Apara Ekadashi 2025: Check Out Its Accurate Date, Time, & More!

शुभ योग में अपरा एकादशी, विष्णु पूजा के समय पढ़ें व्रत कथा, पापों से मिलेगी मुक्ति

अपरा एकादशी, जिसे अचला एकादशी भी कहा जाता है, सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। यह एकादशी ब्रह्मांड के संरक्षक और रक्षक भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन व्रत रखने से पापों से मुक्ति और धन की प्राप्ति होती है।  2025 में अपरा एकादशी शुक्रवार, 23 मई, 2025 को मनाई जाएगी।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, अपरा एकादशी को पापों, कर्म ऋणों और पुनर्जन्म के चक्रों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। ‘अपरा‘ शब्द का अर्थ ‘असीम या अपार‘ है क्योंकि इस व्रत को करने से असीमित धन की प्राप्ति होती है इसलिए इस एकादशी को ‘अपरा एकादशी‘ के नाम से जाना जाता है। एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में हम अपरा एकादशी 2025 व्रत के बारे में सब कुछ जानेंगे, साथ ही इसके महत्व, व्रत कथा, पूजा विधि और कुछ उपायों के बारे में भी जानेंगे। तो चलिए बिना किसी देरी के अपने ब्लॉग की शुरुआत करते हैं।

अपरा एकादशी 2025: तिथि और समय

अपरा एकादशी: शुक्रवार, 23 मई 2025

एकादशी तिथि प्रारंभ: 23 मई 2025 की मध्यरात्रि 01 बजकर 15 मिनट से

एकादशी तिथि समाप्त: 23 मई 2025 की रात 10 बजकर 32 मिनट तक।

पारण मुहूर्त: 24 मई की सुबह 05 बजकर 26 मिनट से 08 बजकर 10 मिनट तक।

अवधि : 2 घंटे 44 मिनट

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अपरा एकादशी 2025 पर बन रहे शुभ योग

ज्योतिषियों के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर प्रीति योग और आयुष्मान योग का निर्माण होगा। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का संयोग भी बनेगा। माना जाता है कि इन शुभ योगों के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्त को जीवन में सभी प्रकार की खुशियां और सफलता की प्राप्ति होगी।

अपरा एकादशी 2025 की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार महिध्वज नाम का एक दयालु और धर्मी राजा रहता था, जिसे उसकी प्रजा उसकी करुणा और निष्पक्षता के कारण बहुत प्यार करती थी। हालांकि, उसका छोटा भाई वज्रध्वज स्वभाव से बिल्कुल विपरीत था। वह ईर्ष्यालु, क्रोधी और घृणा से प्रेरित था। उसे अपने बड़े भाई की लोकप्रियता और धर्मशीलता सहन नहीं होती थी। एक दिन वज्रध्वज ने राजा महिध्वज की हत्या कर दी और उनका शव एक पीपल के पेड़ के नीचे दबा दिया।

अपनी हिंसक और असामयिक मृत्यु के कारण, राजा महिध्वज की आत्मा को शांति नहीं मिल सकी। महिध्वज की आत्मा अर्धमुक्त अवस्था में उस पेड़ में वास करने लगी और वह आत्मा कभी-कभी राहगीरों को डराने लगी। समय बीतता गया और एक दिन एक बुद्धिमान ऋषि उसी रास्ते से यात्रा करते हुए निकले। आध्यात्मिक दृष्टि से संपन्न ऋषि ने बेचैन आत्मा को महसूस किया और पूछा कि उसे अभी तक मोक्ष क्यों नहीं मिला है। पीड़ित आत्मा ने विश्वासघात और हत्या की अपनी दुखद कहानी सुनाई। अन्याय और राजा की पीड़ा से दुखी होकर, ऋषि ने मदद करने का फैसला किया। 

महर्षि ने अपरा एकादशी का व्रत किया और उस व्रत का पुण्य राजा महिध्वज की आत्मा को अर्पित किया। इस पुण्य से राजा की आत्मा को मोक्ष प्राप्त हुआ और वह प्रभु विष्णु के धाम को प्राप्त हुए। इसके बाद से अपरा एकादशी महत्व बहुत अधिक बढ़ गया और माना जाने लगा कि अपरा एकादशी व्रत में पीड़ित आत्माओं को भी उनके कर्म बंधन से मुक्त करने और उन्हें शांति प्राप्त करने में मदद करने की शक्ति है।

हिंदू धर्मग्रंथों और किंवदंतियों के अनुसार, भगवान कृष्ण ने पांडवों में सबसे बड़े राजा युधिष्ठिर को अपरा एकादशी का महत्व बताया था। भगवान कृष्ण ने बताया कि जो लोग ईमानदारी से इस व्रत को आस्था और अनुशासन के साथ करते हैं, वे अपने पिछले और वर्तमान पापों से मुक्त हो जाते हैं। यह व्रत शुद्धि का काम करता है और साधक को सत्य, सदाचार और आध्यात्मिक उत्थान के मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करता है। 

इसके अलावा, पुराणों में यह दृढ़ता से माना जाता है कि अपरा एकादशी का पूरी श्रद्धा के साथ पालन करने से आत्मा को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त होने में मदद मिलती है। यह व्रत न केवल मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है बल्कि भक्त को आंतरिक शांति, आध्यात्मिक शक्ति और दिव्य कृपा भी प्रदान करता है।

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अपरा एकादशी 2025 व्रत का महत्व

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, अपरा एकादशी का आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है। अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के त्रिविक्रम रूप (वामन अवतार) की पूजा की जाती है और ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन कठोर व्रत रखते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म-मृत्यु के कर्म चक्र से मुक्ति मिलती है।

पद्म पुराण और ब्रह्माण्ड पुराण में अपरा एकादशी की महिमा के बारे में विस्तार से बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों ने छल, विश्वासघात, झूठ या चोरी जैसे गंभीर पाप किए हैं, वे भी यदि ईमानदारी से पश्चाताप और प्रार्थना के साथ अपरा एकादशी का व्रत करें तो उन्हें भी इन सब ही पाप कर्मों से मुक्ति मिल जाती है।

अपरा एकादशी 2025: पूजा विधि

  • अपरा एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की अच्छी तरह से सफाई करें।
  • स्वच्छ जल से स्नान करने के बाद साफ पीले वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें।
  • घर के मंदिर में भगवान विष्णु के वामन अवतार और भगवान बलराम की मूर्ति स्थापित करें। उनके सामने दीपक जलाएं।
  • भगवान विष्णु की मूर्ति पर अक्षत, फूल, आम, नारियल और सूखे मेवे चढ़ाएं।
  • भगवान विष्णु की पूजा करते समय तुलसी के पत्ते अवश्य शामिल करें।
  • इसके बाद धूपबत्ती जलाएं और भगवान हरि विष्णु की आरती करें।
  • एकादशी कथा का पाठ करें, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि एकादशी कथा पढ़े बिना पूजा अधूरी रहती है। इसके बाद सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
  • शाम के समय तुलसी के पौधे के पास शुद्ध घी का दीपक जलाएं। एकादशी की रात को न सोएं। पूरी रात निरंतर भक्ति-भाव से साधना करें।
  • अगले दिन व्रत पारण के समय ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को उदारतापूर्वक भोजन कराएं और उन्हें दान-दक्षिणा दें। 

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अपरा एकादशी और पितृ दोष

वैदिक ज्योतिष में, पितृ दोष एक ऐसा दोष है जो पूर्वजों के कर्मों के कारण होता है। यह जन्म कुंडली में पैतृक कर्म ऋण को दर्शाता है, खासकर जब सूर्य, चंद्रमा, या नौवां भाव पीड़ित हो। अपरा एकादशी का व्रत अपने पूर्वजों के लिए प्रार्थना के साथ करना, तर्पण करना या पिंड दान करना इस दोष को खत्म करने और पूर्वजों की आत्माओं को शांति दिलाने में मदद कर सकता है।

अपरा एकादशी 2025 पर क्या करें और क्या न करें

क्या करें:

  • “ओम नमो भगवते वासुदेवाय ||” जैसे मंत्रों का जाप करें।
  • ब्रह्मचर्य, सत्य और अहिंसा का पालन करें।
  • ध्यान, आत्मचिंतन और आध्यात्मिक पठन में समय व्यतीत करें।
  • शुद्ध मन से दान करें और अभिमान से बचें।

क्या न करें:

  • अनाज, दालें, मांस, प्याज, लहसुन और शराब का सेवन करने से बचें।
  • बुराइयां, क्रोध या किसी भी तरह की नकारात्मक बातचीत में लिप्त न हों।
  • जानवरों को चोट पहुंचाने, झूठ बोलने या बिना सोचे-समझे अपना व्रत तोड़ने से बचें।

अपरा एकादशी पर जरूर करें ये उपाय

  • भगवान विष्णु को पांच तुलसी के पत्ते अर्पित करें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा माना जाता है कि तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है और एकादशी पर भगवान को अर्पित करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
  • गरीबों, ब्राह्मणों या मंदिरों में चावल, गेहूं, गुड़, घी, कपड़े या पैसे जैसी चीज़ें दान करने से अपार पुण्य मिलता है और माना जाता है कि इससे कर्मों का बोझ कम होता है।
  • अपरा एकादशी पर भगवान विष्णु को पीले फूल, गुड़ और चने चढ़ाएं। ऐसा माना जाता है कि यह अनुष्ठान छात्रों को शैक्षणिक सफलता और उनकी पढ़ाई में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सहायता करता है।
  • शाम को तुलसी के पौधे के पास शुद्ध घी का दीपक जलाएं और मन ही मन प्रार्थना करें। ऐसा माना जाता है कि इससे नकारात्मकता दूर होती है और घर में सकारात्मकता आती है।
  • अपरा एकादशी के दिन घर के मुख्य द्वार के बाहर घी का दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
  • आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने और घर के सुख- समृद्धि के लिए, अपरा एकादशी 2025 पर कम से कम 108 बार “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय” (ॐ नमो भगवते वासुदेवाय) मंत्र का जाप करें।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

1. अपरा एकादशी 2025 का व्रत कब है?

अपरा एकादशी 2025 का व्रत शुक्रवार, 23 मई 2025 को रखा जाएगा।

2. अपरा एकादशी के दौरान किन चीजों से बचना चाहिए?

अनाज या प्याज और लहसुन जैसे तामसिक तत्वों वाले खाद्य पदार्थों से सख्ती से बचना चाहिए।

3. क्या हम अपरा एकादशी पर पानी पी सकते हैं?

अगर कोई व्यक्ति अस्वस्थ है, बुजुर्ग है या पूरा व्रत रखने में असमर्थ है, तो वह पानी पी सकता है।

शुक्र की राशि में बुध का प्रवेश, बदल देगा इन लोगों की किस्मत; करियर में बनेंगे पदोन्नति के योग!

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बुध का वृषभ राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में बुध देव को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है जो बुद्धि, तर्क, संचार और वाणी जैसे प्रमुख क्षेत्रों के कारक माने गए हैं। सौरमंडल में बुध ग्रह सूर्य के सबसे निकट स्थित है। बता दें कि ग्रहों के युवराज बुध को आकर्षक व्यक्तित्व का ग्रह माना जाता है और यह अपनी वाणी से किसी को भी मोहित करने में सक्षम होते हैं। ऐसे में, बुध की स्थिति, चाल, दशा या राशि में होने वाला परिवर्तन विशेष महत्व रखता है। हालांकि, मई 2025 में बुध देव एक बार नहीं अनेक बार अपनी स्थिति में बदलाव करेंगे जिनका असर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से संसार सहित मनुष्य जीवन पर दिखाई दे सकता है। 

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एस्ट्रोसेज एआई का यह विशेष ब्लॉग आपको “बुध का वृषभ राशि में गोचर” से संबंधित सारी जानकारी प्रदान करेगा। बुध का यह गोचर कुछ राशियों को शुभ और कुछ राशियों को अशुभ परिणाम दे सकता है। ऐसे में, आप किन उपायों को अपनाकर बुध देव के नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं, इस बारे में भी हम विस्तार से चर्चा करेंगे, इसलिए यह ब्लॉग आपको अंत तक पढ़ना जारी रखना होगा। लेकिन, सबसे पहले जान लेते हैं बुध गोचर का समय और तारीख़। 

बुध का वृषभ राशि में गोचर: तिथि एवं समय 

सबसे पहले हम बात करेंगे बुध ग्रह के गोचर की, तो ग्रहों के युवराज के नाम से विख्यात बुध देव लगभग हर महीने अपना राशि परिवर्तन करते हैं। सरल शब्दों में, बुध महाराज तक़रीबन 23 से 27 दिन के बाद दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। अब यह 23 मई 2025 की दोपहर 12 बजकर 48 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। मई के महीने में बुध तीन बार अपनी स्थिति में बदलाव करेंगे और यह राशि परिवर्तन इस महीने में इनका आख़िरी गोचर होगा। हालांकि, बुध का वृषभ राशि में गोचर अपने मित्र शुक्र की राशि में होगा इसलिए इसे अनुकूल कहा जा सकता है। 

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वृषभ राशि में बनेगा ये शुभ योग 

व्यापार के कारक ग्रह बुध देव 23 मई 2025 को वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे, उस समय वहाँ पहले से ग्रहों के जनक सूर्य देव विराजमान होंगे। ऐसे में, वृषभ राशि में सूर्य और बुध इन दोनों ग्रहों के बैठे होने से बुधादित्य योग का निर्माण होगा। यह योग 23 मई 2025 से लेकर 06 जून 2025 तक बनेगा क्योंकि इसके बाद, बुध ग्रह मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। हालांकि, बुध अपनी अस्त अवस्था में वृषभ राशि में गोचर करेंगे इसलिए बुधादित्य योग से मिलने वाले शुभ परिणाम थोड़े कमज़ोर रह सकते हैं। आइए अब हम आपको अवगत करवाते हैं ज्योतिष में बुध ग्रह के महत्व से। 

ज्योतिषीय दृष्टि से बुध ग्रह 

  • वैदिक ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह का अपना महत्व है और इसी क्रम में, हम आपको बुध ग्रह का ज्योतिषीय महत्व बताने जा रहे हैं। 
  • सौरमंडल के सबसे छोटे ग्रह बुध को शुभ ग्रह का दर्जा प्राप्त है। जैसे सूर्य को राजा, चंद्रमा को रानी और मंगल को सेनापति माना जाता है, वैसे ही बुध को राजकुमार का पद प्राप्त है। 
  • बुध महाराज वाणी, बुद्धि, संवाद, तर्कशास्त्र, व्यापार, अकाउंट और गणित के कारक माने गए हैं जो कि एक द्विस्वभाव ग्रह है। 
  • सामान्य शब्दों में कहें तो, कुंडली में बुध ग्रह जिन ग्रहों के साथ विराजमान होते हैं, उन्हीं के अनुरूप जातक को फल प्रदान करते हैं। शुभ ग्रहों के साथ बुध के होने पर शुभ परिणाम मिलते हैं जबकि अशुभ ग्रहों के साथ होने पर आपको अशुभ फल प्राप्त होते हैं। 
  • अगर बुध महाराज गुरु, शुक्र और बली चंद्रमा के साथ बैठे होंगे, तो आपको शुभ फल प्राप्त होंगे जबकि पापी ग्रहों जैसे कि शनि, केतु, राहु, सूर्य और मंगल के साथ होने पर अशुभ फल देने लगते हैं। 

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मज़बूत बुध से मिलती है हर क्षेत्र में सफलता 

  • किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति विशेष महत्व रखती है। जिन लोगों की कुंडली में बुध महाराज लग्न भाव में स्थित होते हैं, वह बेहद सुंदर और अपनी आयु से कम दिखाई देते हैं।
  • इस भाव में बैठे बुध देव के प्रभाव से जातक तेज़ बुद्धि वाला, तार्किक होकर बातचीत करने वाला और कुशल वक्ता होता है। 
  • कुंडली के पहले भाव में मौजूद बुध महाराज जातक को लंबी आयु, व्यापार में सफलता और कई भाषाओं का ज्ञाता होने का आशीर्वाद देते हैं। 
  • मानव शरीर में बुध ग्रह तंत्रिका तंत्र, कान, त्वचा, फेफड़े आदि अंगों को नियंत्रित करते हैं। 
  • वहीं, करियर के क्षेत्र में अकाउंट, व्यापार, वाणिज्य, मोबाइल, बैंकिंग, कंप्यूटर, नेटवर्किंग आदि पर बुध देव का शासन है। 
  • व्यापार करने वाले जातकों को बुध की शुभ स्थिति सकारात्मक परिणाम देती है। ऐसे लोग बिज़नेस में सफलता हासिल करते हैं और उसे बढ़ाने की क्षमता रखते हैं। 

कमज़ोर बुध कैसे करते हैं आपको परेशान? 

  • अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध देव दुर्बल अवस्था में होते हैं अर्थात क्रूर और पापी ग्रहों से पीड़ित होते हैं या कुंडली के अशुभ भावों में उपस्थित होते हैं, तो जातक को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। 
  • कुंडली में बुध ग्रह के कमजोर होने का सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव आपकी वाणी पर नज़र आता है क्योंकि आप अपने विचारों को सही से दूसरों के सामने नहीं रख पाते हैं या फिर हकलाने लगते हैं। 
  • अशुभ बुध से प्रभावित इंसान कम बुद्धि वाला और गणित में कमज़ोर होता है। साथ ही, चीज़ें उससे देर से समझ आती हैं। 
  • कुंडली में बुध देव के नकारात्मक होने के कारण जो जातक व्यापार करते हैं, उसमें उन्हें हानि या घाटा होने की संभावना रहती है। 

चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको रूबरू करवाते हैं बुध ग्रह से जुड़ी कुछ रोचक बातों से। 

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बुध ग्रह से जुड़ी 10 रोचक बातें

  • कुंडली में सूर्य-बुध ग्रह की युति से बुधादित्य राजयोग बनता है।
  • सूर्य के सबसे करीब स्थित ग्रह बुध है और इस वजह से यह ज्यादातर समय अस्त अवस्था में रहता है। साथ ही, बुध देव हमेशा सूर्य से एक भाव आगे या एक भाव पीछे रहते हैं।
  • ज्योतिष में बुध को पुरुष और नपुसंक ग्रह माना जाता है। 
  • पृथ्वी के 90 दिनों के बराबर बुध ग्रह का एक दिन होता है।
  • केंद्र त्रिकोण में बुध ग्रह से निर्मित योग को बहुत शुभ माना गया है।
  • अगर बुध महाराज अपनी राशि, मूल त्रिकोण और मित्र ग्रह की राशि में बैठे होते हैं, तो आपको शुभ फल प्रदान करते हैं। वहीं, नीच राशि और शत्रु राशि में होने पर अशुभ परिणाम देते हैं।
  • बुध देव का प्रिय रत्न पन्ना है।
  • करियर में बुध महाराज को लेखन कार्य, साहित्य, पत्रकारिता, सलाहकार, वकील और अकाउंटेंट का प्रतीक माना जाता है।
  • जब कुंडली में शुक्र और बुध एक साथ विराजमान होते हैं, तो लक्ष्मी नारायण योग बनता है।
  • उत्तर दिशा के स्वामी बुध देव हैं जिसे कुबेर देवता का स्थान माना गया है।

बुध का वृषभ राशि में गोचर के दौरान ज़रूर करें ये उपाय 

  • बुधवार के दिन तुलसी का पौधा लगाएं और नियमित रूप से उसकी पूजा-अर्चना  करें।
  • बुधवार को हरी वस्तुओं का ज्यादा से ज्यादा दान करें।
  • बुध ग्रह के दिन बुधवार को देवी दुर्गा के मंदिर में जाएं और माँ को हरे रंग की चूड़ियां अर्पित करें। 
  • बुधवार को बुध देव के मंत्र “ऊँ बुधाय नम:” का जाप करें।
  • बुध से शुभ फल पाने के लिए भगवान गणेश की उपासना करें और उन्हें दूर्वा चढ़ाएं। साथ ही, रोज़ाना 108 बार ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का जाप करें।
  • ट्रांसजेंडर का सम्मान करें।
  • गौ माता को हरा चारा खिलाएं।

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बुध का वृषभ राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि के दूसरे भाव में बुध का गोचर होने जा रहा है। हालांकि, बुध के लग्‍नेश के साथ…(विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

वृषभ राशि के लग्‍न भाव में बुध का यह गोचर होने जा रहा है। बुध इस राशि के दूसरे और पांचवे…(विस्तार से पढ़ें) 

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लग्‍न और चौथे भाव के स्‍वामी बुध ग्रह अब इस राशि के बारहवें भाव में गोचर…(विस्तार से पढ़ें) 

कर्क राशि

कर्क राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके ग्‍यारहवें भाव…(विस्तार से पढ़ें) 

सिंह राशि

सिंह राशि के दूसरे और ग्‍यारहवें भाव का स्‍वामी बुध ग्रह है जो कि आपके वित्त के लिए एक…(विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

कन्‍या राशि के लग्‍न और दसवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं और अब बुध आपके नौवें भाव में गोचर…(विस्तार से पढ़ें) 

तुला राशि

तुला राशि के नौवें और बारहवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके आठवें भाव में गोचर…(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि बुध आपके आठवें और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी हैं और इस दौरान बुध आपके सातवें…(विस्तार से पढ़ें)  

धनु राशि 

धनु राशि के सातवें और दसवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके छठे भाव में गोचर…(विस्तार से पढ़ें) 

मकर राशि

मकर राशि के छठे और नौवें भाव का स्‍वामी बुध ग्रह है जो कि अब आपके पांचवे भाव में गोचर…(विस्तार से पढ़ें) 

कुंभ राशि

कुंभ राशि के पांचवे और आठवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके चौथे भाव में…(विस्तार से पढ़ें) 

मीन राशि

बुध का वृषभ राशि में गोचर के दौरान बुध आपके तीसरे भाव में विराजमान हैं जो कि संचार, साहस,…(विस्तार से पढ़ें) 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. बुध कब वृषभ राशि में गोचर करेंगे?

बुध महाराज 23 मई 2025 को वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे। 

2. वृषभ राशि का स्वामी कौन हैं?

शुक्र ग्रह को वृषभ राशि पर स्वामित्व प्राप्त हैं। 

3. क्या शुक्र बुध ग्रह के शत्रु हैं?

नहीं, बुध देव और शुक्र ग्रह एक दोनों के मित्र हैं।

जून के महीने में निकलेगी जगन्‍नाथ यात्रा, राशि अनुसार ये उपाय करने से पूरी होगी हर इच्‍छा !

जून के महीने में निकलेगी जगन्‍नाथ यात्रा, राशि अनुसार ये उपाय करने से पूरी होगी हर इच्‍छा !

ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार जून साल का छठा महीना होता है जो कि ऊर्जा, परिवर्तन और विकास का प्रतीक है। इस महीने में सूर्य ग्रह का मिथुन राशि में गोचर होता है जिससे मानसिक सक्रियता, नए विचारों का प्रवाह एवं संवाद तेज हो जाता है। ज्‍योतिषीय दृष्टि से जून का महीना विचार-विमर्श करने, आत्‍मविश्‍लेषण करने एवं भावनात्‍मक समझ के लिए अहम होता है। इस महीने में ग्रहों की स्थिति एवं प्रभाव के कारण व्‍यक्‍ति अपने विचारों को स्‍पष्‍टता से व्‍यक्‍त कर पाता है।

जून 2025 में कुल 30 दिन होते हैं और उत्तरी गोलार्ध में यह ग्रीष्‍म ऋतु का पहला महीना होता है। जून माह का नाम लैटिन शब्‍द ‘जुनो’ से लिया गया है जो रोमन पौराणिक कथाओं में विवाह, संतान उत्‍पत्ति और पारिवारिक जीवन की देवी हैं।

कई लोग यह जानने को उत्‍सुक रहते हैं कि उनके लिए यह महीना कैसा रहेगा। लोगों के मन में इस माह को लेकर कई तरह के सवाल आते हैं जैसे कि उनका करियर कैसा रहेगा, सेहत अच्‍छी रहेगी या नहीं, परिवार में खुशी रहेगी या तनाव आएगा आदि।

जून 2025 के इस विशेष ब्‍लॉग में आपको अपने इन सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा। साथ ही इस ब्‍लॉग में यह भी जानकारी दी गई है कि जून में कौन से ग्रह किस तिथि पर गोचर करने वाले हैं और जून में किन तिथियों पर बैंक का अवकाश रहेगा एवं विवाह मुहूर्त क्‍या हैं।

तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि इस बार जून के महीने में क्‍या खास है।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

जून में जन्मे लोगों में पाए जाते हैं ये गुण

जिद्दी होते हैं: ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों का जन्‍म जून के महीने में हुआ है, वे काफी जिद्दी होते हैं। इन जातकों को अपनी शर्तों पर जीना पसंद होता है। ये अपने दोस्‍तों के बीच बहुत लो‍कप्रिय होते हैं। इनका व्‍यक्‍तित्‍व ही कुछ ऐसा होता है कि ये बड़ी आसानी से लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं।

मदद करते हैं: जून में पैदा हुए जातक बहुत दयालु और सहयोगी स्‍वभाव के होते हैं। ये हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं।

जिज्ञासु होते हैं: इन लोगों का जिज्ञासु स्‍वभाव होता है और हर समय इनके दिमाग में कोई न कोई विचार घूमता रहता है। ये कोई भी नई चीज़ सीखने में समय नहीं लगाते हैं और ये अपनी जिज्ञासा के कारण साहसी बनते हैं।

रोमांटिक और इमोशनल होते हैं: इस महीने में जिन जातकों का जन्‍म होता है, वे बहुत रोमांटिक स्‍वभाव के होते हैं। ये आसानी से भावनात्‍मक संबंध बना लेते हैं और मज़बूत रिश्‍ते बनाते हैं।

स्‍वतंत्रता पसंद होती है: इन जातकों को स्‍वतंत्रता पसंद होती है और यात्रा, परिवर्तन एवं अन्‍वेषण उनकी खुशी के लिए महत्‍वपूर्ण होता है।

भाग्‍यशाली अंक: 3 और 6

भाग्‍यशाली रंग: पीला, हल्‍का हरा, आसमानी नीला, क्रीम और सिल्‍वर।

भाग्‍यशाली रत्‍न: मोती और मूनस्‍टोन।

भाग्‍यशाली फूल: गुलाब, लैवेंडर और लिली।

शुभ दिन: बुधवार, शुक्रवार और सोमवार।

स्‍वामी ग्रह: बुध और चंद्रमा।

जून 2025 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना

जून 2025 की शुरुआत अश्‍लेषा नक्षत्र के अंतर्गत शुक्‍ल पक्ष की षष्‍ठी तिथि को होगी। वहीं, जून 2025 का समापन पूर्व फाल्‍गुनी नक्षत्र में शुक्‍ल पक्ष की षष्‍ठी तिथि पर होगा।

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जून 2025 के हिंदू व्रत व त्यौहार

तिथिदिनपर्व व व्रत
06 जून 2025 शुक्रवारनिर्जला एकादशी
08 जून 2025रविवारप्रदोष व्रत (शुक्ल)
11 जून 2025बुधवारज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
14 जून 2025शनिवारसंकष्टी चतुर्थी
15 जून 2025रविवारमिथुन संक्रांति
21 जून 2025शनिवारयोगिनी एकादशी
23 जून 2025सोमवार मासिक शिवरात्रि
23 जून 2025सोमवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
25 जून 2025बुधवारआषाढ़ अमावस्या
27 जून 2025शुक्रवारजगन्नाथ रथ यात्रा

जून 2025 में पड़ने वाले महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार

जून के महीने में कई व्रत एवं त्‍योहार आते हैं लेकिन इनमें से कुछ प्रमुख हैं जिनके बारे में आगे विस्‍तार से बताया गया है:

  • निर्जला एकादशी: इस दिन भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी का पूजन किया जाता है। निर्जला एकादशी पर निर्जल व्रत रखने का विधान है। इसे सभी एकादशियों में सबसे कठिन लेकिन पुण्‍यदायी माना जाता है।
  • ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा व्रत: इस दिन पवित्र नदियों में स्‍नान करने और दान एवं व्रत रखने का बहुत महत्‍व है। इस दिन सत्‍यनारायण की कथा एवं पूजा भी की जाती है।
  • संकष्‍टी चतुर्थी: इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्‍य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।
  • आषाढ़ अमावस्‍या: पितरों के तर्पण के लिए इस दिन को श्रेष्‍ठ माना जाता है। इस दिन श्राद्ध, दान और पवित्र नदी में स्‍नान करने का विशेष महत्‍व है।
  • जगन्‍नाथ यात्रा: उड़ीसा के पुरी राज्‍य में भगवान जगन्‍नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। इस दौरान भगवान जगन्‍नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अपने रथ पर बैठकर पूरे नगर का भ्रमण करते हैं।

जून 2025 में आने वाले बैंक अवकाशों की सूची

तिथिदिनअवकाशराज्य 
07 जूनशनिवारबकरा ईद/ईद उल अजहाचंडीगढ़, दमन और दीव, दादरा, अरुणाचल प्रदेश और नगर हवेली, सिक्किम आदि राज्यों को छोड़कर राष्ट्रीय अवकाश
08 जूनरविवारबकरा ईद/ईद उल अजहा अवकाशजम्मू-कश्मीर
11 जूनबुधवारसंत गुरु कबीर जयंतीपंजाब , हरियाणा,  हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़
12 जूनगुरुवारगुरु हरगोबिंद जयंतीजम्मू-कश्मीर
14 जूनशनिवारपाहिली राजाउड़ीसा
15 जूनरविवारराजा संक्रांतिउड़ीसा
15 जूनरविवारवाईएमए दिवसमिजोरम
27 जूनशुक्रवाररथ यात्राउड़ीसा
30 जूनसोमवाररेम्ना निमिजोरम

जून 2025 विवाह मुहूर्त

दिनांक एवं दिननक्षत्रतिथिमुहूर्त का समय
02 जून 2025, सोमवारमाघसप्तमीसुबह 08 बजकर 20 मिनट से रात 08 बजकर 34 मिनट तक
03 जून 2025, मंगलवारउत्तराफाल्गुनीनवमीरात 12 बजकर 58 मिनट  से सुबह 05 बजकर 44 मिनट तक
04 जून 2025 (बुधवार)उत्तराफाल्गुनी व हस्त नवमी, दशमीसुबह 05 बजकर 44 मिनट से सुबह 05 बजकर 44 मिनट तक
05 जून 2025, गुरुवारहस्तदशमीसुबह 05 बजकर 18 मिनट से सुबह 09 बजकर 14 मिनट तक 
07 जून 2025, शनिवार स्वातिद्वादशीसुबह 09 बजकर 40 मिनट से सुबह 11 बजकर 18 मिनट तक
08 जून 2025, रविवारविशाखा, स्वातित्रयोदशीदोपहर 12 बजकर 18 मिनट से दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक 

जून 2025 मुंडन मुहूर्त

दिन समय 
5 जून 202508:51-15:45
6 जून 202508:47-15:41
8 जून 202510:59-13:17
15 जून 202517:25-19:44
16 जून 202508:08-17:21
20 जून 202505:55-10:1212:29-19:24
21 जून 202510:08-12:2614:42-18:25
26 जून 202514:22-16:42
27 जून 202507:24-09:4512:02-18:56

जून में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर

बुध का मिथुन राशि में गोचर: 06 जून को सुबह 09 बजकर 15 मिनट पर बुध मिथुन राशि में गोचर करेंगे।

मंगल का सिंह राशि में गोचर: 07 जून को रात 01 बजकर 33 मिनट पर मंगल ग्रह चंद्रमा की राशि सिंह में प्रवेश करेंगे।

बृहस्‍पति मिथुन राशि में अस्‍त: 09 जून को शाम 04 बजकर 12 मिनट पर बृहस्‍पति ग्रह मिथुन राशि में अस्‍त हो जाएंगे।

बुध का मिथुन राशि में उदय: 11 जून को सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर बुध मिथुन राशि में उदित होंगे।

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: 15 जून को 06 बजकर 25 मिनट पर सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।

बुध का कर्क राशि में गोचर: 22 जून को रात को 09 बजकर 17 मिनट पर बुध कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं।

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: दोपहर 01 बजकर 56 मिनट पर शुक्र ग्रह वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे।

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सभी 12 राशियों के लिए जून 2025 का राशिफल

मेष राशि

जून मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, यह महीना मेष राशि के जातकों के लिए अनुकूल रहने वाला है। इस राशि के स्वामी मंगल ग्रह महीने की शुरुआत में अपनी नीच राशि कर्क में चौथे भाव में विराजमान रहेंगे जिससे आपको स्वास्थ्य समस्याएं होने की आशंका है।

करियर: इस समय आप अपने कार्यों में अत्यधिक व्यस्त रहेंगे। आपको काम के सिलसिले में दूसरे शहर या देश जाना पड़ सकता है। कार्यक्षेत्र में अच्छी सफलता और धन लाभ के योग बन रहे हैं।

शिक्षा: छात्रों के लिए यह महीना चुनौतियों से भरा रह सकता है। आपकी शिक्षा में बार-बार व्यवधान आते रहेंगे। स्वास्थ्य समस्याएं भी छात्रों को परेशान कर सकती हैं।

पारिवारिक जीवन: आपका अपनी मां से झगड़ा हो सकता है। 6 जून से बुध के अपनी ही राशि के तीसरे भाव में बृहस्पति के साथ आने पर आपके अपने भाई-बहनों के साथ रिश्ते में बेहतर होंगे।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: आपके और आपके पार्टनर के बीच गलतफहमियां होने की आशंका है। आप अपने दोस्तों से सलाह लेकर अपने रिश्ते को संभालने की कोशिश करेंगे।

आर्थिक जीवन: जून मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, इस महीने आपकी आमदनी अच्‍छी रहने वाली है। आय में लगातार बढ़ोतरी होगी। व्यापार से भी धन लाभ के योग बन रहे हैं।

स्वास्थ्य: इस महीने मेष राशि वालों को छाती में जकड़न या जलन की समस्या होने की आशंका है। आपको स्वास्थ्य सा इलाज पर खर्च करना पड़ सकता है।

उपाय: आप बृहस्‍पतिवार के दिन केले के वृक्ष को जल देकर सींचें।

मेष साप्ताहिक राशिफल

वृषभ राशि

जून मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, वृषभ राशि के जातकों को इस महीने मिलेजुले परिणाम मिलने के संकेत हैं। इस दौरान आपको लंबी यात्रा या विदेश जाने का अवसर मिल सकता है।

करियर: राहु के प्रभाव के कारण आप अपने काम को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेंगे और इस वजह से आपको अपने कार्यक्षेत्र में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

शिक्षा: इस समय छात्र अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देंगे। बुद्धि में वृद्धि होने के कारण छात्र अपने विषयों को अच्छे से समझ पाएंगे। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह कुछ कर दिखाने का समय है।

पारिवारिक जीवन: आपको अपने पारिवारिक जीवन में सुख-शांति मिलेगी। परिवार की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी। आप नई संपत्ति भी खरीद सकते हैं। आपके परिवार की प्रतिष्‍ठा बढ़ेगी।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: आपको अपने प्यार की परीक्षा देनी पड़ सकती है। यदि आप सच में अपने प्रेमी से प्‍यार करते हैं, तो आप इन मुश्किलों एवं परीक्षा को पार करने में सफल होंगे। पति-पत्‍नी का रिश्‍ता मज़बूत होगा।

आर्थिक जीवन: इस महीने आपके पास पर्याप्‍त धन रहने वाला है। हालांकि, आपको आगे के लिए अपने खर्चों पर लगातार नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है। आप निवेश भी कर सकते हैं।

स्वास्थ्य: इस महीने वृषभ राशि वालों को छाती में जलन, जकड़न और किसी प्रकार की ब्‍लड प्रेशर से संबंधित समस्या होने की आशंका है।

उपाय: शनिवार के दिन गरीब लोगों को भोजन कराएं।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

मिथुन राशि

इस महीने बृहस्‍पति ग्रह मिथुन राशि वालों को मेहनती बनाएंगे। इस महीने आपके व्यापार की स्थिति भी अच्छी रहेगी। प्रेम संबंधों के मामले में यह महीना अनुकूलता लेकर आएगा।

करियर: इस समय नौकरीपेशा जातकों और व्‍यापारियों दोनों को ही सफलता मिलेगी। इस महीने आपका सारा ध्‍यान अपने काम पर रहने वाला है। आप अपने कार्यक्षेत्र में अपनी काबिलियत दिखाने में सक्षम होंगे।

शिक्षा: छात्रों का पढ़ाई पर ध्यान रहेगा। इस समय आपकी सीखने की क्षमता बढ़ेगी। आपको प्रयास करने से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को भी अनुकूल परिणाम मिलने की उम्‍मीद है।

पारिवारिक जीवन: परिवार के सदस्‍यों के बीच दूरियां आ सकती हैं। आप अपने भाई-बहनों के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 22 जून के बाद परिवार के सदस्‍यों के बीच प्रेम बढ़ेगा।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: प्रेम संबंधों के लिए यह महीना बहुत ज्‍यादा अच्‍छा रहने वाला है। आप दोनों को एक-दूसरे के साथ अधिक समय बिताने का मन करेगा। आप अपने रिश्‍ते को अगले स्तर पर ले जाने के लिए प्रयासरत रहेंगे।

आर्थिक जीवन: इस महीने आपके खर्चों में बढ़ोतरी होगी। आपको धन लाभ होगा और आपके खर्चों में भी कमी आएगी।

स्वास्थ्य: इस महीने आप स्‍वस्‍थ रहेंगे। हालांकि, आंखों में समस्या, ब्‍लड प्रेशर से संबंधित समस्याएं और रक्त की अशुद्धि जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

उपाय: आप बुधवार के दिन किन्नरों का आशीर्वाद लें।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

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कर्क राशि 

महीने की शुरुआत में मंगल कर्क राशि राशि में होकर आपके गुस्से को बढ़ाने का काम कर सकते हैं। आपको अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए। आपकी आय में वृद्धि होने के संकेत हैं।

करियर: आप पूरी मेहनत से काम करेंगे। इस समय आपको गुस्‍से में आकर किसी से भी बात करने से बचना चाहिए। आप व्यवसाय से संबंधित यात्राएं कर सकते हैं।

शिक्षा: आपको शिक्षा के क्षेत्र में मनचाहे परिणाम मिलेंगे। हालांकि, स्वास्थ्य समस्याएं होने की वजह से आपकी शिक्षा में व्यवधान आ सकते हैं। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे जातकों को अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है।

पारिवारिक जीवन: परिवार के सदस्‍यों के बीच प्‍यार और अपनापन बढ़ेगा। 07 जून के बाद परिवार में लड़ाई-झगड़े हो सकते हैं। आपको अपने भाई-बहनों का पूरा सहयोग मिलेगा।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: आप और आपका पार्टनर एक-दूसरे को अच्छे से समझ पाएंगे। आपका रिश्‍ता मज़बूत होगा। हालांकि, विवाहित जातकों के लिए यह महीना कमजोर रहेगा।

आर्थिक जीवन: आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी। आप अपनी बुद्धिमानी से अपनी आमदनी को बढ़ाएंगे। व्‍यापारियों के लिए यात्रा लाभकारी सिद्ध होंगी। शेयर बाज़ार में निवेश का अच्‍छा रिटर्न मिल सकता है।

स्‍वास्थ्य: इस महीने आपकी स्वास्थ्य समस्याओं में बढ़ोतरी होने की आशंका है। आपको तरल एवं पौष्टिक पदार्थ का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान वाहन सावधानी से चलाएं।

उपाय: गुरुवार के दिन भूरी गाय को कुछ खाने के लिए दें।

 कर्क साप्ताहिक राशिफल

सिंह राशि

जून के महीने में आपके स्वभाव में वृद्धि हो सकती है। आपको अपने कार्यक्षेत्र में अच्छी सफलता मिल सकती है। आपकी आमदनी में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। व्यापारियों को इस महीने शॉर्टकट लेने से बचना चाहिए।

करियर: नौकरीपेशा जातकों की स्थिति अच्‍छी रहने वाली है। कार्यक्षेत्र में आपकी स्थिति मजबूत होगी। सरकारी नौकरी कर रहे जातकों को लाभ मिलने के संकेत हैं।

शिक्षा: इस महीने शनि देव आपकी परीक्षा लेने का काम कर सकते हैं। इस वजह से आपको लगातार मेहनत करते रहना है। हालांकि, आप शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

पारिवारिक जीवन: आपके पारिवारिक जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। 07 जून के बाद आपके क्रोध में बढ़ोतरी हो सकती है इसलिए इस समय आपको पारिवारिक मामलों में सोच-समझकर बोलने की सलाह दी जाती है।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: इस महीने आपका और आपके पार्टनर का रिश्‍ता मजबूत एवं गहरा होगा। प्रेम संबंध को वैवाहिक संबंध में बदलने के लिए अच्‍छा समय है। हालांकि, पति-पत्‍नी के बीच तनातनी या लड़ाई-झगड़े हो सकते हैं।

आर्थिक जीवन: आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। हालांकि, खर्च बढ़ते रहेंगे और आकस्मिक खर्चों की वजह से आपको आर्थिक समस्याएं हो सकती हैं।

स्वास्थ्य: जून मासिक राशिफल 2025 के अनुसार आपको वाहन चलाते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इस महीने आपको अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

उपाय: आप प्रत्येक रविवार को श्री आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।

सिंह साप्ताहिक राशिफल

आज का गोचर

कन्या राशि

कन्‍या राशि के जातकों के लिए यह महीना औसत रहने वाला है। आपको अपने कार्यों में सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा जातकों की स्थिति अच्‍छी रहने वाली है।

करियर: नौकरीपेशा जातक अपने काम को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास करते हुए नज़र आएंगे। आपका मनचाही जगह पर तबादला हो सकता है। आपको अपने ज्ञान और बुद्धि का सही इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा। इससे आपको अपने कार्यक्षेत्र में लाभ मिलेगा।

शिक्षा: इस महीने छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में व्‍यवधानों का सामना करना पड़ सकता है। आप अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे। मेहनत करने से आपको मनचाही सफलता मिलने के योग हैं।

पारिवारिक जीवन: इस समय आपके पारिवारिक संबंध मजबूत होंगे। आपको अपने परिवार के सदस्‍यों का पूर्ण सहयोग मिलेगा। आपके रिश्तों में अपनापन बढ़ेगा।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: मंगल के कारण आपके प्रेम संबंधों में तनाव पैदा होने का डर है। इस दौरान आपके प्रियतम को स्वास्थ्य समस्याएं घेर सकती हैं। आपके रिश्ते में नयापन आएगा और आप एक-दूसरे को पर्याप्‍त समय देंगे।

आर्थिक जीवन: आपके अप्रत्याशित खर्चों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। आपके ऊपर आर्थिक दबाव बढ़ेगा। 22 जून से आपको अपने सेहत पर धन खर्च करना पड़ सकता है। आपकी आमदनी में भी लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे।

स्वास्थ्य: आपको इस पूरे महीने अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखन की जरूरत है। आपको इस समय शारीरिक समस्याएं आती जाती रहेंगी। आपको कोई चोट लगने, संक्रमण होने, आंखों में समस्या होने या बुखार, सिर दर्द या पेट दर्द जैसी समस्याएं होने का डर है।

उपाय: आपको राह के कुत्तों को भोजन करवाना चाहिए।

कन्या साप्ताहिक राशिफल

तुला राशि 

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर होने पर आपकी गुप्त विद्याओं में रुचि बढ़ सकती है। आप शोध के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। नौकरीपेशा जातकों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
करियर: कार्यक्षेत्र में आपका किसी से झगड़ा या कहासुनी हो सकती है। इसका नकारात्‍मक असर आपके काम पर भी पड़ सकता है। आपके ऊपर काम का दबाव भी रह सकता है।

शिक्षा: छात्रों को इस समय आपको एकाग्रता की समस्या से जूझना पड़ सकता है। हालांकि आपकी याद रखने की क्षमता तेज होगी। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए अच्‍छा समय है।

पारिवारिक जीवन: इस महीने आपके पारिवारिक संबंधों में मनमूटाव होने का डर है। आपकी वाणी में कड़वाहट आ सकती है जिससे आपके रिश्‍तों पर खराब असर पड़ सकता है। आपको अपने भाई-बहनों का सहयोग प्राप्त होगा।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: इस महीने आपको अपने प्रेमी से अपने दिल की बात कहने में हिचकिचाहट महसूस हो सकती है। आप अपने प्रियतम को खुश करने के लिए बहुत कुछ कहेंगे, लेकिन उसे पूरा नहीं कर पाएंगे।

आर्थिक जीवन: आप सही निर्णय लेकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में स्वयं ही अपनी मदद करेंगे। आपकी आमदनी में इज़ाफा होने के संकेत हैं।

स्वास्थ्य: आपको अपने खानपान और अपनी आदतों को लेकर सतर्क रहने की आवश्‍यकता है अन्‍यथा आपको पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

उपाय: इस राशि वाले बुधवार के दिन किन्नरों को कोई वस्तु उपहार में दें और उनका आशीर्वाद लें।

तुला साप्ताहिक राशिफल

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वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए जून का महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। आपको अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। आपको अपने कार्यक्षेत्र में मन लगाकर काम करना होगा।

करियर: इस महीने आपको अपने करियर को लेकर बहुत संभलकर रहने की ज़रूरत है। आपके मन में विरक्ति के भाव आ सकते हैं। आपको अपने काम पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है।

शिक्षा: छात्रों को पढ़ाई के मामले में कुछ व्यवधान आ सकते हैं। आपको अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। स्वास्थ्य समस्याओं और पारिवारिक तनाव के कारण छात्रों को परेशानी हो सकती है।

पारिवारिक जीवन: परिवार के सदस्‍यों के बीच आपसी तालमेल की कमी हो सकती है। आपको अपने पिता की सेहत पर ध्‍यान देने की जरूरत है। परिवार में प्‍यार और स्‍नेह की कमी होने की आशंका है।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: जो जातक प्रेम संबंध में हैं, उन्‍हें बार-बार चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, आपको इनसे डरना नहीं है बल्कि अपने रिश्ते पर अडिग रहना है।

आर्थिक जीवन: आपकी आमदनी में लगातार बढ़ोतरी होने के संकेत हैं। आपके लिए धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं। आपको कोई पैतृक संपत्ति मिलने की भी संभावना है।

स्वास्थ्य: इस समय आपको अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को अनदेखा नहीं करना चाहिए। आपको ब्‍लड प्रेशर, फुंसी-फोड़े, रक्त की अशुद्धि और मानसिक तनाव होने की आशंका है।

उपाय: आप इस महीने अनुकूल परिणाम प्राप्‍त करने के लिए शनिवार के दिन काली साबुत उड़द की दाल शनि देव के मंदिर में दान करें।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

धनु राशि 

धनु राशि वालों को व्यापार और वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव देखना पड़ सकता है। आपको स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। आपके लिए लंबी यात्रा और धार्मिक तीर्थ यात्रा के योग बन रहे हैं।

करियर: नौकरीपेशा जातकोंं को कार्यक्षेत्र में कठिन परिश्रम करने की जरूरत है। आपके ऊपर काम का दबाव भी बढ़ सकता है। आपको पदोन्नति मिलने की संभावना है।

शिक्षा: इस महीने छात्रों की एकाग्रता बार-बार भंग हो सकती है। आपको शारीरिक समस्याएं होने की आशंका है। उच्च शिक्षा प्राप्‍त कर रहे विद्यार्थियों को इस महीने अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देगा।

पारिवारिक जीवन: इस समय आपके पारिवारिक जीवन में असंतुलन आने के संकेत हैं। परिवार के सदस्‍यों के बीच आपसी तालमेल में कमी आ सकती है। आपके भाई-बहनों को कुछ परेशानियां हो सकती हैं।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: आपकी अपने प्रेमी से कुछ कहासुनी हो सकती है। वैवाहिक संबंधों में तनाव और टकराव बढ़ सकता है। पति-पत्‍नी के रिश्‍ते में मधुरता आएगी।

आर्थिक जीवन: पारिवारिक संपत्ति से आपको धन और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आप अपनी आय से संपत्ति को बढ़ा सकते हैं। आपके कुछ खर्चों में बढ़ोतरी होने की आशंका है।

स्वास्थ्य: आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। इस दौरान वाहन चलाते समय सावधानी रखें। वाहन दुर्घटना की संभावना है।

उपाय: आप बृहस्पतिवार के दिन केले और पीपल का वृक्ष लगाएं।

धनु साप्ताहिक राशिफल

मकर राशि 

आपको इस महीने आलस से दूर रहने की सलाह दी जाती है। व्यापार और वैवाहिक संबंधों में तनाव उत्‍पन्‍न होने की आशंका है। आपके व्यवहार में भी गुस्सा बढ़ सकता है।

करियर: आप अपने कार्यक्षेत्र में हर काम को बेहतर तरीके से करेंगे। आपको इस समय नई नौकरी का अवसर मिल सकता है। साझेदारी में व्‍यापार करने वाले जातकों के अपने पार्टनर से संबंध बिगड़ सकते हैं।

शिक्षा: आपको शिक्षा में मनचाहे परिणाम मिलने के योग हैं। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को बड़ी सफलता मिल सकती है। आपको आलस से दूर रहने की आवश्‍यकता है।

पारिवारिक जीवन: आपके परिवार में खुशियां रहेंगी। परिवार में कोई शुभ कार्य हो सकता है। आपके अपने भाई-बहनों से संबंध मधुर रहेंगे।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: यदि आप प्रेम संबंध में हैं, तो आपके लिए महीने की शुरुआत का समय अच्‍छा रहने वाला है। आपका प्यार परवान चढ़ेगा। वैवाहिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है।

आर्थिक जीवन: आमदनी में बढ़ोतरी होने के योग हैं। आपके खर्चों में बढ़ोतरी होगी इसलिए आपको अपनी आर्थिक स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य: आपको आलस न करने की सलाह दी जाती है। इस पूरे महीने आपको स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के प्रति सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

उपाय: आप शुक्रवार के दिन छोटी कन्याओं को सफेद रंग की कोई वस्तु भेंट करें और उनका आशीर्वाद लें।

मकर साप्ताहिक राशिफल

कुंभ राशि 

यह महीना आपके लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा। आपके पंचम भाव में पूरे महीने बृहस्पति महाराज विराजमान रहकर आपके प्रथम भाव पर दृष्टि डालेंगे जिससे आपको अनुभवी व्यक्तियों का सहयोग मिलेगा।

करियर: आप अपनी मेहनत से अपना अलग मुकाम बनाएंगे। आप अपनी बुद्धिमानी और समझदारी के दम पर अपने कार्यक्षेत्र में अपनी धाक जमाने में कामयाब रहेंगे।

शिक्षा: इस महीने आप जितना ज्यादा मेहनत करेंगे, उतनी ही अधिक आपको सफलता मिलेगी। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को महीने के तीसरे सप्ताह में अधिक अनुकूल परिणाम प्राप्‍त होंगे।

पारिवारिक जीवन: इस महीने आपके घर में कोई खुशखबरी आ सकती है। इससे घर का माहौल खुशियों से भर जाएगा। आपके भाई-बहनों को सुख की प्राप्ति होगी।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: आपके और आपके पार्टनर के बीच प्‍यार बढ़ेगा। वहीं विवाहित जातकों के लिए यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है।

आर्थिक जीवन: आपकी आमदनी में लगातार बढ़ोतरी होने के योग हैं। इस समय आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आप शेयर बाजार में निवेश करने से लाभ होने की उम्‍मीद है।

स्वास्थ्य: इस महीने आपको स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता हे। आपको रक्त में अशुद्धि, रक्त संक्रमण, चोट, घाव या फोड़े-फुंसी होने की आशंका है।

उपाय: आप बुधवार के दिन शाम के समय काले तिलों का दान करें।

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

मीन राशि 

जून मासिक राशिफल 2025 के अनुसार इस महीने आपको अपने खर्चों को लेकर बहुत ज्यादा समझदारी दिखाने की जरूरत है। आपके कार्यों में रुकावट आ सकती है। आपको अपने स्वास्थ्य को लेकर भी सतर्क रहना होगा।

करियर: आप अपनी मेहनत और सूझबूझ से कार्यक्षेत्र में नाम कमाएंगे। सरकारी नौकरी करने वाले जातकों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है। आपको इस समय कठिन परिश्रम करने के लिए तैयार रहना होगा।

शिक्षा: अन्य गतिविधियों के कारण आपको पढ़ाई में ध्यान लगाने में दिक्‍कत आ सकती है। आप थोड़े से चिड़चिड़े भी हो सकते हैं जिस वजह से आपका पढ़ाई करने का मन नहीं करेगा। ऐसे में, आपको लगातार मेहनत करनी होगी।

पारिवारिक जीवन: परिवार में बड़े-बुजुर्गों को सम्मान मिलेगा। आपके घर का माहौल सामंजस्यपूर्ण रहेगा एवं परिवार के सदस्‍यों में आपसी प्यार बढ़ेगा। घर में कोई खुशखबरी आ सकती है।

प्रेम और वैवाहिक जीवन: प्रेम संबंध के मामले में यह महीना कठिन चुनौतियों से भरा रहने वाला है। बार-बार लड़ाई-झगड़े की स्थिति उत्‍पन्‍न हो सकती है। आपके प्रियतम का स्वभाव चिड़चिड़ा  हो सकता है।

आर्थिक जीवन: आपकी आमदनी में कुछ हद तक बढ़ोतरी होने के संकेत हैं। हालांकि, आपके लिए लगातार खर्चे बने रहेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति अनुकूल रहेगी एवं आपको सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होगी।

स्वास्थ्य: महीने की शुरुआत में सूर्य और बुध की तीसरे भाव में उपस्थिति से आपकी स्वास्थ्य समस्याओं में कमी आने के संकेत हैं। आपको पेट और बड़ी आंत से संबंधित समस्या हो सकती है।

उपाय: आपको मछलियों को दाना डालें।

मीन साप्ताहिक राशिफल

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्‍न 1. जून में बुध ग्रह किस राशि में उदित हो रहे हैं?

उत्तर. 11 जून को सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर बुध मिथुन राशि में उदित होंगे।

प्रश्‍न 2. जून में जगन्‍नाथ यात्रा कब है?

उत्तर. 27 जून 2025 को जगन्‍नाथ यात्रा शुरू होगी।

प्रश्‍न 3. जून में पैदा होने वाले जातकों का शुभ अंंक क्‍या है?

उत्तर. भाग्‍यशाली अंक 3 और 6 है।

वृषभ राशि में बुध-सूर्य की युति से मेष सहित इन राशियों को मिलेगा लाभ

वृषभ राशि में बुध-सूर्य की युति से मेष सहित इन राशियों को मिलेगा लाभ

एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको वृषभ राशि में बुध और सूर्य की युति के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि इस युति का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कि 23 मई, 2025 को वृषभ राशि में बुध और सूर्य युति करेंगे। इस युति से कुछ राशियों को बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए जानें कि इसका राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

जन्म कुंडली में वृषभ राशि में सूर्य-बुध की युति को आम तौर पर सकारात्मक परिणाम देने वाला माना जाता है। यह संयोग आपको अच्छा संचार, तेज दिमाग और रिश्तों को मजबूत बनाने का कार्य करता है। वैदिक ज्योतिष में सूर्य और बुध की युति से बुध आदित्य योग का निर्माण होता है, जो बहुत शुभ माना जाता है। खासकर जब यह युति सिंह, मिथुन या कन्या राशि में हो रही हो। इस योग से व्यक्ति में तेज बुद्धि, नेतृत्व करने की क्षमता और करियर में सफलता के अच्छे संकेत मिलते हैं।

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बुध-सूर्य युति: सामान्य व्याख्याएं

बुद्धि और संचार:

यह युति मजबूत बुद्धि, संचार कौशल, सीखने और खुद को अभिव्यक्त करने की क्षमता प्रदान करता है।

करियर और महत्वाकांक्षा:

इस योग वाले लोग सफलता के लिए मेहनती होते हैं और वकालत, राजनीति, टीचिंग या कला जैसे क्षेत्रों के प्रति झुकाव रखते हैं।

नेतृत्व और अधिकार:

इस युति के तहत नेतृत्व करने की क्षमता बढ़ती है और जातक अधिकारिक पदों पर पहुंच सकते हैं।

अलग-अलग भाव में देते हैं भिन्न-भिन्न परिणाम

इस योग का प्रभाव इस बात पर भी निर्भर करता है कि ये कुंडली के किस भाव में बैठा है। जैसे अगर दसवें भाव में हो, तो करियर में बड़ी सफलता दिला सकता है। इसके साथ-साथ बाकी ग्रहों की स्थिति भी असर डालती है।

वृषभ राशि में बुध-सूर्य की युति: बुधादित्य राजयोग

जब सूर्य और बुध एक ही भाव में होते हैं, तो इसे “बुधादित्य राजयोग” कहा जाता है। यह योग जातक को बड़ी सफलता, ताकत, ऊंचा पद, शोहरत, अच्छी बातचीत की कला, तेज बुद्धि और जिंदगी में बड़ी कामयाबी देता है। यह इसलिए माना जाता है क्योंकि सूर्य जीवन की ऊर्जा और ताकत देता है, और बुध दिमागी समझ और तर्कशक्ति का प्रतीक है।

यदि इस योग पर शुक्र या बृहस्पति ग्रह का प्रभाव पड़े, तो जातक का झुकाव अध्यात्म के प्रति भी अधिक हो सकती है यानी धर्म और साधना में रुचि लेता है। लेकिन यदि शनि, राहु या केतु ग्रह का प्रभाव पड़े तो यह योग थोड़ा और मजबूत बन जाता है और राजयोग यानी ऊंचे पद या शासन का संकेत देता है। हालांकि, यदि कोई ग्रह दुर्बल अवस्था में हो तो इस योग पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है।

वृषभ राशि में बुध-सूर्य की युति: समय

वृषभ राशि में बुध-सूर्य की युति से बुधादित्य राजयोग बनेगा और 23 मई, 2025 की दोपहर 12 बजकर 48 मिनट पर बुध के वृषभ राशि में गोचर करने पर यह राजयोग बनेगा। सूर्य पहले से ही वृषभ राशि में स्थित होगा। यह राजयोग 6 जून 2025 तक रहेगा यानी 14 दिनों तक। इसके बुध मिथुन राशि में गोचर कर जाएंगे।

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वृषभ राशि में बुध-सूर्य की युति: सभी 12 राशियों पर प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी शासन करता है और सूर्य पांचवें भाव के स्वामी हैं। बुध-सूर्य युति आपके दूसरे भाव में होगी। इसके परिणामस्वरूप आप अच्छी मात्रा में धन कमाने और बचत करने में सक्षम होंगे। इन जातकों में संचार क्षमता मजबूत होती है और इसके चलते ये लोग बेहतरीन वक्ता, पत्रकार, मीडिया पेशेवर और इसी तरह के उद्योगों में खूब सफलता अर्जित करते हैं। साथ ही, माता-पिता की संपत्ति या पैतृक संपत्ति से भी आपको लाभ होगा। यदि शुक्र दूसरे भाव में है तो जातक की वाणी में मधुरता होती है।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और सूर्य चौथे भाव के स्वामी हैं। बुध-सूर्य की युति आपके लग्न भाव में होगी और बेहद लाभकारी साबित होगी। इसके परिणामस्वरूप आप अत्यधिक उत्साह और ऊर्जा से भरे हुए रहेंगे और मानसिक रूप से भी फिट महसूस करेंगे। ये जातक उम्र बढ़ने के साथ-साथ अधिक बुद्धिमान होते जाएंगे, जिसके चलते जीवन में खूब सफलता अर्जित करेंगे। आपको अपने पिता का भी साथ मिलेगा।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं, जबकि सूर्य तीसरे भाव के स्वामी हैं। बुध-सूर्य की युति आपके बारहवें भाव में होगी। इसके परिणामस्वरूप यह युति आपके लिए अधिक लाभकारी प्रतीत नहीं हो रही है क्योंकि इस दौरान में आपको विदेशी भूमि में नुकसान हो सकता है। हालांकि आध्यात्मिक विकास के लिए यह अच्छा रहेगा। इस राशि में युति से जातक अध्यात्म के प्रति अधिक रुचि रखता है। बचत करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं क्योंकि आपके खर्चे तेजी से बढ़ने लगते हैं। जबकि अपने विरोधियों को कड़ी टक्कर देने में सफल होते हैं। इन जातकों में सफल और बड़े निवेशक बनने की क्षमता होती है।

कर्क राशि

बुध ग्रह इनके लिए थोड़ा अशुभ माना जाता है क्योंकि यह इनकी कुंडली के तीसरे और बारहवें घर के स्वामी हैं। वहीं, सूर्य इनके लिए दूसरे भाव के स्वामी हैं। कर्क राशि वालों की कुंडली में बुधादित्य योग ग्यारहवें भाव में बन रहा है और यह बहुत अच्छा फल प्रदान करेंगे। इस दौरान आपको कई तरीकों से धन कमाने के मौके मिलते हैं। शिक्षा का क्षेत्र इनके लिए कमाई का बड़ा जरिया बन सकता है। मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में भी ये लोग बहुत अच्छा करते हैं क्योंकि इनमें रचनात्मकता भरी होती है। हालांकि, संतान प्राप्ति में इन्हें थोड़ी दिक्कतें आ सकती हैं। इसके उपाय के लिए ये किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह ले सकते हैं।

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सिंह राशि

बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और सूर्य लग्न भाव के स्वामी हैं। ये दोनों ग्रह सिंह राशि के जातकों के लिए दसवें भाव में स्थित होंगे और ये योग आपको शानदार फल प्रदान करेगा, खासतौर से करियर में। इस योग से सिंह राशि वाले लोग जिंदगी में बड़ी कामयाबी हासिल करते हैं। ये लोग आरामदायक जीवन जीते हैं और कार, घर जैसी संपत्ति के मालिक बनते हैं। साथ ही इनके पास राजनीति में जाने या सरकारी नौकरी पाने के अच्छे मौके होते हैं। ये लोग गाड़ियों के व्यापार, रियल एस्टेट और प्रॉपर्टी के धंधे में भी खूब तरक्की करते हैं।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं और सूर्य बारहवें भाव के स्वामी हैं। ऐसे में जब सूर्य और बुध इस राशि में युति करते हैं तो नौकरीपेशा लोगों के लिए थोड़ा उतार-चढ़ाव ला सकता है। अगर ये योग आपकी कुंडली के नौवें भाव में बनता है, तो कुल मिलाकर अच्छा रहता है, लेकिन इसमें अचानक ट्रांसफर या यात्रा के योग भी बन सकते हैं।

इस समय आपको भाग्य का साथ मिलेगा, जिससे नए मौके मिलेंगे। आप मेहनत करके धनवान बन सकते हैं और इसमें आपके पिता का सहयोग भी बहुत अहम रहेगा। पारिवारिक बिजनेस में भी सफलता मिल सकती है। पिता के साथ रिश्ते अच्छे और मजबूत रहेंगे।

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए, सूर्य ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और बुध नौवें व बारहवें भाव के स्वामी हैं। तुला राशि वालों के लिए यह योग आपके आठवें भाव में बनेंगे स्वदेशी लोग समृद्ध होंगे और अप्रत्याशित समृद्धि का अनुभव करेंगे क्योंकि आठवां भाव अचानक घटनाओं का भाव हैं। इस दौरान शेयर मार्केट या लॉटरी में निवेश करना इनके लिए फायदेमंद रहेगा। ये लोग अपनी बातचीत की कला से पैसा कमा सकते हैं और माता-पिता की संपत्ति से भी लाभ मिलेगा।

वृश्चिक राशि

बुध वृश्चिक राशि के लिए आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और लग्न स्वामी मंगल का शत्रु है। सूर्य, दसवें भाव के स्वामी हैं और जब ये दोनों ग्रह विवाह और साझेदारी के सातवें भाव में मिलते हैं, तो व्यापार में तो जबरदस्त फायदा मिलता है, लेकिन शादीशुदा जिंदगी में थोड़े झगड़े और तनाव आ सकते हैं।

ये लोग व्यापार, मार्केटिंग, अकाउंट्स, फाइनेंस और बिजनेस में बहुत सफल होते हैं। इनकी पर्सनालिटी भी आकर्षक होती है और बोलचाल में माहिर होते हैं। अपनी बातों और ह्यूमर से ये लोग सबका ध्यान खींचते हैं। हालांकि, शादी में थोड़ी दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन अगर शुक्र कुंडली में अच्छा है तो ये परेशानी भी खत्म हो जाएगी।

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धनु राशि

धनु राशि के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और सूर्य नौवें भाव के स्वामी हैं। यह युति आपके छठे भाव में होगी। बुधादित्य योग छठे भाव में होने पर आप अपने विरोधियों और दुश्मनों पर जीत हासिल करेंगे। बिजनेस में आपको बड़ा फायदा मिलेगा और कानूनी मामलों में भी सफलता मिलेगी। निवेश से भी लाभ होगा। बस थोड़ा ध्यान देना होगा क्योंकि इस योग से खर्चे बढ़ सकते हैं, जो थोड़ी परेशानी का कारण बन सकते हैं।

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और सूर्य आठवें भाव के स्वामी हैं। बुध-सूर्य के बीच यह युति पांचवें भाव में होगी। जिसके परिणामस्वरूप आप अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा सावधान रहना पड़ सकता है। लेकिन धन के मामले में यह योग बहुत शुभ है। आय का प्रवाह बना रहेगा और कमाई के कई रास्ते खुलेंगे। आप मीडिया, एंटरटेनमेंट, लेखन, पत्रकारिता और फिल्मी दुनिया में सफल हो सकते हैं। आपकी शादी की बात कहीं बन सकती है। अगर आपकी कुंडली में सातवां भाव पांचवें या ग्यारहवें भाव से जुड़ा है, तो आप बिजनेस में बहुत अच्छे बन सकते हैं। हालांकि संतान प्राप्ति में थोड़ी रुकावट आ सकती है।

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के लिए, बुध पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और सूर्य सातवें भाव के स्वामी हैं। ये दोनों ग्रह माता, आराम और विलासिता के चौथे भाव में युति करेंगे। कुंडली में चौथे भाव में बुधादित्य योग का होना विशेष रूप से शुभ प्रतीत नहीं हो रहा है क्योंकि यह माता के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

इस अवधि के दौरान आपकी माता को अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि आपके कामकाज में आपको सफलता मिलेगी और गाड़ियां, घर और बाकी सुख-सुविधाएं भी मिलेंगी। आप लेखन, मीडिया, कम्युनिकेशन और खासतौर पर पत्रकारिता में चमक सकते हैं।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। सूर्य ऋण, शत्रु और रोगों के छठे भाव के स्वामी हैं। वृषभ राशि में बुध-सूर्य की युति तीसरे भाव में होगी। यह योग का अभ्यास करने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।

इस योग के असर से आपके छोटे भाई-बहनों की बजाय बड़े भाई-बहन होने के चांस ज्यादा हैं। आप बहुत मेहनती रहेंगे और उसी मेहनत के दम पर जीवन में सफलता पाएंगे। मार्केटिंग और सेल्स के क्षेत्र में आप आसानी से आगे बढ़ सकते हैं, क्योंकि आपकी बोलचाल और समझाने की ताकत बहुत अच्छी रहेगी। अगर आपकी कुंडली में नवम भाव के स्वामी दूसरे या ग्यारहवें भाव में बैठा है, तो आपके पास धन कमाने के बहुत अच्छे योग बनते हैं। इसे धन योग कहा जाता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. बुध किस राशि पर शासन करता है?

मिथुन और कन्या।

2. सूर्य किस राशि पर शासन करता है?

सिंह

3. सूर्य की उच्च राशि कौन सी है?

मेष।

बुध का वृषभ राशि में गोचर: विश्व समेत राशियों को किस तरह करेंगे प्रभावित? जानें!

बुध का वृषभ राशि में गोचर: विश्व समेत राशियों को किस तरह करेंगे प्रभावित? जानें!

एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध का वृषभ राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि बुध के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कि 23 मई, 2025 को बुध वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बुध के गोचर से कुछ राशियों को बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में बुध ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।

ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, मानसिक चपलता और संचार से संबंधित ग्रह माना जाता है। यह हमारे सोचने के तरीके, आत्म-अभिव्यक्ति और सीखने को नियंत्रित करता है। बुध का असर तकनीक, यात्रा और छोटे सफर पर भी पड़ता है। किसी जातक के बातचीत के ढंग, जानकारी को समझने के तरीके और  सोचने की शैली का अंदाजा कुंडली में बुध की स्थिति से लगाया जा सकता है।

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बुध का वृषभ राशि में गोचर: समय

बुध का वृषभ राशि में गोचर 23 मई, 2025 की दोपहर 12 बजकर 48 मिनट पर होगा। आइए जानें कि इसका विभिन्न राशियों, विश्वव्यापी घटनाओं और शेयर बाजार पर क्या अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ेगा।

बुध का वृषभ राशि में गोचर: विशेषताएं 

बुध की दोहरी ऊर्जा के परिणामस्वरूप आपका जीवनसाथी आपके करियर या व्यापार में मदद करेंगे। इस दौरान आप पार्टनरशिप कर सकते है या व्यावसायिक समझौता कर सकतेहृ हैं क्योंकि बुध समझदारी और अच्छा निर्णय लेने की क्षमता देता है। आप भावनात्मक हैं, लेकिन अपनी भावनाएं नहीं दिखाते क्योंकि आप हमेशा सोच-विचार की दुनिया में व्यस्त रहते हैं। आपको ऐसा जीवनसाथी चाहिए जो आपसे बातचीत कर सके और समझदार हो। आपकी बातचीत करने की क्षमता बहुत अच्छी होती है, खासकर व्यापार या कॉर्पोरेट दुनिया में। लेकिन आप हर काम में बहुत सोच-समझकर, गणना करके और कभी-कभी आलोचनात्मक तरीके से काम करते हैं, जिससे कई बार समस्याएं भी हो सकती हैं।

जिन लोगों की कुंडली में बुध वृषभ राशि में होता है, वे ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश करते हैं और फिर अपनी गहरी सोच से समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करते हैं। आपके बच्चे बुद्धिमान होंगे और आपका वैवाहिक जीवन सुखद रहेगा। जीवनसाथी सहयोगी और समझदार होगा, जिससे शादीशुदा जीवन शांतिपूर्ण रहेगा। आपको मीडिया, संचार, डिजिटल मार्केटिंग, ब्लॉगिंग, सॉफ्टवेयर, वेब डिजाइन जैसे क्षेत्रों में काम करने से लाभ मिलेगा और आपकी प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।

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बुध का वृषभ राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेगा सकारात्मक परिणाम 

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। बुध का वृषभ राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में होगा। हालांकि, बुध आपके लग्न स्वामी से जुड़ा हुआ है, इसलिए मेष राशि के लिए बुध को लाभकारी ग्रह नहीं माना जाता है। इसके बावजूद, बुध का वृषभ राशि में गोचर होने के दौरान मेष राशि वालों को अनुकूल परिणाम प्राप्‍त होंगे। कॉर्पोरेट जगत से जुड़े मेष राशि के जातकों के लिए यह अवधि विशेष रूप से लाभकारी रहेगा। यह समयावधि खासतौर पर व्‍यवसाय करने वाले जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।

आपका परिवार आपका पूरा समर्थन करेगा और आपके आस-पास का वातावरण सुखद रहने वाला है। इसके अलावा इस गोचर के दौरान आपके लंबे समय से चले आ रहे पारिवारिक विवाद भी सुलझ सकते हैं। इससे परिवार के सदस्‍यों के बीच मेलजोल और एकता की भावना और मजबूत होगी।

इस गोचर के दौरान मेष राशि वाले सोशल मीडिया पर अधिक सक्रिय रहेंगे और कई लोगों से बात करेंगे। वित्त के मामले में यह अनुकूल समय है। आपके लिए धन कमाने और वित्तीय स्थिति में सुधार आने की संभावनाएं बनी हुई हैं।

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कर्क राशि

कर्क राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके ग्‍यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली का बारहवां भाव आय, दोस्‍ती, बड़े भाई-बहनों और जीवन में विभिन्‍न उपलब्धियों का कारक होता है। बुध का वृषभ राशि में गोचर आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा क्‍योंकि बुध का मार्गी चाल चलना आपके भाग्‍य को बढ़ावा देगा।

सीधी चाल में बुध कर्क राशि के लोगों को सौभाग्य प्रदान करेगा, इसलिए यह गोचर बहुत लाभकारी होगा। वित्त की बात करें, तो बुध के प्रभाव से आपकी आमदनी में वृद्धि देखने को मिलेगी। इस दौरान आपकी सेहत में भी सुधार आने की उम्‍मीद है और आप सकारात्‍मक मानसिकता रखेंगे जिससे आपको तनाव को कम करने में मदद मिलेगी।

 धन के मामले में, बुध का प्रभाव आपको महत्वपूर्ण वेतन वृद्धि के योग्य बनाएगा। वृषभ राशि में बुध के इस गोचर के दौरान, आपको अपने स्वास्थ्य में भी सुधार देखने को मिलेगा और आप खुशमिजाज रहेंगे, ये दोनों ही चीजें तनाव प्रबंधन में बहुत सहायक होंगी।

करियर की बात करें, तो इस समय आप अपने मन में जो भी काम करने की ठान लेंगे, उसे पूरा करने के लिए आपके पास दृढ़ संकल्‍प और ऊर्जा मौजूद होगी। इस समय आप जोश और उत्‍साह से भरपूर नज़र आएंगे जिससे आपकी उत्‍पादकता में भी वृद्धि होगी। प्रेम संबंधों की बात करें, तो यह समयावधि विशेष रूप से कर्क राशि वालों के लिए अनुकूल रहने वाली है।

सिंह राशि

सिंह राशि के दूसरे और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी बुध हैं, जो कि आपके वित्त के लिए एक प्रमुख ग्रह माना जाता है। अब बुध का वृषभ राशि में गोचर होने के दौरान वह आपके दसवें भाव में रहेंगे जो कि कर्म भाव है। वैदिक ज्‍योतिष में इस भाव को करियर, प्रतिष्‍ठा, राजनीति और महत्‍वाकांक्षाओं का कारक माना जाता है। इस समय सिंह राशि के लोगों को सकारात्‍मक परिणाम मिलने की संभावना है। बुध का गोचर आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा और आपको अपने करियर में प्रगति मिल सकती है।

इस समय नौकरीपेशा जातक वेतन में वृद्धि एवं प्रमोशन के साथ पेशेवर विकास करेंगे। आपकी कड़ी मेहनत और समर्पण को पहचान मिलेगी एवं आपके सहकर्मी और वरिष्‍ठ अधिकारी आपकी सराहना करेंगे। आप अपने उच्‍च अधिकारियों और अपने बॉस का समर्थन पाने में सक्षम होंगे जिससे आपको अपने करियर में अधिक अवसर प्राप्‍त हो पाएंगे।

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कुंभ राशि

कुंभ राशि के पांचवे और आठवें भाव के स्‍वामी बुध हैं, जो कि अब आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस राशि वाले जातकों के लिए बुध का वृषभ राशि में गोचर अत्यंत अनुकूल रहने वाला है। ज्‍योतिष में कुंडली का चौथा भाव सुख, मां, लोकप्रियता, भावनाओं और चल-अचल संपत्ति का कारक होता है।

इस भाव में बुध का होना कुंभ राशि वालों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। आप आधुनिक उपकरणों या घर में कोई सुधार करने पर पैसा खर्च कर सकते हैं। जो जातक घर से कोई व्‍यवसाय शुरू करना या पेशेवर कार्य करना चाहते हैं, उनके लिए यह समय बहुत अनुकूल रहने वाला है। आपकी कड़ी मेहनत और सौभाग्‍य से आपका पारिवारिक व्‍यवसाय भी नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।

मीन राशि

बुध का वृषभ राशि में गोचर के दौरान बुध आपके तीसरे भाव में विराजमान हैं जो कि संचार, साहस, छोटे भाई-बहनों और उत्‍साह का कारक होता है। बुध इस राशि के चौथे और सातवें भाव के स्‍वामी हैं और तीसरे भाव में बुध के गोचर को लाभकारी माना जाता है। तीसरे भाव को सहज भाव के नाम से भी जाना जाता है जो कि साहस, दृढ़ संकल्‍प, जिज्ञासा और जुनून को दर्शाता है।

इस गोचर के दौरान विशेष रूप से लंबी बीमारी से उबर रहे रहे मीन राशि वाले जातकों को अपने स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिल सकता है। इस सकारात्‍मक बदलाव के कारण आप अपने करीबी दोस्‍तों के साथ जीवन का आंनद ले पाएंगे और अंदर से प्रसन्न महसूस करेंगे। आप अपनी दिनचर्या से ब्रेक लेने या कहीं घूमने जाने के बारे में भी सोच सकते हैं। इसके अलावा इस समयावधि में आपको अपने शौक और जुनून को पेशे में बदलने का मौका मिल सकता है।

आप अपने छोटे भाई-बहन या शेयर मार्केट या सट्टे से संबंधित क्षेत्र में व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। इस समय आपके लिए अचानक यात्रा करने के योग बन रहे हैं जिसमें तीर्थ स्थल की यात्रा भी शामिल है।

बुध का वृषभ राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

वृषभ राशि

वृषभ राशि के लग्न भाव में बुध का यह गोचर होने जा रहा है। बुध इस राशि के दूसरे और पांचवे भाव के स्‍वामी हैं। इस समय वृषभ राशि वाले जातकों को विशेष रूप से वित्तीय मामलों को लेकर कई तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। बुध का वृषभ राशि में गोचर आपकी आर्थिक स्थिति के लिए अनुकूल नहीं लग रहा है। खर्चों में बढ़ोतरी होने की वजह से आपके ऊपर आर्थिक दबाव बढ़ सकता है और शादीशुदा जातकों को अपने पार्टनर के साथ असहमति होने की वजह से वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

इसकी वजह से आपको अनावश्यक और फिज़ूलखर्चों से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये आपकी स्थिति को और ज्यादा खराब कर सकते हैं। हालांकि, निजी जीवन में वृषभ राशि के लोगों को इस समय अवधि में शांति और संतुष्टि का एहसास होगा। सेहत की बात करें, तो आपको किसी पुरानी बीमारी या स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या से मुक्ति मिल सकती है और आप शारीरिक रूप से पहले से ज्यादा फिट महसूस करेंगे।

बुध का वृषभ राशि में गोचर: उपाय

  • प्रत्येक बुधवार को 108 बार ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
  • पक्षियों और गायों को भोजन खिलाएं या उनके संरक्षण के लिए प्रयास करें।
  • मौखिक स्वच्छता बनाए रखें।
  • अधिकतम लाभ के लिए भगवान गणेश की पूजा करें।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

बुध का वृषभ राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव

व्यापार के विभिन्न क्षेत्रों में प्रभाव

  • चूंकि बुध व्यापार के कारक हैं, इसलिए कई कंपनियों में मंदी देखी जा सकती है।
  • इस संक्रमण के दौरान, सार्वजनिक क्षेत्र, मेडिसिन के क्षेत्रों और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर उद्योग को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
  • कुछ महीनों तक अच्छा प्रदर्शन करने के बाद, परिवहन, हस्तशिल्प, हथकरघा आदि उद्योगों में एक बार फिर गिरावट देखी जा सकती है।

कृषि और विविध क्षेत्र

  • विभिन्न कार्यक्रमों और सुधारों के माध्यम से, सरकार देश भर में उपर्युक्त उद्योगों की सहायता करती हुई दिखाई दे सकती है।
  • शेयर बाजार और सट्टा बाज़ार में अचानक गिरावट आ सकती है।
  • बड़े नेता और उच्च पदों पर बैठे लोग जिम्मेदारी से बातें करते हुए, जनता से मिलते और उनकी बातें सुनते दिखाई दे सकते हैं।
  • भारत में लोग धर्म और आध्यात्म की ओर ज्यादा झुकाव दिखा सकते हैं।
  • प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को कई तरीकों से फायदा मिल सकता है।

बुध का वृषभ राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट

ग्रहों में राजकुमार बुध 23 मई को वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बुध व्यापार के कारक हैं और इस गोचर का भी शेयर बाजार पर असर पड़ेगा। आइए जानते हैं बुध का वृषभ राशि में गोचर का शेयर बाजार पर क्या असर पड़ेगा।

  • अडानी, रिलायंस, टाटा प्रॉपर्टी, रेडी, विप्रो, बिड़ला, बजाज, सत्यम और दूसरी होटल चेन कंपनियों के शेयरों की कीमतों में पहले गिरावट आ सकती है, लेकिन बाद में ये फिर से बढ़ सकती हैं।
  • सॉफ्टवेयर कंपनियों, यस बैंक, हिंदुस्तान लीवर, सिप्ला, इंडसइंड बैंक, एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, आईडीपी बैंक, आईडीएफसी बैंक, पीएसी, जियो, जोमैटो, एलएंडटी, जुबिलेंट फूड, अंबुजा सीमेंट, एसीसी, आईपीसीएल, आईबीपी, इंफोसिस और अन्य कंपनियों में भी लाभदायक निवेश मिल सकता है। उम्मीद है कि इस दौरान इन क्षेत्रों में काफी वृद्धि होनी चाहिए।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न.

1. बुध किन दो राशियों पर शासन करता है?

मिथुन और कन्या

2. बुध किस राशि में नीच का हो जाता है?

मीन राशि

3. कौन सा ग्रह अपनी राशि में उच्च का हो जाता है?

बुध

इस सप्ताह बुध करेंगे अपनी चाल में परिवर्तन, इन राशियों के होंगे अच्छे दिन शुरू!

इस सप्ताह बुध करेंगे अपनी चाल में परिवर्तन, इन राशियों के होंगे अच्छे दिन शुरू!

एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से आपको वर्ष 2025 के पांचवें महीने मई के तीसरे सप्ताह से संबंधित समस्त जानकारी विस्तारपूर्वक प्राप्त होगी। ऐसे में, आपके दिल और दिमाग में आने वाले सप्ताह को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे होंगे कि क्या यह हफ़्ता आपको अच्छे या बुरे किस तरह के परिणाम देगा? क्या करियर में मिलेगी सफलता या धीमी रहेगी रफ़्तार? स्वास्थ्य रहेगा एकदम फिट या सेहत बनी रहेगी नाज़ुक? लव लाइफ में बनी रहेगी मिठास या होंगे मतभेद? वैवाहिक जीवन रहेगा प्रेम से पूर्ण या समस्याओं की होगी भरमार? इन सभी सवालों के जवाब आपको साप्ताहिक राशिफल के हमारे इस ख़ास ब्लॉग में मिलेंगे। तो आइए बिना देर किए जानते हैं आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा यह सप्ताह। 

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शायद ही आप जानते होंगे कि साप्ताहिक राशिफल का यह लेख हमारे अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा  ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के विश्लेषण के आधार पर तैयार किया गया है। साप्ताहिक राशिफल के इस स्पेशल ब्लॉग में आपको मई 2025 के इस सप्ताह (19 मई से 25 मई, 2025) के व्रत-त्योहारों समेत होने वाले ग्रहों के गोचर से भी हम आपको अवगत करवाएंगे। साथ ही, किन मशहूर सितारों का जन्मदिन इस हफ्ते में आता है, इससे भी आपको रूबरू कराएंगे। तो आइए अब हम आगे बढ़ते है और सबसे पहले जान लेते हैं इस सप्ताह का पंचांग। 

इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना

मई 2025 के तीसरे सप्ताह यानी 19 मई से 25 मई का आरंभ श्रवण नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि अर्थात 19 मई 2025, सोमवार को होगा जबकि इस हफ़्ते की समाप्ति भरणी नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी कि 25 मई 2025 को हो जाएगी। मई के इस हफ़्ते का समापन शोभन योग में होगा जो कि बेहद शुभ माना जाता है। इस अवधि में कई व्रत और त्योहारों को मनाया जाएगा और साथ ही, इस दौरान ग्रहों के गोचर भी देखने को मिलेंगे। इस बारे में हम विस्तार से बात करेंगे, लेकिन उससे पहले जान लेते हैं मई के तीसरे सप्ताह के व्रत एवं त्योहारों के बारे में। 

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इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की जानकारी

व्रत एवं त्योहार सनातन धर्म के साथ-साथ हमारी ज़िन्दगी में भी महत्व रखते हैं। लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में अक्सर लोग इन महत्वपूर्ण पर्वों को भूल जाते हैं। इसी क्रम में, आपके साथ ऐसा न हो इसलिए हमारे ब्लॉग का यह सेक्शन आपको 19 मई से 25 मई में पड़ने वाले व्रत-पर्वों की तिथियां की जानकारी देने जा रहे हैं।

अपरा एकादशी (23 मई 2025, शुक्रवार): अपरा एकादशी का व्रत जगत के पालनहार भगवान् विष्णु को समर्पित होता है जिसे अजला एकादशी भी कहा जाता है। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि पर अपरा एकादशी व्रत को किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से जातक की धन-संपदा में वृद्धि होती है और अपार पुण्य भी प्राप्त होता है। 

प्रदोष व्रत (24 मई 2025, शनिवार): प्रत्येक माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष को त्रयोदशी को प्रदोष व्रत किया जाता है। बता दें कि सूर्यास्त के बाद और रात से पहले की अवधि को प्रदोष काल कहते है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और उनकी पूजा विधि-विधान से की जाती है। जो जातक प्रदोष व्रत सच्चे मन से करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। 

मासिक शिवरात्रि (25 मई 2025, रविवार): हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव के लिए भक्तिभाव से भक्त व्रत करते हैं। कहते हैं कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से जातक को शिव जी का आशीर्वाद मिलता है और आपके जीवन से हर विपदा का नाश हो जाता है। 

हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन में खुशियाँ और आशा की नई किरण लेकर आयेंगे।

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इस सप्ताह (19 मई से 25 मई, 2025) पड़ने वाले ग्रहण और गोचर

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है क्योंकि यह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मनुष्य जीवन को प्रभावित करते हैं, इसलिए आपको ग्रहों के गोचर की जानकारी होना आवश्यक होता है। इसी क्रम में, यहाँ हम आपको बताने जा रहे हैं कि मई 2025 के इस तीसरे सप्ताह में केवल एक ग्रह अपनी राशि में बदलाव करेगा। लेकिन, इस राशि परिवर्तन का असर मनुष्य के जीवन पर दिखाई दे सकता है।  बात करें ग्रहण की, तो इस सप्ताह कोई भी ग्रहण नहीं लगने जा रहा है।

बुध का वृषभ राशि में गोचर (23 मई 2025): मई के तीसरे सप्ताह में केवल एक गोचर होगा जो कि वाणी, व्यापार और बुद्धि के कारक ग्रह का होगा। बता दें कि बुध महाराज अस्त अवस्था में रहते हुए 23 मई 2025 की दोपहर 12 बजकर 48 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे। 

इस सप्ताह (19 मई से 25 मई, 2025)  के शुभ मुहूर्तों की सूची 

19 मई से 25 मई, 2025 के विवाह मुहूर्त

दिनांक एवं दिननक्षत्रतिथिमुहूर्त का समय
22 मई 2025, गुरुवारउत्तराभाद्रपदएकादशीरात 01 बजकर 11 मिनट से सुबह 05 बजकर 46 मिनट तक
23 मई 2025, शुक्रवारउत्तराभाद्रपद, रेवतीएकादशी, द्वादशीसुबह 05 बजकर 46 मिनट से अगली सुबह 05 बजकर 46 मिनट तक
24 मई 2025, शनिवार रेवतीद्वादशीसुबह 05 बजकर 22 मिनट से सुबह 08 बजकर 22 मिनट तक 

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इस सप्ताह के नामकरण मुहूर्त 

जो माता-पिता अपने नवजात शिशु का नामकरण संस्कार संपन्न करना चाहते हैं, लेकिन आपको कोई शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा है, तो हम आपको मई 2025 के तीसरे सप्ताह के शुभ मुहूर्त नीचे प्रदान कर रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं:

तिथि मुहूर्त
19 मई 2025, सोमवार05:28:25 से 19:30:45
22 मई 2025, गुरुवार17:48:30 से 29:26:58 
23 मई 2025, शुक्रवार05:26:32 से 29:26:32
25 मई 2025, रविवार05:25:45 से 11:13:20

इस सप्ताह अन्नप्राशन संस्कार के शुभ मुहूर्त

मई के इस सप्ताह में संतान का अन्नप्राशन संस्कार करने के इच्छुक माता-पिता इस शुभ मुहूर्त में अन्नप्राशन संस्कार संपन्न कर सकते हैं। 

तिथिमुहूर्त 
19 मई 202519:11-23:34

इस सप्ताह के मुंडन संस्कार के शुभ मुहूर्त

मई के इस सप्ताह (19 मई से लेकर 25 मई, 2025) के बीच मुंडन के लिए केवल एक शुभ मुहूर्त उपलब्ध है। 

तिथिदिनमुहूर्त 
19 मई 2025सोमवार06:14:48 से 29:28:25

इस सप्ताह के कर्णवेध संस्कार के मुहूर्त 

मई के तीसरे सप्ताह में आप अपनी संतान का कर्णवेध इन तिथियों पर संपन्न कर सकते हैं जो कि इस प्रकार हैं:

तिथिनुहुर्त
23 मई, 202516:36-18:55
24 मई, 202507:23-11:5814:16-18:51
25 मई, 202507:19-11:54

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इस सप्ताह जन्मे कुछ मशहूर सितारे

19 मई 2025: रस्किन बांड, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, लाल थान्हावला

20 मई 2025: डेरिल मिशेल, विजय वसंत, मनोज मंचू

21 मई 2025: अखिलेश प्रताप सिंह, मॉरीस आंद्रे, जेफरी डामर

22 मई 2025:  सरफराज अहमद, सुहाना खान, सोफिया अब्राहो

23 मई 2025: मधुमिला, रोरी जॉन गेट्स, सिद्धेश लाड

24 मई 2025: आर्य बब्बर, जीत गांगुली, रानी विक्टोरिया

25 मई 2025: ताजिंदर सिंह, कागिसो रबाडा, श्री दिव्या

एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा 

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साप्ताहिक राशिफल: 19 मई से 25 मई, 2025  

यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
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मेष साप्ताहिक राशिफल 

आपकी चंद्र राशि से केतु के पांचवे भाव में होने के कारण इस….. (विस्तार से पढ़ें) 

मेष प्रेम राशिफल 

इस सप्ताह संभव है कि प्रेम में पड़े जातकों को अपने रिश्ते को लेकर….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से शनि के ग्‍यारहवें भाव में होने के कारण….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह संभव है कि प्रेम में पड़े जातकों को अपने रिश्ते….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से बृहस्‍पति के पहले भाव में उपस्थित होने पर इस ….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन प्रेम राशिफल

लंबे समय से यदि आप किसी रिश्ते में हैं तो, इस सप्ताह आप ….(विस्तार से पढ़ें)

कर्क साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से शनि के आठवें भाव में होने के कारण इस…. (विस्तार से पढ़ें)

कर्क प्रेम राशिफल

इस सप्ताह कई ऐसी परिस्थितियां आएँगी, जब आपका प्रिय आपको….(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से बृहस्‍पति के ग्‍यारहवें भाव में उपस्थित होने पर आपको चेहरे….(विस्तार से पढ़ें)

सिंह प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपको अपनी ओर से, अपने प्रेमी और उसके दोस्तों……(विस्तार से पढ़ें)

कन्या साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से बृहस्‍पति के दसवें भाव में उपस्थित होने की वजह….(विस्तार से पढ़ें)

कन्या प्रेम राशिफल

यदि आपको अपने लवमेट से यह शिकवा था कि वह अपने दिल….(विस्तार से पढ़ें)

तुला साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से राहु के पांचवे भाव में होने के कारण ये सप्ताह…..(विस्तार से पढ़ें)

तुला प्रेम राशिफल

प्रेम राशिफल के अनुसार यह सप्ताह, आपके प्रेम जीवन को ….. (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से केतु के दसवें भाव में होने के कारण ये सप्ताह…..(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपका दिल फेक स्वभाव, आपके प्रियतम को…..(विस्तार से पढ़ें)

धनु साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से केतु के नौवें भाव में होने के दौरान यदि आप…..(विस्तार से पढ़ें)

धनु प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपका प्रेमी और रोमांस, आपके दिलो-दिमाग़…..(विस्तार से पढ़ें)

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मकर साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से केतु के आठवें भाव में होने पर इस सप्ताह….(विस्तार से पढ़ें)

मकर प्रेम राशिफल

यदि आप शादीशुदा है और बावजूद इसके आप किसी विपरीत….(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आप समाज के कई बड़े लोगों से मुलाक़ात करने के लिए…. (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ प्रेम राशिफल

दिल से आप अपने संगी को खुश करने की कोशिश इस सप्ताह….(विस्तार से पढ़ें)

मीन साप्ताहिक राशिफल 

इस सप्ताह नियमित व्यायाम ही, आपको दुरुस्त रखने में …..(विस्तार से पढ़ें)

मीन प्रेम राशिफल

इस सप्ताह ऐसी कई संभावना बनेंगी, जब आपको….(विस्तार से पढ़ें)

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मई 2025 में बुध कब अस्त होंगे?

बुध महाराज 18 मई 2025 को मेष राशि में अस्त हो जाएंगे। 

2. मई 2025 में मासिक शिवरात्रि कब है? 

इस माह मासिक शिवरात्रि का व्रत 25 मई 2025, रविवार को किया जाएगा। 

3. अपरा एकादशी 2025 में कब है?

अपरा एकादशी 23 मई 2025 को मनाई जाएगी। 

18 महीने बाद पापी ग्रह राहु करेंगे कुंभ राशि में गोचर, इन राशियों का होगा गोल्डन टाइम शुरू!

18 महीने बाद पापी ग्रह राहु करेंगे गोचर, इन राशियों का होगा गोल्डन टाइम शुरू!

राहु का कुंभ राशि में गोचर: राहु को क्रूर और पापी ग्रह माना जाता है इसलिए इनका नाम सुनते ही लोग भयभीत हो जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में राहु को अप्रत्याशित फल देने वाला ग्रह कहा गया है। मान्यताओं  के अनुसार, इस ग्रह के स्वभाव को समझना सबसे ज्यादा मुश्किल है। एक तरफ, राहु महाराज कठोर वाणी, जुआ, चोरी, बुरे कर्म, त्वचा रोग आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं दूसरी तरफ, राहु ग्रह के शुभ प्रभाव से व्यक्ति अपने जीवन में सभी तरह की भौतिक सुख-सुविधाएं, मान-सम्मान, वैभव, प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ राजनीति-कूटनीति में सफलता और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करता है। 

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इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि सभी ग्रहों में राहु ग्रह को विशेष स्थान प्राप्त है जो सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरीकों से प्रभावित करने की अपार क्षमता रखते हैं। ऐसे में, अब यह अपना राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज एआई का यह लेख आपको “राहु का कुंभ राशि में गोचर” से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेगा। कब और क्या रहेगा राहु गोचर का समय? सभी 12 राशियों को कैसे देंगे परिणाम और आप किन उपायों को करके राहु देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस ब्लॉग में मिलेंगे। तो आइए बिना देर किए शुरुआत करते हैं राहु गोचर स्पेशल इस लेख की। 

राहु का कुंभ राशि में गोचर: तिथि और समय

राहु एक छाया ग्रह है जो धार्मिक ग्रंथों में असुर माने गए हैं। इन्हें नवग्रहों में दैत्यों के सेनापति का पद प्राप्त है। प्राचीन ग्रंथों में राहु का वर्णन आध्यात्मिक ग्रह के रूप में भी किया गया है और अब यह 18 मई 2025 की शाम 05 बजकर 08 मिनट पर मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर कर जाने जा रहे हैं। बता दें कि नवग्रहों में राहु और केतु ही ऐसे ग्रह हैं जो हमेशा वक्री चाल चलते हैं और कभी मार्गी नहीं होते हैं। ऐसे में, राहु वक्री अवस्था में ही कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। हालांकि, राहु का कुंभ राशि में गोचर अच्छा कहा जा सकता है क्योंकि इनका यह राशि परिवर्तन अपने मित्र शनि देव की राशि में हो रहा है, इसलिए हम अनुकूल परिणामों की अपेक्षा कर सकते हैं। 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

आइए हम आपको अवगत करवाते हैं ज्योतिष में राहु ग्रह के महत्व से। 

ज्योतिषीय दृष्टि से: राहु ग्रह   

वैदिक ज्योतिष में छाया ग्रह राहु को मायावी ग्रह कहा गया है और इसे समझना बहुत कठिन होता है। साथ ही, राहु ग्रह के बारे में मान्यता है कि कलयुग में राहु ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जो लोगों की तकदीर रातों रात बदल सकता है। अन्य युगों की तुलना में राहु को कलयुग में अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। राहु महाराज कठोर वाणी, जुआ, यात्रा, चोरी, पाप कर्म, त्वचा रोग, धार्मिक यात्राओं आदि के कारक हैं। जिन जातकों की कुंडली में बुध महाराज अशुभ भाव में होते हैं या पीड़ित अवस्था में होते हैं, उन्हें अपने जीवन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

राहु की उच्च राशि मिथुन है और यह धनु राशि में नीच अवस्था में होते हैं। सभी 27 नक्षत्रों में इन्हें स्वाति, शतभिषा और आद्रा नक्षत्र पर शासन प्राप्त है। अगर हम बात करें राहु के शत्रु और मित्र ग्रह की, तो राहु महाराज बुध, शुक्र और शनि ग्रह के मित्र हैं जबकि सूर्य और चंद्रमा को इनके सबसे बड़े शत्रु माना जाता है। सूर्य और चंद्रमा के प्रति शत्रुता के भाव रखने के कारण ही राहु इन दोनों ग्रहों पर समय-समय पर ग्रहण लगाते हैं। वहीं, मंगल और गुरु ग्रह के साथ राहु के तटस्थ संबंध माने गए हैं। 

राहु ग्रह का धार्मिक महत्व 

धार्मिक दृष्टि से राहु ग्रह को विशेष दर्जा प्राप्त है और यह ग्रहण के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। धार्मिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन से अमृत का कलश निकलने पर देवताओं और असुरों के बीच युद्ध होने लगा, उस समय भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर देवताओं को अमृतपान करवाना शुरू कर दिया। इस बीच स्वर्भानु नामक एक असुर देवता का रूप लेकर देवताओं के बीच में आकर बैठ गया और अमृत पीने लगा, तब ही सूर्य और चंद्रमा ने विष्णु जी को स्वर्भानु के बारे में बता दिया। 

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भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से उस असुर का सिर धड़ से अलग कर दिया। ज्योतिष में सिर को राहु और धड़ को केतु के नाम से जाना गया। इसी क्रम में, जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है और सूर्य की तरफ चंद्रमा का मुख होता है, तब जो छाया पृथ्वी पर पड़ती है, वह राहु का प्रतिनिधित्व करती है।

क्या होता है राहुकाल?

राहुकाल की अवधि राहु को समर्पित होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, राहु ग्रह से प्रभावित यह एक ऐसी अवधि होती है जिसे अशुभ माना जाता है इसलिए इस दौरान शुभ कार्यों को करना वर्जित होता है और इसे ही राहु काल कहा जाता है। एक दिन में राहु काल डेढ़ घंटे का होता है। हालांकि, तिथि और स्थान के आधार पर राहु काल में अंतर होता है। 

राहु ग्रह का स्वरूप 

बात करें राहु ग्रह के स्वरूप की, तो वेद मंत्रों के अनुसार राहु देव हमेशा अपने भक्तों को धन-वैभव और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। यह चंदन पुष्प और अक्षत से सुशोभित होते हैं जिन्होंने हाथों में खड़क लिया हुआ है और दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके भद्रासन पर आसीन होते हैं। इनका वर्ण नीला बताया गया है। 

मनुष्य जीवन पर राहु का प्रभाव 

ज्योतिष शास्त्र मानता है कि जिन लोगों की कुंडली में राहु लग्न भाव में होता है, उनका व्यक्तित्व सुंदर और आकर्षक होता है। ऐसा जातक जोखिम भरे कार्यों से डरता नहीं है और समाज में मान-सम्मान हासिल करता है। लेकिन, राहु की इस स्थिति को व्यक्ति के वैवाहिक जीवन के लिए शुभ नहीं माना जाता है।

राहु का सकारात्मक प्रभाव 

मान्यता है कि अगर किसी जातक की कुंडली में राहु महाराज की स्थिति शुभ या मज़बूत होती है, तो यह आपकी किस्मत रातोंरात बदल सकते हैं। यह आपकी बुद्धि को तेज़ बनाते हैं और इंसान को धर्म के मार्ग पर चलने वाला बनाते हैं। ऐसा जातक समाज में खूब मान-सम्मान और यश प्राप्त करता है। मज़बूत राहु वाले व्यक्ति को हर क्षेत्र में अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं और वह आध्यात्मिक क्षेत्र में सफलता हासिल करता है। 

कुंडली के तीसरे, छठे या फिर ग्यारहवें भाव में राहु के बैठे होने से जातक को शुभ फल मिलते हैं। ऐसे इंसान का व्यक्तित्व मज़बूत होता है और इनकी रुचि धर्म-कर्म के कार्यों में होती है। इन लोगों के जीवन में धन का अभाव नहीं होता है और यह सामान्य रूप से धनवान होते हैं। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं उन संकेतों के बारे में जिनसे आप कमज़ोर राहु की पहचान कर सकते हैं। 

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इन 10 लक्षणों से पहचानें कमज़ोर राहु 

  1. वास्तु के अनुसार सीढ़ियों का न बनना या खराब रहना।
  2. घर की दहलीज या चौखट का दब जाना। 
  3. शौचालय का हमेशा गंदा या टूटा-फूटा रहना।
  4. घर के नैऋत्य कोण का दूषित होना।
  5. अतीत में खोए रहना और भविष्य की कल्पना में डूबे रहना। 
  6. सदैव पेट के बल सोना।
  7. काला जादू, तंत्र-मंत्र, आदि के चक्कर में उलझे रहना।
  8. रात को नींद का नहीं आना और रात में ज्यादा सपने देखना।
  9. बेकार का डर, आशंका और बेचैनी का बने रहना रहना। 
  10. अपने विचार या निर्णयों में बार-बार बदलाव करना।

राहु का कुंभ राशि में गोचर के दौरान करें ये सरल उपाय 

  • राहु की अशुभ स्थिति मन को भ्रमित करने का काम करती है इसलिए राहु की शांति के लिए योग-ध्यान करें। 
  • राहु देव भगवान शिव के भक्त माने जाते हैं इसलिए राहु से राहत के लिए प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करें और उनके मंत्र “ऊँ नमः शिवाय” का जाप करें। 
  • भगवान भैरव नाथ के मंदिर जाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से राहु प्रसन्न होते हैं। 
  • राहु को मज़बूत करने के लिए हनुमान जी की पूजा करें। साथ ही, प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें ,
  • राहु से शुभ फल पाने के लिए शराब-सिगरेट आदि बुरी आदतों का त्याग कर दें। 

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राहु का कुंभ राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय

मेष राशि

राहु गोचर 2025 के अनुसार मेष राशि के जातकों के जीवन में राहु का गोचर कुंभ राशि में…(विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर दशम भाव में होने वाला है। वैसे तो दशम भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए राहुका गोचर नवम भाव में होने जा रहा है। इस गोचर के प्रभाव से…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए राहु गोचर 2025 की बात करें तो यह आपकी राशि से अष्टम…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए राहु गोचर 2025 आपकी राशि से सप्तम भाव में होने जा…(विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए राहु गोचर 2025 आपकी राशि से छठे भाव में होगा। आमतौर पर…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

राहु गोचर 2025 की बात करें तो तुला राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर…(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर चतुर्थ भाव में होने वाला है। यह आपके लिए ज्यादा अनुकूल…(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए राहु महाराज तीसरे भाव में गोचर करने वाले हैं। आपके लिए यह राहु गोचर…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर आपकी राशि से दूसरे भाव में होने जा रहा है। यहां उपस्थित…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुम्भ राशि के जातकों के लिए राहु का यह गोचर विशेष रूप से प्रभावशाली रहेगा क्योंकि राहु गोचर…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

राहु गोचर 2025 आपके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि राहु महाराज आपकी राशि…(विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. राहु का कुंभ राशि में गोचर कब होगा?

राहु महाराज 18 मई 2025 को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। 

2. कुंभ राशि का स्वामी कौन है? 

शनि देव कुंभ राशि के अधिपति देव हैं।  

3. राहु और शनि ग्रह के संबंध कैसे हैं?

ज्योतिष में राहु और शनि ग्रह को एक-दूसरे का मित्र माना जाता है।  

बुध मेष राशि में अस्त होकर इन राशियों पर बरपाएंगे कहर, रखना होगा फूंक-फूंककर कदम!

बुध मेष राशि में अस्त होकर इन राशियों पर बरपाएंगे कहर, रखना होगा फूंक-फूंककर कदम!

बुध मेष राशि में अस्त: बुध महाराज को बुद्धि का कारक ग्रह माना गया है जो द्विस्वभाव ग्रह हैं। काल पुरुष कुंडली में मिथुन और कन्या राशि पर बुध ग्रह को आधिपत्य प्राप्त है। यह कन्या राशि में उच्च और मीन राशि में नीच अवस्था में होते हैं। उत्तर दिशा के स्वामी बुध महाराज के मित्र सूर्य और शुक्र हैं, परंतु यह चंद्रमा और मंगल के प्रति शत्रुता के भाव रखते हैं। हालांकि, देवगुरु बृहस्पति और शनि से बुध के तटस्थ संबंध माने जाते हैं। बुध ग्रह का वर्ण हरा है और इनकी महादशा 17 वर्ष की होती है। बुध के शुभ प्रभाव होने पर व्यक्ति सबसे हंसना, बोलना और मजाक करना पसंद करता है। इस प्रकार, बुध ग्रह को ज्योतिष, सनातन धर्म और मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। 

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ऐसे में, बुध के गोचर के साथ-साथ इनके अस्त, वक्री, मार्गी और उदित को भी अत्यंत महत्व दिया जाता है। इसी क्रम में, बुध महाराज अब अस्त होने जा रहे हैं जो देश-दुनिया समेत सभी राशियों को प्रभावित करेंगे। एस्ट्रोसेज एआई के इस ख़ास ब्लॉग में आपको “बुध मेष राशि में अस्त” से जुड़ी समस्त जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि तिथि, समय आदि। साथ ही, बुध की अस्त अवस्था किन राशियों को देगी शुभ परिणाम और किन्हें रखना होगा फूंक-फूंककर कदम? इस बारे में भी हम बात करेंगे। इसके अलावा, बुध अस्त के दौरान किए जाने वाले सरल एवं अचूक उपायों से भी आपको अवगत करवाएंगे। तो आइए जानते हैं बुध मेष राशि में अस्त के बारे में सब कुछ। 

बुध मेष राशि में अस्त: तिथि एवं समय

बात करें बुध ग्रह के अस्त होने के समय और तिथि की, तो बुध महाराज 18 मई 2025 की रात 12 बजकर 13 मिनट पर मेष राशि में अस्त होने जा रहे हैं। मंगल ग्रह की राशि मेष में रहते हुए बुध अस्त हो जाएंगे और अपनी अस्त अवस्था में ही 23 मई 2025 को वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे। इसके बाद, 06 जून 2025 को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और इसी राशि में 11 जून 2025 को उदित हो जाएंगे। बता दें कि ज्योतिष में अस्त अवस्था को अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि अधिकतर ग्रह अपनी अस्त अवस्था में अशुभ फल देने लगते हैं। चलिए अब हम आगे बढ़ते है और जान लेते हैं अस्त अवस्था के बारे में। 

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क्या होता है ग्रह का अस्त होना?

ज्योतिष में ग्रह के अस्त होने को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह एक ऐसी अवधि होती है जब ग्रह अपनी सारी शक्तियां खो देते हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो, जब कोई ग्रह परिक्रमा पथ पर चलते हुए सूर्य के बेहद निकट पहुंच जाता है, तो वह धीरे-धीरे अपनी सारी शक्तियां खोने लगता है और दुर्बल हो जाता है, इसको ही ग्रहों का अस्त होना कहा जाता है। आगे हम बुध अस्त के सामान्य प्रभावों के बारे में भी चर्चा करेंगे, लेकिन उससे पहले हम आपको रूबरू करवाते हैं मेष राशि में बुध अस्त के प्रभावों से। 

मेष राशि में बुध अस्त का प्रभाव 

  • राशि चक्र की पहली राशि मेष पुरुष स्वभाव की राशि है और इस राशि के लोग योजनाबद्ध तरीके से काम करना पसंद करते हैं। मंगल ग्रह की राशि मेष में बुध ग्रह के अस्त होने पर जातक अपने जीवन के लक्ष्यों को पाने की योजना बनाने का काम करते हैं। 
  • मेष राशि में बुध के अस्त होने से इस राशि के जातक अपने सपनों को पूरा करने के प्रति समर्पित रहेंगे। साथ ही, करीबियों और प्रियजनों के प्रति वफादार और ईमानदार रहेंगे। 
  • ज्योतिष में बुध की अस्त अवस्था को कभी भी किसी शुभ या नए काम को शुरू करने के लिए अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि इस बात की प्रबल संभावना होती है कि बुध अस्त के दौरान आप जो भी नया काम शुरू करेंगे, उसमें आपको उम्मीद के अनुसार परिणाम न मिले, अपितु हानि होने की आशंका होती है। 

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बुध अस्त होकर कैसे परिणाम देते हैं?

बुध महाराज 18 मई 2025 से मेष राशि में अस्त रहने वाले हैं क्योंकि इस दौरान वह सूर्य के बेहद नज़दीक स्थित होंगे। ऐसे में, बुध देव अस्त होकर अपनी सभी शक्तियां खो देंगे और इसके परिणामस्वरूप, वह अपनी पूरी क्षमता के साथ परिणाम देने में नाकाम रह सकते हैं। बुध की अस्त अवस्था जातकों को सामान्य रूप से किस तरह के परिणाम देती है? आइए जानते हैं। 

  • जब बुध ग्रह किसी राशि में अस्त हो जाते हैं, तो इनके प्रभाव से जातकों की निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है। साथ ही, व्यक्ति को कोई भी काम सोच-विचारकर करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 
  • यह अवधि छात्रों के साथ-साथ व्यापार करने वाले जातकों को भी बिज़नेस में अड़चनें और बाधाएं दे सकती हैं जिसके चलते वह अपना सर्वश्रेष्ठ देने में पीछे रह सकते हैं।
  • इसके अलावा, कुछ जातकों को अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है और वह अपने सोच-विचार में डूबे नज़र आ सकते हैं। 

किस डिग्री पर अस्त होते हैं ग्रह?

जैसे कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि बुध ग्रह 18 मई 2025 की दोपहर मेष राशि में अस्त हो जाएंगे। इसी क्रम में, हम आपको अस्त होने का अर्थ और इसका प्रभाव भी बता चुके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कब और कितनी डिग्री पर बुध अस्त होते हैं।  बुध ग्रह के अलावा सभी नौ ग्रह किस डिग्री पर अस्त हो जाते हैं? तो बता दें कि सूर्य से एक निश्चित दूरी पर अलग-अलग ग्रह एक विशेष डिग्री पर अस्त हो जाते हैं जिनके बारे में हम विस्तार से चर्चा करेंगे। 

बुध ग्रह: बुध ग्रह सूर्य देव के 5-6 डिग्री के भीतर जाने पर सूर्य के तीव्र प्रभाव के कारण अस्त हो जाते हैं। लेकिन, बुध के वक्री अवस्था में होने पर वह 12 डिग्री के अंदर जाने पर अस्त हो जाते हैं। 

शुक्र ग्रह: प्रेम के कारक शुक्र देव सूर्य ग्रह के 5-6 डिग्री निकट जाने पर अस्त हो जाते हैं और वक्री अवस्था में चलने पर शुक्र 8 डिग्री पर अस्त हो जाएंगे। 

मंगल ग्रह: सेनापति कहे जाने वाले मंगल महाराज सूर्य के दोनों ओर से 7-8 डिग्री निकट जाने पर अस्त हो जाते हैं। 

बृहस्पति ग्रह:  जब गुरु ग्रह दोनों तरफ से सूर्य के करीब 9-10 डिग्री पर चले जाते हैं, तो वह सूर्य के प्रभाव से अस्त हो जाते हैं।

शनि ग्रह: न्याय के देवता शनि महाराज सूर्य ग्रह के 9-10 डिग्री के अंदर जाने पर अस्त हो जाते हैं।।

राहु और केतु: ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह का दर्जा प्राप्त है इसलिए ग्रह दोनों ग्रह कभी अस्त नहीं होते हैं। इसके विपरीत, जब राहु और केतु सूर्य के करीब आ जाते हैं, तो वह ग्रहण का कारण बनते हैं।

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बुध ग्रह का धार्मिक महत्व 

ज्योतिष के साथ-साथ बुध ग्रह का अपना धार्मिक महत्व भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हिंदू धर्म में बुध देव को देवता का दर्जा दिया गया है और इन्हें बुधवार का दिन समर्पित है। बुधवार के दिन बुध महाराज की पूजा-अर्चना करना बेहद फलदायी साबित होता है। इस संबंध में मान्यता है कि बुधवार को विधि-विधान से बुध ग्रह की उपासना करने से व्यक्ति को करियर और व्यापार में सफलता की प्राप्ति होती है। साथ ही, इनका संबंध भगवान गणेश से भी माना गया है। 

बुध दोष होने पर घेर सकते हैं ये रोग

बुध ग्रह के महत्व को जानने के बाद आपके लिए यह जानना भी आवश्यक हो जाता है कि जब कुंडली में बुध अशुभ या पीड़ित अवस्था में होते हैं, तो वह आपको स्वास्थ्य समस्याएं देने का काम कर सकते हैं। बुध ग्रह के नकारात्मक प्रभाव की वजह से आपको त्वचा से जुड़े रोग, बहरापन, और नाक से संबंधित बीमारियां अपना शिकार बना सकती हैं। हालांकि, ज्योतिष में ऐसे कुछ उपायों का वर्णन मिलता है जिन्हें अपनाकर आप बुध से होने वाले इन रोगों से स्वयं को बचा सकते हैं। 

बुध दोष से होने वाले रोगों से बचने के उपाय

  • जातक को खाने में हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए। 
  • नियमित रूप से तुलसी के पत्ते का सेवन करें।
  • प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करें।

बुध मेष राशि में अस्त: सरल एवं प्रभावी उपाय 

  • संभव हो, तो बुध ग्रह के दिन बुधवार का व्रत करें।
  • जातक हरे और नीले रंग के कपड़े का दान करें।
  • बुध देव से शुभ परिणाम पाने के लिए पन्ना रत्न धारण करें। लेकिन, किसी अनुभवी और विद्वान ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद ही पन्ना पहनें। 
  • घर या कार्यस्थल में बुध यंत्र की स्थापना करें और उसका रोज़ाना पूजन करें। 
  • आप चाहें तो 4 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
  • बुध देव को बलवान करने के लिए अपने भोजन में हरी सब्जियों और आंवला को शामिल करें।

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बुध मेष राशि में अस्त: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि के पहले भाव में इस समय बुध गोचर कर रहे हैं और अब वो जल्‍द ही इसी राशि…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

वृषभ राशि के दूसरे और पांचवे भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि इस समय आपके बारहवें भाव…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि के पहले भाव और चौथे भाव के स्‍वामी ग्रह बुध हैं और अब वह इस राशि के…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

कर्क राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब इस राशि के दसवें भाव…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि के दूसरे और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं यानी यह आपके लिए धन और लाभ…(विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

कन्‍या राशि के लग्‍न भाव के स्‍वामी यानी बुध और उनके दसवें भाव का स्‍वामी अब उनके…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

तुला राशि के नौवें और बारहवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं और इस समय वह आपके सातवें…(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के आठवें और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं और फिलहाल वह आपके छठे…(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि

धनु राशि के सातवें और आठवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह इस राशि के पांचवे भाव में मौजूद हैं…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि के छठे और नौवें भाव का स्‍वामी बुध ग्रह है। इस समय बुध आपके चौथे भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ राशि के पांचवे और आठवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं जो कि इस समय तीसरे भाव में अस्‍त…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

बुध आपके चौथे और सातवें भाव के स्‍वामी हैं और अब वह आपके दूसरे भाव में अस्‍त होने जा…(विस्तार से पढ़ें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मेष राशि में बुध अस्त कब होंगे?

बुध देव 18 मई 2025 को मेष राशि में अस्त हो जाएंगे।

2. मेष राशि का स्वामी कौन हैं?

राशि चक्र की पहली राशि मेष का स्वामी मंगल ग्रह हैं। 

3. बुध किसका प्रतिनिधित्व करते हैं?

बुध ग्रह बुद्धि, वाणी और संचार कौशल के कारक ग्रह हैं। 

शत्रु सूर्य की राशि सिंह में आएंगे केतु, अगले 18 महीने इन 5 राशियों को रहना होगा बेहद सतर्क!

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एस्ट्रोसेज एआई अपने पाठकों के लिए “केतु का सिंह राशि में गोचर” का यह विशेष ब्लॉग लेकर आया है जिसके माध्यम से आपको केतु गोचर से जुड़ी समस्त जानकारी विस्तारपूर्वक प्राप्त होगी। बता दें कि केतु को नवग्रहों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है जिन्हें क्रूर और पापी ग्रह माना जाता है। यह एक रहस्यमयी ग्रह है और इनका कोई अपना वास्तविक स्वरूप नहीं है। राशि चक्र में केतु को किसी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है। लेकिन, इसके बावजूद भी यह मनुष्य जीवन को अत्यधिक प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

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बता दें कि 18 महीने तक कन्या राशि में रहने के बाद अब केतु महाराज का सिंह राशि में गोचर होने जा रहा है। हमारे इस लेख के द्वारा आप जान सकेंगे कि केतु गोचर कब होगा और क्या रहेगा समय? क्यों महत्वपूर्ण है केतु हमारे जीवन में? केतु की शुभ-अशुभ स्थिति कैसे करती है आपको प्रभावित? कैसे बचा जा सकता है इनके नकारात्मक प्रभावों से। तो आइए बिना रुके शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और सबसे पहले जानते हैं केतु गोचर के बारे में। 

केतु का सिंह राशि में गोचर: तिथि और समय 

छाया ग्रह केतु को अशुभ माना जाता है और यह एक राशि में डेढ़ साल बिताने के बाद अपना राशि परिवर्तन करते हैं इसलिए इनका गोचर महत्वपूर्ण माना जाता है। अब केतु ग्रह 18 मई 2025 की शाम 05 बजकर 08 मिनट पर कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं और इनके प्रति केतु शत्रुता का भाव रखते हैं। ऐसे में, सूर्य की राशि में केतु के गोचर को ज्यादा अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। इस प्रकार, कुछ राशियों को थोड़ा सावधान रहना होगा, तभी आपको बेहतर परिणाम मिल सकेंगे। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले बात करते हैं केतु का सिंह राशि में गोचर के प्रभाव की। 

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केतु का सिंह राशि में गोचर: प्रभाव 

केतु एक छाया ग्रह है और सिंह राशि अग्नि तत्व की राशि है। इस राशि के स्वामी देव सूर्य महाराज हैं जो कि केतु ग्रह के शत्रु माने जाते हैं। ऐसे में, केतु के सिंह राशि में मौजूद होने पर जातक अपने जीवन के महत्वपूर्ण व्यक्तियों जैसे कि पिता और शिक्षक आदि का विद्रोही बन सकता है। इसी क्रम में, जिन जातकों की कुंडली में केतु सिंह राशि में होते हैं, उनके अपने पिता के साथ संबंध उतार-चढ़ाव से भरे होते हैं। साथ ही, केतु की महादशा होने पर ऐसे जातकों को अपने जीवन में लगातार विवादों या तनाव का सामना करना पड़ता है। लेकिन, इन लोगों के लिए राजनीति में करियर बनाना फलदायी साबित होता है।   

केतु ग्रह का ज्योतिषीय महत्व 

बात करें केतु ग्रह की तो, केतु को भले ही पापी ग्रह माना जाता है। लेकिन, यह हमेशा बुरे परिणाम ही दें, ऐसा जरूरी नहीं है। ज्योतिष में केतु अध्यात्म, मोक्ष, वैराग्य आदि के कारक माने गए हैं। यह धनु राशि में उच्च और मिथुन राशि में नीच के होते हैं। वहीं, सभी 27 नक्षत्रों में केतु देव मघा, मूल और अश्विनी नक्षत्र के स्वामी हैं। बता दें कि यह एक छाया ग्रह है जो कि स्वरभानु नामक राक्षस का धड़ है।

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, केतु ग्रह व्यक्ति के जीवन के साथ-साथ संसार को भी प्रभावित करते हैं। किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु और केतु द्वारा कालसर्प दोष का निर्माण होता है। वहीं, केतु को लेकर कुछ ज्योतिषियों का मत है कि कुंडली में कुछ विशेष स्थिति में यह आपको सफलता के शिखर पर लेकर जाता है। साथ ही, राहु और केतु दोनों सूर्य और चंद्र ग्रहण के लिए जिम्मेदार होते हैं। 

जीवन पर केतु ग्रह का प्रभाव 

केतु कुछ लोगों के लिए वरदान साबित होता है जबकि कुछ लोगों के जीवन को यह समस्याओं से भर देता है। केतु ग्रह का मनुष्य जीवन के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों पर कैसा प्रभाव पड़ता है? आइए जानते हैं। 

करियर पर प्रभाव: कुंडली में केतु महाराज की स्थिति व्यक्ति के करियर या कार्यक्षेत्र में अचानक से बदलाव लेकर आ सकती है। ऐसे में, जातकों को सकारात्मक परिणाम या सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है या फिर परिणाम उनकी उम्मीद के अनुसार नहीं होते हैं।

प्रेम जीवन: बात करें प्रेम जीवन की, तो केतु महाराज की स्थिति लव लाइफ में अप्रत्याशित परिवर्तन लेकर आती है। केतु की ऊर्जा जातक को अपने डर और आशंकाओं का सामना करने और प्रेम संबंधों में गलत मार्ग पर लेकर जा सकती है। 

वैवाहिक जीवन: केतु देव वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी के बीच गलतफहमियां या भावनात्मक दूरी पैदा करने का काम करते हैं जिससे शादीशुदा जीवन में समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। ऐसी परिस्थितियां उस समय पैदा होती हैं जब जीवनसाथी पार्टनर के बजाय आध्यात्मिकता को प्राथमिकता देता है। 

आर्थिक जीवन: किसी व्यक्ति के आर्थिक जीवन को केतु ग्रह अप्रत्याशित रूप से प्रभावित कर सकता है। ज्योतिष के अनुसार, जन्म कुंडली में केतु की अशुभ स्थिति होने पर जातक को अचानक धन हानि या फिर आय में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, व्यक्ति धन कमाने के लिए गलत रास्ते पर जा सकता है। 

स्वास्थ्य: करियर, धन, प्रेम जीवन के अलावा केतु महाराज आपके स्वास्थ्य को भी अत्यधिक प्रभावित करते हैं। ऐसे में, यह जातक को कोई गुप्त रोग या पुरानी बीमारियों को पुनः जन्म दे सकते हैं जिनका इलाज लगभग असंभव होता है। 

व्यक्तित्व: अलगाव के ग्रह के रूप में केतु दुनिया और स्वयं को देखने के नज़रिए को प्रभावित करता है जैसे कि कुंडली में केतु से प्रभावित व्यक्ति आत्मनिरीक्षण करने वाला और आध्यात्मिक प्रवृति का हो सकता है। 

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कुंडली में केतु देव से बनने वाले योग

जन्म कुंडली में केतु महाराज की स्थिति से शुभ और अशुभ दोनों तरह के योग बनते हैं जो कि इस प्रकार हैं: 

केतु से निर्मित शुभ योग   

गणेश योग: जब कुंडली में केतु देव और बृहस्पति महाराज युति का निर्माण करते हैं, तो एक बेहद शुभ गणेश योग बनता है। इस योग के प्रभाव से जातक ज्ञानी, साहसी और बुद्धिमान बनता है। 

नवपंचम योग: नवपंचम योग को बहुत शुभ माना जाता है जो कुंडली में उस समय बनता है जब केतु और गुरु ग्रह एक-दूसरे के पांचवें और नौवें भाव में बैठे होते हैं। यह योग व्यक्ति को जीवन में सौभाग्य, मज़बूत नेतृत्व क्षमता, शिक्षा में सफलता और आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करता है। 

कुंडली में मज़बूत केतु का प्रभाव

  • जिन जातकों की कुंडली में केतु मजबूत होता है, उन्हें वह जीवन में ज्यादा से ज्यादा धन कमाने में सहायता करता है। 
  • केतु का सकारात्मक प्रभाव देखें, तो इनकी शुभ स्थिति जातक को शिक्षा में सफलता प्रदान करती है। ऐसा जातक स्कूल से लेकर कॉलेज तक हमेशा अच्छे अंक लेकर आता है। 
  • केतु के बलवान होने पर व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान और यश की प्राप्ति होती है।
  • अगर आपकी कुंडली में केतु मज़बूत होता है, तो आपका झुकाव आध्यात्मिक कार्यों में होता है। ऐसे इंसान में गूढ़ ज्ञान प्राप्त करने की तीव्र इच्छा होती है। 

कमज़ोर केतु का प्रभाव 

  • कुंडली में केतु ग्रह कमज़ोर होने पर जातक को मानसिक समस्याएं जैसे कि तनाव, चिंता और घबराहट आदि परेशान करती हैं। 
  • केतु के अशुभ प्रभाव से जातक को करियर और शिक्षा के क्षेत्र में अस्थिरता और गिरावट देखने को मिलती है। 
  • जिन लोगों का केतु दुर्बल होता है, वह कर्ज, दिवालियापन और आर्थिक संकट जैसी समस्याओं से घिरा रहता है। मेहनत के बाद भी वह इन सबसे बाहर नहीं आ पाता है। 
  • केतु ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से जातक कम उम्र में ही अपने परिवार को छोड़ सकता है या फिर उसे परिवार में तनाव और बहस का सामना करना पड़ता है।

केतु का सिंह राशि में गोचर: सरल एवं प्रभावी उपाय 

  • केतु से शुभ फल पाने के लिए भगवान गणेश की पूजा करें, विशेष रूप से बुधवार के दिन गणेश पूजन फलदायी रहेगा। 
  • केतु के प्रकोप को शांत करने के लिए शनिवार के दिन व्रत करें। 
  • कुंडली में केतु को बलवान करने के लिए “ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नम:” मंत्र का 5, 11 या 18 माला जाप करें। 
  • प्रत्येक शनिवार पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं और गरीबों को दान करें। 
  • आप चाहें तो केतु का रत्न भी धारण कर सकते हैं, लेकिन ऐसा किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श लेने के बाद ही करें।  

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केतु का सिंह राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय

मेष राशि

केतु गोचर 2025 के अनुसार मेष राशि के जातकों के जीवन में केतु का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव… (विस्तार से पढ़ें) 

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वृषभ राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर आपकी राशि से चतुर्थ स्थान में होगा। केतु को विरक्ति का… (विस्तार से पढ़ें)

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मिथुन राशि के लिए केतुका गोचर आपकी राशि से तीसरे भाव में होगा। आमतौर पर तीसरे…(विस्तार से पढ़ें)

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कर्क राशि के जातकों के लिए केतु गोचर 2025 की बात करें तो यह आपकी राशि से दूसरे भाव… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए केतु गोचर 2025 आपकी राशि के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित…(विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए केतु गोचर 2025 आपकी राशि से द्वादश भाव में होने जा रहा है। यह गोचर आपके… (विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

केतु गोचर 2025 की बात करें तो तुला राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर वर्ष 2025 में आपके एकादश… (विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर आपकी राशि से दशम स्थान में होगा। यह गोचर…(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए केतु महाराज नवम भाव में गोचर करने जा रहे हैं जो कि भाग्य…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में होगा। अष्टम भाव अज्ञात भाव… (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुम्भ राशि के जातकों के लिए केतु का यह गोचर सप्तम भाव में होने जा रहा है जो कि लंबी साझेदारियों… (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

केतु गोचर 2025 आपके लिए छठे भाव में होने जा रहा है। आमतौर पर छठे भाव में केतु का गोचर अनुकूल… (विस्तार से पढ़ें

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. केतु का सिंह राशि में गोचर कब होगा?

केतु ग्रह 18 मई 2025 को सिंह राशि में गोचर करेंगे। 

2. सिंह राशि का स्वामी कौन है?

सूर्य देव को सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त है।  

3. क्या सूर्य केतु के शत्रु हैं?

हाँ, सूर्य ग्रह को केतु का शत्रु माना जाता है।  

टैरो साप्ताहिक राशिफल (18 मई से 24 मई, 2025): ये सप्ताह इन राशि वालों के हाथ लगेगा जैकपॉट!

टैरो साप्ताहिक राशिफल (18 मई से 24 मई, 2025): इस सप्ताह इन राशि वालों के हाथ लगेगा जैकपॉट!

टैरो साप्ताहिक राशिफल 18 मई से 24 मई 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषियों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।

टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्‍या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्‍य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्‍मा से बात करने का मौका देता है।

आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मजाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है। या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्‍य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।

टैरो की उत्पति 15वीं शताब्‍दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्‍यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्‍व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।

टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्‍त किया जा सकता है। आप कुछ स्‍तर पर अध्‍यात्‍म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंतर्ज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।

तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 18 मई से 24 मई, 2025 तक का यह सप्ताह राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए किस तरह के परिणाम लेकर आएगा?

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टैरो साप्ताहिक राशिफल 18 से 24 मई, 2025: राशि अनुसार राशिफल

मेष राशि

प्रेम जीवन: टू ऑफ कप्स 

आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ पेंटाकल्स

करियर: सिक्स ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: द डेविल (रिवर्सड) 

मेष राशि वालों के लिए टू ऑफ कप्स कार्ड प्रेम जीवन में आकर्षण और एक साथ होने का संकेत दे रहा है। इस सप्ताह आपको अपने पार्टनर का पूरा सहयोग मिलेगा और आप दोनों के बीच बेहतर सामंजस्य देखने को मिलेगा। साथ ही, आप हर कार्य को मिलकर करेंगे। इसके अलावा यह कार्ड अच्छी पार्टनरशिप का भी संकेत दे रहा है। यदि आप पहले से ही किसी रिश्ते में हैं, तो आपके बीच प्रेम पहले से बढ़ेगा और संबंध पहले से अधिक मजबूत होंगे।

मेष राशि के जातकों के आर्थिक जीवन की बात करें तो सिक्स ऑफ़ पेंटाकल्स संकेत देता है कि यदि आप इस सप्ताह कोई नया प्रोजेक्ट या व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे हैं तो आपकी यह महत्वाकांक्षा पूरी होगी और आप अपने सपने को पंख देंगे। इसके अलावा आप अपने विचारों को लोगों तक पहुंचाएंगे और रचनात्मक अभियान शुरू कर अपने लक्ष्यों तक पहुंचने का प्रयास करेंगे। आपका यह उत्साह दूसरों को प्रेरित करने में मदद करेगा। दूसरी ओर, आप दूसरों की सहायता करने में सक्षम होंगे।

सिक्स ऑफ़ वैंड्स टैरो कार्ड आपके लिए बहुत ही शुभ कार्ड प्रतीत हो रहा है। इस दौरान आप अपने कार्यस्थल में सफलता, मान्यता और जीत हासिल करेंगे। इस अवधि आपकी कड़ी मेहनत और दृढ़ता से आपको कार्यस्थल में पदोन्नति प्राप्त होगी और आपके वेतन में वृद्धि होगी साथ ही, नए अवसर प्राप्त होंगे।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में  द डेविल (रिवर्सड) आपको सलाह दी जाती है कि एक जीवन जीने के लिए आपको हानिकारक चीज़ों से दूर रहना होगा और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा ताकि आप बेहतरीन जीवन जीने में सफल हो सके।

लकी अंक: 09

वृषभ राशि

प्रेम जीवन: थ्री ऑफ पेंटाकल्स

आर्थिक जीवन: द हीरोफेंट 

करियर: किंग ऑफ स्वॉर्ड्स

स्वास्थ्य: किंग ऑफ वैंड्स

वृषभ राशि वालों को प्रेम जीवन में थ्री ऑफ पेंटाकल्स मिला है, जो टीमवर्क, एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सामान्य आदर्शों और उद्देश्यों के आधार पर एक ठोस, स्थायी बंधन स्थापित करने का प्रतिनिधित्व करता है। यह कार्ड सौहार्दपूर्ण जीवन जीने की बात कह रहा है। इस अवधि आप एक दूसरे का सहयोग करते हुए नज़र आएंगे और एक-दूसरे के काम की सराहना करेंगे।

हीरोफेंट सलाह दे सकता है कि इस अवधि आप अपने धन को अच्छी तरह व किसी सुरक्षित स्थान पर रखें। इसके अलावा, पैसे के दुरुपयोग करने से बचें। यदि आप नए वित्तीय उत्पाद या पैसे कमाने के अपरंपरागत तरीके से अवगत नहीं हैं तो इन जगहों पर धन लगाना इस अवधि आपके लिए अच्छा नहीं होगा। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है इन चीज़ों पर पैसे लगाने से बचें।

नाइट ऑफ़ स्वॉर्ड्स टैरो कार्ड काम पर ध्यान केंद्रित करने और अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा  करने का प्रतिनिधित्व करता है। यह भी सुझाव देता है कि अपने काम में आगे बढ़ने के लिए अब सही समय है। आप रिस्क उठा कर अपने लक्ष्यों को दृढ़ता से प्राप्त करने में जुट जाए।

स्वास्थ्य के लिहाज़ से नाइट ऑफ वैंड्स बेहतरीन जीवन, जोश और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन आपको कुछ चीज़ों के प्रति जल्दबाजी करने से सावधान भी करता है क्योंकि इससे आपको नुकसान होने की संभावना है।

लकी अंक: 15

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मिथुन राशि

प्रेम जीवन: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: टू ऑफ कप्स

करियर: फाइव ऑफ पेंटाकल्स

स्वास्थ्य: किंग ऑफ वैंड्स

मिथुन राशि वालों के प्रेम जीवन की बात करें तो आपको नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड प्राप्त हुआ है, जो रिश्ते में कुछ दूरी का संकेत दे सकता है। यह ऐसी परिस्थिति का संकेत दे सकता है, जहाँ आपको अपनी हिम्मत जुटानी होगी और तुरंत निर्णय लेने होंगे। आप इस अवधि किसी रिश्ते में आ तो जाएंगे पर आपको उस रिश्ते से लगाव नहीं होगा और आप जल्दी ही उस रिश्ते से बाहर आ सकते हैं।

आर्थिक जीवन में टू ऑफ कप्स टैरो कार्ड कहता है कि अगर आप किसी के साथ मिलकर काम करते हैं जैसे पार्टनरशिप, साझा व्यापार, या कोई समझौता तो उसमें आपको सफलता मिलेगी। ये कार्ड यह भी सलाह देता है कि अगर आपको मदद की ज़रूरत हो तो बिना झिझक आगे बढ़ें, और दूसरों के साथ मिलकर काम करें। मिलजुल कर चलने से आर्थिक लक्ष्य आसानी से पूरे हो सकते हैं।

जब करियर की बात आती है, तो टैरो कार्ड फाइव ऑफ पेंटाकल्स करियर के मामले में चेतावनी देता है। ये कार्ड दिखाता है कि आपको आर्थिक तंगी, नौकरी छूटने या काम में अस्थिरता जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है आप खुद को अकेला या पीछे छूटा हुआ महसूस करें। यह संकेत हो सकता है कि अभी नई नौकरी मिलने में दिक्कत हो सकती है या कमाई स्थिर नहीं रहेगी। 

स्वास्थ्य के लिहाज से किंग ऑफ वैंड्स कार्ड कहता है कि आपकी सेहत अच्छी रहेगी और आपमें ऊर्जा और जोश बना रहेगा। यह कार्ड बताता है कि आप फिट और एक्टिव रहेंगे, लेकिन साथ ही यह भी सलाह देता है कि जोश में आकर अपनी सेहत को नजरअंदाज न करें या कोई चीज़ ज़रूरत से ज़्यादा न करें।

लकी अंक: 05

कर्क राशि 

प्रेम जीवन: द हाई प्रीस्टेस 

आर्थिक जीवन: टेम्पेरन्स

करियर: सिक्स ऑफ वैंड्स 

स्वास्थ्य: एट ऑफ स्वॉर्ड्स 

प्रेम जीवन में द हाई प्रीस्टेस टैरो कार्ड आपको मिला है, जो बता रहा है कि आपकी भावनाओं में धीरे-धीरे बदलाव हो रहे हैं, जिन्हें आप अभी खुद भी पूरी तरह नहीं समझ पा रहे हों। ये बदलाव अच्छे भी हो सकते हैं या थोड़े उलझाने वाले, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी स्थिति कैसी है। अगर आप किसी रिश्ते में हैं, तो यह कार्ड बताता है कि आपका रिश्ता गहराई की ओर बढ़ रहा है, आप एक-दूसरे के और करीब आ सकते हैं। लेकिन साथ ही, आप कमजोर भी पड़ सकते हैं। यह कार्ड इंगित करता है कि रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए ईमानदार होना बहुत जरूर है।

टेम्पेरन्स टैरो कार्ड आर्थिक जीवन के लिए आपको यह सलाह देता है कि धैर्य और संतुलन से काम लें। अगर आप सोच-समझकर खर्च करेंगे, लंबी योजना बनाएंगे और कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं लेंगे, तो आर्थिक सफलता व मानसिक शांति दोनों मिलेगी।

सिक्स ऑफ़ वैंड्स कार्ड उपलब्धि और सफलता का प्रतिनिधित्व करता है। इस अवधि आपकी कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण आपको वेतन वृद्धि, पदोन्नति या नया करियर अवसर प्राप्त होगा। आपके काम को आपके साथी और सीनियर्स भी सराहेंगे, जिससे आपके करियर में और आगे बढ़ने के रास्ते खुलेंगे।

स्वास्थ्य की बात करें तो एट ऑफ स्वॉर्ड्स बताता है कि आप खुद की सोच या डर के कारण तनाव में हैं। कई बार हम अपनी नकारात्मक सोच या फालतू चिंता में फंस जाते हैं, जिससे बेचैनी, घबराहट या थकान महसूस होने लगती है।

लकी अंक: 02

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सिंह राशि

प्रेम जीवन: फोर ऑफ कप्स 

आर्थिक जीवन: द एम्परर 

करियर: फोर ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: एट ऑफ स्वॉर्ड्स 

फोर ऑफ कप्स टैरो कार्ड कहता है कि आपका ध्यान ज़्यादा उस चीज़ पर है जो छूट गई, और अब आप अपने फैसले पर पछता रहे हैं या किस्मत को कोस रहे हैं। आप बार-बार पुरानी बातें और खोए हुए मौके के बारे में सोच रहे हैं, जिसकी वजह से आप अपना समय और ऊर्जा बेकार कर रहे हैं। इस सोच में डूबे रहने के कारण आप अब जो अच्छे मौके आपके सामने हैं, उन पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं।

आर्थिक जीवन में द एम्परर कार्ड यह बताता है कि आप अपने फाइनेंशियल मामलों पर पूरा कंट्रोल रखते हैं। आप हर चीज़ को नियंत्रण में रखना पसंद करते हैं और पैसों को लेकर बिल्कुल भी परेशान नहीं हैं। इस समय आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत और स्थिर है।

फोर ऑफ वैंड्स टैरो कार्ड आपके करियर को लेकर संकेत देता है कि आप अपने काम में अच्छी तरह से जम चुके हैं। चाहे आप कर्मचारी हों, टीम का हिस्सा हों या बॉस  पको पूरा सम्मान और महत्व मिल रहा है। इस सप्ताह आपके साथ काम करने वाले लोग आपका साथ देंगे और आपकी कामयाबी का जश्न साथ मिलकर मनाएंगे।

एट ऑफ स्वॉर्ड्स  टैरो कार्ड संकेत देता है कि इस हफ़्ते आप आत्म-संदेह कर सकते हैं और इससे आपके मन में नकारात्मक सोच या उदासी आ सकती है। ऐसा लग सकता है जैसे आप फंसे हुए हैं या कुछ समझ नहीं आ रहा। इससे बाहर निकलने का सबसे अच्छा तरीका है कि किसी भरोसेमंद इंसान से बात करें और खुद का ध्यान रखें।

लकी अंक: 10

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

कन्या राशि 

प्रेम जीवन: फोर ऑफ पेंटाकल्स

आर्थिक जीवन: द मैजिशियन  

करियर: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स

स्वास्थ्य: वर्ल्ड 

प्रेम जीवन की बात करें तो फोर ऑफ पेंटाकल्स बता रहा है कि आप इन दिनों अपने पार्टनर को लेकर कुछ ज़्यादा ही पजेसिव हो रहे हैं, जिसकी वजह से वो घुटन महसूस कर रहे हैं। ये आदत आपके रिश्ते में तनाव और दूरी ला रही है। आपको समझने की ज़रूरत है कि किसी भी रिश्ते को लंबा और मजबूत बनाए रखने के लिए, एक-दूसरे को थोड़ा पर्सनल स्पेस देना बहुत ज़रूरी होता है।

मैजिशियन एक ऐसा कार्ड है जो आपके जीवन में आने वाली वित्तीय समृद्धि को दर्शाता है। आपने पहले जो मेहनत की है, अब उसका अच्छा फल मिलने का समय आ गया है। साथ ही, आपने जो निवेश पहले किए थे, अब उनसे भी आपको अच्छा फायदा मिलेगा। 

सिक्स ऑफ़ स्वॉर्ड्स टैरो कार्ड बताता है कि इस महीने आप काम के सिलसिले में घर से दूर जा सकते हैं। यह भी हो सकता है कि आप अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलें और कुछ नए और चुनौतीपूर्ण काम या ज़िम्मेदारियों को संभालें, ताकि करियर में आगे बढ़ सकें। यह कार्ड ये भी दिखाता है कि मुश्किल दौर के बाद अब अच्छे और सुकून भरी समय की शुरुआत होगी।

स्वास्थ्य के लिहाज़ से द वर्ल्ड एक अच्छा कार्ड है। यह समग्र रूप से उत्कृष्ट स्वास्थ्य को दर्शाता है, अगर आप स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं तो संभव है कि अब आपको सबसे बेहतरीन उपचार प्राप्त होंगे और अब आपके लिए सबसे अच्छे डॉक्टर उपलब्ध हो सकते हैं और आप जल्द ही ठीक हो जाएंगे।

लकी अंक: 32

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तुला राशि   

प्रेम जीवन: स्ट्रेंथ

आर्थिक जीवन: क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स 

करियर: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स

स्वास्थ्य: एट ऑफ कप्स

प्रेम जीवन में स्ट्रेंथ टैरो कार्ड यह दिखाता है कि आपके अंदर धैर्य, समझदारी और भावनात्मक ताकत है। आप रिश्ते की मुश्किलों का सामना प्यार और समझ के साथ व बिना टकराव के कर सकते हैं। इसके अलावा, यह कार्ड मजबूत और भावुक भावनाओं का प्रतीक है जो स्पष्ट संवाद और रिश्ते में बेहतर सामंजस्य बनाए रखता है।

क्वीन ऑफ़ स्वॉर्ड्स टैरो कार्ड धन के मामलों में बताता है कि इस हफ्ते आप सोच-समझकर और बुद्धिमानी से फैसले लेंगे। आप भावनाओं में बहने के बजाय तर्क और समझ से अपने आर्थिक मामलों को संभालेंगे। यह कार्ड यह भी दर्शाता है कि ईमानदारी और सही जानकारी के आधार पर ही कोई भी फैसला लें और हर पहलू को ध्यान में रखें।

सिक्स ऑफ़ स्वॉर्ड्स टैरो कार्ड अक्सर यह संकेत देता है कि अब समय है दिशा बदलने का, किसी पुरानी स्थिति को छोड़ने का और शायद कुछ नया शुरू करने का। यह कार्ड बताता है कि आपको बीती बातों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए, ताकि आप एक नई और बेहतर शुरुआत कर सकें। 

स्वास्थ्य के संदर्भ में, टैरो कार्ड आठ कप बुरी दिनचर्या, आदतों या परिस्थितियों को छोड़ने का समय दर्शाता है जो अब आपके लिए फायदेमंद नहीं हैं और संभवतः भलाई पर एक नया दृष्टिकोण अपनाते हैं। इसके लिए आपको वैकल्पिक उपचारों की तलाश करनी पड़ सकती है, अपने भोजन में बदलाव करना पड़ सकता है या कोई नया वर्कआउट रूटीन शुरू करना पड़ सकता है।

एट ऑफ कप्स टैरो कार्ड स्वास्थ्य को लेकर यह बताता है कि अब पुरानी और नुकसानदायक आदतों या दिनचर्या को छोड़ने का समय आ गया है। अब आपको अपनी सेहत को लेकर नया नजरिया अपनाना चाहिए। यह कार्ड इशारा करता है कि आप चाहें तो कोई नई एक्सरसाइज शुरू करें और खान-पान में बदलाव करें, जिससे आपकी सेहत बेहतर हो सके।

लकी अंक: 06

वृश्चिक राशि

प्रेम जीवन: टू ऑफ पेंटाकल्स

आर्थिक जीवन: द मून 

करियर: हर्मिट  

स्वास्थ्य: थ्री ऑफ कप्स

टू ऑफ पेंटाकल्स टैरो कार्ड यह दर्शाता है कि रिश्ते में आपको संतुलन बनाने की ज़रूरत है, चाहे वो कई जिम्मेदारियों को संभालना हो या कोई बड़ा फैसला मिलकर लेना हो। इस समय पर्सनल लाइफ में बदलाव और नई चुनौतियों को अपनाना थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन अगर आप थोड़ा धैर्य रखें और समझदारी से काम लें, तो सब संभल जाएगा।

आर्थिक जीवन में द मून टैरो कार्ड पैसे के मामलों में यह बताता है कि इस समय सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी है। हो सकता है कि सामने सब कुछ साफ़ न हो या किसी बात में धोखा या भ्रम भी हो सकता है। इसलिए कोई भी फाइनेंशियल फैसला लेने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें और साथ ही अपनी अंतरआत्मा की भी सुनें।

द हर्मिट टैरो कार्ड करियर के मामले में बताता है कि ये समय खुद पर ध्यान देने और गहराई से सोचने का है। इस हफ्ते आप अपने करियर को लेकर अंदर ही अंदर सवाल करेंगे। हो सकता है कि आप महसूस करें कि सिर्फ पैसे कमाना ही काफी नहीं है और आप ऐसी नौकरी या काम की तलाश करें जो दिल को सुकून दे। यह भी हो सकता है कि आपको लगे कि आपकी मौजूदा नौकरी आपके लिए सही नहीं है और आप बदलाव के बारे में सोचें।

थ्री ऑफ कप्स टैरो कार्ड सेहत के मामले में बताता है कि यह समय आपके लिए खुशी, साथ और सहयोग से भरा हुआ है। आपकी सेहत और मानसिक स्थिति दोस्तों, परिवार या अपने करीबियों के साथ समय बिताने से बेहतर होगी। यह कार्ड ये भी कहता है कि अगर आप समूह में कोई एक्टिविटी करते हैं तो आपका मन और शरीर दोनों बेहतर महसूस करेंगे।

लकी अंक: 27

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धनु राशि 

प्रेम जीवन: फोर ऑफ पेंटाकल्स

आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ कप्स 

करियर: ऐस ऑफ पेंटाकल्स

स्वास्थ्य: थ्री ऑफ वैंड्स   

धनु राशि राशि वालों को फोर ऑफ़ पेंटाकल्स टैरो कार्ड प्रेम जीवन के मामले में यह दर्शाता है कि आप अपने रिश्ते में कुछ ज़्यादा ही कंट्रोल करने की कोशिश कर सकते हैं या फिर पार्टनर से चिपके रहने जैसी भावना हो सकती है। यह जरूरत से ज़्यादा सुरक्षा और स्थिरता चाहने की वजह से हो सकता है, जिससे रिश्ते में घुटन या तनाव आ सकता है। लेकिन इस कार्ड का एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि अब आप पुराने दुख या नाराज़गियों को छोड़ सकते हैं।

सिक्स ऑफ कप्स टैरो कार्ड धन के मामले में भविष्यवाणी कर रहा है कि इस अवधि आपकी आर्थिक स्थिति स्थिर रहेगी और आप दूसरों की मदद करने के लिए भी तैयार रहेंगे। इस अवधि आपको किसी से उपहार में धन या पैतृक संपत्ति भी मिल सकती है। यह कार्ड आपको वित्तीय निर्णय लेते समय, भावुक या उदासीन मूल्यों को ध्यान में रखने के लिए भी प्रेरित कर सकता है।

ऐस ऑफ़ पेंटाकल्स टैरो कार्ड करियर के मामले में यह संकेत देता है कि आपके लिए नया मौका आने वाला है, जिससे विकास और सफलता मिल सकती है। ये मौका नई नौकरी, प्रमोशन या फिर अपना खुद का काम शुरू करने से जुड़ा हो सकता है। यह कार्ड आपको कहता है कि थोड़ा साहस दिखाएं और समझदारी से कदम बढ़ाएं क्योंकि ये समय कुछ अच्छा पाने का है।

थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड दर्शा रहा है अगर आप लंबे समय से किसी बीमारी या शारीरिक परेशानी से जूझ रहे थे, तो अब आपको राहत मिलने वाली है। यह कार्ड इशारा करता है कि धीरे-धीरे आपकी तबीयत में सुधार होगा और आप पुरानी तकलीफों से छुटकारा पा सकेंगे।

लकी अंक: 03

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मकर राशि

प्रेम जीवन: सेवेन ऑफ पेंटाकल्स

आर्थिक जीवन: द लवर

करियर: टू ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: पेज़ ऑफ कप्स 

मकर राशि वालों को प्रेम जीवन में सेवेन ऑफ पेंटाकल्स मिला है जो भविष्यवाणी कर रहा है कि रिश्ते में धैर्य, मेहनत और समर्पण की ज़रूरत है। यह कार्ड संकेत देता है कि अगर आप समय और प्यार के साथ अपने रिश्ते की देखभाल करते हैं, तो यह रिश्ता लंबे समय तक मजबूत और सुखद बनेगा।

आर्थिक जीवन में द लवर टैरो कार्ड यह बताता है कि इस समय आपको एक बड़ा और सोच-समझकर किया गया फैसला लेना होगा। हो सकता है कि आपके सामने दो ज़रूरी विकल्प हों, लेकिन आपको एक को चुनना पड़ेगा और दूसरा छोड़ना पड़ेगा। साथ ही, यह कार्ड यह भी संकेत देता है कि किसी के साथ मिलकर काम करना या किसी पार्टनरशिप में जाना आपके आर्थिक लक्ष्यों को पाने में मददगार हो सकता है। 

टू ऑफ़ वैंड्स टैरो कार्ड करियर के मामले में यह बताता है कि अब समय है अपने भविष्य के बारे में गंभीरता से सोचने का। यह कार्ड आपको प्रेरित करता है कि आप लंबी अवधि के लक्ष्य बनाएं, अपने करियर को आगे कैसे बढ़ाना है, इसकी योजना बनाएं। साथ ही, यह कार्ड यह भी संकेत देता है कि आपको कुछ बड़ा कदम उठाने की ज़रूरत पड़ सकती है।

पेज ऑफ़ कप्स टैरो कार्ड सेहत को लेकर बताता है कि आपके लिए अच्छी खबर आने की संभावना है। यह कार्ड गर्भधारण का संकेत भी हो सकता है। साथ ही, कोई नई दवा, इलाज या उपाय पता चल सकता है, जो आपकी सेहत को बेहतर बना सकता है।

लकी अंक: 88

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कुंभ राशि

प्रेम जीवन: नाइट ऑफ पेंटाकल्स

आर्थिक जीवन: ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स

करियर: सेवन ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: एट ऑफ वैंड्स

कुंभ राशि राशि के जातकों के प्रेम जीवन में नाइट ऑफ पेंटाकल्स यह बताता है कि आपके जीवन में एक भरोसेमंद, ईमानदार और ज़मीन से जुड़ा साथी हो सकता है, जो रिश्ते में सुरक्षा और स्थिरता को बहुत महत्व देता है। हो सकता है कि ये इंसान धीरे-धीरे अपने जज़्बात ज़ाहिर करे, लेकिन एक बार जुड़ गया तो बहुत वफादार और निभाने वाला साथी साबित होता है।

आर्थिक जीवन में ऐस ऑफ़ स्वॉर्ड्स दर्शाता है कि अब समय दिमाग से सोचकर और समझदारी से फैसले लेने का है। आपको हर मौके को तर्क और योजना के साथ परखना चाहिए। यह कार्ड आपको यह भी चेतावनी देता है कि भावनाओं में बहकर या जल्दबाज़ी में कोई आर्थिक फैसला न लें, वरना नुकसान हो सकता है।

सेवन ऑफ़ वैंड्स टैरो कार्ड करियर के मामले में यह बताता है कि आपको अपने काम, पद और मान-सम्मान की रक्षा करनी होगी। हो सकता है कि कुछ लोग आपको चुनौती दें, लेकिन आपको डटकर खड़ा रहना है। यह कार्ड कहता है कि आत्मविश्वास रखें, अपनी मेहनत पर भरोसा करें और अगर ज़रूरत पड़े तो अपने हक के लिए आवाज़ उठाएं।

स्वास्थ्य को लेकर आठ ऑफ वैंड्स कार्ड दर्शाता है कि इस अवधि आपकी सेहत में जल्दी सुधार होगा। यह कार्ड कहता है कि अब आप तेजी से ठीक होंगे और यह समय एक सक्रिय और संतुलित जीवनशैली अपनाने का है, जिससे आपकी सामान्य सेहत और तंदुरुस्ती में और सुधार होगा।

लकी नंबर: 08

मीन राशि

प्रेम जीवन: क्वीन ऑफ पेंटाकल्स

आर्थिक जीवन: किंग ऑफ कप्स

करियर: एस ऑफ वैंड्स 

स्वास्थ्य: सेवन ऑफ स्वॉर्ड्स 

मीन राशि वालों को प्रेम जीवन में क्वीन ऑफ़ पेंटाकल्स कार्ड मिला है, जो भविष्यवाणी कर रहा है कि आप रिश्ते में बहुत समझदारी, स्थिरता और प्यार से भरा व्यवहार रखते हैं। आप ऐसा रिश्ता चाहते हैं जो सुरक्षित हो, भावनात्मक रूप से संतुलित हो और जिसमें अपनापन और सुकून हो। 

किंग ऑफ कप्स कार्ड आर्थिक मामलों में यह सलाह देता है कि सिर्फ पैसा कमाने पर ध्यान न देकर, अपने मानसिक संतुलन, समझदारी और भावनात्मक नियंत्रण पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। यह कार्ड यह भी बताता है कि पैसे के मामलों में शांति से, सोच-समझकर और संतुलन के साथ फैसले लें, न कि जल्दबाज़ी या भावनाओं में बहकर।

करियर के क्षेत्र में ऐस ऑफ़ वैंड्स टैरो कार्ड दर्शाता है कि आपके अंदर कुछ नया करने की ऊर्जा और जोश भरपूर है। यह समय है जब आप किसी नए काम की शुरुआत कर सकते हैं, या फिर किसी बड़े प्रोजेक्ट को पूरे उत्साह और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ा सकते हैं। यह कार्ड कहता है कि आपको अपने आइडियाज़ पर भरोसा करना चाहिए और पूरे जोश के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

सेवन ऑफ़ स्वॉर्ड्स कार्ड आपको यह संकेत देता है कि आपको अपनी सेहत को लेकर लापरवाही नहीं करनी चाहिए। अगर कोई समस्या बार-बार हो रही है, तो अच्छे से जांच करवाएं और ज़रूरत पड़े तो किसी दूसरे डॉक्टर की राय भी लें। यह कार्ड यह भी कहता है कि ऐसी कोई भी आदत या काम न करें जो आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

लकी अंक: 30

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न.

1. टैरो कार्ड क्या है?

टैरो कार्ड, भविष्य जानने का एक तरीका है। इसमें 78 कार्ड होते हैं, जिन्हें दो भागों में बांटा गया है।  

2. टैरो और एंजेल कार्ड में क्या अंतर है? 

टैरो कार्ड में विभिन्न चित्र बने होते हैं जो किसी व्यक्ति के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाते हैं। वहीं दूसरी तरफ, एंजल कार्ड किसी विशेष अवधि पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

3. टैरो डेक में कौन सा कार्ड सबसे शक्तिशाली होता है? 

टैरो कार्ड में स्ट्रेंथ को शक्तिशाली माना जाता है।