मंगल का गोचर इन राशि के जातकों के लिए साबित होगा शुभ, इन्हें रहना होगा सावधान

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको मंगल का कुंभ राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि यह देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा और इस दौरान शेयर बाजार में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे। बता दें मंगल 15 मार्च 2024 को कुंभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इस दौरान राशि सहित देश-दुनिया व शेयर मार्केट में इसका अनुकूल व प्रतिकूल प्रभाव क्‍या पड़ेगा।

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जब कुंडली में मंगल मज़बूत स्थिति में उपस्थित होते हैं, तो व्‍यक्‍ति को अपने जीवन में संतुष्टि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही, वह उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य का आनंद लेता है और ये जातक बुद्धिमान होते हैं। मंगल के मज़बूत होने पर व्‍यक्‍ति को उच्‍च सफलता के साथ-साथ हर क्षेत्र में सकारात्‍मक परिणाम मिलते हैं। इसके साथ ही ये जातक साहसी और शक्तिशाली होते हैं एवं इन्‍हें प्रशासनिक और राजनीतिक सहयोग मिलता है।

कुंभ राशि के स्‍वामी ग्रह शनि देव हैं और शनि एवं मंगल एक दूसरे के शत्रु ग्रह हैं। इस वजह से शनि की राशि कुंभ में आने पर मंगल ज्‍यादा सहज महसूस नहीं करते हैं। कुंडली में मंगल मज़बूत हो, तो जातक दृढ़ और आत्मविश्वास से भरे होते हैं। इसके अलावा, जातक को अपने विशेष गुणों को दिखाने का मौका मिलता है। 

ये जातक बहुत जुनूनी होते हैं और एक बार जाे ठान लेते हैं, उसे पूरी प्रतिबद्धता से पाने का प्रयास करते हैं। इनके स्‍वामी ग्रह शनि स्‍वभाव से गंभीर माने जाते हैं और इसकी झलक कुंभ राशि के लोगों में भी देखने को मिलती है। मंगल और शनि के बीच मित्रता का संबंध न होने के कारण शनि की राशि कुंभ में होने पर मंगल ज्‍यादा अच्‍छे परिणाम नहीं दे पाते हैं। तो चलिए अब जानते हैं कि मंगल के कुंभ राशि में गोचर करने पर राशियों और देश-दुनिया पर इसका क्‍या प्रभाव पड़ेगा।

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मंगल का कुंभ राशि में गोचर : तिथि एवं समय

मंगल 15 मार्च, 2024 की शाम 05 बजकर 42 मिनट पर शनि की राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे। वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार मंगल और शनि के बीच मित्रता का संबंध नहीं है।

इस ब्‍लॉग में आगे बताया गया है कि मंगल के इस गोचर का राशियों, देश और दुनिया पर क्‍या असर पड़ेगा।

कुंभ राशि में मंगल के गोचर: विशेषताएं

कुंंभ राशि में मंगल के उपस्थित होने पर व्‍यक्‍ति दूरदर्शी बनता है। इस समय व्‍यक्‍ति को शानदार प्रदर्शन करने और बाधाओं एवं रुकावटों को तोड़कर आगे बढ़ने का मौका मिलता है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल कुंभ राशि में होते हैं, उन्‍हें अपने भाग्‍य का साथ मिलता है और वह प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं। मंगल के शत्रु शनि वायु तत्‍व की राशि कुंभ के स्‍वामी ग्रह हैं इसलिए शत्रु राशि में आने पर मंगल कुछ जातकों को नकारात्‍मक प्रभाव दे सकते हैं। हो सकता है कि इस दौरान आपको मिले जुले परिणाम देखने को मिलें।

मकर राशि में मंगल का विराजमान होना, कुंभ राशि में मंगल की स्थिति से कम अनुकूल माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि कुंभ राशि व्‍यवहारिक और आत्‍मनिर्भर है जबकि मकर राशि के जातक कम बोलने वाले, जिद्दी और उदासीन होते हैं।

मकर राशि में मंगल का होना अच्‍छा माना जाता है क्‍योंकि कुंभ राशि के लोग मानवीय और स्‍वभाव से मिलनसार होते हैं जबकि मकर राशि के जातक कम बोलने वाले, जिद्दी और उदासीन होते हैं एवं शनि इस प्रवृत्ति को और बढ़ाता है।

जिन लोगों की कुंडली में मंगल, कुंभ राशि में उपस्थित होते हैं, वे जातक बहुत बुद्धिमान और समझदार होते हैं। ये चीज़ों को अच्‍छी तरह से मैनेज कर पाते हैं और तर्कशील होते हैं एवं सोच-विचार करने के बाद ही कोई काम करते हैं। उत्‍कृष्‍ट मानसिकता होने की वजह से इन जातकों में नेतृत्‍व करने के गुण होते हैं अर्थात् ये बेहतरीन लीडर बन सकते हैं। यदि किसी व्‍यक्‍ति की कुंडली में जन्‍म के समय कुंभ राशि में मंगल मौजूद हों, तो वे जातक न्‍यायप्रिय और खुले विचारों वाले होते हैं। ये बोलने में निपुण होते हैं और अपने एवं दूसरों के लिए स्‍वतंत्र रूप से काम करना चाहते हैं।

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मंगल का कुंभ राशि में गोचर: इन राशियों को होगा लाभ

मेष राशि

मेष राशि के लिए मंगल पहले और आठवें भाव के स्‍वामी हैं और अब वह इच्छा, आय और लाभ के भाव यानी ग्‍यारहवें घर में गोचर करने जा रहे हैं। यह समय मेष राशि के जातकों के लिए फलदायी साबित होगा। आप अपनी टीम या सहकर्मियों के साथ शानदार समय बिताएंगे। चूंकि, मंगल आपकी राशि के स्‍वामी ग्रह हैं इसलिए इस गोचर के दौरान आपको सकारात्‍मक परिणाम प्राप्‍त होंगे।

यदि आप पदोन्‍नति का इंतज़ार कर रहे हैं, तो अब आपकी यह इच्‍छा पूरी हो सकती है। व्‍यापारियों के लिए भी यह समय बहुत ज्‍यादा लाभकारी सिद्ध होगा। आर्थिक स्‍तर पर आप राहत महसूस करेंगे। हालांकि, अपनी आर्थिक स्थिति को और बेहतर करने और आय के अतिरिक्‍त स्रोतों का आनंद उठाने के लिए आपको अधिक मेहनत करने की जरूरत है। आपको रियल एस्‍टेट से भी आमदनी होने की उम्‍मीद है। आपकी आय में वृद्धि होगी और आप अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्‍त करेंगे।

मेष साप्ताहिक राशिफल

वृषभ राशि

वृषभ राशि के लोगों के लिए मंगल सातवें और बारहवें भाव के स्‍वामी हैं। कुंडली का सातवां भाव विवाह और बिज़नेस पार्टनरशिप एवं बारहवां भाव खर्चों और विदेशी भूमि या लाभ को दर्शाता है। अब मंगल वृषभ राशि के दसवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं जो कि करियर, नाम और प्रसिद्धि का कारक है। करियर के मामले में यह समय आपके लिए बहुत ज्‍यादा फलदायी साबित होगा। आपको अपने कार्यक्षेत्र में अपनी काबिलियत को साबित करने के कई अवसर मिलेंगे। यह अवधि उन क्षेत्रों में कुछ बेहतर करने की है, जिसमें आप खुद को आगे ले जा सकते हैं। आपने अपने कार्यक्षेत्र में जो मेहनत की है, उसकी वजह से आपकी प्रतिष्‍ठा में इज़ाफा होगा और आपकी लोकप्रियता भी बढ़ेगी। 

आपको इस समय अपने प्रतिद्वंदियों से सतर्क रहने की आवश्यकता है। आपके कार्य आसानी से पूरे होंगे और आपको अपने सभी पेशेवर मामलों में सफलता मिलेगी। इस समय आपको अपनी कड़ी मेहनत की वजह से लाभ होने के संकेत हैं। आपके लिए धन लाभ के योग भी बन रहे हैं और समझदारी से अपने पैसों का निवेश करेंगे। निजी जीवन में आपको अपने रिश्‍तों को लेकर थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। अपने रिश्‍तों में तनाव या अनबन से बचने के लिए आपको विनम्रता और धैर्य रखना होगा।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

सिंह राशि

सिंह राशि के लोगों के लिए मंगल चौथे और नौवें भाव के स्‍वामी हैं और अब वह विवाह एवं साझेदारी के भाव यानी सातवें घर में गोचर कर रहे हैं। इस समय व्‍यापारियों और पार्टनरशिप में बिज़नेस करने वाले लोगों को मुनाफा होगा। वहीं नौकरीपेशा जातकों के लिए पदोन्‍नति के योग भी बन रहे हैं। आपको अपने कार्यक्षेत्र और पेशेवर जीवन में कुछ समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपका अपने सहकर्मियों से झगड़ा भी हो सकता है इसलिए आपको इस समय धैर्य से काम लेने की सलाह दी जाती है। आपको किसी निवेश से लाभ होने के आसार हैं। इसके अलावा आपका अटका हुआ पैसा भी वापिस मिल सकता है। वहीं निजी जीवन में भी आपके रिश्‍तों में खटास आने की आशंका है। आपके प्रति आपके जीवनसाथी के व्‍यवहार में भी बदलाव आ सकता है।

सिंह साप्ताहिक राशिफल

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और बारहवें भाव के स्‍वामी हैं और अब वह तीसरे भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। कुंडली का तीसरा भाव साहस, भाई-बहनों और कम दूरी की यात्राओं को दर्शाता है। इस समय आपको व्‍यापार में कुछ नए अवसर मिल सकते हैं। आप अपनी काबिलियत और तकनीकी ज्ञान की वजह से विभिन्‍न क्षेत्रों में सफलता प्राप्‍त करेंगे। इस समय खासतौर पर करियर के सिलसिले में यात्रा करना आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा। 

आर्थिक जीवन के लिए भी यह गोचर फायदेमंद साबित होगा। आपको अपने निवेश से अच्‍छा मुनाफा होने की संभावना है। इस समय आपके धन में तो वृद्धि होगी ही लेकिन इसके साथ ही आपके खर्चे भी बढ़ जाएंगे इसलिए आपको इस समय थोड़ा संभलकर चलने की जरूरत है। हालांकि, पैसों को लेकर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। किसी विशेषज्ञ या अनुभवी व्‍यक्‍ति की मदद से आप निवेश कर सकते हैं। धन के निवेश के लिए अच्‍छा समय है। निजी जीवन की बात करें, तो इस समय आपके अपने पार्टनर के साथ मधुर संबंध रहेंगे।

धनु साप्ताहिक राशिफल

कुंभ राशि

कुंभ राशि के लिए मंगल तीसरे और दसवें भाव के स्‍वामी हैं और अब वह आपके प्रथम यानी लग्‍न भाव में गोचर कर रहे हैं। लग्‍न भाव हमारे व्‍यक्‍तित्‍व, चरित्र और स्‍वयं का कारक होता है। इस गोचर के दौरान आपके व्‍यवहार में बदलाव आ सकता है। आप अचानक से चिड़चिड़ापन महसूस कर सकते हैं। करियर के क्षेत्र में आप अच्‍छा प्रदर्शन करेंगे। आप तय समय से पूर्व ही अपना काम पूरा कर लेंगे। आपको जल्‍दबाज़ी में कोई निर्णय न लेने और इस गोचर काल में कोई नया काम शुरू न करने की सलाह दी जाती है। आप अपने रुके हुए कामों को पूरा करने पर ध्‍यान दें। आर्थिक रूप से यह गोचर आपके लिए औसत फलदायी रहने वाला है। आपके खर्चों में वृद्धि होगी और आपका भौतिक सुख-साधनों की ओर रुझान बढ़ सकता है।

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

मंगल का कुंभ राशि में गोचर: इन राशियों को होगा नुकसान

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए मंगल छठे और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी हैं और अब वह आपके नौवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। कुंडली का नवम भाव भाग्‍य, धर्म, अंतर्राष्‍ट्रीय यात्रा और पिता का कारक होता है। आय के मामले में यह गोचर आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। आपकी आमदनी में इज़ाफा होगा और आपके लिए आय के नए स्रोत खुलेंगे। इसके साथ ही अब आपको अपनी सभी वित्‍तीय समस्‍याओं का समाधान मिल जाएगा।

रियल एस्‍टेट के क्षेत्र में आपको विशेष सफलता मिलने की संभावना है। करियर के क्षेत्र में आपके प्रतिद्वंदी आपकी छवि को खराब करने का प्रयास कर सकते हैं इसलिए आपको इस समय थोड़ा सावधान रहना चाहिए। निजी जीवन की बात करें, तो इस दौरान आपके और आपके पिता के बीच गलतफमियां और बहस हो सकती है। आपके पिता को कोई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या भी परेशान कर सकती है।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

कर्क राशि

कर्क लग्‍न वाले जातकों के लिए मंगल पांचवें और दसवें भाव के स्‍वामी हैं और अब वह आठवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। कुंडली का अष्‍टम भाव गूढ़ विज्ञान, अचानक घटित होने वाली घटनाओं, वंश और दीर्घायु का कारक है। इस गोचर के दौरान आपको अपने पेशेवर जीवन में उच्‍च अधिकारियों या सकहर्मियों के साथ कुछ समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है कि आपको अपने कार्यक्षेत्र में अपने वरिष्‍ठ अधिकारियेां और सहकर्मियों का सहयोग न मिल पाए।

आप कार्यक्षेत्र में पूरी एकाग्रता के साथ काम करने में असफल हो सकते हैं और इस वजह से आपको कुंठा या निराशा घेर सकती है। आर्थिक स्थिति के लिए भी यह समय ज्‍यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है। आप आर्थिक रूप से ज्‍यादा सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे। आप इस समय लोन लेने के बारे में भी सोच सकते हैं। आपको इस दौरान स्‍टॉक मार्केट, सट्टा बाज़ार या चल संपत्ति जैसे कि मशीन, उपकरण और वाहन आदि में निवेश करने से बचना चाहिए। निजी जीवन की बात करें, तो इस समयावधि में आपके और आपके पार्टनर के बीच गलतफहमियां और अहंकार संबंधी समस्‍याएं पैदा हो सकती हैं। इससे आपके रिश्‍ते में खटास आने की आशंका है। आपको अपने ससुराल वालों के साथ भी कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

 कर्क साप्ताहिक राशिफल

मंगल का कुंभ राशि में गोचर: ज्‍योतिषीय उपाय

  • आप हर मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • अपने घर में शुभ स्‍थान पर मंगल यंत्र की स्‍थापना कर उसकी पूजा करें।
  • ज्‍योतिषी से परामर्श लेने के बाद आप अपने दाएं हाथ में लाल मूंगा की अंगूठी पहन सकते हैं।
  • गरीब और जरूरतमंद लोगों को लाल मूंग दाल, तांबे के बर्तनों और सोने एवं कपड़ों आदि का दान करें।
  • छोटे बच्‍चों को बेसन से बनी मिठाई या लड्डुओं का दान करें।

कुंभ राशि में मंगल का गोचर: विश्‍व पर क्‍या पड़ेगा असर

सरकार और नीतियां

  • कुंभ राशि में मंगल का गोचर सरकार और उसके कार्यों का समर्थन करेगा। सरकार अपने अधिकार और तर्क को कायम रखने के लिए थोड़ी उग्र हो सकती है।
  • भारतीय सरकार के वक्‍ता और महत्‍वपूर्ण पदों पर बैठे अन्‍य राजनेता सोच-समझकर कार्य करेंगे और व्‍यवहारिक रणनीति अपनाएंगे।
  • सरकारी अधिकारी अपने कार्यों और योजनाओं का विश्‍लेषण जल्‍दबाज़ी में लेकिन पूरी समझदारी के साथ करते हुए नज़र आएंगे।

आईटी और इंजीनियरिंग

  • कुंभ राशि में मंगल का प्रवेश करना सॉफ्टवेयर डेवलपरों और आईटी इंजीनियरों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।
  • इस गोचर काल में तकनीकी क्षेत्र में बहुत तेजी से प्रगति होगी।
  • गेम्‍स, एनीमेशन और एआई में और विकास होगा एवं इससे अन्‍य क्षेत्रों की प्रगति में मदद मिलेगी।

मेडिसन के क्षेत्र में आविष्‍कार और रिसर्च

  • इस गोचर के दौरान सरकार द्वारा दी जाने वाली चिकित्‍सकीय सुविधाओं में सकारात्‍मक बदलाव आने के आसार हैं।
  • मेडिकल क्षेत्र में कुछ ऐसे आविष्‍कार और अध्‍ययन हो सकते हैं जिनकी मदद से मेडिकल सुविधाएं बेहतर हो सकें।
  • डॉक्‍टर और अन्‍य फ्रंटलाइन वर्करों जैसे कि कस्‍टमर और क्‍लाइंट के साथ सीधा डील करने वाले लोगों को इस गोचर से लाभ होगा।

कुंभ रा‍शि में मंगल का गोचर: स्‍टॉक मार्केट पर प्रभाव

वैदिक ज्‍योतिष में मंगल को उग्र ग्रह बताया गया है और अब यह ग्रह 15 मार्च, 2024 को शनि की राशि कुंभ में प्रवेश करने जा रहा है। हम आपको विस्‍तार से बता रहे हैं कि इस गोचर से स्‍टॉक मार्केट में क्‍या बदलाव आ सकते हैं। आप एस्‍ट्रोसेज की स्‍टॉक मार्केट रिपोर्ट 2024 की मदद से भी जान सकते हैं कि आपके लिए शेयर मार्केट में निवेश करना कैसा साबित होगा।

  • केमिकल उद्योग, पब्लिक सेक्‍टर, फार्मास्‍यूटिकल सेक्‍टर, पॉवर सेक्‍टर और सीमेंट उद्योग अच्‍छा प्रदर्शन करेंगे।
  • कुंभ राशि में मंगल के गोचर करने पर विद्युत उत्‍पाद उद्योग, इलेक्ट्रिकल, बिजली, चाय और कॉफी उद्योग, सीमेंट उद्योग, डायमंड इंडस्‍ट्री, केमिकल, हैवी इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में बेहतर काम होगा।
  • पिछले कुछ महीनों से सोने के भाव में आ रही बढ़ोत्‍तरी में अब स्थिरता देखने को मिलेगी।।

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2024 में कैसी रहेगी आपकी आर्थिक स्थिति? मजबूत होगा बैंक बैलेन्स या लेना पड़ेगा लोन?

आज के समय में हर कोई इंसान पैसों के पीछे भाग रहा है। दिन रात लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं ताकि वह अपना बैंक बैलेंस मोटा कर सकें। पैसा आज के समय में इंसान की सबसे बड़ी जरूरत बन चुका है। यही वजह है कि लोग समय से पूर्व भी यह जानना चाहते हैं यानी कि उनकी आर्थिक स्थिति कैसी रहेगी। क्या उन्हें अच्छे आर्थिक जीवन का सुख मिलेगा है या कर्ज़ और लोन लेकर उन्हें अपना जीवन यापन करना पड़ेगा? 

अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल है तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं क्योंकि एस्ट्रोसेज के अपने स्पेशल ब्लॉग में हम यही जानेंगे कि वर्ष 2024 में मेष से लेकर मीन राशि के जातकों का आर्थिक पक्ष कैसा रहने वाला है।

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मेष राशि 

मेष राशि के जातकों का आर्थिक पक्ष 2024 में उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। इस साल आपके जीवन में धन से संबंधित कई परेशानियां खड़ी हो सकती है। 12वें भाव में बैठे राहु आपके खर्चों में वृद्धि कराएंगे जिससे आपको कर्ज़ या फिर लोन भी लेना पड़ सकता है। हालांकि अगर अपने पूर्व में कहीं निवेश किया है तो साल की शुरुआत में आपको इससे लाभ अवश्य मिलने की संभावना है। इस राशि के जो जातक शेयर बाजार में निवेश करते हैं उनके लिए अगस्त से अक्टूबर का महीना अनुकूल रहेगा और जनवरी से फरवरी, अप्रैल, जून, अगस्त और दिसंबर का महीना सरकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अनुकूल रहेगा। नौकरी पेशा लोगों के लिए साल का मध्य भाग अनुकूल रहने वाला है।

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति की बात करें तो आपको इस साल मिश्रित परिणाम मिलेंगे। आप अपनी इच्छाओं को पूरा करने में कामयाब होंगे साथ ही धन निवेश करना चाहते हैं तो इसमें भी आपको सफलता मिलेगी। इस साल आपके खर्च बढ़ने वाले हैं लेकिन वहीं आपको गुप्त स्त्रोत से धन की प्राप्ति भी हो सकती है। वित्तीय तौर पर अनुकूल महीनों की बात करें तो मार्च से अप्रैल और जुलाई से अगस्त और दिसंबर का महीना अनुकूल रहेगा।

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए आर्थिक पक्ष के लिहाज से यह साल बेहतर रहने वाला है। इस साल आपको धन को लेकर कोई भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आपके जीवन में धन का प्रवाह बना रहेगा। सोच समझ कर चलें, बजट बनाकर चलें अन्यथा आपके खर्च बढ़ने वाले हैं। इस साल फरवरी से लेकर मार्च के बीच कोई भी बड़ा वित्तीय फैसला ना लें। अप्रैल से जून के बीच आपको धन के पक्ष में अनुकूल परिणाम मिलेगा।

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों की बात करें तो यह साल आपके लिए ज्यादा अनुकूल नहीं नजर आ रहा है। इस साल आपको धन को बचाने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करना होगा। ऐसे में आप चाहें तो किसी सलाहकार की मदद ले सकते हैं। अपने खर्चों में थोड़ी कटौती करने की सलाह दी जा रही है। कुल मिलाकर इस साल आपको बेहद ही सोच समझकर और संतुलन बनाकर आर्थिक फैसले लेने होंगे।

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आर्थिक संपन्नता के लिए अवश्य अपनाएँ ये ज्योतिषीय उपाय :

  • अपनी कुंडली के धनेश ग्रह के मंत्र का जाप करें।
  • नियमित रूप से श्री सूक्त का रोज पाठ करें।
  • मुमकिन हो तो शुक्रवार को गाय को चावल की खीर खिलाएं।
  • रोजाना 108 बार ॐ श्रीम श्रिये नमः का एक माला जाप अवश्य करें।

सिंह राशि 

इस साल सिंह राशि के जातकों को बेहद सोच समझकर कोई भी वित्तीय फैसला लेने की आवश्यकता पड़ेगी। आपके जीवन में धन का प्रवाह नियमित रूप से बना रहेगा लेकिन आपके खर्चे में इस साल बहुत होने वाले हैं। अप्रैल से लेकर अगस्त तक का समय आर्थिक संदर्भ में अनुकूल रहने वाला है। इस दौरान आपको ढेरों वित्तीय लाभ होंगे। आपको सलाह दी जाती है कि इस साल जितना हो सके अपने धन का सदुपयोग करें और वित्तीय संतुलन स्थापित करने का प्रयोग करें।

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के जीवन में इस साल ढेरों उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। आपको आर्थिक पक्ष पर संघर्ष करना पड़ेगा। ऐसे में आपको प्रबंधन पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती है। इस साल कोई भी बड़ा निवेश करने से बचें क्योंकि ऐसा करने से आपके पैसे अटक सकते हैं या फिर आप को बड़ी धन हानि भी हो सकती है। इस राशि के नौकरी पैसा जातकों को साल के उत्तरार्ध में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे और आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनेगी।

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए आर्थिक पक्ष के लिहाज से यह साल अनुकूल रहने वाला है। शनि देव की कृपा से आपके जीवन में आर्थिक उन्नति के योग बनेंगे और आप वित्तीय तौर पर मजबूत स्थिति का लाभ उठाएंगे। नौकरीपेशा जातकों को कोई प्रोत्साहन मिल सकता है जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनेगी। अगस्त के महीने में आपको विशेष परिणाम मिलने की संभावना है। इस साल आर्थिक पक्ष पर आपको भाग्य का भी साथ मिलेगा जिससे आप अपार लाभ अर्जित करने में कामयाब रहेंगे।

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के जीवन में आर्थिक पक्ष के लिहाज से यह साल ढेरों अवसर लेकर आएगा। आप वित्तीय स्थिरता हासिल करेंगे, पैसों की कमी की वजह से आप जो भी काम नहीं कर पा रहे थे वह इस साल कर पाने में कामयाब रहेंगे। बृहस्पति की छठे भाव में मौजूदगी कुछ चुनौतियां लेकर आ सकती है और इस दौरान आपको सोच समझ कर ही खर्च करने की आवश्यकता पड़ेगी। मई के महीने से आपकी आर्थिक स्थिति दोबारा मजबूत होने लगेगी।

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धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए साल 2024 का पूर्वार्ध ज्यादा अनुकूल रहने वाला है। इस दौरान आर्थिक रूप से स्थिर रहेंगे, आपको आर्थिक पक्ष के संदर्भ में भाग्य का साथ मिलेगा। इसके अलावा इस अवधि में आप आर्थिक फैसले सही ढंग से लेने में भी कामयाब रहेंगे। मई के बाद आपके खर्चों में तेजी देखने को मिलेगी जिससे वित्तीय स्थिरता कमजोर हो सकती है। इस साल कहीं भी खर्च कर रहे हैं या कोई भी बड़ा निवेश कर रहे हैं तो बेहद ही सोच समझकर कोई फैसला लेने की सलाह दी जा रही है।

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए साल की शुरुआत अनुकूल रहेगी। आप आर्थिक रूप से स्थिर स्थिति का लाभ उठाएंगे। साथ ही आप धन संचित करने में भी सफल रहेंगे। साल की शुरुआत में 12वें भाव में मंगल और सूर्य की स्थिति खर्चों में तेजी लेकर आएगी। ऐसे में आपके यहां सावधान रहने के सलाह दी जाती है। मई महीने से आपको आर्थिक जीवन में बेहतर परिणाम प्राप्त होने शुरू हो जाएंगे क्योंकि इस दौरान बृहस्पति आपके चतुर्थ भाव से निकलकर पंचम भाव में प्रवेश कर चुके होंगे। यह समय निवेश के लिए भी अनुकूल रहेगा।

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के जातक इस साल आय के नए स्रोत हासिल करने में कामयाब रहेंगे। किसी पुराने निवेश से लाभ मिलेगा जिससे भी आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। हालांकि मार्च के महीने में आपको आर्थिक पक्ष पर कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। हालांकि उसके बाद सब कुछ बेहतर होने लगेगा और आपके अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। साल के आखिरी महीने में आप खुद को वित्तीय रूप से ज्यादा मजबूत स्थिति में पाएंगे।

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों को वर्ष 2024 में ढेरों उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। इस दौरान आपके खर्च भी बढ़ सकते हैं। सलाह दी जा रही है कि इस साल किसी भी तरह के निवेश में हाथ ना डालें अन्यथा आपको नुकसान हो सकता है। वित्त का सही ढंग से प्रबंधन करते हैं तो आप आर्थिक परेशानियां अपने जीवन से दूर कर सकते हैं। साल के मध्य में बृहस्पति की दूसरे भाव में स्थित आपको आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी। हालांकि इसके बाद आपको थोड़ी चुनौतियां उठानी पड़ सकती हैं। अगस्त के बाद आप एक बार फिर अच्छी वित्तीय स्थिति का लाभ उठाएंगे और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में कामयाब रहेंगे।

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सूर्य का मीन राशि में गोचर: जानें कैसे करेगा 12 राशियों को प्रभावित?

सूर्य का मीन राशि में गोचर 2024: आत्मा, शक्ति, रोशनी, अनुशासन के कारक ग्रह सूर्य 14 मार्च 2024 को मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। सूर्य देव 14 मार्च 2024 को कुंभ राशि को छोड़कर बृहस्पति की दूसरी राशि मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं जो कि सूर्य के लिए अतिमित्र राशि मानी जाएगी। 13 अप्रैल 2024 तक सूर्य मीन राशि में रहेंगे और इस गोचर का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा? यह जानने से पहले आइए जानते हैं कि सूर्य का मीन राशि में गोचर भारतवर्ष को कैसे प्रभावित करेगा।

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सूर्य गोचर का भारत पर प्रभाव

सूर्य भारत की कुंडली के चौथे भाव के स्वामी हैं और अग्नि तत्व के ग्रह हैं। ऐसे में, अग्नि तत्व वाले चतुर्थेश का जल तत्व की द्विस्वभाव राशि में जाना जनता के मन  को बांटने का काम कर सकता है अर्थात सूर्य के इस गोचर के चलते जनता में आपसी विरोध देखने को मिल सकता है। गुटबाजी की स्थिति बन सकती है। लगभग हर दल में आंतरिक कलह या गुटबाजी आ सकती है, लेकिन अनुकूल बात यह है कि सूर्य अतिमित्र राशि में रहेंगे। इसके फलस्वरूप, जनता को इस बात का अनुमान रहेगा कि गुटबाज़ी या विवाद से हमारा ही नुकसान होगा। शायद इसके चलते कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं आएगी। 

हालांकि, सूर्य के घर अर्थात चतुर्थ भाव पर शनि-मंगल की दृष्टि के चलते विवाद व अराजकता की स्थिति निर्मित हो सकती है, लेकिन बृहस्पति अर्थात जन जागरूकता के माध्यम से विषम परिस्थितियों पर नियंत्रण बना रहेगा। मीन राशि में जाकर सूर्य राहु के निकट होंगे और इसके फलस्वरूप, राजनीतिक रंग चरम पर रहेगा। भारतवर्ष के लिए सूर्य का यह गोचर कुछ परेशानियों के बाद कुछ अच्छे परिणाम देने और दिलाने का काम कर सकता है। विशेषकर आर्थिक मोर्चे पर अच्छा कहा जाएगा। सूर्य के इस गोचर का आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा? 

सूर्य का मीन राशि में गोचर: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय  

मेष राशि

सूर्य आपकी कुंडली में पंचम भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके द्वादश भाव में जा रहे हैं। सामान्य तौर पर सूर्य के इस गोचर को अच्छा नहीं कहा जाएगा। इसके चलते विद्यार्थियों का अपने सब्जेक्ट से फोकस हट सकता है। प्रेम संबंधों में भी कमज़ोरी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, बेकार की यात्राएं और सरकारी मामलों में कठिनाइयां देखने को मिल सकती हैं।

उपाय: नियमित रूप से मंदिर जाकर मंदिर में लाल फल चढ़ाएं। 

वृषभ राशि

सूर्य आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी हैं तथा वर्तमान में यह आपके लाभ भाव में गोचर करने वाले हैं। वैसे तो सूर्य के इस गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा कहा गया है लेकिन चतुर्थेश का राहु के साथ होना घर-गृहस्थी को लेकर कुछ चिंताएं देने का काम कर सकता है। इसके अलावा, घर के सदस्यों का आपस में कुछ मनमुटाव भी देखने को मिल सकता है। साथ ही, सूर्य का यह गोचर आपकी आमदनी में बढ़ोत्तरी करवा सकता है और पद प्रतिष्ठा के लिए भी यह गोचर एवरेज से बेहतर रहेगा।

उपाय: तामसिक भोजन जैसे मांस-मदिरा आदि का त्याग करते हुए शुद्ध और सात्विक बने रहें।

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मिथुन राशि

सूर्य आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी हैं तथा यह आपके दशम भाव में जा रहे हैं। सामान्य तौर पर सूर्य के इस गोचर को अच्छा कहा गया है। यह गोचर आपके आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम करेगा, लेकिन राहु के प्रभाव को देखते हुए आपको ओवर-कॉन्फिडेंट होने से बचने की सलाह दी जाती है। वैसे, सूर्य का यह गोचर पद-प्रतिष्ठा दिलाने में सहायक बनेगा। कार्यक्षेत्र से जुड़े मामलों में अनुकूलता देखने को मिल सकती है। पिता व वरिष्ठों का मार्गदर्शन आपके लिए हितकारी रहेगा।

उपाय: काले और पर्पल रंग के कपड़े गरीबों में दान करें।

कर्क राशि

सूर्य आपकी कुंडली में धन भाव के स्वामी होकर आपके भाग्य भाव में गोचर करने वाले हैं। सूर्य के इस गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं कहा गया है, फिर भी पिछले गोचर की तुलना में यह गोचर अच्छा रहेगा। इसके बावजूद भी आर्थिक और पारिवारिक मामले में किसी भी तरीके का रिस्क नहीं लेना है। भाई-बंधुओ से यथासंभव बेहतर संबंध बनाए रखने होंगे। कामों में कुछ समस्याएं देखने को मिल सकते हैं। अतः कामों को पूरा करने के लिए थोड़ा एक्स्ट्रा समय लेकर चलें।

उपाय: सूर्य भगवान को नियमित रूप से जल चढ़ाएं। 

सिंह राशि

सूर्य आपके लग्न या राशि के स्वामी हैं तथा वर्तमान में यह आपके अष्टम भाव में गोचर करेंगे। सूर्य के इस गोचर को अच्छा नहीं कहा जाएगा क्योंकि आपके लग्न या राशि स्वामी का आठवें भाव में जाना कमज़ोरी का सूचक है। अतः इस गोचर की अवधि में अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। शासन-प्रशासन के कामों में समस्याएं आ सकती हैं। आर्थिक जीवन में भी समझदारी पूर्वक निर्वाह करें।

उपाय: सूर्य भगवान को कुमकुम मिला हुआ जल चढ़ाएं।

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कन्या राशि

सूर्य आपकी कुंडली में द्वादश भाव के स्वामी हैं और द्वादश भाव के स्वामी होते हुए यह आपके सप्तम भाव में जाएंगे। सूर्य के इस गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं कहा गया है। ऐसे में, साझेदारी के कामों में सावधानी बरतें। यदि विवाहित हैं तो जीवनसाथी या जीवन संगिनी के साथ संबंध बिगड़ने न पाए, इस बात का ख्याल रखना होगा। यथासंभव यात्राओं से बचना भी समझदारी का काम होगा और व्यापार-व्यवसाय में भी किसी प्रकार का रिस्क न लें।

उपाय: इस अवधि में नमक कम खाएं। संभव हो, तो रविवार के दिन नमक बिल्कुल न खाएं। 

तुला राशि

सूर्य आपके लाभेश होकर छठे भाव में गोचर करने वाले हैं। छठे भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा कहा गया है। विशेषकर नौकरीपेशा लोगों को का यह गोचर अच्छा लाभ दिलाने का काम करेगा। यदि कंपनी की पॉलिसी के अनुसार प्रमोशन इत्यादि इस समय अवधि में होते हैं तो पदोन्नति की संभावनाएं भी मजबूत होंगी। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर करते हुए देखे जा सकेंगे। शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में भी अच्छी अनुकूलता देखने को मिलेगी, लेकिन इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का रिस्क न लेने की सलाह हम आपको देना चाहेंगे।

उपाय: नियमित रूप से गंगाजल का सेवन करें। 

वृश्चिक राशि

दशम भाव के स्वामी होकर सूर्य आपके पांचवें भाव में जा रहे हैं। सूर्य के गोचर को पंचम भाव में भी अच्छा नहीं कहा गया है। विद्यार्थियों को इस अवधि में अपने सब्जेक्ट पर पूरा ध्यान देना होगा। यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो बातचीत का तौर-तरीका बेहद सभ्य और सौम्य रखना होगा, अन्यथा पार्टनर किसी बात पर नाराज हो सकता है। संतान के साथ संबंधों को मेंटेन करने की भी जरूरत होगी। उचित खान-पान रखने की स्थिति में पेट से संबंधित समस्याओं से बचा जा सकेगा।

उपाय: नियमित रूप से सरसों के तेल की 8 बूंदें कच्ची मिट्टी में टपकना शुभ रहेगा। 

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धनु राशि

भाग्य भाव के स्वामी होकर सूर्य आपके चौथे भाव में गोचर कर जाएंगे। सामान्य तौर पर सूर्य के इस गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। अतः इस गोचर की अवधि में आप कुछ हद तक तनावग्रस्त रह सकते हैं। परिवारजनों विशेषकर माता के स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। इनके साथ अपने संबंधों को भी बेहतर रखने की कोशिश करनी होगी। जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की सलाह भी हम आपको देना चाहेंगे।

उपाय: जरूरतमंद लोगों को अपने सामर्थ्य अनुसार भोजन करवाएं। 

मकर राशि

सूर्य आपके अष्टमेश हैं और वर्तमान में ये आपके तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। सामान्य तौर पर सूर्य के इस गोचर को अच्छा माना गया है। ऐसी स्थिति में आपको कुछ अप्रत्याशित लाभ देखने को मिल सकते हैं। वैसे तो स्वास्थ्य सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा लेकिन दूसरे भाव में शनि-मंगल की उपस्थिति खानपान बिगाड़ने का काम कर सकती है। अतः अपनी प्रकृति के अनुसार खान-पान और रहन-सहन अपनाने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने की स्थिति में सामान्य तौर सूर्य का यह गोचर आपको अधिकांश मामलों में अच्छे परिणाम दे सकता है।

उपाय: मंदिर में दूध का दान करें। 

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कुंभ राशि

सप्तमेश सूर्य आपके दूसरे भाव में गोचर करने वाले हैं। सामान्य तौर पर सूर्य के इस गोचर को अच्छा नहीं कहा गया है। ऐसी स्थिति में आपको अपने व्यापार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी। खासकर यदि आपका काम किसी भी प्रकार की डीलिंग या बातचीत आदि से जुड़ा है, तो आपको अपनी वाणी पर बहुत ही अधिक संयम बरतना होगा। सूर्य के इस गोचर के चलते आंखों में दर्द के साथ-साथ आर्थिक तथा पारिवारिक परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं। अतः इस अवधि में इन मामलों में जागरूक रहें।

उपाय: शिव जी के मंदिर में जटा वाले सूखे नारियल चढ़ाएं। 

मीन राशि

सूर्य आपके छठे भाव के स्वामी होकर आपके प्रथम भाव में गोचर कर रहे हैं। प्रथम भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना गया है। ऊपर से छठे भाव के स्वामी का प्रथम भाव में जाना स्वास्थ्य में कुछ कमज़ोरी देने का काम कर सकता है। अत: इस अवधि में अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक व सचेत रहें। इस दौरान आपको क्रोधित होने से बचने की सलाह दी जाती है। उचित खान-पान अपनाने की स्थिति में स्वास्थ्य को मेंटेन रख सकेंगे। साथ ही, इस समय रिश्तेदारों के साथ विवाद में पड़ने से बचें।

उपाय: नियमित रूप से आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें। 

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कुंडली में ग्रहों की इन स्थितियों के कारण हो सकता है तलाक, पति-पत्‍नी के बीच रहता है क्‍लेश

हमारे जीवन और संबंधों पर ग्रह-नक्षत्रों का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। ग्रहों के प्रभाव के कारण कुछ लोगों को अपने जीवन में आसानी से सफलता मिल जाती है, तो वहीं कुछ लोगों को कड़ी मेहनत करने के बाद भी अपने लक्ष्‍य तक पहुंचने में दिक्‍कत आती है। ग्रहों के शुभ प्रभाव देने पर आपके अधिकतर फैसले सही साबित होते हैं लेकिन जब यही ग्रह कुंडली में कमज़ोर स्थिति में बैठे हों, तो व्‍यक्‍ति का सही निर्णय भी गलत साबित हो सकता है।

ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार कुछ ग्रह दोषों के कारण आपको अपने प्रेम जीवन में असफलताओं या अपने पार्टनर से अलगाव का सामना करना पड़ सकता है। एस्‍ट्रोसेज के इस विशेष ब्‍लॉग में आगे बताया गया है कि किन ग्रहों और ग्रहीय स्थिति के कारण ब्रेकअप, वैवाहिक जीवन या प्रेम संबंध में मनमुटाव या तलाक की स्थिति उत्‍पन्‍न हो सकती है।

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कुंडली में तलाक की स्थिति कब बनती है?

जन्‍मकुंडली में ग्रहों की निम्‍न स्थितियों के कारण पति-पत्‍नी के बीच अलगाव या तलाक होने की आशंका रहती है:

  • सप्‍तमेश के छठे या आठवें भाव में होने पर पति-पत्‍नी का तलाक हो सकता है।
  • छठे आठवें भाव के स्‍वामी ग्रह का सातवें भाव में सप्‍तमेश के साथ होना भी वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। यदि इस पर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो, तो समस्‍याएं और ज्‍यादा बढ़ सकती हैं।
  • मंगल का पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव के साथ किसी अन्‍य अशुभ ग्रह के साथ संबंध हो, तो इसकी वजह से तलाक और अलगाव हो सकता है।
  • सप्‍तमेश के छठे भाव में होने पर इसके ऊपर मंगल की दृष्टि पड़ रही है, तो पति-पत्‍नी अचानक से अलग हो सकते हैं।
  • लड़के की कुंडली में पहले और सातवें भाव में शनि और मंगल की एक-दूसरे पर दृष्टि होने  और लड़कियों की कुंडली में पांचवे और ग्‍यारहवें भाव में इन दो ग्रहों की एक-दूसरे पर दृष्टि होने पर शादीशुदा जिंदगी में परेशानियां आने का खतरा रहता है।
  • शनि और मंगल दोनों की सातवें या आठवें भाव पर दृष्टि पड़ रही हो, तो वैवाहिक जीवन खराब हो सकता है।

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शुक्र दोष बनता है पति-पत्‍नी के अलगाव का कारण

ज्‍योतिषशास्‍त्र में शुक्र ग्रह को प्रेम का कारक माना गया है और अगर किसी व्‍यक्‍ति की कुंडली में शुक्र दोष हो या शुक्र कमज़ोर हो, तो उस व्‍यक्‍ति को शुक्र से संबंधित क्षेत्रों में अच्‍छे परिणाम नहीं मिल पाते हैं जिनमें से एक प्रेम भी है। शुक्र दोष के कारण जातक के विवाह में अड़चनें और रुकावटें आती हैं। उसे प्रेम संबंध में बार-बार असफलता देखने को मिलती है। इनके कई रिश्‍ते बनकर टूट जाते हैं। अगर किसी तरह से बात शादी तक पहुंच भी जाए और विवाह संपन्‍न हो जाए, तो जीवनसाथी के साथ मतभेद रहते हैं और पति-पत्‍नी के बीच झगड़ा होता रहता है। इस स्थिति में जीवनसाथी का किसी अन्‍य व्‍यक्‍ति के साथ भी संबंध बन सकता है।

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प्‍यार को टिकने नहीं देता है राहु

ज्‍योतिषशास्‍त्र में राहु को छाया ग्रह की उपाधि दी गई है और इसे पापी ग्रह भी माना जाता है। कहते हैं कि राहु इंसान की बुद्धि को भ्रष्‍ट कर देता है और व्‍यक्‍ति खुद को नुकसान पहुंचाने वाले फैसले लेने लगता है। इंसान के शब्‍द भी कटु हो जाते हैं जिसकी वजह से उसके अपने भी उससे दूर हो जाते हैं। प्रेम जीवन में राहु के कारण हमेशा पति-पत्‍नी के बीच मतभेद और मनमुटाव रहते हैं। लाख कोशिशों के बाद भी इनके जीवन में प्‍यार टिक नहीं पाता है और परिवार के साथ भी इनकी कलह रहती है। राहु दोष के कारण जातक की देर से शादी होती है और शादी हो भी जाए, तो भी पति-पत्‍नी के बीच लड़ाई रहती है। इनका रिश्‍ता तलाक तक भी पहुंच सकता है।

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शनि दोष से होता है नुकसान

यदि किसी व्‍यक्‍ति की कुंडली में शनि दोष बन रहा हो, तो उसका वैवाहिक जीवन प्रभावित होता है। इन लोगों की शादी में देरी और रुकावटें आती हैं। रिश्‍ता बार-बार पक्‍का होकर टूट सकता है। शनि के अशुभ प्रभाव के कारण ये कभी भी अपनी शादी में खुश नहीं रह पाते हैं। हो सकता है कि शनि दोष के कारण ये अपने जीवनसाथी के प्रति समर्पण भाव न रखें।

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वैवाहिक जीवन की समस्‍याओं को दूर करने के ज्‍योतिषीय उपाय

वैदिक ज्‍योतिष में ऐसे कई उपायों का उल्‍लेख किया गया है जिनकी मदद से आप अपने वैवाहिक जीवन में आई किसी भी तरह की परेशानी को दूर कर सकते हैं।

  • रिश्‍ते में सुधार लाने के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करें।
  • वैवाहिक सुख-शांति के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
  • अगर आपको बृहस्‍पति के कारण समस्‍याएं आ रही हैं, तो आप पीले रंग की खाने की चीजें या हल्‍दी, मिठाई या वस्‍त्र आदि का दान करें।
  • मंगल दोष के कारण पति-पत्‍नी के बीच अनबन चल रही है, तो मंगलवार के दिन गुड़ का दान करें।
  • शादीशुदा जिंदगी में चंद्रमा के कारण आए तूफान को शांत करने के लिए चांदी का कोई आभूषण पहनें।
  • सूर्य की वजह से परेशानी हो रही है, तो गरीबों और जरूरतमंद लोगों को गेहूं और गुड़ का दान करें।
  • परिवार में सुख-शांति बनाए रखने एवं पति-पत्‍नी के बीच आपसी तालमेल को बढ़ाने के लिए आप सप्‍ताह में एक दिन नमक के पानी से फर्श पर पोंछा जरूर लगाएं।
  • वैवाहिक संबंध में प्रेम बनाए रखने के लिए स्त्रियां पीले रंग की चूडियां या सोने की चूड़ी पहनें।
  • मंगलवार, बृहस्‍पतिवार और शनिवार के दिन नाखून काटने से बचें।
  • यदि पति-पत्‍नी के परिवारों के बीच कलह और अनबन रहती है, तो सात कच्‍ची हल्‍दी के टुकड़े लें, तीन तांबे के सिक्‍के, गुड़ और केसर लें। इन सभी चीज़ों को एक पीले रंग के कपडे में बांधकर अपने ससुराल पक्ष के घर की ओर फेंक दें।

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J अक्षर से शुरू होता है नाम तो अभी पढ़ें ये हैरान कर देने वाली प्रेम भविष्यवाणी!

अगर आपका नाम अंग्रेजी के J अक्षर से शुरू होता है तो आपका व्यक्तित्व कैसा है और 2024 में आपको किस तरह के परिणाम प्रेम जीवन में मिलने वाले हैं इन सभी सवालों का जवाब समेटे हमारा ही खास ब्लॉग आपके सामने पेश है। 

इसके माध्यम से हम आपके व्यक्तित्व की एक झलक देखेंगे और साथ ही जानेंगे की नई साल में आपका प्रेम जीवन आपको क्या सुख या फिर चुनौतियां देने वाला है। आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले एक नजर डाल लेते हैं J अक्षर के जातकों के व्यक्तित्व पर।

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कैसा होता है J अक्षर के जातकों का व्यक्तित्व? 

सबसे पहले व्यक्तित्व की बात करें तो अंक शास्त्र के अनुसार J पर अंक 1 का शासन होता है। अंक एक का स्वामी ग्रह सूर्य को माना गया है। इसके अलावा J अक्षर पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का भी स्वामित्व होता है। दिशाओं में उत्तर दिशा J अक्षर से संबंधित मानी जाती है और इन्हीं सब के चलते J अक्षर के जातक हमेशा अपने जीवन में आगे रहना चाहते हैं और दूसरों पर राज करते हैं। 

अंग्रेजी के सभी अक्षरों में J को एक दिलचस्प अक्षर माना गया है और यह बेहद ही सौभाग्यशाली भी माना जाता है। इस अक्षर के जातक आशावादी स्वभाव के होते हैं, कठिन से कठिन परिस्थिति में भी हार नहीं मानते हैं और सफलता बखूबी हासिल करना जानते हैं। आप कितनी भी कठिन परिस्थिति में क्यों ना हो आप आगे बढ़ते रहते हैं और जीत अपने नाम करते हैं। आप हमेशा चीजों को सकारात्मक आईने से देखते हैं और आपका यह स्वभाव आपको दूसरों से अलग बनाता है। 

आप किसी नीरस वातावरण को भी खुशनुमा बनाने का दम रखते हैं। J अक्षर की जातक हमेशा खुश रहते हैं, अपने आसपास के वातावरण को खुश बनाए रखते हैं और एक ऐसी ऊर्जा दर्शाते हैं जो बहुत ही पॉजिटिव होती है जिससे आपके आसपास रहने वाले लोग भी खुश महसूस करते हैं। काम के संदर्भ में बात करें तो आप बेहद ही हार्ड वर्किंग होते हैं। कोई भी काम का बीड़ा उठाते हैं तो उसे पूरा किए बिना राहत की सांस नहीं लेते हैं। आपके अंदर लीडरशिप क्वालिटी देखने को मिलती है और आप हमेशा एक टीम की तरह काम करने में विश्वास करते हैं। 

इस अक्षर के जातक स्वभाव में न्याय प्रिय होते हैं, किसी के साथ भी गलत व्यवहार हो तो आप उसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करते हैं और लोगों से भी यही अपेक्षा करते हैं कि लोग गलत चीज को सहें नहीं। आप हमेशा अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं। इसके अलावा J अक्षर के जातक कल्पनाशील होते हैं और आप ऐसी चीजों की कल्पना करने की भी क्षमता रखते हैं जिसके बारे में और कोई सोच भी नहीं सकता है।

ऐसे जातक दिल से बेहद ही कोमल होते हैं और किसी को भी चोट पहुंचाने के बारे में आप कभी सोचते भी नहीं है। लोगों को भी आप बहुत ही आसानी से माफ कर देते हैं और कोमल स्वभाव की ही वजह से अगर आपको कोई छोटी सी बात भी कहते तो वह दिल पर लग जाती है और कई बार लोग आपके इसी स्वभाव का फायदा भी उठाते हैं। 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

व्यक्तित्व के बारे में जानने के बाद चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि J नाम के लोगों का प्रेम राशिफल क्या कहता है।

कैसा रहेगा J अक्षर के जातकों का प्रेम जीवन?

प्रेम जीवन की बात करें तो जनवरी से अप्रैल का समय आपके लिए अनुकूल रहने वाला है। इस दौरान आपके जीवन में प्रेम और आकर्षक दोनों बढ़ेगा जिससे आपके रिश्ते में मजबूती आएगी। आप अपने जीवनसाथी के साथ खूब प्यार और रोमांस का लुफ्त उठाएंगे। इस दौरान आप अपने परिवार में होने वाले किसी शुभ कार्यक्रम में भी हिस्सा ले सकते हैं जिससे भी आपके रिश्ते में मजबूती आएगी। 

इस अवधि में आपको अपने पार्टनर के साथ सामंजस्य से बनाए रखने की सलाह दी जाती है तभी आपका प्रेम जीवन खुशनुमा और मजबूत बनेगा। मई से दिसंबर का जो समय है इस दौरान आपके रिश्ते में थोड़ी खटास आने की आशंका है। इस दौरान आप दोनों की दूरियां बढ़ सकती हैं जिसके चलते प्रेम में कमी देखने को मिलेगी। अगर आप किसी नए रिश्ते की शुरुआत कर रहे हैं तो अप्रैल तक का समय इसके लिए शुभ रहेगा। आप इस दौरान किसी नए रिश्ते में प्रवेश कर सकते हैं और यह रिश्ता आपके जीवन में बेहद ही भाग्यशाली भी साबित होगा। 

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इस साल आप अपने प्रेम संबंध को बढ़ाने और इसे मजबूत करने में सफलता प्राप्त करेंगे। साथ ही अपने प्रेम जीवन में चल रही हर परेशानी को सुलझाने में भी सफल रहने वाले हैं। आपका साथी आपसे जो भी अपेक्षा रखता है आप उसे पूरा कर पाएंगे। अप्रैल जनवरी से लेकर अप्रैल के दौरान आप अपने पार्टनर के साथ किसी शुभ कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं या कहीं ट्रिप पर जाने की योजना बना सकते हैं। 

मई से नवंबर के दौरान प्रेम जीवन में थोड़ी खटास देखने को मिल सकती है। इस दौरान आप दोनों के रिश्ते में समझ की कमी भी नजर आएगी। ऐसे में आपको इस दौरान धैर्य बना कर रखना और रिश्ते में सामंजस्य बनाए रखने की सलाह दी जा रही है। जरूरत पड़े तो एडजस्ट करके ही सही लेकिन अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रखें।

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साप्ताहिक राशिफल (11 मार्च से 17 मार्च, 2024): इस सप्ताह इन राशियों की किस्मत चमकेगी सोने की तरह!

साप्ताहिक राशिफल 11 मार्च से 17 मार्च 2024: एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपके लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है जिसमें आपको साप्ताहिक राशिफल 11 मार्च से 17 मार्च, 2024 की जानकारी प्राप्त होगी। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि मार्च महीने का यह सप्ताह राशि चक्र की 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा। साथ ही, इस राशिफल की मदद से कैसे आप इस सप्ताह को बेहतर बना सकते हैं, तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की।

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

साप्ताहिक राशिफल 11 मार्च से 17 मार्च, 2024: राशि अनुसार राशिफल और उपाय

मेष राशि

सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि तुलनात्मक रूप से कमज़ोर रह सकती है। व्यर्थ की भागदौड़ और बेकार के खर्चे आपको कुछ हद तक चिंतित कर सकते हैं।

सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय एक नई स्फूर्ति और नई ऊर्जा के साथ आपको आगे ले जाने में मददगार बन सकता है। आपके वरिष्ठ और गुरुजनों का मार्गदर्शन भी आपके लिए सहायक साबित होगा।

सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य आप एवरेज से बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। आर्थिक और पारिवारिक मामलों में यह अवधि अनुकूल परिणाम दे सकती है। वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको काफ़ी अच्छे परिणाम देना चाहेगा। कहीं से कोई अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है और यात्राएं लाभकारी रह सकती हैं।

उपाय: नियमित रूप से पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं। 

वृषभ राशि

सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि काफ़ी अच्छे परिणाम देने का संकेत कर रही है। इस दौरान आपके सहयोगी आपको लाभ दिलाने में मददगार बनेंगे। साथ ही, यात्राएं भी फायदेमंद रह सकती हैं।

सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय कमज़ोर रहेगा। अतः इस अवधि में बेकार के खर्चों और यात्राओं से बचना जरूरी होगा। हालांकि, इस अवधि में दूर की यात्राएं संभावित हैं जिनका भविष्य में कोई लाभ भी मिल सकता है, लेकिन तात्कालिक लाभ मिलने की संभावना कम है।

सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य का समय काफ़ी अच्छे परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। इस अवधि में आप आत्मविश्वास के साथ विभिन्न मामलों में अच्छा करते हुए देखे जा सकेंगे। न केवल कार्यक्षेत्र और सामाजिक मामले में बल्कि निजी संबंधों में भी इस समय अनुकूलता के योग बन रहे हैं। वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। सावधानी पूर्वक निर्वाह करने पर अनुकूलता बनी रहेगी, फिर भी वाणी पर संयम रखना होगा।

उपाय: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें। 

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मिथुन राशि

सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में आपको अनुकूल परिणाम मिल सकेंगे। विशेषकर कार्यक्षेत्र से लेकर सामाजिक पद-प्रतिष्ठा से जुड़े मामलों में आप अनुकूल परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।

सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय आपके लिए अनुकूल रहेगा। विशेषकर आर्थिक मामलों में इस दौरान अच्छी उपलब्धियां मिल सकती हैं। घर-परिवार के लिए भी समय अनुकूल रहेगा।

सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य परिणाम कमज़ोर रह सकते हैं। हालांकि, चंद्रमा उच्च का है, इसके बावजूद भी आर्थिक मामलों में लापरवाही उचित नहीं रहेगी। शांतचित्त होकर सोने की स्थिति में स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा, अन्यथा चिंताएं बेचैन करने का काम कर सकती है। वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपकी खोई ऊर्जा को पुनः लौटने का काम करेगा और इसके फलस्वरूप आप नए उत्साह के साथ अपने काम में लग सकेंगे।

उपाय: माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करें। 

कर्क राशि

सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में आपको औसत परिणाम मिल सकते हैं। धर्म-कर्म और अध्यात्म से लेकर पिता से जुड़े मामलों में भी आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे, लेकिन कार्यक्षेत्र में परिणाम औसत या मिले-जुले रह सकते हैं।

सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय आपको काफ़ी अच्छी अनुकूलता देना चाहेगा। सामाजिक कार्यों से आपका जुड़ाव हो सकता है और आप सम्मानित भी किये जा सकते हैं। इसके अलावा, कामों में सफलता दिलाने में भी यह अवधि मददगार बनेगी।

सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य परिणाम अच्छे ही रहने चाहिए। लाभ भाव में उच्च का चंद्रमा आपको विभिन्न मामलों में लाभ दिलवा सकता है। साथ ही, व्यक्तिगत संबंधों में भी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, स्वास्थ्य आदि के लिए भी समय अनुकूल रहेगा। वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको कमज़ोर परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। अत: इस दिन किसी भी प्रकार का बड़ा रिस्क लेने से बचें।

उपाय: नियमित रूप से मंदिर जाएं। 

सिंह राशि

सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में परिणाम कमज़ोर रह सकते हैं। अतः इस दौरान किसी भी प्रकार का रिस्क न लें, खासकर स्वास्थ्य और निवेश संबंधी मामलों में।

सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। आपकी सकारात्मक सोच और ईश्वर पर विश्वास आपको सफलता के रास्ते पर ले जाने का काम करेगा।

सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य आप काफ़ी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। कार्यक्षेत्र में अच्छी अनुकूलता देखने को मिलेगी। विशेषकर यदि आपका संबंध विदेश या किसी भी प्रकार के दूर स्थान से है तो आपको बहुत अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। सामाजिक मामलों में भी अच्छी अनुकूलता बनी रहेगी।

वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन अनुकूल रहेगा। आपकी मेहनत के परिणाम आपको मिलते रहेंगे, विशेषकर आर्थिक मामलों में आप अच्छा कर सकेंगे।

उपाय: श्रद्धापूर्वक बुजुर्गों की सेवा करें और उनका आशीर्वाद लें। 

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कन्या राशि

सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में परिणाम सामान्य तौर पर अनुकूल ही रहेंगे। यदि आप व्यापार-व्यवसाय से जुड़े हुए हैं अथवा आपका काम साझेदारी का है, तो आपको काफ़ी अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। निजी संबंध विशेषकर विवाह आदि से संबंधित मामले और वैवाहिक जीवन के लिए भी समय अनुकूल रह सकता है।

सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय कमज़ोर रहेगा। भले ही चंद्रमा बृहस्पति के साथ रहेगा, लेकिन आपकी मेहनत के परिणाम इस अवधि में मिलने में कुछ समस्याएं आ सकती हैं। बेहतर होगा कि मन को शांत करके ध्यान और मेडिटेशन इत्यादि का सहारा लें, जिससे आने वाले समय के लिए आप अपनी ऊर्जा को सुरक्षित रख सकें।

सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य आप नई स्फूर्ति और नई ऊर्जा का अनुभव कर सकते हैं। वरिष्ठों के सहयोग से और पुराने अनुभव के आधार पर आप अपनी गलतियों को सुधार कर सकारात्मक दिशा में बढ़ सकेंगे। वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकता है। आपकी मेहनत रंग लाएगी।

उपाय: कन्याओं का पूजन करके उनका आशीर्वाद लें। 

तुला राशि

सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में आपके कर्म भाव के स्वामी चंद्रमा छठे भाव में रहेंगे जो नौकरीपेशा लोगों को काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय से जुड़े लोग तुलनात्मक रूप से अधिक मेहनत करके इच्छित परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।

सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय सामान्य तौर पर अनुकूल रह सकता है। निजी संबंधों, विशेषकर वैवाहिक संबंधों के लिए समय अच्छा रहेगा। व्यापार-व्यवसाय से जुड़े लोगों का प्रदर्शन भी काफ़ी अच्छा रहने की संभावना है।

सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य परिणाम कमज़ोर रह सकते हैं। भले ही चंद्रमा उच्च का है, लेकिन कार्यक्षेत्र से जुड़े मामलों में इस अवधि में कोई रिस्क न लें। धैर्य पूर्वक काम करने की स्थिति में अनुकूलता बनी रहेगी।

वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम दे सकता है। पिछली समस्याएं धीरे-धीरे करके दूर होंगी और आप सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।

उपाय: मंदिर में चने की दाल का दान करें। 

वृश्चिक राशि

सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में परिणाम एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर रह सकते हैं। हालांकि निजी संबंधों में अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है, लेकिन संबंधों को लेकर ट्रांसपेरेंट रहना और एक-दूसरे पर संदेह करने से बचना होगा।

सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकता है। मेष राशि में गुरु और चंद्रमा की युति आपको काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकती है। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से अपने ज्ञान और अनुभव के दम पर बेहतर करते हुए देखे जा सकेंगे। आर्थिक मामले में भी अनुकूलता मिलती हुई प्रतीत हो रही है।

सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य भी परिणाम काफ़ी अच्छे रह सकते हैं। इस अवधि में आप अपने कार्य-व्यापार में अच्छा करते हुए देखे जाएंगे। साथ ही, दांपत्य जीवन में भी अच्छी अनुकूलता देखने को मिलेगी। ईश्वरीय कृपा का अनुभव भी इस अवधि में आप कर सकेंगे।

वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको कमज़ोर परिणाम दे सकता है। अत: इस दिन किसी भी प्रकार का रिस्क लेने से बचें।

उपाय: पूर्वजों के निमित्त यथा सामर्थ्य गरीबों को भोजन करवाएं। 

धनु राशि

सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में परिणाम थोड़े कमज़ोर रह सकते हैं। भले ही कोई बड़ी समस्या न आए, लेकिन मन-मस्तिष्क में किसी बात को लेकर चिंता या तनाव के भाव देखने को मिल सकते हैं, जिनका असर आपके अन्य कामों पर पड़ सकता है।

सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर परिणाम दे सकता है। बृहस्पति के साथ चंद्रमा की युति आपको अध्यात्म या गूढ़ विद्याओं से जोड़ने का काम कर सकती है। इसके फायदे देर-सवेर आपको मिल सकेंगे। शिक्षा और प्रेम संबंधी मामलों में भी अनुकूलता देखने को मिल सकेगी।

सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य परिणाम काफ़ी अच्छे रह सकते हैं। चंद्रमा उच्च का आपके छठे भाव में रहेगा, जो आपको अपने क्षेत्र के महान लोगों से जोड़ने का काम कर सकता है। अप्रत्याशित रूप से भी कुछ सफलताएं आपके हिस्से में आ सकती हैं। वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको अनुकूल परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है, विशेषकर निजी और व्यापार-व्यवसाय संबंधी मामलों में।

उपाय: तामसिक चीज़ों जैसे मांस-मदिरा आदि से दूर रहें और अपना चरित्र स्वच्छ रखें। 

मकर राशि

सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि अनुकूल रहेगी। आपका आत्मविश्वास आपको विभिन्न मामलों में सफलता दिलाने का काम कर सकता है। कहीं से कोई अच्छी खबर भी आपको मिल सकती है।

सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय कमज़ोर रहेगा। हालांकि, चंद्रमा बृहस्पति के साथ युति कर रहा होगा लिहाजा ध्यान, योग और अध्यात्म से जुड़े रहने पर तनाव कम होगा और स्थिति बेहतर रहेगी।

सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य समय काफ़ी हद तक अनुकूल रह सकता है। उच्च का चंद्रमा निजी संबंधों में अच्छी अनुकूलता देने और दिलाने का काम करेगा। प्रेम और वैवाहिक संबंध में अनुकूलता के चलते आपका मन प्रसन्न रहेगा।

वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको काफ़ी हद तक अनुकूल परिणाम देना चाहेगा। आप अपने कामों को बेहतर ढंग से संपन्न कर सकेंगे।

उपाय: भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करें। 

कुंभ राशि

सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं जिसमें सकारात्मकता का स्तर अधिक रहेगा। आपकी अच्छी बातचीत परिजनों के साथ आपके संबंधों को मेंटेन करने का काम करेगी। वहीं, लापरवाही की स्थिति में आर्थिक और पारिवारिक मामले में कुछ परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं।

सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय आपको काफ़ी अच्छे परिणाम देना चाहेगा। आपकी स्वयं की लगन और अनुभव आपको आगे ले जाएंगे। साथ ही, आपको अच्छे सलाहकार भी मिल सकेंगे, जिनके मार्गदर्शन और सहयोग से आप काफ़ी अच्छा कर सकेंगे।

सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य का समय तुलनात्मक रूप से कमज़ोर है। अतः इस अवधि में यदि पहले के जैसी स्थितियां न रहें तो परेशान होने की बजाय एक-दो दिनों तक धैर्य पूर्वक निर्वाह करना समझदारी का काम होगा।

वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम देगा और आप सही रास्ते पर सही ढंग से आगे बढ़ने लग जाएंगे।

उपाय: दादाजी या किसी बुजुर्ग के साथ मंदिर जाकर वहां पर उनका आशीर्वाद लें। 

मीन राशि

सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में आपको अनुकूल परिणाम मिलते हुए प्रतीत हो रहे हैं। विद्यार्थियों को यह अवधि अच्छे परिणाम देना चाहेगी। वहीं, प्रेम संबंध के लिए भी अवधि अनुकूल कही जाएगी।

सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय आपको एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर परिणाम दे सकता है। दूसरे भाव में चंद्रमा बृहस्पति की युति जिस पर मंगल का प्रभाव भी रहेगा, आपको आर्थिक और पारिवारिक मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में अच्छे परिणाम दे सकती है।

सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य परिणाम काफ़ी अच्छे रह सकते हैं। आपका आत्मविश्वास आपको विभिन्न मामलों में सफलता दिलाने का काम कर सकता है। कहीं से कोई अच्छी खबर भी मिल सकती है। इस समय की गई यात्राएं फायदेमंद रह सकती हैं।

वहीं सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको तुलनात्मक रूप से कमज़ोर परिणाम दे सकता है। अतः इस दिन बेकार की चिंता किए बिना जो जैसा चल रहा है उसे उसी तरह आगे बढ़ने दें और अपने आराध्य का ध्यान करते रहें।

उपाय: मंदिर जाकर भगवान के चरणों में दंडवत प्रणाम करें। 

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मीन में उदय हो रहे हैं बुध, इन राशियों को रहना होगा संभलकर; शेयर बाज़ार में आएगा उछाल

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध का मीन राशि में उदय के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि यह देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा और इस दौरान शेयर बाजार में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे। बता दें, बुध 15 मार्च 2024 को मीन राशि में उदित हो रहे हैं। आइए जानते हैं इस दौरान सभी राशियों सहित देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर अनुकूल व प्रतिकूल कैसा प्रभाव पड़ेगा।

जन्‍म कुंडली में बुध के मज़बूत होने पर व्‍यक्ति अपने जीवन में संतुष्‍ट महसूस करता है और उसे उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही ये जातक मानसिक रूप से मज़बूत और स्थिर होते हैं। बुध के उच्‍च होने पर व्‍यक्‍ति तार्किक व बुद्धिमान होता है एवं इनमें अपने व्‍यवसाय को अच्छे से चलाने की क्षमता मौजूद होती है। इनके भीतर अच्‍छा जीवन जीने की शक्‍ति और भावना विद्यमान होती है।

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ज्‍योतिषशास्‍त्र में बुध को एक तटस्‍थ ग्रह बताया गया है। यह ग्रह दृष्टिकोण, तर्क करने की क्षमता और विचारों के कारक हैं। बुध की स्थिति से पता चलता है कि व्‍यक्‍ति की तालमेल बिठाने या समझौता करने, योजना बनाने, तर्क करने, किसी सूचना या बात को समझने एवं ग्रहण करने की कितनी क्षमता है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह जातक की हर परिस्थि‍ति में खुद को ढाल लेने, अपने विचारों को प्रभावी रूप से व्‍यक्‍त करने एवं बोलते समय शब्‍दों का चयन करने की क्षमता पर प्रभाव डालता है। जिन लोगों की कुंडली में बुध मज़बूत होता है, वे लोग अपनी बातों से दूसरों को प्रेरित करते हैं और इनका संचार कौशल भी शानदार होता है। बुध के प्रभाव से व्‍यक्‍ति बुद्धिमान बनता है एवं इनकी बातों में भी तर्क की झलक देखने को मिलती है। इन जातकों में अक्सर बेचैन और अशांत रहने की प्रवृत्ति नज़र आती है। ऐसे लोगों का जीवन तेज रफ़्तार से आगे बढ़ता है।

बुद्धि का ग्रह बुध छोटी यात्राओं, परिवहन और दोस्‍तों एवं पड़ोसियों से मेलजोल बनाने का कारक है। बुध एक ऐसा ग्रह है जो हमें बाहरी दुनिया को समझने के साथ-साथ अपने आप और अपनी काबिलियत एवं क्षमता को समझने में सहायता करता है।

मीन राशि में बुध की विशेषताएं

मीन एक दोहरी स्वभाव वाली जल तत्‍व की राशि है जिसके स्‍वामी ग्रह बृहस्‍पति हैं। बुध का बृहस्‍पति के साथ तटस्‍थ संबंध है जबकि बृहस्‍पति, बुध के प्रति शत्रुता का भाव रखते हैं। मीन राशि में बुध को नीच का माना जाता है, लेकिन इस बार मार्च के महीने में बुध मीन राशि में उदित हो रहे हैं, वह अशुभ और अमंगलकारी नहीं है क्‍योंकि इस ज्‍योतिषीय घटना में शामिल ग्रह लाभकारी प्रभाव देते हैं। इन्‍हें शुभ ग्रह माना जाता है इसलिए बुध का मीन राशि में उदय होना औसत माना जाएगा।

जन्‍म के समय जिन लोगों की कुंडली में बुध मीन राशि में होते हैं, उन जातकों के विचारों में बहुत रचनात्‍मकता देखने को मिलती है। ये बहुत संवेदनशील स्‍वभाव के होते हैं इसलिए बहुत जल्‍दी आहत भी हो जाते हैं। इनके बारे में ऐसा कहा जा सकता है कि इन लोगों की आंखों पर हमेशा गुलाबी चश्‍मा लगा रहता है जो इन्‍हें हर चीज में अच्‍छाई ही दिखाता है। ये लोग बहुत जल्‍दी दूसरों पर भरोसा कर लेते हैं।

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ये जातक बहुत नरम और दयालु स्‍वभाव के होते हैं। इनकी दूसरों पर बहुत जल्‍दी और अत्यधिक भरोसा करने की प्रवृत्ति कभी-कभी इन पर ही भारी पड़ जाती है। अपने इस स्‍वभाव की वजह से इन्‍हें बिज़नेस पार्टनरशिप और प्रेम संबंधों में धोखा मिलने का खतरा रहता है। इन लोगों की कला, पेंटिंग और संगीत में अधिक रुचि होती है। जिन लोगों की कुंडली में मीन राशि में बुध होते हैं, वे बहुत सपने देखते हैं और हमेशा अपने सपनों की दुनिया में ही खोए रहते हैं। ये लोग टेलीपैथिक कम्‍युनिकेशन में तो अच्‍छे होते हैं लेकिन बात करने में ज्‍यादा कुशल नहीं होते हैं। ये बोलने के बजाय कविता या कला के ज़रिए अपनी बात व्‍यक्‍त करते हैं।

मीन राशि में बुध के उदित होने का समय

देवताओं के दूत के रूप में प्रसिद्ध बुध 15 मार्च, 2024 की रात 01 बजकर 07 मिनट पर मीन राशि में उदित होने जा रहे हैं। लंबे समय से अस्‍त रहने के बाद अब बुध ग्रह उदित हो रहे हैं जो कि एक सकारात्‍मक घटना है और इससे विश्व में थोड़ी राहत देखने को मिलेगी। कुछ राशियों के लिए बुध की उदित अवस्था लाभकारी रहने वाली है। तो चलिए अब जानते हैं कि बुध के मीन राशि में उदित होने पर देश-दुनिया में क्‍या बदलाव आने की संभावना है।

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मीन राशि में बुध के उदित होने से इन राशियों को होगा लाभ

वृषभ रा‍शि

वृषभ राशि के लोगों के लिए बुध दूसरे और पांचवे भाव के स्‍वामी हैं और अब वह आपके ग्‍यारहवें भाव में उदित हो रहे हैं। बुध का मीन राशि में उदय होने पर आपकी आमदनी में व‍ृद्धि देखने को मिलेगी इसलिए आप इस अवसर का लाभ उठाने के लिए तैयार रहें। आप अपनी जमा पूंजी से कोई नया बिज़नेस भी शुरू कर सकते हैं जिसके सफल होने की प्रबल संभावना है। आपको अपनी बुद्धिमानी और समझदारी से धन कमाने का मौका मिलेगा।

आपके प्रेम संबंध के लिए यह समय बहुत अनुकूल रहने वाला है। आप अपने प्रेमी या जीवनसाथी के साथ कहीं बाहर किसी सुन्दर स्‍थान पर घूमने भी जा सकते हैं। आपके नए दोस्‍त बनेंगे और आपके सामाजिक दायरे में भी वृद्धि होगी। निवेश करने के लिए यह समय बहुत अच्‍छा रहेगा। इसके साथ ही आप निवेश के ज़रिए भी धन कमा सकते हैं। आयात-निर्यात का व्‍यापार करने वाले लोगों को कोई विशेष लाभ मिलने के संकेत हैं। समाज में आपकी प्रतिष्‍ठा और मान-सम्‍मान में सुधार आएगा। शेयर मार्केट, लॉटरी और सट्टे बाज़ार से भी आपको धन लाभ हो सकता है।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लग्‍न भाव के स्‍वामी स्‍वयं बुध ग्रह हैं। बुध मिथुन राशि के पहले और चौथे भाव के स्‍वामी हैं और अब यह आपके दसवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। कुंडली का दसवां भाव करियर, प्रसिद्धि और पहचान का कारक है। मीन राशि में बुध के उदय होने पर कार्यक्षेत्र में आपको अपने भाग्‍य का साथ मिलना शुरू हो जाएगा। हालांकि, इस समय आपको अपने काम पर बहुत ज्‍यादा ध्‍यान देने की जरूरत है क्‍योंकि आपके विरोधी इस दौरान आपको परेशान करने का प्रयास कर सकते हैं। आपकी छोटी-सी गलती भी आपकी मेहनत और प्रयासों को बर्बाद कर सकती है। आपका सारा ध्‍यान अपने काम पर रहने वाला है और इस समय आप काफी व्‍यस्‍त भी रहेंगे। इससे आपको अपने करियर में सफलता प्राप्‍त होगी। वहीं पारिवारिक जीवन भी सुखमय रहेगा और परिवार के लोग आपके पक्ष में रहेंगे।

आपको अपने परिवार की ओर से कोई कार्य मिल सकता है जिसकी वजह से परिवार के सदस्‍यों के प्रति आपके प्रेम में वृद्धि होगी। इस दौरान आप अपनी मां की सेहत को लेकर चिंतित रह सकते हैं। आपको आलस से दूर रहने की सलाह दी जाती है एवं पर्याप्‍त ज्ञान के बिना किसी पर भी भरोसा न करें वरना आप मुश्किल में पड़ सकते हैं। इस समय आप पैसों की बचत कर पाएंगे और आपके लिए आय के नए स्रोत खुलेंगे।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

कर्क राशि

बुध आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्‍वामी हैं और अब उनका उदय आपके नौवें भाव में होने जा रहा है। मीन राशि में बुध के उदित होने पर आपको सकारात्‍मक परिणाम मिलेंगे। इस समय आध्‍यात्मिक कार्यों में आपकी रुचि बढ़ेगी और समाज में आपकी प्रतिष्‍ठा में भी इज़ाफा होगा। इससे आपको कई तरह के लाभ मिलने के संकेत हैं। आप अपने लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में सक्षम होंगे एवं इससे आपकाे आर्थिक लाभ मिलेगा।

कार्यक्षेत्र में लोग आपसे प्रभावित होंगे। आपको अपने करीबियों से खूब प्‍यार मिलेगा और आपको अपने पिता से भी सहयोग प्राप्‍त होगा। आप प्रॉपर्टी भी खरीद सकते हैं। इस समय आपको कोई ऐसा साधन मिल सकता है जिससे आप खूब पैसा कमाएंगे। आप किसी धार्मिक स्‍थल की यात्रा के लिए भी जा सकते हैं। आपकी अध्‍यात्‍म और फिलॉसफी में भी रु‍चि बढ़ने की संभावना है।

 कर्क साप्ताहिक राशिफल

कन्‍या राशि

कन्‍या राशि के स्‍वामी ग्रह बुध ही हैं एवं बुध ग्रह का इस राशि के पहले और दसवें भाव पर आधिपत्य है। बुध आपकी राशि के सातवें भाव में उदित होने जा रहे हैं और ऐसे में, आपके वैवाहिक जीवन में मधुरता आएगी। आपके और जीवनसाथी के बीच नज़दीकियां बढ़ेंगी। आपको अपने पार्टनर से कोई अच्‍छी सलाह या परामर्श मिल सकता है। आप दोनों ही एक-दूसरे के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे, लेकिन बुध अपनी नीच राशि में हैं, इसलिए आपके जीवन में तनाव बढ़ सकता है।

प्रेम एवं वैवाहिक जीवन में आने वाली कठिनाईयों को दूर करने के लिए आप रिश्‍ते में प्‍यार और स्‍नेह को बढ़ाने का प्रयास करें। आपको अपने करियर में भी प्रगति करने के अवसर मिलेंगे। व्‍यापार करने वाले जातकों को सरकार की ओर से कोई लाभ मिलने की उम्‍मीद है। व्‍यापारियों के लिए भी उन्‍नति के योग बन रहे हैं। हालांकि, आपको इस समय किसी नए प्रोजेक्‍ट को शुरू करने से बचना चाहिए। तेजी से निर्णय लेने से आपके सारे काम आसानी से पूरे होंगे।

कन्या साप्ताहिक राशिफल

मीन राशि में बुध के उदित होने से इन राशियों पर पड़ेगा अशुभ प्रभाव

मेष राशि

बुध आपके तीसरे और छठे भाव के स्‍वामी हैं और अब वह आपके बारहवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। बुध के मीन राशि में उदित होने पर आपके खर्चों में बढ़ोतरी होने की आशंका है। आपको अपनी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं पर भी ध्‍यान देने की जरूरत हो सकती है क्‍योंकि इस समय आपकी सेहत बिगड़ सकती है और आपका इलाज पर काफी खर्चा होने के संकेत हैं। सेहत को लेकर आप चिंतित हो सकते हैं और आपका मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है।

कामकाज को लेकर आपको काफी भागदौड़ करनी पड़ेगी। आपके परिवार में से किसी सदस्‍य को शहर के बाहर जाना पड़ सकता है। विदेश में कार्य करने वाले जातकों को किसी तरह की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। इस समय आपको अत्‍यधिक सावधान रहने की जरूरत होगी क्‍योंकि आपके विरोधी आपके खिलाफ षड्यंत्र रच सकते हैं। अगर आपको अपने कार्यक्षेत्र में कोई समस्‍या आ रही है और आप नौकरी बदलना चाहते हैं, तो कुछ समय के लिए काम से ब्रेक लें लेकिन नौकरी न छोड़ें। नौकरी छोड़ने से आपकी स्थिति खराब हो सकती है।

मेष साप्ताहिक राशिफल

सिंह राशि

सिंह राशि के दूसरे और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी बुध हैं और अब वह आपके आठवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। बुध का मीन राशि में उदय होने पर आपकी सेहत में गिरावट आने की आशंका है इसलिए आपको अपने स्‍वास्‍थ्‍य का खास ख्‍याल रखने की सलाह दी जाती है। इस समय आपको त्‍वचा में जलन, एलर्जी या आंखों से जुड़ी समस्‍या हो सकती है इसलिए सावधान रहें। विवाहित जातकों को अपने ससुराल वालों के साथ अच्‍छे संबंध बनाने का मौका मिलेगा। आपके संबंधों में मिठास बढ़ेगी लेकिन फिर भी थोड़ी-बहुत तकरार की स्थिति बनी हुई है।

आपके रिश्‍तों में ज्‍यादा खटास न आए, इससे बचने के लिए आप समस्‍या के समाधान पर ध्‍यान दें और सतर्क रहें। आप सोच-समझकर पैसों का निवेश करें वरना आपको धन हानि हो सकती है। इस समय आपको स्‍टॉक मार्केट में पैसा लगाने से भी बचना चाहिए क्‍योंकि आपको इस समयावधि में पैसों का नुकसान होने की आशंका है। इसके अलावा आपको अपने सहकर्मियों से भी सावधान रहने की आवश्‍यकता है और किसी पर भी तुरंत भरोसा न करें वरना वह आपका फायदा उठा सकते हैं।

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मीन राशि में बुध का उदय: ज्‍योतिषीय उपाय

  • बुध ग्रह को प्रसन्‍न करने का सबसे सरल तरीका है बुध बीज मंत्र का जाप करना – ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
  • बुध को शांत करने के लिए तोता, कबूतर और अन्‍य पक्षियों आदि को दाना दें।
  • बुध से शुभ प्रभाव पाने के लिए खाना खाने से पहले दिन में एक बार गाय को चारा जरूर खिलाएं।
  • गरीब बच्‍चों को हरी सब्जियां और अन्‍य पत्तेदार सब्जियां खिलाएं एवं दान करें।
  • मुंंह की साफ-सफाई पर ध्‍यान देने से भी बुध के हानिकारक प्रभाव कम होते हैं।

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मीन राशि में बुध का उदय: विश्‍व पर प्रभाव

वैश्विक व्‍यापार पर प्रभाव

  • वैदिक ज्‍योतिष में बुध को व्‍यापार का कारक माना गया है और अब बुध अपनी नीच राशि में उदय हो रहे हैं जिससे निश्‍चित ही विश्‍व स्‍तर पर व्‍यवसाय प्रभावित होगा।
  • कई बड़ी कंपनियों और मल्‍टीनेशनल कंपनियों को मैनेजमेंट करने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
  • कई स्‍टार्टअप कंपनियों को मार्केट में टिके रहने और मुनाफा कमाने के लिए मशक्‍कत करनी पड़ेगी। बिज़नेस अच्‍छा न चलने की वजह से कई स्‍टार्टअप कंपनियां बंद भी हो सकती हैं।
  • परिवहन, नेटवर्किंग और आईटी सेक्‍टर में भी मंदी देखने को मिल सकती है।
  • बुध के नीच राशि में आने से मंदी आने की संभावना है जिससे दुनियाभर की सॉफ्टवेयर कंपनियों को नुकसान होने की आशंका है।

स्‍टॉक और शेयर मार्केट

  • स्‍टॉक मार्केट और सट्टे बाज़ार में एक बार फिर से अचानक मंदी देखने को मिल सकती है।
  • प्रमुख राजनेता और ऊंचे पदों पर बैठे लोग गैर-जिम्‍मेदाराना बयान देने की वजह से मुश्किल में फंस सकते हैं। इन्‍हें सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
  • लोगों का आध्‍यात्मिक और धार्मिक कार्यों में रुझान बढ़ेगा।

शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी को विस्तारपूर्वक पढ़ने के लिए क्लिक करें: स्‍टॉक मार्केट रिपोर्ट 2024 

मीन राशि में बुध का उदय: स्‍टॉक मार्केट पर प्रभाव

  • केमिकल उद्योग, पब्लिक सेक्‍टर, फार्मास्‍यूटिकल, पॉवर और सीमेंट उद्योग अच्‍छा प्रदर्शन करेंगे। 
  • सूर्य और मंगल के अच्‍छी स्थिति में होने के कारण इलेक्ट्रिक से बने प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रिकल, बिजली, चाय और कॉफी उद्योग, सीमेंट उद्योग, डायमंड इंडस्‍ट्री, केमिकल, हैवी इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों का काम बेहतर होगा।
  • बुध के अपनी नीच राशि में होने की वजह से कुछ उद्योगों में मंदी आने का खतरा है।

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शनि का कुंभ राशि में उदय: जानें देश-दुनिया व विश्व पर प्रभाव

शनि का कुंभ राशि में उदय: एस्ट्रोसेज अपने पाठकों को ग्रहों की चाल एवं स्थिति में होने वाले परिवर्तनों की विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करता है। अब हम आपको न्याय के देवता शनि की चाल में होने वाले बद्लाव के बारे में बताएंगे। इस ब्लॉग में हम आपको शनि का कुंभ राशि में उदय से जुड़ी समस्त जानकारी देने जा रहे हैं। साथ ही जानेंगे, शनि के उदय होने से देश-दुनिया पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा। आपको बता दें कि शनि महाराज 18 मार्च 2024 को कुंभ राशि में उदित हो जाएंगे। आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि शनि की इस अवस्था का संसार पर कैसा प्रभाव पड़ेगा। 

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शनि महाराज को कड़ी मेहनत, कर्म और न्याय के देवता कहा जाता हैं। नवग्रहों में शनि एकमात्र ऐसे ग्रह हैं जो किसी व्यक्ति द्वारा अपने जीवनकाल में किये गए कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं और उन्हीं कर्मों के अनुसार व्यक्ति को अच्छे या बुरे परिणाम प्रदान करते हैं। शनि देव को मुख्य रूप से मेहनत, अनुशासन और जिम्मेदारी आदि के लिए जाना जाता है। यह मनुष्य को अपने जीवन में बाधाओं का सामना करने, परेशानियों को झेलने और अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए समर्पण के साथ काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। शनि देव के प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में मिलने वाले सबक और परिपक्वता की प्राप्ति होते हैं।

शनि ग्रह के पास कुल 62 उपग्रह हैं, ठीक इसी तरह पृथ्वी के पास चंद्रमा है। हर साल लगभग 135 दिनों तक शनि वक्री गति में रहते हैं और इन्हें अपना एक राशि चक्र पूरा करने में 30 वर्षों का समय लगता है क्योंकि यह एक राशि में तक़रीबन 2.5 वर्ष तक रहते हैं। शनि ग्रह मनुष्य के पूर्व जन्मों के कर्मों के आधार पर उसके जीवन में समस्याएं और परेशानियां पैदा करते हैं जिसकी सहायता से हम अपनी गलतियों को पहचान पाते हैं और उन्हें समझते हुए उसकी जिम्मेदारी लेते हैं।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में शनि की स्थिति दर्शाती है कि व्यक्ति को अपने जीवन के किस क्षेत्र में चुनौतियों से जूझना पड़ेगा। साथ ही, कुंडली में इनकी मज़बूत स्थिति संकेत करती हैं कि कोई व्यक्ति जीवन में आने वाली समस्याओं से निपटने में सक्षम होगा या फिर इन परेशानियों के सामने हार मान जाएगा।

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शनि का कुंभ राशि में उदय: समय

सूर्य की कुंभ राशि में उपस्थिति की वजह से शनि लंबे समय तक अस्त रहने के बाद अब 18 मार्च 2024 की सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर कुंभ राशि में उदित हो जाएंगे। हालांकि, शनि के उदित होने को सकारात्मक कहा जाएगा जो कि लोगों को राहत देने का काम करेंगे। आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं शनि की यह चाल दुनिया को कैसे प्रभावित करेगी।

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कुंभ राशि में शनि का प्रभाव 

जिन जातकों की कुंडली में कुंभ राशि में शनि मौजूद होते हैं, वह ज्यादातर स्वतंत्र स्वभाव के होते हैं और इन्हें आज़ाद रहना पसंद होता है। कभी-कभार यह लोग दूसरों से दूरियां भी बना लेते हैं। हालांकि, इन लोगों का दृष्टिकोण दूसरों के प्रति खुशमिज़ाज होता हैं, परन्तु इन लोगों में अहंकार भी देखने को मिलता है।  

ऐसे लोग अक्सर स्वार्थी और आत्म-केंद्रित होते हैं, लेकिन यह अपने मन में हमेशा इंसानियत के भाव को बनाए रखते हैं। कुंडली में कुंभ राशि में शनि की उपस्थिति से मनुष्य का व्यक्तित्व संतुलित और मज़बूत होता है। हालांकि, इन जातकों के विचार सबसे अलग होते हैं और इस बात पर उन्हें अपने आप पर गर्व भी होता है। ऐसे जातक कड़ी मेहनत करते हुए नए-नए अविष्कार करने में सक्षम होते हैं। लेकिन,  यह लोग कभी-कभी अपने आइडियाज को एक तरफ रख देते हैं ताकि यह दूसरों की सलाह या राह भी ले सकें। 

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कुंभ राशि में शनि की स्थिति वाले जातक लंबे समय तक चलने वाले रिश्ते में विश्वास रखते हैं इसलिए यह हमेशा अपने दोस्तों, सहकर्मियों और करीबियों के प्रति वफादार रहते हैं। ऐसे जातक सामान्यतौर पर उन लोगों के साथ ही दोस्ती करते हैं जिनकी रुचियां इनसे मिलती हैं। यह जातक व्यापार के क्षेत्र में समान उद्देश्य होने पर एक साथ आ सकते हैं या फिर बिज़नेस को लेकर इनके विचारों मिल सकते हैं। यह लोग अक्सर भविष्य के बारे में सोच-विचार करते हुए नज़र आ सकते हैं।  

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शनि का कुंभ राशि में उदय: विश्व पर प्रभाव

सरकार एवं न्यायपालिका  

  • शनि का कुंभ राशि में उदय देश की न्याय व्यवस्था को मज़बूत बनाने का काम करेगा क्योंकि शनि देव को न्याय के देवता माना गया है। ऐसे में, निश्चित रूप से शनि के उदय होने का सकारात्मक असर देश की न्याय व्यवस्था पर दिखाई देगा।
  • भारत सरकार तेल की बेकाबू होती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ नीतियां लेकर आ सकती हैं, लेकिन फिर भी कीमतों में वृद्धि बनी रह सकती है।
  • सरकार समेत देश के लोग बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर चिंतित नज़र आ सकते हैं और ऐसे में, कोई सख्त कदम उठाने की भी संभावना हैं। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार कठोर नीतियां लागू कर सकती हैं।
  • विश्व के कुछ देशों में सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर कुछ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं या फिर शांति बनाए रखने या गलत जानकारी फैलाने की वजह से सोशल मीडिया के उपयोग को विभिन्न देशों में सीमित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की आशंका हैं। 

वित्त एवं व्यापार

  • भारत व्यापार के लिए दक्षिण-पूर्वी देशों को आमंत्रित कर सकता है।
  • पश्चिमी देशों के सहयोग से देश में व्यापार और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और इसके परिणामस्वरूप, इन देशों के साथ भारत के रिश्ते भी मजबूत होंगे।
  • लेदर, स्टील, लोहा, पेट्रोलियम और खनन उद्योग आदि क्षेत्रों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
  • शनि के उदय होने की अवधि में ऑटोमोबाइल और ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री में तेज़ी आएगी।  

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शनि का कुंभ राशि में उदय: शेयर बाज़ार भविष्यवाणी

  • केमिकल, पेट्रोलियम इंडस्ट्री, पब्लिक सेक्टर, फार्मास्युटिकल, पावर और सीमेंट इंडस्ट्री आदि क्षेत्रों में इनका प्रदर्शन अच्छा रहेगा। 
  • शनि का कुंभ राशि राशि में उदय इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स से जुड़ी इंडस्ट्री, इलेक्ट्रिकल, बिजली, चाय और कॉफी, सीमेंट, हीरा, केमिकल, हैवी इंजीनियरिंग आदि उद्योगों के लिए समय अच्छा कहा जाएगा।
  • इस दौरान एड-टेक फर्म और शैक्षणिक संस्थानों का प्रदर्शन भी उत्तम रहेगा।
  • शनि के उदय होने से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री तेज़ रफ़्तार के साथ आगे बढ़ेगी। 

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पैसा कमाने में माहिर होते हैं इस मूलांक वाले लोग, बिज़नेस-करियर में मिलती है अपार सफलता

राशिफल की मदद से आप अपने भविष्‍य में होने वाली घटनाओं के बारे में जान सकते हैं। इसके अलावा अंकशास्‍त्र से भी भविष्‍य के बारे में जानकारी प्राप्‍त की जा सकती है। अंकशास्‍त्र में 1 से 9 तक मूलांक होते हैं जिन्‍हें आपकी जन्‍मतिथि की सहायता से जाना जा सकता है जैसे कि अगर आपका जन्‍म महीने की 26 तारीख को हुआ है, तो 2 और 6 का जोड़ करने पर 8 अंक आता है और यही आपका मूलांक है एवं आपके स्‍वामी ग्रह शनि देव हैं।

आज इस ब्‍लॉग के ज़रिए हम आपको मूलांक 5 वाले जातकों की विशेषताओं के बारे में बताने जा रहे हैं। 5 मूलांक के स्‍वामी ग्रह बुद्धि के देवता बुध ग्रह हैं। जिन लोगों का जन्‍म महीने की 5, 14 या 23 तारीख को होता है, उनका मूलांक 5 होता है। आगे जानिए कि 5 मूलांक वाले जातक कैसे होते हैं और इन लोगों के स्‍वभाव में क्‍या खास बातें होती हैं।

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मूलांक 5

अंकशास्‍त्र के मुताबिक 5 अंक के स्‍वामी ग्रह बुध हैं। 5 अंक शुभ माना जाता है और यह जीवन में सौभाग्‍य लेकर आता है। इस मूलांक वाले जातक योजना बनाने में माहिर होते हैं और इनकी सोचने की क्षमता भी बहुत मज़बूत होती है। ये निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। इसके साथ ही ये जातक बुद्धिमान और साहसी होते हैं। इन लोगों को यात्रा करना या घूमना-फिरना बहुत अच्‍छा लगता है।

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शर्मीले होते हैं

5 मूलांक वाले जातक बहुत शर्मीले स्‍वभाव के होते हैं और ये अपने मन की बात आसानी से व्‍यक्‍त नहीं कर पाते हैं। हालांकि, ये लोग व्‍यापार करने में निपुण होते हैं। इन लोगों को कला से बहुत प्रेम होता है और ये कला के क्षेत्र की जानकारी भी रखते हैं।

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व्‍यवहारिक होते हैं

इस मूलांक के लोग स्‍वभाव से बहुत व्‍यवहारिक होते हैं। बुध का मूलांक होने की वजह से ये बहुत बुद्धिमान होते हैं और इनमें दूरदर्शिता का गुण भी होता है। ये पैसों की बचत करने को लेकर प्रतिबद्ध रहते हैं और खर्चों से पहले पैसे बचाने पर ध्‍यान देते हैं। इनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्‍छी रहती है।

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व्‍यापार की होती है अच्‍छी समझ

मूलांक 5 वाले जातकों के बारे में ये कहा जा सकता है कि ये व्‍यापार करने में बहुत निपुण होते हैं। इन्‍हें व्‍यवसाय के क्षेत्र की अच्‍छी समझ होती है और ये अपनी बुद्धिमानी से बहुत कम समय में अच्‍छा पैसा कमा लेते हैं। इनका धन कमाने पर सबसे ज्‍यादा ध्‍यान रहता है। हालांकि, काम के मामले में ये थोड़े लापरवाह होते हैं।

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मूलांक 5 का शुभ रंग

इस मूलांक का शुभ रंग हरा, हल्‍का भूरा और सफेद होता है। इन्‍हें अपने कपड़ों, चादर और तकिये में इन रंगों का इस्‍तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

5 अंक वालों का करियर कैसा रहता है

इस मूलांक के लोग लेखक बन सकते हैं या किसी प्रोडक्‍शन कंपनी में काम कर सकते हैं। ये ट्रैवल एजेंसी या मार्केटिंग के क्षेत्र में भी अपनी किस्‍मत आज़मा सकते हैं। इनमें अपना खुद का व्‍यापार शुरू करने की काबिलियत होती है। इन्‍हें अलग-अलग क्षेत्रों में काम और नौकरी के कई बेहतरीन अवसर मिलते हैं। इन्‍हें अपने कौशल के हिसाब से करियर चुनने की सलाह दी जाती है।

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चंद्र और केतु की युति से बनेगा बालारिष्ट दोष, इन राशियों को रहना होगा सावधान!

बालारिष्ट दोष: एस्ट्रोसेज अपने पाठकों को ज्योतिष के क्षेत्र में होने वाले बदलावों और कुंडली में बनने वाले शुभ-अशुभ दोषों से अवगत करवाता रहा है। इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बालारिष्ट दोष के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। बता दें कि जब 24 मार्च 2024 की दोपहर 02 बजकर 20 मिनट पर चंद्रमा और केतु एक साथ उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में कन्या राशि में स्थित होंगे और ऐसे में, इन दोनों ग्रहों की युति से बालारिष्ट दोष का निर्माण होगा। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मार्च में बनने वाले इस दोष के बारे में और यह आपके बच्चे को कैसे प्रभावित करेगा और आप कैसे संतान की इस अशुभ दोष से रक्षा कर सकते हैं। 

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बालारिष्ट दोष क्या है?

जब एक परिवार में नवजात शिशु का जन्म होता है वह ख़ुशियां लेकर आता है। लेकिन, संतान का जन्म कभी-कभी ग्रहों की ऐसी स्थिति के तहत होता है जो शिशु के बचपन या शिशु के जीवन के लिए खतरनाक होता है और इसे ही बालारिष्ट या बाल ग्रह दोष कहा जाता है।

बालारिष्ट दोष का अर्थ “बचपन या जन्म के साथ पैदा होने वाली समस्याएं” है। कुंडली में बन रहा बालारिष्ट दोष शिशु की लंबी आयु और उसके स्वास्थ्य के लिए ख़तरा बन जाता है। जिस बच्चे की कुंडली में बालारिष्ट दोष होता है, तो वह जीवन में बार-बार बिमारियों से पीड़ित होता है और इन रोगों के इलाज में मेडिकल भी असफल रहता हैं। हालांकि, अगर डॉक्टर की सहायता लेने के साथ-साथ ज्योतिषीय उपाय भी किये जाते हैं, तो संतान समेत माता-पिता को थोड़ी राहत प्राप्त होती है।

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बालारिष्ट दोष का महत्व

शिशु की कुंडली में बालारिष्ट दोष होता है, तो यह उसके जीवन के शुरुआती 12 वर्षों को प्रभावित करता है। हालांकि, बालारिष्ट दोष के तीन चरण होते हैं: 

पहला चरण: बच्चे के जन्म से लेकर 4 वर्ष तक पहला चरण रहता है। अगर कोई शिशु इस दौरान बालारिष्ट दोष से परेशान रहता है, तो यह उसके माता के पूर्व जन्म के बुरे कर्मों की वजह से होता है।

दूसरा चरण: बालारिष्ट दोष के दूसरे चरण की शुरुआत पांचवें वर्ष से होती है जो 9 वर्ष की आयु तक चलता है। इस अवधि में संतान को जो शारीरिक समस्याएं होती हैं, वह पूर्व जन्म में पिता के बुरे कर्मों का परिणाम होती है।

तीसरा चरण: बालारिष्ट दोष का तीसरा और अंतिम चरण 9 वर्ष की आयु से लेकर 12 वर्ष की आयु तक चलता है। इस दौरान बच्चा जिन स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होता है, वह शिशु द्वारा पूर्वजन्म में किये गए पाप के कारण होता है। 

बालारिष्ट दोष एक अशुभ दोष है जो बच्चे को स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से अपंग बना सकता है या फिर ज्यादा गंभीर होने पर बचपन में शिशु की मृत्यु भी हो सकती है। लेकिन, कुछ विशेष स्थितियों में बालारिष्ट दोष बच्चे को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाता है। अब हम उनके बारे में बात करेंगे।    

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ग्रहों की स्थिति से होगा बालारिष्ट दोष का निर्माण  

कुंडली में अनेक ग्रहों की स्थिति बालारिष्ट दोष को जन्म देती है और इसे नीचे दी गई ग्रहों की स्थिति के आधार पर पहचाना जा सकता है। 

  • अगर कुंडली में लग्न भाव के स्वामी की स्थिति कमज़ोर हो या अशुभ ग्रहों की इन पर दृष्टि हो।  
  • कुंडली में 5, 8, 9 और 12वें भाव में अशुभ ग्रह बैठे हो और किसी शुभ ग्रह की इन पर दृष्टि न हो।
  • जब चंद्रमा छठे या आठवें भाव में किसी शुभ ग्रह की दृष्टि के बिना उपस्थित हो। 
  • आठवें भाव में बैठे चंद्रमा पर शनि की दृष्टि हो या वह राहु-केतु के साथ युति में हो। 
  • केंद्र भाव में तीन अशुभ ग्रह मौजूद हों।  

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ग्रहों की विशेष स्थिति से कम होता है बालारिष्ट दोष का प्रभाव

कभी-कभी कुंडली में बालारिष्ट दोष होने पर वह शिशु को या उसके जीवन को हानि नहीं पहुंचा पाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कुंडली में बनने वाली अन्य ग्रहों की शुभ स्थिति बालारिष्ट दोष के प्रभाव को नकार देती है।  

  • लग्न भाव में उच्च के बृहस्पति या अपनी राशि में स्थित बृहस्पति या मित्र राशि में बैठे गुरु इस दोष को समाप्त कर देते हैं। 
  • अगर गुरु केंद्र भाव में से किसी एक भाव (चौथे, सातवें, दसवें भाव) में बैठे हों, परन्तु अच्छी डिग्री पर स्थित होते हैं और शुभ एवं मित्र ग्रहों की इन पर दृष्टि हो, तो यह दोष हानि नहीं पहुंचा पाता है।
  • शुक्र या बुध जैसे शुभ ग्रह (पापी ग्रहों की इन पर दृष्टि न हो और न ही उनके साथ बैठे हो) कुंडली में मज़बूत होने पर बालारिष्ट दोष के प्रभाव को कम कर देते हैं। 

हालांकि, बालारिष्ट दोष को कुंडली से हटाने का कोई विशेष उपाय नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ उपायों को करने से इस दोष के प्रभाव कम किये जा सकते हैं। 

बालारिष्ट दोष के निवारण के लिए करें ये उपाय  

  1. हर रोज़ भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से बालारिष्ट दोष के प्रभावों में कमी आती है। अगर यह दोष केतु की वजह से बन रहा है, तो यह उपाय फलदायी साबित होता है।
  2. बालारिष्ट दोष के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए देवी दुर्गा की पूजा करें।
  3. ग्रह शांति निवारण पूजा के माध्यम से भी आप बालारिष्ट दोष को शांत कर सकते हैं।

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बालारिष्ट दोष: इन राशियों को रहना होगा सावधान

कन्या राशि 

चंद्रमा और केतु की युति कन्या राशि में और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में होगी। यह युति आपके पहले भाव में बनेगी जिससे बालारिष्ट दोष का निर्माण होगा। इस अवधि में जिन बच्चों का जन्म होगा या जिन बच्चों की कुंडली में पहले से ही बालारिष्ट दोष है, उन्हें इस समय शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे बच्चों के माता-पिता को अपनी संतान के प्रति बेहद सावधान रहना होगा।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों की कुंडली के सातवें भाव में केतु और चंद्रमा युति करेंगे। इन दोनों ग्रहों की दृष्टि आपके पहले भाव में होगी यानी कि इस राशि के बच्चों को स्वास्थ्य समस्याएं परेशान करेंगी जिससे आपका दैनिक जीवन प्रभावित हो सकता है। ऐसे में, यह अनेक रोगों से जूझते हुए दिखाई दे सकते हैं और इन बीमारियों की गंभीरता कुंडली में चंद्र की स्थिति पर निर्भर करती है। हालांकि, मीन राशि के बच्चों के माता-पिता को इस अवधि में सावधान रहने की सलाह दी जाती है। 

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