इस सप्ताह सूर्य गोचर के साथ शुरू हो जाएंगे मांगलिक कार्य, जानें पूरे हफ़्ते का लेखा-जोखा!
एस्ट्रोसेज का साप्ताहिक राशिफल का यह ब्लॉग आपको जनवरी 2025 के दूसरे सप्ताह यानी कि 13 जनवरी से लेकर 19 जनवरी, 2025 के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। इस ब्लॉग की सहायता से हम आपको बताएंगे कि जनवरी के इस सप्ताह में 12 राशियों के जातकों के जीवन के विभिन्न आयामों जैसे व्यापार, करियर, विवाह, प्रेम, स्वास्थ्य सहित रिलेशनशिप आदि का हाल कैसा रहने वाला है। इस हफ़्ते किन राशियों का भाग्य उदय होगा और किन राशियों को मुसीबतों से होना होगा दो-चार? इन सभी सवालों के सही एवं सटीक जवाब आपको हमारे इस ब्लॉग में मिलेंगे। साथ ही, इस दौरान किन उपायों को अपनाकर आप अशुभ ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को दूर कर सकते हैं? इस बारे में भी हम आपको अवगत करवाएंगे। बता दें कि यह ब्लॉग हमारे अनुभवी और विद्वान ज्योतिषियों द्वारा ग्रह एवं नक्षत्रों की गणना के आधार पर तैयार किया गया है।
इसके अलावा, साप्ताहिक राशिफल के इस लेख में हम अपने पाठकों को 13 जनवरी से 19 जनवरी के बीच पड़ने वाले व्रत, त्योहारों, ग्रहण और गोचर आदि की सही तिथियां भी प्रदान करेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं, इस हफ़्ते में जन्म वाले मशहूर सितारों के जन्मदिन के बारे में भी हम चर्चा करेंगे। इस दौरान कब-कब है शुभ एवं मांगलिक कार्यों के मुहूर्त? इससे भी हम आपको रूबरू करवाएंगे। तो आइए अब बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और राशि अनुसार जानते हैं कि जनवरी 2025 का यह दूसरा सप्ताह आपके लिए कैसा रहेगा।
इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू कैलेंडर की गणना
आगे बढ़ने से पहले हम नज़र डाल लेते हैं इस सप्ताह के पंचांग पर, जनवरी 2025 का दूसरा सप्ताह आर्द्रा नक्षत्र के अंतर्गत शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि अर्थात 13 जनवरी 2025 को शुरू होगा और इस सप्ताह का अंत हस्त नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि यानी कि 19 जनवरी 2025 को होगा। हालंकि, यह सप्ताह बेहद ख़ास रहने वाला है क्योंकि 14 जनवरी 2025 को खरमास का अंत हो जाएगा और शुभ एवं मांगलिक कार्यों का पुनः आरंभ हो जाएगा। अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको रूबरू करवाते हैं जनवरी के इस हफ्ते में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों की सही तिथियों से।
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इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहार
साप्ताहिक राशिफल ब्लॉग के इस सेक्शन को ख़ास तौर पर उन लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है जो अपनी व्यस्त ज़िन्दगी की भागदौड़ की वजह से प्रमुख व्रत एवं त्योहार की तिथियों को याद नहीं रख पाते हैं और भूल जाते हैं। ऐसे में, आपको दोबारा ऐसी किसी भी परिस्थिति का सामना न करना पड़ें इसलिए यहाँ हम आपको 13 जनवरी से लेकर 19 जनवरी 2025 के दौरान पड़ने वाले व्रत-पर्वों की तिथियां की सूची प्रदान कर रहे हैं। तो चलिए नज़र डालते हैं इस सप्ताह के प्रमुख व्रत-त्योहारों पर।
पौष पूर्णिमा व्रत (13 जनवरी 2025, सोमवार): पौष मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त पौष पूर्णिमा के दिन सच्चे मन और श्रद्धापूर्वक व्रत रखता है। साथ ही, चंद्र देव और देवी लक्ष्मी की पूजा करता है, उसे धन-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
लोहड़ी (13 जनवरी 2025, सोमवार): नए साल के पहले महीने जनवरी में आना वाला मुख्य पर्व होता है लोहड़ी। इस त्योहार को पूरे देश में बेहद जोश एवं उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह सिख और पंजाबी समुदाय के लोगों का प्रमुख पर्व है जिसकी विशेष रौनक पंजाब में देखने को मिलती है।
पोंगल (14 जनवरी 2025, मंगलवार): पोंगल तमिलनाडु का सबसे प्रमुख पर्व है जो कि लगातार चार दिनों तक मनाया जाता है। तमिलनाडु में नववर्ष का आरंभ पोंगल से माना जाता है और इस दिन देवराज इंद्र की पूजा की जाती है।
उत्तरायण(14 जनवरी 2025, मंगलवार): हिंदूधर्म में सूर्य देव एकमात्र ऐसे देवता हैं जो अपने भक्तों को साक्षात दर्शन देते हैं। हालांकि, जब सूर्य देव मकर राशि से मिथुन राशि में गोचर करते हैं, तो इस अवधि को उत्तरायण कहा जाता है और इन्हें देवी-देवताओं का माह माना गया है।
मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025, मंगलवार): सूर्य महाराज जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। इस पर्व का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन से मौसम में बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। साथ ही, खरमास का अंत होता है और शुभ कार्यों का पुनः आरंभ होता है।
संकष्टी चतुर्थी (17 जनवरी 2025 शुक्रवार): संकष्टी चतुर्थी का व्रत प्रथम पूज्य भगवान गणेश को समर्पित होता है और इस दिन गणेश जी की कृपा प्राप्ति के लिए भक्तजन व्रत करते हैं। कहते हैं कि संकष्टी चतुर्थी के व्रत से भगवान गणेश अपने भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं।
हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन में खुशियाँ और आशा की नई किरण लेकर आयेंगे।
इस सप्ताह में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नौ ग्रहों में से हर ग्रह एक निश्चित समय के बाद अपनी राशि, चाल या स्थिति में परिवर्तन करता है। ऐसे में, जब भी कोई ग्रह अपनी दशा या राशि में बदलाव करता है, तो इसका असर सभी 12 राशियों समेत विश्व पर पड़ता है। इस सप्ताह की बात करें तो, जनवरी के दूसरे सप्ताह 13 से 19 जनवरी 2025 में केवल 1 ग्रह का गोचर होगा जबकि 1 ग्रह अपनी स्थिति में परिवर्तन करेगा।
सूर्य का मकर राशि में गोचर (14 जनवरी 2025): ग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य देव 14 जनवरी 2025 की सुबह 08 बजकर 41 मिनट पर अपने पुत्र शनि ग्रह की राशि मकर में प्रवेश कर जाएंगे।
बुध धनु राशि में अस्त (18 जनवरी 2025): बुध महाराज को बुद्धि, वाणी और संचार के कारक ग्रह कहा जाता है और अब यह 18 जनवरी 2025 की सुबह 06 बजकर 14 मिनट पर धनु राशि में अस्त होने जा रहे हैं।
13 जनवरी 2025: पीयूष मिश्रा, माइकल पेना, कन्हैया कुमार
14 जनवरी 2025: फेय ड्यूनवे, जूलियन बॉण्ड, हिलेरी रयान
15 जनवरी 2025: विक्रम प्रभु, मंजोत कालरा, मैरी पिएर्स
16 जनवरी 2025: जगदीशा सुचित, डेबी एलेन, खुशबू ग्रेवाल
17 जनवरी 2025: सजल अली, नकुल मेहता, कैल्विन हैरिस
18 जनवरी 2025: विनोद कांबली, जय मेहता, ब्रैडी एंडरसन
19 जनवरी 2025: मानसी साल्वी, लॉयड रॉबर्टसन, मिशेल स्टेनली
एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं।
साप्ताहिक राशिफल 13 जनवरी से 19 जनवरी, 2025
यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें: चंद्र राशि कैलकुलेटर
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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
जनवरी 2025 में प्रदोष व्रत कब है?
वर्ष 2025 में प्रदोष व्रत 11 जनवरी 2025 को किया जाएगा।
बुध ग्रह कब और कौन सी राशि में अस्त होंगे?
तर्क और वाणी के कारक बुध 18 जनवरी 2025 को धनु राशि में अस्त हो जाएंगे।
जनवरी 2025 में खरमास कब खत्म होगा?
वर्ष 2025 में खरमास का अंत 14 जनवरी 2025 को होगा।
ग्रहण 2025 से जानें, नए साल में कब-कब लगेगा सूर्य और चंद्र ग्रहण?
वैदिक ज्योतिष में ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है और इस दौरान सभी तरह के शुभ कार्यों को करना वर्जित होता है। हालांकि, ग्रहण दो प्रकार के होते हैं, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण। जब-जब सूर्य या चंद्र ग्रहण लगता है, तब नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है। साथ ही, प्रकृति में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। जैसे कि अब हम नए वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं और हर साल की तरह ही इस बार भी कई ग्रहण लगेंगे। एस्ट्रोसेज एआई का यह ब्लॉग विशेष रूप से आपको वर्ष 2025 में लगने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहण के बारे में समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही जानेंगे, ग्रहण काल के दौरान किन सावधानियों का पालन करना चाहिए? कौन से काम करने चाहिए और किन कामों को करने से बचें? तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस लेख की।
हम सब इस बात को भली-भांति जानते हैं किसूर्य और चंद्र ग्रहण समय-समय पर लगते रहते हैं जिसका अशुभ प्रभाव देश-दुनिया समेत विश्व पर भी नज़र आता है। ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सावधानी बरतनी होती है, इस बारे में हम विस्तार से बात करेंगे। लेकिन आइए सबसे पहले जानते हैं साल 2025 में लगने वाले ग्रहण के ज्योतिषीय महत्व के बारे में।
ज्योतिष की दृष्टि से ग्रहण
वैदिक ज्योतिष में सूर्य और चंद्रमा को प्रमुख ग्रह माना जाता है। सूर्य देव आत्मा के कारक हैं जबकि चंद्रमा मन के कारक कहे गए हैं। यह दोनों ग्रह राहु-केतु के शत्रु माने जाते हैं इसलिए इन दोनों से बदला लेने के लिए समय-समय पर राहु-केतु ग्रहण लगाते हैं। ग्रहण काल सूर्य और चंद्रमा के लिए कष्टकारी अवधि होती है और इस समय बुरी शक्तियां हावी हो जाती हैं। इसी प्रकार, जिन बच्चों का जन्म ग्रहण काल में होता है, उन पर ग्रहण दोष लग जाता है। हालांकि, ग्रहण लगने से पहले और इसके समाप्त होने के बाद भी विश्व पर अशुभ प्रभाव नज़र आते हैं। यह मनुष्यों के साथ-साथ जीव-जंतुओं को भी प्रभावित करता है।
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नए साल में कितने ग्रहण लगेंगे?
सनातन धर्म में राहु और केतु को ग्रहण के लिए जिम्मेदार माना जाता है जो कि समय-समय पर सूर्य और चंद्रमा पर ग्रहण लगाते हैं। अगर बात करें वर्ष 2025 की, तो ग्रहण 2025 के अनुसार, इस साल में कुल 4 ग्रहण लगेंगे जिसमें 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण होंगे। ग्रहण की तिथियों को जानने से पहले जान लेते हैं कि क्या होता है सूर्य ग्रहण और नए साल में कब-कब लगेगा सूर्य ग्रहण?
क्या होता है सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण के बारे में आपने अवश्य सुना होगा, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि सूर्य ग्रहण क्या होता है। खगोलीय रूप से पृथ्वी और चंद्रमा के अपने परिक्रमा मार्ग पर आगे बढ़ते हैं और जब परिक्रमा करते समय सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है, तब पृथ्वी पर पड़ने वाले सूर्य की किरणों को चंद्रमा कुछ देर के लिए रोक देता है। इस पूरी घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं।
साल 2025 में कितने सूर्य ग्रहण लगेंगे?
सूर्य ग्रहण की बात करें तो, साल 2025 में कुल दो सूर्य ग्रहण लगने जा रहे हैं। पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025, शनिवार के दिन लगेगा जो कि खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा।
वहीं, इस वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025, रविवार के दिन पड़ेगा और यह खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा।
वर्ष 2025 में सूर्य ग्रहण किस समय लगेगा और क्या भारत में भी दिखाई देगा सूर्य ग्रहण, जानने के लिए पढ़ें: सूर्य ग्रहण 2025
सूर्य ग्रहण के बाद अब आपको अवगत करवाते हैं चंद्र ग्रहण 2025 और इससे जुड़े तथ्यों से।
क्या होता है चंद्र ग्रहण?
सूर्य ग्रहण की तरह ही चंद्र ग्रहण को भी अशुभ कहा गया है और यह उस समय लगता है जब अपने-अपने परिक्रमा मार्ग पर आगे बढ़ते हुए पृथ्वी और चंद्रमा ऐसी स्थिति में आ जाते हैं जहां चंद्रमा पर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी थोड़ी देर के लिए रोक देती है, इसे ही चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
साल 2025 में कब-कब पड़ेगा चंद्र ग्रहण?
बात करें चंद्र ग्रहण 2025 की, तो नए साल अर्थात वर्ष 2025 में कुल 2 चंद्र ग्रहण पड़ेंगे। इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025, शुक्रवार के दिन लगेगा जो कि खग्रास चंद्र ग्रहण होगा। वहीं साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण भी खग्रास चंद्र ग्रहण होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि यानी कि 7-8 सितंबर 2025, रविवार/सोमवार के दिन लगेगा।
वर्ष 2025 में चंद्र ग्रहण किस समय लगेगा और क्या भारत में भी दिखाई देगा चंद्र ग्रहण, जानने के लिए पढ़ें: चंद्र ग्रहण 2025
क्या होता है सूतक काल?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल एक ऐसी अवधि होती है जो ग्रहण से कुछ समय पूर्व शुरू होती है और ग्रहण के समाप्त होने के साथ ही खत्म हो जाती है। बता दें कि सूर्य ग्रहण का सूतक लगभग 12 घंटे पहले लग जाता है जबकि चंद्र ग्रहण के सूतक का आरंभ ग्रहण से 9 घंटे पूर्व होता है। इस समय सभी तरह के शुभ कार्य वर्जित होते हैं।
सूतक काल के बारे में विस्तारपूर्वक जानने के लिए क्लिक करें: ग्रहण 2025
ग्रहण के दौरान जरूर करें ये काम?
ग्रहण के समाप्त होने के बाद व्यक्ति को स्नान अवश्य करना चाहिए।
ग्रहण के शुरू होने से पहले आपको दही, दूध, अचार, घी, मुरब्बा, चटनी जैसी खाद्य पदार्थों में तुलसी की पत्तियां रखनी चाहिए।
ग्रहण काल के दौरान आप किसी धार्मिक ग्रंथ का पाठ करें या फिर शुभ मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
गर्भवती स्त्रियों को अपने उदर पर गाय का गोबर पतले लेप के रूप में लगाना चाहिए। साथ ही, सिर को पल्लू से ढक कर उस पर थोड़ा गेरू लगाना चाहिए।
ग्रहण काल के समय पितरों का श्राद्ध करना फलदायी होता है।
ग्रहण के दौरान इन सावधानियों को अवश्य बरतें
सूतक काल के दौरान किसी भी तरह का शुभ एवं मांगलिक काम करने से बचें।
सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखने से बचें, अन्यथा आपकी आंखों की रोशनी जा सकती है।
घर और मंदिर में भगवान की मूर्तियों को भूल से भी स्पर्श न करें।
ग्रहण काल के दौरान न तो भोजन पकाना चाहिए और न ही खाना चाहिए।
ग्रहण की अवधि में तेल मालिश नहीं करनी चाहिए और न ही बाल, दाढ़ी या नाखून आदि काटने चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल और सूतक काल के दौरान कटाई-सिलाई, बुनाई आदि कार्य करने से बचना चाहिए।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सूर्य ग्रहण कब लगता है?
ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है, तब सूर्य ग्रहण लगता है।
साल 2025 में कितने ग्रहण लगेंगे?
नए साल यानी कि वर्ष 2025 में कुल चार ग्रहण लगेंगे।
चंद्र ग्रहण का सूतक काल कितने घंटे पूर्व लगता है?
हिंदू धर्म के अनुसार, चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पूर्व शुरू हो जाता है।
13 या 14 जनवरी कब मनाई जाएगी लोहड़ी? जानें सही तिथि एवं राशि अनुसार उपाय!
लोहड़ी 2025 का यह विशेष ब्लॉग एस्ट्रोसेज एआई अपने पाठकों के लिए लेकर आया है जिसके माध्यम से आपको नए वर्ष के पहले बड़े पर्व लोहड़ी के बारे में समस्त जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि तिथि, समय आदि। साथ ही, इस त्योहार का धार्मिक महत्व, रीति-रिवाज़ों और इस दिन किन उपायों को करने से चमक सकती है आपकी किस्मत, इससे भी हम आपको अवगत करवाएंगे। सिर्फ इतना ही नहीं, लोहड़ी के दिन अपनी राशि के आधार पर अग्नि में कौन सी चीज़ें अर्पित की जाएं, इस बारे में आपको बताएंगे। लेकिन, सबसे पहले बिना देर किये शुरुआत करते हैं लोहड़ी 2025 स्पेशल ब्लॉग की।
भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश का दर्जा प्राप्त है जहाँ हर धर्म का त्योहार पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। साल भर मनाये जाने वाले पर्वों में से एक है लोहड़ी का पर्व जो कि सिख समुदाय के लोग बहुत जोश और धूमधाम के साथ मनाते हैं। इस त्योहार की एक अलग ही रौनक पंजाब और हरियाणा में देखने को मिलती है। बता दें कि यह उत्तर भारत का प्रमुख पर्व है जिसे मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन उपलों और लकड़ियों से घर के बाहर या खुले स्थान पर आग जलाकर अग्नि की परिक्रमा की जाती हैं। लोहड़ी के बारे में हम विस्तार से बात करेंगे, लेकिन सबसे पहले जान लेते हैं कि इस साल कब मनाई जाएगी लोहड़ी और क्या रहेगा पूजा का मुहूर्त।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
लोहड़ी 2025 तिथि और पूजा मुहूर्त
लोहड़ी की तिथि को लेकर हर साल कन्फ्यूजन रहता है कि 13 या 14 कब है लोहड़ी? इसलिए हम अपने ब्लॉग में आपको लोहड़ी की सही डेट बताने जा रहे हैं। हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है। इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को पड़ रही है इसलिए लोहड़ी 13 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर लोहड़ी की पवित्र अग्नि जलाने का विधान है। इस साल लोहड़ी का क्षण 14 जनवरी 2025 की सुबह 09 बजकर 03 मिनट पर होगा।
क्यों ख़ास है लोहड़ी 2025?
नए साल अर्थात वर्ष 2025 में पड़ने वाली लोहड़ी बेहद खास होगी क्योंकि इस दिन पौष पूर्णिमा भी पड़ रही है जो कि अपने आप में ही शुभ दिन माना जाता है। ऐसे में, लोहड़ी पर्व का महत्व बढ़ जाता है और इस दिन जब रात को पूजा के लिए अग्नि जलाई जाएगी, तब आसमान में चंद्र देव अपने पूर्ण आकार में होंगे। चलिए अब हम आपको रूबरू करवाते हैं लोहड़ी के धार्मिक महत्व से।
लोहड़ी 2025 सिखों एवं पंजाबियों का प्रमुख त्योहार है। यह दिन किसानों के लिए बेहद ख़ास होता है क्योंकि पारंपरिक रूप से लोहड़ी पुरानी फसल की कटाई और नई फसल की बुआई से जुड़ा है। इस दिन से किसान अपनी फसलों की कटाई की शुरुआत करते हैं और इसका सबसे पहले भोग अग्नि देव को लगाते हैं। लोहड़ी पर किसान अच्छी फसल के लिए ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और साल भर अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करते हैं।
इस अवसर पर अग्नि देव की पूजा का भी विधान है और ऐसी मान्यता है कि इनके पूजन से व्यक्ति को जीवन में धन-धान्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, लोहड़ी का पर्व उत्तरायण के दिन मनाया जाता है और इस दिन से रातें छोटी होने लगती हैं और दिन बड़े। सामान्य शब्दों में कहें तो, लोहड़ी से सर्दी कम होने लगती है और गर्मी धीरे-धीरे दस्तक देने लगती है।
पंजाब एवं हरियाणा राज्य में बड़े स्तर पर मनाये जाने वाले पर्व लोहड़ी की लोक्रप्रियता देशभर में फैली है इसलिए इसे पूरे देश में प्रेम एवं उत्साह से लोग मनाते हैं। हालांकि, लोहड़ी के पर्व से कुछ परंपराएं भी जुड़ी हैं जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
● इस पर्व के दिन बच्चे घर-घर जाकर लोक गीत गाते हैं और लोग उन्हें मिठाई और पैसे देते हैं।
● मान्यता है कि बच्चों को खाली हाथ वापिस भेजना अशुभ होता है इसलिए उन्हें गजक, चीनी, मूँगफली, गुड़ और मक्का आदि दी जाती है, इसे ही लोहड़ी कहते हैं।
● रात को आग जलाकर सभी लोगों में लोहड़ी बांटी जाती है और दुल्ला-भट्टी के गीत गाये जाते हैं।
● लोहड़ी के अवसर पर सबके घर पर अधिकांश पंजाब का सांस्कृतिक भोजन सरसों का साग और मक्के की रोटी बनाई जाती है।
लोहड़ी का पर्व नव विवाहितों के लिए विशेष होता है क्योंकि इसका संबंध भगवान शिव और माता सती से है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्रजापति दक्ष ने यज्ञ में शिव जी और माता सती का अपमान किया था जिससे क्रोधित होकर देवी सती ने प्राण त्याग दिए थे। इसके बाद, महादेव ने क्रोधवश राजा दक्ष का सिर धड़ से अलग कर दिया था, परंतु ब्रह्मा जी के कहने पर भगवान शिव ने राजा दक्ष को पुनः जीवनदान देते हुए उनके शरीर पर बकरे का सिर लगा दिया।
जब माता सती का पुनर्जन्म देवी पार्वती के रूप में हुआ, तब लोहड़ी के दिन प्रजापति दक्ष ने अपनी गलती की क्षमा मांगते हुए माता पार्वती के ससुराल में उपहार भेजे थे। उस समय से ही लोहड़ी पर नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद और उपहार देने की परंपरा आज भी चली आ रही है। साथ ही, इस दिन लोग नव विवाहितों के सुखी दांपत्य जीवन की कामना करते हैं।
लोहड़ी की पौराणिक कथा
लोहड़ी के पर्व से एक पौराणिक कथा जुड़ी है जिसका संबंध दुल्ला भट्टी से माना गया है। मान्यता है कि लोहड़ी की कथा के बिना यह त्योहार अधूरा रहता है। मध्यकाल के दौर में भारत में दुल्ला भट्टी नाम का साहसी और वीर व्यक्ति रहता था और उस समय पंजाब पर मुगल राजा अकबर का शासन था। पौराणिक कथा के अनुसार, जब पंजाब के संदल में लड़कियों को अमीर सौदागरों को बेचा जा रहा था उस समय दुल्ला भट्टी ने उनकी रक्षा की थी। दुल्ला भट्टी ने इन सौदागरों से लड़कियों को आज़ाद करवाकर उनकी शादी करवाई थी। इस प्रकार, प्रत्येक वर्ष लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी को याद किया जाता है जो हमें गलत कामों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित करते हैं।
आइए अब हम बात करते हैं लोहड़ी के दिन किये जाने वाले अचूक उपायों के बारे में।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
धन-समृद्धि पाने के लिए लोहड़ी पर करें ये 3 उपाय
लोहड़ी 2025 के दिन लाल रंग के कपड़े में गेहूं बांधें और किसी गरीब या जरूरतमंद को दान करें। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
लोहड़ी के पर्व पर अग्नि देव और माता लक्ष्मी का पूजन करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं और जीवन से समस्याएं दूर होती हैं।
घर में चल रहे कलह को दूर करने और शांति के लिए काली उड़द की खिचड़ी बनाकर गाय को खिला दें। ऐसे करने में परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
इस लोहड़ी पवित्र अग्नि में राशि अनुसार डालें ये चीज़ें, संकट होंगे दूर
मेष राशि
मेष राशि वाले लोहड़ी के दिन अग्नि में बताशे के साथ लौंग का जोड़ा डालें। ऐसा करने से आरोग्यता प्राप्त होती है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों को इस अवसर पर अग्नि में एक मुट्ठी चावल डालने चाहिए। इससे आपके घर में धन-संपदा आती है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वाले एक मुट्ठी मूंग अग्नि में अर्पित करें और ऐसा करने से परिवार में प्रेमपूर्ण माहौल बना रहेगा।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातक माता-पिता की लंबी उम्र के लिए लोहड़ी की पवित्र अग्नि में एक मुट्ठी खील बताशे डालें। इससे जीवन में सुख-समृद्धि रहेगी।
सिंह राशि
सिंह राशि वाले दुखों एवं कष्टों के अंत के लिए आग में एक मुट्ठी गेहूं के साथ खील-बताशे डालें।
कन्या राशि
कन्या राशि के.जातक एक मुट्ठी मूंग और एक लौंग का जोड़ा लेकर अग्नि में अर्पित करें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में सुखी बना रहेगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
2025 में कब है लोहड़ी?
वर्ष 2025 में लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति कब है वर्ष 2025 में?
नए साल यानी कि वर्ष 2025 में मकर संक्राति का त्योहार लोहड़ी के अगले दिन अर्थात 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा।
साल 2025 पौष पूर्णिमा कब है
पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025 को है।
टैरो साप्ताहिक राशिफल (12 जनवरी से 18 जनवरी, 2025): जानें इस सप्ताह कैसा रहेगा आपका हाल!
टैरो साप्ताहिक राशिफल 12 जनवरी से 18 जनवरी, 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषयों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।
टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्मा से बात करने का मौका देता है।
आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मज़ाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है। या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।
टैरो की उत्पति 15वीं शताब्दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।
टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्त किया जा सकता है। आप कुछ स्तर पर अध्यात्म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंर्तज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।
तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि जनवरी का यह सप्ताह यानी कि 12 जनवरी से 18 जनवरी, 2025 तक का समय सभी 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 12 जनवरी से 18 जनवरी, 2025: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
प्रेम जीवन: टेन ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: किंग ऑफ पेंटाकल्स
करियर: फोर ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: द मून (रिवर्स्ड)
मेष राशि के जातकों को प्यार के मामले में इस सप्ताह टेन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड मिला है जो भाग्य, प्रेम और प्रचुरता को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आप और आपका पार्टनर दोनों ही भावनात्मक और भौतिक रूप से अच्छी स्थिति में हैं। आप परिवार को बढ़ाने के बारे में सोच सकते हैं क्योंकि इस समय आपके परिवार की नींव मज़बूत है। आप अपने प्रेमी या पार्टनर के साथ रहना शुरू कर सकते हैं, नया घर खरीद सकते हैं या परिवार शुरू करने के बारे में सोच सकते हैं।
किंग ऑफ पेंटाकल्स कार्ड मेहनत का फल मिलने को दर्शाता है। यह कार्ड लकी चार्म भी है। इस समय आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। आज आपका आर्थिक रूप से सुरक्षित और स्थिर हो पाना, कोई संयोग नहीं है बल्कि यह आपकी कड़ी मेहनत का परिणाम है।
आपके लिए काम बहुत ज्यादा थका देने वाला या निराशाजनक रहा है। हो सकता है कि आप लंबे समय से कड़ी मेहनत कर रहे हैं और उस तनाव की वजह से आपकी मानसिक या शारीरिक सेहत में गिरावट आ रही है। थोड़ा आराम करें और अपने शरीर पर ध्यान दें।
द मून रिवर्स्ड कार्ड सेहत के संतुलित रहने के संकेत दे रहा है। अगर आप किसी टेस्ट या निदान का इंतज़ार कर रहे हैं, तो अब आपको जल्द ही समझ आ जाएगा कि आपकी स्वास्थ्य समस्याओं का क्या कारण है।
घूमने के लिए कहां जाएं: न्यूजीलैंड
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: द स्टार
आर्थिक जीवन: टू ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: ऐट ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: ऐट ऑफ स्वॉर्ड्स
प्रेम जीवन में वृषभ राशि के जातकों को द स्टार कार्ड मिला है जो कि रोमांटिक संबंध के विकसित होने का संकेत दे रहा है। अगर आप सिंगल हैं, तो इस कार्ड के अनुसार अब आप अपने पुराने रिश्ते के बोझ से छुटकारा पाने के लिए तैयार हैं। इससे आपको प्यार के मामले में अधिक अवसर मिलेंगे और आपकी नए लोगों से मुलाकात होगी।
पैसों के मामले में टू ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड कहता है कि आप वास्तविकता का सामना करने से भाग रहे हैं या आपके अंदर इसका सामना करने की क्षमता नहीं है। इसके साथ ही यह कार्ड मुश्किल या ऐसे विकल्पों को चुनने की ओर इशारा कर रहा है जो आपको पसंद नहीं हैं। अगर इस समय आप किसी आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो आपको उसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
ऐस ऑफ कप्स कार्ड नई संभावनाओं और अच्छे विचारों को दर्शाता है। करियर के मामले में आप इस विचार को कई तरह से देख सकते हैं। नौकरी की तलाश कर रहे जातकों के लिए यह कार्ड करियर में एक नई शुरुआत का संकेत दे रहा है।
ऐट ऑफ स्वॉर्ड्स रिवर्स कार्ड आपको बीमारी से उबरने, मानसिक रूप से मज़बूत रहने और चिंता से राहत पाने का रास्ता दिखा रहा है। इसके साथ ही यह कार्ड आपको याद दिला रहा है कि आप आरोग्य रहने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए सक्षम हैं।
घूमने के लिए कहां जाएं: इटली
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: द एंप्रेस
आर्थिक जीवन: ऐट ऑफ वैंड्स
करियर: पेज ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: द सन
मिथुन राशि के जातकों को एक बहुत ही शुभ कार्ड मिला है। द एंप्रेस कार्ड का संबंध विवाह, साझेदारी और प्रेम से होता है। यह कार्ड आपकी जिंदगी में एक नए साथी के साथ नई शुरुआत की ओर इशारा कर रहा है। इस कार्ड के अनुसार आप अपने मौजूदा रिश्ते को आगे बढ़ा सकते हैं या दोनों एकसाथ खुश रह सकते हैं। द एंप्रेस कार्ड प्रेम, गर्भधारण, गर्भावस्था या मातृ शक्ति दर्शाता है।
ऐट ऑफ वैंड्स कार्ड का कहना है कि इस सप्ताह आपके पास जितनी जल्दी पैसा आएगा, उतनी ही जल्दी यह आपके हाथ से चला भी जाएगा। इस कार्ड के अनुसार आपको इस समय आवेग में आकर खर्चा नहीं करना चाहिए। भले ही आपको कोई चीज़ बहुत लुभावनी क्यों न लगे, आपको खर्चा करने से बचना है।
पेज ऑफ कप्स कार्ड उन लोगों के लिए खासतौर पर एक अच्छा संकेत है जो करियर में बदलाव करने की सोच रहे हैं। यह कार्ड आपको शुभ समाचार और नौकरी के नए अवसर मिलने की ओर इशारा कर रहा है। इसके अलावा आप नौकरी के लिए आवेदन करने या पदोन्नति पाने में सफल होंगे।
द सन कार्ड जीवनशक्ति, शांति और उत्तम स्वास्थ्य का प्रतीक है। इस कार्ड का कहना है कि आप अब जल्दी ठीक हो जाएंगे और पहले से ज्यादा बेहतर महसूस करेंगे। इसके अलावा इस दौरान आपका आध्यात्मिक और व्यक्तिगत विकास होगा।
घूमने के लिए कहां जाएं: टोक्यो
कर्क राशि
प्रेम जीवन: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ कप्स
करियर: द एंपेरर
स्वास्थ्य: ऐट ऑफ कप्स
कर्क राशि के जातकों को प्यार के मामले में नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड मिला है। आपका पार्टनर साहसी, सरल और बुद्धिमान हो सकता है या फिर आपके अंदर ये गुण हो सकते हैं। यह कार्ड आत्मविश्वास से भरपूर और साहसी प्रेमी बनने या फिर आपके इस तरह के रिश्ते में आने के संकेत दे रहा है।
सिक्स ऑफ कप्स कार्ड दान या उपहार के लेन-देन का संकेत दे रहा है। इस कार्ड के अनुसार आपको पैतृक संपत्ति भी मिल सकती है। सिक्स ऑफ कप्स कार्ड तब भी दिखाई देता है, जब आप वसीयत के बारे में या इसे बनाने पर विचार कर रहे हों। अपने माता-पिता के घर जाकर रहने से आप अपने लिए अधिक पैसों की बचत कर पाएंगे। वहीं दूसरी ओर, आप अपने घर में परिवार के सदस्यों को वापस बुला सकते हैं और अपने संसाधनों को साझा कर सकते हैं।
आपको अपने करियर में अपनी कड़ी मेहनत, फोकस और व्यवस्थित दृष्टिकोण की वजह से सफलता प्राप्त होने की उम्मीद है। अगर वर्तमान समय में आपका कार्यक्षेत्र या आपके काम करने की प्रक्रिया थोड़ी अव्यवस्थित या परेशान करने वाली है, तो अब आप कमान अपने हाथ में ले सकते हैं और काम करने के लिए एक नया ढांचा बना सकते हैं। इससे आपको और आपके सहकर्मियों को अच्छे से काम करने में मदद मिलेगी। इस कार्ड के अनुसार आपको अपने कार्यक्षेत्र में सहकर्मी या निरीक्षक से अपने करियर में मार्गदर्शन या सहायता मिलने के योग हैं।
सेहत के मामले में आपको ऐट ऑफ कप्स कार्ड मिला है जिसके अनुसार आप इस समय भावनात्मक रूप से तनाव में हो सकते हैं। आपको थेरेपी या मेडिटेशन से राहत मिलने की उम्मीद है। अगर आपको लगता है कि बात करने से आपको मदद मिलेगी या राहत महसूस होगी, तो आप अपने करीबी दोस्तों या परिवार के सदस्य से बात कर सकते हैं।
सिंह राशि के जातकों को द टॉवर कार्ड मिला है जिसके अनुसार आपके सामने कुछ ऐसी समस्याएं आ सकती हैं जो आपकी जिंदगी में कोई बदलाव लाने का काम करें। संभव है कि धीरे-धीरे कमज़ोर पड़ रही नींव की वजह से आपका रिश्ता ज्यादा लंबे समय तक नहीं टिक पाएगा और आपके रिश्ते में दरार आ सकती है।आपको प्यार के मामले में नए अनुभव होने की संभावना है। हालांकि, ये अनुभाव दर्द से भरे हो सकते हैं। यह समय मुश्किल हो सकता है लेकिन याद रखें कि यह वक्त भी गुज़र जाएगा। अगर आप अकेले हैं, तो शायद आपका रिश्ता नहीं बल्कि प्यार का आपके लिए क्या मतलब है, इसे लेकर आपका दृष्टिकोण और समझ बदल रही है।
द चैरियट कार्ड के अनुसार इस सप्ताह आपको समझ आ जाएगा कि आप किस तरह से अपने पैसे को बढ़ा और बचा सकते हैं और आप इस दिशा में काम करना शुरू करेंगे। धन के मामले में आपके मन में नकारात्मक विचार आ सकते हैं लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना है कि ये नकारात्मक विचार आपको परेशान न कर पाएं।
पेज ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड कहता है कि इस समय आप अपने काम को लेकर नए विचारों और उत्साह से भरे रहने वाले हैं। इस कार्ड के अनुसार आप किसी चीज़ का प्रशिक्षण या नया अनुभव ले रहे हैं। इसके मुताबिक आप कोई प्रशिक्षण ले सकते हैं, किसी विषय की पढ़ाई कर सकते हैं या करियर के लिए नया रास्ता चुन सकते हैं।
सेहत के मामले में आपको फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड मिला है जिसके अनुसार अब आप लड़ते-लड़ते थका हुआ महसूस कर सकते हैं इसलिए आपको अपनी सेहत का ख्याल रखने की ज़रूरत है। मुमकिन है कि आपने जिन मुश्किलों का सामना किया है या कर रहे हैं, उनकी वजह से आपके अंदर अब ऊर्जा खत्म हो गई है।
घूमने के लिए कहां जाएं: लॉस एंजेलिस
कन्या राशि
प्रेम जीवन: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: टू ऑफ कप्स
करियर: थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: थ्री ऑफ वैंड्स
प्यार के मामले में नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड का कहना है कि आपका पार्टनर आपसे ज्यादा प्रभावशाली हो सकता है और आप दोनों के व्यक्तित्व के बीच जो अंतर है, उसकी वजह से आप दोनों के रिश्ते में असंतुलन पैदा हो सकता है। जीवनसाथी के बहुत ज्यादा डिमांड करने की वजह से आपके लिए उनके साथ रिश्ते में रह पाना मुश्किल हो सकता है। आप उनसे बात कर के समस्याओं का हल निकालने की कोशिश करें।
आर्थिक स्तर पर आपको टू ऑफ कप्स कार्ड मिला है जो कि निष्पक्षता और संतुलन को दर्शाता है। इस कार्ड के अनुसार इस सप्ताह आप अपने पैसे को संभालने में सक्षम होंगे और आपके पास अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन होगा।
इस समय आपके लिए काम तनाव, चिड़चिड़ापन और निराशा का कारण हो सकता है। इस कार्ड के अनुसार अचानक आपकी नौकरी छूट सकती है या आपका व्यापार डूब सकता है। इसके अलावा यह कार्ड कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों और क्लाइंट के साथ किसी बात पर असहमति की ओर भी इशारा कर रहा है। आप अपने सहकर्मियों के साथ खुलकर और अच्छे से बात करें और अपने व्यवहार में विनम्रता बनाए रखें। आपको उनसे और उन्हें आपसे बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है।
थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड के अनुसार आपको दूरदर्शिता अपनानी चाहिए, अपनी सुख-सुविधाओं को छोड़कर बाहर आना चाहिए और मुश्किलों का सामना करना चाहिए। इस कार्ड के अनुसार आपको आने वाले कल का सामना पूरे आत्मविश्वास, उद्देश्य और निष्ठा के साथ करना चाहिए।
घूमने के लिए कहां जाएं: क्योटो
तुला राशि
प्रेम जीवन: क्वीन ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: क्वीन ऑफ वैंड्स
करियर: टेन ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: द वर्ल्ड
क्वीन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड जोशीले, समझदार, मेहनती और सुख-सुविधाओं से संपन्न व्यक्ति को दर्शाता है। इसके साथ ही यह व्यवसाय करने में कुशल और सुख-सुविधाओं एवं विलासिता को लेकर जुनून रखने वाले व्यक्ति का भी प्रतीक है। तुला राशि के जातकों को शायद इस सप्ताह अपने जीवनसाथी को लेकर बहुत ज्यादा उम्मीदें रह सकती हैं। आप किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश में रहेंगे जिसकी महत्वाकांक्षाएं, पसंद और समर्पण का भाव, आपसे मेल खाता हो। यदि आप पहले से ही प्रेम संबंध में हैं, तो इस सप्ताह आप अपने पार्टनर के साथ खुशहाल जीवन जिएंगे। इस समय आप खुद पर ध्यान देंगे।
क्वीन ऑफ वैंड्स कार्ड के अनुसार इस सप्ताह आप धन के मामले में समझदारी से निर्णय लेते हुए नज़र आएंगे। आप बहुत सोच-समझकर और पूरी तैयारी करने के बाद ही कोई फैसला लेंगे। अब आप स्टॉक और अन्य उत्पादों का मूल्यांकन करने में सक्षम हैं इसलिए अपने आर्थिक दायरे को बढ़ाने के लिए यह सही समय है। हालांकि, कुछ गलत लगने पर आपको अपने मन की बात सुननी चाहिए।
करियर में टेन ऑफ वैंड्स कार्ड तनाव को दर्शा रहा है। इस कार्ड का कहना है कि आप प्रयास करते-करते थक गए हैं। मुमकिन है कि आपको या तो अपने प्रयासों का कोई फल नहीं मिल पा रहा है या बहुत कम लाभ मिल रहा है। आपको हार नहीं माननी चाहिए क्योंकि अब आप अपने लक्ष्य के काफी करीब हैं।
सेहत के मामले में आपको द वर्ल्ड कार्ड मिला है जो कि अच्छी सेहत और उत्साह को दर्शाता है। आप अपनी दिनचर्या में स्वस्थ जीवनशैली के साथ-साथ व्यायाम को करने की आदत को बनाए रखें। इस सप्ताह आपका ध्यान मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहने पर रहेगा।
घूमने के लिए कहां जाएं: पेरिस
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: नाइन ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: द हैंग्ड मैन
करियर: किंग ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: व्हील ऑफ फॉर्च्यून
वृश्चिक राशि के जातकों को नाइन ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है। इस कार्ड का कहना है कि अब आपको समझ आ जाएगा कि आप जैसा साथी पाना चाहते हैं, उसे पाने के लिए बहुत ज्यादा प्रयास करने, त्याग और खुद में कुछ सुधार करने की ज़रूरत है। असल में यही प्यार होता है। आप भविष्य में खुद को मिलने वाले परिणामों के लिए तैयार रहेंगे। संभावना है कि इस सप्ताह आप अपने प्रेम जीवन में कोई बड़े बदलाव कर सकते हैं।
अगर आप आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं, तो द हैंग्ड मैन कार्ड आपको अपने नज़रिये को बदलने की सलाह दे रहा है। इस कार्ड के अनुसार आप पैसों के बारे में बहुत ज्यादा सोच रहे हैं या पैसों को लेकर आपका हर वक्त चिंता में रहना आपके लिए परेशानियों को बुलावा देने का काम कर रहा है। आप अपने जीवन के अन्य पहलुओं में हो रही सकारात्मक चीज़ों को अनदेखा कर सकते हैं।
करियर के क्षेत्र में आपको किंग ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड मिला है जिसके अनुसार कोई वरिष्ठ और समझदार व्यक्ति कार्यक्षेत्र में आपको उच्च मानक पर बने रहने में मदद करेगा। वह व्यक्ति आपके साथ सख्ती से पेश आ सकता है लेकिन आप बहुत ज्यादा संवेदनशील न बनें।
व्हील ऑफ फॉर्च्यून कार्ड के अनुसार आपके स्वास्थ्य में समय के साथ बदलाव आ सकता है। आपको अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए।
घूमने के लिए जाएं: पेरु
धनु राशि
प्रेम जीवन: नाइन ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: जजमेंट (रिवर्स्ड)
करियर: फोर ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: डेथ
धनु राशि के जातकों को नाइन ऑफ कप्स कार्ड मिला है जिसका मतलब है कि रिश्ते में दोनों पार्टनर की भावनात्मक ज़रूरतों की पूर्ति हो रही है और दोनों अपने रिश्ते का आनंद ले रहे हैं। आप शादी बंधन में बंधने, सगाई करने या फिर अपना परिवार शुरू करने का फैसला ले सकते हैं।
अगर आपने हाल ही में किसी आर्थिक संकट का सामना किया है, तो अब आप खुद पर थोड़े कठोर हो रहे हैं। खुद को प्रेरित करने और सही निर्णय लेने के लिए आपको अपनी गलतियों से सीखना चाहिए और अपने प्रति थोड़ी दयालुता दिखानी चाहिए। आप अपनी आर्थिक स्थिति जानते हुए भी वही वित्तीय विकल्प चुन रहे हैं या उन्हीं तरीकों से अपने धन को संभाल रहे हैं, जो आपको परेशानी दे सकते हैं।
फोर ऑफ पेंटाकल्स कार्ड कहता है कि अब जाकर आपको अपने करियर में थोड़ी स्थिरता मिल सकती है। अगर यह आपकी पहली नौकरी है या करियर में इस स्थिरता को पाने के लिए आपने पहले संघर्ष किया है, तो अभी भी आप अपने करियर को लेकर थोड़े बेचैन हो सकते हैं।
सेहत के मामले में आपको द डेथ कार्ड मिला है जो स्वास्थ्य में बदलाव के संकेत दे रहा है। यह कार्ड आध्यात्मिक विकास और पुनर्जीवन का संकेत हो सकता है।
घूमने के लिए कहां जाएं: दक्षिण अमेरिका
मकर राशि
प्रेम जीवन: सेवन ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: टू ऑफ वैंड्स (रिवर्स्ड)
करियर: द हाई प्रिस्टेस
स्वास्थ्य: टू ऑफ पेंटाकल्स
प्रेम के मामले में मकर राशि के जातकों को सेवन ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड मिला है जिसके अनुसार आप या आपका पार्टनर धोखा दे रहा है या किसी और के साथ संबंध में है। इसके साथ ही यह कार्ड आपको प्यार में धोखा देने वाले लोगों से दूर रहने की सलाह दे रहा है।
टू ऑफ वैंड्स (रिवर्स्ड) आर्थिक जीवन में असंतुलन के संकेत दे रहा है। इस सप्ताह आपकी आर्थिक स्थिति में लाभ या हानि से ज्याद अव्यवस्था देखने को मिलेगी। आप इस समय धन और अपने दीर्घकालिक उद्देश्यों पर नज़र रखें और कोई बड़ी खरीदारी या निवेश करने से बचें। इस समय आपको हर चीज़ में स्पष्टता रखने की ज़रूरत है।
अगर आपका काम रचनात्मकता से जुड़ा है, तो यह कार्ड आपके लिए करियर में नए विचारों का संकेत दे रहा है। द हाई प्रिस्टेस कार्ड के अनुसार अपने भविष्य या नौकरी के लिए कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने के मामले में आपको अपने मन की बात पर भरोसा करना चाहिए। आपके ज्ञान का खजाना ही आपकी मदद करेगा। कभी-कभी यह कार्ड सलाहकार या उपदेशक के आने का भी संकेत दे सकता है जो कि करियर में आगे बढ़ने में आपकी मदद कर सकते हैं।
टू ऑफ पेंटाकल्स कार्ड व्यक्ति के आध्यात्मिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है। इस कार्ड का कहना है कि जातक अपनी देखभाल करने के साथ-साथ कई दायित्वों को निभा रहा है। यह कार्ड रिवर्स्ड होने पर दर्शाता है कि जीवन के अन्य पहलुओं पर ध्यान देने की वजह से व्यक्ति ने अपने स्वास्थ्य को अनदेखा किया है।
घूमने के लिए कहां जाएं: वियतनाम
कुंभ राशि
प्रेम जीवन: पेज ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ वैंड्स
करियर: नाइट ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: पेज ऑफ कप्स
कुंभ राशि के जातकों को पेज ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जिसका मतलब है कि आपकी जिंदगी में रोमांस दस्तक दे रहा है। यह सिंगल जातकों के लिए जश्न मनाने का समय है। आप अपने प्यार के दायरे को बढ़ाने के लिए इस समय मौजूद अवसरों का लाभ उठाने का प्रयास करें। शादीशुदा या जो जातक प्रेम संबंध में हैं, उनके रिश्ते में स्नेह रहेगा और वे अपने पार्टनर के साथ आनंदमय समय बिता सकते हैं।
इस कार्ड का मतलब है कि आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी है। मुश्किल समय में अपनी प्रतिबद्धता और दृढ़ता की वजह से आज आप आर्थिक रूप से सुरक्षित हो पाए हैं। इस समय आपको अपनी कड़ी मेहनत का फल मिल रहा है। आप खुश रहें और आनंद लें लेकिन अधिक आत्मविश्वासी होने से बचें। धन के मामले में लापरवाह होना कतई भी सही नहीं है। इस बात का ध्यान रखें और अपनी उपलब्धियों का आनंद उठाएं।
पेशेवर जीवन में आपको नाइट ऑफ कप्स के रूप में एक शानदार कार्ड मिला है। इस कार्ड के अनुसार कोई ऐसा व्यक्ति आपके सामने काम का प्रस्ताव रख सकता है जो कि एक बहुत ही सफल व्यवसायी बनने की राह पर है। वे आपकी भी सफलता पाने में मदद करेंगे।
सेहत के मामले में पेज ऑफ कप्स कार्ड शुभ समाचार और शुभ परिणाम लेकर आया है। इस कार्ड के अनुसार आप कोई ऐसी थेरेपी या उपचार ले सकते हैं, जो आपको संपूर्ण रूप से बेहतर महसूस करने में मदद करे।
घूमने के लिए कहां जाएं: बर्लिन
मीन राशि
प्रेम जीवन: पेज ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: पेज ऑफ पेंटाकल्स
करियर: किंग ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: सेवन ऑफ कप्स
इस सप्ताह मीन राशि के जातकों को पेज ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जो कि कई संभावनाओं की ओर संकेत कर रहा है। यदि आप सिंगल हैं, तो आप नए लोगों से मिलने और रोमांस करने के लिए उत्सुक रहेंगे। रोमांटिक जीवन में आपको कोई ऐसा मिलेगा, जो कि ये सारे गुण रखता होगा।
इस सप्ताह आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आना शुरू होगा। आप अपने भविष्य की तैयारी करें, पेज ऑफ पेंटाकल्स कार्ड आपके लिए बेहतरीन परिणाम पाने के संकेत दे रहा है। आप देखेंगे कि आपके प्रयासों का आपकी भौतिक स्थिति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है बशर्ते आप धन के मामले में जरूरी रिसर्च करें और अपने खर्चों की योजना बनाकर चलें।
किंग ऑफ पेंटाकल्स कार्ड पेशे के मामले में एक समृद्ध कंपनी या साम्राज्य का प्रतीक है। यह कार्ड कार्यक्षेत्र में सफलता को दर्शाता है। इसके साथ ही इस कार्ड का मतलब है कि आपने जिस क्षेत्र को चुना है, उसमें आप किसी प्रमुख पद पर पहुंच सकते हैं या अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
सेहत के मामले में आापको अपराइट सेवन ऑफ कप्स कार्ड मिला है जो कि आपको बहुत ज्यादा काम न करने और अधिक ऊर्जा न लगाने की सलाह दे रहा है। यह कार्ड आपको याद दिला रहा है कि आपको पहले अपनी सेहत पर ध्यान देना चाहिए और अपने ऊपर ज्यादा बोझ नहीं डालना चाहिए।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. टैरो में कौन सा कार्ड सबसे ज्यादा परेशानी देता है?
उत्तर. डेथ और द टॉवर कार्ड।
प्रश्न 2. कौन सा टैरो कार्ड अवसर को दर्शाता है?
उत्तर. पेज ऑफ वैंड्स और पेज ऑफ पेंटाकल्स।
प्रश्न 3. कौन सा कार्ड यूथफुलनेस को दिखाता है?
उत्तर. द फूल।
अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 12 जनवरी से 18 जनवरी, 2025
कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)?
अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा।
इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (12 जनवरी से 18 जनवरी, 2025)
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं।
जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनि देव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मूलांक 1
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक समय को लेकर अधिक सजग रहते हैं और समय के अनुसार चलना पसंद करते हैं। ये अपने लक्ष्यों को लेकर काफी सचेत रहेंगे और उन्हें प्राप्त करने का प्रयास करेंगे।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आाप अपने जीवनसाथी से घुमा-फिराकर बात करने के बजाय सीधी बात करना पसंद करेंगे। इस समय आप अपने पार्टनर के साथ सबसे सकारात्मक दृष्टिकोण रख सकते हैं।
शिक्षा: छात्र इस सप्ताह प्रोफेशनल स्टडीज़ में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। मरीज इंजीनियरिंग और केमिकल इंजीनियरिंग आदि विषयों में उत्कृष्टता हासिल कर सकते हैं।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक अपने काम को पूरा करने के लिए सिद्धांतों पर चलना पसंद करेंगे और अपने कार्य को निपुणता के साथ पूरा करेंगे। वहीं व्यापारियों को अधिक मुनाफा होने की उम्मीद है। इन्हें पार्टनरशिप से फायदा हो सकता है।
सेहत: इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है। आपके अंदर जोश और उत्साह बढ़ने की वजह से ऐसा हो सकता है। इसके अलावा आपको योग और ध्यान से भी लाभ होने के संकेत हैं।
उपाय: आप रोज़ 19 बार ‘ॐ भास्कराय नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 2
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक रिसर्च करने को लेकर उत्सुक रहते हैं और इसी दिशा में अपना मन लगा सकते हैं। ये यात्रा करने के लिए भी अधिक उत्साहित रहते हैं और इसका आनंद लेते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने पार्टनर के सामने अपनी भावनाओं को बेझिझक होकर रख सकेंगे और इसके परिणामस्वरूप अपने जीवनसाथी के साथ बेफिक्र होकर आगे बढ़ सकेंगे।
शिक्षा: इस सप्ताह छात्र प्रोफेशनल स्टडीज़ जैसे कि केमिकल इंजीनियरिंग और मरीन इंजीनियरिंग आदि में उत्कृष्टता हासिल करेंगे। आप ये सब अपनी बुद्धि के दम पर प्राप्त करेंगे।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को इस सप्ताह अपनी प्रतिबद्धता और पेशेवर तरीके से काम करने की वजह से कोई लाभ और इंसेंटिव मिल सकता है। वहीं व्यापारी इस समय अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम होंगे।
सेहत: मूलांक 2 वाले जातकों की इस सप्ताह इम्युनिटी काफी मज़बूत रहने वाली है। इससे आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। आपके अंदर जोश और साहस होने की वजह से ऐसा हो सकता है। आप ध्यान और योग की मदद से भी उत्तम स्वास्थ्य को प्राप्त करने में सक्षम हो सकते हैं।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अधिक आध्यात्मिक होते हैं और ये अपना मन आध्यात्मिक चीज़ों पर ही लगा सकते हैं। ये खुले विचारों वाले होते हैं और जो भी करते हैं, उसके लिए कुछ बड़ा सोचते हैं।
प्रेम जीवन: इस समय आप अपने पार्टनर के साथ अधिक ईमानदार रहेंगे और इस तरह आप दोनों के बीच प्यार बढ़ेगा। आप अपने जीवनसाथी के साथ खुश रहेंगे।
शिक्षा: प्रोफेशनल स्टडीज़ में बिज़नेस मैनेजमेंट, एडवांस स्टैस्टिक्स जैसे विषय आपके लिए शानदार रहने वाले हैं। आप उच्च अंक प्राप्त करने और अपने कौशल को साबित करने में सक्षम होंगे।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को विदेश जाने का मौका मिल सकता है और ये अवसर आपको सफलता की ॐचाईयों तक पहुंचाने का काम करेंगे। व्यापारियों को अपने बिज़नेस पार्टनर का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा और उनके ज़रिए आपको व्यापार के क्षेत्र में अधिक अवसर मिल सकते हैं एवं आप अधिक मुनाफा कमा पाएंगे।
सेहत: आपकी इम्युनिटी मज़बूत होने की वजह से इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य भी दुरुस्त रहने वाला है। इसके अलावा आत्मविश्वास से भरपूर होने की वजह से भी आपको फायदा होगा।
उपाय: आप रोज़ 21 बार ‘ॐ गुरुवे नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 4
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अधिक भावुक और जुनून से भरे होते हैं और इसी के आधार पर ये अपने निर्णय लेते हैं। ये जातक अपने कार्यों को लेकर अधिक सचेत रहते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपसी तालमेल की कमी की वजह से आपको अपने पार्टनर के साथ आनंदमय समय बिताने का मौका नहीं मिल पाएगा। आप दोनों के बीच बहस होने की आशंका है। इसकी वजह से आपके रिश्ते में खटास आ सकती है।
शिक्षा: छात्रों का पढ़ाई पर से ध्यान भटक सकता है और इस वजह से वे उच्च अंक प्राप्त करने में असमर्थ रह सकते हैं। एकाग्रता की कमी की वजह से भी आप पढ़ाई में पीछे रह सकते हैं।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक कार्यक्षेत्र में काम का दबाव बढ़ने की वजह से पीछे रह सकते हैं। इस कारण से आप उत्कृष्ट प्रदर्शन करने और नाम कमाने में असफल रह सकते हैं। यदि आप व्यवसाय में हैं, तो प्रतिस्पर्धी आपको पीछे छोड़ सकते हैं, जिसकी वजह से आपको कम अवसर प्राप्त होंगे।
सेहत: आपके अंदर साहस की कमी हो सकती है और इसका असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा। इस सप्ताह आपके अंदर ऊर्जा की कमी भी देखने को मिल सकती है। ताकत में कमी आने के कारण आप उच्च तनाव के शिकार हो सकते हैं।
उपाय: आप रोज़ 22 बार ‘ॐ दुर्गाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
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मूलांक 5
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कर के प्रभावी निर्णय लेने पर ध्यान देते हैं। इन जातकों को अपने सेंस ऑफ ह्यूमर से काफी मदद मिलती है।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपके और आपके पार्टनर के बीच रिश्ते में खटास आने की आशंका है। आप दोनों का रिश्ता कमज़ोर पड़ सकता है। आप खुद को अपने जीवनसाथी से दूर कर सकते हैं और इसका आपके रिश्ते पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
शिक्षा: पढ़ाई के मामले में यह सप्ताह ज्यादा अच्छा नहीं रहने वाला है। आप शिक्षा के क्षेत्र में जो प्रयास कर रहे हैं, उनमें आपको आसानी से सफलता नहीं मिल पाएगी। इसके अलावा आपका पढ़ाई पर से ध्यान भी भटक सकता है।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस वजह से आप थोड़ा परेशान रह सकते हैं। मुमकिन है कि आप अधिक मेहनत करेंगे लेकिन आपके प्रयासों एवं कार्य को मान्यता नहीं मिल पाएगी। वहीं व्यापारी मुनाफा कमाने में विफल रह सकते हैं और इन्हें अपने मौजूदा पार्टनर के साथ भी समस्याएं आने की आशंका है।
सेहत: इस सप्ताह इम्युनिटी कमज़ोर होने की वजह से आपको नसों से संबंधित समस्याएं होने के संकेत हैं। कभी-कभी आपको पाचन से जुड़ी परेशानियां भी घेर सकती हैं।
उपाय: आप रोज़ 41 बार ‘ॐ नमो नारायण’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 6
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, या 24 तारीख को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातकों की ह्यूमर और रचनात्मक कार्यों आदि में अधिक रुचि हो सकती है। इन जातकों की घूमने-फिरने और मौज-मस्ती करने में अधिक दिलचस्पी हो सकती है।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपकी ओर से तालमेल की कमी होने के कारण आप अपने पार्टनर के साथ रिश्ते में नाखुश रह सकते हैं। आपको अपने जीवनसाथी के साथ धैर्य से पेश आने की ज़रूरत है।
शिक्षा: इस सप्ताह आपकी एकाग्रता में कमी आने की वजह से पढ़ाई पर से आपका ध्यान भटक सकता है। इस कारण से आप पढ़ाई पर ठीक से फोकस नहीं कर पाएंगे।
पेशेवर जीवन: मुमकिन है कि नौकरीपेशा जातकों को अपनी नौकरी के संबंध में अच्छे परिणाम न मिल पाएं। इस वजह से आप चिंता में आ सकते हैं। वहीं व्यापारियों को भी इस सप्ताह अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
सेहत: इस सप्ताह आपकी इम्युनिटी कमज़ोर होने की वजह से स्किन से संबंधित समस्याएं होने की आशंका है। आपको इस समय त्वचा पर खुजली की शिकायत अधिक हो सकती है।
उपाय: रोज़ 33 बार ‘ॐ शुक्राय नम:’ मंत्र का जाप करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, या 25 तारीख को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक दार्शनिक होते हैं। कभी-कभी इन जातकों में धैर्य की कमी हो सकती है और यह इनके विकास में बाधा बनने का काम कर सकता है।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने पार्टनर के साथ ईमानदार रहने में असमर्थ रह सकते हैं। इसके साथ ही आप अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ते में नाखुश नज़र आएंगे। आपके रिश्ते की सुख-शांति के भंग होने की आशंका है। इस वजह से आप दोनों के बीच दूरियां बढ़ सकती हैं।
शिक्षा: उच्च अंक प्राप्त करने में सफलता न मिल पाने की वजह से छात्र दिशाहीन महसूस कर सकते हैं। विद्यार्थियों को पढ़ाई पर अधिक ध्यान देने की ज़रूरत है।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक अपने काम से असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं एवं आप इस समय अपने वरिष्ठ अधिकारियों के गुस्से का भी शिकार हो सकते हैं। वहीं व्यापारियों को अधिक नुकसान होने की आशंका है। इस सप्ताह आपको अधिक मुनाफा होने की उम्मीद कम नज़र आ रही है।
सेहत: इम्युनिटी कमज़ोर होने की वजह से आपको इस सप्ताह पाचन से संबंधित समस्याएं होने के संकेत हैं। ये आपके लिए बाधा बन सकती हैं। इसलिए आपको इस समय अधिक दवाएं लेने की ज़रूरत है।
उपाय: आप रोज़ 43 बार ‘ॐ गं गणपतये नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 8
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, या 26 तारीख को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक काम पर अधिक ध्यान देते हैं और अपने काम को ध्यान से करते हैं। ये लोग अपनी जिंदगी में अधिक प्रतिबद्ध होते हैं और अपने रोज़मर्रा के कामों को योजना एवं शेड्यूल बनाकर करना पसंद करते हैं।
प्रेम जीवन: आप अपने जीवनसाथी के प्रति अधिक खुशी और सकारात्मकता से भरा हुआ दृष्टिकोण दिखा सकते हैं, और इसे व्यक्त करने का आपका तरीका और भी सकारात्मक हो सकता है।
शिक्षा: अगर आप प्रोफेशनल स्टडीज़ कर रहे हैं, तो इस सप्ताह आपको उत्कृष्टता पाने के लिए अधिक मेहनत करने, फोकस करने और स्पष्ट विचारों के साथ आगे बढ़ने की ज़रूरत है। सफलता पाने का यही एक तरीका है। लेकिन अगर आप पढ़ाई को लेकर प्रतिबद्ध हैं, तो भी आप सफलता पा सकते हैं।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को नौकरी के नए अवसर मिलने के आसार हैं। इसकी वजह से आपका आत्मविश्वास बढ़ जाएगा लेकिन ये अवसर आपके लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। व्यापारियों को औसत मुनाफा होने की उम्मीद है। इससे आपके उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पाएगी।
सेहत: आपको इस सप्ताह पैरों, कंधों और जांघों में दर्द की शिकायत हो सकती है। इम्युनिटी कमज़ोर होने की वजह से ऐसा हो सकता है।
उपाय: आप रोज़ 11 बार ‘ॐ हनुमते नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 9
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, या 27 तारीख को हुआ है)
मूलांक 9 वाले जातक अपने कार्य तेजी और अधिक कुशलता के साथ करते हैं। ये जातक कभी-कभी मूडी हो सकते हैं और इस वजह से इनके हाथ से अच्छे अवसर छूट सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस समय आप अपने पार्टनर से घुमा-फिराकर बात करने के बजाय सीधी बात करना पसंद करेंगे। इस सप्ताह आप अपने पार्टनर के साथ बातों और चीज़ों को साझा करने में खुशी दिखा सकते हैं। इससे आप दोनों का रिश्ता मज़बूत होगा।
शिक्षा: इस सप्ताह छात्र अधिक पेशेवर तरीके से पढ़ाई करेंगे। आप अपनी पढ़ाई के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे और अच्छे से पढ़ाई करेंगे।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक समय पर काम पूरा करने का प्रयास करेंगे जिससे लोग आपसे खुश हो सकते हैं। व्यापारी इस सप्ताह अपने नेतृत्व करने के गुणों को दिखा सकते हैं। व्यापारियों का अपने बिज़नेस पर नियंत्रण रहेगा।
सेहत: साहस और मज़बूत इम्युनिटी की वजह से आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहने वाला है। ऐसा आपके अंदर मौजूद ऊर्जा के उच्च स्तर के कारण हो सकता है।
उपाय: आप रोज़ 27 बार ‘ॐ भौमाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. मूलांक 6 पर किस ग्रह का आधिपत्य है?
उत्तर. मूलांक 6 के स्वामी शुक्र ग्रह हैं।
प्रश्न 2. मूलांक 3 के स्वामी ग्रह कौन हैं?
उत्तर. 3 मूलांक के स्वामी बृहस्पति ग्रह हैं।
प्रश्न 3. मूलांक 2 वाले जातक कैसे होते हैं?
उत्तर. ये जातक भावुक स्वभाव के होते हैं।
पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता है पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत, जानें 2025 में कब है?
हिंदू धर्म के अनुसार साल में कई एकादशी आती हैं जिनमें पौष पुत्रदा एकादशी का बहुत महत्व है। पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में दो बार पुत्रदा एकादशी आती है। पहली एकादशी पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है और दूसरी पुत्रदा एकादशी का व्रत सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आता है।
इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत एवं पूजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से वाजपेय यज्ञ के बराबर पुण्य फल मिलता है। शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति संतान प्राप्ति चाहते हैं, वे इस एकादशी पर व्रत रख सकते हैं। संतान की प्राप्ति और उसकी दीर्घायु के लिए इस दिन व्रत एवं पूजन किया जाता है।
09 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर एकादशी तिथि आरंभ होगी और 10 जनवरी को 10 बजकर 22 मिनट पर इसका समापन होगा। इस प्रकार पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी को शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। पुत्रदा एकादशी पर शुभ योग भी बन रहा है।
कुल नित्य योगों में शुभ योग 23वें स्थान पर आता है और इस योग पर मां लक्ष्मी का आधिपत्य है। शास्त्रों में शुभ योग को बहुत लाभकारी माना जाता है। इस योग को भाग्यशाली और पुण्य देने वाला कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस योग में किए जाने वाले सभी कार्य संपन्न होते हैं।
पौष पुत्रदा एकादशी 2025 का महत्व
जिन जातकों के कोई संतान नहीं है, वे पुत्र या संतान प्राप्ति के लिए पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रख सकते हैं। इस दिन व्रत एवं पूजन करने से सभी सुख-सुविधाएं मिलती हैं और व्यक्ति मृत्यु के बाद बैकुंठ धाम को जाता है। इसके साथ ही उसके सारे पाप भी धुल जाते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से संतान का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है और वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
पुत्रदा एकादशी की व्रत कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक नगर में सुकेतुमान नाम का राजा रहता था, उसकी पत्नी का नाम शैव्या था। राजा-रानी दोनों संतानहीन थे और इस बात को लेकर वह सदैव चिंतित रहते थे। राजा को यह बात विचलित करती थी कि उनके बाद उनका राजपाट कौन संभालेगा और मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार, श्राद्ध, पिंडदान आदि कर्म कौन करेगा और कौन उन्हें मुक्ति दिलाएगा और कौन उनके पितरों का तर्पण करेगा?
एक बार राजा जंगल में विचरण करने निकले और वहां जाकर प्रकृति के सौंदर्य को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए। जंगल में राजा ने देखा कि हिरण, मोर व अन्य पशु पक्षी अपनी पत्नी व बच्चों के साथ सुख से जी रहे हैं। यह सब देखकर वह और ज्यादा परेशान हो गए। उनके मन में विचार आने लगा कि इतने पुण्य कर्म करने के बाद भी वह निःसंतान रह गए।
उसी समय राजा को प्यास लगी और वह पानी की तलाश में करने लगा। तभी उनकी नज़र नदी के किनारे बने ऋषि-मुनियों के आश्रम पर पड़ी। राजा ने वहां जाकर सभी ऋषियों को प्रणाम किया। राजा के विनम्र स्वभाव को देखकर वहां उपस्थित सभी ऋषि उससे काफी प्रसन्न हुए और उसे कोई वरदान मांगने के लिए कहा। इस पर राजा ने कहा -हे! ऋषिगण मेरे पास सब कुछ है लेकिन कोई संतान नहीं है। आजकल मैं बस इसी चिंता में डूबा रहता हूं।
राजा की इस बात को सुनकर ऋषि बोले, “राजन! भगवान ने आज तुम पर अपनी विशेष कृपा दिखाई है और उनकी कृपा से ही तुम यहां पहुंचे हो। ऋषि ने राजा को पुत्रदा एकादशी का पूरी निष्ठा से व्रत करने के लिए कहा। राजा ने उस व्रत का पालन किया और नियम के अनुसार द्वादश के दिन व्रत पारण किया। इसके कुछ दिनों बाद रानी गर्भवती हुईं और उन्हें एक तेजस्वी और यशस्वी पुत्र की प्राप्ति हुई और अंत में राजा को मोक्ष मिला। इस प्रकार से इस व्रत का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।
आप पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान कर के साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद आप घर के पूजन स्थल में खड़े होकर व्रत का संकल्प लें। अब आप अपने घर के पूजा स्थल की सफाई करें और पूरे घर को शुद्ध करें। मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें और फिर शंख में जल भरकर प्रतिमा का अभिषेक करें।
अभिषेक करने के बाद आप भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाएं और चावल, फूल, अबीर, गुलाल, इत्र आदि से उनकी पूजा करें। इसके बाद आप मूर्ति के आगे घी का दीपक जलाएं। पौष पुत्रदा एकादशी पर पीले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है क्योंकि विष्णु जी को पीला रंग बहुत प्रिय है। इसके अलावा आप भगवान विष्णु को भी पीले वस्त्र अर्पित करें।
अब आप भगवान विष्णु को मौसमी फल, आंवला, लौंग, नींबू, सुपारी चढ़ाएं। फिर गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं। खीर में तुलसी का पत्ता जरूर डालें। इसके बाद पुत्रदा एकादशी की कथा पढ़ें और आरती करें।
पौष पुत्रदा एकादशी 2025 के दिन मंदिर जाकर भी श्रीहरि और मां लक्ष्मी की आराधना करें और एकादशी की रात भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करें। एकादशी के अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उसके पश्चात् ही व्रत का पारण करें।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
पौष पुत्रदा 2025 एकादशी पर इन बातों का रखें ध्यान
आप इस दिन अपशब्दों का प्रयोग न करें, किसी से झगड़ा न करें और न ही क्रोध करें।
एकादशी के दिन सात्विक भोजन ग्रहण करें और व्रती को अनाज का सेवन करने से बचना चाहिए।
एकादशी के दिन चावल का सेवन करना सख्त वर्जित है। इसके अलावा मांस, मछली, शराब और अंडे आदि से भी परहेज़ करना चाहिए।
आप पौष पुत्रदा एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और इस दिन सिर न धोएं।
इस दिन भोग में तुलसी के पत्तों का प्रयोग करना शुभ माना जाता है लेकिन एकादशी तिथि पर तुलसी के पत्ते तोड़ने नहीं चाहिए।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. पौष पुत्रदा एकादशी 2025 कब है?
उत्तर. 10 जनवरी, 2025 को पौष पुत्रदा एकादशी है।
प्रश्न 2. पुत्रदा एकादशी क्यों मनाई जाती है?
उत्तर. संतान प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखा जाता है।
प्रश्न 3. पुत्रदा एकादशी पर क्या नहीं खाना चाहिए?
उत्तर. इस दिन प्याज, लहसुन और मांस आदि का सेवन वर्जित है।
केतु गोचर 2025: इन राशियों के जीवन में लाएगा बड़ा बदलाव, फूंक-फूंककर रखना होगा कदम!
वैदिक ज्योतिष में राहु की तरह केतु भी एक छाया ग्रह है और इन्हें अशुभ एवं पापी ग्रह माना जाता है। केतु देव को प्रभाव का ग्रह भी कहा जाता है क्योंकि यह किसी भी जातक को कभी भी स्वतंत्र परिणाम प्रदान नहीं करते हैं। हालांकि, केतु महाराज का संबंध मनुष्य जीवन के हर क्षेत्र से है इसलिए इनकी चाल, दशा या स्थिति में होने वाला बदलाव विश्व समेत सभी 12 राशियों को भी प्रभावित करता है। जैसे कि हम जानते हैं कि नया साल दस्तक देने को तैयार हैं और इसी वर्ष यानी कि साल 2025 में केतु ग्रह का गोचर होने जा रहा है। ऐसे में, आपके मन में सवाल आ रहे होंगे कि केतु का यह राशि परिवर्तन आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा? क्या प्रेम जीवन से लेकर करियर तक में बढ़ जाएंगी समस्याएं? क्या यह आपको देंगे सफलता या फिर नाकामयाबी से होगा आपका सामना? यदि हाँ, तो आप एकदम सही जगह आये हैं क्योंकि इस लेख को विशेष रूप से आपके लिए ही बनाया गया है।
एस्ट्रोसेज का यह ख़ास ब्लॉग हमारे अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषियों द्वारा केतु गोचर और अन्य ग्रहों की स्थिति को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है जिसके अंतर्गत आप केतु गोचर 2025 का समय एवं तिथि के बारे में जान सकेंगे। साथ ही, केतु गोचर से आपके जीवन में क्या बड़े बदलाव आएंगे और क्या है ज्योतिष में इसका महत्व आदि से भी आपको रूबरू करवाएंगे।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
केतु गोचर 2025: क्या रहेगा समय?
छायाग्रह के रूप में केतु हर एक राशि में लगभग 18 महीनों के लिए रहते हैं। यह एक निश्चित समय के बाद एक राशि से दूसरी राशि में गोचर कर जाते हैं। हालांकि, पिछले लंबे समय से केतु महाराज बुध ग्रह की राशि कन्या में विराजमान थे और अब इनका गोचर 18 मई 2025 की शाम 05 बजकर 08 मिनट पर सूर्य देव की सिंह राशि में हो जाएगा। एक लंबे समय के बाद होने वाला केतु ग्रह का गोचर सभी राशियों के जातकों के जीवन को अलग-अलग रूप से प्रभावित करता है।
केतु कैसे करते हैं आपके जीवन को प्रभावित?
वैदिक ज्योतिष में केतु को रहस्यमयी ग्रह माना जाता है जो व्यक्ति को जीवन में अज्ञात चीजों को तलाशने में सहायता करते हैं। इन्हें ज्ञान देने वाला ग्रह कहा जाता है। हालांकि, सनातन धर्म में केतु को भगवान गणेश का स्वरूप माना जाता है। साथ ही, यह मोक्ष, अध्यात्म और वैराग्य के कारक कहे गए हैं। केतु का शुभ प्रभाव जातक के भीतर आत्मिक और आध्यात्मिक विकास को बढ़ाने का काम करता है।
अगर केतु ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति के प्रभाव में होते हैं, तो ऐसा इंसान बेहद धार्मिक होता हैं। इसके विपरीत, मंगल के प्रभाव में केतु के होने पर जातक क्रूर बन जाता है। लेकिन, कुंडली में केतु और मंगल की अच्छी स्थिति होने पर जातक के महान शल्य चिकित्सक बनने की संभावना होती है।
केतु कुंडली में बनाते हैं कालसर्प दोष
ज्योतिष में कालसर्प दोष को सबसे खतरनाक एवं अशुभ दोष माना जाता है जो व्यक्ति के जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इस दोष के निर्माण में केतु ग्रह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में केतु ग्रह कालसर्प योग का निर्माण करने में सक्षम होता है। केतु महाराज से मिलने वाले परिणाम भी दूसरे ग्रहों के समान ही अपनी दशा पर आधारित होते हैं। अलगाव का ग्रह कहे जाने वाले केतु देव के प्रभाव में व्यक्ति का मोह सांसारिक सुखों से भंग होने लगता है।
राहु और केतु दोनों ही छाया ग्रह माने गए हैं और यह ग्रह सदैव वक्री अवस्था में आगे बढ़ते हैं इसलिए जहाँ अधिकतर ग्रह राशि परिवर्तन करके अगली राशि में जाते हैं, तो वहीं केतु महाराज गोचर करके पिछली राशि में प्रवेश करते हैं। इसी क्रम में, केतु कन्या राशि से निकलकर एक राशि पीछे यानी कि सिंह राशि में जा रहे हैं।। हालांकि, कुंडली में केतु ग्रह की दृष्टि जिन ग्रहों पर होती है और जिन ग्रहों के साथ केतु युति करते हैं, उनसे मिलने वाले परिणाम भी केतु के फल में रूप में देखे जा सकते हैं।
बात करें केतु के शत्रु और मित्र ग्रह की, तो देवगुरु बृहस्पति केतु के मित्र हैं जबकि सूर्य एवं चंद्रमा को इनके शत्रु माना जाता हैं। शनि, बुध और शुक्र से केतु ग्रह तटस्थ संबंध रखते हैं। हालांकि, कुंडली में केतु जिस ग्रह के साथ उपस्थित होते हैं, उसके प्रभाव से व्यक्ति की बुद्धि को कमज़ोर बनाते हैं। वहीं, केतु महादशा में जातक हर जगह से निराश होकर लौटता है। साथ ही, इंसान को अनेक समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
कौन सा ग्रह मोक्ष देता है?
ज्योतिष में केतु ग्रह का संबंध मोक्ष से माना गया है।
केतु ग्रह का अगला गोचर कब होगा?
वर्ष 2025 में केतु देव 18 मई 2025 को सिंह राशि में गोचर करेंगे।
सिंह राशि का स्वामी कौन हैं?
राशि चक्र की पांचवीं राशि सिंह के स्वामी सूर्य देव हैं।
सूर्य का मकर राशि में गोचर: देश-दुनिया और शेयर मार्केट में आएंगे बड़े बदलाव!
सूर्य गोचर 2025: एस्ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं सूर्य के गोचर से संबंधित यह खास ब्लॉग।
14 जनवरी, 2025 को सूर्य शनि की राशि मकर में गोचर करने जा रहे हैं। इस ब्लॉग में बताया गया है कि सूर्य के मकर राशि में गोचर का राशियों, देश-दुनिया, स्टॉक मार्केट और राजनीति के क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। वे कुंडली में पिता, राज्य, कार्यकारी शाखा और व्यक्ति के पारस्परिक संबंधों को दर्शाते हैं। यदि कुंडली में सूर्य मज़बूत हो, तो व्यक्ति को ऊर्जा और इच्छाशक्ति मिलती है एवं उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत होती है और उसके अंदर जीवन के सभी नकारात्मक पहलुओं जैसे बीमारियों से लड़ने की क्षमता मौजूद रहती है।
जिन लोगों की कुंडली में सूर्य मज़बूत होता है, उनका दिमाग तेज होता है, वे धनी होते हैं और इन्हें अपने जीवन में सफलता प्राप्त होती है। इसके साथ ही इन जातकों को अपने भाग्य का साथ मिलता है और ये बुद्धिमान होते हैं एवं इनकी ऊंची आकांक्षाएं होती हैं और ये चिकित्सा के क्षेत्र में निपुण होते हैं। इसके अलावा सूर्य की यह स्थिति व्यक्ति की आध्यात्मिकता के स्तर को दर्शाती है और वह धर्म, मंदिर एवं अन्य पूजनीय स्थलों के बारे में क्या महसूस करता है, इस बारे में भी बताती है। हिंदू धर्म में सूर्य के मकर राशि में गोचर करने को ‘मकर संक्रांति‘ के रूप में भी जाना जाता है और इस दिन को बहुत पवित्र माना जाता है। इस दिन से धार्मिक कार्यक्रमों और विवाह आदि की शुरुआत होती है।
सूर्य का मकर राशि में गोचर: समय
सूर्य हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। 14 जनवरी, 2025 को सूर्य सुबह 08 बजकर 41 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। तो चलिए अब जानते हैं कि सूर्य के मकर राशि में गोचर करने का राशियों और देश-दुनिया पर क्या प्रभाव देखने को मिलेगा।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मकर राशि में सूर्य: विशेषताएं
मकर राशि में सूर्य कड़ी मेहनत और अनुशासन के साथ दीर्घकालिक उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करने को दर्शाता है। ये जातक अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में ज्यादा सहज नहीं होते हैं, लेकिन इनका विश्वास और दृढ़ संकल्प इन्हें अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल बनाता है।
महत्वाकांक्षी और लक्ष्य पर ध्यान देने वाले: मकर राशि के जातक अपने दृढ़ संकल्प और सहज प्रवृत्ति के लिए जाने जाते हैं। ये अपने लिए दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित करते हैं और उन्हें पाने के लिए धैर्य एवं दृढ़ता के साथ कड़ी मेहनत करते हैं। ये सफलता पाने और अपने प्रयासों को सम्मान या पहचान दिलाने के लिए प्रेरित रहते हैं।
अनुशासित और जिम्मेदार: जिन लोगों की कुंडली में सूर्य मकर राशि में होते हैं, वे जातक अनुशासन में रहना पसंद करते हैं और बहुत जिम्मेदार होते हैं। काम, रिश्तों या फिर जीवन के अन्य पहलुओं में ये अपनी प्रतिबद्धताओं या जिम्मेदारियों को बहुत गंभीरता से लेते हैं। ये संरचना और व्यवस्था पसंद करते हैं और अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए ईमानदार रहते हैं।
व्यावहारिक और वास्तविकता में जीने वाले: मकर राशि के जातक सपनों की दुनिया में रहने की बजाय वास्तविकता में विश्वास रखते हैं और इनका जीवन के प्रति व्यवहारिक दृष्टिकोण होता है। ये भावनाओं या विचारों के बजाय तथ्यों और तर्क के आधार पर फैसले लेना पसंद करते हैं। समय, पैसा या ऊर्जा, ये हर तरह के संसाधन को संभालने में माहिर होते हैं।
धैर्यवान और दृढ़ निश्चयी: मकर राशि के जातकों को अक्सर धीरे-धीरे आगे बढ़ने और दृढ़ता से सफलता प्राप्त होती है। इन्हें यह बात पता होती है कि बड़े लक्ष्यों को पाने में समय लगता है और ये लंबे समय तक कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार रहते हैं। इनके अंदर धैर्य का गुण होता है जो ध्यान भटकाए बिना चुनौतियों को पार करने में इनकी मदद करता है।
गंभीर और सचेत: मकर राशि के जातक खासतौर पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के मामले में गंभीर या संयमित हो सकते हैं एवं ये आपको अलग-थलग भी दिखाई दे सकते हैं। ये अपनी भावनाओं को गुप्त रखना ही पसंद करते हैं और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखते हैं। ये सतर्क प्रवृत्ति के होते हैं और निर्णय लेने से पहले अच्छे से सोच-विचार करना पसंद करते हैं।
स्वतंत्र और आत्मनिर्भर: मकर राशि वाले लोग आत्मनिर्भर होते हैं और ये अपनी देखभाल खुद कर पाने में सक्षम होते हैं। ये जातक आत्मनिर्भरता को महत्व देते हैं और अपने लक्ष्य को पाने के लिए दूसरों से मदद लेने के बजाय अपने खुद के प्रयासों पर भरोसा करते हैं।
भावनाओं को छिपाते हैं: मकर राशि वाले गंभीर दिखाई देते हैं लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि इनमें भावनाएं नहीं होती हैं। हालांकि, ये अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखने में माहिर होते हैं और खासतौर पर सार्वजनिक या पेशेवर स्तर पर उन्हें खुलकर व्यक्त नहीं कर पाते हैं।
राजा सूर्य के न्यायाधीश शनि की राशि मकर में प्रवेश करने पर भारत और विश्व की राजनीति में कुछ उल्लेखनीय लेकिन रचनात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सरकार और प्रशासन में सुधार देखने को मिलेगा।
सरकार और प्रशासन अधिक कुशलता के साथ काम करती हुई और जनता के साथ अधिक प्रभावी तरीके से जुड़ती हुई नज़र आएगी।
अब प्रशासन अपनी उन कमियों को दूर करना शुरू कर देगा, जो इनके संपूर्ण विकास में बाधा का काम कर रही हैं।
कानून और व्यवस्था
सूर्य के शनि की मकर राशि में प्रवेश करने पर देश में कानून और व्यवस्था में सुधार देखने को मिलेगा।
सूर्य के मकर राशि में गोचर करने पर दुनियाभर के युद्ध से प्रभावित देशों को राहत मिलने की संभावना है।
इस गोचर के दौरान न्यायाधीशों और वकीलों को लाभ मिलने के संकेत हैं और इस समयावधि में न्यायपालिका के कामकाज से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।
सामाजिक कार्य और सेवा
जो जातक किसी एनजीओ और अन्य चैरिटेबल संस्थान में काम करते हैं, उनके लिए सूर्य का मकर राशि में गोचर अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।
सूर्य के शनि की राशि में गोचर करने से दुनियाभर के लोगों में परोपकार की भावना बढ़ेगी।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य उन प्रमुख ग्रहों में से एक हैं जो काफी हद तक स्टॉक मार्केट को प्रभावित करते हैं। अब सूर्य अपनी मित्र राशि मकर में गोचर करने जा रहे हैं। तो चलिए शेयर मार्केट रिपोर्ट के माध्यम से जानते हैं कि सूर्य का मकर राशि में गोचर स्टॉक मार्केट को किस तरह से प्रभावित करेगा।
सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर रासायनिक उर्वरक उ़द्योग, चाय और कॉफी उद्योग, स्टील उद्योग, हिंडाल्को, ऊनी मिलों सहित अन्य उद्योग खूब फल-फूलेंगे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज़, परफ्यूम और कॉस्मेटिक उद्योग, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोनॉजी, सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में महीने के अंत तक मंदी जारी रह सकती है।
समाजसेवा और दान करने वाले संस्थान इस गोचर के दौरान अच्छा काम करेंगे।
सूर्य के मकर राशि में गोचर करने पर साल के अंत तक सोने के भावों में तेजी आने की उम्मीद है।
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सूर्य का मकर राशि में गोचर: इन राशियों को होगा लाभ
मेष राशि
सूर्य मेष राशि के पांचवे भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। मेष राशि वालों के लिए, सूर्य का मकर राशि में गोचर होने से सूर्य को दिशाओं का बल अर्थात दिग्बल प्राप्त होगा। त्रिकोण भाव के स्वामी होने की वजह से यह गोचर आपके केंद्र भाव में हो रहा है और इससे राजयोग बन रहा है। आपके पेशेवर जीवन में सकारात्मक सुधार आ सकता है और आपको अपने प्रयासों का फल मिल सकता है। आपके वरिष्ठ अधिकारी आपके नेतृत्व करने के गुण और अपने स्किल्स को आगे बढ़ाने के लिए किए जा रहे आपके निरंतर प्रयासों की सराहना करेंगे।
हाल ही में ग्रैजुएट हुए जिन छात्रों को अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्र में काम की तलाश है, तो उनके लिए अपने करियर की शुरुआत करने के लिए यह शानदार समय है। सरकारी क्षेत्र में नौकरी की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए अनुकूल समय है। आपको अपने कर्यक्षेत्र में अहंकारी या अभिमानी न बनने की सलाह दी जाती है। इससे कार्यक्षेत्र में आपकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है और नए विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।
सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके पहले या लग्न भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। मकर राशि में गोचर करने के दौरान सूर्य के छठे भाव में रहने की वजह से कामकाजी लोग कुछ सकारात्मक बदलावों की उम्मीद कर सकते हैं। अपने विरोधियों पर विजय प्राप्त करने के लिए भी अनुकूल समय है।
अगर आप किसी विवाद या कानूनी मसले में फंसे हुए हैं, तो उसमें सकारात्मक परिणाम मिल सकता है। सूर्य की छठे भाव से बारहवें भाव पर दृष्टि पड़ने की वजह से आपके लिए अप्रत्याशित यात्रा, कानूनी मसलों या इलाज पर खर्चा होने के योग बन रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, मल्टी नेशनल कंपनी में काम कर रहे जातकों के लिए यह गोचर अच्छा साबित होगा। लेकिन इस गोचर के दौरान इन लोगों को अपनी सेहत को लेकर सावधान रहने की आवश्यकता है।
धनु राशि के नौवें भाव के स्वामी सूर्य देव हैं और अब वह आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। चूंकि, आप अपने दिलचस्प व्यक्तित्व से लोगों को प्रभावित करने में सक्षम होंगे इसलिए इस समयावधि में आपको लाभ होने की उम्मीद है।
अपने पारिवारिक बिज़नेस में काम करने वाले लोगों को सफलता मिलेगी और वे अधिक मुनाफा कमाने में सक्षम होंगे। आपको अपने पिता का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। हालांकि, अगर आप आलोचना से बचना चाहते हैं, तो शांत रहकर बात करें और अधिक आक्रामकता न दिखाएं।
मकर राशि के लोगों के आठवें भाव के स्वामी सूर्य ग्रह हैं और यह भाव गूढ़ विज्ञान, रिसर्च और अचानक घटित होने वाली घटनाओं का होता है। अब मकर राशि में गोचर करने के दौरान सूर्य आपके पहले भाव में रहेंगे।
सूर्य के मकर राशि में गोचर करने के दौरान आप अधिक आत्मविश्वासी बनेंगे और हर किसी का ध्यान आपके ऊपर रहने वाला है। आपके पद और मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
हर कोई आपके नेतृत्व करने के गुण और निर्णय लेने की क्षमता से प्रभावित होगा। कार्यक्षेत्र में आपके प्रबंधन कौशल से उच्च अधिकारी और प्राधिकारी प्रभावित होंगे। आपको ज़रूरत पड़ने पर इनकी सहायता भी मिल सकती है। कुल मिलाकर यह समय आपके करियर के लिए अनुकूल रहने वाला है।
सूर्य का मकर राशि में गोचर: इन राशियों को होगा नुकसान
मिथुन राशि
मिथुन राशि के तीसरे भाव के स्वामी सूर्य देव हैं और अब इस गोचर के दौरान वह आपके दीर्घायु, अप्रत्याशित घटनाओं और गूढ़ विज्ञान के कारक आठवें भाव में रहेंगे। सूर्य के मकर राशि में गोचर करने के दौरान सूर्य के अष्टम भाव में रहने पर आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। सेहत की बात करें, तो इस समय आपको स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं होने की आशंका है।
यहां तक कि आपको अपने पिता की सेहत को लेकर भी सावधान रहने की सलाह दी जाती है। हालांकि, जो लोग गूढ़ विज्ञान या रिसर्च के क्षेत्र में काम करते हैं, उनके लिए यह गोचर अनुकूल रहने वाला है। सूर्य की दूसरे भाव पर दृष्टि पड़ने की वजह से आप दूसरों से अपने आदेश को मानने की अपेक्षा कर सकते हैं और इसका नकारात्मक असर आपके करीबी लोगों के साथ आपके रिश्ते पर पड़ सकता है। वहीं दूसरी ओर, आप सोच-समझकर खर्चा करें।
कर्क राशि के जातकों के परिवार और आय के कारक यानी दूसरे भाव के स्वामी सूर्य देव हैं और अब इस गोचर के दौरान वह आपके सातवें भाव में रहेंगे। चूंकि, सूर्य एक गर्म ग्रह है इसलिए इसका विवाह के भाव यानी सातवें घर में रहना लाभकारी नहीं होगा।
बेवजह के अहंकार से उत्पन्न मतभेद, करीबी लोगों की दखलअंदाज़ी या बचत कम हो पाने की वजह से वैवाहिक संबंध में समस्याएं और जीवनसाथी के साथ मतभेद होने की आशंका है। आपको अपने पार्टनर की सेहत को लेकर भी सचेत रहने की आवश्यकता है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. सूर्य का कौन-सा रत्न है?
उत्तर. सूर्य का माणिक्य रत्न है।
प्रश्न 2. सूर्य को कौन सा दिन समर्पित है?
उत्तर. सूर्य के लिए रविवार का दिन होता है।
प्रश्न 3. सूर्य के लिए क्या उपाय है?
उत्तर. रोज़ सुबह सूर्य को अर्घ्य दें।
करियर राशिफल 2025 से जानें, अगले साल नौकरी में मिलेगी तरक्की या समस्याएं करेंगी परेशान!
मनुष्य जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में आता है करियर जो आपके जीवन की सफलता और असफलता को निर्धारित करता है। सामान्य शब्दों में कहें तो, जब कोई इंसान करियर में तरक्की पाता है, बुलंदियां छूता है, तो इसका असर सिर्फ करियर तक नहीं रहता है क्योंकि इसकी वजह से हमारी आर्थिक स्थिति, खानपान, रहन-सहन आदि में बदलाव आता है। ऐसे में, व्यक्ति ऐशोआराम वाला जीवन जीवन में सक्षम होता है। इसके विपरीत, एक असफल करियर व्यक्ति के जीवन को समस्याओं से भर देता है और उसे हर क्षेत्र में परेशानी झेलनी पड़ती है। जैसे कि अब हम साल 2025 में प्रवेश करने जा रहे हैं और अगर आपके मन में भी करियर को लेकर सवाल उठ रहे हैं, तो आप एकदम सही जगह आए हैं। यहां आपको “करियर राशिफल 2025” की सहायता से करियर संबंधित हर सवाल का जवाब मिलेगा। तो आइए शुरुआत करते हैं इस लेख की।
एस्ट्रोसेज का यह करियर स्पेशल ब्लॉग विशेष रूप से हमारे पाठकों के लिए तैयार किया गया है। इस लेख के माध्यम से आप न सिर्फ वर्ष 2025 में अपने करियर का हाल जान सकेंगे, बल्कि जो लोग अपने करियर की शुरुआत करना चाहते हैं, लेकिन एक सही करियर का चुनाव नहीं कर पा रहे हैं उन्हें करियर राशिफल 2025 अपनी दिशा निर्धारित करने में सहायता करेगा। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं वर्ष 2025 में कैसा रहेगा आपका करियर।
करियर राशिफल कैसे करता है आपकी सहायता?
जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि करियर हमारे जीवन को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसी क्रम में, एस्ट्रोसेज का “करियर राशिफल 2025” विशेष रूप से सभी 12 राशियों को वर्ष 2025 के लिए करियर भविष्यवाणी प्रदान करेगा। बता दें कि यह राशिफल अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषियों द्वारा ग्रहों की स्थिति, चाल, दशा और अस्त-उदय आदि को ध्यान में रखकर बनाया गया है। ऐसे में, यह ज्योतिषीय भविष्यवाणी आपको करियर के क्षेत्र में सही राह को चुनने में सहायता करेगी।
करियर राशिफल 2025 के माध्यम से आप अपनी राशि के आधार पर जान सकते हैं कि करियर के लिए कौन सा समय अनुकूल रहेगा और किस समय आपके द्वारा किये गए प्रयासों से मिल सकती है मनपसंद नौकरी। वहीं, जो जातक पहले से नौकरी करते हैं, उन्हें वर्ष 2025 में किस समय रहना होगा सावधान, कब मिलेगा प्रमोशन और कब बढ़ेगा काम का दबाव, इस बारे में भी आपको जानकारी प्राप्त होगी। इसके अलावा, यह राशिफल धन-धान्य से पूर्ण जीवन जीने के लिए धन कमाने के सही रास्ते जानने में आपका मार्गदर्शन करेगा।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
करियर को सफल बनाते हैं ये ग्रह
जैसे कि हम हमेशा से कहते आए हैं कि ग्रह मनुष्य जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित करते हैं। इसी क्रम में, किसी व्यक्ति का करियर सफल रहेगा या असफल, इनके निर्धारण में तीन ग्रह महत्वपूर्ण माने गए हैं जिनके नाम हैं: सूर्य ग्रह, बुध देव, मंगल महाराज और शनि ग्रह आदि। चलिए अब हम जानते हैं कि ये ग्रह आपके करियर को कैसे प्रभावित करते हैं।
सूर्य देव: कुंडली के दसवें भाव में सूर्य महाराज की उपस्थिति जातक के लिए सरकारी नौकरी की संभावनाओं को मज़बूत करती है। सूर्य देव की मज़बूत स्थिति जातकों को बॉस, टीम लीडर और सीईओ बना सकती है।
मंगल ग्रह: युद्ध और साहस के देवता कहे जाने वाले मंगल के कुंडली में शुभ होने पर कार्यक्षेत्र में व्यक्ति का रुतबा बना रहता है और सब आपको सम्मान की नज़रों से देखते हैं।
शनि देव: शनि ग्रह की शुभ-अशुभ स्थिति का सीधा असर जातक के करियर पर पड़ता है। कुंडली में शनि महाराज की कमज़ोर स्थिति होने पर नौकरी में लंबे समय तक समस्या बनी रहती है। साथ ही, व्यक्ति को नौकरी में सफलता प्राप्त नहीं होती है।
बुध ग्रह: बुद्धि एवं वाणी के कारक ग्रह के कुंडली में मज़बूत होने पर व्यक्ति करियर में तेज़ी से आगे बढ़ता है। ऐसे जातक अपनी बुद्धि के बल पर सही फैसला लेने की वजह से बॉस के चाहते बन जाते हैं।
करियर और कुंडली के भाव
जिन लोगों की कुंडली में दसवें भाव के स्वामी का संबंध लग्नेश से होता है, उन्हें नौकरी में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। साथ ही, नौकरी में सफलता मिलती है।
कुंडली के दसवें भाव से व्यक्ति की नौकरी के बारे में जाना जा सकता है जैसे कि कैसी नौकरी मिलेगी, पदोन्नति कब होगी आदि।
जब कुंडली के दसवें भाव में छाया ग्रह राहु/केतु या फिर मंगल ग्रह मौजूद होते हैं, तब व्यक्ति की नौकरी जा सकती है।
कुंडली में गुरु और सूर्य दोनों ग्रहों के शुभ या फिर उच्च अवस्था में होने पर जातक की नौकरी स्थायी रहती है और वह तरक्की भी हासिल करता है।
अगर दसवें भाव में गुरु या सूर्य महाराज बैठे होते हैं, तो कड़ी मेहनत के बाद पदोन्नति के योग बनते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सरकारी नौकरी के लिए किस ग्रह की पूजा करें?
ज्योतिष के अनुसार, सूर्य देव के पूजन से जातक को सरकारी नौकरी मिल सकती है।
वृषभ राशि वालों का करियर कैसा रहेगा 2025 में?
वर्ष 2025 में वृषभ राशि वालों को करियर के क्षेत्र में मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं।
मीन राशि का स्वामी कौन हैं?
राशि चक्र की अंतिम राशि मीन के स्वामी गुरु ग्रह हैं।
राहु गोचर 2025 से जानें, किन राशियों के होंगे वारे-न्यारे और किनकी बढ़ेंगी मुसीबतें?
वैदिक ज्योतिष में राहु को छाया ग्रह का दर्जा प्राप्त है जो कि क्रूर एवं पापी माने गए हैं। इन्हें एक रहस्यमयी ग्रह कहा जाता है क्योंकि राहु को समझना आसान नहीं है। शनि देव की तरह ही राहु महाराज का नाम आते ही लोगों के मन में एक डर पैदा हो जाता है। बता दें कि ज्योतिष में राहु को सबसे अप्रत्याशित फल देने वाला ग्रह कहा गया है। ऐसे में, इनकी चाल, दशा या राशि में होने वाला परिवर्तन लोगों के जीवन को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। हालांकि, राहु महाराज लंबे समय तक एक राशि में रहने के बाद अपना राशि परिवर्तन करते हैं। इसी क्रम में, नए वर्ष यानी कि साल 2025 में राहु देव अपनी राशि बदलने जा रहे हैं और इस गोचर का कैसा होगा आपकी राशि पर असर? यह गोचर देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस विशेष ब्लॉग में मिलेंगे। तो चलिए शुरुआत करते है इस लेख की।
बता दें कि एस्ट्रोसेज का यह ख़ास ब्लॉग हमारे अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषियों द्वारा तैयार किया गया है जिसके माध्यम से आपको वर्ष 2025 में होने वाले राहु गोचर से जुड़ी समस्त जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही, इस साल राहु का गोचर राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा और क्या है राहु का हमारे जीवन पर प्रभाव, इसके बारे में भी आपको अवगत करवाएंगे। चलिए अब हम बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं राहु ग्रह के बारे में।
वर्ष 2025 में कब और किस समय होगा राहु का गोचर?
बात करें राहु गोचर की तो, राहु महाराज का राशि परिवर्तन सामान्य रूप से हर 18 महीने के बाद होता है और इस अवधि के पश्चात यह एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं। ऐसे में, अब वर्ष 2025 में राहु देव 18 मई 2025 की शाम 05 बजकर 08 मिनट पर शनि देव की राशि कुंभ में गोचर करने जा रहे हैं। हालांकि, राहु ग्रह काफ़ी समय से गुरु देव की राशि मीन में विराजमान थे और अब यह अगले 18 महीने कुंभ राशि में रहेंगे।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
ज्योतिष की दृष्टि से राहु ग्रह और इनकी स्थिति
जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि वैदिक ज्योतिष में राहु महाराज को रहस्यमयी माना जाता है। यह हमेशा वक्री चाल में चलते हैं और छाया ग्रह होने के नाते कभी अस्त और उदित नहीं होते हैं। हालांकि, इनका संबंध कूटनीति और राजनीति से है। इन्हें एक मायावी ग्रह भी कहते हैं इसलिए राहु को कलयुग में एक ऐसा ग्रह कहा गया है जो व्यक्ति के जीवन को रातों रात बदलने की क्षमता रखता है। यही वजह है कि राहु देव को कलयुग के सबसे प्रभावशाली ग्रह के रूप में देखा जाता है।
बता दें कि इनकी उच्च और नीच राशि को लेकर ज्योतिषियों के मतों में अंतर देखने को मिलता है जहां कुछ ज्योतिषी वृषभ राशि और कुछ मिथुन राशि को राहु की उच्च राशि मानते हैं। वहीं, वृश्चिक और धनु राशि इनकी नीच राशि कही गई है। जब राहु और केतु केंद्र और त्रिकोण के स्वामी के साथ अनुकूल स्थिति में केंद्र और त्रिकोण भाव में बैठे होते हैं, तो राजयोग का निर्माण करते हैं।
धर्मग्रंथों में वर्णन मिलता है कि राहु स्वर्भानु नामक दैत्य का शीश है जिसे जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने अपने मोहिनी अवतार के रूप में सुदर्शन चक्र से काट दिया था, परंतु अमृत पान की कुछ बूँदें गले से नीचे जाने की वजह से शीश और धड़ हमेशा के लिए अमर हो गया। इस प्रकार, स्वर्भानु का सिर राहु और धड़ केतु के नाम से जाने लगा। राहु और केतु सूर्य और चंद्रमा से शत्रुता का भाव रखते हैं इसलिए इन पर ग्रहण लगाते हैं जो कि सूर्य और चंद्र ग्रहण के रूप में जाना जाता है। इसी क्रम में, जिनकी कुंडली में राहु देव अनुकूल स्थिति में होते हैं, वह अपने जीवन में उम्मीद से कई गुना बेहतर परिणाम प्राप्त करते हैं।
रातोंरात बदल देते हैं लोगों की तकदीर
राहु भले ही छाया ग्रह है, लेकिन इन्हें किसी भी ग्रह से कम नहीं समझा जाना चाहिए क्योंकि यह रातों-रात तकदीर बदलने वाला ग्रह है। ऐसे में, राहु ग्रह को कभी भी कम समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। राहु महाराज अपनी दशा और गोचर काल में आपको ऐसे-ऐसे रंग दिखाता है जिनकी जीवन में कल्पना भी नहीं की जा सकती है। शायद ही आप जानते होंगे कि राहु को ब्याहु के नाम से भी जाना जाता है। सामान्य शब्दों में कहें तो, कुंडली में राहु की दशा आने पर कई बार जातक के विवाह योग बन जाते हैं और यह शादी बेमेल भी हो सकती है।
राहु देव निरंकुश प्रवृत्ति का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। जिन जातकों की कुंडली में राहु मज़बूत होते हैं, उनकी बुद्धि बहुत तेज़ होती है। इसके परिणामस्वरूप, वह जीवन में आने वाली हर समस्या का हल ढूंढ़ने में सफल रहते हैं। वहीं, अगर कुंडली में राहु ग्रह अशुभ स्थिति या कमज़ोर अवस्था में होने पर जातकों को नकारात्मक परिणाम प्रदान करते हैं। इनके प्रभाव से जातक बुरी आदतों में पड़ जाता है और लोगों के साथ छल, कपट और धोखा करने लगता है। साथ ही, वह मांस-मदिरा और तामसिक चीज़ों का सेवन करता है। इसके अलावा, अशुभ राहु इंसान को अधर्मी बनाने का काम करता है।