सूर्य के गोचर से इन राशियों के व्‍यापारियों को होगा दोगुना मुनाफा, खुलेेंगे तरक्‍की के दरवाजे

ज्‍योतिषशास्‍त्र में ग्रहों के गोचर को अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण माना जाता है। ग्रह के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने पर, देश और दुनिया में तो बदलाव देखने को मिलते ही हैं लेकिन इसका असर मानव जीवन पर भी पड़ता है।

अब 13 फरवरी को दोपहर 03 बजकर 31 मिनट पर सूर्य ग्रह कुंभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि शनि की राशि कुंभ में सूर्य के आने से कुछ राशि के लोगों के बिज़नेस में प्रगति देखने को मिलेगी। इन्‍हें खूब मुनाफा होगा और ये अपने व्‍यापार का विस्‍तार भी कर सकते हैं।

तो चलिए जानते हैं कि सूर्य के कुंभ राशि में गोचर करने पर किन राशियों के लोगों को अपने व्‍यापार में लाभ और मुनाफा होने के आसार हैं।

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सूर्य के कुंभ राशि में आने पर इन राशियों का चलेगा बिज़नेस

मेष राशि

मेष राशि के व्‍यापारियों को इस समय उच्‍च मुनाफा होने के संकेत हैं। आप कोई नया बिज़नेस शुरू कर सकते हैं और आपको विदेशी कंपनियों के साथ भी काम करने का मौका मिल सकता है। इस समय आप काफी ऊर्जावान और आत्‍मविश्‍वास से भरपूर नज़र आएंगे। इसके साथ ही आप अपने व्‍यावसायिक क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल करेंगे। पार्टनरशिप में काम करने से भी आपको सफलता मिलने के योग हैं। व्‍यापार के क्षेत्र में आपका हर तरह से विकास होगा। शेयर मार्केट में काम करने वाले लोगों को भी खूब पैसा कमाने का मौका मिलेगा। व्‍यापारियों के लिए सफलता के प्रबल योग बन रहे हैं।

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वृषभ राशि

विदेश में व्‍यापार करने वाले लोगों को सफलता प्राप्‍त होगी। आपके लिए मुनाफे के योग बन रहे हैं। आप अपने व्‍यापारिक सिद्धांतों पर चलकर लाभ कमाएंगे। आप अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्‍कर दे पाएंगे। आप अपने व्‍यवसाय में जिन अलग रणनीतियों का पालन कर रहे हैं, वो आपके लिए फायदेमंद साबित होंगी। आपके प्रतिस्‍पर्धी भी आपके सामने मज़बूती से खड़े रहेंगे। पार्टनरशिप में काम करने वाले लोगों के लिए भी अनुकूल समय है। कुल मिलाकर यह समय वृषभ राशि के लोगों के लिए अच्‍छा रहने वाला है।

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मिथुन राशि

इस समय व्‍यापारियों का अच्‍छा मुनाफा कमाने का उद्देश्‍य पूरा होगा। आपको विदेश में भी प्रगति करने के अच्‍छे अवसर मिलेंगे। आपको इस समय छोटे-से प्रयास से भी अधिक सफलता मिलने की संभावना है। आप अपने बिज़नेस पर अपना वर्चस्‍व रखेंगे और अपने प्रतिद्वंदियों के सामने मज़बूती से खड़े रहेंगे। आपके लिए इस समय खूब मुनाफा कमाने के योग हैं। वहीं विदेशी मुद्रा का व्‍यापार करने वाले लोगों के लिए भी अच्‍छा समय है।

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कन्‍या राशि

कन्‍या राशि के व्‍यापारियों के लिए उच्‍च मुनाफे के योग बन रहे हैं। आप पूरे पेशेवर होकर काम करेंगे और अपने प्रतिद्वंदियों को भी कड़ी टक्‍कर दे पाएंगे। आप अपने बिज़नेस को इस समय बहुत आसानी से चला पाएंगे और आपको किसी भी क्षेत्र में नुकसान होने की आशंका नहीं है। कुल मिलाकर कन्‍या राशि के व्‍यापारियों के लिए यह समय बहुत अनुकूल रहने वाला है।

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मीन राशि में बन रहा है बुधादित्‍य योग, इस तारीख पर इन लोगों की जागेगी सोई हुई किस्‍मत

प्रत्‍येक ग्रह एक निश्‍चित समयावधि के बाद एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। ग्रहों के राशि परिवर्तन का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। ग्रहों के गोचर करने पर कई बार इनकी किसी अन्‍य ग्रह के साथ युति भी होती है। ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार जब किसी एक राशि में दो या इससे अधिक ग्रह उपस्थित हों, तो इसे युति कहा जाता है।

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अब मीन राशि में बुध और सूर्य की युति होने जा रही है और इस युति से मीन राशि में बुधादित्‍य योग का निर्माण हो रहा है। बुधादित्‍य योग बनने से वैसे तो राशिचक्र की सभी राशियां प्रभावित होंगी लेकिन इनमें से तीन राशियां ऐसी हैं जिन्‍हें बुधादित्‍य योग से सबसे ज्‍यादा लाभ मिलने की संभावना है। वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार बुध और सूर्य की युति से तीन राशियों की किस्‍मत खुलने वाली है और इन्‍हें अपने हर कार्य में सफलता प्राप्‍त होगी।

बुध और सूर्य की युति की तिथि एवं समय

बुद्धि, धन, व्यापार, संवाद, वाणी, करियर आदि के कारक ग्रह बुध 07 मार्च 2024 की सुबह 09 बजकर 21 मिनट पर जल तत्व की राशि मीन में गोचर करेंगे। इसके साथ ही 14 मार्च को 12 बजकर 23 मिनट पर सूर्य ग्रह मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इस तरह 14 मार्च को मीन राशि में सूर्य और बुध की युति होने से बुधादित्‍य योग बन रहा है।

क्‍या होता है बुधादित्‍य योग

जन्‍मकुंडली के 12 भावों में से किसी एक भाव में सूर्य और बुध की युति होने पर बुधादित्‍य योग बनता है। सूर्य को आदित्‍य के नाम से भी जाना जाता है इसलिए सूर्य और बुध की युति को बुधादित्‍य नाम दिया गया है। यह योग व्‍यक्‍ति को सफलता, मान-सम्‍मान, प्रतिष्‍ठा और आर्थिक समृद्धि प्रदान करता है। ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार बुधादित्‍य योग बहुत शुभ होता है। इस योग में शुरू किए गए कार्य निश्चित ही सफल होते हैं।

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बुधादित्‍य योग से इन राशियों को मिलेगी तरक्‍की

वृषभ राशि

वृषभ राशि के ग्‍यारहवें भाव में बुधादित्‍य योग बनने जा रहा है। इस योग से वृषभ राशि के लोगों की किस्‍मत चमक सकती है। आपको इस दौरान अपने भाग्‍य का साथ मिलेगा और आप जो भी काम करेंगे, उसमें सफलता हासिल करेंगे। आपके लंबे समय से अटके हुए काम पूरे होंगे।

आप सभी तरह की सुख-सुविधाओं का आनंद ले पाएंगे। आपके परिवार में खुशियां आएंगी और परिवार के सदस्‍यों के बीच आपसी प्‍यार भी बढ़ेगा। समाज में आपके मान-सम्‍मान और प्रतिष्‍ठा में वृद्धि होने के आसार हैं। नौकरीपेशा जातकों को तरक्‍की के नए अवसर प्राप्‍त होंगे। आप अपने कार्यक्षेत्र में खूब तरक्‍की करेंगे।

अगर आप विदेश में नौकरी करना चाहते हैं, तो इस समय आपका यह सपना भी पूरा हो सकता है। व्‍यापारियों के लिए भी लाभ के योग बन रहे हैं। आप अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्‍कर देंगे। आपको खूब मुनाफा कमाने के अवसर मिलेंगे। आपके हाथ कोई बड़ा प्रोजेक्‍ट या डील भी लग सकती है। इसके अलावा इस युति के दौरान वृषभ राशि के लोगों की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्‍छी रहने वाली है। आप खूब पैसा कमाने के साथ-साथ धन की बचत भी कर पाएंगे। सेहत के मामले में भी यह समय अनुकूल रहने वाला है। आपको कोई बड़ी बीमारी होने के संकेत नहीं हैं।

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कन्‍या राशि

कन्‍या राशि के सातवें भाव में बुधादित्‍य योग बनने जा रहा है। इस दौरान कन्‍या राशि के लोगों का सोया हुआ भाग्‍य चमक सकता है। आपको अचानक धन लाभ होने की उम्‍मीद है। इससे आपके घर-परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। अगर आप लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रस्‍त हैं और दवाएं भी असर नहीं कर रही हैं, तो अब आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। सूर्य और बुध की युति से आपके स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार आना शुरू होगा। स्‍वस्‍थ लोग पहले से ज्‍यादा फिट महसूस करेंगे। नौकरीपेशा जातक अपने कार्यक्षेत्र में खूब प्रगति और उन्‍नति करेंगे। आपको विदेश से भी व्‍यापार करने का अवसर मिल सकता है। इस तरह व्‍यापारियों के लिए भी मुनाफे के योग बन रहे हैं। आप खूब धन कमाएंगे और पैसों की बचत करने में भी कामयाब होंगे। इससे आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि के दसवें भाव में बुध और सूर्य की युति होने जा रही है। यह समय आपके लिए शानदार साबित होगा। आप खूब धन कमाएंगे और पैसों की बचत भी कर पाएंगे। इससे आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। आपको अपने जीवनसाथी के साथ भी कुछ अच्‍छे पल बिताने का मौका मिलेगा। आप उनके साथ कहीं बाहर घूमने भी जा सकते हैं। आप दोनों ही इन पलों का भरपूर आनंद उठाएंगे।

आपका स्‍वास्‍थ्‍य भी इस समय बहुत अच्‍छा रहने वाला है। आपको विदेश में बिज़नेस करने का मौका भी मिल सकता है। यहां से आप खूब मुनाफा कमाएंगे। आपको अपने जीवन के हर क्षेत्र में भाग्‍य का साथ मिलेगा जिससे आप सफलता प्राप्‍त कर पाएंगे। वहीं नौकरीपेशा जातकों ने अपने काम में जो मेहनत की है, अब उन्‍हें उसका फल मिलने वाला है।

आपके वरिष्‍ठ अधिकारी आपके काम से काफी प्रसन्‍न रहेंगे और वे आपकी प्रशंसा भी कर सकते हैं। आपके वेतन में वृद्धि होने के भी संकेत हैं। आपको काम के सिलसिले में विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है। यदि आप उच्‍च शिक्षा प्राप्‍त करना चाहते हैं, तो यह समय इसके लिए एकदम अनुकूल है।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

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मासिक राशिफल मार्च 2024: मिथुन राशि वालों को इस महीने रहना होगा सावधान!

मासिक राशिफल मार्च 2024: नए साल में एस्ट्रोसेज एक बार फिर लेकर आया है मिथुन राशि वालों के लिए “मासिक राशिफल मार्च 2024” का यह विशेष ब्लॉग। उम्मीद है कि  2024 का यह राशिफल जानकर आप महीने की अच्छे से प्लानिंग कर सकें। मार्च 2024 के राशिफल के माध्यम से हम जानेंगे कि मिथुन राशि के लिए  मार्च 2024 का महीना कैसा रहेगा और उसके आधार पर आप भी अनुमान लगा सकेंगे कि मार्च के महीने को और बेहतर बनाने के लिए आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आप अपने जीवन को सही दिशा दे पाएंगे।

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मार्च 2024 में मिथुन राशि वालों के लिए ग्रहों के गोचर

संक्षेप में बात करें इस महीने के गोचरों की तो सूर्य 14 मार्च तक सूर्य कुम्भ राशि में रहेंगे। आपके लिए यह स्थिति औसत रह सकती है। इसके बाद सूर्य मीन राशि में चले जाएंगे। यहां से सूर्य आपको काफी हद तक अनुकूलता देना चाहेंगे। मंगल ग्रह के गोचर की बात की जाए तो मंगल ग्रह 15 मार्च तक मकर राशि में जबकि बाद में कुंभ राशि में रहने वाले हैं। दोनों ही स्थितियों में मंगल आपका सहयोग करने में पीछे रह सकते हैं। बुध ग्रह का गोचर महीने के शुरुआती समय से लेकर 7 मार्च तक कुंभ राशि में यानी कि आपके लिए कमजोर, तो वहीं 7 मार्च से लेकर 26 मार्च तक मीन राशि में यानी कि आपके लिए औसत परिणाम दे सकता है। 26 मार्च के बाद बुध मेष राशि में होंगे और यहां से बुध आपके लिए अनुकूल परिणाम देना चाहेंगे। बृहस्पति इस महीने भी मेष राशि में और शुक्र के नक्षत्र में रहने वाले हैं। अतः बृहस्पति आपको काफी हद तक अनुकूल परिणाम दे सकते हैं। वहीं शुक्र ग्रह 7 मार्च तक मकर राशि में रहेंगे। अर्थात आपको अनुकूल परिणाम दे सकते हैं। जबकि 7 मार्च के बाद कुंभ राशि में पहुंचकर भी शुक्र अनुकूल परिणाम ही देना चाहेंगे। 

शनि ग्रह कुंभ राशि में किंतु राहु के नक्षत्र में रहेंगे। इस महीने अधिकांश समय शनि अस्त रहेंगे। अतः शनि से विशेष सपोट की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। राहु ग्रह मीन राशि में बुध के नक्षत्र में रहेंगे। यह औसत से थोड़ी कमजोर स्थिति कही जाएगी। जबकि केतु कन्या राशि में रहते हुए अधिकांश समय चंद्रमा के नक्षत्र में रहने वाले हैं। यह कमजोर स्थिति होगी। आइए अब जानते हैं कि इन सभी ग्रहों के गोचरों का संयुक्त रूप से आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है 

मासिक राशिफल मार्च 2024: मिथुन राशि वालों का भविष्यफल

मार्च 2024 में मिथुन राशि वालों का करियर

कार्यक्षेत्र से जुड़े मामलों में मार्च का महीना आपको काफी अच्छे परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। आपका करियर लॉर्ड बृहस्पति लाभ भाव में शुक्र के नक्षत्र में रहेगा। आप अपने लक्ष्य तक आसानी से पहुंचने में कामयाब हो सकेंगे। स्थान परिवर्तन या नौकरी में परिवर्तन चाह रहे लोग कोशिश करके परिवर्तन करने में समर्थ होंगे। व्यापार व्यवसाय के दृष्टिकोण से भी मार्च का महीना सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम दे सकता है। महीने के दूसरे पक्ष में व्यापारिक यात्राएं फायदेमंद रहेंगी। व्यापार व्यवसाय को लेकर कोई अच्छी खबर भी सुनने को मिल सकती है। इन सबके बीच नौकरीपेशा लोगों को वरिष्ठों के साथ सामंजस्य बैठाने का प्रयास लगातार करना जरूरी रहेगा। 

मार्च 2024 में मिथुन राशि वालों की आर्थिक स्थिति

आर्थिक मामले में भी मार्च का महीना आपको औसत से बेहतर परिणाम दे सकता है। आपके लाभ भाव का स्वामी मंगल महीने के पहले पक्ष में उच्च अवस्था में रह कर लाभ भाव को देख रहा है। फलस्वरूप कुछ कठिनाइयों के बाद ही सही आपको अच्छा लाभ मिलता हुआ प्रतीत हो रहा है। वहीं 15 मार्च के बाद मंगल भाग्य भाव में चले जाएंगे, तब तुलनात्मक रूप से थोड़े से ही सही लेकिन कुछ कमजोर परिणाम मिल सकते हैं। बृहस्पति का गोचर सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देना ही चाह रहा है। इस तरह से हम पाते हैं कि आर्थिक मामले में मार्च का महीना आपकी मेहनत के अनुरूप आपको परिणाम देता रहेगा। सामान्य तौर पर आप अपनी उपलब्धियां से संतुष्ट रह सकेंगे। 

मार्च 2024 में मिथुन राशि वालों का स्वास्थ्य

स्वास्थ्य के मामले में मार्च का महीना थोड़ा सा कमजोर रह सकता है। विशेषकर 26 मार्च तक का समय स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने का संकेत कर रहा है। महीने की शुरुआत से लेकर 7 मार्च तक बुध आपके भाग्य भाव में रहेगा। बुध के लिए यह अच्छी स्थिति नहीं है। ऊपर से बुध रोग के कारक ग्रह शनि के साथ रहेगा। अतः कुछ पुरानी तकलीफें उभर कर सामने आ सकती हैं। ऐसे में यदि पहले कोई बीमारी लंबे समय तक आपको परेशान करती रही है, तो उस बीमारी को लेकर लापरवाह नहीं होना है। 7 मार्च से लेकर 26 मार्च तक बुध ग्रह दशम भाव में रहेंगे। प्लेसमेंट के हिसाब से भले ही या एक अनुकूल स्थिति हो लेकिन बुध नीच के रहेंगे; अतः मौसम के बदलाव का आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इस बात को लेकर सचेत रहने की स्थिति में स्वास्थ्य को आप संतुलित बना सकेंगे। 26 मार्च के बाद स्थितियां अनुकूल होने के योग बन रहे हैं। 

मार्च 2024 में मिथुन राशि वालों का शैक्षिक जीवन

शिक्षा के मामले में मार्च का महीना आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। आपके चतुर्थ भाव का स्वामी बुध इस महीने औसत स्थिति में रहने वाला है। अतः इच्छित परिणाम की प्राप्ति के लिए अपेक्षाकृत अधिक मेहनत करने की आवश्यकता रहेगी। विशेषकर जिन विद्यार्थियों की परीक्षाएं इस समय चल रही हैं, या होने वाली हैं उन्हें घर के माहौल को बेहतर बनाने के लिए भी यत्न प्रयत्न करने होंगे। क्योंकि आसपास का माहौल कुछ ऐसा रह सकता है जो सब्जेक्ट पर कंसंट्रेट करने में बढ़ाएं उत्पन्न करे। हालांकि प्राथमिक विद्यार्थियों को तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। क्योंकि पंचमेश शुक्र की स्थिति अच्छी है। साथ ही साथ पंचम भाव पर बृहस्पति का प्रभाव भी रहेगा। इस तरह से हम कह सकते हैं कि मार्च के महीने में शिक्षा के मामले में आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। 

मार्च 2024 में मिथुन राशि वालों का प्रेम और दांपत्य जीवन

प्रेम संबंध के मामले में मार्च का महीना सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम दे सकता है। क्योंकि पंचमेश शुक्र की स्थिति इस महीने सामान्य तौर पर अच्छी रहने वाली है। हालांकि इन सबके बावजूद भी इस महीने प्रेम प्रसंग में मर्यादा के भाव होने बहुत जरूरी रहेंगे। वहीं दांपत्य संबंधी मामलों में भी इस महीने सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम मिलने के योग बन रहे हैं। सप्तमेश बृहस्पति लाभ भाव में शुक्र के नक्षत्र में रहने वाला है। जो दांपत्य जीवन में अनुकूलता देते रहने का संकेत कर रहा है। 

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मार्च 2024 में मिथुन राशि वालों का गृहस्थ व पारिवारिक जीवन

पारिवारिक मामलों की बात की जाए तो इस मामले में महीना आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। विशेषकर महीने का दूसरा भाग तुलनात्मक रूप से ज्यादा अच्छा रह सकता है। महीने के पहले हिस्से में मंगल की दृष्टि छोटे-मोटे व्यवधान दे सकती है लेकिन 15 मार्च के बाद मंगल का प्रभाव दूसरे भाव से समाप्त हो जाएगा; जो पारिवारिक मामलों में सामंजस्य बिठाने में मददगार बनेगा। वहीं गृहस्थ संबंधी मामलों में परिणाम इसके उलट रह सकते हैं। क्योंकि महीने के पहले हिस्से में औसत परिणाम मिलते हुए प्रतीत हो रहे हैं जबकि 15 मार्च के बाद मंगल की दृष्टि के चलते केतु की नकारात्मकता और बढ़ सकती है। फलस्वरूप गृहस्थ जीवन में कुछ भी संगतिया देखने को मिल सकती हैं। 

मार्च 2024 में मिथुन राशि वालों के लिए उपाय

  • स्वयं को शुद्ध और सात्विक रखते हुए अपने आराध्य की आराधना करें।
  • मंदिर में दूध और चावल का दान करें।
  • कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं।

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अनुष्‍का और विराट के बेटे की कुंडली में बन रहा है राजा बनने का योग, चारों दिशाओं में होगा उसका नाम

15 फरवरी को विराट कोहली और अनुष्‍का शर्मा के घर बेटे ने जन्‍म लिया है। दोनों ने 20 फरवरी को सोशल मीडिया पर पोस्‍ट कर के यह खुशखबरी दी है। इसके साथ ही अनुष्‍का और विराट ने अपने बेटे का नाम भी बताया है।

इस ब्‍लॉग में विस्‍तार से बताया गया है कि 15 फरवरी को ग्रहों और सितारों की स्थिति क्‍या थी और अनुष्‍का-विराट के बेटे के नाम का क्‍या अर्थ है।

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15 फरवरी को ग्रहों की स्थिति

ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार 15 फरवरी को चंद्रमा मेष राशि में उपस्थित थे और देवताओं के गुरु बृहस्‍पति भी इसी राशि में गोचर कर रहे थे। इससे मेष राशि में गजकेसरी योग का निर्माण होता है जिसे बहुत शुभ माना जाता है। इसके साथ ही 15 फरवरी को सूर्य और शनि कुंभ राशि में एक साथ उपस्थित थे। इसके अलावा इस दिन मंगल, बुध और शुक्र मकर राशि में गोचर कर रहे थे। 15 फरवरी को केतु कन्‍या राशि में थे और राहु मीन राशि में गोचर कर रहे थे।

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क्‍या है गजकेसरी योग

ग्रहों की स्थिति के अनुसार जिस दिन विराट और अनुष्‍का के बेटे का जन्‍म हुआ है, उस दिन मेष राशि में गुरु और चंद्रमा की युति से गजकेसरी योग बन रहा था। वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार गजकेसरी योग सबसे शक्‍तिशाली योगों में से एक है और इसे राजयोग में स्‍थान दिया गया है। जब गुरु और चंद्रमा एकसाथ युति में होते हैं या इनकी एक-दूसरे पर सीधे दृष्टि पड़ रही हो, तब गजकेसरी योग का निर्माण होता है। जिन बच्‍चों का जन्‍म गजकेसरी योग में होता है, वे बहुत बुद्धिमान होते हैं और समाज में प्रतिष्‍ठा पाते हैं। इन्‍हें अपने करियर में असीम सफलता मिलती है।

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कैसा होगा बच्‍चे का जीवन

मेष राशि में जन्‍म होने की वजह से बच्‍चे का मूल ग्रह मंगल मकर राशि में उपस्थित है। मकर मंगल की उच्‍च राशि है इसलिए अनुष्‍का और विराट के बेटे को अपने जीवन में खूब सफलता देखने को मिलेगी। उसे ऐशो-आराम और सुख-सुविधाओं की कोई कमी नहीं रहेगी।

वैसे तो विराट और अनुष्‍का के बेटे के जन्‍म के सटीक समय की जानकारी नहीं है किंतु चंद्र राशि के आधार पर यह कहा जा सकता है कि इस बालक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और वह भी अपने माता-पिता की तरह खूब प्रगति करेगा। वह पढ़ाई में होशियार होगा और करियर में उसे अच्‍छी सफलता मिलने के योग हैं।

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अंकज्‍योतिष के अनुसार मूलांक

अंकज्‍योतिष के मुताबिक 15 तारीख को जन्‍म लेने वाले जातकों का मूलांक 6 होता है एवं इस अंक के स्‍वामी ग्रह शुक्र हैं। शुक्र को शुभ ग्रह माना गया है इसलिए अनुष्‍का और विराट के बेटे को शुक्र से संबंधित सभी क्षेत्रों में शुभ एवं सकारात्‍मक परिणाम देखने को मिलेंगे। इतना ही नहीं अपने माता-पिता के लिए भी यह संतान भाग्‍यशाली साबित होगी।

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अनुष्‍का और विराट के बेटे का नाम क्‍या है

विराट और अनुष्‍का ने अपने बेटे का नाम अकाय रखा है। इस नाम का अर्थ होता है जिसका कोई आकार न हो या जो निराकार हो। इनकी बेटी का नाम वामिका है जो कि मां दुर्गा का ही एक नाम है।

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मासिक राशिफल मार्च 2024: मेष राशि वालों को इस महीने रहना होगा सावधान!

मासिक राशिफल मार्च 2024: नए साल में एस्ट्रोसेज एक बार फिर लेकर आया है मेष राशि वालों के लिए “मासिक राशिफल मार्च 2024” का यह विशेष ब्लॉग। उम्मीद है कि  2024 का यह राशिफल जानकर आप महीने की अच्छे से प्लानिंग कर सकें। मार्च 2024 के राशिफल के माध्यम से हम जानेंगे कि मेष राशि के लिए  मार्च 2024 का महीना कैसा रहेगा और उसके आधार पर आप भी अनुमान लगा सकेंगे कि मार्च के महीने को और बेहतर बनाने के लिए आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आप अपने जीवन को सही दिशा दे पाएंगे।

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मार्च 2024 में मेष राशि वालों के लिए ग्रहों के गोचर

संक्षेप में बात करें इस महीने के गोचरों की तो सूर्य 14 मार्च तक सूर्य कुम्भ राशि में रहेंगे। यह एक अनुकूल स्थिति है। जबकि 14 मार्च के बाद सूर्य मीन में चले जाएंगे। आपके लिए सूर्य का यह गोचर कमजोर कहा जाएगा। मंगल ग्रह के गोचर की बात की जाए तो मंगल ग्रह 15 मार्च तक मकर राशि में यानी कि आपके लिए एवरेज, तो वहीं 15 मार्च के बाद कुंभ राशि में होकर आपको काफी अच्छे परिणाम देना चाहेंगे। बुध ग्रह का गोचर महीने के शुरुआती समय से लेकर 7 मार्च तक कुंभ राशि में यानी कि आपके लिए अनुकूल, तो वहीं 7 मार्च से लेकर 26 मार्च तक मीन राशि में यानी कि आपके लिए कमजोर परिणाम दे सकता है। 26 मार्च के बाद बुध मेष राशि में होंगे और यहां से भी यह आपके लिए अनुकूल परिणाम देने में असमर्थ रहेंगे। बृहस्पति इस महीने भी मेष राशि में और शुक्र के नक्षत्र में रहने वाले हैं। अतः बृहस्पति आपको मिले-जुले परिणाम दे सकते हैं। वहीं शुक्र ग्रह 7 मार्च तक मकर राशि में रहेंगे। अर्थात आपको कुछ कमजोर परिणाम दे सकते हैं। जबकि 7 मार्च के बाद कुंभ राशि में पहुंचकर शुक्र आपको काफी अच्छा लाभ दिलवाना चाहेंगे।

शनि ग्रह कुंभ राशि में किंतु  राहु के नक्षत्र में रहेंगे। इस महीने अधिकांश समय शनि अस्त रहेंगे। अतः शनि से मिले-जुले परिणाम ही मिल पाएंगे। राहु ग्रह मीन राशि में बुध के नक्षत्र में रहेंगे। यह एक कमजोर स्थिति कही जाएगी। जबकि केतु कन्या राशि में रहते हुए अधिकांश समय चंद्रमा के नक्षत्र में रहने वाले हैं। यह काफी हद तक अनुकूल स्थिति कही जाएगी। आइए अब जानते हैं कि इन सभी ग्रहों के गोचरों का संयुक्त रूप से आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है।

मासिक राशिफल मार्च 2024: मेष राशि वालों का भविष्यफल

मार्च 2024 में मेष राशि वालों का करियर

कार्य क्षेत्र के मामले में मार्च का महीना आपको औसत से बेहतर परिणाम दे सकता है। सामान्य तौर पर आपके करियर लॉर्ड शनि की प्लेसमेंट अच्छी है लेकिन इस महीने शनि आधे से अधिक समय में अस्त रहेंगे तथा राहु के प्रभाव में भी रहेंगे। फलस्वरूप कामों में छोटी-मोटी अड़चनें या व्यवधान देखने को मिल सकते हैं। बेहतर होगा महीने के पहले पक्ष में कार्यक्षेत्र से संबंधित कोई नया प्रयोग न करें। अपने वरिष्ठों के साथ बेहतर तालमेल रखें और आने वाले व्यवधान से निराश न हों। ऐसा करके आप तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। 

मार्च 2024 में मेष राशि वालों की आर्थिक स्थिति

आर्थिक मामले में भी आपके लाभ भाव के स्वामी शनि औसत लेवल के परिणाम देते हुए प्रतीत हो रहे हैं। तो वहीं धन भाव के स्वामी शुक्र 7 मार्च तक कमजोर स्थिति में हैं। इसके बाद शुक्र की स्थिति अच्छी होने के कारण आप आर्थिक मामलों में बेहतर कर सकेंगे। अर्थात इस महीने लाभ का प्रतिशत एवरेज लेवल का रह सकता है लेकिन अनुकूल बात यह रहेगी की 7 मार्च के बाद आप अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा बचाने में सफल रहेंगे लेकिन 7 मार्च से पहले बचत तुलनात्मक रूप से कम रह सकती है। 

मार्च 2024 में मेष राशि वालों का स्वास्थ्य

स्वास्थ्य के मामले में भी मार्च का महीना आपको औसत से बेहतर परिणाम दे सकता है। आपके लग्न या राशि के स्वामी मंगल 15 मार्च तक उच्च अवस्था में रहेंगे लेकिन दशम भाव में रहेंगे। यहां से मंगल आपको औसत से थोड़े से बेहतर परिणाम देते हुए आपके स्वास्थ्य को अनुकूल रखने का काम करेंगे। वहीं 15 मार्च के बाद मंगल की स्थिति अनुकूल हो जाएगी लेकिन आरोग्यता के कारक ग्रह सूर्य 14 मार्च से आपके व्यय भाव में चले जाएंगे। इस कारण से इस समय अवधि में भी स्वास्थ्य संबंधी मामले में आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। ऐसे में मौसम के अनुरूप अपना आहार विहार रखते हुए आप अच्छे स्वास्थ्य का आनंद ले सकेंगे। 

मार्च 2024 में मेष राशि वालों का शैक्षिक जीवन

शिक्षा के मामले में मार्च का महीना आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। आपके पंचम भाव का स्वामी सूर्य 14 मार्च तक अनुकूल स्थिति में रहेगा। फलस्वरूप आप शिक्षा के मामले में अच्छा कर सकेंगे। साथ ही साथ बुध का गोचर भी 7 मार्च तक अनुकूल रहेगा लेकिन 7 मार्च के बाद बुध कमजोर स्थिति में चले जाएंगे। अतः महीने के दूसरे पक्ष में सूर्य और बुध दोनों का सहयोग न मिल पाने के कारण परिणाम तुलनात्मक रूप से कमजोर रह सकते हैं। कहने का तात्पर्य यह कि शिक्षा के मामले में मार्च का महीना मिला-जुला प्रतीत हो रहा है। उस पर भी महीने का पहला हिस्सा अनुकूल तो वहीं दूसरा हिस्सा कुछ हद तक कमजोर रह सकता है। 

मार्च 2024 में मेष राशि वालों का प्रेम और दांपत्य जीवन

प्रेम संबंध के लिए भी मार्च का महीना औसत प्रतीत हो रहा है। क्योंकि 14 मार्च तक आपके पंचम भाव के स्वामी की स्थिति एवरेज से बेहतर रहेगी। अत: लव लाइफ में ठीक-ठाक परिणाम मिलते रहेंगे लेकिन 14 मार्च के बाद सूर्य की स्थिति कमजोर हो जाएगी। पंचम भाव पर मंगल का प्रभाव रहेगा। साथ ही साथ शनि का भी प्रभाव रहेगा। इन कारणों से बीच-बीच में आपसी लड़ाइयां अधिक रह सकती हैं। हालांकि गुरु के प्रभाव के चलते यदि आप समझदारी से काम लेंगे तथा मर्यादित आचरण अपनाएंगे तो संबंध सुरक्षित रहेंगे। वहीं दांपत्य संबंधी मामले की बात की जाए तो 7 मार्च तक दांपत्य संबंधी मामलों में परिणाम काफी कमजोर रह सकते हैं लेकिन 7 मार्च के बाद आपके सप्तम में शुक्र की स्थिति मजबूत होने के कारण दांपत्य जीवन में अनुकूलता का लेवल भी मजबूत होगा। 

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मार्च 2024 में मेष राशि वालों का गृहस्थ व पारिवारिक जीवन

सबसे पहले हम बात करेंगे आपके पारिवारिक मामलों की तो पारिवारिक मामले में 7 मार्च तक का समय कमजोर है लेकिन 7 मार्च के बाद आप परिवारिक मामलों में काफी अच्छा कर सकेंगे। यदि किसी कारण से संबंध कमजोर हो गए थे तो 7 मार्च के बाद आप संबंधों को फिर से सुधारने में कामयाब हो सकेंगे। वहीं गृहस्थ संबंधी मामले में 15 मार्च तक मंगल की दृष्टि के कारण परिणाम तुलनात्मक रूप से कमजोर रह सकते हैं। घर गृहस्थी की चीजें खराब हो सकती हैं। विशेषकर आग या बिजली से चलने वाले उपकरण परेशानी देने का काम कर सकते हैं लेकिन इसके बाद स्थितियां तुलनात्मक रूप से बेहतर होती हुई प्रतीत हो रही हैं। 

मार्च 2024 में मेष राशि वालों के लिए उपाय

  • हनुमान जी के मंदिर में लाल मिठाई चढ़ाएं और प्रसाद मित्रों में जरूर बांटे।
  • सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्य भगवान को कुमकुम मिला हुआ जल चढ़ाएं।
  • नियमित रूप से माथे पर केसर का तिलक लगाएं।

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बुध के कुंभ राशि में आने पर, इन लोगों के जीवन में आएंगी खुशियां, साथी का मिलेगा प्‍यार

ज्‍योतिषशास्‍त्र में ग्रहों के गोचर, युति एवं ग्रहों के अस्‍त और उदय होने को अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण माना गया है। प्रत्‍येक ग्रह एक निश्चित समयावधि के बाद स्‍थान परिवर्तन करता है और इसका सभी राशियों पर सकारात्‍मक और नकारात्‍मक प्रभाव पड़ता है। कुछ राशियों के लिए यह गोचर शुभ साबित होते हैं, तो वहीं कुछ राशियों के जातकों को अशुभ परिणाम देखने को मिलते हैं।

अब फरवरी, 2024 में बुध का गोचर होने जा रहा है। वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार बुध के इस गोचर से कुछ राशियों के प्रेम जीवन में प्‍यार का संचार होने वाला है। जी हां, बुध के राशि परिवर्तन से कुछ राशियों के लोगों का जीवन प्‍यार से भरने वाला है।

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इस ब्‍लॉग में आगे उन्‍हीं राशियों के बारे में बताया गया है जिन्‍हें बुध के गोचर से लाभ प्राप्‍त होने की उम्‍मीद है लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि फरवरी में बुध का गोचर किस तिथि एवं समय पर हो रहा है।

बुध गोचर की तिथि एवं समय

20 फरवरी, 2024 को प्रात: काल 05 बजकर 48 मिनट पर बुध ग्रह कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। बुध के शनि की राशि कुंभ में आने पर कुछ राशियों के लोगों का प्रेम एवं वैवाहिक जीवन संवर सकता है।

बुध के गोचर से इन्‍हें मिलेगा प्‍यार

मेष राशि

बुध के कुंभ राशि में गोचर करने पर मेष राशि के लोगों का प्रेम जीवन अनुकूल रहने वाला है। इस दौरान आपका अपने पार्टनर के साथ संबंध मधुर रहेगा। आप दोनों का रिश्‍ता मज़बूत होगा और आप दोनों एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। इसके साथ ही आपको अपने साथी के साथ कुछ अच्‍छा समय बिताने का मौका भी मिलेगा। आप दोनों के रिश्‍ते में मिठास आएगी और आप अपने रिश्‍ते में उच्‍च मूल्‍य स्‍थापित करेंगे। हो सकता है कि आप अपने पार्टनर के साथ प्‍यार की मिसाल कायम करें।

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वृषभ राशि

आपके और आपके जीवनसाथी के बीच रिश्‍ते में मधुरता आएगी। अब आप अपने पार्टनर को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे और आप दोनों के बीच आई सारी गलतफहमियां अब दूर होंगी। इससे आपका अपने पार्टनर के साथ रिश्‍ता भी मज़बूत होगा। लोग आपके रिश्‍ते की तारीफ करते हुए नज़र आएंगे। आप दोनों एक-दूसरे से अधिक प्रेम करने लगेंगे और साथ में कुछ यादगार पल बिताएंगे। आपको अपने पार्टनर के साथ कहीं बाहर घूमने जाने का मौका भी मिल सकता है।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातक अपने पार्टनर के साथ काफी खुश नज़र आएंगे। आप दोनों एक-दूसरे का सा‍थ पाकर खुद को खुशकिस्‍मत समझेंगे। इस समय आप दोनों के रिश्‍ते में मधुरता और मिठास रहेगी। आपको हर कदम पर अपने पार्टनर का सहयोग और प्रेम प्राप्‍त होगा। आप दोनों को एकसाथ कहीं घूमने जाने का मौका भी मिल सकता है। आप दोनों ही इस समय का भरपूर आनंद उठाएंगे।

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सिंह राशि

बुध के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर सिंह राशि के लोगों के प्रेम जीवन में खुशियां आने की उम्‍मीद है। आप अपने पार्टनर के साथ काफी प्रसन्‍न महसूस करेंगे। आप दोनों एक-दूसरे के साथ का भरपूर आनंद लेंगे। आप और आपका पार्टनर अपने रिश्‍ते में उच्‍च मूल्‍य स्‍थापित करेंगे। आपका सकारात्‍मक व्‍यवहार आपके पार्टनर के दिल में अपनी जगह बनाने में मदद करेगा। आप दोनों ही एक-दूसरे के साथ काफी खुश रहने वाले हैं। कुल मिलाकर, यह समय आपके प्रेम जीवन के लिए उत्‍तम साबित होगा।

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तुला राशि

तुला राशि के जातक इस समय अपने प्रेम जीवन का भरपूर आनंद लेते हुए नज़र आएंगे। आपके वैवाहिक जीवन में भी सुख-शांति आएगी और आप अपने पार्टनर के साथ काफी प्रसन्‍न महसूस करेंगे। आप दोनों के संबंध में मधुरता आएगी और अब आप एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। बुध के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर आप दोनों का आपसी तालमेल बहुत अच्‍छा रहने वाला है। आपको अपने जीवनसाथी के साथ कुछ यादगार पल बिताने का मौका भी मिल सकता है। आपको अपने प्रेमी से सरप्राइज़ भी मिल सकता है।

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धनु राशि

धनु राशि के जातक इस समय जोश और उत्‍साह से भरे रहेंगे और इसका सकारात्‍मक असर इनके वैवाहिक जीवन पर भी देखने को मिलेगा। आप अपने पार्टनर के साथ खूब खुशियां बांटेंगे और उनसे अपने मन की बात भी कह सकते हैं। इससे आप दोनों को एक-दूसरे को अच्‍छे से समझने में मदद मिलेगी। इससे आपका रिश्‍ता भी मज़बूत होगा और आप अपने जीवनसाथी के साथ प्रसन्‍न महसूस करेंगे। आप अपने पार्ट नर के प्रति ईमानदार रहेंगे और उच्‍च मूल्‍य स्‍थापित करेंगे।

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कुंभ राशि

यदि आप बुध के गोचर के दौरान अपने पार्टनर के साथ थोड़ा सामंजस्‍य बिठाने का प्रयास करें, तो शायद आप दोनों के बीच सब कुछ अच्‍छा रह सकता है अन्‍यथा आप दोनों के बीच विवाद होने की आशंका है। आपके रिश्‍ते की मधुरता इस समय आपके ऊपर टिकी हुई है।

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बुध का शतभिषा नक्षत्र में गोचर: किन राशियों की होगी बल्ले-बल्ले या किनकी बढ़ेंगी मुसीबतें!

बुध का शतभिषा नक्षत्र में गोचर: एस्ट्रोसेज अपने पाठकों के लिए यह विशेष ब्लॉग लेकर आया है जिसमें आपको बुध का शतभिषा नक्षत्र में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त होगी। ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध शतभिषा नक्षत्र में 24 फरवरी 2024 को गोचर करने जा रहे हैं जिसका प्रभाव राशि चक्र की सभी राशियों पर देखने को मिलेगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बुध का यह गोचर आपके लिए कैसा रहेगा। 

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बुध ग्रह हमारे मस्तिष्क को नियंत्रित करता है और इन्हें चंद्र देव के पुत्र के रूप में भी जाना जाता है। वहीं, वैदिक ज्योतिष में बुध देव को देवताओं का दूत माना जाता है। राशि चक्र में इन्हें मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व प्राप्त है। सौरमंडल में बुध ग्रह सूर्य के सबसे निकट स्थित है। आपको बता दें कि बुध का अर्थ बुद्धि से है क्योंकि यह मनुष्य के जीवन में बुद्धि, वाणी और ह्यूमर आदि के प्रतीक माने गए हैं। ज्योतिष में बुध देव को लाभकारी ग्रह माना जाता है, परन्तु अशुभ ग्रहों के साथ होने पर यह जातकों को नकारात्मक रूप से भी प्रभावित कर सकते हैं। जिन लोगों की कुंडली में बुध मजबूत होते हैं, उनकी बुद्धि तेज़ होती है, लेकिन ऐसे लोग जल्द ही तनाव में आ जाते हैं जिसकी वजह से सही फैसला लेने में नाकाम रह सकते हैं।

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क्या है शतभिषा नक्षत्र?

वैदिक ज्योतिष में सभी 27 नक्षत्रों में से शतभिषा नक्षत्र को 24वां स्थान प्राप्त है। कुंभ राशि में यह नक्षत्र  6.40 अंश से 20 अंश तक फैला हुआ है। जिन जातकों का जन्म शतभिषा नक्षत्र के तहत होता है, वह जन्मजात बुद्धिमान होते हैं। इस गुण की झलक उन लोगों के व्यक्तित्व में बचपन से ही देखी जा सकती है। साथ ही, इन जातकों में कुछ विशेष स्किल्स मौजूद होते हैं जिन्हें निखारने के लिए देश-दुनिया के सर्वोत्तम शिक्षा संस्थानों द्वारा इनका चुनाव किया जाता है। यह लोग किसी भी विषय के कांसेप्ट और आइडिया को दूसरों की तुलना में आसानी से समझ लेते हैं और ऐसे में, शिक्षा के क्षेत्र में इनका प्रदर्शन शानदार रहता है। इस नक्षत्र के प्रभाव से ऐसे जातक दुनिया के सबसे कम उम्र के सीईओ और बिज़नेसमैन बनते हैं।

इन जातकों का जुड़ाव तकनीकी क्षेत्रों से भी हो सकता है। हालांकि, आपको बता दें कि तकनीकी क्षेत्र को राहु महाराज नियंत्रित करते हैं। शतभिषा नक्षत्र के अंतर्गत जन्मे जातक बचपन से ही जानते हैं कि उन्हें अपने जीवन में क्या करना हैं और उनका लक्ष्य क्या है जिन्हें पाने के लिए यह अपनी पूरी क्षमता के साथ प्रयास करते हैं और इसमें सफलता भी प्राप्त करते हैं। शतभिषा नक्षत्र के चारों पद कुंभ राशि के अंतर्गत आते हैं। इस नक्षत्र का संबंध मेडिकल और हीलिंग के क्षेत्र से है। शायद ही आपको पता होगा कि ‘शत’ शब्द का अर्थ सौ से है जो किसी स्थिति को देखने और उसका हल ढूंढ़ने के तरीकों या दृष्टिकोणों का प्रतिनिधित्व करता है।

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ज्योतिष में राहु का महत्व

वैदिक ज्योतिष में राहु इच्छाओं, महत्वकांक्षाओं, सुख, भय और गलत व्यवहार आदि से जुड़ा है। राहु देव भी व्यक्ति को शनि महाराज की तरह ही परिणाम प्रदान करते हैं और इसके परिणामस्वरूप, यह जीवन में अचानक से हानि, दुर्भाग्य, असफलता और तनाव लेकर आते हैं। इस  ग्रह का स्वभाव जानवरों के समान होता है। हालांकि,  यह किसी व्यक्ति को जीवन में तमाम तरह के सांसारिक सुख, अप्रत्याशित सफलता, लाभ, धन-समृद्धि, शक्ति और मज़बूती आदि प्रदान करने का सामर्थ्य रखते हैं। अगर कुंडली में राहु की स्थिति शुभ होती है, तो यह व्यक्ति को शत्रुओं और प्रतिद्वंदियों पर जीत दिलाते हैं। लेकिन फिर भी यह लोग हमेशा असंतुष्ट दिखाई देते हैं। सामान्य शब्दों में कहें, तो राहु ग्रह कभी भी आपको अपने जीवन में मिले लाभ, सफलता, धन-धान्य आदि से संतुष्ट नहीं होने देते हैं। इन जातकों में ज्यादा से ज्यादा पाने की कभी न ख़त्म होने वाली एक भूख होती है जो ऐसे लोगों को इच्छाओं के सागर में डुबाने का काम करते हैं जिन्हें पाने के लिए वह ज़िंदगीभर प्रयास करते रहते हैं। 

ऐसे में, यह आपको किसी तरह की लत, जुनूनी रवैया, अत्यधिक महत्वाकांक्षी, काल्पनिक आशाएं आदि से ग्रस्त बनाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में राहु ग्रह का संबंध गूढ़ विज्ञान से माना गया है। साथ ही, यह व्यक्ति के चरित्र के नकारात्मक पक्ष और गैर-कानूनी कामों को भी दर्शाता है। राहु व्यक्ति के स्वभाव को क्रांतिकारी, रीति-रिवाज़ों और परंपराओं को न मानने वाला बना सकता है। इसके अलावा, विदेश से भी इसका संबंध माना गया है और यह आपको अध्यात्म से दूर लेकर जाता है। सकारात्मक पक्ष की बात करें, तो यह आपको जीवन में विभिन्न क्षेत्रों जैसे गूढ़ विज्ञान और अध्यात्म आदि में उच्च ज्ञान प्रदान करता है। इन जातकों की इंट्यूशन क्षमता काफ़ी मज़बूत होती है और यह मनोविज्ञान को बहुत बारिकी से समझते हैं। 

शतभिषा नक्षत्र में बुध का प्रभाव 

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शतभिषा नक्षत्र में बुध देव मौजूद होते हैं, तो यह जातकों को शत्रुओं को परास्त करने वाले, थोड़ी सी तारीफ से प्रसन्न होने वाले, एक सफल डॉक्टर और साफ़ एवं स्पष्ट बात करने वाला इंसान बनाते हैं। ऐसे व्यक्ति में घर-परिवार के अच्छे संस्कार देखने को मिलते हैं और इन्हें कामकाज या व्यापार के चलते परिवार से दूर रहना पड़ता है। साथ ही, इस नक्षत्र में स्थित बुध व्यक्ति के मन को प्रसन्न करने वाला, कल्पनाशील, बुरी आदतों जैसे कि शराब, नशे आदि की वजह से परिवार का त्याग करने वाला बनाती है। हालांकि, बुध की इस स्थिति की वजह से आप लोगों की मदद करने वाले भी हो सकते हैं, लेकिन यह बात पूरी तरह से कुंडली में बुध की स्थिति पर निर्भर करेगा। 

शतभिषा नक्षत्र के प्रथम पद में बुध का प्रभाव 

जब व्यक्ति की कुंडली में बुध शतभिषा नक्षत्र के प्रथम पद में स्थित होते हैं, तो ऐसे जातक व्यापार के क्षेत्र में समस्याएं पैदा करने वाले शत्रुओं को परास्त कर देते हैं, दुश्मनों के समान व्यवहार करने वाले लोगों से दूरी बनाकर रखते हैं, भगवान में आस्था रखते हैं, मेडिकल के क्षेत्र में तरक्की हासिल करते हैं और जो भी बोलते हैं एकदम साफ़ और स्पष्ट बोलते हैं।

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शतभिषा नक्षत्र के दूसरे पद में बुध का प्रभाव

बुध के दूसरे पद में होने पर जातक दुश्मनों का नाश करता है, विवाद या युद्ध की चुनौती देने वाला और सर्दियों से खुद का बचाव करने वाला होता है। अगर कुंडली में बुध की युति शनि के साथ हो रही हो, तो जातक को सरकारी क्षेत्र में उच्च पद की प्राप्ति होती है। 

शतभिषा नक्षत्र के तीसरे पद में बुध का प्रभाव

बुध के तीसरे पद में होने पर जातक को सर्दी के मौसम में स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही, शत्रुओं की वजह से हानि भी झेलनी पड़ती है, लेकिन यह लोग उनसे उलझने की बजाय बचना पसंद करते हैं। ऐसा व्यक्ति ड्रग्स का भी आदी हो सकता है।

शतभिषा नक्षत्र के चौथे पद में बुध का प्रभाव

जब बुध शतभिषा नक्षत्र के चौथे पद में विराजमान होते हैं, तो यह व्यक्ति को शराब का सेवन करने वाला बनाते हैं। इनके एक से ज्यादा दोस्त हो सकते हैं, दिखावा पसंद नहीं करते हैं और अपनी बातों से लोगों का दिल दुखाने से बचते हैं। लेकिन, दुश्मनों को उनकी चालों का जवाब बहुत अच्छे से देने में माहिर होते हैं। 

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बुध का शतभिषा नक्षत्र में गोचर: सभी राशियों को करेंगे प्रभावित   

मेष राशि

मेष राशि के लिए बुध महाराज आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके ग्यारहवें  भाव में विराजमान होंगे जो कि गोचर करके शतभिषा नक्षत्र में जा रहे हैं। ऐसे में, बुध की ग्यारहवें भाव में उपस्थिति होने से आपका ध्यान आइडियाज और कांसेप्ट पर केंद्रित होगा। इसके अलावा, यह जातक जो भी काम करेंगे, वह समाज और मानवता से जुड़े हो सकते हैं। ऐसे लोग समाज या समाज में होने वाली घटनाओं को लेकर चिंतित दिखाई दे सकते हैं और ऐसा इसलिए होगा क्योंकि राहु का संबंध समाज से होता है। 

इन जातकों का मन कल्पनाओं से भरा रहेगा जिसके चलते कभी-कभी आप कवि भी बन सकते हैं या फिर इस गोचर के दौरान आपकी रुचि लेखन के प्रति जाग सकती है। साथ ही, आप ज्यादा से ज्यादा ज्ञान प्राप्त करना चाहेंगे। इस अवधि में आपके सामाजिक दायरे का विस्तार होगा जिसका लाभ आपको आगे चलकर मिलेगा।

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब यह शतभिषा नक्षत्र में गोचर करके आपके दसवें भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, इन जातकों का सारा ध्यान करियर पर केंद्रित होगा और आप जीवन के लक्ष्य हासिल हुए नज़र आ सकते हैं। साथ ही, उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए प्रयासरत भी रहेंगे। 

हालांकि, दसवें भाव में बुध की मौजूदगी दर्शाती है कि करियर में आपका संबंध ऐसे क्षेत्र से हो सकता है जहां आप अपनी बुद्धि का अच्छे से उपयोग कर सकें। ऐसे में, आपको अपनी बुद्धि का प्रयोग दूसरों की तुलना में अधिक करना पड़ सकता है। साथ ही, यह लोग अपने करियर का विश्लेषण करते हुए नज़र आ सकते हैं। इन जातकों को अपने लक्ष्यों को पाने के लिए योजना बनाकर आगे बढ़ना होगा। 

मिथुन राशि 

मिथुन राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके लग्न भाव के स्वामी होने के साथ-साथ चौथे भाव के भी स्वामी हैं और शतभिषा नक्षत्र में गोचर करके अब यह आपके नौवें भाव में प्रवेश कर जाएंगे। इस अवधि में आप दुनिया को तार्किक नज़रिये से देखेंगे। साथ ही, आप किसी ऐसी जगह की तलाश में हो सकते हैं, जहां आप शांति से बैठकर दुनिया और अपनी समस्याओं के बारे में सोच-विचार कर सकें।

बुध गोचर के दौरान आप फिलोसॉफी, अध्यात्म या फिर अन्य विषयों की पढ़ाई कर सकते हैं जिससे आपकी बुद्धि का विस्तार होगा। ऐसे में, आप समाज और दुनिया के नीति-नियमों पर सवाल उठाते हुए दिखाई दे सकते हैं। आप किसी यात्रा या जीवन के अन्य अनुभवों के माध्यम से कुछ न कुछ नया सीखते रहेंगे। इस अवधि में आप हर किसी के विचारों को स्वीकार करने से बचेंगे और साथ ही, दूसरों के विचारों का भी सम्मान करेंगे। आप नई-नई चीज़ों के बारे में जानना पसंद करेंगे। इस दौरान आपको वह काम ही संतुष्टि देंगे जहां आप अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कर सकेंगे। 

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह शतभिषा नक्षत्र में गोचर करके आपके आठवें भाव में जा रहे हैं। शतभिषा नक्षत्र के आठवें भाव में बुध की मौजूदगी परिवर्तन और वस्तुओं या संसाधनों के शेयर किये जाने की तरफ इशारा करती है। ऐसे में, आप धन से जुड़ी समस्याओं और इंटिमेसी से संबंधित मामलों को एक नए नज़रिये के साथ देखेंगे। आप उभरती हुई तकनीक के नए क्षेत्रों में निवेश करने में रुचि लेंगे।

इन जातकों का सारा ध्यान अपनी बुद्धि को तेज़ बनाने में होगा। बता दें कि इन लोगों के दिमाग में एक अलग तरह की उत्सुकता देखने को मिलती है जो तब तक शांत नहीं होती है जब तक यह किसी समस्या या बात की गहराई तक नहीं पहुंच जाते हैं। इस अवधि में आप शांति से बैठकर रोमांस से लेकर जीवन-मृत्यु के बारे में भी सोच-विचार करते हुए नज़र आ सकते हैं। साथ ही, इन लोगों का झुकाव नेतृत्व करने में भी हो सकता है।

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब शतभिषा नक्षत्र में गोचर करके आपके सातवें भाव में जाएंगे। इसके परिणामस्वरूप, इन जातकों का सारा ध्यान जीवनसाथी के साथ-साथ अन्य लोगों पर भी केंद्रित रहेगा। इस अवधि में आप किसी भी मुद्दे या बात के बारे में राय बनाने से पहले इस बात पर गौर करेंगे कि दूसरों के विचार क्या है और वह  इस मामले में क्या राय रखते हैं।

बुध गोचर के दौरान आप अपने रिश्ते के बारे में सोचते हुए और उसका विश्लेषण करते हुए दिखाई देंगे। यह समय आपको अपने रिश्ते को प्राथमिकता देने, दूसरों की नज़रों में खुद को व्यक्त करने और रिलेशनशिप को आगे ले जाने में मदद करेगा। अगर आप रिश्तों को जानने या समझने में रुचि रखते हैं, तो आप मनोविज्ञान या काउंसलिंग में करियर बना सकते हैं।

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कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके पहले या लग्न भाव के स्वामी हैं और अब यह शतभिषा नक्षत्र में गोचर करके आपके छठे भाव में जा रहे हैं। आपके छठे भाव में बुध की स्थिति आपको सेहत के प्रति जागरूक बनाएगी इसलिए आपको स्वयं को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रखने के लिए संतुलित खानपान के साथ-साथ नियमित रूप से व्यायाम करना होगा। हालांकि, इन जातकों को अपने जीवन को व्यवस्थित रखना होगा फिर चाहे वह निजी या पेशेवर जीवन हो। बुध गोचर के दौरान आपको गलत काम करने से बचना होगा, अन्यथा आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह शतभिषा नक्षत्र में गोचर करके आपके पांचवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपका झुकाव रचनात्मकता में होगा और आप खुद की बात को अच्छे से दूसरों के सामने रख सकेंगे। हालांकि, इन जातकों की बुद्धि तेज़ होगी और यह अपनी बुद्धिमता का इस्तेमाल अच्छे से कर सकेंगे। आप करियर के रूप से जिस क्षेत्र का चुनाव करेंगे वह आपको ख़ुशी देने के साथ-साथ आपका मनोरंजन भी करेगा। लेकिन फिर भी, आपका ध्यान बार-बार देश, समाज और दुनिया में होने वाली घटनाओं पर केंद्रित रहेगा। 

तुला राशि के जातकों की सोच आपके व्यक्तित्व को एक शेप देने में मददगार साबित होगी। बता दें कि बुध गोचर की अवधि में संतान आपकी चिंता का विषय बन सकती है। आपकी कुंडली में बुध नौवें भाव के स्वामी भी हैं और ऐसे में, आपको पिता का साथ पसंद आएगा।  पांचवें भाव में बुध होने पर यह जातकों को आत्मसम्मान से भर देते हैं और इन्हें अच्छे से अपनी जिम्मेदारियों के बारे में पता होता है। इन लोगों की बुद्धि और ह्यूमर आपका सबसे बड़ा गुण होगा। 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके आठवें और ग्याहरवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके चौथे भाव में विराजमान होंगे। कुंडली का चौथे भाव भावनात्मक स्थिरता का प्रतिनिधित्व करता है और जब बुध इस भाव में बैठे होते हैं, तो जातक हर बात को लेकर हद से ज्यादा सोच-विचार करते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपको मानसिक और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करने की सलाह दी जाती है। अगर आपके चौथे भाव में बुध ग्रह स्थित होते हैं, तो आप अच्छे से जानते हैं कि कोई ऐसी बात है जो आपके अहंकार को ठेस पहुंचा सकती है।

इस अवधि में आपके मन की आवाज़ प्रबल होगी जिसे आपका दिमाग अच्छे से समझ सकेगा। हालांकि, इन जातकों के भीतर असुरक्षा के भाव हो सकते हैं, परंतु आप इन भावनाओं को नियंत्रित करने में सक्षम होंगे ताकि आपके अहंकार को ठेस न पहुंचे। ऐसे में, आपको रोज़मर्रा के कामों में व्यस्त रहने की सलाह दी जाती है जिन कामों के आप पहले से आदी होंगे। इसके परिणामस्वरूप, यह जातक अपने जीवन में संतुलन कायम करने में सफल रहेंगे।

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धनु राशि 

धनु राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके तीसरे भाव में मौजूद होंगे। कुंडली में तीसरे भाव को बुध का भाव माना गया है क्योंकि सामान्य तौर पर बुध इसी भाव में स्थित होते हैं। जब बुध ग्रह तीसरे भाव में होते हैं, तो यह आपकी बुद्धि और वाणी को शानदार बनाते हैं। आपके व्यक्तित्व पर आसपास के वातावरण का प्रभाव देखने को मिलता है। आप नई-नई चीज़ों के बारे में सीखने के इच्छुक होंगे और साथ ही, आपकी उत्सुकता दुनिया के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने में हो सकती है। 

जिन जातकों की कुंडली में बुध तीसरे भाव में होता है, वह दुनिया और लोगों के साथ जल्द ही संपर्क स्थापित कर लेते हैं। ऐसा करने से आपका दृष्टिकोण स्पष्ट होगा और आप वह सब सबक बिना किसी सवाल के स्वीकार करेंगे जो आप अपने जीवन में अनुभव करेंगे। आपको बता दें कि इन जातकों की इंटुइशन क्षमता काफ़ी मज़बूत होती है जिसके चलते यह अपने जीवन में सतर्कता के साथ आगे बढ़ते हैं। यह लोग संसार को वैसे ही देखना पसंद करते हैं जैसी वह है। साथ ही, बुध के तीसरे भाव में होने पर लोग आप पर सीधा-साधा होने का नाटक करने का आरोप भी लगाते हुए दिखाई दे सकते हैं, लेकिन आप पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा और आप इन सब बातों को नज़रअंदाज़ करेंगे। 

मकर राशि

मकर राशि वालों की कुंडली में बुध देव आपके दूसरे भाव यानी कि धन, जीवन मूल्यों आदि के भाव में स्थित होंगे और ऐसे में, यह आपके आर्थिक और निजी जीवन को प्रभावित करेंगे। धन से जुड़े मामलों में आपके विचार थोड़े अलग हो सकते हैं और निवेश के लिए आप दूसरे रास्ते अपना सकते हैं।  बता दें कि जिन लोगों की कुंडली के दूसरे भाव में बुध स्थित होते हैं, तो उनकी वाणी और लेखन क्षमता काफ़ी अच्छी होती है जिसके चलते यह अपने विचार आसानी से दूसरों के सामने रख पाते हैं। 

ऐसे जातक ट्रेवल एजेंट, राइटर, स्पीकर, लेक्चरर, टीचर, फाइनेंस मैनेजर आदि के क्षेत्र में अपना करियर बनाते हैं। इन लोगों के जीवन मूल्य बहुत उच्च होते हैं जो कि इन्हें अपने परिवार से मिलते हैं। जब बुध ग्रह वक्री होता है, तब इंसान अपने मूल्यों को लेकर कठोर हो जाता है और हर कीमत पर उनकी रक्षा करना चाहता है। हालांकि, इनका दृष्टिकोण दुनिया के प्रति भौतिकवादी हो सकता है।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातक स्वभाव से साहसी, विनम्र, बुद्धिमान और भाग्यशाली होते हैं। इन जातकों की कुंडली में बुध लग्न भाव या पहले भाव में होने पर व्यक्ति का झुकाव अध्यात्म के प्रति होता है। ऐसे लोग काफ़ी अच्छी शिक्षा हासिल करते हैं। इन्हें अपने बच्चों से बेहद प्रेम होता है और वह इनकी ताकत भी होते हैं। साथ ही, इनकी पर्सनालिटी बहुत आकर्षक होती है, लेकिन इन्हें कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कुंभ राशि वालों की कुंडली के लग्न भाव में बुध देव के मौजूद होने पर यह जातक अपने पिता का बेहद सम्मान करते हैं। साथ ही, इन लोगों का व्यापार में प्रदर्शन भी अच्छा रहता है। यह जातक अपनी योग्यताओं और क्षमताओं के बारे में विचार-विमर्श और गहन विश्लेषण करते हुए नज़र आ सकते हैं। हालांकि, कभी-कभी यह अपनी तुलना दूसरों से भी कर सकते हैं और ऐसे में, यह खुद को दूसरों से कम समझ सकते हैं। आपको लग सकता है कि बुद्धि के मामले में आप अन्य लोगों से पीछे हैं और न ही अपनी बात उस तरह से दूसरों के सामने रख पाते हैं जबकि बाकी लोग यह काम आसानी से कर लेते हैं।

मीन राशि

मीन राशि वाले अगर हकीकत का सामना करेंगे और ज़मीन से जुड़े रहेंगे, तो वह बार-बार अपने ख्यालों में खोने से बच सकेंगे। इस समय अपना ध्यान रखना आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी होगा और इसे आपको अपने जीवन की प्राथमिकता बनाना होगा। ऐसे में, आपको अपने लिए समय निकालते हुए मसाज या किताब पढ़ना आदि काम करने की सलाह दी जाती है। बता दें कि अगर बुध आपके बारहवें भाव में उपस्थित होते हैं, तो यह जातक पढ़ाई में कमज़ोर होते हैं। 

मीन राशि के जातक व्यापार के क्षेत्र में अपनी कड़ी मेहनत के बल पर अपार सफलता प्रदान करेंगे। लेकिन, इन्हें हानि और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, बारहवें भाव में बैठे बुध आपके लिए अपनी भावनाओं या विचारों को दूसरों के सामने रखना चुनौतीपूर्ण बना सकते हैं। इन लोगों को अपने संचार कौशल में सुधार करने के साथ-साथ दृढ़ता और सुनने की क्षमता को मज़बूत बनाने पर भी काम करना होगा। आपको अपनी रचनात्मकता का उपयोग खुद को व्यक्त करने के लिए करना होगा और इसके लिए आप कला, संगीत और डांस आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

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बुध का शतभिषा नक्षत्र में गोचर: सरल एवं प्रभावी उपाय 

  • बुध महाराज का पूजन करने के सर्वश्रेष्ठ उपायों में से एक है कि बुध ग्रह के मंत्र ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ का जाप करें।
  • अगर आप बुध ग्रह को शांत करना चाहते हैं, तो आप तोते, कबूतर आदि पक्षियों को खाना खिलाएं।
  • ग्रहों के राजकुमार के नाम से प्रसिद्ध बुध ग्रह को प्रसन्न करने के लिए भोजन करने से पहले एक रोटी गाय को अवश्य दें।
  • गरीब बच्चों को हरी सब्जियां जैसे पालक, पत्तेदार सब्जियां आदि दान में दें। 
  • बुध के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए मुंह की साफ़-सफाई का ध्यान रखें।

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बुध के मकर राशि में अस्‍त होने पर, इन 3 राशियों की लव लाइफ में आएगा बेशुमार प्‍यार

ग्रहों के गोचर करने पर सभी राशियों पर इसका अनुकूल-प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलता है। इसके अलावा ग्रहों के किसी राशि में अस्‍त और उदय होने पर भी इसका मानव जीवन पर गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। अब 08 फरवरी, 2024 को रात्रि 09 बजकर 17 मिनट पर बुध ग्रह मकर राशि में अस्‍त हो रहे हैं। बुध के अस्‍त होने पर कुछ राशियों के प्रेम जीवन में प्‍यार और खुशियां बढ़ने की संभावना है।

बुध के मकर राशि में अस्‍त होने से लाभान्वित होने वाली राशियों के बारे में जानने से पहले ज्‍योतिषशास्‍त्र में बुध के महत्‍व के बारे में जान लें।

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वैदिक ज्‍योतिष में बुध ग्रह का महत्‍व

बुध ग्रह को बुद्धि का कारक माना गया है इसलिए इस ग्रह का शुभ प्रभाव मिलने पर जातक की बुद्धि में वृद्धि देखने को मिलती है। इसके अलावा बुध ग्रह शिक्षा, व्‍यक्‍ति के संचार कौशल और तार्किक क्षमता के कारक भी हैं। बुध के कमज़ोर होने पर व्‍यक्‍ति का मन असुरक्षा की भावनाओं से घिर जाता है और उसकी एकाग्रता में भी कमी आने लगती है। इनकी समझने की क्षमता भी कमज़ोर हो जाती है और याद्दाश्‍त में भी कमी देखने को मिलती है।

आगे जानिए कि बुध के मकर राशि में अस्‍त होने पर किन राशियों के प्रेम जीवन में खुशियों की बरसात होने वाली है।

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बुध के अस्‍त होने पर इन राशियों को मिलेगा प्रेम

मेष राशि

अगर अब तक आपके और आपके पार्टनर के बीच गलतफहमियां चल रही थीं, तो अब वह दूर हो सकती हैं। आप दोनों के बीच की अनबन पर भी अब विराम लग जाएगा। आपके रिश्‍ते में तनाव कम होगा और पारिवारिक समस्‍याएं भी सुलझ जाएंगी। आपका अपने जीवनसाथी के साथ रिश्‍ता बेहतर और मज़बूत होगा। अपने रिश्‍ते को और बेहतर बनाने और इसमें सुख-शांति को बनाए रखने के लिए आप अपने परिवार के बड़ों से भी सलाह ले सकते हैं।

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कुंभ राशि

आप अपने और अपने पार्टनर के बीच आई नकारात्‍मक चीज़ों को दूर कर पाने में सफल होंगे। आपके रिश्‍ते में खुशियां आएंगी। आप दोनों का रिश्‍ता दूसरों के लिए एक मिसाल बन सकता है। आप इस समय अपने पार्टनर से बातचीत करते रहें। इससे आप दोनों के बीच अच्‍छी आपसी समझ विकसित होगी और आप दोनों एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे। आप दोनों के बीच अगर संवाद अच्‍छा रहेगा, तो आप अपने रिश्‍ते में आने वाली किसी भी मुश्किल को आसानी से सुलझा पाएंगे।

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मीन राशि

मीन राशि के लोगों के लिए भी बुध का अस्‍त होना मंगलकारी सिद्ध होगा। आप अपने जीवनसाथी के साथ अपने रिश्‍ते को मधुर बनाए रखने में सफल होंगे। इससे आप दोनों के रिश्‍ते में सुख-शांति का आगमन होगा। अपने रिश्‍ते को बरकरार रखने को लेकर, आपकी प्रतिबद्धता की वजह से ऐसा हो सकता है। आप अपने पार्टनर पर विश्‍वास करेंगे जिससे आप दोनों का रिश्‍ता मज़बूत होगा।

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शुक्र का श्रवण नक्षत्र में गोचर: 12 में से इन राशियों की पलटने वाली है किस्मत!

शुक्र का श्रवण नक्षत्र में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र का श्रवण नक्षत्र में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। बता दें कि आकर्षण, ऐश्वर्य, सौभाग्य, धन, प्रेम और वैभव के कारक ग्रह शुक्र 20 फरवरी 2024 को श्रवण नक्षत्र में गोचर करने जा रहे हैं। आइये अब जानते हैं कि शुक्र का श्रवण नक्षत्र में गोचर किन राशि के जातकों के लिए शुभ साबित होगा व किन राशि के जातकों को जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। सभी जानकारी के लिए ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें। 

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शुक्र ग्रह एक ऐसा ग्रह है जो अक्सर सभी खूबसूरत चीजों से जुड़ा होता है। यह दो राशियां वृषभ और तुला राशि के स्वामी होते हैं। शुक्र प्रेम, सौंदर्य, सद्भाव और आकर्षण के कारक ग्रह हैं। इसके प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है इसलिए ज्योतिष में शुक्र भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस और फैशन-डिजाइनिंग का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा, शुक्र धन, सौंदर्यशास्त्र और आपको जो भव्य लगता है, उसके साथ आपके रिश्ते को नियंत्रित करता है। शुक्र हर किसी के जीवन में प्रेम, रोमांस, सुखी वैवाहिक जीवन प्रदान करने में सबसे अहम भूमिका निभाता है। यही कारण है जब विवाह के लिए कुंडली का मिलान किया जाता है जो वर और वधु की कुंडली में शुक्र की शुभ स्थिति पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाता है। विद्वानों के अनुसार, शुक्र की शुभता के बिना संसार में व्यक्ति का जीवन निरर्थक है। शुक्र यदि कुंडली में शुभ स्थिति में विराजमान हैं तो व्यक्ति को सभी प्रकार के ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं यदि शुक्र आपका शासक ग्रह है, तो आप भाग्यशाली हो सकते हैं क्योंकि आपका प्रेम और स्नेह से गहरा संबंध होता और आपका जीवन प्रेम और रोमांस से भरपूर होता है।

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ज्योतिष में नक्षत्र का महत्व

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, नक्षत्र वह शब्द है जिसका उपयोग लोग चंद्र हवेली के लिए करते हैं। प्रत्येक नक्षत्र 13 अंश 20 मिनट का होता है। नक्षत्रों की गणना मेष राशि के 0 अंश पर अश्विनी नक्षत्र से प्रारंभ होती है और रेवती नक्षत्र से आच्छादित मीन राशि के 30 डिग्री पर समाप्त होती है। अभिजीत 28वां नक्षत्र है। वैदिक ज्योतिष में नक्षत्रों के प्रयोग का बहुत अधिक महत्व है। विमशोत्री दशा, 120 वर्षीय ग्रह चक्र जन्म नक्षत्र पर आधारित है। प्रत्येक नक्षत्र को चार भागों में विभाजित किया जाता है जिन्हें पद कहा जाता है। नक्षत्र अपने में स्थित ग्रहों की विशेषताओं को भी परिभाषित करते हैं। 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जन्म नक्षत्र को जानना बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। जन्मनाक्षत्र वह नक्षत्र है जिसमें जन्म के समय चंद्रमा स्थित था। चंद्रमा 2.5 दिनों में एक नक्षत्र में भ्रमण करता है। प्रत्येक नक्षत्र से जुड़े शासक देवता एक विशिष्ट ऊर्जा या दैवीय पहलू का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व, व्यवहार और जीवन की घटनाओं को प्रभावित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस नक्षत्र में व्यक्ति का जन्म होता है, उसका उसके जीवन पथ और भाग्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

श्रवण नक्षत्र और उसकी विशेषताएं

श्रवण नक्षत्र को कई नामों से जाना जाता है, जैसे श्रवण या श्रावण आदि। यह 27 नक्षत्रों की सूची में 22वां नक्षत्र है। यह नक्षत्र मकर राशि या मकर राशि तक फैला हुआ है और इसके स्वामी निर्माता विष्णु हैं।  सीधे शब्दों में कहें तो श्रवण का शाब्दिक अर्थ है, ‘श्रुति’ यानी सुनना और इसका प्रतीक ‘कान’ है। श्रवण नक्षत्र के तहत पैदा हुए लोग कान से बड़े संवेदनशील होते हैं। यह नक्षत्र मौखिक परंपरा और सुन कर अनन्त ज्ञान अर्जित करने की परम्परा को बताता हैं। श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वालों में सुनकर सारा ज्ञान ग्रहण करने की अद्भुत योग्यता होती है, जैसा कि हमारे पूर्वजों ने मौखिक परंपराओं के माध्यम से किया था। श्रवण नक्षत्र सुनने और सीखने से संबंधित है और ऐसे में, मीडिया और संचार उद्योग अनिवार्य रूप से इस समूह का हिस्सा हैं। श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक लगातार ज्ञान की ख़ोज करते रहते हैं और अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए प्रायः विदेश यात्रा करते हैं। ऐसे लोग अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने व उन समस्त परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए काफी केंद्रित होते हैं। इसके अलावा, ये लोग रचनात्मक होने के साथ ही बुद्धि और ज्ञान से परिपूर्ण होते हैं। साथ ही, परिश्रमी और कर्मठ भी होते हैं और इस कारण अपने कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं।

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श्रवण नक्षत्र में शुक्र: विशेषताएं

श्रवण नक्षत्र में शुक्र के प्रभाव से जातकों का संचार कौशल अच्छा होता है और ये अपने विचारों और परामर्श से दूसरों की मदद करने के लिए भी तैयार रहते हैं यानी दूसरों को अच्छी राय देने में सक्षम होते हैं। ये देखने में दुबले-पतले और आकर्षक होते हैं। इन्हें देखकर लोग इनकी तरफ जल्दी मोहित हो जाते हैं। एथलेटिक्स खेलों में इनकी रुचि अधिक होती है। इन जातकों को कई बार लोगों से धोखा मिल सकता है। हालांकि ये महत्वाकांक्षी और परिस्थितियों के अनुसार चलने वाले होते हैं। साथ ही, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत होते हैं। ये जातक कामदेव के समान सुन्दर होते हैं और काफी बुद्धिमान होते हैं। इनकी तार्किक शक्ति काफी अधिक होती है। ये जातक घूमने फिरने में अधिक रुचि रखते हैं और धार्मिक पुस्तकें पढ़ना इन्हें बहुत पसंद होता है। साथ ही, सुगंध प्रेमी भी होते हैं। ये अपनी सेहत का भी काफी ख्याल रखते हैं।

श्रवण नक्षत्र में शुक्र के प्रभाव से जातक उदार और विनम्र स्वभाव के होते हैं। आर्थिक स्थिति भी इनकी मजबूत होती है और ये धनवान होते हैं। साथ ही, ये दान पुण्य में बहुत अधिक विश्वास रखते हैं और समाज सेवा में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। इनमें अध्यात्म के प्रति भी रुचि देखने को मिलती है, इस कारण भगवान में भी इनकी आस्था होती है। ये जातक महत्वाकांक्षा की तलाश में देश भर में यात्रा करता हैं लेकिन कई बार इनके उद्देश्य की पूर्ति नहीं होती है।

श्रवण नक्षत्र और उसके पद

श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के स्वामी शुक्र हैं। इस चरण पर शनि, चंद्रमा और शुक्र का प्रभाव रहता है। श्रवण नक्षत्र बाईसवें स्थान पर आता है। श्रवण नक्षत्र के अधिष्ठाता देवता विष्णु है और स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं। यदि शुक्र श्रवण नक्षत्र में हैं तो शुक्र मकर राशि में 13 डिग्री 20 मिनट से लेकर 16 डिग्री 40 मिनट तक रहेगा और वृषभ नवमांश का होगा। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं श्रवण नक्षत्र के चार पदों या चरण के बारे में।

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श्रवण नक्षत्र का प्रथम चरण 

इस चरण में जातक अपने स्वभाव से लोगों का दिल जीतने में सक्षम होते हैं। इनके व्यक्तित्व की बात करें तो ये कद में छोटे होते हैं। इन्हें अंधविश्वास के कारण कई बार हानि भी उठानी पड़ सकती है। ये कुछ बड़ा करने की इच्छा रखते हैं और प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम होते हैं।

श्रवण नक्षत्र का दूसरा चरण

इस चरण में व्यक्ति कार्य में कुशल होते हैं। इनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। ये लोगों का अच्छे से मार्गदर्शन करते हैं और उन्हें सही रास्ता दिखाते हैं। यात्रा करने में इनकी रुचि अधिक होती है। ये धार्मिक पुस्तकें पढ़ने के शौकीन होते हैं और सुगंधित वस्तुओं के प्रति आकर्षित होते हैं। इस चरण में जातक को 40 से 45 साल की उम्र में बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

श्रवण नक्षत्र का तीसरा चरण

इस चरण में जातक स्वभाव से दयालु होता है और काफी ज्ञानी होता है। इन जातकों के पास धन की कभी कमी नहीं होती है। ये लोगों को सही रास्ता दिखाते हैं। हर कोई इन से परामर्श लेना चाहता है। ये अच्छे वक्ता होते हैं और बोलने के साथ-साथ इनकी सुनने की क्षमता भी अच्छी होती है। ये लोग परंपरा के अनुसार कार्य करने वाले होते हैं।

श्रवण नक्षत्र चौथा चरण

इस चरण में जातक आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। इनका आर्थिक जीवन शानदार रहता है और धन से सभी सुख प्राप्त करने वाले होते हैं। ये स्वभाव से दयालु और दूसरों की मदद करने वाले होते हैं। ये लोग ज्ञान की तलाश में इधर-उधर भटकते हैं और जीवन में कुछ बड़ा कर दिखाने की चाहत रखते हैं। हालांकि कई बार नियमों का पालन नहीं करते हैं और उसके अनुसार काम नहीं करते हैं। इस चरण के पुरुष जातकों की पत्नी देखने में सुन्दर और अच्छे गुणों वाली होती है।

शुक्र का श्रवण नक्षत्र में गोचर: सभी 12 राशियों पर सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे भाव और सातवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र श्रवण नक्षत्र में आपके दसवें भाव में विराजमान रहेंगे। दसवें भाव में शुक्र होने के परिणामस्वरूप आप अपनी उपलब्धि और सफलता पर ध्यान केंद्रित करेंगे और अपने लक्ष्यों को पाने के लिए प्रयासरत होंगे। आप उच्च मूल्य स्थापित करने में सक्षम होंगे और सफलता की ओर आगे बढ़ेंगे।

इस अवधि आप पूरी तरह से अपने लक्ष्य पर ध्यान देंगे और सफलता पाने की इच्छा रखेंगे। चूंकि शुक्र आपके दसवें भाव में विराजमान रहेंगे और इसके परिणामस्वरूप आप दसवें भाव से संबंधित चीज़ों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करेंगे। शुक्र के गोचर से आप अपने करियर को आगे बढ़ाएंगे और उसके प्रति गंभीर रहेंगे। इसके अलावा, शुक्र जिन चीज़ों के स्वामी हैं आपका ध्यान उन चीज़ों पर भी केंद्रित होगा। जैसे कि शुक्र प्रेम के कारक हैं ऐसे में, आप करियर के अलावा अपने प्रेम जीवन पर भी फोकस करेंगे और पार्टनर के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे, जिससे आपकी लव लाइफ शानदार रहेगी।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले भाव और छठे भाव के स्वामी हैं। शुक्र का श्रवण नक्षत्र में गोचर आपके नौवें भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आप यात्रा करने में अधिक रुचि लेंगे। आप इस दौरान विभिन्न स्थानों में यात्रा करेंगे और साथ ही, अलग-अलग स्थानों की संस्कृतियों को जानेंगे और भिन्न-भिन्न लोगों से मिलना पसंद करेंगे। आपको इस अवधि अपनी यात्राओं से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और आपके ज्ञान में वृद्धि होगी। आप यात्राओं से प्राप्त ज्ञान को ही अपनी सच्ची संपत्ति मानेंगे। 

मिथुन राशि

शुक्र आपके पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे। दूसरा भाव शुक्र ग्रह के लिए अनुकूल स्थान है क्योंकि शुक्र आपके दूसरे भाव पर शासन करता है। इसके परिणामस्वरूप रहस्य विज्ञान में आपका झुकाव बढ़ेगा। इस अवधि आपके प्रेम जीवन की बात करें तो आपके प्रेम जीवन में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं और आपको इन बदलावों के साथ आगे बढ़ना होगा। आर्थिक जीवन के लिहाज से यह गोचर आपके लिए शानदार परिणाम लेकर आएगा। विभिन्न गुप्त स्रोतों से आपको धन की प्राप्ति होगी, जिसके चलते आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। बता दें कि श्रवण नक्षत्र के चारों चरण मकर राशि में स्थित होते हैं। मकर राशि सरकार और शक्ति का प्रतीक है और यह सुरक्षा सेवाओं से जुड़े लोगों को इंगित करता है। ऐसे में, आप अपने धन को पूरी तरह से गुप्त रखना पसंद करेंगे।

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का श्रवण नक्षत्र में गोचर आपके सातवें भाव में होगा। शुक्र मकर राशि में सातवें भाव में स्थित है और दसवें व पांचवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र की इस स्थिति के परिणामस्वरूप थिएटर, सिनेमा या कला जैसे रचनात्मक क्षेत्रों से जुड़े जातकों को शानदार परिणाम प्राप्त होंगे। इस दौरान आप अपनी कला को लोगों तक पहुंचाने में सक्षम होंगे। आप इमोशनल रोल निभाने के लिए याद किया जाएंगे। आपके प्रेम जीवन की बात करें तो ये अपने रिश्ते से भावनात्मक रूप से जुड़े रहते हैं। आपके आर्थिक जीवन की बात करें तो आप जनता के माध्यम से पैसे कमाने में सक्षम होंगे। सातवें भाव में शुक्र के गोचर के फलस्वरूप आप अपने रिश्तों के अधिक मूल्य देंगे और प्रेम जीवन पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करेंगे।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों लिए शुक्र तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का श्रवण नक्षत्र में गोचर आपके छठे भाव में होगा। छठे भाव में शुक्र के परिणामस्वरूप आप तनावग्रस्त हो सकते हैं। संभावना है कि इस दौरान आप अपनी सेहत को लेकर लापरवाह हो जाए और खुद पर ध्यान न दें, जिसके चलते आपके स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। छठे भाव में शुक्र की मौजूदगी से आपको अपने रिश्ते में उच्च मूल्य स्थापित करने होंगे तभी आप प्रेम जीवन में सफलता प्राप्त कर सकेंगे। आपको सलाह दी जाती है कि इस दौरान अपने रिश्ते में संतुलन बनाए रखें और छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करें अन्यथा बात बढ़ सकती है। 

इसके अलावा, आपको अहंकार की भावना से खुद को बचाकर रखना होगा। हालांकि छठे भाव में शुक्र मौजूद होने के कारण आप अपने रिश्तों के प्रति संवेदनशील बने रहेंगे। आपका व्यवहार आपके पार्टनर के प्रति बहुत अच्छा रहेगा। आप उनके प्रति चिंता भी व्यक्त करेंगे। इस अवधि आपका व्यवहार अन्य लोगों के प्रति भी अच्छा रहेगा। आप दूसरों की निस्वार्थ सेवा करेंगे और सामाजिक संपर्क बढ़ाएंगे। हालांकि आपको बीच-बीच में ऐसा महसूस हो सकता है कि आपका ध्यान इधर-उधर भटक रहा है और इस वजह से आप अपने अंदर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाएंगे।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। श्रवण नक्षत्र में गोचर के दौरान यह आपके पांचवें भाव में मौजूद होंगे। पांचवें भाव में शुक्र होने के परिणामस्वरूप आपका प्रेम जीवन बेहद शानदार रहेगा। आप अपने रिश्ते में अच्छे पलों का आनंद लेंगे और आपने रिश्ते को पहले से अधिक मजबूत बनाएंगे। इसके अलावा, पांचवां भाव करियर में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। इस दौरान आप ऊर्जा से भरे रहेंगे और आपके सोचने समझने की क्षमता का विकास होगा।

शुक्र का श्रवण नक्षत्र में गोचर आपके पांचवें भाव में होने के कारण आप अपने रिश्ते के प्रति संजीदा हो सकते हैं। इसके अलावा, आप इस बात को लेकर अत्यधिक चिंतित हो सकते हैं कि आप अपने भौतिक और सामाजिक परिवेश को कैसे महत्व देते हैं और उससे कैसे जुड़ते हैं।

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और आठवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र आपके चौथे भाव में गोचर करेंगे। दरअसल मकर राशि शक्ति का प्रतीक है और यह अधिकारी से जुड़ा होता है। इसके परिणामस्वरूप आप अधिकारी पद में रहकर बहुत अधिक मात्रा में धन कमा सकते हैं और उसे छिपाकर रखेंगे। चूंकि शुक्र पत्नी का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में, आपको अपने ससुराल से घर विरासत में मिल सकता है। आप इस अवधि गूढ़ और रहस्यमय विज्ञान के प्रति अधिक झुकाव रखेंगे।

आपके प्रेम जीवन की बात करें तो शुक्र के चौथे भाव में होने के फलस्वरूप आप अपने रिश्ते को और अधिक मजबूत बनाए रखने पर काम करेंगे। अपने पार्टनर के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे, जिससे आपको संतुष्टि महसूस होगी। कालपुरुष कुंडली के अनुसार, शुक्र चंद्रमा द्वारा शासित भाव में होने के कारण आप रिश्ते में अधिक भावुक होंगे और रिश्ते में उच्च मूल्य स्थापित करेंगे।

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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए शुक्र सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का श्रवण नक्षत्र में गोचर आपके तीसरे भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आप अपने आस-पास की चीज़ों के प्रति बहुत अधिक जागरूक रहेंगे। तीसरे भाव में शुक्र होने के कारण आप एक व्यक्ति के रूप में, अपने आस-पास के लोगों और चीजों के प्रति एक मजबूत प्रतिक्रिया रखेंगे। आप इस दौरान अपने हित के लिए मजबूत निर्णय लेंगे और तेजी से आगे बढ़ेंगे।

इस दौरान आप तुरंत अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नजर आएंगे। आप जो भी अपने अनुभवों व गलतियों से सीखेगें उसे जल्दी स्वीकार करने की प्रवृत्ति आपके अंदर आएंगी। सरल शब्दों में कहें तो, आप किसी चीज़ को आज़माने वाले और फिर उसका मूल्यांकन करने वाले व्यक्ति होंगे। आप आंख मूंद कर किसी पर विश्वास नहीं करेंगे और न ही ऐसा कोई निर्णय लेंगे। नकारात्मक पक्ष की बात करें तो संभावना है कि आप किसी भी चीज़ में अपना सौ प्रतिशत न दें और कई चीज़ों को एक साथ आजमाने का प्रयास करें। इस दौरान आपके रिश्ते भाई-बहनों से अच्छे होंगे आपको उनका पूरा साथ मिलेगा।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र एक लाभकारी या सकारात्मक ग्रह नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह आपके छठे भाव के स्वामी है। लेकिन यह आपके ग्यारहवें भाव पर शासन करते हैं जो लाभ का भाव है। शुक्र का श्रवण नक्षत्र में गोचर आपके दूसरे भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आपके लिए धन के योग बनेंगे। दूसरे भाव में शुक्र का गोचर के परिणामस्वरूप आपको अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। इस दौरान आप दूसरे भाव से जुड़े चीज़ों पर अधिक ध्यान देंगे। स्वास्थ्य की बात करें तो आप अपनी सेहत को लेकर अधिक सतर्क रहेंगे और खुद का पूरा ध्यान देंगे। इस दौरान आप जो भी इच्छा रखेंगे या जो भी पाना चाहेंगे उसके लिए जी तोड़ मेहनत करेंगे और अपनी कोशिशों से उसे प्राप्त करेंगे। साथ ही, भरपूर आनंद लेंगे।

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र दसवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र आपके पहले भाव में मौजूद रहेंगे। इसके परिणामस्वरूप आप अपने रिश्तों को जिम्मेदारी और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की भावना के साथ देखते हैं। इस दौरान आपके रिश्ते में रोमांस देखने को मिलेगा। इसके अलावा, इस अवधि आपका करियर आपके प्रेम जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आप अपने पार्टनर को भी उनके लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद करेंगे और अपनी महत्वाकांक्षाएं उनके साथ साझा करेंगे, जिससे आपको सफलता तो मिलेगी ही मिलेगी और रिश्ते में संतुष्टि भी महसूस होगी। आप रिश्तों के प्रति धैर्यवान और अनुशासित होंगे। आप स्थायी और सार्थक संबंध बनाने में समय और प्रयास लगाने को तैयार होंगे। 

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र आपके बारहवें भाव में स्थित होंगे। इसके परिणामस्वरूप आपका यात्रा करने में झुकाव बढ़ सकता है। इस दौरान आप विदेश या आध्यात्मिक स्थानों पर यात्रा का आनंद ले सकते हैं। यदि आप पुरुष हैं और शादी करने की योजना बना रहे हैं तो आपकी जीवनसाथी किसी दूर स्थान या विदेश से ताल्लुक रख सकती हैं। इस बात की भी प्रबल संभावना है कि आप इस अवधि विदेश में रहने वाली साथी को अपने परिवार से मिलवाने की योजना बनाए। हालांकि यह अवधि विवाह के लिए अच्छी साबित होगी।

चूंकि शुक्र भी धन का प्रतीक है और यह इंगित करता है कि आप इस दौरान विदेश से धन कमा सकते हैं, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है। आप सत्ता पर बैठे लोगों के संपर्क में रहेंगे क्योंकि आपको उनसे बातचीत करने में आनंद आता है। इस अवधि के दौरान विदेश यात्रा आपके करियर और बिज़नेस दोनों के लिए लाभदायक रहेगा आपको अधिक लाभ होगा। कुल मिलाकर इस अवधि में आप विदेश यात्रा करेंगे और अच्छी मात्रा में धन अर्जित करेंगे।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र ग्यारहवें भाव में मौजूद रहेंगे। शुक्र आपके तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं और यह भाव आपके लिए सकारात्मक परिणाम लाता हुआ प्रतीत नहीं हो रहा है, लेकिन ग्यारहवें भाव में शुक्र एक अच्छा स्थान है। यह पद सहकर्मियों, नेटवर्क और दोस्तों से बड़े लाभ का संकेत देता है। इस अवधि आप बड़े संगठनों में काम करना पसंद करेंगे। आप इस दौरान भिन्न-भिन्न स्रोतों से लाभ कमाने में सक्षम होंगे। आपके लिए आपकी महिला मित्र, पत्नी और अन्य महिलाएं आम तौर पर लाभ का स्रोत बन सकती हैं।

इन जातकों का व्यक्तित्व बहुत आकर्षक होता है जो इन्हें अपने कार्य क्षेत्र और सामाजिक दायरे में सक्षम बनाने में मदद करेगा। इस दौरान कार्यक्षेत्र में लोग आपकी कड़ी मेहनत के लिए आपकी सराहना करेंगे। आप अपने काम में जोखिम लेने में सक्षम होंगे। आप बहुत मजबूती से निर्णय लेंगे और आपको सबका सहयोग मिलेगा लेकिन कई बार ऐसा भी होगा जब आप रिस्क लेने से बचेंगे, जिसकी वजह से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।

शुक्र का श्रवण नक्षत्र में गोचर: प्रभावशाली उपाय

  • शुक्रवार के दिन अपने पर्स (बटुआ) या लॉकर में एक चौकोर आकार का चांदी का सिक्का रखें।
  • हर शुक्रवार को देवी लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और छोटी कन्याओं को भी बांटें।
  • प्रतिदिन कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
  • हर शुक्रवार देवी लक्ष्मी को 5 लाल फूल चढ़ाएं।
  • हर शुक्रवार शुक्र के बीज मंत्र का जाप करें।
  • यदि संभव हो तो अक्सर सफेद और गुलाबी रंग पहनें।
  • शुक्र ग्रह के लिए शुक्रवार के दिन व्रत रखें।
  • अपने घरों और कार्यस्थल पर शुक्र यंत्र स्थापित करें और पूजा करें।

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बुध का कुंभ राशि में गोचर: जानें सभी 12 राशियों पर सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव

बुध ग्रह का कुंभ राशि में गोचर: ग्रहों में राजकुमार के नाम से प्रसिद्ध बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं जिन्हें व्यापार, बुद्धि और वाणी का कारक माना गया है। अब बुध ग्रह 20 फरवरी 2024 से लेकर 07 मार्च 2024 तक कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे। दरअसल ज्योतिष शास्त्र में बुध को बुद्धि और व्यापार का कारक ग्रह माना गया है। इसके साथ-साथ बुध ग्रह वाणी और दूरसंचार आदि पर भी गहरा प्रभाव रखते हैं। यही कारण है कि बुध का गोचर में परिवर्तन इन क्षेत्रों में प्रभाव डालता है। 20 फरवरी 2024 को बुध ग्रह शनि ग्रह की दूसरी राशि अर्थात कुंभ राशि में शनि के साथ ही गोचर करने वाले हैं। 

नैसर्गिक और तात्कालिक दोनों तरह की मित्रता की कसौटी पर कसने के बाद बुध के लिए यह शत्रु राशि मानी जाएगी। ऐसे में, सामान्य तौर पर बुध की स्थिति बहुत अच्छी नहीं रहेगी। फलस्वरूप सूचना और प्रसारण से संबंधित मामलों में कुछ व्यवधान देखने को मिल सकते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी बुध के इस गोचर को थोड़ा सा कमजोर कहा जाएगा। आइए जानते हैं कि बुध के इस राशि परिवर्तन का आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा।

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बुध का कुंभ राशि में गोचर: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय

मेष राशि

बुध आपकी कुंडली में तीसरे और छठे भाव के स्वामी होकर आपके लाभ भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, बुध आपको सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम दे सकते हैं। फलस्वरूप आप यात्राओं के माध्यम से अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। नौकरी और व्यवसाय दोनों में अच्छा लाभ मिल सकता है। इस समय अवधि में वरिष्ठों की सलाह आपको काफी अच्छे परिणाम दिलवाने में सहायक बन सकती है।

उपाय: गाय को हरा चारा खिलाना शुभ रहेगा। 

वृषभ राशि

 बुध आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके दशम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। फलस्वरूप आपका कार्य व्यवसाय बेहतर होगा। आर्थिक मामलों में भी आप अच्छा कर सकेंगे। विद्यार्थियों को भी सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में आप अच्छा कर सकते हैं। सामाजिक रूप से भी इस गोचर को अनुकूल कहा जाएगा।

उपाय: मंदिर में चावल और दूध का दान करना शुभ रहेगा। 

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मिथुन राशि

बुध आपके लग्न या राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके चौथे भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में ये आपके भाग्य भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यहां पर बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल नहीं माना गया है लेकिन राशि स्वामी का भाग्य स्थान पर जाना कुछ मामलों में भाग्यवर्धन का काम भी कर सकता है। वैसे इस अवधि में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है। विशेषकर आर्थिक मामले में सावधानी पूर्वक निर्वहन करने की आवश्यकता रहेगी।

उपाय: मिट्टी के बर्तन में मशरूम भरकर किसी धार्मिक स्थान में दान करना शुभ रहेगा। 

कर्क राशि

बुध आपकी कुंडली में तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में ये आपके आठवें भाव में पहुंचे हैं। फलस्वरूप दूर के स्थान से संबंधित कार्य जो लंबे समय से रुके हुए थे अचानक से आगे बढ़ सकते हैं कहीं से कोई अच्छी खबर भी सुनने को मिल सकती है। अप्रत्याशित लाभ के साथ-साथ कामों में सफलता और सामाजिक प्रतिष्ठा दिलाने में भी बुध का यह गोचर आपके लिए मददगार हो सकता है।

उपाय: मिट्टी के बर्तन में शहद भरकर किसी सुनसान जगह पर दबाना शुभ रहेगा।

सिंह राशि

बुध आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में ये आपके सप्तम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सामान्य तौर पर सप्तम भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता लेकिन लाभ भाव का स्वामी सप्तम भाव में पहुंचा है। फलस्वरूप व्यापार व्यवसाय से संबंधित मामलों में सावधानी पूर्वक किया गया कार्य या प्रयास कुछ मामलों में सार्थक परिणाम भी दे सकता है। वैसे बुध के इस गोचर को ध्यान में रखते हुए आपको कार्य व्यापार और शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में कोई भी बड़ा रिस्क लेने से बचना है।

उपाय: जुआ, सट्टा, लॉटरी जैसे आर्थिक रिस्क से बचना उपाय की तरह काम करेगा। 

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कन्या राशि

बुध आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म भाव के भी स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में ये आपके छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। वैसे लग्न या राशि स्वामी का छठे भाव में जाना स्वास्थ्य के मामले में कमजोर माना जाता है लेकिन बुध का गोचर छठे भाव में अच्छा माना जाता है। अतः विभिन्न मामलों में अच्छे परिणाम के मिलने की संभावनाएं हैं। फिर भी स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहना समझदारी का काम होगा। प्रतिस्पर्धात्मक कार्यों में बुध का यह गोचर आपको काफी अच्छे लाभ दिला सकता है।

उपाय: किसी बोतल में गंगाजल भरकर खेतिहर जमीन में दबाना शुभ रहेगा।

तुला राशि

बुध आपकी कुंडली में भाग्य तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं। यहां पर बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना गया है। फलस्वरूप किसी बात को लेकर मन अशांत रह सकता है। संतान से संबंधित मामलों में भी कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। इस समय अवधि में किसी भी प्रकार का आर्थिक रिस्क लेना उचित नहीं रहेगा। दूर की यात्राओं को भी यथासंभव टालना समझदारी का काम होगा।

उपाय: उपाय के रूप में गाय की सेवा करना शुभ रहेगा। 

वृश्चिक राशि

बुध आपकी कुंडली में आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके चौथे भाव में गोचर कर रहे हैं। फलस्वरूप आपको कुछ अच्छे लाभ मिल सकते हैं। खासकर जमीन जायदाद से संबंधित मामलों में अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। घरेलू सुख सुविधाओं को एकत्र करने में यह गोचर मददगार बन सकता है। कुछ प्रतिष्ठित या बड़े लोगों से मित्रता भी संभावित है।

उपाय: चिड़ियों को दान चुगाना शुभ रहेगा। 

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धनु राशि

बुध आपकी कुंडली में सातवें तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। फलस्वरूप आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। कार्य व्यापार को लेकर यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। कुछ कठिनाइयों के बाद यात्राएं फायदा दिलाने का काम कर सकती हैं। इस समय मन में कुछ अज्ञात भय के भाव रह सकते हैं। इस अवधि में यथासंभव भाई बंधुओं से विवाद को टालना समझदारी का काम होगा। हालांकि नए मित्रों के बनने की संभावनाएं भी प्रतीत हो रही हैं।

उपाय: अस्थमा रोगियों को दवा खरीदने में मदद करना शुभ रहेगा। 

मकर राशि

बुध आपकी कुंडली में छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके दूसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। यहां पर बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला कहा गया है। फलस्वरूप नौकरीपेशा लोगों को इस अवधि में काफी हद तक अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। आर्थिक मामले में भी यह गोचर अनुकूल परिणाम दे सकता है। विद्यार्थियों को भी तुलनात्मक रूप से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

उपाय: मांस मदिरा अश्लीलता आदि से बचना शुभ रहेगा। 

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कुंभ राशि

बुध आपकी कुंडली में पांचवें तथा पहले भाव के स्वामी होकर आपके लाभ भाव में गोचर कर रहे हैं। बुध के गोचर को यहां पर अच्छा नहीं माना गया है। ऊपर से राहु का गोचर भी दूसरे भाव में बना हुआ है। फलस्वरूप इस अवधि में आपको अपनी वाणी पर पूरा संयम रखना जरूरी रहेगा। आर्थिक मामलों में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है तथा संबंधियों का पूरा आदर सत्कार करते रहना है।

उपाय: नियमित रूप से गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना शुभ रहेगा। 

मीन राशि

बुध आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके द्वादश भाव में गोचर कर रहे हैं। द्वादश भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता अतः इस अवधि में आपको घर से दूर जाना पड़ सकता है। यथासंभव दूर की यात्राओं को टालने की कोशिश भी जरूरी रहेगी। व्यापार व्यवसाय में किसी भी प्रकार का रिस्क लेना उचित नहीं रहेगा। यदि विवाहित हैं तो जीवनसाथी या जीवनसंगिनी के स्वास्थ्य और भावनाओं का पूरा ख्याल रखना जरूरी रहेगा।

उपाय: माथे पर नियमित रूप से केसर का तिलक लगाना शुभ रहेगा। 

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