शुभ योग में मनाया जाएगा गंगा दशहरा 2025 का पर्व; स्नान, दान से मिलेगा दस गुना फल!
सनातन धर्म में गंगा दशहरा एक पवित्र त्योहार है, जो मां गंगा के धरती पर अवतरण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा मैया स्वर्ग से धरती पर उतरी थीं ताकि लोगों के पाप धुल सकें और उन्हें मोक्ष का मार्ग मिल सके। यह पर्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। गंगा दशहरा पर स्नान करने का बहुत अधिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि गंगा दशहरा पर गंगा स्नान, दान और जप करने से दस प्रकार के पाप नष्ट होते हैं, इसलिए इसे ‘दशहरा’ कहा जाता है।
उत्तर भारत में खासतौर पर इस दिन गंगा घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने आते हैं और पुण्य कमाते हैं। यह दिन शांति, पवित्रता और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक माना जाता है। एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में हम गंगा दशहरा 2025 व्रत के बारे में सब कुछ जानेंगे, साथ ही इसके महत्व, व्रत कथा, पूजा विधि और कुछ उपायों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे। तो चलिए बिना किसी देरी के अपने ब्लॉग की शुरुआत करते हैं।
गंगा दशहरा 2025: तिथि और समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, 04 जून की देर रात 11 बजकर 56 मिनट पर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 06 जून की मध्यरात्रि 02 बजकर 18 मिनट पर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके अनुसार, 05 जून को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।
गंगा दशहरा 2025 पर बन रहे हैं शुभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सिद्धि योग सुबह 09 बजकर 14 मिनट तक है। इसके साथ ही रवि योग भी बन रहा है। रवि योग पूरे दिन भर है। इस योग में गंगा स्नान करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा। वहीं, गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र का संयोग रात भर है। जबकि तैतिल करण दोपहर 01 बजकर 02 मिनट तक है। इसके बाद गर करण का योग बन रहा है, जो देर रात 02 बजकर 15 मिनट तक है।
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गंगा दशहरा 2025 का महत्व
गंगा दशहरा का महत्व हिंदू धर्म में बेहद खास है। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं, ताकि मनुष्य का उद्धार हो सके और लोगों को मोक्ष मिल सके। यही वजह है कि गंगा नदी को सिर्फ जलधारा नहीं, बल्कि जीवनदायिनी देवी भी माना जाता है। गंगा दशहरा पर गंगा स्नान करने से व्यक्ति के दस प्रकार के पाप नष्ट होते हैं। इस दिन को पापों के प्रायश्चित और आत्म शुद्धि के लिए बेहद शुभ माना जाता है। खासकर इस दिन गंगा में स्नान, दान और व्रत करने से जन्म-जन्मांतर के दोष दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का मार्ग खुलता है।
जो लोग गंगा के किनारे नहीं पहुंच सकते, वे घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करके पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। गंगा दशहरा का महत्व सिर्फ स्नान और दान में नहीं, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है जो गंगा नदी के अवतरण की याद दिलाता है और दान-पुण्य तथा गंगा की पूजा के माध्यम से आध्यात्मिक और सामाजिक लाभ प्रदान करता है।
गंगा दशहरा पर करें इस विधि से पूजन
इस दिन सुबह जल्दी उठें और शुद्ध जल या गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान करते समय गंगा माता का ध्यान करें और पापों से मुक्ति की प्रार्थना करें।
इसके बाद व्रत और पूजन का संकल्प लें।
मंदिर में गंगा माता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। पास में कलश में गंगाजल भरें और उस पर आम या अशोक के पत्ते रखें।
गंगा माता को अक्षत यानी चावल, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें। माता को सफेद फूल चढ़ाना विशेष फलदायी माना जाता है।
गंगा माता का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जप करें: “ॐ नमः शिवाय ऐं ह्रीं श्रीं गंगायै नमः” या “पापनाशिनी गंगे पुण्यदा फलदायिनी। धर्मकांडे मम सदा स्थित्वं कुरु नमोऽस्तुते॥”
इस दिन पितरों के निमित्त जल तर्पण करें। साथ ही, गरीबों और ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र, पंखा, शरबत, छाता आदि का दान करें।
व्रत करने वाले व्यक्ति को दिनभर फलाहार ही करना चाहिए और शाम को गंगा माता की आरती के बाद भोजन ग्रहण करना चाहिए।
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गंगा दशहरा पर जरूर पढ़ें व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में राजा भागीरथ ने अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए गंगा माता को पृथ्वी पर लाने का कठिन संकल्प लिया। उनके पूर्वजों को श्राप वश मोक्ष नहीं मिल पा रहा था और उनकी आत्माएं भटक रही थीं। भागीरथ जी ने ब्रह्मा जी की घोर तपस्या की। प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने गंगा जी को पृथ्वी पर भेजने का वचन दिया, लेकिन यह भी कहा कि गंगा की तेज धारा को सहन करने में पृथ्वी असमर्थ है। इसलिए भगवान शिव ही इसे अपनी जटाओं में रोक सकते हैं।
तब भागीरथ जी ने शिवजी की भी कठोर तपस्या की। महादेव ने प्रसन्न होकर गंगा को अपनी जटाओं में समाहित कर लिया और धीरे-धीरे पृथ्वी पर प्रवाहित किया। जिस दिन गंगा जी स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुईं, वह दिन गंगा दशहरा कहलाया। इस दिन गंगा जल के स्पर्श मात्र से पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गंगा दशहरा का अर्थ
कहा जाता है कि गंगा जी के अवतरण के समय दस प्रकार के पापों का नाश हुआ, इसलिए इसे दशहरा कहा जाता है। ‘दश’ का अर्थ दस और ‘हरा’ का अर्थ नाश करना। ये दस पाप तीन शारीरिक, चार वाचिक और तीन मानसिक माने जाते हैं। गंगा माता केवल जलधारा नहीं हैं, बल्कि साक्षात मोक्षदायिनी देवी हैं। उनके जल में स्नान करने से मनुष्य के समस्त पाप धुल जाते हैं और जन्म-जन्मांतर के बंधन समाप्त हो जाते हैं। इसलिए इस दिन गंगा स्नान, दान, तर्पण और व्रत का विशेष महत्व है। मान्यता है कि गंगा दशहरा पर स्नान करने से व्यक्ति को वही पुण्य प्राप्त होता है, जो वर्षों तक तीर्थ यात्रा करने से मिलता है। यही कारण है कि इस दिन हरिद्वार, वाराणसी, प्रयागराज और गंगोत्री जैसे पवित्र स्थानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
गंगा दशहरा पर जरूर करें ये आसान उपाय
गंगा दशहरा के दिन कुछ उपाय हैं, जिन्हें करने से व्यक्ति को विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं उन आसान उपायों के बारे में।
गंगा जल से करें स्नान
इस विशेष दिन यदि संभव हो तो गंगा नदी में स्नान करें, अन्यथा घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इससे दस प्रकार के पापों का नाश होता है और जीवन में शुद्धता आती है।
घर पर गंगाजल का छिड़काव करें
घर के हर कोने में गंगाजल छिड़कें। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में शांति व समृद्धि लाता है।
गंगा दशहरा के दिन पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाकर कम से कम 7 या 11 बार परिक्रमा करें। इससे पितृ दोष और ग्रह बाधा की समस्या से छुटकारा मिलता है।
दस प्रकार का दान करें
इस दिन दान का विशेष महत्व है। अन्न, जल, वस्त्र, छाता, जूते, फल, गुड़, धन, चावल और तिल इन दस वस्तुओं का दान इस दिन जरूर करें।
मां गंगा का ध्यान करें
गंगा दशहरा पर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र और “ॐ गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिंधु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु॥” का कम से कम 108 बार जप अवश्य करें।
नीला वस्त्र और सफेद फूल चढ़ाएं
गंगा दशहरा के दिन मां गंगा को नीले वस्त्र और सफेद फूल अर्पित करें। इससे शांति और सुख-समृद्धि बढ़ती है।
कर्ज मुक्ति के लिए उपाय
इस दिन बहते जल में नारियल और बताशे प्रवाहित करें। इससे कर्ज और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।
रोग निवारण के लिए उपाय
गंगा जल में तुलसी पत्ता डालकर सेवन करें। यह रोगों से रक्षा करता है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा भरता है।
विवाह बाधा दूर करने के लिए
कन्याएं इस दिन गंगाजल से स्नान करके शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और मां गंगा से शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें।
संतान प्राप्ति के लिए
संतान सुख की प्राप्ति के लिए इस दिन विशेष उपाय करना चाहिए। गंगा दशहरा के दिन दंपत्ति को गंगा जल में स्नान करके मां गंगा को दूध और चावल अर्पित करना चाहिए।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. गंगा दशहरा 2025 का व्रत कब है?
05 जून को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।
2. गंगा दशहरा क्यों मनाया जाता है?
मान्यता है कि इस दिन गंगा मैया स्वर्ग से धरती पर उतरी थीं ताकि लोगों के पाप धुल सके और उन्हें मोक्ष का मार्ग मिल सके।
3. दशहरा पर क्या दान करना चाहिए?
गंगा दशहरा पर जल, अन्न आदि चीज़ों का दान करना फलदायी होता है।
निर्जला एकादशी पर बन रहे हैं विशेष योग, इन उपायों से मिलेगा मनचाहा फल!
सनातन धर्म में निर्जला एकादशी एक विशेष और पुण्यदायी व्रत माना जाता है। इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है क्योंकि पांडवों में भीम ने यह व्रत किया था। यह व्रत ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है और इस व्रत की ख़ास बात यह है कि इस व्रत को बिना जल ग्रहण किए रखा जाता है इसलिए इसे “निर्जला” एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस एक व्रत को करने से साल भर की सभी एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त होता है। यह व्रत केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य और आत्मशुद्धि के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में हम निर्जला एकादशी 2025 व्रत के बारे में सब कुछ जानेंगे, साथ ही इसके महत्व, व्रत कथा, पूजा विधि और कुछ उपायों के बारे में भी जानेंगे। तो चलिए बिना किसी देरी के अपने ब्लॉग की शुरुआत करते हैं।
निर्जला एकादशी 2025: तिथि और समय
06 जून की देर रात 02 बजकर 18 मिनट पर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी। वहीं, 07 जून की सुबह 04 बजकर 50 मिनट पर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना होती है। इसके तहत निर्जला एकादशी का व्रत 06 जून 2025 को रखा जाएगा।
एकादशी आरंभ: 06 जून की देर रात 02 बजकर 18 मिनट
एकादशी समाप्त: 07 जून की सुबह 04 बजकर 50 मिनट पर
निर्जला एकादशी पारण मुहूर्त : 07 जून की दोपहर 01 बजकर 43 मिनट से 04 बजकर 30 मिनट तक।
अवधि : 2 घंटे 46 मिनट
हरि वासर समाप्त होने का समय : 07 जून की सुबह11 बजकर 28 मिनट तक
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निर्जला एकादशी पर बन रहे हैं ये विशेष योग
ज्योतिष के अनुसार, इस बार निर्जला एकादशी पर विशेष योग बन रहा है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भद्रावास योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस शुभ अवसर पर भद्रा पाताल में रहेगी। भद्रा का पाताल में रहना शुभ माना जाता है। भद्रा दोपहर 03 बजकर 31 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 04 बजकर 47 मिनट तक भद्रा पाताल में रहेंगी।
इसके अलावा, निर्जला एकादशी के दिन वरीयान योग का भी संयोग बन रहा है। वरीयान योग का शुभ संयोग सुबह 10 बजकर 14 मिनट से हो रहा है। यह योग बेहद शुभ योग है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ कामों में सफलता प्राप्त होती है।
निर्जला एकादशी का महत्व
सनातन धर्म में निर्जला एकादशी व्रत का उच्च स्थान है। इस एकादशी व्रत का फल सभी 24 एकादशी के फल के बराबर प्राप्त होता है। इस दिन बिना अन्न और जल ग्रहण किए व्रत रखने का विशेष नियम है, इसलिए इसे “निर्जला” कहा जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति किसी कारणवश साल भर एकादशी व्रत नहीं कर पाता, वह केवल निर्जला एकादशी का व्रत कर ले तो उसे साल भर की एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त होता है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन व्रत करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन जल दान, अन्न दान और गरीबों की सेवा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, निर्जला एकादशी आत्मसंयम, आत्मशुद्धि और धैर्य का भी प्रतीक है, जो व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक बल प्रदान करता है।
निर्जला एकादशी की पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा जल या साफ पानी से स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए निर्जला व्रत का संकल्प लें कि आप आज अन्न और जल का त्याग करेंगे।
फिर घर में पूजा स्थान को साफ करें और वहां भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
पीले कपड़े में मौली बांधकर तांबे या पीतल का कलश रखें, उसमें जल, सुपारी, अक्षत , एक सिक्का और आम का पत्ता डालें।
इसके बाद पीले फूल, तुलसी के पत्ते, धूप, दीप, चंदन, अक्षत और फल, मिठाई भगवान विष्णु को अर्पित करें।
विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप जरूर करें।
इस दिन पूरा दिन बिना अन्न और जल के रहें। यदि स्वास्थ्य कारणों से संभव न हो तो फलाहार या जल ले सकते हैं।
निर्जला एकादशी पर दान करने के बहुत अधिक लाभ है। इस दिन जल से भरा घड़ा, छाता, कपड़े, फल आदि ब्राह्मण या गरीबों को दान करें।
इस व्रत के दिन रात में सोए नहीं बल्कि जागरण करें। भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करें और रात में जागरण का महत्व है।
अगले दिन सुबह पूजा करके व्रत खोलें। सबसे पहले ब्राह्मण या गरीबों को भोजन कराएं, फिर स्वयं जल ग्रहण करें और अन्न खाएं।
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निर्जला एकादशी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार पांडवों ने महर्षि वेदव्यास से पूछा कि एकादशी व्रत का पालन कैसे करें और इसके क्या लाभ हैं। तब व्यास जी ने कहा कि साल में 24 एकादशियां आती हैं और सभी एकादशी का विशेष महत्व है। प्रत्येक व्रत करने से पाप नष्ट होते हैं और पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
यह सुनकर भीमसेन ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, मैं बहुत बलशाली हूं, लेकिन भोजन के बिना रहना मेरे लिए असंभव है। मैं सभी नियमों का पालन कर सकता हूं पर उपवास नहीं कर पाता। क्या कोई ऐसा उपाय है जिससे मैं एक ही दिन व्रत करूं और साल भर की सभी एकादशियों का फल मिल जाए? तब महर्षि वेदव्यास ने कहा, “हे भीम! तुम्हारे लिए एक ही उपाय है कि तुम ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को उपवास करो, जिसे निर्जला एकादशी कहा जाता है। इस दिन अन्न और जल का त्याग कर भगवान विष्णु की पूजा करने से साल भर की सभी एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है।
इस व्रत में बिना जल ग्रहण किए उपवास करना अनिवार्य है, इसलिए इसे ‘निर्जला’ कहा जाता है। यह व्रत कठिन जरूर है, लेकिन इसके फल अपार हैं। यह व्रत पापों का नाश करता है और मोक्ष प्रदान करता है। भीमसेन ने व्यास जी की बात मानते हुए निर्जला एकादशी का कठोर व्रत किया। उन्होंने दिनभर न तो जल पिया और न ही अन्न ग्रहण किया। अंत में भगवान विष्णु की कृपा से भीम को अक्षय पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति हुई। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को जन्म-जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है और विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।
निर्जला एकादशी पर करें राशि अनुसार उपाय
मेष राशि
इस दिन भगवान विष्णु को केसर मिला जल अर्पित करें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें। इससे मानसिक शांति और कार्यों में सफलता मिलेगी।
वृषभ राशि
निर्जला एकादशी पर सफेद वस्त्रों का दान करें और तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
मिथुन राशि
इस दिन गरीब बच्चों में फल और मिठाइयां बांटें। साथ ही, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इससे संतान सुख और शिक्षा में लाभ होगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. निर्जला एकादशी 2025 का व्रत कब है?
निर्जला एकादशी का व्रत 06 जून 2025 को रखा जाएगा।
2. निर्जला एकादशी के नियम क्या हैं?
निर्जला एकादशी व्रत में अन्न और जल दोनों का त्याग किया जाता है।
3. निर्जला व्रत में पानी कब पीना चाहिए?
निर्जला एकादशी व्रत में, पानी सूर्योदय से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक नहीं पीना चाहिए।
बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त: जानें आपकी राशि और वैश्विक घटनाओं पर प्रभाव
एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार पड़ेगा इस बारे में भी बताएंगे। बता दें कि कुछ राशियों को बृहस्पति अस्त से बहुत अधिक लाभ होगा, तो वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कुछ उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त 09 जून 2025 को होगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस गोचर के बारे में सब विस्तार से।
09 जून 2025 की दोपहर 04 बजकर 12 मिनट के आसपास धन और ज्ञान के कारक ग्रह बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त हो जाएंगे। यह 09-10 जुलाई के आसपास दोपहर लगभग 12 बजकर 18 मिनट तक अस्त रहेंगे।
बृहस्पति ग्रह: विशेष दृष्टि और महत्व
हर ग्रह की एक दृष्टि होती है यानी वह किसी और ग्रह भाव या राशि को अपने प्रभाव में ले सकता है। आमतौर पर हर ग्रह सामने वाले सातवें भाव को देखता है, जैसे यदि कोई ग्रह पहले भाव में बैठा है तो वह सातवें भाव को अपनी दृष्टि से प्रभावित करता है। लेकिन बृहस्पति को खास बनया गया है क्योंकि यह सिर्फ सातवें भाव को ही नहीं बल्कि पांचवें और नौवें भाव को भी देख सकता है। ये तीनों भावों पांचवां, सातवां और नौवां भाव जीवन के लिए बहुत ही शुभ माने जाते हैं।
यदि बृहस्पति किसी की कुंडली में पांचवें भाव में स्थित है, तो वह पहले भाव, नौवें भाव और ग्यारहवें भाव को अपनी दृष्टि से देखता है। इसे त्रिकोण दृष्टि कहा जाता है, जो जीवन में अच्छे फल देने वाली मानी जाती है। इस तरह की स्थिति किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत सौभाग्यशाली होती है। इससे जातक को न सिर्फ भौतिक सुख-सुविधाएं मिलती हैं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति के भी योग बनते हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
बृहस्पति ग्रह की विशेषताएं
बृहस्पति को प्राकृतिक कुंडली में भाग्य स्थान यानी नौवें भाव के स्वामी माना गया है। इसलिए यह इंसान की किस्मत और सौभाग्य का संकेतक होता है।
9वां भाव धर्म, नियम और सच्चाई का भाव होता है। बृहस्पति भी इन्हीं चीजों का प्रतिनिधित्व करता है। यह इंसान को अच्छा, नैतिक और न्यायप्रिय बनाता है।
बृहस्पति सोना, धन और वित्तीय मामलों का भी प्रतिनिधित्व करता है। इसकी स्थिति अच्छी हो तो व्यक्ति को आर्थिक रूप से मजबूत बनाता है।
किसी महिला की कुंडली में बृहस्पति पति का भी संकेतक होता है। इसकी स्थिति देखकर वैवाहिक जीवन का आकलन किया जाता है।
यह ग्रह संतान से जुड़ी बातों का भी संकेत देता है। यदि कुंडली में बृहस्पति शुभ हो, तो संतान सुख में वृद्धि होती है।
जब हम प्रश्न कुंडली बनाते हैं, तो उपरोक्त कारक यदि शासक ग्रहों में दिखाई देते हैं, तो आसानी से सकारात्मक उत्तर निर्धारित करने में मदद करते हैं।
शरीर के अंदर बृहस्पति का संबंध लीवर, धमनियों, सुनने की शक्ति, पेट का निचला भाग, कूल्हे, रक्तचाप, खून का प्रवाह और शरीर की चर्बी से होता है।
बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त: इन राशियों पर पड़ेगासकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में अस्त होंगे। बृहस्पति तीसरे भाव से आपके सातवें, नौवें, ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डालेंगे। तीसरे भाव में बृहस्पति आमतौर पर सकारात्मक परिणाम देने वाले नहीं माने जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में बृहस्पति कमजोर या विपरीत परिणाम प्रदान कर सकते हैं। इस समय आपको कोई बड़ा नुकसान तो नहीं होगा, लेकिन बहुत ज्यादा फायदा की भी उम्मीद नहीं नज़र आ रही है। फालतू की यात्राओं में कमी आ सकती है और समय का बेहतर उपयोग होगा।
साथ ही, भाई-बहनों और आस-पड़ोस के लोगों से संबंध बेहतर करने की कोशिशें कारगर साबित होंगी। सरकारी कामों में भी कुछ राहत या सकारात्मक नतीजे मिलेंगे। हालांकि, आपको कभी-कभी ऐसा लग सकता है कि किस्मत साथ नहीं दे रही है, लेकिन अगर आप लगातार मेहनत करेंगे तो धीरे-धीरे परिणाम आपके पक्ष में होंगे।
कर्क राशि
बृहस्पति आपके छठे और धन भाव के स्वामी हैं और यह आपके बारहवें भाव में गोचर करेंगे। अस्त होने के बाद भी बृहस्पति आपको कुछ स्थितियों में अनुकूलता प्रदान कर सकते हैं, भले ही बारहवें भाव में उनका गोचर अच्छा न माना जाए। इस समय आपके खर्चों में जो तेजी आई थी, उसमें अब थोड़ी राहत मिल सकती है यानी खर्चे कम होंगे। यदि कोई काम लगातार नुकसान दे रहा था तो अब उसमें सुधार की उम्मीद है। सेहत से जुड़ी कोई समस्या चल रही थी तो उसमें भी सुधार संभव है। यदि आप पर कोई झूठा आरोप लगा था, तो उससे भी अब आप बाहर आ सकते हैं।
हालांकि कभी-कभी ऐसा लग सकता है कि किस्मत पूरी तरह साथ नहीं दे रही है। साथ ही, अगर आप किसी लोन या उधारी की प्रक्रिया में लगे हैं, तो उसमें थोड़ी देरी या अड़चनें आ सकती है। लेकिन धीरे-धीरे स्थिति बेहतर होती जाएगी।
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बृहस्पति वर्तमान में मिथुन राशि में आपके आठवें भाव में गोचर करेंगे और यह आपके दूसरे व पांचवें भाव के स्वामी हैं। आठवां भाव गोचर के लिहाज से शुभ नहीं माना जाता, लेकिन बृहस्पति की अस्त स्थिति कुछ नकारात्मकताओं को कम कर सकती है। इस दौरान, यदि आपकी सेहत को लेकर कोई परेशानी थी, तो उसमें सुधार देखने को मिल सकता है। कामकाज से जुड़ी अड़चनें भी कम हो सकती हैं।
अगर आप किसी सरकारी प्रक्रिया या पेचीदगी से जूझ रहे थे, तो अब उसमें भी सहूलियत मिल सकती है। अटका हुआ धन भी वापस मिलने की संभावना है। बच्चों से जुड़ी कोई समस्या चल रही थी, तो उसमें सुधार हो सकता है। हालांकि, इस समय पैसे को लेकर सतर्कता बरतनी जरूरी है, खर्च या निवेश सोच-समझकर करें। परिवार और रिश्तों को लेकर थोड़ा संभलकर चलना होगा, चाहे वह प्रेम संबंध हों या बच्चों से जुड़ी जिम्मेदारियां। छात्रों को भी इस समय मेहनत जारी रखनी होगी। अगर आप इन बातों का ध्यान रखें, तो बृहस्पति की यह स्थिति आपके लिए जीवन में कुछ सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
मकर राशि
बृहस्पति इस समय आपकी कुंडली के छठे भाव में अस्त होंगे। बृहस्पति तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। आमतौर पर छठे भाव में बृहस्पति का गोचर शुभ नहीं माना जाता, लेकिन उसकी अस्त अवस्था इस समय आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इस दौरान अगर आपको सरकारी काम में कोई अड़चन आ रही थी, तो वह दूर हो सकती है। बच्चों से जुड़ी समस्याएं भी हल होने की संभावना है। आपकी सेहत में सुधार हो सकता है और पुराने रोग या थकावट की स्थिति में राहत मिलेगी। विवादों या झगड़ों की संभावना भी कम होगी।
हालांकि, चूंकि बृहस्पति तीसरे भाव के स्वामी भी है और अब अस्त हो रहा है, तो इसका असर आपके आत्मविश्वास पर थोड़ा पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप खुद पर भरोसा बनाए रखें। यदि आप आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते हैं, तो लंबी दूरी की यात्रा में भी लाभ मिलेगा। कुल मिलाकर गोचर आपको सीधे नुकसान नहीं देगा, बल्कि यदि आप सतर्क रहकर काम करते हैं, तो पुराने अटके हुए काम भी सुधर सकते हैं और कुछ सकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं।
बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आपके आठवें और लाभ भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव अस्त होंगे। क्योंकि दूसरे भाव में बृहस्पति का अस्त होना अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। इसलिए बृहस्पति का अस्त होना आपके लिए थोड़ा कमजोर परिणाम देने वाला माना जाएगा।
इस अवधि में आपकी आय के स्रोत थोड़ा कमजोर हो सकते हैं। यानी कमाई में कोई बड़ी गिरावट नहीं होगी, लेकिन आय में स्थिरता थोड़ी डगमगा सकती है। पारिवारिक मामलों में भी ज्यादा सहयोग नहीं मिलेगा और कुछ पुरानी पारिवारिक उलझनें दोबारा सामने आ सकती हैं। वित्तीय मामलों में आपको अब ज्यादा सावधानी बरतनी होगी, खासकर निवेश को लेकर। इस समय कोई बड़ी हानि नहीं दिख रही, लेकिन बृहस्पति की सकारात्मक ऊर्जा थोड़ी कमजोर हो सकती है, जिससे कार्यों में उत्साह या सफलता की तीव्रता घट सकती है।
बृहस्पति आपके सातवें और कर्म भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति अस्त आपके पहले भाव में होगा। बृहस्पति जैसे शुभ ग्रह का आपके लग्न भाव में अस्त होने से उनका असर थोड़ा धीमा हो सकता है। इस समय रोजमर्रा के कामकाज में थोड़ी धीमापन आ सकता है। यदि विवाह या रिश्तों की बात चल रही थी तो उसमें थोड़ी देरी संभव है। दांपत्य जीवन में पहले जैसी ऊर्जा या उत्साह में कमी महसूस हो सकती है। इसका मतलब यह नहीं कि कोई बड़ा संकट आएगा, लेकिन चीज़ें पहले की तरह सहज नहीं रहेंगी।
कामकाज के मामले में भी प्रगति की गति थोड़ी मंद हो सकती है, खासकर इसलिए क्योंकि शनि भी इस समय कर्म भाव में गोचर कर रहा है, जो पहले से ही काम को धीमा करता है। ऊपर से कर्म भाव के स्वामी बृहस्पति का अस्त होना, इस मंदी को ओर बढ़ा सकता है।
बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त: उपाय
अपने बड़ों, गुरुओं और सलाहकारों का सम्मान करें और उनकी सेवा करें।
‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
गुरुवार को व्रत रखें और गायों को चने की दाल और गुड़ खिलाएं
किसी पशु आश्रय में जाएं और किसी न किसी तरह से जरूरतमंद गायों की सेवा करें।
हर गुरुवार को मछलियों को चारा खिलाएं।
काम पर जाने से पहले हर रोज़ केसर का तिलक लगाएं।
हर गुरुवार को विष्णु मंदिर जाएं।
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और अपने जन्म कुंडली के बृहस्पति को मज़बूत करने के लिए हर रोज़ गरीब बच्चों और बुजुर्गों को पीली मिठाई दान करें।
भगवान विष्णु के लिए हवन करने के बाद मंदिर के पुजारी को केले दान करें और उन्हें पीले कपड़े भेंट करें।
बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त: विश्वव्यापी प्रभाव
बैंकिंग क्षेत्र, वित्त और अर्थव्यवस्था
स्वतंत्र भारत की कुंडली के अनुसार, बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त दूसरे भाव में होगा और इससे भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचने की संभावना है। बृहस्पति भारत की कुंडली में ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। इसके दूसरे भाव में अस्त होने से देश की आमदनी, वित्तीय स्थिरता और निवेश प्रणाली में कुछ अस्थिरता देखने को मिल सकती है क्योंकि इसकी छठे भाव, आठवें भाव और दसवें भाव पर दृष्टि पड़ रही है।
भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को भी नुकसान हो सकता है और इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। इस दौरान अर्थव्यवस्था के बोझ को महसूस किया जा सकता है। लेकिन जुलाई के आसपास बृहस्पति के अस्त होने के बाद यह फिर से अपनी स्थिति पर नियंत्रण पा लेगा।
खासकर नए स्टार्टअप्स जो अभी अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं, उन्हें फंडिंग की कमी या कैश क्रंच जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि यह प्रभाव अस्थायी होगा। जैसे ही बृहस्पति जुलाई के आसपास पुन: उदित होंगे, स्थिति में सुधार आने लगेगा। तब तक आर्थिक क्षेत्र से जुड़े लोगों और स्टार्टअप्स को सावधानी से योजनाएं बनानी चाहिए, खर्चों पर नियंत्रण रखना चाहिए और बड़े फैसले कुछ समय के लिए टालना चाहिए।
दुनिया में इस समय कुछ प्राकृतिक आपदाएं और मौसम में अचानक बदलाव देखने को मिल सकता है।
कहीं भारी बारिश, तो कहीं सूखा जैसी स्थिति बन सकती है। यह अनिश्चितता खासतौर पर पूर्वोत्तर भारत पूर्वोत्तर एशियाई देशों में ज्यादा महसूस की जाएगी।
बृहस्पति के अस्त होने के कारण कृषि और खाद्य उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। किसानों को फसल से जुड़ी समस्याएं आ सकती हैं।
इस गोचर के दौरान कुछ हिस्सों में भूकंप, सुनामी या अन्य प्राकृतिक आपदाएं आने की संभावना बनी रहती है, जिससे मनुष्यों और जानवरों की जिंदगी पर असर हो सकता है।
इसके साथ ही, खासकर पश्चिमी देशों में खाद्य संकट यानी खाने-पीने की चीजों की कमी भी महसूस हो सकती है, जिससे वहां रहने वालों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो सकती है।
बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त: शेयर बाजार रिपोर्ट
शेयर बाजार की बात करें, तो बृहस्पति एक महत्वपूर्ण ग्रह है क्योंकि यह धन के कारक हैं। 09 जून 2025 को बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त होंगे, ऐसे में शेयर बाजार पर बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा। हालांकि, इस बार शेयर बाजार पर इसका प्रभाव उतना नकारात्मक नहीं रहेगा और इसका कारण है बुध और शुक्र की मजबूत स्थिति।
शेयर बाजार की भविष्यवाणी के अनुसार, जून की शुरुआत में शुक्र और बुध का शेयर बाजार पर तेजी से असर होगा। रिलायंस, मारुति, जियो, सिप्ला, बजाज फाइनेंस, जुबिलेंट फूडवर्क्स, टाटा मोटर्स, कैडबरी, ट्राइडेंट, टाइटन, हीरो मोटोकॉर्प, आईटीसी, विप्रो, ओरिएंट, ओमेक्स, हैवेल्स, जिलेट और आर्केड फार्मा के शेयरों तेज़ी से वृद्धि देखने को मिलेगी।
तीसरे हफ्ते में संक्रांति का प्रभाव बाजार पर हल्का उतार-चढ़ाव लाएगा। पहले थोड़ी गिरावट हो सकती है लेकिन उसके बाद फिर से सुधार होगा।
यदि आप निवेश के लिए सोच रहे हैं, तो यह सबसे अनुकूल समय है। अदानी, टाटा, विप्रो, मारुति, कोलगेट, एचडीएफसी, इमामी, कोटक महिंद्रा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, रत्नाकर बैंक, यस बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में निवेश करने के लिए यह बेहतरीन समय है। शुक्र के प्रभाव से महीने के अंत में बाजार में सकारात्मक उछाल देखने को मिलेगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. बृहस्पति वर्तमान में किस राशि में है?
मिथुन राशि।
2. बुध किस राशि में गोचर कर रहा है?
मिथुन राशि।
3. शुक्र वर्तमान में किस राशि में गोचर कर रहा है?
मीन राशि और यह इसकी उच्च राशि है।
मंगल का सिंह राशि में गोचर, इन राशि वालों के लिए रहेगा मुश्किल, देखें शेयर मार्केट का हाल!
मंगल का सिंह राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं मंगल का सिंह राशि में गोचरसे संबंधित यह खास ब्लॉग। 07 जून, 2025 को मंगल सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि मंगल के इस गोचर का सभी राशियों और देश-दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल को ग्रहों के सेनापति की उपाधि दी गई है। मंगल का यह गोचर अनुकूल रहेगा क्योंकि वह अपनी नीच राशि कर्क से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। इससे मंगल मजबूत हो जाएंगे। मंगल रक्त, मज्जा, युद्ध, विवाद, ऊर्जा, तकनीक और साहस का कारक हैं। इसके अलावा मंगल ग्रह अग्नि तत्व वाला ग्रह है इसलिए जब वह जल तत्व की राशि से अग्नि तत्व की राशि में प्रवेश करेगा, तो उसकी स्थिति मजबूत होगी।
मंगल का सिंह राशि में गोचर: समय
07 जून, 2025 को रात 01 बजकर 33 मिनट पर मंगल सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में मंगल 28 जुलाई, 2025 तक रहेंगे।
मंगल का सिंह राशि में गोचर: विशेषताएं
सिंह राशि के स्वामी ग्रह सूर्य देव हैं जो कि पुरुष तत्व का ग्रह है और यह जातक को पुरुषत्व वाले गुण जैसे कि क्रोध, भारी आवाज़ और प्रभावशाली व्यवहार प्रदान करता है। सिंह राशि और मंगल ग्रह दोनों ही उग्र हैं और पित्त प्रवृत्ति के हैं जिससे बोन मैरो, पाचन, एसिडिटी और बालों के झड़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं दूसरी ओर, अगर यह स्थिति लाभकारी हो, तो जातक की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और वह कभी बीमार नहीं पड़ता है।
सिंह राशि में मंगल अहंकारी और दबंग स्वभाव को दर्शाता है। जिन जातकों की कुंडली में सिंह राशि में मंगल होता है, वे बहुत ज्यादा जोश से भरपूर होते हैं और जीवन में सफलता पाने के लिए दृढ़ निश्चयी होते हैं। चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति हो, ये जातक कभी भी हार नहीं मानते हैं। ये शेर की तरह होते हैं और इनमें योद्धा का गुण होता है। इसके साथ ही ये साहसी होते हैं।
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सिंह राशि में मंगल और केतु की युति: प्रभाव
सिंह राशि में मंगल और केतु की युति से उत्पन्न अस्थिर और उग्र ऊर्जा का असर रिश्तों, धन और महत्वाकांक्षाओं पर पड़ता है। इससे नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह के ही प्रभाव मिलते हैं जैसे कि दृढ़ संकल्प में वृद्धि, साहसी कार्य करना और गलतफहमियों या विवाद की संभावना होना। आध्यात्मिकता और ज्ञान की चाहत एक खतरनाक और जटिल भावना है जो कि मंगल की आक्रामकता और सांसारिक सुख-सुविधाओं और लाभ पाने की इच्छा के विरुद्ध जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मंगल और केतु की युति से तीव्र ऊर्जा पैदा होती है। मंगल और केतु कुंडली में कितने मजबूत हैं, उस पर निर्भर करेगा कि किस हद तक इनका आपके जीवन पर प्रभाव है।
कुंडली में मंगल और केतु की मजबूत युति होने पर व्यक्ति अधिक दृढ़ निश्चयी और भौतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्रिय रहता है। हालांकि, केतु आपको जमीन से जुड़ा रखेगा और आपको अधीर नहीं होने देगा जिससे आप अपने अधिकांश लक्ष्यों को प्राप्त करना नहीं चाहेंगे। मंगल और केतु की युति को पिशाच योग भी कहते हैं । मंगल और केतु के कारण गंभीर समस्याएं और गंभीर व्यवहार सामने आता है। इससे संतान से संबंधित समस्याएं, संतान और निजी जीवन में संतुलन लाने के प्रयासों में दिक्कत आती है। ये अपने करियर को आगे बढ़ाने और पेशेवर जीवन में आने वाली अड़चनों को दूर करने एवं मांग को पूरा करने के लिए प्रयास कर सकते हैं।
मंगल का सिंह राशि में गोचर: इन राशियों को होगा लाभ
मिथुन राशि
इस राशि के तीसरे भाव में मंगल का गोचर होने जा रहा है और मंगल मिथुन राशि के छठे और लाभ भाव के स्वामी हैं। आमतौर पर मंगल का सिंह राशि में गोचर के दौरान तीसरे भाव में आने को अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है। राहु-केतु के प्रभाव के कारण मंगल की ऊर्जा कुछ हद तक असंतुलित रहेगी लेकिन अगर आप अपनी ऊर्जा और कौशल का समझदारी से प्रयोग करते हैं, तो यह गोचर आपके लिए अत्यधिक लाभकारी हो सकता है।
आत्मविश्वास के साथ काम करने से आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। आप अपने प्रतिद्वंदियों से बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे। आपके प्रभाव में वृद्धि होगी। सरकारी प्रशासन से जुड़े क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे और आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। इसके अलावा आपको उनकी ओर से रचनात्मक तरीके से सहयोग मिलने की संभावना है।
तुला राशि के ग्यारहवें भाव में मंगल का गोचर होने जा रहा है जो कि आपके दूसरे और सातवें भाव का स्वामी है। लाभ के भाव में मंगल के गोचर को सकारात्मक परिणाम देने वाला माना जाता है। चूंकि, मंगल आपके धन भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके लाभ भाव में गोचर कर रहे हैं इसलिए आपको इस समय बड़ी वित्तीय सहायता मिलने के योग हैं।
जब सातवें भाव का स्वामी लाभ भाव में गोचर करता है, तो इसका मतलब है कि अब आपको अपनी मेहनत का बेहतर परिणाम प्राप्त होगा जिससे आप अच्छा मुनाफा कमा पाएंगे। स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं में सकारात्मक परिणाम मिलने के आसार हैं। भाई, जमीन और प्रॉपर्टी से संबंधित मामलों में अनुकूलता देखने को मिल सकती है। आप प्रतियोगी परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे।
वृश्चिक राशि के दसवें भाव में मंगल गोचर करने जा रहे हैं। मंगल आपकी राशि के लग्न और छठे भाव के स्वामी हैं। आपके लग्न भाव का स्वामी दसवें भाव में अपनी मित्र राशि में रहेगा। हालांकि, यहां पर मंगल के गोचर को विशेष रूप से अनुकूल नहीं माना जाता है। ऐसे में आपको मंगल से सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
इस समय आपको संयम रखना चाहिए लेकिन आपको सामाजिक परिस्थितियों में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। यदि आप अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विनम्रता से पेश आते हैं, तो आपको उनका सहयोग मिल सकता है लेकिन आपको अपने काम को गंभीरता से लेना होगा। पिता से संबंधित मामलों में सावधानी बरतें और सरकारी प्रशासन से संबंधित प्रोजेक्ट पर व्यवस्थित तरीके से काम करें। यदि आप इन बातों का ध्यान रखते हैं, तो आपको अनुकूल परिणाम मिलने की संभावना है।
धनु राशि के नौवें भाव में मंगल का सिंह राशि में गोचर होने जा रहा है। इस राशि के पांचवे और बारहवें भाव का स्वामी मंगल ग्रह है। भाग्य भाव में मंगल के गोचर को अनुकूल नहीं माना जाता है। इसके परिणामस्वरूप आपको मंगल से ज्यादा अच्छे परिणाम मिलने की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। इसके बावजूद पंचम भाव के स्वामी का नौवें भाव में जाना, संतान और शिक्षा से संबंधित मामलों पर लाभकारी प्रभाव डाल सकता है।
इसके साथ ही बारहवें भाव के स्वामी का नौवें भाव में गोचर करना अन्य चीज़ों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय और लंबी दूरी की यात्रा से संबंधित परिस्थितियों में सकारात्मक परिणाम देने का काम करेगी। हालांकि, आपको अन्य मामलों में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। सरकारी प्रशासन से जुड़े कामों में व्यवस्थित तरीका अपनाएं। आप ऐसा कोई काम न करें, जो आपकी मान्यताओं के ही विरुद्ध हो। इसके अलावा ऐसा कोई भी काम न करें जिससे किसी को ठेस पहुंचने का खतरा हो।
मंगल का सिंह राशि में गोचर: इन राशियों को होगा नुकसान
मेष राशि
मेष राशि के लग्न और आठवें भाव के स्वामी मंगल ग्रह हैं जो कि अब आपके पांचवे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आपके लग्न भाव का स्वामी मंगल हमेशा आपके साथ अच्छा व्यवहार करता है लेकिन पंचम भाव और केतु के साथ युति होने की वजह से मानसिक तनाव हो सकता है। आपको किसी बात से बेचैनी हो सकती है।
कभी-कभी आपको पेट से जुड़ी समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं। मंगल और केतु की युति के कारण आपको अपने छोटे भाई-बहनों के साथ रिश्ते बेहतर करने के लिए थोड़ी अधिक मेहनत करने की जरूरत है। छात्रों को पढ़ाई पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। आपको बहस करने से बचने की सलाह दी जाती है। आप सकारात्मक सोचें और अपने साथी छात्रों के साथ सकारात्मक संबंध बनाए रखें। यदि आप ऐसा करते हैं, तो मंगल का सिंह राशि में गोचर के दौरान आपको सकारात्मक परिणाम मिलने के संकेत हैं।
वृषभ राशि के सातवें और बारहवें भाव के स्वामी मंगल ग्रह हैं जो कि अब आपके चौथे भाव में गोचर करने वाले हैं। ऐसा माना जाता है कि चौथे भाव में मंगल का गोचर अनुकूल परिणाम नहीं देता है। इसके अलावा मंगल पर राहु और केतु जैसे ग्रहों का भी प्रभाव रहेगा। मंगल का सिंह राशि में गोचर प्रतिकूल प्रभाव दे सकता है।
जमीन, बिल्डिंग और वाहन आदि से संबंधित मामलों को लेकर चिंता या परेशानियां हो सकती हैं। अगर आपको पहले से ही छाती या हृदय से जुड़ी कोई समस्या है, तो उसे लेकर आपको अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। आपको पारिवारिक विवाद से भी बचने की सलाह दी जाती है। आप अपने रिश्तेदारों से कोई विवाद न करें। अपनी मां के साथ सकारात्मक संबंध बनाए रखने का प्रयास करें।
कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल को लाभकारी ग्रह माना जाता है। मंगल आपके पांचवे और दसवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ज्योतिषीय भाषा में इसे योगकारक ग्रह कहा जाता है। भले ही आपकी कुंडली में मंगल को सबसे उत्तम ग्रहों में से एक माना जाता हो लेकिन दूसरे भाव में इसका गोचर करना आपके लिए अनुकूल साबित नहीं होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि मंगल पर राहु और केतु का प्रभाव रहेगा जिससे आपको धन और पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा यह कहा जाता है कि मंगल के दूसरे भाव में प्रवेश करने से व्यक्ति को आग और शत्रुओं से डर लग सकता है। ऐसे में जितना हो सके मतभेद उत्पन्न होने से बचने की कोशिश करें। बिजली या आग का काम करने वाले लोग सावधान रहें। अब आपको पहले से ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। आपको अपने खानपान पर नज़र रखनी चाहिए।
आप मंगलवार के दिन 108 बार ‘ॐ कुं कुजाय नमः’ मंत्र का जाप करें।
आप लाल रंग का मूंगा, जैस्पर, हेमेटाइट या तांबा धारण करें। इससे आपकी कुंडली में मंगल मजबूत होगा। इनमें से कोई भी रत्न पहनने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श जरूर कर लें।
मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के लिए आप रक्त दान कर सकते हैं।
मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाएं, हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी को वस्त्र, सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
रोज हल्का व्यायाम करने से आपको मंगल की ऊर्जा को नियंत्रित करने और क्रोध एवं सुस्ती जैसे नकारात्मक लक्षणों को दूर करने में मदद मिल सकती है।
मंगल का सिंह राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव
सरकार और राजनीति
मंगल के अपनी मित्र राशि में गोचर करने से सरकार और उसके कार्यों को सहयोग मिलेगा। इसके अलावा सरकार अपने अधिकार और तर्क को बनाए रखने के लिए थोड़ी उग्र नज़र आ सकती है।
भारतीय सरकार के प्रवक्ता और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अन्य राजनेता सोच-समझकर और व्यवहारिक रूप से योजना बनाकर कार्य करेंगे।
सरकारी अधिकारी जल्दबाज़ी में लेकिन बहुत बुद्धिमानी से अपने कार्यों और योजनाओं का विश्लेषण करते हुए नज़र आएंगे।
सरकार की ओर से भविष्य के लिए आक्रामक योजना देखी जा सकती है।
मंगल का सिंह राशि में गोचर होने के दौरान भारतीय सरकार का काम और नीतियां ज्यादा से ज्यादा लोगों को आकर्षित करने में सक्षम होंगी।
इस समय सरकार बड़ी आक्रामकता के साथ विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोगों को सहायता देने वाली योजनाओं को लागू कर सकती है। इसमें चिकित्सा और मैकेनिक्स शामिल हैं।
देश के नेता आक्रामक लेकिन सोच-समझकर और समझदारी से काम करते हुए नज़र आएंगे।
इंजीनियरिंग और रिसर्च
मंगल का सिंह राशि में गोचर खासतौर पर मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल क्षेत्रों के इंजीनियरों और शोधकर्ताओं के लिए फायदेमंद साबित होगा। इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण शोध किए जा सकते हैं।
मंगल का यह गोचर रिसर्च और डेवलपमेंट क्षेत्र के लिए लाभकारी सिद्ध होगा क्योंकि इन क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों में मंगल की ही तरह दृढ़ता होगी।
रक्षा बल, खेल और अन्य क्षेत्र
मेडिकल क्षेत्र में काम करने वाले लोग इस गोचर के दौरान तरक्की करेंगे।
चिकित्सा और नर्सिंग क्षेत्र में कुछ विकास देखने को मिल सकता है जिससे जनता को लाभ होगा। इस दौरान सर्जन को भी फायदा होने की उम्मीद है।
इस गोचर काल में वकील और न्यायधीश अपने करियर में नई ऊंचाईयां छू सकते हैं।
आईटी और सॉफ्टवेयर उद्योग को भी कुछ हद तक लाभ होने के आसार हैं।
योग सिखाने वाले शिक्षकों, फिजिकल कोच आदि भी इस दौरान प्रगति करेंगे।
मंगल का सिंह राशि में गोचर होने से खिलाड़ी नई ऊंचाईयां छू सकते हैं।
इस समय भारतीय सेना खूब फल-फूलेगी और अपना बेहतरीन प्रदर्शन देते हुए नज़र आएगी।
हथियारों और अन्य नुकीले उपकरणों से जुड़ी रिसर्च में तेजी आएगी और वे सफल हो सकते हैं।
मंगल का सिंह राशि में गोचर: स्टॉक मार्केट रिपोर्ट
अब मंगल सूर्य की राशि सिंह में प्रवेश करने जा रहा है जो कि मंगल ग्रह के लिए मित्र राशि है। शेयर मार्केट भविष्यवाणी 2025 के ज़रिए आप जान सकते हैं कि मंगल का सिंह राशि में गोचर स्टॉक मार्केट को किस तरह से प्रभावित करेगा।
चूंकि, मंगल का सिंह राशि में गोचर हो रहा है, इससे केमिकल फर्टिलाइज़र उद्योग, चाय उद्योग, कॉफी उद्योग, स्टील उद्योग, हिंडाल्को, ऊनी मिलों सहित अन्य उद्योगों को लाभ होने की उम्मीद है।
मंगल के सिंह राशि में प्रवेश करने के दौरान फार्मास्यूटिकल उद्योग अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
सर्जरी के उपकरण बनाने और उनका व्यापार करने वाले उद्योग भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज़, परफ्यूम और कॉस्मेटिक इंडस्ट्रीज़, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, तकनीकी प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में महीने के अंत तक मंदी जारी रह सकती है।
मंगल का सिंह राशि में गोचर: मौसम रिपोर्ट
मंगल के सिंह राशि में प्रवेश करने पर दुनियाभर में मौसम में कुछ अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
विश्व के कुछ हिस्सों खासतौर पर पश्चिमी हिस्से में कम बारिश होने से सूखे की स्थिति बन सकती है।
यूरोप और अमेरिका में लू की वजह से काम और दिनचर्या बाधिक हो सकती है।
कुछ दक्षिण-पूर्वी देशों में प्राकृतिक आपदाएं जैसे कि सुनामी आ सकती है। अन्य देशों में भूस्खलन या सूखा पड़ने की आशंका है।
भारतीय उपमहाद्वीप में भी मानसून की कमी देखी जा सकती है और मौसम में अनिश्चितता देखी जा सकती है।
कई देशों में खाद्यान्न की कमी की वजह से कृषि पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है। इससे कई मौसमी फल और सब्जियों के दाम आसमान छू सकते हैं।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. क्या मंगल और सूर्य के बीच मैत्री संबंध है?
उत्तर. हां, ये दोनों ग्रह एक-दूसरे के मित्र हैं।
प्रश्न 2. मंगल किन राशियों के स्वामी हैं?
उत्तर. मेष और वृश्चिक राशि के।
प्रश्न 3. मंगल किस तत्व का ग्रह है?
उत्तर. मंगल अग्नि तत्व का ग्रह है।
आईपीएल 2025: बैंगलोर बनाम पंजाब – टैरो से जानें, फाइनल की इस जंग में किसे मिलेगी ट्रॉफी?
एस्ट्रोसेज एआई का यह विशेष लेख आपको इंडियन प्रीमियर लीग के फाइनल मैच के लिए टैरो आधारित भविष्यवाणी प्रदान करेगा। साथ ही, आईपीएल 2025 के इस अंतिम और निर्णायक मैच में दोनों टीमों में से किस टीम का पलड़ा भारी रहेगा और कौन सी टीम करेगी आईपीएल ट्रॉफी पर कब्ज़ा, इस बारे में भी हम विस्तार से बात करेंगे। बता दें कि यह विश्लेषण टैरो के विभिन्न पहलुओं और आज खेले जाने वाले मैच की ऊर्जा पर आधारित है।
हमारे पाठकों के लिए यह भविष्यवाणी पूर्ण रूप से ज्योतिषीय दृष्टि से मैच की संभावनाओं की जानकारी प्रदान करने के लिए तैयार की गई है।
आज का मैच बैंगलोर बनाम पंजाब की टीम के बीच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 03 जून 2025 की शाम 07:30 बजे खेला जाएगा।
बैंगलोर बनाम पंजाब फाइनल मैच के लिए टैरो भविष्यवाणी
टीम बैंगलोर
प्राप्त हुए कार्ड: द मैजिशियन, एट ऑफ वैंड्स, फोर ऑफ वैंड्स, किंग ऑफ पेंटाकल्स
बैंगलोर की टीम दमदार खिलाड़ियों से सजी एक मज़बूत टीम है, लेकिन फिर भी यह आईपीएल के एक भी सीजन का ख़िताब अपने नाम नहीं कर पाई है। हालांकि, टीम बैंगलोर इस बार भी आईपीएल के फाइनल में पहुँचने में सफल रही है और सितारे भी इनका साथ दे रहे हैं। साथ ही, टैरो कार्ड्स संकेत कर रहे हैं कि आईपीएल 2025 का ख़िताब टीम बैंगलोर अपने नाम कर सकती है और ऐसे में, इनके आज का फाइनल जीतने की संभावना है।
टीम पंजाब
प्राप्त हुए कार्ड: टेन ऑफ स्वॉर्ड्स, पेज ऑफ स्वॉर्ड्स, ऐस ऑफ कप्स, सेवेन ऑफ स्वॉर्ड्स
आईपीएल 2025 के इस सीजन में पंजाब की टीम का प्रदर्शन शानदार रहा है, लेकिन आज का फाइनल मैच इनके हाथ से निकल सकता है। टीम पंजाब प्लेऑफ मैच में बैंगलोर की टीम से हार गई थी और टैरो कार्ड बता रहे हैं कि पंजाब की टीम अभी भी इस सदमे से बाहर नहीं आ पाई है। ऐसे में, टैरो ऊर्जा पंजाब का साथ देती हुई दिखाई नहीं दे रही है। आईपीएल के इस पूरे सीजन में भले ही पंजाब की टीम बहुत अच्छी खेली है, परंतु वह आज के फाइनल मैच में बैंगलोर की टीम से हार सकती है। इस प्रकार, आज का मैच पंजाब की टीम को अपनी कमियों को जानने और भविष्य में इन गलतियों से सीखते हुए खेल में बेहतर प्रदर्शन करने का मौका देगा।
आज के मैच का नतीजा
टैरो ऊर्जा के अनुसार, आईपीएल 2025 के फाइनल मैच का परिणाम टीम बैंगलोर के पक्ष में जा सकता है क्योंकि भाग्य निश्चित रूप से आज बैंगलोर का साथ देगा। एस्ट्रोसेज एआई दोनों टीमों को आज के मैच के लिए शुभकामनाएं देता है। आशा है कि आईपीएल 2025 का यह फाइनल मैच रोमांचक और खेल भावना से पूर्ण रहेगा।
डिस्क्लेमर: हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि एस्ट्रोसेज एआई द्वारा इस लेख में उपयोग किए गए टीम के नाम, लोगो, मार्क और टेक्स्ट आदि आईपीएल की ही संपत्ति हैं। यहां क्रिकेट से जुड़ी जानकारी और भविष्यवाणी मुख्य रूप से ज्योतिष, शिक्षा और रिसर्च के उद्देश्य से दी गई है। हमारा मकसद किसी भी तरह की अनैतिक और गैर-कानूनी गतिविधियों जैसे कि सट्टेबाजी आदि को बढ़ावा देना नहीं है। कृपया ऐसी गतिविधियों से दूर रहे और नियमों का पालन करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
बुध, सूर्य और बृहस्पति मिलकर बनाएंगे त्रिग्रही योग, इन 6 राशियों की चमकेगी किस्मत!
एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध का मिथुन राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि इस गोचर से कौन से योग का निर्माण हो रहा है और यह योग सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से प्रभाव डालेगा। किन जातकों को इस अवधि शुभ परिणाम प्राप्त होंगे व किन जातकों को अशुभ। इसके अलावा, इस ब्लॉग में सूर्य ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
बुध कन्या और मिथुन राशि के स्वामी हैं। जैसे शुक्र और मंगल ग्रह का असर हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर होता है, वैसे ही बुध भी एक ऐसा ग्रह है जो हर दिन हमारी सोच, बात करने के तरीके और चीज़ों को समझने के अंदाज़ पर असर डालता है। जबकि बाकी दूर के ग्रह जैसे बृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेपच्यून और प्लूटो समाज या दुनिया पर बड़े और लंबे समय तक चलने वाले प्रभाव डालते हैं, वहीं बुध का असर हमारी व्यक्तिगत जिंदगी पर ज्यादा सीधा और तुरंत होता है।
अगर ऐसे में आप ये समझना चाहते हैं कि आप कैसे बात करते हैं, क्या सोचते हैं, आपको किस तरह की बातचीत पसंद है, तो आपके जन्म के समय बुध किस राशि और किस भाव में था, यह जानना बहुत जरूरी होगा।
बुध का मिथुन राशि में गोचर: समय
बुध का मिथुन राशि में गोचर 6 जून की सुबह 09 बजकर 15 मिनट पर होगा। मिथुन राशि बुध की अपनी राशि है, इसलिए यह अधिकांश राशियों के लिए सकारात्मक गोचर साबित होगा। आइए देखें कि इसका क्या प्रभाव होगा।
मिथुन राशि में बुध: विशेषताएं
मिथुन राशि में बुध वाले लोग अपने आकर्षण और जल्दी सीखने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। ये बहुत होशियार होते हैं, पढ़ाई में रुचि रखते हैं और बात करने में भी बड़े माहिर होते हैं। हालांकि, इनका ध्यान अक्सर एक जगह नहीं टिकता क्योंकि ये बार-बार सोच बदलते रहते हैं। इसी वजह से कई बार ये किसी एक काम पर फोकस नहीं कर पाते, लेकिन फिर भी ये जहां भी जाते हैं, लोगों पर अपनी बातों और अंदाज़ से गहरी छाप छोड़ते हैं।
इनके दिमाग में हर वक्त कुछ न कुछ चलता रहता है। इसलिए मिथुन में बुध का एक खास गुण होता है- बार-बार मन बदलना या अस्थिरता। कभी-कभी इन जातकों के बाद जानकारी ज़्यादा होने के कारण भ्रम की स्थिति भी बन सकती है।
अगर आपकी कुंडली में बुध मिथुन में है, तो आप उन क्षेत्रों में अच्छा कर सकते हैं जहां दिमाग़ी काम होता है, जैसे गणित, सांख्यिकी, डेटा एनालिसिस, अर्थशास्त्र, अकाउंटिंग, ज्योतिष, भौतिकी, सूचना तकनीक वगैरह। इसके अलावा, आपकी लिखने और बोलने की कला भी शानदार हो सकती है। पत्रकारिता और कानून जैसे क्षेत्र आपके लिए बहुत अनुकूल साबित हो सकते हैं। कुल मिलाकर, मिथुन में बुध बौद्धिकता और विचारों की शानदार अभिव्यक्ति का प्रतीक है।
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बुध, बृहस्पति और सूर्य की युति से बनेगा त्रिग्रही योग
जब कुंडली में सूर्य, बुध और गुरु की युति हो रही होती है, तो इसे शुभ योग माना जाता है। इन तीनों शुभ ग्रह की युति से त्रिग्रही योग का निर्माण होता है। इस त्रिग्रही योग का असर व्यक्ति के जीवन के कई क्षेत्रों में सकारात्मक रूप में दिखाई देता है। यह योग तेज दिमाग, सौभाग्य और जीवन में सफलता की संभावना बढ़ाता है। हालांकि, यह प्रभाव इस बात पर भी निर्भर करता है कि यह योग किस राशि और किस भाव में बन रहा है।
जिन लोगों की कुंडली में सूर्य, बुध और गुरु एक ही स्थान पर होते हैं, वे आमतौर पर कला, लेखन, मूर्तिकला और संचार जैसे क्षेत्रों में प्रसिद्धि पा सकते हैं। ऐसे व्यक्ति अक्सर आरामदायक और विलासितापूर्ण जीवन जीते हैं। ये बुद्धिमान, समझदार और हाजिरजवाब होते हैं।
इनका स्वभाव दूसरों के प्रति दयालु होता है और ये जरूरतमंदों की मदद करने से पीछे नहीं हटते। इनकी बुद्धि तेज होती है और ये ज्ञान से भरपूर होते हैं। इन्हें अपने जीवनसाथी से गहरा लगाव होता है। हालांकि, जीवन के अंतिम पड़ाव में इन्हें कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है और दूसरों पर निर्भर रहना पड़ सकता है। फिर भी, इनके बच्चे आमतौर पर सुखी और समृद्ध जीवन जीते हैं।
बुध का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और यह दूसरे भाव में गोचर करेगा। बुध का दूसरे भाव में आपके लिए अनुकूल परिणाम लेकर आएगा। इसके अलावा, क्योंकि बुध अपनी ही राशि में है, इसलिए यह आमतौर पर आपके पक्ष में परिणाम देगा।
इस समय आप अपने बजट और सुविधा के अनुसार आभूषण, कपड़े या अन्य ज़रूरी चीज़ें खरीद सकते हैं। छात्रों के लिए यह समय खासतौर पर अच्छा रहेगा। पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, और भाषण या संवाद से जुड़ी गतिविधियों में तो और भी ज्यादा प्रभाव डाल सकते हैं। आपकी वाणी में मिठास और प्रभाव दोनों होंगे, जिससे लोग आपके बोलने के तरीके से काफी प्रभावित हो सकते हैं।
मिथुन राशि वालों के लिए बुध आपके लग्न भाव और चौथे भाव के स्वामी हैं और यह गोचर आपके पहले भाव में होगा। अभी बुध अपनी ही राशि यानी मिथुन में है और उस पर गुरु की दृष्टि भी है, जिससे इसका प्रभाव थोड़ा संतुलित हो जाएगा। सामान्यतः बुध का पहले भाव में गोचर बहुत अनुकूल नहीं माना जाता, लेकिन गुरु की शुभ दृष्टि इसे बेहतर बना सकती है।
इस समय बुध आपको कुछ तीखा या व्यंग्यात्मक बोलने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे रिश्तों में खटास आ सकती है। लेकिन यदि आप अपनी वाणी में संयम रखें तो आप इस प्रभाव से बच सकते हैं। साथ ही, यह भी माना जाता है कि बुध पहले भाव में आर्थिक नुकसान देता है, लेकिन इस दौरान आपकी समझदारी और विवेक आपको फिजूलखर्ची से बचाएगा और आप अपने वित्त को संतुलित रख पाएंगे।
बुध का यह गोचर कभी-कभी पारिवारिक रिश्तों में दूरी या कटुता ला सकता है, लेकिन गुरु की सकारात्मक ऊर्जा आपको आत्म-जागरूक बनाएगी जिससे आप ऐसा कोई व्यवहार नहीं करेंगे। कहने का मतलब यह है कि भले ही यह गोचर थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो, पर यदि आप सोच-समझकर और शांति से व्यवहार करें तो इसका परिणाम आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा। चूंकि बुध अपनी ही राशि मिथुन में है और साथ ही पंचम भाव के स्वामी बृहस्पति के साथ स्थित है, इसलिए यह गोचर आपके लिए बहुत ही शुभ संकेत लेकर आया है।
इस समय आप हर काम को चतुराई और समझदारी से करेंगे, जिससे आय बढ़ने के अच्छे योग बनेंगे। जो लोग व्यापार में हैं, उनके लिए यह समय खासतौर पर लाभकारी साबित हो सकता है। सेहत भी इस दौरान अच्छी बनी रहेगी। आपके मित्र, भाई-बहन भी इस समय आपको पूरा सहयोग देंगे। साथ ही, संतान, प्रेम-संबंध और मित्रों से जुड़ी बातों में भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। कुल मिलाकर, बुध का यह गोचर आपकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा और आपको मानसिक संतोष भी देगा।
कन्या राशि
बुध आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म भाव के भी स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में यह आपके दसवें भाव में गोचर कर रहे हैं। बुध का दसवें भाव में गोचर आपको सकारात्मक परिणाम प्रदान करेगा। बुध अपनी राशि में भी विराजमान रहेगा इसलिए यह गोचर आपके लिए बहुत शुभ माना जा रहा है, खासकर करियर और सामाजिक पहचान के मामले में।
इस दौरान आप अपने काम को बहुत सटीकता और चतुराई से अंजाम देंगे। नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन या पहचान मिलने की संभावना है, जबकि जो लोग व्यापार में हैं, वे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। समाज में आपकी प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी और आप अपने विरोधियों से एक कदम आगे रहेंगे। यह समय आपके लिए तरक्की, नाम और सम्मान पाने का है। बुध का यह गोचर न केवल आर्थिक रूप से बल्कि करियर और सामाजिक जीवन में भी आपको सफलता दिलाएगा। इसके अलावा, आप अपने प्रतिद्वंद्वियों से बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे। बुध आपको व्यवसाय और कार्यक्षेत्र में धन कमाने के साथ-साथ सफलता और प्रसिद्धि दिलाने में भी मदद करेगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध इस समय आपके आठवें भाव में गोचर कर रहा है, बुध आपकी कुंडली में आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। आठवें भाव में बुध का गोचर अनुकूल परिणाम लेकर आता है, हालांकि अधिकांश ग्रहों का आठवें भाव में गोचर अक्सर अनुकूल नहीं माना जाता है। इसके अतिरिक्त, बुध आठवें भाव में अपनी ही राशि में रहेगा, जहां वह आपके लाभ भाव के स्वामी है। आपको अप्रत्याशित वित्तीय लाभ मिल सकता है। काम के क्षेत्र में भी कोई आश्चर्यजनक सफलता मिल सकती है। हालांकि, आपको अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना जरूरी होगा, क्योंकि शनि का प्रभाव भी बोलने के स्थान पर पड़ सकता है। साथ ही, बुध और बृहस्पति का संयोग आपको अपनी बातों पर नियंत्रण रखने में मदद करेगा, लेकिन फिर भी आपको विनम्र और सकारात्मक भाषा का उपयोग करना चाहिए।
सामाजिक गतिविधियों में भाग लेकर आप दूसरों से सम्मान भी प्राप्त कर सकते हैं। कुल मिलाकर, यह समय आपको उम्मीद से ज्यादा लाभ और सफलता दिलाने वाला साबित हो सकता है, लेकिन अपनी वाणी पर ध्यान रखना जरूरी होगा।
मकर राशि
मकर राशि वालों, आपकी कुंडली के अनुसार बुध छठे और धन भाव के स्वामी हैं। इस समय बुध मिथुन राशि में आपके छठे भाव में गोचर करेंगे। छठे भाव में बुध का गोचर आमतौर पर लाभकारी माना जाता है। जब बुध अपनी राशि में छठे भाव में होता है, तो यह बहुत सकारात्मक परिणाम प्रदान करता। मिथुन राशि में बुध का यह गोचर आपको आर्थिक जीवन में बेहतरीन परिणाम प्रदान करेगा।
हालांकि बारहवें भाव के स्वामी बृहस्पति के साथ युति के कारण कुछ खर्च होने की संभावना है, लेकिन वे व्यर्थ की वस्तुओं के बजाय सार्थक हो सकते हैं। बृहस्पति और बुध दोनों का आपके दूसरे भाव पर प्रभाव होगा, इसलिए आपको केवल उन चीजों पर पैसा खर्च करना चाहिए जो उपयोगी होंगी। कुल मिलाकर स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आप प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह बुध गोचर आपको अधिक सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाने में मदद करेगा। इसके अतिरिक्त, यदि आप लेखन, कला या साहित्य से जुड़े हैं, तो इस गोचर के दौरान आपका काम प्रसिद्ध हो सकता है, या आप कोई अद्भुत कृति तैयार कर सकते हैं। कुल मिलाकर, यह गोचर आपको सम्मान, स्वास्थ्य, और वित्तीय लाभ दे सकता है।
बुध का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
कर्क राशि
आपकी कुंडली में बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि में बुध का गोचर आपके बारहवें भाव में होगा। बारहवें भाव में बुध का गोचर सामान्यतः शुभ परिणाम नहीं देता है, और यह स्थिति आमतौर पर नकारात्मक मानी जाती है। बारहवां भाव यदि मजबूत हो, तो यह भी एक बुरी स्थिति हो सकती है।
इस गोचर के दौरान, यह अनावश्यक खर्चों को बढ़ा सकता है और आपको वित्तीय नुकसान हो सकता है। बुध का बारहवें घर में गोचर मानसिक और शारीरिक तनाव भी पैदा कर सकता है। इस समय, महिलाओं से संबंधित समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
यदि आपकी जन्म कुंडली में बुध अच्छी स्थिति में है, तो आप अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन यदि बुध की स्थिति नकारात्मक है, तो आपको मानसिक और शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस समय आपको अत्यधिक खर्चों से बचने और मानसिक शांति बनाए रखने की आवश्यकता है।
बुध का मिथुन राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव
सरकार और राजनीति
बुध के मिथुन राशि में गोचर के दौरान सरकार को देश के अलग-अलग हिस्सों में व्यापार, बैंकिंग और दूसरे आर्थिक क्षेत्रों को सपोर्ट करते हुए विभिन्न सुधारों और योजनाओं के जरिए देखा जा सकता है।
इस दौरान बड़े नेता और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग जिम्मेदार बयान देते हुए नजर आ सकते हैं, और लोगों से जुड़ने की कोशिश कर सकते हैं, उनकी बातें सुनने का भी मौका मिल सकता है।
व्यापार, कृषि और अन्य क्षेत्र
बुध के मिथुन राशि में गोचर के दौरान व्यापार और कारोबार का विस्तार हो सकता है, और इस अवधि में कई व्यापारों को लाभ भी हो सकता है।
सार्वजनिक क्षेत्र, फार्मा क्षेत्र और कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर उद्योग इस गोचर के दौरान शांतिपूर्ण और सुकून भरे समय का अनुभव कर सकते हैं।
यातायात, हस्तशिल्प, हथकरघा जैसे क्षेत्रों में भी इस दौरान अच्छा प्रदर्शन देखने को मिल सकता है।
भारत में कृषि क्षेत्र, पशुपालन आदि की मांग में वृद्धि हो सकती है।
स्टॉक मार्केट और सट्टा बाजारों में भी इस अवधि में स्थिरता देखने को मिल सकती है।
भारत में लोग इस समय अधिक धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोग इस अवधि में विभिन्न तरीकों से लाभ उठा सकते हैं।
बुध का मिथुन राशि में गोचर: शेयर बाजार की भविष्यवाणी
बुध व्यापार का ‘कारक’ ग्रह है, और इसका प्रभाव स्टॉक मार्केट पर निश्चित रूप से पड़ता है। बुध के गोचर का स्टॉक मार्केट पर बड़ा असर पड़ता है, और प्रत्येक गोचर के दौरान विभिन्न कंपनियों के शेयरों की लाभप्रदता पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है।
एस्ट्रोसेज एआई के पास आपके संदर्भ के लिए एक शेयर बाजार भविष्यवाणी रिपोर्ट भी तैयार है। अब हम यह देखेंगे कि यह बुध का मिथुन राशि में गोचर स्टॉक मार्केट पर किस तरह प्रभाव डालेगा।
बुध के इस गोचर के दौरान फार्मा सेक्टर, पब्लिक सेक्टर और आईटी इंडस्ट्रीज अच्छे गति से बढ़ेंगी और इनमें स्थिरता आएगी।
बैंकिंग सेक्टर, जो लंबे समय से समस्याओं का सामना कर रहा था, इस महीने में आवश्यक स्थिरता अनुभव करेगा।
महीने के अंतिम सप्ताह के दौरान रबड़, तंबाकू और खाद्य तेल इंडस्ट्रीज के लिए कुछ बेहतर संभावनाएं देखने को मिल सकती हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. बुध कितनी राशियों पर शासन करता है?
मिथुन और कन्या
2. सिंह राशि बुध के लिए एक अनुकूल राशि है?
हाँ, यह बुध के लिए एक अनुकूल राशि है
3. सिंह राशि का शासक कौन है?
सूर्य
जून के इस सप्ताह में होगा दो बड़े ग्रहों का गोचर, किन राशियों के जीवन में आएगा बदलाव? जानें!
साप्ताहिक राशिफल का यह ख़ास ब्लॉग हर बार की तरह एस्ट्रोसेज एआई अपने पाठकों के लिए लेकर हाज़िर है जिसके माध्यम से आप जून 2025 के पहले सप्ताह की समस्त जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस लेख के माध्यम से आप आने वाले अगले सात दिनों का पूरा हाल जान सकते हैं। साथ ही, इस सप्ताह को लेकर आपके मन में उठने वाली जिज्ञासाओं को शांत करेंगे जैसे कि करियर और व्यापार में क्या होगा लाभ या झेलना होगा नुकसान? प्रेम जीवन में आएगी बहार या साथी से होगी तकरार? स्वास्थ्य में कैसे मिलेंगे आपको परिणाम? आर्थिक समस्याएं होंगी दूर या करना पड़ना संघर्ष? इन सभी सवालों का जवाब आपको हमारे साप्ताहिक राशिफल के इस विशेष लेख में मिलेगा।
हमारा यह ब्लॉग एस्ट्रोसेज एआई के विद्वान ज्योतिषियों द्वारा ग्रहों एवं नक्षत्रों की गणना के आधार पर तैयार किया गया है जो कि पूर्ण रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित है। इस लेख में आपको जून 2025 के पहले सप्ताह में पड़ने वाले व्रत-त्योहारों और ग्रहण-गोचर की जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही, इस हफ़्ते में आने वाले मशहूर हस्तियों के जन्मदिन के बारे में भी आपको बताएंगे। तो आइए बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस सप्ताह का पूरा हाल।
इस सप्ताह का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू कैलेंडर की गणना
हिंदू पंचांग के अनुसार, जून 2025 का यह पहला सप्ताह मघा नक्षत्र के अंतर्गत शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि यानी कि 02 जून 2025 को शुरू होगा। वहीं, इस हफ़्ते का समापन विशाखा नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि अर्थात 08 जून 2025 पर हो जाएगा। जून के इस सप्ताह का धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी विशेष महत्व रहेगा क्योंकि इस दौरान कई व्रत-त्योहार भी मनाए जाएंगे और ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन भी होगा। चलिए अब नज़र डालते हैं इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत-त्योहारों पर।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहार
साप्ताहिक राशिफल ब्लॉग के इस विशेष सेक्शन को ख़ासतौर पर उन लोगों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है जिन्हें अपनी भागदौड़ भरी ज़िन्दगी की वजह से अक्सर प्रमुख व्रत एवं त्योहार की तिथियां याद नहीं रह पाती हैं। ऐसे में, आपके साथ भविष्य में ऐसा न हो इसलिए हम आपको यहां पर 02 जून 2025 से लेकर 08 जून 2025 के दौरान पड़ने वाले व्रत-पर्वों की सही तिथियां प्रदान कर रहे हैं। तो आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस सप्ताह कब-कौन सा त्योहार मनाया जाएगा।
निर्जला एकादशी (06 जून 2025, शुक्रवार): एक वर्ष में कुल 24 एकादशी तिथियां होती हैं और इनमे से निर्जला एकादशी को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाबली भीम ने महर्षि वेदव्यास के कहने पर निर्जला एकादशी का व्रत किया था इसलिए यह भीमसेन एकादशी के नाम से भी जानी जाती है। निर्जला एकादशी व्रत की गिनती वर्ष के सबसे कठोर व्रतों में होती है क्योंकि यह व्रत सूर्योदय से लेकर अगले दिन द्वादशी तिथि के सूर्योदय तक बिना जल पिए किया जाता है। कहते हैं कि निर्जला एकादशी व्रत करने से जातक को साल भर की सभी एकादशियों के समान पुण्य प्राप्त होता है।
प्रदोष व्रत (शुक्ल) (08 जून 2025, रविवार): हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार का अपना धार्मिक महत्व होता है जो बेहद आस्था और श्रद्धाभाव से मनाए जाते हैं। इसी प्रकार, प्रदोष व्रत को भी हर माह भक्ति भाव से किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। बता दें कि सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष, मंगलवार पर पड़ने वाले व्रत को भौम प्रदोष और शनिवार के दिन पड़ने वाले व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है।
हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन में खुशियाँ और आशा की नई किरण लेकर आयेंगे।
इस सप्ताह में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर
वैदिक ज्योतिष में हर ग्रह को विशेष दर्जा प्राप्त है जो एक निश्चित समय पर अपनी चाल, दशा या राशि में बदलाव करते हैं। जब यह एक राशि से दूसरी राशि में जाते हैं, तो इसे गोचर कहते हैं और इन्हें महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी प्रकार, ज्योतिष में ग्रहण को अशुभ घटना माना गया है, लेकिन यह बड़ी घटना होती है जिसका प्रभाव मनुष्य जीवन के साथ-साथ सभी राशियों और देश-दुनिया पर पड़ता है। ऐसे में, ग्रहण और गोचर की जानकारी होना आवश्यक हो जाता है इसलिए यहाँ हम आपको जून के इस सप्ताह में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर की तिथियां आपको प्रदान कर रहे हैं।
बुध का मिथुन राशि में गोचर (06 जून 2025): वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध महाराज 06 जून 2025 की सुबह 09 बजकर 15 मिनट पर अपनी ही राशि मिथुन में प्रवेश कर जाएंगे जिसका प्रभाव सभी राशियों पर नज़र आ सकता है।
मंगल का सिंह राशि में गोचर (07 जून 2025): युद्ध, साहस और पराक्रम के कारक ग्रह के रूप में मंगल महाराज 07 जून 2025 की रात 01 बजकर 33 मिनट पर सूर्य देव की राशि सिंह में प्रवेश करने जा रहे हैं।
नोट: बात करें इस सप्ताह के ग्रहण की तो, जून 2025 के इस हफ़्ते में कोई ग्रहण नहीं लगने जा रहा है।
अगर आपको बैंक से जुड़े कामों की वजह से बैंक जाना पड़ता है, तो यहाँ हम आपको 02 जून से 08 जून 2025 के दौरान आने वाले बैंक अवकाशों की सही तिथियां बताने जा रहे हैं ताकि आपका कोई काम बैंक अवकाश के कारण अटक न जाए।
तिथि
दिन
पर्व
राज्य
7 जून 2025
शनिवार
ईद-उल-अधा (बकरीद)
सभी राज्य सिवाय अरुणाचल प्रदेश , चंडीगढ़, दादर और नागर हवेली,दमन और दिउ और सिक्किम
अगर आप जून के इस पहले सप्ताह में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त की तलाश कर रहे हैं, लेकिन आपको कोई मुहूर्त नहीं मिल रहा है, तो चिंता न करें, नीचे हम आपको जून 2025 के इस सप्ताह के विवाह मुहूर्त की सूची देने जा रहे हैं।
दिनांक एवं दिन
नक्षत्र
तिथि
मुहूर्त का समय
02 जून 2025, सोमवार
माघ
सप्तमी
सुबह 08 बजकर 20 मिनट से रात 08 बजकर 34 मिनट तक
03 जून 2025, मंगलवार
उत्तराफाल्गुनी
नवमी
रात 12 बजकर 58 मिनट से सुबह 05 बजकर 44 मिनट तक
04 जून 2025, बुधवार
उत्तराफाल्गुनी व हस्त
नवमी, दशमी
सुबह 05 बजकर 44 मिनट से सुबह 05 बजकर 44 मिनट तक
05 जून 2025, गुरुवार
हस्त
दशमी
सुबह 05 बजकर 18 मिनट से सुबह 09 बजकर 14 मिनट तक
07 जून 2025, शनिवार
स्वाति
द्वादशी
सुबह 09 बजकर 40 मिनट से सुबह 11 बजकर 18 मिनट तक
08 जून 2025, रविवार
विशाखा, स्वाति
त्रयोदशी
दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक
इस सप्ताह (02 से 08 जून, 2025) के नामकरण मुहूर्त
जो माता-पिता अपने शिशु का नामकरण संस्कार जून 2025 के पहले सप्ताह में करने के बारे में सोच रहे हैं, उनको हम नीचे इस सप्ताह के नामकरण मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं:
तिथि
मुहूर्त
05 जून 2025, गुरुवार
05:22:57 से 29:22:57
06 जून 2025, शुक्रवार
05:22:48 से 29:22:48
08 जून 2025, रविवार
05:22:39 से 12:42:48
इस सप्ताह (02 से 08 जून, 2025) के अन्नप्राशन मुहूर्त
जून के इस पहले सप्ताह में अन्नप्राशन संस्कार के लिए केवल एक मुहूर्त ही उपलब्ध है।
तिथि
मुहूर्त
5 जून 2025
08:51-15:45 18:04-22:27
इस सप्ताह में जन्मे मशहूर सितारे
02 जून 2025: हरिशंकर रेड्डी, स्टीव स्मिथ, फिल हेंडरसन
03 जून 2025: रणदीप सुरजेवाला, सैम करन, मारीओ गोत्ज़े
04 जून 2025: अशोक सराफ, जेस एबॉट, एंजेलीना जोली
05 जून 2025: रंभा, लव सिन्हा, अमित साध
06 जून 2025: नेहा कक्कर, डॉ. एच नरसिम्हा, अकेन यामागुची
07 जून 2025: सुधीर चौधरी, एकता कपूर, एमी चाइल्ड्स
08 जून 2025: शिल्पा शेट्टी, रणदीप राय, आतिशी मर्लेना
एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं।
साप्ताहिक राशिफल 02 जून से 08 जून, 2025
यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें: चंद्र राशि कैलकुलेटर
मेष साप्ताहिक राशिफल
इस समय आपको अपने घर के किसी सदस्य की बिगड़ती तबियत में सुधार देखकर, खुद भी…..(विस्तार से पढ़ें)
मेष प्रेम राशिफल
प्रेम राशिफल के अनुसार इस सप्ताह का समय, आपके प्रेम विवाह के योग बनाएगा। जिसके….(विस्तार से पढ़ें)
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इस सप्ताह आपके स्वास्थ्य राशिफल को देखें तो, आपका स्वास्थ्य बेहतरीन रहेगा। जिसके….(विस्तार से पढ़ें)
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प्यार के मामले में आपका ज़रूरत से ज्यादा उत्साहित होकर कोई भी फैसला लेना….(विस्तार से पढ़ें)
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इस सप्ताह आप अपने प्रेमी को, अपने दोस्तों या करीबियों से मिलवाने का फैसला……(विस्तार से पढ़ें)
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इस सप्ताह आपके ऊपर कुछ अधिक, भावुक मिज़ाज छाया रहेगा। जिसके कारण….(विस्तार से पढ़ें)
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पूर्व के दिनों में प्रेम जीवन में आ रही आपकी हर परेशानी, इस सप्ताह आप अपनी….(विस्तार से पढ़ें)
तुला साप्ताहिक राशिफल
हमारी सेहत ही जीवन की असली पूँजी है, इस बात को आप इस सप्ताह अपने जीवन में…..(विस्तार से पढ़ें)
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इस सप्ताह आपका प्रेमी आपके समक्ष विवाह को लेकर, कोई गंभीर बात कर सकता…..(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह आपको अपनी दृष्टि में सकारात्मकता लेते हुए, जो धुंध आपके चारों तरफ़…..(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक प्रेम राशिफल
इस सप्ताह आपको अपने प्रियतम पर शक न करते हुए, उनपर अपना विश्वास …..(विस्तार से पढ़ें)
धनु साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह आपके ऊपर काम का अतिरिक्त बोझ, आपकी सेहत को बाधित कर सकता…..(विस्तार से पढ़ें)
धनु प्रेम राशिफल
प्रेमी जातकों की अगर बात करें तो, इस सप्ताह उनके प्रेम जीवन में…..(विस्तार से पढ़ें)
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. जून 2025 में बुध का गोचर कब होगा?
जून माह में बुध का मिथुन राशि में गोचर 06 जून 2025 को होगा।
2. साल 2025 में निर्जला एकादशी कब है?
वर्ष 2025 में निर्जला एकादशी का व्रत 06 जून, शुक्रवार को किया जेगा।
3. जून 2025 के पहले सप्ताह में कितने बैंक अवकाश हैं?
इस माह के पहले हफ़्ते में 2 बैंक अवकाश हैं।
साप्ताहिक अंक फल (01 जून से 07 जून, 2025): जानें इस सप्ताह किन जातकों को रहना होगा सावधान!
कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)?
अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा।
इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (01 जून से 07 जून, 2025)
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं।
जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मूलांक 1
यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19 या फिर 28 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 1 होगा। इस सप्ताह विशेष की बात की जाए तो यह सप्ताह आपके लिए मिले-जुले परिणाम दे सकता है। कभी-कभी परिणाम औसत से कुछ हद तक कमजोर भी रह सकते हैं। हो सकता है कि इस सप्ताह में कुछ ऐसे घटनाक्रम हों जो आपको पसंद न आएं अथवा किसी ऐसे व्यक्ति के साथ भी काम करना पड़ सकता है या उसके अंडर में रहकर काम करना पड़ सकता है; जिससे आपकी विचारधारा मेल न खाती हो।
ऐसे में समझदारी तो इसी में रहेगी कि माहौल के अनुरूप स्वयं को व्यवस्थित करने की कोशिश करें और अपने हिस्से का काम पूरी ईमानदारी के साथ संपन्न करें, बिना इस मोह के की लोग आपको इस काम का धन्यवाद देंगे या नहीं देंगे। आपको तो बस अपनी जिम्मेदारियां का निष्ठा पूर्वक निर्वहन करने की जरूरत रहेगी। ऐसा करके आप नकारात्मकता को रोक सकेंगे और आने वाले समय में इसका लाभ भी ले सकेंगे। आर्थिक मामलों के लिए यह सप्ताह सामान्य तौर पर अच्छा रह सकता है। व्यापार व्यवसाय में धीमी गति से ही सही उन्नति मिलने की संभावनाएं बन रही हैं। दीन हीन एवं गरीबों के विरुद्ध कोई भी काम नहीं करना है, बल्कि यथा संभव उनकी मदद और सहयोग करने की आवश्यकता भी रहेगी। इस तरह के प्रयासों से आप नकारात्मकता को रोकने में कामयाब हो सकेंगे।
उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में किसी जरूरतमंद को भोजन करवाना शुभ रहेगा।
मूलांक 2
यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20 या फिर 29 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 2 होगा। ऐसे में सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपके लिए थोड़ा सा कठिनाई भरा रह सकता है। इस कठिनाई के पीछे भावनात्मक असंतुलन का हाथ भी हो सकता है। बेहतर होगा इस सप्ताह में स्वयं को आवेश में आने से रोकें। स्वयं पर संयम बनाए रखें। साथ ही साथ आत्मनिर्भर भी बने रहें। किसी और के भरोसे रहेंगे और वह आपके भरोसे पर खरा नहीं उतरेगा तो आपको दुख होगा और आप भावनात्मक रूप से असंतुलित हो सकते हैं। क्योंकि इस सप्ताह आपमें अच्छी खासी ऊर्जा रहेगी। बस उसे संतुलित करने की जरूरत रहेगी। ऐसा करके आप अपने कामों को कंप्लीट कर सकेंगे और अच्छे परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे।
अतः किसी और की बजाय खुद पर भरोसा बनाएं और आगे बढ़ें, आपका काम भी पूरा होगा और आपका दिल भी नहीं दुखेगा। भाई बंधु और मित्रों से प्रेम बना रहे ऐसी कोशिश भी करते रहें। जमीन जायदाद इत्यादि से संबंधित मामलों में नए सिरे से हाथ डालना ठीक नहीं रहेगा। आग या बिजली से संबंधित काम करने वाले लोगों को इस सप्ताह सावधानी पूर्वक काम करने की जरूरत रहेगी।
उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में हनुमान जी के मंदिर में लाल फल चढ़ाना शुभ रहेगा।
मूलांक 3
यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21 या फिर 30 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 3 होगा। ऐसे में सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपको मिले जुले परिणाम दे सकता है। परिणाम एवरेज से बेहतर भी रह सकते हैं। आपके अनुभव को इस सप्ताह एक नई ऊर्जा मिल सकती है। आप किसी नई योजना पर काम करने का विचार भी बना सकते हैं। पिता से संबंधित मामलों में सामान्य तौर पर आपको औसत परिणाम तो मिल ही जाएंगे; थोड़ी सी अधिक मेहनत करने पर परिणाम और भी अच्छे हो सकेंगे। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में किसी मध्यस्थ के सहयोग से बेहतर परिणाम मिल सकेंगे लेकिन इन मामलों में किसी भी प्रकार के लापरवाही नहीं बरतनी है।
धर्म कर्म के लिए यह सप्ताह सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम दे सकता है। किसी धार्मिक यात्रा पर जाने की इच्छा भी हो सकती है। घर परिवार या किसी रिश्तेदार के यहां कोई धार्मिक आयोजन भी हो सकता है। इस सप्ताह किसी स्त्री से विवाद न होने पाए इस बात का ख्याल रखना भी जरूरी रहेगा। दिखावे के लिए धन खर्च करने से बचना भी समझदारी का काम होगा। अर्थात दूसरों को इंप्रेस करने के लिए अपनी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने से बचना समझदारी का काम होगा।
उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में मंदिर में साबुत गेहूं दान करना शुभ रहेगा।
मूलांक 4
यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 14, 22 या फिर 31 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 4 होगा। ऐसे में सामान्य तौर पर यह सप्ताह औसत लेवल के परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। हालांकि कुछ मामलों में कुछ कठिनाइयां भी रह सकती हैं। जैसे कि शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में कुछ कठिनाइयां रह सकती हैं अथवा कुछ विलंब देखने को मिल सकता है। किसी स्त्री आदि से संबंधित मामले में भी ऐसी ही स्थितियां देखने को मिल सकती हैं लेकिन अंततः परिणाम आपके फेवर में आने की अच्छी उम्मीदें हैं। आप पहले से चल रहे अपने काम को और अधिक गति दे सकेंगे।
रिश्ते नाते निभाने के लिए यह सप्ताह काफी अच्छा रहेगा। विशेषकर माता के साथ संबंध और अच्छे हो सकेंगे। प्रेम प्रसंग आदि के लिए भी यह सप्ताह अनुकूल परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। यदि आपका काम साझेदारी का है और आप स्वयं को गलतफहमी से बचाते हैं तो इस सप्ताह काफी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। धैर्य का साथ पकड़ लेने की स्थिति में अर्थात धैर्य पूर्वक काम करने की स्थिति में परिणाम और भी अच्छे हो सकेंगे।
उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में सोमवार या शुक्रवार के दिन शिवलिंग पर दूध चढ़ाना शुभ रहेगा।
यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14 या फिर 23 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 5 होगा। सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपको बेहतर परिणाम दे सकता है। या यूं कहें कि काफी हद तक अनुकूल परिणाम दे सकता है। आप संतुलन बिठाकर चलने वाले व्यक्ति हैं और इस सप्ताह आपको कुछ अनुभवी लोगों का साथ मिल सकता है। यही कारण है कि आपकी योजनाओं में बहुत कम गलतियां होंगी या फिर गलतियां नहीं होंगी। परिणाम स्वरूप आप विभिन्न मामलों में अच्छी उपलब्धियां हासिल कर सकेंगे। सामाजिक कामों में भाग लेने के लिए यह सप्ताह काफी अच्छा कहा जाएगा।
बात परोपकार की हो या फिर धर्म कर्म से संबंधित; आप सभी मामलों में दिल से जुड़ेंगे और उसके सकारात्मक परिणाम भी आपको देखने को मिलेंगे। लोग आपके प्रयासों की सराहना करेंगे। क्रिएटिव कामों के लिए भी यह सप्ताह बहुत अच्छा कहा जाएगा। एजुकेशन मैनेजमेंट या फिर बैंकिंग सेक्टर से जुड़े हुए लोग और अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। मित्रता निभाने की बात हो या फिर नए मित्र बनाने की बात; इन मामलों में भी या सप्ताह आपको अच्छे परिणाम दे सकता है।
उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में अपने शिक्षक या गुरु जी से मिलकर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
मूलांक 6
यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15 या फिर 24 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 6 होगा। और मूलांक 6 के लिए यह सप्ताह मिले-जुले परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। अर्थात किसी बड़ी नकारात्मकता की संभावना नहीं है। साथ ही साथ अंकों का ऐसा सहयोग भी नहीं मिलेगा कि थोड़े से प्रयास से बड़े काम कंप्लीट हो जाएं। परिणाम वैसे ही मिलेंगे जैसी आपकी कोशिश रहेगी। बल्कि यह भी हो सकता है की थोड़ी सी एक्स्ट्रा कोशिश भी करनी पड़ जाए। अर्थात जिस काम को कंप्लीट होने में जितना समय लगा करता था उससे थोड़ा सा एक्स्ट्रा समय और एक्स्ट्रा समर्पण आपको अच्छे परिणाम दिलाएगा।
इस समय अवधि में स्वयं को अनुशासित रखना भी जरूरी रहेगा। बेहतर होगा खयालों की बजाय तथ्यों पर यकीन बनाए रखें। किसी के प्रलोभन में न आएं और तथ्यहीन बातों पर यकीन न करें। ऐसा करने की स्थिति में आप अपना नुकसान होने से बचा सकेंगे और मेहनत करके संतोषप्रद परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। हालांकि इंटरनेट इत्यादि से जुड़ा काम करने वाले लोग अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
आधुनिक समय में क्रिएटर या डिजिटल क्रिएटर के रूप में काम करने वाले लोग या उनका काम इस सप्ताह वायरल हो सकता है लेकिन जो लोग इस तरह के कामों से दूर रहते हैं उन्हें सावधानीपूर्वक निर्वाह करने की जरूरत रहेगी। जैसे कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी है और कहीं से भी नैतिकता के परे कम कर रहा है तो लोग उसे वायरल कर सकते हैं। अर्थात यह समय अवधि प्रसिद्ध या बदनामी दोनों तरह के परिणाम दे सकती है। जैसे आपके काम होंगे वैसे आपको परिणाम मिलेंगे। अत: इस समय अवधि में सावधानी पूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा।
उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में बहते हुए शुद्ध जल में जटा वाले चार नारियल बहाना शुभ रहेगा।
यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16 या फिर 25 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 7 होगा। और आपके लिए यह सप्ताह सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। किसी भी तरह के बड़े व्यवधान के योग नजर नहीं आ रहे हैं। सिर्फ क्रोध और आवेश की स्थिति में ही कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। यदि जल्दबाजी, क्रोध और लापरवाही से बचेंगे तो परिणाम सामान्य तौर पर आपके फेवर में रहेंगे। वैसे सामान्य तौर पर इस सप्ताह आप संतुलन बिठाकर चलने का प्रयास करेंगे और काफी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। यदि आप किसी तरह के किसी बदलाव के बारे में सोच रहे थे या प्रयास कर रहे थे तो उस मामले में आपको सफलता मिल सकती है। सकारात्मक बदलाव दिलाने के लिए यह सप्ताह अनुकूल रह सकता है। वहीं यात्रा इत्यादि के लिए भी इस सप्ताह को सामान्य तौर पर अच्छा कहा जाएगा।
आमोद प्रमोद और मनोरंजन के लिए भी इस सप्ताह को हम अनुकूल परिणाम देने वाला कह सकते हैं। स्वयं को और विस्तार देने के लिए, संपर्कों को बढ़ाने के लिए, व्यापार व्यवसाय को बढ़ाने के लिए या फिर ज्ञान को बढ़ाने के लिए यह सप्ताह अनुकूल कहा जाएगा। किसी मध्यस्थ के माध्यम से भी आपका कोई काम बन सकता है अथवा किसी और के लिए आप मध्यस्थ बन सकते हैं और उसके काम को आगे बढ़ा सकते हैं। यदि आप विद्यार्थी हैं तो इस सप्ताह कुछ नया सीखने को मिल सकता है और बहुत संभव है कि आप उस ज्ञान को विधिवत सिख भी सकेंगे। सिखाने वाले व्यक्ति भी आपको निष्ठा पूर्वक सीखने का प्रयास करेंगे। स्वाभाविक है की ऐसे में आपको अनुकूल परिणाम ही मिलेंगे। कुल मिलाकर इस सप्ताह आपके लिए अच्छे परिणाम मिलते हुए प्रतीत हो रहे हैं।
उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में गाय को हरा चारा खिलाना शुभ रहेगा।
मूलांक 8
यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17 या फिर 26 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 8 होगा। और इस सप्ताह विशेष की बात की जाय तो यह सप्ताह आपको मिले-जुले या फिर औसत लेवल के परिणाम दे सकता है। इस सप्ताह के अधिकांश अंक आपका विरोध में नजर नहीं आ रहे हैं लेकिन अंक 1 का विरोध कुछ एक मामलों में प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी है। इसके अलावा पिता या पिता तुल्य व्यक्तियों के मार्गदर्शन में काम करते रहना है।
प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनका निरादर न होने पाए इस बात का ख्याल भी रखना है। वैसे घर गृहस्थी से संबंधित मामलों के लिए इस सप्ताह को अच्छा कहा जाएगा। घरेलू उपयोग की चीजे खरीदने या प्राप्त करने के लिए यह सप्ताह अनुकूल परिणाम दे सकता है। पारिवारिक मामलों में भी अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। किसी परिजन के सहयोग के लिए आप अच्छा प्रयास कर सकते हैं। फलस्वरूप पारिवारिक संबंधों में और घनिष्ठता देखने को मिल सकती है। दांपत्य संबंधी मामलों के लिए भी यह सप्ताह अच्छा कहा जाएगा। विवाह आदि से संबंधित बातें यदि पहले से चल रही थीं तो उन बातों को और गति मिल सकती है।
वहीं विवाहित लोगों का दांपत्य जीवन अच्छा रह सकता है। प्रेम प्रसंग के लिए भी इस सप्ताह को अच्छा कहा जाएगा। लग्जरी चीजों को खरीदने या प्राप्त करने के लिए भी समय अनुकूल है। आप अपनी शान शौकत से संबंधित चीजों को अपने बजट के अनुसार खरीद सकते हैं या उपहार के रूप में भी प्राप्त कर सकते है। हालांकि अंक 6 का औसत सहयोग मिल रहा है, ऐसे में इन मामलों में कोई रिस्क नहीं लेना है। अर्थात जरूरत से ज्यादा खर्चा नहीं करना है। वहीं किसी स्त्री का निरादर भी करने से बचना जरूरी रहेगा। इन सावधानियां को अपनाकर आप उपलब्धियां के ग्राफ को और बढ़ा सकेंगे।
उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में किसी सौभाग्यवती स्त्री को सौभाग्य सामग्री भेंट कर उसका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18 या फिर 27 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 9 होगा। इस सप्ताह विशेष की बात की जाए तो इस हफ्ते आपको मिले-जुले या औसत लेवल के परिणाम मिल सकते हैं। सिर्फ अंक 6 की ऊर्जा इस सप्ताह आपके लिए अनुकूल नहीं है। बाकी सभी अंक आपके लिए औसत या फिर फ़ेवर के परिणाम देते हुए प्रतीत हो रहे हैं। वैसे ज्यादातर अंक आपके लिए औसत लेवल के ही परिणाम देते हुए प्रतीत हो रहे हैं। अतः अपने पुराने अनुभवों से सीखते हुए आगे बढ़ने की जरूरत रहेगी। यह सप्ताह आपको सत्य की खोज करवाने में मददगार बन सकता है। अर्थात आप किसी भी चीज की अच्छाई और कमियों के बारे में जान सकेंगे। अपने फायदे और नुकसान का अनुभव कर सकेंगे।
कौन सा व्यक्ति आपका हितैषी है और कौन सा व्यक्ति आपका विरोधी है; इस बात का भी अनुभव कर सकेंगे। बात की जाय धर्म कर्म और आध्यात्म की तो इन मामलों के लिए सप्ताह सामान्य तौर पर अच्छा रह सकता है। आप किसी धार्मिक यात्रा पर जाने की योजना बना रहे थे तो उस योजना में सफलता मिल सकती है। अथवा घर परिवार या फिर किसी रिश्तेदार के यहां कोई धार्मिक आयोजन हो सकता है और आप भी उसमें सहभागी बन सकते हैं। कुल मिलाकर तथ्यात्मक रहने की स्थिति में यह सप्ताह आपके अनुकूल परिणाम दिला देगा।
वहीं किसी पर जरूर से ज्यादा विश्वास कर लेने की स्थिति में आपका नुकसान भी हो सकता है अथवा आपको धोखा भी मिल सकता है। समय के अनुरूप आचरण करते हुए आप अपने फ़ेवर के परिणाम के ग्राफ को और बढ़ा सकेंगे। विलासिता से संबंधित चीजे अर्थात लग्जरियस चीजों पर उतना ही खर्च करें जिन चीजों की आपको बहुत जरूरत है। व्यर्थ में खर्च करने की स्थिति में अर्थव्यवस्था कमजोर हो सकती है। और वहीं जरूरत की चीजें खरीदने की स्थिति में कोई बड़ी प्रतिकूलता नजर नहीं आ रही है।
उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में भगवान गणेश को पीले पुष्प अर्पित करना शुभ रहेगा।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. नंबर 1 के लिए यह सप्ताह कैसा है?
इस सप्ताह विशेष की बात की जाए तो यह सप्ताह आपके लिए मिले-जुले परिणाम दे सकता है।
2. 4 नंबर वालों के लिए यह सप्ताह कैसा रहेगा?
यह सप्ताह औसत लेवल के परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। हालांकि कुछ मामलों में कुछ कठिनाइयां भी रह सकती हैं।
3. 2 नंबर का स्वामी कौन है?
2 नंबर का स्वामी चंद्रमा होता है।
देखें जून के महीने में शादी और मुंडन का शुभ मुहूर्त, ग्रह-गोचर की भी है पूरी जानकारी!
जून 2025: साल का छठा महीना जून का होता है और इस महीने में गर्मी अपने चरम पर रहती है। आमतौर पर जून के मध्य तक सूर्य वृषभ राशि में रहते हैं और फिर 15 जून को वह मिथुन राशि में प्रवेश कर जाते हैं। इसे मिथुन संक्रांति के नाम से जाना जाता है एवं सूर्य के इस परिवर्तन से संचार, ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्र में गति आती है।
जून ग्रेगोरियन कैलेंडर का छठा महीना है जिसमें कुल 30 दिन होते हैं। उत्तरी गोलार्ध में यह गर्मी का पहला महीना होता है। जून महीने का नाम रोमन देवी जूनो के नाम पर रखा गया है जो कि विवाह, पारिवारिक जीवन और प्रजनन की देवी हैं।
जहां एक ओर जून का महीना भीषण गर्मी को दर्शाता है, वहीं इसके अंत में वर्षा ऋतु का आगमन होता है। धार्मिक दृष्टि से भी जून का महीना बहुत महत्व रखता है। इस महीने में संकष्टी चतुर्थी, निर्जला एकादशी जैसे कुछ बड़े व्रत-त्योहार आते हैं। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जून का महीना संबंधों को मजबूत करने, मानसिक स्पष्टता पाने और व्यापारिक योजनाओं के लिए उपयुक्त समय होता है।
महीने की शुरुआत से ही हर दिन हमारा मन अपने भविष्य को लेकर कई तरह के सवालों और उम्मीदों से घिर जाता है। बात चाहे करियर की हो या प्रेम जीवन की, जिंदगी के हर पहलू को लेकर लोगों के मन में सवाल उठना स्वाभाविक है। जून के महीने के शुरू होने पर भी आपके मन में अपने भविष्य को लेकर प्रश्न उठ रहे होंगे इसलिए आपके मन को शांत करने और आपके इन सवालों का जवाब देने के लिए हम लेकर आए हें यह जून 2025 से संबंधित खास ब्लॉग।
एस्ट्रोसेज एआई के इस खास ब्लॉग में जून के व्रत एवं त्योहारों के साथ-साथ बैंक अवकाश और मुंडन मुहूर्त आदि के बारे में भी बताया गया है। तो चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि जून 2025 में आपके लिए क्या खास है।
जून 2025 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
हिंदू पंचांग के अनुसार जून 2025 की शुरुआत 01 जून, 2025 को अश्लेषा नक्षत्र में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होगी। वहीं जून 2025 का समापन 30 जून को पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होगा।
आगे जानिए जून माह के प्रमुख त्योहारों और व्रतों के बारे में।
जून में जन्म लेने वाले लोग कैसे होते हैं
साल के बारह महीनों में हर मास में जन्म लेने वाले जातकों में कुछ अलग विशेषताएं और गुण होते हैं। आगे हम आपको बता रहे हैं कि जिन लोगों का जन्म जून के महीने में होता है, उनके स्वभाव में क्या खास बातें होती हैं:
दयालु होते हैं: जिन जातकों का जन्म जून के महीने में होता है, वे स्वभाव से बहुत दयालु और विनम्र होते हैं। ये सदैव दूसरों की सहायता करने के लिए आगे रहते हैं। इन्हें दूसरों के अधीन रहना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है।
बुद्धिमान होते हैं: इस महीने में पैदा होने वाले जातक रचनात्मक और बुद्धिमान होते हैं। इन्हें कला, संगीत और लेखन आदि जैसे रचनात्मक कार्यों में अधिक रुचि रहती है। ये बुद्धिमान होने के साथ-साथ ईमानदार और मनोरंजक भी होते हैं।
किस क्षेत्र में बनाएं करियर: जून के मास में पैदा होने वाले लोगों के लिए शिक्षक, राजनेता, वकील, कलाकार, सेल्स, संगीतकार, नर्स और डॉक्टर आदि पेशे अच्छे रहते हैं।
भाग्यशाली अंक और रंग: इस महीने में पैदा होने वाले जातकों के शुभ रंग और अंक की बात करें, तो इनका भाग्यशाली अंक 3 और 6 होता है एवं शुभ रंग पीला, हल्का हरा, आसमानी नीला, क्रीम और सिल्वर होता है। इन्हें मोती और मूनस्टोन पहनना चाहिए।
जून 2025 के व्रत एवं त्योहारों की तिथियां
हिंदू धर्म में हर एक महीने में कई व्रत एवं त्योहार आते हैं जिनका अपना धार्मिक महत्व होता है। ये त्योहार महीने के आकर्षण और महत्व को बढ़ाने का काम करते हैं। आगे जून 2025 में आने वाले प्रमुख व्रत एवं त्योहारों की सूची दी गई है।
तिथि
दिन
पर्व व व्रत
06 जून 2025
शुक्रवार
निर्जला एकादशी
08 जून 2025
रविवार
प्रदोष व्रत (शुक्ल)
11 जून 2025
बुधवार
ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
14 जून 2025
शनिवार
संकष्टी चतुर्थी
15 जून 2025
रविवार
मिथुन संक्रांति
21 जून 2025
शनिवार
योगिनी एकादशी
23 जून 2025
सोमवार
मासिक शिवरात्रि
23 जून 2025
सोमवार
प्रदोष व्रत (कृष्ण)
25 जून 2025
बुधवार
आषाढ़ अमावस्या
27 जून 2025
शुक्रवार
जगन्नाथ रथ यात्रा
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
जून 2025 में पड़ने वाले महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार
जून के महीने में कई व्रत एवं त्योहार आते हैं लेकिन इनमें से कुछ प्रमुख हैं जिनके बारे में आगे विस्तार से बताया गया है:
निर्जला एकादशी: इस एकादशी पर निर्जल व्रत रखा जाता है। अन्य सभी एकादशियों की तरह इस एकादशी पर भी भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
संकष्टी चतुर्थी: आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस बार 14 जून को शनिवार के दिन संकष्टी चतुर्थी का पर्व है।
मिथुन संक्रांति: इस दिन सूर्य वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मिथुन राशि में गोचर करने को मिथुन संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
योगिनी एकादशी: आषाढ़ मास की पहली कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है।
जगन्नाथ रथ यात्रा: उड़ीसा के पुरी में बड़ी धूमधाम के साथ जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है। इस दौरान लाखों की संख्या में भक्त इस यात्रा में शामिल होते हैं।
आगे बताया गया है कि जून में किस तिथि पर किस ग्रह का गोचर होने जा रहा है।
बुध का मिथुन राशि में गोचर: शिक्षा, वाणी और व्यापार के कारक ग्रह बुध 6 जून 2025 की सुबह 09 बजकर 15 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बुध ग्रह यहां पर 22 जून तक रहने वाले हैं।
मंगल का सिंह राशि में गोचर: युद्ध, पराक्रम और उत्साह के कारक ग्रह मंगल 7 जून 2025 की रात 01 बजकर 33 मिनट पर सिंह राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। यहां पर मंगल ग्रह 28 जुलाई 2025 तक रहेंगे।
बृहस्पति का मिथुन राशि में अस्त होना: धन और ज्ञान के कारक बृहस्पति मिथुन राशि में रहते हुए 9 जून 2025 की शाम 04 बजकर 12 मिनट पर अस्त हो रहे हैं और यह 9 तथा 10 जुलाई तक अस्त रहने वाले हैं।
बुध का मिथुन राशि में उदय:बुद्धि और व्यापार के कारक ग्रह बुध ग्रह 18 मई 2025 को अस्त हो गए थे और बुध ग्रह अब 11 जून 2025 की सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर उदित होने जा रहे हैं।
सूर्य का मिथुन राशि में गोचर 2025:सूर्य 15 जून 2025 से लेकर 16 जुलाई 2025 तक मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। ग्रहों के राजा सूर्य देव 15 जून 2025 की सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर वृषभ राशि को छोड़कर बुध की पहली राशि मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
बुध ग्रह का कर्क राशि में गोचर: बुध ग्रह वाणी, बुद्धि, नेटवर्किंग, टेलीफोन, दूरसंचार जैसे विषयों के कारक ग्रह माने गए हैं। बुध 22 जून 2025 की रात 09 बजकर 17 मिनट पर अपनी स्वयं की राशि अर्थात मिथुन राशि को छोड़कर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे।
शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: भोग विलास के कारक ग्रह शुक्र 29 जून 2025 की दोपहर 01 बजकर 56 मिनट पर वृषभ राशि में प्रवेश करने वाले हैं।
जून मासिक भविष्यवाणी 2025: राशि अनुसार 12 राशियों का भविष्यफल
मेष राशि
यह महीना मेष राशि के जातकों के लिए कई मामलों में अनुकूल रहने की संभावना दिखाई दे रही है। आपकी राशि के……(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
यह महीना वृषभ राशि के जातकों को मिश्रित परिणाम देने वाला साबित हो सकता है। महीने की शुरुआत में आपकी राशि में……(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
इस पूरे महीने आपकी राशि में देवगुरु बृहस्पति विराजमान रहेंगे जो आपको कर्मठ बनाएंगे और आप अपने कार्यक्षेत्र में मजबूत स्थिति प्राप्त करेंगे……(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
यह महीना कर्क राशि के जातकों के लिए औसत से कुछ ज्यादा बेहतर रहने की संभावना है। महीने की शुरुआत में……(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
यह महीना आपके लिए कई मामलों में अनुकूल रहने की संभावना दिखाई दे रही है। पूरे महीने आपकी राशि में……(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना मध्यम रूप से अनुकूल रहने की संभावना है। आपकी राशि के स्वामी बुध……(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहने की संभावना है। आपकी राशि के स्वामी……(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
यह महीना वृश्चिक राशि के जातकों के लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहने की संभावना है। आपको अपने स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि……(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
यह महीना धनु राशि के जातकों के लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहने की संभावना है। आपकी राशि के स्वामी बृहस्पति महाराज पूरे महीने सप्तम भाव में विराजमान रहेंगे, लेकिन……(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
यह महीना मकर राशि में जन्म लेने वाले जातकों के लिए औसत रूप से फलदायी रहने की संभावना है। इस महीने आपको……(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा। आपकी राशि में ……(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
यह महीना मीन राशि के जातकों के लिए काफी हद तक अनुकूल रहने की संभावना है। लेकिन, इस महीने आपको……(विस्तार से पढ़ें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. जून के महीने का नाम कैसे पड़ा?
उत्तर. यह नाम रोमन देवी जूनो के नाम पर पड़ा है।
प्रश्न 2. जून 2025 में कौन सी एकादशियां पड़ रही हैं?
उत्तर. इस महीने में निर्जला एकादशी और योगिनी एकादशी है।
प्रश्न 3. जून में पैदा हुए लोगों का शुभ अंक क्या होता है?
उत्तर. इनका शुभ अंक 3 और 6 होता है।
टैरो साप्ताहिक राशिफल (01 जून से 07 जून, 2025): इन 3 राशियों के लिए ये सप्ताह रहेगा बेहद शुभ
टैरो साप्ताहिक राशिफल 01 जून से 07 जून, 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषयों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।
टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्मा से बात करने का मौका देता है।
आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मज़ाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।
टैरो की उत्पति 15वीं शताब्दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।
टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्त किया जा सकता है। आप कुछ स्तर पर अध्यात्म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंर्तज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।
तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 01 जून से 07 जून, 2025 तक का समय सभी 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 01 जून से 07 जून, 2025: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
प्रेम जीवन: ऐस ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: द हर्मिट
करियर: नाइट ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स
मेष राशि के जातकों को ऐस ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जो कि उत्साह और नई शुरुआत को दर्शाता है। यह कार्ड प्यार के मामले में जोश और उत्साह एवं रिश्ते के मजबूत होने का प्रतीक है। आप किसी नए रिश्ते की शुरुआत कर सकते हैं, शादी का प्रस्ताव आ सकता है या फिर आप परिवार बढ़ाने के बारे में सोच सकते हैं। जो जातक सिंगल हैं, उन्हें यह कार्ड अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और अपने रोमांटिक सपनों को पूरा करने के लिए जोखिम उठाने के लिए कह रहा है।
धन के मामले में द हर्मिट कार्ड सांसारिक सुख के बजाय आंतरिक ज्ञान, विवेक और आत्मनिरीक्षण को प्राथमिकता देने के लिए कह रहा है। इस कार्ड का कहना है कि आपको अपने वित्तीय उद्देश्यों का फिर से मूल्यांकन करना चाहिए। इसके अलावा इस कार्ड के अनुसार आपको खुद से यह सवाल पूछना चाहिए कि क्या आप किसी लक्ष्य तक पहुंचने के लिए धन संचय कर रहे हैं या फिर यह आपकी प्रसन्नता और मूल्यों को दर्शाता है।
नाइट ऑफ पेंटाकल्स कार्ड काम के मामले में व्यवस्थित दृष्टिकोण को दर्शाता है। इसके अलावा आपको अपने करियर में वित्तीय उपलब्धि मिलने के भी संकेत हैं। इस कार्ड का कहना है कि आप व्यवस्थित, दृढ़ और विश्वसनीय दृष्टिकोण से अपने पेशेवर उद्देश्यों को प्राप्त कर सकते हैं। अपराइट आने पर यह कार्ड स्थिर और विश्वसनीय करियर की ओर संकेत करता है जबकि इनवर्टिड आने पर यह इस बात के संकेत दे सकता है कि जातक को अधिक काम करने की लत, हर काम को परफेक्ट तरीके से करने का जुनून या पैसों को लेकर लापरवाही बरतने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड बताता है कि आपको स्वस्थ रहने के लिए कोई कदम उठाने, प्रयास करने और अधिक उत्साह दिखाने की आवश्यकता है। यह कार्ड अपने मन की आवाज़ सुनकर अपनी जीवनशैली में बड़ा बदलाव करने के संकेत दे रहा है।
उचित करियर: सेल्स, स्पोर्ट्स, उद्यमशीलता।
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: टू ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: फोर ऑफ पेंटाकल्स (रिवर्स्ड)
करियर: नाइन ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: सेवन ऑफ पेंटाकल्स
वृषभ राशि के जातकों को टू ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जिसका मतलब है कि आप अपने प्रेम संबंध को एक नए चरण में लेकर जा रहे हैं। आपकी शादी हो सकती है, आप अपने रिश्ते को लेकर गंभीर रूप से प्रतिबद्ध हो सकते हैं या परिवार शुरू करने के बारे में सोच सकते हैं। वर्तमान में आप और आपका पार्टनर एक-दूसरे को भविष्य में साथ देखना चाहते हैं और आप इस सपने को हकीकत में बदलना चाहते हैं।
फोर ऑफ पेंटाकल्स रिवर्स्ड कार्ड बताता है कि आपको वित्तीय अस्थिरता या धन से संबंधित परेशानियों, पैसों की बचत करने में दिक्कत आ सकती है। इसके साथ ही आपकी आर्थिक स्थिति भी कमज़ोर पड़ सकती है। आप अपने बचत किए गए पैसों को बचाने के लिए थोड़ मितव्ययी, रूढ़िवादी और कंजूस हो सकते हैं।
नाइन ऑफ कप्स कार्ड का कहना है कि आपके सपने सच होने वाले हैं। यह कार्ड प्रमोशन या नए व्यवसाय की शुरुआत को दर्शाता है। आपको अपने करियर में सफलता मिलने के योग हैं। यह सप्ताह करियर के मामले में शानदार रहने वाला है।
सेवन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड दिखाता है कि आप सफलता प्राप्त करने में बहुत ज्यादा व्यस्त हैं और इस चक्कर में अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। आपको अपने स्वास्थ्य और शरीर पर ध्यान देना चाहिए ताकि चीज़ें आपके नियंत्रण से बाहर न जा पाएं। स्वास्थ्य भी बहुत आवश्यक है।
उचित पेशा: बैंकिंग, फाइनेंस, आर्ट, फैशन डिज़ाइन
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: किंग ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: एट ऑफ वैंड्स
करियर: द फूल
स्वास्थ्य: फाइव ऑफ कप्स
इस कार्ड के अनुसार अगर आपके जीवन में कोई नया व्यक्ति प्रवेश नहीं कर रहा है, तो फिर इस स्थिति में यह कार्ड एकाग्रता और दृढ़ता को दर्शाता है। इस समय आप अपने प्रेम संबंध को मजबूत करने के लिए अधिक प्रयास कर रहे होंगे जिसका आपको अच्छा परिणाम मिलने की उम्मीद है। जो जातक प्रेम संंबंध में हैं, उनके लिए यह कार्ड अनुकूल रहने वाला है। आप दोनों का रिश्ता गहरा और उत्साह से भरा होगा। हालांकि, कभी-कभी आप दोनों के बीच बहस भी हो सकती है।
धन के मामले में एट ऑफ वैंड्स कार्ड तेजी से प्रगति करने, रफ्तार और आकर्षक अवसर मिलने की ओर संकेत कर रहा है। इस कार्ड का कहना है कि आप अपने वित्तीय उद्देश्यों को प्राप्त करने की ओर आगे बढ़ रहे हैं और आपके प्रयास सफल होने लगे हैं। हालांकि, आपको जल्दबाज़ी में आकर कोई निर्णय लेने से बचने और सावधान रहने एवं आर्थिक रूप से मजबूत बनने की सलाह दी जाती है।
द फूल कार्ड नई शुरुआत का प्रतीक है। आपको नौकरी के लिए नए अवसर मिलने की संभावना है। यह कार्ड आपको बदलाव को स्वीकार करने, जोखिम उठाने और अपने करियर के अनजाने पहलुओं पर काम करने के लिए प्रेरित कर रहा है। आप पत्रकारिता और पब्लिक रिलेशन जैसे पेशों को चुन सकते हैं।
स्वास्थ्य के मामले में आपको फाइव ऑफ कप्स कार्ड मिला है जिसके अनुसार आपको अपने मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। यदि जरूरत पड़े, तो आप किसी पेशेवर चिकित्सक की मदद या थेरेपी भी लेकर इस नकारात्मक स्थिति से बाहर निकलने की कोशिश कर सकते हैं।
कर्क राशि के जातकों को लव लाइफ में नाइट ऑफ कप्स कार्ड मिला है जो कि एक सकारात्मक संकेत है। यह कार्ड प्रेम प्रस्ताव और अचानक आवेग में आकर रिश्ते की शुरुआत करने के संकेत दे रहा है। नाइट ऑफ कप्स कार्ड कह रहा है कि आप अपने रिश्ते में उस दौर में हैं जहां पर आपके ऊपर प्यार की बरसात हो रही है और आने वाला सप्ताह रोमांस से भरपूर रहने वाला है। सिंगल जातकों को अपना सपनों का साथी मिल सकता है।
द जस्टिस कार्ड कहता है कि आर्थिक रूप से मजबूत होने के लिए धन के प्रति आदरपूर्ण व्यवहार रखना चाहिए। कहने का मतलब है कि आपको सही स्रोतों और उचित तरीके से धन कमाना चाहिए। इसके अलावा लापरवाही से खर्चा करने से आपको आगे चलकर नुकसान उठाना पड़ सकता है इसलिए सावधान रहें।
करियर के क्षेत्र में क्वीन ऑफ पेंटाकल्स एक सकारात्मक कार्ड है। इस कार्ड का कहना है कि इस समय आप करियर में जिस भी स्थिति में हैं जैसे कि आपका कार्यक्षेत्र, करियर में प्राप्त की गई उपलब्धियां या फिर कोई पद, उसे लेकर आप सहज महसूस कर रहे हैं। इस समय आप कार्यक्षेत्र में सहज और संतुष्ट महसूस करेंगे। आपने जितना विकास किया है और जो कुछ भी सीखा है, उसे लेकर प्रसन्न रहेंगे।
स्वास्थ्य के मामले में आपको नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड मिला है जिसके अनुसार जल्द ही आपकी सेहत में सुधार आने वाला है। आप शायद जिंदगी में बहुत तेजी से भाग रहे थे और तनाव एवं चिंता आपके ऊपर हावी हो रहे थे लेकिन अब इस सप्ताह आप बेहतर महसूस करेंगे और जरूरत पड़ने पर मदद भी मांग सकते हैं।
सिंह राशि के जातकों को टू ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जिसका मतलब है कि आपके पास फिलहाल अपने रिश्ते में जरूरी सामंजस्य स्थापित करने का अवसर है। अगर आप अपने रिश्ते को अगले चरण तक लेकर जाना चाहते हैं, तो यह कार्ड इसके लिए प्रबल संभावना और दीर्घकालिक सफलता के संकेत दे रहा है। आप अपने पार्टनर से बातचीत करें और दोनों मिलकर भविष्य के लिए वो मार्ग बनाएं, जो आप दोनों चाहते हैं।
जीवन के सभी पहलुओं के लिए ऐस ऑफ वैंड्स कार्ड एक अच्छा संकेत है। इस सप्ताह आप आर्थिक रूप से संपन्न और स्थिर रहेंगे। इस समय आप अपना लोन आसानी से चुका पाएंगे और पहले से अधिक आत्मविश्वासी महसूस करेंगे। वित्तीय रूप से यह सप्ताह शानदार रहने वाला है।
इस सप्ताह आपको ऐसा लग सकता है जैसे कि आपके कौशल और रचनात्मकता की परीक्षा ली जा रही है। कार्यक्षेत्र में नई-नई चुनौतियां आपको कुछ सीखने और बेहतर करने के लिए प्रेरित कर रही हैं। इस सप्ताह आपको यह जानने का मौका मिलेगा कि आप करियर के क्षेत्र में किस स्थिति में हैं और क्या चाहते हैं। आपको अपनी ताकत और कमज़ोरी के बारे में भी पता चल सकता है जिससे आप इसके हिसाब से ही योजना बनाकर चल पाएंगे।
स्वास्थ्य के मामले में टू ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड संकेत देता है कि अगर आप किसी बीमारी या स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, तो उसका कारण अनसुलझी या दबी हुई भावनात्मक समस्याएं हो सकती हैं। स्वस्थ होने के लिए आपको इन समस्याओं को सुलझाना चाहिए।
उचित पेशा: प्रशासनिक सेवाएं, मनोरंजन और व्यापार।
कन्या राशि
प्रेम जीवन: फोर ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: टू ऑफ पेंटाकल्स
करियर: फाइव ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: द डेविल
अगर कन्या राशि वाले जातक अपने रिश्ते में बोझिल या तनावपूर्ण महसूस कर रहे हैं, तो फोर ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड उन्हें रिलैक्स करने, आत्मनिरीक्षण करने और सुलह करने की सलाह दे रहा है। यह कार्ड मुश्किल समय के बाद ठीक होने और फिर से शुरुआत करने के समय का संकेत दे सकता है। इस कार्ड का कहना है कि रिश्ते के लिए समय लेने में कोई बुराई नहीं है, आप दोनों को एक-दूसरे के साथ ईमानदार रहना चाहिए और मदद लेनी चाहिए।
वित्तीय जीवन में टू ऑफ पेंटाकल्स कार्ड अपराइट आया है जिसका मतलब है कि इस समय आपके ऊपर कई वित्तीय जिम्मेदारियां हो सकती हैं। आपको कई बिल भरने और मुश्किल आर्थिक निर्णय लेने पड़ सकते हैं। यह कार्ड अनिश्चित वित्तीय परिस्थितियों में बदलाव को स्वीकार करने के लिए तैयार रहने की सलाह दे रहा है।
करियर में आपको फाइव ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जो कि खासतौर पर कार्यक्षेत्र में प्रतिद्वंदिता और संघर्ष के संकेत दे रहा है। यह कार्ड एक ऐसे मुश्किल समय की ओर इशारा कर रहा है, जहां पर व्यक्तित्व और अहंकार को लेकर उत्पन्न हुए मतभेद प्रगति में बाधा बन सकते हैं। इस समय आपको आपसी सहयोग और समस्या को सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए।
सेहत में आपको द डेविल कार्ड मिला है जो स्वास्थ्य को खराब करने वाले हानिकारक प्रभावों या बुरी आदतों से जुड़ा होता है। इस कार्ड का कहना है कि इस समय आप हानिकारक गतिविधियों जैसे कि नशे की लत, खानपान की गलत आदतों या अत्यधिक तनाव की चपेट में आ सकते हैं।
उचित पेशा: रिसर्च, डाटा एनालिस्ट और प्रोफेसर।
तुला राशि
प्रेम जीवन: सिक्स ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: द मून
करियर: फोर ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: थ्री ऑफ वैंड्स
प्रेम जीवन में तुला राशिके जातकों को सिक्स ऑफ पेंटाकल्स कार्ड मिला है जो कि एक ऐसे रिश्ते की ओर संकेत कर रहा है जो न्याय, संतुलन और एक-दूसरे की जवाबदेही पर आधारित हो। इस कार्ड का कहना है कि रिश्ता एकतरफा या असंतुलित होने के बजाय ऐसा होना चाहिए जिसमें दोनों पार्टनर एक-दूसरे के साथ सहयोग करें, एक-दूसरे का समर्थन करें और जिनके बीच आपसी समझ हो।
द मून कार्ड वित्तीय टैरो रीडिंग में खासतौर पर निवेश और आर्थिक निर्णय लेने के मामले में समझदारी से काम लेने की सलाह दे रहा है। इस कार्ड का कहना है कि आपको जल्दबाज़ी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए, धोखाधड़ी से बचने के लिए सावधान रहना चाहिए और अपने मन की सुननी चाहिए। द मून कार्ड अकथित वित्तीय परिस्थितियों या अस्पष्ट वित्तीय उद्देश्यों को भी दर्शाता है।
करियर टैरो रीडिंग के अनुसार फोर ऑफ पेंटाकल्स कार्ड अपराइट आने पर स्थिरता, नौकरी में सुरक्षा और करियर के क्षेत्र में वित्तीय सुरक्षा के संकेत दे रहा है। इस कार्ड का कहना है कि आपकी नौकरी के लिए नींव मजबूत होगी या अगर आपकी खुद की कंपनी है, तो यह समय विस्तार और समृद्धि को दर्शाता है।
थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड अपराइट या इनवर्टिड आने पर प्रगति और सकारात्मक बदलाव को दर्शाता है। इसके साथ ही यह कार्ड सावधानीपूर्वक तैयारी करने और सोच-विचार कर के निर्णय लेने की सलाह दे रहा है।
उचित पेशा: कानून, कूटनीति, चिकित्सा।
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: द मैजिशियन
आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ वैंड्स
करियर: टेन ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: नाइन ऑफ पेंटाकल्स
वृश्चिक राशि के जातकों को द मैजिशियन कार्ड मिला है जो कि लव टैरो रीडिंग में चतुराई से काम करके अपनी रोमांटिक इच्छाओं को पूरा करने की संभावना को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपको अपनी लव लाइफ की कमान अपने हाथ में ले लेनी चाहिए और अपने रोमांटिक सपनों को साकार करने के लिए अपने मन की सुननी चाहिए।
धन की बात करें, तो आपको फाइव ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जो कि वित्तीय परिस्थितियों में विवाद या असंतुलन की संभावना को दिखा रहा है। यह समय आर्थिक रूप से तनावपूर्ण, वित्तीय विवादों या कार्यक्षेत्र में प्रतिद्वंदता का हो सकता है।
टेन ऑफ वैंड्स कार्ड कहता है कि इस समय आपको कोई बड़ी जिम्मेदारी और अत्यधिक काम मिल सकता है। इस कार्ड का कहना है कि आपके पास बहुत काम हो सकता है और अपनी जिम्मेदारियों की वजह से आप बोझिल महसूस कर सकते हैं। इस बोझ को उठाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है लेकिन ध्यान रहे कि यह आपके करियर में प्रगति और उपलब्धि को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
टैरो कार्ड रीडिंग में हेल्थ के लिए आपको नाइन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड मिला है जो कि अच्छी सेहत और स्वास्थ्य को बेहतर करने के सफल प्रयासों को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि जीवनशैली में बदलाव कर के या बीमारी को ठीक कर के, चाहे जैसे भी हो आपके अपने स्वास्थ्य में सुधार लाने के प्रयास सफल रहे हैं।
उचित पेशा: साइकोलॉजी, ह्यूमन रिसोर्स और सीक्रेट एजेंट।
धनु राशि
प्रेम जीवन:क्वीन ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: जजमेंट
करियर: द लवर्स
स्वास्थ्य: टू ऑफ स्वॉर्ड्स
प्रेम जीवन में धनु राशिके जातकों को क्वीन ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जो कि एक मैच्योर इंसान को दर्शाता है। यह व्यक्ति जो जैसा है, आपको वैसा ही बताएगा और घुमा-फिराकर बात नहीं करेगा। आपका पार्टनर भी कुछ ऐसा ही हो सकता है। यदि आप सिंगल हैं, तो आपकी जिंदगी में जो व्यक्ति आएगा, उसमें ऐसे ही गुण हो सकते हैं।
पैसों के मामले में द जजमेंट कार्ड अपराइट या इनवर्टिड आने पर आत्मनिरीक्षण करने, मूल्यांकन करने और वित्तीय स्थिति में संभावित बदलाव करने की ओर इशारा कर रहा है। इस कार्ड का कहना है कि आपको सोच-समझकर निर्णय लेने की जरूरत है और आपके पिछले प्रयास सफल रहे हैं जिससे आपके लिए नए अवसर या बदलाव हो पाए हैं।
द लवर्स कार्ड करियर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निर्णय लेने और गठबंधन को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपके करियर के क्षेत्र में कोई बड़ा बदलाव आ सकता है या फिर आप अपने करियर को बदलने का फैसला ले सकते हैं या फिर अपने मौजूदा पेशे में आगे बढ़ने का फैसला ले सकते हैं। यह कार्ड उत्पादकता, पार्टनरशिप में काम करने पर सफलता प्राप्त होने या सहकर्मी के साथ दोस्ती होने का भी प्रतीक है।
स्वास्थ्य की बात करें, तो टू ऑफ पेंटाकल्स कार्ड कहता है कि खुद की देखभाल करने और अन्य जिम्मेदारियों के बीच संतुलन लाने की जरूरत है। इस कार्ड का कहना है कि आपको अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए आप एक्सरसाइज, संतुलित आहार या फिर आत्म-निरीक्षण, कुछ भी कर सकते हैं।
उचित पेशा: टीचिंग, आर्किटेक्चर और कोचिंग।
मकर राशि
प्रेम जीवन: ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ पेंटाकल्स
करियर: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: टेन ऑफ पेंटाकल्स
मकर राशिके जातकों को लव लाइफ में ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड मिला है जो कि रिश्ते में सफलता, खुलकर बातचीत करने और मानसिक उत्तेजना को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि विवादों को सुलझाने और रिश्ते में नज़दीकियां लाने के लिए आपको अपने पार्टनर से ईमानदार रहने और खुलकर बातचीत करने की जरूरत है। सिंगल जातकों की किसी ऐसे व्यक्ति से मुलाकात हो सकता है जो बुद्धिमान हो और जिसकी पसंद-नापसंद आपसे मेल खाती हों।
टैरो रीडिंग में नाइट ऑफ पेंटाकल्स कार्ड पैसों की बचत को लेकर सावधान और सतर्क रहने को दर्शाता है। यह कार्ड छोटे लाभ के बजाय दीर्घकालिक सुरक्षा और स्थिरता पर जोर दे रहा है। इस कार्ड का कहना है कि आप अपने वित्तीय उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हुए सोच-समझकर निवेश कर रहे हैं और जिम्मेदारी से पैसा खर्च कर रहे हैं।
नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड करियर में महत्वाकांक्षा, दृढ़ संकल्प और सफलता पाने की मजबूत इच्छा को दर्शाता है। यह करियर में विकास करने के लिए प्रयास करने, लक्ष्य को दृढ़ता से प्राप्त करने और पेशेवर विकास के लिए सोच-समझकर जोखिम उठाने के समय का संकेत कर रहा है। इस कार्ड का कहना है कि आपको उपलब्धि के नाम पर दूसरों को नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए।
स्वास्थ्य के मामले में टेन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड दीर्घकालिक और मजबूत स्वास्थ्य के संकेत दे सकता है। यह कार्ड विरासत, स्थिरता और दीर्घकालिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ दिनचर्या एवं आदतों को अपनाने के लिए कह रहा है।
उचित पेशा: लॉजिस्टिक्स, अकाउंटिंग और रियल एस्टेट।
कुंभ राशि
प्रेम जीवन: टेम्परेंस
आर्थिक जीवन: सेवन ऑफ वैंड्स
करियर: द हर्मिट
स्वास्थ्य: नाइट ऑफ कप्स
प्रेम जीवन में टेम्परमेंट कार्ड सामंजस्य, संतुलन और एक संतुलित रिश्ते को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आप अपने रिश्ते में खुश रहेंगे और एक-दूसरे का ध्यान रखेंगे। आप दोनों एक-दूसरे से खुलकर बातचीत करेंगे एवं समझौता करने के लिए तैयार रहेंगे और भावनात्मक समस्याओं से दूर रहेंगे।
सेवन ऑफ वैंड्स कार्ड कहता है कि आपको अपने अधिकार के लिए खड़ा होना चाहिए। इसके अलावा आपको अपने वित्तीय लाभ की सुरक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए। यह कार्ड आपको सोच-समझकर निवेश करने, भविष्य के लिए बचत करने और संपत्ति को बचाने जैसी रणनीतियों पर काम करने के लिए कह रहा है।
द हर्मिट कार्ड आपको आत्म-खोज और आत्म-निरीक्षण करके इस बात पर विचार करने के लिए कह रहा है कि वर्तमान में आप अपने करियर में जिस रास्ते पर चल रहे हैं, वह आपके मूल्यों और लक्ष्यों के अनुरूप है या नहीं। इस कार्ड का कहना है कि आपको अपने पेशेवर उद्देश्यों का फिर से मूल्यांकन करना चाहिए, पैसों के अलावा संतुष्टि पर ध्यान देना चाहिए और करियर के अन्य विकल्पों को देखना चाहिए।
नाइट ऑफ कप्स कार्ड स्वास्थ्य में खासतौर पर टेस्ट के रिजल्ट का इंतज़ार कर रहे लोगों के लिए सुधार के संकेत दे रहा है। इस कार्ड का कहना है कि आपके मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आ सकता है और आप बेहतर महसूस करेंगे।
उचित पेशा: इनोवेशन, सूचना प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक।
मीन राशिके जातकों को टेन ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड मिला है जो कि अतीत में मिले भावनात्मक आघात से निकलने और ठीक होने के लिए ओर आगे बढ़ने को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपको अतीत में मिले दर्द को भूलकर अपनी जिंदगी पर फिर से नियंत्रण पाना चाहिए और नए अवसरों को देखना चाहिए।
द स्टार कार्ड आशावादी बनने, पुनर्जन्म औरवित्तीय जीवन में भविष्य में सफलता मिलने को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी है और अगर आपको कोई समस्या आती भी है, तो उसका समाधान जल्दी निकल जाएगा। यह कार्ड कह रहा है कि आपके पास जो कुछ भी है, उसके लिए आभार व्यक्त करें, आशावादी बने रहें और अपने दीर्घकालिक वित्तीय उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयास करते रहें।
करियर में सेवन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड के अपराइट आने का मतलब है कि आपको अपनी कड़ी मेहनत और लगन का फल मिलना शुरू हो गया है। इस कार्ड का कहना है कि आप अपने उद्देश्य को पाने के लिए सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आपके लिए यह उद्देश्य निवेश, बिज़नेस में सफल होना या प्रमोशन जैसा कुछ भी हो सकता है।
स्वास्थ्य के मामले में आपको द चैरियट कार्ड मिला है जो कि उत्साह और दृढ़ता को दर्शाता है। इस कार्ड के अनुसार आपके अंदर स्वास्थ्य को लेकर आने वाली चुनौतियों को पार करने की क्षमता मौजूद है। इस कार्ड का कहना है कि आप लचीलेपन और आत्मविश्वास के साथ समस्याओं से निपट रहे हैं, अपनी सेहत की जिम्मेदारी उठा रहे हैं और जरूरत पड़ने पर सहायता मांग रहे हैं।