बुध मेष राशि में अस्त होकर इन राशियों पर बरपाएंगे कहर, रखना होगा फूंक-फूंककर कदम!
बुध मेष राशि में अस्त: बुध महाराज को बुद्धि का कारक ग्रह माना गया है जो द्विस्वभाव ग्रह हैं। काल पुरुष कुंडली में मिथुन और कन्या राशि पर बुध ग्रह को आधिपत्य प्राप्त है। यह कन्या राशि में उच्च और मीन राशि में नीच अवस्था में होते हैं। उत्तर दिशा के स्वामी बुध महाराज के मित्र सूर्य और शुक्र हैं, परंतु यह चंद्रमा और मंगल के प्रति शत्रुता के भाव रखते हैं। हालांकि, देवगुरु बृहस्पति और शनि से बुध के तटस्थ संबंध माने जाते हैं। बुध ग्रह का वर्ण हरा है और इनकी महादशा 17 वर्ष की होती है। बुध के शुभ प्रभाव होने पर व्यक्ति सबसे हंसना, बोलना और मजाक करना पसंद करता है। इस प्रकार, बुध ग्रह को ज्योतिष, सनातन धर्म और मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।
ऐसे में, बुध के गोचर के साथ-साथ इनके अस्त, वक्री, मार्गी और उदित को भी अत्यंत महत्व दिया जाता है। इसी क्रम में, बुध महाराज अब अस्त होने जा रहे हैं जो देश-दुनिया समेत सभी राशियों को प्रभावित करेंगे। एस्ट्रोसेज एआई के इस ख़ास ब्लॉग में आपको “बुध मेष राशि में अस्त” से जुड़ी समस्त जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि तिथि, समय आदि। साथ ही, बुध की अस्त अवस्था किन राशियों को देगी शुभ परिणाम और किन्हें रखना होगा फूंक-फूंककर कदम? इस बारे में भी हम बात करेंगे। इसके अलावा, बुध अस्त के दौरान किए जाने वाले सरल एवं अचूक उपायों से भी आपको अवगत करवाएंगे। तो आइए जानते हैं बुध मेष राशि में अस्त के बारे में सब कुछ।
बुध मेष राशि में अस्त: तिथि एवं समय
बात करें बुध ग्रह के अस्त होने के समय और तिथि की, तो बुध महाराज 18 मई 2025 की रात 12 बजकर 13 मिनट पर मेष राशि में अस्त होने जा रहे हैं। मंगल ग्रह की राशि मेष में रहते हुए बुध अस्त हो जाएंगे और अपनी अस्त अवस्था में ही 23 मई 2025 को वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे। इसके बाद, 06 जून 2025 को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और इसी राशि में 11 जून 2025 को उदित हो जाएंगे। बता दें कि ज्योतिष में अस्त अवस्था को अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि अधिकतर ग्रह अपनी अस्त अवस्था में अशुभ फल देने लगते हैं। चलिए अब हम आगे बढ़ते है और जान लेते हैं अस्त अवस्था के बारे में।
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क्या होता है ग्रह का अस्त होना?
ज्योतिष में ग्रह के अस्त होने को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह एक ऐसी अवधि होती है जब ग्रह अपनी सारी शक्तियां खो देते हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो, जब कोई ग्रह परिक्रमा पथ पर चलते हुए सूर्य के बेहद निकट पहुंच जाता है, तो वह धीरे-धीरे अपनी सारी शक्तियां खोने लगता है और दुर्बल हो जाता है, इसको ही ग्रहों का अस्त होना कहा जाता है। आगे हम बुध अस्त के सामान्य प्रभावों के बारे में भी चर्चा करेंगे, लेकिन उससे पहले हम आपको रूबरू करवाते हैं मेष राशि में बुध अस्त के प्रभावों से।
मेष राशि में बुध अस्त का प्रभाव
राशि चक्र की पहली राशि मेष पुरुष स्वभाव की राशि है और इस राशि के लोग योजनाबद्ध तरीके से काम करना पसंद करते हैं। मंगल ग्रह की राशि मेष में बुध ग्रह के अस्त होने पर जातक अपने जीवन के लक्ष्यों को पाने की योजना बनाने का काम करते हैं।
मेष राशि में बुध के अस्त होने से इस राशि के जातक अपने सपनों को पूरा करने के प्रति समर्पित रहेंगे। साथ ही, करीबियों और प्रियजनों के प्रति वफादार और ईमानदार रहेंगे।
ज्योतिष में बुध की अस्त अवस्था को कभी भी किसी शुभ या नए काम को शुरू करने के लिए अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि इस बात की प्रबल संभावना होती है कि बुध अस्त के दौरान आप जो भी नया काम शुरू करेंगे, उसमें आपको उम्मीद के अनुसार परिणाम न मिले, अपितु हानि होने की आशंका होती है।
बुध महाराज 18 मई 2025 से मेष राशि में अस्त रहने वाले हैं क्योंकि इस दौरान वह सूर्य के बेहद नज़दीक स्थित होंगे। ऐसे में, बुध देव अस्त होकर अपनी सभी शक्तियां खो देंगे और इसके परिणामस्वरूप, वह अपनी पूरी क्षमता के साथ परिणाम देने में नाकाम रह सकते हैं। बुध की अस्त अवस्था जातकों को सामान्य रूप से किस तरह के परिणाम देती है? आइए जानते हैं।
जब बुध ग्रह किसी राशि में अस्त हो जाते हैं, तो इनके प्रभाव से जातकों की निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है। साथ ही, व्यक्ति को कोई भी काम सोच-विचारकर करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
यह अवधि छात्रों के साथ-साथ व्यापार करने वाले जातकों को भी बिज़नेस में अड़चनें और बाधाएं दे सकती हैं जिसके चलते वह अपना सर्वश्रेष्ठ देने में पीछे रह सकते हैं।
इसके अलावा, कुछ जातकों को अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है और वह अपने सोच-विचार में डूबे नज़र आ सकते हैं।
किस डिग्री पर अस्त होते हैं ग्रह?
जैसे कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि बुध ग्रह 18 मई 2025 की दोपहर मेष राशि में अस्त हो जाएंगे। इसी क्रम में, हम आपको अस्त होने का अर्थ और इसका प्रभाव भी बता चुके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कब और कितनी डिग्री पर बुध अस्त होते हैं। बुध ग्रह के अलावा सभी नौ ग्रह किस डिग्री पर अस्त हो जाते हैं? तो बता दें कि सूर्य से एक निश्चित दूरी पर अलग-अलग ग्रह एक विशेष डिग्री पर अस्त हो जाते हैं जिनके बारे में हम विस्तार से चर्चा करेंगे।
बुध ग्रह: बुध ग्रह सूर्य देव के 5-6 डिग्री के भीतर जाने पर सूर्य के तीव्र प्रभाव के कारण अस्त हो जाते हैं। लेकिन, बुध के वक्री अवस्था में होने पर वह 12 डिग्री के अंदर जाने पर अस्त हो जाते हैं।
शुक्र ग्रह: प्रेम के कारक शुक्र देव सूर्य ग्रह के 5-6 डिग्री निकट जाने पर अस्त हो जाते हैं और वक्री अवस्था में चलने पर शुक्र 8 डिग्री पर अस्त हो जाएंगे।
मंगल ग्रह: सेनापति कहे जाने वाले मंगल महाराज सूर्य के दोनों ओर से 7-8 डिग्री निकट जाने पर अस्त हो जाते हैं।
बृहस्पति ग्रह: जब गुरु ग्रह दोनों तरफ से सूर्य के करीब 9-10 डिग्री पर चले जाते हैं, तो वह सूर्य के प्रभाव से अस्त हो जाते हैं।
शनि ग्रह: न्याय के देवता शनि महाराज सूर्य ग्रह के 9-10 डिग्री के अंदर जाने पर अस्त हो जाते हैं।।
राहु और केतु: ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह का दर्जा प्राप्त है इसलिए ग्रह दोनों ग्रह कभी अस्त नहीं होते हैं। इसके विपरीत, जब राहु और केतु सूर्य के करीब आ जाते हैं, तो वह ग्रहण का कारण बनते हैं।
ज्योतिष के साथ-साथ बुध ग्रह का अपना धार्मिक महत्व भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हिंदू धर्म में बुध देव को देवता का दर्जा दिया गया है और इन्हें बुधवार का दिन समर्पित है। बुधवार के दिन बुध महाराज की पूजा-अर्चना करना बेहद फलदायी साबित होता है। इस संबंध में मान्यता है कि बुधवार को विधि-विधान से बुध ग्रह की उपासना करने से व्यक्ति को करियर और व्यापार में सफलता की प्राप्ति होती है। साथ ही, इनका संबंध भगवान गणेश से भी माना गया है।
बुध दोष होने पर घेर सकते हैं ये रोग
बुध ग्रह के महत्व को जानने के बाद आपके लिए यह जानना भी आवश्यक हो जाता है कि जब कुंडली में बुध अशुभ या पीड़ित अवस्था में होते हैं, तो वह आपको स्वास्थ्य समस्याएं देने का काम कर सकते हैं। बुध ग्रह के नकारात्मक प्रभाव की वजह से आपको त्वचा से जुड़े रोग, बहरापन, और नाक से संबंधित बीमारियां अपना शिकार बना सकती हैं। हालांकि, ज्योतिष में ऐसे कुछ उपायों का वर्णन मिलता है जिन्हें अपनाकर आप बुध से होने वाले इन रोगों से स्वयं को बचा सकते हैं।
बुध दोष से होने वाले रोगों से बचने के उपाय
जातक को खाने में हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए।
नियमित रूप से तुलसी के पत्ते का सेवन करें।
प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करें।
बुध मेष राशि में अस्त: सरल एवं प्रभावी उपाय
संभव हो, तो बुध ग्रह के दिन बुधवार का व्रत करें।
जातक हरे और नीले रंग के कपड़े का दान करें।
बुध देव से शुभ परिणाम पाने के लिए पन्ना रत्न धारण करें। लेकिन, किसी अनुभवी और विद्वान ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद ही पन्ना पहनें।
घर या कार्यस्थल में बुध यंत्र की स्थापना करें और उसका रोज़ाना पूजन करें।
आप चाहें तो 4 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
बुध देव को बलवान करने के लिए अपने भोजन में हरी सब्जियों और आंवला को शामिल करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. मेष राशि में बुध अस्त कब होंगे?
बुध देव 18 मई 2025 को मेष राशि में अस्त हो जाएंगे।
2. मेष राशि का स्वामी कौन हैं?
राशि चक्र की पहली राशि मेष का स्वामी मंगल ग्रह हैं।
3. बुध किसका प्रतिनिधित्व करते हैं?
बुध ग्रह बुद्धि, वाणी और संचार कौशल के कारक ग्रह हैं।
शत्रु सूर्य की राशि सिंह में आएंगे केतु, अगले 18 महीने इन 5 राशियों को रहना होगा बेहद सतर्क!
एस्ट्रोसेज एआई अपने पाठकों के लिए “केतु का सिंह राशि में गोचर” का यह विशेष ब्लॉग लेकर आया है जिसके माध्यम से आपको केतु गोचर से जुड़ी समस्त जानकारी विस्तारपूर्वक प्राप्त होगी। बता दें कि केतु को नवग्रहों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है जिन्हें क्रूर और पापी ग्रह माना जाता है। यह एक रहस्यमयी ग्रह है और इनका कोई अपना वास्तविक स्वरूप नहीं है। राशि चक्र में केतु को किसी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है। लेकिन, इसके बावजूद भी यह मनुष्य जीवन को अत्यधिक प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
बता दें कि 18 महीने तक कन्या राशि में रहने के बाद अब केतु महाराज का सिंह राशि में गोचर होने जा रहा है। हमारे इस लेख के द्वारा आप जान सकेंगे कि केतु गोचर कब होगा और क्या रहेगा समय? क्यों महत्वपूर्ण है केतु हमारे जीवन में? केतु की शुभ-अशुभ स्थिति कैसे करती है आपको प्रभावित? कैसे बचा जा सकता है इनके नकारात्मक प्रभावों से। तो आइए बिना रुके शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और सबसे पहले जानते हैं केतु गोचर के बारे में।
केतु का सिंह राशि में गोचर: तिथि और समय
छाया ग्रह केतु को अशुभ माना जाता है और यह एक राशि में डेढ़ साल बिताने के बाद अपना राशि परिवर्तन करते हैं इसलिए इनका गोचर महत्वपूर्ण माना जाता है। अब केतु ग्रह 18 मई 2025 की शाम 05 बजकर 08 मिनट पर कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं और इनके प्रति केतु शत्रुता का भाव रखते हैं। ऐसे में, सूर्य की राशि में केतु के गोचर को ज्यादा अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। इस प्रकार, कुछ राशियों को थोड़ा सावधान रहना होगा, तभी आपको बेहतर परिणाम मिल सकेंगे। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले बात करते हैं केतु का सिंह राशि में गोचर के प्रभाव की।
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केतु का सिंह राशि में गोचर: प्रभाव
केतु एक छाया ग्रह है और सिंह राशि अग्नि तत्व की राशि है। इस राशि के स्वामी देव सूर्यमहाराज हैं जो कि केतु ग्रह के शत्रु माने जाते हैं। ऐसे में, केतु के सिंह राशि में मौजूद होने पर जातक अपने जीवन के महत्वपूर्ण व्यक्तियों जैसे कि पिता और शिक्षक आदि का विद्रोही बन सकता है। इसी क्रम में, जिन जातकों की कुंडली में केतु सिंह राशि में होते हैं, उनके अपने पिता के साथ संबंध उतार-चढ़ाव से भरे होते हैं। साथ ही, केतु की महादशा होने पर ऐसे जातकों को अपने जीवन में लगातार विवादों या तनाव का सामना करना पड़ता है। लेकिन, इन लोगों के लिए राजनीति में करियर बनाना फलदायी साबित होता है।
केतु ग्रह का ज्योतिषीय महत्व
बात करें केतु ग्रह की तो, केतु को भले ही पापी ग्रह माना जाता है। लेकिन, यह हमेशा बुरे परिणाम ही दें, ऐसा जरूरी नहीं है। ज्योतिष में केतु अध्यात्म, मोक्ष, वैराग्य आदि के कारक माने गए हैं। यह धनु राशि में उच्च और मिथुन राशि में नीच के होते हैं। वहीं, सभी 27 नक्षत्रों में केतु देव मघा, मूल और अश्विनी नक्षत्र के स्वामी हैं। बता दें कि यह एक छाया ग्रह है जो कि स्वरभानु नामक राक्षस का धड़ है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, केतु ग्रह व्यक्ति के जीवन के साथ-साथ संसार को भी प्रभावित करते हैं। किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु और केतु द्वारा कालसर्प दोष का निर्माण होता है। वहीं, केतु को लेकर कुछ ज्योतिषियों का मत है कि कुंडली में कुछ विशेष स्थिति में यह आपको सफलता के शिखर पर लेकर जाता है। साथ ही, राहु और केतु दोनों सूर्य और चंद्र ग्रहण के लिए जिम्मेदार होते हैं।
जीवन पर केतु ग्रह का प्रभाव
केतु कुछ लोगों के लिए वरदान साबित होता है जबकि कुछ लोगों के जीवन को यह समस्याओं से भर देता है। केतु ग्रह का मनुष्य जीवन के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों पर कैसा प्रभाव पड़ता है? आइए जानते हैं।
करियर पर प्रभाव: कुंडली में केतु महाराज की स्थिति व्यक्ति के करियर या कार्यक्षेत्र में अचानक से बदलाव लेकर आ सकती है। ऐसे में, जातकों को सकारात्मक परिणाम या सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है या फिर परिणाम उनकी उम्मीद के अनुसार नहीं होते हैं।
प्रेम जीवन: बात करें प्रेम जीवन की, तो केतु महाराज की स्थिति लव लाइफ में अप्रत्याशित परिवर्तन लेकर आती है। केतु की ऊर्जा जातक को अपने डर और आशंकाओं का सामना करने और प्रेम संबंधों में गलत मार्ग पर लेकर जा सकती है।
वैवाहिक जीवन: केतु देव वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी के बीच गलतफहमियां या भावनात्मक दूरी पैदा करने का काम करते हैं जिससे शादीशुदा जीवन में समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। ऐसी परिस्थितियां उस समय पैदा होती हैं जब जीवनसाथी पार्टनर के बजाय आध्यात्मिकता को प्राथमिकता देता है।
आर्थिक जीवन: किसी व्यक्ति के आर्थिक जीवन को केतु ग्रह अप्रत्याशित रूप से प्रभावित कर सकता है। ज्योतिष के अनुसार, जन्म कुंडली में केतु की अशुभ स्थिति होने पर जातक को अचानक धन हानि या फिर आय में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, व्यक्ति धन कमाने के लिए गलत रास्ते पर जा सकता है।
स्वास्थ्य: करियर, धन, प्रेम जीवन के अलावा केतु महाराज आपके स्वास्थ्य को भी अत्यधिक प्रभावित करते हैं। ऐसे में, यह जातक को कोई गुप्त रोग या पुरानी बीमारियों को पुनः जन्म दे सकते हैं जिनका इलाज लगभग असंभव होता है।
व्यक्तित्व: अलगाव के ग्रह के रूप में केतु दुनिया और स्वयं को देखने के नज़रिए को प्रभावित करता है जैसे कि कुंडली में केतु से प्रभावित व्यक्ति आत्मनिरीक्षण करने वाला और आध्यात्मिक प्रवृति का हो सकता है।
जन्म कुंडली में केतु महाराज की स्थिति से शुभ और अशुभ दोनों तरह के योग बनते हैं जो कि इस प्रकार हैं:
केतु से निर्मित शुभ योग
गणेश योग: जब कुंडली मेंकेतु देव और बृहस्पति महाराज युति का निर्माण करते हैं, तो एक बेहद शुभ गणेश योग बनता है। इस योग के प्रभाव से जातक ज्ञानी, साहसी और बुद्धिमान बनता है।
नवपंचम योग: नवपंचम योग को बहुत शुभ माना जाता है जो कुंडली में उस समय बनता है जब केतु और गुरु ग्रह एक-दूसरे के पांचवें और नौवें भाव में बैठे होते हैं। यह योग व्यक्ति को जीवन में सौभाग्य, मज़बूत नेतृत्व क्षमता, शिक्षा में सफलता और आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करता है।
कुंडली में मज़बूत केतु का प्रभाव
जिन जातकों की कुंडली में केतु मजबूत होता है, उन्हें वह जीवन में ज्यादा से ज्यादा धन कमाने में सहायता करता है।
केतु का सकारात्मक प्रभाव देखें, तो इनकी शुभ स्थिति जातक को शिक्षा में सफलता प्रदान करती है। ऐसा जातक स्कूल से लेकर कॉलेज तक हमेशा अच्छे अंक लेकर आता है।
केतु के बलवान होने पर व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान और यश की प्राप्ति होती है।
अगर आपकी कुंडली में केतु मज़बूत होता है, तो आपका झुकाव आध्यात्मिक कार्यों में होता है। ऐसे इंसान में गूढ़ ज्ञान प्राप्त करने की तीव्र इच्छा होती है।
कमज़ोर केतु का प्रभाव
कुंडली में केतु ग्रह कमज़ोर होने पर जातक को मानसिक समस्याएं जैसे कि तनाव, चिंता और घबराहट आदि परेशान करती हैं।
केतु के अशुभ प्रभाव से जातक को करियर और शिक्षा के क्षेत्र में अस्थिरता और गिरावट देखने को मिलती है।
जिन लोगों का केतु दुर्बल होता है, वह कर्ज, दिवालियापन और आर्थिक संकट जैसी समस्याओं से घिरा रहता है। मेहनत के बाद भी वह इन सबसे बाहर नहीं आ पाता है।
केतु ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से जातक कम उम्र में ही अपने परिवार को छोड़ सकता है या फिर उसे परिवार में तनाव और बहस का सामना करना पड़ता है।
केतु का सिंह राशि में गोचर: सरल एवं प्रभावी उपाय
केतु से शुभ फल पाने के लिए भगवान गणेश की पूजा करें, विशेष रूप से बुधवार के दिन गणेश पूजन फलदायी रहेगा।
केतु के प्रकोप को शांत करने के लिए शनिवार के दिन व्रत करें।
कुंडली में केतु को बलवान करने के लिए “ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नम:” मंत्र का 5, 11 या 18 माला जाप करें।
प्रत्येक शनिवार पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं और गरीबों को दान करें।
आप चाहें तो केतु का रत्न भी धारण कर सकते हैं, लेकिन ऐसा किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श लेने के बाद ही करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. केतु का सिंह राशि में गोचर कब होगा?
केतु ग्रह 18 मई 2025 को सिंह राशि में गोचर करेंगे।
2. सिंह राशि का स्वामी कौन है?
सूर्य देव को सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त है।
3. क्या सूर्य केतु के शत्रु हैं?
हाँ, सूर्य ग्रह को केतु का शत्रु माना जाता है।
टैरो साप्ताहिक राशिफल (18 मई से 24 मई, 2025): इस सप्ताह इन राशि वालों के हाथ लगेगा जैकपॉट!
टैरो साप्ताहिक राशिफल 18 मई से 24 मई 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषियों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।
टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्मा से बात करने का मौका देता है।
आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मजाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है। या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।
टैरो की उत्पति 15वीं शताब्दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।
टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्त किया जा सकता है। आप कुछ स्तर पर अध्यात्म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंतर्ज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।
तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 18 मई से 24 मई, 2025 तक का यह सप्ताह राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए किस तरह के परिणाम लेकर आएगा?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 18 से 24 मई, 2025: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
प्रेम जीवन: टू ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ पेंटाकल्स
करियर: सिक्स ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: द डेविल (रिवर्सड)
मेष राशि वालों के लिए टू ऑफ कप्स कार्ड प्रेम जीवन में आकर्षण और एक साथ होने का संकेत दे रहा है। इस सप्ताह आपको अपने पार्टनर का पूरा सहयोग मिलेगा और आप दोनों के बीच बेहतर सामंजस्य देखने को मिलेगा। साथ ही, आप हर कार्य को मिलकर करेंगे। इसके अलावा यह कार्ड अच्छी पार्टनरशिप का भी संकेत दे रहा है। यदि आप पहले से ही किसी रिश्ते में हैं, तो आपके बीच प्रेम पहले से बढ़ेगा और संबंध पहले से अधिक मजबूत होंगे।
मेष राशि के जातकों के आर्थिक जीवन की बात करें तो सिक्स ऑफ़ पेंटाकल्स संकेत देता है कि यदि आप इस सप्ताह कोई नया प्रोजेक्ट या व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे हैं तो आपकी यह महत्वाकांक्षा पूरी होगी और आप अपने सपने को पंख देंगे। इसके अलावा आप अपने विचारों को लोगों तक पहुंचाएंगे और रचनात्मक अभियान शुरू कर अपने लक्ष्यों तक पहुंचने का प्रयास करेंगे। आपका यह उत्साह दूसरों को प्रेरित करने में मदद करेगा। दूसरी ओर, आप दूसरों की सहायता करने में सक्षम होंगे।
सिक्स ऑफ़ वैंड्स टैरो कार्ड आपके लिए बहुत ही शुभ कार्ड प्रतीत हो रहा है। इस दौरान आप अपने कार्यस्थल में सफलता, मान्यता और जीत हासिल करेंगे। इस अवधि आपकी कड़ी मेहनत और दृढ़ता से आपको कार्यस्थल में पदोन्नति प्राप्त होगी और आपके वेतन में वृद्धि होगी साथ ही, नए अवसर प्राप्त होंगे।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में द डेविल (रिवर्सड)आपको सलाह दी जाती है कि एक जीवन जीने के लिए आपको हानिकारक चीज़ों से दूर रहना होगा और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा ताकि आप बेहतरीन जीवन जीने में सफल हो सके।
लकी अंक: 09
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: थ्री ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: द हीरोफेंट
करियर: किंग ऑफस्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: किंग ऑफ वैंड्स
वृषभ राशि वालों को प्रेम जीवन में थ्री ऑफ पेंटाकल्स मिला है, जो टीमवर्क, एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सामान्य आदर्शों और उद्देश्यों के आधार पर एक ठोस, स्थायी बंधन स्थापित करने का प्रतिनिधित्व करता है। यह कार्ड सौहार्दपूर्ण जीवन जीने की बात कह रहा है। इस अवधि आप एक दूसरे का सहयोग करते हुए नज़र आएंगे और एक-दूसरे के काम की सराहना करेंगे।
हीरोफेंट सलाह दे सकता है कि इस अवधि आप अपने धन को अच्छी तरह व किसी सुरक्षित स्थान पर रखें। इसके अलावा, पैसे के दुरुपयोग करने से बचें। यदि आप नए वित्तीय उत्पाद या पैसे कमाने के अपरंपरागत तरीके से अवगत नहीं हैं तो इन जगहों पर धन लगाना इस अवधि आपके लिए अच्छा नहीं होगा। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है इन चीज़ों पर पैसे लगाने से बचें।
नाइट ऑफ़ स्वॉर्ड्स टैरो कार्ड काम पर ध्यान केंद्रित करने और अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने का प्रतिनिधित्व करता है। यह भी सुझाव देता है कि अपने काम में आगे बढ़ने के लिए अब सही समय है। आप रिस्क उठा कर अपने लक्ष्यों को दृढ़ता से प्राप्त करने में जुट जाए।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से नाइट ऑफ वैंड्स बेहतरीन जीवन, जोश और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन आपको कुछ चीज़ों के प्रति जल्दबाजी करने से सावधान भी करता है क्योंकि इससे आपको नुकसान होने की संभावना है।
लकी अंक: 15
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: टू ऑफ कप्स
करियर: फाइव ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: किंगऑफ वैंड्स
मिथुन राशि वालों के प्रेम जीवन की बात करें तो आपको नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड प्राप्त हुआ है, जो रिश्ते में कुछ दूरी का संकेत दे सकता है। यह ऐसी परिस्थिति का संकेत दे सकता है, जहाँ आपको अपनी हिम्मत जुटानी होगी और तुरंत निर्णय लेने होंगे। आप इस अवधि किसी रिश्ते में आ तो जाएंगे पर आपको उस रिश्ते से लगाव नहीं होगा और आप जल्दी ही उस रिश्ते से बाहर आ सकते हैं।
आर्थिक जीवन में टू ऑफ कप्स टैरो कार्ड कहता है कि अगर आप किसी के साथ मिलकर काम करते हैं जैसे पार्टनरशिप, साझा व्यापार, या कोई समझौता तो उसमें आपको सफलता मिलेगी। ये कार्ड यह भी सलाह देता है कि अगर आपको मदद की ज़रूरत हो तो बिना झिझक आगे बढ़ें, और दूसरों के साथ मिलकर काम करें। मिलजुल कर चलने से आर्थिक लक्ष्य आसानी से पूरे हो सकते हैं।
जब करियर की बात आती है, तो टैरो कार्ड फाइव ऑफ पेंटाकल्स करियर के मामले में चेतावनी देता है। ये कार्ड दिखाता है कि आपको आर्थिक तंगी, नौकरी छूटने या काम में अस्थिरता जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है आप खुद को अकेला या पीछे छूटा हुआ महसूस करें। यह संकेत हो सकता है कि अभी नई नौकरी मिलने में दिक्कत हो सकती है या कमाई स्थिर नहीं रहेगी।
स्वास्थ्य के लिहाज से किंग ऑफ वैंड्स कार्ड कहता है कि आपकी सेहत अच्छी रहेगी और आपमें ऊर्जा और जोश बना रहेगा। यह कार्ड बताता है कि आप फिट और एक्टिव रहेंगे, लेकिन साथ ही यह भी सलाह देता है कि जोश में आकर अपनी सेहत को नजरअंदाज न करें या कोई चीज़ ज़रूरत से ज़्यादा न करें।
लकी अंक: 05
कर्क राशि
प्रेम जीवन: द हाई प्रीस्टेस
आर्थिक जीवन: टेम्पेरन्स
करियर: सिक्स ऑफवैंड्स
स्वास्थ्य: एट ऑफ स्वॉर्ड्स
प्रेम जीवन में द हाई प्रीस्टेस टैरो कार्ड आपको मिला है, जो बता रहा है कि आपकी भावनाओं में धीरे-धीरे बदलाव हो रहे हैं, जिन्हें आप अभी खुद भी पूरी तरह नहीं समझ पा रहे हों। ये बदलाव अच्छे भी हो सकते हैं या थोड़े उलझाने वाले, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी स्थिति कैसी है। अगर आप किसी रिश्ते में हैं, तो यह कार्ड बताता है कि आपका रिश्ता गहराई की ओर बढ़ रहा है, आप एक-दूसरे के और करीब आ सकते हैं। लेकिन साथ ही, आप कमजोर भी पड़ सकते हैं। यह कार्ड इंगित करता है कि रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए ईमानदार होना बहुत जरूर है।
टेम्पेरन्स टैरो कार्ड आर्थिक जीवन के लिए आपको यह सलाह देता है कि धैर्य और संतुलन से काम लें। अगर आप सोच-समझकर खर्च करेंगे, लंबी योजना बनाएंगे और कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं लेंगे, तो आर्थिक सफलता व मानसिक शांति दोनों मिलेगी।
सिक्स ऑफ़ वैंड्स कार्ड उपलब्धि और सफलता का प्रतिनिधित्व करता है। इस अवधि आपकी कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण आपको वेतन वृद्धि, पदोन्नति या नया करियर अवसर प्राप्त होगा। आपके काम को आपके साथी और सीनियर्स भी सराहेंगे, जिससे आपके करियर में और आगे बढ़ने के रास्ते खुलेंगे।
स्वास्थ्य की बात करें तो एट ऑफ स्वॉर्ड्स बताता है कि आप खुद की सोच या डर के कारण तनाव में हैं। कई बार हम अपनी नकारात्मक सोच या फालतू चिंता में फंस जाते हैं, जिससे बेचैनी, घबराहट या थकान महसूस होने लगती है।
फोर ऑफ कप्स टैरो कार्ड कहता है कि आपका ध्यान ज़्यादा उस चीज़ पर है जो छूट गई, और अब आप अपने फैसले पर पछता रहे हैं या किस्मत को कोस रहे हैं। आप बार-बार पुरानी बातें और खोए हुए मौके के बारे में सोच रहे हैं, जिसकी वजह से आप अपना समय और ऊर्जा बेकार कर रहे हैं। इस सोच में डूबे रहने के कारण आप अब जो अच्छे मौके आपके सामने हैं, उन पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं।
आर्थिक जीवन में द एम्परर कार्ड यह बताता है कि आप अपने फाइनेंशियल मामलों पर पूरा कंट्रोल रखते हैं। आप हर चीज़ को नियंत्रण में रखना पसंद करते हैं और पैसों को लेकर बिल्कुल भी परेशान नहीं हैं। इस समय आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत और स्थिर है।
फोर ऑफ वैंड्स टैरो कार्ड आपके करियर को लेकर संकेत देता है कि आप अपने काम में अच्छी तरह से जम चुके हैं। चाहे आप कर्मचारी हों, टीम का हिस्सा हों या बॉस पको पूरा सम्मान और महत्व मिल रहा है। इस सप्ताह आपके साथ काम करने वाले लोग आपका साथ देंगे और आपकी कामयाबी का जश्न साथ मिलकर मनाएंगे।
एट ऑफ स्वॉर्ड्स टैरो कार्ड संकेत देता है कि इस हफ़्ते आप आत्म-संदेह कर सकते हैं और इससे आपके मन में नकारात्मक सोच या उदासी आ सकती है। ऐसा लग सकता है जैसे आप फंसे हुए हैं या कुछ समझ नहीं आ रहा। इससे बाहर निकलने का सबसे अच्छा तरीका है कि किसी भरोसेमंद इंसान से बात करें और खुद का ध्यान रखें।
प्रेम जीवन की बात करें तो फोर ऑफ पेंटाकल्स बता रहा है कि आप इन दिनों अपने पार्टनर को लेकर कुछ ज़्यादा ही पजेसिव हो रहे हैं, जिसकी वजह से वो घुटन महसूस कर रहे हैं। ये आदत आपके रिश्ते में तनाव और दूरी ला रही है। आपको समझने की ज़रूरत है कि किसी भी रिश्ते को लंबा और मजबूत बनाए रखने के लिए, एक-दूसरे को थोड़ा पर्सनल स्पेस देना बहुत ज़रूरी होता है।
मैजिशियन एक ऐसा कार्ड है जो आपके जीवन में आने वाली वित्तीय समृद्धि को दर्शाता है। आपने पहले जो मेहनत की है, अब उसका अच्छा फल मिलने का समय आ गया है। साथ ही, आपने जो निवेश पहले किए थे, अब उनसे भी आपको अच्छा फायदा मिलेगा।
सिक्स ऑफ़ स्वॉर्ड्स टैरो कार्ड बताता है कि इस महीने आप काम के सिलसिले में घर से दूर जा सकते हैं। यह भी हो सकता है कि आप अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलें और कुछ नए और चुनौतीपूर्ण काम या ज़िम्मेदारियों को संभालें, ताकि करियर में आगे बढ़ सकें। यह कार्ड ये भी दिखाता है कि मुश्किल दौर के बाद अब अच्छे और सुकून भरी समय की शुरुआत होगी।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से द वर्ल्ड एक अच्छा कार्ड है। यह समग्र रूप से उत्कृष्ट स्वास्थ्य को दर्शाता है, अगर आप स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं तो संभव है कि अब आपको सबसे बेहतरीन उपचार प्राप्त होंगे और अब आपके लिए सबसे अच्छे डॉक्टर उपलब्ध हो सकते हैं और आप जल्द ही ठीक हो जाएंगे।
प्रेम जीवन में स्ट्रेंथ टैरो कार्ड यह दिखाता है कि आपके अंदर धैर्य, समझदारी और भावनात्मक ताकत है। आप रिश्ते की मुश्किलों का सामना प्यार और समझ के साथ व बिना टकराव के कर सकते हैं। इसके अलावा, यह कार्ड मजबूत और भावुक भावनाओं का प्रतीक है जो स्पष्ट संवाद और रिश्ते में बेहतर सामंजस्य बनाए रखता है।
क्वीन ऑफ़ स्वॉर्ड्स टैरो कार्ड धन के मामलों में बताता है कि इस हफ्ते आप सोच-समझकर और बुद्धिमानी से फैसले लेंगे। आप भावनाओं में बहने के बजाय तर्क और समझ से अपने आर्थिक मामलों को संभालेंगे। यह कार्ड यह भी दर्शाता है कि ईमानदारी और सही जानकारी के आधार पर ही कोई भी फैसला लें और हर पहलू को ध्यान में रखें।
सिक्स ऑफ़ स्वॉर्ड्स टैरो कार्ड अक्सर यह संकेत देता है कि अब समय है दिशा बदलने का, किसी पुरानी स्थिति को छोड़ने का और शायद कुछ नया शुरू करने का। यह कार्ड बताता है कि आपको बीती बातों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए, ताकि आप एक नई और बेहतर शुरुआत कर सकें।
स्वास्थ्य के संदर्भ में, टैरो कार्ड आठ कप बुरी दिनचर्या, आदतों या परिस्थितियों को छोड़ने का समय दर्शाता है जो अब आपके लिए फायदेमंद नहीं हैं और संभवतः भलाई पर एक नया दृष्टिकोण अपनाते हैं। इसके लिए आपको वैकल्पिक उपचारों की तलाश करनी पड़ सकती है, अपने भोजन में बदलाव करना पड़ सकता है या कोई नया वर्कआउट रूटीन शुरू करना पड़ सकता है।
एट ऑफ कप्स टैरो कार्ड स्वास्थ्य को लेकर यह बताता है कि अब पुरानी और नुकसानदायक आदतों या दिनचर्या को छोड़ने का समय आ गया है। अब आपको अपनी सेहत को लेकर नया नजरिया अपनाना चाहिए। यह कार्ड इशारा करता है कि आप चाहें तो कोई नई एक्सरसाइज शुरू करें और खान-पान में बदलाव करें, जिससे आपकी सेहत बेहतर हो सके।
लकी अंक: 06
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: टू ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: द मून
करियर: हर्मिट
स्वास्थ्य: थ्री ऑफ कप्स
टू ऑफ पेंटाकल्स टैरो कार्ड यह दर्शाता है कि रिश्ते में आपको संतुलन बनाने की ज़रूरत है, चाहे वो कई जिम्मेदारियों को संभालना हो या कोई बड़ा फैसला मिलकर लेना हो। इस समय पर्सनल लाइफ में बदलाव और नई चुनौतियों को अपनाना थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन अगर आप थोड़ा धैर्य रखें और समझदारी से काम लें, तो सब संभल जाएगा।
आर्थिक जीवन में द मून टैरो कार्ड पैसे के मामलों में यह बताता है कि इस समय सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी है। हो सकता है कि सामने सब कुछ साफ़ न हो या किसी बात में धोखा या भ्रम भी हो सकता है। इसलिए कोई भी फाइनेंशियल फैसला लेने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें और साथ ही अपनी अंतरआत्मा की भी सुनें।
द हर्मिट टैरो कार्ड करियर के मामले में बताता है कि ये समय खुद पर ध्यान देने और गहराई से सोचने का है। इस हफ्ते आप अपने करियर को लेकर अंदर ही अंदर सवाल करेंगे। हो सकता है कि आप महसूस करें कि सिर्फ पैसे कमाना ही काफी नहीं है और आप ऐसी नौकरी या काम की तलाश करें जो दिल को सुकून दे। यह भी हो सकता है कि आपको लगे कि आपकी मौजूदा नौकरी आपके लिए सही नहीं है और आप बदलाव के बारे में सोचें।
थ्री ऑफ कप्स टैरो कार्ड सेहत के मामले में बताता है कि यह समय आपके लिए खुशी, साथ और सहयोग से भरा हुआ है। आपकी सेहत और मानसिक स्थिति दोस्तों, परिवार या अपने करीबियों के साथ समय बिताने से बेहतर होगी। यह कार्ड ये भी कहता है कि अगर आप समूह में कोई एक्टिविटी करते हैं तो आपका मन और शरीर दोनों बेहतर महसूस करेंगे।
धनु राशि राशि वालों को फोर ऑफ़ पेंटाकल्स टैरो कार्ड प्रेम जीवन के मामले में यह दर्शाता है कि आप अपने रिश्ते में कुछ ज़्यादा ही कंट्रोल करने की कोशिश कर सकते हैं या फिर पार्टनर से चिपके रहने जैसी भावना हो सकती है। यह जरूरत से ज़्यादा सुरक्षा और स्थिरता चाहने की वजह से हो सकता है, जिससे रिश्ते में घुटन या तनाव आ सकता है। लेकिन इस कार्ड का एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि अब आप पुराने दुख या नाराज़गियों को छोड़ सकते हैं।
सिक्स ऑफ कप्स टैरो कार्ड धन के मामले में भविष्यवाणी कर रहा है कि इस अवधि आपकी आर्थिक स्थिति स्थिर रहेगी और आप दूसरों की मदद करने के लिए भी तैयार रहेंगे। इस अवधि आपको किसी से उपहार में धन या पैतृक संपत्ति भी मिल सकती है। यह कार्ड आपको वित्तीय निर्णय लेते समय, भावुक या उदासीन मूल्यों को ध्यान में रखने के लिए भी प्रेरित कर सकता है।
ऐस ऑफ़ पेंटाकल्स टैरो कार्ड करियर के मामले में यह संकेत देता है कि आपके लिए नया मौका आने वाला है, जिससे विकास और सफलता मिल सकती है। ये मौका नई नौकरी, प्रमोशन या फिर अपना खुद का काम शुरू करने से जुड़ा हो सकता है। यह कार्ड आपको कहता है कि थोड़ा साहस दिखाएं और समझदारी से कदम बढ़ाएं क्योंकि ये समय कुछ अच्छा पाने का है।
थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड दर्शा रहा है अगर आप लंबे समय से किसी बीमारी या शारीरिक परेशानी से जूझ रहे थे, तो अब आपको राहत मिलने वाली है। यह कार्ड इशारा करता है कि धीरे-धीरे आपकी तबीयत में सुधार होगा और आप पुरानी तकलीफों से छुटकारा पा सकेंगे।
लकी अंक: 03
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मकर राशि
प्रेम जीवन: सेवेन ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: द लवर
करियर: टू ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: पेज़ ऑफ कप्स
मकर राशि वालों को प्रेम जीवन में सेवेन ऑफ पेंटाकल्स मिला है जो भविष्यवाणी कर रहा है कि रिश्ते में धैर्य, मेहनत और समर्पण की ज़रूरत है। यह कार्ड संकेत देता है कि अगर आप समय और प्यार के साथ अपने रिश्ते की देखभाल करते हैं, तो यह रिश्ता लंबे समय तक मजबूत और सुखद बनेगा।
आर्थिक जीवन में द लवर टैरो कार्ड यह बताता है कि इस समय आपको एक बड़ा और सोच-समझकर किया गया फैसला लेना होगा। हो सकता है कि आपके सामने दो ज़रूरी विकल्प हों, लेकिन आपको एक को चुनना पड़ेगा और दूसरा छोड़ना पड़ेगा। साथ ही, यह कार्ड यह भी संकेत देता है कि किसी के साथ मिलकर काम करना या किसी पार्टनरशिप में जाना आपके आर्थिक लक्ष्यों को पाने में मददगार हो सकता है।
टू ऑफ़ वैंड्स टैरो कार्ड करियर के मामले में यह बताता है कि अब समय है अपने भविष्य के बारे में गंभीरता से सोचने का। यह कार्ड आपको प्रेरित करता है कि आप लंबी अवधि के लक्ष्य बनाएं, अपने करियर को आगे कैसे बढ़ाना है, इसकी योजना बनाएं। साथ ही, यह कार्ड यह भी संकेत देता है कि आपको कुछ बड़ा कदम उठाने की ज़रूरत पड़ सकती है।
पेज ऑफ़ कप्स टैरो कार्ड सेहत को लेकर बताता है कि आपके लिए अच्छी खबर आने की संभावना है। यह कार्ड गर्भधारण का संकेत भी हो सकता है। साथ ही, कोई नई दवा, इलाज या उपाय पता चल सकता है, जो आपकी सेहत को बेहतर बना सकता है।
लकी अंक: 88
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कुंभ राशि
प्रेम जीवन: नाइट ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: सेवन ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: एट ऑफ वैंड्स
कुंभ राशि राशि के जातकों के प्रेम जीवन में नाइट ऑफ पेंटाकल्स यह बताता है कि आपके जीवन में एक भरोसेमंद, ईमानदार और ज़मीन से जुड़ा साथी हो सकता है, जो रिश्ते में सुरक्षा और स्थिरता को बहुत महत्व देता है। हो सकता है कि ये इंसान धीरे-धीरे अपने जज़्बात ज़ाहिर करे, लेकिन एक बार जुड़ गया तो बहुत वफादार और निभाने वाला साथी साबित होता है।
आर्थिक जीवन में ऐस ऑफ़ स्वॉर्ड्स दर्शाता है कि अब समय दिमाग से सोचकर और समझदारी से फैसले लेने का है। आपको हर मौके को तर्क और योजना के साथ परखना चाहिए। यह कार्ड आपको यह भी चेतावनी देता है कि भावनाओं में बहकर या जल्दबाज़ी में कोई आर्थिक फैसला न लें, वरना नुकसान हो सकता है।
सेवन ऑफ़ वैंड्स टैरो कार्ड करियर के मामले में यह बताता है कि आपको अपने काम, पद और मान-सम्मान की रक्षा करनी होगी। हो सकता है कि कुछ लोग आपको चुनौती दें, लेकिन आपको डटकर खड़ा रहना है। यह कार्ड कहता है कि आत्मविश्वास रखें, अपनी मेहनत पर भरोसा करें और अगर ज़रूरत पड़े तो अपने हक के लिए आवाज़ उठाएं।
स्वास्थ्य को लेकर आठ ऑफ वैंड्स कार्ड दर्शाता है कि इस अवधि आपकी सेहत में जल्दी सुधार होगा। यह कार्ड कहता है कि अब आप तेजी से ठीक होंगे और यह समय एक सक्रिय और संतुलित जीवनशैली अपनाने का है, जिससे आपकी सामान्य सेहत और तंदुरुस्ती में और सुधार होगा।
लकी नंबर: 08
मीन राशि
प्रेम जीवन: क्वीन ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: किंग ऑफ कप्स
करियर: एस ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: सेवन ऑफ स्वॉर्ड्स
मीन राशि वालों को प्रेम जीवन में क्वीन ऑफ़ पेंटाकल्स कार्ड मिला है, जो भविष्यवाणी कर रहा है कि आप रिश्ते में बहुत समझदारी, स्थिरता और प्यार से भरा व्यवहार रखते हैं। आप ऐसा रिश्ता चाहते हैं जो सुरक्षित हो, भावनात्मक रूप से संतुलित हो और जिसमें अपनापन और सुकून हो।
किंग ऑफ कप्स कार्ड आर्थिक मामलों में यह सलाह देता है कि सिर्फ पैसा कमाने पर ध्यान न देकर, अपने मानसिक संतुलन, समझदारी और भावनात्मक नियंत्रण पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। यह कार्ड यह भी बताता है कि पैसे के मामलों में शांति से, सोच-समझकर और संतुलन के साथ फैसले लें, न कि जल्दबाज़ी या भावनाओं में बहकर।
करियर के क्षेत्र में ऐस ऑफ़ वैंड्स टैरो कार्ड दर्शाता है कि आपके अंदर कुछ नया करने की ऊर्जा और जोश भरपूर है। यह समय है जब आप किसी नए काम की शुरुआत कर सकते हैं, या फिर किसी बड़े प्रोजेक्ट को पूरे उत्साह और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ा सकते हैं। यह कार्ड कहता है कि आपको अपने आइडियाज़ पर भरोसा करना चाहिए और पूरे जोश के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
सेवन ऑफ़ स्वॉर्ड्स कार्ड आपको यह संकेत देता है कि आपको अपनी सेहत को लेकर लापरवाही नहीं करनी चाहिए। अगर कोई समस्या बार-बार हो रही है, तो अच्छे से जांच करवाएं और ज़रूरत पड़े तो किसी दूसरे डॉक्टर की राय भी लें। यह कार्ड यह भी कहता है कि ऐसी कोई भी आदत या काम न करें जो आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न.
1. टैरो कार्ड क्या है?
टैरो कार्ड, भविष्य जानने का एक तरीका है। इसमें 78 कार्ड होते हैं, जिन्हें दो भागों में बांटा गया है।
2. टैरो और एंजेल कार्ड में क्या अंतर है?
टैरो कार्ड में विभिन्न चित्र बने होते हैं जो किसी व्यक्ति के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाते हैं। वहीं दूसरी तरफ, एंजल कार्ड किसी विशेष अवधि पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
3. टैरो डेक में कौन सा कार्ड सबसे शक्तिशाली होता है?
टैरो कार्ड में स्ट्रेंथ को शक्तिशाली माना जाता है।
अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 18 मई से 24 मई, 2025
कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)?
अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा।
इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (18 मई से 24 मई, 2025)
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं।
जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मूलांक 1
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक चुनौतीपूर्ण स्थितियों से निपटने के लिए दृढ़ निश्चयी हो सकते हैं। ये जातक समय के पाबंद होते हैं और अपने इस स्वभाव से इन्हें जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।
प्रेम जीवन: इस समय आपके और आपके पार्टनर के बीच मधुर संबंध रहेंगे। इससे आपका और आपके जीवनसाथी का रिश्ता मजबूत होगा।
शिक्षा: इस सप्ताह आप शिक्षा के क्षेत्र में अधिक सफलता प्राप्त करेंगे और आप एडवांस स्टडीज़ में भी आगे निकल सकते हैं। आप इस सप्ताह प्रोफेशनल स्टडीज़ भी कर सकते हैं।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को ऐसे अवसर मिलने की संभावना है जिससे उनके लक्ष्यों की पूर्ति हो सकती है और उन्हें पदोन्नति मिलने की भी संभावना है। यदि आप व्यवसाय करते हैं, तो आपको नई बिज़नेस डील मिल सकती है जिससे आपको अधिक मुनाफा होने के आसार हैं।
सेहत: इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है। आपको साहस और दृढ़ता से सेहत को बनाए रखने में मार्गदर्शन मिल सकता है।
उपाय: शनिवार के दिन शनि ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
मूलांक 2
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातकों की रिसर्च करने और उस क्षेत्र में कुछ शानदार करने की जिज्ञासा हो सकती है। इसके अलावा ये जातक यात्रा करने में अधिक व्यस्त रह सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस समय आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी समझ बहुत अच्छी रहने वाली है जिससे आप अपने जीवनसाथी के साथ सफलतापूर्वक जीवन में आगे बढ़ेंगे।
शिक्षा: इस सप्ताह आपको अपने कौशल के दम पर उच्च सफलता मिलने के योग हैं। इससे आपको अधिक अंक प्राप्त करने में मार्गदर्शन मिलेगा। यदि आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो आप अधिक प्रगति कर सकते हैं।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक एक अच्छे टीम लीडर के रूप में उभर सकते हैं और इस समयावधि में धीरे-धीरे आगे बढ़ सकते हैं। वहीं व्यवसाय करने वाले जातक इस सप्ताह एक सफल उद्यमी के रूप में उभर सकते हैं।
सेहत: इस सप्ताह साहस और दृढ़ निश्चयी रहने की वजह से आपका स्वास्थ्य भी दुरुस्त रहने वाला है।
उपाय: आप सोमवार के दिन मां दुर्गा के लिए यज्ञ-हवन करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अधिक आध्यात्मिक और सिद्धांतों पर चलने वाले हो सकते हैं। इसके अलावा ये जातक अधिक खुले विचारों वाले हो सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने जीवनसाथी के साथ अधिक ईमानदार हो सकते हैं और इसकी वजह से आप अपने रिश्ते को मजबूत करने में सक्षम होंगे।
शिक्षा: इस समय पढ़ाई के क्षेत्र में आपका प्रदर्शन अच्छा रहने वाला है एवं आप अपने प्रदर्शन को और अधिक बेहतर करने पर ध्यान देंगे। इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षा में हिस्सा लेना फायदेमंद हो सकता है।
पेशेवर जीवन: कार्यक्षेत्र में आपको अधिक सफलता मिलने की संभावना है। आपके पेशेवर तरीके से काम करने की वजह से ऐसा हो सकता है। व्यापारी इस समय अधिक मुनाफा कमाने के मामले में अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे निकल सकते हैं।
सेहत: स्वास्थ्य के मामले में आप इस समय ऊर्जा से भरपूर रहेंगे। इसके अलावा आप स्वस्थ रहने के लिए दृढ़ निश्चयी रह सकते हैं। आपकी इम्युनिटी भी मजबूत रहने वाली है।
उपाय: बृहस्पतिवार के दिन बृहस्पति ग्रह की पूजा करें।
मूलांक 4
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक जुनूनी और उत्साहित हो सकते हैं और इसी के आधार पर निर्णय ले सकते हैं। ये जातक अपने कार्यों को लेकर अधिक सचेत हो सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह मूलांक 4 वाले जातकों को अपने जीवनसाथी के साथ आनंद के पल न मिल पाने की आशंका है। आपसी सामंजस्य में कमी के कारण ऐसा हो सकता है।
शिक्षा: इस समय छात्रों का पढ़ाई पर से ध्यान भटक सकता है और इसकी वजह से वे उच्च अंक प्राप्त करने में पीछे रह सकते हैं। संभव है कि इस सप्ताह छात्रों की पढ़ाई में कम रुचि हो।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक इस समय काम के अधिक दबाव के कारण पीछे रह सकते हैं। वहीं व्यापारियों को अपने प्रतिस्पर्धियों से कड़ी टक्कर मिलने के संकेत हैं।
सेहत: इस सप्ताह आपको कंधे में गंभीर दर्द होने की आशंका है। तनाव आर इम्युनिटी के कमज़ोर होने की वजह से ऐसा हो सकता है।
उपाय: आप नियमित रूप से 22 बार ‘ॐ राहवे नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 5
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अत्यंत कुशल होते हैं और जीवन में अधिक सफलता प्राप्त करने में सक्षम होते हैं। इसके अलावा इनका दृष्टिकोण अधिक तार्किक हो सकता है।
प्रेम जीवन: आप इस सप्ताह अपने जीवनसाथी के साथ रोमांटिक पल बिता सकते हैं। ऐसा आपके अंदर मौजूद आनंद और ह्यूमर की वजह से संभव हो पाएगा।
शिक्षा: इस समय छात्र शिक्षा के क्षेत्र में उच्च अंक प्राप्त करने में सक्षम होंगे। ऐसा आपके दृढ़ संकल्प और पेशेवर तरीके से पढ़ाई करने की वजह से हो सकता है।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह काम के मामले में समय आपके पक्ष में हो सकता है। यदि आप व्यापार करते हैं, तो आप अपने प्रतिद्वंदियों पर हावी हो सकते हैं और इस तरह आप अपने प्रतिस्पर्धियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम हो सकते हैं।
सेहत: इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है। ऐसा आपके अंदर के जोश और ऊर्जा की वजह से हो सकता है।
उपाय: नियमित रूप से प्राचीन ग्रंथ नारायणीयम का पाठ करें।
मूलांक 6
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक लंबी दूरी की यात्रा पर जाने के लिए अधिक उत्सुक हो सकते हैं। इनका स्वभाव बहुत सहज होता है। इसके अलावा ये जातक अपनी रचनात्मकता को निखारने में रुचि रखते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपको अपने परिवार में संवेदनशील मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है और इसकी वजह से आपके लिए अपने जीवनसाथी के साथ सुखद संबंध बनाए रखना कठिन हो सकता है।
शिक्षा: इस समय विद्यार्थी उच्च अंक प्राप्त करने में असफल रह सकते हैं और इसके कारण उनकी प्रगति में कमी आने की आशंका है। इस दौरान छात्रों के लिए अधिक अंक प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों से इस समय अपने काम में अधिक गलतियां हो सकती हैं इसलिए आपको सावधान रहने की जरूरत है। यदि आप व्यापार करते हैं, तो आपको स्टाफ और योजना की कमी के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
सेहत: इस सप्ताह आपको त्वचा से संबंधित समस्याएं और मोटापा होने की आशंका है। इस वजह से आपको अपनी सेहत का ख्याल रखने की सलाह दी जाती है।
उपाय: आप नियमित रूप से 24 बार ‘ॐ श्री लक्ष्मीभ्यो नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 7
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)
इस सप्ताह मूलांक 7 वाले जातक गूढ़ विद्या सीखने में अधिक रुचि ले सकते हैं और इसके लिए समय निकाल सकते हैं। इनका झुकाव ईश्वर की भक्ति की ओर अधिक बढ़ सकता है।
प्रेम जीवन: इस समय आप अपने जीवनसाथी के साथ मधुर संबंध बनाए रखने में असमर्थ हो सकते हैं जिसकी वजह से आप अपने पार्टनर के साथ आगे नहीं बढ़ सकेंगे।
शिक्षा: इस सप्ताह छात्रों की पढ़ाई में रुचि कम हो सकती है। इस वजह से छात्र औसत अंक ही प्राप्त कर पाएंगे।
पेशेवर जीवन: यदि आप नौकरी करते हैं, तो इस सप्ताह कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी आपके वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आपकी छवि खराब हो सकती है। वहीं व्यापारियों के लिए इस समय मुनाफा कमाना मुश्किल हो सकता है।
सेहत: इस सप्ताह आपको एलर्जी के कारण शरीर पर स्किन रैशेज़ होने की आशंका है जिसकी वजह से आपके स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है।
उपाय: मंगलवार के दिन केतु ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
मूलांक 8
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अपने काम को लेकर अधिक सचेत और कठिन कार्य करने के लिए दृढ़ निश्चयी हो सकते हैं। ये जातक उच्च नेतृत्व करने के गुण को प्राप्त करने का लक्ष्य रख सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपके और आपके जीवनसाथी के बीच दूरियां आने की आशंका है। ऐसा आप दोनों के बीच आपसी समझ कम होने के कारण हो सकता है।
शिक्षा: छात्रों को पढ़ाई के मामले में एकाग्रता में कमी का सामना करना पड़ सकता है। आप पढ़ाई पर अधिक ध्यान दें और आगे बढ़ने का प्रयास करें।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह नौकरीपेशा जातक अपने सहकर्मियों से बेहतर प्रदर्शन करने में असमर्थ हो सकते हैं और आपको अपने सहकर्मियों की ओर से मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप व्यापार करते हैं, तो आप अपने प्रतिद्वंदियों से हार सकते हैं और आपके हाथ से बिज़नेस के अच्छे अवसर भी छूट सकते हैं।
सेहत: आपको नसों से संबंधित समस्याएं होने की आशंका है। आपके मन में असुरक्षा की भावनाएं आने की वजह से ऐसा हो सकता है।
उपाय: आप नियमित रूप से 11 बार ‘ॐ मंदाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अधिक कुशल हो सकते हैं। इसके अलावा ये उचित निर्णय लेने में साहसी होते हैं।
प्रेम जीवन: इस समय आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी समझ बहुत अच्छी रहने वाली है जिससे आप दोनों के लिए यह समय अधिक यादगार बन सकता है।
शिक्षा: आप तेजी से अपनी पढ़ाई पूरी करने में सक्षम हो सकते हैं। इसके अलावा आपको प्रतियोगी परीक्षा में भी सफलता मिलने की संभावना है।
पेशेवर जीवन: यदि आप नौकरी करते हैं, तो आपको अपने काम में अधिक सफलता मिलने के योग हैं और इस तरह आपको नौकरी के नए अवसर भी मिल सकते हैं। व्यापारी अधिक मुनाफा कमाने और अपने प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़ने में सक्षम होंगे।
सेहत: शारीरिक रूप से फिट रहने की वजह से इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है। आपको मामूली सिरदर्द होने के अलावा कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या होने के संकेत नहीं हैं।
उपाय: आप नियमित रूप से 27 बार ‘ॐ भूमि पुत्राय नम:’ मंत्र का जाप करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल क्या होता है?
उत्तर. इसमें जन्मतिथि के आधार पर आने वाले सप्ताह की भविष्यवाणी की जाती है।
प्रश्न 2. अपना मूलांक जानने का क्या तरीका है?
उत्तर. अपनी जन्मतिथि के अंकों को जोड़कर मूलांक निकाला जा सकता है।
प्रश्न 3. क्या अंक ज्योतिष के अनुसार उपाय करने से लाभ होता है?
उत्तर. हां, इससे सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
केतु का सिंह राशि में गोचर: राशि सहित देश-दुनिया पर देखने को मिलेगा इसका प्रभाव
एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको केतु का सिंह राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि केतु के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कि 18 मई, 2025 को केतु सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। केतु के गोचर से कुछ राशियों को बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा, इस ब्लॉग में केतु ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
केतु को राहु का दूसरा भाग माना जाता है। केतु कोई भौतिक ग्रह नहीं है, बल्कि एक छाया या गणना से निकला हुआ ऐसा बिंदु है जहां चंद्रमा की कक्षा और सूर्य के पथ आपस में काटते हैं। राहु और केतु मिलकर चंद्रमा के उत्तर और दक्षिण बिंदु बनाते हैं।
केतु आध्यात्मिकता, वैराग्य, पिछले जन्म के कर्म और मोक्ष (मुक्ति) का प्रतिनिधित्व करता है। यह हमारे अंदर की सोच, पुराने जन्मों में सीखी हुई चीज़ों और इस जन्म में जिन चीज़ों में हमें कम दिलचस्पी होती है, उनसे जुड़ा होता है। केतु का स्वभाव मंगल जैसा होता है, जोश में, तेज़ और क्रियाशील, लेकिन यह आत्मिक रूप से काम करता है। यानी, यह ग्रह इंसान को अंदर से बदलता है, उसे सोचने और खुद को समझने की ताकत देता है।
केतु हमेशा वक्री यानी उल्टी दिशा में चलता हुआ प्रतीत होता है। इसी वजह से जब बाकी ग्रह एक राशि से अगली राशि में जाते हैं, तब केतु और राहु पिछली राशि में चला जाता है। जैसे कि अगर केतु कन्या राशि में है, तो अगला गोचर वह सिंह राशि में करेगा, जो एक राशि पीछे है। केतु जिस राशि में होता है, वहां वह उस राशि के स्वामी जैसे प्रभाव देता है। इसके अलावा, केतु पर जो ग्रह दृष्टि डालते हैं या जो ग्रह केतु के साथ बैठे होते हैं , उनके प्रभाव भी केतु के फल में मिलते हैं। केतु को कुजवत नाम से भी जाना जाता है, जिसका मतलब है “मंगल जैसा”। यानी इसका स्वभाव मंगल ग्रह की तरह तेज, तीखा और कर्म प्रधान होता है।
सिंह राशि में केतु: विशेषताएँ
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब केतु सिंह राशि में होता है, तो इसका मतलब होता है कि व्यक्ति को जीवन में नाम मिल सकता है, वो चाहे अच्छा हो या बदनाम हो, लेकिन लोग उसे जानने लगते हैं। ये पहचान कभी साफ़ तरीके से नहीं होती, बल्कि कभी-कभी उलझी हुई या समझ से बाहर भी हो सकती है।
केतु सिंह राशि में होने से व्यक्ति का प्यार जताने का तरीका बहुत अलग और कभी-कभी अनोखा होता है। ऐसे लोग पूरी तरह समर्पण चाहते हैं या मानसिक रूप से थोड़े उलझे रह सकते हैं। उनके अंदर जन्मजात नेतृत्व करने की इच्छा और एक शाही अंदाज़ हो सकता है। लेकिन इसके साथ-साथ वे लोगों की तारीफ़ की परवाह भी नहीं करते।
केतु सिंह राशि में होने से जातक का आध्यात्मिकता की ओर झुकाव बढ़ता है। ऐसा व्यक्ति अपने पार्टनर या बच्चों के साथ आध्यात्मिक बातें बांट सकता है, या उसे अपने पिछले जन्म की यादें भी महसूस हो सकती हैं। वैदिक ज्योतिष में केतु को एक बहुत शुभ ग्रह भी माना जाता है, जो ज्ञान, सच्चाई और धन का कारक है। लेकिन अगर आप जीवन में सही राह से भटकते हैं या ब्रह्मांड के नियमों को तोड़ते हैं, तो यही केतु बहुत घातक नतीजे भी दे सकता है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
केतु का सिंह राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर आपकी राशि से चौथे स्थान में होगा। केतु को विरक्ति का कारक ग्रह कहते हैं इसलिए यह जिस भाव में बैठता है, उस भाव से संबंधित फलों में कमी कर देता है। यही कारण है कि जब केतु आपके चौथे भाव में गोचर करेगा तो पारिवारिक जीवन में कुछ समस्याएं बढ़ सकती है। परिवार के लोगों में अकारण तनाव और गलतफहमी बढ़ने से परिवार का माहौल कलहपूर्ण हो सकता है।
आपको परिवार में शांति का अभाव महसूस होगा इसलिए घर में मन कम लगेगा और आप ज्यादा समय बाहर बिताना पसंद करेंगे। आपकी माता जी को भी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इस दौरान आपको छाती अथवा फेफड़े का संक्रमण भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपको अपने स्वास्थ्य का और अपने आसपास की स्थितियों और पारिवारिक संबंधों का ध्यान रखने की कोशिश करनी चाहिए जिससे कि आप अनुकूलता प्राप्त कर सकें और आपसी रिश्ते को भी संभाल सकें।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए केतु गोचर 2025 की बात करें तो यह आपकी राशि से दूसरे भाव में गोचर करने वाले हैं। दूसरा भाव आपके धन, वाणी और परिवार का भाव होता है। ऐसे में केतु का इस भाव में गोचर करना उतार-चढ़ाव से भरा जीवन देने वाला है। आप कई ऐसी बातें करेंगे जिनमें एक साथ दो अर्थ हो सकते हैं। अब यह सामने वाले पर निर्भर करेगा कि उसके अच्छे अर्थ को ले या बुरे को। ऐसे में कुछ लोग आपकी बातों का बुरा मान सकते हैं। इस दौरान आपको धन संचय करने में कुछ समस्याएं हो सकती हैं और आप परिवार से अलग हटने की कोशिश करेंगे।
आपको लगेगा कि यहां चारों और आपके अनुकूल स्थितियां नहीं हैं इसलिए आप सबसे दूर भागने की कोशिश करेंगे जिससे पारिवारिक संबंध बिगड़ सकते हैं अथवा लोग आपको कम पसंद करेंगे लेकिन आप दिल से खराब नहीं होंगे। आपको अपनी परिस्थितियों को संभालने पर ध्यान देना होगा। इस गोचर के दौरान आपके मुंह में छाले, दांतों में दर्द, जैसी समस्याएं परेशानी दे सकती हैं। इस दौरान आपके जीवनसाथी को भी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं इसलिए उनका भी ध्यान रखें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर आपकी राशि के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होने वाला है क्योंकि यह आपकी राशि में ही यानी आपके पहले भाव में होने जा रहा है इसलिए इसका आपके जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। केतु का गोचर स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने वाला साबित हो सकता है इसलिए आपको इस गोचर के दौरान अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए। छोटी से छोटी समस्या या संक्रमण के प्रति आपको चिकित्सीय परामर्श की ओर बढ़ना चाहिए। इस दौरान आपके मन में विरक्ति का भाव जागेगा।
आप अपने आसपास के जीवन से थोड़ा परेशान हो सकते हैं। वैवाहिक संबंधों में भी परेशानियां बढ़ सकती हैं क्योंकि आपके विचार अलग होंगे और जीवनसाथी को वह समझ में नहीं आएंगे। इसके अतिरिक्त व्यावसायिक संबंधों के लिए भी यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। आपको अपने व्यावसायिक कार्यों के लिए किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह अथवा मश्विरा लेना चाहिए।
कुंभ राशि के जातकों के लिए केतु का यह गोचर सातवें भाव में होने जा रहा है जो कि लंबी रिश्ते और विवाह का भाव भी है। इस स्थिति में केतु का यह गोचर आपके दांपत्य जीवन के लिए अनुकूल रहने की संभावना नहीं है। आपको बहुत सावधानियां बरतनी होंगी क्योंकि इस गोचर के दौरान आप और आपके जीवनसाथी के मध्य कई बार कहासुनी, तनाव, टकराव और आपसी अहम भाव का टकराव हो सकता है। आपके जीवनसाथी के ऊपर आपको कुछ संदेह हो सकता है क्योंकि आपको लगेगा कि वे कई बातें आपसे छिपा रहे हैं और उन्हें लगेगा कि आप उनको समझना नहीं चाहते।
इस गोचर के परिणामस्वरूप आपके और आपके जीवनसाथी के बीच बहुत सारे तर्क, तनाव, संघर्ष और पारस्परिक अहंकार के मुद्दे हो सकते हैं, इसलिए आपको बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है। यह विरोधाभास आपके बीच दूरियां बढ़ा सकता है इसलिए आपको संतुलित रूप से जीवनचर्या का पालन करना चाहिए और अपने जीवन साथी को भी समझना चाहिए। व्यवसाय करने वाले जातकों के लिए भी यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं है। ऐसे में अपनी गतिविधियों को नियंत्रित रूप से रखते हुए अपने कार्य व्यवसाय को आगे बढ़ाएं और किसी विशेष अनुभवी व्यक्ति की सलाह लेकर काम करने से आपको लाभ मिल सकता है। इस गोचर के दौरान आपके जीवनसाथी ज्यादा पूजा पाठ करने वाले बन सकते हैं।
केतु का सिंह राशि में गोचर: इन राशियों पर होगा सकारात्मक प्रभाव
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए केतु का गोचर आपकी राशि से तीसरे भाव में होगा। आमतौर पर तीसरे भाव में केतु का गोचर करना अनुकूल माना जाता है। ऐसी स्थिति में आपके साहस और पराक्रम की वृद्धि होगी। आप हर काम को पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ करेंगे। धार्मिक क्रियाकलापों में आपके मन की इच्छाएं जागृत होंगी। आप अपने दोस्तों को, रिश्तेदारों, भाई – बहनों के साथ धार्मिक स्थानों की यात्रा करने पर ज्यादा जोर देंगे और छोटी-छोटी धार्मिक यात्राएं करेंगे। आपका मन एक रमणीय स्थल पर ज्यादा लगने की संभावना है।
इस दौरान आपके मन में अनेक अच्छे विचार भी आएंगे। कार्यक्षेत्र में भी आपका मन लगेगा और आपके सहकर्मी आपको सहयोग देंगे। हालांकि इस दौरान भाई-बहनों को कुछ शारीरिक समस्याएं परेशान कर सकती हैं इसलिए यदि आवश्यक हो तो आपको इस दौरान उनकी मदद करनी चाहिए। इस गोचर के प्रभाव से आप कोई संपत्ति खरीदने में सफल हो सकते हैं। आप व्यापार से संबंधित जोखिम उठाने के लिए भी तत्पर दिखेंगे।
केतु का सिंह राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव
विदेशी व्यापार, यात्रा और अध्ययन
केतु का सिंह राशि में गोचर अध्ययन के लिए विदेश यात्रा करने के लिए अच्छा समय साबित होगा।
छात्रों का ध्यान पढ़ाई में पहले से ज़्यादा लगेगा और वे क्रिएटिव या अलग हटकर चीज़ें पढ़ने में रुचि दिखा सकते हैं।
लोगों की रुचि आध्यात्म की तरफ बढ़ सकती है या कुछ लोग इसे पैसा कमाने का जरिया भी बना सकते हैं।
अध्यात्म के नाम पर धोखाधड़ी के मामलों में भी बढ़ोतरी हो सकती है।
आपको विदेशों से जुड़े व्यापार के अच्छे मौके मिल सकते हैं, जिनसे आपको आर्थिक फायदा और प्रोफेशनल पहचान मिलेगी।
सामाजिक कल्याण और आध्यात्मिकता
इस गोचर के प्रभाव से लोग समाज के प्रति ज्यादा जागरूक होंगे और सामाजिक कार्यों व जनकल्याण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।
ज्योतिष, वास्तु या हीलिंग से जुड़े लोगों के लिए यह समय अच्छा रहेगा, उन्हें नए मौके मिल सकते हैं और वे सफलता पा सकते हैं।
केतु का सिंह राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट
केतु का गोचर सबसे महत्वपूर्ण गोचरों में से एक है और यह शेयर बाजार को भी प्रभावित करेगा। आइए देखें कि शेयर बाजार की भविष्यवाणियां क्या कहती हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र, सीमेंट उद्योग, ऊनी मिलें, लोहा, इस्पात और आवास सभी में वृद्धि देखी जा सकती है।
यह अनुमान लगाया जा रहा है कि दवा, मोटर वाहन, ट्रैक्टर, उर्वरक और बीमा उद्योग, साथ ही सौंदर्य प्रसाधन, परिवहन, कपास मिलें, फिल्म, मुद्रण और अन्य उद्योग सभी का विस्तार होगा।
यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कानूनी और चिकित्सा फर्म भी बहुत समृद्ध होंगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. केतु किस राशि पर शासन करता है?
वृश्चिक
2. किस ग्रह के बारे में कहा जाता है कि उसमें केतु के समान ही ऊर्जा होती है?
मंगल
3. क्या केतु हमेशा वक्री दिशा में चलता है?
हाँ
बुध का मिथुन राशि में गोचर इन राशि वालों पर पड़ेगा भारी, गुरु के सान्निध्य से मिल सकती है राहत!
ज्योतिषशास्त्र में बुध ग्रह को अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रह बताया गया है। बुध का प्रभाव हमारे बात करने के तरीके यानी संचार कौशल पर होता है। हम दूसरों से किस तरह से बात करते हैं और अपने विचारों को किस तरह से व्यक्त करते हैं, यह सब बुध ग्रह पर ही निर्भर करता है। बुध सूर्य की परिक्रमा 88 दिनों में पूरा कर लेता है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार चंद्रमा और बुध ग्रह के बीच शत्रुता का संबंध नहीं है बल्कि चंद्रमा बुध के साथ कोई शत्रुता नहीं रखता है लेकिन बुध की ओर से चंद्रमा के लिए शत्रुता का भाव है। बुध सभी ग्रहों में श्रेष्ठ हैं क्योंकि उनकी कृपा से व्यक्ति को बुद्धि और धन की प्राप्ति होती है। बुधवार के दिन बुध ग्रह की पूजा की जाती है और व्यापार पर बुध का सबसे अधिक प्रभाव देखा जाता है। बुध का मिथुन एवं कन्या राशि पर आधिपत्य है। बात करें, बुध के गोचर की तो वह लगभग एक महीने के अंतराल में एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करता है। अब जून महीने की शुरुआत में ही बुध का मिथुन राशि में गोचर होने जा रहा है।
बुध ग्रह 06 जून, 2025 को सुबह 09 बजकर 15 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इस राशि में बुध ग्रह 22 जून तक रहने वाले हैं। बुध का यह गोचर व्यतिपत योग में होने जा रहा है जिसे वैदिक ज्योतिष में अशुभ माना जाता है। बुध के मिथुन राशि में प्रवेश करने से कुछ राशि के जातकों को अपने जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस ब्लॉग में आगे उन्हीं राशियों के बारे में बताया गया है जिन्हें बुध के राशि परिवर्तन करने पर नकारात्मक प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं।
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मेष राशि
इस राशि के तीसरे और छठे भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहें हैं। तीसरे भाव में बुध के गोचर के कारण आपके अपने भाई-बंधुओं से विवाद हो सकता है। आपके मन में कभी-कभी भय के भाव आ सकते हैं। आपको धन की हानि होने की भी आशंका है। आपको सौम्य होकर बात करने की सलाह दी जाती है। इस समय आपको नए दोस्त बनाने का मौका मिलेगा। आप पक्षियों को दाना दें।
बुध ग्रह आपके तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी हैं और बुध का मिथुन राशि में गोचर आपके द्वादश भाव में होगा। यदि आप अच्छा व्यवहार करते हैं और धर्म का साथ देते हैं, तो आप इस समयावधि में बुध के नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं। बुध के प्रभाव के कारण आप व्यर्थ के खर्चों में फंस सकते हैं। आपको शारीरिक और मानसिक कष्ट झेलना पड़ सकता है। आपको इस समय ध्यान, योग और मेडिटेशन करने की सलाह दी जाती है। आप अपने माथे पर केसर का तिलक रोज़ लगाएं।
तुला राशि के भाग्य तथा द्वादश भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं जो कि आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सामान्य तौर पर बुध ग्रह को नवम भाव में गोचर करने की स्थिति में अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं माना गया है। संभव है कि आपको अपने भाग्य का साथ न मिल पाए। आपके मार्ग में बाधाएं आ सकती हैं। आपको धन और सम्मान की हानि हो सकती है। अगर आप इस समय सही मार्ग पर चलते हैं और दूसरों के प्रति अच्छा भाव रखते हैं, तो बुध के नकारात्मक प्रभाव में कमी आ सकती है। दान-पुण्य करने में धन खर्च करने से लाभ होगा।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
धनु राशि
बुध आपकी कुंडली में सातवें तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके सप्तम भाव में गोचर कर रहे हैं। सप्तम भाव में बुध के गोचर को स्त्री से विवाद करवाने वाला माना गया है। शारीरिक पीड़ा देने वाला माना गया है। शासन प्रशासन से संबंधित मामलों में नकारात्मक परिणाम देने वाला माना गया है। यात्रा और व्यवसाय में हानि करवाने वाला माना गया है और कभी-कभी चिंता देने वाला भी माना गया है लेकिन आपके मामले में इस तरह के परिणाम शायद नहीं मिलेंगे या बहुत कम मात्रा में मिलेंगे। फिर भी आपको अपने साथी के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए। अगर आपको नकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही हो तो स्वयं को शांत रखने की कोशिश करें। योग-व्यायाम करने से शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिल सकती है। शासन-प्रशासन से संबंधित कामों में नियम व अनुशासन का पालन करना नकारात्मकता को दूर करने में सहायक बनेगा।
कुंभ राशि के पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी बुध ग्रह अब आपके पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं। पंचम भाव में बुध का गोचर मन को अशांत करता है। ऐसे में संतान से संबंधित मामलों में कुछ परेशानियां आ सकती हैं लेकिन बुध के बृहस्पति ग्रह के साथ होने की वजह से आपकी परेशानियां जल्दी ही दूर हो जाएंगी। आप गाय को चारा जरूर खिलाएं।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1. बुध ग्रह सूर्य की परिक्रमा कितने दिनों में करते हैं?
उत्तर. बुध 88 दिनों में सूर्य का एक चक्कर लगाते हैं।
प्रश्न 2. बुध ग्रह किस राशि में उच्च का होता है?
उत्तर. बुध के लिए कन्या उच्च राशि है।
प्रश्न 3. बुध की नीच राशि कौन सी है?
उत्तर. मीन राशि बुध ग्रह की नीच राशि है।
वृषभ संक्रांति पर इन उपायों से मिल सकता है प्रमोशन, डबल होगी सैलरी!
वृषभ संक्रांति 2025:अध्यात्म और वैदिक ज्योतिष की दुनिया में प्रत्येक ग्रह की गति या गोचर केवल एक खगोलीय घटना नहीं होती है बल्कि यह एक दिव्य संकेत होती है। ऐसी ही एक महत्वपूर्ण खगोलीय और ज्योतिषीय घटना है वृषभ संक्रांति। संक्रांति शब्द संस्कृत भाषा के संक्रमण शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ होता है गति या परिवर्तन। यह सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने का प्रतीक है। सूर्य के वृषभ राशि में गोचर करने को वृषभ संक्रांति के रूप में मनाया जाता है।
मकर संक्रांति का पर्व पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं लेकिन वृषभ संक्रांति उन लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है जो वैदिक ज्योतिष, ज्योतिष शास्त्र और सौर कैलेंडर पर आधारित परंपराओं को मानते हैं। इसमें उड़ीसा, तमिलनाडु और केरल के कुछ हिस्से शामिल हैं।
इस साल 15 मई, 2025 को सूर्य के वृषभ राशि में गोचर करने पर वृषभ संक्रांति 2025 मनाई जाएगी। एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में वृषभ संक्रांति पर पूजा-अर्चना करने के सही समय और इसके महत्व एवं ज्योतिषीय उपायों आदि की जानकारी दी गई है। तो चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं वृषभ संक्रांति के बारे में।
वृषभ संक्रांति 2025: समय और तिथि
आमतौर पर हर साल सूर्य के मेष राशि से वृषभ राशि में गोचर करने पर वृषभ संक्रांति पड़ती है। 14 मई, 2025 को रात्रि 11 बजकर 51 मिनट पर ग्रहों के राजा सूर्य मंगल की राशि मेष से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। आगे देखिए वृषभ संक्रांति की सही तिथि और समय:
वृषभ संक्रांति 2025 पुण्य कला: सुबह 10 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर शाम 06 बजकर 04 मिनट तक।
समयावधि: 06 घंटे 47 मिनट
वृषभ संक्रांति 2025 महा पुण्य कला: दोपहर 03 बजकर 49 मिनट पर शुरू होकर शाम 06 बजकर 04 मिनट पर समाप्त।
समयावधि: 02 घंटे 16 मिनट
वैदिक ज्योतिष के अनुसार संक्रांति क्या है?
वैदिक ज्योतिष में संक्रांति का अर्थ होता है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करना। चूंकि, सूर्य एक ही राशि में लगभग 30.4 दिनों तक रहते हैं इसलिए यह महीने में एक बार राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य ग्रहों के राजा हैं और उनके गोचर करने का प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है इसलिए सूर्य का गोचर अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
12 संक्रांति हैं:
मेष संक्रांति
वृषभ संक्रांति
मिथुन संक्रांति
कर्क संक्रांति
सिंह संक्रांति
कन्या संक्रांति
तुला संक्रांति
वृश्चिक संक्रांति
धनु संक्रांति
मकर संक्रांति
कुंभ संक्रांति
मीन संक्रांति
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
वृषभ संक्रांति 2025 का महत्व
सूर्य के मेष राशि से वृषभ राशि में गोचर करने पर वृषभ संक्रांति मनाई जाती है। हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिष में इसका गहरा महत्व है। हिंदू सौर पंचांग के अनुसार यह संक्रांति वृषभ माह के आरंभ का संकेत देती है। यह आमतौर पर हर साल 14 या 15 मई को आती है। यह एक ऐसी ब्रह्मांडीय ऊर्जा के परिवर्तन को दर्शाती है जो उग्र तत्व से संतुलित पृथ्वी तत्व की ओर बढ़ रही है।
हिंदू धर्म में सूर्य देव को जीवन, प्रकाश और ज्ञान का स्रोत माना गया है। सूर्य का वृषभ राशि में गोचर वह समय होता है, जब श्रद्धालु अर्घ्य, सूर्य नमस्कार और गायत्री मंत्र जैसे मंत्रों का जाप एवं आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर के सूर्य देव को सम्मान देते हैं। वृषभ राशि का प्रतीक बैल है और इसका संबंध भगवान शिव के वाहन नंदी से भी है। यह इस दिन के आध्यात्मिक महत्व को उजागर करता है। इस दिन भक्त अक्सर वृषभ संक्रांति पर दान, पवित्र नदियों में स्नान और गाय को चारा खिलाते हैं।
वैदिक ज्योतिषीय दृष्टि से यह परिवर्तन सूर्य के पृथ्वी तत्व की राशि वृषभ में गोचर करने को दर्शाता है जो कि समृद्धि, भोजन, कला और सुख-सुविधा लेकर आता है। इसका सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ता है और इससे ध्यान क्रियाशील प्रयासों से हटकर भावनात्मक एवं भौतिक स्थिरता की ओर केंद्रित होता है। वित्तीय योजना, पारिवारिक संबंध और निजी मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए यह समय अनुकूल होता है। वृषभ संक्रांति आध्यात्मिक और ब्रह्मांडीय संतुलन का शक्तिशाली समय होता है। यह समय या परिवर्तन भक्तों को आंतरिक विकास एवं सांसारिक सुख के साथ जुड़ने के लिए प्रेरित करता है।
अग्नि तत्व से पृथ्वी तत्व में गोचर
मेष अग्नि तत्व की राशि है जिसके स्वामी मंगल ग्रह हैं। यह कार्य, महत्वाकांक्षा और नेतृत्व करने की क्षमता को दर्शाती है। वहीं दूसरी ओर, वृषभ राशि पृथ्वी तत्व की राशि है जिसके स्वामी शुक्र ग्रह हैं एवं यह राशि संतुलन, सौंदर्य, समृद्धि और कामुक सुख का प्रतिनिधित्व करती है। इस प्रकार सूर्य के मेष से वृषभ राशि में गोचर करने को आक्रामकता से स्थिरता की ओर एवं प्रयास से निरंतरता की ओर बढ़ने के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
यह कला, संगीत, सुख-सुविधा, भोजन, वित्त और प्रेम की सराहना करने का एक ब्रह्मांडीय संकेत है। ज्योतिषी इस समयावधि को भौतिक सुख-सुविधाओं, वित्तीय योजना और रिश्तों में स्नेह लाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उपयुक्त मानते हैं।
वृषभ राशि बैल को दर्शाती है जो कि शक्ति, प्रजनन, दृढ़ता और धैर्य का प्रतीक है। भारतीय संस्कृति में बैल को पवित्र माना जाता है। दिव्य बैल नंदी भगवान शिव का वाहन है एवं यह आध्यात्मिक द्वारपाल और धर्म का प्रतीक है। सूर्य का वृषभ राशि में गोचर करना दृढ़ इच्छाशक्ति, भौतिक समृद्धि और सौंदर्य की सराहना करने का समय है।
इस राशि का संबंध दूसरे भाव से भी होता है जो कि वाणी, समृद्धि, भोजन, पारिवारिक मूल्यों और संचित संसाधनों का कारक है। इस समयावधि में इन सभी चीज़ों को विशेष महत्व दिया जाता है। इसके साथ ही सूर्य का वृषभ राशि में गोचर का समय वित्तीय सुरक्षा पाने एवं पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने की ओर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करता है।
वृषभ संक्रांति 2025 पर शुभ योग
वृषभ संक्रांति 2025 पर अत्यंत शुभ योग बनने जा रहा है। 14 मई, 2025 को सूर्य के वृषभ राशि में गोचर करने के दौरान शिव योग चल रहा होगा और यह योग 15 मई, 2025 को सुबह 07 बजकर 02 मिनट तक रहेगा। इससे सुबह के समय आध्यात्मिक रूप से अनुकूल माहौल बनेगा। इसके बाद 16 मई, 2025 को सुबह 07 बजकर 13 मिनट तक शक्तिशाली एवं फलदायी सिद्ध योग रहेगा। इसके अलावा 15 मई को पूरा दिन भद्रा वास योग भी रहेगा।
15 मई को सुबह 11 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ समय में प्रार्थना करने, धार्मिक अनुष्ठान करने और दान आदि करने से भगवान सूर्य का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।
वृषभ संक्रांति 2025 की पूजन विधि
सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत महत्व है। यदि ऐसा संभव न हो, तो आप घर पर ही अपने नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं।
अब एक तांबे का लोटा लें और उसमें जल भरने के बाद उसमें लाल चंदन और लाल रंग के पुष्प डालें। पूर्व की ओर मुख कर के सूर्य मंत्र का जाप करते हुए धीरे-धीरे सूर्य देव को अर्घ्य दें।
सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए सूर्य चालीसा और आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करें।
घी का दीपक एवं कपूर जलाकर सूर्य देव की आरती करें।
सूर्य देव से प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर के आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि दें एवं आपके आत्मविश्वास में वृद्धि करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. वृषभ संक्रांति 2025 कब है?
उत्तर. बृहस्पतिवार, 15 मई, 2025 को वृषभ संक्रांति है।
प्रश्न 2. वृषभ संक्रांति क्या है?
उत्तर. सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश करने को वृषभ संक्रांति कहते हैं।
प्रश्न 3. एक वर्ष में कुल कितनी संक्रांतियां होती हैं?
उत्तर. एक साल में 12 संक्रांतियां होती हैं।
देवताओं के गुरु करेंगे अपने शत्रु की राशि में प्रवेश, इन 3 राशियों पर टूट सकता है मुसीबत का पहाड़!
गुरु का मिथुन राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह को महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा प्राप्त है जो कि शुभ ग्रह माने जाते हैं। इन्हें देवताओं के गुरु होने के कारण देव गुरु भी कहा जाता है इसलिए इनका महत्व ज्योतिष और हिंदू धर्म दोनों में बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों पर देवगुरु बृहस्पति मेहरबान हो जाते हैं, तो उस इंसान का भाग्योदय होना निश्चित होता है। ऐसे में, गुरु ग्रह की चाल, दशा या राशि परिवर्तन को विशेष माना जाता है जो अब जल्द ही अपना राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं।
एस्ट्रोसेज एआई का यह ख़ास ब्लॉग हमारे पाठकों के लिए तैयार किया गया है जिसके माध्यम से आपको “गुरु का मिथुन राशि में गोचर” के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी। बता दें कि गुरु लंबे समय तक एक राशि में रहते हैं इसलिए इनका गोचर सभी राशियों के साथ-साथ मनुष्य जीवन और संसार को काफ़ी प्रभावित करता है। ऐसे में, गुरु का यह गोचर कुछ राशियों को अच्छे और कुछ राशियों को थोड़े कमज़ोर परिणाम दे सकता है। लेकिन, आप चिंता न करें क्योंकि यहाँ हम आपको बृहस्पति ग्रह की कृपा पाने के लिए सरल उपाय भी बताएंगे। तो आइए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं गुरु गोचर के बारे में।
गुरु का मिथुन राशि में गोचर: तिथि और समय
ज्ञान के कारक ग्रह के रूप में गुरु महाराज एक राशि में 13 महीने रहते हैं और इसके बाद, वह एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं। अब बृहस्पति देव 15 मई 2025 की रात 02 बजकर 30 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि मिथुन राशि के स्वामी बुध देव हैं जिनके प्रति गुरु ग्रह शत्रुता के भाव रखते हैं। ऐसे में, गुरु देव का मिथुन राशि में प्रवेश कुछ राशियों को सकारात्मक और कुछ को नकारात्मक परिणाम दे सकता है। अब हम बिना देर किए जानते हैं मिथुन राशि में गुरु ग्रह की विशेषताओं के बारे में।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
गुरु मिथुन राशि में विशेषताएं
गुरु ग्रह के विस्तार और लाभकारी गुण जब मिथुन राशि के जिज्ञासु और संचार कौशल के गुणों से मिलते हैं, तब जातकों के व्यक्तित्व में कुछ इस तरह के गुण दिखाई देते हैं।
जिन लोगों की कुंडली में मिथुन राशि में गुरु ग्रह विराजमान होते हैं, वह सामान्यतः जिज्ञासु प्रवृत्ति के होते हैं इसलिए इनके भीतर ज्यादा से ज्यादा ज्ञान प्राप्त करने की प्रबल इच्छा होती है।
ऐसे जातकों को नई-नई चीज़ें सीखना, नए-नए विषय तलाशना और वाद-विवाद में शामिल होना बहुत पसंद होता है।
गुरु मिथुन राशि के तहत पैदा होने वाले जातक मिलनसार होते हैं और इन्हें सामाजिक जीवन में मेलजोल बढ़ाना अच्छा लगता है।
यह अपने ज्ञान को दूसरों के साथ शेयर करते हुए दिखाई दे सकते हैं। साथ ही, यह अपने बेहतरीन संचार कौशल के दम पर लोगों से जुड़ने में कामयाब होते हैं।
ऐसे लोग जिनका जन्म गुरु मिथुन राशि के अंतर्गत होता है, वह चीज़ों को जल्दी से सीखने में सक्षम होते हैं।
इन जातकों को एक विषय से दूसरे विषय, कार्यों या आइडिया में बदलाव करने में समय नहीं लगता है।
सामान्य तौर पर, यह जातक एक नियमित दिनचर्या का पालन करने के बजाय हर दिन कुछ नया करने में विश्वास करते हैं।
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को शुभ ग्रह माना गया है जिन्हें ‘गुरु’ के नाम से भी जाना जाता है। यह धनु राशि और मीन राशि के अधिपति देव हैं जो कर्क राशि में उच्च होते हैं और मकर इनकी नीच राशि है। गुरु महाराज को शिक्षक, ज्ञान, बड़े भाई, संतान, धार्मिक कार्य, शिक्षा, धन, पवित्र स्थल, पुण्य, विस्तार और दान का कारक माना जाता है। सभी 27 नक्षत्रों में बृहस्पति महाराज को विशाखा, पूर्वाभाद्रपद और पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है।
बता दें कि किसी व्यक्ति की कुंडली में जन्म राशि से दूसरे, पांचवें, सातवें, नौवें और ग्यारहवें भाव में बृहस्पति की स्थिति शुभ फल प्रदान करती है। जिन जातकों की कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होते हैं, उन्हें अपने जीवन में प्रगति की प्राप्ति होती है। इनकी कृपा से जातक को पेट से जुड़े रोगों से छुटकारा मिलता है। अगर किसी कमज़ोर भाव पर गुरु की दृष्टि पड़ जाती है, तो वह भाव मजबूत हो जाता है।
चलिए अब हम आपको रूबरू करवाते हैं बृहस्पति ग्रह से जुड़ी रोचक बातों से।
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गुरु ग्रह से जुड़ी दिलचस्प बातें
गुरु ग्रह को अंग्रेजी भाषा में जुपिटर कहा जाता है। रोमन पौराणिक कथाओं में बृहस्पति का नाम देवता के राजा बृहस्पति के नाम से लिया गया है।
गुरु ग्रह का वातावरण जीवन के लिए अनुकूल नहीं माना जाता है।
बात करें गुरु ग्रह के आकार और दूरी की तो, धरती से गुरु ग्रह की दूरी लगभग 43,440.7 मील (69,911 किलोमीटर) है और यह आकार में पृथ्वी से 11 गुना बड़ा है।
गुरु ग्रह की औसत दूरी 84 मिलियन मील (778 मिलियन किलोमीटर) है।
सौरमंडल के सभी ग्रहों की तुलना में गुरु ग्रह का दिन सबसे छोटा माना जाता है। इस ग्रह पर एक दिन सिर्फ़ 10 घंटों का होता है।
इसी प्रकार, गुरु ग्रह को सूर्य के चारों तरफ एक परिक्रमा पूरी करने में लगभग 12 वर्षों का समय लगता है।
अब हम जान लेते हैं कुंडली में गुरु ग्रह के कमज़ोर और मज़बूत होने के लक्षण।
कुंडली में कमज़ोर गुरु का प्रभाव
गुरु के कमज़ोर होने पर छात्रों को पढ़ाई में एक के बाद एक समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसका असर शिक्षा पर पड़ता है।
जिन जातकों की कुंडली में गुरु दुर्बल होता है, उन्हें भाग्य का साथ नहीं मिलता है। साथ ही, आपको धन हानि भी उठानी पड़ती है।
ऐसे लोगों का विवाह होने में अड़चनें आती रहती हैं जिसकी वजह गुरु दोष होता है।
गुरु की दुर्बलता की वजह से आप अति आत्मविश्वासी और दूसरों से जुड़े निर्णय लेने वाले बन सकते हैं।
साथ ही, आप बेकार की चीज़ों पर काफ़ी धन खर्च करते हुए दिखाई दे सकते हैं।
बृहस्पति देव के अशुभ होने से जातक बेचैन, अधीर और अपनी क्षमता से ज्यादा काम अपने कंधों पर लेने वाला बन सकता है।
गुरु का मिथुन राशि में गोचर के दौरान ज़रूर करें ये उपाय
करियर में सफलता प्राप्ति के लिए गुरुवार के दिन गुरु ग्रह से जुड़ी पीली वस्तुओं जैसे कि हल्दी, पीले फल, चना आदि का दान करें। साथ ही, धार्मिक या पढ़ाई की पुस्तकों का दान करना भी शुभ रहेगा।
धन-समृद्धि में वृद्धि के लिए गुरुवार को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। इसके अलावा, बृहस्पतिवार व्रत की कथा भी पढ़ें।
गुरु ग्रह का आशीर्वाद पाने के लिए गुरुवार के दिन नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें।
संभव हो, तो गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करें और उसके सामने दीपक जलाएं।
गुरु ग्रह को समर्पित गुरुवार के दिन भगवान विष्णु को पीले चंदन या केसर का तिलक करें और फिर पूजा करें। अगर केसर न हो, तो आप हल्दी का तिलक भी कर सकते हैं।
पति-पत्नी के बीच चल रहे मतभेदों को शांत करने के लिए गुरुवार के दिन बृहस्पति देव या भगवान विष्णु की प्रतिमा को पीले रंग के कपड़े पर स्थापित करें। इसके पश्चात, उनकी पीले चंदन और पीले पुष्पों से पूजा करें।
गुरुवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा करने के बाद भगवान सत्यनारायण की या फिर बृहस्पतिवार की कथा सुनें। ऐसा करना फलदायी माना जाता है।
गुरु ग्रह को मज़बूत बनाने के लिए गुरुवार को ज्यादा से ज्यादा पीले रंग के कपड़े धारण करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. गुरु का मिथुन राशि में गोचर कब होगा?
मिथुन राशि में गुरु ग्रह 15 मई 2025 को प्रवेश करेंगे।
2. मिथुन राशि का स्वामी कौन है?
बुध ग्रह को मिथुन राशि पर स्वामित्व प्राप्त हैं।
3. बुध और गुरु मित्र हैं?
ज्योतिष के अनुसार, बुध और गुरु ग्रह को एक-दूसरे के शत्रु माना जाता है।
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर इन 5 राशियों के लिए रहेगा बेहद शुभ, धन लाभ और वेतन वृद्धि के बनेंगे योग!
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में सूर्य महाराज को नवग्रहों के जनक का दर्जा प्राप्त है इसलिए इनका गोचर मानव जीवन को अत्यधिक प्रभावित करता है। सूर्य ग्रह हर माह अपना राशि परिवर्तन करते हैं। इस प्रकार, वह लगभग 30 दिनों तक एक राशि में रहते हैं और इसके बाद, वह दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं। अब यह जल्द ही अपनी राशि में बदलाव करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज एआई का यह विशेष ब्लॉग आपको “सूर्य का वृषभ राशि में गोचर” के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि, समय आदि।
इसके अलावा, सूर्य के इस गोचर का असर राशि चक्र की सभी 12 राशियों के साथ-साथ देश-दुनिया पर भी पड़ेगा। कुछ राशियों को सूर्य के राशि परिवर्तन से सकारात्मक परिणाम मिलेंगे जबकि कुछ को नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। लेकिन चिंता न करें, हम अपने इस लेख में आपको सूर्य गोचर के अशुभ परिणामों से बचने के उपाय भी प्रदान करेंगे। तो आइए बिना देर किए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं कि सूर्य गोचर का समय और तिथि।
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: तिथि और समय
ग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य देव को नवग्रहों में प्रमुख स्थान प्राप्त है जो हर 30 दिन बाद अपना राशि परिवर्तन करते हैं। इस प्रकार, अब यह एक साल बाद शुक्र ग्रह की राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि सूर्य महाराज 14 मई 2025 की रात 11 बजकर 51 मिनट पर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में, सूर्य गोचर का प्रभाव देश-दुनिया के साथ-साथ सभी राशियों को भी प्रभावित करेगा। कुछ राशियों को यह शुभ परिणाम देंगे जबकि कुछ राशियों को नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं इसलिए आपको कुछ विशेष सावधानियों का पालन करना होगा जिनके बारे में हम विस्तार से बात करेंगे।
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चलिए अब नज़र डालते हैं कि वृषभ राशि में सूर्य की विशेषताओं पर।
सूर्य और गुरु ग्रह की वृषभ राशि में युति
वृषभ राशि में जब सूर्य देव 14 मई 2025 को गोचर करेंगे, तो उस समय वहां पहले से देवताओं के गुरु बृहस्पति देव विराजमान होंगे। ऐसे में, शुक्र की राशि वृषभ में सूर्य और गुरु ग्रह युति का निर्माण करेंगे। हालांकि, इन दोनों ग्रहों की युति बेहद कम समय के लिए होगी क्योंकि सूर्य गोचर के एक दिन बाद यानी कि 15 मई 2025 को गुरु ग्रह मिथुन राशि में गोचर कर जाएंगे।
बता दें कि एक राशि में सूर्य और बृहस्पति देव की उपस्थिति को शुभ माना जाता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो सरकारी क्षेत्र से जुड़े हैं या जिनकी सरकारी नौकरी है। साथ ही, जो जातक लंबे समय से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए सूर्य-गुरु की युति फलदायी रहेगी और ऐसे में, आपको सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति हो सकती है।
वृषभ राशि में सूर्य की विशेषताएं
राशि चक्र की दूसरी राशि वृषभ पृथ्वी तत्व की राशि है और इसके अधिपति देव शुक्र ग्रह हैं। बता दें कि शुक्र स्त्री ऊर्जा वाले हैं जबकि सूर्य पुरुष ग्रह है। इन दोनों ग्रहों को ज्योतिष में एक-दूसरे का शत्रु माना जाता है। इस प्रकार, सूर्य की वृषभ राशि में मौजूदगी को ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है, विशेष रूप से सूर्य देव जब कुंडली में प्रतिकूल स्थिति में होते हैं। लेकिन, इस स्थिति के तहत जन्म लेने वाले व्यक्ति कैसे होते हैं, आइए जानते हैं।
स्वास्थ्य: जिन जातकों का जन्म वृषभ राशि के तहत हुआ है, उन्हें अपने जीवन में कई तरह की समस्याओं और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही, इन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होने के कारण रोग और बीमारियां इन्हें समय-समय पर परेशान करती रहती हैं। यह लोग आंखों और चेहरे से जुड़े रोगों के शिकार जल्दी हो जाते हैं।
पानी से बचें: वृषभ राशि में सूर्य के तहत जन्मे जातकों को पानी से बचने की आवश्यकता होती है क्योंकि इनके जीवन में पानी समस्याएं खड़ी कर सकता है। बात करें प्रेम जीवन की, तो यह लोग जीवनसाथी के साथ रिश्ते को लेकर असंतुष्ट रह सकते हैं।
स्वभाव: ऐसे जातक जिनकी कुंडली में सूर्य वृषभ राशि में बैठे होते हैं, वह दिखने में बेहद आकर्षक और स्वभाव से विनम्र होते हैं। इन लोगों को नृत्य, संगीत और गायन आदि क्षेत्रों में रुचि होती है। हालांकि, यह चतुर और बुद्धिमान होते हैं।
धन-समृद्धि से संपन्न: वृषभ राशि में सूर्य की उपस्थिति वाले जातक सामान्य रूप से धनवान होते हैं और धन-वैभव से पूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं। हालांकि, यह अपने जीवन में काफ़ी धन कमाने में सक्षम होते हैं।
सूर्य देव संसार को अपनी रोशनी से प्रकाशित करते हैं, यह बात हम सभी भली-भांति जानते हैं। लेकिन, सूर्य देव का संसार और हमारे जीवन में क्या महत्व है, चलिए आपको रूबरू करवाते हैं प्रभु श्रीराम और श्रीकृष्ण द्वारा बताए गए सूर्य के महत्व से।
भगवान कृष्ण ने बताई सूर्य देव की महिमा
भविष्य पुराण में श्रीकृष्ण ने भगवान सूर्य की महिमा का वर्णन करते हुए कहा है कि संसार में सूर्य से बढ़कर कोई दूसरा देव नहीं हैं, वह धरती के प्रत्यक्ष देवता हैं, जिन्होंने पूरे संसार को प्रकाशित किया है। प्रकाश सकारात्मकता और ऊर्जा का प्रतीक होता है। मानव शरीर में जो प्रकाश रूपी आत्मा है, वह सूर्य का ही प्रतिबिंब है। भविष्य पुराण के अनुसार, जगत प्रकाश से उत्पन्न हुआ है और प्रकाश में ही विलीन हो जाएगा।
श्रीराम ने रावण वध से पहले की थी सूर्य उपासना
वाल्मीकि रामायण में वर्णित है कि भगवान राम ने रावण का वध करने से पूर्व सूर्य आराधना की थी। रामायण के अनुसार, भगवान श्रीराम लंकापति रावण से युद्ध करते समय काफ़ी थक गए थे क्योंकि रावण बेहद शक्तिशाली था और उसे पराजित करना आसान नहीं था, उस समय महर्षि अगस्त्य ने राम जी को आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने और सूर्य देव की पूजा करने की सलाह दी। महर्षि के कहे अनुसार भगवान राम ने ऐसा ही किया और इसके पश्चात, उनके शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। इसके बाद, उन्होंने रावण का वध करते हुए युद्ध में विजय प्राप्त की।
सूर्य ग्रह का ज्योतिषीय महत्व
वैदिक ज्योतिष में सूर्य महाराज को मान-सम्मान और उच्च पद का कारक माना जाता है जो सिंह राशि के स्वामी हैं। सूर्य ग्रह मेष राशि में उच्च के होते हैं जबकि तुला इनकी नीच राशि है। कुंडली में सूर्य महादशा के चलने पर जातकों को शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। वहीं, जिनकी कुंडली में सूर्य शुभ या बलवान होते हैं, उन्हें करियर में सफलता और कारोबार में लाभ मिलता है। सूर्य ग्रह के शुभ प्रभाव से व्यक्ति की समाज में छवि मज़बूत होती है और उसके मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है।
ज्योतिष की मानें तो, जिन लोगों की कुंडली में सूर्य देव किसी अन्य ग्रह से पीड़ित होते हैं, तो ऐसे जातकों को दिल, हड्डियों और आंखों से जुड़े रोग घेर सकते हैं। इसके अलावा, इन्हें पित्त संबंधित रोगों के प्रति भी सतर्क रहना चाहिए। लेकिन आप घबराएं नहीं, क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में हर समस्या का हल मौजूद है। इसी क्रम में, हम आपको ऐसे कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जो आपको सूर्य दोष से होने वाले रोगों से बचाव के लिए अपनाने चाहिए।
सूर्य दोष से होने वाले रोगों से बचने के उपाय
जातकों को प्रातः काल जल्दी उठना चाहिए।
रोज़ाना स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें।
नियमित रूप से तांबे के बर्तन में पानी पिएं।
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर के दौरान अपनाएं ये उपाय
रोज़ाना “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:” मंत्र का जाप करें।
रविवार के दिन स्नान करने के बाद लाल वस्त्र धारण करें और सूर्य देव की उपासना करें।
कुंडली में सूर्य को बलवान करने के लिए रविवार का व्रत करें।
सूर्य देव से शुभ परिणाम पाने के लिए माणिक्य, गेहूं, लाल कमल और तांबा आदि का दान करें।
रविवार के दिन दही, दलिया, गेहूं की रोटी और चीनी का सेवन करना शुभ रहता है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश कब करेंगे?
वृषभ राशि में सूर्य देव 14 मई 2025 को गोचर कर जाएंगे।
2. वृषभ राशि का स्वामी कौन है?
राशि चक्र की दूसरी राशि वृषभ के अधिपति देव शुक्र ग्रह हैं।
3. सूर्य का गोचर कितने समय में होता है?
ज्योतिष के अनुसार, सूर्य ग्रह हर माह यानी कि 30 दिनों में अपना राशि परिवर्तन करते हैं।
ज्येष्ठ मास में मनाए जाएंगे निर्जला एकादशी, गंगा दशहरा जैसे बड़े त्योहार, जानें दान-स्नान का महत्व!
ज्येष्ठ 2025: एक वर्ष में आने वाले हर महीने, सप्ताह और हर दिन का अपना महत्व होता है। इसी क्रम में, हम आज इस विशेष ब्लॉग में ज्येष्ठ मास 2025 के बारे में बात करेंगे। बता दें कि ज्येष्ठ माह हिंदू वर्ष का तीसरा महीना होता है और इसे जेठ माह भी कहा जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में ज्येष्ठ का महीना सामान्य रूप से मई या जून में पड़ता है। इस दौरान सूर्य का प्रकोप धरती पर देखा जा सकता है क्योंकि ज्येष्ठ माह में गर्मी अपने चरम पर होती है। लोगों का भीषण गर्मी से हाल-बेहाल होता है। ज्येष्ठ मास में सूर्य की ज्येष्ठता होने के कारण यह महीना सबसे गर्म महीनों में आता है। साथ ही, इस माह में सूर्य देव और भगवान वरुण की आराधना की जाती है।
हालांकि, ज्येष्ठ मास का अपना धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है जिसके बारे में हम आगे विस्तार से बात करेंगे। साथ ही, आपको बताएंगे कि कब होगा ज्येष्ठ माह शुरू? इस दौरान आपको किन कामों को करना चाहिए और किन कामों से बचना चाहिए? लेकिन इन सब बातों को जानने के लिए आपको ज्येष्ठ मास 2025 का यह ब्लॉग अंत तक पढ़ना जारी रखना होगा।
कब से शुरू होगा ज्येष्ठ मास 2025?
हिंदू वर्ष के तीसरे महीने ज्येष्ठ का आगाज़ 13 मई 2025, मंगलवार के दिन होगा जबकि इस माह की समाप्ति 11 जून 2025, बुधवार को हो जाएगी। इस माह के अंत के साथ ही आषाढ़ का महीना लग जाएगा। बता दें कि ज्येष्ठ माह में सूर्य देव बहुत शक्तिशाली होते हैं इसलिए धरती पर भयंकर गर्मी पड़ती है। सूर्य की ज्येष्ठता की वजह से नदी और तालाब सूख जाते हैं। ऐसे में, यह माह लोगों को जल का महत्व समझाता है। ज्येष्ठ महीने में हनुमान जी, सूर्य देव और वरुण देव की उपासना विशेष रूप से की जाती है।
आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं ज्येष्ठ माह 2025 में मनाए जाने वाले व्रत एवं त्योहारों के बारे में।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
ज्येष्ठ माह 2025 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहार
दिन
व्रत-त्योहार
13 मई 2025, ,मंगलवार
नारद जयंती
15 मई 2025, गुरुवार
वृषभ संक्रांति
16 मई 2025, शुक्रवार
संकष्टी चतुर्थी
20 मई 2025, मंगलवार
कालाष्टमी
23 मई 2025, शुक्रवार
भद्रकाली जयंती
23 मई 2025, शुक्रवार
अपरा एकादशी
24 मई 2025, शनिवार
प्रदोष व्रत
25 मई 2025, रविवार
मासिक शिवरात्रि
26 मई 2025, सोमवार
वट सावित्री व्रत
27 मई 2025, मंगलवार
रोहिणी व्रत
27 मई 2025, मंगलवार
अमावस्या
27 मई 2025, मंगलवार
शनि जयंती
29 मई 2025, गुरुवार
महाराणा प्रताप जयंती
31 मई 2025, शनिवार
शीतला षष्टी
03 जून 2025, मंगलवार
दुर्गाष्टमी व्रत
03 जून 2025, मंगलवार
धूमावती जयंती
05 जून 2025, गुरुवार
गंगा दशहरा
05 जून 2025, गुरुवार
विश्व पर्यावरण दिवस
06 जून 2025, शुक्रवार
निर्जला एकादशी
08 जून 2025, रविवार
प्रदोष व्रत
10 जून 2025, मंगलवार
वट पूर्णिमा व्रत
11 जून 2025, बुधवार
देव स्नान पूर्णिमा
11 जून 2025, बुधवार
कबीर जयंती
11 जून 2025, बुधवार
ज्येष्ठ पूर्णिमा
ज्येष्ठ माह का महत्व
हिंदू वर्ष के प्रत्येक माह की तरह ज्येष्ठ माह का भी अपना महत्व है। इस महीने कई बड़े एवं प्रमुख महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं। साथ ही, सूर्य की तीव्रता की वजह से जल का स्तर कम हो जाता है और जलाशय सूख जाते हैं। इस प्रकार, यह माह जल के संरक्षण पर ज़ोर देता है। साथ ही, पेड़-पौधों को जल देने से मनुष्यों के दुखों का नाश होता है और पितृ भी प्रसन्न होते हैं। ज्येष्ठ मास में सत्तू, जल वाले फलों और हरी सब्जियां का सेवन करना लाभदायक साबित होता है।
ज्येष्ठ माह 2025 का धार्मिक महत्व
ज्येष्ठ माह 2025 के धार्मिक महत्व की बात करें, तो ज्येष्ठ मास को बहुत शुभ माना जाता है और इस महीने के स्वामी मंगल हैं जिन्हें ज्योतिष में साहस के कारक ग्रह का दर्जा प्राप्त है। इस माह में वरुण देव, सूर्य देव और हनुमान जी की पूजा-अर्चना की जाती है। इसके अलावा, ज्येष्ठ विष्णु जी का प्रिय माह है इसलिए इस अवधि में भगवान विष्णु, उनके चरणों से निकलने वाली गंगा और वायुपुत्र हनुमान जी की पूजा की जाती है।
कहते हैं कि ज्येष्ठ या जेट के महीने में पूजा-पाठ और दान-धर्म करने से ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, संकटमोचन हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से पहली बार ज्येष्ठ के महीने में ही हुई थी। सनातन धर्म में जल के देवता वरुण, अग्नि के देवता सूर्य और कलयुग के देवता हनुमान जी की पूजा भी ज्येष्ठ माह में करना फलदायी होता है।
इसके अलावा, ज्येष्ठ के महीने में पड़ने वाले मंगलवार का भी विशेष महत्व होता है जिसे बड़ा मंगल या फिर बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में आने वाले चार बड़े मंगलवार की पूजा करने से व्यक्ति को मनचाहा फल प्राप्त होता है। ऐसे में, ज्येष्ठ माह 2025 में मनाए जाने वाले व्रतों एवं त्योहारों का महत्व बढ़ जाता है। हालांकि, इस महीने में वट सावित्री व्रत, गंगा दशहरा, शीतलाष्टमी, प्रदोष, एकादशी पूर्णिमा, नारद जयंती, और निर्जला एकादशी जैसे कई बड़े पर्वों को मनाया जाता है।
सिर्फ इतना ही नहीं, ज्येष्ठ 2025 में ग्रह अपनी राशि और दशा में भी परिवर्तन करेंगे जिसका असर राशियों समेत संसार पर दिखाई देगा। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको रूबरू करवाते हैं ज्येष्ठ माह से जुड़ी ऎसी बातों से जिनके बारे में शायद आपको जानकारी नहीं होगी।
ज्योतिष की दृष्टि से भी ज्येष्ठ माह को विशेष स्थान प्राप्त है। ऐसा माना जाता है कि ज्येष्ठ माह में दान-पुण्य और पूजा-पाठ जैसे धार्मिक कार्यों को करने से जातक की कुंडली में मौजूद कई तरह के ग्रह दोषों का निवारण हो जाता है। साथ ही, इस मास में हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से होने के कारण ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले मंगलवार का व्रत रखने से साधक के कष्टों को हनुमान जी दूर करते हैं और उसके जीवन से नकारात्मक ग्रहों के प्रभावों को शांत करते हैं।
ज्येष्ठ 2025 में जल दान का महत्व
ज्येष्ठ माह में किए गए जल दान को विशेष माना जाता है क्योंकि जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। जल से जीवन है इसलिए जल के दान को सदैव शुभ माना जाता है, परन्तु ज्येष्ठ माह में जल का दान सर्वश्रेष्ठ होता है। ऐसे में, इस दौरान आपको अपने घर की छत पर या बगीचे में पक्षियों के लिए जल भर कर रखना चाहिए। सनातन धर्म के अलावा ज्योतिष शाश्त्र में भी पशु-पक्षियों को जल देना शुभ माना जाता है।
बता दें कि हिंदू धर्म में हर देवी-देवता का पशु-पक्षी के रूप में अपना वाहन होता है इसलिए ज्येष्ठ मास में पशु-पक्षियों को जल देने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, ऐसा करने से देवी-देवता भी आपसे प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है। सिर्फ इतना ही नहीं, ज्येष्ठ माह के दौरान गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को गुड़, जल, तिल और सत्तू आदि का दान करना चाहिए। अगर आप इन चीज़ों का दान करते हैं, तो आपसे विष्णु जी प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से राहत मिलती है। साथ ही, आपके सभी पापों का नाश हो जाता है।
ज्येष्ठ माह और इस महीने हुई पौराणिक घटनाएं
प्राचीन काल से ही ज्येष्ठ माह का अपना महत्व रहा है क्योंकि इस महीने में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं जो धार्मिक रूप से विशेष मानी गई हैं। बता दें कि धरती पर गंगा नदी का अवतरण ज्येष्ठ मास में हुआ था और इस वजह से ही ज्येष्ठ में गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पर्व के दिन पवित्र गंगा के जल में डुबकी लगाने से सभी तरह के पापों से छुटकारा मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, ज्येष्ठ माह में ही न्याय के देवता और सूर्य पुत्र भगवान शनि का जन्म हुआ था।
ज्येष्ठ माह में राम जी की मुलाकात अपने परम भक्त हनुमान जी से हुई थी और इसी वजह से इस महीने में हनुमान जी की पूजा फलदायी होती है। ज्येष्ठ माह में ही बड़े मंगलवार का पर्व आता है और इस दिन हनुमान जी की पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए।
ज्येष्ठ मास में अपने घर की छत, बालकनी या किसी खुले स्थान पर चिड़ियों के लिए पानी और दाना रखना चाहिए क्योंकि गर्मी के प्रकोप से नदी-तालाब सूख जाते हैं। साथ ही, जल का स्तर भी गिर जाता है इसलिए अपने घर के बाहर या छत पर पक्षियों के लिए दाना-पानी रखें।
ज्येष्ठ माह 2025 में सच्चे मन से भगवान सूर्य और वरुण देव की आराधना करें। साथ ही, इस दौरान नियमित रूप से सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
ज्येष्ठ महीने में सूर्य की तीव्रता के कारण जल संकट पैदा हो जाता है। ऐसे में, इस माह में जल का संरक्षण करने के साथ-साथ जल का दान भी करना चाहिए।
इस मास में तिल के तेल का दान करने से जातक को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।
ज्येष्ठ माह में पौधों को जल देने, लोगों को जल पिलाने, पानी की बर्बादी न करने और जरूरतमंद लोगों को जल भरे मटके एवं पंखा दान करने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है।
ज्येष्ठ माह के दौरान कुछ ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें हमें करने से बचना चाहिए जो कि इस प्रकार हैं:
जेठ या ज्येष्ठ के महीने में दिन में सोने से बचना चाहिए। इस दौरान दिन में सोने से आपको कई तरह के रोग अपना शिकार बना सकते हैं।
इस माह के दौरान मिर्च-मसालेदार चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए। संभव हो, तो दिन में केवल एक बार ही भोजन करने का प्रयास करें।
ज्येष्ठ माह में राई, लहसुन,सहित गर्म चीजों को नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह माह सबसे गर्म महीनों में से एक होता है।
जेट मास में बैंगन के सेवन से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि ऐसा करना आपकी संतान के लिए शुभ नहीं माना जाता है।
ज्येष्ठ मास के दौरान अपने घर में आने वाले किसी भी इंसान को पानी पिलाए बिना नहीं जाने दें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जेठ माह में अपने परिवार के बड़े पुत्र या फिर पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए।
ज्येष्ठ के महीने में जल का इस्तेमाल सही तरीके से करना चाहिए और बेकार में जल को बर्बाद नहीं करना चाहिए।
चलिए अब हम नज़र डालते हैं ज्येष्ठ माह 2025 के दौरान किए जाने वाले राशि अनुसार उपायों के बारे में।
ज्येष्ठ माह 2025 में सूर्य देव की कृपा के लिए अवश्य करें राशि अनुसार ये उपाय
मेष राशि: मेष राशि के जातक ज्येष्ठ माह 2025 में धन प्राप्ति के लिए हर शुक्रवार एक मुठ्ठी अलसी और हल्दी की गांठ लेकर लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें।
वृषभ राशि: वृषभ राशि वाले व्यापार में तरक्की के लिए इस माह शंखपुष्पी पौधे की जड़ को गंगाजल से धोने के बाद इस पर केसर से तिलक करें।
मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातक ज्येष्ठ माह में नहाने के पानी में गन्ने का रस मिलाकर स्नान करें। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख-सौभाग्य आता है।
कर्क राशि: कर्क राशि वाले ज्येष्ठ माह की अवधि में अपने घर पर सत्यनारायण भगवान की पूजा कराएं और इसके पश्चात, घर-परिवार की खुशहाली के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें।
सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों के लिए ज्येष्ठ मास की किसी भी रात को जल में केसर मिलाकर माता लक्ष्मी को अर्पित करें। इससे आपके सभी काम बनने लगते हैं।
कन्या राशि: कन्या राशि वाले ज्येष्ठ माह 2025 के दौरान पानी में इलायची डालकर स्नान करें। ऐसा करना आपके लिए लाभदायक रहेगा।
तुला राशि: तुला राशि के जातक ज्येष्ठ माह में अपने घर पर खीर बनाएं और इसका देवी लक्ष्मी को प्रसाद के रूप में भोग लगाएं। इससे करियर की समस्याएं दूर होंगी।
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि वाले ज्येष्ठ मास में विष्णु सहस्त्रनाम या रात में लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से जीवन में धन-वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
धनु राशि: धनु राशि के जातकों को ज्येष्ठ माह के दौरान कच्चा सूत हल्दी में रंगकर बरगद के पेड़ पर लपेटना चाहिए और इसके बाद, वृक्ष की 11 बार परिक्रमा करें।
मकर राशि: मकर राशि वालों को जेठ के माह में खड़ाऊ, छाता, उड़द की दाल और लोहा आदि का दान करना चाहिए। इससे ग्रहों के अशुभ प्रभाव शांत होते हैं।
कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातक इस माह के दौरान पानी में काला तिल मिलाकर स्नान करें। ऐसा करने से शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।
मीन राशि: ज्येष्ठ मास में मीन राशि वालों के लिए आम का दान करना शुभ रहेगा। साथ ही, आप राहगीरों को पानी पिलाएं। ऐसा करने से जीवन में सुख-शांति आती है।