आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025: भारत जीतेगा या न्यूजीलैंड को मिलेगा कप?
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025: एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग के ज़रिए हम आपको चैंपियंस ट्रॉफी मैच के ज्योतिषीय विश्लेषण की जानकारी प्रदान कर रहे हैं। इस विश्लेषण के ज़रिए आप जान सकते हैं कि आज होने वाले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल मैच में भारत और न्यूज़ीलैंड में से किस टीम को जीत हासिल हो सकती है। यह ज्योतिषीय गणना टैरो और आज के दिन की ऊर्जा के आधार पर की गई है।
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच हो रहे इस मैच का विश्लेषण पूरी तरह से ज्योतिष के आधार पर शैक्षिक एवं अनुसंधान के उद्देश्य से किया गया है।
आज 09 मार्च, 2025 को दुबई में दोपहर 02 बजकर 30 मिनट (IST) पर दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच यह मैच खेला जाएगा।
आज के मैच के लिए रोहित शर्मा की कुंडली का विश्लेषण
जन्म तिथि: 29 अप्रैल, 1987
जन्म का समय: 12:00:00
जन्म स्थान: नागपुर, भारत
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा की कुंडली देखें, तो वह कर्क लग्न के हैं और लग्न भाव का स्वामी चंद्रमा दसवें भाव में है। यह लग्नेश के लिए उत्तम स्थिति है। रोहित की कुंडली में सूर्य उच्च का है और वह दसवें भाव में बुध के साथ युति कर बुधादित्य योग का निर्माण कर रहे हैं।
वर्तमान में रोहित की राहु की महादशा के साथ चंद्रमा की अंर्तदशा चल रही है और कुंडली में बैठे राहु के ऊपर से राहु का गोचर हो रहा है। यह अपने आप में एक विशेष गोचर होता है और यदि राहु शुभ स्थिति में हो, तो यह शानदार सफलता दिला सकता है। रोहित शर्मा की जन्मकुंडली में नौवें भाव में राहु (रणनीति का भाव) बैठा है और इसी भाव में नवम भाव का स्वामी बृहस्पति और उच्च का शुक्र भी मौजूद है। शुक्र चौथे भाव का स्वामी है जिसे सिंहासन या शासन का भाव माना जाता है। 09 मार्च, 2025 को चंद्रमा रोहित के बारहवें भाव में मिथुन राशि में गोचर करेंगे जो कि विदेश में सफलता के संकेत दे रहा है।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
तो चलिए अब आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में न्यूज़ीलैंड की टीम के कप्तान मिचेल सैंटनर की कुंडली का विश्लेषण देखते हैं।
आज के मैच के लिए मिचेल सैंटनर की कुंडली का विश्लेषण
जन्म तिथि: 05 फरवरी, 1992
जन्म का समय: 00:00:00
जन्म स्थान: हैमिलटन, न्यूज़ीलैंड
मिचेल सैंटनर वृश्चिक लग्न के हैं और उनके लग्न भाव का स्वामी मंगल दूसरे भाव में बैठा है जो कि एक अच्छा संकेत है लेकिन यहां पर मंगल के साथ शुक्र और राहु भी विराजमान हैं। अब राहु और शुक्र दोनों का ही मंगल के साथ मैत्री संबंध नहीं है और शुक्र उनके लिए मारक ग्रह भी हैं जिससे मंगल कमज़ोर हो रहा है। नवम भाव का स्वामी चंद्रमा सूर्य के नज़दीक होने की वजह से अस्त हो रहा है।
चंद्रमा का शत्रु शनि भी अष्टमेश बुध के साथ उसी भाव में उपस्थित है। आठवां भाव आकस्मिक घटनाओं का कारक होता है। वर्तमान में मिचेल की बृहस्पति की महादशा चल रही है और दसवें भाव में बृहस्पति शुभ स्थिति में है। उनके आठवें भाव में चंद्रमा का गोचर होना शुभ संकेत नहीं दे रहा है। इसलिए कहा जा सकता है कि न्यूज़ीलैंड की टीम मैच में आखिर तक बने रहने के लिए भरपूर प्रयास करेगी लेकिन मैदान में देर तक खड़ी नहीं रह पाएगी।
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अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 09 मार्च से 15 मार्च, 2025
अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा।
इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (09 मार्च से 15 मार्च, 2025)
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं।
जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनि देव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मूलांक 1
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अधिक साहसी और दृढ़ निश्चयी हो सकते हैं। आमतौर पर ये जातक सामान्य सिद्धांतों पर चलना पसंद करते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपके और आपके जीवनसाथी के बीच मधुर संबंध बनेंगे और आपका रिश्ता मज़बूत होगा। इसकी वजह से आप अपने पार्टनर के और करीब आ सकते हैं।
शिक्षा: इस समय आप शिक्षा के क्षेत्र में उच्च सफलता हासिल करेंगे और इस वजह से आपके कौशल में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आपको अपने काम को लेकर प्रतिबद्ध रहने की वजह से अपने कार्यक्षेत्र में सफलता मिल सकती है। वहीं व्यापारियों के लिए उच्च मुनाफे के योग बन रहे हैं।
सेहत: इस समय शारीरिक रूप से फिट और दृढ़ निश्चयी रहने की वजह से आपकी सेहत अच्छी रहने वाली है। खुश रहने के कारण आप तरोताज़ा महसूस करेंगे।
उपाय: रोज़ 19 बार ‘ॐ भास्कराय नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 2
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक निर्णय लेने में अस्थिर हो सकते हैं और यह चीज़ आपके विकास में रुकावट बन सकती है। आपको इस सप्ताह के लिए योजना बनाने और अनुकूल परिणाम मिलने की उम्मीद के साथ आगे बढ़ने की ज़रूरत है।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपको अपने जीवनसाथी के साथ आगे बढ़ने में कंफ्यूज़न हो सकती है। इस कंफ्यूज़न के कारण आप दोनों के बीच दूरियां आ सकती हैं।
शिक्षा: इस समय छात्र पढ़ाई के मामले में पीछे रह सकते हैं। अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असफलत रह सकते हैं। उच्च शिक्षा के लिए भी यह सप्ताह अच्छा नहीं रहने वाला है।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह नौकरीपेशा जातकों का प्रदर्शन कमज़ोर रह सकता है। इस वजह से आपके हाथ से कई नए और बेहतरीन अवसर छूट सकते हैं। यदि आप व्यापार करते हैं, तो आप अपने प्रतिद्वंदियों की गलत रणनीतियों का शिकार हो सकते हैं। इस कारण से आपको नुकसान होने की आशंका है।
सेहत: रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमज़ोर होने की वजह से आपको तेज़ सिरदर्द होने के संकेत हैं। आपको अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखने की ज़रूरत है।
उपाय: आप मंगलवार के दिन मां दुर्गा के लिए यज्ञ-हवन करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक खुले विचारों वाले हो सकते हैं। इससे ये आगे बढ़ने में सक्षम होते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने जीवनसाथी के साथ घुमा-फिराकर बात करने के बजाय सीधी बात करना पसंद करेंगे। इसकी वजह से आप दोनों का रिश्ता अधिक मज़बूत होगा।
शिक्षा: इस सप्ताह पढ़ाई के मामले खासतौर पर प्रोफेशनल स्टडीज़ में आप अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। एमबीए, फाइनेंशियल अकाउंटिंग, जैसे विषय आपके लिए लाभकारी साबित होंगे।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आप अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे और उसमें उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे। इसके लिए आपको इस सप्ताह मान-सम्मान भी मिल सकता है। वहीं व्यापारी आउटसोर्सिंग बिज़नेस में अच्छा लाभ कमा सकते हैं।
सेहत: इस समय आप शारीरिक रूप से फिट रहने वाले हैं। इसकी वजह से आपके जोश और ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे। इससे आप अपने स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने में सक्षम होंगे।
उपाय: आप रोज़ 21 बार ‘ॐ गुरुवे नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 4
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 4 वाले जातक अधिक जुनून से भरे हो सकते हैं। ये कुछ चीज़ों को लेकर बहुत ज्यादा आसक्त हो सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने जीवनसाथी के प्रति अलगाव महसूस कर सकते हैं। इस वजह से आप अपने रिश्ते में खुशियों को बनाए रखने और अपने रिश्ते को मज़बूत करने में असमर्थ रह सकते हैं।
शिक्षा: इस सप्ताह छात्रों की पढ़ाई में रुचि कम हो सकती है। इसके साथ ही उच्च ज्ञान प्राप्त करने को लेकर आपके अंदर उत्साह में भी कमी देखी जा सकती है। आपको इस समय प्रतियोगी परीक्षा में हिस्सा लेने से बचने की सलाह दी जाती है।
पेशेवर जीवन: इस समय नौकरीपेशा जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में अधिक प्रगति न मिल पाने के संकेत हैं। इसके कारण आपको समय पर काम पूरा करने में देरी हो सकती है। वहीं व्यापारियों को अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है। इसकी वजह से उनके मुनाफे में कमी आने की आशंका है।
सेहत: इस सप्ताह इम्युनिटी कमज़ोर होने की वजह से आपका स्वास्थ्य औसत रहने वाला है। आपको अपनी डाइट पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है।
उपाय: आप रोज़ 22 बार ‘ॐ राहवे नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 5
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अधिक कुशल और समझदार होते हैं। ये उच्च स्तर का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने जीवनसाथी के साथ अच्छे संबंध विकसित करने में असफल हो सकते हैं। इसके कारण आपके रिश्ते में खुशियों में कमी आ सकती है।
शिक्षा: अपने आलसी रवैये के कारण आप पढ़ाई में पीछे रह सकते हैं। आपको अपनी इस आदत को दूर करना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से आप उच्च अंक लाने में असफल हो सकते हैं।
पेशेवर जीवन: कार्यक्षेत्र में मिल रहे लगातार काम के दबाव और उच्च अधिकारियों से अपने काम को लेकर मान्यता न मिल पाने की वजह से आप अच्छा प्रदर्शन करने से पीछे रह सकते हैं। वहीं व्यापारियों को अपने प्रतिद्वंदियों से हार का सामना करना पड़ सकता है।
सेहत: इस सप्ताह आपकी सेहत औसत रहने वाली है। तंत्रिका संबंधित समस्याओं के कारण आपका तनाव बढ़ सकता है।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक रचनात्मक प्रवृत्ति के होते हैं। ये ललित कला को लेकर अधिक उत्साह दिखा सकते हैं। इन लोगों की यात्रा करने या घूमने-फिरने में अधिक रुचि हो सकती है।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपके और आपके पार्टनर के बीच अहंकार से संबंधित समस्याएं होने की आशंका है। इससे बचने के लिए आपको अपने जीवनसाथी के साथ धैर्य से पेश आने की ज़रूरत है अन्यथा आपके रिश्ते से खुशियां गायब हो सकती हैं।
शिक्षा: इस समय छात्रों की पढ़ाई में रुचि कम हो सकती है। इसके साथ ही आपके लिए प्रगति करना भी मुश्किल लग रहा है। अगर आप प्रोफेशनल स्टडीज़ करने की सोच रहे हैं, तो अभी आपको अपने इस फैसले को टाल देना चाहिए।
पेशेवर जीवन: इस दौरान आपके ऊपर काम का दबाव बहुत ज्यादा बढ़ सकता है। इसका असर आपके काम पर भी पड़ेगा। आपमें से कुछ लोग अच्छी संभावनाओं के लिए नौकरी बदलने के बारे में सोच सकते हैं।
सेहत: इस समय आपकी इम्युनिटी कमज़ोर होने के कारण आपकी सेहत में गिरावट देखने को मिल सकती है। वहीं ऊर्जा में कमी आने की वजह से आपकी काम करने की क्षमता भी कमज़ोर हो सकती है।
उपाय: आप रोज़ ‘ॐ शुक्राय नम:’ का जाप करें।
मूलांक 7
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 7 वाले जातकों को धार्मिक स्थलों की यात्रा करने का मौका मिल सकता है। ये रीति-रिवाज़ में विश्वास रखते हैं और उन्हें पूरी निष्ठा के साथ निभाते हैं। ये लोग सर्व गुण संपन्न हो सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप खुद को अपने पार्टनर से दूर कर सकते हैं। इसके कारण आपके रिश्ते में आकर्षण और खुशियों में कमी आ सकती है। आपको इससे बचने की सलाह दी जाती है।
शिक्षा: इस सप्ताह छात्रों को पढ़ाई को लेकर परेशानी होने के संकेत हैं। पढ़ाई में रुचि कम होने की वजह से ऐसा हो सकता है। आपको इससे बचने की आवश्यकता है।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपके ऊपर काम का बोझ बढ़ने की वजह से ऐसा हो सकता है। यदि आप व्यापार करते हैं, तो आपको बहुत कम मुनाफा हो सकता है।
सेहत: इम्युनिटी कमज़ोर होने की वजह से आपको सनबर्न और त्वचा से संबंधित समस्याएं होने की आशंका है। इसके लिए आपको दवाईयां लेनी पड़ सकती हैं।
उपाय: आप रोज़ 41 बार ‘ॐ केतवे नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 8
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक इस सप्ताह अपने काम को लेकर अधिक सिद्धांतवादी और प्रतिबद्ध हो सकते हैं। आपके लिए अधिक यात्रा के योग बन रहे हैं।
प्रेम जीवन: इस समय आपका धैर्य छूट सकता है और इसकी वजह से आपके रिश्ते की सुख-शांति भंग होने की आशंका है। आपको धैर्य से काम लेने की सलाह दी जाती है।
शिक्षा: यह सप्ताह छात्रों के लिए ज्यादा लाभकारी नहीं रहने वाला है। आपको पढ़ाई पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत है ताकि आप अच्छा प्रदर्शन कर सकें और उच्च अंक प्राप्त करने में सफल हों।
पेशेवर जीवन: काम के अधिक दबाव के कारण नौकरीपेशा जातकों से कुछ गलतियां हो सकती हैं। इस वजह से आप अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने में पीछे रह सकते हैं। वहीं व्यापारी अपने प्रतिद्वंदियों की ओर से मिल रहे दबाव के कारण अधिक मुनाफा कमाने में असफल रह सकते हैं।
सेहत: इस सप्ताह आपको जोड़ों और कंधों में तेज़ दर्द हो सकता है। यह आपकी परेशानी को बढ़ाने का काम करेगा। इसे ठीक करने के लिए आपको योग करने की सलाह दी जाती है।
उपाय: आप रोज़ 11 बार ‘ॐ हनुमते नम:’ मंत्र का जाप करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक साहसी, गतिशील और उत्साह से भरपूर होते हैं। ये जातक सीधे-साधे होते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने पार्टनर से अपनी जिंदगी के कुछ पहलुओं को लेकर खुलकर बात कर सकते हैं। इस वजह से आप दोनों के बीच मतभेद होने की आशंका है।
शिक्षा: इस सप्ताह शिक्षा के क्षेत्र में आप कोई बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकते हैं। इसके साथ ही आप अपने लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर पाएंगे। आप अपनी छाप छोड़ने में सफल रहेंगे और अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की कोशिश करेंगे।
पेशेवर जीवन: आप अपने करियर में बहुत अच्छा कर रहे हैं और यह आपके प्रदर्शन में साफ नज़र आ रहा है। व्यापारी इस समय अपने प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़ सकते हैं और व्यवसाय के क्षेत्र में एक मज़बूत दावेदार के रूप में उभर सकते हैं।
सेहत: इस समय इम्युनिटी मज़बूत रहेगी और आपके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होगी। इससे आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है। आपके अंदर अधिक साहस देखने को मिलेगा और इसका आपकी सेहत पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
उपाय: आप मंगलवार के दिन मंगल ग्रह के लिए पूजा करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. अपने मूलांक का कैसे पता लगा सकते हैं?
उत्तर. अपनी जन्मतिथि को जोड़कर मूलांक जान सकते हैं।
प्रश्न 2. 6 मूलांक वाले लोग कैसे होते हैं?
उत्तर. ये हंसमुख स्वभाव के होते हैं।
प्रश्न 3. 7 मूलांक का स्वामी ग्रह कौन है?
उत्तर. इसके स्वामी केतु ग्रह हैं।
टैरो साप्ताहिक राशिफल (09 मार्च से 15 मार्च, 2025): इन राशियों का चमकेगा भाग्य!
टैरो साप्ताहिक राशिफल 09 मार्च से 15 मार्च, 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषियों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।
टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्मा से बात करने का मौका देता है।
आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मज़ाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।
टैरो की उत्पति 15वीं शताब्दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।
टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्त किया जा सकता है। आप कुछ स्तर पर अध्यात्म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंर्तज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।
तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 09 मार्च से 15 मार्च, 2025 तक का समय सभी 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 09 मार्च से 15 मार्च, 2025: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
प्रेम जीवन: द हीरोफैंट
आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्स्ड)
करियर: ऐस ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: टेन ऑफ वैंड्स (रिवर्स्ड)
प्रेम जीवन में द हीरोफैंट अपराइट कार्ड यह बताता है कि धर्म रोमांटिक संबंधों और जीवनसाथी चुनने को कैसे प्रभावित करता है। इस कार्ड का कहना है कि आपको अपने लिए पारंपरिक और अच्छे जीवनसाथी की तलाश करनी चाहिए। ज्यादा मॉडर्न पार्टनर ढूंढ़ने से आपको बाद में परेशानी हो सकती है। लव लाइफ में यह कार्ड आध्यात्मिक पहलुओं को भी दर्शाता है और यह याद दिला सकता है कि हमें अपने जीवनसाथी के साथ सम्मान और नैतिकता के साथ पेश आना चाहिए। कभी-कभी यह कार्ड विवाह के संकेत भी दे सकता है।
टैरो राशिफल में रिवर्स्ड नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड एकाग्रता और धैर्य में कमी और अवसरों के छूटने या बिना सोचे-समझे काम करने को दर्शाता है। इसकी वजह से जातक जल्दबाज़ी में निर्णय और बिना सोच-समझे कार्य कर सकते हैं।
अपराइट ऐस ऑफ कप्स कार्ड अच्छी भावनाओं और नए अवसरों को दर्शाता है। करियर के क्षेत्र में आप इनका कई तरीकों से उपयोग कर सकते हैं। अगर आप नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो यह कार्ड करियर के क्षेत्र में एक नई शुरुआत के संकेत दे रहा है।
स्वास्थ्य के मामले में आपको टेन ऑफ वैंड्स कार्ड इनवर्टिड मिला है। इस कार्ड का कहना है कि आप बहुत ज्यादा काम कर रहे हैं और बोझिल महसूस कर रहे हैं। आपको सब कुछ खुद करने के बजाय दूसरों को काम सौंपने या दूसरों से सहायता लेनी चाहिए।
शुभ रंग: लाल
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: फोर ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: थ्री ऑफ पेंटाकल्स
करियर: क्वीन ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: सेवन ऑफ कप्स (रिवर्स्ड)
प्रेम जीवन में वृषभ राशिके जातकों को फोर ऑफ कप्स कार्ड मिला है जो कि असंयम, उदासीनता या अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता को दर्शाता है। यह कार्ड इस बात का भी संकेत हो सकता है कि आप भावनात्मक रूप से एक ही जगह पर अटके हुए हैं इसलिए आपको नए विकल्पों के बारे में सोचना चाहिए।
थ्री ऑफ पेंटाकल्स कार्ड कहता है कि आप किसी उद्देश्य को पाने के लिए अपने ज्ञान और योग्यता को किसी बड़े समूह के साथ मिलाकर काम कर रहे हैं। यह आर्थिक रूप से सुरक्षित होने का एक संकेत है। इससे आप सुरक्षित जीवन जी सकेंगे और कुछ हद तक विलासित का आनंद ले पाएंगे। आपके वेतन में वृद्धि होने के भी संकेत हैं।
क्वीन ऑफ वैंड्स कार्ड करियर और वित्त के क्षेत्र में अत्यधिक ऊर्जा और कार्यक्षमता को दर्शाता है। आप इस समय प्रेरित और प्रभावशाली रहेंगे एवं कई चीज़ों को एक साथ संभालने में सक्षम होंगे। आपको अपने करियर में इसलिए सफलता मिल पाई है क्योंकि आप अपने जीवन को संभालने और योजना बनाकर चलने में सक्षम हैं।
सेवन ऑफ कप्स इनवर्टिड कार्ड जीवनशैली से संबंधित गलत निर्णयों को दर्शाता है। ये निर्णय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर आप अधिक भोजन या शराब का सेवन कर रहे हैं या नशा कर रहे हैं, तो सेवन ऑफ कप्स कार्ड रिवर्स्ड आपको इस बात के संकेत देता है कि अब समय आ गया है कि आप अपनी सेहत पर फिर से ध्यान देना शुरू करें।
शुभ रंग: ओपल व्हाइट
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: द एम्पेरर
आर्थिक जीवन: क्वीन ऑफ कप्स
करियर: ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: फोर ऑफ स्वॉर्ड्स
प्रेम जीवन की बात करें, तो मिथुन राशि के जातकों को द एम्परेर कार्ड मिला है। रोमांस के दृष्टिकोण से यह कार्ड कुछ ज्यादा रोमांटिक नहीं होता है और एक बहुत ही गंभीर व्यक्ति को दर्शाता है लेकिन फिर भी टैरो राशिफल में इस कार्ड का आना सहायक हो सकता है। इस कार्ड का कहना है कि हमें रोमांस और रिश्तों को समझदारी, अनुशासन, योजना और तर्क के साथ संभालना चाहिए। यदि रिश्तों को ठीक तरह से संभाला न गया, तो ये आप पर हावी हो सकते हैं और आपके लिए समस्याओं की वजह बन सकते हैं।
क्वीन ऑफ कप्स कार्ड वित्त के मामले में अनुकूल वित्तीय दृष्टिकोण को दिखाता है। इस कार्ड के अनुसार आपकी वित्तीय स्थिति स्थिर और सुरक्षित रहेगी एवं आप धन प्रबंधन को लेकर संतुलित दृष्टिकोण अपनाएंगे। यह कार्ड अक्सर इस बात का संकेत देता है कि धन के साथ सकारात्मक संबंध बनाए रखने पर ध्यान दिया जाए और मुश्किल एवं पेचीदा निवेशों या जोखिम भरे कार्यों से बचा जाए।
चूंकि, ऐस कार्ड हमेशा नई शुरुआत का प्रतीक होता है इसलिए ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड नए पेशे, पद या करियर को दर्शा सकता है। ये चीज़ें आपको मानसिक रूप से उत्तेजित कर सकती हैं। कार्यस्थल में आपके आसपास ऐसे सहकर्मी हो सकते हैं जो नई अवधारणाओं और विचारों पर बात करना पसंद करते हों, इससे आपके लिए उनके साथ बातचीत करना आसान होगा।
हेल्थ टैरो रीडिंग में फोर ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड आमतौर पर आराम करने और बीमारी से ठीक होने को दर्शाता है। इसका मतलब है कि आपको अपने शरीर की सुनने और अपनी देखभाल को प्राथमिकता देने के लिए अपनी दिनचर्या से ब्रेक लेने की ज़रूरत है। इससे आप मानसिक थकान या तनाव से बच सकते हैं या आपके शरीर को किसी बीमारी से ठीक होने या उबरने का मौका मिल सकता है।
शुभ रंग: पेस्टल ग्रीन
कर्क राशि
प्रेम जीवन: किंग ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: टेम्पेरेंस
करियर: द मैजिशियन
स्वास्थ्य: द लवर्स
कर्क राशि के जातकों को प्रेम जीवन में किंग ऑफ कप्स कार्ड मिला है जिसके अनुसार आपका पार्टनर समझदार होगा, आपको भावनात्मक रूप से सहयोग प्रदान करेगा और आपसे बेहद प्यार करेगा। यह कार्ड एक ऐसे रिश्ते का प्रतिनिधित्व करता है जिसका आधार सहानुभूति और आपसी समझ हो एवं रिश्ता भावनात्मक रूप से मज़बूत हो। यह कार्ड अक्सर एक खुशहाल और संतोषजनक रिश्ते को दर्शाता है जिसमें पार्टनर ईमानदार और प्रतिबद्ध हो।
वित्तीय जीवन में द टेम्पेरेंस कार्ड संतुलित और सोच-समझकर लिए गए आर्थिक निर्णयों के महत्व को दर्शाता है। यह कार्ड आपको जल्दबाज़ी में निर्णय लेने से बचने और अपने खर्च करने के तरीके पर ध्यान देने के लिए कह रहा है।
द मैजिशियन कार्ड करियर के क्षेत्र में अपार संभावनाओं की ओर संकेत कर रहा है। इस कार्ड का कहना है कि आपके पास अपने सपनों को साकार करने और अपने चुने हुए क्षेत्र में सफल होने के लिए आवश्यक क्षमता, संसाधन और कौशल मौजूद हैं। यह आपको पहल करने और अपने कौशल का उपयोग करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
टैरो हेल्थ रीडिंग के अनुसार द लवर्स कार्ड स्वास्थ्य में संतुलन और सामंजस्य बिठाने की ज़रूरत को दर्शाता है। यह कार्ड आपको अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए प्रेरित कर रहा है जिससे आप अपने शरीर की ज़रूरतों को समझें और अपनी देखभाल को लेकर समझदारी से निर्णय लें। यह कार्ड ऐसे रिश्तों के महत्व को भी दर्शाता है जो आपके स्वास्थ्य को मज़बूत करने में सहायक हों।
सिंह राशि के जातकों को फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड मिला है। यह कार्ड रिश्ते में समस्याओं और विवाद के संकेत दे रहा है। ये विवाद बातचीत कम होने के कारण हो सकते हैं और इनकी वजह से बहस या मतभेद होने की आशंका है। गंभीर परिस्थितियों में यह कार्ड आक्रामकता, दुर्व्यव्हार और डराने-धमकाने का संकेत भी दे सकता है।
वित्त के क्षेत्र में आपको व्हील ऑफ फॉर्च्यून कार्ड मिला है जो कि वित्तीय स्थिति में बदलाव के संकेत दे रहा है। इस कार्ड का कहना है कि आपको अपने पैसों को समझदारी से संभालना चाहिए और अप्रत्याशित खर्चों के लिए तैयार रहना चाहिए। इसके अलावा अगर आप आर्थिक रूप से मज़बूत हैं, तो आपको अधिक पैसों की बचत करनी चाहिए।
करियर में फाइव ऑफ वैंड्स कार्ड प्रतिस्पर्धा वाले क्षेत्रों जैसे कि सेल्स, बैंकिंग और एथलीटों की ओर इशारा कर रहा है। यदि आप इन क्षेत्रों में काम नहीं करते हैं या आपके क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा नहीं है, तो हो सकता है कि आप अपने करियर में कुछ समस्याओं का सामना कर रहे हों। आपको वेतन में वृद्धि या पदोन्नति के लिए किसी व्यक्ति से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ सकती है। वर्तमान में आप जिन मतभेदों का सामना कर रहे हैं, उसमें आपको दूसरों के अहंकार से भी निपटना पड़ सकता है।
सेहत के मामले में नाइन ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड चिंता, नींद आने में दिक्कत, सिरदर्द या हार्मोंस में असंतुलन जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के संकेत दे रहा है।
शुभ रंग: क्रिमसम
कन्या राशि
प्रेम जीवन: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: टू ऑफ कप्स
करियर: थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: थ्री ऑफ वैंड्स
प्यार के मामले में नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड का कहना है कि आपका पार्टनर आपसे ज्यादा प्रभावशाली हो सकता है और आप दोनों के व्यक्तित्व के बीच जो अंतर है, उसकी वजह से आप दोनों के रिश्ते में असंतुलन पैदा हो सकता है। जीवनसाथी के बहुत ज्यादा डिमांड करने की वजह से आपके लिए उनके साथ रिश्ते में रह पाना मुश्किल हो सकता है। आप उनसे बात कर के समस्याओं का हल निकालने की कोशिश करें।
आर्थिक स्तर पर आपको टू ऑफ कप्स कार्ड मिला है जो कि निष्पक्षता और संतुलन को दर्शाता है। इस कार्ड के अनुसार इस सप्ताह आप अपने पैसे को संभालने में सक्षम होंगे और आपके पास अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन होगा।
इस समय आपके लिए काम तनाव, चिड़चिड़ापन और निराशा का कारण हो सकता है। इस कार्ड के अनुसार अचानक आपकी नौकरी छूट सकती है या आपका व्यापार डूब सकता है। इसके अलावा यह कार्ड कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों और क्लाइंट के साथ किसी बात पर असहमति की ओर भी इशारा कर रहा है। आप अपने सहकर्मियों के साथ खुलकर और अच्छे से बात करें और अपने व्यवहार में विनम्रता बनाए रखें। आपको उनसे और उन्हें आपसे बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है।
थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड के अनुसार आपको दूरदर्शिता अपनानी चाहिए, अपनी सुख-सुविधाओं को छोड़कर बाहर आना चाहिए एवं मुश्किलों का सामना करना चाहिए। इस कार्ड के अनुसार आपको आने वाले कल का सामना पूरे आत्मविश्वास, उद्देश्य और निष्ठा के साथ करना चाहिए।
शुभ रंग: एमराल्ड ग्रीन
तुला राशि
प्रेम जीवन: किंग ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: ऐस ऑफ पेंटाकल्स
करियर: सिक्स ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: नाइट ऑफ पेंटाकल्स
टैरो रीडिंग में अपराइट किंग ऑफ पेंटाकल्स कार्ड रिश्ते में समर्पण और समझदारी के साथ-साथ मज़बूत पार्टनरशिप का प्रतिनिधित्व कर सकता है। किंग ऑफ पेंटाकल्स कार्ड एक ऐसे ईमानदार साथी को दर्शा सकता है जो भौतिक और भावनात्मक सहयोग प्रदान कर सके।
ऐस ऑफ पेंटाकल्स कार्ड वित्तीय जीवन में समृद्धि और नए अवसरों का संकेत दे रहा है। यह कार्ड व्यवसाय, प्रमोशन या नए पद के ज़रिए वित्तीय सफलता प्राप्त करने की संभावना को दर्शाता है। यह कार्ड आपको सलाह दे रहा है कि आप इन अवसरों का लाभ उठाएं एवं सोच-समझकर जोखिम उठाएं।
टैरो रीडिंग में सिक्स ऑफ पेंटाकल्स कार्ड पेशेवर जीवन में प्रगति, वित्तीय स्थिरता या सहयोग मिलने के अवसर को दर्शा सकता है। इस कार्ड का कहना है कि आप दूसरों के लिए जितना करते हैं, उतना आपको मिले भी, इसके बीच संतुलन बनाने की ज़रूरत है।
हेल्थ रीडिंग में नाइट ऑफ पेंटाकल्स कार्ड स्वास्थ्य की ओर सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की ओर इशारा कर रहा है। इसमें अपनी देखभाल करना, स्वास्थ्य के प्रति संतुलित दृष्टिकोण अपनाना और स्वस्थ आदतों एवं दिनचर्या के ज़रिए शारीरिक रूप से स्वस्थ होना शामिल है।
शुभ रंग: फ्यूशिया
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: सेवन ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ पेंटाकल्स (रिवर्स्ड)
करियर: थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्स्ड)
स्वास्थ्य: सिक्स ऑफ वैंड्स
वृश्चिक राशि के जातकों को लव रीडिंग में सेवन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड अपराइट पोजीशन में मिला है। इस कार्ड का कहना है कि आप अपने रिश्ते पर ध्यान दे रहे हैं और अपने पार्टनर का ख्याल रख रहे हैं। इस कार्ड का मतलब है कि आप एक ऐसे रिश्ते को अपना समय और ऊर्जा देने के लिए तैयार हैं जो लंबे समय तक चले और आपको संतुष्टि प्रदान करे।
हो सकता है कि आप धीरे-धीरे वित्तीय समस्या से उबर रहे हैं। आप किसी बड़े नुकसान के बाद आपातकाल की स्थिति के लिए फिर से पैसे बचा सकते हैं या कोई ऋण चुका सकते हैं। प्रयास करते रहने की वजह से आपकी वित्तीय स्थिति एक बार फिर से स्थिर हो सकती है। बुरा समय अब बीत चुका है।
कार्यक्षेत्र में एक बार फिर से चीज़ें बेहतर होने लगी हैं। आपका दृष्टिकोण और प्रसन्नता दोनों बढ़ रही हैं और तनावपूर्ण विवाद खत्म हो रहे हैं। हो सकता है कि जिस सहकर्मी से आपकी बहस हुई हो, अब वह उस चीज़ से आगे निकल चुका हो या जो व्यक्ति आपको परेशान करता था, वह चला गया हो। संभव है कि कार्यस्थल पर सभी लोग भविष्य की ओर ध्यान केंद्रित कर रहे हों और एक-दूसरे की पुरानी गलतियों को माफ कर के आगे बढ़ रहे हों। पुरानी गलतियों को दोहराने से बचने के लिए नई कार्यप्रणाली या पद्धतियां लागू हो सकती हैं और बातचीत में सुधार आ सकता है।
टैरो कार्ड में सिक्स ऑफ वैंड्स कार्ड सेहत के मामले में अनुकूल परिणाम को दर्शाता है। इसमें किसी बीमारी से पूरी तरह से ठीक होना और स्वास्थ्य स्थिति में सुधार आना शामिल है। इसके साथ ही आपको ये एहसास भी हो सकता है कि आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए जो प्रयास कर रहे हैं, वे सफल हो रहे हैं एवं आप फिर से जोश एवं उत्साह से भरपूर हैं।
धनु राशि के जातकों को प्रेम जीवन में द मैजिशियन कार्ड मिला है जो आपको अपनी प्रेम की भावनाओं को सामने रखने के लिए कह रहा है। प्यार के मामले में सफलता साहस, जुनून और सपनों को हकीकत में बदलने से ही मिलती है। जिन्हें आप चाहते या पसंद करते हैं, उनसे मिलने की कोशिश करें। यह कार्ड प्रतिभा और समस्या को सुलझाने के कौशल का भी प्रतीक है लेकिन फिर भी आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपके रिश्ते में भ्रम की स्थिति पैदा न हो पाए। यह कार्ड सिंगल और कपल दोनों को ही नई चीज़ों को आज़माने के लिए प्रेरित करता है एवं जिज्ञासा पैदा करता है।
टैरो राशिफल में कर्क राशि को अपराइट फोर ऑफ पेंटाकल्स कार्ड मिला है जो कि स्थिरता और आर्थिक मज़बूती के संकेत दे रहा है। इस कार्ड का यह भी कहना है कि आप पैसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं। आप घर या कार जैसी किसी बड़ी खरीदारी के लिए पैसों की बचत कर सकते हैं या इस पैसे को अपनी रिटायरमेंट के लिए रख सकते हैं।
आमतौर पर टेन ऑफ कप्स कार्ड का संबंध काम के बजाय परिवार से होता है लेकिन फिर भी यह कार्ड आपके करियर में प्रगति के संकेत दे रहा है। इस कार्ड के अनुसार आप अपनी मौजूदा भूमिका या पद को लेकर सुरक्षित और स्वीकृत महसूस कर रहे हैं। आपको अपने पेशेवर जीवन के इन पहलुओं को लेकर चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि आपको प्रगति के कई अवसर प्राप्त होंगे। आपको अपने ऑफिस का माहौल सहायक और उत्साहजनक लगेगा और आप एवं आपके सहकर्मी एक-दूसरे के साथ खुश रहेंगे।
सेहत के मामले में नाइन ऑफ वैंड्स कार्ड आपको कह रहा है कि सेहत बिगड़ने से पहले आपको रूक कर थोड़ा आराम करना चाहिए। आप शारीरिक और मानसिक रूप से थक चुके हैं इसलिए अब आप थोड़ा आराम करें।
शुभ रंग: हल्का पीला
मकर राशि
प्रेम जीवन: द चैरियट
आर्थिक जीवन: टू ऑफ वैंड्स
करियर: जजमेंट
स्वास्थ्य: व्हील ऑफ फॉर्च्यून
मकर राशि के जातकों को द चैरियट कार्ड मिला है। इस कार्ड का कहना है कि अब समय आ गया है कि आप अपने प्यार की बागडोर अपने हाथ में लें और यह समझें कि प्यार और रोमांस के मामले में आप क्या चाहते हैं। द चैरियट कार्ड आपको तब कोई कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है, जब आपको पता हो कि आपका लक्ष्य क्या है या आपको कहां जाना है। अपनी रोमांटिक लाइफ की कमान अपने हाथ में लेने से आपको निश्चित ही लाभ होगा। साहस, इच्छा और आत्मविश्वास के दम पर आप सफलता हासिल कर सकते हैं।
टू ऑफ वैंड्स कार्ड आमतौर पर दीर्घकालिक योजना पर ध्यान देने, नए वित्तीय अवसरों की तलाश करने और भविष्य में संपन्न बनने के लिए संभावित प्रोजेक्ट या अवसरों का मूल्यांकन करने को दर्शाता है।
करियर में जजमेंट कार्ड मूल्यांकन करने या वेतन में वृद्धि के संकेत दे रहा है। आपको इस समय कोई महत्वपूर्ण अनुभूति होने वाली है या आपकी नौकरी में कोई बदलाव आने वाला है। सफल होने के लिए आप अपने मन की सुनें और आवश्यक बदलाव करें।
व्हील ऑफ फॉर्च्यून कार्ड स्वास्थ्य के मामले में बदलाव को दर्शाता है। आपकी स्वास्थ्य स्थिति में परिवर्तन आने की संभावना है। आप किसी बीमारी से उबर सकते हैं, आपकी ऊर्जा के स्तर में बदलाव आ सकता है या चीज़ों को संतुलित करने के लिए आप अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव कर सकते हैं।
शुभ रंग: फिरोज़ा
कुंभ राशि
प्रेम जीवन: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: फोर ऑफ पेंटाकल्स
करियर: पेज ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: नाइट ऑफ वैंड्स
लव रीडिंग में कुंभ राशि को सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड मिला है जिसके अनुसार आपका संघर्ष खत्म होने वाला है। यह दो तरह से हो सकता है : आपका रिश्ता खत्म हो सकता है या फिर रिश्ते में एक मुश्किल दौर के बाद आपकी सुलह हो सकती है। किसी भी स्थिति में, यह अपने अतीत को पीछे छोड़ने और एक अनजान लेकिन अधिक आशाजनक भविष्य की ओर बढ़ने की इच्छा को दर्शाता है। अगर आप सिंगल हैं, तो आप अपने उस हिस्से को छोड़ने के लिए तैयार हो सकते हैं, जो आपको प्यार को स्वीकार करने से रोक रहा है।
वित्तीय टैरो रीडिंग में आपको अपराइट फोर ऑफ पेंटाकल्स मिला है जो कि आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक है। इस कार्ड का यह भी कहना है कि आप अपनी आर्थिक स्थिति को सुरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें रिटायरमेंट के लिए पैसों की बचत करना या किसी बड़ी खरीदारी जैसे कि कार या घर के लिए पैसे बचाना शामिल हो सकता है।
करियर में पेज ऑफ कप्स कार्ड का कहना है कि अगर आप रचनात्मक या मनोरंजन के क्षेत्र में हैं, तो आप बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे। यह कार्ड स्पष्ट संकेत दे रहा है कि आपको नए अवसर मिलेंगे और आप जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे। आप नौकरी छोड़कर व्यापार शुरू कर सकते हैं।
स्वास्थ्य के मामले में नाइट ऑफ वैंड्स कार्ड एक शुभ संकेत है। यह कार्ड जोश, ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक है। आपको जल्दबाज़ी में काम करने से चोट लगने की आशंका है इसलिए आपको सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
शुभ रंग: जामुनी
मीन राशि
प्रेम जीवन: सेवन ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: नाइन ऑफ पेंटाकल्स
करियर: क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: द हर्मिट
लव टैरो रीडिंग में सेवन ऑफ वैंड्स कार्ड यह संकेत दे सकता है कि आपको अपने रिश्ते को सुरक्षित रखने और उसमें एक सीमा निर्धारित करने की ज़रूरत है। इस कार्ड का यह भी कहना है कि आप किसी प्रतिस्पर्धा या बाधाओं का सामना कर रहे हैं।
नाइन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड भौतिक सफलता, वित्तीय स्वतंत्रता और स्थिरता का प्रतीक है। इस कार्ड का कहना है कि आपने वह मुकाम हासिल कर लिया है जहां आपको अपने प्रयासों का फल मिल रहा है और अब आप आराम एवं सुरक्षा के साथ अपनी मेहनत के फल का आनंद ले सकते हैं।
टैरो रीडिंग के अनुसार क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड पेशेवर तरीके से काम करने, ज्ञान और स्पष्ट बातचीत को दर्शाता है। यह कार्ड एक ऐसे अनुभवी सहकर्मी की ओर भी संकेत कर सकता है जो आपकी समीक्षा और मार्गदर्शन कर सकता है।
स्वास्थ्य के मामले में द हर्मिट टैरो कार्ड आत्मनिरीक्षण, आत्मचिंतन और खुद की देखभाल करने के महत्व को दर्शाता है। इस कार्ड के अनुसार आपको अपने शरीर पर ध्यान देना चाहिए, ज़रूरत पड़ने आराम करने और अपनी स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतों को बेहतर ढंग से समझने के लिए आंतरिक मार्गदर्शन लेने की सलाह दे रहा है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. क्या दुनियाभर में टैरो कानूनी है?
उत्तर. टैरो में कुछ भी गैर-कानूनी नहीं है लेकिन कुछ देशों में सांस्कृतिक या धार्मिक मान्यताओं के कारण दिव्य कार्य करने की अनुमति नहीं है। इसलिए यहां टैरो पर रोक है।
प्रश्न 2. कौन-सा टैरो कार्ड गहन चिंतन को दर्शाता है?
उत्तर. द हर्मिट।
प्रश्न 3. कौन-सा कार्ड आत्मा की खोज को दर्शाता है?
उत्तर. द हाई प्रिस्टेस कार्ड।
मीन राशि में बुध चलेंगे वक्री चाल, इन राशियों पर होंगे मेहरबान और इन्हें करेंगे परेशान!
एस्ट्रोसेज एआई “बुध मीन राशि में वक्री” का यह विशेष ब्लॉग आपके लिए लेकर आया है जिसके अंतर्गत आपको वक्री बुध से जुड़ी जानकारी विस्तार पूर्वक प्राप्त होगी जैसे तिथि, समय आदि। हम सभी इस बात को भली-भांति जानते हैं कि वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह व्यापार, बुद्धि, तर्क और संचार के कारक ग्रह हैं। ऐसे में, बुध 15 मार्च 2025 की सुबह 11 बजकर 54 मिनट पर मीन राशि में वक्री हो जाएंगे। मीन राशि में बुध ग्रह के वक्री होने से मनुष्य जीवन के साथ-साथ देश-दुनिया में बड़े परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। साथ ही, इसका असर शेयर बाजार पर भी नज़र आ सकता है। बुध की वक्री अवस्था कैसे करेगी संसार को प्रभावित? आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से।
ज्योतिष में बुध ग्रह के वक्री होने को महत्वपूर्ण माना गया है और अक्सर इसे संचार कौशल में कमी, तकनीकी खामियां, यात्राओं में बाधा और गलतफ़हमी जैसी समस्याओं से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में, लोगों की नज़रों में बुध की वक्री चाल को अच्छा नहीं माना जाता है और इस अशुभ भी कहना गलत नहीं होगा। लेकिन अगर हम सकारात्मक पक्ष की बात करें तो, बुध वक्री की अवधि व्यक्तिगत प्रगति के लिए फलदायी साबित होती है। इस समय लंबे समय से रुके हुए प्रोजेक्ट पूरे किये जा सकते हैं और अटके हुए मामलों को सुलझाया जा सकता है। अधिकांश लोग बुध वक्री की अवधि में अपने पुराने आइडिया या अपने पुराने रिश्ते की यादें ताज़ा करते हुए दिखाई देते हैं।
बुध मीन राशि में वक्री होकर जातकों के जीवन में समस्याएं और खुद को जानने-समझने के अवसर लेकर आ सकता है। आपको बता दें कि बुध ग्रह समय-समय पर वक्री होते रहते हैं और इनकी मीन राशि में मौजूदगी सहजता और भावुकता में वृद्धि करती है। साथ ही, आपको भ्रमित करने का काम करती है। सामान्य रूप से, इस अवधि में जातकों को बातचीत करते समय अपने शब्दों का चयन करने में सावधानी बरतनी होगी और धैर्य बनाए रखना चाहिए। आपको भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से चिंतन करने की सलाह दी जाती है। जैसे कि हम जानते हैं कि मीन एक अत्यंत भावुक राशि है और ऐसे में, आप ऐसी पुरानी यादों, जख्मों को, पुराने रिश्ते या फिर परिस्थितियों को को एक नए दृष्टिकोण से याद करते हुए नज़र आ सकते हैं। यह अवधि अनसुलझी भावनाओं को सुलझाने के लिए श्रेष्ठ होती है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
बुध मीन राशि में वक्री: विश्व पर प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को बुद्धि और तर्क का कारक माना जाता है। नवग्रहों में बृहस्पति महाराज को मंत्री का पद प्राप्त है और बुध गुरु ग्रह की मीन राशि में वक्री होने जा रहे हैं। ऐसे में, वक्री बुध देश-विदेश को अत्यधिक प्रभावित करेंगे, लेकिन क्या यह प्रभाव अनुकूल होगा? आइए जानते हैं।
सरकार एवं राजनीति
भारत सरकार के प्रतिनिधि और उच्च पदों पर बैठे राजनेता स्वयं को किसी विवाद में और मीडिया से घिरा हुआ पा सकते हैं जिसकी वजह आपका कोई गलत बयान हो सकता है।
सरकार के काम करने के तरीके और नीतियां चाहे कितनी अच्छी क्यों न हों, उनको फिर भी आलोचना झेलनी पड़ सकती है।
बुध मीन राशि में वक्री के दौरान भारत सरकार को विदेश से धमकियां मिल सकती हैं क्योंकि कुंडली के नौवें भाव का संबंध लंबी दूरी की यात्राओं या विदेश से होता है। हालांकि, परिस्थितियां नियंत्रण में रहेंगी।
देश के नेताओं को कुछ आक्रामक कदम उठाते हुए देखा जा सकता है जिनके पीछे सोच-विचार की कमी आसानी से देखी जा सकेगी।
गूढ़ विज्ञान
जो लोग गूढ़ विज्ञान जैसे ज्योतिष आदि की पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन, बुध की स्थिति शुभ होने पर आपको सफलता की प्राप्ति होगी।
मेडिटेशन करने वाले, योग इंस्ट्रक्टर और अन्य लोगों को सकारात्मक परिणाम पाने में समस्याओं का अनुभव हो सकता है। बुध देव की कुंडली में स्थिति इस बात को दर्शाती है कि यह आपको किस तरह से प्रभावित करेगी।
बुध की वक्री अवस्था को गूढ़ विज्ञान के क्षेत्र में रिसर्च कार्यो से लगे लोगों और ज्योतिषियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
रचनात्मक कार्य एवं व्यापार
सामान्य रूप से बुध मीन राशि में वक्री होने को बहुत मुश्किल माना जाता है क्योंकि बुध को वाणी और सिंगिंग के कारक ग्रह हैं। इस राशि में बुध नीच अवस्था में होते हैं।
वक्री बुध के दौरान म्यूजिक इंडस्ट्री पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है इसलिए कुछ बड़े और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट फेल हो सकते हैं। ऐसे में, म्यूजिक इंडस्ट्री को हानि झेलनी पड़ सकती है।
इस अवधि में फिल्म इंडस्ट्री को भी हानि होने की आशंका है क्योंकि इस दौरान फिल्मों का प्रदर्शन निराशाजनक रह सकता है।
बुध मीन राशि में वक्री: शेयर बाजार भविष्यवाणी
बुध मीन राशि में वक्री का असर 15 मार्च 2025 के बाद नकारात्मक रूप से स्टॉक मार्केट पर दिखाई दे सकता है। ऐसे में, आपको शेयर बाजार में भविष्यवाणी करते समय बहुत सावधान रहने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं शेयर मार्केट को बुध की वक्री अवस्था किस तरह से प्रभावित करेगी।
जैसे कि बुध मीन राशि में वक्री हो रहे हैं और ऐसे में, केमिकल फ़र्टिलाइज़र इंडस्ट्री, चाय और कॉफ़ी उद्योग, स्टील इंडस्ट्री, हिंडालको, वूलेन मिल्स सहित विभिन्न सेक्टर्स में मंदी आ सकती है।
रिलायंस इंडस्ट्री, परफ्यूम और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, टेक्नोलॉजी इनफार्मेशन आदि क्षेत्रों में महीने के अंत तक मंदी बनी रह सकती है जो आगे भी जारी रह सकती है।
इस अवधि में वेब डिजाइनिंग से जुड़ी कंपनियों और पब्लिशिंग फर्म की रफ़्तार थम सकती है।
बुध मीन राशि में वक्री: इन राशियों को रहना होगा बेहद सावधान
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए बुध महाराज तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके बारहवें भाव में वक्री हो रहे हैं। आपके करियर में नौकरी को लेकर अप्रत्याशित यात्राएं करनी पड़ सकती हैं जिसकी वजह से आप तनाव में आ सकते हैं। वहीं, इस राशि के जो जातक खुद का व्यापार करते हैं, तो आपके कार्यों में योजना की कमी महसूस हो सकती है और ऐसे में, आपको हानि झेलनी पड़ सकती है। मीन राशि में बुध वक्री के दौरान आपको योजना बनाकर चलना होगा। साथ ही, इस अवधि में आपको किसी को धन उधार देने से बचना होगा क्योंकि आपको हानि होने की आशंका है। इसके अलावा, जो जातक नौकरी में वेतन वृद्धि की उम्मीद लगाए हुए हैं, तो उन्हें देरी होने की संभावना है। ऐसे में, आप चिंता में नज़र आ सकते हैं।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके नौवें भाव में वक्री हो जाएंगे। इसके परिणामस्वरूप, बुध की वक्री चाल के दौरान आपके मान-सम्मान को ठेस पहुंच सकती है। साथ ही, इस अवधि में आपको भाग्य का साथ न मिलने की भी संभावना है। करियर के क्षेत्र में आप बेहतर अवसरों की तलाश में नौकरी बदलने के बारे में सोच-विचार कर सकते हैं क्योंकि आप अपनी मौजूदा नौकरी से असंतुष्ट रह सकते हैं। व्यापार करने वाले जातकों को धन से जुड़े लेन-देन में भाग्य का साथ न मिलने का अनुमान है और ऐसे में, आपकी आय में कमी आ सकती है। साथ ही, बुध की वक्री चाल आपको अच्छी ख़ासी हानि करवा सकती है इसलिए सतर्क रहें।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
कन्या राशि
कन्या राशि वालों की कुंडली में बुध ग्रह पहले और दसवें भाव के स्वामी में हैं जो अब आपके सातवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, इन जातकों को अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ संबंधों में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बुध मीन राशि में वक्री के दौरान आपको कार्यों में सावधानी बरतनी होगी। करियर की बात करें तो, वरिष्ठों, सहकर्मियों और आपके बीच किसी बात को लेकर असहमति जन्म ले सकती है। ऐसे में, जब बात आती है नौकरी की, तो आप असंतुष्ट नज़र आ सकते हैं। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें इस दौरान सावधानी बरतनी होगी क्योंकि आपको भारी टक्कर का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक जीवन में आपके सामने कुछ फालतू के खर्चे आ सकते हैं और ऐसे में, आपको इन्हें संभालने में परेशानी महसूस हो सकती है।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके छठे भाव में वक्री होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, बुध मीन राशि में वक्री के दौरान आपको भाग्य का साथ न मिलने की संभावना है जिसका असर आपके कार्यों में किए जा रहे प्रयासों पर पड़ सकता है। अगर आप नौकरी से असंतुष्ट हैं, तो आप नौकरी में बदलाव करने का मन बना सकते हैं। इसके अलावा, इन जातकों पर काम का बोझ बढ़ सकता है।
जिन लोगों का अपना व्यापार है, उन्हें प्रतिद्वंदियों की तरफ से भारी टक्कर का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आप बिज़नेस पार्टनर के साथ ज्यादा समय बिताने में असमर्थ रह सकते हैं। दूसरी तरफ, इन लोगों के सामने एक के बाद एक खर्चे आ सकते हैं जिन्हें संभालना आपको मुश्किल लग सकता है। ऐसे में, आपको पहले से अच्छी योजना बनाकर चलने की सलाह दी जाती है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके पांचवें भाव में वक्री हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, बुध मीन राशि में वक्री के दौरान आपको जीवन के बड़े फैसले लेते समय धैर्य बनाए रखना होगा। साथ ही, इस अवधि में आप नौकरी को लेकर नाख़ुश रह सकते हैं। कार्यक्षेत्र में आपका काम थोड़ा बढ़ सकता है जिसके कारण आपको अपने कार्यों को अधिक समय देना पड़ सकता है। ऐसे में, यह जातक तनाव में रह सकते हैं और आपको अपना काम समय पर पूरा करना भी मुश्किल लग सकता है। व्यापार करने वाले जातकों को बिज़नेस की योजना बनाकर चलना होगा क्योंकि आपको हानि होने की आशंका है। आर्थिक जीवन को देखें तो, बुध वक्री के दौरान आपको आर्थिक समस्याएं परेशान कर सकती हैं और ऐसे में, आप बड़े फैसले लेने में नाकाम रह सकते हैं।
बुध मीन राशि में वक्री: इन राशियों के लिए रहेगा शुभ
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके छठे भाव और नौवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान समय में अब यह आपके तीसरे भाव में वक्री होने जा रहे हैं। इस अवधि में आपको कार्यों में किए जा रहे प्रयासों में प्रगति देखने को मिलेगी। बुध मीन राशि में वक्री के दौरान आपको हर कदम पर अपने भाई-बहनों का साथ मिलेगा। करियर के क्षेत्र में आप तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे। ऐसे में, आपको विदेश से नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। जो जातक खुद का व्यापार करते हैं, उन्हें बुध की वक्री चाल तरक्की के रास्ते पर ले जा सकती है और आपको लाभ के कई बेहतरीन अवसर मिल सकते हैं। आर्थिक जीवन में आपके द्वारा की जा रही कोशिशें सफल होंगी और आपको अच्छे लाभ की प्राप्ति होगी। ऐसे में, आप धन की बचत भी कर सकेंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बुध ग्रह किस रिश्ते को दर्शाता है?
ज्योतिष में बुध महाराज बहन के साथ रिश्ते का प्रतिनिधित्व करते हैं।
कुंडली के किस भाव में बुध को “दिग्बल” प्राप्त होता है?
बुध ग्रह को कुंडली के लग्न भाव में दिशाओं का बल यानी कि दिग्बल प्राप्त होता है।
एक साल में बुध ग्रह कितनी बार वक्री होते हैं?
बुध के वक्री होने की संख्या हर साल भिन्न-भिन्न हो सकती है। हालांकि, बुध ग्रह एक साल में 4 या 5 बार वक्री होते हैं।
सूर्य का मीन राशि में गोचर: देश-दुनिया समेत 12 राशियों को कैसे करेंगे प्रभावित? जानें!
सूर्य का मीन राशि में गोचर: हम सभी यह बात भली-भांति जानते हैं कि ज्योतिष में सूर्य देव को नवग्रहों के जनक का दर्जा प्राप्त है जो कि पिता, आत्मा और सरकार के कारक ग्रह माने गए हैं। ऐसे में, इनका राशि परिवर्तन बहुत मायने रखता है जिसका प्रभाव प्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से मानव जीवन पर पड़ता है। ऐसे में, अब सूर्य महाराज जल्द ही 14 मार्च 2025 को मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज एआई के इस लेख में आपको सूर्य गोचर से संबंधित समस्त जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही, सूर्य का राशि परिवर्तन कैसे करेगा सभी 12 राशियों को प्रभावित? जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना जारी रखें।
बता दें कि सूर्य देव स्वयं और व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। ज्योतिष में सूर्य ग्रह की स्थिति दर्शाती है कि दुनिया के सामने आप स्वयं को कैसे प्रस्तुत करते हैं और आप उनकी नज़रों में अपनी कैसी छवि बनाना चाहते हैं। यह मनुष्य जीवन में आपकी ऊर्जा, जीवन शक्ति, रचनात्मकता और स्वास्थ्य को नियंत्रित करते हैं। सूर्य महाराज किसी व्यक्ति के जीवन में बड़े उद्देश्यों, लक्ष्यों को पाने के लिए प्रेरित और सफलता प्राप्त करने के प्रयास करने के तरीके से जुड़े हैं। इनका प्रभाव आपकी महत्वाकांक्षाओं और एक अलग पहचान बनाकर दुनिया में अपनी चमक बिखरने की तीव्र इच्छा को भी दर्शाता है। बता दें कि आपके जन्म के समय सूर्य देव आपकी कुंडली में जिस भाव या राशि में मौजूद होते हैं, उसे ज्योतिष की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। किसी व्यक्ति की कुंडली का विश्लेषण करते समय सबसे पहले सूर्य ग्रह की स्थिति को देखा जाता है। इनकी स्थिति से ही आपका स्वभाव, जीवन मूल्य और जीवन के प्रति आपका दृष्टिकोण निर्धारित होता है।
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सूर्य को उग्र ग्रह माना जाता है और कुंडली में इनके अशुभ स्थिति में होने पर जातक के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। ऐसे में, व्यक्ति को गंजापन, सिर दर्द, नज़र का कमज़ोर होना, हड्डियों, हृदय और रक्त से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सूर्य देव के दुर्बल होने पर पिता के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव या पिता से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं। कमज़ोर सूर्य वाले जातकों को स्टैमिना, आत्म-सम्मान की कमी और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। वहीं, कुंडली में सूर्य के बेहद मज़बूत होने पर जातक अत्यधिक आक्रामक हो सकते हैं।
सूर्य का मीन राशि में गोचर: तिथि और समय
सूर्य देव 14 मार्च 2025 की शाम 06 बजकर 32 मिनट पर मीन राशि में गोचर कर जाएंगे। उग्र ग्रह के रूप में सूर्य जल तत्व की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। ऐसे में, दो अलग-अलग ऊर्जाओं का संगम देखने को मिलेगा और इसके फलस्वरूप, आपको शानदार परिणामों की प्राप्ति होगी। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि सूर्य का मीन राशि में गोचर सभी 12 राशियों, देश-दुनिया और शेयर बाजार को कैसे प्रभावित करेगा।
सूर्य का मीन राशि में गोचर: विशेषताएं
सूर्य का मीन राशि में गोचर ऐसे जातकों का प्रतिनिधित्व करता है जो सहज, दयालु और सपने की दुनिया में खोये रहने वाले होते हैं। कुंडली में सूर्य की मीन राशि में मौजूदगी होने पर जातक बेहद भावुक और संवेदनशील होते हैं इसलिए यह दूसरों की देखभाल करने वाले होते हैं।
दयालु: मीन राशि के जातक लोगों के दर्द को समझने और ख़ुशी को बांटने के लिए जाने जाते हैं। यह लोग दिल के बड़े नेक, दूसरों की मदद करने वाले होते हैं और ऐसे करियर का चुनाव करते हैं जो सर्विस से जुड़ा होता है।
रचनात्मक एवं कल्पनाशील: मीन राशि के स्वामी गुरु ग्रह हैं जो कि सपने में खोये रहने वाले और कल्पनाशील होते हैं। कुंडली में मीन राशि में सूर्य वाले लोग बेहद रचनात्मक होते हैं इसलिए इनका संबंध विजुअल आर्ट्स, संगीत, लेखन या क्रिएटिव कामों से होता है। इन लोगों को अपने हर कार्यों में सफलता की प्राप्ति होती है।
सपने देखने वाले: कुंडली में सूर्य ग्रह मीन राशि में होने पर जातक अक्सर कल्पना में खोये हुए या परिस्थितियों का अनुमान लगाते हुए देखे जा सकते हैं। यह कभी-कभी अपने सपनों के सच न होने की वजह से निराश नज़र आते हैं। बता दें कि इन लोगों को सपनों में रहना पसंद होता है।
अंतर्ज्ञान एवं आध्यात्मिक: मीन जल तत्व की राशि है और इस राशि में सूर्य के उपस्थित होने पर जातक बहुत दयालु होते हैं। यह दूसरों की भावनाओं को आसानी से समझ जाते हैं और कभी-कभी अस्पष्ट बातों को भांपते हुए परिस्थितियां समझ लेते हैं।
विनम्र एवं संवेदनशील: जन्म के समय कुंडली में सूर्य की मीन राशि में स्थिति जातक को विनम्र और शर्मीला बनाती है। यह किसी भी तरह के विवाद या टकराव में पड़ने से बचते हैं क्योंकि यह शांति बनाए रखने में विश्वास रखते हैं। साथ ही, यह अपनी बातों पर अडिग रहने के बजाय दूसरों के हालातों को समझना पसंद करते हैं।
स्वीकार करके आगे बढ़ने वाले: जैसे कि मीन राशि जल का प्रतिनिधित्व करती है और इसी प्रकार, मीन राशि के जातक भी बहते हुए जल की तरह जीवन में आगे बढ़ते रहते हैं। यह नई परिस्थितियों में खुद को आसानी से ढाल लेते हैं, लेकिन इसकी वजह से कभी-कभी यह दूसरों से आसानी से प्रभावित हो जाते हैं।
मुश्किल हालातों से बचना: जैसे कि हम जानते हैं कि मीन राशि के जातक अत्यंत संवेदनशील होते हैं इसलिए यह अपने जीवन में अक्सर विपरीत परिस्थितियों से बचना या उन्हें टालना पसंद करते हैं। ऐसे में, यह अपने सपनों और कल्पना की दुनिया में खोये रहते हैं।
अगर बात करें प्रेम जीवन की, तो पार्टनर के रूप में यह जातक अपने साथी के प्रति समर्पित और उनसे बहुत प्रेम करने वाले होते हैं। इन लोगों का विनम्र और सौम्य स्वभाव दूसरों के साथ घुलने-मिलने में सहायता करता है। हालांकि, इन्हें किसी ऐसे इंसान की अपने जीवन में जरूरत होती है जो इनको भावनात्मक रूप से समझ सकें और इनका साथ दे सके।
सूर्य का मीन राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों की कुंडली में सूर्य देव आपके चौथे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप, सूर्य का मीन राशि में गोचर आपको आर्थिक मामलों में अच्छा रिटर्न देगा और जीवन में ज्यादा से ज्यादा आर्थिक लाभ पाने की राह में आपका मार्गदर्शन करेगा। इस अवधि में आपको घर-परिवार से अनेक तरह के लाभों की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही, आपकी सुख-सुविधाओं में वृद्धि होने की संभावना है। इस गोचर के दौरान आपको हर कदम पर अपने परिवार के सदस्यों और प्रियजनों का साथ मिलेगा।
करियर की बात करें तो, यह गोचर वृषभ राशि के जातकों के लिए भाग्यशाली रहेगा। इसके फलस्वरूप, आपको ऑन साइट नौकरी के नए अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, इन लोगों को विदेश में नौकरी करने के मौके प्राप्त होंगे और यह अवसर आपके लिए फलदायी रहेंगे। इन बेहतरीन अवसरों की वजह से आप प्रसन्न और उत्साहित नज़र आ सकते हैं। इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों और सहकर्मियों का भी साथ मिलेगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य देव आपके तीसरे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, सूर्य का मीन राशि में गोचर के दौरान आपको अपने प्रयासों के माध्यम से व्यक्तिगत विकास के अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही, इस समय आपको कई यात्राएं करनी पड़ सकती हैं।
इन लोगों के लिए सूर्य का यह गोचर नौकरी के नए अवसर लेकर आ सकता है और आपके भीतर इन पदों को संभालने की काबिलियत मौजूद होगी जो कि आपके भविष्य के लिए अच्छे साबित होंगे। जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें इस अवधि में व्यापार में वृद्धि देखने को मिल सकती है। साथ ही, कुछ सुनहरे अवसर भी आपके हाथ लग सकते हैं। आर्थिक जीवन को देखें तो, इस समय आपके पास पर्याप्त मात्रा में धन होगा और आप इसका सही तरीके से प्रबंधन करने में सक्षम होंगे।
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कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्रह आपके दूसरे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, सूर्य गोचर का यह समय आपके जीवन में सौभाग्य लेकर आएगा और आपको सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी। इस दौरान आपको अपने पिता का हर कदम पर सहयोग मिलेगा जो कि आपके लिए फलदायी रहने की संभावना है।
बात करें करियर की तो, सूर्य का मीन राशि में गोचर की अवधि में आपको नौकरी में कुछ सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं और ऐसे में, आपको पदोन्नति मिलने के योग बनेंगे। कर्क राशि के जिन जातकों का खुद का व्यापार है, विशेष रूप से आउटसोर्सिंग का, उन्हें अपने प्रयासों से अच्छा ख़ासा लाभ प्राप्त हो सकता है। आर्थिक जीवन के लिहाज़ से, सूर्य गोचर का समय आपके लिए काफ़ी अच्छा कहा जाएगा क्योंकि इस दौरान आप धन कमाने के साथ-साथ धन की बचत भी कर सकेंगे।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब गोचर करके आपके पांचवें भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, इन जातकों का सारा ध्यान अपने काम पर केंद्रित रह सकता है और आप कुछ महत्वपूर्ण विषयों के बारे में जानने के लिए भी उत्सुक नज़र आ सकते हैं। पेशेवर जीवन की बात करें तो, सूर्य गोचर के दौरान इन जातकों का आईक्यू बेहतर होगा। साथ ही, आपके कार्य करने की क्षमता में सुधार होगा जिससे आप अच्छे से काम करने में सक्षम होंगे।
सूर्य का मीन राशि में गोचर व्यापार करने वाले जातकों के लिए सफलता के अवसर लेकर आएगा, विशेष रूप से उन जातकों के लिए जिनका संबंध व्यापार और सट्टेबाजी से है। आर्थिक जीवन को देखें तो, सूर्य के इस गोचर को आपके लिए शुभ कहा जाएगा क्योंकि आप धन कमाने के साथ-साथ पैसों की बचत भी कर सकेंगे।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों की कुंडली में सूर्य देव आपके नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप, आप सामाजिक जीवन में लोगों के साथ घुल-मिलकर और परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताकर ख़ुश दिखाई देंगे। साथ ही, आपके परिवार में मांगलिक कार्य संपन्न हो सकते हैं।
करियर को देखें तो, इस अवधि में आपको काफ़ी यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। ऐसे में, आपकी आर्थिक स्थिति बेहद मज़बूत रहेगी। अगर आपका स्वयं का व्यापार है, तो आउटसोर्सिंग के बिज़नेस में आपका प्रदर्शन शानदार रह सकता है या फैमिली बिज़नेस में भी आप हाथ बंटा सकते हैं। आर्थिक जीवन में आपकी स्थिति अच्छी रहेगी और आप कुछ बड़ी खरीदारी कर सकते हैं जो कि दूसरे के लिए हो सकती है।
सूर्य का मीन राशि में गोचर: इन राशियों को रहना होगा सावधान
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए सूर्य ग्रह आपके लग्न/पहले भाव के स्वामी हैं जो अब आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप, इन लोगों को जीवन में चुनौतियों और अप्रत्याशित घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है। सूर्य का मीन राशि में गोचर के दौरान आपको कार्यों में सफलता पाने के लिए सावधानी पूर्वक और योजना बनाकर चलना होगा।
इन जातकों पर कार्यक्षेत्र में काम का दबाव बढ़ सकता है जिसकी वजह आपकी बढ़ती हुई जिम्मेदारियां और काम की व्यस्तता हो सकती है। इस समय आपकी कंपनी को लाभ या हानि दोनों होने की आशंका है और आपको लाभ से ज्यादा हानि हो सकती है। ऐसे में, इन लोगों को अचानक से हानि हो सकती है।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य देव आपके बारहवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान समय में अब यह आपको सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, आपके दोस्तों और सहकर्मियों के साथ मतभेद हो सकते हैं।
करियर की बात करें तो, नौकरी के संबंध में आपको किसी बदलाव का सामना करना पड़ सकता है या फिर नौकरी में स्थानांतरण होने की संभावना है जो कि आपको पसंद न आए। यदि आपका अपना व्यापार है, तो आपके हाथ से लाभ कमाने के बेहतरीन अवसर निकल सकते हैं। ऐसे में, बिज़नेस में मिलने वाले अवसरों का फायदा उठाने के लिए आपको योजना बनाकर चलना होगा। आर्थिक जीवन में किसी यात्रा के दौरान आपको धन हानि हो सकती है इसलिए सावधान रहें।
मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य महाराज आपके नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप, आपको अनेक प्रयास करने के बाद भी व्यक्तिगत प्रगति की राह में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, इन लोगों को यात्रा के दौरान सावधान रहना होगा।
बात आती है नौकरी की तो, करियर में आपके हाथ से कुछ सुनहरे अवसर निकल सकते हैं और ऐसे में, आप तनाव में नज़र आ सकते हैं। वहीं, व्यापार करने वाले जातक अपने बिज़नेस की फील्ड में बदलाव करने का मन बना सकते हैं क्योंकि आपका व्यापार आपको लाभ देने में पीछे रह सकता है। आर्थिक जीवन में आपको यात्रा के दौरान धन हानि का सामना करना पड़ सकता है जो कि आपकी लापरवाही का नतीजा हो सकती है।
सूर्य का मीन राशि में गोचर: सरल एवं प्रभावी उपाय
नियमित रूप से आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
गरीबों को लाल रंग के कपड़ों का दान करें।
रविवार के दिन मंदिर में अनार दान करें।
तांबे के लोटे में जल लें और उसमें चुटकी भर सिंदूर डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
सूर्य यंत्र की पूजा करें।
प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
धार्मिक कार्य करें और तीर्थ स्थल की यात्रा करें।
सूर्य का मीन राशि में गोचर: वैश्विक स्तर पर प्रभाव
सरकार
सूर्य गोचर के दौरान उच्च पदों पर या सरकार में काम कर रहे लोग अपने कर्तव्यों का पूरे निष्ठा से पालन करेंगे। ऐसे में, यह अपने बेहतरीन काम के लिए ख़ूब प्रशंसा प्राप्त करेंगे।
इस अवधि में सरकार और कुछ प्रभावी राजनेता महत्वपूर्ण फैसले ले सकते हैं और यह सही साबित हो सकते हैं जो कि देश को अत्यधिक प्रभावित कर सकते हैं।
सूर्य का मीन राशि में गोचर राजनेता, शिक्षक, स्कॉलर, आध्यात्मिक गुरु, काउंसलर, पब्लिक रिलेशन, लेखक, कलाकार, मूर्तिकार, सरकारी अधिकारी, प्रशासनिक सहित अन्य लोगों को लाभ पहुंचाने का काम करेगा।
इस दौरान सरकार द्वारा देश की आंतरिक सुरक्षा प्रणाली को बहुत प्रभावी तरीके से प्रबंधित किया जाएगा।
सरकारी पद पर आसीन लोगों या सरकार का प्रदर्शन काफ़ी शानदार रह सकता है। ऐसे में, आप अपने प्रयासों के दम पर अपनी अलग पहचान बनाने में सक्षम होंगे।
व्यापार एवं वित्त
देश की स्वास्थ्य सेवा, न्याय और बैंक सहित फाइनेंस से जुड़े संस्थानों में अचानक से सुधार नज़र आ सकता है। साथ ही, सूर्य गोचर के दौरान इन क्षेत्रों को मजबूत बनाने के लिए नए कानूनों का निर्माण किया जा सकता है।
सूर्य गोचर की अवधि में दुनिया भर की बड़ी कंपनियों और व्यापारी वर्ग को बाजार में तेज़ी देखने को मिल सकती है और इसके फलस्वरूप, चीजें योजना के अनुसार आगे बढ़ सकेगी।
यह समय शिक्षकों, काउंसलर, पब्लिक स्पीकर, कोच और पेशेवर लोगों के लिए बहुत फलदायी साबित होगा।
आध्यात्मिक गतिविधियां
सूर्य का मीन राशि में गोचर दुनिया भर में आध्यात्मिक गतिविधियों में तेज़ी लेकर आ सकता है।
यह अवधि पंडितों, ज्योतिषियों, धार्मिक गुरु और धर्म-कर्म के कार्यों के लिए शुभ रहेगी।
जो जातक किसी भी तरह के धार्मिक सामग्री या प्रोडक्ट जैसे कि दीपक, अगरबत्ती, मिठाई, कपड़े और भगवान के गहने आदि को बनाने के काम से जुड़ें हैं, उनको इस समय अच्छा ख़ास लाभ होगा।
सूर्य गोचर के दौरान केमिकल इंडस्ट्री, पब्लिक सेक्टर, फार्मास्यूटिकल सेक्टर, पावर सेक्टर और सीमेंट इंडस्ट्री आदि क्षेत्रों का प्रदर्शन बेहतरीन रहेगा।
इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट्स, पावर, चाय-कॉफी इंडस्ट्री, सीमेंट, हीरा, केमिकल और हैवी इंजीनियरिंग आदि शानदार प्रदर्शन करेंगे क्योंकि इस समय सूर्य की स्थिति मज़बूत होगी।
सूर्य गोचर की अवधि को एड-टेक फर्म और शिक्षा संस्थानों के लिए अच्छा कहा जाएगा।
ज्योतिष आधारित ऐप्स और ज्योतिष के अन्य प्लेटफ़ॉर्म भी बेहतरीन काम करने में सक्षम होंगे।
सूर्य का मीन राशि में गोचर: रिलीज़ होने वाली फिल्में
सूर्य का मीन राशि में गोचर का प्रभाव इस अवधि में रिलीज होने वाली फिल्मों को भी प्रभावित करेगा। आपको बता दें कि इस अवधि में जो फिल्में बड़े पर्दे पर उतरने जा रही हैं उनके नाम इस प्रकार हैं:
फिल्म का नाम
स्टार कास्ट
रिलीज़ की तारीख़
सुस्वागतम खुशामदीद
इसाबेल कैफ, पुलकित सम्राट
21 मार्च, 2025
द बुल
सलमान खान
30 मार्च, 2025
सिकंदर
सलमान खान, रश्मिका मंदाना
30 मार्च, 2025
सूर्य का मीन राशि में गोचर 14 मार्च 2025 को होगा जिसका असर इस अवधि में रिलीज़ होने वाली फिल्मों के कारोबार पर भी दिखाई देगा क्योंकि मीन राशि जल तत्व की राशि है। ऐसे में, इस अवधि में जातक बड़े पर्दे पर उतरने वाली फिल्म से भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस कर सकेंगे। सामान्य तौर पर, सूर्य गोचर मार्च 2025 में रिलीज़ होने वाली फिल्मों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या मीन राशि में सूर्य की स्थिति अच्छी मानी जाती है?
मीन राशि एक जल तत्व की राशि है इसलिए सूर्य ग्रह इस राशि में अपनी कुछ शक्तियां खो देता है। हालांकि, हम इस गोचर को सकारात्मक कह सकते हैं।
2. मीन राशि का स्वामी कौन है?
राशि चक्र की बारहवीं राशि मीन के अधिपति देव गुरु ग्रह हैं।
3. सिंह राशि के स्वामी कौन हैं?
सूर्य देव को सिंह राशि का स्वामी माना जाता है।
साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण डालेगा होली के रंग में भंग? जानिए
चंद्र ग्रहण 2025: एस्ट्रोसेज एआई अपने पाठकों को समय-समय पर ज्योतिष की दुनिया में होने वाले बदलावों से अवगत करवाता रहा है। आज यहाँ हम आपको “चंद्र ग्रहण 2025” के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी करेंगे। बता दें कि साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण जल्द ही मार्च के महीने में लगने जा रहा है। इस विशेष लेख में हम चंद्र ग्रहण की तिथि और समय के बारे में बात करेंगे। साथ ही, इसके शुरू और समाप्ति काल से भी आपको रूबरू कराएंगे। इसके अलावा, यह चंद्र ग्रहण देश-दुनिया को किस तरह प्रभावित करेगा? इस ग्रहण को कहां-कहां देखा जा सकता है और क्या है यह भारत में दिखाई देगा? सूतक काल मान्य होगा या नहीं? चंद्र ग्रहण के दौरान नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए किन उपायों को आप कर सकते हैं? इसके बारे में भी हम विस्तार से चर्चा करेंगे।
साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन यानी कि 14 मार्च 2025 को लगेगा जो कि प्रतिपदा तिथि तक चलेगा। इस ग्रहण का आरंभ सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर होगा और इसका अंत दोपहर 02 बजकर 18 मिनट पर हो जाएगा। हालांकि, इस चंद्र ग्रहण को विभिन्न देशों और क्षेत्रों में देखा जा सकेगा जिनके नाम इस प्रकार हैं: अधिकांश ऑस्ट्रेलिया, अधिकांश यूरोप, अफ्रीका का अधिकांश हिस्सा, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक महासागर, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका आदि। बता दें कि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए सूतक काल भी नहीं माना जाएगा।
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चंद्र ग्रहण 2025: विश्व पर प्रभाव
साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण निश्चित रूप से मानव जीवन के साथ-साथ देश-दुनिया को गहराई से प्रभावित करेगा। यहाँ हम आपको चंद्र ग्रहण 2025 के कुछ ऐसे प्रभावों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि आपको ग्रहण देखने के बाद या पहले महसूस हो सकते हैं।
यह चंद्र ग्रहण फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर लगने जा रहा है।
हमारे देश को पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी भाग में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन इनसे बाहर आने के लिए सरकार को समझदारी से काम लेना होगा।
पश्चिमी देशों के साथ भारत का ट्रेड व्यापार नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकता है और इसका असर संबंधों पर भी पड़ सकता है।
यह चंद्र ग्रहण फाल्गुन महीने में लगने जा रहा है इसलिए इस दौरान संसार में प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिल सकती हैं। साथ ही, ग्रहों की स्थिति के कारण विश्व में सीमाओं पर तनाव में वृद्धि हो सकती है।
दुनिया भर में चंद्र ग्रहण की अवधि में आत्महत्या की संख्या में या फिर इमोशनल हर्रेसमेंट के मामलों में बढ़ोतरी होने की आशंका है। ऐसे में, परिवार के साथ और उन लोगों के साथ समय बिताना उत्तम रहेगा जिन पर आप भरोसा करते हैं।
जो जातक एकाउंट्स, फाइनेंस, व्यापार, दवा आदि से जुड़े क्षेत्रों में काम करते हैं, उन्हें इस अवधि में उतार-चढ़ावों से दो-चार होना पड़ सकता है।
हमारे देश के पंजाब, गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में पानी से जुड़ीं समस्याएं जन्म ले सकती हैं क्योंकि इस महीने में पानी की कमी रह सकती है।
डॉक्टर, हीलर्स और व्यापार से संबंध रखने वाले जातकों के काम की रफ़्तार कुछ सुस्त पड़ सकती है। हालांकि, यह थोड़े समय के लिए ही होगी और जल्द ही मंदी का यह दौर ख़त्म हो जाएगा।
चंद्र ग्रहण की अवधि में बड़े एक्सीडेंट, जंगल में आग और पानी से जुड़ी अन्य बुरी घटनाओं की ख़बर सुनने को मिल सकती है जो दुनिया का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर सकती है।
ग्रहण के खत्म होने के बाद कुछ समय तक इसका नकारात्मक असर बना रह सकता है।
चंद्र ग्रहण 2025 कन्या राशि में उत्तराफालुनी नक्षत्र में लगने जा रहा है। इसके फलस्वरूप, मेष राशि के तहत जन्म लेने वाले जातकों को यह ग्रहण सबसे ज्यादा नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। इस दौरान इन लोगों को सिरदर्द, माइग्रेन, उल्टी, मूड स्विंग और डिप्रेशन जैसी स्वास्थ्य समस्या परेशान कर सकती है। आपके घर-परिवार का माहौल भी थोड़ा ख़राब रहने का अनुमान है।
इस दौरान माता के साथ आपका मतभेद या विवाद होने की आशंका है। वहीं, मेष राशि के छात्रों को ग्रहण के पहले, ग्रहण के दौरान और ग्रहण के बाद मन लगाकर पढ़ाई करने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है इसलिए आपके लिए ध्यान करना फायदेमंद साबित होगा। अगर आपकी जन्म कुंडली में चंद्रमा कमज़ोर हैं, तो आपकी प्रतियोगी परीक्षाएं अच्छी न जाने की आशंका है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों की कुंडली में चंद्र ग्रहण 2025 का प्रभाव आपके चौथे भाव को प्रभावित करेगा और इस भाव का संबंध लक्ज़री, सुख-सुविधाओं और माता से है। ऐसे में, इन लोगों को अपनी माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा और उनको लेकर सतर्कता बरतनी होगी। इस अवधि में उन्हें डायबिटीज, फेफड़ों से जुड़े रोग, एलर्जी और सर्दी जैसे रोग घेर सकते हैं। इसके साथ ही आपको घर पर रहते हुए अपने व्यवहार और शब्दों पर कड़ी नज़र रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस वजह से आपके घर-परिवार का माहौल बिगड़ सकता है।
ऐसे में, आपको परिवार में शांति बनाए रखनी होगी। वहीं, मिथुन राशि के नौकरीपेशा जातकों को वरिष्ठों और सहकर्मियों के साथ सोच-समझकर बात करनी होगी। इस ग्रहण का असर आपके पेशेवर जीवन के भाव यानी कि दसवें भाव पर भी पड़ेगा इसलिए आपको बॉस और सहकर्मियों के साथ बात करते समय बहुत सतर्कता बरतनी होगी क्योंकि आपके पेशेवर जीवन का भाव यानी कि दसवें भाव पर होगा।
कन्या राशि वालों की कुंडली में चंद्र देव आपके ग्यारहवें भाव के अधिपति देव हैं जो कि आपके लग्न भाव/पहले भाव में केतु के साथ युति का निर्माण कर रहे हैं। इसके फलस्वरूप, अगर आपकी कुंडली में चंद्र देव किसी ग्रह के अशुभ प्रभाव में हैं, तो इस अवधि में आपका आत्मविश्वास कम रह सकता है। चंद्र ग्रह के समय आप काफ़ी हद तक दूसरों को नियंत्रित करना चाहेंगे या फिर आपके वचन काफ़ी रूखे हो सकते हैं और यह बात दूसरों को पसंद नहीं आने की संभावना है जिसके चलते परिवार, सामाजिक जीवन और सहकर्मियों के साथ आपकी बहस हो सकती है। व्यक्तिगत प्रगति और नए आइडिया के मार्ग में भी समस्याएं पैदा हो सकती हैं, लेकिन यह समय आपको दूरदर्शी बनाने का काम कर सकता है।
वृश्चिक राशि
चंद्र ग्रहण 2025 के दौरान वृश्चिक राशि के जातको को कर्ज़, रोग, चोरी या शत्रुओं से अज्ञात षड्यंत्रों जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा कहा जा सकता है कि चंद्र देव के आपके नौवें भाव के स्वामी होने की वजह से इन लोगों को भाग्य का साथ न मिलने की आशंका हैं। साथ ही, आपके सामने आर्थिक तंगी और कर्ज़ जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। वृश्चिक राशि वालों को कार्यक्षेत्र पर प्रतिद्वंदियों या सहकर्मियों की तरफ से परेशनी का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा, आपके पिता या मेंटर/टीचर के साथ मतभेद हो सकते हैं इसलिए आपको धैर्य रखना होगा।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए चंद्र ग्रह आपके छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके आठवें भाव में केतु के साथ विराजमान हैं। ऐसे में, केतु और चंद्र की युति का प्रभाव आपके आठवें भाव पर रहने से आप जीवन में सुख-सुविधाओं को तवज्जों देने वाले व्यक्ति होंगे, लेकिन इस समय आप निराश नज़र आ सकते हैं।
चंद्र ग्रहण के दौरान आप कभी कड़ी मेहनत करते हुए दिखाई देंगे और कभी अपने कामों को लेकर लापरवाह हो सकते हैं जिस वजह से आपका ध्यान अपने लक्ष्य से भटक सकता है। इस अवधि में आपको अपने भाई-बहनों के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव से जूझना पड़ सकता है। दूसरी तरफ, आप खुद के फैसलों पर सवाल करते हुए नज़र आ सकते हैं जिसकी वजह साहस की कमी हो सकती है। इसके अलावा, धन से जुड़ी समस्याएं आपकी परेशानी बढ़ाने का काम कर सकती हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा पर लगता है?
हाँ, पूर्णिमा तिथि पर चंद्र ग्रहण लगता है।
क्या चंद्र ग्रहण को आँखों से देखना सुरक्षित होता है?
जी हाँ, चंद्र ग्रहण नग्न आंखों से देखा जा सकता है और यह पूरी तरह से सुरक्षित होता है।
क्या चंद्र ग्रहण को एक समय पर पूरी दुनिया में देखा जा सकता है?
नहीं, चंद्र ग्रहण को हर जगह से देखा नहीं जा सकता है क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह किस अक्षांश से दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण को निश्चित समय पर दुनियाभर में नहीं देख सकते हैं।
इस साल होली पर छाएगा ग्रहण का साया, राशि अनुसार इन उपायों से करें नकारात्मकता को दूर!
होली 2025 का पर्व धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष महत्व रखता है जो कि प्रतिपदा तिथि के दिन मनाया जाता है। बसंत माह के शुरू होने के साथ ही सबको होली का बेसब्री से इंतजार रहता है। होली का त्योहार दो दिन मनाया जाता है और इसके पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों वाली होली खेली जाती है। हिंदू धर्म में होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। भारत समेत दुनियाभर में इसकी अलग ही रौनक और उत्साह देखने को मिलता है। आपसी प्रेम और ख़ुशियों का पर्व है होली इसलिए इस अवसर पर लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर अपने पुराने गिले-शिकवे भूला देते हैं। होली पर घरों में कई तरह के पकवान, ठंडाई और गुझिया आदि बनाई जाती हैं। लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली का जश्न मनाते हैं और होली की शुभकामनाएं देते हैं।
वसंतोत्सव के रूप में होली को प्रति वर्ष प्रतिपदा तिथि पर मनाया जाता है। सामान्य शब्दों में कहें तो, यह पर्व वसंत ऋतु के आगमन और सर्दियों के अंत का प्रतीक है। हालांकि, इस साल होली 2025 पर चंद्र ग्रहण का साया रहेगा। एस्ट्रोसेज एआई के होली 2025 स्पेशल इस ब्लॉग में हम होली कब है और क्या है इसका शुभ मुहूर्त? इसका अलावा, क्या चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं? होली पर राशि अनुसार किये जाने वाले उपायों के बारे में आपको विस्तार से बताएंगे। तो आइए बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं होली 2025 के बारे में सब कुछ।
होली 2025: तिथि एवं शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होली का त्योहार मनाया जाता है। इसके पहले दिन को धुलण्डी या होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है। आइए नज़र डालते हैं अब वर्ष 2025 में होली की तिथि और इसके शुभ मुहूर्त पर।
होली 2025 तिथि: 14 मार्च 2025, शुक्रवार
पूर्णिमा तिथि का आरंभ: 13 मार्च 2025 को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से,
पूर्णिमा तिथि का समाप्त: 14 मार्च 2025 को दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक।
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होली 2025 पर छाया चंद्र ग्रहण का साया
पिछले साल की तरह यानी कि साल 2024 की तरह ही इस वर्ष भी होली पर चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। होली पर चंद्र ग्रहण लगने से लोगों के मन में इस पर्व को मनाने को लेकर संदेह पैदा हो रहा है, तो बता दें कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि अर्थात 14 मार्च, 2025 को चंद्र ग्रहण लगेगा। इस ग्रहण का आरंभ सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर होगा और इसका अंत दोपहर 02 बजकर 18 मिनट पर होगा। इस ग्रहण को दुनिया के विभिन्न देशों जैसे कि अधिकांश ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अधिकांश अफ्रीका, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक आर्कटिक महासागर, पूर्वी एशिया आदि में देखा जा सकेगा। हालांकि, साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
नोट: चंद्र ग्रहण 2025 भारत में दृश्यमान नहीं होगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। ऐसे में, होली का पर्व देश में धूमधाम से मनाया जा सकता है।
अब हम आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं होली से संबंधित परम्पराओं के बारे में।
चंद्र ग्रहण के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए, क्लिक करें।
होली और इसका इतिहास
समय के साथ होली को मनाने के तरीके में भी बदलाव आया है और हर दौर के साथ इसका जश्न मनाने का रूप भी बदला है। लेकिन, सबसे प्राचीन त्योहार होने के नाते होली को भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है और इसके साथ कई परंपराएं जुड़ीं हैं।
आर्यों की होलका
प्राचीन समय में होली को होलका कहा जाता था और इस अवसर पर आर्यों द्वारा नवात्रैष्टि यज्ञ किया जाता था। होली के दिन होलका नाम अन्न से हवन करने के पश्चात उसका प्रसाद लेने की परंपरा थी। होलका खेत में पड़ा हुआ आधा कच्चा और आधा पका अन्न होता है इसलिए इस त्योहार को होलिका उत्सव के नाम से भी जाना गया। साथ ही, उस समय नई फसल का कुछ हिस्सा देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं, सिंधु घाटी सभ्यता में भी होली और दिवाली को मनाया जाता था।
होलिका दहन
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, होलिका दहन के दिन असुर हिरण्यकश्यप की बहन होलिका प्रहलाद का अहित करने के भाव से उसे गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई थी और स्वयं जलकर भस्म हो गई थी। इसी के प्रतीक के रूप में होलिका दहन किया जाता है जो कि होली का प्रथम दिन होता है।
महादेव ने किया था कामदेव को भस्म
होली के पर्व से अनेक कथाएं जुड़ी हैं और इसी में से एक है कामदेव की कथा। कहते हैं कि होली के दिन भगवान शिव ने कामदेव को क्रोधवश भस्म कर दिया था और उसके बाद उन्हें पुनर्जीवित किया था। एक अन्य मान्यता है कि होली के अवसर पर राजा पृथु ने अपने राज्य के बच्चों लो सुरक्षा के लिए राक्षसी ढुंढी का लकड़ी में आग जलाकर उसका वध किया था। इन दोनों वजहों से ही होली को ‘वसंत महोत्सव’ या ‘काम महोत्सव’ के नाम से जाना जाता है।
कहते हैं कि त्रेतायुग के आरंभ में भगवान विष्णु ने धूलि वंदन किया था और उस दिन से ही धुलेंडी का पर्व मनाया जाता है। होलिका दहन के बाद ‘रंग उत्सव’ मनाने की परंपरा द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने शुरू की थी और उस समय से ही फागुन माह में मनाए जाने के कारण होली को “फगवाह” के नाम से भी पुकारा जाने लगा। मान्यता है कि श्रीकृष्ण ने राधा रानी पर रंग डाला था और तब से ही रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। होली के पर्व में रंग को जोड़ने का श्रेय श्रीकृष्ण को ही जाता है।
प्राचीन चित्रों में होली का वर्णन
यदि हम प्राचीन काल में निर्मित भारत के मंदिरों की दीवारों को देखे थे, तो होली उत्सव को वर्णित करते हुए हमें अनेक चित्र या विभिन्न मूर्तियां मिल जाएंगी। इसी क्रम में, 16वीं सदी में विजयनगर की राजधानी हंपी में बनाया गया एक मंदिर, अहमदनगर चित्रों और मेवाड़ के चित्रों में भी होली उत्सव का चित्रण किया गया है।
होली 2025 से जुड़ी पौराणिक कथा
धर्म ग्रंथों में होली से संबंधित अनेक कथाओं का वर्णन मिलता है जिनके बारे में हम विस्तार से चर्चा करेंगे।
द्वापर युग में राधा-कृष्ण की होली
होली के त्योहार को हमेशा से भगवान कृष्ण और राधा रानी से जोड़ा जाता है जो कि इनके अटूट प्रेम को दर्शाता है। शास्त्रों के अनुसार, द्वापर युग में श्रीकृष्ण और राधा जी की बरसाने में खेली गई होली को ही होली उत्सव की शुरुआत माना जाता है। इस परंपरा का पालन करते हुए आज भी बरसाने और नंदगाव में लट्ठमार होली खेली जाती है जो कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
भक्त प्रहलाद की भक्ति की कथा
धर्म ग्रंथों में होली की कथा का संबंध भक्त प्रह्लाद से भी माना गया है और इस कथा के अनुसार, भक्त प्रहलाद का जन्म राक्षस कुल में हुआ था, लेकिन उनका मन बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्ति में लगता था और समय के साथ वह उनके बड़े भक्त बन गए थे। प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप राक्षस कुल के राजा था और अत्यंत शक्तिशाली थे। हिरण्यकश्यप को अपने बेटे की विष्णु भक्ति बिल्कुल पसंद नहीं थी और उनकी भक्ति देखकर बहुत ही क्रोधित होते थे। इस वजह से हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद पर अनेक प्रकार के अत्याचार किए। प्रहलाद की बुआ और हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को ऐसा वरदान प्राप्त था कि वह अग्नि में भस्म नहीं हो सकती। हिरण्यकश्यप के कहने पर होलिका प्रहलाद को मारने की मंशा से अपनी गोद में लेकर आग में बैठ गई ताकि प्रहलाद का वध किया जा सके। लेकिन, भगवान विष्णु के आशीर्वाद से होलिका उस अग्नि में जलकर भस्म हो गई और प्रहलाद बच गया, उस दिन से होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
शिव-गौरी की कथा
होली के संबंध में एक कथा का वर्णन शिवपुराण में भी मिलता है और इस कथा के अनुसार, पर्वतराज हिमालय की पुत्री माता पार्वती भगवान शंकर से विवाह के लिए कठोर तपस्या में लीन थी। इंद्र देव चाहते थे कि देवी पार्वती और भगवान शिव का विवाह हो जाए क्योंकि ताड़कासुर नमक राक्षस का वध केवल शिव-पार्वती का पुत्र ही कर सकता था इसलिए इंद्रदेव और सभी देवों-देवताओं ने कामदेव को भगवान शिव की तपस्या भंग करने का काम सौंपा था। महादेव को तपस्या को भंग करने के लिए कामदेव ने भगवान शिव पर अपने ‘पुष्प’ वाण से प्रहार किया था।
शादी की रजामंदी: मध्यप्रदेश में एक समुदाय में लड़के अपनी पसंद की लड़की से शादी की मंजूरी लेने के लिए मांदल नामक वाद्य यंत्र बजाते हैं और नाचते हुए लड़की को गुलाल लगा देते हैं। लड़की की रजामंदी होने पर वह भी लड़की को गुलाल लगा देती है।
पत्थर मार होली: राजस्थान के बांसवाड़ा और डूंगरपुर में आदिवासी समुदाय के पत्थर फेंक कर होली खेलने की परंपरा है। यह समुदाय एक-दूसरे से पत्थर मार होली खेलते हैं। इस दौरान किसी को चोट लगना शुभ माना जाता है।
अंगारों से होली: जहां रंगों और फूलों से होली खेली जाती है, तो वहीं मध्यप्रदेश के मालवा में होली पर जलते हुए अंगारे एक-दूसरे पर फेंके जाते हैं। मान्यता है कि अंगारों से होली खेलने से होलिका राक्षसी का नाश हो जाता है।
होली पर जरूर बरतें ये सावधानियां
त्वचा की करें देखभाल: होली पर रंगों की होली खेलने से पहले अपनी त्वचा पर तेल, घी, मलाई या कोई तैलीय क्रीम अवश्य लगाएं ताकि त्वचा पर बुरा असर न पड़े।
बालों की सुरक्षा: रंग से बालों को सुरक्षित रखने के लिए अपने बालों पर भी अच्छे से तेल लगा लें क्योंकि रंग आपके बालों को रूखा और कमजोर बना सकते हैं।
आँखों को रखें ध्यान: होली पर रंग खेलते समय अगर आंखों में रंग चला जाए, तो आँखों को तुरंत पानी से धोएं। ज्यादा समस्या होने पर बिना देर किए डॉक्टर को दिखाएं।
हर्बल रंग का करें प्रयोग: होली पर केमिकल युक्त रंगों के बजाय हर्बल और ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करें जिससे आप बिना किसी परेशानी के होली का आनंद ले सकें।
होली 2025 पर राशि अनुसार करें ये उपाय, धन-समृद्धि में होगी वृद्धि
मेष राशि
मेष राशि के जातक होली पर मंगल ग्रह से जुड़ी वस्तुओं जैसे कि सौंफ, मसूर की दाल आदि का दान करें। घर में तांबे की पुरानी वस्तुओं को हटाकर नई वस्तुओं को रखें। भगवान कृष्ण को शुद्ध देसी घी से बनी मिठाई का प्रसाद के रूप में भोग लगाएं।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वाले होली 2025 पर दही, चावल और चीनी आदि का दान करें। ऐसा करने से आपका शुक्र ग्रह मज़बूत होगा। घर में श्रीकृष्ण के लिए भजन-कीर्तन या सत्संग आयोजित करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए होली पीले रंग से खेलना शुभ रहेगा। साथ ही, मस्तक पर केसर का तिलक करें और भगवान कृष्ण और राधा जी का भी केसर से तिलक करें।
कर्क राशि
कर्क राशि वाले होली के दिन मस्तक पर चंदन का तिलक करें और चांदी का कोई आभूषण जैसे चेन, अंगूठी आदि धारण करें। साथ ही, श्री कृष्ण को घर पर बना हुआ मक्खन अर्पित करें।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों को होली के अवसर पर गुड़ और अनाज से बने व्यंजनों का सेवन करना चाहिए। अपने सामर्थ्य के अनुसार गुड़ या पीतल की वस्तुओं का दान करें और राधा-कृष्ण के मंदिर दर्शन के लिए जाएं।
कन्या राशि
कन्या राशि वाले अपने घर और इसके आसपास की साफ़-सफाई करें। मंदिर की पुरानी वस्तुओं को बदलें और भगवान कृष्ण को पीले फूल चढ़ाएं।
तुला राशि
तुला राशि के जातक होली पर स्नान करने के बाद चांदी का एक टुकड़ा, एक पुराना सिक्का, चावल के कुछ दाने और पांच गोमती चक्र लेकर लाल कपड़े में बांधें और अपने सिर से सात बार घुमाकर बहते पानी में प्रवाहित करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातक करियर में शुभ परिणाम पाने या वरिष्ठों एवं सहकर्मियों का साथ प्राप्त करने के लिए होली की सुबह ”ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का 11 माला जाप करें।
धनु राशि
धनु राशि के जो जातक बुरी नजर से परेशान हैं और यदि व्यापार में समस्याएं आ रही हैं, वह होली 2025 पर श्रीकृष्ण के मंदिर में धूप, दीप, अगरबत्ती और नारियल लेकर जाएं। इसके बाद, इन सभी चीजों को अपने सिर के ऊपर से 7 बार घुमाकर पानी में प्रवाहित कर दें।
मकर राशि
मकर राशि के जातक होली के अवसर पर स्नान करने के पश्चात पीपल के पेड़ पर तिकोना सफेद रंग का कपड़े से बना झंडा लगाएं।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए होली के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना शुभ रहेगा और इसके बाद, भगवान से प्रार्थना करें।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों को होली 2025 पर घी और इत्र का पवित्र स्थानों पर दान करना चाहिए। साथ ही, गाय की सेवा करें क्योंकि ऐसा करने से आपके सौभाग्य में वृद्धि होगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
2025 में होली कब है?
इस वर्ष होली का पर्व 14 मार्च 2025 को मनाया जाएगा।
होली को क्यों मनाया जाता है?
होली को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
होली पर क्या करें?
होली ख़ुशियों का पर्व है इसलिए इस दिन गिले-शिकवे भुलाकर लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं।
मार्च के इस सप्ताह से शुरू हो जाएगा होलाष्टक, पहले ही कर लें शादी-विवाह जैसे शुभ कार्य!
वर्ष 2025 को शुरू हुए दो महीने बीत चुके हैं और अब हम जल्द ही मार्च माह के पहले सप्ताह में प्रवेश करने जा रहे हैं। हालांकि, साल का तीसरा महीना मार्च अपने आप में ख़ास होता है क्योंकि इस महीने में होली से लेकर चैत्र नवरात्रि जैसे पर्वों को मनाया जाता है। लेकिन, यहाँ हम बात करेंगे मार्च के पहले सप्ताह यानी कि 03 मार्च से 09 मार्च 2025 के बारे में विस्तार से। यह हफ़्ता राशि चक्र की सभी राशियों के जातकों के जीवन के विभिन्न आयामों के लिए किस तरह के परिणाम लेकर आएगा? करियर या व्यापार में मिलेगी सफलता? कब मिलेगी आपको नौकरी में तरक्की या फिर समस्याओं से होगा सामना? प्रेम जीवन में आएगी प्रेम की बहार या होगी तकरार? इन सभी सवालों के जवाब आपको साप्ताहिक राशिफल के इस ख़ास ब्लॉग में मिलेंगे। साथ ही, आपको ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के सरल एवं अचूक उपाय के बारे में भी बताएंगे। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस सप्ताह के बारे में सब कुछ।
एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष लेख को हमारे अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषियों द्वारा ग्रह-नक्षत्रों की चाल और दशा एवं स्थिति को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह पूरी तरह से वैदिक ज्योतिष पर आधारित है। इसके अलावा, यहां हम आपको इस हफ़्ते में आने वाले व्रत, त्योहार, ग्रहण-गोचर समेत कुछ प्रसिद्ध हस्तियों के जन्मदिन से भी अवगत करवाएंगे। तो चलिए बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मार्च 2025 का यह पहला सप्ताह आपके लिए क्या कुछ लेकर आएगा।
इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि मार्च साल का तीसरा महीना होता है और इस माह में गर्मी दस्तक दे देती है। बात करें मार्च 2025 के पहले सप्ताह की, तो हिंदू पंचांग के अनुसार, इस सप्ताह का आरंभ रेवती नक्षत्र के अंतर्गत शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी कि 03 मार्च 2025 को होगा जबकि इसका अंत पुष्य नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि अर्थात 09 मार्च 2025 को हो जाएगा। हालांकि, धार्मिक दृष्टि से यह महीना विशेष रहने वाला है क्योंकि इस सप्ताह होलाष्टक लग जाएगा। इस बारे में विस्तार से बात करेंगे, लेकिन उससे पहले हम जान लेते हैं मार्च के पहले महीने में पड़ने वाले व्रत-त्योहार के बारे में।
इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की संपूर्ण जानकारी
सनातन धर्म में हर व्रत और पर्व का अपना अलग महत्व होता है। लेकिन, आजकल लोग अपने व्यस्त जीवन की भागदौड़ की वजह से कई बार सप्ताह के महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों को भूल जाते हैं। ऐसा आपकी साथ भी न हो इसलिए इस बात को ध्यान में रखकर हम आने वाले अगले सात दिनों के पड़ने वाले सभी व्रत एवं त्योहारों के बारे में बताएंगे। हालांकि, 03 मार्च से 09 मार्च के बीच कोई भी व्रत या त्योहार नहीं पड़ने जा रहा है। लेकिन, इस सप्ताह से होलाष्टक की शुरुआत हो जाएगी। चलिए नज़र डालते हैं होलाष्टक पर।
हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन को खुशियाँ और उमंग से भर देंगे।
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होलाष्टक 2025 और इसका महत्व
हिंदू धर्म में होलाष्टक को अशुभ माना जाता है और इसकी शुरुआत होली के त्योहार से ठीक आठ दिन पहले हो जाती है। इस अवधि में शुभ एवं मांगलिक कार्यों जैसे कि विवाह, सगाई, मुंडन आदि कार्यों को करने का निषेध होता है। मान्यता है कि इस दौरान किए गए शुभ कार्यों के अच्छे परिणाम नहीं मिलते हैं। पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक का आरंभ हो जाता है जबकि इसकी समाप्ति होलिका दहन के साथ हो जाती है। वर्ष 2025 होलाष्टक 07 मार्च 2025, शुक्रवार से शुरू होगा और इसका समापन 13 मार्च 2025, गुरुवार को होलिका दहन पर हो जाएगा।
होलाष्टक के दौरान क्यों नहीं करने चाहिए शुभ कार्य?
जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि होलाष्टक के दौरान शुभ एवं मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। ज्योतिष के अनुसार, होलाष्टक के आठ दिनों के दौरान नवग्रहों में से आठ ग्रहों की स्थिति अशुभ हो जाती है इसलिए यह ग्रह शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं होती है। अगर इस अवधि में कोई किसी भी तरह का शुभ कार्य करता है, तो उसमें अनेक समस्याएं आती हैं और साथ ही, उनमें असफलता की प्राप्ति होती हैं। यही कारण है कि होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।
इस सप्ताह (03 मार्च से 09 मार्च, 2025) पड़ने वाले ग्रहण और गोचर
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण और गोचर महत्वपूर्ण माने जाते हैं क्योंकि यह सीधे तौर पर मनुष्य जीवन को प्रभावित करते हैं। ऐसे में, प्रत्येक व्यक्ति के लिए ग्रहण और गोचर की जानकारी होना आवश्यक हो जाता है। अगर हम बात करें मार्च के इस सप्ताह (03 मार्च से 09 मार्च, 2025) में पड़ने वाले ग्रहण एवं गोचर की, तो इस अवधि में कोई ग्रहण या गोचर नहीं होने जा रहा है। आइए अब आपको रूबरू करवाते हैं इस सप्ताह के बैंक अवकाशों से।
इस सप्ताह में पड़ने वाले बैंक अवकाश
साप्ताहिक राशिफल का यह लेख न सिर्फ़ आपको इस सप्ताह के व्रत-त्योहार एवं ग्रहण-गोचर के बारे में बताएगा, बल्कि इस हफ़्ते में पड़ने वाले बैंक अवकाशों की सूची भी आपको नीचे दी जा रही है।
तिथि
दिन
पर्व
राज्य
05 मार्च 2025, मार्च
बुधवार
पंचायती राज दिवस
उड़ीसा
03 से 09 मार्च के बीच शुभ मुहूर्त
साप्ताहिक राशिफल के इस स्पेशल ब्लॉग में हम आपको मार्च के पहले सप्ताह में पड़ने वाली विवाह की शुभ तिथियां प्रदान कर रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं:
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मार्च 2025 में होलाष्टक कब लगेगा?
वर्ष 2025 में होलाष्टक 07 मार्च 2025, शुक्रवार से शुरू होगा।
मार्च 2025 के पहले सप्ताह में किस मशहूर भारतीय अभिनेत्री का जन्मदिन है?
03 मार्च से लेकर 09 मार्च के दौरान मशहूर अभिनेत्री श्रद्धा कपूर का जन्मदिन है।
मार्च 2025 में एकादशी कब है?
मार्च के महीने में आमलकी एकादशी 10 मार्च 2025 को मनाई जाएगी।
जीवन से हर संकट दूर करेंगे ये पेंडेंट, जानें कौन सा रहेगा आपके लिए लकी!
एस्ट्रोसेज एआई के पेंडेंट केवल आभूषण नहीं हैं,बल्कि इनका अपना आध्यात्मिक, ज्योतिषीय और हीलिंग महत्व है। शक्तिशाली रत्न और क्रिस्टल से बनाए गए पेंडेंट को पहनने से आपके ओरा में वृद्धि, ऊर्जा संतुलित और कई तरह के आध्यात्मिक लाभों की प्राप्ति होती है जो आपकी राशि, ग्रहों का प्रभाव और आपकी इच्छाओं से जुड़ा होता है। एस्ट्रोसेज एआई के पास रत्नों और क्रिस्टल का विशाल संग्रह है जो इन रत्नों की ऊर्जा को सुंदरता के साथ जोड़ता है। साथ ही, यह आपको सौंदर्य और उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद देता है। हमारे प्रत्येक पेंडेंट में ग्रहों को मज़बूत और ग्रहों के कुप्रभाव को कम करने जैसे हीलिंग के गुण मौजूद होते हैं। तो आइए बिना देर किए जानते हैं कि हम आपके लिए क्या कुछ ख़ास लेकर आये हैं।
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रत्न पेंडेंट के ज्योतिषीय लाभ
ज्योतिष शास्त्र का मानना है कि ग्रहों की स्थिति, चाल और दशा मनुष्य जीवन को प्रभावित करती है। ज्योतिषियों द्वारा अधिकतर नकारात्मक ग्रहों के प्रभावों को कम करने और शुभ ग्रहों से मिलने वाले परिणामों में वृद्धि के लिए रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। जन्म कुंडली के अनुसार रत्न पेंडेंट धारण करने से ग्रह मजबूत, करियर में सफलता, रिश्तों में सुधार और जीवन में सकारात्मकता आती है।
साथ ही, यह पेंडेंट तनाव, चिंता और भावनात्मक असंतुलन के ख़िलाफ़ सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। यह आपके चक्रों को संतुलित करने, समस्याओं को दूर करने और आपके मन एवं आत्मा के बीच संतुलन कायम करने का भी काम करता है। रत्न पेंडेंट आपके हृदय चक्र के पास होने से आपकी भावनाओं, ऊर्जा और स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
प्रीमियम पेंडेंट
गोमेद पेंडेंट
उद्देश्य: जनवरी माह में और मकर एवं कुंभ राशि के तहत जन्मे लोगों के लिए अनुकूल
एस्ट्रोसेज गारंटी: 100% विशुद्ध, लैब द्वारा प्रमाणित और वास्तविक
दैवीय संबंध: राहु ग्रह
गोमेद पेंडेंट एक शक्तिशाली रत्न है जो अपनी गहन और तीव्र चमक के लिए जाना जाता है। इसको सफलता और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है और यह पेंडेंट उन लोगों के लिए पहनना एकदम उपयुक्त होता है जो अपने जीवन में सुरक्षा, स्थिरता और स्पष्टता पाना चाहते हैं।
उद्देश्य: करियर में सफलता और प्रसिद्धि की प्राप्ति के लिए
एस्ट्रोसेज गारंटी: 100% विशुद्ध, लैब द्वारा प्रमाणित और वास्तविक
दैवीय संबंध: सूर्य पूजा
रूबी पेंडेंट आपको आत्मविश्वास और जोश से पूर्ण बनाता है और यह आपके जीवन में प्रेम, जीवन शक्ति और नेतृत्व के गुणों में वृद्धि करता है। रूबी का गहरा लाल रंग शक्ति और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है जिससे इसमें राजसी झलक देखने को मिलती है।
उद्देश्य: शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक रूप से मज़बूत बनने एवं आत्मविश्वास में वृद्धि के लिए
एस्ट्रोसेज गारंटी: 100% विशुद्ध, लैब द्वारा प्रमाणित और वास्तविक
दैवीय संबंध: मंगल पूजा
मूंगा पेंडेंट को शक्ति, साहस और भावनात्मक संतुलन का प्रतीक माना जाता है और इसे धारण करने से आपके भीतर ऊर्जा में वृद्धि होती है। यह पेंडेंट उन जातकों के लिए श्रेष्ठ होता है जो जीवन में रोमांच करने के साथ-साथ आंतरिक शांति प्राप्त करना चाहते हैं।
उद्देश्य: नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नज़र एवं दुर्घटनाओं से सुरक्षा और मानसिक स्पष्टता व आर्थिक स्थिरता की प्राप्ति के लिए
एस्ट्रोसेज गारंटी: 100% विशुद्ध, लैब द्वारा प्रमाणित और वास्तविक
दैवीय संबंध: केतु ग्रह
लेहसुनिया पेंडेंट को सुरक्षा प्रदान करने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। यह दिखने में बेहद आकर्षक होता है और इसके संबंध में ऐसी मान्यता है कि लेहसुनिया नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और मानसिक स्पष्टता लेकर आता है। यह अंतर्ज्ञान और सौभाग्य में वृद्धि करता है और मुश्किल समय में आपको मार्गदर्शन प्रदान करता है इसलिए यह रत्न उन लोगों के लिए सबसे ख़ास बन जाता है जो अपने जीवन में आध्यात्मिक और भौतिक प्रगति पाना चाहते हैं।
उद्देश्य: चंद्र ऊर्जा को मजबूत बनाने, भावनात्मक स्थिरता में वृद्धि, मानसिक स्पष्टता और मन की शांति के लिए
एस्ट्रोसेज गारंटी: 100% विशुद्ध, लैब द्वारा प्रमाणित और वास्तविक
दैवीय संबंध: चंद्र ग्रह
मोती पेंडेंट को सुंदरता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है जो कि भावनात्मक संतुलन, मानसिक शांति और सौहार्द में वृद्धि के लिए जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मोती पेंडेंट आपको जीवन में शांति, स्पष्टता और ज्ञान प्रदान करता है इसलिए यह उन लोगों के लिए सबसे अच्छा विकल्प बन जाता है जो अपने जीवन में शांति और मार्गदर्शन पाना चाहते हैं।
उद्देश्य: नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने, अज्ञात भय से मुक्ति, आत्मविश्वास में वृद्धि और शनि साढ़े साती एवं ढैया के प्रभाव से सुरक्षा के लिए
एस्ट्रोसेज गारंटी: 100% विशुद्ध, लैब द्वारा प्रमाणित और वास्तविक
दैवीय संबंध: शनि पूजा
नीलम पेंडेंट को अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है जो जीवन में सफलता, ज्ञान और मानसिक स्पष्टता लेकर आता है। मान्यता है कि यह रत्न समृद्धि, आध्यात्मिकता में वृद्धि और एकाग्रता को मज़बूत बनाता है। साथ ही, यह मन को शांत करने के साथ-साथ तनाव को कम करने का भी काम करता है। ऐसे में, यह उन लोगों के लिए उपयुक्त होता है जो अपनी क्षमताओं को पहचानकर दुनिया के सामने उन्हें प्रकट करने के इच्छुक हैं।
नवदुर्गा के डिजाइन में जरकन के साथ पंचधातु का पेंडेंट
उद्देश्य: फेफड़े, ब्रोन्कियल, चक्कर आना, मांसपेशियों और सांस से संबंधित समस्याओं से राहत, मन की शांति, शारीरिक, भावनात्मक एवं आध्यात्मिक संतुलन में वृद्धि और गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए
एस्ट्रोसेज गारंटी: 100% विशुद्ध, लैब द्वारा प्रमाणित और वास्तविक
दैवीय संबंध: शुक्र पूजा
नवदुर्गा जरकन पेंडेंट सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा का शक्तिशाली मिश्रण है। नव दुर्गा, देवी दुर्गा के नौ शक्तिशाली स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं जो साहस और शक्ति का प्रतीक हैं। इस पेंडेंट में जरकन का उपयोग जातक को बुद्धि, समृद्धि और आध्यात्मिक प्रगति प्रदान करता है। ऐसे में, नवदुर्गा जरकन पेंडेंट उन लोगों के लिए फलदायी साबित होता है जो जीवन में सुरक्षा प्राप्त करना चाहते हैं।
उद्देश्य: शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य में सुधार, रचनात्मकता में वृद्धि, आर्थिक स्थिरता और संचार कौशल को बेहतर बनाने के लिए। कहते हैं कि यह जातक के जीवन में प्रसिद्धि और समृद्धि भी लेकर आता है।
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दैवीय संबंध: बुध पूजा
पन्ना पेंडेंट को ज्ञान, प्रगति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह रत्न संचार कौशल को बेहतर बनाने और विचारों में स्पष्टता प्रदान करने के लिए जाना जाता है। हरे रंग का यह सुंदर रत्न धारक के जीवन में रिश्तों को मज़बूत बनाने, रचनात्मकता में वृद्धि, जीवन में संतुलन और सौहार्द लेकर आता है।
उद्देश्य: फेफड़ों, ब्रोन्कियल, चक्कर आना, मांसपेशियों और सांस से संबंधित समस्याओं से राहत, मन की शांति, शारीरिक, भावनात्मक एवं आध्यात्मिक संतुलन में वृद्धि और गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए
एस्ट्रोसेज गारंटी: 100% विशुद्ध, लैब द्वारा प्रमाणित और वास्तविक
दैवीय संबंध: शुक्र पूजा
जरकन पेंडेंट में अपार ऊर्जा मौजूद होती है और यह रत्न मुख्य रूप से सकारात्मकता और स्पष्टता लेकर आने के लिए जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जरकन पेंडेंट आपको मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के साथ-साथ आंतरिक शांति को बढ़ावा देता है। ऐसे में, यह पेंडेंट उन लोगों के लिए ख़ास बन जाता है जो आध्यात्मिक प्रगति, सुरक्षा और अपने भीतर ऊर्जा में वृद्धि करना चाहते हैं।
उद्देश्य: भावनात्मक संतुलन, नकारात्मक विचारों को दूर करने, आध्यात्मिकता में वृद्धि, तनाव, तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याओं से राहत और आंखों, दिल, गुर्दे, बालों एवं नाखून को मज़बूत बनाने के लिए।
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दैवीय संबंध: विष्णु पूजा
गोमेद पेंडेंट एक ऐसा रत्न है जो जातक को जीवन में भावनात्मक स्थिरता और शक्ति का आशीर्वाद देता है। यह सुरक्षा प्रदान करने वाले अपने विशेष गुणों के लिए जाना जाता है। गोमेद रत्न आपके आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के साथ-साथ मानसिक शांति प्रदान करता है। यह पेंडेंट उन लोगों के लिए एकदम उपयुक्त होता है जो अपने जीवन में संतुलन और सुरक्षा प्राप्त करना चाहते हैं।
उद्देश्य: मानसिक शांति, खुशियों एवं साहस में वृद्धि, गुस्से को कम करने, त्वचा एवं गले से जुड़ी समस्याओं से राहत, दुर्घटनाओं एवं अप्रिय घटनाओं से सुरक्षा के लिए।
एस्ट्रोसेज गारंटी: 100% विशुद्ध, लैब द्वारा प्रमाणित और वास्तविक
दैवीय संबंध: गणेश पूजा
पुखराज पेंडेंट को अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है जो ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक है। मान्यता है कि यह जातक के जीवन में आध्यात्मिक प्रगति, धन-समृद्धि और सौभाग्य लेकर आता है। साथ ही, पुखराज पेंडेंट आपके विचारों को स्पष्ट बनाता है और निर्णय लेने की क्षमता को मज़बूत करता है इसलिए यह उन लोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है जो अपने जीवन में सफलता और मानसिक स्पष्टता पाने के इच्छुक हैं।
उद्देश्य: नकारात्मक विचारों को दूर करने और आत्मविश्वास, धन-समृद्धि एवं सौभाग्य में वृद्धि के लिए
एस्ट्रोसेज गारंटी: 100% विशुद्ध, लैब द्वारा प्रमाणित और वास्तविक
दैवीय संबंध: बृहस्पति पूजा
सुनेला पेंडेंट एक बेहद चमकदार रत्न है जो खुशियाँ, सफलता और धन-समृद्धि लेकर आता है। यह जातक के जीवन में सकारात्मकता, आशावाद और ख़ुशियों में वृद्धि करने के लिए जाना जाता है। सुनेला रत्न आपके भीतर रचनात्मकता को बढ़ाता है और आपको मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है। यह पेंडेंट उन लोगों के लिए सबसे बेहतर विकल्प है जो अपने जीवन में सकारात्मकता और धन-समृद्धि को पाना चाहते हैं।
उद्देश्य: रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाने, प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं जैसे कि अस्थमा, शराब, तनाव, उच्च रक्तचाप, माइग्रेन और वायरल संक्रमण से राहत और मूड स्विंग, तनाव एवं पैनिक अटैक से बचाव से लिए।
एस्ट्रोसेज गारंटी: 100% विशुद्ध, लैब द्वारा प्रमाणित और वास्तविक
दैवीय संबंध: कृष्ण पूजा
फिरोज़ा पेंडेंट को सुरक्षा, संतुलन और हीलिंग का प्रतीक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह रत्न जातक के संचार कौशल को बेहतर बनाता है, शांति लेकर आता है और रचनात्मकता में वृद्धि करता है। इस वजह से यह पेंडेंट भावनात्मक स्थिरता और आध्यात्मिक प्रगति प्राप्त करने के इच्छुक जातकों के लिए एकदम उपयुक्त बन जाता है। साथ ही, फिरोज़ा पेंडेंट शरीर और मन के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए भी जाना जाता है।
नवरत्न पेंडेंट विद नाइन जेमस्टोन्स इन पंचधातु (पंचधातु में 9 रत्न जड़ित नवरत्न पेंडेंट)
उद्देश्य: नकारात्मक विचारों एवं विपरीत परिस्थितियों से बचाव, रोगों से सुरक्षा और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए।
एस्ट्रोसेज गारंटी: 100% विशुद्ध, लैब द्वारा प्रमाणित और वास्तविक
दैवीय संबंध: नवग्रहों की पूजा के लिए
नवरत्न पेंडेंट को शक्तिशाली नौ रत्नों से बनाया गया है जो शरीर, मन और आत्मा को अनेक तरह के लाभ प्रदान करता है। हर रत्न के अपने कुछ विशेष गुण होते हैं जिनसे जातक को बेहतर स्वास्थ्य, धन-समृद्धि, सुरक्षा और आध्यात्मिक प्रगति का आशीर्वाद मिलता है। नवरत्न पेंडेंट को उन लोगों के लिए शानदार कहा जाएगा जो अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में संतुलन और सामंजस्य बनाए रखना चाहते हैं।
उद्देश्य: मन को शांत करने, एकाग्रता में वृद्धि और दिल एवं मांसपेशियों को मज़बूत बनाने के लिए।
एस्ट्रोसेज गारंटी: 100% विशुद्ध, लैब द्वारा प्रमाणित और वास्तविक
दैवीय संबंध: सूर्य पूजा
रूबी या माणिक्य पेंडेंट को जीवन शक्ति, प्रेम और जुनून का प्रतीक माना जाता है। इस रत्न को मुख्य रूप से साहस और दृढ़ता को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। मान्यता है कि माणिक्य पेंडेंट धारण करने से जातक की नेतृत्व क्षमता में सुधार आता है, धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है और भावनात्मक रूप से रिश्तों को मज़बूत बनाता है। ऐसे में, यह पेंडेंट उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त होता है जो अपनी ऊर्जा में वृद्धि करने के साथ-साथ जीवन के लक्ष्यों को पाना चाहते हैं।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
गुरु की राशि में शुक्र की वक्री चाल, किन राशियों के जीवन में लाएगी भूचाल!
प्रेम एवं ऐश्वर्य के ग्रह शुक्र देव को वैदिक ज्योतिष में लाभकारी ग्रह माना जाता है। इनकी चाल, दशा, राशि या स्थिति में होने वाले किसी भी परिवर्तन का असर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से मानव जीवन पर पड़ता है। बता दें कि शुक्र देव तक़रीबन 28 दिनों तक एक राशि में रहते हैं और इस दौरान यह अपनी चाल और स्थिति में भी बदलाव करते हैं। अब यह जल्द ही गुरु ग्रह की राशि मीन में वक्री होने जा रहे हैं जिसका असर देश-दुनिया सहित सभी 12 राशियों पर दिखाई देगा। एस्ट्रोसेज एआई का यह लेख आपको “शुक्र मीन राशि में वक्री” से जुड़ीं समस्त जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि, समय आदि। साथ ही, आपको अवगत करवाएंगे कि कुंडली में शुक्र महाराज के नकारात्मक प्रभावों को शांत करने के लिए आप किन उपायों को कर सकते हैं, इसलिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना जारी रखें।
बता दें कि ज्योतिष के साथ-साथ मनुष्य जीवन में भी शुक्र ग्रह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसलिए प्रेम जीवन की बात करते समय कुंडली में इनकी स्थिति सबसे पहले देखी जाती है। विद्वान ज्योतिषियों का मत है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में होते हैं, तो ऐसे जातकों को अपने जीवन में हर तरह का सुख, वैवाहिक सुख, विलासिता और प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है। आज के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे कि शुक्र मीन राशि में वक्री होकर संसार को कैसे प्रभावित करेंगे। आइए सबसे पहले जानते हैं शुक्र वक्री के समय और तिथि के बारे में। s
शुक्र मीन राशि में वक्री: तिथि और समय
ऐश्वर्य, भौतिक सुख-सुविधाओं और विलासिता के प्रमुख ग्रह शुक्र देव गुरु ग्रह की राशि मीन में 02 मार्च 2025 की सुबह 05 बजकर 12 मिनट पर वक्री हो जाएंगे। शायद ही आप जानते होंगे कि मीन राशि शुक्र ग्रह की उच्च राशि है जिसमें इनकी स्थिति को शुभ माना जाता है। ऐसे में, शुक्र का मीन राशि में वक्री होना कुछ राशियों के लिए सकारात्मक और कुछ के लिए नकारात्मक परिणाम लेकर आ सकता है। मीन राशि में रहते हुए शुक्र ग्रह 13 अप्रैल 2025 को वक्री अवस्था से बाहर आते हुए पुनः मार्गी हो जाएंगे। हालांकि, इस दौरान शुक्र देव शुभ योग भी बनाएंगे, जिनके बारे में आगे विस्तार से बात करेंगे, लेकिन आपको बताते हैं कि आख़िर किसे कहते हैं ग्रह की वक्री अवस्था।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
किसे कहते हैं ग्रह की वक्री अवस्था?
एस्ट्रोसेज एआई अपने पिछले लेखों में बताता आया है कि सूर्य को नवग्रहों के राजा कहा जाता है क्योंकि सूर्य देव के अलावा बाकी सब ग्रह समय-समय पर अपनी चाल और स्थिति में बदलाव करते हैं जिसे अस्त, मार्गी, वक्री और उदय कहा जाता है। लेकिन यहां हम बात कर रहे हैं ग्रहों की वक्री अवस्था के बारे में।
ज्योतिष शास्त्र में वक्री चाल के संबंध में कहा गया है कि जब कोई ग्रह अपने परिक्रमा मार्ग पर पीछे की तरफ यानी कि उल्टा चलता हुआ प्रतीत होता है, तो इस घटना को ग्रह का वक्री होना कहते हैं। मान्यता है कि कुंडली में स्थित वक्री ग्रह के अशुभ होने पर जातक को पहले की तुलना में अधिक अशुभ परिणाम देखने को मिलते हैं। विज्ञान की बात करें, तो ग्रहों के वक्री अवस्था को विज्ञान नहीं मानता है।
शुक्र-बुध की युति करेगी एक बेहद शुभ राजयोग का निर्माण
जैसे कि हम जानते हैं कि शुक्र महाराज 28 जनवरी 2025 से अपनी उच्च राशि मीन में विराजमान हैं। इसी राशि में रहते हुए शुक्र ग्रह वक्री होने जा रहे हैं और यह अपनी वक्री अवस्था में भी शुभ योग का निर्माण करेंगे। बुध देव 27 फरवरी 2025 की रात 11 बजकर 28 मिनट पर मीन राशि में गोचर कर जाएंगे।
ऐसे में, शुक्र और बुध ग्रह की युति से लक्ष्मी नारायण राजयोग का निर्माण होगा जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है। इस राजयोग से कुछ जातकों को कार्यों में सफलता और धन-समृद्धि की प्राप्ति होगी। साथ ही, आर्थिक समस्याएं भी समाप्त होंगी।
चंद्र ग्रहण के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए, क्लिक करें।
शुक्र का ज्योतिषीय महत्व
प्रेम के कारक शुक्र ग्रह मनुष्य जीवन को संपत्ति, सुख-संपदा, वाहन, ऐश्वर्य, समृद्धि आदि प्रदान करते हैं।
जिन जातकों की कुंडली में शुक्र देव मज़बूत अवस्था में होते हैं, उनको जीवन में प्रेम और सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
आपका व्यक्तित्व आकर्षक होगा जो दूसरों को अपनी तरफ आकर्षित करेगा। इन जातकों को जीवन में कभी भी सुख-सुविधा की कमी नहीं होती है। यह आपको अमीर और धनवान बनाते हैं।
अगर किसी की कुंडली में शुक्र देव कमजोर और दुर्बल होते हैं, तो ऐसे इंसान को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
आपका प्रेम जीवन निराशा से भर सकता है और साथ ही, आपको यौन से जुड़ी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।
शुक्र देव की कृपा से जीवन में प्रेम और सुख का आशीर्वाद मिलता है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी कुंडली में शुक्र ग्रह को मज़बूत बनाए रखना चाहिए।
आइए अब नज़र डालते हैं कुंडली में कमज़ोर शुक्र ग्रह के लक्षणों पर।
कुंडली में कमज़ोर शुक्र के लक्षण
ज्योतिष के अनुसार, व्यक्ति की कुंडली में शुक्र दुर्बल होने पर घर में गरीबी दस्तक देती है।
शुक्र के कमज़ोर अवस्था में होने से जातकों के जीवन में आर्थिक समस्याएं बढ़ सकती है। ऐसे में, आपको धन से जुड़ी परेशानियां रह सकती हैं।
कुंडली में शुक्र के अशुभ होने पर व्यक्ति को हर काम में असफलता प्राप्त होती है। साथ ही, आपको कामयाबी के मार्ग में परेशानियों से दो-चार होना पड़ सकता है।
ऐसे लोगों को वैवाहिक जीवन में समस्याओं और तकलीफों से गुजरना पड़ता है।