योगिनी एकादशी से सजा यह सप्ताह इन राशियों के लिए रहेगा बेहद शुभ, भगवान विष्णु का मिलेगा आशीर्वाद!

योगिनी एकादशी से सजा यह सप्ताह इन राशियों के लिए रहेगा बेहद शुभ, भगवान विष्णु का मिलेगा आशीर्वाद!

सप्ताह का हर दिन, हर पल और हर सुबह अपने साथ आशा की नई किरण लेकर आता है। इस क्रम में, अब हम जल्द ही जून के नए सप्ताह (16 जून से 22 जून, 2025) में प्रवेश करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। ऐसे में, आपके मन में भी इस बात को लेकर जिज्ञासा होगी कि आने वाला यह हफ़्ता आपको प्रेम, वैवाहिक जीवन, आर्थिक जीवन और करियर में किस तरह के परिणाम देगा। साथ ही, क्या करियर में मिलेगी सफलता? पारिवारिक जीवन रहेगा सुख-शांति से पूर्ण? प्रेम और वैवाहिक जीवन में बनी रहेगी मिठास? इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए आपको “साप्ताहिक राशिफल” का यह हमारा ब्लॉग अंत तक पढ़ना होगा। 

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साप्ताहिक राशिफल का यह ब्लॉग वैदिक ज्योतिष पर आधारित है जिसे हमारे अनुभवी एवं विशेषज्ञ ज्योतिषियों द्वारा ग्रहों-नक्षत्रों की स्थिति, दशा और चाल को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इस ब्लॉग में आपको न सिर्फ़ इस सप्ताह में आने वाले व्रत-त्योहार, ग्रहण एवं गोचर की जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही, इस दौरान किन मशहूर हस्तियों का जन्मदिन आएगा, इससे भी हम आपको रूबरू करवाएंगे। आइए अब बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं साप्ताहिक राशिफल ब्लॉग के माध्यम से अगले  7 दिनों का पूरा हाल। लेकिन सबसे पहले नज़र डालते हैं इस सप्ताह के ज्योतिषीय पंचांग पर। 

इस सप्ताह का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू कैलेंडर की गणना

व्रत-त्योहारों से पहले हम बात कर लेते हैं इस हफ़्ते के ज्योतिषीय पंचांग की, तो बता दें कि जून 2025 के तीसरे सप्ताह का आरंभ श्रवण नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि अर्थात 16 जून 2025 को होगा। वहीं, इस हफ़्ते का अंत कृतिका नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि यानी कि 22 जून 2025 पर हो जाएगा। इस सप्ताह का पंचांग जानने के बाद अब हम आगे बढ़ेंगे और जानेंगे इस अवधि में कब और कौन से व्रतों-त्योहारों को मनाया जाएगा। 

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इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहार 

आधुनिक समय में इंसान अपनी ज़िंदगी में इतना व्यस्त हो गया है कि अक्सर रोज़मर्रा के कामों में उलझने की वजह से जीवन की महत्वपूर्ण तिथियों को भूल जाता है। लेकिन, ऐसी कोई घटना आपके साथ न हो इसलिए हमारा यह सेक्शन आपके लिए ही है जिसमें आपको हम अगले सप्ताह यानी कि 7 दिनों में मनाए जाने वाले प्रमुख व्रत एवं त्योहारों की सही तिथियां नीचे प्रदान कर रहे हैं ताकि आपसे कोई भी जरूरी दिन छूट न जाएं। 

योगिनी एकादशी (21 जून 2025, शनिवार): जैसे कि हम सभी इस बात को भली-भाँति जानते हैं कि एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है इसलिए इस तिथि पर इनकी पूजा-अर्चना और व्रत भक्तों द्वारा श्रद्धाभाव से किया जाता है। शायद आप नहीं जानते होंगे कि योगिनी एकादशी का नाम विष्णु जी के ही एक नाम पर रखा गया है। योगिनी एकादशी से जुड़ी  मान्यता है कि इस दिन जो भक्त व्रत करता है, उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही, योगिनी एकादशी से जातक को 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने के तुल्य पुण्य प्राप्त होता है। 

हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन में खुशियाँ और आशा की नई किरण लेकर आयेंगे।

इस सप्ताह में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर

ग्रहण और गोचर सिर्फ़ ज्योतिष शास्त्र में ही महत्व नहीं रखते हैं, बल्कि यह मनुष्य जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि ग्रहों की चाल, दशा या स्थिति में होने वाले बदलाव का सीधा असर आपके जीवन पर पड़ता है। ऐसे में, सभी 12 राशि के जातकों को ग्रहण और गोचर की जानकारी होना आवश्यक हो जाता है इसलिए यहां हम आपको जून 2025 के इस हफ्ते के ग्रहण-गोचर की जानकारी प्रदान करेंगे। हालांकि, इस सप्ताह केवल एक ग्रह का गोचर हो रहा है। चलिए जानते हैं कौन सा है वह ग्रह। 

बुध का कर्क राशि में गोचर (22 जून 2025): बुध को नवग्रहों में प्रमुख स्थान प्राप्त है जो मनुष्य जीवन को गहराई से प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। अब बुध देव 22 जून 2025 की रात 09 बजकर 17 मिनट पर चंद्र देव की राशि कर्क में गोचर करने जा रहे हैं।  

नोट: जून 2025 के इस तीसरे सप्ताह (16 जून से 22 जून, 2025) के दौरान कोई ग्रहण नहीं लगने जा रहा है। 

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आइए अब हम आपको अवगत करवाते हैं इस सप्ताह के शुभ मुहूर्तों से। 

16 जून से 22 जून, 2025 के शुभ मुहूर्त 

इस सप्ताह (16 जून से 22 जून) के नामकरण मुहूर्त

नामकरण संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा है? तो चिंता न करें क्योंकि नीचे हम आपको जून के इस सप्ताह के नामकरण संस्कार के शुभ मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं।   

तिथि मुहूर्त
16 जून 2025, सोमवार25:14:40 से 29:22:50
18 जून 2025, बुधवार24:23:52 से 29:23:06
19 जून 2025, गुरुवार05:23:14 से 11:58:23
20 जून 2025, शुक्रवार09:52:15 से 29:23:25

इस सप्ताह (16 जून से 22 जून) के विवाह मुहूर्त

जून 2025 के इस तीसरे सप्ताह में विवाह का कोई मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।   

इस सप्ताह (16 जून से 22 जून) के अन्नप्राशन मुहूर्त

जो माता-पिता अपने शिशु का अन्नप्राशन संस्कार करने के लिए शुभ मुहूर्त देख रहे हैं, उनके लिए यहाँ हम इस सप्ताह के अन्नप्राशन संस्कार की सूची लेकर आये हैं। 

तिथि मुहूर्त
16 जून 202508:08 से 17:21
20 जून 202512:29 से 19:24

इस सप्ताह (16 जून से 22 जून) के मुंडन मुहूर्त

जून 2025 के इस तीसरे सप्ताह में जो माता-पिता अपने शिशु का मुंडन संस्कार संपन्न करना चाहते हैं, तो वह इस तिथि पर मुंडन संस्कार कर सकते हैं। 

तिथि मुहूर्त
19 मई 2025, सोमवार06:14:48 से 29:28:25

इस सप्ताह (16 जून से 22 जून) के कर्णवेध मुहूर्त

जून के इस हफ़्ते में कर्णवेध के लिए अनेक मुहूर्त उपलब्ध हैं और ऐसे में, आप तिथि का चुनाव अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं जो कि इस प्रकार है:

तिथि मुहूर्त
16 जून 202508:08-17:21
20 जून 202512:29-19:24
21 जून 202510:08-12:2614:42-18:25

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इस सप्ताह जन्म लेने वाले मशहूर सितारे

16 जून 2025: दीपा सन्निधि, च्लोए सोफिया ट्रम्प, एरियाना ग्रांडे

17 जून 2025: मयंक यादव, केंड्रिक लैमर, सिंधु मेनन

18 जून 2025: मेघना सिंह, अरविंद स्वामी, ईशान किशन

19 जून 2025: बोरिस जॉनसन, ओक्राम इबोबी सिंह, जिमी वाकर

20 जून 2025: राजीव त्यागी, सकिना खातून, फ़्रैंक लैंपार्ड

21 जून 2025: रिले मेरेडिथ, रीमा लागू, विवेक शौक़

22 जून 2025: देवयानी, करण ग्रोवर, विजय अभिनेता

एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं। 

साप्ताहिक राशिफल 16 जून से 22 जून, 2025

यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
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मेष साप्ताहिक राशिफल 

इस सप्ताह भर आपकी सेहत ठीक-ठाक रहेगी, लेकिन इस दौरान किसी भी तरह की यात्रा…..(विस्तार से पढ़ें) 

मेष प्रेम राशिफल 

प्रेम जीवन खुशनुमा रहेगा, आप इस सप्ताह अपने लवमेट के साथ मिलकर भविष्य….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

आपके स्वास्थ्य जीवन को देखें तो, इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। इस दौरान….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ प्रेम राशिफल

प्रेम राशिफल के अनुसार यह सप्ताह, आपके प्रेम जीवन को मजबूत बनाने वा….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

आपकी राशि के लोगों के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से, ये सप्ताह बेहद उत्तम रहेगा। क्योंकि….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन प्रेम राशिफल

इस सप्ताह योग बन रहे हैं कि किन्ही निजी कार्यों के कारण, आपके प्रेमी….(विस्तार से पढ़ें)

कर्क साप्ताहिक राशिफल

इस बात को आप भी भली-भाँति जानते हैं कि, जितना आप छुपाते हैं उतने ही आप…. (विस्तार से पढ़ें)

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यदि आप किसी से सच्चा प्रेम करते हैं तो, इस सप्ताह संभव है कि आपको कुछ ….(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको अपनी व्यस्त ज़िंदगी में से, कुछ पल निकालते हुए आराम करने और….(विस्तार से पढ़ें)

सिंह प्रेम राशिफल

प्रेम जीवन में आ रही परेशानियां दूर होंगी, क्योंकि इस सप्ताह आप अपने लवमेट……(विस्तार से पढ़ें)

कन्या साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह अगर आवश्यक न हो तो, वाहन चलाने से परहेज करें। ख़ास तौर से रात ….(विस्तार से पढ़ें)

कन्या प्रेम राशिफल

प्यार के मामले में यह सप्ताह, आपकी राशि वालों के लिए सामान्य से अच्छा रहने….(विस्तार से पढ़ें)

तुला साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको ख़ास तौर से हिदायत दी जाती है कि अपना अतिरिक्त समय घर …..(विस्तार से पढ़ें)

तुला प्रेम राशिफल

इस सप्ताह अपने प्रेमी प्रेमिका को रिझाने के लिए आप कई स्वांग रच सकते हैं। आपका….. (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

शारीरिक और मानसिक लाभ के लिए, आपके द्वारा नियमित रूप से इस सप्ताह …..(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपके घरवाले आपके प्रेम संबंधों के बीच आकर, आपके प्रेमी…..(विस्तार से पढ़ें)

धनु साप्ताहिक राशिफल

स्वास्थ्य राशिफल के अनुसार, ये सप्ताह भी स्वास्थ्य के नज़रिये से थोड़ा बेहतर ही …..(विस्तार से पढ़ें)

धनु प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपको प्रेम जीवन में अप्रत्याशित ख़ुशियाँ प्रदान होंगी। आप अपने …..(विस्तार से पढ़ें)

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मकर साप्ताहिक राशिफल

दूसरों के सफलता को सराहकर, आप इस सप्ताह सकारत्मक छवि का लुत्फ़ ले ….(विस्तार से पढ़ें)

मकर प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपका प्रेमी आपको मनाने की कोशिश करता दिखाई देगा और ….(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

जिन्हें शराब और धूम्रपान की बुरी आदत हैं, वो जातक किसी बड़े की सलाह के बाद…. (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपकी तरक्की होगी, जिसको लेकर आपका प्रेमी आपकी जमकर ….(विस्तार से पढ़ें)

मीन साप्ताहिक राशिफल 

यदि आप नियमित रूप से रनिंग करते हैं तो, सख्त जगहों पर रनिंग करने की…..(विस्तार से पढ़ें)

मीन प्रेम राशिफल

अगर इस हफ्ते के सकारात्मक पहलू पर नजर डालें तो, आपकी राशि के कुछ ….(विस्तार से पढ़ें)

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

जून 2025 के इस सप्ताह में मुंडन संस्कार के कितने मुहूर्त हैं?

इस सप्ताह (16 से 22 जून, 2025) के दौरान मुंडन संस्कार के लिए सिर्फ़ एक मुहूर्त  उपलब्ध है। 

बुध का कर्क राशि में गोचर कब होगा?

बुध महाराज 22 जून 2025 को कर्क राशि में गोचर करेंगे।

साल 2025 में योगिनी एकादशी कब है?

वर्ष 2025 में योगिनी एकादशी 21 जून 2025 को पड़ेगी। 

मिथुन संक्रांति 2025 पर करें ये शुभ काम, मिलेगा पद-प्रतिष्ठा और धन लाभ!

मिथुन संक्रांति 2025 पर करें ये शुभ काम, मिलेगा पद-प्रतिष्ठा और धन लाभ!

मिथुन संक्रांति 2025: सूर्य देव अपनी ऊर्जा और रोशनी से पूरे संसार को जीवनदान देते हैं। इनके बिना संपूर्ण सृष्टि की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इसी तरह सूर्य के गोचर का भी बहुत अधिक महत्व है। सूर्य का गोचर का मतलब होता है सूर्य देव का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना। ज्योतिष शास्त्र में जब सूर्य एक राशि में लगभग 30 दिन बिताकर अगली राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे सूर्य का संक्रांति या गोचर कहा जाता है। 

जैसे कि जब सूर्य वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करता है तो इसे मिथुन संक्रांति कहते हैं। सूर्य हर साल कुल 12 बार राशि परिवर्तन करते हैं और हर बार इनका यह गोचर व्यक्ति के जीवन में कुछ न कुछ नया परिवर्तन लेकर आता है। ऐसी मान्यता है कि मिथुन संक्रांति पर किए गए धार्मिक कार्यों और उपायों से वर्ष भर सूर्य देव की कृपा बनी रहती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा और समृद्धि में वृद्धि होती है। 

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एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में आपको मिथुन संक्रांति 2025 के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी। सिर्फ इतना ही नहीं, हम आपको बताएंगे कि मिथुन संक्रांति के दिन कौन से आसान एवं प्रभावी उपायों को करने से सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है। तो चलिए बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं मिथुन संक्रांति के बारे में।

मिथुन संक्रांति 2025:तिथि एवं शुभ मुहूर्त

बता दें कि आत्मा, पिता, सम्मान, उच्च पद, शक्ति, और नेतृत्व क्षमता का कारक ग्रह सूर्य 15 जून 2025 से लेकर 16 जुलाई 2025 तक मिथुन राशि में गोचर करेंगे। जब सूर्य का प्रवेश मिथुन राशि में होगा, उस दिन को मिथुन संक्रांति के रूप में मनाया जाएगा। ग्रहों के राजा सूर्य देव 15 जून 2025 की सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर वृषभ राशि को छोड़कर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।

मिथुन संक्रांति 2025 की तिथि: रविवार, जून 15, 2025 को

मिथुन संक्रांति पुण्य काल – 15 जून की सुबह 06 बजकर 53 मिनट से दोपहर 02 बजकर 19 मिनट तक।

अवधि – 07 घंटे 27 मिनट

मिथुन संक्रान्ति महा पुण्य काल – 15 जून की सुबह 06 बजकर 53 मिनट से सुबह 09 बजकर 12 मिनट तक।

अवधि – 02 घंटे 20 मिनट

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मिथुन संक्रांति का अर्थ

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य के गोचर यानी राशि परिवर्तन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जब सूर्य देव वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं, तो इस घटना को मिथुन संक्रांति कहा जाता है। यह हर साल जून के महीने में पड़ती है और सूर्य के इस संक्रांति का विशेष धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है।

मिथुन संक्रांति से सूर्य देव मिथुन राशि में लगभग एक महीने तक रहते हैं। मिथुन राशि को बुद्धि, वाणी, व्यापार और संचार का प्रतीक माना जाता है, इसलिए सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश से इन क्षेत्रों में विशेष प्रभाव पड़ता है। यह समय खासतौर पर व्यापारियों, लेखकों, विद्यार्थियों और संचार माध्यमों से जुड़े लोगों के लिए शुभ फलदायक माना जाता है।

मिथुन संक्रांति का महत्व

ज्योतिष में, मिथुन संक्रांति का विशेष महत्व है। मिथुन संक्रांति से वर्षा ऋतु की भी शुरुआत मानी जाती है। इस समय से प्रकृति में बदलाव आने लगता है और मानसून के संकेत मिलने लगते हैं। ज्योतिष के अनुसार सूर्य का यह गोचर सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में भी कई बदलाव लाता है और देश-दुनिया के व्यापार व आर्थिक स्थिति पर भी असर डालता है। मान्यता है कि मिथुन संक्रांति पर सूर्य देव को प्रसन्न करने से जीवन में स्वास्थ्य, सफलता और समृद्धि बनी रहती है। यही कारण है कि इस दिन लोग नदियों में स्नान करते हैं, व्रत रखते हैं और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करते हैं। इस तरह, मिथुन संक्रांति सिर्फ एक खगोलीय घटना नहीं है, बल्कि यह धर्म, ज्योतिष और सामाजिक जीवन में शुभता और उन्नति का संदेश लेकर आती है।

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मिथुन संक्रांति: देश के भिन्न-भिन्न हिस्सों में अलग-अलग रिवाज़

देश के भिन्न-भिन्न हिस्सों में मिथुन संक्रांति को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। आइए जानते हैं। 

बिहार में दान का पर्व

मिथुन संक्रांति को स्नान और दान का पर्व माना जाता है। इस दिन लोग गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, जल भरे घड़े, छाता और जूते दान करते हैं। सूर्य देव को जल चढ़ाया जाता है और व्रत रखा जाता है।

ओडिशा में “राजा पर्व”

ओडिशा में मिथुन संक्रांति का सबसे बड़ा उत्सव है, जिसे “राजा पर्व” के रूप में मनाया जाता है। यह खासकर महिलाओं का त्योहार होता है, लेकिन इस त्योहार में बड़े-बुजुर्ग, बच्चे हर कोई बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता है। इस दौरान झूले झुलाए जाते हैं, खेल-तमाशे होते हैं और पारंपरिक पकवान बनाए जाते हैं।

बंगाल में नई फसल की शुरुआत

यहां मिथुन संक्रांति के दिन सूर्य पूजा के साथ-साथ लोक नृत्य और गीतों का आयोजन होता है। किसान इस दिन खेतों में नई फसल की तैयारी की शुरुआत करते हैं।

दक्षिण भारत में रखते हैं उपवास

दक्षिण भारत जैसे- आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक जैसे जगहों पर मिथुन संक्रांति धार्मिक रूप में मनाया जाता है। सूर्य भगवान के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है। लोग गरीबों को जल और भोजन दान करते हैं और उपवास रखते हैं।

राजस्थान और गुजरात में लोकगीतों का आयोजन

राजस्थान और गुजरात में भी इस दिन दान-पुण्य पर जोर दिया जाता है। सूर्य देव की आराधना कर लोग सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। ग्रामीण इलाकों में छोटे मेलों और लोकगीतों का आयोजन होता है।

मिथुन संक्रांति पर इन चीज़ों का करें दान

सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए मिथुन संक्रांति में कई ऐसी चीज़ें हैं, जिनका दान करना अति शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं उन चीज़ों के बारे में:

  • तांबे का बर्तन जरूर दान करें क्योंकि यह सूर्य देव का प्रिय धातु है।
  • सूर्य देव को लाल रंग अति प्रिय है इसलिए इस दिन लाल वस्त्र का दान करें।
  • इसके अलावा, गुड़, घी, शक्कर और गेहूं का दान करना भी शुभ माना जाता है।
  • इस दिन जल से भरे घड़े (मटके) दान करें।
  • सात प्रकार के अनाज दान करें।
  • छाता, चप्पल और कपड़े, गर्मी से राहत दिलाने वाले चीजें दान करेंष
  • पंखा या हाथ का पंखा
  • फल, विशेषकर आम और खरबूज व तरबूज
  • काले तिल और सफेद चावल का दान करें।
  • सोना, तांबा या पीतल का सिक्का
  • इस दिन प्याऊ लगाना या प्यासों को ठंडा जल पिलाना बड़ा पुण्यकारी होता है।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

इस विधि से करें सूर्यदेव की पूजा व आराधना

  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर साफ वस्त्र पहनें। स्नान में थोड़ा गंगाजल मिलाना शुभ माना जाता है।
  • तांबे के लोटे में जल भरें, उसमें लाल फूल, अक्षत , रोली या कुमकुम और थोड़ा गुड़ डालें। पूर्व दिशा की ओर मुख कर के सूर्य देव को जल अर्पित करें।
  • जल देते समय इस मंत्र का उच्चारण करें- “ॐ घृणि सूर्याय नमः”। साथ ही सूर्य मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें- “ॐ आदित्याय नमः”।
  • सूर्य देव को लाल फूल और लाल वस्त्र अर्पित करें, क्योंकि लाल रंग इन्हें प्रिय है।
  • इसके बाद गुड़, गेहूं, तांबे के बर्तन, फल और जल का दान गरीबों या जरूरतमंदों को दें।
  • इस दिन सात्विक भोजन करें और मांस, मदिरा या तामसिक चीजों से दूर रहें।

मिथुन संक्रांति पर इन उपायों से करें सूर्य देव को प्रसन्न

  • प्रातःकाल स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल भरें, उसमें लाल फूल, रोली, चावल और थोड़ा सा गुड़ डालें और सूर्य को अर्घ्य दें। ऐसा करने से तेज दिमाग की प्राप्ति होती है।
  • इस दिन आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें। यह स्तोत्र सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए सबसे प्रभावशाली माना जाता है। रोजाना इसका पाठ करने से आत्मबल और सफलता में वृद्धि होती है।
  • सूर्य देव को लाल रंग प्रिय है। लाल वस्त्र पहनें, लाल चंदन का तिलक लगाएं और पूजा में लाल फूल चढ़ाएं। ऐसा करने से हर कार्य में सफलता प्राप्त होगी।
  • रविवार के दिन तांबे के बर्तन, गुड़, गेहूं, लाल कपड़े और छाता का दान करें। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
  • रविवार को पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं और उसकी परिक्रमा करें। तुलसी माता की सेवा भी सूर्य को प्रिय है। ऐसा करने से बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
  • रविवार के दिन उपवास करें और सूर्य देव की विशेष पूजा करें। ऐसा करने से कमजोर सूर्य की स्थिति कुंडली में मजबूत होती है।
  • ज्योतिषीय सलाह के बाद सूर्य का रत्न माणिक्य (रूबी) धारण करें। यह सूर्य की ऊर्जा को बढ़ाता है।

मिथुन संक्रांति पर सभी 12 राशियों पर प्रभाव

मेष राशि

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर विद्यार्थियों के लिए अच्छे परिणाम देगा। इस दौरान आपको हर परीक्षा में सफलता प्राप्त होगी। प्रेम जीवन के लिए भी यह समय बेहतर है। दिल की बात कहने का उत्तम समय है। सच्चा और गहरा प्यार पाने के संकेत हैं। रिश्ता शादी तक पहुंच सकता है। इस दौरान आपका आत्मविश्वास सामान्य तौर पर अनुकूल रहेगा। आपके करीबी आपका सहयोग करेंगे, आप अच्छी योजनाएं बनाकर सफलता की ओर बढ़ सकते हैं। 

वृषभ राशि

यह गोचर आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। इसके अलावा, आंखों से संबंधित कुछ परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं लेकिन घबराने की बात नहीं है समस्या से जल्द ही निपटारा भी पा सकेंगे । हालांकि आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और आय के कई साधन आपको मिलेंगे। लेकिन जिस तेजी से कमाई होगी उसी तेजी से खर्चे भी बढ़ेंगे इसलिए सोच समझकर खर्च करने की सलाह दी जाती है। घर गृहस्थी से संबंधित विवादों को टालना भी समझदारी का काम होगा।

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मिथुन राशि

सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं माना जा रहा है। हालांकि सूर्य का यह गोचर कुछ मामलों में अच्छा कॉन्फिडेंस दे सकता है।कभी कभार आप ओवर कॉन्फिडेंस भी हो सकते हैं। ऐसा करने से स्वयं को बचाना समझदारी का काम होगा। अहंकारी होने से भी बचना है। साथ-साथ क्रोध नहीं करना है। शासन प्रशासन से जुड़े लोगों के साथ बेहतर ढंग से पेश आने की जरूरत रहेगी। खान-पान को भी संयमित रखना है। 

कर्क राशि

सूर्य का गोचर कर्क राशि के जातकों को आर्थिक और पारिवारिक मामले में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने का संदेश दे रहे हैं। इस दौरान शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में संयम पूर्वक काम करने की आवश्यकता रहेगी। खान-पान भी संयमित रहे तो और भी अच्छा रहेगा। कहने का तात्पर्य है कि सामान्य तौर पर इस गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन फिर भी यदि आप अनुशासित तरीके से काम करेंगे तो संतोषप्रद परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों को सूर्य का गोचर से शानदार फायदे होंगे। खासकर खुद का व्यापार करने और सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले जातकों के लिए यह गोचर अच्छा साबित होगा।  प्रेम संबंध में भी अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे और लोगों के प्रति आपका आचरण अच्छा रहेगा । यात्राएं सामान्य तौर पर फायदेमंद रह सकती हैं। आर्थिक मामले में इस गोचर को काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना जाएगा। नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति मिल सकती है अथवा इस समय अवधि में आपका इंक्रीमेंट भी हो सकता है।

कन्या राशि

विदेश आदि से संबंधित काम करने वाले लोगों को काफी अच्छे परिणाम मिलेंगे। शासन प्रशासन से मदद दिलाने में भी यह गोचर आपके लिए अनुकूल रहेगा। आपने अपने काम में जो मेहनत की है उसके अच्छे परिणाम आपको इस अवधि में मिलेगा। व्यापार की शुरुआत करने या आगे बढ़ाने के मामले में पिता का सहयोग मिलेगा।

तुला राशि

इस समय भाग्य आपका साथ देगा। रुके हुए काम पूरे होने लगेंगे और किस्मत आपका साथ देगी। धार्मिक यात्राओं का योग बनेगा। मंदिर दर्शन, पूजा-पाठ या कोई धार्मिक कार्य करने का मन बनेगा। विद्यार्थियों के लिए यह गोचर शुभ है। पढ़ाई में ध्यान लगेगा और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिल सकती है। पिता या गुरु से सहयोग प्राप्त होगा। पारिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे। यदि आप विदेश जाने की सोच रहे हैं तो प्रयास करें, सफलता मिलने की संभावना है।

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वृश्चिक राशि

इस दौरान पैसों के लेन-देन में सावधानी रखें। अचानक खर्चे बढ़ सकते हैं या कोई पुराना कर्ज याद दिला सकता है। कुछ निजी मामलों को लेकर मन थोड़ा व्याकुल रह सकता है। क्रोध और तनाव पर नियंत्रण रखें। इस समय में गुप्त स्रोतों से लाभ भी संभव है, जैसे बीमा, टैक्स रिफंड, या कोई पुराना पैसा वापस मिलना। अगर आप रिसर्च, ज्योतिष या गुप्त विद्याओं से जुड़े हैं तो यह गोचर सफलता दिला सकता है।

धनु राशि

पति-पत्नी के बीच मतभेद की संभावना है। छोटी बातों को बड़ा न बनने दें, संयम और समझदारी रखें। यदि आप बिजनेस पार्टनरशिप में हैं तो विशेष सतर्कता बरतें। किसी भी दस्तावेज या एग्रीमेंट को पढ़े बिना साइन न करें। प्रतियोगिता बढ़ेगी, चाहे नौकरी में हो या व्यापार में। आपको थोड़ा ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी अपनी जगह बनाने के लिए।

मकर राशि

यह गोचर पेट, त्वचा या आंखों से जुड़ी दिक्कतें दे सकता है। मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है, इसलिए योग और ध्यान करें। नौकरीपेशा लोगों के लिए काम का दबाव बढ़ेगा। बॉस या सीनियर्स के साथ तालमेल बैठाकर चलें। जो लोग आपकी प्रगति में बाधा डाल रहे थे, उन पर अब आप भारी पड़ेंगे। साहस और संयम दोनों बनाए रखें।

कुंभ राशि

इस दौरान पार्टनर के साथ छोटी-छोटी बातों पर तनाव हो सकता है। गलतफहमी से बचें और संवाद को मजबूत करें। बच्चों की पढ़ाई या सेहत को लेकर चिंता रह सकती है। धैर्य से काम लें और उनका मार्गदर्शन करें। विद्यार्थियों के लिए यह समय मेहनत करने का है। आलस्य छोड़ें और ध्यान केंद्रित करें।

मीन राशि

यह गोचर आपके कार्यक्षेत्र में कुछ बदलाव ला सकता है। हो सकता है कि आपको नए अवसर मिलें, लेकिन इन अवसरों को प्राप्त करने के लिए आपको थोड़ी मेहनत और सही निर्णय की जरूरत पड़ेगी।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मिथुन संक्रांति कब मनाई जाएगी?

मिथुन संक्रांति 15 जून को मनाई जाएगी।

मिथुन संक्रांति क्या है?

सूर्य जब मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं तो इस घटना को मिथुन संक्रांति कहा जाता है।

मिथुन लग्न का रत्न कौन सा है?

मिथुन राशि के लिए पन्ना रत्न लाभकारी है।

एक साल बाद ग्रहों के राजा मिथुन राशि में करेंगे प्रवेश

एक साल बाद ग्रहों के राजा मिथुन राशि में करेंगे प्रवेश, इन राशियों के होंगे अच्छे दिन शुरू!

एस्ट्रोसेज एआई आपके लिए “सूर्य का मिथुन राशि में गोचर” का यह विशेष लेख लेकर आया है जिसके माध्यम से आपको सूर्य गोचर से जुड़ी समस्त जानकारी विस्तारपूर्वक प्राप्त होगी। जैसे कि हम जानते हैं कि नवग्रहों में सूर्य को “ग्रहों का जनक” कहा जाता है क्योंकि सभी ग्रह सूर्य महाराज की परिक्रमा करते हैं। साथ ही, यह एक मात्र ऐसा ग्रह है जो कभी भी अस्त, वक्री, मार्गी और अस्त नहीं होता है इसलिए सूर्य सबसे ख़ास हो जाते हैं। इसी क्रम में, जब-जब सूर्य ग्रह अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं, तो इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। अब जून माह में सूर्य एक बार फिर से अपनी राशि में बदलाव करते हुए मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। सूर्य का मिथुन राशि में गोचर होने से इसका सीधा प्रभाव राशि चक्र की सभी राशियों पर अच्छे-बुरे रूप में दिखाई देगा। 

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हमारे इस लेख में आपको न सिर्फ़ सूर्य गोचर के बारे में जानकारी प्राप्त होगी, बल्कि यह गोचर किन राशियों के लिए सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम लेकर आ सकता है, इससे भी हम आपको रूबरू करवाएंगे। सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश से बनने वाली योगों और होने वाली युतियों के विषय में भी आपको बताएंगे। हम इस ब्लॉग में आपको सूर्य गोचर को मज़बूत करने और अनुभवी एवं विशेषज्ञ ज्योतिषियों द्वारा सूर्य और अन्य ग्रहो की स्थिति को ध्यान में रखकर कुछ उपाय भी प्रदान करेंगे। 

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: तिथि एवं समय

ज्योतिष के अनुसार, सूर्य महाराज 30 दिनों तक यानी कि एक माह तक एक राशि में रहते हैं और इसके बाद, वह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर कर जाते हैं। ऐसे में, इन्हें अपना राशि चक्र पूरा करने में एक साल का समय लगता है। अब सूर्य देव 15 जून 2025 की सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर कर जाएंगे। बता दें कि मिथुन राशि के स्वामी ग्रह बुध हैं और इन दोनों ग्रहों को ही महत्वपूर्ण माना जाता है। हालांकि, जून 2025 का महीना ज्योतिष की दृष्टि से विशेष रहने वाला है क्योंकि इस दौरान एक नहीं कई ग्रहों के गोचर और चाल एवं दशा में परिवर्तन होंगे। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं सूर्य गोचर से बनने वाली युति और योगों पर।

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सूर्य गोचर के दौरान होने वाली ग्रहों की युति

यह हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि ज्योतिषीय दृष्टि से, जून का महीना बेहद ख़ास रहेगा क्योंकि इस दौरान कई बड़े ग्रह गोचर करेंगे। साथ ही, मिथुन राशि इस महीने ग्रहों के गोचर, युति और राजयोगों का केंद्र रहेगी। जब सूर्य का मिथुन राशि में गोचर होगा, उस समय वहां गुरु ग्रह और बुध देव पहले से मौजूद होंगे। ऐसे में, मिथुन राशि में हमें आत्मा के कारक सूर्य, ज्ञान के ग्रह गुरु और बुद्धि के प्रमुख बुध की युति देखने को मिलेगी। हालांकि, सूर्य गोचर के कुछ दिन बाद ही बुध दूसरी राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इन तीनों ग्रहों के मिथुन राशि में होने से कौन से योग बनेंगे? चलिए जानते हैं। 

सूर्य के मिथुन राशि में गोचर से बनेंगे ये शुभ-अशुभ योग

बुध देव की राशि मिथुन में सूर्य का गोचर होने से अनेक शुभ योग बनेंगे जिनके बारे में आगे बात करेंगे। 15 जून 2025 को जब सूर्य मिथुन राशि में आएंगे, तो वहाँ पहले से मौजूद बुध के साथ युति करेंगे। ऐसे में, सूर्य और बुध की युति से बेहद शुभ माने जाने वाले बुधादित्य योग का निर्माण होगा। सिर्फ़ इतना ही नहीं, मिथुन राशि में सूर्य, बुध और गुरु ग्रह के एक साथ बैठे होने से त्रिग्रही योग भी बनेगा। 

लेकिन अगर हम नकारात्मक पक्ष की बात करें तो, मिथुन राशि में बुध और गुरु दोनों ग्रह एक साथ होंगे और ऐसे में, एक अशुभ योग केंद्राधिपति दोष का भी निर्माण होगा। इस दोष के प्रभाव से गुरु और बुध जातकों को अपनी पूरी क्षमता के साथ परिणाम नहीं दे पाएंगे। शादी-विवाह में जातकों को देरी का सामना करना पड़ सकता है।

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मनुष्य जीवन पर सूर्य ग्रह का प्रभाव

ज्योतिष के साथ-साथ मनुष्य जीवन को भी सूर्य ग्रह अत्यधिक प्रभावित करता है और ऐसे में, हम आपको मानव जीवन में सूर्य का महत्व नीचे बताने जा रहे हैं। 

व्यक्तित्व

कुंडली में सूर्य महाराज की किसी विशेष राशि और भाव में स्थिति जातक के व्यक्तित्व के गुणों को प्रभावित करती है। साथ ही, व्यक्ति को स्वयं के बारे में जानने-समझने में भी योगदान देती है।

करियर

यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति मज़बूत होती है, तो वह जातक को करियर के क्षेत्र में ऐसे रास्ते पर लेकर जा सकती है जो आपके जीवन में सफलता लेकर आता है, विशेष रूप से नेतृत्व या सरकार  से जुड़े क्षेत्रों में। 

सामाजिक स्थिति और मान-सम्मान

सूर्य देव को मान-सम्मान का कारक माना जाता है और ऐसे में, सूर्य देव के बलवान होने पर जातक को समाज में प्रसिद्धि और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। साथ ही, सामाजिक छवि को भी सूर्य ग्रह मज़बूत बनाते हैं। 

स्वास्थ्य

ज्योतिष की मानें तो, सूर्य महाराज जीवन शक्ति और स्वास्थ्य को भी नियंत्रित करते हैं। कुंडली में सूर्य शुभ होने पर जातक को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है और आपकी ऊर्जा का स्तर भी उच्च रहता है। 

पिता से संबंध

अगर कुंडली में सूर्य ग्रह शुभ या मज़बूत स्थिति में होते हैं, तो यह आपके पिता या पिता समान लोगों जैसे कि गुरुओं आदि के साथ आपके रिश्ते को मज़बूत बनाते हैं। साथ ही, आपको जीवन के हर क्षेत्र में उनका साथ मिलता है। 

आध्यात्मिक प्रगति

हम सभी इस बात को भली-भांति जानते हैं कि सूर्य देव आत्मा के कारक ग्रह हैं इसलिए कुंडली में इनकी मज़बूत स्थिति आपको अध्यात्म के मार्ग पर लेकर जाने में भी सक्षम होती है।

सरकारी प्रभाव

सूर्य महाराज सरकार और सत्ता को भी नियंत्रित करते हैं। जिन जातकों की कुंडली में सूर्य बलवान होते हैं, वह राजनीति या सरकारी क्षेत्रों से संबंधित हो सकते हैं। 

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कुंडली में सूर्य के मज़बूत और कमज़ोर होने के संकेत

ज्योतिष शास्त्र में 12 भावों की स्थिति के आधार पर जातकों के प्रश्नों के जवाब दिए जाते हैं। इन बारह भावों में से सूर्य ग्रह लग्न भाव के कारक हैं। लग्न भाव से किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व, मानसिकता, ऊर्जा, सम्मान, आशा आदि के बारे में जाना जाता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य महाराज की स्थिति इन भावों में से किसी भाव में मज़बूत होती है, तो उस भाव से मिलने वाले परिणामों में वृद्धि होगी। इसके अलावा, प्रशासन, अधिकारी, मंत्री आदि पदों पर आसीन लोगों से भी आपको अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। 

ऐसे जातक जिनकी कुंडली में सूर्य देव अशुभ या दुर्बल अवस्था में होते हैं, तो वह उस भाव से मिलने वाले परिणामों को कमज़ोर कर देंगे जिसके वह स्वामी हैं। सामान्य रूप से, सूर्य महाराज के कमज़ोर होने पर जातक अधिकतर उदास रहता है और उसमें आत्मविश्वास की कमी रहती है। वह क्रोधी, अहंकारी, महत्वाकांक्षी, ईर्ष्यालु और आत्म केंद्रित स्वभाव का हो सकता है। सूर्य आत्मा और स्वयं का कारक ग्रह होने के कारण आपके आत्मविश्वास को कमज़ोर कर देता है।

इन उपायों को करने से मिलेगा सूर्य देव का आशीर्वाद 

सूर्य को जल अर्पित करें 

कुंडली में सूर्य महाराज को बलवान करने के लिए सूर्य देव को जल चढ़ाना सबसे प्रभावी उपाय है। रोज़ाना सुबह सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें लाल फूल, अक्षत और रोली डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। इस दौरान भगवान सूर्य के मंत्र “ऊं सूर्याय नमः” का जाप करें। 

आदित्य हृदय स्तोत्र

आदित्य हृदय स्तोत्र को अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है और इस स्तोत्र की प्राप्ति भगवान राम को ऋषि अगस्त्य से हुई थी। नियमित रूप से आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से सूर्य देव की कृपा आप पर बनी रहती है। साथ ही, जीवन में आने वाली समस्याओं का निवारण होता है।

रविवार का व्रत और दान करें

भगवान सूर्य को रविवार का दिन समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि जो जातक रविवार का व्रत करता है और सूर्य पूजा करता है, उससे सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही, रविवार को तांबा, गेहूं, माणिक्य, लाल वस्त्र और गुड़ जैसी वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है। 

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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

सूर्य आपकी कुंडली में पंचम भाव का स्वामी होते हैं और वर्तमान में ये… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

सूर्य आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में ये आपके दूसरे… (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

सूर्य आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होते हैं और सूर्य का मिथुन… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

सूर्य आपकी कुंडली में धन भाव के स्वामी होकर आपके द्वाद्वश भाव में गोचर… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सूर्य आपके लग्न या राशि के स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में सूर्य का मिथुन राशि में… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

सूर्य आपकी कुंडली में द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और द्वादश भाव के स्वामी… (विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

सूर्य आपके लाभेश होकर भाग्य भाव में गोचर करने वाले हैं। वैसे तो सामान्य तौर… (विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

दशम भाव के स्वामी होकर सूर्य आपके अष्टम भाव में जा रहे हैं। सामान्य तौर पर… (विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

भाग्य भाव के स्वामी होकर सूर्य आपके सप्तम भाव में गोचर… (विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

सूर्य आपके अष्टमेश होते हैं और वर्तमान में ये आपके छठे भाव में… (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

सप्तमेश सूर्य आपके पंचम भाव में गोचर करने वाले हैं। सामान्य तौर… (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

सूर्य आपके छठे भाव के स्वामी होकर आपके चतुर्थ भाव में गोचर कर… (विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर कब होगा?

सूर्य महाराज 15 जून 2025 को वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। 

सूर्य का गोचर कितने दिनों में होता है?

सूर्य ग्रह का राशि परिवर्तन हर 30 दिनों यानी कि एक महीने में होता है। 

मिथुन राशि किसकी है?

बुध ग्रह मिथुन राशि के अधिपति देव है। 

टैरो साप्ताहिक राशिफल (15 जून से 21 जून, 2025): इस राशि के जातकों को मिलेगा भाग्य का साथ!

टैरो साप्ताहिक राशिफल (15 जून से 21 जून, 2025): इस राशि के जातकों को मिलेगा भाग्य का साथ!

टैरो साप्ताहिक राशिफल 15 जून से 21 जून 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषियों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।

टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्‍या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्‍य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्‍मा से बात करने का मौका देता है।

आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मजाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है। या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्‍य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।

टैरो की उत्पति 15वीं शताब्‍दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्‍यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्‍व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।

टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्‍त किया जा सकता है। आप कुछ स्‍तर पर अध्‍यात्‍म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंतर्ज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।

तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 15 जून से 21 जून, 2025 तक का यह सप्ताह राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए किस तरह के परिणाम लेकर आएगा?

दुनियाभर के विद्वान टैरो रीडर्स से करें कॉल/चैट पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

टैरो साप्ताहिक राशिफल 15 से 21 जून, 2025: राशि अनुसार राशिफल

मेष राशि

प्रेम जीवन: ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स 

आर्थिक जीवन: एट ऑफ वैंड्स

करियर: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स

स्वास्थ्य: फोर ऑफ पेंटाकल्स 

मेष राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स भविष्यवाणी कर रहा है कि यदि आप किसी रिश्ते में हैं तो आपको अपने रिश्ते में समस्या का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन जल्द ही आपको सच पता चलेगा और आपकी सोच साफ होगी, जिससे आप सही फैसला ले पाएंगे कि इस रिश्ते की मुश्किलें कैसे सुलझाई जाएं।

आर्थिक जीवन के मामले में आपको एट ऑफ वैंड्स टैरो मिला है, जो भविष्यवाणी कर रहा है इस सप्ताह पैसों का आना-जाना तेजी से होगा। आपके पास कमाने के कई रास्ते होंगे। लेकिन ध्यान रहे, यह कार्ड चेतावनी भी देता है कि जल्दबाजी में कोई बड़ा रिस्क न लें, जैसे कि गलत इन्वेस्टमेंट या फिजूल खर्चा। भले ही ऐसा लगे कि जेब में पैसा टिक नहीं रहा, फिर भी धैर्य रखें।

करियर में सिक्स ऑफ  स्वॉर्ड्स का मतलब है कि अगर आपको नौकरी मिलने में परेशानी आ रही थी तो अब रास्ता खुलने वाला है। यह समय नई कंपनी जॉइन करने या प्रोफाइल बदलने के लिए भी अच्छा है ताकि करियर में आगे बढ़ सकें। जो लोग बिजनेस में हैं उनके लिए भी अब मंदी के बाद मुनाफा बढ़ेगा।

सेहत की बात करें तो फोर ऑफ पेंटाकल्स बताता है कि आप पुरानी आदतों को छोड़ना नहीं चाह रहे, जो आपकी सेहत पर बुरा असर डाल रही हैं। जैसे कि स्ट्रेस या चिंता को दिल में दबाए रखना, जो आगे चलकर मानसिक और शारीरिक बीमारियों का कारण बन सकता है।

उपयुक्त खाद्य पदार्थ: मछली, बादाम

वृषभ राशि

प्रेम जीवन: द मैजिशियन 

आर्थिक जीवन: एस ऑफ पेंटाकल्स 

करियर: द हैंग्ड मैन

स्वास्थ्य: किंग ऑफ वैंड्स

वृषभ राशि के जातकों को प्रेम जीवन में द मैजिशियन कार्ड प्राप्त हुआ है, जो दर्शा रहा है कि आपके अंदर अपनी मोहब्बत की ख्वाहिशें पूरी करने की ताकत है। यह कार्ड बताता है कि आप अपनी भावनाओं पर भरोसा रखते हैं और अगर आपको किसी से लगाव है, तो उसे पाने के लिए कदम उठाएंगे।

आर्थिक जीवन के मामले में ऐस ऑफ़ पेंटाकल्स कार्ड बताता है कि आपके लिए अच्छे मौके आने वाले हैं। नई तरक्की और कामयाबी का रास्ता खुल सकता है। खासकर अगर आप कोई नया या रचनात्मक काम शुरू कर रहे हैं, तो आर्थिक तौर पर यह समय आपके लिए फायदेमंद रहेगा।

हैंग्ड मैन टैरो कार्ड कहता है कि अभी आपको थोड़ा सब्र रखना पड़ेगा। करियर में जो लक्ष्य आपने सोचे हैं, वो थोड़े समय के लिए रुके रह सकते हैं। यह समय अपने नजरिए को बदलने का, चीजों को दोबारा सोचने का, और प्रक्रिया पर भरोसा रखने का है।

सेहत की बात करें तो किंग ऑफ वैंड्स कार्ड बताता है कि आपकी सेहत अच्छी बनी रहेगी और आपके अंदर फिट रहने का जोश रहेगा। लेकिन यह भी सलाह देता है कि सेहत के साथ-साथ बाकी चीजों में भी संतुलन रखें और किसी भी चीज को हद से ज्यादा न करें।

उपयुक्त खाद्य पदार्थ: अंडे, आलूबुखारा

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मिथुन राशि

प्रेम जीवन: थ्री ऑफ कप्स

आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ वैंड्स

करियर: क्वीन ऑफ कप्स

स्वास्थ्य: द मून

मिथुन राशि के जातकों के प्रेम जीवन में थ्री ऑफ कप्स कार्ड बता रहा है कि आप फिलहाल पूरी तरह सिंगल हैं और इस हफ्ते दोस्तों के साथ मस्ती और सामाजिक जिंदगी का पूरा आनंद लेंगे। अभी आपका ध्यान प्यार या रिश्तों पर नहीं है, बल्कि बस जिंदगी को खुलकर जीना चाहते हैं।

आर्थिक जीवन के मामले में नाइट ऑफ वैंड्स कार्ड चेतावनी देता है कि आप अपने पैसों को थोड़ा लापरवाही से खर्च कर रहे हैं। ध्यान रखें कि बचत खत्म न हो जाए, नहीं तो आगे चलकर आर्थिक परेशानी हो सकती है। अभी से बचत शुरू करें और पैसों को संभलकर खर्च करें।

करियर में क्वीन ऑफ कप्स कार्ड बताता है कि आप अपने काम में संतुष्ट और खुश हैं और फिलहाल इसी जगह पर काम जारी रखना चाहते हैं। जहां आप काम कर रहे हैं, वहां सीखने और आगे बढ़ने के कई मौके हैं, जो आपको व्यक्तिगत विकास में मदद करेंगे।

सेहत के मामले में द मून कार्ड कहता है कि कुछ अनकही बातें या परेशानियां आपके मन को बेचैन कर रही हैं, जिससे आपकी सेहत पर असर पड़ रहा है। सलाह दी जाती है कि आप अपने आसपास के माहौल पर ध्यान दें और जरूरत के हिसाब से बदलाव करें ताकि आप अंदर से ठीक महसूस कर सकें।

उपयुक्त खाद्य पदार्थ: खुबानी, बेर

कर्क राशि 

प्रेम जीवन: एट ऑफ पेंटाकल्स 

आर्थिक जीवन: द हीरोफेंट

करियर: नाइट ऑफ कप्स 

स्वास्थ्य: स्ट्रेंथ

कर्क राशि के प्रेम जीवन में एट ऑफ पेंटाकल्स कार्ड बता रहा है कि इस हफ्ते आपका ध्यान ज्यादा अपने काम पर रहेगा और घर या निजी जिंदगी पर ध्यान कम रहेगा। आप पाएंगे कि आप घर या परिवार के मामलों में कम वक्त दे पा रहे हैं और करियर में ज्यादा समय बिता रहे हैं।

आर्थिक जीवन में द हीरोफेंट कार्ड इशारा करता है कि इस हफ्ते आप खर्च करने से ज्यादा बचत करने पर ध्यान देंगे। आप अपनी कमाई को संभालकर रखेंगे और तभी खर्च करेंगे जब वाकई बहुत जरूरी हो।

करियर में नाइट ऑफ कप्स कार्ड कहता है कि आपके पास नए करियर के मौके आएंगे। नई जिम्मेदारियां और नए रोल मिल सकते हैं। अगर आप प्रमोशन का इंतजार कर रहे थे, तो यह हफ्ता आपकी ख्वाहिश पूरी कर सकता है।

सेहत के लिहाज़ से स्ट्रेंथ कार्ड बताता है कि आप इस हफ्ते अच्छी सेहत और जबरदस्त ऊर्जा के साथ रहेंगे। यह हफ्ता सेहत के लिहाज से शानदार बीतेगा।

उपयुक्त खाद्य पदार्थ: खीरा, खरबूजा

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सिंह राशि

प्रेम जीवन: एट ऑफ वैंड्स 

आर्थिक जीवन: द सन 

करियर: द एम्परर

स्वास्थ्य: थ्री ऑफ वैंड्स

सिंह राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो एट ऑफ वैंड्स कार्ड बताता है कि इस हफ्ते आपके और आपके पार्टनर के बीच खुलकर बातचीत होगी। आप दोनों के बीच समझदारी और गहराई बढ़ेगी। यह हफ्ता आपको एक-दूसरे की ताकतें पहचानने में मदद करेगा और रिश्ता पहले से ज्यादा मजबूत बनेगा।

आर्थिक जीवन के मामले में द सन कार्ड बता रहा है कि इस हफ्ते धन की कोई कमी नहीं होगी। अगर आप बिजनेस करते हैं तो अच्छा मुनाफा होगा। यदि आप नौकरी करते हैं तो वेतन में बढ़ोतरी के अच्छे मौके हैं।

द एम्परर कार्ड साफ-साफ इशारा करता है कि करियर में जबरदस्त तरक्की होगी। प्रमोशन या नया बिजनेस वेंचर सफल होगा। कुल मिलाकर करियर का यह हफ्ता एकदम शानदार और आसान रहेगा।

सेहत के मामले में थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड बताता है कि सेहत में सुधार होगा। अगर पहले से कोई बीमारी थी तो अब राहत मिलेगी। हो सकता है इलाज के लिए आप किसी दूर जगह की यात्रा भी करें।

उपयुक्त खाद्य पदार्थ: सूरजमुखी के बीज, सेब

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

कन्या राशि 

प्रेम जीवन: जजमेंट 

आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स  

करियर: सेवन ऑफ पेंटाकल्स 

स्वास्थ्य: टू ऑफ स्वॉर्ड्स

प्रेम जीवन में जजमेंट कार्ड कह रहा है कि इस हफ्ते आपको दिल और दिमाग में संतुलन बनाकर चलना है। किसी रिश्ते में बिना सोचे-समझे कूदना ठीक नहीं होगा। थोड़ा रुकें, सोचें और फिर कोई फैसला लें।

आर्थिक जीवन के मामले में फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड चेतावनी दे रहा है कि इस हफ्ते पैसे को लेकर चिंता बनी रहेगी और सही भी है, क्योंकि कोई आपके साथ धोखा कर सकता है। लोग आपको फंसा सकते हैं और आपका पैसा हड़प सकते हैं, इसलिए सावधान रहें।

करियर में सेवन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड बता रहा है कि आपने करियर में बहुत मेहनत की है और अब उसके छोटे-छोटे नतीजे दिखने लगे हैं। इस हफ्ते आप अपने करियर पर पूरा फोकस करेंगे, खासतौर पर क्योंकि कोई बड़ा प्रोजेक्ट सामने आ रहा है।

सेहत के मामले में टू ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड कहता है कि सेहत में गिरावट आ सकती है और नेगेटिव सोच मन को घेर सकती है। आपको अपनी बिगड़ती सेहत पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। लापरवाही मत करें।

उपयुक्त खाद्य पदार्थ: पनीर, काले जैतून 

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तुला राशि   

प्रेम जीवन: टू ऑफ कप्स

आर्थिक जीवन: एस ऑफ पेंटाकल्स 

करियर: जस्टिस

स्वास्थ्य: द मून

टू ऑफ कप्स कार्ड बता रहा है कि आपके जीवन में नई मोहब्बत की शुरुआत होने वाली है। यह हफ्ता रोमांटिक और प्यार भरा रहेगा, और आप इस नए रिश्ते में खूब खुश रहेंगे। निजी जिंदगी में अच्छे दिन आने वाले हैं। मनचाहे व्यक्ति से आपको प्रस्ताव भी मिल सकता है।

आर्थिक जीवन के मामले में एस ऑफ पेंटाकल्स कार्ड सलाह देता है कि इस हफ्ते पैसों के मामले में दिमाग से काम लें। दिल और दिमाग में टकराव हो सकता है, लेकिन आपको जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। सोच-समझकर रणनीति के साथ आगे बढ़ें। फाइनेंशियल सिक्योरिटी आपके लिए आ रही है।

करियर में जस्टिस कार्ड बता रहा है कि इस हफ्ते आपके बॉस या सीनियर आपकी परफॉर्मेंस का अच्छे से मूल्यांकन कर रहे हैं। अगर आपको लग रहा है कि कोई ध्यान नहीं दे रहा, तो जरा गौर से देखिए आपकी हर चीज़ नोटिस की जा रही है। लेकिन घबराइए मत, आप इस टेस्ट में पास होंगे और मेहनत का फल जरूर मिलेगा।

सेहत के मामले में द मून कार्ड कहता है कि इस हफ्ते सेहत थोड़ी कमजोर रह सकती है। आपको अपनी डाइट और फिटनेस रूटीन पर खास ध्यान देना होगा। हो सकता है कि किसी बीमारी या चोट के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी पड़े और परिवार का सहारा भी जरूरी होगा। कोई छोटी-मोटी बीमारी परेशान कर सकती है।

उपयुक्त खाद्य पदार्थ: ब्राउन राइस, बेरीज

वृश्चिक राशि

प्रेम जीवन: फोर ऑफ स्वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ कप्स 

करियर: सेवन ऑफ कप्स 

स्वास्थ्य: थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स

वृश्चिक राशि के जातकों के प्रेम जीवन में फोर ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड बता रहा है कि इस हफ्ते आपको रिश्ते में थोड़ा आराम और अकेले में सोचने का समय चाहिए। अगर आप रिश्ते में हैं, तो थोड़ा ब्रेक लेकर अपनी जरूरतों को समझें और फिर से ऊर्जा के साथ रिश्ते में लौटें। यह समय खुद पर ध्यान देने का है।

आर्थिक जीवन के मामले में सिक्स ऑफ कप्स कार्ड संकेत देता है कि इस हफ्ते आपको किसी से आर्थिक मदद मिल सकती है या कोई गिफ्ट मिल सकता है। साथ ही, यह भी संभव है कि आप अपने पुराने घर लौटें, जिससे आपकी बचत बढ़े और पैसों की स्थिति मजबूत हो।

करियर में सेवन ऑफ कप्स कार्ड बता रहा है कि आपके पास करियर में कई विकल्प होंगे, लेकिन इस वजह से थोड़ी उलझन भी हो सकती है। कार्ड सलाह देता है कि सोच-समझकर फैसला लें और अपनी उम्मीदों और हकीकत के बीच सही संतुलन बनाए रखें।

थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड सेहत के लिहाज से भविष्यवाणी कर रहा है कि यह हफ्ता थोड़ा भारी पड़ सकता है। दिल से जुड़ी तकलीफ, मानसिक तनाव, डिप्रेशन या कोई पुराना दर्द आपको परेशान कर सकता है। जरूरत पड़े तो मेडिकल सलाह जरूर लें और अपने मन और तन दोनों का ख्याल रखें।

उपयुक्त खाद्य पदार्थ: नारियल पानी, चेरी

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धनु राशि 

प्रेम जीवन: क्वीन ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: किंग ऑफ पेंटाकल्स 

करियर: स्ट्रेंथ

स्वास्थ्य: नाइन ऑफ वैंड्स

धनु राशि के जातकों के प्रेम जीवन में क्वीन ऑफ वैंड्स कार्ड बता रहा है कि आपके और आपके पार्टनर के बीच इस हफ्ते पॉजिटिव एनर्जी और आत्मविश्वास बढ़ेगा। आप दोनों को प्यार और खुशी का अहसास होगा और रिश्ता बहुत अच्छे मोड़ पर जाएगा। सब कुछ शानदार चलेगा और आप दोनों अपने रिश्ते को लेकर उत्साहित महसूस करेंगे।

आर्थिक जीवन के मामले में किंग ऑफ पेंटाकल्स कार्ड संकेत देता है कि अगर आपने पैसों की सही प्लानिंग और बचत की है, तो यह हफ्ता आपके लिए समृद्धि और स्थिरता लेकर आएगा। लेकिन कार्ड यह भी चेतावनी देता है कि अगर आप लापरवाही बरतते हैं तो नुकसान भी हो सकता है। इसलिए खर्च और निवेश में करते समय समझदारी से काम लें।

करियर में स्ट्रेंथ कार्ड बताता है कि आत्मविश्वास और आपकी अंदरूनी ताकत इस हफ्ते आपको कामयाबी दिलाएगी। चुनौतियों का डटकर सामना करें और अपनी क्षमताओं पर भरोसा रखें। यह कार्ड संकेत देता है कि आपकी मेहनत रंग लाएगी और तरक्की के अच्छे मौके मिलेंगे।

सेहत के मामले में नाइन ऑफ वैंड्स कार्ड कहता है कि इस हफ्ते सेहत थोड़ा चिंता का कारण बन सकती है। कोई पुरानी बीमारी या थकावट महसूस हो सकती है। शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से थोड़ा थकान भरा समय रह सकता है, इसलिए खुद को आराम दें और सेहत का ध्यान रखें।

उपयुक्त खाद्य पदार्थ: आम, तरबूज

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मकर राशि

प्रेम जीवन: एट ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: द डेविल

करियर: एस ऑफ कप्स

स्वास्थ्य: फोर ऑफ कप्स

मकर राशि वालों के प्रेम जीवन में एट ऑफ वैंड्स कार्य बता रहा है कि आपके लिए यह हफ्ता खास रह सकता है। इस हफ्ते आपके रिश्ते में जोश और तेजी आएगी। अगर आप रिलेशनशिप में हैं, तो प्यार में नई ऊर्जा और रोमांच महसूस करेंगे। यदि आप सिंगल हैं, तो कोई नया प्यार आपकी जिंदगी में दस्तक दे सकता है, जिससे गहरा जुड़ाव बन सकता है।

आर्थिक जीवन के मामले में द डेविल कार्ड थोड़ा सतर्क रहने को कहता है। यह संकेत देता है कि फिजूलखर्ची या गलत आर्थिक फैसले आपके जीवन में परेशानी ला सकते हैं। आपको खर्च करते वक्त समझदारी दिखानी होगी और जुए या अनावश्यक शौक से बचना होगा ताकि आर्थिक स्थिरता बनी रहे।

करियर में एस ऑफ कप्स इशारा कर रहा है कि आपके लिए नए मौके आ रहे हैं, खासकर वो काम जहां क्रिएटिविटी और टीम वर्क की जरूरत हो। हो सकता है कि आपको नई जॉब या करियर में बड़ा बदलाव देखने को मिले, जहां दिल और सहज ज्ञान की भूमिका अहम होगी।

सेहत के लिहाज से फोर ऑफ कप्स बता रहा है कि आप अपने स्वास्थ्य को लेकर थोड़े चिड़चिड़े या परेशान महसूस कर सकते हैं। किसी बीमारी की वजह से मन भारी रह सकता है, इसलिए जरूरी है कि खुद को पॉजिटिव रखें और फालतू तनाव से बचें।

उपयुक्त खाद्य पदार्थ: नींबू, अजवाइन

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कुंभ राशि

प्रेम जीवन: जजमेंट

आर्थिक जीवन: डेथ

करियर: द टॉवर

स्वास्थ्य: द मैजिशियन

प्यार और रिश्तों में जजमेंट कार्ड बता रहा है कि अब वक्त आ गया है रिश्तों को गहराई से समझने का। चाहे रिश्ता नया हो या पुराना, आपको ईमानदारी से सोचना होगा कि कहां सुधार की जरूरत है। खुलकर बात करें, अपने और सामने वाले के दिल की बातें साफ-साफ रखें। तभी रिश्ता और मजबूत बनेगा।

आर्थिक जीवन के मामले में डेथ कार्ड संकेत देता है कि बड़ा बदलाव आने वाला है। पुराने तरीके जो अब फायदेमंद नहीं रहे, उन्हें छोड़ना पड़ेगा। आपको अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में नए तरीके अपनाने होंगे और बदलते हालात के हिसाब से खुद को ढालना होगा। यह बदलाव आपको लंबे समय में फायदा देगा।

करियर में टॉवर कार्ड थोड़ा चुनौतीपूर्ण दिख रहा है। यह बताता है कि अचानक कोई बड़ा बदलाव आ सकता है, जैसे नौकरी में बदलाव या ऑफिस में रीस्ट्रक्चरिंग। यह समय आपको मुश्किल लग सकता है, लेकिन याद रखें कि इससे आपको अपनी सोच को नया मोड़ देने का मौका मिलेगा।

सेहत के मामले में द मैजिशियन कार्ड अच्छी खबर दे रहा है। यह बताता है कि आपके अंदर खुद को ठीक करने की ताकत है। अगर आप सही संसाधनों और तरीकों का इस्तेमाल करेंगे तो आप अपनी सेहत में बड़ा सुधार ला सकते हैं। बस आत्मविश्वास बनाए रखें और एक्टिव कदम उठाएं।

उपयुक्त खाद्य पदार्थ: आड़ू, अंगूर

मीन राशि

प्रेम जीवन: क्वीन ऑफ पेंटाकल्स

आर्थिक जीवन: एट ऑफ पेंटाकल्स

करियर: एस ऑफ स्वॉर्ड्स 

स्वास्थ्य: थ्री ऑफ पेंटाकल्स 

प्रेम जीवन में क्वीन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड बता रहा है कि आपका नजरिया बहुत व्यावहारिक और भावनात्मक रूप से संतुलित रहेगा। अगर आप रिश्ते में हैं, तो यह वक्त आपके पार्टनर के साथ खुशहाल और मजबूत रिश्ते का है। अगर आप सिंगल हैं, तो अब आप ऐसे इंसान की तलाश में हैं जो आपको सुरक्षा और अपनापन दे सके, यानी अब आपका फोकस गंभीर रिश्ते पर रहेगा।

आर्थिक जीवन के मामले में एट ऑफ पेंटाकल्स कार्ड कहता है कि आपकी लगातार की गई मेहनत अब रंग लाएगी। आप अपने हुनर और काम में जितनी मेहनत कर रहे हैं, उसका फल आपको नई जिम्मेदारियों, नए काम या आर्थिक आज़ादी के रूप में मिलेगा। बस लगे रहें और अपने स्किल्स को और बेहतर बनाते रहें।

करियर में एस ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड नई शुरुआत का संकेत दे रहा है। कोई नई नौकरी, प्रमोशन या कोई नया प्रोजेक्ट आपके लिए खुल सकता है, जो आपकी क्रिएटिव सोच और आइडियाज को सामने लाएगा। साफ सोच और फोकस से आप इस मौके का पूरा फायदा उठा सकते हैं।

सेहत में थ्री ऑफ पेंटाकल्स कार्ड बता रहा है कि अगर आप अपनी सेहत या फिटनेस को लेकर मेहनत कर रहे हैं, तो अब आपको अच्छे रिजल्ट मिलने शुरू होंगे। यह कार्ड टीमवर्क का भी संकेत देता है, यानी किसी हेल्थ एक्सपर्ट या फिटनेस ट्रेनर की मदद से आपकी सेहत में और तेजी से सुधार होगा।

उपयुक्त खाद्य पदार्थ: सलाद, प्याज

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

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साप्ताहिक अंक फल (15 जून से 21 जून, 2025): जानें इस सप्ताह किन जातकों को रहना होगा सावधान!

साप्ताहिक अंक फल (15 जून से 21 जून, 2025): जानें इस सप्ताह किन जातकों को रहना होगा सावधान!

कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)? 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा। 

इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।

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अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (15 जून से 21 जून, 2025)

अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं। 

जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।

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मूलांक 1 

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19 या फिर 28 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 1 होगा। और इस सप्ताह विशेष की बात की जाय तो इस सप्ताह आपको औसत लेवल के परिणाम मिलते हुए प्रतीत हो रहे हैं। यद्यपि आप ज्यादातर कामों को योजनाबद्ध तरीके से करने की कोशिश करते हैं, आपके चाहने वाले लोगों का सपोर्ट भी आपको सामान्य तौर पर मिल ही जाता है लेकिन इस सप्ताह शायद ऐसा देखने को न मिले। इस सप्ताह आपको अपने प्रयत्न से ही सफलता मिलती हुई प्रतीत हो रही है। क्योंकि समय न तो आपके विरुद्ध है और न ही पूरी तरह से आपके सपोर्ट में है। ऐसे में आप जैसा करेंगे वैसे परिणाम मिलते जाएंगे।

अलबत्ता ऐसा देखने को मिल सकता है कि किसी काम को कंप्लीट करने के लिए आपको तुलनात्मक रूप से अधिक मेहनत करनी पड़े। इसके अलावा स्वयं को अनुशासित रखने की भी आवश्यकता रहेगी। किसी के बहकावे या झांसे में आकर कोई भी रिस्क नहीं लेना है। खासकर वर्तमान में फैल रहे साइबर फ्रॉड जैसी किसी गतिविधि का शिकार नहीं होना है। बेहतर होगा इस सप्ताह ऑनलाइन खरीदारी वगैरह न की जाए लेकिन यदि करना बहुत जरूरी हो तो किसी ऐसी विश्वसनीय वेबसाइट या एप्लीकेशन से ही खरीदारी करें, जहां की रिटर्न पॉलिसी इत्यादि अच्छी हो। हालांकि जिन लोगों का काम इंटरनेट इत्यादि से जुड़ा हुआ है उन्हें कोई विशेष खतरा नजर नहीं आ रहा है। वो लोग भी अपनी मेहनत की अनुरूप सफलता प्राप्त करते रहेंगे। स्त्रियों से संबंधित मामलों में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है। स्त्रियों के साथ आदर सम्मान से पेश आना है। 

उपाय: शिवलिंग पर नीले पुष्प अर्पित करना शुभ रहेगा। 

मूलांक 2

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20 या फिर 29 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 2 होगा। इस सप्ताह विशेष की बात करें तो यह सप्ताह सामान्य तौर पर आपको काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। आप हर एक मामले में बड़ी ही सूझबूझ के साथ निर्णय लेंगे। फलस्वरुप आप काफ़ी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। विशेषकर व्यापार व्यवसाय से जुड़े हुए लोग काफी अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे। चीजों को खरीदने बेचने वाले लोगों को भी अच्छा फायदा मिल सकता है। मध्यस्थता का काम करने वाले लोग भी काफी अच्छा कर सकेंगे। 

पब्लिकेशन, लिखा पढ़ी या मीडिया जगत से जुड़े लोगों को भी काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। यदि आप किसी तरह का कोई बदलाव करना चाह रहे हैं तो उस मामले में भी यह सप्ताह आपको अच्छी परिणाम दे सकता है। यदि कहीं घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यह सप्ताह घूमने फिरने के मौके भी दे सकता है। आमोद प्रमोद और मनोरंजन के लिए तो सप्ताह अच्छा रहेगा ही साथ ही साथ स्वयं को और अधिक विस्तार देने के लिए भी सप्ताह अच्छा रह सकता है। इन सबके बावजूद भी क्रोध और विवाद से बचना है। यदि वाहन स्वयं चलते हैं तो सावधानी पूर्वक चलाना जरूरी रहेगा। अर्थात कुछ एक सावधानियों की आवश्यकता तो रहेगी लेकिन सप्ताह सामान्य तौर पर उपलब्धि दायक रह सकता है। 

उपाय: तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाना शुभ रहेगा।

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मूलांक 3

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21 या फिर 30 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 3 होगा। सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है लेकिन कुछ एक मामलों में सप्ताह कमजोर परिणाम भी दे सकता है। हालांकि आप हर एक काम को विधिवत सोच विचार करके करते हैं, पूरी तरह से योजना बनाकर करते हैं; ऐसे में कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा लेकिन विरोधी अंकों का हस्तक्षेप इस बात का संकेत कर रहा है कि आसपास की स्थितियां परिस्थितियां प्रतिकूल भी रह सकती हैं। विशेषकर स्त्रियों से जुड़े मामलों में इस सप्ताह बहुत ही सावधानी पूर्वक काम करने की आवश्यकता रहेगी। 

घर गृहस्थी से जुड़े मामलों को लेकर भी आप कुछ चिंतित या परेशान रह सकते हैं। वहीं दांपत्य संबंधी मामलों में भी छोटी-मोटी परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। यदि कहीं विवाह की कोई बात चल रही थी तो उस मामले में कुछ धीमापन भी रह सकता है लेकिन सूझबूझ से काम लेने में इन सभी मामलों में सकारात्मक परिणाम भी मिल सकेंगे। भले ही मेहनत के अनुरूप परिणाम कमजोर रहे लेकिन अनुकूलता देखने को मिलेगी। साथ ही साथ आपके भीतर की ऊर्जा आपको थमने नहीं देगी। यह कुछ ऐसे गुण हैं या अंकों के प्रभाव हैं जो परेशानियों के बाद आपको सफलता के दरवाजे तक ले जाएंगे।

उपाय: सफेद गाय को चारा खिलाना शुभ रहेगा। 

मूलांक 4

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 14, 22 या फिर 31 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 4 होगा। सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपको एवरेज से बेहतर परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। यद्यपि कुछ कठिनाइयां देखने को मिलेगी लेकिन उन कठिनाइयों को पार करके आप अपने लक्ष्य तक पहुंच सकेंगे। साथ ही साथ कठिनाइयां और परेशानियां क्यों आई हैं, इस कारण को भी आप जान सकेंगे और भविष्य में अपने इस अनुभव का लाभ भी उठा सकेंगे। बेहतर होगा इस सप्ताह आत्मनिर्भर रहा जाए। क्योंकि बड़े-बड़े वादे करने वाले लोग इस सप्ताह अपना वादा निभाने में पीछे रह सकते हैं। हालांकि इन सबसे आपको फायदा यह होगा कि आप यह जान सकेंगे की कौन सा व्यक्ति आपका मित्र है और कौन सा व्यक्ति सिर्फ मित्र होने का दिखावा मात्र कर रहा है। 

धर्म और आध्यात्म के दृष्टिकोण से सप्ताह काफी अच्छा रहेगा। आप अपनी मानसिक शांति खोजने में कामयाब हो सकेंगे। धार्मिक यात्राओं पर जाना भी संभव हो सकेगा। वहीं समझदारी अनुभव के साथ-साथ सामने वाले व्यक्ति के वास्तविक चरित्र का अनुमान लगाते हुए आगे बढ़ाने की स्थिति में आप फायदे भी कमा सकेंगे। प्रेम प्रसंग इत्यादि में आवश्यकता से अधिक मेलजोल ठीक नहीं रहेगा। 

उपाय: माथे पर केसर का तिलक लगाना शुभ रहेगा।

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मूलांक 5

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14 या फिर 23 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 5 होगा। इस सप्ताह विशेष की बात की जाय तो यह सप्ताह आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। कभी-कभी कुछ मामलों में परिणाम कमजोर भी रह सकते हैं। अतः इस सप्ताह आपको बहुत ही सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहने वाली है। हालांकि आप हर काम को पूरे धैर्य के साथ करते हैं, सामंजस्य से बिठाकर चलने की कोशिश करते हैं। अतः कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा लेकिन फिर भी कामों में कुछ धीमापन देखने को मिल सकता है। 

कई बार गुप्त शत्रु भी आपके कामों में रुकावटें डालने का काम कर सकते हैं। बेहतर होगा इस सप्ताह स्वयं को आलसी होने से बचाया जाय। इस सप्ताह किसी भी प्रकार का आर्थिक रिस्क लेना ठीक नहीं रहेगा। यदि आप रिस्क नहीं लेंगे तो निर्वाह के लायक धन प्राप्ति हो सकेगी। संतुलन के साथ काम करने की स्थिति में और अपनी क्षमता के अनुरूप निर्णय लेने की स्थिति में आप कामों को संपन्न कर सकेंगे और स्वयं को ताकतवर होने का अनुभव भी कर सकेंगे लेकिन ओवर कॉन्फिडेंट होना ठीक नहीं रहेगा। 

हालांकि बदलाव की दृष्टिकोण से सप्ताह को अच्छा कहा जाएगा लेकिन बदलाव करना आसान नहीं रहेगा। अर्थात कुछ कठिनाइयों के बाद आप बदलाव भी कर सकेंगे। वैसे बेहतर तो यही रहेगा कि इस सप्ताह किसी भी मामले में किसी भी प्रकार का रिस्क न लिया जाय। जो जैसा चल रहा है उसे वैसा चलने दिया जाय लेकिन यदि बदलाव करना या रिस्क लेना बहुत जरूरी हो तो धीरे-धीरे या छोटी-छोटी तादाद में रिस्क लिया जा सकता है। 

उपाय: शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाना शुभ रहेगा। 

मूलांक 6

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15 या फिर 24 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 6 होगा। और इस सप्ताह विशेष की बात की जाए तो यह सप्ताह आपको मिले-जुले परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। यद्यपि क्रोध, आवेश और जल्दबाजी से बचने की स्थिति में परिणाम और अच्छे भी रह सकते हैं। क्योंकि इस सप्ताह सिर्फ अंक 9 की नकारात्मक ऊर्जा ही ताकत के साथ आपका विरोध कर रही है। ऐसे में शांति और धैर्य के साथ काम करना फायदेमंद रह सकता है। यदि आप धैर्य के साथ काम करेंगे तो बहुत सारे पेंडिंग पड़े हुए कामों को आप कंप्लीट कर सकेंगे। क्योंकि ऊर्जा तो आपके पास पर्याप्त मात्रा में है ही, बस उसका सदुपयोग करना जरूरी रहेगा। 

भाई बंधुओं के साथ संबंधों को मेंटेन करने की कोशिश भी जरूरी रहेगी। यदि आपका काम जमीन जायदाद इत्यादि से संबंधित है तो विवादित जमीनों की खरीद फरोख्त से बचना जरूरी रहेगा। वहीं जो लोग व्यक्तिगत तौर पर अपने लिए जमीन खरीदना चाह रहे हैं, उन्हें किसी न किसी स्रोत के माध्यम से यह पता करना जरूरी रहेगा कि संबंधित जमीन विवादित तो नहीं है। आग या बिजली से काम करने वाले लोगों को भी सावधानी पूर्वक काम करने की सलाह हम देना चाहेंगे। 

इलेक्ट्रॉनिक ऊपर उपकरणों को खरीदने के लिए भी इस सप्ताह विशेष को बहुत अच्छा नहीं कहा जाएगा। इस तरह की कुछ सावधानियां को अपनाने की स्थिति में परिणाम एवरेज से बेहतर भी रह सकते हैं। वहीं लापरवाही की स्थिति में इन्हीं क्षेत्रों से संबंधित मामलों में कुछ कठिनाइयां या परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं। अब गेंद आपके पाले में है कि आप काम करके कैसे परिणाम पाना चाहेंगे? 

उपाय: मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में सिंदूर चढ़ाना शुभ रहेगा।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

मूलांक 7

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16 या फिर 25 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 7 होगा। इस सप्ताह विशेष की बात की जाय तो यह सप्ताह आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। ये परिणाम एवरेज से बेहतर रह सकते हैं। इस सप्ताह आपके वरिष्ठ आपको कई मामलों में सपोर्ट करना चाहेंगे। स्वाभाविक है कि आप अक्सर लोगों से उम्मीदें लगाते रहते हैं और लोग आपकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते। इसलिए आपका दिल दुखी हो जाया करता है लेकिन इस सप्ताह आप जिनसे उम्मीदें लगा रहे हैं वो आपकी कुछ एक उम्मीद पर खरे उतरेंगे। 

विशेष कर आपके वरिष्ठ आपको अच्छा सपोर्ट देंगे। अतः आपका प्रदर्शन और भी निखर कर सामने आएगा। नए कामों की शुरुआत के लिए भी यह सप्ताह अच्छे परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। अनुभवी लोगों का साथ भी आपको मिल सकता है। यह भी एक अनुकूल बात रहेगी। आर्थिक मामले में भी इस सप्ताह आप अच्छी अनुकूलता का अनुभव कर सकेंगे। पारिवारिक मामलों में भी सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं। यदि आपका काम स्त्रियों से संबंधित है अर्थात स्त्रियों के कपड़े, स्त्रियों के गहने और सौंदर्य सामग्री इत्यादि बनाते हैं, बेचते हैं या इन मामलों में मध्यस्थ का काम करते हैं तो आपको अच्छा लाभ मिल सकता है। 

इस सप्ताह धैर्य पूर्वक काम करने की स्थिति में सामान्य तौर पर आप संतोषप्रद परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। वहीं क्रोध और आवेश में आकर काम करने की स्थिति में परिणाम कमजोर भी रह सकते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपको आपके कर्मों के अनुसार काफी हद तक संतुष्ट रखने का प्रयास करेगा। 

उपाय: मंदिर में गुड़ और चने की दाल का दान करना शुभरहेगा। 

मूलांक 8

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17 या फिर 26 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 8 होगा। इस सप्ताह विशेष की बात करें तो यह सप्ताह सामान्यतः पर आपको मिले-जुले परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। किसी भी तरह की कोई नकारात्मकता नजर नहीं आ रही है। यही कारण है कि आप परिणाम को एवरेज से बेहतर, यहां तक कि काफी हद तक बेहतर कर सकेंगे। यद्यपि आप प्रेक्टिकल माइंड व्यक्ति हो सकते हैं लेकिन इस सप्ताह या तो आप भावुक रह सकते हैं या फिर आपके सामने ऐसी स्थितियां बन हो सकती हैं जहां आपका भावनात्मक लगाव भी जरूरी रहेगा। हालांकि कार्यक्षेत्र के दृष्टिकोण से सप्ताह सामान्य तौर पर अनुकूल है। आप अपने कामों को आगे बढ़ा सकेंगे। 

रिश्तो को निभाते हुए आप आत्मिक सुख का भी अनुभव कर सकेंगे। साझेदारी के कामों में भी आपको अच्छा लाभ मिलता हुआ प्रतीत हो रहा है लेकिन किसी भी मामले में जल्दबाजी दिखाने से बचना जरूरी रहेगा। वैसे भी आप सामान्य तौर पर धैर्य के साथ काम करते हैं लेकिन हो सकता है कि इस सप्ताह कुछ एक मामलों में आपका मन जल्दबाजी करने का हो जाए उससे बचना समझदारी का काम होगा। अर्थात किसी काम को न तो बहुत जल्दी-जल्दी करना है और न ही आलसी होना है। संतुलन के साथ आगे बढ़ना फायदेमंद रहेगा। अनुभवी लोगों का साथ व संबंधों का सपोर्ट, ये सब कुछ आपको न केवल कार्यक्षेत्र में सहायक बनेगा बल्कि सामाजिक और पारिवारिक मामलों में भी सुखद अनुभूति दिलाएगा। 

उपाय: कच्चे चावल और दूध का दान शिवमंदिर के पुजारी या किसी बुजुर्ग स्त्री को देना शुभ रहेगा।

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मूलांक 9

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18 या फिर 27 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 9 होगा। और इस सप्ताह की बात की जाय तो यह सप्ताह आपको मिले-जुले परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। कभी-कभी परिणाम औसत से थोड़े से कमजोर भी रह सकते हैं। यद्यपि आपके भीतर की ऊर्जा आपको थकने नहीं देती है और आप जीतने का दमखम भी रखते हैं लेकिन हो सकता है कि वो लोग जिन्हें आप अनुभवी मानकर काम करते हैं, उनका अनुभव इस सप्ताह आपके काम न आ सके अथवा वो लोग उस फील्ड में उतना अधिक अनुभव नहीं रखते होंगे जितने अनुभव की जरूरत आपको रहेगी। ऐसे में किसी और के कहने पर कोई रिस्क लेना ठीक नहीं रहेगा। 

फिर भी उन लोगों का साथ आपके साथ बना रहे ऐसी कोशिश भी जरूरी रहेगी। अर्थात अपने पुराने साथियों और पुराने अनुभवी व्यक्तियों का साथ नहीं छोड़ता है बल्कि आवश्यकता पड़ने पर नए विशेषज्ञों से आप सलाह लेकर आगे बढ़ सकते हैं। स्त्रियों से संबंधित मामलों में इस सप्ताह किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है। किसी स्त्री से विवाद भी नहीं करना है। यदि ऐसा कोई विवाद होता हुआ नजर आए तो यथासंभव उस विवाद को टालने की कोशिश भी जरूरी रहेगी। फिर भी विवाद को यदि टाला न जा सके तो कानून की अच्छे जानकार से सलाह लेकर उसके अनुसार आचरण करना ही उचित रहेगा। उम्मीद है अनुभव की प्राप्ति के बाद आपका जोश, आपकी ऊर्जा आपको बेहतर परिणाम दिलाने में सफल हो सकेगी।

उपाय: केले के पेड़ पर जल चढ़ाना शुभ रहेगा।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. नंबर 9 के लिए यह सप्ताह कैसा है?

इस सप्ताह की बात की जाय तो यह सप्ताह आपको मिले-जुले परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। 

2. 2 नंबर वालों के लिए यह सप्ताह कैसा रहेगा?

इस सप्ताह विशेष की बात करें तो यह सप्ताह सामान्य तौर पर आपको काफी अच्छे परिणाम दे सकता है।

3. 1 नंबर का स्वामी कौन है?

अंक ज्योतिष के मुताबिक, मूलांक 1 के स्वामी सूर्य हैं।

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इन ग्रहों के प्रकोप से अहमदाबाद में क्रैश हुआ प्लेन, ज्योतिष ने बताया सच!

अहमदाबाद विमान दुर्घटना: 12 जून 2025 का दिन एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 में यात्रा कर रहे लोगों के लिए बहुत अशुभ साबित हुआ है। अहमदाबाद एयरपोर्ट से टेक ऑफ करते हुए एयर इंडिया का प्लेन अहमदाबाद के मेघानी नगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस प्लेन में देश-विदेश के 242 नागरिक सवार थे और यह फ्लाइट अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए रवाना हो रही थी। एस्ट्रोसेज परिवार दुर्घटनाग्रस्त सभी नागरिकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करता है और ईश्वर से प्रार्थना करता है कि ऐसी दुर्घटना फिर कभी न हो। यहाँ हम आपको ज्योतिष की दृष्टि से उन कारकों के बारे में बताएंगे जो इस विमान हादसे के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। 

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हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब कोई विमान दुर्घटना का शिकार हुआ है। इससे पहले भी अनेक विमान दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। ज्योतिषीय ग्रंथों में दुर्घटनाओं के पीछे ख़ासकर बड़ी दुर्घटनाओं के पीछे शनि, मंगल और राहु-केतु जैसे ग्रहों का प्रभाव माना जाता है। यदि हम विमान दुर्घटना की बात करें, तो इस मामले में वायु तत्व के ग्रह और वायु तत्व की राशियां अक्सर शामिल या पीड़ित होती हैं। आइए जानते हैं वायु तत्व की राशियां कौन-कौन सी हैं। 

वायु तत्व की राशियाँ और ग्रह

ज्योतिष में मिथुन, तुला और कुंभ राशि को वायु तत्व की राशि माना जाता है। वहीं, शनि और राहु को वायु तत्व का ग्रह माना गया है जबकि बृहस्पति को आकाश तत्व का ग्रह माना गया है। वायु तत्व की राशियों के अलावा यदि आसमान में आग लगने की घटना होती है, तो उसमें अग्नि तत्व की राशियां और अग्नि तत्व के ग्रह भी शामिल होते हैं। अग्नि तत्व की राशियों की बात करें, तो मेष, सिंह और धनु राशि अग्नि तत्व की राशियां हैं जबकि सूर्य, मंगल और केतु को अग्नि तत्व का ग्रह माना गया है। 

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ऐसे में, जब अग्नि तत्व के ग्रह और राशियों तथा वायु तत्व के ग्रह और राशियों के बीच असंतुलन पैदा होता है। विरोधी ग्रह या विरोधी राशियां एक-दूसरे को पीड़ित करती हैं, तो उस समय इस तरह की विमान दुर्घटनाएं होने का भय अधिक रहता है। 12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना के पीछे किन ग्रहों का हाथ था? इस बारे में भी हम विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही, भारत में हुई दो अन्य विमान दुर्घटनाओं की बात करेंगे और यह जानने का प्रयास करेंगे कि इन तीनों दुर्घटनाओं में अग्नि और वायु तत्वों के बीच किस तरह का असंतुलन उत्पन्न हुआ था। चलिए सबसे पहले नज़र डालते हैं 12 जून 2025 को अहमदाबाद की दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर ग्रहों की स्थिति पर। 

अहमदाबाद विमान दुर्घटना का ज्योतिषीय विश्लेषण 

12 जून 2025 की दोपहर लगभग 01 बजकर 42 मिनट के आसपास अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना के समय चंद्रमा धनु राशि में स्थित था। राहु कुंभ राशि अर्थात वायु तत्व की राशि में स्थित था। शनि जल तत्व की राशि मीन में स्थित होकर दशम दृष्टि से चंद्रमा और अग्नि तत्व की धनु राशि को देख रहा था। मंगल और केतु अग्नि तत्व के ग्रह होकर अग्नि तत्व की राशि में ही स्थित थे।

ऐसे में, राहु-केतु और मंगल ग्रह वायु तथा अग्नि तत्व दोनों राशियों को पीड़ित कर रहे हैं। मंगल पर राहु-केतु के प्रभाव को वैदिक ज्योतिष में अंगारक योग माना गया है जो आग 

लगने की घटनाओं का कारण बनता है। विशेषकर जब इनमें से कोई दो या दो से अधिक ग्रह एक साथ अग्नि या वायु तत्व की राशि में हों अथवा अग्नि तत्व के ग्रहों के साथ हों, तो आगजनी की घटनाएं अधिक होती हैं। इस प्रकार, कल दुर्घटना के समय यह योग बने हुए थे।

शनि की दशम दृष्टि धनु राशि में बैठे हुए चंद्रमा पर थी। यहां चंद्रमा अग्नि तत्व की राशि में उपस्थित था और शनि की दृष्टि चंद्रमा को पीड़ित कर रही थी। अतः आग से संबंधित दुर्घटनाओं के योग बने हुए थे। लेकिन यह विमान दुर्घटना थी इसलिए हमें शुक्र और सूर्य पर पाप ग्रहों और वायु या अग्नि तत्व के प्रभाव को भी देखना होगा। 

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विमान हादसे में सूर्य और शुक्र की भूमिका 

जैसे कि हम जानते हैं कि सूर्य ग्रहों का राजा है और सामान्य तौर पर, यह धनवान या अपने क्षेत्र का मुखिया माना गया है। विमान से यात्रा करने वाले लोग ज्यादातर संपन्न और अपने क्षेत्र के बड़े लोग होते हैं। इस प्रकार, समाज के समृद्ध लोग ही विमान में यात्रा कर सकते हैं। सूर्य और शुक्र की स्थिति देखें तो, सूर्य ग्रह शुक्र की राशि में बैठा हुआ है और शुक्र मंगल की अग्नि तत्व की राशि में बैठा हुआ है। इस प्रकार, इन दोनों के बीच भी आपसी कनेक्शन बना हुआ था और इसके परिणामस्वरूप, अहमदाबाद में विमान दुर्घटना का शिकार हुआ। 

यहां हमें एक विशेष सूत्र मिला है और इस सूत्र को हम बाद में दो अन्य दुर्घटनाओं पर भी लागू करके देखेंगे कि वह उन पर लागू होता है या नहीं। आइए जान लेते हैं इसके बारे में। 

  • सूर्य ग्रह का शुक्र के साथ संबंध यानी कि सूर्य ग्रह शुक्र के साथ हो अथवा शुक्र की राशि में हो या फिर शुक्र के नक्षत्र में हो। 
  • इसी तरह शुक्र का संबंध भी अग्नि या वायु तत्व के ग्रह, अग्नि या वायु तत्व ग्रह की राशि से या नक्षत्र से होना चाहिए। 
  • चंद्रमा की स्थिति भी अग्नि तत्व वाले ग्रह के साथ अथवा अग्नि तत्व वाले ग्रह की राशि में होनी चाहिए या फिर अग्नि तत्व की राशि में होनी चाहिए।
  • इसके साथ ही चंद्रमा, शनि, मंगल, राहु और केतु के प्रभाव में होना चाहिए। सरल शब्दों में, इनमें से एक या एक से अधिक ग्रह का प्रभाव चंद्रमा पर होना चाहिए। चंद्रमा या तो इन ग्रहों के साथ युति कर रहा हो या फिर इन ग्रहों के द्वारा देखा जा रहा हो। इसमें भी यदि चंद्रमा वायु तत्व की राशि या वायु तत्व वाले ग्रह के साथ हो, तो उस पर अग्नि तत्व वाले ग्रह का प्रभाव होना चाहिए। वहीं, यदि चंद्रमा अग्नि तत्व की राशि में हो, तो वायु तत्व वाले ग्रह का प्रभाव होना चाहिए। 

आइए अब इस दृष्टि से नज़र डालते हैं अन्य दो विमान घटनाओं पर। 

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अहमदाबाद विमान हादसे के समान दो विमान हादसे 

पहली दुर्घटना 

सबसे पहले हम बात करेंगे एलायंस एयर फ्लाइट 7412 की दुर्घटना की, तो बता दें कि यह फ्लाइट 17 जुलाई 2000 के दिन लगभग 07 बजकर 34 मिनट पर पटना में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसकी कुंडली में सूर्य की स्थिति देखें, तो सूर्य शुक्र के साथ युति कर रहा था क्योंकि सूर्य जीरो डिग्री का है। इसका मतलब है कि इससे ठीक पहले सूर्य वायु तत्व की राशि में उपस्थित था और मंगल के साथ युति कर रहा था। इस तरह से वायु तत्व की राशि, अग्नि तत्व के ग्रह मंगल, अग्नि तत्व के ग्रह सूर्य और शुक्र का आपस में कुछ न कुछ संबंध था।

चंद्रमा पर राहु-केतु और सूर्य का प्रभाव था यानी चंद्रमा पर तीन पाप ग्रहों का प्रभाव था। साथ ही, अग्नि तत्व वाले ग्रह मंगल की दृष्टि भी थी। इस प्रकार, दो अग्नि तत्व के ग्रह चंद्रमा को पीड़ित कर रहे थे। यदि केतु को भी अग्नि तत्व का ग्रह मान लें, तो तीन अग्नि तत्व के ग्रह और राहु जैसे वायु तत्व का ग्रह चंद्रमा को पीड़ित कर रहा था। इतना ही नहीं, सूर्य, शुक्र और राहु पर शनि की तीसरी दृष्टि भी थी, इसलिए यहां पर भी किसी बड़ी दुर्घटना के योग बने थे। अब क्योंकि चंद्रमा कुछ देर पहले अग्नि तत्व की राशि में था और इसके बाद पृथ्वी तत्व की राशि में पहुंच गया था। ऐसे में, यह दुर्घटना आसमान के साथ-साथ जमीन पर हुई। 

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दूसरी दुर्घटना

दूसरी बड़ी विमान दुर्घटना 22 मई 2010 को बेंगलुरु एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट IX 812 के साथ हुई थी जो रनवे से आगे बढ़ गई थी जिसकी वजह से वह दुर्घटनाग्रस्त हो गई। आइए अब इस दिन की ग्रह स्थिति पर नज़र डालते हैं। 

इस दिन यानी 22 मई 2010 को सूर्य ग्रह शुक्र की राशि में स्थित थे और शुक्र वायु तत्व की राशि में स्थित थे। शुक्र पर राहु-केतु का प्रभाव था। चंद्रमा अग्नि तत्व की राशि में था और वह मंगल और शनि के मध्य में था। इस प्रकार, ऊपर बताया गया सूत्र यहां भी लागू हो रहा है। सरल शब्दों में कहें तो, जब क्रूर और पाप ग्रह संयुक्त रूप से किसी वायु तत्व की राशि पर प्रभाव डालते हैं या अग्नि इस तत्व वाली राशि पर प्रभाव डालती है, तो इस तरह की दुर्घटनाएं होने की आशंका बढ़ जाती हैं। 

चंद्रमा राहु, केतु और शनि मंगल के साथ हो, इनके द्वारा देखा जा रहा हो या इनके मध्य में हो, तब भी ऐसा होता है। इन योगों की प्रबलता दुर्घटना की आशंका को बढ़ाती है। 12 जून 2025 को इस तरह के अशुभ योग बने हुए थे जहां सूर्य और चंद्रमा दोनों पर शनि की दृष्टि थी। शुक्र, मंगल, केतु और चंद्रमा अग्नि तत्व की राशियों में थे। ऐसे में, महंगा और लक्ज़री से पूर्ण माने जाने वाले विमान पर इस तरह का नकारात्मकता प्रभाव पड़ा। ऐसा कहा जा सकता है कि इस वजह से शायद यह विमान दुर्घटना घटित हुई। 

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: राशियों व देश-दुनिया में क्या होगा बदलाव!

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: राशियों व देश-दुनिया में क्या होगा बदलाव!

एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको सूर्य का मिथुन राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार पड़ेगा इस बारे में भी बताएंगे। बता दें कुछ राशियों को सूर्य के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा, तो वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कुछ उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में सूर्य ग्रह को मजबूत करने के आसान व शानदार उपायों के बारे में भी चर्चा करें और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।

सूर्य 15 जून 2025 को मिथुन राशि में गोचर करेंगे। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस गोचर के बारे में सब विस्तार से।

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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: समय व तिथि

आत्मा, पिता और मान-सम्मान का कारक ग्रह सूर्य 15 जून को मिथुन राशि में गोचर करेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य और बुध को मित्र ग्रह माना जाता है। ऐसे में सूर्य का मिथुन राशि में गोचर अनुकूल साबित होगा। आइए अब आगे देखते हैं कि सूर्य के इस गोचर का प्रभाव दुनिया के हालात, एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री और निवेश के बाजार पर किस प्रकार से पड़ेगा।

मिथुन राशि में सूर्य: विशेषताएं

जिस जातक की कुंडली में मिथुन राशि में सूर्य होता है तो इसकी सोचने-समझने की क्षमता तेज हो जाती है और वह बहुत जिज्ञासु बनता है। मिथुन राशि के स्वामी बुध होते हैं, जो बुद्धिमत्ता, संवाद और तर्क का ग्रह है। इसलिए इस समय व्यक्ति की बातचीत की शैली प्रभावशाली हो जाती है। ऐसे लोग एक जगह टिककर काम करने की बाजय नई-नई चीज़ें जानने और करने में रुचि रखते हैं। इनका मन बहुत चंचल होता और हर समय कुछ नया सोचते रहते हैं। ये लोग सामाजिक होते हैं और बातों से दूसरों को आसानी से प्रभावित कर लेते हैं। इनका सेंस ऑफ ह्यूमर अच्छा होता है और ये माहौल को हल्का-फुल्का बनाए रखने में माहिर होते हैं।

सूर्य का मिथुन राशि में होना यह भी दर्शाता है कि व्यक्ति बहुत जल्दी हालात के अनुसार खुद को ढाल सकता है। कुल मिलाकर इस योग के प्रभाव से व्यक्ति बुद्धिमान, मिलनसार, तेज दिमाग वाला और बहुत प्रतिभाशाली बनता है।

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मिथुन राशि में सूर्य, बुध और बृहस्पति की युति

जब सूर्य, बुध और बृहस्पति एक साथ मिथुन राशि में युति करते हैं, तो इसे बहुत ही शुभ योग माना जाता है। ये तीनों ग्रह मिलकर व्यक्ति को बुद्धिमान, समझदार, भाग्यशाली और प्रभावशाली बनाते हैं। बुध बुद्धि और संवाद के कारक हैं। बृहस्पति ज्ञान, विस्तार और शुभ अवसरों का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि सूर्य नेतृत्व, आत्मविश्वास और प्रतिष्ठा का प्रतीक होता है।

इस युति के प्रभाव से व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता बहुत तेज़ होती है और वह अपनी बात को बड़े प्रभावशाली तरीके से दूसरों तक पहुंचा सकता है। इस योग वाले लोग अक्सर शिक्षा, लेखन, पत्रकारिता, कला, वाणी से जुड़े कार्यों या नेतृत्व की भूमिकाओं में सफलता प्राप्त करते हैं। साथ ही, उनका सामाजिक और आर्थिक जीवन भी आरामदायक और प्रतिष्ठापूर्ण रहता है।

यदि यह युति जन्म कुंडली में अच्छे भाव और शुभ दृष्टियों में हो तो, व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान, प्रसिद्धि और आर्थिक समृद्धि मिलती है। कुल मिलाकर सूर्य, बुध और बृहस्पति की यह युति जीवन में सफलता, बुद्धिमत्ता और भाग्य के द्वार खोलने वाली होती है।

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव

राजनीति और सरकार

  • भारतीय सरकार के प्रवक्ता और अन्य बड़े नेता बहुत चतुराई से बोलते हुए नजर आएंगे।
  • राजनीति में कई नए चेहरे आगे आएंगे और अपनी  जिम्मेदारियां सक्रिय रूप से निभाना शुरू करेंगे।
  • सरकार कई जटिल मुद्दों को समझदारी और बुद्धिमानी से संभालने में सफल रहेगी।

मीडिया और पत्रकारिता

  • मीडिया, पत्रकारिता, शिक्षण, वित्त, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत समेत दुनियाभर में तेजी देखी जाएगी।
  • भारत और अन्य देशों में ट्रैवल और टूरिज्म इंडस्ट्री में अचानक उछाल आएगा और पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
  • ट्रांसलेटर, पब्लिक स्पीकर्स और मोटिवेशनल स्पीकर्स को इस गोचर से विशेष लाभ मिलेगा।
  • मार्केटिंग जैसे संचार और बौद्धिक अभिव्यक्ति पर आधारित क्षेत्रों में भी अच्छी प्रगति देखने को मिलेगी।

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट

  • सूर्य के मिथुन राशि में गोचर के बाद शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव वाली स्थिति बन सकती है यानी बाजार थोड़े समय के लिए अस्थिर या मंदी वाला रह सकता है।
  • इस गोचर के बाद तंबाकू, गैस और रबर इंडस्ट्रीज़ में उछाल देखा जा सकता है।
  • वनस्पति तेल से जुड़ी  खाद्य इंडस्ट्री में भी तेजी आ सकती है।
  • लंबे समय के बाद बैंकिंग सेक्टर और फाइनेंस कंपनियों में गति और विकास की स्थिति बन सकती है।

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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: नई फिल्में कैसा करेगी प्रदर्शन

फिल्म का नामस्टार कास्टरिलीज़ की तारीख
सितारे ज़मीन परराहुल कोहली, आमिर खान20 जून, 2025
फर्स्ट कॉपीमियांग चांग, ​​मुन्नवर फारुकीजून 2025
मांकाजोल, खीरिन शर्मा27 जून 2025

जून 2025 में ग्रहों की चाल और जिन सितारों की कुंडली में इन फिल्मों से जुड़ी है, उसके अनुसार ‘सितारे जमीन पर’ और ‘मां’ बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन कर सकती है और दर्शकों के दिलों को छू सकती हैं। वहीं दूसरी ओर फिल्म ‘फर्स्ट कॉपी’ की कुंडली थोड़ी कमजोर दिख रही है, जिससे यह दर्शकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकती और  बॉक्स ऑफिस पर फीकी पड़ सकती है।

मिथुन राशि में सूर्य का गोचर: इन राशियों को होगा लाभ

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पांचवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपको छोटी दूरी की यात्राएं अधिक करनी पड़ सकती है। आपके अंदर साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। सरकारी नौकरी या प्रशासनिक क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए यह समय बहुत शुभ साबित होगा। आपकी नेतृत्व  क्षमता और निर्णय लेने की योग्यता में सुधार आएगा। आर्थिक दृष्टिकोण से यह समय लाभदायक रहेगा और आप शेयर बाज़ार, म्यूचुअल फंड जैसी जगहों पर निवेश करके लाभ कमा सकते हैं। हालांकि, भाई-बहनों से टकराव की संभावना है, इसलिए रिश्तों में संतुलन बनाए रखें।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके पहले भाव के स्वामी हैं और सूर्य का गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा। सूर्य का ग्यारहवें भाव में गोचर बहुत शुभ माना जाएगा और यह आपके लिए कई अच्छे परिणाम लेकर आएगा। इस दौरान आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी और प्रमोशन के योग भी बनेंगे। ग्यारहवां भाव सामाजिक संपर्कों और लाभ का भाव है। इस समय आप प्रभावशाली और उच्च पदस्थ लोगों से मिलेंगे, जिससे आपको लाभ होगा।

विदेश यात्रा के योग भी बन सकते हैं और आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होगी। पारिवारिक और प्रेम संबंधों में बदलाव संभव है, लेकिन यह बदलाव सकारात्मक होगा और आपसी समझ भी बढ़ेगी। पिता या दादा से पैतृक संपत्ति या कोई आर्थिक लाभ मिलने के भी योग बनेंगे।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य बारहवें भाव के स्वामी हैं और सूर्य का गोचर दसवें भाव में होगा। यह गोचर आपके लिए करियर और विदेश से जुड़े मामलों में सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। इस दौरान आपको विदेश में नौकरी करने का अवसर प्राप्त होगा। यदि आपकी कुंडली में महादशा भी अनुकूल हो, तो विदेश जाकर बसने या काम करने के योग बन सकते हैं। जो लोग विदेशी संपर्कों या इंटरनेशनल बिज़नेस से जुड़े हैं, उन्हें इस समय अच्छा लाभ मिल सकता है।

कार्यस्थल पर आपको नई जिम्मेदारियां और भूमिकाएं मिल सकती हैं, जो आपके लीडरशिप स्किल्स को उजागर करेंगी और करियर में उन्नति का मार्ग खोलेगी। आर्थिक रूप से स्थिति संतुलन रहेगी। भले ही खर्च बढ़े लेकिन आमदनी भी बनी रहेगी, जिससे कोई बड़ी आर्थिक परेशानी नहीं होगी।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य सातवें भाव के स्वामी हैं और सूर्य का गोचर आपके पांचवें भाव में होगा। सूर्य का यह गोचर आपके लिए रचनात्मकता, आत्मविश्वास और वित्तीय वृद्धि के लिहाज़ से काफी अनुकूल सिद्ध हो रहा है। यह समय उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी  है जो क्रिएटिव फील्ड जैसे डिज़ाइनिंग, लेखन, कला, अभिनय या मार्केटिंग में काम करते हैं।

आपके अंदर नई और चतुर आइडियाडज की कोई कमी नहीं रहेगी और आप अपने प्रोजेक्ट्स या बिजनेस में उन्हें सफलतापूर्वक लागू भी कर पाएंगे। आर्थिक रूप से भी यह समय विकास के संकेत दे रहा है। आप अपने विचारों को बहुत ही प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करें पाएंगे, जिससे लोग आपसे प्रेरित होंगे और आपकी बात सुनना चाहेंगे। यह गोचर आपके अंदर की निर्भीकता को बढ़ाएगा, जिससे आप आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेंगे।

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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों पर रहेगा नकारात्मक प्रभाव

कर्क राशि

कर्क राशि वालों, आपके धन के भाव पर सूर्य का शासन है, जो आपके बारहवें भाव में गोचर करेंगे। बारहवें भाव में सूर्य का गोचर अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है क्योंकि यह आर्थिक परेशानियां और पारिवारिक तनाव ला सकता है। इस दौरान पारिवारिक रिश्तों में तनाव की संभावना बन सकती है, क्योंकि मंगल और केतु की युति दूसरे भाव में हो रही है। इससे वाणी में कटुता आ सकती है और घर का माहौल खराब हो सकती है। 

धन से जुड़ी सावधानियां इस समय बेहद जरूरी हैं। कोई भी बड़ा निवेश करने से पहले अच्छी तरह सोचें और सरकारी या कानूनी मामलों में विशेष धैर्य से काम लें। आपकी खानपान की आदतों में भी अनुशासन लाना इस समय जरूरी रहेगा क्योंकि अनियमित दिनचर्या स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है। हालांकि यह गोचर चुनौतियां ला सकता है, लेकिन यदि आप अनुशासित, धैर्यवान और सतर्क रहेंगे तो स्थितियों को संभाल सकते हैं और सकारात्मक परिणाम भी प्राप्त कर सकते हैं।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: आसान उपाय

  • रविवार को तांबा, गेहूं और गुड़ दान करें।
  • रविवार को छोड़कर, हर दिन तुलसी के पौधे को जल दें।
  • हर दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
  • अक्सर नारंगी और लाल रंग के कपड़े पहनें।
  • हर दिन तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल गुलाब की पंखुड़ियां डालकर सूर्य को जल दें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सूर्य किस राशि में नीच का हो जाता है?

तुला

सूर्य तुला राशि में होने पर ‘ऋतु’ का क्या नाम है?

हेमंत ऋतु

सूर्य किस राशि पर शासन करता है?

सिंह

आषाढ़ मास 2025 के व्रत-त्योहार

आषाढ़ मास 2025 के व्रत-त्योहार: कब है रथ यात्रा, कब मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा, यहां जानें सब कुछ!

आषाढ़ मास 2025: आषाढ़ मास हिंदू पंचांग का चौथा महीना होता है, जो ज्येष्ठ के बाद और श्रावण से पहले आता है। आमतौर पर यह जून-जुलाई के बीच पड़ता है। यह महीना वर्षा ऋतु की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है, जब धरती हरियाली ओढ़ती है और नदियां जल से भर जाती हैं। धार्मिक दृष्टि से भी आषाढ़ मास बेहद खास है, क्योंकि इसी महीने में जगन्नाथ रथ यात्रा, देवशयनी एकादशी, गंगा दशहरा और गुरु पूर्णिमा जैसे कई बड़े पर्व आते हैं। मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी से भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, जिसे चातुर्मास की शुरुआत भी कहा जाता है। इसी कारण यह महीना व्रत, तप और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

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भगवान विष्णु के निद्रा अवस्था में जाने के कारण इस माह शुभ कार्यों में रोक लगा दी जाती है लेकिन तीर्थ यात्रा करने के लिए यह सबसे शानदार महीना होता है। आज इस ब्लॉग में हम आषाढ़ मास से जुड़ी तमाम रोमांचक चीज़ों के बारे में विस्तार से बताएंगे जैसे कि इस माह के दौरान कौन-कौन से व्रत-त्योहार आएंगे? इस माह में कौन से उपाय किए जाने चाहिए? इस माह का धार्मिक महत्व क्या है? और इस मास में जातकों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? ऐसी ही कई जानकारियों से लबालब है एस्ट्रोसेज एआई का यह विशेष ब्लॉग, इसलिए अंत तक ज़रूर पढ़ें।

आषाढ़ मास 2025: तिथि

आषाढ़ माह का आरंभ 12 जून 2025 गुरुवार को होगा जिसकी समाप्ति 10 जुलाई 2025 गुरुवार को हो जाएगी। शास्त्रों में बताया गया है कि आषाढ़ मास में भगवान विष्णु और भगवान शिव की उपासना करने का विशेष महत्व है। इस माह इनकी पूजा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस मास में पूजा-पाठ और हवन का भी बहुत अधिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ मास में व्यक्ति को हर दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल देना चाहिए।

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आषाढ़ मास का महत्व

सनातन धर्म में आषाढ़ मास का महत्व बहुत अधिक है। यह महीना केवल ऋतुओं के बदलाव का नहीं, बल्कि अध्यात्म और धार्मिक साधना का भी समय है। आषाढ़ मास में ही देवशयनी एकादशी आती है, जिससे भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा अवस्था में चले जाते हैं और चातुर्मास की शुरुआत होती है। यह चार महीनों का समय व्रत, तपस्या और संयम का काल माना जाता है। आषाढ़ में ही जगन्नाथ रथयात्रा का भव्य पर्व मनाया जाता है, जिसमें भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ नगर भ्रमण करते हैं। 

इसके अलावा गंगा दशहरा, गुप्त नवरात्रि और गुरु पूर्णिमा जैसे पर्व भी इसी मास में पड़ते हैं, जो भक्ति, ज्ञान और तपस्या को बल देते हैं। आषाढ़ का महीना वर्षा ऋतु की शुरुआत का भी प्रतीक है, इसलिए इसे धरती के नवजीवन और हरियाली का उत्सव भी कहा जाता है। किसान इसी महीने में खेतों की जुताई और बुआई शुरू करते हैं, इसलिए इसे कृषि के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण माना गया है।

धार्मिक मान्यता है कि इस माह में स्नान, दान और व्रत करने से पुण्य फल कई गुना बढ़ जाता है और मनोकामना शीघ्र पूरी होती हैं। खासकर गंगा स्नान और तुलसी पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। इस महीने में भगवान विष्णु, भगवान शिव, मां दुर्गा, और हनुमान जी की पूजा करने से कुंडली में सूर्य और मंगल की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही, आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि आती है।

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आषाढ़ मास 2025 में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार

आषाढ़ मास यानी कि 12 जून 2025 से 10 जुलाई 2025 के दौरान हिन्दू धर्म के कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं, जो कि इस प्रकार हैं:

तिथिवारपर्व
11 जून 2025बुधवारज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
14 जून 2025शनिवारसंकष्टी चतुर्थी
15 जून 2025रविवारमिथुन संक्रांति
21 जून 2025शनिवारयोगिनी एकादशी
23 जून 2025सोमवारमासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
25 जून 2025बुधवारआषाढ़ अमावस्या
27 जून 2025शुक्रवारजगन्नाथ रथ यात्रा
6 जुलाई 2025रविवारदेवशयनी एकादशी, आषाढ़ी एकादशी
8 जुलाई 2025मंगलवारप्रदोष व्रत (शुक्ल)
10 जुलाई 2025गुरुवारगुरु-पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा व्रत

आषाढ़ मास में जन्म लेने वाले लोगों की विशेषताएं

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आषाढ़ मास में जन्म लेने वाले लोगों का स्वभाव और व्यक्तित्व बहुत अधिक प्रभावशाली माना जाता है। इसी महीने से वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है। ये लोग अपनी खुशी में खुश रहते हैं और अपनी मर्जी के खिलाफ कोई काम नहीं करते हैं। ये लोग मेहनती और संघर्षशील होते हैं, कठिनाइयों के सामने झुकना इनकी फितरत में नहीं होती बल्कि डटकर सामना करते हैं। परिश्रम के बल पर ये लोग जीवन में ऊंचाइयों तक पहुंचते हैं। स्वभाव से ये लोग धैर्यवान होते हैं और जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेते। इन्हें अपने कार्यों में स्थिरता और निरंतरता पसंद होती है।

आषाढ़ मास में जन्में लोग भावनात्मक रूप से थोड़े संवेदनशील होते हैं, लेकिन उनका व्यवहार व्यवहारिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से परिपक्व होता है। ये लोग अपने परिवार और समाज में प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त करते हैं क्योंकि इनमें नेतृत्व करने की क्षमता स्वाभाविक रूप से होती है। शिक्षा और ज्ञान अर्जन के प्रति इनकी विशेष रुचि होती है और ये अपने ज्ञान से दूसरों का मार्गदर्शन करने में भी निपुण होते हैं। गुरु और शिक्षकों के प्रति प्रेम भाव रखना इनकी प्रवृत्ति होती है।

धार्मिक कार्यों और सामाजिक परंपराओं में इनकी भागीदारी अधिक देखी जाती है।  ये जातक बहुत अधिक ज्ञानी और मेहनती होते हैं। इन लोगों को अच्छे से पता है कि कैसे दूसरों से अपना काम निकाला जाता है। ये लोग प्रेम संबंधों के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं। इसके अलावा, ये लोग अक्सर धर्म-कर्म में रुचि रखते हैं और सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। हालांकि, कभी-कभी अधिक मेहनत और अपेक्षाओं के कारण इनका मन अशांत हो जाता है और ये चिड़चिड़े भी हो सकते हैं, लेकिन इनका स्वभाव जल्दी सामान्य भी हो जाता है। कुल मिलाकर, आषाढ़ मास में जन्म लेने वाले लोग संयम, परिश्रम, ज्ञान और आध्यात्मिकता के प्रतीक होते हैं। इनके भीतर संघर्ष करने की अद्भुत शक्ति होती है और यही गुण इन्हें जीवन में सफलता और सम्मान दिलाते हैं।

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आषाढ़ मास में भूलकर भी न करें ये काम

आषाढ़ मास में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। आइए जानते हैं, उन कार्यों के बारे में जिन्हें करने से बचा जाना चाहिए।

शादी-विवाह जैसे शुभ कार्यों पर रोक

आषाढ़ मास में शादी-ब्याह, गृह प्रवेश और व अन्य ऐसे शुभ कार्यों को वर्जित माना जाता है क्योंकि यह चातुर्मास का आरंभिक समय होता है जब भगवान विष्णु योग-निद्रा में चले जाते हैं।

नये मकान का निर्माण या प्रवेश न करें

इस माह में भवन निर्माण की शुरुआत या नए घर में प्रवेश जैसे शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है।

नए व्यापार की शुरुआत न करें

व्यापार या किसी नए प्रोजेक्ट की नींव रखने के लिए यह समय अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसे में इन कार्यों को स्थगित करना बेहतर हो सकता है।

बाल कटवाना और नाखून नहीं काटना चाहिए

विशेष रूप से पुराणों में कहा गया है कि चातुर्मास में शरीर से जुड़े कार्य जैसे- बाल काटना, नाखून काटना आदि इस तरह के कार्यों से भी बचना चाहिए।

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मांस-मदिरा और तामसिक भोजन से बचें

इस माह में सात्विक आहार करने की सलाह दी जाती है ताकि शरीर और मन दोनों शुद्ध रहें। इस दौरान मांस-मदिरा जैसे तामसिक भोजन करने से बचें।

खुदाई न करें

पुराणों में इस माह में खेती-बाड़ी या जमीन की खुदाई से भी बचने को कहा गया है, क्योंकि इसे प्रकृति के संतुलन में विघ्न डालना माना जाता है।

झगड़े-कलह और कटु वचन से बचें

इस मास में मानसिक शांति बनाए रखना चाहिए, क्रोध, कलह और दूसरों के साथ गलत व्यवहार करने से बचना चाहिए।

आषाढ़ मास में ये काम जरूर करें

भगवान विष्णु की उपासना करें

इस मास में विशेष रूप से श्री हरि विष्णु जी का पूजन, व्रत और भजन-कीर्तन करना शुभ माना जाता है। इस माह में  ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप जरूर करें।

गंगा स्नान और तीर्थ स्नान करें

आषाढ़ मास में गंगा दशहरा आता है, इस दौरान गंगा स्नान या पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और पुण्य बढ़ता है।

व्रत-उपवास का पालन करें

एकादशी व्रत विशेष फलदायी माना जाता है। निर्जला एकादशी और देवशयनी एकादशी इस माह में आती हैं, जिनका व्रत करने से सौभाग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

दान-पुण्य करें

अन्न, वस्त्र, जल, छाता, जूते और पंखा आदि चीज़ों का दान इस माह में करना शुभ माना गया है। खासकर ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान करें।

तुलसी जी का पूजन करें

इस दिन तुलसी के पौधे की विशेष सेवा करें। तुलसी जी पर जल चढ़ाना और दीपक जलाना बहुत शुभ फल देता है।

ध्यान और साधना करें

यह समय आत्मचिंतन, ध्यान, साधना और योग के लिए उत्तम है। इससे मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति मिलती है।

भजन-कीर्तन और सत्संग में भाग लें

इस माह में धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें और सत्संग में शामिल होकर अपना ध्यान लगाए।

पितरों के निमित्त तर्पण करें

इस मास में पितरों के लिए जलदान और तर्पण करना भी शुभ माना जाता है।

आषाढ़ माह में इन मंत्रों का करें जाप

आषाढ़ माह को विशेष रूप से भगवान विष्णु, भगवान शिव और देव गुरु बृहस्पति की उपासना के लिए शुभ माना जाता है। इस पवित्र माह में निम्नलिखित मंत्रों का जाप करने से मन को शांति प्राप्त होती है।

भगवान विष्णु के मंत्र

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

ॐ विष्णवे नमः

श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ

भगवान शिव मंत्र

ॐ नमः शिवाय

ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥ 

गायत्री मंत्र

 ॐ भूर् भुवः स्वः।

तत्सवितुर्वरेण्यं।

भर्गो देवस्य धीमहि।

धियो यो नः प्रचोदयात्॥

तुलसी स्तुति मंत्र

ॐ तुलस्यै नमः

महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी।

आध्यात्मिक, भौतिक, कामार्तीनां निवारिणि॥

गंगा स्तोत्र या मंत्र

ॐ श्री गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति।

नर्मदे सिन्धु कावेरी जलस्मिन सन्निधिं कुरु॥

आषाढ़ माह में किए जाने वाले उपाय

तुलसी पूजा करें

सुख-समृद्धि के लिए आषाढ़ माह में हर सुबह तुलसी जी के सामने दीपक जलाएं और “ऊँ तुलस्यै नमः” मंत्र का जाप करें। 

गायत्री मंत्र का जाप करें

प्रतिदिन 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करने से मन शांत रहता है और पापों का नाश होता है।

भगवान विष्णु का स्मरण करें

ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। खासकर एकादशी पर व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करने से धन और सौभाग्य बढ़ता है।

गंगाजल का छिड़काव करें

आषाढ़ में में प्रतिदिन पूजा करने से पहले घर में गंगाजल छिड़कें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी।

पीपल के पेड़ की पूजा करें

शनिवार या गुरुवार को पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और जल अर्पित करें। इससे पितृ दोष और शनि दोष से मुक्ति मिलती है।

दान करें

आषाढ़ माह में अन्न, वस्त्र, जल, छाता, जूते और पंखा आदि का दान बहुत पुण्यदायी माना गया है। इससे दरिद्रता दूर होती है।

नींबू और हरी मिर्च का उपाय

नजर दोष से बचने के लिए शनिवार को नींबू और हरी मिर्च का टोटका करें और मुख्य द्वार पर लटकाएं।

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आषाढ़ में करें राशि अनुसार उपाय, होगी हर मनोकामना पूरी

मेष राशि

मेष राशि के जातकों को इस माह में हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए और “ऊं हं हनुमते नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए। साथ ही, मंगलवार को मसूर की दाल का दान करना चाहिए।

वृषभ राशि

इस राशि के जातक शुक्रवार को लक्ष्मी जी की पूजा करें और जल में केसर डालकर स्नान करें। सफेद मिठाई का दान करें।

मिथुन राशि

इस राशि के जातक बुधवार को तुलसी जी को जल अर्पित करें और गाय को हरा चारा खिलाएं। साथ ही “ऊँ बृहस्पतये नमः” मंत्र जपें।

कर्क राशि

सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें। चावल का दान करें।

सिंह राशि

सूर्य देव को जल चढ़ाएं और गुड़ व गेहूं का दान करें। साथ ही, “ॐ घृणिः सूर्याय नमः” मंत्र का जप करें।

कन्या राशि

इस राशि वाले जातकों को आषाढ़ माह में गणेश जी की पूजा करनी चाहिए और बुधवार को मूंग की दाल का दान करना चाहिए। साथ ही, गणपति बप्पा को दूर्वा चढ़ानी चाहिए।

तुला राशि

शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की पूजा करें और सफ़ेद वस्त्र का दान करें। कमल गट्टे की माला से “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” का जाप करना चाहिए।

वृश्चिक राशि

मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें और लाल वस्त्र का दान करें। मसूर दाल का दान करें।

धनु राशि

गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करें और चने की दाल का दान करें। “ॐ बृहस्पतये नमः” का जप करें।

मकर राशि

शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। काले तिल और काली उड़द का दान करें।

कुंभ राशि

शनिवार को शनि देव की पूजा करें और लोहे का दान करें। “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।

मीन राशि

गुरुवार को पीले वस्त्र धारण करें और पीली मिठाई का दान करें। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र जपें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

आषाढ़ महीना कब से चल रहा है?

आषाढ़ माह 12 जून से 10 जुलाई 2025 तक चलेगा।

आषाढ़ महीने की क्या विशेषता है?

इस महीने भगवान सूर्य की विशेष रूप से पूजा-आराधना करने के साथ मंगल देव की पूजा करने की परंपरा है।

आषाढ़ मास में क्या नहीं करना चाहिए?

आषाढ़ मास में बैंगन, मसूर दाल, गोभी, लहसुन, प्याज आदि का सेवन करने से बचना चाहिए।

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर व्रत रखने से मिलता है अखंड सौभाग्‍य का आशीर्वाद, जान लें अचूक उपाय!

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर व्रत रखने से मिलता है अखंड सौभाग्‍य का आशीर्वाद, जान लें अचूक उपाय!

सनातन धर्म में पूर्णिमा का अत्‍यधिक महत्‍व है। हर महीने पूर्णिमा आती है और ज्‍येष्‍ठ मास में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को अत्‍यंत फलदायी माना जाता है। इस दिन भगवान विष्‍णु एवं मां लक्ष्‍मी की पूजा करने का वि‍धान है। इसके अलावा इस शुभ दिन पर गंगा एवं पवित्र नदियों में स्‍नान करने और दान-पुण्‍य करने का भी बहुत महत्‍व है।

यदि आप भी अपने घर को सुख-समृद्धि और धन-धान्‍य से भरना चाहते हैं, तो पूर्णिमा तिथि पर लक्ष्‍मीनारायण का विधिवत पूजन अवश्‍य करें। इससे आपके जीवन के सारे कष्‍ट दूर हो जाएंगे। एस्‍ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्‍लॉग में ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा 2025 पर पूजा-अर्चना करने की सही विधि और इसके महत्‍व एवं ज्‍योतिषीय उपायों आदि की जानकारी दी गई है। तो चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा के बारे में।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके  

ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा 2025 कब है

ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा तिथि 10 जून को सुबह 11 बजकर 38 मिनट पर शुरू होगी एवं पूर्णिमा तिथि का समापन 11 जून को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर होगा। इस शुभ दिन पर सिद्ध योग और साध्‍य योग बन रहे हैं।

हिंदू वर्ष के तीसरे महीने ज्येष्ठ का आगाज़ 13 मई 2025, मंगलवार के दिन होगा जबकि इस माह की समाप्ति 11 जून 2025, बुधवार को हो जाएगी। इस माह के अंत के साथ ही आषाढ़ का महीना लग जाएगा। इस प्रकार ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा से ज्‍येष्‍ठ मास का समापन हो जाएगा।

ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा 2025 पर बन रहे हैं दो शुभ योग

इस बार ज्‍येष्ठ पूर्णिमा की शुरुआत और समापन के दौरान दो शुभ योग बन रहे हैं। जैसा कि हमने पहले भी बताया कि ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा का आरंभ 10 जून को सुबह 11 बजकर 38 मिनट पर होगा, उस दौरान सिद्ध योग चल रहा होगा जो कि उसी दिन दोपहर को 01 बजकर 43 मिनट पर खत्‍म होगा।

इसके बाद से ही साध्‍य योग शुरू हो जाएगा जो कि अगले दिन यानी 11 जून, 2025 को दोपहर 02 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।

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क्‍या है सिद्ध योग

ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा 2025 का आरंभ सिद्ध योग में हो रहा है जिसे वैदिक ज्‍योतिष में अत्‍यंत शुभ और मंगलकारी माना जाता है। यह योग सफलता, उपलब्धि और महारत का प्रतीक है। ज्योतिषशास्‍त्र के अनुसार सिद्ध योग में कोई भी कार्य करना शुभ रहता है। इस योग के दौरान किए गए कार्यों का सकारात्‍मक परिणाम ही मिलता है। सिद्ध योग में किए गए कार्यों, योजनाओं आदि में मुनाफा और तुरंत परिणाम मिलने की संभावना रहती है।

क्‍या है साध्‍य योग

जिन जातकों का जन्‍म साध्‍य योग में होता है, वे दृ‍ढ़ निश्‍चयी और आत्‍मविश्‍वासी होते हैं। इनके अंदर धैर्य का गुण होता है और ये बिना चिंता किए अपने परिश्रम के फल की प्रतीक्षा करते हैं। ये सोच-समझकर ही कोई निर्णय लेते हैं। ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार साध्‍य योग में किए गए कार्यों में भी सफलता मिलने की संभावना अधिक रहती है।

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ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा 2025 का महत्‍व

हिंदू धर्म एवं ज्‍योतिषशास्‍त्र में ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा का बहुत महत्‍व है। इस दिन श्रद्धालु गंगाजल लेकर अमरनाथ की यात्रा शुरू करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार सनातन धर्म का तीसरा महीना ज्‍येष्‍ठ का होता है। इस महीने में भीषण गर्मी पड़ती है जिससे नदी और तालाब सूख जाते हैं।

गर्मी के कारण अन्‍य हिंदू महीनों की तुलना में ज्‍येष्‍ठ के महीने में पानी की आवश्‍यकता बहुत ज्‍यादा रहती है। पौराणिक कथा सती सावित्री की कहानी भी ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा से ही जुड़ी हुई है। इस दिन व्रत रखने एवं दान-पुण्‍य करने से जीवन के सारे कष्‍ट दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि मिलती है।

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ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा 2025 पर चंद्रमा का पूजन

हिंदू धर्म में पूर्णिमा का अत्‍यंत महत्‍व है। ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा पर व्रत रखने के बाद चंद्र देव की पूजा करने एवं उन्‍हें अर्घ्‍य देने से कुंडली में मौजूद चंद्र दोष दूर हो जाता है। यदि किसी व्‍यक्‍ति की कुंडली में चंद्रमा खराब है या चंद्रमा की दशा चल रही है, तो पूर्णिमा के दिन व्रत एवं पूजन करने से इसके प्रभाव में कमी आती है।

ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा 2025 के दिन श्रद्धालुओं को अपने सामर्थ्‍य के अनुसार वस्‍त्र, अन्‍न और धन का दान करना चाहिए। धार्मिक अनुष्‍ठानों के लिए भी इस दिन को बहुत शुभ माना जाता है।

ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा 2025 पर पूजन विधि

आप ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा के दिन निम्न विधि से पूजन कर सकते हैं:

  • पूर्णिमा के दिन सुबह जल्‍दी उठकर स्‍नान करें। आज आप पीले रंग के वस्‍त्र धारण करें।
  • इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्‍य दें और भगवान विष्‍णु एवं मां लक्ष्‍मी को प्रणाम करें।
  • अब आप घर के पूजन स्‍थल में एक चौकी के ऊपर लाल या पीले रंग का वस्‍त्र बिछाएं। इसके ऊपर श्री लक्ष्‍मीनारायण की मूर्ति स्‍थापित करें।
  • इन्‍हें पुष्‍प, फल, धूप-दीप आदि अर्पित करें और मां लक्ष्‍मी को श्रृंगार की चीज़ें चढ़ाएं।
  • अब मूर्ति के आगे देसी घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
  • आप पूर्णिमा के दिन विष्‍णु चालीसा का पाठ और मां लक्ष्‍मी के मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
  • भगवान विष्‍णु को भोग लगाएं और पूजा में उपस्थित सभी लोगों में प्रसाद बांटें।

ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा 2025 के दिन क्‍या करना चाहिए

  • पूर्णिमा के दिन घर के अंदर रोशनी या प्रकाश रखना चाहिए। घर के किसी भी कोने में अंधेरा नहीं होना चाहिए। मान्‍यता है कि ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्‍मी भक्‍तों को आशीर्वाद देने आती हैं और अंधकार देखकर वह आपके घर से वापस लौट सकती हैं इसलिए इस दिन खासतौर पर शाम के समय अपने घर में अंधेरा न रखें।
  • ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा 2025 के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
  • आप पूर्णिमा तिथि पर जिन भी वस्‍तुओं का दान कर रहे हैं, उसमें काले रंग का उपयोग नहीं होना चाहिए। इसके अलावा पूजन के समय भी काला रंग नहीं होना चाहिए। इससे चंद्रमा कमज़ोर हो सकता है और राहु का दुष्‍प्रभाव बढ़ सकता है इसलिए काले रंग के प्रयोग से बचें।

ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा 2025 पर बरगद के पेड़ की पूजा करना

इस पूर्णिमा पर बरगद के पेड़ की पूजा करने का भी बहुत महत्‍व है। पूर्णिमा के दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्‍नान करती हैं और फिर उसके बाद बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। ऐसा माना जाता है कि बरगद के पेड़ में ब्रह्मा जी, वि‍ष्‍णु जी और भगवान शिव का वास होता है। इस प्रकार बरगद के वृक्ष की पूजा करने से तीनों देवताओं का पूजन संपन्‍न हो जाता है। इसके पश्‍चात् सावित्री का पूजन करें और सावित्री सत्‍यवान की कथा एवं पाठ करें।

ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और माथे पर सिंदूर जरूर लगाती हैं। इसके अलावा चंदन और हल्‍दी के लेप से बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। व्रत खोलने के लिए दाल और फलों का सेवन कर सकते हैं।

ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा 2025 के लिए उपाय

आप ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा पर निम्‍न उपाय कर सकते हैं:

  • आप पूर्णिमा के दिन भोजन, दक्षिणा और वस्‍त्रों आदि का दान कर सकते हैं।
  • इस दिन पविद्ध नदियों में स्‍नान करें। इससे सारे पाप नष्‍ट हो जाते हैं।
  • पूर्णिमा पर व्रत रखने एवं पूजन करने से सकारात्‍मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • पूर्णिमा वाले दिन स्‍नान के बाद सूर्य देव को तांबे के लोटे में जल भरकर अर्घ्‍य दें। जल में चावल, कुमकुम और पुष्‍प भी डाल सकते हैं। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्‍य देते समय ‘ॐ सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न 1. साल 2025 में ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा कब है?

उत्तर. 11 जून, 2025 को ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा है।

प्रश्‍न 2. ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा पर किसकी पूजा की जाती है?

उत्तर. इस दिन भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी की पूजा करने का विधान है।

प्रश्‍न 3. ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा किस माह में आती है?

उत्तर. यह ज्‍येष्‍ठ मास में पड़ती है।

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बुध का मिथुन राशि में उदय: एस्ट्रोसेज एआई आपको हमेशा से अपने लेखों के माध्यम से ग्रहों की चाल, दशा, स्थिति और राशि में होने वाले छोटे से छोटे बदलाव के बारे में जानकारी प्रदान करता रहा है क्योंकि इनका सीधा असर मनुष्य जीवन पर पड़ता है। इसी क्रम में, ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को एक विशेष स्थान प्राप्त है और इन्हें बुद्धि, तर्क, संचार, व्यापार और वाणी का कारक ग्रह माना जाता है। जब भी बुध देव अपनी राशि या चाल में बदलाव करते हैं, तो इसका प्रभाव समस्त संसार पर दिखाई देता है, विशेष रूप से बुध से जुड़े क्षेत्रों पर। इनकी चाल में होने वाला परिवर्तन व्यक्ति के व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में बड़े परिवर्तन लेकर आने की क्षमता रखते हैं। अब यह जल्द ही मिथुन राशि में अपनी अस्त अवस्था से बाहर आते हुए उदित होने जा रहे हैं। 

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ऐसे में, हमारा यह लेख आपको बुध का मिथुन राशि में उदय से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, बुध मिथुन राशि में कब और किस समय उदित होंगे? इनके उदित होने से आपकी राशि को कैसे परिणाम मिलेंगे? क्या होता है ग्रह का उदित होना? मिथुन राशि में बुध के उदित होने से किन राशियों को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे और किन राशियों को इस अवधि में सावधानी बरतनी होगी? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस लेख में मिलेंगे जिसे ख़ासतौर पर हमारे अनुभवी और विद्वान ज्योतिषियों द्वारा ग्रह-नक्षत्रों की चाल, स्थिति तथा दशा का विश्लेषण करने के बाद तैयार किया गया है। तो आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले नज़र डालते हैं बुध उदित के समय पर। 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

बुध का मिथुन राशि में उदय: तिथि और समय

बुद्धि, संवाद, तर्क, चतुराई, मित्र और गणित के कारक ग्रह के रूप में बुध देव हर राशि में लगभग 23 से 27 दिन तक रहते हैं और इस दौरान वह उदय, वक्री, मार्गी एवं अस्त होते हैं। बुध ग्रह अब 11 जून 2025 की सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर मिथुन राशि में उदित हो जाएंगे जो कि इनकी अपनी राशि है। बता दें कि बुध महाराज पिछले महीने 18 मई 2025 को मेष राशि में अस्त हो गए थे। मिथुन राशि में बुध के उदित होने को शुभ माना जाएगा क्योंकि उदित होने पर यह अपनी शक्तियों को पुनः प्राप्त कर लेंगे। ऐसे में, यह जातकों को एक बार फिर से पूरी क्षमता के साथ परिणाम दे सकेंगे। चलिए अब आपकी रूबरू करवाते हैं इस दौरान होने वाले ग्रहों की युतियों से।    

मिथुन राशि में तीन ग्रह होंगे एक साथ 

जून माह के दौरान मिथुन राशि में कई बड़े ग्रहों के गोचर होंगे और ऐसे में, इस राशि में अनेक युतियों तथा शुभ-अशुभ योगों का निर्माण होगा। बता दें कि मिथुन राशि में इस समय बुध के  अलावा सूर्य और गुरु ग्रह भी मौजूद होंगे। ऐसे में, बुद्धि और व्यापार के कारक बुध और आत्मा के कारक सूर्य के एक साथ बैठे होने से बुधादित्य योग का निर्माण होगा। लेकिन, बुध अपनी पूरी क्षमता से परिणाम उदित होने के बाद ही दे पाएंगे। वहीं, सूर्य, बुध और गुरु के एक साथ होने पर मिथुन राशि में त्रिग्रही योग भी बनेगा। हालांकि, गुरु और बुध की युति को अशुभ माना जाता है क्योंकि इससे केंद्राधिपति दोष का निर्माण होता है। 

मिथुन राशि में बनने वाले योगों और दोषों को जानने के बाद अब हम आपको अवगत करवाते हैं उदित अवस्था के बारे में।  

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किसे कहते हैं ग्रह का उदित होना?

हम यह बात भली-भाँति जानते हैं कि नवग्रहों में प्रत्येक ग्रह समय-समय पर उदय,अस्त, वक्री और मार्गी होता है जिसका अत्यधिक प्रभाव संसार पर पड़ता है। बात करें उदय की, तो उससे पहले आपको अस्त अवस्था के बारे में जानना होगा। बता दें कि जब कोई ग्रह सूर्य के बहुत करीब चला जाता है, तब वह अस्त हो जाता है। सामान्य शब्दों में कहें तो, सूर्य के तीव्र प्रभाव की वजह से ग्रह अपनी सभी शक्तियां खो देता है और जातकों को पूरी क्षमता के साथ परिणाम देने में असमर्थ होता है। 

इसी प्रकार, ग्रह का उदय होना एक ऐसी अवधि होती है जब अस्त ग्रह सूर्य से एक निश्चित दूरी पर आ जाता है और पुनः उदित हो जाता है। साथ ही, उदित होकर वह अपनी सभी शक्तियां को पुनः प्राप्त कर लेता है और एक बार फिर से अपनी पूरी क्षमता से परिणाम देने लगता है।

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ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व 

  • बुध ग्रह सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है जिन्हें “ग्रहों के राजकुमार” का दर्जा प्राप्त है। यह सूर्य देव के सबसे निकट स्थित है। 
  • बुध ग्रह मनुष्य जीवन में बुद्धि, वाणी और संचार आदि को नियंत्रित करते हैं जो कि द्विस्वभाव ग्रह हैं।
  • काल पुरुष कुंडली में बुध देव मिथुन और  कन्या राशि के अधिपति देव हैं। यह कन्या राशि में उच्च के होते हैं और मीन इनकी नीच राशि मानी गई है। 
  • सभी दिशाओं में बुध महाराज उत्तर दिशा के स्वामी हैं और इनकी महादशा 17 वर्ष की होती है।। 
  • बुध देव के मित्र सूर्य और शुक्र हैं जबकि यह चंद्रमा से शत्रुता के भाव रखते हैं। वहीं, बृहस्पति देव और शनि ग्रह से इनके संबंध तटस्थ है। 
  • बुध को हरा रंग प्रिय है और सप्ताह में इन्हें बुधवार का दिन समर्पित है। 
  • बुध से प्रभावित जातक हंसी-मज़ाक करना और बोलना पसंद करते हैं। 
  • बुध ग्रह के आशीर्वाद से जातक करियर और व्यापार में सफलता प्राप्त करता है। 
  • साथ ही, बुध देव त्वचा और सीखने की क्षमता का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। 

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कुंडली में कमज़ोर बुध के संकेत 

याददाश्त का कमज़ोर होना: ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध देव कमजोर होते हैं, वह ज्यादा देर तक बातें याद नहीं रख पाता है। साथ ही, व्यक्ति पूरी एकाग्रता के साथ काम करने में असमर्थ होता है। 

संवाद करने में परेशानी: दुर्बल बुध क्वे प्रभाव से जातक की वाणी और संचार कौशल प्रभावित होता है और उसे तुतलाना, हकलाना और सही शब्दों का चयन न कर पाना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

सही निर्णय न लेना: बुध की अशुभ अवस्था का प्रभाव व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता पर भी पड़ता है और ऐसे में, वह सही समय पर सही निर्णय लेने में असमर्थ होता है इसलिए वह  गलत फैसले लेने लगता है। 

चिंता और तनाव: कुंडली में बुध के दुर्बल होने का एक संकेत व्यक्ति का हमेशा चिंता या तनाव में डूबे रहना भी होता है। ऐसा जातक अधिकतर तनाव या चिंता में रहता है। 

व्यापार में हानि: बुध को व्यापार के कारक ग्रह कहा जाता है और इनके अशुभ प्रभाव के कारण जातक को व्यापार, लेखन, संवाद और शिक्षा आदि से जुड़े कारोबार में समस्या के साथ-साथ हानि का सामना करना पड़ता है। 

त्वचा और नस संबंधित समस्या:  बुध महाराज के नकारात्मक प्रभाव होने से व्यक्ति त्वचा, एलर्जी और हाथ-पैर सुन्न होना जैसी समस्याओं से परेशान रहता है। 

विचार न रख पाना: कुंडली में बुध ग्रह दुर्बल होता है, तो जातक अपने विचार दूसरों के सामने नहीं रख पाता है जिसके चलते गलतफहमी, बात समझने और समझाने में समस्या होती है। 

शिक्षा में समस्या: बुध के कमज़ोर होने पर शिक्षा से जुड़ी समस्याएं जैसे कि पढ़ाई में मन न लगना और विषय न समझ पाना आदि का सामना करना पड़ता है। 

निराश होना: वाणी और बुद्धि के कारक ग्रह है इसलिए निर्बल होने पर बुद्धि के अभाव में जातक निराश हो जाता है।

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बुध का मिथुन राशि में उदय: सरल एवं अचूक उपाय

  • बुध ग्रह को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन या फिर बुधवार के दिन बुध ग्रह के बीज मंत्र “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” या “ॐ गण गणपतये नमो नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • बुधवार को व्रत करना फलदायी साबित होता है। हालांकि, बुध देव के लिए व्रत शुक्ल पक्ष के बुधवार से करना आरंभ करें। 
  • संभव हो, तो बुधवार के दिन हरे रंग के कपड़े धारण करें। आप चाहे तो, इस दिन हरे चने का सेवन करें। 
  • बुधवार को हरा मूंग, हरे वस्त्र, हरी चूड़ियां और हरी सब्जियां आदि दान करना शुभ होता है।
  • बुधवार के दिन भगवान गणेश को पान और दूर्वा अर्पित करें। 
  • बुध ग्रह की कृपा पाने के लिए बुधवार के दिन पन्ना रत्न चांदी या सोने की अंगूठी में छोटी उंगली में धारण करें। लेकिन, ऐसा किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह के बाद ही करें। 
  • नियमित रूप से गाय की सेवा करने से भी कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही, बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं। 
  • बुध देव की शांति के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। 

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बुध का मिथुन राशि में उदय: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी होते हैं और… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी ग्रह होते हैं और वर्तमान… (विस्तार से पढ़ें) 

मिथुन राशि

बुध ग्रह आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ चौथे भाव के भी स्वामी… (विस्तार से पढ़ें) 

कर्क राशि

बुध आपकी कुंडली में तीसरे तथा द्वादश भाव के स्वामी ग्रह होते हैं और यह … (विस्तार से पढ़ें) 

सिंह राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली के लाभ और धन भाव का स्वामी होता है और बुध का… (विस्तार से पढ़ें)  

कन्या राशि

बुध आपकी लग्न या राशि के स्वामी ग्रह होने के साथ-साथ आपके दशम भाव… (विस्तार से पढ़ें) 

तुला राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में भाग्य भाव का के स्वामी होने के साथ-साथ… (विस्तार से पढ़ें)  

वृश्चिक राशि 

बुध ग्रह आपकी कुंडली में आठवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ… (विस्तार से पढ़ें)  

धनु राशि 

बुध ग्रह आपकी कुंडली में सातवें भाव के स्वामी ग्रह होते हैं। साथ ही साथ यह … (विस्तार से पढ़ें) 

मकर राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी ग्रह होते हैं और बुध… (विस्तार से पढ़ें) 

कुंभ राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी ग्रह माने गए हैं अर्थात… (विस्तार से पढ़ें) 

मीन राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं और बुध का… (विस्तार से पढ़ें) 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

जून 2025 में बुध का मिथुन राशि में उदय कब होगा?

बुध ग्रह 11 जून 2025 को मिथुन राशि में उदित हो जाएंगे।

मिथुन राशि का स्वामी कौन है?

बुध ग्रह को मिथुन राशि का स्वामित्व प्राप्त है। 

ग्रह का उदय होना किसे कहते हैं?

जब कोई ग्रह अपने पथ पर चलते हुए सूर्य से एक निश्चित दूरी पर आ जाता है और अपनी शक्तियां पुनः हासिल कर लेता है, तो इसे ग्रह का उदित होना कहते हैं।