कुंडली विश्लेषण: अमित शाह को दोबारा मिलेगा मंत्री पद? कुंडली से हुआ खुलासा!
अब जल्द ही देशभर में चुनाव का उद्घोष शुरू हो जाएगा। इस समय हर किसी को यही जानने की उत्सुकता है कि इस बार बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आ पाएगी या नहीं और इसके साथ ही बीजेपी के कुछ प्रमुख मंत्रियों को लेकर भी लोगों के बीच काफी उत्सुकता बनी हुई है।
बीजेपी पार्टी के प्रमुख नेता व मंत्री हैं अमित शाह। ऐसे में यहाँ दो सवाल विशेष रूप से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं, पहला तो यह कि, क्या इस बार चुनाव में बीजेपी जीत अपने नाम कर पाएगी? और दूसरा ये कि अगर बीजेपी जीत अपने नाम कर लेती है तो क्या फिर से अमित शाह को कोई महत्वपूर्ण पद सौंपा जाएगा या उन्हें पार्टी से किनारा कर दिया जाएगा? तो आइए इस दूसरे सवाल का जवाब ढूँढने के लिए अमित शाह की जन्मकुंडली पर किया गया एक खास विश्लेषण पढ़ते हैं।
देश के वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह का जन्म मुंबई में 22 अक्टूबर को सन् 1964 में हुआ था। उनके जन्म का समय सुबह के 05 बजकर 24 मिनट था। अमित शाह कन्या लग्न के हैं और उनकी कुंडली में दो नीचभंग राजयोग विद्यमान हैं। चौथे और सातवें भाव के स्वामी बृहस्पति इनके नौवें भाव में उपस्थित हैं और इससे अर्धराजयोग का निर्माण हो रहा है। अमित शाह को मौजूदा समय में मंत्री पद मिलने का कारण यही योग हैं।
बुध ग्रह को बुद्धि का कारक माना गया है और वह अमित शाह की कुंडली में दूसरे भाव में सूर्य के साथ मिलकर बुधादित्य योग का निर्माण कर रहे हैं। बुद्धि के दाता बुध की इसी स्थिति के कारण अमित शाह अधिक बुद्धिमान और चतुर हैं।
इस साल वर्ष 2024 में अप्रैल और मई के दौरान लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं और इस बार हर कोई यही जानना चाहता है कि बीजेपी तीसरी बार सत्ता में लौट पाएगी या नहीं। अगर इस साल के चुनावों में बीजेपी को जीत मिलती है तो क्या वो अमित शाह को दोबारा कोई मंत्री पद देंगे?
अप्रैल-मई के महीनों में अमित शाह की बृहस्पति में शनि की दशा शुरू होगी और इस समय प्रत्यंतर दशा भी शनि महाराज की चलेगी। बृहस्पति दो केंद्रों के स्वामी बनकर अमित शाह की कुंडली में केंद्राधिपति दोष का निर्माण कर रहे हैं। वहीं चौथे और सातवें भाव के स्वामी बृहस्पति नौवें भाव में उपस्थित होकर राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। हालांकि, यहां पर गुरु अपनी शत्रु राशि में विराजमान हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रह के शत्रु राशि या भाव में होने पर राजयोग भंग हो जाता है।
इस समय अमित शाह की शनि की अंतर्दशा और प्रत्यंतर दशा चल रही है। शनि की स्थिति की बात करें, तो वह अपनी मूल त्रिकोण राशि में वक्री अवस्था में हैं और मंगल ग्रह की इन पर दृष्टि पड़ रही है। कुंडली का पांचवां भाव मंत्रीपद का कारक होता है और अमित शाह की कुंडली में इस भाव के स्वामी शनि ग्रह हैं।
शनि के कारण यह आशंका जताई जा रही है कि अमित शाह की प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है। इन्हें आने वाले समय में राजनीति में अपने मान-सम्मान का अधिक ध्यान रखने की जरूरत है। कन्या लग्न के लिए बृहस्पति मारक हैं। ग्रहों की स्थिति अमित शाह की सेहत बिगड़ने का भी संकेत कर रही हैं। इस साल इन्हें स्वास्थ्य के लिहाज़ से परेशान रहना पड़ सकता है। ऐसे में हो सकता है कि अमित शाह राजनीति में उतने सक्रिय न रह पाएं, जितने वे अभी हैं।
ग्रहों की स्थिति जानने के बाद यही पता चलता है कि इस साल अमित शाह की सेहत में गिरावट आने की आशंका है और हो सकता है कि उन्हें अपनी खराब सेहत की वजह से राजनीति तक से दूर रहना पड़े। अत: अगर आने वाले चुनाव में बीजेपी एक बार फिर से सत्ता में आती है, तो शायद बीमार या अस्वस्थ रहने की वजह से अमित शाह को मंत्री पद से दूर ही रहना पड़े।
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बुध के मीन राशि में गोचर से इन राशियों के बुलंदियों के शिखर पर होगा करियर!
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह की बात करें तो बुध को एक शुभाशुभ ग्रह माना गया है इसका अर्थ होता है की कुंडली में बुध ग्रह जैसे भी या जिस भी प्रकृति के ग्रह के साथ मौजूद होता है यह जातकों को उसी तरह के परिणाम देने लगता है। अगर कुंडली में बुध शुभ ग्रहों के साथ स्थित है तो यह आपको शुभ परिणाम प्रदान करेगा और इसके विपरीत अगर बुध की स्थिति नकारात्मक ग्रहों के साथ है तो यह आपको नकारात्मक प्रभाव भी दे सकता है।
यह महत्वपूर्ण ग्रह मार्च के महीने में 7 तारीख को मीन राशि में गोचर करने वाला है। ऐसे में आज आपने इस खास ब्लॉग के माध्यम से हम इसी विषय पर जानकारी हासिल करेंगे।
साथ ही जानेंगे बुध का मीन राशि में गोचर किस दिन और किस समय होने वाला है, इसका सभी 12 राशियों पर क्या कुछ प्रभाव पड़ने की संभावना है और इस गोचर के दौरान क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं इसकी जानकारी भी हम आपको यहां प्रदान कर रहे हैं। तो चलिए बिना देरी किए हुए शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग और जानते हैं बुध के गोचर से जुड़े कुछ दिलचस्प बातें।
बुध का मीन राशि में गोचर- क्या रहेगा समय?
बुद्धि,, धन, व्यापार, संवाद, वाणी, करियर आदि के कारक ग्रह बुध 07 मार्च 2024 की सुबह 09 बजकर 21 मिनट पर जल तत्व की राशि मीन में गोचर करेंगे। निश्चित तौर पर बुध का यह अहम गोचर सभी 12 राशियों को प्रभावित अवश्य करेगा। आपकी राशि पर इसका प्रभाव जानने के लिए हमारा यह खास ब्लॉग अंत तक अवश्य पढ़ें।
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह
सबसे पहले बात करें बुध ग्रह की तो कुंडली में मजबूत बुध व्यक्ति को शारीरिक रूप से सुंदर बनाता है, ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में बुध मजबूत स्थिति में होता है उनका दिमाग बेहद ही प्रखर होता है, ये कुशल वक्ता होते हैं, इनका स्वभाव बेहद ही सौम्य होता है, साथ ही ये कई भाषाओं के ज्ञानी भी होते हैं।
इसके अलावा बुध ग्रह चाहे तो यह व्यक्ति व्यापार पर बड़ी सफलता भी हासिल करा सकते हैं। वहीं इसके विपरीत अगर कुंडली में बुध ग्रह पीड़ित अवस्था में होता है तो व्यक्ति को तमाम तरह के शारीरिक और मानसिक परेशानियां उठानी पड़ती है। ऐसे व्यक्ति अपने विचारों को दूसरे व्यक्ति के साथ सही ढंग से साझा नहीं कर पाते हैं, साथ ही ये गणित विषय में बेहद ही कमजोर होते हैं, इन्हें व्यापार में नुकसान उठाना पड़ता है।
इसके अलावा जानकारी के लिए बता दें कि सभी 12 राशियों में मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध ग्रह को दिया गया है। जहां कन्या इसकी उच्च राशि है तो वहीं मीन इसकी नीच राशि मानी गई है। इसके अलावा सभी 27 नक्षत्र में से अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामित्व भी बुध ग्रह को दिया गया है।
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ज्योतिष में मीन राशि
मीन राशि चक्र की आखिरी राशि होती है और देखा गया है और ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि मीन राशि में जन्मे जातक बेहद ही सहज स्वभाव के होते हैं। ये राशि जातकों के अंदर आध्यात्मिकता, निस्वार्थ और मोक्ष की वृद्धि के संकेत देती है। साथ ही ऐसे व्यक्ति जीवन में अनुशासन प्रिय होते हैं।
मीन राशि के जातक प्रदर्शन कला में अपना करियर बना सकते हैं। साथ ही क्योंकि यह स्वभाव से बेहद ही दयालु और धर्मार्थ होते हैं ऐसे में आप चाहें तो चिकित्सा के क्षेत्र में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। विशेषता की बात करें तो मीन राशि की विशेषता इनका सहानुभूति पूर्ण रवैया, समाजशील व्यवहार, दयालुता और भरोसेमंद व्यक्तित्व को कहा गया है। वहीं आलस और काम को टालना उनकी कमजोरी होती है। मीन राशि के जातकों के लिए उपयुक्त नौकरी और व्यवसाय के विकल्प की बात करें तो शिक्षक, डॉक्टर बनना आपके लिए अनुकूल साबित हो सकता है। यह एक जल तत्व की राशि है और कर्क राशि, सिंह राशि, धनु राशि, मेष राशि और वृश्चिक राशि मीन राशि की मित्र राशियां मानी गई है।
ग्रहों के राजकुमार बुध जहां एक पृथ्वी तत्व वाला ग्रह माना जाता है वहीं मीन एक दोहरी जलिय राशि मानी जाती है जिसके स्वामी स्वयं गुरु बृहस्पति हैं। ऐसे में जब मीन राशि में बुध का गोचर होता है तो इस अवधि में जातकों के अंदर कल्पना शीलता बढ़ती है, ऐसे व्यक्ति दूसरों के प्रति विनम्र और दयालु स्वभाव के होते हैं। मीन राशि में बुध की मौजूदगी धन संपत्ति के मामले में ज्यादा अनुकूल संकेत नहीं देती है।
इस अवधि में लोगों के अंदर आत्मविश्वास की कमी देखने को मिल सकती है। साथ ही जातकों के अंदर चिड़चिड़ापन और बेचैनी भी बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही इस गोचर के दौरान जातकों को बांह और गालों से संबंधित कुछ परेशानियां उठानी पड़ सकती है। साथ ही आपके वैवाहिक जीवन में भी अशांति की संकेत मिल रहे हैं।
इस दौरान लोगों के अंदर मूड स्विंग या मन में अचानक से परिवर्तन होना भी स्वाभाविक रहने वाला है। मीन राशि में बुध वाले जातक अपने स्वभाव के चलते समय-समय पर अपने निर्णय बदलते नजर आने वाले हैं। वहीं दूसरी तरफ आप जटिलताओं को समझने और उन्हें दूसरों को समझाने में भी असफल रह सकते हैं। इसके अलावा अगर कुंडली में बुध प्रतिकूल स्थिति में है तो ऐसे में जातकों को यात्रा और संचार से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इस अवधि के दौरान लंबी दूरी की यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है।
जैसा कि हमने कुंडली में बुध की स्थिति के बारे में बताया ऐसे में स्वाभाविक सी बात है कि, यह ग्रह बेहद ही विशेष महत्व रखता है। यही वजह है की कुंडली में बुध की कमजोर होने की स्थिति में ज्योतिष के जानकारी बुध ग्रह से संबंधित कुछ उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय चलिए जान लेते हैं।
ज्योतिष में ग्रह को बुधि संचार और त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है। ऐसे में अगर यह शुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को बुद्धि, व्यापार, संचार और शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति मिलती है। वहीं पीड़ित बुध के प्रभाव से जीवन में तमाम तरह की समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। यही वजह है कि तुरंत ही ऐसी स्थिति में बुध ग्रह शांति के उपाय किए जाने चाहिए।
बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए आप अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा हरे रंग के कपड़े शामिल करके बुध ग्रह की शुभता बढ़ा सकते हैं।
अपनी बहन, बेटियों और छोटी कन्याओं का सम्मान करें।
भगवान विष्णु की पूजा करें।
विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें।
मुमकिन हो तो बुधवार के लिए व्रत प्रारंभ कर दें। इससे व्यापार में अच्छी सफलता मिलती है।
इसके अलावा बुध ग्रह शांति के लिए बुध से संबंधित चीजों का दान करना भी एक अनुकूल उपाय माना जाता है।
रत्न की बात करें तो बुध से संबंधित रत्न पन्ना होता है। आप चाहें तो किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श करके पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं। इसके अलावा अगर किसी के जीवन बुध की महादशा चल रही हो तो उन्हें अभिमंत्रित करके बुध यंत्र को धारण करने की सलाह दी जाती है। जड़ी की बात करें तो बुध ग्रह के को प्रभाव कम करने के लिए विधारा की जड़ अनुकूल मानी जाती है। रुद्राक्ष की बात करें तो चार मुखी रुद्राक्ष और 10 मुखी रुद्राक्ष बुध ग्रह से संबंधित होता है। ऐसे में आप चाहे तो किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श करके यह रत्न अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं।
इसके अलावा बुध ग्रह से संबंधित मंत्रों ‘ॐ बुं बुधाय नमः’ अथवा ‘ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः’ का नियमित रूप से जप करें। इससे भी बुध ग्रह की शुभता जीवन में बढ़ने लगती है।
बुध का मीन राशि में गोचर राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
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2024 में प्रेम में बढ़ेगी मिठास या रिश्ते में आएगी खटास: यहाँ पढ़ें सबसे सटीक भविष्यवाणी!
वर्ष 2024 में क्या सच्चा प्यार पाने का आपका सपना पूरा होगा? क्या इस साल आप विवाह के बंधन में बंध पाएंगे? क्या आपको आपका पार्टनर इस वर्ष बेइंतहा प्यार करके स्पेशल महसूस कराएगा? अगर आपके मन में भी यह सभी सवाल उठ रहे हैं तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं क्योंकि एस्ट्रोसेज के इस खास ब्लॉग में हम आपके इन्हीं सभी सवालों का जवाब आपको प्रदान करेंगे।
यहां जानेंगे मेष से लेकर मीन राशि के जातकों का प्रेम राशिफल वर्ष 2024 में क्या भविष्यवाणी लेकर आया है। इस साल प्यार के संदर्भ में कौन सी राशियां खुशनसीब साबित होगी और किन्हे थोड़े प्रतिकूल परिणाम उठाने पड़ सकते हैं? इसके अलावा इस ब्लॉग के माध्यम से हम यह भी जानने का प्रयत्न करेंगे कि ज्योतिष के अनुसार प्रेम जीवन से संबंधित कौन से ग्रह होते हैं जिन्हें मजबूत करके आप भी अपने जीवन में प्रेम से संबंधित शुभ परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
कठिन दौर से गुजरना पड़ेगा। शनि आपके पंचम भाव को पूर्ण दृष्टि देंगे जिससे आपके रिश्ते में कुछ रुकावटें और परेशानी आने की आशंका है। हालांकि इस साल की शुरुआत आपके लिए शानदार रहेगी और इस राशि के कुछ जातक विवाह के बंधन में भी बंध सकते हैं। राहु केतु भी इस साल आपके रिश्ते में बढ़ते हुए तनाव की वजह बनेंगे। ऐसे में आपको अपने रिश्ते को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। प्रेम के संदर्भ में 30 अगस्त से अक्टूबर का समय शानदार रहेगा।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों को भी इस साल प्रेम के संदर्भ में तमाम उतार-चढ़ाव अपने जीवन में देखने को मिलने वाले हैं। केतु इस साल की शुरुआत से ही आपके पंचम भाव में रहने वाले हैं जिससे रिश्ते में तनाव बढ़ेगा। आपको अपने साथी को समझने की ज्यादा आवश्यकता इस साल पड़ने वाली है। अगस्त से अक्टूबर का समय अनुकूल रहेगा। इस राशि के सिंगल जातकों के जीवन में इस अवधि में प्यार की दस्तक हो सकती है। साथ ही विवाहित जातकों के रिश्ते में भी मजबूती आएगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए वर्ष 2024 बेहद ही शानदार रहने वाला है। पंचम भाव पर देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपका प्रेम जीवन को शानदार बनाएगी। आप अपने पार्टनर के साथ ज़्यादा प्रेम भाव व्यक्त करते नजर आएंगे। साथ ही आपका रिश्ता भी मजबूत बनेगा। अगस्त से लेकर सितंबर का समय प्यार के लिहाज से बेहद ही अनुकूल रहने वाला है। अगर आप अपने पार्टनर को विवाह के लिए प्रपोज करना चाहते हैं तो फरवरी के बाद ऐसा करना आपके लिए हितकारी रहने वाला है।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए भी 2024 बेहद ही शानदार साल साबित होगा। साल की शुरुआत से ही बुध और शुक्र आपके पंचम भाव में रहेंगे जिससे आपके जीवन में नई ऊर्जा और प्यार बढ़ने की संभावना है। आप अपने पार्टनर के साथ भरपूर अंतरंगता, विश्वास, ईमानदारी से भरा रिश्ता जीते हुए नजर आएंगे। आप अपने साथी के साथ कहीं घूमने जाने की योजना भी बना सकते हैं जिससे आपका रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत होगा। हालांकि बीच में फरवरी से लेकर अगस्त का समय थोड़ा चुनौती पूर्ण रहने वाला है। साल की आखिरी तिमाही आपके रिश्ते के लिए सबसे ज्यादा अनुकूल होगी। इस दौरान आप अपने प्रेम संबंध को अगले पड़ाव पर ले जाने की योजना बना सकते हैं।
ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का प्रेम से संबंध: ज्योतिष के अनुसार बात करें तो शुक्र ग्रह को प्रेम से संबंधित ग्रह माना जाता है। ऐसे में स्वाभाविक है कि जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में होता है वह अपने जीवन में खुशहाली प्रेम जीवन का लुफ्त उठाते हैं। वहीं इसके विपरीत अगर शुक्र ग्रह प्रतिकूल स्थिति में है या अशुभ ग्रहों के साथ प्रभाव में आ रहा है तो रिश्ते में खटास, दूरियां, गलतफहमियां व्यक्ति को उठानी पड़ सकती है। इसके अलावा कुंडली का पंचम भाव भी प्रेम का प्रतिनिधित्व करता है।
सिंह राशि
बात करें सिंह राशि के जातकों की तो आपके लिए प्यार के लिहाज से साल 2024 ज्यादा अनुकूल नहीं रहेगा। पंचम भाव में सूर्य और मंगल ग्रह मजबूत रहने वाले हैं जो रिश्ते में चुनौतियां और तनाव लेकर आएंगे। इस साल आपको अपने साथी के साथ ज्यादा मजबूती से अपना रिश्ता निभाना, उनके प्रति प्रेम समर्पित करने की सलाह दी जाती है। अगस्त से लेकर सितंबर में आपको अपने रिश्ते के प्रति ज्यादा सावधान रहना होगा क्योंकि इस दौरान गलतफहमियां और तनाव बढ़ने की आशंका है। हालांकि सितंबर के बाद का समय आपके लिए अनुकूल साबित होगा।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए प्रेम के संदर्भ में साल की शुरुआत तो औसत रहेगी। इस दौरान आपको अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना होगा, अपने साथी से परस्पर प्रेम बनाए रखना होगा, साथ ही किसी भी तरह की गलतफहमी को अपने रिश्ते में जगह नहीं देनी होगी क्योंकि केतु इस साल आपके रिश्ते में बार-बार परेशानी की वजह बनते नज़र आएंगे। फरवरी और मार्च का महीना प्यार के लिहाज से सबसे शानदार महीना साबित होगा। इसके बाद साल का मध्य भाग प्रेम के लिए औसत रहने वाला है। यहां आपको अपने रिश्ते के प्रति ज़्यादा सावधानी बरतनी पड़ेगी।
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तुला राशि
तुला राशि के जातकों की बात करें तो साल की शुरुआत आपके लिए शानदार रहेगी क्योंकि दूसरे भाव में शुक्र और बुध की युति होने वाली है। ऐसे में आप अपने पार्टनर का दिल जीतने में कामयाब रहेंगे और अपने रिश्ते को मजबूत भी बनाएंगे। शनि की मजबूत स्थिति प्रेम विवाह की तरफ भी इशारा कर रही है। हालांकि अगस्त और सितंबर के महीने के दौरान आपको अपने रिश्ते में कुछ परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। इसके अलावा साल का बाकी समय आपके लिए प्रेम के लिहाज से उत्तम रहेगा। आप अपने पार्टनर के साथ कहीं घूमने जाने की योजना बना सकते हैं।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों की बात करें तो प्रेम के लिहाज से साल 2024 अनुकूल रहेगा। आपके प्रथम भाव में बुध और शुक्र की युति होगी और पंचम भाव में राहु स्थित रहेंगे जिससे आपका प्रेम जीवन बेहद ही मधुर बनने वाला है। आप अपने पार्टनर के लिए कुछ भी कर गुजरने की क्षमता इस दौरान रखेंगे। हालांकि 23 अप्रैल से 1 जून के बीच का समय आपके लिए थोड़ा परेशानी भरा रहने वाला है। इसके बाद अगस्त से सितंबर का महीना प्रेम के लिहाज से बेहद ही शानदार साबित होगा। अगर आप अपने पार्टनर से विवाह करना चाहते हैं तो यह समय आपके लिए सबसे उत्तम रहने वाला है।
प्रेम के ज्योतिषीय उपाय
कुंडली के पंचम भाव और इसके स्वामी को मजबूत करें।
सप्तम भाव और सप्तमेश ग्रह की शांति करने से भी जीवन में प्रेम की प्राप्ति होती है।
अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा लाल, गुलाबी और पीले रंग की वस्तुएँ शामिल करें।
कुंवारी कन्याओं को हरी चूड़ी और पीले वस्त्र उपहार में दें।
अपनी कुंडली किसी विद्वान ज्योतिषी से दिखाएं और अगर कुंडली में कोई भी दोष है तो जल्द से जल्द उसके निवारण के उपाय करें।
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
मां दुर्गा के मंदिर जाएं और उन्हें लाल रंग का ध्वज या फिर चुनरी अर्पित करें।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए प्रेम के संदर्भ में वर्ष 2024 अनुकूल रहने वाला है। आपके पंचम भाव में गुरु स्थित रहेंगे जो प्रेम जीवन संतुलित रहने की तरफ इशारा कर रहे हैं। हालांकि बीच-बीच में मंगल और सूर्य के प्रभाव से आपके रिश्ते में क्रोध और उग्रता बढ़ सकती है जिसका असर आपके प्रेम जीवन पर देखने को मिलेगा इससे जितना हो सके बचें। अप्रैल से लेकर मई का समय प्रेम जीवन के लिहाज से शानदार साबित होगा।
मकर राशि के जातकों के लिए वर्ष 2024 शानदार रहने वाला है। एकादश भाव में बुध और शुक्र स्थित होंगे और आपके पंचम भाव पर दृष्टि डालेंगे जिसका सीधा असर आपके खुशहाल प्रेम जीवन पर देखने को मिलेगा। आपका अपने साथी के साथ विश्वास मजबूत होगा जिसका सीधा असर आपके रिश्ते पर पड़ेगा। हालांकि जुलाई से अगस्त के बीच रिश्ते में तनाव बढ़ने की गुंजाइश नजर आ रही है। इसके बाद सितंबर से लेकर दिसंबर का महीना प्रेम के संदर्भ में बेहद ही शानदार रहेगा। आप दोनों के प्रेम जीवन में नयापन और नई ऊर्जा आएगी।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों का वर्ष 2024 में रिश्ता थोड़ा कमजोर रहने की आशंका है। पंचम भाव पर सूर्य और मंगल की दृष्टि अनुकूल संकेत नहीं दे रही है। इन दोनों ग्रहों के प्रभाव से रिश्ते में विवाद बढ़ने की आशंका है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि धैर्य के साथ काम करें और कोई भी परेशानी हो तो अपने साथी के साथ मिलकर इसका हल निकालें। शनि महाराज इस साल आपकी ही राशि में स्थित रहेंगे। जून से लेकर जुलाई और फिर नवंबर से दिसंबर का समय बेहद ही शुभ रहेगा।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए वर्ष 2024 की शुरुआत अनुकूल रहेगी। हालांकि वर्ष पर्यंत रिश्ते में बीच-बीच में कभी तनाव, गलतफहमियां होने की आशंका नजर आ रही है। हालांकि वहीं दूसरी तरफ शुक्र और बुध के प्रभाव से आपके रिश्ते में खुशियां और नयापन भी बढ़ेगा। अक्टूबर से दिसंबर के बीच रिश्ते में लड़ाई झगड़ा होने की प्रबल आशंका है। इसके बाद जुलाई से लेकर अगस्त का समय प्रेम के लिए सबसे शानदार समय साबित होगा। आप अपने पार्टनर के साथ खुलकर क्वालिटी वक्त व्यतीत करेंगे।
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G अक्षर से शुरू होता है नाम- तो जान लें अपने व्यक्तित्व और प्रेम जीवन से जुड़े राज़!
नाम के आधार पर आप अगर अपने भविष्य के बारे में जानना चाहते हैं विशेष तौर पर अगर अपने प्रेम जीवन के बारे में जानना चाहते हैं तो एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपके लिए सहायक साबित हो सकता है। हमारा यह खास ब्लॉग विशेष रूप से अंग्रेजी अक्षर G नाम के जातकों के लिए तैयार किया गया है। इसके माध्यम से हम आपको बताएंगे कि G नाम के जातकों का व्यक्तित्व कैसा होता है। साथ ही जानेंगे वर्ष 2024 में आपका प्रेम जीवन कैसा रहने वाला है।
तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं खास ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं G अक्षर के जातकों के व्यक्तित्व से जुड़ी कुछ बेहद ही दिलचस्प बातों की जानकारी।
अगर आपका नाम अंग्रेजी अक्षर G से शुरू होता है तो ज्योतिष के अनुसार आप बेहद ही सहज प्रवृत्ति के इंसान होते हैं। ऐसे जातक अपना काम आसानी से करने के नए-नए तरीके ढूंढने में बेहद ही माहिर होते हैं। आप गलत से गलत चीज को भी सही करने का पूरा प्रयास करते हैं। G अक्षर के जातक ऐसे होते हैं जिनके अंदर बहुत सारी अच्छाईयाँ देखने को मिलती हैं। यह आविष्कारकरता और जागरूकता से भरे हुए होते हैं।
यह नई चीज़ें सीखने में ज्यादा विश्वास रखते हैं। हालांकि कई बार यह खुद को सर्वगुण संपन्न मान लेते हैं जिसकी वजह से उनके जीवन में बड़ी गलतियां भी हो जाती है। दिमाग की बात करें तो G अक्षर के जातक बेहद ही तेज दिमाग के होते हैं, इन्हें मुश्किल चीज़ें भी आसानी से समझ में आती है और इसी दम पर यह अपने जीवन में आगे बढ़ते हैं। तेज दिमाग के चलते इन्हें लीडर भी माना जाता है। हालांकि यह स्वभाव से बेहद ही चूज़ी होते हैं।
यह किसी भी बात का सावधानी पूर्वक विश्लेषण करते हैं और समय लगाकर उस चीज का फायदा नुकसान जोड़ने के बाद ही आगे कदम बढ़ाते हैं। G अक्षर के जातकों को सच बेहद ही प्रिय होता है और यह सच की खोज में मेहनत करने से भी नहीं संकोच करते हैं। G अक्षर के जातकों को अपनी रुचि खोजने में काफी समय लग सकता है। इसके अलावा ऐसे जातक अध्यात्म में विश्वास रखते हैं। पूजा पाठ करना इन्हें अच्छा लगता है और भगवान में इनका अटूट विश्वास होता है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
अपने काम के प्रति यह लोग बेहद निष्ठावान और मेहनती होते हैं। कभी भी काम चोरी नहीं करते हैं और जी तोड़ मेहनत करके ही जीवन में सफलता हासिल करते हैं। इनका यही मेहनती स्वभाव इन्हें कार्य क्षेत्र में सबसे अलग बनाता है और इन्हें काम में सबसे आगे रखता है।
व्यक्तित्व की जानकारी हासिल करने के बाद चलिए आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं वर्ष 2024 में G अक्षर के जातकों का प्रेम जीवन कैसा रहने वाला है।
कैसा रहेगा G अक्षर के जातकों का प्रेम जीवन?
बात करें आपके प्रेम जीवन की तो जनवरी से लेकर अप्रैल तक का जो समय है वह आपके प्रेम जीवन के लिए औसत साबित होने वाला है। इस दौरान आपको अपने पार्टनर के साथ उचित प्रेम बनाए रखने और धैर्य बनाए रखने की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ने वाली है। अन्यथा आप दोनों के बीच किसी बात को लेकर गलतफहमी पनप सकती है जो आगे चलकर बड़े विवाद या फिर लड़ाई का रूप भी ले सकती है।
स्वाभाविक है कि इससे आपके रिश्ते में खटास भी देखने को मिलने वाली है। इसके अलावा यह अवधि ज्यादा सावधानीपूर्वक चलने की है क्योंकि इस दौरान परिवार में कोई कलह उत्पन्न हो सकती है जिससे आप दोनों के रिश्ते पर असर पड़ता नजर आएगा। ऐसे में विशेष रूप से आपको सलाह दी जा रही है कि इस दौरान अपने रिश्ते को बचा कर रखें।
फरवरी से लेकर अप्रैल का जो समय होगा वह प्रेम जीवन के लिए ज्यादा अनुकूल नहीं साबित होगा। इस दौरान आपको अपने जीवन में प्रेम की कमी और अपने साथी की तरफ से विश्वास की कमी भी देखने को मिल सकती है। कई बार आपके जीवन में इस दौरान ऐसी परिस्थितियों भी उत्पन्न हो सकती हैं जिससे आप दोनों बेवजह की बहस में फंसा सकते हैं। इस बहस के चलते आपके रिश्ते में परेशानियां और दिक्कतें बढ़ने की आशंका है।
इस राशि के जो जातक इस साल अपने प्रेम संबंध को वैवाहिक बंधन में बदलना चाहते हैं उन्हें कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। सलाह दी जा रही है कि अगर आप विवाह का विचार कर रहे हैं तो मई तक तो ऐसे विचार अपने दिमाग में ना लाएँ। इसके बाद अगस्त से अक्टूबर का जो समय होगा वह विवाह के लिए अनुकूल नजर आ रहा है। इस दौरान आप चाहे तो अपने घर में विवाह की बात कर सकते हैं और विवाह के संदर्भ में कदम आगे बढ़ा सकते हैं। इस दौरान आपको सफलता मिलने की उच्च संभावना है।
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इस साल बढ़ेगी इन राशियों की इनकम- बॉस को पसंद आ रहा है आपका काम!
नया साल शुरू हो चुका है और हम सभी उम्मीद कर रहे हैं कि हमें जीवन के सभी क्षेत्रों में अनुकूल परिणाम प्राप्त हों। कहना गलत नहीं होगा कि हर एक व्यक्ति के लिए करियर का क्षेत्र या स्थान सबसे महत्वपूर्ण होता है। यह हमारे जीवन का सबसे खास और महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। जीवन की सही दिशा निर्धारित करने में करियर का सबसे बड़ा योगदान होता है। आपकी राशि के लिहाज से वर्ष 2024 में करियर किस करवट बैठेगा? अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं क्योंकि एस्ट्रोसेज के इस खास ब्लॉग में हम इसी विषय पर जानकारी हासिल करेंगे।
बात करें ज्योतिष के अनुसार तो, वैदिक ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को शिक्षा के साथ-साथ करियर का कारक ग्रह भी माना जाता है। माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति अच्छी है तो व्य
क्ति का करियर शानदार रहता है। सिर्फ गुरु ही नहीं गुरु के अलावा शनि और बुध का प्रभाव भी करियर के क्षेत्र में देखने को मिलता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें वर्ष 2024 शनि का ही साल माना जा रहा है। ऐसे में चलिए जान लेते हैं मेष से लेकर मीन राशि के जातकों को करियर के संदर्भ में किस तरह के परिणाम मिलने वाले हैं।
साल 2024 करियर के लिहाज से शानदार रहने वाला है। कार्यक्षेत्र में आपको बदलाव दिखेंगे और यह बदलाव आपके लिए अनुकूल साबित होंगे। इस साल आपके करियर में स्थिरता भी आएगी। आप कार्यक्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करेंगे और बॉस के फेवरेट बनेंगे। इस राशि के जो जातक अपनी नौकरी बदलने का विचार कर रहे हैं उनके लिए अगस्त का महीना अनुकूल रहने वाला है। सलाह दी जाती है कि जितना हो सके ऑफिस पॉलिटिक्स से दूर रहें। नवंबर और दिसंबर के महीने में आपके करियर को नहीं ऊंचाई मिलेगी। नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो अप्रैल से सितंबर के बीच शुरू कर सकते हैं।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए साल 2024 सुखद और आशाजनक रहने वाला है। शनि देव करियर में सफलता प्रदान करेंगे साथ ही आप कड़ी मेहनत करते भी नजर आएंगे। आपके काम के प्रशंसा होगी और आपके बॉस भी आपके काम से खुश रहेंगे जिनके दम पर आपको पदोन्नति और वेतन वृद्धि भी मिल सकती है। नौकरी में उन्नति के लिए मार्च से अप्रैल और फिर दिसंबर का समय शानदार रहेगा। सलाह दी जाती है कि किसी की बातों में आकर कटु वचन ना बोलें और किसी के बहकावे में ना आयें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों को इस साल बेहद ही सोच समझकर चलने की सलाह दी जाती है। कोई भी शॉर्टकट ना लें वरना आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। आप काम आसानी और जल्दी करने में कामयाब रहेंगे। आपके काम की हर तरफ चर्चा होगी। मिथुन राशि के जातकों को प्रमोशन और वेतन वृद्धि दोनों ही प्राप्त हो सकती है। इस साल काम में आपकी व्यस्तता ज्यादा रहेगी। यही व्यस्तता आपको नई सफलता भी दिलाएगी। 7 मार्च से 31 मार्च और फिर 18 सितंबर से 13 अक्टूबर के बीच आपको कोई नई नौकरी का मौका मिल सकता है या फिर अगर आप नौकरी बदलना चाहते हैं तो यह अवधि आपके लिए शानदार साबित हो सकती है।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए करियर के लिहाज से यह साल अनुकूल रहने वाला है। सूर्य और मंगल आपके छठे भाव में रहेंगे जिससे आपको नौकरी में शानदार अवसर प्राप्त होंगे। वरिष्ठ अधिकारियों और सहकर्मियों से आपका रिश्ता मजबूत और बेहतर बनेगा। आपकी प्रशंसा होगी। आपको अपने सहकर्मियों का साथ और सहयोग भी मिलेगा। कुल मिलाकर आप इस साल करियर के लिहाज से काफी संतुष्ट रहने वाले हैं। 23 अप्रैल से 1 जून के बीच का समय आपके लिए विशेष महत्वपूर्ण रहेगा। इस दौरान नौकरी में कोई बड़ा बदलाव आने की संभावना है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
महत्वपूर्ण जानकारी: वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब भी किसी व्यक्ति के करियर को देखना या समझना हो तो उनकी जन्म कुंडली में शनि की दशा और स्थिति को देखा जाता है। कुंडली में शनि की चाल और स्थिति व्यक्ति के कार्य करने की क्षमता के बारे में सटीक जानकारी देती है और इसी से करियर में ऊंचाइयां और गिरावट दोनों का आकलन किया जाता है। इसके अलावा कुंडली का दसवां भाव उसका शासक और उसमें मौजूद ग्रह भी करियर के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए वर्ष 2024 सामान्य से बेहतर रहेगा। आप जीतोड़ मेहनत करेंगे और आपको इसका फल भी मिलेगा। इस साल आपकी नौकरी में बदलाव और ट्रांसफर के योग भी बन रहे हैं और यह बदलाव आपके लिए अनुकूल साबित होंगे। सरकारी क्षेत्र से जुड़े इस राशि के जातकों का तबादला हो सकता है। 1 जून से 12 जुलाई और फिर 26 अगस्त तक आपको नौकरी में कोई नया अवसर मिलने की संभावना है। हालांकि 31 जुलाई से 25 अगस्त तक का समय थोड़ा चुनौती पूर्ण रहने वाला है। इसके प्रति सचेत रहें।
कन्या राशि
इस साल करियर के लिहाज से आपको अच्छे बदलाव मिलेंगे। आपकी मेहनत रंग लाएगी। वरिष्ठों को आपका काम नजर आएगा जिसके दम पर आप अच्छी पदोन्नति प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि मार्च अप्रैल के बीच का समय थोड़ा चुनौती पूर्ण रहने वाला है। आप किसी ऑफिस पॉलिटिक्स में फंस सकते हैं। अप्रैल से मई का समय आपके लिए शानदार रहेगा। हालांकि जून में आपको दोबारा सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों को इस साल ढेरों अवसर प्राप्त होने की संभावना है। सूर्य और मंगल साल की शुरुआत में तीसरे भाव में रहेंगे और राहु का प्रभाव भी आपके जीवन पर देखने को मिलेगा जिससे आप हर चुनौती का सामना सफलता से करेंगे और आपकी मेहनत को पहचान मिलेगी। बॉस और वरिष्ठ अधिकारी आपके काम की प्रशंसा करेंगे। हालांकि मार्च और अप्रैल के महीने में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। मई और जून के महीने में आपको अपने विरोधी और शत्रुओं से सावधान रहने की सलाह दी जा रही है। हालांकि इसके बाद अगस्त से दिसंबर का समय आपके लिए बेहद ही अनुकूल रहेगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों को इस साल कई नए बेहतर और अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। आपको अपार लाभ भी मिलेगा। अगर आप नई नौकरी के लिए प्रयास कर रहे हैं या नौकरी बदलना चाहते हैं तो आपको इसमें सफलता मिलेगी। अगस्त से अक्टूबर के बीच नौकरी में पदोन्नति के योग बनेंगे। इस राशि के जो जातक सरकारी नौकरी के लिए प्रयास कर रहे हैं उन्हें भी सफलता मिल सकती है।
करियर में सफलता के लिए अवश्य अपनाएं यह उपाय
उबले हुए चावल कौवे को खिलाएं।
रोजाना 31 बार गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
रोज सुबह उठकर स्नान करें और उसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें।
इसके अलावा आप विघ्न विनाशक भगवान गणेश के बीज मंत्र का भी जप कर सकते हैं। इससे भी आपको अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे।
धनु राशि के जातकों को इस साल मिश्रित परिणाम प्राप्त होंगे। आप अपनी नौकरी में थोड़ा नाखुश महसूस कर सकते हैं, काम से आपका मन भटक सकता है और काम का दबाव भी आपके ऊपर बना रहने वाला है। हालांकि सितंबर का महीना आपके लिए काफी शानदार रहने वाला है। इस दौरान आपको कोई बड़ा पद मिल सकता है जिससे आपको लाभ भी मिलेगा।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए यह साल शानदार रहेगा। आपको नौकरी में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे, कठिन मेहनत रंग लाएगी, आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा जिसका सीधा असर आपकी नौकरी पर देखने को मिलेगा, काम में चुनौतियां तो आएंगी लेकिन आप उनसे विजय पा लेंगे। आपकी काबिलियत कार्यक्षेत्र में आपको नई पहचान दिलाएगी। नवंबर के महीने में आपको कोई प्रमोशन मिल सकता है साथ ही वेतन वृद्धि की भी उच्च संभावना बन रही है। अप्रैल और अगस्त के महीने में आपके स्थानांतरण की योग बनेंगे।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए यह साल अनुकूल रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपको अपने वरिष्ठों सहकर्मियों का साथ मिलेगा, आप अपनी नौकरी में बढ़-चढ़कर योगदान देंगे और आप सफलता भी प्राप्त करेंगे। हालांकि फरवरी और मार्च के बीच आपका काम काफी बढ़ने वाला है और काम के सिलसिले में इस दौरान आपको कोई विदेश यात्रा भी करनी पड़ सकती है। जनवरी के महीने में पदोन्नति मिलने की संभावना के साथ-साथ जुलाई से अगस्त के बीच काम में बढ़ोतरी के संकेत भी मिल रहे हैं और अगस्त से अक्टूबर के बीच आप नौकरी में बदलाव की उम्मीद लगा सकते हैं।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए भी यह साल अनुकूल रहने वाला है। इस साल आपके करियर में अपार सफलता मिलेगी। आपको इस दौरान कोई बड़ा पद प्राप्त हो सकता है। कार्यक्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब होंगे, लोग आपके काम की तारीफ करेंगे। आपके वरिष्ठ अधिकारी आपसे संतुष्ट नजर आएंगे। मार्च से अप्रैल का समय काफी महत्वपूर्ण रहेगा। इस दौरान आप विदेश जा सकते हैं जिससे आपको लाभ मिलेगा। अक्टूबर से दिसंबर तक विशेष रूप से सावधान रहें इस दौरान किसी भी तरह के ऑफिस पॉलिटिक्स का हिस्सा ना बनें।
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शत्रुओं पर विजय पाने के लिए करें विजया एकादशी का व्रत, श्रीराम ने भी की थी पूजा!
विजया एकादशी 2024: जगत के पालनहार भगवान विष्णु का आशीर्वाद एवं कृपा प्राप्ति के लिए एकादशी व्रत को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। साल भर में आने वाली 24 एकादशी तिथियों में से एक विजया एकादशी भी है जो फाल्गुन मास में आती है। इस एकादशी का व्रत शत्रुओं पर विजय पाने के लिए रखा जाता है इसलिए विजया एकादशी को पुराणों में भी महत्वपूर्ण माना गया है। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको विजया एकादशी 2024 के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। सिर्फ इतना ही नहीं, इस लेख के माध्यम से हम आपको विजया एकादशी की तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्व, सही पूजा विधि और पौराणिक कथा के बारे में भी अवगत कराएंगे। साथ ही, इस एकादशी के दिन किन उपायों को करना आपके लिए रहेगा शुभ? यह भी हम आपको बताएंगे। तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और सबसे पहले जानते हैं एकादशी तिथि का महत्व।
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और यह व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है। जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि एक माह में दो एकादशी आती है जो शुक्ल और कृष्ण पक्ष में आती है। इस प्रकार, एक वर्ष में कुल 24 एकादशी तिथि आती है और फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत जातक को विजय, समृद्धि और सफलता प्रदान करता है। अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं विजया एकादशी की तिथि व मुहूर्त के बारे में।
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इनकी उपासना एवं आराधना के लिए श्रेष्ठ होती है। साल 2024 में विजया एकादशी 06 मार्च 2024, बुधवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन एकादशी तिथि का आरंभ 06 मार्च 2024 की सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर होगा जबकि इसका अंत 07 मार्च 2024 की सुबह 04 बजकर 16 मिनट पर होगा।
विजया एकादशी 2024 व्रत मुहूर्त
विजया एकादशी पारण मुहूर्त: 07 मार्च की दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से शाम 04 बजकर 03 मिनट तक
अवधि: 02 घंटे 21 मिनट
हरि वासर समाप्ति का समय: 07 मार्च को 09 बजकर 33 मिनट पर
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विजया एकादशी का महत्व
धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से विजया एकादशी को विशेष महत्व प्राप्त है क्योंकि हिंदू धर्म में किये जाने वाले सभी व्रतों में एकादशी व्रत को सबसे प्राचीन माना जाता है। इस वजह से भी विजया एकादशी के महत्व में वृद्धि हो जाती है। इस एकादशी का संबंध रामायण काल से भी है। विजया एकादशी के अर्थ की बात करें, तो विजया का शाब्दिक अर्थ ‘विजय’ अर्थात जीत से लिया गया है। ऐसा माना जाता है कि यह व्रत उन लोगों के लिए फलदायी रहता है जो व्यक्ति अपने जीवन में शत्रुओं से घिरा हो या फिर मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर रहा हो क्योंकि यह व्रत कठिन हालातों से आपको निजात दिलाने की क्षमता रखता है। इस व्रत को अगर जातक द्वारा पूरे विधि-विधान से किया जाता है, तो यह आपको हर कार्य में सफलता प्रदान करता है।
विजया एकादशी का धार्मिक महत्व एवं इसकी महिमा का अंदाज़ा इस बात से ही लगा सकते हैं कि स्वयं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने अपनी अर्धागिनी देवी सीता को रावण की कैद से मुक्त कराने और लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए विजया एकादशी का व्रत किया था और इसके परिणामस्वरूप, उन्हें जीत की प्राप्ति हुई। मान्यता है कि इस एकादशी के बारे में सबसे पहले नारद जी को ब्रह्मा जी ने बताया था और द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को फाल्गुन माह की एकादशी का महत्व बताया था। विजया एकादशी की तिथि पर नहाने के पानी में आंवले का रस डालकर स्नान करने से पुण्य कर्मों में वृद्धि होती है।
भगवान श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न करने के लिए विजया एकादशी का शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, जो भक्तजन इस एकादशी का व्रत पूरे विधि-विधान से करते हैं उन्हें अपने जीवन में अनेक शुभ फलों की प्राप्ति होती है जो इस प्रकार हैं:
सफलता और विजय का मिलता है आशीर्वाद: विजया एकादशी के नाम का अर्थ ही विजय से है। ऐसे में, इस तिथि पर विष्णु जी की उपासना एवं व्रत करने से भक्त को अपने जीवन में विजय की प्राप्ति होती है फिर चाहे वह परीक्षा हो, प्रतियोगिता हो या जीवन का कोई लक्ष्य हो। विजया एकादशी का व्रत व्यक्ति के जीवन में सफलता लेकर आता है।
पापों का नाश और पुण्य में होती है वृद्धि: जो भक्त श्रद्धाभाव से विजया एकादशी का व्रत करते हैं, उन्हें अपने पूर्व जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है। विजया एकादशी व्रत जातकों के लिए मोक्ष का रास्ता भी प्रशस्त करता है।
सकारात्मक ऊर्जा का होता है संचार: विजया एकादशी के दिन भक्तों द्वारा भगवान विष्णु की पूजा एवं मंत्रों का जाप आदि किया जाता है जिससे जातक के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और उन्हें जीवन जीने की शक्ति मिलती है।
मिलती है मानसिक शांति: जो भक्तजन विजया एकादशी का व्रत सच्चे दिल से करते हैं उन्हें मानसिक शांति मिलने के साथ-साथ अध्यात्म के क्षेत्र में उन्नति भी प्राप्त होती है। साथ ही, भगवान विष्णु व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
एकादशी व्रत का सबसे महत्वपूर्ण नियम है कि इस दिन चावल का न सेवन करना चाहिए और न ही बनाने चाहिए।
विजया एकादशी पर पीपल के पेड़ को नुकसान पहुंचाने से बचें क्योंकि पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है।
इस तिथि पर श्रीहरि का पूजन करने के बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को दान करें क्योंकि दान करने के बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता है।
विजया एकादशी व्रत की पूजा विधि
विजया एकादशी व्रत का फल आपको तभी मिलेगा जब आप विधि-विधान से पूजा करें जो इस प्रकार है:
विजया एकादशी से एक दिन पहले वेदी का निर्माण करें और उस पर सप्त धान्य (उड़द, मूंग, गेहूं, जौ, चावल, तिल और बाजरा) रखें।
इसके बाद, उस पर कलश की स्थापना करें और अगले दिन यानी एकादशी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें और व्रत का संकल्प लें।
अब पंचपल्लव (पीपल, गूलर, अशोक, आम और वट) को कलश में रखें और फिर भगवान विष्णु की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें।
इसके पश्चात, भगवान की पूजा धूप, दीप, चंदन, फल, फूल तथा तुलसी आदि से करें।
इस दिन व्रत करने के साथ-साथ कथा भी पढ़ें।
श्रीहरि का स्मरण करते हुए रात के समय भजन-कीर्तन और जागरण करें।
द्वादशी तिथि के दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और दान करें।
इसके पश्चात व्रत का शुभ मुहूर्त में पारण करें।
विजया एकादशी व्रत की कथा
विजया एकादशी व्रत की एक पौराणिक कथा प्रचलित है जिसका संबंध भगवान राम से है। द्वापर युग में पांडवों को फाल्गुन एकादशी के महत्व के बारे में जानने की इच्छा हुई, तब उन्होंने भगवान कृष्ण से फाल्गुन एकादशी के महत्व के बारे में पूछा। श्रीकृष्ण ने फाल्गुन एकादशी के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि हे पांडव! नारद मुनि ने सबसे पहले ब्रह्मा जी से फाल्गुन कृष्ण एकादशी व्रत की कथा व महत्व के बारे में जाना था और नारद जी के बाद अब आप इसका महत्व जानने वाले हो। यह बात त्रेता युग की है जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता का रावण द्वारा हरण किये जाने के पश्चात रावण से युद्ध करने के लिए वानर सेना के साथ लंका की तरफ प्रस्थान किया था, उस समय लंका तक पहुंचने का रास्ता समुद्र ने रोक लिया था। वह बहुत ही विशाल समुद्र था जिसमें खतरनाक जीव रहते थे जो राम जी की सेना को नुकसान पंहुचा सकते थे। विष्णु जी के अवतार श्रीराम मानव रूप में थे इसलिए वह इस समस्या का समाधान भी उसी रूप में करना चाहते थे। जब श्री राम ने भाई लक्ष्मण से समुद्र को पार करने का उपाय जानना चाहा तब लक्ष्मण जी ने कहा कि हे प्रभु! यहां से आधे योजन की दूरी पर वकदालभ्य मुनिवर निवास करते हैं, उनके पास इस समस्या का उपाय अवश्य होगा। भगवान राम मुनिवर के पास पहुंचे और उन्हें आदरपूर्वक प्रणाम करते हुए अपनी समस्या बताई। उस समय मुनि ने राम जी को बताया कि यदि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन आप और आपकी पूरी सेना व्रत रखें, तो आपको समुद्र पार करने में कामयाबी प्राप्त होगी और इस व्रत के प्रताप से आपको लंका पर विजय की भी प्राप्ति होगी। फाल्गुन एकादशी पर मुनिवर द्वारा बतायी गई विधि के अनुसार भगवान राम समेत पूरी सेना ने एकादशी का व्रत किया। इसके बाद, राम सेतु का निर्माण करते हुए राम जी ने पूरी सेना के साथ लंका पर आक्रमण किया। इस युद्ध में रावण के विरुद्ध भगवान श्री राम एक साधारण मनुष्य के रूप में थे, लेकिन फिर भी फाल्गुन एकादशी व्रत के प्रभाव से उन्होंने न सिर्फ रावण की इतनी बड़ी सेना को हराया अपितु अपनी अर्धांगिनी देवी सीता को भी मुक्त कराया।
विजया एकादशी पर जरूर करें ये राशि अनुसार उपाय
मेष राशि: मेष राशि के जातक विजया एकादशी पर भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम की पूजा-अर्चना करें। साथ ही, उन्हें खजूर अर्पित करें और ‘ॐ सिया पतिये राम रामाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से दुश्मनों पर जीत का आशीर्वाद मिलता है।
वृषभ राशि: वृषभ राशि वाले विजया एकादशी के अवसर पर मुठ्ठी भर कच्चे चावल लेकर कुमकुम में रंग दें और फिर इन चावल को लाल रंग के सूती कपड़े में बांधकर भगवान विष्णु के मंदिर में या किसी पंडित को दान करें। यह उपाय कोर्ट-कचहरी के मामले में परिस्थितियों को आपके पक्ष में लेकर आता है।
मिथुन राशि: मिथुन राशि के लोगों को विजया एकादशी के दिन केले के पत्तों पर नवैद्य रखकर भगवान विष्णु को अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
कर्क राशि: जिन जातकों की राशि कर्क है वह विजया एकादशी तिथि पर श्रीहरि विष्णु को तुलसी की 5 पत्तियों में हल्दी लगाकर अर्पित करें। यह उपाय आपको उन शत्रुओं से राहत दिलाता है जो आपकी सफलता की राह में बाधा पैदा कर रहे हैं।
सिंह राशि: अगर आप व्यापार या नौकरी के क्षेत्र में किसी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं और तरक्की रुक गई है, तो आप विजया एकादशी पर दक्षिणावर्ती शंख में दूध और केसर डालकर लक्ष्मी नारायण का स्नान करें। साथ ही, इस दिन “ॐ श्री लक्ष्मीनृसिंहाय नम:” मंत्र का एक माला जाप भी करें। मान्यता है कि इस उपाय से शत्रु आपको परेशान नहीं कर पाते हैं और जीवन में भी सफलता मिलती है।
कन्या राशि: विजया एकादशी पर कन्या राशि वाले संध्या के समय तुलसी के सामने घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
तुला राशि: तुला राशि के जातक विजया एकादशी पर विष्णु जी को पीली रंग से बनी मिठाई का भोग लगाएं और विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें। यह उपाय करने से घर में सुख-समृद्धि का वास रहता है।
वृश्चिक राशि: विजया एकादशी पर वृश्चिक राशि के जातक वैजयंती माला से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः:” मंत्र का 5 माला जाप करें। इस उपाय को करने से जातक को कष्टों और रोगों से छुटकारा मिल जाता है।
धनु राशि: धनु राशि वाले इस तिथि पर पीली वस्तुओं जैसे कि केला, हल्दी, अरहर दाल, बेसन से बनी मिठाई आदि का दान करें। यह उपाय आपके जीवन से तनाव दूर करेगा।
मकर राशि: जिन लोगों का काम काफ़ी समय से अटका हुआ है या उसे पूरा होने में लगातार देर हो रही है, तो इन जातकों को विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु के 24 अवतारों का स्मरण करते हुए अपने कार्यस्थल पर हल्दी माला को लटकाना चाहिए। संभव हो, तो पीले रंग का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें।
कुंभ राशि: कुंभ राशि के जिन जातकों के विवाह में देरी हो रही है, वह विजया एकादशी के शुभ दिन गंगाजल में हल्दी मिलाएं और उस जल से केले के पेड़ को सीचें। इस उपाय को करने से कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होते हैं और शादी के योग बनते हैं।
मीन राशि: मीन राशि के जातकों को विजया एकादशी के अवसर पर नहाने के पानी में हल्दी मिलाकर स्नान करना चाहिए। यह उपाय आपके आत्मविश्वास को मज़बूत करेगा और आप तरक्की प्राप्त करेंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
शुक्र करेंगे कुंभ राशि में प्रवेश- इन राशियों को होगा डबल लाभ!
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक बेहद ही मजबूत ग्रह का दर्जा दिया गया है। ऐसे में इस ग्रह से संबंधित जब कोई भी परिवर्तन होता है तो स्वाभाविक सी बात है कि वैदिक ज्योतिष में उसका विशेष महत्व माना गया है। मार्च के महीने की शुरुआत में ही शुक्र एक साल बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में निश्चित तौर पर शुक्र का यह गोचर सभी जातकों के जीवन को प्रभावित करेगा। कैसे और किस हद तक आपकी राशि पर इस गोचर का प्रभाव देखने को मिलेगा यह जानने के लिए पढ़ें हमारा यह खास ब्लॉग।
इसके अलावा इस ब्लॉग के माध्यम से हम यह भी जानने का प्रयत्न करेंगे कि वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व क्या होता है? शुक्र के इस गोचर के दौरान आप अपनी राशि के अनुसार क्या कुछ उपाय कर सकते हैं? साथ ही जानेंगे शुक्र ग्रह से जुड़ी कुछ बेहद ही दिलचस्प बातों की भी जानकारी। तो चलिए बिना देरी की सबसे पहले शुरू करते हैं यह ब्लॉग और जान लेते हैं शुक्र का कुंभ राशि में गोचर कब होने वाला है।
सबसे पहले बात कर लें समय की तो शुक्र का यह महत्वपूर्ण गोचर 7 मार्च 2024 को सुबह 10:33 पर होने वाला है जब पूरे 1 साल बाद शुक्र वापस कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व
ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह की बात करें तो इसे एक शुभ ग्रह माना गया है। यह व्यक्ति के जीवन में भौतिक सुखों, वैवाहिक सुख, भोग, विलास, शोहरत, कला, प्रतिभा, सुंदरता, रोमांस, फैशन डिजाइनिंग, वासना, आदि का कारक माना जाता है। सभी 12 राशियों में वृषभ और तुला राशि का स्वामित्व शुक्र ग्रह के पास होता है। इसके अलावा मीन जहां इसकी उच्च राशि है वहीं कन्या को इसकी नीच राशि माना जाता है। नक्षत्र में बात करें तो 27 नक्षत्र में से भरणी नक्षत्र, पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का स्वामित्व भी शुक्र को प्राप्त होता है।
ज्योतिष में कुंभ राशि
अब कुंभ राशि की बात करें तो, कुंभ राशि को मानवीय और परोपकारी स्वभाव की राशि माना जाता है। देखा गया है की कुंभ राशि के जातक अपने आसपास की दुनिया को सुधार करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं। ऐसे जातक सच्चे और मानवीय गुणों से भरपूर होते हैं। कुंभ राशि की विशेषता की बात करें तो जिज्ञासा, लचीलापन, दयालुता, धैर्य, एकाग्रता, यह इस राशि की विशेषता होती है। वहीं उतावलापन और गुस्सैल स्वभाव इस राशि की कमजोरी मानी गई है। मिथुन राशि, वृषभ राशि, कन्या राशि, तुला राशि, मकर राशि, कुंभ राशि की मित्र राशियां होती हैं। इसके अलावा कुंभ राशि एक वायु तत्व की राशि मानी जाती है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
शुक्र का कुंभ राशि में होना- कैसे देगा प्रभाव?
अब जब शुक्र का कुंभ राशि में गोचर होगा तो इससे मानव जीवन पर क्या कुछ प्रभाव पड़ने की संभावना है चलिये इस पर भी एक नज़र डाल लेते हैं। अक्सर देखा गया है कि शुक्र का कुंभ राशि में होना व्यक्ति के जीवन में भव्यता, साधन, संपन्नता, अच्छी जीवन शैली, आध्यात्मिक रुझान, आकर्षण आदि में वृद्धि लेकर आता है।
शुक्र और कुंभ राशि का मेल जातकों को बेहद ही प्रभावशाली बनाता है। ऐसे जातक बौद्धिक रूप से मजबूत, मजाकिया स्वभाव के, मानवतावादी, रचनात्मक ख्यालों वाले, उदार दिल के और मिलनसार स्वभाव के होते हैं। शुक्र ग्रह भावनाओं और प्रेम को दर्शाता है वहीं कुंभ एक वायु तत्व की राशि है। ऐसे में इन दोनों का मेल भावनाओं को उड़ान दिलाता है।
शुक्र का कुंभ राशि में होना व्यक्ति के जीवन में काफी महत्वपूर्ण बदलाव की वजह से बनता है। कुंभ राशि के स्वामी शनि होते हैं और शुक्र के साथ उनके मैत्रीपूर्ण रिश्ते माने गए हैं। ऐसे में शुक्र के लिए कुंभ राशि में होना एक शुभ स्थिति होती है। कुंभ राशि में शुक्र को अच्छा मार्गदर्शन प्राप्त होता है। शुक्र के कुंभ में होने से व्यक्ति बेहद ही मस्त मौला स्वभाव का स्वतंत्र और जोश से भरपूर नज़र आते हैं।
शुक्र और कुंभ के संबंध से जातकों को कार्यक्षेत्र में अच्छी और अनुकूल संभावनाएं मिलती हैं। साथ ही इस दौरान व्यक्ति के अंदर नई चीजों से जुड़ने का शौक भी जागृत होता है। प्रेम और विवाह के संबंध में बात करें तो जब शुक्र का कुंभ राशि में प्रवेश होता है तो प्रेम संबंधों के लिहाज से यह समय आदर्श माना जाता है। इस दौरान जातकों के रिश्ते से हर तरह की गलतफहमी दूर होती है और बड़े से बड़े मुद्दे भी सुलझने लगते हैं।
जैसा कि हमने पहले भी बताया कि कुंडली में शुक्र ग्रह की मजबूत स्थिति बेहद ही जरूरी होती है। यही वजह है कि जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में नहीं होता है उन्हें ज्योतिष के जानकार इस ग्रह को अनुकूल और मजबूत बनाने के उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय चलिए आप भी जान लीजिए।
शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा सफेद और गुलाबी रंग का प्रयोग करें।
अपनी पत्नी का आदर करें।
मां लक्ष्मी की पूजा करें।
भगवान परशुराम की पूजा करें।
श्री सूक्त का पाठ करें।
मुमकिन हो तो शुक्रवार के दिन व्रत रखना शुरू कर दें।
इसके अलावा आप चाहें तो शुक्र से संबंधित चीजों का दान करें। इससे भी शुक्र ग्रह की शांति प्राप्त होती है।
आप चाहें तो हीरा रत्नधारण कर सकते हैं। शुक्र ग्रह को मजबूत बनाने के लिए हीरा रत्न बेहद ही फलदाई माना जाता है। इसके अलावा आप चाहें तो अपने घर, कार्य क्षेत्र या व्यापार वाली जगह पर शुक्र यंत्रकी स्थापना कर सकते हैं। अगर आप जड़ी धारण करना चाहते हैं तो आप शुक्र के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए अरंड मूल की जड़ी धारण कर सकते हैं। रुद्राक्ष की बात करें तो शुक्र से संबंधित रुद्राक्ष छह मुखीऔर तेरह मुखी रुद्राक्ष माना गया है।
इसके अलावा आप शुक्र से संबंधित मंत्र ॐ शुं शुक्राय नमः का भी नियमित रूप से जप कर सकते हैं। इससे भी आपको जल्द ही शुक्र के शुभ और अनुकूल परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे।
शुक्र का कुंभ राशि में गोचर- राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र ग्रह दूसरे और सातवें घर पर शासन करता है जो परिवार, वित्त, भाषण और विवाह और साझेदारी का भाव कहा जाता है। शुक्र का कुंभ राशि में गोचर…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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केतु गोचर 2024: इन राशियों को इस साल रहना होगा सावधान, उठानी पड़ सकती है मुसीबतें!
ज्योतिष के अनुसार, हर साल की तरह वर्ष 2024 में भी कई बड़े ग्रहों के गोचर होंगे और अनेक महत्वपूर्ण योगों का निर्माण होगा। इस प्रकार, बृहस्पति से लेकर शुक्र जैसे प्रमुख ग्रह एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें कि राहु-केतु एक राशि में तक़रीबन 18 महीने तक रहते हैं इसलिए इस साल केतु का कोई गोचर नहीं होगा, परन्तु 30 अक्टूबर, 2023 की दोपहर 02 बजकर 13 मिनट पर केतु कन्या राशि में प्रवेश कर गए हैं और वह इस राशि में 2025 तक रहेंगे। हालांकि, केतु के इस गोचर का प्रभाव पूरे साल सभी राशियों पर पड़ेगा। ऐसे में, कुछ राशियों पर इनका नकारात्मक असर दिखाई देगा।
एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको उन राशियों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा जिन्हें केतु के गोचर के दौरान सबसे ज्यादा सतर्क रहना होगा। तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं कौन सी हैं वह राशियां।
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केतु के गोचर से, इन राशियों की बढ़ेंगी परेशानियां
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए केतु का गोचर थोड़ा औसत रह सकता है क्योंकि इस दौरान आपको कार्यों के औसत परिणामों की प्राप्ति होगी। आशंका है कि कार्यक्षेत्र में आपको ज्यादा सफलता न मिले और साथ ही, आपके आसपास रहने वाले लोग आपको गलत फैसले लेने के लिए मज़बूर कर सकते हैं जिसके चलते आप भविष्य में किसी बड़ी समस्या में फंस सकते हैं इसलिए आपको सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, आपको संतान की चिंता परेशान कर सकती है। स्वास्थ्य की बात करें, तो इन जातकों को तेज सिरदर्द की शिकायत रह सकती है जिसका असर आपकी सेहत पर नज़र आ सकता है।
वर्ष 2024 में होने वाले केतु के गोचर को मिथुन राशि वालों के लिए ज्यादा अच्छा नहीं कहा जाएगा क्योंकि इस अवधि में आपको सुख-सुविधाओं का अभाव महसूस हो सकता है। साथ ही, इन जातकों को घर-परिवार में भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिसके चलते सदस्यों के बीच मतभेद देखने को मिल सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपके घर की शांति भंग होने की आशंका है। केतु का गोचर आपको किसी कानूनी मामले में फंसा सकता है और ऐसे में, आप काफ़ी परेशान नज़र आ सकते हैं। अगर आप कहीं धन निवेश करने का सोच रहे हैं, तो इस दौरान आपको ऐसा करने से बचने की सलाह दी जाती है। यह आपको तनाव देने का काम भी कर सकते हैं जिस वजह से आपके जोश और ऊर्जा में कमी आने की संभावना है।
सिंह राशि के जातकों के लिए इस वर्ष होने वाला केतु का गोचर शुभ नहीं रहने की आशंका है। इन लोगों पर जिम्मेदारियां ज्यादा होने के कारण उन्हें पूरा करना आपको मुश्किल लग सकता है। संभव है कि इन्हें पूरा करने के लिए आपको लोन लेना पड़े और ऐसे में, आप पर आर्थिक बोझ बढ़ने की संभावना है। साथ ही, निजी जीवन में भी आपको परिवारजनों, पार्टनर और दोस्तों के साथ भी भावनात्मक समस्याओं से जूझना पड़ सकता है जिसके चलते आप तनाव में आ सकते हैं। खुशियां भी नदारद रह सकती हैं। सिंह राशि वालों को करियर के क्षेत्र में समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है जो आपकी प्रगति के मार्ग में बाधा बन सकती है। दूसरी तरफ, आपके खर्चों में काफ़ी वृद्धि हो सकती है और यह आपकी मुश्किलों को बढ़ा सकती हैं।
तुला राशि वालों के लिए केतु का गोचर आपको शुभ परिणाम देने में पीछे रह सकता है क्योंकि यह अवधि आपके जीवन में समस्याएं लेकर आ सकती हैं। इन जातकों को जीवन के हर क्षेत्र में मिलने वाली सफलता में कमी देखने को मिल सकती है। इसके विपरीत, आपके खर्चों में भी वृद्धि आने की संभावना है और कई चीज़ों में उलझकर आपका समय बर्बाद हो सकता है। साथ ही, इन लोगों की एकाग्रता कमज़ोर रह सकती है जो कि तरक्की के मार्ग में आपके लिए समस्या बन सकती है। इस बात की प्रबल आशंका है कि यह जातक स्वयं को काबू में रखने में नाकाम रहे और ऐसे में, परिस्थितियां आपके लिए बिगड़ सकती हैं। जब बात आती है स्वास्थ्य और आर्थिक जीवन की, तो इन क्षेत्रों में केतु आपको एक के बाद एक समस्या देने का काम कर सकता है। यदि आप खानपान का ध्यान नहीं रखेंगे और पौष्टिक भोजन नहीं करेंगे, तो आपकी सेहत ख़राब रह सकती है।
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मकर राशि
वर्ष 2024 में केतु का गोचर मकर राशि वालों के लिए प्रतिकूल रहने के आसार है क्योंकि इस अवधि में इन जातकों को पिता और परिवार के बड़े-बुजुर्ग सदस्यों की चिंता परेशान कर सकती है। उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां घेर सकती हैं इसलिए उनके इलाज में आपको पैसा भी खर्च करना पड़ सकता है। साथ ही, केतु गोचर के प्रभाव की वजह से इन लोगों का परिवार के सदस्यों के साथ मतभेद या विवाद हो सकता है। इन सब परिस्थितियों की वजह से आपको जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
शनि देव के आधिपत्य वाली राशि कुंभ के लिए केतु का गोचर थोड़ा नकारात्मक रह सकता है। इस अवधि में आप जिस भी कार्य में प्रयास करेंगे, उसमें ही आपको अड़चनों और रुकावटों से दो-चार होना पड़ सकता है। ऐसे में, आप निराशा नज़र आ सकते हैं। जब तक केतु कन्या राशि में रहेंगे उस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ख्याल रखना होगा क्योंकि इस अवधि में आपको आंखों और दांतों से जुड़े रोग परेशान कर सकते हैं। साथ ही, पाचन संबंधी समस्याएं भी आपकी चिंता का विषय बन सकती हैं, इनसे बचने के लिए संतुलित भोजन करें। मई 2024 के बाद का समय घर-परिवार में प्रॉपर्टी विवाद को जन्म दे सकता है। दूसरी तरफ, माता का स्वास्थ्य आपको तनाव देने का काम कर सकता है और आपको उन पर धन खर्च करना पड़ सकता है।
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मेष राशि में बुध के आने पर, इन राशियों के साथ होने वाला है कमाल, हर तरफ होगा पैसा
ज्योतिषशास्त्र में बुध के गोचर को एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना माना गया है। बुध ग्रह को संदेशवाहक भी कहा जाता है जो कि संवाद और कौशल के कारक हैं। सौरमंडल के नौ ग्रहों में बुध को राजकुमार की उपाधि दी गई है। एक सुकोमल राजकुमार की तरह ही बुध भी सौम्य ग्रह माने जाते हैं और कुंडली में जिन भावों के स्वामी हैं और जिन भावों में बैठते हैं, उनके अनुसार फल प्रदान करने में सक्षम होते हैं।
अब मार्च के महीने में बुध का एक महत्वपूर्ण गोचर होने जा रहा है जिससे सभी राशियों के जीवन पर प्रभाव पड़ेगा किंतु कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्हें बुध के इस गोचर के दौरान बहुत ज्यादा लाभ प्राप्त होने की संभावना है। एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में हम आपको उन्हीं राशियों के बारे में बता रहे हैं जिनका बुध के इस गोचर के दौरान भाग्योदय होने वाला है।
26 मार्च, 2024 को सुबह 02 बजकर 39 मिनट पर बुध मीन राशि से निकल कर मंगल की राशि मेष में प्रवेश करेंगे। मेष अग्नि तत्व की राशि है एवं बुध इस राशि में 02 अप्रैल, 2024 को सुबह 03 बजकर 18 मिनट पर वक्री चलना शुरू करेंगे। मेष राशि में बुध वक्री अवस्था में 09 अप्रैल, 2024 तक रहेंगे और फिर 09 अप्रैल, 2024 को रात को 10 बजकर 06 मिनट पर अपनी वक्री अवस्था मीन में वापिस लौट जाएंगे। इसके बाद 10 मई, 2024 को बुध शाम 06 बजकर 39 मिनट पर फिर से मेष राशि में गोचर करेंगे। बुध का मंगल की राशि मेष में प्रवेश करना कुछ राशियों के लिए मंगलकारी सिद्ध होगा।
बुध के मेष राशि में गोचर करने पर इन्हें मिलेगा सुख
मेष राशि
मेष राशि के लग्न भाव में ही बुध का गोचर होने जा रहा है। आपकी राशि के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। आपको अपने प्रयासों में सफलता मिलेगी और आपके सारे सपने पूरे होंगे। इस समय आपकी निर्णय लेने की क्षमता बहुत मज़बूत रहने वाली है। इससे आपको आगे चलकर काफी मदद मिलने वाली है। आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है। यदि आप ऐसा कर पाते हैं, तो आपके संबंधों में मधुरता बनी रहेगी। वैवाहिक जीवन के लिए बुध का मेष राशि में आना बहुत शुभ साबित होगा। आप दोनों के बीच प्रेम और आपसी तालमेल बढ़ेगा और आप दोनों एक-दूसरे से खुलकर अपने मन की बात कह पाएंगे। व्यापार में थोड़ी सावधानी बरतकर आप मुनाफा कमा सकते हैं।
बुध ग्रह आपकी राशि के स्वामी हैं और इसके साथ ही आपके चौथे भाव के स्वामी भी हैं। बुध का यह गोचर आपके एकादश भाव में होने जा रहा है। इस समय आपकी आय में बढ़ोत्तरी होगी और आप आर्थिक रूप से मज़बूत बनेंगे। इसके साथ ही आपकी आय के नए स्रोत भी बनने वाले हैं। व्यापार में आपको अपनी उम्मीद से ज्यादा सफलता मिलने के योग हैं। आप अपनी बुद्धि और ज्ञान से अपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां उत्पन्न करने में सक्षम रहेंगे। नौकरीपेशा जातकों के अपने वरिष्ठ अधिकारियों से अच्छे संबंध बनेंगे। इसके अलावा मिथुन राशि के लोगों के प्रेम जीवन के लिए भी यह समय बहुत अनुकूल है। आप अपने पार्टनर से अपनी मन की बात साझा करेंगे। समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी और आपके नए दोस्त भी बनेंगे। आपकी अटकी हुई योजनाओं के भी अब सफल होने के योग हैं। इस गोचर के दौरान आप संपत्ति में भी निवेश कर सकते हैं।
कर्क राशि के लिए बुध द्वादश और तीसरे भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस समयावधि में कर्क राशि के लोगों को अपने करियर में अपार सफलता मिलने के योग हैं। आप सही और बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होंगे। आपके कार्यक्षेत्र में लोग आपकी प्रशंसा करेंगे और आपको इस समय पदोन्नति मिलने की भी उम्मीद है। अपने सहकर्मियों के साथ भी आपके अच्छे संबंध बनेंगे। पारिवारिक जीवन के लिए बहुत अनुकूल समय है। परिवार में खुशियां आएंगी और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ेगा। व्यापारी अपने बिज़नेस को बढ़ाने के बारे में सोच सकते हैं। आप अपने कार्यक्षेत्र को और बेहतर तरीके से व्यवस्थित करने में सफल होंगे।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
मीन राशि
मीन राशि के चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं बुध और अब आपके दूसरे भाव में बुध का गोचर होने जा रहा है। आपकी वाणी में प्रभावशीलता बढ़ेगी और आप अपनी बातों से लोगों को प्रभावित कर पाएंगे। वहीं व्यापारियों के लिए भी मुनाफे के प्रबल योग बन रहे हैं। आप अपने बिज़नेस में नई तकनीकों का इस्तेमाल करेंगे। वैवाहिक जीवन के लिए भी बहुत उत्तम समय है। आपको अपने जीवनसाथी का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा और आपका पार्टनर आपके लिए समर्पित भाव दिखाएंगे। परिवार की आय में वृद्धि देखने को मिलेगी और आप पैसों की बचत भी कर पाएंगे। आप धन का निवेश भी कर सकते हैं जिससे आपको आगे चलकर मुनाफा हागा। परिवार के सदस्यों के बीच प्यार बढ़ेगा और आप अपने परिवार के साथ अच्छा समय बिताएंगे। संपत्ति को बेचने से भी आपको धन लाभ हो सकता है। परिवार में कोई शुभ समाचार आ सकता है जिससे हर सदस्य के चेहरे पर मुस्कान रहेगी। आप भी इस गोचर के दौरान काफी संतुष्ट और प्रसन्न महसूस करेंगे।
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अक्षर से शुरू होता है तो 2024 में आपका नाम ऐसी होगी आपकी लव लाइफ
प्रेम के लिहाज से वर्ष 2024 आपके लिए कैसा रहने वाला है? अगर आप यह जानना चाहते हैं और आपका नाम अंग्रेजी के B अक्षर से शुरू होता है तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं क्योंकि हमारे इस खास ब्लॉग में हम इसी विषय पर बात करेंगे और जानेंगे B नाम वालों के लिए वर्ष 2024 प्रेम के लिहाज से क्या नई चुनौतियां या सौगात लेकर आने वाला है।
आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले एक नजर डाल लेते हैं B नाम के लोगों के व्यक्तित्व से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों पर।
सबसे पहले यह जानना बेहद आवश्यक होता है कि व्यक्ति का नाम उसके स्वभाव, उनके व्यक्तित्व पर गहरा असर डालता है। ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि नाम का पहला अक्षर व्यक्ति के स्वभाव को दर्शाता है। वहीं अब बात करें बी (B) अक्षर के लोगों की तो ज्योतिष के अनुसार ऐसे जातक हंसमुख स्वभाव के होते हैं। यह नीरस से नीरस महफिल में भी जान भरने का दम रखते हैं। इसके अलावा अपनी इसी खासियत से यह बड़ी से बड़ी परेशानी से भी चुटकी बजाते ही निकलने की क्षमता भी रखते हैं।
हालांकि यह स्वभाव में बेहद ही इमोशनल होते हैं और किसी की कही छोटी सी छोटी सी भी बात उनके दिल पर लग जाती है। प्रेम और वैवाहिक रिश्ते की बात की जाए तो यह कभी भी किसी को धोखा देने का सोच भी नहीं सकते हैं। अपने काम के प्रति यह लोग बेहद ही समर्पित होते हैं और अगर एक बार यह कोई काम शुरू कर देते हैं तो उसे पूरा किए बिना पीछे नहीं हटते हैं। अपनी इसी खासियत पर यह अपने जीवन में बड़ा मुकाम हासिल करने का भी दम रखते हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
ऐसे लोग परिवार से जुड़े हुए होते हैं अपने जमीन और उसूलों से जुड़े हुए होते हैं और बेहद ही महत्वाकांक्षी होते हैं। इसके अलावा अक्सर देखा गया है कि B अक्षर के लोग खुले विचारों वाले होते हैं, इन्हें हमेशा वास्तविकता में जीना पसंद होता है, यह सपनों की दुनिया में ना जीते हैं ना दूसरों को जीने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी यह खासियत इनको अपने करीबियों और मित्रों के और भी नजदीक ले जाती है। इसके अलावा B अक्षर के नाम के लोगों की सबसे बड़ी खासियत होती है कि यह भविष्य को बहुत ही आसानी से आंक लेते हैं अर्थात इनकी इनट्यूशन पावर बहुत ही मजबूत होता है और यही वजह है कि अक्सर देखा गया है कि अपने जीवन में आने वाली परेशानी से यह निपटने में कामयाब रहते हैं।
चलिए अब आगे बढ़ते हैं और विद्वान ज्योतिषी की भविष्यवाणी के माध्यम से जान लेते हैं कि B अक्षर के लोगों का प्रेम जीवन वर्ष 2024 में कैसा रहेगा।
कैसा रहेगा B नाम वालों का प्रेम जीवन
वर्ष 2024 में B अक्षर के लोगों को प्रेम से संबंधित मुद्दों पर कुछ रूकावटों या फिर कुछ देरी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि आप अपने पार्टनर के साथ हर स्थिति में खड़े नजर आएंगे जो आपके रिश्ते को मजबूती प्रदान करेगा। प्रेम जीवन बेशक मुश्किलों भरा रहेगा और आपके जीवन में सुख शांति की भी कमी महसूस होगी लेकिन धैर्य के दम पर आप इन सभी परेशानियों से निपटने में कामयाब रहेंगे।
इस राशि के जो जातक अपने प्रेम संबंधों को वैवाहिक रिश्ते में बदलने का विचार कर रहे हैं उनके लिए इस साल में मई के बाद का समय ज्यादा अनुकूल नहीं रहेगा। ऐसे में आप दोनों को इस अवधि में कोई बड़ा फैसला न लेने की सलाह दी जाती है। इस साल आपके और आपके पार्टनर के बीच समझ की कमी भी देखने को मिलेगी जिसकी वजह से तालमेल की कमी भी आप दोनों को उठानी पड़ सकती है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रेम जीवन से संबंधित शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको इस साल थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। आपके रिश्ते में खुशियां भी औसत नजर आएंगी। आपको सलाह दी जाती है कि धैर्य के साथ काम करें और अपने जीवन में सुख शांति बनाए रखने का प्रयत्न करें। ऐसा करने से आपका प्रेम जीवन शानदार बना रहेगा। हालांकि इस वर्ष मई से लेकर नवंबर के दौरान आपको प्रेम के संदर्भ में अनुकूल परिणाम प्राप्त हो सकते हैं और आप दोनों की आपसी समझ भी इस दौरान बढ़ेगी।