसा माना जाता है कि बुधादित्य योग के प्रभाव से व्यक्ति को धन, मान-सम्मान एवं वैभव की प्राप्ति होती है। इस प्रकार, सूर्य और बुध की युति से बनने वाला योग कुछ राशियों के लिए फलदायी साबित होगा। इसके अलावा, तुला राशि में सूर्य, बुध के अलावा शुक्र ग्रह भी पहले से विराजमान होंगे।
कुंडली में सूर्य ग्रह के मज़बूत होने से जातकों को हर क्षेत्र में शुभ परिणाम मिलते हैं, लेकिन अगर यह कमज़ोर अवस्था में होते हैं, तो नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ता है जो कि इस प्रकार हैं:
जिन जातकों की कुंडली में सूर्य दुर्बल अवस्था में मौजूद होते हैं, उन लोगों को दिल, आँखों और ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इन जातकों का समाज में मान-सम्मान कम हो सकता है और साथ ही, अपमान होने की संभावना बनी रहती है।
सूर्य के अशुभ प्रभाव की वजह से व्यक्ति को तनाव की समस्या रह सकती है। इसके अलावा, कार्यों में सफलता प्राप्ति के मार्ग में बाधाएं उत्पन्न होने लगती हैं।
कुंडली में सूर्य का दुष्प्रभाव जातक को महत्वाकांक्षी और गुस्सैल बनाने का काम करता है।
अब नज़र डालते हैं सूर्य ग्रह के बलवान होने की स्थिति में मिलने वाले शुभ परिणामों पर।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. सूर्य किस राशि के स्वामी हैं?
राशि चक्र में सूर्य देव को सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त है।
2. तुला राशि में सूर्य कब प्रवेश करेंगे?
सूर्य महाराज 17 अक्टूबर 2024 को तुला राशि में गोचर कर जाएंगे।
3. सूर्य का गोचर कब होता है?
ज्योतिष में सूर्य देव का गोचर हर महीने में होता है।
मंगल का कर्क राशि में गोचर: जानें शेयर बाजार समेत देश-दुनिया पर इसका प्रभाव
मंगल का कर्क राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको मंगल का कर्क राशि में गोचरके बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि यह देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा, इस दौरान शेयर बाजार में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे और साथ ही, इस दौरान मौसम में आने वाले बदलाव के बारे में भी जानकारी हासिल करेंगे। बता दें कि मंगल 20 अक्टूबर 2024 की दोपहर 03 बजकर 04 मिनट पर चंद्रमा के स्वामित्व वाली राशि कर्क में गोचर करने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस दौरान देश-दुनिया में इसका अनुकूल व प्रतिकूल प्रभाव।
ज्योतिष में मंगल को एक शक्तिशाली ग्रह माना जाता है, जो ऊर्जा, महत्वाकांक्षा और खुद को मुखर करने की क्षमता को नियंत्रित करता है। जन्म कुंडली में मंगल की स्थिति बताती है कि व्यक्ति अपनी शारीरिक ऊर्जा को कैसे व्यक्त करता है, प्रतिस्पर्धा से कैसे निपटता है और चुनौतियों का सामना कैसे करता है। इसके अलावा, मंगल आपकी प्रेरणा और आप अपने लक्ष्यों को कैसे प्राप्त करते हैं इस बात को भी दर्शाता है। यह हमारे भीतर की ‘लड़ाई’ का प्रतिनिधित्व करता है, जो हमारे आक्रामकता, दृढ़ संकल्प और हमारी इच्छाओं को पूरा करने के तरीके को प्रभावित करता है।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मंगल का कर्क राशि में गोचर: विशेषताएं
ज्योतिष शास्त्र में मंगल को उग्र ग्रह माना जाता है, जो पुरुष तत्व का ग्रह। वहीं कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं और मंगल का चंद्रमा से अनुकूल संबंध है। कर्क राशि एक जल तत्व की राशि है, जिसका अर्थ है कि आप भावनाओं से ज्यादा शारीरिक क्षमताओं को महत्व देते हैं। कर्क राशि में मंगल की स्थिति आपकी मानसिक रूप से मजबूती और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है, जो बुद्धि और शक्ति के संयोजन से आती है। इसलिए, आपको अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से बचना चाहिए।
कर्क राशि में मंगल के प्रभाव से व्यक्ति अप्रत्याशित और आक्रामक होते हैं। इनके भावनाओं का विस्फोट एकदम से होता है। हो सकता है कि आप भावनात्मक रूप से कमज़ोर हों, लेकिन आप कोई बात होने पर आपके अंदर उस व्यक्ति के प्रति प्रेम खत्म हो जाता है और आप एकदम से सामने वाले से दूरी बना लेते हैं। यह आपके व्यक्तित्व का सबसे बड़ा गुण है।
इस अवधि के दौरान आशंका है कि सरकार को अपने काम में सफलता प्राप्त न हो या उम्मीद से कम सफलता मिले। साथ ही, सरकार थोड़ी आक्रामक होगी, लेकिन उसे अधिकार बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है।
भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में सरकारी अधिकारी अपने कार्यों और योजनाओं का विश्लेषण बिना समझदारी और जल्दबाजी में करते हुए दिखाई देंगे।
भविष्य को लेकर सरकार कुछ आक्रामक योजनाओं का निर्माण करेगी।
इस अवधि के दौरान आशंका है कि सरकार की नीतियां जनता को पसंद न आए क्योंकि मंगल अपनी नीच राशि में हैं।
सरकार आक्रामक तरीके से ऐसी योजनाओं को लागू कर सकती है, जो आबादी के बड़े हिस्से के लिए मददगार साबित होगी। लेकिन, अधिकांश योजनाएं और नीतियां उस तरह से काम नहीं कर सकती हैं, जैसा कि उन्हें करना चाहिए।
देश के नेता आक्रामक लेकिन सोच-समझकर और समझदारी से काम लेते हुए दिखाई देंगे।
बैंकिंग, फाइनेंस और रिसर्च
वित्तीय क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को इस गोचर के दौरान कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
मंगल के कर्क राशि में गोचर के दौरान बैंकिंग क्षेत्र थोड़ा असंतुलित हो सकता है।
निवेश बैंकर, बैंक मैनेजर, भी मंगल के कर्क राशि में गोचर की इस अवधि के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने में कुछ समस्याओं का सामना कर सकते हैं।
रिसर्चस और वैज्ञानिकों को रिसर्च में रुकावट या कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
मंगल के कर्क राशि में गोचर के दौरान बच्चों के खिलाफ अपराध बढ़ सकते हैं।
कुछ कारणों से महत्वपूर्ण चिकित्सा अनुसंधान और आविष्कार रुक सकते हैं।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- कर्क राशि में कौन सा ग्रह उच्च होता है?
बृहस्पति
2- मंगल के साथ कौन से ग्रह मित्रवत हैं?
चंद्रमा, सूर्य और बृहस्पति
3- मंगल किस दिशा में शक्तिशाली होता है?
दक्षिण
शरद पूर्णिमा 2024: धरती पर कब भ्रमण करने आएंगी धन की देवी? जानें तिथि व पूजा का महत्व
सनातन धर्म के लोगों के लिए साल में आने वाली प्रत्येक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा तिथि के दिन पूजा-पाठ करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से माता लक्ष्मी के भक्तों के लिए शरद पूर्णिमा का खास महत्व है। इस दिन माता लक्ष्मी के साथ-साथ चंद्रदेव की भी पूजा करने का विधान है। वहीं कुछ लोग इस शुभ दिन व्रत भी रखते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा या कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है।
तो आइए आगे बढ़ते हैं और एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम जानते हैं साल 2024 में शरद पूर्णिमा की पूजा किस दिन की जाएगी। इस दिन किस प्रकार के उपाय करने चाहिए ताकि आप इन उपायों को अपनाकर अपने मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त कर सके। बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि विस्तार से।
हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। इस बार 16 अक्टूबर को शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ मध्यरात्रि 12 बजकर 21 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन रात में 08 बजकर 43 मिनट पर होगा। 16 अक्टूबर को जैसे ही शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का समापन होगा, उसके बाद से शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी, जिसका समापन अगले दिन 17 अक्टूबर की दोपहर बाद 04 बजकर 56 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर साल 2024 में 16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा की पूजा की जाएगी।
शरद पूर्णिमा का महत्व
शरद पूर्णिमा सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है। शरद पूर्णिमा तिथि खासतौर पर मां लक्ष्मी और भगवान कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित होती है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और धरती पर अपनी किरणों के माध्यम से अमृत की वर्षा करता है। इस दिन विशेष रूप से खीर बनाकर उसे रात भर चांद की रोशनी में रखा जाता है, ताकि चंद्रमा की किरणों का अमृत खीर में समाहित हो जाए। अगले दिन इस खीर का प्रसाद रूप में सेवन किया जाता है।
इसे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी और शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात को भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचाया था, इसलिए इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन व्रत और उपवास रखने से धन-संपत्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि जो लोग इस दिन रात भर जागरण करते हैं, उन पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है और उनके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
शरद पूर्णिमा की पूजा विधि विशेष रूप से मां लक्ष्मी और चंद्र देव की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है। आइए जानते हैं पूजा विधि के बारे में।
शरद पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान और घर को अच्छे से साफ-सुथरा करें
इसके बाद एक स्वच्छ स्थान पर माता लक्ष्मी और चंद्र देव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। उसके सामने घी का दीपक जलाएं और धूप-दीप अर्पित करें। माता लक्ष्मी को सफेद वस्त्र, कमल का फूल, कौड़ी, चावल और खीर अर्पित करें।
शरद पूर्णिमा के दिन उपवास रखने की परंपरा है। व्रत रखने वाले व्यक्ति को पूरे दिन फलाहार या केवल जल का सेवन करना चाहिए।
रात को चंद्रमा को अर्घ्य दें। दूध और जल से चंद्रदेव का अभिषेक करें और उनकी आराधना करें।
इस दिन रात भर जागरण करना और मां लक्ष्मी की कथाएं सुनना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन जो पूरी रात जाग कर जागरण करता है, उसे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
क्या धरती पर आती हैं माता लक्ष्मी?
शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी के धरती पर आने की मान्यता है। इसे लेकर कई पौराणिक कथाएं और धार्मिक विश्वास जुड़े हुए हैं। जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है “कौन जाग रहा है?”। मान्यता के अनुसार, इन दिन माता लक्ष्मी रात को धरती पर विचरण करती हैं और जो भक्त इस रात जागरण करते हैं, उन पर उनकी विशेष कृपा बरसती है।
यह भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति शरद पूर्णिमा की रात में जागरण करता है, मां लक्ष्मी उसे धन, समृद्धि और सुख-शांति का आशीर्वाद देती हैं। इस दिन घर को सजाना, साफ-सफाई करना, और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
साथ ही, यह भी कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति इस दिन आलस्य छोड़कर माता लक्ष्मी की उपासना में जागता है, तो उसका जीवन आर्थिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध होता है इसलिए शरद पूर्णिमा को माता लक्ष्मी के आगमन का पर्व माना जाता है और इसी कारण लोग इस दिन विशेष पूजा, जागरण और व्रत रखते हैं।
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शरद पूर्णिमा पर खीर का महत्व
शरद पूर्णिमा पर खीर का विशेष महत्व है और इसे स्वास्थ्य और धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस दिन खीर बनाने और उसे चांदनी रात में रखने की परंपरा है। दरअसरल, शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और उसकी किरणों में विशेष औषधीय गुण होते हैं। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों में अमृत होता है और जब खीर को चांदनी रात में रखा जाता है, तो चंद्रमा की किरणें उसमें अमृत समान गुण भर देती है। इसे खाने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
खीर को शरद पूर्णिमा के दिन प्रसाद के रूप में माना जाता है। इसे चंद्रमा को अर्पित कर रात भर खुले आकाश के नीचे रखा जाता है। अगले दिन सुबह यह खीर प्रसाद के रूप में सबको बांटा जाता है और खुद भी ग्रहण किया जाता है। दरअसल, शरद पूर्णिमा के दिन वातावरण में ठंडक का आगमन होता है और खीर को शीतलता प्रदान करने वाला माना जाता है। चंद्रमा की किरणों से प्रभावित खीर का सेवन करने से शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन बना रहता है, जिससे शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान बना रहता है।
शरद पूर्णिमा की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण था, जो अपने परिवार के साथ अत्यंत गरीबी में जीवन यापन कर रहा था। ब्राह्मणी बहुत धर्मपरायण और भगवान की भक्त थी। एक दिन, उसकी सहेलियों ने उसे बताया कि शरद पूर्णिमा के दिन जागरण करने और व्रत करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और गरीबी दूर हो जाती है। ब्राह्मणी ने यह सुनकर ठान लिया कि वह इस व्रत को विधिपूर्वक करेगी। शरद पूर्णिमा के दिन ब्राह्मणी ने मां लक्ष्मी की पूजा की और रात भर जागरण किया। वह पूरी रात मां लक्ष्मी के भजन गाती रही और जागरूक रहकर उनका ध्यान करती रही।
इसी बीच, मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करने आईं और उन्होंने ब्राह्मणी को जागते देखा। मां लक्ष्मी ने प्रसन्न होकर उससे पूछा, कौन जाग रहा है? ब्राह्मणी ने विनम्रता से उत्तर दिया कि वह माता लक्ष्मी की आराधना कर रही है और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए जागरण कर रही है। माता लक्ष्मी उसकी भक्ति और श्रद्धा से बहुत प्रसन्न हुईं और उसे आशीर्वाद दिया।
मां लक्ष्मी की कृपा से ब्राह्मण परिवार की गरीबी दूर हो गई और उनका जीवन समृद्धि से भर गया। इसके बाद से ही यह मान्यता है कि जो व्यक्ति शरद पूर्णिमा की रात जागरण करता है, मां लक्ष्मी उसे धन-संपत्ति और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
शरद पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष उपाय करने से मां लक्ष्मी की कृपा और समृद्धि प्राप्त हो सकती है। आइए जानते हैं, इन दिन किए जाने वाले विशेष उपायों के बारे में।
धन-संपत्ति की वृद्धि के लिए
शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करें। उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं, उन्हें कमल का फूल और सफेद वस्त्र अर्पित करें। साथ ही, धन-संपत्ति की वृद्धि के लिए श्री सूक्त का पाठ करें।
सुख-समृद्धि के लिए
इस दिन रात को खीर बनाएं और चंद्रमा की रोशनी में रखें। इसके बाद चंद्रदेव को दूध, जल और चावल से अर्घ्य दें। ऐसा करने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
स्वास्थ्य लाभ के लिए
स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए व स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए इस दिन चांदनी रात में खीर को रखकर, सुबह उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। माना जाता है कि इससे स्वास्थ्य अच्छा होता है और जीवन में खुशहाली आती है।
मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए
इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करें। यह बहुत पुण्यदायी माना जाता है और इससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
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आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए
शरद पूर्णिमा की रात जागरण करें और मां लक्ष्मी के भजन व मंत्रों का जाप करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
घर में शांति बनाए रखने के लिए
तुलसी का पौधा घर में रखना शुभ होता है। शरद पूर्णिमा के दिन तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं और उसकी पूजा करें। यह उपाय घर में शांति और समृद्धि लाने में सहायक होता है।
धन प्राप्ति के लिए:
यदि आप आर्थिक समस्याओं से परेशान हैं, तो इस दिन चांदी की लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति की स्थापना करें यदि चांदी की मूर्ति खरीदने में असमर्थ हैं तो, मिट्टी की खरीद लें और उनकी पूजा करें। साथ ही, “ॐ महालक्ष्म्यै नमः” का जाप करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. साल 2024 में शरद पूर्णिमा कब मनाई जाएगी?
हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। इस बार 16 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
2. शरद पूर्णिमा का महत्व क्या है?
शरद पूर्णिमा सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है। शरद पूर्णिमा तिथि खासतौर पर मां लक्ष्मी और भगवान कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित होती है।
3. शरद पूर्णिमा को किन-किन नामों से जाना जाता है?
शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा या कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है।
सूर्य का तुला राशि में गोचर: राशि सहित देश-दुनिया पर देखने को मिलेगा इसका प्रभाव
एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको सूर्य का तुला राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि सूर्य के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को सूर्य के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में सूर्य ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
बता दें कि सूर्य में 17 अक्टूबर 2024 को तुला राशि में गोचर करेंगे। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।
सूर्य को जीवन का ग्रह कहा जाता है जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। अब तक़रीबन एक साल के बाद सूर्य महाराज तुला राशि में जा रहे हैं जो कि कुछ राशियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। हालांकि, सूर्य को आत्मा का कारक कहा जाता है और इन्हें नौ ग्रहों में प्रमुख ग्रह का दर्जा प्राप्त है।
सूर्य हमारे आकाश में सबसे चमकीला तारा है, जो हमें रोशनी प्रदान करता है। सूर्य महाराज अहंकार, पेशेवर जीवन, मान और आत्मसम्मान आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। साथ ही, यह मनुष्य जीवन में जिम्मेदारी, धैर्य, इच्छाशक्ति, सामाजिक मान-सम्मान और नेतृत्व क्षमताओं को भी नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा, सूर्य देव पिता, सरकार, नेता, विधायकों, राजा और उच्च अधिकारियों के कारक ग्रह माने गए हैं। वहीं, मानव शरीर में सूर्य दिल और हड्डियों का प्रतीक माने जाते हैं।
सूर्य का तुला राशि में गोचर: समय व तिथि
सूर्य 17 अक्टूबर, 2024 की शाम 07 बजकर 29 मिनट पर शुक्र द्वारा शासित राशि तुला में गोचर करने जा रहे हैं। सूर्य और शुक्र शत्रु ग्रह हैं और तुला राशि में सूर्य का गोचर अनुकूल स्थिति में प्रतीत नहीं हो रहा है क्योंकि तुला राशि में सूर्य दुर्बल हो जाते है। आइए आगे बढ़ते हैं और देखते हैं कि तुला राशि में सूर्य के गोचर का देश दुनिया व राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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तुला राशि में सूर्य का गोचर: विशेषताएँ
तुला राशि में सूर्य के प्रभाव से जातकों को निर्णय लेने में समस्या होती है। ये सरल से सरल निर्णय लेने में भी लंबा समय लगाते हैं। ये जातक हर किसी को प्रसन्न करना चाहते हैं और अपने द्वारा किए गए वादे को पूरा करने के लिए संघर्ष करते हैं। इन लोगों को हर काम को टालने की आदत हो सकती है। साथ ही, जब चीजें आपकी उम्मीदों के मुताबिक नहीं होती हैं, तो आप खुद को नुकसान पहुंचाना शुरू कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में आपको लग सकता है कि आपके आस-पास सब कुछ बिखर रहा है और कोई भी आपकी तरफ नहीं है।
कई बार ये जातक बिना सोचे-समझे बोलने और दूसरे लोगों को चोट पहुँचाने के भी आदी भी हो सकते हैं। ये बहुत ही चुनिंदा हैं और किसी विशेष परिस्थिति में क्या लाभ होगा, इसके आधार पर चीज़ों की चयन करते हैं। यदि आप दूसरे लोगों की राय को महत्व नहीं देते हैं, तो आप अभिमानी हो सकते हैं।
सूर्य का तुला राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए सूर्य महाराज आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब यह गोचर करके सातवें भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, आपको करियर में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वरिष्ठों और अधीनस्थों आपके लिए समस्या पैदा कर सकते हैं, जिसके वजह से आपको रुकावटों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। काम के सिलसिले से आपको यात्रा करनी पड़ सकती है और आशंका है कि परिणाम आपके पक्ष में न हो।
इस समय आपके वित्तीय समृद्धि में गिरावट आ सकती है, जिससे धन की बचत कर पाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। भले ही आपको लाभ मिले। इस अवधि बच्चों के स्वास्थ्य और वित्त के बारे में चिंताएँ आपको परेशान कर सकती है। इस समय आपके लिए दीर्घकालिक निवेश करना उचित नहीं है क्योंकि इससे धन का नुकसान हो सकता है।
वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य देव आपके चौथे भाव के स्वामी हैं और अब इनका गोचर आपके छठे भाव में होने जा रहा है। जिन लोगों का खुद का व्यवसाय हैं, उन्हें इस दौरान कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। आपके साथ काम करने वाले लोग अधिक अड़ियल हो सकते हैं और आपकी कमज़ोरियों का फ़ायदा भी उठा सकते हैं और आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। साथ ही, आपके काम को जटिल बना सकते हैं।
वृषभ राशि के कुछ जातकों को परिवार की जरूरतों को पूरा करने के परिणामस्वरूप समस्या का सामना करना पड़ सकता है, जबकि अन्य को बढ़ते खर्च की वजह से परेशानी उठानी पड़ सकती है। अत्यधिक खर्च के कारण आप तनाव में आ सकते हैं। आशंका है कि कार्यक्षेत्र में आपको अपने वरिष्ठों से सराहना प्राप्त न हो और साथ ही, कुष लोग आपकी नौकरी को नुकसान पहुंचाना चाह रहे हो। कार्यक्षेत्र में काम का दबाव में झेलना पड़ सकता है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके तीसरे भाव के स्वामी हैं जो अब गोचर करके आपके पांचवें भाव में जा रहे हैं, जो रोमांस, संतान, शिक्षा आदि का भाव है। इसके परिणामस्वरूप, संतान के भविष्य को लेकर आप परेशान व भयभीत हो सकते हैं।
यह गोचर पेशेवर जातकों के लिए अनुकूल नहीं है क्योंकि इस दौरान आपके प्रयास असफल हो सकते हैं, जिसके चलते आप परेशान व चिंतित हो सकते हैं। आप तरक्की के लिए वर्तमान नौकरी को छोड़कर दूसरी नौकरी करने का विचार बना सकते हैं। हालांकि, आपको बहुत अधिक सतर्क और सोच-समझकर फैसला लेने की सलाह दी जाती है।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों की कुंडली में सूर्य महाराज को दूसरे भाव का आधिपत्य प्राप्त है, जो व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन दोनों को दर्शाता है और अब यह आपके चौथे भाव में गोचर कर जाएंगे। इसके परिणामस्वरूप, आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, खासकर रोजगार और वित्तीय सुरक्षा के संबंध में। आपको असुरक्षा की भावना महसूस हो सकती है, जिससे आपका प्रदर्शन खराब हो सकता है। यदि आप करियर के सिलसिले से बाहर विदेश की यात्रा करना चाहते हैं तो आशंका है कि आपका सपना इस अवधि पूरा न हो। कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों के साथ संघर्ष करना पड़ सकता है, जिसकी वजह से आप निराश और असंतुष्ट हो सकते हैं।
हालांकि, जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें व्यापार के क्षेत्र में अत्यधिक लाभ हो सकता है लेकिन, कंपनी की विकास करने की क्षमता सीमित हो सकती है और यह प्रतिद्वंदियों से मिलने वाली कड़ी टक्कर की वजह से हो सकता है और इस वजह से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
तुला राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पहले भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपको औसत परिणाम की प्राप्ति होगी और दूसरों के प्रति आपका व्यवहार खराब हो सकता है। पेशेवर दृष्टिकोण से, यदि आप नौकरी पेशा हैं, तो आशंका है कि आपको अधिक संतुष्टि प्राप्त न हो, जिससे तनाव हो सकता है।
कार्यस्थल पर अधिक तनाव से आपकी समस्याएँ बढ़ सकती हैं और आप अपने सहकर्मियों के साथ मुश्किलों में पड़ सकते हैं। आपका वेतन कम होने की वजह से आपको सोच-समझकर फैसले लेने की आवश्यकता होगी और अधिक बचत करने में भी आप असफल हो सकते हैं।
मकर राशि
मकर राशि वालों की कुंडली में सूर्य महाराज आपके आठवें भाव के स्वामी हैं और अब इनका गोचर आपके दसवें भाव में होने जा रहा है और ये यहां कमज़ोर स्थिति में विराजमान रहेंगे। आपके पेशेवर जीवन के लिहाज़ से यह गोचर आपको सकारात्मक परिणाम देता नज़र नहीं आ रहा है। इसके परिणामस्वरूप कार्यक्षेत्र पर काम का दबाव बढ़ सकता है और आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
यह गोचर व्यापार करने वाले जातकों के लिए भी अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। आपको इस दौरान सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि इस बात की संभावना है कि आप महत्वपूर्ण लाभ की तुलना में अधिक नुकसान का अनुभव कर सकते हैं। इस अवधि में प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिलने की आशंका है और इस वजह से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। आर्थिक जीवन की बात करें, तो परिवार से जुड़े खर्च बढ़ सकते हैं। आशंका है कि आप परिवार पर जरूरत से ज्यादा खर्च कर सकते हैं, जिसकी वजह से आपको आगे पैसों की दिक्कत हो सकती है।
सूर्य का तुला राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए सूर्य ग्रह आपके नौवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ग्यारहवां भाव अवसरों और लक्ष्यों की प्राप्ति का प्रतीक है। इसके परिणामस्वरूप, आपको सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे और नए अवसर भी मिलेंगे।
आपको इस दौरान नई चीजें सीखने और अपने करियर में सफल होने के लिए नए विचारों के साथ आने का मौका मिलेगा। आप कार्यक्षेत्र में पेशेवर तरीके से काम करेंगे। व्यवसाय में लगे लोगों के लिए, यह अवधि बहुत अधिक शानदार रहेगी। आप अपने स्किल्स से आगे बढ़ेंगे। बहुत कम काम करके बेहतर मुनाफ़ा हासिल करेंगे, खासकर अगर आप किसी ऐसी कंपनी की साझेदारी का हिस्सा हैं जिसमें विकास की गुंजाइश है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए सूर्य देव सातवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपको इस अवधि में बेहतरीन परिणाम प्राप्त होंगे क्योंकि यह समय आपके लिए अनुकूल रहेगा। आपके करियर की बात करें, तो आप तेजी से तरक्की करेंगे और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे। व्यापार करने वाले जातक अच्छा लाभ कमाने में सक्षम होंगे। इस अवधि में व्यापार करने वाले जातक मल्टीलेवल बिज़नेस कर सकते हैं और इसके माध्यम आप शुभ परिणाम प्राप्त करेंगे।
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सूर्य का तुला राशि में गोचर: दुनिया भर में प्रभाव
सरकार और राजनीति
सूर्य के गोचर से देशभर की सरकारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इस दौरान सरकार जनता से जुड़ने में असमर्थ रहेगी और इस वजह से सरकार अपनी छाप छोड़ने में असफल हो सकती है। जनता कई मोर्चों पर सरकार से असंतुष्ट दिख सकती है, लेकिन यह एक अस्थायी चरण होगा।
सरकार देश पर अधिकारपूर्ण नियंत्रण करने की कोशिश करेगी और सत्ता में बैठे लोग इसका मुकाबला करने के लिए निर्णायक कार्रवाई करते हुए देखे जाएंगे।
हमारे नेता दृढ़ता से काम करेंगे, लेकिन फिर भी सकारात्मक प्रभाव देखने में असफल हो सकते हैं।
सचिवालय स्तर या इसी तरह के पदों पर काम करने वाले लोगों को सूर्य के गोचर से लाभ होगा।
रिसर्च और डेवलपमेंट
आशंका है कि रिसर्च और टेक्नोलॉजी धीमी गति से आगे बढ़ेगी और एआई जैसी टेक्नोलॉजी को विकास के रास्ते में मामूली असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है।
संभव है कि वैज्ञानिक या शोधकर्ता बनने के इच्छुक लोगों को इस गोचर से कोई लाभ नहीं होगा।
आईटी क्षेत्र में मंदी आ सकती है और इससे जुड़े लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
सूर्य का तुला राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट
बुध के साथ-साथ सूर्य भी शेयर बाजार को नियंत्रित करने वाला एक बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह है। चूंकि सूर्य वर्तमान में तुला राशि यानी अपनी नीच राशि में है और शुक्र द्वारा शासित राशि में हैं, इसलिए शेयर बाजार के लिए यह अवधि अधिक अनुकूल प्रतीत नहीं हो रही है। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि सूर्य का तुला राशि में गोचर शेयर बाज़ार को कैसे प्रभावित करेगा।
इस दृष्टिकोण से, बैंक, वित्त, सार्वजनिक क्षेत्र, भारी इंजीनियरिंग, कपड़ा उद्योग, हीरा व्यवसाय, चाय और कॉफी, ऊनी उद्योग, सौंदर्य प्रसाधन, तम्बाकू, रिलायंस इंडस्ट्रीज, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस पावर, टाटा पावर और अदानी पावर में तेजी दिखाई देगी।
हालांकि 18 तारीख के बाद गति मंद हो सकती है।
सूर्य के नीच होने पर मंदी संभव है।
सूर्य का तुला राशि में गोचर: नई फ़िल्में रिलीज़ होंगी और उनका प्रभाव
फिल्म का नाम
स्टार कास्ट
रिलीज़ की तारीख
सर्वगुण सम्पन्न
वाणी कपूर
17 अक्टूबर, 2024
निकिता रॉय और अंधेरे की किताब
सोनाक्षी सिन्हा, परेश रावल
23 अक्टूबर, 2024
भूल भुलैया 3
कार्तिक आर्यन, तृप्ति डिमरी
31 अक्टूबर,, 2024
ये सभी फ़िल्में वास्तव में जितना कर सकती थीं, उससे थोड़ी कम सफल होंगी। यदि सूर्य एक शक्तिशाली राशि में होता, तो इन फिल्मों की सफलता की उम्मीद हो सकती है। सूर्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए फिल्म सर्वगुण संपन्न शायद बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन न करें और इसके तुरंत बाद वृश्चिक राशि में शुक्र का गोचर भी मनोरंजन उद्योग के लिए अधिक अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। हालांकि, हम फिर भी इसमें शामिल सभी लोगों को शुभकामनाएं देना चाहेंगे और उम्मीद करते हैं कि ये फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करेंगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- तुला राशि का स्वामी कौन है?
शुक्र
2- तुला राशि में सूर्य नीच क्यों होता है?
सूर्य ग्रह की विशेषताएँ तुला राशि से बिलकुल विपरीत हैं और तुला राशि की दिशा पश्चिम है जबकि सूर्य की दिशा पूर्व है।
3- सूर्य किस राशि में उच्च होता है?
मेष
पापांकुशा एकादशी के दिन इन उपायों को करने से मिलता है विष्णु धाम में स्थान!
सनातन धर्म में एकादशी व्रत का खास महत्व माना गया है और साल में कुल 24 एकादशी तिथियां आती हैं, उन्हें एकादशी में पापांकुशा एकादशी हैं। हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन पापांकुशा एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु संग धन की देवी की माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही, एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक द्वारा जाने-अनजाने में किए गए सभी पाप व बुरे कर्मों से मुक्ति मिलती है। साथ ही मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। ख़ास बात यह है कि इस बार पापांकुशा एकादशी में बेहद शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिसके चलते इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ गया है।
तो आइए आगे बढ़ते हैं और एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम जानते हैं पापांकुशा एकादशी के बारे में और साथ ही, इस पर भी चर्चा करेंगे कि इस दिन किस प्रकार के उपाय करने चाहिए ताकि आप इन उपायों को अपनाकर भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त कर सके। बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि विस्तार से।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि रविवार 13 अक्टूबर की सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन सोमवार 14 अक्टूबर की सुबह 06 बजकर 43 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। अतः 13 अक्टूबर 2024 को पापांकुशा एकादशी मनाई जाएगी। वहीं, वैष्णव समाज के अनुयायी 14 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी मनाएंगे। व्रत पारण 14 अक्टूबर की दोपहर 01 बजकर 16 मिनट से 03 बजकर 34 मिनट के मध्य कर सकते हैं।
पापांकुशा एकादशी शुभ योग
आश्विन माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन 14 अक्टूबर की देर रात 02 बजकर 51 मिनट पर होगा। वहीं, पापांकुशा एकादशी पर धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग 14 अक्टूबर की देर रात 02 बजकर 51 मिनट तक है। इसके साथ ही गर एवं वणिज करण योग बन रहे हैं। इन योग में जगत के पालनहार भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।
चंद्रास्त: देर रात 02 बजकर 33 मिनट पर ( 14 अक्टूबर)
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 41 मिनट से 05 बजकर 31 मिनट तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से 02 बजकर 49 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 05 बजकर 53 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक
निशिता मुहूर्त: रात्रि 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक
पापांकुशा एकादशी का महत्व
पापांकुशा एकादशी का सनातन धर्म में बहुत बड़ा महत्व है। यह एकादशी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है। इस एकादशी का नाम पापांकुशा इसलिए पड़ा क्योंकि इसका पालन करने से व्यक्ति अपने जीवन के सभी पापों से मुक्ति प्राप्त कर सकता है। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे ‘पापों को अंकुश में रखने वाली एकादशी’ भी कहा जाता है।
इस दिन व्रत करने और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से व्यक्ति को अनेक पुण्यों की प्राप्ति होती है। इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति को सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को अपने जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत करने वाले को सभी प्रकार के दुख और कलेशों से भी छुटकारा पाया जा सकता है। यही नहीं, इस एकादशी से व्यक्ति को भविष्य में उन्नति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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पापांकुशा एकादशी की पूजा विधि
पापांकुशा एकादशी की पूजा विधि का पालन करना बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते है पापांकुशा एकादशी की पूजा विधि के बारे में।
इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।
शुद्ध वस्त्र धारण करें और पवित्रता का ध्यान रखें।
पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और एक साफ स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
धूप, दीप, फूल, अक्षत (चावल), पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर), तुलसी के पत्ते, नारियल, फल, मिठाई, पवित्र जल भगवान विष्णु को अर्पित करें।
भगवान विष्णु का ध्यान करें और मंत्रों का जाप करें। मंत्र, “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं और इसके बाद स्वच्छ जल से स्नान कराएं।
भगवान विष्णु को वस्त्र अर्पित करें और उनके सामने धूप-दीप जलाएं।
उन्हें फूल, तुलसी के पत्ते, और अक्षत अर्पित करें।
भगवान विष्णु को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
आरती करें और भगवान विष्णु से अपने पापों की क्षमा माँगें।
पूरे दिन भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन करें और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें और रात्रि में जागरण करें और भगवान का ध्यान करें।
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में विंध्याचल पर्वत पर क्रोधन नामक एक निर्दयी बहेलिया रहता था। वह अपने जीवन में अनेक पाप कर्म करता था जैसे कि निर्दोष जानवरों का शिकार, चोरी, और लोगों को कष्ट पहुँचाना। उसके जीवन के अंत समय में यमदूत उसे लेने आए। यमदूतों को देखकर क्रोधन भयभीत हो गया और उसने भगवान से प्रार्थना की कि उसे मुक्ति का मार्ग दिखाया जाए।
उसकी प्रार्थना सुनकर, उसी समय भगवान विष्णु के एक भक्त वहाँ आए और उसे पापांकुशा एकादशी का व्रत करने का उपदेश दिया। उन्होंने उसे बताया कि यदि वह इस एकादशी का व्रत करेगा, तो उसके सारे पाप नष्ट हो जाएंगे और उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी। क्रोधन ने उस दिन पूरे विधि-विधान से पापांकुशा एकादशी का व्रत किया। व्रत के प्रभाव से उसके सभी पाप धुल गए, और अंत में भगवान विष्णु के धाम को प्राप्त हुआ। इस प्रकार, पापांकुशा एकादशी का व्रत व्यक्ति को उसके पापों से मुक्ति दिलाकर मोक्ष प्रदान करता है। इस व्रत की महिमा से भगवान विष्णु की अनंत कृपा प्राप्त होती है।
पापांकुशा एकादशी के दिन करें ये ख़ास उपाय
पापांकुशा एकादशी का दिन हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। इस दिन किए गए विशेष उपाय व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति लाते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
तुलसी की पूजा
पापांकुशा एकादशी के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन तुलसी पर जल चढ़ाकर, दीप जलाएं और तुलसी स्तुति का पाठ करें।
विष्णु सहस्रनाम का पाठ
इस दिन भगवान विष्णु का विशेष ध्यान करते हुए विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। यह पाठ सभी प्रकार के पापों को नष्ट करता है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
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दान-पुण्य
पापांकुशा एकादशी के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना विशेष फलदायी होता है। इस दिन अन्न, वस्त्र, और धन का दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति सभी पापों से छुटकारा पाता है।
उपवास रखें
इस दिन सात्विक भोजन का सेवन करें और उपवास रखें। उपवास से शरीर और मन की शुद्धि होती है और व्यक्ति को आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
भगवान विष्णु की आराधना
इस दिन भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने घी का दीपक जलाएं और उनका ध्यान करते हुए “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।