नए साल का पहला सप्ताह इन राशियों के लिए रहेगा लकी, धन लाभ के बनेंगे योग!
नया साल यानी कि वर्ष 2025 में हम प्रवेश कर चुके हैं और इस साल के हर दिन से हमारी अनेक आशाएं एवं सपने जुड़े होंगे। ऐसे में, एस्ट्रोसेज अपने पाठकों के लिए साप्ताहिक राशिफल का यहख़ास ब्लॉग लेकर आया है जिसके अंतर्गत आपको नए साल के पहले महीने के पहले सप्ताह अर्थात 06 जनवरी से लेकर 12 जनवरी तक की समस्त जानकारी प्राप्त होगी। हम सभी के मन में यह उत्सुकता रहती है कि आने वाला समय हमारे लिए कैसा होगा? साप्ताहिक राशिफल के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से आप जान सकेंगे कि यह सप्ताह सभी 12 राशियों के जातकों के लिए कैसा रहेगा? कैसा रहेगा आपके व्यापार का हाल? क्या सेहत में आएगा सुधार या करेंगे रोग परेशान? प्रेम एवं वैवाहिक जीवन में कैसे मिलेंगे परिणाम? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस स्पेशल ब्लॉग में मिलेंगे। यहाँ आपको शिक्षा से लेकर व्यापार और लव लाइफ से लेकर वैवाहिक जीवन तक, आपके हर प्रश्न का जवाब इस ब्लॉग में मिलेगा।
सिर्फ इतना नहीं, साप्ताहिक राशिफल के इस लेख को हमारे अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषियों द्वारा ग्रहों एवं नक्षत्रों की स्थिति का विश्लेषण करके तैयार किया गया है। इसके माध्यम से आप न सिर्फ जनवरी के पहले सप्ताह (06 जनवरी से 12 जनवरी, 2025) का हाल जान सकेंगे, बल्कि इस हफ़्ते में होने वाले ग्रहों के गोचर, व्रत-त्योहारों की तिथियों के साथ-साथ आपको हम इस सप्ताह में जन्म लेने वाले मशहूर हस्तियों से भी अवगत करवाएंगे। तो चलिए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस लेख की।
इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू कैलेंडर की गणना
जनवरी का महीना नव वर्ष का पहला माह होता है इसलिए इस माह का हर दिन अपने आप में खास होता है। बता दें कि सनातन धर्म में जनवरी पौष माह से शुरू होकर माघ मास पर ख़त्म होगा। बात करें पंचांग की, तो जनवरी के पहले सप्ताह का आरंभ उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि यानी कि 06 जनवरी 2025 को होगा जबकि इसका समापन आर्द्रा नक्षत्र के अंतर्गत शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि अर्थात 12 जनवरी 2025 को हो जाएगा। इस दौरान कई ग्रह अपनी स्थिति एवं राशि में परिवर्तन करेंगे जिनका प्रभाव आपके जीवन पर दिखाई देगा। चलिए आगे बढ़ते हैं और इस सप्ताह के पंचांग को जानने के बाद नज़र डालते हैं इस हफ्ते के व्रत एवं पर्वों पर।
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इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहार
वर्तमान समय में हर व्यक्ति की ज़िन्दगी इतनी व्यस्त हो गई है कि छोटी-छोटी बातों से लेकर व्रत-पर्व की तिथियां भी अक्सर वह भूल जाता है। इस तरह की कोई घटना आपके साथ न हो और आपसे कोई व्रत या पर्व चूक न जाए इसलिए हम इस ब्लॉग में आपको 06 जनवरी से 12 जनवरी 2025 में मनाए जाने वाले व्रत-पर्वों की सही तिथियां प्रदान कर रहे हैं। तो बिना देर किये चलिए जान लेते हैं इस सप्ताह में कौन से व्रत-त्योहर मनाए जाएंगे।
पौष पुत्रदा एकादशी (10 जनवरी 2025, शुक्रवार): हिन्दू पंचांग के अनुसार, एक वर्ष में कुल 24 एकादशी तिथि आती है और हर तिथि का अपना एक विशेष महत्व है। इसी क्रम में,पौष महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है।
प्रदोष व्रत (शुक्ल) (11 जनवरी 2025, शनिवार): हिंदू धर्म में व्रतों को महत्वपूर्ण माना जाता है और हर माह में अनेक व्रत किए जाते हैं। इनमें से एक है प्रदोष व्रत जो हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि प्रदोष व्रत को विधि पूर्वक करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन में खुशियाँ और आशा की नई किरण लेकर आयेंगे।
इस सप्ताह (06 जनवरी से 12 जनवरी, 2025) पड़ने वाले ग्रहण और गोचर
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि हर महीने कोई न कोई ग्रह अपनी राशि या स्थिति में परिवर्तन करता है। ज्योतिष की दुनिया में प्रत्येक ग्रह के गोचर का विशेष महत्व होता है। गोचर के संबंध में कहा जाता है कि जब भी कोई ग्रह अपनी राशि या स्थिति बदलता है या फिर किसी भी तरह का चाल में परिवर्तन होता है, तो इसका सीधा असर मानव जीवन पर पड़ता है। हालांकि, आपको बता दें कि वर्ष 2025 के पहले सप्ताह अर्थात 06 से 12 जनवरी के बीच में किसी भी ग्रह का गोचर या स्थिति में बदलाव नहीं होने जा रहा है और न ही कोई ग्रहण लगेगा।
ग्रहण एवं गोचर के बारे में आपको बताने के बाद अब जान लेते है जनवरी 2025 के पहले सप्ताह में पड़ने वाले बैंक अवकाशों के बारे में।
साप्ताहिक राशिफल के इस ब्लॉग में हम आपको 06 से 12 जनवरी 2025 के बीच उपलब्ध अन्नप्राशन संस्कार के शुभ मुहूर्त भी प्रदान कर रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं:
तिथि
मुहूर्त
6 जनवरी 2025
08:20-12:5514:30-21:01
8 जनवरी 2025
16:18-18:33
इस सप्ताह के नामकरण मुहूर्त
अगर आप संतान का नामकरण संस्कार करने के लिए शुभ मुहूर्त देख रहे हैं, तो नीचे हम आपको 06 से 12 जनवरी 2025 के बीच मौजूद नामकरण संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त की सूची दे रहे हैं।
एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं।
साप्ताहिक राशिफल 06 जनवरी से 12 जनवरी, 2025
यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें: चंद्र राशि कैलकुलेटर
मेष साप्ताहिक राशिफल
आपको इस सप्ताह कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने होंगे, जिसके चलते आपको तनाव और बेचैनी का…..(विस्तार से पढ़ें)
मेष प्रेम राशिफल
कामकाज में व्यस्तता के चलते, इस सप्ताह आपके प्रेम संबंधों में….(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह आपके ऊपर काम का अतिरिक्त बोझ, आपकी सेहत को बाधित….(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ प्रेम राशिफल
प्रेम राशिफल के अनुसार आपके बीच म्युचुअल अंडरस्टैंडिंग, इस सप्ताह काफी बढ़िया ….(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह आपको विशेष रूप से, घर-परिवार के बुज़ुर्गों की सेहत का ख़याल रखने की….(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन प्रेम राशिफल
अपनी भावनाओं को यदि आप केवल खुद तक ही सीमित रखेंगे तो इससे प्यार….(विस्तार से पढ़ें)
कर्क साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह आपके जीवन के कई क्षेत्र, सबसे अधिक प्रभावित रहने वाले हैं। इसलिए आपके….(विस्तार से पढ़ें)
कर्क प्रेम राशिफल
यदि आप अभी तक सिंगल थे तो, आपको इस सप्ताह प्रेम जीवन की नई शुरुआत….(विस्तार से पढ़ें)
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सिंह साप्ताहिक राशिफल
आपका ज़रूरत से ज़्यादा खाने का शौक, आपको बदलने की ज़रूरत होगी। क्योंकि इस दौरान….(विस्तार से पढ़ें)
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. जनवरी 2025 में पौष पुत्रदा एकादशी कब है?
वर्ष 2025 में पौष पुत्रदा एकादशी 10 जनवरी 2025, शुक्रवार को है।
2. मकर संक्रांति कब है वर्ष 2025 में?
मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा।
3. पौष मास में क्या करें?
पौष माह के दौरान पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
टैरो साप्ताहिक राशिफल (05 जनवरी से 11 जनवरी, 2025): इस सप्ताह जानें किन राशि वालों को मिलेगी सफलता!
टैरो साप्ताहिक राशिफल 05 जनवरी से 11 जनवरी, 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषयों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।
टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्मा से बात करने का मौका देता है।
आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मज़ाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है। या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।
टैरो की उत्पति 15वीं शताब्दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।
टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्त किया जा सकता है। आप कुछ स्तर पर अध्यात्म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंर्तज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।
तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि जनवरी का यह सप्ताह यानी कि 05 जनवरी से 11 जनवरी, 2025 तक का समय सभी 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 05 जनवरी से 11 जनवरी, 2025: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
प्रेम जीवन: पेज ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: द सन
करियर: द स्टार
स्वास्थ्य: नाइट ऑफ वैंड्स
मेष राशि के जातकों के लिए पेज ऑफ कप्स कार्ड प्रेम प्रस्ताव, सगाई, प्रेग्नेंसी, विवाह या संतान के जन्म के साथ रिश्ते के विकास या अपने रिश्ते को लेकर संतुष्ट महसूस करने की ओर इशारा कर रहा है। आपके लिए यह आनंद और उत्सव मनाने का समय हो सकता है। पेज ऑफ कप्स कार्ड कहता है कि आपको इस समय उस व्यक्ति के साथ अपनी भावनाओं को साझा करना चाहिए जो आपमें रुचि रखता हो या जिसमें आप रुचि रखते हों।
द सन कार्ड का अपराइट आने का मतलब है कि इस सप्ताह आपकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी रहने वाली है। आप इस समय धन के मामले में समृद्ध रहेंगे। आपको अपने सभी निवेशों, व्यापार और आय के अन्य स्रातों से मुनाफा होने की उम्मीद है।
करियर के संबंध में आपको द स्टार कार्ड मिला है जो कि व्यापार में तेजी से विस्तार या बिज़नेस ट्रिप पर जाने के संकेत दे रहा है। इस सप्ताह आपको एहसास होगा कि आपको अपने काम के सिलसिले में स्थानांतरित होने की ज़रूरत है या आपको किसी कॉन्फ्रेंस या मीटिंग के लिए दूसरे देश जाना पड़ सकता है। अगर आपकी अपनी कंपनी है, तो कोई प्रोजेक्ट की आपकी उम्मीद से ज्यादा जल्दी सफल हो सकता है।
नाइट ऑफ वैंड्स कार्ड उपचार और जानकारी प्राप्त करने की क्षमता को दर्शाता है। इस कार्ड का यह अर्थ भी हो सकता है आप मानसिक स्तर पर जिन बाधाओं या समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें दूर करने में सक्षम हैं। इस समझ के साथ आप अपने स्वास्थ्य के मार्ग पर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
शुभ अंक: 9
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: द एंप्रेस
आर्थिक जीवन: ऐट ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: ऐट ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: ऐस ऑफ कप्स
प्रेम जीवन में वृषभ राशि के जातकों के लिए द एंप्रेस कार्ड दर्शाता है कि इस समय आपके रिश्ते में स्थिरता रहेगी और आप अपने पार्टनर के लिए ईमानदार और समर्पित रहेंगे। यह कार्ड मातृत्व का भी प्रतीक है इसलिए कभी-कभी यह विवाह, प्रेग्नेंसी या संतान प्राप्ति का संकेत भी देता है।
आर्थिक जीवन में ऐंट ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड कहता है कि आप अपनी वर्तमान की आर्थिक स्थिति में तंगी महसूस कर रहे हैं। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं है कि और आपको ऐसा अपनी चिंताओं की वजह से महसूस हो रहा है। अगर आप अपनी आमदनी को बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको रचनात्मक और अपारंपरिक तरीके से सोचने की ज़रूरत है।
वित्त और पेशे के मामले में आपको ऐट ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जो कि तेजी से उन्नति करने और आशाजनक संभावनाओं को दर्शाता है। इस कार्ड का मतलब है कि आप अपने वित्तीय उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और आपको अपने प्रयासों को फल मिलने वाला है।
सेहत के मामले में ऐस ऑफ कप्स कार्ड प्रेग्नेंसी या किसी बीमारी से ठीक होने का संकेत देता है। अगर आप गर्भधारण करने को लेकर संघर्ष कर रही हैं, तो अब आपकी यह इच्छा पूरी हो सकती है। आपके समस्याएं बाहरी या आंतरिक हो सकती हैं। कई वर्षों तक मुश्किलों का सामना करने के बाद अब अपनी ऊर्जा और जोश को वापस पाने का समय आ गया है।
शुभ अंक: 3
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: द सन
करियर: टेन ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: पेज ऑफ कप्स
मिथुन राशि के जातकों फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड मिला है जो कि बातचीत में कमी के कारण रिश्ते में समस्याओं और विवाद को दिखा रहा है। इसके अलावा आपके और आपके पार्टनर के बीच किसी बात पर असहमति या बड़ा विवाद हो सकता है और इसकी वजह से आप दोनों का रिश्ता खराब हो सकता है या आप दोनों के बीच दूरियां आने की आशंका है। गंभीर स्थितियों में यह कार्ड गुस्से, धमकी देने या दुर्व्यव्हार करने का संकेत हो सकता है।
द सन अपराइट कार्ड धन की समृद्धि को दर्शाता है। इसका मतलब है कि इस सप्ताह आपकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी रहने वाली है। आपकी कंपनी, वित्तीय निवेश या आय के अन्य स्रोत खूब फल-फूलेंगे।
टेन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड का कहना है कि आप इस समय बिज़नेस का विस्तार कर सकते हैं। इस वजह से यह कार्ड आपके लिए एक शुभ संकेत है। आप अपने फैमिली बिज़नेस को भी शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा इस कार्ड के अनुसार आपकी मौजूदा या आगे चलकर मिलने वाली नौकरी सुरक्षित है और यह आपको लंबे समय तक स्थिरता प्रदान करेगी।
पेज ऑफ कप्स कार्ड सेहत के मामले में शुभ समाचार और परिणामों के संकेत कर रहा है। अगर आप किसी निदान या टेस्ट के रिज़ल्ट का इंतज़ार कर रहे हैं, तो आपको अपनी इच्छा के अनुसार परिणाम मिल सकता है। इस कार्ड का एक मतलब यह भी हो सकता है कि आपको किसी थेरेपी या उपचार की जानकारी मिल सकती है जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करेगी।
शुभ अंक: 6
कर्क राशि
प्रेम जीवन: ऐट ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: द हाई प्रिस्टेस
करियर: सिक्स ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: द स्ट्रेंथ
कर्क राशि को ऐट ऑफ पेंटाकल्स कार्ड मिला है जिसके अनुसार आपका पार्टनर आपके साथ अपने रिश्ते को मज़बूत बनाने पर काम करना चाहता है। आपने अब तक जो हासिल किया है और जो कुछ भी सीखा है, उस पर आपको गर्व होना चाहिए। लंबे समय से रिश्ते में रहने के बाद भी आपको ऐसा लगेगा, जैसे आपका पार्टनर अब भी आपको सरप्राइज़ कर रहा है।
द हाई प्रिस्टेस कार्ड आपको पैसों से संबंधित मामलों में सावधानी बरतने और संतुलन बनाए रखने की सलाह दे रहा है। इस कार्ड के अनुसार आपको अपने धन से संबंधित मामलों को किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए एवं पैसों से संबंधित कोई अवसर मिलने पर अपने मन पर भरोसा करना चाहिए।
सिक्स ऑफ पेंटाकल्स कार्ड इस बात के संकेत दे रहा है कि कोई शक्तिशाली व्यक्ति आपके प्रति दयालु व्यवहार दिखा सकता है। आपको किसी मैनेजर या किसी बड़े व्यावसायिक सहयोगी से बोनस, समर्थन, मार्गदर्शन या फिर उनका कीमती समय मिलने के संकेत हैं।
सेहत के मामले में द स्ट्रेंथ कार्ड एक बहुत अच्छा संकेत है। इस कार्ड का मतलब है कि आप इस सप्ताह शारीरिक रूप से फिट रहेंगे, आपका स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहेगा और आपका मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य संतुलित रहेगा। इससे आपको अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने जैसे कि आत्म-नियंत्रण और स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है।
आपकी जिंदगी अब तक काफी अच्छी रहीहै और आपको अब तक हर सुख-सुविधा मिली है या आपके पास अपनी ज़रूरत की हर चीज़ है। भले ही आप इस समय किसी के साथ रिश्ते में न हों, आपके लिए रोमांस ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं लग रहा है। फिलहाल आप बस उन चीजों के लिए आभारी रहने की कोशिश कर रहे हैं, जो आपके पास हैं। आपकी इस खूबी की वजह से आप दूसरों को अधिक आकर्षक लग सकते हैं इसलिए आपके होने वाले साथी को यह कोशिश करनी चाहिए कि आपकी इस खुशी को कम करने के बजाय उसे बढ़ाने का काम करे।
वित्तीय जीवन में आपको क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स मिला है जिसके अनुसार कोई बेईमान और आपका बुरा चाहने वाली वृद्ध स्त्री धन के मामले में आपको गलत सलाह दे सकती है। यह कार्ड गलत संदेश का संकेत भी कर रहा है जिसकी वजह से आपको धन का नुकसान होने की आशंका है।
यह कार्ड नौकरी या व्यवसाय में सुरक्षा और स्थिरता को दर्शाता है। आप अपनी कड़ी मेहनत और योजना से चलने की वजह से अपने प्रयासों के सकारात्मक परिणामों का आनंद ले पाएंगे। आपको अभी अपने प्रियजनों के साथ अच्छा व्यवहार करना और अपनी संपत्ति को उनके साथ साझा करने पर ध्यान देना चाहिए। फोर ऑफ वैंड्स कार्ड कार्यक्षेत्र में आपसी सहयोग और सफलता का प्रतीक है।
सेहत के मामले में द स्ट्रेंथ एक शुभ संकेत हैं। यह कार्ड शारीरिक फिटनेस, मानसिक और शारीरिक रूप से सुतलित रहने और उत्तम स्वास्थ्य को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपके अंदर समस्याओं का सामना करने के लिए साहस, आत्म-नियंत्रण और शक्ति मौजूद है।
शुभ अंक: 1
कन्या राशि
प्रेम जीवन: सिक्स ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: किंग ऑफ वैंड्स
करियर: फाइव ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स
सिक्स ऑफ वैंड्स कार्ड कहता है कि अगर आप सिंगल हैं और प्यार की तलाश कर रहे हैं, तो अब आपको इसमें सफलता मिलने के योग हैं। इस समय कोई आपके प्रति आकर्षित हो सकता है। यदि आप अपने लिए पार्टनर की तलाश कर रहे हैं, तो वह व्यक्ति इस समय आपसे पहले से ज्यादा खुलकर बात कर सकता है। अगर आप प्रेम संबंध में हैं और अपने रिश्ते के ऊपर काम कर रहे हैं, तो आप लंबे समय तक दूर रहने बाद साथ रहने के लिए घर खरीद सकते हैं या एकसाथ रहना शुरू कर सकते हैं।
टैरो कार्ड में किंग ऑफ वैंड्स कार्ड धन के मामले में सकारात्मक परिणामों को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपके अंदर अपने वित्तीय लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए प्रेरणा और उत्साह हैं एवं आप जानते हैं कि आपको अपने लक्ष्यों तक कैसे पहुंचना है। आप अपने धन को संभालने और पैसों के मामले में सही विकल्प चुनने में सक्षम हैं।
करियर के मामले में फाइव ऑफ वैंड्स कार्ड कार्यक्षेत्र में मतभेद और प्रतिद्वंदित को लेकर सतर्क रहने का संकेत दे रहा है। मुमकिन है कि आप ऐसी जगह पर काम करते हैं, जहां अहंकार और व्यक्तित्व के बीच मतभेद होने के कारण उन्नति में बाधा आ सकती है। सफलता पाने के लिए अहंकार को दूर करने और एकसाथ काम करना जरूरी है।
अपराइट सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड सेहत के मामले में शुभ संकेत दे रहा है। इस कार्ड का कहना है कि अब आपको गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है या उनके लक्षण कम हो सकते हैं। आप हाल की घटनाओं की वजह से इस समय थकान और कमज़ोरी महसूस कर सकते हैं लेकिन अब चीज़ें आपके लिए ही दिशा में जा रही हैं।
शुभ अंक: 32
तुला राशि
प्रेम जीवन: द डेविल
आर्थिक जीवन: ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: द मैजिशियन
स्वास्थ्य: फोर ऑफ कप्स (रिवर्स्ड)
तुला राशि के जातकों को प्रेम जीवन में द डेविल कार्ड मिला है जो कि एक बुरा और नकारात्मक संकेत है। यह कार्ड रिश्ते में अपने पार्टनर पर आसक्त रहने और उस पर निर्भर होने का संकेत कर रहा है। यह धीरे-धीरे दोनों पार्टनर के व्यक्तित्व को नुकसान पहुंचा सकता है। सावधान रहें और कोशिश करें कि आप दोनों अपने रिश्ते में मज़बूत बने रहें।
ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड आपको धन से संबंधित फैसले तर्क पर आधारित और तार्किक सोच के साथ लेने की सलाह दे रहा है। जल्दबाज़ी या भावनाओं में बहकर कोई आर्थिक निर्णय न लें। कोई निवेश करने या लोन लेने से पहले, आप उसके फायदों और संभावित जोखिमों के बारे में ज़रूर जान लें।
द मैजिशियन कार्ड कहता है कि आप अवसरों का लाभ उठाकर, कुछ निर्णय लेकर और अपने काम के लिए प्रतिबद्ध रहकर सफलता हासिल कर सकते हैं। प्रमोशन की बात हो या कोई नया बिज़नेस शुरू करना हो या फिर किसी मार्केटिंग कैंपेन की सफलता हो, द मैजिशियन कार्ड की दृढ़ इच्छा शक्ति और दृढ़ संकल्प आपको अपने चुने हुए क्षेत्र में सफल होने में मदद कर सकता है।
सेहत और आध्यात्मिकता के मामले में आपको फोर ऑफ कप्स (रिवर्स्ड) कार्ड मिला है। यह कार्ड एक नई शुरुआत की ओर इशारा कर रहा है। अब आप पछतावे को छोड़कर वर्तमान की चीज़ों के लिए आभार व्यक्त कर रहे हैं।
शुभ अंक: 25
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: द हर्मिट
आर्थिक जीवन: फोर ऑफ वैंड्स
करियर: सिक्स ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स
वृश्चिक राशि के जातकों को द हर्मिट कार्ड कह रहा है कि आपको किसी भी प्रेम संबंध की शुरुआत करने से पहले कुछ समय अकेले में बिताकर खुद को जान लेना चाहिए। हालांकि, इस समय आप थोड़ा अकेला महसूस कर सकते हैं लेकिन इससे आप अपने जीवन में प्यार को पाने में सफल होने के लिए तैयार होंगे।
फोर ऑफ वैंड्स कार्ड धन के मामले में आपके लिए स्थिरता और सुरक्षा का संकेत दे रहा है। अब आपको अपने कड़ी मेहनत और योजनाओं का परिणाम मिलने की संभावना है। आप अपने करीबी लोगों को दुलार कर सकते हैं और उनके साथ अपनी संपत्ति को साझा कर सकते हैं।
करियर को लेकर सिक्स ऑफ कप्स कार्ड एक अच्छा संकेत है। यह कार्ड रचनात्मक, आपसी सहयोग और दयालुता को दर्शाता है। इस कार्ड का मतलब है कि आप रचनात्मक या ऐसे कार्यों में जुट सकते हैं जिनमें आपसी सहयोग की ज़रूरत होती है। यह कार्ड बच्चों या युवाओं के साथ काम करने का संकेत भी दे रहा है।
अपराट ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड के अनुसार अब आप प्रेरित और मानसिक रूप से मज़बूत रहेंगे। यह कार्ड आपको अपने जीवन में स्वस्थ बदलाव करने और अपनी सेहत पर नियंत्रण पाने के लिए प्रेरित कर रहा है। आप अपनी मानसिक स्पष्टता की मदद से अपने व्यवहार का मूल्यांकर कर सकते हैं और सही फैसले ले सकते हैं।
धनु राशि के जातकों को प्रेम जीवन में टेंपरेंस कार्ड मिला है जो कि प्यार के मामले में आपके लिए सबसे सुंदर कार्ड है। अगर आप और आपका पार्टनर दोनों मिलकर एक-दूसरे के लिए सम्मान, प्यार और समर्पण रखेंगे, तो इससे आपके रिश्ते में खुशियां बढ़ेंगी। यह कार्ड जीवनसाथी को भी दर्शाता है।
पेशे या वित्त के मामले में सेवन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड कह रहा है कि अब आपको अपनी कड़ी मेहनत और लगन का फल मिलने वाला है। इस कार्ड का कहना है कि अब आप लगातार अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं। आपका लक्ष्य कुछ भी हो सकता है जैसे कि कोई निवेश, प्रमोशन या फिर बिज़नेस।
आध्यात्मिक विकास पाने को लेकर जस्टिस कार्ड शांति, निष्पक्षता और सच को दर्शाता है। यह कार्ड हमें अपनी जिंदगी के सभी पहलुओं में निष्पक्ष रहने, सम्मान के साथ काम करने और अपने निर्णयों की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित कर रहा है।
फाइव ऑफ कप्स कार्ड के इनवर्टिड आने का मतलब है कि मौजूदा स्वास्थ्य समस्या को सुलझाने के लिए आपको अतीत की निराशा और दुख को छोड़ने की ज़रूरत है। अगर आपको नकारात्मकता को दूर करने में दिक्कत आ रही है, तो आप उपचार की मदद ले सकते हैं।
शुभ अंक: 30
मकर राशि
प्रेम जीवन: नाइट ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: सेवन ऑफ वैंड्स
करियर: फाइव ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: ऐस ऑफ पेंटाकल्स
यह कार्ड एक नए रिश्ते, प्रेम प्रस्ताव या किसी रचनात्मक विचार की ओर इशारा कर रहा है। जीवन के प्रति एक रोमांटिक और आदर्शवादी दृष्टिकोण आपको प्रेम के जादू में उलझा सकता है।
सेवन ऑफ वैंड्स कार्ड आपको दीर्घकालिक वित्तीय योजना बनाने और आर्थिक रूप से सुरक्षित होने के लिए कह रहा है। आप अपनी संपत्ति की सुरक्षा करें, भविष्य के लिए पैसों की बचत पर ध्यान दें और समझदारी से निवेश करें। अपनी आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं को एक मज़बूत नींव देने के लिए कार्य करें।
पेशेवर जीवन में आपको अपराइट फाइव ऑफ पेंटाकल्स कार्ड मिला है जो कि एक शुभ संकेत नहीं है। यह कार्ड आर्थिक नुकसान, नौकरी के छूटने या बिज़नेस की विफलता का संकेत दे रहा है। दूसरों की मदद पर निर्भर रहने की वजह से आपकी नौकरी जा सकती है या फिर आपका बिज़नेस फेल हो सकता है। इसकी वजह से आपके आत्मविश्वास में कमी आने की आशंका है या आपको तनाव हो सकता है।
ऐस ऑफ पेंटाकल्स कार्ड नई शुरुआत और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की संभावना को दर्शाता है। यह कार्ड आपको अपनी सेहत की जिम्मेदारी लेने, सोच-समझकर फैसला लेने और स्वस्थ दिनचर्या अपनाने के लिए कह रहा है।
शुभ अंक: 18
कुंभ राशि
प्रेम जीवन: किंग ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: ऐट ऑफ पेंटाकल्स
करियर: क्वीन ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: द लवर्स (रिवर्स्ड)
किंग ऑफ कप्स कार्ड सहयोग और दिशा प्रदान करता है। इस कार्ड का मतलब है कि आपका पार्टनर आपके प्रति ईमानदार और स्नेहपूर्ण रहेगा। आप दोनों का रिश्ता सहनशीलता और आपसी समझ के आधार पर मज़बूत होगा।
यह कार्ड कल्पना, भावनाओं और अचेतन का प्रतीक है। यह कार्ड किसी व्यक्ति की भावनाओं को पूरी तरह से नियंत्रित करने और अपने मन एवं भावनाओं पर नियंत्रण रखने की क्षमता को दर्शाता है। किंग ऑफ कप्स कार्ड दिमाग और दिल के बीच में सामंजस्य स्थापित करने का प्रतीक है। इस कार्ड का कहना है कि अनुभव और समझ के बीच में गहरा संबंध है।
करियर में कुंभ राशि के जातकों को क्वीन ऑफ कप्स कार्ड मिला है जिसके अनुसार इस सप्ताह आपको अपने सहकर्मियों से काफी सहयोग और मदद मिलने वाली है। अगर आप इस समय अपनी नौकरी या कंपनी बदलते हैं, तो वहां का माहौल आपके लिए ज्यादा शांतिपूर्ण रहने वाला है। इस सप्ताह आप अपने करियर को लेकर संतुष्ट महसूस करेंगे।
इस कार्ड का कहना है कि आपको अपने शरीर की संवेदनाओं के लिए प्रति सचेत रहना चाहिए। मुमकिन है कि आप खुद को बहुत ज्यादा थका रहे हैं और अब आपको आराम करने की ज़रूरत है। आप अपने शरीर पर ध्यान दें और अपना ख्याल रखें। अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो विश्वास रखें कि ये ठीक हो जाएगी।
शुभ अंक: 16
मीन राशि
प्रेम जीवन: द स्टार
आर्थिक जीवन: द हर्मिट
करियर: टू ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: फाइव ऑफ वैंड्स
इस सप्ताह मीन राशि के जातकों के लिए द स्टार कार्ड ठीक होने, आशा और पुर्नजन्म का प्रतीक हो सकता है। यह कार्ड आपको अतीत की यादों को भुलाने और भविष्य को लेकर आशावादी बनने के लिए प्रेरित कर सकता है। स्टार कार्ड आपको आशावादी बने रहने की याद दिला सकता है और आपको प्रेम जीवन में आने वाली कठिनाईयों में विश्वास और आशावादी बने रहने का मार्गदर्शन दे सकता है।
आर्थिक जीवन में आपको द हर्मिट कार्ड मिला है जो कि आपको इस समय सोच-विचार करने और भौतिक सुख-सुविधाओं के बजाय संतोष को प्राथमिकता देने के संकेत कर रहा है। ऐसे में आपका सारा ध्यान आध्यात्मिक मार्ग पर चलने और पैसों को बचाने में हो सकता है।
टू ऑफ कप्स कार्ड कहता है कि आपसे नए लोग जुड़ेंगे और करियर में आगे बढ़ने में ये आपकी मदद कर सकते हैं। यह कार्ड एकता को दर्शाता है इसलिए इस सप्ताह आपको अपने टीम के लोगों का सहयोग मिलेगा। व्यापार करने वाले जातकों की अपने पार्टनर के साथ आपसी समझ अच्छी रहने वाली है और इन्हें अपने पार्टनर से सहयोग भी मिलेगा।
फाइव ऑफ वैंड्स कार्ड स्वास्थ्य और उपचार का प्रतीक है। संभावना है कि अब आप मुश्किल समय और किसी बीमारी से उबर पाएंगे। यह कार्ड आपको अपनी सेहत को लेकर सावधान रहने की सलाह भी दे रहा है। आप ज़रूरत से ज्यादा तनाव ले रहे हैं जो कि आपकी सेहत और फिटनेस को खराब कर रहा है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. टैरो में कैसे भविष्यवाणी की जाती है?
उत्तर. टैरो में कार्ड्स के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है।
प्रश्न 2. क्या टैरो में रीडिंग के लिए उम्र की कोई सीमा होती है?
उत्तर. नहीं, टैरो में उम्र की कोई सीमा नहीं है।
प्रश्न 3. क्या ऑनलाइन टैरो का कोर्स कर सकते हैं?
उत्तर. हां, ऑनलाइन टैरो के कई कोर्स मौजूद हैं।
अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 05 जनवरी से 11 जनवरी, 2025
कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)?
अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा।
इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (05 जनवरी से 11 जनवरी, 2025)
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं।
जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनि देव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मूलांक 1
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक हर वक्त अपने काम में ही लीन रहते हैं और अपने कार्यों के प्रति अधिक सतर्क रहते हैं। ये जातक बहुत बुद्धिमान होते हैं और सोच-विचार करने के बाद ही कोई काम करते हैं।
प्रेम जीवन: इस समय आपके और आपके पार्टनर के बीच रिश्ते में प्यार बना रहेगा। आप अपने पार्टनर से जो वादे करते हैं या बातें करते हैं, उन्हें पूरा करने के लिए समर्पित रहेंगे।
शिक्षा: इस सप्ताह छात्र पढ़ाई के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आप प्रगति हासिल करने और अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में सक्षम होंगे।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक कड़ी मेहनत और अपने काम के प्रति समर्पित रहकर सफलता हासिल कर सकते हैं। वहीं व्यापारियों को इस सप्ताह उच्च मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा।
सेहत: इस सप्ताह आप जोश और ऊर्जा से भरपूर रहेंगे और आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहने वाला है। आप शारीरिक रूप से फिट रहेंगे।
उपाय: आप रविवार के दिन सूर्य देव के लिए यज्ञ-हवन करें।
मूलांक 2
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक हमेशा चिंता करते रहते हैं और बहुत ज्यादा सोचते हैं। इनकी ऐसी प्रवृत्ति इनके हितों के विरुद्ध काम कर सकती है। ये जातक अधिक यात्राएं कर सकते हैं और ये यात्राएं इनके लिए सुखद साबित होंगी।
प्रेम जीवन: वैचारिक मतभेदों के कारण आपके और आपके जीवनसाथी के रिश्ते में खटास आ सकती है। आपको अपने रिश्ते में सुख-शांति को बनाए रखने के लिए अपने पार्टनर के साथ तालमेल बिठाने की ज़रूरत है।
शिक्षा: उच्च शिक्षा ले रहे छात्रों को अधिक ध्यान लगाकर पढ़ाई करने और उत्कृष्टता पाने के लिए कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको सफलता मिल पाने की संभावना बहुत कम है।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह नौकरीपेशा जातकों से अपने काम में कुछ गलतियां हो सकती हैं और इसका असर आपके प्रदर्शन पर पड़ सकता है। वहीं इस समय व्यापारियों का प्रदर्शन भी अच्छा नहीं रहने वाला है और वे उच्च मुनाफा कमाने में असमर्थ हो सकते हैं।
सेहत: इस सप्ताह आपको जुकाम और खांसी ज्यादा परेशान कर सकते हैं। आपकी इम्युनिटी के कमज़ोर होने की वजह से ऐसा हो सकता है।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक आध्यात्मिक प्रवृत्ति के होते हैं और इनके विचार श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण होते हैं। इनकी ईश्वर की भक्ति में अधिक आस्था होती है। वहीं दूसरी ओर ये जातक अहंकारी भी होते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने पार्टनर के साथ खुश महसूस करेंगे। आप दोनों का रिश्ता मज़बूत होगा और रिश्ते में आप उच्च मूल्य स्थापित कर पाएंगे।
शिक्षा: पढ़ाई के मामले में आप ॐचाईयां हासिल करेंगे और खासतौर पर प्रोफेशनल स्टडीज़ जैसे कि मास्टर ऑफ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन, फाइनेंशियल अकाउंटिंग आदि में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आप पढ़ाई में प्रगति करने और उत्कृष्टता हासिल करने का प्रयास करेंगे।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे और अपने लिए ऑफिस में अच्छा माहौल बनाएंगे। आप करियर में सफलता प्राप्त करेंगे। आपको उच्च इंसेंटिव, बोनस या कोई अन्य पुरस्कार मिलने की संभावना है। व्यापारी अपने प्रतिद्वंदी को कड़ी टक्कर देंगे और अधिक मुनाफा कमाएंगे।
सेहत: आप जोश और उत्साह से भरपूर रहेंगे और इसका सकारात्मक असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा। इससे आपकी फिटनेस भी बहुत अच्छी रहेगी। आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या होने के संकेत नहीं हैं।
उपाय: आप रोज़ 21 बार ‘ॐ गुरुवे नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 4
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अपने लक्ष्यों को लेकर अधिक जुनून रखते हैं और उसके साथ जीते हैं। ये जातक दूर-दराज के क्षेत्रों की यात्रा अधिक करते हैं और इनकी विदेश यात्रा करने में अधिक रुचि हो सकती है।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने पार्टनर को लेकर असुरक्षित महसूस कर सकते हैं। वे आपसे पारिवारिक मसलों को लेकर झगड़ा कर सकते हैं। ऐसे में आपको अपने पार्टनर के साथ तालमेल बिठाकर चलने की ज़रूरत है।
शिक्षा: पढ़ाई में आपकी एकाग्रता कम हो सकती है और आपका पढ़ाई पर से ध्यान भटक सकता है। इस वजह से आप शिक्षा के क्षेत्र में कम प्रदर्शन कर सकते हैं। इस कारण आपको अधिक प्रयास करने और व्यवस्थित तरीके से योजना बनाकर चलने की ज़रूरत है।
पेशेवर जीवन: फोकस की कमी की वजह से आपसे काम में कुछ गलतियां हो सकती हैं। इस समय आपकी अपने काम में रुचि कम हो सकती है। व्यापारी अपनी उम्मीद के अनुसार मुनाफा कमाने में पीछे रह सकते हैं।
सेहत: इम्युनिटी कमज़ोर होने की वजह से आपको स्किन से संबंधित समस्या हो सकती है। स्किन से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए आपको तली-भुनी चीज़ें खाने से बचना चाहिए।
उपाय: आप रोज़ 22 बार ‘ॐ राहवे नम: मंत्र का जाप करें।
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मूलांक 5
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक तार्किक होते हैं और अपने जीवन में इसी पर आगे बढ़ते हैं। इनके विचारों में भी तर्क देखने को मिलते हैं। इन जातकों की शेयर मार्केट में रुचि होती है।
प्रेम जीवन: आपका और आपके पार्टनर का रिश्ता मज़बूत होगा और आप दोनों एक-दूसरे के साथ खुश रहेंगे। इस सप्ताह आप दोनों के बीच प्यार बढ़ेगा और आपका रिश्ता स्नेहपूर्ण बन रहेगा।
शिक्षा: आपको कॉस्टिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंसी जैसे विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अच्छा अवसर मिल सकता है। आप इनमें उत्कृष्टता हासिल करेंगे। इस सप्ताह सफलता आपके कदम चूमेगी।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को विदेश जाकर नौकरी करने का अवसर मिल सकता है और ये अवसर आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे। व्यापारियों को मुनाफा होने और उच्च स्तर की सफलता मिलने के योग हैं।
सेहत: आपको इस सप्ताह कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी। हालांकि, बार-बार सर्दी-जुकाम हो सकता है। ऐसा आपकी इम्युनिटी के कमज़ोर होने की वजह से हो सकता है।
उपाय: आप रोज़ प्राचीन ग्रंथ विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
मूलांक 6
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, या 24 तारीख को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक मजाकिया स्वभाव के होते हैं और ये अपने अंदर इस गुण को इसलिए रखते हैं ताकि वे सकारात्मक कदम उठा सकें। ये लोग अपने भविष्य को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित होते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने जीवनसाथी के साथ अधिक खुश रहेंगे और आप दोनों एक-दूसरे के साथ कुछ खुशी के पल बिताएंगे। आप एक-दूसरे के साथ अपनी भावनाओं और अच्छे विचारों को साझा करेंगे।
शिक्षा: इस सप्ताह छात्र अपने विशेष कौशल को दिखा सकते हैं और प्रोफेशनल स्टडीज़ जैसे कि सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और विजुअल कम्युनिकेशन आदि में प्रगति हासिल करेंगे।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को अपनी कड़ी मेहनत और लगन की वजह से प्रमोशन मिल सकता है। इसके साथ ही आपको नई नौकरी मिलने के भी योग हैं। व्यापारियों को नया बिज़नेस शुरू करने का मौका मिल सकता है।
सेहत: इस सप्ताह आपकी इम्युनिटी मज़बूत रहने की वजह से आपकी फिटनेस काफी अच्छी रहने वाली है। यह आपको मज़बूत बनाने का काम करेगी।
उपाय: रोज़ 33 बार ‘ॐ भार्गवाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, या 25 तारीख को हुआ है)
मूलांक 7 वाले जातक अधिक आध्यात्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। इस सप्ताह आपको धार्मिक यात्रा पर जाने का मौका मिल सकता है।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपके और आपके पार्टनर के बीच गलतफहमियां होने की आशंका है। इस वजह से आपके रिश्ते में खटास आ सकती है।
शिक्षा: यह सप्ताह आपके लिए ज्यादा आशावादी नहीं रहने वाला है क्योंकि आपसे पढ़ाई में कुछ गलतियां हो सकती हैं। आपकी पढ़ाई आवश्यक स्तर से कम हो सकती है।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को इस समय अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस वजह से आपके प्रदर्शन में गिरावट आ सकती है। वहीं व्यापारियों को असफलता मिलने के संकेत हैं।
सेहत: इस सप्ताह आपकी इम्युनिटी कमज़ोर होने की वजह से आपको कोई स्किन से संबंधित एलर्जी हो सकती है और इस कारण आपकी सेहत खराब रहने वाली है।
उपाय: मंगलवार के दिन केतु ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
मूलांक 8
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, या 26 तारीख को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अपने कार्यों को लेकर प्रतिबद्ध रहते हैं और अपने जीवन में इसी पर आगे बढ़ते हैं।
प्रेम जीवन: अगर आप अपने पार्टनर से नाराज़ हैं, तो इस सप्ताह आप उन्हें मनाने में असफल रह सकते हैं और इस वजह से आप नाखुश रह सकते हैं। आप दोनों के बीच दूरियां आने की आशंका है।
शिक्षा: छात्रों की एकाग्रता में कमी आने के संकेत हैं और इसकी वजह से वे उच्च अंक प्राप्त करने में विफल हो सकते हैं। इसकी वजह से आप उदास महसूस कर सकते हैं।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों पर इस समय काम का दबाव हो सकता है। इसकी वजह से आपकी कार्यक्षमता कम होने की आशंका है। वहीं व्यापारियों को खुद को कम मुनाफे से ही संतुष्ट करना होगा।
सेहत: आपको इस समय टांग, जांघ और कंधे में दर्द आदि की शिकायत हो सकती है। ऐसा तनाव की वजह से हो सकता है।
उपाय: शनिवार के दिन शनि देव के लिए यज्ञ-हवन करें।
मूलांक 9
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, या 27 तारीख को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक सिद्धांतों पर चलना पसंद करते हैं। ये जातक रिश्तों को ज्यादा महत्व देते हैं।
प्रेम जीवन: आपके और आपके पार्टनर के संबंध अच्छे रहेंगे एवं आप रिश्ते में उच्च मूल्य स्थापित करेंगे। आप रिश्ते में प्रेम बनाए रखेंगे।
शिक्षा: छात्र अच्छे से पढ़ाई करेंगे और पूरे उत्साह के साथ प्रगति हासिल करेंगे। आप पेशेवर होकर पढ़ाई करेंगे।
पेशेवर जीवन: नौकरी में आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे और उत्कृष्टता हासिल करेंगे। व्यापारी इस समय अधिक लाभ कमा सकते हैं।
सेहत: आपकी इम्युनिटी मज़बूत रहने और ऊर्जा का स्तर अधिक होने की वजह से आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। आपको ज्यादा स्वास्थ्य समस्याएं परेशान नहीं करेंगी।
उपाय: आप मंगलवार के दिन मंगल ग्रह के लिए पूजा करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. मूलांक 4 पर किस ग्रह का आधिपत्य है?
उत्तर. मूलांक 4 के स्वामी राहु ग्रह हैं।
प्रश्न 2. मूलांक 6 के स्वामी ग्रह कौन हैं?
उत्तर. 6 मूलांक के स्वामी शुक्र ग्रह हैं।
प्रश्न 3. मूलांक 2 वाले जातक कैसे होते हैं?
उत्तर. ये कल्पनाशील और भावुक स्वभाव के होते हैं।
आर्थिक राशिफल 2025 से जानें, किन राशियों को मिलेगी नए साल में देवी लक्ष्मी की कृपा!
एक सुखद और शांति से पूर्ण जीवन जीने के लिए धन को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसकी बदौलत इंसान अपना हर सपना और हर इच्छा पूरी कर सकता है। जहां जीवन में धन-दौलत की प्रचुरता व्यक्ति को ऐश्वर्यपूर्ण जीवन का आशीर्वाद देती है। वहीं, इसके अभाव में मनुष्य की ज़िन्दगी समस्याओं और परेशानियों से भर जाती हैं इसलिए इस दुनिया में रहने के लिए धन और संपत्ति का होना आवश्यक है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर और मज़बूत बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करता है। अब हम नए साल यानी कि वर्ष 2025 में प्रवेश करने जा रहे हैं और ऐसे में, अगर आपने साल 2024 में आर्थिक समस्याओं का सामना किया है, तो वर्ष 2025 आपके लिए कैसा रहेगा और कैसे परिणाम आपको देगा? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस ब्लॉग में मिलेंगे। तो आइए बिना देर शुरुआत करते हैं इस लेख की।
वर्ष 2025 को लेकर हमारे मन में उत्सुकता धीरे-धीरे बढ़ रही है और ऐसे में, यदि आपके मन में आर्थिक जीवन को लेकर सवाल उठ रहे हैं जैसे कि क्या नए साल में बनी रहेगी आर्थिक समस्याएं या धन से जुड़ी परेशानियों का होगा अंत? साल 2025 में धन निवेश से होगा लाभ या झेलना पड़ेगा नुकसान? तो बता दें कि एस्ट्रोसेज का यह “आर्थिक राशिफल 2025” का ब्लॉग आपके सभी प्रश्नों के जवाब देगा। तो चलिए नज़र डालते हैं और जानते हैं कि कैसा रहेगा नए साल में आपके आर्थिक जीवन का हाल?
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
धन-संपत्ति पाने के लिए इन ग्रहों को रखें प्रसन्न
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवग्रहों में प्रत्येक ग्रह मनुष्य जीवन को किसी न किसी तरह से प्रभावित करता है। इसी क्रम में, धन-दौलत और अपनी आर्थिक स्थिति को मज़बूत बनाए रखने के लिए कुंडली में इन तीन ग्रहों को शुभ होना चाहिए जिनके नाम इस प्रकार हैं: शुक्र देव, बृहस्पति महाराज और बुध ग्रह। अब हम आपको रूबरू करवाते हैं कि यह तीन ग्रह आपके आर्थिक जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं।
शुक्र ग्रह
शुक्र देव को सुख-सुविधाओं का ग्रह माना जाता है और कुंडली में इनकी शुभ स्थिति जातक को जीवन में सभी तरह की सुख-सुविधाएं प्रदान करती हैं। इसके विपरीत, कुंडली में कमज़ोर शुक्र को मज़बूत करने के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करना फलदायी साबित होता है।
बृहस्पति ग्रह
देवताओं के गुरु कहे जाने वाले बृहस्पति महाराज को ज्ञान और विभिन्न स्रोतों से धन दिलवाने का कारक ग्रह माना गया है। जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह शुभ होते हैं, उन्हें जीवन में धन-संपत्ति की कमी नहीं होती है। हालांकि, गुरु महाराज की शुभ कृपा पाने के लिए बड़ों का सम्मान करें और गुरूजनों का आर्शीवाद लें।
बुध ग्रह
बुद्धि, वाणी एवं तर्क के कारक ग्रह बुध देव हैं जिनका संबंध व्यापार और तकनीक से भी है। जिन लोगों की कुंडली में बुध मज़बूत होते हैं, वह करियर एवं व्यापार में अपार तरक्की एवं लाभ प्राप्त करते हैं। लेकिन, कुंडली में कमज़ोर बुध को बलवान करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें बुधवार के दिन दूर्वा घास अर्पित करें।
किसी व्यक्ति के जीवन में चल रही धन से जुड़ी समस्याओं के अंत के लिए कुंडली में बुध, शुक्र और बृहस्पति ग्रह की स्थिति का मजबूत होनी बेहद जरूरी होता है। एक तरफ, गुरु ग्रह भाग्य के कारक ग्रह कहे गए हैं और ऐसे में, कुंडली में इनकी स्थिति धन से जुड़े मामलों में हमारी सफलता या असफलता निर्धारित करती है। वहीं, कुंडली में जहां छठे भाव का संबंध धन की बचत से है, तो वहीं ग्यारहवां भाव आय को दर्शाता है। ऐसे में, ग्यारहवें भाव को भी बचत के भाव के तौर पर देखा जाता है। इसके अलावा, धन के आय-व्यय को बुध देव नियंत्रित करते हैं इसलिए आर्थिक जीवन में बुध की स्थिति भी विशेष भूमिका निभाती है।
कुंडली में कौन से भाव और योग बनाते हैं व्यक्ति को धनवान?
जब कुंडली में दूसरे भाव का स्वामी लाभ भाव में मौजूद होता है या फिर लाभ भाव का स्वामी धन भाव में मौजूद होता है, तो यह स्थिति जातक को अमीर बनाती है।
जब किसी की कुंडली में दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी त्रिकोण भाव में बैठकर एक-दूसरे को देखते हैं, तो जातक को जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
कुंडली का छठा भाव नौकरी और सातवां भाव व्यापार से जुड़ा होता है। ऐसे में, व्यक्ति को अमीर बनाने में यह दोनों भाव अहम माने गए हैं।
कुंडली का दूसरे भाव पैतृक संपत्ति और धन भाव का होता है जबकि ग्यारहवां भाव लाभ का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में, यह दोनों भाव मेहनत द्वारा प्राप्त होने वाले धन को दर्शाते हैं।
चौथे भाव का संबंध जमीन और संपत्ति से होता है। इस भाव की मदद से आप जान सकते हैं कि जातक को माता-पिता से संपत्ति की प्राप्ति होगी या नहीं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
धन-संपत्ति के लिए किस ग्रह को प्रसन्न करें?
गुरु, बुध और शुक्र ग्रह की कृपा से धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
शुक्र ग्रह किस के कारक हैं?
ज्योतिष के अनुसार, शुक्र ग्रह प्रेम, ऐश्वर्य और भोग-विलास के ग्रह माने गए हैं।
लाभ का भाव कौन सा है?
कुंडली के दूसरे भाव को लाभ का भाव कहा जाता है।
धनु राशि में सूर्य-बुध बनाएंगे बुधादित्य योग, इन राशियों के होंगे वारे-न्यारे!
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के युवराज के नाम से विख्यात बुध ग्रह को वाणी, बुद्धि, विद्या, तर्क, तर्क और व्यापार का कारक माना जाता है। ऐसे में, बुध देव की चाल में होने वाला कोई भी बदलाव संसार को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखता है जो अब धनु राशि में गोचर करने वाले हैं। एस्ट्रोसेज एआई के इस ख़ास ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बुध गोचर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही जानेंगे, बुध ग्रह से अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय और कुंडली में बुध को किन ज्योतिषीय उपायों की सहायता से मजबूत कर सकते हैं। लेकिन, इन सब बातों को जानने के लिए आपको बुध गोचर का यह ब्लॉग अंत तक पढ़ना होगा।
हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि बुध का धनु राशि में गोचर होने जा रहा है और ऐसे में, इनकी चाल में होने वाला बदलाव कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ रहेगा और कुछ राशियों को इस अवधि में बहुत संभलकर चलना होगा। सिर्फ इतना ही नहीं, बुध धनु राशि में प्रवेश के दौरान किन ग्रहों के साथ युति का निर्माण और कौन सा योग बनाएंगे, इस बारे में भी हम विस्तार से बात करेंगे। सबसे पहले नज़र डालते हैं बुध गोचर के समय और तिथि पर।
बुध का धनु राशि में गोचर: समय और तिथि
ज्योतिष शास्त्र में बुध महाराज को तेज़ गति से चलने वाला ग्रह माना गया है जो लगभग हर 23 दिन में अपना राशि परिवर्तन करते हैं। इसके बाद, वह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करके चले जाते हैं। अब बुध देव 04 जनवरी 2025 की सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर धनु राशि में गोचर कर जाएंगे। बता दें कि यह नए साल अर्थात वर्ष 2025 का पहला गोचर होगा। साथ ही, धनु राशि में रहते हुए बुध देव अस्त भी होंगे। इस प्रकार, बुध के इस राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी राशियों पर सकारात्मक या नकारात्मक रूप से पड़ेगा। चलिए अब आपको अवगत करवाते हैं कि बुध का धनु राशि में गोचर होने से कौन से शुभ योग का निर्माण होगा।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
धनु राशि में सूर्य-बुध करेंगे बुधादित्य योग का निर्माण
ग्रहों के राजा सूर्य को बुध ग्रह के मित्र माना जाता है और जब-जब यह दोनों ग्रह कुंडली के में एक साथ विराजमान होते हैं, तो न सिर्फ शुभ राजयोग का निर्माण करते हैं अपितु जातकों को शुभ फल भी प्रदान करते हैं। हालांकि, जब 04 जनवरी को बुध धनु राशि में प्रवेश करेंगे, तब इस राशि में पहले से मौजूद सूर्य ग्रह के साथ युति करेंगे। ऐसे में, सूर्य और बुध के धनु राशि में एक साथ आने पर बेहद शुभ कहे जाने वाले बुधादित्य राजयोग का निर्माण होगा।
कुंडली में बुधादित्य योग का प्रभाव
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुधादित्य योग का निर्माण होता है, तो उसे अपने जीवन में धन, सुख-सुविधाओं, मान-सम्मान और वैभव प्राप्त होता है। मान्यता है कि जिन जातकों की कुंडली में बुधादित्य योग होता है और वह गरीब परिवार में जन्म लेता होता है, तो वह आगे चलकर इस योग के प्रभाव से धनवान बन जाता है। साथ ही, जातक के सभी कार्य समय पर पूरे होते हैं।
बुध ग्रह को एक ऐसे ग्रह के रूप में जाना जाता है जो कि सूर्य की परिक्रमा बहुत तेज़ी से करते हैं। इनके आकार की बात करें तो, यह चंद्रमा से थोड़े बड़े और पृथ्वी से तक़रीबन 2.6 गुना छोटे हैं। ज्योतिष में बुध महाराज को युवा ग्रह माना जाता है जो कि तर्क क्षमता, अच्छे संचार कौशल और ज्ञान से जुड़े हैं। यह चंद्रमा की तरह अत्यंत संवेदनशील होते हैं। हालांकि, बुध देव मनुष्य के जीवन में बुद्धि, वाणी, सीखने की क्षमता और याददाश्त आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं।
बुध की अशुभ स्थिति का प्रभाव
करियर के क्षेत्र में बुध देव का संबंध बैंकिंग, कॉमर्स, लेखन, शिक्षा, ह्यूमर, संचार, मीडिया और किताबें आदि से है। यह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं। वहीं, इनकी स्थिति अशुभ होने से मोबाइल, लैपटॉप, कैमरा, स्पीकर आदि खराब होने लगते हैं। इसके अलावा, कागजी काम और दस्तावेजों में भी गलती होने लगती है।
बात करें धनु राशि की तो, काल पुरुष कुंडली में धनु राशि नौवों स्थान पर आती है। यह अग्नि तत्व की दोहरे स्वभाव की राशि है। धनु राशि आत्मविश्वास, धर्म, वेद, पिता, सत्य, वक्ता, गुरु, लंबी दूरी की यात्रा, अंतरात्मा और सरकारी अधिकारी आदि को दर्शाती है। ऐसे में, बुध का धनु राशि में गोचर लोगों के जीवन को प्रभावित करने का काम कर सकता है। इनका यह गोचर सभी राशियों को कैसे प्रभावित करेगा, यह जानने से पहले आइए जान लेते हैं कुंडली में कमज़ोर बुध को मज़बूत करने के उपाय।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
धनु राशि में बुध का गोचर कब होगा?
वर्ष 2025 में 04 जनवरी 2025 को बुध का धनु राशि में गोचर कर जाएंगे।
बुध किसके कारक हैं?
ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, व्यापार और तर्क के कारक माने जाते हैं।
धनु राशि का स्वामी कौन है?
राशि चक्र की नौवीं राशि धनु के स्वामी गुरु ग्रह हैं।
वर्ष 2025 में कब होगा शनि देव का गोचर और किन राशियों पर शुरू होगी साढ़े साती? जानें!
ज्योतिष में शनि देव को पापी और क्रूर ग्रह कहा जाता है जो कि नवग्रहों में शक्तिशाली और महत्वपूर्ण ग्रह माने जाते हैं। यह सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने के लिए जाने जाते हैं और इनका नाम भी लोगों को भयभीत करने के लिए काफ़ी होता है। हालांकि, ऐसा कुछ है नहीं, परंतु यह मनुष्य को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। ऐसे में, जब-जब शनि देव की राशि, चाल, दशा या स्थिति में बदलाव होता है, तो इसका असर राशि चक्र की सभी राशियों समेत विश्व को प्रभावित करता है। नए साल यानी कि वर्ष 2025 में शनि देव का गोचर होने जा रहा है और यह आपके जीवन से समस्याओं को दूर करने से लेकर जीवन में समस्याएं बढ़ाने तक का काम कर सकते हैं। अब जब साल 2025 आने वाला है, तो यहाँ हम आपको बताने जा रहे हैं कि नए वर्ष में कब, किस समय और किस राशि में शनि महाराज का गोचर होगा।
एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में न सिर्फ आपको वर्ष 2025 में होने वाले शनि गोचर की जानकारी मिलेगी, बल्कि इस साल कब-कब होगा शनि देव की चाल या दशा में बदलाव? इस बारे में भी हम विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही, शनि गोचर से किन राशियों को मिलेगी साढ़े साती से आज़ादी और किन पर होगी इसकी शुरुआत? इससे भी हम आपको अवगत करवाएंगे।
कौन है शनि ग्रह और क्यों डरते हैं इनसे लोग?
शनि देव भगवान सूर्य और देवी छाया के पुत्र हैं। इनका वर्ण श्याम है। कर्मफल दाता और न्यायाधीश होने के नाते यह मनुष्य को शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं जो कि आपके ही कर्मों पर आधारित होते हैं। कुंडली में शनि महाराज की स्थिति अच्छे और बुरे दोनों तरह के फल देती है। जहां इनका शुभ प्रभाव व्यक्ति को रंक से राजा बना सकता है, तो वहीं शनि ग्रह की अशुभ स्थिति आपको राजा से रंक बनाने का सामर्थ्य रखती है।
सामान्य शब्दों में कहें तो, शनि देव जीवन में गुरु की भूमिका निभाते हैं और न्याय मार्ग पर चलना सिखाते हैं। यह व्यक्ति को सही मार्ग पर लेकर जाते हैं और अगर इंसान गलत मार्ग पर जाने लगता है, तो उसे कई बार आगाह करते हैं और जब जातक नहीं समझता है, तो आपको दंडित करने का अधिकार शनिदेव को प्राप्त है। शनि देव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं। यह तुला राशि में उच्च के होते हैं जबकि मेष राशि में नीच के होते हैं। सभी 27 नक्षत्रों में इन्हें पुष्य, अनुराधा और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र पर स्वामित्व प्राप्त है। शनि के मित्र बुध और शुक्र हैं और वहीं इनके शत्रु सूर्य, चंद्रमा एवं मंगल है।
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शनि ग्रह की कृपा कैसे प्राप्त करें?
दुख, रोग और पीड़ा के कारक कहे जाने वाले शनि ग्रह को शांत करने एवं उनसे शुभ परिणाम पाने के लिए सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ रहता है। आप चाहे तो शनि ग्रह का नीलम रत्न भी पहन सकते हैं या फिर शनि ग्रह की कृपा के लिए धतूरे की जड़ी भी धारण कर सकते हैं।
कब और किस समय होगा वर्ष 2025 में शनि गोचर?
ज्योतिष में शनि महाराज सबसे धीमी गति से चलते हैं इसलिए इन्हें एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में ढाई साल का समय लगता है। अब यह अपनी कुंभ राशि से निकलकर गुरु ग्रह की मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। ढाई वर्ष तक कुंभ राशि में रहने के बाद शनि देव 29 मार्च 2025 की रात 10 बजकर 07 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
शनि ग्रह कब-कब बदलेंगे अपनी चाल एवं स्थिति
बता दें कि शनि देव 29 मार्च 2025 को मीन राशि में गोचर करने से पहले कुंभ राशि में रहते हुए 22 फरवरी 2025 को अस्त हो जाएंगे। इसके बाद, वह अपनी अस्त अवस्था में ही मीन राशि में प्रवेश करेंगे। हालांकि, 31 मार्च 2025 की रात 12 बजकर 43 मिनट पर शनि देव पुनः उदित हो जाएंगे। इसके पश्चात, शनि ग्रह 13 जुलाई 2025 को मीन राशि में वक्री होंगे और फिर 28 नवंबर 2025 को वापस अपनी मार्गी अवस्था में आ जाएंगे।
शनि ग्रह की साढ़े साती, ढैया और टेढ़ी दृष्टि से सभी भयभीत रहते हैं। इनकी साढ़े साती, साढ़े सात साल और ढैया ढाई साल की अवधि होती है। जैसे ही शनि देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे, इसके साथ ही मकर राशि वालों पर चल रही साढ़ेसाती का अंत हो जाएगा जबकि मेष राशि वालों पर साढ़ेसाती की शुरुआत हो जाएगी।
दूसरी तरफ, शनि का मीन राशि में गोचर होने से मीन राशि वालों की साढ़े साती का दूसरा चरण और कुंभ राशि का अंतिम चरण शुरू हो जाएगा। वहीं, वृश्चिक राशि के जातकों पर जहां ढैया समाप्त होगी जबकि धनु राशि वालों पर ढैया की शुरुआत हो जाएगी।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. शनि कितने समय में राशि बदलता है?
ज्योतिष के अनुसार, शनि देव सबसे मंद गति से चलने के कारण ढाई साल में अपना राशि परिवर्तन करते हैं।
3. शनि मीन राशि में कब गोचर करेंगे?
गुरु ग्रह की राशि मीन में शनि ग्रह का गोचर 29 मार्च 2025 को होगा।
4. शनि ग्रह की शत्रु राशि कौन सी है?
राशि चक्र की चौथी राशि कर्क शनि ग्रह की शत्रु राशि मानी जाती है।
बुध का धनु राशि में गोचर: देश-दुनिया और शेयर मार्केट में आएंगे उतार-चढ़ाव!
बुध गोचर 2025: एस्ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं बुध के गोचर से संबंधित यह खास ब्लॉग।
इस ब्लॉग में हम आपको बुध के धनु राशि में गोचर करने के बारे में बता रहे हैं जो कि 04 जनवरी, 2025 को होने जा रहा है। इसके साथ ही यह भी बताएंगे कि बुध के इस गोचर का राशियों, देश-दुनिया, स्टॉक मार्केट और मनोरंजन के क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह संचार कौशल और बुद्धि का कारक हैं। इसके साथ ही व्यक्ति की किसी जानकारी को समझने की क्षमता भी बुध पर ही निर्भर करती है। बुध का संबंध हमारी मानसिक क्षमताओं जैसे कि सोचने, सीखने, तर्क देने, बोलने और लिखने से है। हम दूसरों के साथ किस तरह से बात करते हैं और बोलकर एवं बिना बोले किस तरह से खुद को व्यक्त करते हैं, यह सब बुध की स्थिति पर निर्भर करता है।
किसी भी जानकारी को हम किस तरह से लेते या समझते हैं, दूसरों के साथ कैसे बातचीत करते हैं और अपने दैनिक जीवन को कैसे चलाते हैं, इसमें बुध अहम भूमिका निभाता है। बुध हमारी बुद्धि और विचारों का आदान-प्रदान करने की हमारी क्षमता दोनों को नियंत्रित करता है और यही बात इसे जन्मकुंडली में सबसे प्रमुख ग्रह बनाती है।
बुध का धनु राशि में गोचर: समय
कन्या और मिथुन राशि के स्वामी एवं बुद्धि और व्यापार के कारक बुध 04 जनवरी, 2025 को सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। तो चलिए अब जानते हैं कि बुध के धनु राशि में गोचर करने का राशियों और देश-दुनिया पर क्या प्रभाव देखने को मिलेगा।
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धनु राशि में बुध: विशेषताएं
धनु राशि में बुध के होने पर व्यक्ति उत्साहित और गतिशील बनता है एवं उसके बोलने और सोचने का तरीका दार्शनिक होता है। ये जातक बौद्धिक रूप से साहसी होते हैं और हमेशा अपनी बुद्धि एवं ज्ञान को बढ़ाने एवं दुनिया को गहराई से समझने की कोशिश करते हैं। ये सीधी बात करना पसंद करते हैं और ऊर्जावान एवं प्रेरणादायक होते हैं। लेकिन ये बेचैन रहते हैं और इनका बेबाकी से सच बोलना कभी-कभी इनके रिश्तों और निजी जीवन में चुनौतियां पैदा कर सकता है।
जिन जातकों की कुंडली में बुध धनु राशि में होते हैं, वे खुले विचारों वाले होते हैं और बड़ा सोचते हैं। ये गहराई में जाने के बजाय ऊपर बात पर ही ध्यान देते हैं। इनके विचार अक्सर दार्शनिक, अध्यात्म और उच्च ज्ञान पर केंद्रित होते हैं।
ये आशावादी और उत्साह से भरपूर होते हैं। इनके अनुसार दुनिया संभावनाओं से भरी हुई है और इन्हें दृढ़ विश्वास होता है कि चीज़ें सुधर सकती हैं।
यह स्थिति इनके बात करने के तरीके को उत्साहित बनाती है और ये अपनी सकारात्मक ऊर्जा और प्रगति में विश्वास रखने की प्रवृत्ति से अक्सर दूसरों को प्रोत्साहित करते हैं।
जिन लोगों की कुंडली में धनु राशि में बुध स्थित होता है, वे जातक जिज्ञासु स्वभाव के होते हैं और हमेशा नवीन ज्ञान एवं अनुभवों की तलाश में रहते हैं। ये अलग-अलग संस्कृतियों, दर्शन शास्त्र और विचारों के बारे में जानने में रुचि रखते हैं।
ये उच्च शिक्षा, विदेशी भाषाओं को सीखने या किसी भी ऐसी चीज़ के प्रति आकर्षित होते हैं, जो इनके दृष्टिकोण और बुद्धि को बढ़ाने का काम करे।
इनका दर्शनशास्त्र, धर्म और ऊंचे विचारों में रुचि होती है और ये जातक अक्सर इन्हीं विषयों के ईर्द-गिर्द होने वाली बातचीत में शामिल होते हैं। सही या गलत को लेकर इनका एक मज़बूत विचार होता है और इन्हें नैतिक विषयों पर बात करना अच्छा लगता है।
इन्हें काल्पनिक अवधारणाओं पर बात करना पसंद होता है और ये कम गहराई वाली या ज्यादा व्यावहारिक बातों से परेशान हो सकते हैं।
उद्दंडता: इनका बेबाक और सच बोलना कभी-कभी दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है, खासकर अगर ये सामने वाले की संवेदनशीलता के बारे में सोचने में विफल रहें, तो ऐसा होने की संभावना अधिक रहती है।
फोकस की कमी: ये एक विचार से दूसरे विचार पर बहुत जल्दी पहुंच जाते हैं और इस वजह से इनमें फोकस की कमी देखी जाती है और इन्हें अपने कार्यों एवं जिम्मेदारियों को पूरा करने में कठिनाई हो सकती है।
अत्यधिक दार्शनिक: ये जातक कभी-कभी काल्पनिक विचारों या सैद्धांतिक अवधारणाओं पर अधिक ज़ोर दे सकते हैं एवं व्यावहारिक जानकारी की उपेक्षा कर सकते हैं जो कि इनके विचारों को फलीभूत करने के लिए आवश्यक है।
बुध का धनु राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह धनु राशि में होता है, उन्हें साइकोलॉजी, रिसर्च या ऐसे क्षेत्र में नौकरी मिल सकती है जहां पर गहन अध्ययन करने की आवश्यकता होती है। पश्चिमी ज्योतिष के अनुसार बुध की यह स्थिति साइकोलॉजी, पत्रकारिता या अध्ययन से संबंधित क्षेत्रों में नौकरी के लिए अनुकूल है। ऐसे लोगों में ये बात आम होती है कि ये छिपे हुए रहस्य या छिपे हुए ज्ञान से सीखना चाहते हैं।
बुध की यह स्थिति अध्ययन, टेक्नोलॉजी और कॉमर्स जैसे क्षेत्रों का समर्थन करती है।
अगर आप उपरोक्त में से किसी भी क्षेत्र में काम करते हैं, तो बुध का धनु राशि में गोचर आपको पहचान और समृद्धि के साथ-साथ तुरंत सफलता दिला सकता है।
अगर आप तकनीक के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो बुध का धनु राशि में होना आपके लिए फलदायी साबित होगा।
भले ही बुध की यह स्थिति उत्कृष्ट न हो लेकिन साइकोलॉजी, अध्ययन और वैज्ञानिक आविष्कारों से संबंधित लोगों को शानदार परिणाम दे सकती है।
केमिकल उद्योगों में काम करने वाले लोगों को भी बुध के धनु राशि में गोचर करने से लाभ मिल सकता है।
जिन क्षेत्रों में किसी खास विषय का गहन अध्ययन करने की ज़रूरत होती है, वे क्षेत्र इस गोचर के दौरान उत्कृष्ट होंगे।
जासूसी एजेंसियों और ऐसे पेशे से जुड़े लोगों को भी इस गोचर से फायदा होगा।
बुध का धनु राशि में गोचर: स्टॉक मार्केट पर असर
शेयर मार्केट रिपोर्ट के अनुसार मीडिया और प्रसारण, दूरसंचार और अस्पताल प्रबंधन से संबंधित क्षेत्रों के अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है।
परिवहन निगम से संबंधित उद्योगों के भी बेहतरीन प्रदर्शन करने की संभावना है।
इस समय संस्थानों, आयात और निर्यात सभी क्षेत्र समृद्ध होंगे।
फार्मास्यूटिकल और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के मज़बूत प्रदर्शन करने के संकेत हैं।
रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र भी प्रगति देखने को मिलेगी।
बुध का धनु राशि में गोचर: स्पोर्ट्स टूर्नामेंट
टूर्नामेंट
स्पोर्ट
दिन
ऑस्ट्रेलियन ओपन
टेनिस
12 से 26 जनवरी, 2025
मल्टी स्पोर्ट्स
विंटर वर्ल्ड गेम्स
13 से 23 जनवरी, 2025
एक्स्ट्रीम स्पोर्ट्स
विंटर एक्स गेम्स
23 से 26 जनवरी, 2025
धनु राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं और धनु राशि में बुध का गोचर उपरोक्त खेल कार्यक्रमों के साथ-साथ इस समयावधि में होने वाली अन्य खेल प्रतियोगिताओं के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। इस दौरान बुध अपने साहस और बुद्धि का प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे। यह गोचर स्पोर्ट्स के नए प्रशंसकों को आकर्षित करेगा और मौजूदा प्रशंसक आनंदित और प्रसन्न दिखाई देंगे।
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बुध का धनु राशि में गोचर: इन राशियों को होगा लाभ
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध उनके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और अब इस गोचर के दौरान वह आपके नौवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। धनु राशि में बुध के गोचर के दौरान मेष राशि के जातकों को अपने पिता और सलाहकार का सहयोग मिलने के योग हैं।
आप अपने एडवांस कोर्स को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे और इस गोचर के दौरान आपको इस काम में सफलता भी मिल सकती है। इसके अलावा यह समयावधि तीर्थयात्रा और लंबी दूरी की यात्रा के लिए उत्तम रहने वाली है। आप अपने अच्छे कर्मों को बढ़ाने का प्रयास करेंगे और इसके साथ ही आपका आध्यात्मिक मार्ग की ओर भी झुकाव हो सकता है। चूंकि, बुध की आपके तीसरे भाव पर दृष्टि पड़ रही है इसलिए आपके छोटे भाई-बहन आपको प्रोत्साहित करते हुए नज़र आएंगे।
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध उनके पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं और अब बुध ग्रह आपके सातवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं।। चूंकि, बुध आपके चौथे भाव के स्वामी भी हैं इसलिए इस गोचर के दौरान विवाहित जातकों का अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ता मज़बूत होगा। इसके परिणामस्वरूप आप अपने घर पर अपने पार्टनर के साथ मिलकर कोई धार्मिक कार्यक्रम करवा सकते हैं।
आप अपने पार्टनर के नाम पर या उन्हें तोहफे में देने के लिए कोई प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। चूंकि, बुध व्यापार का कारक हैं इसलिए धनु राशि में बुध का गोचर व्यापारिक गठबंधनों के लिए बेतहरीन साबित होगा। नया व्यापार शुरू करने पर भी सफलता प्राप्त होगी।
बुध सिंह राशि के ग्यारहवें और दूसरे भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके पांचवे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस दौरान आपको अपनी या अपनी संतान की शिक्षा और विकास पर काफी पैसा खर्च करना पड़ सकता है। इसके अलावा पचंम भाव शेयर मार्केट और सट्टे बाज़ार से भी संबंधित है। इस गोचर के दौरान आप शेयर मार्केट और सट्टेबाज़ी में हाथ आज़मा सकते हैं।
सिंह राशि के जातकों को अपने निवेश और खर्चों को लेकर बहुत ज्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है। चूंकि, बुध बुद्धि के देवता हैं इसलिए इस समयावधि में छात्र शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ हासिल करने में सक्षम होंगे। जो छात्र विशेष रूप से बुध से संबंधित विषयों जैसे कि गणित, मास कम्युनिकेशन, लेखन और किसी भी भाषा से संबंधित कोर्स कर रहे हैं, बुध का धनु राशि में गोचर उनकी सीखने की क्षमता में सुधार करेगा।
बुध का धनु राशि में गोचर: इन राशियों को होगा नुकसान
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध उनके दूसरे और पांचवे भाव के स्वामी हैं और अब इस गोचर के दौरान बुध इस राशि के आठवें भाव में विराजमान रहेंगे। वृषभ राशि के जातकों के लिए यह गोचर सुखद नहीं रहने वाला है। आठवें भाव का संबंध आकस्मिक घटनाओं और बदलावों से होता है। मुमकिन है कि अचानक आपके हाथ से आपका काम चला जाए या आप जिस प्रमोशन की उम्मीद कर रहे हैं, वो आपको न मिले।
इसके अलावा आपको पैसे मिलने में देरी हो सकती है या आपको अचानक से वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
कर्क राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी बुध इस गोचर के दौरान इनके छठे भाव में रहेंगे। बारहवें भाव के स्वामी के छठे भाव में होने पर आपको कानूनी मसलों और बिल आदि को लेकर समस्याएं, देरी या निराशा होने की आशंका है। इस प्रकार यह समय आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
अगर आपने कर्ज़ लिया हुआ है, तो इस समय इसे न चुका पाने की वजह से आप परेशानी में पड़ सकते हैं। आपके खर्चों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इस वजह से आप उलझन में पड़ सकते हैं और आपको यह समझ नहीं आ पाएगा कि आपको क्या करना चाहिए।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न.
प्रश्न 1. धनु राशि में बुध कैसा व्यवहार करता है?
उत्तर. इस स्थिति को आध्यात्मिक विकास के लिए अच्छा माना जाता है।
प्रश्न 2. क्या बुध और बृहस्पति के बीच मित्रता है?
उत्तर. नहीं, बुध और बृहस्पति एक-दूसरे के साथ तटस्थ हैं।
प्रश्न 3. किस राशि में बृहस्पति कमज़ोर होता है?
उत्तर. मकर राशि में गुरु कमज़ोर होता है।
नए साल में खूब बजेंगी शहनाइयां, विवाह मुहूर्तों से भरा होगा वर्ष 2025!
विवाह मनुष्य जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है और इसके बिना प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अधूरा रहता है। जब कोई इंसान विवाह बंधन में बंधने का फैसला करता है, तो वह एक ऐसे रिश्ते की तरफ कदम बढ़ाता है जो जन्म-जन्मांतर का होता है। हालांकि, हिंदू धर्म में विवाह को बेहद पावन एवं पवित्र माना जाता है और यह सात जन्मों का बंधन कहा गया है। विवाह सभी 16 संस्कारों में से सर्वाधिक महत्वपूर्ण संस्कार है इसलिए शादी-विवाह को सदैव शुभ मुहूर्त में ही किया जाना चाहिए क्योंकि यह सुखी वैवाहिक जीवन के निर्धारण में विशेष भूमिका निभाता है। इसी क्रम में, अगर आप आने वाले नए साल अर्थात वर्ष 2025 में विवाह करने का सोच रहे हैं, तो हमारा यह ब्लॉग आपके लिए ही तैयार किया गया है इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़ना जारी रखें।
अगर आप वर्ष 2025 में शादी करने के लिए विवाह का कोई शुभ मुहूर्त देख रहे हैं या फिर आपके परिवार का कोई सदस्य विवाह योग्य हैं और आप उसके लिए शादी की तारीख़ ढूंढ रहे हैं, तो हम आपको यहां विवाह मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं। बता दें कि एस्ट्रोसेज के इस लेख को विशेष रूप से अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा ग्रह-नक्षत्रों की गणना के आधार पर तैयार किया गया है। साथ ही, आपको विवाह मुहूर्त के निर्धारण और इससे जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में भी विस्तारपूर्वक प्राप्त होगी।
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विवाह मुहूर्त 2025 क्यों है जरूरी?
जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि हिंदू धर्म में 16 संस्कारों का वर्णन मिलता है और इन्हीं में से एक है विवाह संस्कार। ऐसा माना जाता है कि जब कोई भी व्यक्ति शादी करता है, तो सिर्फ वर और वधू ही जन्म-जन्मांतर के बंधन में नहीं बंधते हैं, बल्कि यह दो परिवारों को आपस में जोड़ने का भी काम करता है। बता दें कि सनातन धर्म में विवाह जैसे शुभ कार्य को कभी भी अशुभ मुहूर्त में करने से बचना चाहिए क्योंकि वर-वधू के जीवन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि विवाह को हमेशा शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है।
विवाह में सबसे पहले गुण मिलान करने का विधान है और इसके बिना शादी-विवाह की बात आगे नहीं बढ़ती है। इसी प्रकार, विवाह में शुभ मुहूर्त को भी महत्वपूर्ण माना जाता है। विवाह तिथि के निर्धारण में सर्वप्रथम शुभ मुहूर्त को ही देखा जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं, ज्योतिष की बात करें तो, विवाह संस्कार को संपन्न करने के लिए प्रेम और विवाह के कारक ग्रह शुक्र देव का भी उदित अवस्था में होना बहुत जरूरी होता है, अन्यथा शादी को टाल दिया जाता है।
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वर्ष भर में विवाह के ये 5 मुहूर्त होते हैं अबूझ
धर्मशास्त्रों एवं ज्योतिष के जानकर भले ही अबूझ मुहूर्त के बारे में जानते होंगे, लेकिन आज भी ऐसे बहुत कम लोग हैं जिन्हें अबूझ मुहूर्त के बारे में पता होगा। आपके मन में भी सवाल उठ रहे होंगे कि आख़िर ये अबूझ मुहूर्त क्या होते हैं और क्यों इन्हें इतना महत्व दिया जाता है? तो आइए जानते हैं अबूझ मुहूर्त के बारे में।
अबूझ मुहूर्त ऐसे दिन होते हैं जब दिन में कोई शुभ मुहूर्त न होते हुए भी मांगलिक काम बिना सोचे-समझे किए जा सकते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, प्रत्येक वर्ष में इस तरह के कुल पांच सिद्ध मुहूर्त बताए गए हैं जिनके अंतर्गत देवउठनी एकादशी, बसंत पंचमी, फुलेरा या फुलरिया दूज, अक्षय तृतीया और विजयादशमी जैसी शुभ तिथियां आती हैं। इन पांच दिनों में कोई शुभ मुहूर्त न होते हुए भी बिना देखे विवाह जैसे मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं क्योंकि इन्हें अपने आप में सिद्ध मुहूर्त माना जाता है।
एक बार जब वर-वधू के कुंडली मिलान या गुण मिलान करने के बाद रिश्ता पक्का हो जाता है, तो उसके पश्चात सबसे पहले विवाह के लिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है। इस क्रम में, जन्म राशि पर आधारित विवाह मुहूर्त प्राप्त करने के लिए तिथि, नक्षत्र, वार और समय को निकाला जाता है और इसको ही विवाह मुहूर्त कहा जाता है। साथ ही, जिस चंद्र नक्षत्र में वर-वधू का जन्म होता है, उस नक्षत्र के चरण के तहत आने वाले अक्षर का भी उपयोग विवाह की तिथि निर्धारित करने के लिए किया जाता है। बता दें कि शादी-विवाह के लिए लड़का-लड़की की राशियों में से एक जैसी ही तिथि का चुनाव विवाह मुहूर्त के लिए किया जाता है।
वर्ष 2025 में 55 मुहूर्त होंगे विवाह के लिए सबसे शुभ
अगर हम बात करें इस साल के विवाह मुहूर्त की तो, नए साल अर्थात वर्ष 2025 में विवाह मुहूर्त की संख्या में पिछले वर्ष 2024 की तुलना में थोड़ा अंतर देखने को मिल रहा है। हालांकि, यह अंतर बहुत ज्यादा नहीं है जहां वर्ष 2024 में विवाह के लिए 58 मुहूर्त उपलब्ध थे, तो वहीं इस साल विवाह के लिए वर्ष भर में 55 शुभ मुहूर्त उपलब्ध है। अगर हम देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी की अवधि अर्थात चातुर्मास को हटा दें, तो साल 2025 शादी-विवाह की दृष्टि से बेहद ख़ास रहेगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. दिसंबर 2025 में विवाह के कितने मुहूर्त है?
विवाह मुहूर्त 2025 के अनुसार, दिसंबर में शादी-विवाह के 3 मुहूर्त उपलब्ध हैं।
2. क्या चातुर्मास में विवाह कर सकते हैं?
नहीं, चातुर्मास के इन चार महीनों में शुभ एवं मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं।
3. एक वर्ष में कितने अबूझ मुहूर्त होते हैं?
ज्योतिष के अनुसार, एक साल में कुल 5 अबूझ मुहूर्त आते हैं।
यहाँ देखें नए साल के पहले महीने जनवरी 2025 की पहली झलक!
जनवरी 2025 नए वर्ष का पहला महीना होता है और इस महीने में प्रवेश करने के साथ न सिर्फ साल बदलता है, बल्कि यह हमारे भीतर भी कई परिवर्तन लेकर आता है क्योंकि इस साल के साथ हमारी आशाएं और उम्मीदें जुड़ी होती हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, सर्दी का मौसम अपने पूरे चरम पर होता है और इस समय आग की तपन हमें कड़कड़ाती सर्दी से राहत पहुंचाती है। यही सब बातें नए साल के पहले महीने जनवरी को बेहद खास बनाती है। इसके अलावा, व्रत-त्योहारों की जनवरी से पुनः शुरुआत हो जाती है। हालांकि, इस माह का धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक दृष्टि से अपना एक अलग महत्व होता है।
जनवरी का महीना अपने साथ अनेक रंग-उमंग लेकर आता है और हम सबके मन में नए साल को लेकर, आने वाले कल और अपने भविष्य को लेकर उत्सुकता बनी रहती है कि नया साल हमारे लिए कैसा रहेगा? यह महीना जीवन के विभिन्न पहलुओं में किस तरह के परिणाम प्रदान करेगा? किस तारीख़ को कौन सा व्रत-पर्व मनाया जाएगा? अगर आपके मन में भी घूम रहे हैं ऐसे सवाल, तो आपको इन सभी सवालों के जवाब एस्ट्रोसेज के जनवरी 2025 के इस विशेष ब्लॉग में मिलेंगे। साथ ही, आपको रूबरू करवाएंगे कि सभी 12 राशियों के जातकों के लिए साल का पहला महीना अर्थात जनवरी 2025 क्या सौगात लेकर आएगा इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़ना जारी रखें।
जनवरी 2025 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
अब हम एक कदम आगे बढ़ाते हुए नए साल के साथ-साथ वर्ष 2025 के पहले महीने जनवरी में प्रवेश करने जा रहे हैं। बता दें कि जनवरी माह का आरंभ पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के अंतर्गत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी कि 01 जनवरी 2025 को होगा जबकि इसकी समाप्ति शतभिषा नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि अर्थात 31 जनवरी 2025 को होगी। इस महीने के पंचांग के बारे में आपको बताने के बाद अब हम आपको जनवरी में मनाए जाने वाले व्रत-त्योहारों की सूची देने जा रहे हैं।
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इन शुभ योगों के साथ होगा नए साल का आगाज
नए साल यानी कि वर्ष 2025 का पहला दिन बेहद ख़ास रहने वाला है क्योंकि इस दिन की शुरुआत 4 शुभ योगों के साथ होगी। पंचांग के अनुसार, 01 जनवरी 2025 को शिव वास, हर्षण, कौलव और बालव योग का निर्माण होने जा रहा है। इन योगों को बहुत शुभ एवं दुर्लभ माना जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं, जनवरी 2025 में भी बुधादित्य राजयोग और मालव्य राजयोग बनेगा जो कुछ राशियों के लिए बहुत फलदायी रहेगा।
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साल 2025 के दिन लक्ष्मी सूक्तम का पाठ करें।
01 जनवरी को अपने आराध्य की पूजा करें।
नए वर्ष का आरंभ घर की साफ-सफाई करके और रंगोली बनाकर करें।
नए साल की शुरुआत दान के साथ करें।
इस दिन अर्थात नए साल के अवसर पर नए कपड़े पहनने के साथ-साथ अपने आप को ख़ुश रखना चाहिए।
जनवरी 2025 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहार की तिथियां
हिंदू कैलेंडर में भी अंग्रेजी कैलेंडर की तरह ही बारह महीने होते हैं। हर माह की अपनी अलग विशेषता एवं महत्व होता है जो उसे सबसे अलग बनाता है जैसे कि जनवरी में मकर संक्रांति, तो अक्टूबर-नवंबर में दिवाली मनाई जाती है। हिंदू वर्ष का हर माह अपने साथ एक ख़ास त्योहार लेकर आता है और यह उस महीने की विशेषता बन जाता है। इसी क्रम में, यहां हम आपको जनवरी 2025 में मनाये जाने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार की सही तिथियां प्रदान कर रहे हैं। आइए आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं जनवरी 2025 के प्रमुख व्रत-पर्वों की तिथियों पर।
तिथि
दिन
व्रत-त्योहार
10 जनवरी 2025
शुक्रवार
पौष पुत्रदा एकादशी
11 जनवरी 2025
शनिवार
प्रदोष व्रत (शुक्ल)
13 जनवरी 2025
सोमवार
पौष पूर्णिमा व्रत
13 जनवरी 2025
सोमवार
लोहड़ी
14 जनवरी 2025
मंगलवार
पोंगल, उत्तरायण, मकर संक्रांति
17 जनवरी 2025
शुक्रवार
संकष्टी चतुर्थी
25 जनवरी 2025
शनिवार
षटतिला एकादशी
27 जनवरी 2025
सोमवार
प्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि
29 जनवरी 2025
बुधवार
माघ अमावस्या
जनवरी में पड़ने वाले व्रत-त्योहार का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में आने वाले हर व्रत एवं पर्व का अपना एक अलग स्थान है। इसी क्रम में, पिछले साल 2024 की तरह ही वर्ष 2025 के पहले महीने जनवरी में भी आने व्रत और त्योहारों मनाए जाएंगे। जनवरी में पड़ने वाले पर्वों की तिथियों के बाद आपको अवगत करवाते हैं जनवरी 2025 के व्रत-पर्वों के धार्मिक महत्व से।
पौष पुत्रदा एकादशी (10 जनवरी 2025, शुक्रवार): एक वर्ष में कुल 24 एकादशी तिथि आती है और हर तिथि का विशेष महत्व होता है। इसी प्रकार,पौष माहकेशुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसा कहते हैं कि पौष पुत्रदा एकादशी व्रत को करने से विवाहित दंपत्तियों को संतान सुख प्राप्त होता है।
प्रदोष व्रत (शुक्ल) (11 जनवरी 2025, शनिवार): प्रदोष व्रत को हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है जो कि हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है। इस दिन शिव जी और माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत को विधि-विधान से करने पर भक्त के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।
पौष पूर्णिमा व्रत (13 जनवरी 2025, सोमवार): हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह में पूर्णिमा तिथि आती है। इसी प्रकार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पौष पूर्णिमा तिथि के दिन सच्चे मन से व्रत रखने और चंद्र देव एवं माता लक्ष्मी की आराधना करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है। साथ ही, जीवन में सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती है। इसके अलावा, पौष पूर्णिमा पर दान-पुण्य एवं स्नान करने को कल्याणकारी माना जाता है।
लोहड़ी (13 जनवरी 2025, सोमवार): भारत वर्ष में लोहड़ी का त्योहार बहुत जोश एवं उत्साह से मनाया जाता है और इस पर्व की रौनक पंजाब समेत पूरे देश में देखने को मिलती है। हालांकि, लोहड़ी का पर्व सिखों का सबसे प्रमुख त्योहार है। यह पर्व अपने साथ आनंद और ढ़ेर सारी खुशियां लेकर आता है और इसे मुख्य रूप से मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है क्योंकि लोहड़ी के बाद से बड़े दिनों की शुरुआत हो जाती है।
पोंगल (14 जनवरी 2025, मंगलवार): तमिलनाडु का प्रसिद्ध एवं प्रमुख पर्व है पोंगल जो कि लगातार चार दिनों तक चलता है। तमिलनाडु राज्य में पोंगल से नववर्ष की शुरुआत होती है इसलिए इस त्योहार को बेहद धूमधाम एवं जोश के साथ मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पोंगल के दिन देवराज इंद्र की पूजा का विधान है और उनसे अच्छी फसल एवं अच्छी बारिश के लिए कामना की जाती है।
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उत्तरायण(14 जनवरी 2025, मंगलवार): ज्योतिष एवंसनातन धर्म में सूर्य देव को विशेष दर्जा प्राप्त है और इनकी दिशा परिवर्तन को भी महत्वपूर्ण माना गया है। सूर्य ग्रह एक साल में दो बार अपनी दिशा बदलते हैं यानी कि 6-6 महीने के अंतराल पर और इसे ही उत्तरायण तथा दक्षिणायन कहा जाता है। जब सूर्य देव मकर राशि से मिथुन राशि में गोचर करते हैं, तो इस अवधि को उत्तरायण कहते हैं जो कि देवी-देवताओं के माह माने जाते हैं।
मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025, मंगलवार): नए वर्ष में आने वाला पर्व मकर संक्रांति धार्मिक दृष्टि से विशेष मायने रखता है। इस दिन नवग्रहों के जनक कहे जाने वाले सूर्य धनु राशि से निकलकर अपने पुत्र शनि की राशि मकर में गोचर करते हैं इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। यह तिथि स्नान, दान और पुण्य के लिए श्रेष्ठ होती है। मकर संक्रांति पर सूर्यदेव की उपासना शुभ होती है।
संकष्टी चतुर्थी (17 जनवरी 2025 शुक्रवार): संकष्टी चतुर्थी के अर्थ की बात करें, तो इसका अर्थ संकट को हरने वाली चतुर्थी से है। हिंदू धर्म मेंसंकष्टी चतुर्थी की तिथि प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश को समर्पित होती है। यह व्रत गणेश जी की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है इसलिए भक्त संकष्टी चतुर्थी व्रत को पूरे मन से करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि संकष्टी चतुर्थी के व्रत से प्रसन्न होकर गणेश जी अपने भक्तों के कष्टों एवं दुखों को हर लेते हैं। भक्तजन इस दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रमा के उदय तक व्रत का पालन करते हैं।
षटतिला एकादशी (25 जनवरी 2025, शनिवार): हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म के एक माह में दो एकादशी तिथि आती है। इस प्रकार, जनवरी 2025 के महीने में आने वाली दूसरी एकादशी, षटतिला एकादशी होगी। इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है और इस दिन तिल के उपयोग का विशेष महत्व बताया गया है। बता दें कि षटतिला एकादशी के दिन 6 तरह के तिलों का इस्तेमाल करने का विधान है। इस अवसर पर तिल से स्नान, तिल का उबटन लगाना, तिल का भोजन, तिल से तर्पण, तिलों का दान और तिल से हवन किया जाता है इसलिए ही यह षटतिला एकादशी के नाम से जानी जाती है।
मासिक शिवरात्रि (27 जनवरी 2025, सोमवार): संकष्टी चतुर्थी, प्रदोष व्रत की तरह ही मासिक शिवरात्रि का भी व्रत हर महीने किया जाता है जो भगवान शिव को समर्पित होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि कहते हैं और एक वर्ष में कुल 12 शिवरात्रि आती है। भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन भक्त मासिक शिवरात्रि का व्रत करते हैं। हालांकि, सभी मासिक शिवरात्रि में महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
माघ अमावस्या (29 जनवरी 2025, बुधवार): साल भर में आने वाली प्रत्येक अमावस्या तिथि की अपनी महत्ता होती है जो उसे अन्य सभी अमावस्या से अलग बनाती है। इसी प्रकार, पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को माघ अमावस्या कहा जाता है और यह मौनी अमावस्या के नाम से भी प्रसिद्ध है। कहते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन मनुष्य को मौन धारण करना चाहिए। साथ ही, कुंड या पवित्र नदियों जैसे कि गंगा, यमुना आदि में स्नान करना चाहिए। इस दिन स्नान और दान-पुण्य शुभ माना जाता है।
मांगलिक कार्यों का होगा शुभारंभ
हिंदू धर्म में खरमास एक ऐसी अवधि मानी जाती है जब सभी तरह के शुभ एवं मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। इस दौरान किसी भी शुभ काम को करना वर्जित होता है। बता दें कि सूर्य महाराज जब धनु और मीन राशि में एक माह के लिए मौजूद होते हैं तब खरमास लग जाता है और इसी के साथ मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है।
पंचांग के अनुसार, खरमास का महीना एक साल में दो बार आता है पहला धनु संक्रांति और दूसरा मीन संक्रांति पर। सामान्य रूप से अंग्रेजी कैलेंडर में मीन संक्रांति मार्च या अप्रैल में आती है जबकि धनु संक्रांति नवंबर या दिसंबर माह में पड़ती है। इस बार खरमास का आरंभ 15 दिसंबर 2024 की रात 09 बजकर 56 मिनट पर हुआ था, लेकिन अब 14 जनवरी 2025 को मकर राशि में सूर्य के प्रवेश करने के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा। ऐसे में, एक बार फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।
जनवरी 2025 के बैंक अवकाशों की सम्पूर्ण सूची
नए वर्ष अर्थात 2025 में पड़ने वाले बैंक अवकाशों की लिस्ट में हम आपको नीचे दे रहे हैं।
यहाँ हम आपको वर्ष 2025 के लिए अन्नप्राशन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं:
तिथि
मुहूर्त
1 जनवरी 2025
07:45-10:2211:50-16:4619:00-23:38
2 जनवरी 2025
07:45-10:1811:46-16:4218:56-23:34
6 जनवरी 2025
08:20-12:5514:30-21:01
8 जनवरी 2025
16:18-18:33
13 जनवरी 2025
20:33-22:51
15 जनवरी 2025
07:46-12:20
30 जनवरी 2025
17:06-22:34
31 जनवरी 2025
07:41-09:52
जनवरी का ज्योतिषीय एवं धार्मिक महत्व
एस्ट्रोसेज अपने पिछले लेखों में हमेशा से आपको बताता आया है कि धार्मिक दृष्टि से हर माह का अपना एक विशेष महत्व होता है। साथ ही, प्रत्येक माह की अपनी खूबियां होती हैं जो उन्हें बाकी महीनों से अलग बनाती है। लेकिन, यहाँ हम बात करेंगे धार्मिक दृष्टि से जनवरी के महत्व की, वर्ष की शुरुआत जनवरी से होने के कारण यह महीना अपने आप में ख़ास हो जाता है। हालांकि, इस माह में कई प्रमुख व्रत एवं त्योहारों को मनाया जाता है। साथ ही, जनवरी में मनाए जाने वाले कुछ पर्व मौसम की दिशा भी निर्धारित करते हैं। इस बारे में हम आगे विस्तार से बात करेंगे, परंतु सबसे पहले जान लेते हैं जनवरी 2025 माह का हिंदू धर्म में महत्व।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, जनवरी माह की शुरुआत पौष माह के अंतर्गत होगी और इसका अंत माघ महीने के तहत होगा। बता दें कि सनातन धर्म में पौष माह को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है जो कि हिन्दू वर्ष का दसवां महीना होता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, पौष का महीना सामान्य रूप से दिसंबर व जनवरी में आता है। यह महीना मार्गशीर्ष माह के बाद आता है जिसे पूस का महीना भी कहते हैं। इस साल हिंदू वर्ष का दसवां महीना पौष 16 दिसंबर 2024 से 13 जनवरी 2025 तक रहेगा और इसके तुरंत बाद 14 जनवरी से माघ माह शुरू हो जाएगा।
पौष माह का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पौष माह में सूर्य देव की उपासना भग के नाम से की जाती है। इस मास में भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है क्योंकि इस माह के देवता भग को सूर्य देव का स्वरूप माना गया है। इस दौरान सूर्य भगवान के लिए व्रत करने और अर्घ्य देने से भक्त को शुभ फल प्राप्त होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, पौष मास को छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस माह में पूर्वजों के निमित्त किये गए पिंडदान और श्राद्ध कर्म से जातक को अपार लाभ की प्राप्ति होती है और पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है।
माघ मास का महत्व
पौष माह के समाप्त होने के साथ ही माघ मास का आरंभ हो जाएगा जो हिंदू वर्ष का ग्यारहवां माह है। माघ मास को पहले माध नाम से जाना जाता था जो बाद में माघ हो गया। बता दें कि “माध” शब्द का संबंध भगवान कृष्ण के नाम “माधव” से है इसलिए इस माह को बेहद पावन माना जाता है। इस महीने अनेक पर्व मनाए जाते हैं और प्रकृति में भी परिवर्तन देखने को मिलते हैं, तो वहीं संगम पर “कल्पवास” किया जाता है। कहते है कि माघ महीने में सामान्य जल भी गंगाजल के समान पवित्र हो जाता है इसलिए इस दौरान स्नान आदि को महत्वपूर्ण माना जाता है।
पौष माह में पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। इस दौरान अधिकांश मौकों पर पीले वस्त्र धारण करें। ऐसा करने से आपका भाग्य मज़बूत होता है।
प्रतिदिन सूर्य देव के मंत्र ‘ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः’ का जाप करें।
एक तांबे के बर्तन में जल लेकर उसमें रोली, लाल फूल, अक्षत, गुड़ मिलाकर ‘ॐ आदित्याय नमः’ मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें। अंत में, अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए भगवान सूर्य से प्रार्थना करें।
पौष मास में दान का विशेष महत्व होता है और इस दौरान व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीब एवं जरूरतमंदों को तिल, गुड़ और कंबल आदि का दान करना चाहिए।
माघ मास के दौरान अपनाएं ये सरल उपाय
माघ माह में शनिवार के दिन एक कपड़े में काली उड़द और काले तिल बांधकर गरीब व्यक्ति को दान करें। इस उपाय को करने से शनि देव की कृपा की प्राप्ति होती है और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।
माघ माह में रोज़ाना शिवलिंग का काले तिल और जल से अभिषेक करें और “ॐ नम: शिवाय” मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से रोग नष्ट होते हैं।
इस माह के दौरान रोज़ तुलसी के पास दीपक जलाएं और पूजा करें।
संभव हो, तो गरीब एवं असहाय लोगों को गर्म कपड़े दान करें। इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और उनके कष्टों का अंत होता हैं।
जनवरी मासिक भविष्यवाणी 2025: 12 राशियों का राशिफल
मेष राशि
वर्ष 2024 की तुलना में साल 2025 आपके लिए मिश्रित परिणाम के संकेत दे रहा है। नोडल ग्रह राहु और केतु इस महीने……(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वर्ष 2024 की तुलना में वृषभ राशि के जातकों को साल 2025 में ठीक ठाक परिणाम प्राप्त होंगे। शनि 2025 में आपके दशम भाव……(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
वर्ष 2024 की तुलना में वर्ष 2025 आपको अनुकूल परिणाम मिलने के संकेत दे रहा है। शनि नवम भाव में और बृहस्पति 12वें भाव में स्थित…(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
वर्ष 2024 की तुलना में इस साल 2025 आपको मध्यम परिणाम प्रदान करेगा। शनि की स्थिति के चलते जनवरी 2025 में कर्क राशि के जातकों को अपने…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
जनवरी मासिक राशिफल 2025 के अनुसार प्रमुख ग्रहों की स्थिति राहु अष्टम भाव में रहेगी। बृहस्पति आपके दसवें घर में रहेगा, शनि सप्तम भाव…(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
जनवरी मासिक राशिफल 2025 के अनुसार सप्तम भाव में राहु की स्थिति अनुकूल संकेत नहीं दे रही है। प्रथम भाव में केतु मौजूद…(विस्तार से पढ़ें)
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों
1. वर्ष 2025 में मकर संक्रांति कब है?
वर्ष 2025 में 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा।
2. खरमास किसे कहते हैं?
जब सूर्य ग्रह धनु और मीन राशि में गोचर करते हैं, तो उस अवधि को खरमास के नाम से जाना जाता है।
3. जनवरी 2025 में अमावस्या कब है?
साल 2025 में अमावस्या 29 जनवरी 2024 को है जो कि माघ अमावस्या होगी।
राशिफल 2025: इन 4 राशियों के जीवन में आएगी प्रेम की बहार, खूब बरसेगी धन-दौलत!
साल 2024 के हमसे विदा लेने और नए साल के दस्तक देने में अब कुछ ही समय बाकी है। ऐसे में, अभी से हम सभी के मन में वर्ष 2025 को लेकर उत्सुकता बनी हुई है कि यह साल हमारे लिए कैसा रहेगा, अच्छा रहेगा या मुश्किल? इस तरह के सवाल हमारे दिलों-दिमाग में घूम रहे होंगे, तो आप इन सभी सवालों का जवाब ज्योतिष की सहायता से प्राप्त कर सकते हैं। चलिए आगे बढ़ते हैं और ज्योतिष के माध्यम से जानते हैं कि राशिफल 2025 आपके लिए क्या भविष्यवाणी कर रहा है।
हम सभी जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में बताने की क्षमता है। इसी क्रम में, राशिफल 2025 आपको आने वाले कल से अवगत करवाएगा ताकि आप सावधानी बरतते हुए अपने भविष्य के लिए योजना का निर्माण कर सकें। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आप राशिफल 2025 के माध्यम से जान सकेंगे कि वर्ष 2025 में कैसा रहेगा सभी 12 राशियों का हाल और किन उपायों को अपनाना आपके लिए फलदायी साबित होगा। तो आइए बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और आपको रूबरू करवाते है राशिफल से जुड़ी कुछ रोचक बातों से।
इस तरह की जाती है राशिफल की गणना
मनुष्य जीवन में राशिफल ने अपना महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है जो किसी व्यक्ति को उसके आने वाले कल से जागरूक करने के साथ-साथ आपके जीवन को एक सही दिशा देने का भी काम करता है। एस्ट्रोसेज का वार्षिक राशिफल 2025 भी इस नियम का पालन करता है। ज्योतिष की मानें तो, इंसान द्वारा अपने जीवन में किया गया कोई भी काम किसी न किसी लक्ष्य को पाने के उद्देश्य से किया जाता है। इन कार्यों की सफलता ग्रहों की स्थिति और चाल पर निर्भर करती है। अगर यह शुभ होती है, तो आपको काफी अच्छी परिणाम मिल सकते हैं जबकि कई बार ग्रहों की दशा आपको निराश कर सकती है।
सरल शब्दों में कहें तो, एक ऐसा व्यक्ति जो खुद का व्यापार करता है और उसके जीवन में सब कुछ एकदम सही चल रहा है, वह अपने काम को पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ कर रहा है, परंतु उसकी कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति अच्छी नहीं है, तो जातक को व्यापार के क्षेत्र में अनुकूल परिणाम मिलने और सफलता पाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी प्रकार, अगर किसी जातक के विवाह में देरी हो रही हैं, तो इसके पीछे मंगल और शनि की अशुभ स्थिति हो सकती है।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
राशिफल 2025 के इस विशेष लेख को सभी 12 राशियों के जातकों के लिए तैयार किया गया है ताकि आप अपनी राशि के अनुसार ग्रहों एवं नक्षत्रों की स्थिति पर आधारित राशिफल से अपने भविष्य के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त कर सकें। सिर्फ इतना ही नहीं, राशिफल 2025 की सहायता से आप जान सकते हैं कौन सा ग्रह आपके लिए शुभ और कौन सा अशुभ है? वर्ष के किस समय आपको सावधानी से चलना होगा और कब आप आनंद से जीवन जी सकेंगे। साथ ही, आपको कुछ उपाय भी दिए जा रहे हैं जिनकी मदद से आप ग्रहों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। अब हम नज़र डालते हैं और आपको रूबरू करवाते हैं राशिफल के महत्व से।
नए साल में बनने वाले ये 3 बेहद शुभ योग, वर्ष 2025 को बनाएंगे ख़ास
ज्योतिष में ऐसे अनेक योगों का वर्णन मिलता जो लोगों के जीवन को धन-धान्य और दौलत से भर देते हैं। इस तरह के ही 3 शुभ योग नए साल में बनने जा रहे हैं और यह योग किसी व्यक्ति के जीवन से आर्थिक समस्याओं का अंत करते हुए धन-समृद्धि एवं ऐश्वर्य से पूर्ण जीवन देने में सक्षम होंगे। आइए बिना आपको इंतज़ार करवाए आगे बढ़ते हैं और आपको बताते हैं इन शुभ योगों के बारे में और यह योग किन राशियों के लिए फलदायी रहेंगे?
मालव्य राजयोग: साल 2025 में बनने वाला सबसे पहला और शुभ योग मालव्य राजयोग होगा जो 28 जनवरी के दिन बनेगा। ज्योतिष में मालव्य राजयोग को दुर्लभ और शक्तिशाली माना जाता है जो कुंडली में उस समय बनता है जब शुक्र देव अपनी ही राशि (वृषभ या तुला राशि) में केंद्र भाव में विराजमान होते हैं। शुक्र ग्रह का संबंध सुंदरता, विलासिता, कलात्मकता और आकर्षक व्यक्तित्व से है।
इस प्रकार, मालव्य राजयोग वृषभ राशि, मिथुन राशि, कन्या राशि और मीन राशि के लिए विशेष रूप से फलदायी साबित होगा। इस राशि के जातकों को धन, दौलत, समृद्धि समेत सभी तरह के सुख प्रदान करेगा। बात करें उन हस्तियों की जिनकी कुंडली में मालव्य राजयोग है, तो इस सूची में सानिया मिर्ज़ा और सोनिया गाँधी का नाम सबसे पहले आता है।
लक्ष्मी नारायण योग: जैसे कि लक्ष्मी नारायण योग के नाम से ही पता चल रहा है कि यह योग आपको लक्ष्मी और नारायण दोनों की कृपा दिलाता है। अब वर्ष 2025 में यह योग 27 फरवरी से लेकर 07 मई 2025 तक मीन राशि में बनेगा। बता दें कि कुंडली में जब बुध और शुक्र दोनों ग्रह केंद्र भावों में युति का निर्माण करते हैं या फिर एक-दूसरे पर दृष्टि डालते हैं, तब लक्ष्मी नारायण योग बनता है। ऐसे में, यह योग मिथुन राशि, कन्या राशि, धनु राशि और मीन राशि के जातकों के जीवन को धन-संपदा से भर देगा और उन्हें पैसों की कमी नहीं होंगे देगा।
गजलक्ष्मी योग: ज्योतिष में गजकेसरी योग को शुभ माना जाता है जो बृहस्पति देव और शुक्र ग्रह के एक साथ आने पर या फिर एक-दूसरे से केंद्र भाव में होने पर बनता है। वर्ष 2025 में बन रहे शुभ योगों में से एक गजकेसरी राजयोग भी होगा। गुरु ग्रह जब 15 मई 2025 को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, तब यह शुभ योग बनेगा। साथ ही, यह दोनों ग्रह जातकों के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएंगे। गजकेसरी राजयोग के प्रभाव से धन-समृद्धि में वृद्धि होगी और नकारात्मक भावनाओं का अंत होगा। हालांकि, इस राजयोग का लाभ मिथुन, कन्या, कुंभ, सिंह और मेष राशि वालों को विशेष रूप से मिलेगा।
साल 2025 में शनि और गुरु का रहेगा प्रभाव
हम आपको पिछले लेखों में बताते आये हैं कि ग्रहों की चाल और दशा में होने वाले बदलाव मनुष्य जीवन को प्रभावित करते हैं, विशेष रूप से गोचर। ऐसे में, आने वाले नए साल यानी कि वर्ष 2025 में कुछ बड़े ग्रह अपनी राशि में परिवर्तन करते हुए गोचर करने जा रहे हैं। इनमे साल 2025 का सबसे बड़ा और प्रमुख गोचर शनि ग्रह का होगा। शनि देव 29 मार्च 2025 को गुरु ग्रह की राशि मीन में प्रवेश करेंगे और इस प्रकार, कुछ राशियों पर साढ़े साती की शुरुआत होगी जबकि कुछ राशियों को यह शुभ-अशुभ परिणाम देंगे।
वहीं, शनि गोचर के बाद साल 2025 का दूसरा बड़ा गोचर गुरु ग्रह का होगा। देवताओं के गुरु कहे जाने वाले बृहस्पति देव मिथुन राशि में 15 मई 2025 को गोचर कर जाएंगे। ऐसे में, शुभ एवं मांगलिक ग्रहों के कारक कुछ जातकों के विवाह योग बनाएंगे और कुछ के रिश्ते की परीक्षा लेने का काम करेंगे। यह दोनों ग्रह ही आपके व्यापार, करियर समेत जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं में बदलाव लेकर आएंगे। राशिफल 2025 के माध्यम से आप जान सकते हैं कि वर्ष 2025 में आपकी राशि पर किस ग्रह का सबसे ज्यादा प्रभाव रहेगा, आइए जानते हैं।